श्रीभूतनाथ करावलम्बस्तवः
ओङ्काररूप शबरीवरपीठदीप
शृङ्गार रङ्ग रमणीय कलाकलाप
अङ्गार वर्ण मणिकण्ठ महत्प्रताप
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १
नक्षत्रचारुनखरप्रद निष्कळङ्क
नक्षत्रनाथमुख निर्मल चित्तरङ्ग
कुक्षिस्थल स्थिरचराचर भूतसंघ
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २
मन्त्रार्थ तत्त्वनिगमार्थ महावरिषु
यन्त्रादि तन्त्र वर वर्णित पुष्कलेष्ट
सन्त्रासितारिकुल पद्मसुखोपविष्ट
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ३
शिक्षापरायण शिवात्मजसर्वभूत
रक्षापरायण चराचरहेतुभूत
अक्षय्य मङ्गळ वरप्रद चित्प्रबोध
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ४
वागीश वर्णित विशिष्ट वचोविलास
योगीश योगकर यागफलप्रकाश
योगेशयोगि परमात्महितोपदेश
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ५
यक्षेशपूज्य निधिसञ्चय नित्यपाल
यक्षीश कांक्षित सुलक्षण लक्ष्यमूल
अक्षीण पुण्यनिज भक्तजनानुकूल
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ६
स्वामिन् प्रभारमण चन्दनलिप्तदेह
चामीकराभरण चारुतुरङ्गवाह
श्रीमद्सुराभरण शास्वतसमत्समूह
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ७
आताम्रहोरुचिरञ्जिताञ्जुगात्र
वेदान्तवेद्य विधिवर्णित वीर्यवेत्र
पादारविन्द परिपावनभक्तमित्र
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ८
बालामृतांशु परिशोभित फालपट्ट
नीलाळिपाळिघनकुन्तळ दिव्यसूत्र
लीलाविनोद मृगयापर सचरित्र
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ९
भूतिप्रदायक जगत् प्रथितप्रताप
भीतिप्रमोचक विशालकलाकलाप
बोधप्रदीप भवतापहर स्वरूप
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १०
वेताळभूतपरिवारविनोदशील
पाताळभूमि सुरलोक सुखानुकूल
नादान्तरङ्ग नतकल्पक धर्मपाल
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ११
शार्दूलदुग्धहर सर्वरुजापहार
शास्त्रानुसारपरसात्विक हृद्विहार
शस्त्रास्त्र शक्तिधर मौक्तिकमुग्धहार
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १२
आदित्यकोटिरुचिरञ्जित वेदसार
आधारभूत भुवनैक हितावतार
आधिप्रमाथि पदसारस पापदूर
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १३
पञ्चाद्रिवास परमाद्भुतभावनीय
पञ्छावतंसमकुटोज्वल पूजनीय
वाञ्छानुकूल वरदायक सत्सहाय
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १४
हिंसाविहीन शरणागतपारिजात
संसारसागर समुत्तरणैकपोत
हंसादिसेवितविभो परमात्मबोध
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १५
कुम्भीन्द्रकेसरितुरङ्गावाह तुङ्ग-
गंभीर वीरमणिकण्ठ विमोहनाङ्ग
कुंभोत्भवादिवरताप सच्चित्तरङ्ग
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १६
सम्पूर्ण भक्तवर सन्ततिदान शील
सम्पत्सुखप्रद सनातन गानलोल
सम्पूरिताखिल चराचर लोकपाल
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १७
वीरासनस्थित विचित्रवनाधिवास
नारायणप्रिय नटेश मनोविलास
वाराशिपूर्ण करुणामृत वाग्विकास
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १८
क्षिप्रप्रसादक सुरासुरसेव्यपाद
विप्रादिवन्दित वरप्रद सुप्रसाद
विभ्राजमान मणिकण्ठ विनोदभूत
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ १९
कोटीरचारुतर कोटिदिवाकराभ
पाटीरपङ्ककळभप्रिय पूर्णशोभ
वाटीवनान्तर विहारविचित्ररूप
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २०
दुर्वारदुःखहर दीनजनानुकूल
दुर्वास आद्यऋषिवरार्चितपादमूल
दर्वीकरेन्द्रमणिभूषण धर्मपाल
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २१
नृत्ताभिरम्य निगमागम साक्षिभूत
भक्तानुगम्य परमात्भुत हृत्प्रबोध
सत्तापसार्चित सनातन मोक्षभूत
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २२
कन्दर्पकोटि कमनीयतरावतार
मन्दार कुन्द सुमवृन्द मनोज्ञहार
मन्दाकिनीतटविहार विनोदपूर
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २३
सत्कीर्तनप्रिय समस्तसुराधिनाथ
सत्कुमारसाधु हृदयाम्बुज सन्निकेतन
सत्कीर्तिसौख्य वरदायक सत्किरात
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २४
ज्ञानिप्रपूजित पदाम्बुज भूतिभूष
दीनानुकंपित दयापर दिव्यवेष
ज्ञानस्वरूप वरचाक्षुष वेदघोष
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २५
नादान्तरङ्ग वरमङ्गळनृत्तरङ्ग-
पादारविन्द कुसुमायुधकोमळाङ्ग
मातङ्गकेसरितुरङ्गमवाहतुरङ्ग
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २६
ब्रह्मस्वरूप भवरोगपुराणवैद्य
धर्मार्थकामवरमुक्तिद वेदवेद्य
कर्मानुकूलफलदायक चिन्मयाद्य
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २७
तापत्रयापहर तापसहृद्विहार
तापिञ्छ चारुतरगात्र किरातवीर
आपादमस्तकलसन्मणिमुग्धहार
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २८
चिन्तामणिप्रथित भूषणभूषिताङ्ग
दन्तावलेन्द्रहरिवाहन मोहनाङ्ग
सन्तानदायक विभो करुणान्तरङ्ग
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ २९
आरण्यवासवरतापस बोधरूप
कारुण्यसागर कलेश कलाकलाप
तारुण्यतामरसलोचन लोकदीप
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ३०
आपादचारुतरकामसमाभिराम
शोभायमान सुरसञ्चयसार्वभौम
श्रीपाण्ड्यपूर्वसकृतामृत पूर्णधाम
श्री भूतनाथ मम देहि करावलम्बम् ॥ ३१
इति श्री भूतनाथ करावलम्बस्तवः सम्पूर्णम् ॥
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