महाभारत अनुक्रमणिका
अनुक्रमणीपर्व | १ |
पर्वसंग्रहपर्व | २ |
पौष्यपर्व | ३ |
पौलोमपर्व | ४-१२ |
आस्तीकपर्व | १३-५३ |
आदिवंशावतरणपर्व | ५४-६१ |
संभवपर्व | ६२-१२३ |
शंकुतलोपाख्यानम् | ६२-६९ |
ययात्युपाख्यानम् | ७०-८० |
उत्तरयायातम् | ८१-८८ |
संभवपर्व | ८९-१२३ |
जतुगृहदाहपर्व | १२४-१३८ |
हिडिम्बवधपर्व | १३९-१४२ |
बकवधपर्व | १४३-१५२ |
चैत्ररथपर्व | १५३-१७३ |
तापस्योपाख्यानम् | १६०-१६३ |
वासिष्ठोपाख्यानम् | १६४-१६८ |
और्वोपाख्यानम् | १६९-१७३ |
द्रौपदीस्वयंवरपर्व | १७४-१८९ |
पञ्चेन्द्रोपाख्यानम् | १८९ |
वैवाहिकपर्व | १९०-१९१ |
विदुरागमनपर्व | १९२-१९८ |
राज्यालम्भपर्व | १९९ |
अर्जुनवनवासपर्व | २००-२१० |
सुन्दोपसुन्दोपाख्यानम् | २०१-२०४ |
सुभद्राहरणपर्व | २११-२१२ |
हरणहारिकपर्व | २१३ |
खाण्डवदाहपर्व | २१४-२२५ |
शार्ङ्गकोपाख्यानम् | २२०-२२५ |
सभापर्व | १-११ |
मन्त्रपर्व | १२-१७ |
जरासंधपर्व | १८-२२ |
दिग्विजयपर्व | २३-२९ |
राजसूयपर्व | ३०-३२ |
अर्घाभिहरणपर्व | ३३-३६ |
शिशुपालवधपर्व | ३७-४२ |
द्यूतपर्व | ४३-६५ |
अनुद्यूतपर्व | ६६-७२ |
आरण्यकपर्व | १-११ |
किर्मीरवधपर्व | १२ |
कैरातपर्व | १३-४२ |
सौभवधोपाख्यानम् | १५-२३ |
इन्द्रलोकाभिगमनपर्व | ४३-७९ |
नलोपाख्यानम् | ५०-७८ |
तीर्थयात्रापर्व | ८०-१५३ |
अगस्त्योपाख्यानम् | ९३-१०९ |
ऋश्यशृङ्गोपाख्यानम् | ११०-११३ |
कार्तवीर्योपाख्यानम् | ११५-११७ |
सुकन्योपाख्यानम् | १२२-१२५ |
मान्धात्रुपाख्यानम् | १२६-१२७ |
जन्तूपाख्यानम् | १२८ |
श्येनकपोतीयम् | १२९-१३१ |
अष्टावक्रीयम् | १३२-१३४ |
यवक्रीतोपाख्यानम् | १३५-१४० |
सौगन्धिकाहरणम् | १४६-१५३ |
जटासुरबधपर्व | १५४ |
यक्षयुद्धपर्व | १५५-१७२ |
आजगरपर्व | १७३-१७८ |
मार्कण्डेयसमास्यापर्व | १७९-२२१ |
मत्स्योपाख्यानम् | १८५ |
मण्डूकोपाख्यानम् | १९० |
इन्द्रद्युम्नोपाख्यानम् | १९१ |
धुन्धुमारोपाख्यानम् | १९२-१९५ |
पतिव्रतोपाख्यानम् | १९६-१९७ |
ब्राह्मणव्याधसंवादः | १९८-२०६ |
आङ्गिरसम् | २०७-२२१ |
द्रौपदिसत्यभामासंवादपर्व | २२२-२२४ |
घोषयात्रापर्व | २२५-२४३ |
मृगस्वप्नभयपर्व | २४४ |
व्रीहिद्रौणिकपर्व | २४५-२४७ |
द्रौपदीहरणपर्व | २४८-२८३ |
रामोपाख्यानम् | २५८-२७६ |
सावित्र्युपाख्यानम् | २७७-२८३ |
कुण्डलाहरणपर्व | २८४-२९४ |
आरणेयपर्व | २९५-२९९ |
