🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी रात्रि 01:16 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 30 जून 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - विशाखा शाम 04:10 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग - साध्य रात्रि 01:32 तक तत्पश्चात शुभ
⛅राहु काल - सुबह 11:02 से दोपहर 12:43 तक
⛅सूर्योदय - 05:57
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:15 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:04 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅दिनांक - 30 जून 2023
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⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
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⛅नक्षत्र - विशाखा शाम 04:10 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅योग - साध्य रात्रि 01:32 तक तत्पश्चात शुभ
⛅राहु काल - सुबह 11:02 से दोपहर 12:43 तक
⛅सूर्योदय - 05:57
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:15 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:04 तक
June 29, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/NnJOAbNf1ro
https://youtu.be/NnJOAbNf1ro
YouTube
Sanskrit Samachar | Home Minister Amit Shah To Address Public Rally In Rajasthan Today
Home Minister Amit Shah To Address Public Rally In Rajasthan Today
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
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June 29, 2023
🍃
⚜जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता, उसमें बहुत जल भरा होता है ।
#Quote
अपेयेषु तडागेषु बहुतरमुदकं भवति
⚜जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता, उसमें बहुत जल भरा होता है ।
#Quote
June 29, 2023
🍃
🔆 यः प्रतिदिनं सूर्यनमस्कारान् तेषाम् आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तथा तेजः एषां वृद्धिः भवति।
⚜जो प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य तथा तेज में वृद्धि होती है।
⚜One who does sun salutations daily gains longevity, wisdom, strength, virility, and lustre.
#Subhashitam
आदित्यस्य नमस्कारान्ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते
॥🔆 यः प्रतिदिनं सूर्यनमस्कारान् तेषाम् आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तथा तेजः एषां वृद्धिः भवति।
⚜जो प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, उनकी आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य तथा तेज में वृद्धि होती है।
⚜One who does sun salutations daily gains longevity, wisdom, strength, virility, and lustre.
#Subhashitam
June 29, 2023
June 30, 2023
छोटी पीपल का चूर्ण तथा पांच-छ: ग्राम मधु मिलाकर पीने से पुराना बुखार और सूखी खाँसी की परेशानी ठीक होती है और भूख बढ़ती है।
••पिप्पलीचूर्णस्य पञ्चषड्ग्रामस्य मधुना सह मिश्रणं कृत्वा पानेन दीर्घकालीनज्वरः शुष्ककासः च सम्यग्भवत:, एतदतिरिच्य बुभुक्षापि वर्धते।
गुडूची काढ़ा में छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बुखार की गंभीर स्थिति में लाभ होता है।
••ज्वरस्य तीव्रस्थितौ पिप्पलीचूर्णमिश्रितं गुडूचीक्वाथस्य सेवनं लाभप्रदं भवति।
बुखार के रोगी को आहार के रूप में गुडूची के पत्तों की सब्जी शाक बनाकर खानी चाहिए।
••ज्वररोगी गुडूचीपत्रनिर्मितं शाकव्यञ्जनम् आहाररूपेण भक्षयेत्।
—————————————————————————————
ॐहरिॐ ॥
अधरः=ओष्ठः=रदनच्छद: = ओंठ
~श्रीकृष्णः अधराभ्यां मुरलीं वादयति
= कृष्ण जी ओठों से वंशी बजाते हैं ।
~केचन युवानः ओष्ठौ वृत्ताकारं कृत्वा मधुरां ध्वनिं कुर्वन्ति
= कुछ युवक ओठों को गोलकर के मधुर आवाज करते (सीटी बजाते) हैं ।
~रदनच्छदाभ्यां स्पृश त्वं मे गीतम् अमरं कुरु
= ओंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो ।
—————————————————————————————
काटना
--------
(१)पागल कुत्ता के काट लेने पर मंहंगे दाम की ६ रेबीज की सुई लेनी पड़ती है।
••उन्मत्तकुक्कुरस्य/अलर्ककुक्कुरस्य दंशने महार्घममूल्यस्य रेबीज इति सूच्यौषधस्य षट् सूच्यौषधानि स्वीकरणीयानि भवन्ति।
(२)जिस समय कुत्ते को छेड़ा जाता है,कुत्ता उसी समय काटता है।
••यस्मिन् समये शुनाम् अभिमर्श: क्रियते श्वान: तदैव दशन्ति।
(३)लगातार बढती हुई महंगाई ने कदम-कदम पर आम आदमियों का जेब काटना शुरू कर दिया है।
••निरन्तरं वर्धमानं महार्घं पगे पगे सामान्यजनानां कोशं कर्तितुमारभत।
(४)यदि किसी ऑफिस का कोई स्टाफ किसी आवश्यक कार्य से अपने ड्युटी पर नहीं आ पाता है तो बॉस को उस दिन का पैसा कभी भी काटने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
••यदि कस्यचित् कार्यालयस्य कोऽपि कर्मचारी कस्माच्चित् आवश्यककारणात् स्वकार्यालये आगन्तुं न शक्नोति तर्हि अधिकारिणा तस्य दिवसस्य वेतनं कदापि कर्तितुं प्रयास: न करणीय:।
(५)गलत काम करने के बारे में भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए वर्ना सारी जिंदगी जेल की सजा काटनी होगी।
••कुकर्मणो विचार: विस्मृत्यापि न करणीय:,नोचेत् आजीवनं कारागारे दण्ड: सोढव्यो भविष्यति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••पिप्पलीचूर्णस्य पञ्चषड्ग्रामस्य मधुना सह मिश्रणं कृत्वा पानेन दीर्घकालीनज्वरः शुष्ककासः च सम्यग्भवत:, एतदतिरिच्य बुभुक्षापि वर्धते।
गुडूची काढ़ा में छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से बुखार की गंभीर स्थिति में लाभ होता है।
••ज्वरस्य तीव्रस्थितौ पिप्पलीचूर्णमिश्रितं गुडूचीक्वाथस्य सेवनं लाभप्रदं भवति।
बुखार के रोगी को आहार के रूप में गुडूची के पत्तों की सब्जी शाक बनाकर खानी चाहिए।
••ज्वररोगी गुडूचीपत्रनिर्मितं शाकव्यञ्जनम् आहाररूपेण भक्षयेत्।
—————————————————————————————
ॐहरिॐ ॥
अधरः=ओष्ठः=रदनच्छद: = ओंठ
~श्रीकृष्णः अधराभ्यां मुरलीं वादयति
= कृष्ण जी ओठों से वंशी बजाते हैं ।
~केचन युवानः ओष्ठौ वृत्ताकारं कृत्वा मधुरां ध्वनिं कुर्वन्ति
= कुछ युवक ओठों को गोलकर के मधुर आवाज करते (सीटी बजाते) हैं ।
~रदनच्छदाभ्यां स्पृश त्वं मे गीतम् अमरं कुरु
= ओंठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो ।
—————————————————————————————
काटना
--------
(१)पागल कुत्ता के काट लेने पर मंहंगे दाम की ६ रेबीज की सुई लेनी पड़ती है।
••उन्मत्तकुक्कुरस्य/अलर्ककुक्कुरस्य दंशने महार्घममूल्यस्य रेबीज इति सूच्यौषधस्य षट् सूच्यौषधानि स्वीकरणीयानि भवन्ति।
(२)जिस समय कुत्ते को छेड़ा जाता है,कुत्ता उसी समय काटता है।
••यस्मिन् समये शुनाम् अभिमर्श: क्रियते श्वान: तदैव दशन्ति।
(३)लगातार बढती हुई महंगाई ने कदम-कदम पर आम आदमियों का जेब काटना शुरू कर दिया है।
••निरन्तरं वर्धमानं महार्घं पगे पगे सामान्यजनानां कोशं कर्तितुमारभत।
(४)यदि किसी ऑफिस का कोई स्टाफ किसी आवश्यक कार्य से अपने ड्युटी पर नहीं आ पाता है तो बॉस को उस दिन का पैसा कभी भी काटने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
••यदि कस्यचित् कार्यालयस्य कोऽपि कर्मचारी कस्माच्चित् आवश्यककारणात् स्वकार्यालये आगन्तुं न शक्नोति तर्हि अधिकारिणा तस्य दिवसस्य वेतनं कदापि कर्तितुं प्रयास: न करणीय:।
(५)गलत काम करने के बारे में भूलकर भी नहीं सोचना चाहिए वर्ना सारी जिंदगी जेल की सजा काटनी होगी।
••कुकर्मणो विचार: विस्मृत्यापि न करणीय:,नोचेत् आजीवनं कारागारे दण्ड: सोढव्यो भविष्यति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
June 30, 2023
June 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅दिनांक - 01 जुलाई 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:04 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - शुभ रात्रि 10:44 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - सुबह 09:21 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - शनिप्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रतारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅दिनांक - 01 जुलाई 2023
⛅दिन - शनिवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:04 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - शुभ रात्रि 10:44 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅राहु काल - सुबह 09:21 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - शनिप्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रतारम्भ
June 30, 2023
June 30, 2023
🍃
⚜अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।
#Quote
अप्रियस्य च पथ्यस्य वक्ता श्रोता च दुर्लभः
⚜अप्रिय किंतु परिणाम में हितकर हो ऐसी बात कहने और सुनने वाले दुर्लभ होते हैं।
#Quote
June 30, 2023
🍃
🔆 दानशीलता प्रिया वाक् धीरता विवेकः एते चत्वारः गुणाः जन्मनः भवन्ति अर्जनमति क्लिष्टमस्ति।
⚜दानशक्तिः, प्रियवचनम्, धीरता, उचितज्ञानम् इत्येते चत्वारो गुणाः अभ्यासेन न सम्भवेयुः, एते तु स्वाभाविकाः गुणाः कथ्यन्ते इति ।
#Subhashitam
दातृत्वं प्रियवक्तृत्वं धीरत्वमुचितज्ञता।
अभ्यासेन न लभ्यन्ते चत्वारः सहजा गुणाः
।। (चा०नी०)🔆 दानशीलता प्रिया वाक् धीरता विवेकः एते चत्वारः गुणाः जन्मनः भवन्ति अर्जनमति क्लिष्टमस्ति।
⚜दानशक्तिः, प्रियवचनम्, धीरता, उचितज्ञानम् इत्येते चत्वारो गुणाः अभ्यासेन न सम्भवेयुः, एते तु स्वाभाविकाः गुणाः कथ्यन्ते इति ।
#Subhashitam
June 30, 2023
July 1, 2023
July 1, 2023
एक अच्छा शिक्षक आपको उत्तर नहीं देता । वह आपके अन्दर उत्तर खुद ढूँढने की चिंगारी जला देता है।
•• एक: उत्तम: शिक्षकः भवते उत्तरं न ददाति।स भवत: अन्तर्भागे स्वयमुत्तरमन्वेष्टुं स्फुल्लिङ्गं प्रज्ज्वालयति।
कोई इंसान हमेशा एक जैसा नहीं रहता । वक्त, हालात और लोग उसे बदलने पर मजबूर कर देते हैं।
•• कश्चिज्जनः सर्वदा एकसमानो न भवति । कालः, परिस्थितयः, जनाः च तं परिवर्तितुं बाधन्ते ।
जिंदगी एक खेल है यह आप पर निर्भर करता कि आपको खिलाड़ी बनना है या खिलौना ।
••जीवनमेकं खेलनमिवास्ति। एतत् भवतः उपरि निर्भरं करोति यत् भवान् क्रीडको भवितुमिच्छति उत क्रीडनकं भवितुमिच्छति ।
लड़की से घर का पता पूछने पर सिर्फ यही बताती है कि उसका घर विष्णुगढ़ से आठ मील दूर है।
••बालिकायां गृहसङ्केतं पृष्ठे सति केवलं सा इदमेव ज्ञापयति यत् तस्या: गृहं विष्णुगढ़त: अष्टमीले दूरे अस्ति।
जापान में एटम बम गिराने के बाद अमेरिका आज तक जापान में सुई बेचने को तरसता है।क्या हम भारतीय भी चीन को उसकी औकात दिखा सकते हैं?
••जापाने अणुविस्फोटकं पातनान्तरमद्यापि अमेरिका जापाने सूचिकां विक्रेतुमाकाङ्क्षां करोति।किं वयं भारतीया: अपि चीनं तदीयं सामर्थ्यं दर्शयितुं शक्नुम:?
खुद की तरक्की में इतना व्यस्त हो जाओ कि दूसरों की
बुराई करने का वक्त ही न हो
•• स्वस्य प्रगत्यर्थम् एतावान् व्यस्तः भवतु यत् अन्येषाम् अपकाराय समयावकाशो न सम्भवेत ।
आत्महत्या पाप नहीं महापाप है। जो ऐसे अधम मनुष्यों का शोक मनाते हैं उनको भी अवश्य शोक प्राप्त होता है। इसलिए सावधान रहें।
••आत्महत्या न पातकमेव, अपितु इदं महापातकम्। ये एतादृशान् अनार्यजनान् शोचन्ति, ते अपि शोकम् अवश्यम् आप्नुवन्ति।अत: सतर्काः भवेयुः ।
चाहे खूब गलतियां करना। जीवन खुलकर ही जीना।लेकिन बनना मत *$%€× |
•••कामं बहुत्रुटीः कुर्या:, तथापि जीवनं सानन्दमेव जीव । परन्तु, अनार्यो मा भव ।
पागल कुत्ता से सावधान रहें
••अलर्ककुक्कुरत: सावधाना: भवन्तु।
वार्ड नंबर 10 रामपुर चौक में आज दो बच्चों को पागल कुत्ता ने काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया।
••दशसङ्ख्यके रामपुरकोणे अद्य अलर्ककुक्कुरः कश्चन द्वौ बालौ दंशित्वा निर्ममतया व्रणितौ कृतवान्।
जब तक पागल कुत्ता मारा नहीं जाता आप अपने बच्चों को बाहर अकेले न छोड़ें।
••यावत् अलर्क: कुक्कुरो घातितो न भवति तावत् भवन्त: स्वबालान् गृहेभ्य: बहि: एकान्तस्थाने न त्यजेयु:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एक: उत्तम: शिक्षकः भवते उत्तरं न ददाति।स भवत: अन्तर्भागे स्वयमुत्तरमन्वेष्टुं स्फुल्लिङ्गं प्रज्ज्वालयति।
कोई इंसान हमेशा एक जैसा नहीं रहता । वक्त, हालात और लोग उसे बदलने पर मजबूर कर देते हैं।
•• कश्चिज्जनः सर्वदा एकसमानो न भवति । कालः, परिस्थितयः, जनाः च तं परिवर्तितुं बाधन्ते ।
जिंदगी एक खेल है यह आप पर निर्भर करता कि आपको खिलाड़ी बनना है या खिलौना ।
••जीवनमेकं खेलनमिवास्ति। एतत् भवतः उपरि निर्भरं करोति यत् भवान् क्रीडको भवितुमिच्छति उत क्रीडनकं भवितुमिच्छति ।
लड़की से घर का पता पूछने पर सिर्फ यही बताती है कि उसका घर विष्णुगढ़ से आठ मील दूर है।
••बालिकायां गृहसङ्केतं पृष्ठे सति केवलं सा इदमेव ज्ञापयति यत् तस्या: गृहं विष्णुगढ़त: अष्टमीले दूरे अस्ति।
जापान में एटम बम गिराने के बाद अमेरिका आज तक जापान में सुई बेचने को तरसता है।क्या हम भारतीय भी चीन को उसकी औकात दिखा सकते हैं?
••जापाने अणुविस्फोटकं पातनान्तरमद्यापि अमेरिका जापाने सूचिकां विक्रेतुमाकाङ्क्षां करोति।किं वयं भारतीया: अपि चीनं तदीयं सामर्थ्यं दर्शयितुं शक्नुम:?
खुद की तरक्की में इतना व्यस्त हो जाओ कि दूसरों की
बुराई करने का वक्त ही न हो
•• स्वस्य प्रगत्यर्थम् एतावान् व्यस्तः भवतु यत् अन्येषाम् अपकाराय समयावकाशो न सम्भवेत ।
आत्महत्या पाप नहीं महापाप है। जो ऐसे अधम मनुष्यों का शोक मनाते हैं उनको भी अवश्य शोक प्राप्त होता है। इसलिए सावधान रहें।
••आत्महत्या न पातकमेव, अपितु इदं महापातकम्। ये एतादृशान् अनार्यजनान् शोचन्ति, ते अपि शोकम् अवश्यम् आप्नुवन्ति।अत: सतर्काः भवेयुः ।
चाहे खूब गलतियां करना। जीवन खुलकर ही जीना।लेकिन बनना मत *$%€× |
•••कामं बहुत्रुटीः कुर्या:, तथापि जीवनं सानन्दमेव जीव । परन्तु, अनार्यो मा भव ।
पागल कुत्ता से सावधान रहें
••अलर्ककुक्कुरत: सावधाना: भवन्तु।
वार्ड नंबर 10 रामपुर चौक में आज दो बच्चों को पागल कुत्ता ने काट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया।
••दशसङ्ख्यके रामपुरकोणे अद्य अलर्ककुक्कुरः कश्चन द्वौ बालौ दंशित्वा निर्ममतया व्रणितौ कृतवान्।
जब तक पागल कुत्ता मारा नहीं जाता आप अपने बच्चों को बाहर अकेले न छोड़ें।
••यावत् अलर्क: कुक्कुरो घातितो न भवति तावत् भवन्त: स्वबालान् गृहेभ्य: बहि: एकान्तस्थाने न त्यजेयु:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
July 1, 2023
Lahari
Duration : 3months
Fee: 200
(Includes book and exam fee)
Medium: online coaching and exam
Registration link: https://forms.gle/UEUhA7H47WpE6Zty5
A/c Name: Samskrita Bharati
Bank Branch: Union Bank of India, Girinagar Branch, Bengaluru - 560085
Account No: 520141000016787
IFSC Code: UBIN0907464 or CORP00007
• Please read the instructions given in the google form before payment.
• Please make the payment to the above account number and then fill the registration form.
Dhanyavadaha 🙏🏻
Duration : 3months
Fee: 200
(Includes book and exam fee)
Medium: online coaching and exam
Registration link: https://forms.gle/UEUhA7H47WpE6Zty5
A/c Name: Samskrita Bharati
Bank Branch: Union Bank of India, Girinagar Branch, Bengaluru - 560085
Account No: 520141000016787
IFSC Code: UBIN0907464 or CORP00007
• Please read the instructions given in the google form before payment.
• Please make the payment to the above account number and then fill the registration form.
Dhanyavadaha 🙏🏻
July 1, 2023
नमस्ते ,
After releasing Karavalambanam Book , Vidyasvam has started Online Samskrita Karyashala !!
Vidyasvam has launched the 9th batch of Online Samskrita Karyashala August 2023 starting 6th August 2023.
The workshop will be conducted every Sunday Morning ( 7 AM - 9 AM ) for 1 year..
Brochure Video : https://youtu.be/ueFFB8vOjgw
If you are interested in joining the workshop please register @ https://www.vidyasvam.in/samskrita-karyashala
I have attended their workshop and here are some of the things which I liked the most ->
1. Complete dedication of Vidyasvam Team to make the workshop successful
2. All Session Recordings available for later reference
3. Printed Handouts delivered to our house.
4. One of the most beautiful and comprehensive Mindmaps.
5. Weekly quizzes which make us think and test our understanding.
6. Self correcting and engaging Practice Assignments
7. Discussion with other participants.
8. Effective use of technology
9. Great mentors who are always there for help !
10. And finally , how can I forget ? The application of what we learn in Ramayana
To summarize , One of the BEST workshop on Samskrita.
Do Attend if you are keen to learn Samskritam.
धन्यवादाः
After releasing Karavalambanam Book , Vidyasvam has started Online Samskrita Karyashala !!
Vidyasvam has launched the 9th batch of Online Samskrita Karyashala August 2023 starting 6th August 2023.
The workshop will be conducted every Sunday Morning ( 7 AM - 9 AM ) for 1 year..
Brochure Video : https://youtu.be/ueFFB8vOjgw
If you are interested in joining the workshop please register @ https://www.vidyasvam.in/samskrita-karyashala
I have attended their workshop and here are some of the things which I liked the most ->
1. Complete dedication of Vidyasvam Team to make the workshop successful
2. All Session Recordings available for later reference
3. Printed Handouts delivered to our house.
4. One of the most beautiful and comprehensive Mindmaps.
5. Weekly quizzes which make us think and test our understanding.
6. Self correcting and engaging Practice Assignments
7. Discussion with other participants.
8. Effective use of technology
9. Great mentors who are always there for help !
10. And finally , how can I forget ? The application of what we learn in Ramayana
To summarize , One of the BEST workshop on Samskrita.
Do Attend if you are keen to learn Samskritam.
