नित्यानन्दाष्टकम्

नित्यानन्दाष्टकम्

प्रेमे घूर्णित, नयन पूर्णित, चञ्चल मृदुगतिनिन्दितं वदनमण्डल, चन्द निरमल, वचन अमृतखण्डितम् । असीम गुणगणे, तारिले जगजने, मोहे काहे कुरु वञ्चितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ १॥ मिहिरमण्डल, श्रवणेकुण्डल, गण्डमण्डले दोलितं किये निरुपम, मालतीर दाम, अङ्गे अनुपमशोभितम् । मधुरमधुमदे, मत्त मधुकर, चारु चौदिके चुम्बितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ २॥ आजानुलम्बित, बाहुसुवलित, मत्तकरिबरनिन्दितं भाया भाया बकि, गभीर डाकै, करु दशदिक भेदितम् । अमर किन्नर, नागनरलोक, सर्वचित्त सुदर्शितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ३॥ क्षणे हुहुङ्कृत, लम्फ झम्फ कृत, मेघ निन्दितगर्जितं सिंहडमरु, क्षीण कटितट, नीलपट्टवासशोभितम् । सो पङ्हु धुनीतीरे, सघने धाबै, चरण भरे मही कम्पितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ४॥ अबनीमण्डल, प्रेमे बादल, करल अवधौत धाबितं तापी दीन हीन, तार्किक दुर्ज्जन, केह ना भेल बञ्चितम् । श्रीपदपल्लव, मधुरमधुरी, भजत भ्रमरसुखपीतं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ५॥ ओ मणिमञ्जीर, चारु तरलित, मधुर मधुर सुनादितं अतुल रातुल, युगल पदतल, अमलकमलसुराजितम् । तेजिया अमर, अबनी हिमकर, निताइपदनख शोभितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ६॥ याङ्हार भये, कलिभुजग, भागल भेल सभे हर्षितं अपनकिरणे जनु, तिमिर नाशै, तैछे कमलसुराजितम् । दुरितभये क्षिति, अबहि आतुर, भार तार करु नाशितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ७॥ ईषत हसैते, झलके दामिनी, कामिनीगण मन मोहितं सो पाङ्हु धुनीतीरे, ना जानि कार भावे, आबनी उपरे गिरितम् । बचन बलैते, अधर कम्पै, बाहु तुलि क्षणे रोदितं जयति जय, वसुजाह्नवप्रिय, देहि मे स्वपदान्तिकम् ॥ ८॥ इति कृष्णदासकविविरचितं नित्यानन्दाष्टकं सम्पूर्णम् ।
% Text title            : Nityanandashtakam 2 Hymn to Nitai or Nityananda
% File name             : nityAnandAShTakam2.itx
% itxtitle              : nityAnandAShTakam 2 (kRiShNadAsakavivirachitaM, preme ghUrNita, nayana pUrNita)
% engtitle              : Nityanandashtakam 2
% Category              : deities_misc, gurudev, krishna, aShTaka
% Location              : doc_deities_misc
% Sublocation           : deities_misc
% SubDeity              : gurudev
% Author                : Krishnadasa Kavi
% Language              : Sanskrit, Bengali
% Subject               : philosophy/hinduism/religion
% Indexextra            : (English, Nitai)
% Latest update         : September 19, 2020
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% Site access           : https://sanskritdocuments.org

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