यक्षप्रश्नाः | २९७-२९८ |
वैराटपर्व | १-१२ |
कीचकवधपर्व | १३-२३ |
गोग्रहणपर्व | २४-६२ |
वैवाहिकपर्व | ६३-६७ |
उद्योगपर्व | १-२१ |
इन्द्रविजयोपाख्यानम् | ९-१८ |
संजययानपर्व | २२-३२ |
प्रजागरपर्व | ३३-४१ |
सनत्सुजातपर्व | ४२-४५ |
यानसंधिपर्व | ४६-६९ |
भगवद्यानपर्व | ७०-१३७ |
गालवचरितम् | १०४-१२१ |
विदुरापुत्रानुशासनम् | १३१-१३४ |
कर्णोपनिवादपर्व | १३८-१४८ |
अभिनिर्याणपर्व | १४५-१५२ |
भीष्माभिषेचनपर्व | १५३-१५६ |
उलूकयानपर्व | १५७-१६० |
रथातिरथसंख्यानपर्व | १६१-१६९ |
अम्बोपाख्यानपर्व | १७०-१९७ |
जम्बूखण्डविनिर्माणपर्व | १-११ |
भूमिपर्व | १२- १३ |
भगवद्गीतापर्व | १४- ४० |
भीष्मवधपर्व | ४१- ११७ |
प्रथमयुद्धदिवसः | ४१-४५ |
द्वितीययुद्धदिवसः | ४६-५१ |
तृतीययुद्धदिवसः | ५२-५५ |
चतुर्थयुद्धदिवसः | ५६-५७ |
पञ्चमयुद्धदिवसः | ५८-७० |
षष्ठयुद्धदिवसः | ७१-७५ |
सप्तमयुद्धदिवसः | ७६-८२ |
अष्टमयुद्धदिवसः | ८३-९२ |
नवमयुद्धदिवसः | ९३-१०२ |
दशमयुद्धदिवसः | १०३-११७ |
द्रोणाभिषेकपर्व | १- १५ |
संशप्तकवधपर्व | १६- ३१ |
अभिमन्युवधपर्व | ३२- ५१ |
प्रतिज्ञापर्व | ५२- ६० |
जयद्रथवधपर्व | ६१- १२१ |
घटोत्कचवधपर्व | १२२- १५४ |
द्रोणवधपर्व | १५५- १६५ |
नारायणास्त्रमोक्षपर्व | १६६- १७३ |
कर्णवधपर्व | १- ६९ |
धृतराष्ट्रसंजयसंवादः | १- २ |
धृतराष्ट्रशोकः | ३ |
संजयवचनम् | ५ |
धृतराष्ट्रजल्पनम् | ५ |
कर्णाभिषेकः | ६? |
षोडशयुद्धदिवसः | ७-२१ |
सप्तदशयुद्धदिवसः | २२-६७ |
शल्यसारथ्याभ्युपगमः | २३ |
त्रिपुरवधोपाख्यानम् | २४ |
मद्रककुत्सनम् | २७ |
हंसकाकीयोपाख्यानम् | २८ |
बाल्हीकमद्रककुत्सनम् | ३० |
युधिष्ठिरार्जुनयोः विवादः | ४८-५० |
कृष्णकृतम् सांत्वनम् | ४८-५० |
दुःशासनवधः | ६०-६१ |
कर्णार्जुनयुद्धम् | ६३-६६ |
कर्णवधः | ६७ |
रणभूमिवर्णनम् | ६८ |
युधिष्ठिरानन्दः | ६९ |
शल्यवधपर्व | १- १६ |
ह्रदप्रवेशपर्व | १७- २८ |
तीर्थयात्रापर्व | २९- ५३ |
त्रितोपाख्यानम् | ३५ |
स्कन्दाभिषेकः | ४३-४५ |
स्रुचावत्युपाख्यानम् | ४७ |
जैगीषव्योपाख्यानम् | ४९ |
वृद्धकन्योपाख्यानम् | ५१ |
गदायुद्धपर्व | ५४- ६४ |
दुर्योधनोरुभङ्गः | ५७ |
बलदेववासुदेवसंवादः | ५९ |
द्रौणिसेनापत्याभिषेकः | ६४ |
सौप्तिकपर्व | १- ९ |
कौशिकदर्शनम् | १ |
शिवस्तुतिः | ७ |
ऐषीकपर्व | १०- १८ |