धन्यवादाः
www.vidyasvam.in
Karavalambanam
करावलम्बनम्
July 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅दिनांक - 02 जुलाई 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात मूल
⛅योग - शुक्ल शाम 07:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅राहु काल - शाम 05:48 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 07:29 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - कोकिला व्रत, पूर्णिमा, जैन चौमासी चतुर्दशी*
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅दिनांक - 02 जुलाई 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - आषाढ़
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात मूल
⛅योग - शुक्ल शाम 07:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅राहु काल - शाम 05:48 से 11:02 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 07:29 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - कोकिला व्रत, पूर्णिमा, जैन चौमासी चतुर्दशी*
July 1, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/3x74GQ0aQ-A
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वार्ता: संस्कृत समाचार || Vaarta: News in Sanskrit - 02.07.2023
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DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 1, 2023
🍃
⚜अलग अलग प्रकार से बोली गई अच्छी वाणी मानव का कल्याण लाती है।
#Quote
अभ्यावहति कल्याणं विविधा वाक्सुभाषिता
⚜अलग अलग प्रकार से बोली गई अच्छी वाणी मानव का कल्याण लाती है।
#Quote
July 1, 2023
🍃
⚜तथापि कर्तव्याकर्तव्ययोः (विधिनिषेधयोः) विवेकं बुद्धावुपस्थाप्य हितमुपदिशन्ति । यद्यपि मौनं, क्लैब्यं, प्राणत्यागो, भिक्षाशित्वं च कर्तव्यत्वेन स्वीकर्तुं न शक्यन्ते तथापि अनृतोक्तापेक्षया मौनं परकलत्राभिगमनापेक्षया क्लैब्यं, पिशुनवाक्येषु अभिरुच्यपेक्षया प्राणत्यागः, परधनास्वादनसुखापेक्षया भिक्षाशित्वं च वरमिति प्रोच्य कृतो हितोपदेशो मार्गदर्शी भवति ।
⚜ यद्यपि मौन नपुंसकता प्राणत्याग भिक्षावृत्ति ये सब ग्रहण करने योग्य नहीं हैं तथापि असत्यकथन की अपेक्षा मौन परस्त्रीगमन की अपेक्षा नपुंसकता अन्यों के कटु वचनों के श्रवण की अपेक्षा प्राणत्याग श्रेष्ठ है।
#Subhashitam
वरं मौनं कार्यं न च वचनमुक्तं यदनृतम् वरं क्लैब्यं पुंसां न च परकलत्राभिगमनम्। वरं प्राणत्यागो न च पिशुनवाक्येष्वभिरुचिः
वरं भिक्षाशित्वं न च परधनास्वादनसुखम्
ज्ञ श्रूयन्ते । ⚜तथापि कर्तव्याकर्तव्ययोः (विधिनिषेधयोः) विवेकं बुद्धावुपस्थाप्य हितमुपदिशन्ति । यद्यपि मौनं, क्लैब्यं, प्राणत्यागो, भिक्षाशित्वं च कर्तव्यत्वेन स्वीकर्तुं न शक्यन्ते तथापि अनृतोक्तापेक्षया मौनं परकलत्राभिगमनापेक्षया क्लैब्यं, पिशुनवाक्येषु अभिरुच्यपेक्षया प्राणत्यागः, परधनास्वादनसुखापेक्षया भिक्षाशित्वं च वरमिति प्रोच्य कृतो हितोपदेशो मार्गदर्शी भवति ।
⚜ यद्यपि मौन नपुंसकता प्राणत्याग भिक्षावृत्ति ये सब ग्रहण करने योग्य नहीं हैं तथापि असत्यकथन की अपेक्षा मौन परस्त्रीगमन की अपेक्षा नपुंसकता अन्यों के कटु वचनों के श्रवण की अपेक्षा प्राणत्याग श्रेष्ठ है।
#Subhashitam
July 1, 2023
जन्तुरक्षणम् अस्माकं कर्तव्यमेवास्ति।
प्रथमाविभक्त्यां कति शब्दाः सन्ति।
प्रथमाविभक्त्यां कति शब्दाः सन्ति।
Anonymous Quiz
44%
द्वौ
31%
एकः
15%
त्रयः
11%
न सन्ति।
July 2, 2023
July 2, 2023
क्रौंच पक्षी वध से द्रवित होकर वाल्मीकि के मुंह से निकला रामायण का ये पद।
••एते रामायणश्लोकाः कौञ्चपक्षिवधेन प्रेरिताः सन्तः वाल्मीकेः मुखात् बहिर्जग्मु:।
मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी यह बता पाना बहुत कठिन है।
••मनुष्यः कदा प्रथमं काव्यं लिखितवान् इति वक्तुं अतीव कठिनम्।
परन्तु,संस्कृत के आदि कवि वाल्मीकि के बारे में कहा जाता है कि प्रथम काव्याभिव्यक्ति उन्हीं के स्वर से हुई है।
••परन्तु,संस्कृतस्य आदिकवे: वाल्मीके: विषये कथ्यते यत् प्रथमा काव्याभिव्यक्ति: तस्यैव मुखोच्चारणात् बभूव।
रामायण में सारस जैसे एक क्रौंच पक्षी का वर्णन भी आता है।
••रामायणे सारसवत् एकस्य क्रौञ्चपक्षिण: वर्णनमपि लभ्यते।
भारद्वाज मुनि और ऋषि वाल्मीकि क्रौंच पक्षी के वध के समय तमसा नदी के तट पर थे।
••भारद्वाज: मुनि: वाल्मीकि: ऋषि: च क्रौञ्चपक्षिण: वधकाले तमसानद्या: तटे आस्ताम् (बभूवतु:)।
भगवान् श्रीराम के समय के ही ऋषि थे वाल्मीकि।
••वाल्मीकि: भगवत: श्रीरामस्य समकालीन: ऋषि: बभूव।
उन्होंने रामायण तब लिखी जब रावण-वध के बाद राम का राज्याभिषेक हो चुका था।
••स तदा रामायणं लिलेख यदा रावणवधानन्तरं रामस्य राज्याभिषेक: बभूव।
वे रामायण लिखने के लिए सोच रहे थे और विचार-विमर्श कर रहे थे लेकिन उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
••स रामायणं लेखितुं चिनन्तयामास विचारविमर्शं च चकार,परन्तु स किमपि अवगन्तुं स्वयम् अशक्तो अनुबभूव।
तब एक दिन सुबह गंगा के पास बहने वाली तमसा नदी के एक अत्यंत निर्मल जल वाले तीर्थ पर मुनि वाल्मीकि अपने शिष्य भारद्वाज के साथ स्नान के लिए गए।
••तदा एकस्मिन् दिने प्रात:काले गङ्गानदीं निकषा प्रवहन्त्या: तमसानद्या: एकस्मिन् अतीव निर्मलजले तीर्थे मुनि: वाल्मीकि: स्वशिष्येण भारद्वाजेन सह स्नातुं जगाम।
वहां नदी के किनारे पेड़ पर क्रौंच पक्षी का एक जोड़ा अपने में मग्न था, तभी व्याध ने इस जोड़े में से नर क्रौंच को अपने बाण से मार गिराया।
••तत्र नदीतटे वृक्षे क्रौंचपक्षियुगलम् आत्मन्येव निगमग्नं बभूव तदैव व्याध: अस्य युगलस्य नरक्रौञ्चं स्वबाणेन जघान।
रोती हुई मादा क्रौंच भयानक विलाप करने लगी।
••रुदन्ती क्रौञ्चा भयंकरं विलपितुमारेभे।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••एते रामायणश्लोकाः कौञ्चपक्षिवधेन प्रेरिताः सन्तः वाल्मीकेः मुखात् बहिर्जग्मु:।
मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी यह बता पाना बहुत कठिन है।
••मनुष्यः कदा प्रथमं काव्यं लिखितवान् इति वक्तुं अतीव कठिनम्।
परन्तु,संस्कृत के आदि कवि वाल्मीकि के बारे में कहा जाता है कि प्रथम काव्याभिव्यक्ति उन्हीं के स्वर से हुई है।
••परन्तु,संस्कृतस्य आदिकवे: वाल्मीके: विषये कथ्यते यत् प्रथमा काव्याभिव्यक्ति: तस्यैव मुखोच्चारणात् बभूव।
रामायण में सारस जैसे एक क्रौंच पक्षी का वर्णन भी आता है।
••रामायणे सारसवत् एकस्य क्रौञ्चपक्षिण: वर्णनमपि लभ्यते।
भारद्वाज मुनि और ऋषि वाल्मीकि क्रौंच पक्षी के वध के समय तमसा नदी के तट पर थे।
••भारद्वाज: मुनि: वाल्मीकि: ऋषि: च क्रौञ्चपक्षिण: वधकाले तमसानद्या: तटे आस्ताम् (बभूवतु:)।
भगवान् श्रीराम के समय के ही ऋषि थे वाल्मीकि।
••वाल्मीकि: भगवत: श्रीरामस्य समकालीन: ऋषि: बभूव।
उन्होंने रामायण तब लिखी जब रावण-वध के बाद राम का राज्याभिषेक हो चुका था।
••स तदा रामायणं लिलेख यदा रावणवधानन्तरं रामस्य राज्याभिषेक: बभूव।
वे रामायण लिखने के लिए सोच रहे थे और विचार-विमर्श कर रहे थे लेकिन उनको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।
••स रामायणं लेखितुं चिनन्तयामास विचारविमर्शं च चकार,परन्तु स किमपि अवगन्तुं स्वयम् अशक्तो अनुबभूव।
तब एक दिन सुबह गंगा के पास बहने वाली तमसा नदी के एक अत्यंत निर्मल जल वाले तीर्थ पर मुनि वाल्मीकि अपने शिष्य भारद्वाज के साथ स्नान के लिए गए।
••तदा एकस्मिन् दिने प्रात:काले गङ्गानदीं निकषा प्रवहन्त्या: तमसानद्या: एकस्मिन् अतीव निर्मलजले तीर्थे मुनि: वाल्मीकि: स्वशिष्येण भारद्वाजेन सह स्नातुं जगाम।
वहां नदी के किनारे पेड़ पर क्रौंच पक्षी का एक जोड़ा अपने में मग्न था, तभी व्याध ने इस जोड़े में से नर क्रौंच को अपने बाण से मार गिराया।
••तत्र नदीतटे वृक्षे क्रौंचपक्षियुगलम् आत्मन्येव निगमग्नं बभूव तदैव व्याध: अस्य युगलस्य नरक्रौञ्चं स्वबाणेन जघान।
रोती हुई मादा क्रौंच भयानक विलाप करने लगी।
••रुदन्ती क्रौञ्चा भयंकरं विलपितुमारेभे।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
July 2, 2023
July 2, 2023
July 2, 2023
युवती -( पयोहिमविक्रेतारम् उद्दिश्य) भोः भ्रातः! मह्यं दशरूप्यकात्मकं पयोहिमं ददातु।
विक्रेता - अस्तु भगिनि! स्वीकरोतु एतत् पयोहिमम्।
युवती -आम्, समीचीनम्! एतस्य मूल्यं किम्?
विक्रेता - विंशतिः रूप्यकाणि।
युवती- अस्तु भ्रातः! (स्यूतात् विंशतिः रूप्यकाणि निष्कास्य) स्वीकरोतु।
#hasya
विक्रेता - अस्तु भगिनि! स्वीकरोतु एतत् पयोहिमम्।
युवती -आम्, समीचीनम्! एतस्य मूल्यं किम्?
विक्रेता - विंशतिः रूप्यकाणि।
युवती- अस्तु भ्रातः! (स्यूतात् विंशतिः रूप्यकाणि निष्कास्य) स्वीकरोतु।
#hasya
July 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - पूर्णिमा शाम 05:08 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️ दिनांक - 03 जुलाई 2023
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - आषाढ़
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - मूल सुबह 11:12 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅️ योग - ब्रह्म दोपहर 03:45 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅️ राहु काल - सुबह 07:40 से 09:21 तक
⛅️ सूर्योदय - 05:58
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक*
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - पूर्णिमा शाम 05:08 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅️ दिनांक - 03 जुलाई 2023
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - आषाढ़
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - मूल सुबह 11:12 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅️ योग - ब्रह्म दोपहर 03:45 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅️ राहु काल - सुबह 07:40 से 09:21 तक
⛅️ सूर्योदय - 05:58
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:34 से 05:16 तक*
July 2, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/eGVyJz1-DhU
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Sanskrit Samachar | President Murmu to be on 5-day visit to Karnataka, Telangana, and Maharashtra
President Droupadi Murmu will be on a five-day visit to Karnataka, Telangana, and Maharashtra from today
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July 2, 2023
🍃
🔆 अक्षक्रीडा वाद्यं नाटकं (चलचित्राणि) महिलासु पुरुषेषु वा आसक्तिः आलस्यः निद्रा एते षड्गुणाः विद्यार्थिनः विद्याप्राप्त्यां क्लेशान् उत्पादयन्ति।
⚜जुआ, वाद्य, नाट्य (वर्तमान परिवेश में फिल्म) में आसक्ति, स्त्री (या पुरुष) में आसक्ति, तंद्रा, और निंद्रा – ये छः विद्या प्राप्ति में विघ्न होते हैं ।
#Subhashitam
दुयतं पुस्तकवाद्ये च नाटकेषु च सक्तिता ।
स्त्रियस्तन्द्रा च निन्द्रा च विद्याविघ्नकराणि षट्
।।🔆 अक्षक्रीडा वाद्यं नाटकं (चलचित्राणि) महिलासु पुरुषेषु वा आसक्तिः आलस्यः निद्रा एते षड्गुणाः विद्यार्थिनः विद्याप्राप्त्यां क्लेशान् उत्पादयन्ति।
⚜जुआ, वाद्य, नाट्य (वर्तमान परिवेश में फिल्म) में आसक्ति, स्त्री (या पुरुष) में आसक्ति, तंद्रा, और निंद्रा – ये छः विद्या प्राप्ति में विघ्न होते हैं ।
#Subhashitam
July 2, 2023
July 3, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
क्रौंच पक्षी वध से द्रवित होकर वाल्मीकि के मुंह से निकला रामायण का ये पद। ••एते रामायणश्लोकाः कौञ्चपक्षिवधेन प्रेरिताः सन्तः वाल्मीकेः मुखात् बहिर्जग्मु:। मनुष्य ने पहली कविता कब लिखी यह बता पाना बहुत कठिन है। ••मनुष्यः कदा प्रथमं काव्यं लिखितवान् इति वक्तुं…
इस हृदयविदारक घटना को देखकर वाल्मीकि का हृदय इतना द्रवित हुआ कि उनके मुख से अचानक श्लोक फूट पड़ा-
••एनं हृदयविदारकं प्रसङ्गं दृष्ट्वा वाल्मीके: हृदयं एतावत् भावविह्वलं बभूव यत् तस्य मुखात् सहसा श्लोकः प्रस्फुटित: बभूव -
मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।यत्क्रौंचमिथुनादेकमवधी काममोहितम्।।
••अर्थ -(निषाद) हे निषाद !(त्वम्) तुमको(शाश्वती: समा:) अनंत काल तक (प्रतिष्ठा)शांति (अगम:) न मिले, (यत्)क्योकि(त्वम्) तुमने (मिथुनात् काममोहितं एकं क्रौञ्चं)प्रेम और प्रणय-क्रिया में लीन असावधान क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक की(अवधी:) बिना अपराध के ही हत्या कर दी।
यदा गुरु: वाल्मीकि: भारद्वाजं कथयाञ्चकार यत्
पादबद्धोक्षरसम: तन्त्रीलयसमन्वित:।
शोकार्तस्य प्रवृत्तो मे श्लोको भवतु नान्यथा।।
••(शोकप्रवृत्ते आर्तस्य)शोक मे डूबे हुए दुखी व्यक्ति के लिए (मे श्लोक:) मेरा श्लोक(तन्त्रीलयसमन्वित: भवतु) वीणा के लय पर गाने योग्य है और (नान्यथा) दूसरों के लिए नहीं।
करुणा में से काव्य का उदय हो चुका था जो वैदिक काव्य की शैली, भाषा और भाव से एकदम अलग था, नया था और इसीलिए वाल्मीकि को ब्रह्मा का आशीर्वाद मिला कि तुमने काव्य रचा है, तुम आदिकवि हो, अपनी इसी श्लोक शैली में रामकथा लिखना।
••करुणाया: काव्यम् उद्भुतं बभूव यत् वैदिककाव्यस्य शैल्या: भाषाया: भावात् च सर्वथा पृथक् नूतनं च बभूव एवञ्च अत एव ब्रह्म: वाल्मीकिने आशीर्वादं ददौ यत् त्वं काव्यं रचितवान्, त्वम् आदिकवि: असि,अस्यामेव निजश्लोकशैल्यां रामकथां रचय।
यावत् स्थास्यन्ति गिरय: सरितश्च महीतले।
तावद्रामायणकथा लोकेषु प्रचरिष्यति।।
••(यावत् )जब तक (महीतले)पृथ्वी पर (गिरय: लरितश्च)पहाड़ और नदियां (स्थास्यन्ति)रहेगी (तावत् रामायणकथा) रामायण की कथाएं (लोकेषु)दुनिया में हर जगह (प्रचरिष्यति)लोकप्रिय रहेगी।
वाल्मीकि जब अपनी ओर से रामायण की रचना पूरी कर चुके थे तब राम द्वारा त्यागी गयी और गर्भिणी सीता भटकती हुई उनके आश्रम में आ पहुंची।
••यदा वाल्मीकि: स्वपक्षत: रामायणस्य रचनां चकार तदा रामेण परित्यक्ता गर्भवती च सीता भ्रमन्ती तस्याश्रमे सम्प्राप्ता बभूव।
बेटी की तरह सीता को उन्होंने अपने आश्रय में रखा।
••पुत्री इव सीतां स स्वाश्रमे स्थापितवान् (स्थापयञ्चकार)।
वहां सीता ने दो जुड़वां बेटों लव और कुश को जन्म दिया।
••तत्र सीता द्वौ युगलपुत्रौ लवकुशौ जनितवती (जजान)।
दोनों बच्चों को वाल्मीकि ने शास्त्र के साथ ही शस्त्र की शिक्षा प्रदान की।
••शास्त्रैः सह वाल्मीकिः उभाभ्यां बालकाभ्यां शस्त्रशिक्षां दत्तवान् (ददौ)।
इन्हीं दोनों बच्चों को मुनि ने अपनी लिखी रामकथा याद कराई जो उन्होंने सीता के आने के बाद फिर से लिखनी शुरू की थी और उसे नाम दिया-उत्तरकांड।
••मुनिः एताभ्यां बालकाभ्यां स्वेन लिखिताया: रामस्य कथाया:
स्मरणं कारितवान् (चिचिकर्ष) यस्या: स सीतायाः आगमनानन्तरं पुनर्लेखनमारब्धवान् आसीत् (पुनर्लेखनमारेभे) स च तस्याः नामकरणं कृतवान्(चकार)- उत्तरकाण्ड:।
उसी रामकथा को कुश और लव ने राम के दरबार में अश्वमेघ यज्ञ के अवसर पर सम्पूर्ण रूप से सुनाया था।
••लव: कुश: च रामदरबारे अश्वमेघयज्ञावसरे तमेव सम्पूर्णरामायणं शुशुश्रूषतु:(श्रावितवन्तौ आस्ताम्)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••एनं हृदयविदारकं प्रसङ्गं दृष्ट्वा वाल्मीके: हृदयं एतावत् भावविह्वलं बभूव यत् तस्य मुखात् सहसा श्लोकः प्रस्फुटित: बभूव -
मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।यत्क्रौंचमिथुनादेकमवधी काममोहितम्।।
••अर्थ -(निषाद) हे निषाद !(त्वम्) तुमको(शाश्वती: समा:) अनंत काल तक (प्रतिष्ठा)शांति (अगम:) न मिले, (यत्)क्योकि(त्वम्) तुमने (मिथुनात् काममोहितं एकं क्रौञ्चं)प्रेम और प्रणय-क्रिया में लीन असावधान क्रौंच पक्षी के जोड़े में से एक की(अवधी:) बिना अपराध के ही हत्या कर दी।
यदा गुरु: वाल्मीकि: भारद्वाजं कथयाञ्चकार यत्
पादबद्धोक्षरसम: तन्त्रीलयसमन्वित:।
शोकार्तस्य प्रवृत्तो मे श्लोको भवतु नान्यथा।।
••(शोकप्रवृत्ते आर्तस्य)शोक मे डूबे हुए दुखी व्यक्ति के लिए (मे श्लोक:) मेरा श्लोक(तन्त्रीलयसमन्वित: भवतु) वीणा के लय पर गाने योग्य है और (नान्यथा) दूसरों के लिए नहीं।
करुणा में से काव्य का उदय हो चुका था जो वैदिक काव्य की शैली, भाषा और भाव से एकदम अलग था, नया था और इसीलिए वाल्मीकि को ब्रह्मा का आशीर्वाद मिला कि तुमने काव्य रचा है, तुम आदिकवि हो, अपनी इसी श्लोक शैली में रामकथा लिखना।
••करुणाया: काव्यम् उद्भुतं बभूव यत् वैदिककाव्यस्य शैल्या: भाषाया: भावात् च सर्वथा पृथक् नूतनं च बभूव एवञ्च अत एव ब्रह्म: वाल्मीकिने आशीर्वादं ददौ यत् त्वं काव्यं रचितवान्, त्वम् आदिकवि: असि,अस्यामेव निजश्लोकशैल्यां रामकथां रचय।
यावत् स्थास्यन्ति गिरय: सरितश्च महीतले।
तावद्रामायणकथा लोकेषु प्रचरिष्यति।।
••(यावत् )जब तक (महीतले)पृथ्वी पर (गिरय: लरितश्च)पहाड़ और नदियां (स्थास्यन्ति)रहेगी (तावत् रामायणकथा) रामायण की कथाएं (लोकेषु)दुनिया में हर जगह (प्रचरिष्यति)लोकप्रिय रहेगी।
वाल्मीकि जब अपनी ओर से रामायण की रचना पूरी कर चुके थे तब राम द्वारा त्यागी गयी और गर्भिणी सीता भटकती हुई उनके आश्रम में आ पहुंची।
••यदा वाल्मीकि: स्वपक्षत: रामायणस्य रचनां चकार तदा रामेण परित्यक्ता गर्भवती च सीता भ्रमन्ती तस्याश्रमे सम्प्राप्ता बभूव।
बेटी की तरह सीता को उन्होंने अपने आश्रय में रखा।
••पुत्री इव सीतां स स्वाश्रमे स्थापितवान् (स्थापयञ्चकार)।
वहां सीता ने दो जुड़वां बेटों लव और कुश को जन्म दिया।
••तत्र सीता द्वौ युगलपुत्रौ लवकुशौ जनितवती (जजान)।
दोनों बच्चों को वाल्मीकि ने शास्त्र के साथ ही शस्त्र की शिक्षा प्रदान की।
••शास्त्रैः सह वाल्मीकिः उभाभ्यां बालकाभ्यां शस्त्रशिक्षां दत्तवान् (ददौ)।
इन्हीं दोनों बच्चों को मुनि ने अपनी लिखी रामकथा याद कराई जो उन्होंने सीता के आने के बाद फिर से लिखनी शुरू की थी और उसे नाम दिया-उत्तरकांड।
••मुनिः एताभ्यां बालकाभ्यां स्वेन लिखिताया: रामस्य कथाया:
स्मरणं कारितवान् (चिचिकर्ष) यस्या: स सीतायाः आगमनानन्तरं पुनर्लेखनमारब्धवान् आसीत् (पुनर्लेखनमारेभे) स च तस्याः नामकरणं कृतवान्(चकार)- उत्तरकाण्ड:।
