श्रीयमुनाष्टकम् ६

श्रीयमुनाष्टकम् ६

मद-कलकल-कलबिङ्क-कुलाकुल-कोक-कुतूहल-नीरे तरुण-तमाल-विशाल-रसाल-पलाश-विलास-सुतीरे । तरल-तुषार-तरङ्ग-विहार-विलोलित-नीरज-नाले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ १॥ ललित-कदम्ब-कदम्ब-नितम्ब-मयूर-मनोहर-नादे निज-जल-सङ्गित-शीतल-मारुत-सेवित-पादप-पादे । विकसित-सित-शतपत्र-लसद्-गमनाञ्चित-मत्त-मराले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ २॥ राधा-रमण-चरण-शरणागति-जीवन-जीवन-वाहे बहुतर-सञ्चित-पाप-विदारण-दूरीकृत-भव-दाहे । विधि-विस्मापक-दुर्जन-तापक-निज-तेजो-जित-काले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ३॥ अमर-निकर-वर-वाग्-अभिनन्दित-हरि-जल-केलि-विलासे निज-तट-वासि-मनोरथ-पूरण-कृत-सुरतरु-परिहासे । स्नान-विमर्दित-हरि-पद-कुङ्कुम-पङ्क-कलङ्कित-भाले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ४॥ अमल-कमल-कुल-दल-चल-मधुकर-निनद-प्रतिध्वनि-शोभे स्व-सलिल-शीकर-सेवक-नर-वर-समुदित-हरि-पद-लोभे । स्वाङ्ग-स्पर्श-सुखी-कृत-वायु-समुद्धत-जन-पद-जाले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ५॥ मणि-गण-मौक्तिक-मञ्जुल-माल-निबद्ध-तट-द्वय-भासे प्रकर-निकर-तनु-धारि-सुरेश्वर-मण्डल-रचित-निवासे । विपुल-विशद-मृदु-तल-पुलिनावलि-कमन-गमन-बक-माले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ६॥ अगणित-गुण-गण-साधन-समुदय-दुर्लभ-भक्ति-तडागे सानन्दात्यवगाहन-दायिनि माधव-सम-तनु-रागे । रस-निधि-सुख-विधि-कारण-केशव-पाद-विमुख-विकराले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ७॥ व्रज-नव-युवति-विहार-विधायक-कुञ्ज-पुञ्ज-कृत-सेवे निज-सुषमा-निचयेन वशीकृत-गोकुल-जीवन-देवे । कृष्ण-चन्द्र-करुणा-रस-वाहिनि-वृन्दावन-वन-माले मम दुरितं त्वरितं हि विनाशय नलिनानन्दक-बाले ॥ ८॥ सार्थक-सुन्दर-पद-यमकाञ्चित-करण-कुतूहल-कारं पद्याष्टकमिदमर्क-सुता-महिमामृत-वर्णन-भारम् । कविवर-नन्द-किशोर-कृतं शुभ-भक्ति-युतो नर-जातिः कोऽपि पठेद्यदि गोष्ठ-पुरन्दर-भक्त-गणेषु विभाति ॥ ९॥ इति श्रीनन्दकिशोरगोस्वामिविरचितं श्रीयमुनाष्टकं सम्पूर्णम् ।
% Text title            : yamunAShTakam 6
% File name             : yamunAShTakam6.itx
% itxtitle              : yamunAShTakam 6 (madakalakala nandakishoragosvAmivirachitaM)
% engtitle              : yamunAShTakam 6
% Category              : devii, nadI, aShTaka, devI
% Location              : doc_devii
% Sublocation           : devii
% SubDeity              : nadI
% Author                : nandakishoragosvAmi
% Language              : Sanskrit
% Subject               : philosophy/hinduism/religion
% Proofread by          : NA
% Latest update         : January 15, 2019
% Send corrections to   : sanskrit at cheerful dot c om
% Site access           : https://sanskritdocuments.org

This text is prepared by volunteers and is to be used for personal study and research. The file is not to be copied or reposted for promotion of any website or individuals or for commercial purpose without permission. Please help to maintain respect for volunteer spirit.

BACK TO TOP
sanskritdocuments.org