द्रौपदीपरिदेवितम् | ११ |
ऐषीकोत्सर्गः | १३-१५ |
द्रौपदीप्रसादः | १६ |
रुद्रमाहात्म्यम् | १७-१८ |
विशोकपर्व | १- ८ |
स्त्रीपर्व | ९- २५ |
अयोभीमभञ्जनम् | ११ |
उत्तराविलापः | २० |
श्राद्धपर्व | २६ |
जलप्रदानिकपर्व | २७ |
राजधर्मपर्व | १- १२८ |
ऋषिशकुनिसंवादः | ११ |
जनकोपाख्यानम् | १८ |
देवस्थानवाक्यम् | २०-२१ |
शङ्खलिखितोपाख्यानम् | २४ |
हयग्रीवोपाख्यानम् | २५ |
सेनजिद् वाक्यम् | २६ |
अश्मजनकसंवादः | २८ |
षोडशराजकीयोपाख्यानम् | २९ |
सुवर्णष्टीव्युपाख्यानम् | ३१ |
चार्वाकचरितकथनम् | ३९ |
कृष्णनामशतस्तुतिः | ४३ |
भीष्मस्तवराजः | ४७ |
जामदग्न्योपाख्यानम् | ४९ |
इन्द्रमान्धातृसंवादः | ६४-६५ |
मनुराजकरणोपन्यासः | ६७ |
बृहस्पतिकौसल्यसंवादः | ६८ |
पुरुरवःपवनसंवादः | ७३ |
ऐलकश्यपसंवादः | ७४ |
मुचकुन्दोपाख्यानम् | ७५ |
केकयराजराक्षससंवादः | ७८ |
वासुदेवनारदसंवादः | ८२ |
कालकवृक्षीयोपाख्यानम् | ८३ |
शक्रबृहस्पतिसंवादः | ८५ |
उतथ्यगीता | ९१-९२ |
वामदेवगीता | ९३-९५ |
इन्द्राम्बरीषसंवादः | ९९ |
इन्द्रबृहस्पतिसंवादः | १०४ |
कालकवृक्षीयम् | १०५-१०७ |
व्याघ्रगोमायुसंवादः | ११२ |
उष्ट्रशिरोग्रीवकथनम् | ११३ |
सरित्सागरसंवादः | ११४ |
श्वर्षिसंवादः | ११७-११९ |
वसुहोममान्धातृसंवादः | १२२ |
कामन्दाङ्गारिष्टसंवादः | १२३ |
ऋषभसुमित्रसंवादः | १२५-१२६ |
यमगौतमसंवादः | १२७ |
आपद्धर्मपर्व | १२९- १६७ |
कापव्यानुशासनम् | १३३ |
शकुलाख्यानम् | १३५ |
मार्जारमूषकसंवादः | १३६ |
ब्रह्मदत्तपूजनीसंवादः | १३७ |
क्वणिक्वशत्रुंतपसंवादः | १३८ |
विश्वामित्रश्वपचसंवादः | १३९ |
कपोतलुब्धकसंवादः | १४१-१४५ |
इन्द्रोतशौनकपारिक्षितीयम् | १४६-१४८ |
गृध्रजम्बुकसंवादः | १४९ |
शल्मलिपवनसंवादः | १५०-१५१ |
खड्गोत्पत्तिः | १६० |
कृतघ्नगौतमोपाख्यानम् | १६२-१६७ |
मोक्षधर्मपर्व | १६८- ३५३ |
सेनजित्पिङ्गलागीते | १६८ |
पितापुत्रसंवादः | १६९ |
शम्याकगीता | १७० |
मङ्किगीता | १७१ |
प्रह्रादाजगरसंवादः | १७२ |
कश्यपसृगालसंवादः | १७३ |
भृगुभरद्वाजसंवादः | १७५-१८५ |
अध्यात्मकथनम् | १८७ |
ध्यानयोगः | १८८ |
जापकोपाख्यानम् | १८९-१९३ |
मनुबृहस्पतिसंवादः | १९४-१९९ |
केशवमाहात्य्मम् | २०० |
दिक्पालकीर्तनम् | २०१ |
विष्णोः वराहरूपम् | २०२ |
गुरुशिष्यसंवादः (वार्ष्णेयाध्यात्मं) | २०३-२१० |
