भो शम्भो शिव-शम्भो स्वयम्भो
(रागम् - रेवति तालम् - आदि)
पल्लवी -
भो शम्भो शिव-शम्भो स्वयम्भो
गङ्गाधर शङ्कर करुणाकर
मामव भवसागर-तारक (भो शम्भो)
अनुपल्लवी -
निर्गुण-परब्रह्म-स्वरूप
गमागमभूत-प्रपञ्च-रहित
निजगुहा-निहित नितान्त-अनन्त
आनन्द अतिशय अक्षयलिङ्ग (भो शम्भो)
चरणम् -
दिमित दिमित दिमि तरिकिट तकतोम्
तों तों तरिकिट तरिकिट तकतोम् ।
मतङ्ग-मुनिवर-वन्दित ईश
सर्वदिगम्बर-वेष्टितवेष
नित्य-निरञ्जन नृत्यनटेश
ईश सभेश सर्वेश (भो शम्भो)
-- श्रीस्वामिदयानन्दकृत-कृति