श्रीरामगाथामृतम्
जनकसुताधर कोमल भूषणभूषित राघव राम विभो
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ।
अयि परमेश्वर चापशरासनधारित शाश्वत सुन्दर भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ॥ १॥
ॐ रामाय नमः सीतायै नमः रामाय नमः ॐ सीतायै नमः (२)
जय जय हे पुरुषोत्तमनायक मामधमं परिपालय भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ।
पतितजनाश्रय दुःखविनाशक सौख्यसहायक कारक भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ॥ २॥
ॐ रामाय नमः सीतायै नमः रामाय नमः ॐ सीतायै नमः (२)
जय शबरार्चित धीवरपूजित दीनदयामय देव विभो
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ।
जनगणवन्दित विश्वसुपूजित कीर्तिविराजित चर्चित भो
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ॥ ३॥
ॐ रामाय नमः सीतायै नमः रामाय नमः ॐ सीतायै नमः (२)
वनजनरञ्जन दुष्टविनाशन रावणतारण कारण भोः
जय जय राममहेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ।
दितिजनमर्दन शिष्टविपालन कष्टविताडन शाशन भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ॥ ४॥
ॐ रामाय नमः सीतायै नमः रामाय नमः ॐ सीतायै नमः (२)
अयि अभिराम महावरदायक पुष्पकयानविराजित भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ।
सुरवरलक्ष्मण वीरवरार्चित वानरपुङ्गवधारक भोः
जय जय राम महेश्वर तारक राम महेश्वर पारक हो ॥ ५॥
ॐ रामाय नमः सीतायै नमः रामाय नमः ॐ सीतायै नमः (२)
इति प्रदीप्तकुमारनन्दशर्मविरचितं श्रीरामगाथामृतं समाप्तम् ।
Composed, encoded, proofread by Dr. Pradipta kumar Nanda, Kendrapara, Orisa pknanda65 at gmail.com