बस्त/बकरा
टिप्पणी : पुराणों में सार्वत्रिक रूप से शिव द्वारा दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा आती है जिसमें दक्ष के सिर का अग्नि में होम कर दिया जाता है और फिर दक्ष को जीवित करने के लिए उस पर बस्त/बकरे का सिर लगाया जाता है । कहीं - कहीं बकरे के बदले मेष का सिर लगाने का भी उल्लेख है । दक्ष के यज्ञ के विध्वंस होने का मूल कारण यह है कि वह अपने जामाता शिव से रुष्ट है कि शिव अशुचि अवस्था में रहता है, श्मशान वासी है, कपाली है आदि । दूसरी ओर शिव भी अपने श्वसुर दक्ष का आदर नहीं करते । दक्ष यज्ञ में जो ब्राह्मण शिव का पक्ष लेते हैं, उन्हें दक्ष वेद - बाह्य होने का शाप देते हैं । ब्राह्मण भी दक्ष के यज्ञ के ध्वंस का शाप देते हैं । वास्तविकता यह है कि दक्ष की स्थिति तो वेद के स्तर पर,