जनकपञ्चशिखसंवादः | २११-२१२ |
इन्द्रप्रह्रादसंवादः | २१५ |
बलिवासवसंवादः | २१६-२१८ |
शक्रनमुचिसंवादः | २१९ |
बलिवासवसंवादः | २२० |
श्रीवासवसंवादः | २२१ |
जैगीषव्यासितसंवादः | २२२ |
वासुदेवोग्रसेनसंवादः | २२३ |
शुकानुप्रश्नः | २२४-२४७ |
(अविकम्पनारदसंवादे) मृत्यूत्पत्तिः | २४८-२५० |
तुलाधारजाजलिसंवादः | २५३-२५६ |
विचख्नुगीता | २५७ |
चिरकारिकोपाख्यानम् | २५८ |
सत्यवद् द्युमत्सेनसंवादः | २५९ |
कपिलगोसंवादः | २६०-२६२ |
कुण्डधारोपाख्यानम् | २६३ |
उञ्छवृत्तेः पुरावृत्तम् | २६४ |
नारददेवलसंवादः | २६७ |
माण्डव्यजनकसंवादः | २६८ |
हारीतगीता | २६९ |
वृत्रगीता | २७०-२७१ |
वृत्रवधः | २७२-२७३ |
ज्वरोत्पत्तिः | २७४ |
नारदसमङ्गसंवादः | २७५ |
नारदगालवसंवादः | २७६ |
अरिष्टनेमिसगरसंवादः | २७७ |
काव्योपाख्यानम् | २७८ |
पराशरगीता | २७९-२८७ |
हंससाध्यसंवादः | २८८ |
योगकथनम् | २८९ |
सांख्यवर्णनम् | २९० |
वसिष्ठकरालजनकसंवादः | २९१-२९६ |
भृगुजनकसंवादः | २९७ |
याज्ञवल्क्यजनकसंवादः | २९८-३०६ |
पञ्चशिखजनकसंवादः | ३०७ |
सुलभाजनकसंवादः | ३०८ |
यावकाध्यायः (द्वैपायनशुकसंवादः) | ३०९ |
शुकचरितम् | ३१०-३२० |
नरनारायणीयम् | ३२१-३३९ |
महापुरुषस्तवः | ३२५ |
भगवन्नामनिर्वचनम् | ३२८ |
ब्राह्मणमाहात्म्यमग्निषोमीयात्मकम् | ३२९ |
भगवन्नामनिर्वचनम् | ३३० |
उञ्छवृत्युपाख्यानम् | ३४०-३५३ |
दानधर्मपर्व | १- १५२ |
मृत्युगौतम्यादिसंवादः | १ |
सुदर्शनोपाख्यानम् | २ |
विश्वामित्रोपाख्यानम् | ३-४ |
शुक्रवासवसंवादः | ५ |
दैवपुरुषकारबलाबलम् | ६ |
कर्मफलवर्णनम् | ७ |
पूज्यवर्णनम् | ८ |
सृगालवानरसंवादः | ९ |
नीचस्योपदेशनिषेधः | १० |
श्रियो निवासस्थानानि | ११ |
भङ्गाश्वनोपाख्यानम् | १२ |
शुभाशुभकर्मफलम् | १३ |
उपमन्यूपाख्यानम् | १४-१७ |
शिवस्तवः | १४ |
शिवसहस्रनाम | १७ |
शिवस्तुतिमाहात्म्यम् | १८ |
अष्टावक्रदिक्संवादः | १९-२२ |
पात्रपरीक्षा | २३ |
दैवपित्र्यदानफलम् | २४ |
ब्रह्मघातिस्वरूपम् | २५ |
तीर्थप्रशंसा | २६ |
गङ्गाप्रशंसनम् | २७ |
मतङ्गोपाख्यानम् | २८ |
इन्द्रमतङ्गसंवादः | २९-३० |
वीतहव्योपाख्यानम् | ३१ |
पूज्यपुरुषवर्णनम् | ३२ |
ब्राह्मणप्रशंसा | ३३-३६ |
पृथिवीवासुदेवसंवादः | ३४ |
पात्रपरीक्षा | ३७ |
स्त्रीस्वभावकथनम् | ३८-३९ |
विपुलोपाख्यानम् | ४०-४३ |
