ऋतधामा
टिप्पणी : पुराणों में इन्द्र, मनु एवं व्यास को ऋतधामा नाम दिया गया है । वैदिक साहित्य में ऋत का धाम कौन सा है, इसकी व्याख्या मात्र उपलब्ध होती है । वहां इन्द्र,मनु अथवा व्यास का नाम नहीं है । जैमिनीय ब्राह्मण ३.३८४ के अनुसार भू, भुव: और स्व: लोक में भुव: लोक ऋत का धाम है । जैमिनीय ब्राह्मण ३.३४७ के अनुसार ऋत का धाम वायु का लोक है । जैमिनीय ब्राह्मण १.१२१ तथा तैत्तिरीय संहिता ३.३.५.४ के अनुसार यह अन्तरिक्ष लोक है । तैत्तिरीय संहिता ४.२.७.२ में अग्नि के लिए ऋत के धाम से इष व ऊर्ज का सम्पादन किया जाता है । ऋग्वेद १.४३.९ में ऋत के धाम में सोम की प्रजाओं का उल्लेख आता है । इसके अतिरिक्त ऋग्वेद ४.७.७, ७