उसी रामकथा को कुश और लव ने राम के दरबार में अश्वमेघ यज्ञ के अवसर पर सम्पूर्ण रूप से सुनाया था।
••लव: कुश: च रामदरबारे अश्वमेघयज्ञावसरे तमेव सम्पूर्णरामायणं शुशुश्रूषतु:(श्रावितवन्तौ आस्ताम्)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
July 3, 2023
Namstey
Join 1st level Sanskrit language Class on 04:00 PM
From 04th jul to 27th jul 2023
Google Meet Link- https://meet.google.com/shg-fyyf-zqg
Join Whatsapp Group -https://chat.whatsapp.com/HoW1ACdguOkF0KqbOwbzeO
Contact your Sanskrit Trainer Name-shivpratap
No.7307031201,9695196020
E.Mail- ratneshmishra921@gmail.Com
From - Up Sanskrit Sansthan Lucknow
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From 04th jul to 27th jul 2023
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From - Up Sanskrit Sansthan Lucknow
July 3, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 01:38 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 04 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 08:25 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 11:50 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:48 तक
⛅ सूर्योदय - 05:59
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावण मासारम्भ, विद्यालाभ योग
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 01:38 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 04 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 08:25 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 11:50 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:48 तक
⛅ सूर्योदय - 05:59
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावण मासारम्भ, विद्यालाभ योग
July 3, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/V-t1KNxTxBo
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
July 3, 2023
July 3, 2023
नमो नमः
हमे यह सूचित करते हुये अत्यंत हर्ष हो रहा है की संस्कृतरसानन्दगुरुकुलम् के द्वारा संचालित शत दिवसात्मक संस्कृत सम्भाषण कक्षा बुधवार दिनांक 5 जुलाई से प्रारम्भ हो रही है । यह कक्षा गूगल मिट एप्लीकेशन के माध्यम से होगी । कक्षा का समय प्रातः 6 से 7 रहेगा ।
यह कक्षा सशुल्क कक्षा है जिसका प्रतिमाह 1000/- रुपये सहयोग शुल्क है । ( 100 दिन के लिये कुल 3000/- रुपये है।) जो की आप को प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद देना है । उस के बाद आप को आवेदन पत्र दिया जायेगा जिसे पूर्ण कर आप संस्कृत कक्षा में आधिकारिक रूप से प्रवेश प्राप्त कर सकते है ।
प्रवेश प्रक्रिया
कक्षा का सहयोग शुक्ल 1000/- रुपये 9998657750 ( दुष्यन्त व्यास) नंबर पर google pay, phone pay अथवा paytm के माध्यम से प्रत्यर्पित करे ।
शुल्क जमा करने के बाद उसका स्क्रीनशॉट इस क्रमांक पर (7420991219) भेजे ।
यदि आप इच्छुक है तो नीचें प्रदत्त लिंक के माध्यम से हमारे व्हाट्सऐप गण में जुड सकते है ।
https://chat.whatsapp.com/Byb3Oqb5KdI4uzTMDtD752
हमे यह सूचित करते हुये अत्यंत हर्ष हो रहा है की संस्कृतरसानन्दगुरुकुलम् के द्वारा संचालित शत दिवसात्मक संस्कृत सम्भाषण कक्षा बुधवार दिनांक 5 जुलाई से प्रारम्भ हो रही है । यह कक्षा गूगल मिट एप्लीकेशन के माध्यम से होगी । कक्षा का समय प्रातः 6 से 7 रहेगा ।
यह कक्षा सशुल्क कक्षा है जिसका प्रतिमाह 1000/- रुपये सहयोग शुल्क है । ( 100 दिन के लिये कुल 3000/- रुपये है।) जो की आप को प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बाद देना है । उस के बाद आप को आवेदन पत्र दिया जायेगा जिसे पूर्ण कर आप संस्कृत कक्षा में आधिकारिक रूप से प्रवेश प्राप्त कर सकते है ।
प्रवेश प्रक्रिया
कक्षा का सहयोग शुक्ल 1000/- रुपये 9998657750 ( दुष्यन्त व्यास) नंबर पर google pay, phone pay अथवा paytm के माध्यम से प्रत्यर्पित करे ।
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July 3, 2023
🍃
🔆 मुखं कमलपुष्पम् इव करोति वाणीं चन्दनम् इव शीतलां करोति तथा हृदये क्रोधः भवति एतानि धूर्तस्य लक्षणानि भवन्ति।
⚜मुख पद्मदल के आकार का (कमल के प्रकार सुंदर), वाणी चंदन जैसी शीतल, और ह्रदय क्रोध से भरा हुआ – ये तीन धूर्त के लक्षण हैं ।
#Subhashitam
मुखं पद्मदलाकारं वाणी चन्दनशीतला ।
ह्रदयं क्रोधसंयुक़्तं त्रिविधं धूर्तलक्षणम्
॥🔆 मुखं कमलपुष्पम् इव करोति वाणीं चन्दनम् इव शीतलां करोति तथा हृदये क्रोधः भवति एतानि धूर्तस्य लक्षणानि भवन्ति।
⚜मुख पद्मदल के आकार का (कमल के प्रकार सुंदर), वाणी चंदन जैसी शीतल, और ह्रदय क्रोध से भरा हुआ – ये तीन धूर्त के लक्षण हैं ।
#Subhashitam
July 3, 2023
गोसेवां भाग्यवन्तः एव अवाप्नुवन्ति।
भाग्यवन्तः इत्यत्र कः प्रत्ययः।
भाग्यवन्तः इत्यत्र कः प्रत्ययः।
Anonymous Quiz
33%
क्तवतु
44%
मतुप्
17%
क्त
7%
णमुल्
July 4, 2023
July 4, 2023
प्रथमपुरुष
•१)शिशुः अम्बायाः अङ्के आस्ते ।
~~बच्चा माँ की गोद में बैठता है ।
•२)छात्रौ पट्टिकयाम् आसाते ।
~~दो छात्र पट्टी पर बैठते हैं ।
•३)मुनिजनाः वृक्षम् अधः आसते ।
~~मुनि लोग पेड़ के नीचे बैठते हैं ।
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
*मध्यमपुरुष**
•४)त्वं खट्वायाम् आस्से ।
~~तुम खाट(खटिया) पर बैठते हो ।
•५)युवाम् उत्पीठिकायाम् आसाथे ।
~~तुम दोनो मेज पर बैठते हो ।
•६)यूयं छदिषि आध्वे ।
तुम सब छत पर बैठते हो ।
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
उत्तमपुरुष
•६)अहं भूमौ आसे ।
~~मैं धरती पर बैठता हूँ ।
•७)आवाम् आसन्दयोः आस्वहे ।
~~हम दोनों कुर्सियों पर बैठते हैं ।
•८)वयं वसुधायाः अङ्के आस्महे ।
~~हम सब धरती की गोंद में बैठते हैं ।
#vakyabhyas
•१)शिशुः अम्बायाः अङ्के आस्ते ।
~~बच्चा माँ की गोद में बैठता है ।
•२)छात्रौ पट्टिकयाम् आसाते ।
~~दो छात्र पट्टी पर बैठते हैं ।
•३)मुनिजनाः वृक्षम् अधः आसते ।
~~मुनि लोग पेड़ के नीचे बैठते हैं ।
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
*मध्यमपुरुष**
•४)त्वं खट्वायाम् आस्से ।
~~तुम खाट(खटिया) पर बैठते हो ।
•५)युवाम् उत्पीठिकायाम् आसाथे ।
~~तुम दोनो मेज पर बैठते हो ।
•६)यूयं छदिषि आध्वे ।
तुम सब छत पर बैठते हो ।
🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟
उत्तमपुरुष
•६)अहं भूमौ आसे ।
~~मैं धरती पर बैठता हूँ ।
•७)आवाम् आसन्दयोः आस्वहे ।
~~हम दोनों कुर्सियों पर बैठते हैं ।
•८)वयं वसुधायाः अङ्के आस्महे ।
~~हम सब धरती की गोंद में बैठते हैं ।
#vakyabhyas
July 4, 2023
July 4, 2023
आयाति निश्चिते काले किन्तु नास्त्येव निश्चिता ।
प्रस्थानाय तिथिर्यस्य तस्मादतिथिरुच्यते ॥
य: अतति - सातत्येन गच्छति स: ‘अतिथि:’ उच्यते शास्त्रे (अत + इथिन्) । किन्तु केचन तु गृहम् आगता: सन्त: गमनलक्षणं न दर्शयन्ति एव । तेषां प्रस्थानदिनं निश्चितं न भवति । ‘अयं कदा वा इत: निर्गच्छेत्’ इति चिन्तयन् गृहस्वामी यथा बहुधा खिद्येत तथा स्थितिं निर्मान्ति ते । अत: एव कवि: कश्चन वदति - यस्य (गमन)तिथि: न विद्यते स: ‘अतिथि:’ इति उच्यते इति । अत्र व्युत्पत्तौ तात्पर्ये वा असम्मतिं दर्शयितुं नार्हाम: वयम् । भवताम् आशय: क: एतस्मिन् विषये ?
#hasya
July 4, 2023
July 4, 2023
JioMeet meeting details
Topic: Vadatu Sanskritam Level 1 Session
Date & Time: Every Tuesday, 08:00 PM (IST)
Join the meeting in 2 ways
Option 1: Join through Link:
Click here to join the session
Option 2: Download JioMeet Mobile or Desktop App & join using below details
Meeting ID:
Password:
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Topic: Vadatu Sanskritam Level 1 Session
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963 303 9426
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July 4, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वैष्णो देवी
🗓०५जुलै २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(वैष्णो धाम्नः विषये वक्तव्यम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वैष्णो देवी
🗓०५जुलै २०२३, बुधवासरः
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Telegram
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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July 4, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया सुबह 10:02 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 05 जुलाई 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - श्रवण रात्रि 02:56 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - वैधृति सुबह 07:48 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:44 से 02:25 तक
⛅ सूर्योदय - 05:59
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया सुबह 10:02 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 05 जुलाई 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
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⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - श्रवण रात्रि 02:56 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
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⛅ सूर्योदय - 05:59
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⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
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⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:05 तक
July 4, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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News In English | Vaarta : India lifts SAFF Championship 2023 trophy for ninth time
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 4, 2023
July 4, 2023
July 4, 2023
🍃
🔆 अहिंसा उत्तमा वाणी सत्यं शुद्धता
दया क्षमा एतत् सर्वं सन्न्यासीनां भिन्नानां वर्णानां मनुष्याणां धर्मः भवति।
⚜अहिंसा, मधुर वाणी, सत्य, शुचिता, दया और क्षमा इतने धर्म,
सन्यासी तथा विभिन्न वार्णों के लोगोंके लिये सामान्य धर्म कहा जाता है ।
#Subhashitam
-अग्निपुराण, २३७/१०
अहिंसा सूनृता वाणी सत्यं शौचं दया क्षमा ।
वार्णिनां लिङ्गिनां चैव सामान्यो धर्म उच्यते
॥🔆 अहिंसा उत्तमा वाणी सत्यं शुद्धता
दया क्षमा एतत् सर्वं सन्न्यासीनां भिन्नानां वर्णानां मनुष्याणां धर्मः भवति।
⚜अहिंसा, मधुर वाणी, सत्य, शुचिता, दया और क्षमा इतने धर्म,
सन्यासी तथा विभिन्न वार्णों के लोगोंके लिये सामान्य धर्म कहा जाता है ।
#Subhashitam
-अग्निपुराण, २३७/१०
July 4, 2023
July 4, 2023
अस्मद् शब्दस्य पञ्चम्याः विभक्त्याः बहुवचनस्य रूपं किम्।
Anonymous Quiz
9%
मत्
20%
अस्मात्
37%
अस्मत्
34%
अस्मभ्यम्
July 5, 2023
🌟नृत् धातुः (नाचना)🌟
नृत्यति नृत्यतः नृत्यन्ति
नृत्यसि नृत्यथः नृत्यथ
नृत्यामि नृत्यावः नृत्यामः
वाक्याभ्यासः
प्रथमपुरुषः
१]मयूरः जलदान् दृष्ट्वा नृत्यति ।
(मोर बादलों को देखकर नाचता है।)
२]इमौ युवकौ उत्सवदिने नृत्यतः ।
(ये दोनों युवक पर्व के दिन नाचते हैं।)
३]शिशवः अम्बां दृष्ट्वा हर्षेण नृत्यन्ति ।
(बच्चे माता को देखकर खुशी से नाचते हैं।)
🌷🌻🌷
मध्यमपुरुषः
४]त्वं कदा नृत्यसि ?
(तुम कब नाचते हो?)
५]युवां तु गीतानि श्रुत्वा नृत्यथः ।
(तुम दोनों तो गाने सुनकर नाचते हो।)
६]यूयं सम्यक्तया न नृत्यथ ।
(तुम सब ठीक से नहीं नाचते हो।)
🌷🌻🌷
उत्तमपुरुषः
७]अहं मित्रैः सह नृत्यामि ।
(मैं मित्रों के साथ नाचता हूँ।)
८]आवां युगपत् नृत्यावः ।
(हम दोनों एकसाथ नाचते हैं।)
९]वयं होलिकोत्सवदिने नृत्यामः च ।
(हम सब होली पर्व के दिन नाचते हैं।
#vakyabhyas
नृत्यति नृत्यतः नृत्यन्ति
नृत्यसि नृत्यथः नृत्यथ
नृत्यामि नृत्यावः नृत्यामः
वाक्याभ्यासः
प्रथमपुरुषः
१]मयूरः जलदान् दृष्ट्वा नृत्यति ।
(मोर बादलों को देखकर नाचता है।)
२]इमौ युवकौ उत्सवदिने नृत्यतः ।
(ये दोनों युवक पर्व के दिन नाचते हैं।)
३]शिशवः अम्बां दृष्ट्वा हर्षेण नृत्यन्ति ।
(बच्चे माता को देखकर खुशी से नाचते हैं।)
🌷🌻🌷
मध्यमपुरुषः
४]त्वं कदा नृत्यसि ?
(तुम कब नाचते हो?)
५]युवां तु गीतानि श्रुत्वा नृत्यथः ।
(तुम दोनों तो गाने सुनकर नाचते हो।)
६]यूयं सम्यक्तया न नृत्यथ ।
(तुम सब ठीक से नहीं नाचते हो।)
🌷🌻🌷
उत्तमपुरुषः
७]अहं मित्रैः सह नृत्यामि ।
(मैं मित्रों के साथ नाचता हूँ।)
८]आवां युगपत् नृत्यावः ।
(हम दोनों एकसाथ नाचते हैं।)
९]वयं होलिकोत्सवदिने नृत्यामः च ।
(हम सब होली पर्व के दिन नाचते हैं।
#vakyabhyas
July 5, 2023
July 5, 2023
शुष्कोपवासो धर्मेषु भैषज्येषु च लङ्घनम्।
जपयज्ञश्च यज्ञेषु रोचते लोभशालिनाम्॥
लोभयुक्तं जनं पृच्छन्तु भवन्तः - 'धार्मिककार्येषु किं भवतः प्रियम् ?' इति । सः वदेत् - 'उपवासः एव मम प्रियः' इति । यतः तदर्थं वराटिकाव्ययः अपि कारणीयः नास्ति । 'चिकित्साक्रमे कः योग्यः ?' इति पृष्टः लोभी वदेत् - 'लङ्घनं (निराहारस्थितिः) परमौषधम्' इति । यतः अत्रापि व्ययप्रसक्तिः सर्वथा नास्ति । 'यज्ञेषु कः यज्ञः प्रियः ?' इति पृष्टः सः वदेत् - 'व्ययं विनैव कर्तुं शक्यः नामजपयज्ञः एव मम प्रियः' इति । एवं यत् व्ययं विना सिद्ध्येत् तदेव रोचते लोभिने ।
#hasya
July 5, 2023
July 5, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वर्षाकालः
🗓०६जुलै २०२३, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(वर्षायाः ऋतौ के के विषयाः अवधातव्याः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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सङ्ग्रहः
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वर्षाकालः
🗓०६जुलै २०२३, गुरुवासरः
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वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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July 5, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 06:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅दिनांक - 06 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - प्रीति रात्रि 12:00 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 02:25 से 04:07 तक
⛅ सूर्योदय - 05:59
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - जयापार्वती व्रत समाप्त, संकष्ट चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 06:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅दिनांक - 06 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 12:25 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - प्रीति रात्रि 12:00 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 02:25 से 04:07 तक
⛅ सूर्योदय - 05:59
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:35 से 05:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - जयापार्वती व्रत समाप्त, संकष्ट चतुर्थी
July 5, 2023
https://youtu.be/qsln9mkJ1Go
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News in Sanskrit | Vaarta | Raksha Mantri Rajnath Singh to preside over MoD ‘Chintan Shivir’
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 5, 2023
July 5, 2023
July 5, 2023
July 5, 2023
🍃
🔆 यः मित्रं वञ्चयति यः कृतघ्नः (यः कृतमुपकारं विस्मरति) भवति यः च विश्वासपातकाः भवन्ति तादृशाः जनाः नरकं प्राप्नुवन्ति यावत् चन्द्रः सूर्यः च स्तः (दीर्घंकालाय) तावत्।
⚜ जो मित्र से द्रोह करता है जो किए हुए उपकार को भूल जाता है जो विश्वास घात करता है ऐसा जो करता है वह चन्द्र और सूर्य के रहने तक नरक भोगता है।
#Subhashitam
मित्रद्रोही कृतघ्नश्च ये च विश्वासघातकाः।
ते नरा नरके यान्ति यावच्चन्द्रदिवाकरौ
॥🔆 यः मित्रं वञ्चयति यः कृतघ्नः (यः कृतमुपकारं विस्मरति) भवति यः च विश्वासपातकाः भवन्ति तादृशाः जनाः नरकं प्राप्नुवन्ति यावत् चन्द्रः सूर्यः च स्तः (दीर्घंकालाय) तावत्।
⚜ जो मित्र से द्रोह करता है जो किए हुए उपकार को भूल जाता है जो विश्वास घात करता है ऐसा जो करता है वह चन्द्र और सूर्य के रहने तक नरक भोगता है।
#Subhashitam
July 5, 2023
युष्मद् शब्दस्य पञ्चम्याः विभक्त्याः बहुवचनस्य रूपं किम्।
Anonymous Quiz
5%
त्वत्
10%
युष्मात्
59%
युष्मत्
25%
युष्मभ्यम्
July 6, 2023
July 6, 2023
मुदित पढ़ता है।
= मुदितः पठति।
अभय और साकेत नहीं पढ़ते हैं।
= अभयः साकेतः च न पठतः।
अजय, बालकृष्ण, गोविंद और राधेश्याम थोड़ा* पढ़ते हैं।
= अजयः बालकृष्णः गोविन्दः राधेश्यामः च मनाक्* पठन्ति।
तुम क्या पढ़ते हो ?
= किं त्वं पठसि ?
तुम दोनों क्या पढ़ते हो ?
= युवां किं पठथः ?
तुम सब रामायण पढ़ते हो।
=यूयं रामायणं पठथ।
मैं कुछ भी नहीं पढ़ता।
= अहं किमपि न पठामि।
हम दोनों संस्कृत पढ़ते हैं।
= आवां संस्कृतं पठावः।
हम सब पढ़ते हैं।
= वयं पठामः।
1) कृष्ण अर्जुन को दिव्यदृष्टि देता है ।
= कृष्णः अर्जुनाय दिव्यदृष्टिं ददाति।
2) साकेत अभय को हाथ से लड्डू देता है।
= साकेतः अभयाय हस्तेन मोदकं ददाति।
3) मुदित कार से जयपुर से जोधपुर जाता है।
= मुदितः कारयानेन जयपुरात् जोधपुरं गच्छति।
4) श्यामकिशोर की पुस्तकें हैं।
= श्यामकिशोरस्य पुस्तकानि सन्ति।
5) पाकिस्तान में आतंकवादी रहते हैं।
= पाकिस्ताने आतङ्कवादिनः वसन्ति।
#vakyabhyas
= मुदितः पठति।
अभय और साकेत नहीं पढ़ते हैं।
= अभयः साकेतः च न पठतः।
अजय, बालकृष्ण, गोविंद और राधेश्याम थोड़ा* पढ़ते हैं।
= अजयः बालकृष्णः गोविन्दः राधेश्यामः च मनाक्* पठन्ति।
तुम क्या पढ़ते हो ?
= किं त्वं पठसि ?
तुम दोनों क्या पढ़ते हो ?
= युवां किं पठथः ?
