संस्कृत पढ़ो बच्चों को एक सलाह
बच्चों, संस्कृत पढ़ो प्रेम से इसको नहीं भुलाओ,
यदि सुयोग्य बनना चाहो तो इसका ज्ञान बढ़ाओ । ०
संस्कृत पढ़ने से ही होगा शुद्ध साफ उच्चारण,
भाषा का भी ज्ञान बढ़ेगा संस्कृत के ही कारण,
तभी लेख लिखने में भी हो तुम आगे बढ़ सकते,
संस्कृत पढ़ने से तुम अच्छी कविता भी कर सकते,
इसी हेतु संस्कृत पढ़ने में अब से भी लग जाओ,
साथ साथ हिन्दी-इंग्लिश के इसमें भी डट जाओ । १
संस्कृत पढ़ने में जो बच्चे करते आज ढिलाई,
आगे चलकर किन्तु न होगी, उनकी कभी भलाई ।
मौका आने पर अपने को जब अयोग्य पायेंगे,
भरी सभा में नतमस्तक हो निश्चित पछतायेंगे,
इसीलिये अब से भी सँभलो, सावधान हो जाओ,
बच्चों, संस्कृत पढ़ो प्रेम से इसको नहीं भुलाओ । २
-- रचयिता - श्री. वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
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