विवाहधर्माः | ४४-४६ |
रिक्थविभागः | ४७ |
वर्णसंकरः | ४८ |
पुत्रप्रणिधिः | ४९ |
च्यवनोपाख्यानम् | ५० |
च्यवननहुषसंवादः | ५१ |
च्यवनकुशिकसंवादः | ५२-५६ |
यमनियमफलानि | ५७ |
ब्राह्मणप्रशंसा | ५८ |
अतिथियज्ञः | ५९ |
क्षत्रियधर्माः | ६० |
भूमिदानप्रशंसा | ६१ |
अन्नदानप्रशंसा | ६२ |
नक्षत्रयोगदानम् | ६३ |
काञ्चनादिदानम् | ६४ |
तिलादिदानफलम् | ६५ |
पानीयदानफलम् | ६६ |
तिलादिदानप्रशंसा | ६७ |
गोदानफलम् | ६८ |
नृगोपाख्यानम् | ६९ |
नाचिकेतोपाख्यानम् | ७० |
गोप्रदानिकम् | ७१-७३ |
व्रतनियमफलम् | ७४ |
गोप्रदानिकम् | ७५-८० |
श्रीगोसंवादः | ८१ |
गोलोकप्रश्नः | ८२ |
सुवर्णोत्पत्तिः | ८३-८५ |
कार्त्तिकेयोत्पत्तिः | ८४ |
तारकवधः | ८६ |
श्राद्धकल्पः | ८७-९२ |
व्रतविशेषाः | ९३ |
प्रतिग्रहदोषाः | ९४ |
शपथाध्यायः | ९५-९६ |
छत्रोपानहोत्पत्तिः | ९७ |
छत्रोपानहदानम् | ९८ |
आरामादिनिर्माणम् | ९९ |
बलिप्रदानम् | १०० |
दीपादिदानम् | १०१ |
पुष्पादिदानफलम् | १०२ |
दीपादिदानफलम् | १०३ |
ब्रह्मस्वहरणम् | १०४ |
हस्तिकूटम् | १०५ |
अनशनमाहात्म्यम् | १०६ |
आयुष्याख्यानम् | १०७ |
ज्येष्ठकनिष्ठवृत्तिः | १०८ |
उपवासविधिः | १०९ |
उपवासफलम् | ११० |
शौचानुपृच्छा | १११ |
संसारचक्रम् | ११२-११४ |
अहिंसाफलम् | ११५-११७ |
कीटोपाख्यानम् | ११८-१२० |
मैत्रेयभिक्षा | १२१-१२३ |
शाण्डिलीसुमनासंवादः | १२४ |
सान्त्वप्रशंसा | १२५ |
उमामहेश्वरसंवादः | १२६-१३४ |
विष्णुसहस्रनाम | १३५ |
ब्राह्मणप्रशंसा | १३६ |
पवनार्जुनसंवादः | १३७-१४२ |
कृष्णमाहात्म्यम् | १४३ |
दुर्वासोमाहात्म्यम् | १४४ |
ईश्वरप्रशंसा | १४५-१४६ |
धर्मनिर्णयः | १४७-१४८ |
युधिष्ठिरप्रश्नः | १४९ |
धर्मसंशयः | १५० |
वंशानुकीर्तनम् | १५१ |
युधिष्ठिरप्रतिप्रयाणम् | १५२ |
भीष्मस्वर्गारोहणपर्व | १५३- १५४ |
भीष्मस्वर्गानुज्ञा | १५३ |
भीष्मस्वर्गगमनम् | १५४ |
अश्वमेधपर्व | १- ९६ |
युधिष्ठिरसांत्वनम् | १ |
व्यासवाक्यम् | २ |
संवर्तमरुत्तीयम् | ३-१० |
वासुदेववाक्यम् | ११-१३ |
हास्तिनापुरप्रवेशः | १४ |
इन्द्रप्रस्थे कृष्णार्जुनयोः सभाविहारः | १५ |
अनुगीता | १६-५० |
कृष्णद्वारकाप्रस्थानाम् | ५१ |
उत्तङ्कोपाख्यानम् | ५२-५७ |
वासुदेवेन वसुदेवं प्रति युद्धाख्यानम् | ५८-६० |
वसुदेवेन अभिमन्योः श्राद्धदानम् | ६१ |