तुम सब रामायण पढ़ते हो।
=यूयं रामायणं पठथ।
मैं कुछ भी नहीं पढ़ता।
= अहं किमपि न पठामि।
हम दोनों संस्कृत पढ़ते हैं।
= आवां संस्कृतं पठावः।
हम सब पढ़ते हैं।
= वयं पठामः।
1) कृष्ण अर्जुन को दिव्यदृष्टि देता है ।
= कृष्णः अर्जुनाय दिव्यदृष्टिं ददाति।
2) साकेत अभय को हाथ से लड्डू देता है।
= साकेतः अभयाय हस्तेन मोदकं ददाति।
3) मुदित कार से जयपुर से जोधपुर जाता है।
= मुदितः कारयानेन जयपुरात् जोधपुरं गच्छति।
4) श्यामकिशोर की पुस्तकें हैं।
= श्यामकिशोरस्य पुस्तकानि सन्ति।
5) पाकिस्तान में आतंकवादी रहते हैं।
= पाकिस्ताने आतङ्कवादिनः वसन्ति।
#vakyabhyas
July 6, 2023
स्मृते सीदन्ति गात्राणि दृष्टे प्रज्ञा विनश्यति ।
अहो महदिदं भूतमुत्तमर्णाभिशब्दितम् ॥
यस्य स्मरणमात्रेण शरीरं शक्तिहीनं भवेत्, यस्य दर्शनात् बुद्धिः कार्यासमर्था भवेत् सः कः ? स तु अस्ति ‘ऋणदाता’ । तस्य महापिशाचस्य पीडा तु अवर्णनीया । अतः एव स्मरणमात्रात् एव शरीरे कम्पः । दर्शनेन तु जङ्घाबलं विलुप्यते ! अतः एव प्राचीनैः उक्तम् - ‘ऋणगर्ते पतनं विनाशाय’ इति ।
#hasya
July 6, 2023
*भगवद्गीतया सह जागरणम्*
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - ०७-०७-२०२३
दिवस: - शुक्रवासर:
प्रवचनम् - पञ्चदशोऽध्याय:(पुरुषोत्तमयोग:)
श्लोकसंख्या- ०७-०८
संयोजनम् - डॉ.शशधरसाहु:
5.30-5.32 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीअमरेन्द्रसाहु:
5.32- 5.37AM (श्लोकावृत्ति:):- डॉ.रामचन्द्रपलाइ
5:37 - 6:20 AM (प्रवचनम्):- प्रो.कालिप्रसादमिश्र:
6:20 - 6:29 AM (समापनटिप्पणी): श्रीजयराममिश्र:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - ०७-०७-२०२३
दिवस: - शुक्रवासर:
प्रवचनम् - पञ्चदशोऽध्याय:(पुरुषोत्तमयोग:)
श्लोकसंख्या- ०७-०८
संयोजनम् - डॉ.शशधरसाहु:
5.30-5.32 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीअमरेन्द्रसाहु:
5.32- 5.37AM (श्लोकावृत्ति:):- डॉ.रामचन्द्रपलाइ
5:37 - 6:20 AM (प्रवचनम्):- प्रो.कालिप्रसादमिश्र:
6:20 - 6:29 AM (समापनटिप्पणी): श्रीजयराममिश्र:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
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July 6, 2023
July 6, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰सुभाषितं कथा प्रहेलिका
🗓०७ जुलै २०२३, शुक्रवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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July 6, 2023
🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक - 07 जुलाई 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - पंचमी रात्रि 12:17 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 10:16 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅योग - आयुष्मान रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅राहु काल - सुबह 11:03 से दोपहर 12:45 तक
⛅सूर्योदय - 06:00
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅दिनांक - 07 जुलाई 2023
⛅दिन - शुक्रवार
⛅विक्रम संवत् - 2080
⛅शक संवत् - 1945
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⛅ऋतु - वर्षा
⛅मास - श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅तिथि - पंचमी रात्रि 12:17 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 10:16 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅योग - आयुष्मान रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅राहु काल - सुबह 11:03 से दोपहर 12:45 तक
⛅सूर्योदय - 06:00
⛅सूर्यास्त - 07:29
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
July 6, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/8RqD3pm5j9w
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | PM Narendra Modi to be on a two-day visit to four states
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 6, 2023
July 6, 2023
July 6, 2023
July 6, 2023
July 6, 2023
🍃
🔆 ते जनाः धन्याः ये मनसि उत्थितं कोपं स्वबुद्धया तथैव शामयन्ति यथा जलेन अग्निशिखा ।
(सुन्दरकांड: ५५.३)
⚜वे महान पुरुष धन्य हैं जो अपने उठे हुए क्रोध को अपनी बुद्धि के द्वारा उसी प्रकार रोक देते हैं, जैसे दीप्त अग्नि को जल से रोक दिया जाता है।
#Subhashitam
धन्या: खलु महात्मानो ये बुद्ध्या कोपमुत्थितम्।
निरुन्धन्ति महात्मानो दीप्तमग्निमिवाम्भसा
।।🔆 ते जनाः धन्याः ये मनसि उत्थितं कोपं स्वबुद्धया तथैव शामयन्ति यथा जलेन अग्निशिखा ।
(सुन्दरकांड: ५५.३)
⚜वे महान पुरुष धन्य हैं जो अपने उठे हुए क्रोध को अपनी बुद्धि के द्वारा उसी प्रकार रोक देते हैं, जैसे दीप्त अग्नि को जल से रोक दिया जाता है।
#Subhashitam
July 6, 2023
July 7, 2023
अस्माकं शौर्यगाथां विरोधिनः समीचीनतया स्मरन्ति।
वाक्ये अव्ययपदं किमस्ति।
वाक्ये अव्ययपदं किमस्ति।
Anonymous Quiz
7%
अस्माकम्
14%
शौर्यगाथाम्
49%
समीचीनतया
30%
नास्ति अव्ययः
July 7, 2023
क्षम् (क्षमा करना)
१-अम्बा सुतां क्षमते ।
(माता पुत्री को क्षमा करती है।)
२-राजा चोरं क्षमताम् ।
(राजा चोर को क्षमा करे।)
३-भवान् तम् अक्षमत ।
(आपने उसको क्षमा किया।)
४-भवती मां क्षमेत ।
(आपको मुझे क्षमा करना चाहिये ।)
५-जनकः सुतं क्षमिष्यते ।
(पिता पुत्र को क्षमा करेगा ।)
कर्मवाच्य
❁गुरुणा शिष्यः क्षम्यते ।❁
= गुरुजी के द्वारा शिष्य क्षमा किया जाता है ।
———————————————————
अप + ईक्ष्
(प्रतीक्षा करना, अपेक्षा करना, चाहना)
सः नित्यं मोदकानि न अपेक्षते।
=वह प्रतिदिन लड्डुओं की अपेक्षा नहीं करता है।
अभि + ईक्ष्
(टक लगाना, टकटकी बांधना)
वानरः कदलीम् अभीक्षते।
=बानर केले को एकटक देखता है।
अव + ईक्ष्
(देखना, निहारना)
भार्या पत्युः आगनस्य मार्गम् अवेक्षते।
उत् + ईक्ष्
(ऊपर देखना)
बालकः विमानम् उदीक्षते।
उप + ईक्ष्
(उपेक्षा करना, छोड़ना, त्यागना)
अहं दिवा शयनम् उपेक्षे।
मैं दिन में शयन को त्यागता हूं।
#vakyabhyas
१-अम्बा सुतां क्षमते ।
(माता पुत्री को क्षमा करती है।)
२-राजा चोरं क्षमताम् ।
(राजा चोर को क्षमा करे।)
३-भवान् तम् अक्षमत ।
(आपने उसको क्षमा किया।)
४-भवती मां क्षमेत ।
(आपको मुझे क्षमा करना चाहिये ।)
५-जनकः सुतं क्षमिष्यते ।
(पिता पुत्र को क्षमा करेगा ।)
कर्मवाच्य
❁गुरुणा शिष्यः क्षम्यते ।❁
= गुरुजी के द्वारा शिष्य क्षमा किया जाता है ।
———————————————————
अप + ईक्ष्
(प्रतीक्षा करना, अपेक्षा करना, चाहना)
सः नित्यं मोदकानि न अपेक्षते।
=वह प्रतिदिन लड्डुओं की अपेक्षा नहीं करता है।
अभि + ईक्ष्
(टक लगाना, टकटकी बांधना)
वानरः कदलीम् अभीक्षते।
=बानर केले को एकटक देखता है।
अव + ईक्ष्
(देखना, निहारना)
भार्या पत्युः आगनस्य मार्गम् अवेक्षते।
उत् + ईक्ष्
(ऊपर देखना)
बालकः विमानम् उदीक्षते।
उप + ईक्ष्
(उपेक्षा करना, छोड़ना, त्यागना)
अहं दिवा शयनम् उपेक्षे।
मैं दिन में शयन को त्यागता हूं।
#vakyabhyas
July 7, 2023
बुद्धिमतः मनुष्यस्य पञ्च गुणाः।
१ ) स्वीयं कर्म गुप्तरूपेण करोति।
२) यावत् स्वीयं कर्म पूर्णं न भवति तावत् कमपि न वदति।
३) केनापि सह विवदितुं नेच्छति प्रत्युत ततः निर्गमनं हि तस्मै रोचते।
४) न्यूनं भाषते किन्तु अधिकं शृणोति।
५) सर्वान् शृणोति किन्तु स्वीयं मनः यद् वदति तदेव करोति।
-प्रदीपः!
१ ) स्वीयं कर्म गुप्तरूपेण करोति।
२) यावत् स्वीयं कर्म पूर्णं न भवति तावत् कमपि न वदति।
३) केनापि सह विवदितुं नेच्छति प्रत्युत ततः निर्गमनं हि तस्मै रोचते।
४) न्यूनं भाषते किन्तु अधिकं शृणोति।
५) सर्वान् शृणोति किन्तु स्वीयं मनः यद् वदति तदेव करोति।
-प्रदीपः!
July 7, 2023
प्रस्थास्यमान: प्रविशेत् प्रतिष्ठेत दिने दिने ।
विचित्रानुल्लिखेत् विघ्नान् तिष्ठासुरतिथिश्चिरम् ॥
यदि कस्यचित् गृहे अतिथित्वेन दीर्घकालं स्थातुम् इच्छा तर्हि अत्र सन्ति केचन उपाया: । ‘त्वरया प्रस्थातव्यमस्ति मया’ इति वदता एव आतिथेयस्य गृहं प्रवेष्टव्यम् । ‘अद्य गच्छामि’ इति प्रतिदिनम् अपि वदेत् । प्रतिदिनम् अपि निर्गमनबाधकानि विचित्राणि कारणानि वक्तव्यानि च । एतादृशा: अन्ये अपि उपाया: आश्रिता: चेत् आतिथेयस्य गृहे दीर्घकालं वास: अवश्यं शक्य: ।
#hasya
July 7, 2023
July 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 09:51 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅️ दिनांक - 08 जुलाई 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - सौभाग्य शाम 05:23 तक तत्पश्चात शोभन
⛅️ राहु काल - सुबह 09:22 से 11:04 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:00
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 09:51 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅️ दिनांक - 08 जुलाई 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 08:36 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - सौभाग्य शाम 05:23 तक तत्पश्चात शोभन
⛅️ राहु काल - सुबह 09:22 से 11:04 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:00
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
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July 7, 2023
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰श्रावणमासः शिवपूजा च
🗓०८ जुलै २०२३, शनिवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(श्रावणमासस्य महिमा शिवस्य पूजा कथं इति)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰श्रावणमासः शिवपूजा च
🗓०८ जुलै २०२३, शनिवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(श्रावणमासस्य महिमा शिवस्य पूजा कथं इति)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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July 7, 2023
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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July 7, 2023
July 7, 2023
July 7, 2023
July 7, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
श्रावणमासः शिवपूजा च
#samlapshala
#samlapshala
July 7, 2023
🍃
🔆 अधिकः कोपः बहु कटुतापूर्णं वदनं दरिद्रता बन्धुबान्धवेषु वैरं अनुचितैः सह वासः कुलहीनस्य सेवा इत्येतानि जीवन् एव नरकभोगनस्य सक्षणानि सन्ति।
चाणक्यनीति
⚜बहुत ग़ुस्सा और बहुत कड़वी, कठोरव कर्कश वाणी, ग़रीबी, अपने सगे-सम्बन्धियोंसे बैर, ख़राब लोगोंकी संगति व कुलहीन की सेवा – ये लक्षण धरती परही नरक भोगने वालों के हैं।
#Subhashitam
अत्यन्तलेपः कटुता च वाणी दरिद्रता च स्वजनेषु वैरम्।
नीच प्रसंगः कुलहीनसेवा चिह्नानि देहे नरकस्थितानाम्
॥🔆 अधिकः कोपः बहु कटुतापूर्णं वदनं दरिद्रता बन्धुबान्धवेषु वैरं अनुचितैः सह वासः कुलहीनस्य सेवा इत्येतानि जीवन् एव नरकभोगनस्य सक्षणानि सन्ति।
चाणक्यनीति
⚜बहुत ग़ुस्सा और बहुत कड़वी, कठोरव कर्कश वाणी, ग़रीबी, अपने सगे-सम्बन्धियोंसे बैर, ख़राब लोगोंकी संगति व कुलहीन की सेवा – ये लक्षण धरती परही नरक भोगने वालों के हैं।
#Subhashitam
July 7, 2023
अतस्ता नैवास्माभिर्हन्तव्याः।
वाक्ये कः सन्धिः न कृतः।
वाक्ये कः सन्धिः न कृतः।
Anonymous Quiz
13%
विसर्गसन्धिः (सकारः)
7%
दीर्घसन्धिः
18%
विसर्गसन्धिः (रेफः)
42%
गुणसन्धिः
20%
विसर्गसन्धिः (लोपः)
July 8, 2023
🌴इ (इण्), गतौ,
अदादिः, परस्मैपदम्🌴
१-)यात्री इतः तत्र एति ।
= यात्री यहाँ से वहाँ जाता है ।
२-)भवती वाटिकाम् एतु ।
= आप बाग में जाइए ।
३-)कृष्णः वृन्दावनम् ऐत् ।
= कृष्ण वृन्दावन गये थे ।
४-)अजीतः संस्कृतशिविरम् इयात् ।
= अजीत संस्कृत शिविर में जाना चाहिये ।
५-)गौरवः संस्कृतं शिक्षितुम् ऐष्यति ।
= गौरव संस्कृत सीखने जायेगा ।
🌹🌹 कर्मवाच्य 🌹🌹
६-)मया विपणिः ईयते ।
= मेरे द्वारा बाजार जाया जाता है ।
७-)त्वया दुग्धम् आनेतुम् ईयते ।
= तुम्हारे द्वारा दूध लाने जाया जाता है ।
८-)भवता हरिद्वारम् ईयते ।
= आपके द्वारा हरिद्वार जाया जाता है ।
९-)तेन कार्यालयः ईयते ।
= उसके द्वारा कार्यालय जाया जाता है ।
#vakyabhyas
अदादिः, परस्मैपदम्🌴
१-)यात्री इतः तत्र एति ।
= यात्री यहाँ से वहाँ जाता है ।
२-)भवती वाटिकाम् एतु ।
= आप बाग में जाइए ।
३-)कृष्णः वृन्दावनम् ऐत् ।
= कृष्ण वृन्दावन गये थे ।
४-)अजीतः संस्कृतशिविरम् इयात् ।
= अजीत संस्कृत शिविर में जाना चाहिये ।
५-)गौरवः संस्कृतं शिक्षितुम् ऐष्यति ।
= गौरव संस्कृत सीखने जायेगा ।
🌹🌹 कर्मवाच्य 🌹🌹
६-)मया विपणिः ईयते ।
= मेरे द्वारा बाजार जाया जाता है ।
७-)त्वया दुग्धम् आनेतुम् ईयते ।
= तुम्हारे द्वारा दूध लाने जाया जाता है ।
८-)भवता हरिद्वारम् ईयते ।
= आपके द्वारा हरिद्वार जाया जाता है ।
९-)तेन कार्यालयः ईयते ।
= उसके द्वारा कार्यालय जाया जाता है ।
#vakyabhyas
July 8, 2023
Sanskrit mini-lesson: Concept of sandhi, when it happens and when not?
Query in another group:
Q: In "सुवर्णस्य मे मुख्यदु:खं तदेकम्", how come the मे doesn't get absorbed into a sandhi?
My response:
A: Sandhi is a transformation of varnas (vowels, consonants, anusvara or visarga) that happens naturally and automatically, when two varnas are pronounced continuously (संहिता), for smooth pronunciation. e.g. अ+अ => आ, इ+अ => य, अम्+क => अङ्क etc.
If you try saying these separately first, and then continuously, you will notice the sandhi happening spontaneously. Panini has just encoded these natural rules into his sutras (aphorisms) in ashtadhyayi.
In the normal flow of Sanskrit language, we have a continuous stream of one अक्षर(syllable) followed by another, where an अक्षर(syllable) is defined as - zero or more (joint) consonants, followed by exactly ONE vowel, optionally followed by an anusvara or visarga. Notice that in this pattern, it is quite normal for a vowel (at the end of the first syllable) to be followed by a consonant (at the beginning of next syllable). In such case, the pronunciation is already smooth and no transformation happens. Only when this normal pattern changes, sandhi happens to smoothen it back. E.g. अ+अ has two consecutive vowels, which is not the normal pattern, so while pronouncing the two similar vowels get merged into a long vowel version of the same. Similarly, certain combinations of consonants may be unnatural to pronounce, so when combined they get naturally transformed for a smoother pronunciation.
Now, in case of मे मुख्यदुःखम् in the example, मे+मु is already a normal pattern of syllables, and can be pronounced smoothly exactly as मेमु, so no sandhi happens here.
Hope this helps? जयतु संस्कृतम्। 🙏😊
#sanskritlessons
Query in another group:
Q: In "सुवर्णस्य मे मुख्यदु:खं तदेकम्", how come the मे doesn't get absorbed into a sandhi?
My response:
A: Sandhi is a transformation of varnas (vowels, consonants, anusvara or visarga) that happens naturally and automatically, when two varnas are pronounced continuously (संहिता), for smooth pronunciation. e.g. अ+अ => आ, इ+अ => य, अम्+क => अङ्क etc.
If you try saying these separately first, and then continuously, you will notice the sandhi happening spontaneously. Panini has just encoded these natural rules into his sutras (aphorisms) in ashtadhyayi.
In the normal flow of Sanskrit language, we have a continuous stream of one अक्षर(syllable) followed by another, where an अक्षर(syllable) is defined as - zero or more (joint) consonants, followed by exactly ONE vowel, optionally followed by an anusvara or visarga. Notice that in this pattern, it is quite normal for a vowel (at the end of the first syllable) to be followed by a consonant (at the beginning of next syllable). In such case, the pronunciation is already smooth and no transformation happens. Only when this normal pattern changes, sandhi happens to smoothen it back. E.g. अ+अ has two consecutive vowels, which is not the normal pattern, so while pronouncing the two similar vowels get merged into a long vowel version of the same. Similarly, certain combinations of consonants may be unnatural to pronounce, so when combined they get naturally transformed for a smoother pronunciation.
Now, in case of मे मुख्यदुःखम् in the example, मे+मु is already a normal pattern of syllables, and can be pronounced smoothly exactly as मेमु, so no sandhi happens here.
Hope this helps? जयतु संस्कृतम्। 🙏😊
#sanskritlessons
July 8, 2023
कौपीनं भस्मना लेपो दर्भाः रुद्राक्षमालिका ।
मौनमेकान्तिता चेति मूर्खसञ्जीवनानि षट् ॥
मूर्खोऽपि सुखेन यदि जीवितुम् इच्छति तर्हि तेन कौपीनं धृत्वा भस्मना शरीरस्य लेपनं करणीयम् । दर्भासने उपविश्य रुद्राक्षमालिका चालनीया हस्तेन । एकान्ते वसता तेन मौनम् अवलम्बनीयम् । एतावत् कृतं चेत् जनाः अहमहमिकया आगत्य प्रणमन्ति, अर्चन्ति, सत्कुर्वन्ति च । अतः मूर्खता अस्ति चेदपि चिन्ता न करणीया । वेषधारणात् जनप्रीतिः प्राप्तुं शक्या निश्चयेन ।
#hasya
July 8, 2023
July 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 07:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 09 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 07:29 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - शोभन दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - शाम 05:48 से 07:29 तक
⛅ सूर्योदय - 06:00
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि 07:59 तक)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 07:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 09 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद शाम 07:29 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - शोभन दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - शाम 05:48 से 07:29 तक
⛅ सूर्योदय - 06:00
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:36 से 05:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि 07:59 तक)
July 8, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/AIp7xQVkMhc
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | News in Sanskrit | 09.07.2023
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 8, 2023
July 8, 2023
🍃
🔆 यदा मनः प्रसन्नं भवति तदा सर्वत्र प्रसन्नता एव दृश्यते यदा मनः दुःखितं स्यात् तदा सर्वत्र दुःखम् अतः यदि सुखं वाञ्छति चेत् मनसः प्रसादनाय यतस्व।
⚜जब मन प्रसन्न होता है तो संसार प्रसन्न होता है और जब मन उदास होता है तो संसार उदास होता है। इसलिए अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने मन को खुश करने की कोशिश करें।
⚜When The Mind Is Happy, The World Is Happy And When The Mind Is Sad, The World Is Sad.
So If You Want To Be Happy, Try To Please Your Mind First 🙏
#Subhashitam
चित्ते प्रसन्ने भुवनं प्रसन्नं चित्ते विषण्णे भुवनं विषण्णम्।
अतोऽभिलाषो यदि ते सुखे स्यात् चित्तप्रसादे प्रथमं यतस्व
॥🔆 यदा मनः प्रसन्नं भवति तदा सर्वत्र प्रसन्नता एव दृश्यते यदा मनः दुःखितं स्यात् तदा सर्वत्र दुःखम् अतः यदि सुखं वाञ्छति चेत् मनसः प्रसादनाय यतस्व।
⚜जब मन प्रसन्न होता है तो संसार प्रसन्न होता है और जब मन उदास होता है तो संसार उदास होता है। इसलिए अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने मन को खुश करने की कोशिश करें।
⚜When The Mind Is Happy, The World Is Happy And When The Mind Is Sad, The World Is Sad.
