श्रीमहादेवगद्यम् १
श्रीमन् महादेव सकलदेवतानिस्तारक सामरूप सामवेद
सर्वाङ्गभस्मारक(धारक) सनत्कुमारादिमुनिगणवन्द्य सुन्दर
त्र्यम्बक त्रिशूलधर इन्द्रादित्रयत्रिंशत्कोटिदेवताराध्य
अक्षर अनुपम अजात अपराण्ड प्रलयकालताण्डवाडम्बर
दिगम्बर निर्मल निरुपम नित्य जातकण्ठ(रूप) मदनान्तक
प्रलयान्तक अनेककालकाल ?? ब्राह्मणराज(?)कपालमालिकाधर
अन्धकासुरतारकासुरमहिषासुरकुक्कुटासुरव्याघ्रासुरगजासुरदुष्टदानवकोलाहल
सकललोकोत्पत्तिस्थितिलय कालमूर्ते एकमूर्ते उग्रमूर्ते
बहुमूर्ते शान्तमूर्ते मूर्तित्रय नेत्रत्रय कालत्रय
नन्दिवाहन हिमकरशेखर नन्दिन् महाकाल वीरभद्र
पुष्पधर-अण्डाभरण-रुण्डाभरण-डारुकरेणुक-वीरकर्ण-विजयाकर्ण-घण्टाकर्ण
गोकर्ण-लम्बकर्ण-उग्राक्ष-उग्रकेश-शतमुख-सहस्रमुख-
प्रदीप्तवदन-उज्ज्वलनेत्र-भीमरूप-क्रूररूप-क्रूरदंष्ट्र-अघोरमूर्ते
श्रीमत्कैलासवास सूक्ष्मरूप स्थूलरूप अव्यक्तमार्ग आद्यन्तरहित
परमात्मन् परञ्ज्योतिः भवानीवल्लभ भक्तवत्सल शिवकर शिव
नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमः ।
॥ इति श्रीमहादेवगद्यं सम्पूर्णम् ॥
Proofread by Aruna Narayanan