पाण्डवानाम् मरुत्तनिधिलाभः | ६२-६४ |
परिक्षित्संजीवनम् | ६५-६९ |
युधिष्ठिरस्य यज्ञदीक्षा | ७०-७१ |
अर्जुनस्य अश्वानुसरणम् | ७२-७९ |
त्रैगर्तविजयः | ७३ |
वज्रदत्तपराजयः | ७४-७५ |
सैन्धवपराजयः | ७६-७७ |
बभ्रुवाहनयुद्धम् | ७८-८२ |
मागधपराजयः | ८३ |
एकलव्यसुतपराजयः | ८४ |
गान्धारपराजयः | ८५ |
यज्ञायतननिर्माणम् | ८६ |
यज्ञसमृद्धिः | ८७ |
अर्जुनप्रत्यागमनम् | ८८-८९ |
यूपोच्छ्रयः | ९० |
यज्ञसमाप्तिः | ९१ |
नकुलोपाख्यानम् | ९१-९६ |
आश्रमवासपर्व | १- ३५ |
धृतराष्ट्रशुश्रूषा | १-३ |
भीमापनयः | ४ |
धृतराष्ट्रस्य वनगमनसंकल्पः | ५-६ |
व्यासागमनम् | ७ |
व्यासवाक्यम् | ८ |
युधिष्ठिरानुशासनम् | ९-१२ |
धृतराष्ट्रवाक्यम् | १३-१६ |
भीमसेनवाक्यम् | १७ |
अर्जुनयुधिष्ठिरयोः वाक्ये | १८ |
विदुरवाक्यम् | १९ |
श्राद्धयज्ञः | २० |
धृतराष्ट्रस्य वनगमनम् | २१ |
कुन्तीवाक्यम् | २२-२३ |
धृतराष्ट्रादीनां व्यासाश्रमगमनम् | २५ |
शतयूपप्रश्नः | २७ |
पाण्डवशोकः | २८ |
पाण्डवानां धृतराष्ट्राश्रमाभिगमनम् | २९-३१ |
पाण्डववर्णनम् | ३२ |
विदुरसायुज्यम् | ३३ |
व्यासागमनम् | ३४ |
व्यासवाक्यम् | ३५ |
पुत्रदर्शनपर्व | ३६- ४४ |
कर्णजन्मकथनम् | ३८ |
दुर्योधनादिदर्शनम् | ४०-४१ |
वैशंपायनवाक्यम् | ४२ |
जनमेजयस्य परिक्षिद् दर्शनम् | ४३ |
युधिष्ठिरनिवर्तनम् | ४४ |
नारदागमनपर्व | ४५- ४७ |
धृतराष्ट्रादीनां दावाग्नौ दाहः | ४५ |
युधिष्ठिरशोकः | ४६ |
धृतराष्ट्रश्राद्धकरणम् | ४७ |
मौसलपर्व | १- ९ |
मुनिशापात्साम्बस्य मुसलप्रसवः | २ |
उत्पातदर्शनम् | ३ |
वृष्ण्यन्धकादिविनाशः | ४ |
रामकृष्णावतारसमाप्तिः | ५ |
अर्जुनागमनम् | ६ |
वसुदेवविलापः | ७ |
वसुदेवनिधनम् । वज्राभिषेकः | ८ |
व्यासार्जुनसमागमः | ९ |
महाप्रस्थानिकपर्व | १- ३ |
पाण्डवप्रव्रजनम् | १ |
भीमादिपतनम् | २ |
इन्द्रयुधिष्ठिरसंवादः | ३ |
स्वर्गारोहणपर्व | १- ५ |
स्वर्गे नारदवाक्यम् | १ |
देवदूतविसर्जनम् | २ |
युधिष्ठिरस्वर्गारोहणम् | ३-५ |
The numbering in the encoded महाभारत lists the main
पर्व number ranging from 1 to 18 followed by the
अध्याय number followed by the श्लोक number.
The secondary पर्व numbers ranging
from 1 to 95 are not relevant to the encoding.
Encoded and proofread by Avinash Sathaye at sohum@ms.uky.edu