So If You Want To Be Happy, Try To Please Your Mind First 🙏
#Subhashitam
July 8, 2023
July 9, 2023
July 9, 2023
कृषिवाणिज्यहीनानां दीनानां बुद्धिपौरुषैः ।
धर्मवादं विना केन भवेदुदरपूरणम् ॥
लोके कृषिवाणिज्यादिषु निपुणाः स्ववृत्त्या आनन्देन जीवन्ति । तद्रहिताः अपि यदि बुद्धिमन्तः स्युः ते अपि आनन्देन जीवन्ति । किन्तु केचन कृषिवाणिज्यादिषु अनिपुणाः, बुद्धिपौरुषेण हीनाः च भवन्ति । ते कथं जीवन्ति ? ते तु धर्मोपदेशव्याजेन जीवन्ति । सत्यं खलु एतत् ? धर्मोपदेशकाः सर्वे वैराग्यवन्तः, धर्मैकसक्ताः वा न भवन्ति । केचन उपजीविकायै एव धर्मोपदेशम् अवलम्बितवन्तः भवन्ति । अस्माकं देशे धर्मोपदेशकानां विषये महती श्रद्धा भवति सामान्यानाम् । अतः तेषां जीवनं प्रचलति निरातङ्कम् ।
#hasya
July 9, 2023
July 9, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓१०जुलै २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰 वार्ताः
🗓१०जुलै २०२३, सोमवासरः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 9, 2023
आप शीतकाल में आइस्क्रीम क्यों खाते हैं ?
= भवान् शीतकाले पयोहिमं कथं खादति ?
मैं शीतकाल में गाय का दूध पीता हूँ।
= अहं शीतकाले धेनोः दुग्धं पिबामि।
तुम दोनो माघ मास में गंगा यमुना के संगम में नहाते हो।
= युवां माघमासे गङ्गायमुनयोः सङ्गमे मज्जथः।
मैं प्रयागराज में रहता हूँ।
= अहं प्रयागराजे वसामि।
तुम सब कहाँ रहते हो ?
= यूयं कुत्र निवसथ ?
मुदित राजस्थान के जयपुर नगर में रहता है।
= मुदितः राजस्थानस्य जयपुरनगरे वसति।
साकेत और अभय लखनऊ की लस्सी पीते हैं।
= साकेतः अभयः च लक्ष्मणपुरस्य दाधिकं पिबतः।
अरविंद केजरीवाल को कुमार विश्वास रायता देता है।
= अरविन्द-केजरीवालाय कुमारविश्वासः राज्यक्तं ददाति।
हम दोनों भरद्वाज का विमानशास्त्र पढ़ते हैं।
= आवां भरद्वाजस्य विमानशास्त्रं पठावः।
तुम दोनों भौतिकविज्ञान पढ़ते हो।
युवां भौतशास्त्रं पठथः।
हम सब चाणक्य का नीतिशास्त्र प्रतिदिन पढ़ते हैं।
वयं चाणक्यस्य नीतिशास्त्रं प्रतिदिनं पठामः।
#vakyabhyas
= भवान् शीतकाले पयोहिमं कथं खादति ?
मैं शीतकाल में गाय का दूध पीता हूँ।
= अहं शीतकाले धेनोः दुग्धं पिबामि।
तुम दोनो माघ मास में गंगा यमुना के संगम में नहाते हो।
= युवां माघमासे गङ्गायमुनयोः सङ्गमे मज्जथः।
मैं प्रयागराज में रहता हूँ।
= अहं प्रयागराजे वसामि।
तुम सब कहाँ रहते हो ?
= यूयं कुत्र निवसथ ?
मुदित राजस्थान के जयपुर नगर में रहता है।
= मुदितः राजस्थानस्य जयपुरनगरे वसति।
साकेत और अभय लखनऊ की लस्सी पीते हैं।
= साकेतः अभयः च लक्ष्मणपुरस्य दाधिकं पिबतः।
अरविंद केजरीवाल को कुमार विश्वास रायता देता है।
= अरविन्द-केजरीवालाय कुमारविश्वासः राज्यक्तं ददाति।
हम दोनों भरद्वाज का विमानशास्त्र पढ़ते हैं।
= आवां भरद्वाजस्य विमानशास्त्रं पठावः।
तुम दोनों भौतिकविज्ञान पढ़ते हो।
युवां भौतशास्त्रं पठथः।
हम सब चाणक्य का नीतिशास्त्र प्रतिदिन पढ़ते हैं।
वयं चाणक्यस्य नीतिशास्त्रं प्रतिदिनं पठामः।
#vakyabhyas
July 9, 2023
July 9, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 06:44 तक तत्पश्चात नवमी
⛅️ दिनांक - 10 जुलाई 2023
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - रेवती शाम 06:59 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅️ योग - अतिगण्ड दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात सुकर्म
⛅️ राहु काल - सुबह 07:42 से 09:23 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:01
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 06:44 तक तत्पश्चात नवमी
⛅️ दिनांक - 10 जुलाई 2023
⛅️ दिन - सोमवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - रेवती शाम 06:59 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅️ योग - अतिगण्ड दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात सुकर्म
⛅️ राहु काल - सुबह 07:42 से 09:23 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:01
⛅️ सूर्यास्त - 07:29
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
July 9, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/f3ujgORApZQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
July 9, 2023
July 9, 2023
July 9, 2023
July 9, 2023
July 9, 2023
July 10, 2023
🍃
🔆सर्वथा इच्छानां त्यागः न कार्यः न च अधिकामिच्छां कुर्यात् स्वोपार्जितेन धनेन एव मध्यमार्गेण इच्छापूर्तिं कुर्यात्।
⚜बहुत अधिक इच्छाएँ करना सही नहीं है और इच्छाओं का त्याग कर देना भी सही नहीं है। अपने उपार्जित (कमाए हुए) धन के अनुरूप ही इच्छा करना चाहिए वह भी एक बार में नहीं बल्कि धीरे धीरे।
⚜It is not right to have too many desires and it is not right to give up desires. One should wish according to his accrued (earned money) , that too not at once but gradually.
#Subhashitam
अतितृष्णा न कर्तव्या तृष्णां नैव परित्यजेत्।
शनैः शनैश्च भोक्तव्यं स्वयं वित्तमुपार्जितम्
।।🔆सर्वथा इच्छानां त्यागः न कार्यः न च अधिकामिच्छां कुर्यात् स्वोपार्जितेन धनेन एव मध्यमार्गेण इच्छापूर्तिं कुर्यात्।
⚜बहुत अधिक इच्छाएँ करना सही नहीं है और इच्छाओं का त्याग कर देना भी सही नहीं है। अपने उपार्जित (कमाए हुए) धन के अनुरूप ही इच्छा करना चाहिए वह भी एक बार में नहीं बल्कि धीरे धीरे।
⚜It is not right to have too many desires and it is not right to give up desires. One should wish according to his accrued (earned money) , that too not at once but gradually.
#Subhashitam
July 9, 2023
July 10, 2023
जगन्नाथे मनो वः लग्नम्।
वः इत्युक्ते किम्।
वः इत्युक्ते किम्।
Anonymous Quiz
24%
अस्माकम्
12%
मम
38%
युष्माकम्
17%
सर्वेषाम्
9%
अव्ययमस्ति
July 10, 2023
“तुम गड्डमड्ड वाक्यों से मेरी बुद्धि को मोहित कर रहे हो।”
= त्वं व्यामिश्रैः वाक्यैः मम बुद्धिं मोहयसि।
“हे केशव ! तुम मुझे घोर कर्म में क्यों लगाते हो ?”
हे केशव ! त्वं माम् घोरे कर्मणि कथं नियोजयसि ?
“बन्दर पैरों से चलता है और दो हाथों से फल खाता है।”
वानरः पादाभ्यां चलति हस्ताभ्यां च फलानि खादति।
“धूर्तों के हृदय में दया नहीं होती है।”
धूर्तानां हृदये दया न भवति।
विद्यालय के अध्यापकों को मैं जानता हूँ ।
विद्यालयस्य अध्यापकान् अहं जानामि।
नटखट कन्हैया कपिला गाय का दूध पीता है।
= कौतुकी कृष्णः कपिलायाः धेनोः दुग्धं पिबति।
सुन्दर बच्ची मधुर कण्ठ से मधुर गीत गाती है।
= सुन्दरी बालिका मधुरेण कण्ठेन मधुरं गीतं गायति।
चपल बन्दर विशाल वृक्षों पर पके फल खाता है।
= चपलः वानरः विशालेषु वृक्षेषु पक्वानि फलानि खादति।
दुष्ट शिकारी तीखे बाणों से हिरन को मारता है।
= दुष्टः व्याधः तीक्ष्णैः शरैः हरिणं हन्ति।
तुम दोनों निर्धन आदमी को भयंकर ठण्ड में अच्छे वस्त्र देते हो।
= युवां निर्धनाय पुरुषाय भयङ्करे शैत्ये शोभनानि वस्त्राणि यच्छथः । (यच्छ् -देना)
चतुर स्त्री सुगन्धित पुष्पों को माला में गूँथती है।
= चतुरा नारी सुगन्धितानि पुष्पाणि मालायां ग्रथ्नाति।
#vakyabhyas
= त्वं व्यामिश्रैः वाक्यैः मम बुद्धिं मोहयसि।
“हे केशव ! तुम मुझे घोर कर्म में क्यों लगाते हो ?”
हे केशव ! त्वं माम् घोरे कर्मणि कथं नियोजयसि ?
“बन्दर पैरों से चलता है और दो हाथों से फल खाता है।”
वानरः पादाभ्यां चलति हस्ताभ्यां च फलानि खादति।
“धूर्तों के हृदय में दया नहीं होती है।”
धूर्तानां हृदये दया न भवति।
विद्यालय के अध्यापकों को मैं जानता हूँ ।
विद्यालयस्य अध्यापकान् अहं जानामि।
नटखट कन्हैया कपिला गाय का दूध पीता है।
= कौतुकी कृष्णः कपिलायाः धेनोः दुग्धं पिबति।
सुन्दर बच्ची मधुर कण्ठ से मधुर गीत गाती है।
= सुन्दरी बालिका मधुरेण कण्ठेन मधुरं गीतं गायति।
चपल बन्दर विशाल वृक्षों पर पके फल खाता है।
= चपलः वानरः विशालेषु वृक्षेषु पक्वानि फलानि खादति।
दुष्ट शिकारी तीखे बाणों से हिरन को मारता है।
= दुष्टः व्याधः तीक्ष्णैः शरैः हरिणं हन्ति।
तुम दोनों निर्धन आदमी को भयंकर ठण्ड में अच्छे वस्त्र देते हो।
= युवां निर्धनाय पुरुषाय भयङ्करे शैत्ये शोभनानि वस्त्राणि यच्छथः । (यच्छ् -देना)
चतुर स्त्री सुगन्धित पुष्पों को माला में गूँथती है।
= चतुरा नारी सुगन्धितानि पुष्पाणि मालायां ग्रथ्नाति।
#vakyabhyas
July 10, 2023
भिक्षो मांसनिषेवणं च कुरुषे किं तेन मद्यं विना मद्यं चापि तव प्रियं प्रियमहो वाराङ्गनाभिः सह ।
तासामर्थरुचिः कुतस्तव धनं द्यूतेन चौर्येण वा चौर्यद्यूतपरिग्रहोऽस्ति भवतः भ्रष्टस्य का वा गतिः ॥
कश्चन भिक्षुः (संन्यासी) मांसं खादन् आसीत् । तं दृष्ट्वा कश्चित् अपृच्छत् - 'आर्य ! किं भवता मांसं सेव्यते ?' भिक्षुः अवदत् - 'आम् । किन्तु मांसेन सह मद्यम् अपि नास्ति किल इति मम खेदः' इति । प्रष्टा आश्चर्येण अपृच्छत् - 'किं मद्यसेवनाभ्यासः अपि अस्ति भवतः ?' इति । 'आम् । यदि तत् वाराङ्गना काचित् दद्यात् तर्हि महान् सन्तोषः' इति अवदत् भिक्षुः । 'वाराङ्गनार्थं धनम् आवश्यकं खलु ? तत् कथं प्राप्यते ?' - प्रष्टा अपृच्छत् । 'तत् तु द्यूतेन चौर्येण वा प्राप्यते' - इति शान्ततया अवदत् भिक्षुः । 'भिक्षुणा सता भवता मांसं मद्यं च सेव्यते । वाराङ्गना उपगम्यते । द्यूतं चौर्यं चापि क्रियते ! किम् एतत् सर्वम् !' इति आश्चर्येण पृष्टवान् प्रष्टा । तदा भिक्षुः खेदेन अवदत् - 'यदि भ्रष्टता प्राप्यते तर्हि एवमेव अधोगतिः भवति क्रमशः । सकृत् भ्रष्टस्य अधःपतनं सहजम्' इति ।
#hasya
July 10, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 जल-आप्लावः
🗓११ जुलै २०२३, मङ्गवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(जलकारणेन आगतानां प्राकृतिकीनां आपदां कारणं तथा निवारणं किं यथा आप्लावः भूस्खलनम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 जल-आप्लावः
🗓११ जुलै २०२३, मङ्गवासरः
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वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 10, 2023
National_Sanskrit_Convention_Final_Invitation_Card_07_06_2023.pdf
4.8 MB
National Sanskrit Convention Final Invitation Card 07-06-2023
NSU, Tirupati
NSU, Tirupati
July 10, 2023
July 10, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:04 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 11 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी शाम 07:04 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - सुकर्म सुबह 10:53 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:01
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 06:04 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 11 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी शाम 07:04 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - सुकर्म सुबह 10:53 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:01
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:06 तक
July 10, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/CdXjTxs5VbI
https://youtu.be/CdXjTxs5VbI
July 10, 2023
July 10, 2023
July 10, 2023
July 10, 2023
July 10, 2023
🍃
--सूक्तिमाला
🔆मनसि यः तमः पूरितः वर्तते तस्य शमनं नीतिवाक्यैः एव न भवितुं शक्नोति यथा रात्रिकालस्य अन्धकारः दीपविषये चर्चां कृत्वा न नश्यति।
⚜Knowing the meanings of words (alone) is not helpful in removing the inner darkness. Darkness does not disappear by talking about light/lamp.
#Subhashitam
अन्तस्तिमिरनाशाय शाब्दबोधो निरर्थकः ।
न नश्यति तमो नाम कृतय दीपवार्तया
॥--सूक्तिमाला
🔆मनसि यः तमः पूरितः वर्तते तस्य शमनं नीतिवाक्यैः एव न भवितुं शक्नोति यथा रात्रिकालस्य अन्धकारः दीपविषये चर्चां कृत्वा न नश्यति।
⚜Knowing the meanings of words (alone) is not helpful in removing the inner darkness. Darkness does not disappear by talking about light/lamp.
#Subhashitam
July 10, 2023
गोमातरि सर्वदेवः विद्यमानः भवति।
विद्यमानः अत्र कः प्रत्ययः वर्तते।
विद्यमानः अत्र कः प्रत्ययः वर्तते।
Anonymous Quiz
66%
शानच्
10%
शतृ
22%
मतुप्
2%
क्त
July 11, 2023
July 11, 2023
तुम दोनों मुझे खीर देते हो।
= युवां मह्यं पायसं यच्छथः। ( यच्छ् – देना )
हम दोनों तुम सबको सेवइयाँ देते हैं।
= आवां युष्मभ्यं सूत्रिकाः यच्छावः।
क्या तुझमें बुद्धि नहीं है ?
= किं त्वयि बुद्धिः नास्ति ?
मुझमें बुद्धि है, तुम क्यों कुपित होते हो ?
= मयि बुद्धिः अस्ति, त्वं कथं कुपितः भवसि ?
तुम ये मिठाईयाँ अकेले ही खाते हो ?
= त्वम् इमानि मिष्टान्नानि एकाकी एव खादसि ?
हाँ, क्यों ?
= आम्, कथमिव ?
क्या तुम शास्त्र का यह वाक्य नहीं मानते ?
= किं त्वं शास्त्रस्य इदं वाक्यं न मन्यसे ?
कि- “स्वादिष्ट चीज अकेले नहीं खानी चाहिए”- ऐसा।
= यत् – “एकः स्वादु न भुञ्जीत” इति।
ओह ! अब समझा !
= अहो ! इदानीम् अवगतम् !
ये रसगुल्ले हम दोनों के हैं।
= इमे रसगोलाः आवयोः सन्ति।
किन्तु ये लड्डू हमारे नहीं हैं।
= किन्तु इमानि मोदकानि आवयोः न सन्ति।
ये मीठी जलेबियाँ तुम्हारी ही हैं।
= इमाः मधुराः कुण्डलिकाः तव एव सन्ति।
मैं तो इन्हें तुम्हें भी देता हूँ।
= अहं तु इमाः तुभ्यम् अपि ददामि।
#vakyabhyas
= युवां मह्यं पायसं यच्छथः। ( यच्छ् – देना )
हम दोनों तुम सबको सेवइयाँ देते हैं।
= आवां युष्मभ्यं सूत्रिकाः यच्छावः।
क्या तुझमें बुद्धि नहीं है ?
= किं त्वयि बुद्धिः नास्ति ?
मुझमें बुद्धि है, तुम क्यों कुपित होते हो ?
= मयि बुद्धिः अस्ति, त्वं कथं कुपितः भवसि ?
तुम ये मिठाईयाँ अकेले ही खाते हो ?
= त्वम् इमानि मिष्टान्नानि एकाकी एव खादसि ?
हाँ, क्यों ?
= आम्, कथमिव ?
क्या तुम शास्त्र का यह वाक्य नहीं मानते ?
= किं त्वं शास्त्रस्य इदं वाक्यं न मन्यसे ?
कि- “स्वादिष्ट चीज अकेले नहीं खानी चाहिए”- ऐसा।
= यत् – “एकः स्वादु न भुञ्जीत” इति।
ओह ! अब समझा !
= अहो ! इदानीम् अवगतम् !
ये रसगुल्ले हम दोनों के हैं।
= इमे रसगोलाः आवयोः सन्ति।
किन्तु ये लड्डू हमारे नहीं हैं।
= किन्तु इमानि मोदकानि आवयोः न सन्ति।
ये मीठी जलेबियाँ तुम्हारी ही हैं।
= इमाः मधुराः कुण्डलिकाः तव एव सन्ति।
मैं तो इन्हें तुम्हें भी देता हूँ।
= अहं तु इमाः तुभ्यम् अपि ददामि।
#vakyabhyas
July 11, 2023
July 11, 2023
July 11, 2023
Q: What is the exact meaning of, and difference between, सकर्मक/अकर्मक and परस्मैपदी/आत्मनेपदी in a धातु? Are the two concepts related, and if so, how?
A: It's a very good question! In Sanskrit, a धातु (verbal root) indicates a क्रिया (action), and both सकर्मक/अकर्मक and परस्मैपदी/आत्मनेपदी of a dhatu relate to the nature of its corresponding क्रिया.
Let us take सकर्मक/अकर्मक first. The कर्म of a क्रिया (action) is basically the आश्रय of the क्रिया-फल (the locus of the result of that action). If the क्रिया-फल-आश्रय is the कर्तृ entity itself, then the kriya/dhatu is अकर्मक, and if the locus is anywhere other than the कर्तृ, the kriya/dhatu is सकर्मक. E.g. in वृधुँ (वृध्) वृद्धौ, the action of growing, the result of the action of growing can be in the कर्तृ itself, so it is अकर्मक, and if something else is being grown by the कर्तृ, it has to be expressed as a णिजन्त. Whereas in डुपचँष् पाके, the result of cooking is never in the कर्तृ itself, so it is सकर्मक. Thus, अकर्मक literally means "acting on self" and सकर्मक literally means "acting on others".
Now, a deeper question is, who is the intended beneficiary (सम्प्रदान) of the result of the action? If this is the कर्तृ itself, the dhatu is आत्मनेपदी, and if not, it is परस्मैपदी. Thus, आत्मने literally means "intended for self" and परस्मै literally means "intended for others". Staying with डुपचँष् पाके as an example, though it needs a कर्म for the result, the cooked food can be intended for the कर्तृ himself/herself, or for others. Accordingly, we have आत्मनेपदी (e.g. पचते) or परस्मैपदी (e.g. पचति) respectively.
In Vedic Sanskrit, almost all dhatus were उभयपदी, and could be put in either form depending on the intended beneficiary. In classical Sanskrit, which is what we use today, this got hardened based on the predominant usage into आ.प., प.प. and उ.प. forms, and only in उ.प. dhatus like डुपचँष् पाके we still get to select the form based on intended use, else we use आ.प. or प.प. as the case may be, irrespective of the intended beneficiary.
Thus the key intuition is, कर्मकता depends on क्रिया-फल-आश्रय, the locus of the result (acting-on-self vs acting-on-others) , while पदता depends on क्रिया-फल-सम्प्रदान, the intended beneficiary (effectee) of the result (intended-for-self vs intended-for-others). Therefore, there is no direct relation between the two concepts.
However, it is my belief that in practice, actions that act on the self are more likely to be intended for self, therefore statistically we may find that अकर्मक dhatus are आत्मनेपदी more often than परस्मैपदी, though I have not formally tested this.
