संस्कृत बिना शिक्षा अधूरी
भारतीय जनता की शिक्षा संस्कृत बिना अधूरी है,
इसीलिए संस्कृत की शिक्षा सबके लिए जरूरी है । ०
हिन्दू हों या जैन बौद्ध हों सिक्ख पारसी भाई हों,
ब्राह्मण हों या हरिजन हों या मुसलमान ईसाई हों,
आस्तिक हों या नास्तिक हों पर भारतभूमि निवासी हैं,
भारत के निर्व्याज हितैषी निष्ठायुत विश्वासी हैं,
तो संस्कृत-संस्कृत से परिचय उनका बहुत जरूरी है,
भारतीय जनता की शिक्षा संस्कृति बिना अधूरी है । १
अगर देश में रहकर इसका हित साधन भी करना है,
राजकीय सेवाओं में भी उच्च पदों पर बढ़ना है,
तो हिन्दी की उच्च योग्यता पर भी देना होगा ध्यान,
पर संस्कृत के बिना न हो सकता हिन्दी का उत्तम ज्ञान,
रोटी के भी लिए आज संस्कृत का ज्ञान जरूरी है,
इसीलिए जनता की शिक्षा संस्कृत बिना अधूरी है ।
-- रचयिता - श्री. वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
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