The best example for a dhatu being ubhayapadi earlier is the famous Upanishad vaakyam सत्यमेव जयते. That is, सत्यम् एव जयते. Truth alone triumphs. If you see the dhatupatha, it will say जि जये is parasmaipadi and sakarmaka, because normally the result of winning is on someone else, and so is the intended benefit (effect). However, there is a deeper insight that all enemies are essentially internal (the षड्रिपु's of unbalanced काम, क्रोध etc). Therefore all defeats and victories are essentially internal. Also since Truth is ultimate, it does not need to defeat anyone, but just assert itself. Hence the आत्मनेपदी form, जयते. Today, since जि जये is classified as parasmaipadi based on predominant usage, we call the use of जयते in this vaakya as छान्दस/आर्ष-प्रयोग.
नमोनमः। 🙏😊
- Amit Rao
#sanskritlessons
A: It's a very good question! In Sanskrit, a धातु (verbal root) indicates a क्रिया (action), and both सकर्मक/अकर्मक and परस्मैपदी/आत्मनेपदी of a dhatu relate to the nature of its corresponding क्रिया.
Let us take सकर्मक/अकर्मक first. The कर्म of a क्रिया (action) is basically the आश्रय of the क्रिया-फल (the locus of the result of that action). If the क्रिया-फल-आश्रय is the कर्तृ entity itself, then the kriya/dhatu is अकर्मक, and if the locus is anywhere other than the कर्तृ, the kriya/dhatu is सकर्मक. E.g. in वृधुँ (वृध्) वृद्धौ, the action of growing, the result of the action of growing can be in the कर्तृ itself, so it is अकर्मक, and if something else is being grown by the कर्तृ, it has to be expressed as a णिजन्त. Whereas in डुपचँष् पाके, the result of cooking is never in the कर्तृ itself, so it is सकर्मक. Thus, अकर्मक literally means "acting on self" and सकर्मक literally means "acting on others".
Now, a deeper question is, who is the intended beneficiary (सम्प्रदान) of the result of the action? If this is the कर्तृ itself, the dhatu is आत्मनेपदी, and if not, it is परस्मैपदी. Thus, आत्मने literally means "intended for self" and परस्मै literally means "intended for others". Staying with डुपचँष् पाके as an example, though it needs a कर्म for the result, the cooked food can be intended for the कर्तृ himself/herself, or for others. Accordingly, we have आत्मनेपदी (e.g. पचते) or परस्मैपदी (e.g. पचति) respectively.
In Vedic Sanskrit, almost all dhatus were उभयपदी, and could be put in either form depending on the intended beneficiary. In classical Sanskrit, which is what we use today, this got hardened based on the predominant usage into आ.प., प.प. and उ.प. forms, and only in उ.प. dhatus like डुपचँष् पाके we still get to select the form based on intended use, else we use आ.प. or प.प. as the case may be, irrespective of the intended beneficiary.
Thus the key intuition is, कर्मकता depends on क्रिया-फल-आश्रय, the locus of the result (acting-on-self vs acting-on-others) , while पदता depends on क्रिया-फल-सम्प्रदान, the intended beneficiary (effectee) of the result (intended-for-self vs intended-for-others). Therefore, there is no direct relation between the two concepts.
However, it is my belief that in practice, actions that act on the self are more likely to be intended for self, therefore statistically we may find that अकर्मक dhatus are आत्मनेपदी more often than परस्मैपदी, though I have not formally tested this.
The best example for a dhatu being ubhayapadi earlier is the famous Upanishad vaakyam सत्यमेव जयते. That is, सत्यम् एव जयते. Truth alone triumphs. If you see the dhatupatha, it will say जि जये is parasmaipadi and sakarmaka, because normally the result of winning is on someone else, and so is the intended benefit (effect). However, there is a deeper insight that all enemies are essentially internal (the षड्रिपु's of unbalanced काम, क्रोध etc). Therefore all defeats and victories are essentially internal. Also since Truth is ultimate, it does not need to defeat anyone, but just assert itself. Hence the आत्मनेपदी form, जयते. Today, since जि जये is classified as parasmaipadi based on predominant usage, we call the use of जयते in this vaakya as छान्दस/आर्ष-प्रयोग.
नमोनमः। 🙏😊
- Amit Rao
#sanskritlessons
July 11, 2023
July 11, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी शाम 05:59 तक तत्पश्चात एकादशी.
⛅ दिनांक - 12 जुलाई 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी शाम 07:43 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - धृति सुबह 09:40 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी शाम 05:59 तक तत्पश्चात एकादशी.
⛅ दिनांक - 12 जुलाई 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी शाम 07:43 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - धृति सुबह 09:40 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:37 से 05:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
July 11, 2023
🍃
⚜ कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य काम में जोडनेवाला पुरुष दुर्लभ है।
#Quote
अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः
⚜ कोई भी पुरुष अयोग्य नहीं, पर उसे योग्य काम में जोडनेवाला पुरुष दुर्लभ है।
#Quote
July 11, 2023
कस्मिन् प्रयोगे रूपाणि केवलं प्रथमपुरुषस्य एकवचने एव चलन्ति।
Anonymous Quiz
12%
कर्मणि प्रयोगे
54%
भावे प्रयोगे
23%
कर्तरि प्रयोगे
11%
नास्ति तादृशः प्रयोगः
July 12, 2023
उस बालक का नाम अनिरुद्ध है।
= तस्य बालकस्य नाम अनिरुद्धः अस्ति।
उस बालिका का नाम राधिका है।
= तस्याः बालिकायाः नाम राधिका अस्ति।
वे दोनों इस घर में रहते हैं।
= तौ एतस्मिन् भवने निवसतः।
इस बालिका के पिता उस घर में रहते हैं।
= एतस्याः बालिकायाः पिता तस्मिन् गेहे निवसति।
इन दो बालकों को तुम ये फल देते हो।
= एताभ्यां बालकाभ्यां त्वं एतानि फलानि यच्छसि।
इन घरों में वे बालक रहते हैं।
= एतेषु सदनेषु ते बालकाः निवसन्ति।
उस घर में तुम रहते हो, इस घर में मैं रहता हूँ।
= तस्मिन् निलये त्वं वससि, एतस्मिन् निलये अहं वसामि।
यह घर इस बालिका का है।
= एतत् निकेतनम् अस्याः बालिकायाः अस्ति।
ये हमारे घर हैं।
= एते अस्माकं निलयाः सन्ति।
इनमें हम रहते हैं।
= एतेषु वयं निवसामः।
मोहन उस घर से वस्तुएँ लाकर इस घर में रखता है,
= मोहनः तस्मात् गृहात् वस्तूनि नीत्वा एतस्मिन् गृहे स्थापयति
#vakyabhyas
= तस्य बालकस्य नाम अनिरुद्धः अस्ति।
उस बालिका का नाम राधिका है।
= तस्याः बालिकायाः नाम राधिका अस्ति।
वे दोनों इस घर में रहते हैं।
= तौ एतस्मिन् भवने निवसतः।
इस बालिका के पिता उस घर में रहते हैं।
= एतस्याः बालिकायाः पिता तस्मिन् गेहे निवसति।
इन दो बालकों को तुम ये फल देते हो।
= एताभ्यां बालकाभ्यां त्वं एतानि फलानि यच्छसि।
इन घरों में वे बालक रहते हैं।
= एतेषु सदनेषु ते बालकाः निवसन्ति।
उस घर में तुम रहते हो, इस घर में मैं रहता हूँ।
= तस्मिन् निलये त्वं वससि, एतस्मिन् निलये अहं वसामि।
यह घर इस बालिका का है।
= एतत् निकेतनम् अस्याः बालिकायाः अस्ति।
ये हमारे घर हैं।
= एते अस्माकं निलयाः सन्ति।
इनमें हम रहते हैं।
= एतेषु वयं निवसामः।
मोहन उस घर से वस्तुएँ लाकर इस घर में रखता है,
= मोहनः तस्मात् गृहात् वस्तूनि नीत्वा एतस्मिन् गृहे स्थापयति
#vakyabhyas
July 12, 2023
🍃
🔆 यस्य जनस्य हृदयं रूपवतीस्त्री विदीर्णं कर्तुं न शक्नोति।
क्रोधरूपी अग्निः यस्य हृदयं न सन्तापयति यः च लोभपूर्णैः वस्तुभिः न आकर्षितः भवति सः जितेन्द्रियः धैर्यशीलः विश्वमपि जेतुं शक्नोति।
⚜जिस पुरुष के हृदय को सुन्दर स्त्री के कटाक्षरूपी तीक्ष्ण बाण विदीर्ण नहीं करते हैं, क्रोधरूपी अग्नि का सन्ताप जिसके हृदय को नहीं जलाता है और अनेक विषय अर्थात् भोग्य पदार्थ लोभरूपी पाशों के द्वारा जो आकर्षित नहीं होता हैं, वह धैर्यशील, जितेन्द्रिय पुरुष तीनों लोकों को जीत लेता है।
#Subhashitam
कान्ताकटाक्षविशिखा न लुनन्ति यस्य चित्तं न निर्दहति कोपकृशानुताप:।
कर्षन्ति भूरिविषयाश्च न लोभपाशा
लोकत्रयं जयति कृत्स्नमिदं स धीरः
।।🔆 यस्य जनस्य हृदयं रूपवतीस्त्री विदीर्णं कर्तुं न शक्नोति।
क्रोधरूपी अग्निः यस्य हृदयं न सन्तापयति यः च लोभपूर्णैः वस्तुभिः न आकर्षितः भवति सः जितेन्द्रियः धैर्यशीलः विश्वमपि जेतुं शक्नोति।
⚜जिस पुरुष के हृदय को सुन्दर स्त्री के कटाक्षरूपी तीक्ष्ण बाण विदीर्ण नहीं करते हैं, क्रोधरूपी अग्नि का सन्ताप जिसके हृदय को नहीं जलाता है और अनेक विषय अर्थात् भोग्य पदार्थ लोभरूपी पाशों के द्वारा जो आकर्षित नहीं होता हैं, वह धैर्यशील, जितेन्द्रिय पुरुष तीनों लोकों को जीत लेता है।
#Subhashitam
July 12, 2023
July 12, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/jljLNxKfNOI
https://youtu.be/jljLNxKfNOI
YouTube
Vaarta: Heavy rains in North India & other news in Sanskrit
#latestnews #todaynews #sanskritnews #floods #northindian #rainfall
Vaarta: News in Sanskrit | 12/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 12/7/2023
July 12, 2023
Dear Sir/ Madam
Namaskara.
We cordially invite you to attend a Lecture (in Sanskrit) on 'Modern Methods of Sanskrit Education' being delivered ONLINE by noted Sanskrit Scholar Shri Shyamsundar S. Bhat, Rtd. Sanskrit & Hindi Teacher, Kendriya Vidyalaya, Govt. of India, during 4.00 p.m. - 5.00 p.m. on Friday, 14-07-2023, at the celebration of the Birth Centenary of Acharya Pt. Bhaishankar B. Purohit.
For joining the same, please click the following link at 3.55 p.m., (on Friday, 14-07-2023) : https://meet.google.com/uev-hxsf-pwd
Or open Meet and enter this code : uev-hxsf-pwd
Thanking you,
Yours sincerely
Hitesh Trivedi
Assistant Director
P.G. & Research Dept.
Bharatiya Vidya Bhavan
Namaskara.
We cordially invite you to attend a Lecture (in Sanskrit) on 'Modern Methods of Sanskrit Education' being delivered ONLINE by noted Sanskrit Scholar Shri Shyamsundar S. Bhat, Rtd. Sanskrit & Hindi Teacher, Kendriya Vidyalaya, Govt. of India, during 4.00 p.m. - 5.00 p.m. on Friday, 14-07-2023, at the celebration of the Birth Centenary of Acharya Pt. Bhaishankar B. Purohit.
For joining the same, please click the following link at 3.55 p.m., (on Friday, 14-07-2023) : https://meet.google.com/uev-hxsf-pwd
Or open Meet and enter this code : uev-hxsf-pwd
Thanking you,
Yours sincerely
Hitesh Trivedi
Assistant Director
P.G. & Research Dept.
Bharatiya Vidya Bhavan
July 12, 2023
स्मारणम्-
वन्दे संस्कृतमातरम्।
आत्मीयाः संस्कृतबान्धवाः, जिज्ञासवः सुधियः,
भवन्तः सादरं संसूच्यन्ते यदस्माभिः उत्तरप्रदेशसंस्कृतसंस्थानस्य तत्वावधाने सञ्चाल्यमाणसंस्कृतभाषाशिक्षणकक्ष्याषु समवेतरूपेण बौद्धिकसत्रं जुलाईमासस्य 14/07/2023 तमे दिनाङ्के सायं 03 वादने समायोज्यते तत्र भवतामुपस्थितिः सादरं विनिवेद्यते।
वक्ता
कुलदीप-मैन्दोला
प्रवक्ता
राजकीय -इण्टर-कालेज-कोटद्वारम्, उत्तराखण्डः।
प्रशिक्षकाः - डॉ० श्वेता-बरनवाल:, शिवानी लक्ष्मीकान्तपाठकश्च।
गूगल मीट लिंक👇
https://meet.google.com/qah-mhrf-iss
समयः - अपराह्नं 02:55 वादने
वन्दे संस्कृतमातरम्।
आत्मीयाः संस्कृतबान्धवाः, जिज्ञासवः सुधियः,
भवन्तः सादरं संसूच्यन्ते यदस्माभिः उत्तरप्रदेशसंस्कृतसंस्थानस्य तत्वावधाने सञ्चाल्यमाणसंस्कृतभाषाशिक्षणकक्ष्याषु समवेतरूपेण बौद्धिकसत्रं जुलाईमासस्य 14/07/2023 तमे दिनाङ्के सायं 03 वादने समायोज्यते तत्र भवतामुपस्थितिः सादरं विनिवेद्यते।
वक्ता
कुलदीप-मैन्दोला
प्रवक्ता
राजकीय -इण्टर-कालेज-कोटद्वारम्, उत्तराखण्डः।
प्रशिक्षकाः - डॉ० श्वेता-बरनवाल:, शिवानी लक्ष्मीकान्तपाठकश्च।
गूगल मीट लिंक👇
https://meet.google.com/qah-mhrf-iss
समयः - अपराह्नं 02:55 वादने
July 12, 2023
July 12, 2023
July 12, 2023
July 12, 2023
National Seminar-26-27&28 July-2023.pdf
4.1 MB
National Seminar-26-27&28 July-2023 by Maharshi Panini Sanskrit Vedic Vishwavidyalaya
July 12, 2023
July 12, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 रामायणकाण्डपरिचयः
🗓१३ जुलै २०२३, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(रामायणस्य कस्यचित् काण्डस्य परिचयं कारयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
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सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 12, 2023
July 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी शाम 06:24 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 13 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका रात्रि 08:52 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - शूल सुबह 08:53 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02
⛅ सूर्यास्त - 07:29
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कामिका एकादशी
🚩आज की हिंदी तिथि
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⛅ नक्षत्र - कृतिका रात्रि 08:52 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - शूल सुबह 08:53 तक तत्पश्चात गण्ड
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⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कामिका एकादशी
July 12, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/33_Im--TDlQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 13/7/2023
#latestnews #newsinsanskrit #pmmodi #paris #uae
Vaarta: News in Sanskrit | 13/7/2023
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July 12, 2023
July 12, 2023
July 12, 2023
🍃
🔆अधिकमवधानं तु मनसः शान्तये कर्तव्यं यतो हि शान्ते मनसि शरीरतपोऽपि शान्तं भवति तथैव यथा जलेन अग्निः।
⚜Fire is extiguished with water. Similarly, one should calm the mental depression with knowledge and perception. If mind calms down, physical health is also ensured.
#Subhashitam
मानसं शमयेत्तस्मात् ज्ञानेनाग्निमिवाम्बुना ।
प्रशान्ते मानसे ह्यस्यशारीरमुपशाम्यति
।। (महाभारतम्)🔆अधिकमवधानं तु मनसः शान्तये कर्तव्यं यतो हि शान्ते मनसि शरीरतपोऽपि शान्तं भवति तथैव यथा जलेन अग्निः।
⚜Fire is extiguished with water. Similarly, one should calm the mental depression with knowledge and perception. If mind calms down, physical health is also ensured.
#Subhashitam
July 12, 2023
July 13, 2023
July 13, 2023
और इस घर से वस्तुएँ लेकर उस घर में रखता है।
= तथा च एतस्मात् गृहात् वस्तूनि आदाय तस्मिन् गृहे स्थापयति।
मैं इस घर से विद्यालय जाता हूँ, वह उस घर से विद्यालय जाता है।
= अहम् एतस्मात् निलयात् विद्यालयं गच्छामि , सः तस्मात् निलयात् विद्यालयं गच्छति।
इन दो घरों का स्वामी कौन है ?
= एतयोः भवनयोः स्वामी कः अस्ति ?
इस घर से क्या तू राजा हो जाएगा ?
= एतेन गृहेण किं त्वं राजा भविष्यसि वा ?
‘वह’ बालक जाता है।
= ‘सः’ बालकः गच्छति।
‘ये’ लड़के खेलते हैं।
= ‘एते’ बालकाः क्रीडन्ति।
‘तुम’ ‘कौन’ हो ?
= ‘त्वं’ ‘कः’ असि ?
‘मैं’ ‘वह’ ही लड़का हूँ।
= ‘अहं’ ‘सः’ एव बालकः अस्मि।
‘जो’ ‘उस’ विद्यालय में था।
= ‘यः’ ‘तस्मिन्’ विद्यालये आसीत्
“श्याम भोजन करता है, श्याम विद्यालय जाता है, श्याम पढ़ता है, श्याम खेलता है और श्याम सोता है।”
= श्यामः भोजनं करोति, श्यामः विद्यालयं गच्छति, श्यामः पठति, श्यामः खेलति, श्यामः स्वपिति।
#vakyabhyas
= तथा च एतस्मात् गृहात् वस्तूनि आदाय तस्मिन् गृहे स्थापयति।
मैं इस घर से विद्यालय जाता हूँ, वह उस घर से विद्यालय जाता है।
= अहम् एतस्मात् निलयात् विद्यालयं गच्छामि , सः तस्मात् निलयात् विद्यालयं गच्छति।
इन दो घरों का स्वामी कौन है ?
= एतयोः भवनयोः स्वामी कः अस्ति ?
इस घर से क्या तू राजा हो जाएगा ?
= एतेन गृहेण किं त्वं राजा भविष्यसि वा ?
‘वह’ बालक जाता है।
= ‘सः’ बालकः गच्छति।
‘ये’ लड़के खेलते हैं।
= ‘एते’ बालकाः क्रीडन्ति।
‘तुम’ ‘कौन’ हो ?
= ‘त्वं’ ‘कः’ असि ?
‘मैं’ ‘वह’ ही लड़का हूँ।
= ‘अहं’ ‘सः’ एव बालकः अस्मि।
‘जो’ ‘उस’ विद्यालय में था।
= ‘यः’ ‘तस्मिन्’ विद्यालये आसीत्
“श्याम भोजन करता है, श्याम विद्यालय जाता है, श्याम पढ़ता है, श्याम खेलता है और श्याम सोता है।”
= श्यामः भोजनं करोति, श्यामः विद्यालयं गच्छति, श्यामः पठति, श्यामः खेलति, श्यामः स्वपिति।
#vakyabhyas
July 13, 2023
July 13, 2023
अन्तकोऽपि हि जन्तूनाम् अन्तकालमपेक्षते ।
न कालनियमः कश्चित् उत्तमर्णस्य विद्यते ॥
यावत् मरणकालः सन्निहितः न भवेत् तावत् यमः अपि कस्यापि प्राणान् अपहर्तुं नार्हति । किन्तु तादृशं कालनियमं न अनुसरति ऋणदाता । यदाकदाचित् गृहद्वारे उपस्थाय ‘ऋणं प्रत्यर्पणीयम् इदानीम् एव’ इति भीतिजननपूर्वकं वदन् ऋणस्वीकर्तुः प्राणहरणाय एव उद्यतः भवति सः ।
#hasya
July 13, 2023
July 13, 2023
July 13, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 07:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 14 जुलाई 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - गण्ड सुबह 08:28 तक तत्पश्चात वॄद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 07:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 14 जुलाई 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - गण्ड सुबह 08:28 तक तत्पश्चात वॄद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:02
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
July 13, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 14/7/2023
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Vaarta: News in Sanskrit | 14/7/2023
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July 13, 2023
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰सुभाषितं कथा प्रहेलिका
🗓१४ जुलै २०२३, शुक्रवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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July 13, 2023
July 13, 2023
July 13, 2023
July 13, 2023
🍃
🔆यथा काननवासिनः मांसभक्षिणः केशरिणः बुभुक्षिताः भवन्ति तथापि तृणानि न भक्षयन्ति, तथैव सङ्कटग्रस्ताः सज्जनाः नीचकर्माणि कदापि न कुर्वन्ति।
⚜जंगल मे मांस खाने वाले शेर भूख लगने पर भी जिस तरह घास नहीं खाते, उसी प्रकार उच्च कुल मे जन्मे हुए (सुसंस्कारित) व्यक्ति संकट काल मे भी कभी नीच काम नहीं करते हैं।
#Subhashitam
वनेऽपि सिंहा मॄगमांसभक्षिणो
बुभुक्षिता नैव तॄणं चरन्ति।
एवं कुलीना व्यसनाभिभूता न नीचकर्माणि समाचरन्ति
॥🔆यथा काननवासिनः मांसभक्षिणः केशरिणः बुभुक्षिताः भवन्ति तथापि तृणानि न भक्षयन्ति, तथैव सङ्कटग्रस्ताः सज्जनाः नीचकर्माणि कदापि न कुर्वन्ति।
⚜जंगल मे मांस खाने वाले शेर भूख लगने पर भी जिस तरह घास नहीं खाते, उसी प्रकार उच्च कुल मे जन्मे हुए (सुसंस्कारित) व्यक्ति संकट काल मे भी कभी नीच काम नहीं करते हैं।
#Subhashitam
July 13, 2023
आम्रनारङ्गयोः आम्रं मधुरतरम्।
मधुरतरम् अस्मिन् शब्दे कः प्रत्ययः वर्तते।
मधुरतरम् अस्मिन् शब्दे कः प्रत्ययः वर्तते।
Anonymous Quiz
2%
इयसुन्
9%
तल्
72%
तरप्
17%
तमप्
July 14, 2023
तितिक्षा नाम किमिति विषये किञ्चित् प्रातश्चिन्तनम्
संक्षेपेण मनुष्यस्य अन्तःकरणे सहनस्य यो भावः, अथवा यत् सामर्थ्यं, तद्धि तितिक्षा नाम । जीवनस्य सर्वश्रेष्ठा साधना हि तितिक्षा वर्तते । अन्यशब्दैः महाव्रतं, महातपो वा उच्यते । 'एतद्वैः परमं तपः' इति छान्दोग्योपनिषदि । भावोऽयं यस्मिन् पुरुषे विद्यते, सः तितिक्षुः कथ्यते । सहिष्णुता इति पदमपि 'तितिक्षा' इत्यस्य अपरपदम्, अथवा सहनशीलता इति । यस्मिन् जने भावोऽयं तिष्ठति, सः सहिष्णुः, सहनशीलो वा आख्यायते । मानवजीवने तितिक्षायाः अवसरः प्रायशः आयाति एव ; यतोहि एतज्जीवनं सुखं, दुःखं, शीतम्, उष्णं, लाभः, हानिः, शुभम्, अशुभम्, आनुकुल्यं, प्रातिकूल्यं, जयः, पराजयः, भावः, अभावः, साफल्यम्, असाफल्यं, हर्षः, शोकः, रागः, द्वेषः, मानः, अपमानः, यशः, अपयशः, जीवनं, मरणम् इत्यादिभिः नानाद्वन्द्वैः पूर्णतः आवृतं, बद्धं चास्ति । एतस्य द्वन्द्वघातस्य अवसरे सहर्षं सहनस्य या वृत्तिः, सा हि तितिक्षा कथ्यते । विवेकचूडामणौ उक्तं प्राप्यते -
'सहनं सर्वदुःखानामप्रतीकारपूर्वकम् ।
चिन्ताविलापरहितं सा तितिक्षा निगद्यते ।।' इति ।
एतादृशात् सुखदुःखादिद्वन्द्वात् यावन्मनुष्यो मुक्तो भवितुं नार्हेत् तावत् तस्मिन् भगवत्प्रेमापि न सम्भवेत् । अतः तितिक्षायाः स्थितिं लब्धुं साधना अनिवार्या भवति । यादृशी अपि स्थितिरागच्छेत् जीवने तत्सोढव्या एव, तथाच सततं समत्वस्थितिः अन्तःकरणे आनेतव्या चेदियम् एका महती साधना भवति । गीतायामपि भगवता उक्तमस्ति यत् -
'न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम्' इति ।
मनुष्यः सततमेवं निःस्पृहो भवेत्, प्रियाप्रियादिस्थितिं न विचारयेत् कदापि । सुखमपि परिणामे दुःखं हि जनयेत् । अतः समत्वभावस्य प्राप्तये तितिक्षा हि परमसहायिका भवति मनुष्यस्य । आत्मचिन्तनं दृढीकर्तव्यं मनुष्येण, तदा हि ईश्वरप्रेम सम्भवेत् । स्वस्वरूपे स्थितिर्नाम आत्मसाक्षात्कारः - 'तदा द्रष्टुः स्वरूपेऽवस्थानम्' इति योगसूत्रे इति, शम् ।
-- नारदोपाध्यायः
संक्षेपेण मनुष्यस्य अन्तःकरणे सहनस्य यो भावः, अथवा यत् सामर्थ्यं, तद्धि तितिक्षा नाम । जीवनस्य सर्वश्रेष्ठा साधना हि तितिक्षा वर्तते । अन्यशब्दैः महाव्रतं, महातपो वा उच्यते । 'एतद्वैः परमं तपः' इति छान्दोग्योपनिषदि । भावोऽयं यस्मिन् पुरुषे विद्यते, सः तितिक्षुः कथ्यते । सहिष्णुता इति पदमपि 'तितिक्षा' इत्यस्य अपरपदम्, अथवा सहनशीलता इति । यस्मिन् जने भावोऽयं तिष्ठति, सः सहिष्णुः, सहनशीलो वा आख्यायते । मानवजीवने तितिक्षायाः अवसरः प्रायशः आयाति एव ; यतोहि एतज्जीवनं सुखं, दुःखं, शीतम्, उष्णं, लाभः, हानिः, शुभम्, अशुभम्, आनुकुल्यं, प्रातिकूल्यं, जयः, पराजयः, भावः, अभावः, साफल्यम्, असाफल्यं, हर्षः, शोकः, रागः, द्वेषः, मानः, अपमानः, यशः, अपयशः, जीवनं, मरणम् इत्यादिभिः नानाद्वन्द्वैः पूर्णतः आवृतं, बद्धं चास्ति । एतस्य द्वन्द्वघातस्य अवसरे सहर्षं सहनस्य या वृत्तिः, सा हि तितिक्षा कथ्यते । विवेकचूडामणौ उक्तं प्राप्यते -
'सहनं सर्वदुःखानामप्रतीकारपूर्वकम् ।
चिन्ताविलापरहितं सा तितिक्षा निगद्यते ।।' इति ।
एतादृशात् सुखदुःखादिद्वन्द्वात् यावन्मनुष्यो मुक्तो भवितुं नार्हेत् तावत् तस्मिन् भगवत्प्रेमापि न सम्भवेत् । अतः तितिक्षायाः स्थितिं लब्धुं साधना अनिवार्या भवति । यादृशी अपि स्थितिरागच्छेत् जीवने तत्सोढव्या एव, तथाच सततं समत्वस्थितिः अन्तःकरणे आनेतव्या चेदियम् एका महती साधना भवति । गीतायामपि भगवता उक्तमस्ति यत् -
'न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम्' इति ।
मनुष्यः सततमेवं निःस्पृहो भवेत्, प्रियाप्रियादिस्थितिं न विचारयेत् कदापि । सुखमपि परिणामे दुःखं हि जनयेत् । अतः समत्वभावस्य प्राप्तये तितिक्षा हि परमसहायिका भवति मनुष्यस्य । आत्मचिन्तनं दृढीकर्तव्यं मनुष्येण, तदा हि ईश्वरप्रेम सम्भवेत् । स्वस्वरूपे स्थितिर्नाम आत्मसाक्षात्कारः - 'तदा द्रष्टुः स्वरूपेऽवस्थानम्' इति योगसूत्रे इति, शम् ।
-- नारदोपाध्यायः
July 14, 2023
जो भालू बैठा है वह किस वन में रहता है ?
= यः भल्लूकः आसीनः अस्ति सः कस्मिन् कानने निवसति ?
जिस वन में सिंह रहता है उसी वन में खरगोश भी रहता है।
= यस्मिन् अरण्ये सिंहः वसति तस्मिन् एव अरण्ये शशकः अपि वसति।
जिसका नाम पिंगलक है वह सिंह किस वन से आया है ?
= यस्य नाम पिङ्गलकः अस्ति सः कस्मात् विपिनात् आगतः अस्ति ?
जिस मोरनी का नाम चारुपर्णा है वह किस वन से आयी है ?
= यस्याः मयूर्याः नाम चारुपर्णा अस्ति सा कस्मात् अरण्यात् आगता अस्ति ?
जिस वन से वह कौआ आया है उसी वन से वह गौरैया भी आयी है।
= यस्मात् विपिनात् सः वायसः आगतः अस्ति तस्मात् एव विपिनात् सा चटका अपि आगता अस्ति।
जिन पंखों से हंस उड़ता है उन्हीं पंखों से बगुला भी उड़ता है।
= याभ्यां पक्षाभ्यां हंसः उड्डयति ताभ्याम् एव पक्षाभ्यां बकः अपि उड्डयति ।
वह ऊँट किस विधि से काँटे खाता है ?
= सः क्रमेलकः केन विधिना कण्टकानि खादति ?
जिस विधि से सिंह मांस खाता है उसी विधि से ऊँट काँटे खाता है।
= येन विधिना मृगेन्द्रः मांसं खादति तेन एव विधिना उष्ट्रः कण्टकानि खादति।
जो बन्दर लाल मुँह वाला है, वह किस वृक्ष पर चढ़ता है ?
= यः वानरः रक्तमुखः अस्ति सः कं वृक्षम् आरोहति ?
वे भयंकर सुअर जिनके दाँत टेढ़े हैं, किन महावनों में रहते हैं ?
= ते भयङ्कराः कोलाः येषां दन्ताः वक्राः सन्ति, केषु महारण्येषु वसन्ति ?
#vakyabhyas
= यः भल्लूकः आसीनः अस्ति सः कस्मिन् कानने निवसति ?
जिस वन में सिंह रहता है उसी वन में खरगोश भी रहता है।
= यस्मिन् अरण्ये सिंहः वसति तस्मिन् एव अरण्ये शशकः अपि वसति।
जिसका नाम पिंगलक है वह सिंह किस वन से आया है ?
= यस्य नाम पिङ्गलकः अस्ति सः कस्मात् विपिनात् आगतः अस्ति ?
जिस मोरनी का नाम चारुपर्णा है वह किस वन से आयी है ?
= यस्याः मयूर्याः नाम चारुपर्णा अस्ति सा कस्मात् अरण्यात् आगता अस्ति ?
जिस वन से वह कौआ आया है उसी वन से वह गौरैया भी आयी है।
= यस्मात् विपिनात् सः वायसः आगतः अस्ति तस्मात् एव विपिनात् सा चटका अपि आगता अस्ति।
जिन पंखों से हंस उड़ता है उन्हीं पंखों से बगुला भी उड़ता है।
= याभ्यां पक्षाभ्यां हंसः उड्डयति ताभ्याम् एव पक्षाभ्यां बकः अपि उड्डयति ।
वह ऊँट किस विधि से काँटे खाता है ?
= सः क्रमेलकः केन विधिना कण्टकानि खादति ?
जिस विधि से सिंह मांस खाता है उसी विधि से ऊँट काँटे खाता है।
= येन विधिना मृगेन्द्रः मांसं खादति तेन एव विधिना उष्ट्रः कण्टकानि खादति।
जो बन्दर लाल मुँह वाला है, वह किस वृक्ष पर चढ़ता है ?
= यः वानरः रक्तमुखः अस्ति सः कं वृक्षम् आरोहति ?
वे भयंकर सुअर जिनके दाँत टेढ़े हैं, किन महावनों में रहते हैं ?
= ते भयङ्कराः कोलाः येषां दन्ताः वक्राः सन्ति, केषु महारण्येषु वसन्ति ?
#vakyabhyas
July 14, 2023
वत्से मा गा विषादं श्वसनमुरजवं सन्त्यजोर्ध्वप्रवृत्तम् ।
कम्पः को वा गुरुस्ते किमिह बलभिदा जृम्भितेनात्र याहि ।
प्रत्याख्यानं सुराणामिति भयशमनच्छद्मना कारयित्वा
यस्मै लक्ष्मीमदाद् वः स दहतु दुरितं मन्थमुग्धः पयोधिः ॥
लक्ष्म्याः स्वयंवरः प्रचलत् आसीत् । लक्ष्म्याः पिता सागरः तु स्वपुत्रीं विष्णवे दातुम् इच्छति । तां परिणेतुम् इच्छवः इन्द्रादयः अपि उपस्थिताः आसन् सभायाम् । ते स्वपुत्र्याः यथा न अङ्गीकृताः स्युः तथा करणीया आसीत् तेन । अतः सः पुत्र्याः भीतिं निवारयन् इव वदति - 'वत्से ! विषादः मास्तु । दीर्घश्वासः अपि मास्तु भवत्याः । गुरुः कम्पोऽपि मास्तु बलमित् जृम्भिमत् अपि मास्तु' इति । तस्य तात्पर्यम् एवं भवति - 'विषादः - विषसेवी शिवः मास्तु, श्वसनं- वायुः मास्तु, कस्य-जलस्य पाता रक्षकः वरुणः मास्तु, गुरुः - बृहस्पतिः अपि मास्तु, बलमित् - बलनामकस्य राक्षसस्य संहर्ता इन्द्रः मास्तु, अत्र विष्णुसमीपम् आगच्छतु' इति । एवम् उपायेन पुत्र्याः विवाहं निर्णीतवान् सागरः भवतां पापं निवरयतु ।
#hasya
July 14, 2023
July 14, 2023
July 14, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 15 जुलाई 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 12:23 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - वॄद्धि सुबह 08:22 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - सुबह 09:24 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:03
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, आर्द्रा नक्षत्र योग
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 08:32 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 15 जुलाई 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 12:23 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - वॄद्धि सुबह 08:22 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - सुबह 09:24 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:03
⛅ सूर्यास्त - 07:28
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⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, आर्द्रा नक्षत्र योग
July 14, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/tNKTKEyroSc
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 15/7/2023
DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite News…
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July 14, 2023
July 14, 2023
July 14, 2023
🍃
🔆 यस्मात् प्रीतिः स्यात् तस्यैव भीतिः अपि स्यात् स्नेहः एव दुःखस्य कारणं भवति दुःखानां मूलं स्नेहः अतः तानि त्यक्त्वा सुखी वसतु।
⚜जिससे स्नेह होता है, उसी का डर भी लगा रहता है। स्नेह ही दुख का आधार है। स्नेह ही दुख का मूल है। स्नेह को त्यागकर ही व्यक्ति सुख से रह सकता है ।
#Subhashitam
यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम्।
स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्त्वा वसेत्सुखम्
॥🔆 यस्मात् प्रीतिः स्यात् तस्यैव भीतिः अपि स्यात् स्नेहः एव दुःखस्य कारणं भवति दुःखानां मूलं स्नेहः अतः तानि त्यक्त्वा सुखी वसतु।
⚜जिससे स्नेह होता है, उसी का डर भी लगा रहता है। स्नेह ही दुख का आधार है। स्नेह ही दुख का मूल है। स्नेह को त्यागकर ही व्यक्ति सुख से रह सकता है ।
#Subhashitam
July 15, 2023
एवमपि क्षेप्तुम् अर्हा त्वम्।
वाक्यं कस्य कृते अस्ति।
वाक्यं कस्य कृते अस्ति।
Anonymous Quiz
67%
स्त्रीलिङ्गाय
15%
पुल्लिङ्गाय
18%
नपुंसकलिङ्गाय
July 15, 2023
July 15, 2023
वे काले हिरन किन वनों से आये हैं ?
= ते कृष्णसाराः केभ्यः गहनेभ्यः आगताः सन्ति ?
वह नेता नहीं वह तो गिरगिट है जो सच्ची बात वाला नहीं है।
= सः नेता नैव स तु सरटः अस्ति यः सत्यवाक्यः नास्ति।
वे पक्षी तीव्र वेग से उड़ते हैं।
= अमी खगाः तीव्रवेगेन उड्डयन्ति।
ये पक्षी खेत में बैठे हैं।
= इमे विहङ्गाः क्षेत्रे आसीनाः सन्ति।
इन पक्षियों को दाना देता हूँ।
= एभ्यः विहगेभ्यः अन्नकणान् ददामि।
इस खेत से पक्षी चले गए हैं।
= अस्मात् क्षेत्रात् पत्ररथाः गताः सन्ति।
इस वाटिका में पक्षी कूजते हैं।
= अस्यां वाटिकायां शकुन्ताः कूजन्ति।
इस वृक्ष पर बहुत पक्षी रहते हैं।
= अस्मिन् वृक्षे बहवः अण्डजाः वसन्ति।
उस बरगद पर बहुत से पक्षी रहते हैं।
= अमुष्मिन् न्यग्रोधे बहवः विष्किराः वसन्ति।
ये पक्षी उन पीपल के वृक्षों पर रहते हैं।
= इमे अण्डजाः अमीषु अश्वत्थेषु वसन्ति।
ये व्याध उन पक्षियों को मारते हैं।
= इमे व्याधाः अमून् अण्डजान् घ्नन्ति।
#vakyabhyas
= ते कृष्णसाराः केभ्यः गहनेभ्यः आगताः सन्ति ?
वह नेता नहीं वह तो गिरगिट है जो सच्ची बात वाला नहीं है।
= सः नेता नैव स तु सरटः अस्ति यः सत्यवाक्यः नास्ति।
वे पक्षी तीव्र वेग से उड़ते हैं।
= अमी खगाः तीव्रवेगेन उड्डयन्ति।
ये पक्षी खेत में बैठे हैं।
= इमे विहङ्गाः क्षेत्रे आसीनाः सन्ति।
इन पक्षियों को दाना देता हूँ।
= एभ्यः विहगेभ्यः अन्नकणान् ददामि।
इस खेत से पक्षी चले गए हैं।
= अस्मात् क्षेत्रात् पत्ररथाः गताः सन्ति।
इस वाटिका में पक्षी कूजते हैं।
= अस्यां वाटिकायां शकुन्ताः कूजन्ति।
इस वृक्ष पर बहुत पक्षी रहते हैं।
= अस्मिन् वृक्षे बहवः अण्डजाः वसन्ति।
उस बरगद पर बहुत से पक्षी रहते हैं।
= अमुष्मिन् न्यग्रोधे बहवः विष्किराः वसन्ति।
ये पक्षी उन पीपल के वृक्षों पर रहते हैं।
= इमे अण्डजाः अमीषु अश्वत्थेषु वसन्ति।
ये व्याध उन पक्षियों को मारते हैं।
= इमे व्याधाः अमून् अण्डजान् घ्नन्ति।
#vakyabhyas
July 15, 2023
आगतो विप्लवो ज्ञात्वा न्यायालयो हि नैष्ठिकम्।
पूर्वं न्यायालयं याहि ह्युच्चमिति ब्रवीति ह॥
✍🏻पतङ्गः🦗
#hasya
July 15, 2023
July 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 16 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 02:39 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - ध्रुव सुबह 08:33 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - शाम 05:47 से 07:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:03
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कर्क संक्रांति
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 16 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 02:39 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - ध्रुव सुबह 08:33 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - शाम 05:47 से 07:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:03
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कर्क संक्रांति
July 15, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
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Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali
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DD News 24x7 | #BreakingNews & other #LiveUpdates | News in Hindi
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July 15, 2023
July 15, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/RxUMCrnYIEU
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 16/7/2023
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July 15, 2023
July 15, 2023
July 15, 2023
July 15, 2023
🍃
(महाभारत, वनपर्व - २८/७)
🔆 यः सदैव क्षमां करोति सः सदा दोषान् एव प्राप्नोति ।
तादृशं जनं प्रति तस्य भृत्याः शत्रवः तथा उदासीनाः अपि तस्य पराभवस्य कारणानि भवन्ति।
⚜वत्स! जो सदा क्षमा ही करता है, उसे अनेक दोष प्राप्त होते हैं। उसके भृत्य, शत्रु तथा उदासीन सभी उसका तिरस्कार कर देते हैं। (अतः सदैव क्षमाशील होना भी हितकारी नहीं होता)
⚜Child! The one who always forgives, he gets many faults. His servants, enemies and indifferent all despise him. (Hence being always forgiving is also not beneficial)
यो नित्यं क्षमते तात! बहून् दोषान् स विन्दति।
भृत्याः परिभवन्त्येनम् उदासीनास्तथारयः
।।(महाभारत, वनपर्व - २८/७)
🔆 यः सदैव क्षमां करोति सः सदा दोषान् एव प्राप्नोति ।
तादृशं जनं प्रति तस्य भृत्याः शत्रवः तथा उदासीनाः अपि तस्य पराभवस्य कारणानि भवन्ति।
⚜वत्स! जो सदा क्षमा ही करता है, उसे अनेक दोष प्राप्त होते हैं। उसके भृत्य, शत्रु तथा उदासीन सभी उसका तिरस्कार कर देते हैं। (अतः सदैव क्षमाशील होना भी हितकारी नहीं होता)
⚜Child! The one who always forgives, he gets many faults. His servants, enemies and indifferent all despise him. (Hence being always forgiving is also not beneficial)
July 15, 2023
पूर्वं कायस्य - पूर्वकायः
इति कस्योदाहरणमस्ति।
इति कस्योदाहरणमस्ति।
Anonymous Quiz
31%
अव्ययीभावस्य
16%
बहुव्रीहेः
47%
तत्पुरुषस्य
7%
द्वन्द्वस्य
July 16, 2023
ओ३म्
*संस्कृतवाक्याभ्यासः*
मम गृहस्य पार्श्वे बिल्वस्य वृक्षः अस्ति।
= मेरे घर के पास बिली का पेड़ है।
भवतः / भवत्याः गृहस्य पार्श्वे बिल्वस्य वृक्षः अस्ति वा ?
= आपके घर के पास बिली का पेड़ है क्या ?
उत्तरं लिखन्तु।
= उत्तर लिखिये।
मम गृहे कोऽपि रुग्णः नास्ति।
= मेरे घर कोई बीमार नहीं है।
भवतः / भवत्याः गृहे कोऽपि रुग्णः अस्ति वा ?
= आपके घर कोई बीमार है क्या ?
नास्ति चेत् लिखन्तु "नास्ति"
= नहीं है तो लिखिये "नहीं है"
अस्ति चेत् लिखन्तु "अस्ति"
= है तो लिखिये " है"
मम गृहे एकः विद्यार्थी अस्ति।
= मेरे घर एक विद्यार्थी है।
भवतः / भवत्याः गृहे कोऽपि विद्यार्थी अस्ति वा ?
= आपके घर कोई विद्यार्थी है क्या ?
अस्ति .... उत्तमम्।
= है .... बढ़िया ।
सः छात्रावासे तु नास्ति ?
= वह छात्रावास में तो नहीं है ?
न .. न ... सः गृहे अस्ति।
= नहीं ... वह घर में है।
सरलानि वाक्यानि प्रतिदिनं वदन्तु
सरल वाक्य प्रतिदिन बोलें
#vakyabhyas
*संस्कृतवाक्याभ्यासः*
मम गृहस्य पार्श्वे बिल्वस्य वृक्षः अस्ति।
= मेरे घर के पास बिली का पेड़ है।
भवतः / भवत्याः गृहस्य पार्श्वे बिल्वस्य वृक्षः अस्ति वा ?
= आपके घर के पास बिली का पेड़ है क्या ?
उत्तरं लिखन्तु।
= उत्तर लिखिये।
मम गृहे कोऽपि रुग्णः नास्ति।
= मेरे घर कोई बीमार नहीं है।
भवतः / भवत्याः गृहे कोऽपि रुग्णः अस्ति वा ?
= आपके घर कोई बीमार है क्या ?
नास्ति चेत् लिखन्तु "नास्ति"
= नहीं है तो लिखिये "नहीं है"
अस्ति चेत् लिखन्तु "अस्ति"
= है तो लिखिये " है"
मम गृहे एकः विद्यार्थी अस्ति।
= मेरे घर एक विद्यार्थी है।
भवतः / भवत्याः गृहे कोऽपि विद्यार्थी अस्ति वा ?
= आपके घर कोई विद्यार्थी है क्या ?
अस्ति .... उत्तमम्।
= है .... बढ़िया ।
सः छात्रावासे तु नास्ति ?
= वह छात्रावास में तो नहीं है ?
न .. न ... सः गृहे अस्ति।
= नहीं ... वह घर में है।
सरलानि वाक्यानि प्रतिदिनं वदन्तु
सरल वाक्य प्रतिदिन बोलें
#vakyabhyas
July 16, 2023
July 16, 2023
July 16, 2023
July 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 17 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - अमावस्या रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु 18 जुलाई प्रातः 05:11 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - व्याघात सुबह 08:58 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 07:44 से 09:25 तक
⛅ सूर्योदय - 06:04
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 17 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण (गुजरात, महाराष्ट्र में आषाढ़)
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ तिथि - अमावस्या रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु 18 जुलाई प्रातः 05:11 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - व्याघात सुबह 08:58 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 07:44 से 09:25 तक
⛅ सूर्योदय - 06:04
⛅ सूर्यास्त - 07:28
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमवती अमावस्या
July 16, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 17/7/2023
#vaarta #politicalnews #latestnews
Vaarta: News in Sanskrit | 17/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 17/7/2023
July 16, 2023
July 16, 2023
July 16, 2023
July 16, 2023
July 16, 2023
🍃
🔆 कुपितः जनः कदापि किमपि विचारं कृत्वा न वक्ति किं कथनीयं किञ्च न इति तस्य विवेकः न भवति । तस्य कृते तादृशं किमपि नास्ति यत् न कर्तव्यं तथा न वक्तव्यं भवति।
⚜कुपित मनुष्य कभी इस बात का विचार नहीं करता कि उसे क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए। कुपित मनुष्य के लिए कुछ भी अकार्य नहीं और कुछ भी अकथनीय नहीं । अतः कोप करने से बचें।
⚜A angry person never thinks about what he should say and what he should not say. For an angry man, nothing is inexplicable and nothing is inexplicable. So avoid getting angry
#subhashitam
वाचावाच्यं प्रकुपितो न विजानाति कर्हिचित् ।
नाकार्यमस्ति क्रुद्धस्य नावाच्यं विद्यते क्वचित्
॥🔆 कुपितः जनः कदापि किमपि विचारं कृत्वा न वक्ति किं कथनीयं किञ्च न इति तस्य विवेकः न भवति । तस्य कृते तादृशं किमपि नास्ति यत् न कर्तव्यं तथा न वक्तव्यं भवति।
⚜कुपित मनुष्य कभी इस बात का विचार नहीं करता कि उसे क्या कहना चाहिए और क्या नहीं कहना चाहिए। कुपित मनुष्य के लिए कुछ भी अकार्य नहीं और कुछ भी अकथनीय नहीं । अतः कोप करने से बचें।
⚜A angry person never thinks about what he should say and what he should not say. For an angry man, nothing is inexplicable and nothing is inexplicable. So avoid getting angry
#subhashitam
July 16, 2023
करोतु - क्रियताम्
लिखतु - लिख्यताम्
गच्छतु - गम्यताम् उचितं विकल्पं चिनुत।
लिखतु - लिख्यताम्
गच्छतु - गम्यताम् उचितं विकल्पं चिनुत।
Anonymous Quiz
13%
कर्तरि लोट् - कर्मणि लट्
18%
कर्तरि लट् - कर्मणि लोट्
10%
कर्तरि लोट् - कर्मणि लृट्
59%
कर्तरि लोट् - कर्मणि लोट्
July 17, 2023
कश्चन पाकिस्तानीयः - यूयं भारतीयाः वारं वारं चन्द्रं किमर्थं गच्छथ? तत्र किमस्ति ?
भारतीयः - तत्र किमपि नास्ति! तत्र वायुः नास्ति,न वा जलम् अस्ति, न तु तैलम् अस्ति, न च विद्युत् अस्ति। अनिलकोषोऽपि नास्ति, न च गोधूमचूर्णं प्राप्यते।
पाकिस्तानीयः - तर्हि किमर्थं तत्र गत्वा समयं नष्टीकुरुथ? यूयम् अत्र पाकिस्तानम् आगच्छत, अत्रापि किमपि नास्ति।😊
-प्रदीपः!
#hasya
भारतीयः - तत्र किमपि नास्ति! तत्र वायुः नास्ति,न वा जलम् अस्ति, न तु तैलम् अस्ति, न च विद्युत् अस्ति। अनिलकोषोऽपि नास्ति, न च गोधूमचूर्णं प्राप्यते।
पाकिस्तानीयः - तर्हि किमर्थं तत्र गत्वा समयं नष्टीकुरुथ? यूयम् अत्र पाकिस्तानम् आगच्छत, अत्रापि किमपि नास्ति।😊
-प्रदीपः!
#hasya
July 17, 2023
July 17, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰रेलयात्राविवरणम्
🗓१८जुलै २०२३, मङ्गलवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(रेलयात्रासमये कीदृशाः अनुभवाः आगच्छन्ति तेषां विवरणं कर्तव्यम् )। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
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July 17, 2023
यह स्त्री बुद्धिमती है।
= एषा नारी बुद्धिमती अस्ति।
वे दो नारियाँ शिक्षका हैं।
= ते वनिते शिक्षिके स्तः।
वे नारियाँ मधुर गीत गाती हैं।
= ताः प्रमदाः मधुरं गीतं गायन्ति।
उस स्त्री से यह सुन्दर भौहों वाली स्त्री पूछती है..
= तां महिलाम् एषा सुभ्रूः पृच्छति…
कि वे स्त्रियाँ किस गीत को गाती हैं ?
= यत् ताः प्रमदाः कं गीतं गायन्ति ?
ये दो स्त्रियाँ उन दो स्त्रियों को फल देती हैं।
= एते प्रमदे ताभ्यां ललनाभ्यां फलानि यच्छतः।
एक स्त्री रोटी पकाती है और एक दाल पकाती है।
= एका जोषा रोटिकाः पचति एका च सूपं पचति।
दो स्त्रियाँ इन स्त्रियों से भोजन पकवाती हैं।
= द्वे अङ्गने एताभिः वनिताभिः भोजनं पाचयतः।
सभी स्त्रियाँ परस्पर बातें करती हैं।
= सर्वाः जोषिताः परस्परं वार्तालापं कुर्वन्ति।
#vakyabhyas
= एषा नारी बुद्धिमती अस्ति।
वे दो नारियाँ शिक्षका हैं।
= ते वनिते शिक्षिके स्तः।
वे नारियाँ मधुर गीत गाती हैं।
= ताः प्रमदाः मधुरं गीतं गायन्ति।
उस स्त्री से यह सुन्दर भौहों वाली स्त्री पूछती है..
= तां महिलाम् एषा सुभ्रूः पृच्छति…
कि वे स्त्रियाँ किस गीत को गाती हैं ?
= यत् ताः प्रमदाः कं गीतं गायन्ति ?
ये दो स्त्रियाँ उन दो स्त्रियों को फल देती हैं।
= एते प्रमदे ताभ्यां ललनाभ्यां फलानि यच्छतः।
एक स्त्री रोटी पकाती है और एक दाल पकाती है।
= एका जोषा रोटिकाः पचति एका च सूपं पचति।
दो स्त्रियाँ इन स्त्रियों से भोजन पकवाती हैं।
= द्वे अङ्गने एताभिः वनिताभिः भोजनं पाचयतः।
सभी स्त्रियाँ परस्पर बातें करती हैं।
= सर्वाः जोषिताः परस्परं वार्तालापं कुर्वन्ति।
#vakyabhyas
July 17, 2023
July 17, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 02:09 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 18 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पुष्य पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - हर्षण सुबह 09:37 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:04
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अधिक-श्रावण मास प्रारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ दिनांक - 18 जुलाई 2023
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⛅ नक्षत्र - पुष्य पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - हर्षण सुबह 09:37 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:07 से 05:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:04
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अधिक-श्रावण मास प्रारम्भ
July 17, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/tWGGUujckNY
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta: News in Sanskrit | 18/7/2023
July 17, 2023
July 17, 2023
July 17, 2023
July 17, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
रेलयात्राविवरणम्
#samlapshala
#samlapshala
July 17, 2023
🍃
🔆 यथा भूमिः भवति तादृशमेव तोयं भवति यादृशं बीजं भवति तादृशमेव अङ्कुरः भवति यादृशः देशः तेन स्थानेन प्रभाविता एव भाषा भवति एवमेव यादृशं चरित्रं नृपस्य भवति तादृशमेव प्रजानां भवति।
⚜जैसी भूमि होती है, वैसा ही जल होता है। जैसा बीज होता है, वैसा ही अंकुर होता है। जैसा देश होता है, वहाँ के निवासियों की वैसी ही भाषा होती है। जैसा राजा होता है, प्रजा भी वैसी ही होती है।
#Subhashitam
यथा भूमिः तथा तोयं, यथा बीजं तथाङ्कुरः।
यथा देशः तथा भाषा, यथा राजा तथा प्रजा
॥🔆 यथा भूमिः भवति तादृशमेव तोयं भवति यादृशं बीजं भवति तादृशमेव अङ्कुरः भवति यादृशः देशः तेन स्थानेन प्रभाविता एव भाषा भवति एवमेव यादृशं चरित्रं नृपस्य भवति तादृशमेव प्रजानां भवति।
⚜जैसी भूमि होती है, वैसा ही जल होता है। जैसा बीज होता है, वैसा ही अंकुर होता है। जैसा देश होता है, वहाँ के निवासियों की वैसी ही भाषा होती है। जैसा राजा होता है, प्रजा भी वैसी ही होती है।
#Subhashitam
July 17, 2023
July 18, 2023
अस्पष्टं स्पष्टं कृत्वा - स्पष्टीकृत्य।
कः समासः।
कः समासः।
Anonymous Quiz
20%
कर्मधारयः
48%
गतिसमासः
20%
उपपदतत्पुरुषः
11%
कुसमासः
July 18, 2023
मनुष्य उत्सवप्रिय होते हैं।
= मनुजाः उत्सवप्रियाः भवन्ति।
प्रतिदिन सैकड़ो मनुष्य जन्मते और मरते हैं।
= प्रतिदिनं शतानि मानुषाः जायन्ते म्रियन्ते च।
मनुष्यों में कुछ तो सज्जन होते हैं,
= मानवेषु केचित् तु सज्जनाः भवन्ति,
और कुछ मनुष्य धूर्त होते हैं।
= केचित् नराः धूर्ताः च भवन्ति।
सैकडों मनुष्य धन के लिए ही मरते हैं।
= शतानि मनुजाः धनाय एव म्रियन्ते।
किन्तु उन मनुष्यों को कोई नहीं जानता।
= किन्तु तान् मनुजान् कोऽपि न जानाति।
धूर्त मनुष्य आपसी स्नेह को फाड़ देते हैं।
= धूर्ताः मनुजाः पारस्परिकं स्नेहं भिन्दन्ति।
सत्पुरुषों के लिए तो सारी पृथ्वी कुटुम्ब है।
= सत्पुरुषेभ्यः तु समग्रा वसुधा कुटुम्बकम् एव अस्ति।
वे दो ठग पुरुष उस भले पुरुष को ठगते हैं।
= तौ वञ्चकौ पुरुषौ तं भद्रं पुरुषं वञ्चयतः।
इस भले आदमी में कोई दुर्गुण नहीं है।
= अस्मिन् भद्रे पूरुषे कोऽपि दुर्गुणः न अस्ति।
#vakyabhyas
= मनुजाः उत्सवप्रियाः भवन्ति।
प्रतिदिन सैकड़ो मनुष्य जन्मते और मरते हैं।
= प्रतिदिनं शतानि मानुषाः जायन्ते म्रियन्ते च।
मनुष्यों में कुछ तो सज्जन होते हैं,
= मानवेषु केचित् तु सज्जनाः भवन्ति,
और कुछ मनुष्य धूर्त होते हैं।
= केचित् नराः धूर्ताः च भवन्ति।
सैकडों मनुष्य धन के लिए ही मरते हैं।
= शतानि मनुजाः धनाय एव म्रियन्ते।
किन्तु उन मनुष्यों को कोई नहीं जानता।
= किन्तु तान् मनुजान् कोऽपि न जानाति।
धूर्त मनुष्य आपसी स्नेह को फाड़ देते हैं।
= धूर्ताः मनुजाः पारस्परिकं स्नेहं भिन्दन्ति।
सत्पुरुषों के लिए तो सारी पृथ्वी कुटुम्ब है।
= सत्पुरुषेभ्यः तु समग्रा वसुधा कुटुम्बकम् एव अस्ति।
वे दो ठग पुरुष उस भले पुरुष को ठगते हैं।
= तौ वञ्चकौ पुरुषौ तं भद्रं पुरुषं वञ्चयतः।
इस भले आदमी में कोई दुर्गुण नहीं है।
= अस्मिन् भद्रे पूरुषे कोऽपि दुर्गुणः न अस्ति।
#vakyabhyas
July 18, 2023
बिलाद् बहिर्बिलस्यान्तः स्थितमार्जारसर्पयोः । मध्ये चाखुरिवाभाति पत्नीद्वययुतो नरः ॥
अनपत्यताकारणतः, अर्थलाभादिहेतुना, अन्यकारणेन वा केचन पत्नीद्वययुताः भवन्ति । तादृशानां जीवनं नितरां शोचनीयं भवति प्रायः । मार्जारेण अनुधाव्यमानः कश्चन मूषकः कदाचित् एकं बिलं प्राविशत् । तस्य पुरतः उपस्थितः आसीत् घोरः सर्पः ! अग्रे गतं चेत् सर्पात् अपायः, पृष्ठतः गतं चेत्, तत्रैव स्थितं चेत् वा मार्जारात् विपत्तिः । एतादृश्यां स्थितौ सः वराकः अनन्यगतिकः किं वा कुर्यात् ? तस्य यथा, तथैव भवति पत्नीद्वययुतस्य मनुष्यस्यापि स्थितिः । एवं ननु ?
#hasya
July 18, 2023
Sambhashana Varga Registration.pdf
45.1 KB
Namaste
Online Samskrita Sambhashana Varga: (Spoken Samskritam Courses) are arranged for beginners at different timings. A good opportunity to learn Samskritam together at home and create Samskrita Griham.
Prior Knowledge of samskritam is not necessary to attend this free course. Anyone above the age of 8 may join.
Sambhashana Varga: (Level 1)
Starting date 24th July 2023
Requirement - All 12 days attendance
Please enter correct Email ID as further communication is through email only. Please check spam/junk mails too. In case you don't find please mail us within two days of registration.
Registration for this batch will be closed prior to the first day of the sessions
For any queries email to sbsamskritavarga@gmail.com
Register here
https://forms.gle/BVDKNfAB4DpmfN488
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Starting date 24th July 2023
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July 18, 2023
July 18, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 20 जुलाई प्रातः 04:30 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 19 जुलाई 2023*l
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पुष्य सुबह 07:08 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - वज्र सुबह 10:26 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - दोपहर 12:46 से 02:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:05
⛅सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 07:27 से रात्रि 08:48 तक)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 20 जुलाई प्रातः 04:30 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 19 जुलाई 2023*l
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पुष्य सुबह 07:08 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - वज्र सुबह 10:26 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅राहु काल - दोपहर 12:46 से 02:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:05
⛅सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 07:27 से रात्रि 08:48 तक)
July 18, 2023
July 18, 2023
July 18, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 लोकोक्तिविवरणम्
🗓१९जुलै २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयभाषायां लिखितायाः लोकोक्त्याः विवरणं करणीयम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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सङ्ग्रहः
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 लोकोक्तिविवरणम्
🗓१९जुलै २०२३, बुधवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयभाषायां लिखितायाः लोकोक्त्याः विवरणं करणीयम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 18, 2023
July 18, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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#samlapshala
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July 18, 2023
🍃
चाणक्यनीति
🔆 काष्ठपाषाणधातुनां निर्मितानां मूर्तीनाम् अपि अर्चनादिकं महत्या श्रद्धया एव करणीयं तत्र ईश्वरभावः एव द्रष्टव्यः तेनैव विष्णुः प्रसन्नः भवति।
⚜काष्ठ, पाषाण व धातु की मूर्तियों की भावना से सेवा करनी चाहिए। श्रद्धा से उनकी सेवा करने पर साक्षात् भगवान विष्णु सिद्धि देते हैं।
#Subhashitam
काष्ठपाषाण धातूनां कृत्वा भावेन सेवनम्।
श्रद्धया च तथा सिद्धिस्तस्य विष्णोः प्रसादतः
॥चाणक्यनीति
🔆 काष्ठपाषाणधातुनां निर्मितानां मूर्तीनाम् अपि अर्चनादिकं महत्या श्रद्धया एव करणीयं तत्र ईश्वरभावः एव द्रष्टव्यः तेनैव विष्णुः प्रसन्नः भवति।
⚜काष्ठ, पाषाण व धातु की मूर्तियों की भावना से सेवा करनी चाहिए। श्रद्धा से उनकी सेवा करने पर साक्षात् भगवान विष्णु सिद्धि देते हैं।
#Subhashitam
July 18, 2023
सर्वदेवनमस्कारः केशवं प्रति गच्छति।
वाक्ये उपपदविभक्तिरूपेण कः शब्दः अस्ति।
वाक्ये उपपदविभक्तिरूपेण कः शब्दः अस्ति।
Anonymous Quiz
26%
सर्वदेवनमस्कारः
44%
प्रति
19%
केशवं
11%
नास्ति कोऽपि शब्दः।
July 19, 2023
July 19, 2023
जब मैं यहाँ होता हूँ तब वह दुष्ट भी यहीं होता है।
= यदा अहम् अत्र भवामि तदा सः दुष्टः अपि अत्रैव भवति।
जब हम दोनों विद्यालय में होते हैं…
= यदा आवां विद्यालये भवावः …
तब तुम दोनों विद्यालय में क्यों नहीं होते हो ?
= तदा युवां विद्यालये कथं न भवथः ?
जब हम सब प्रसन्न होते हैं तब वे भी प्रसन्न होते हैं।
= यदा वयं प्रसन्नाः भवामः तदा ते अपि प्रसन्नाः भवन्ति।
प्राचीन काल में हर गाँव में कुएँ होते थे।
= प्राचीने काले सर्वेषु ग्रामेषु कूपाः भवन्ति स्म।
सब गाँवों में मन्दिर होते थे।
= सर्वेषु ग्रामेषु मन्दिराणि भवन्ति स्म।
मेरे गाँव में उत्सव होता था।
= मम ग्रामे उत्सवः भवति स्म।
आजकल मनुष्य दूसरों के सुख से पीड़ित होता है।
= अद्यत्वे मर्त्यः परेषां सुखेन पीडितः भवति।
जो परिश्रमी होता है वही सुखी होता है।
= यः परिश्रमी भवति सः एव सुखी भवति।
केवल बेटे ही सब कुछ नहीं होते…
= केवलं पुत्राः एव सर्वं न भवन्ति खलु…
बेटियाँ बेटों से कम नहीं होतीं।
= सुताः सुतेभ्यः न्यूनाः न भवन्ति।
#vakyabhyas
= यदा अहम् अत्र भवामि तदा सः दुष्टः अपि अत्रैव भवति।
जब हम दोनों विद्यालय में होते हैं…
= यदा आवां विद्यालये भवावः …
तब तुम दोनों विद्यालय में क्यों नहीं होते हो ?
= तदा युवां विद्यालये कथं न भवथः ?
जब हम सब प्रसन्न होते हैं तब वे भी प्रसन्न होते हैं।
= यदा वयं प्रसन्नाः भवामः तदा ते अपि प्रसन्नाः भवन्ति।
प्राचीन काल में हर गाँव में कुएँ होते थे।
= प्राचीने काले सर्वेषु ग्रामेषु कूपाः भवन्ति स्म।
सब गाँवों में मन्दिर होते थे।
= सर्वेषु ग्रामेषु मन्दिराणि भवन्ति स्म।
मेरे गाँव में उत्सव होता था।
= मम ग्रामे उत्सवः भवति स्म।
आजकल मनुष्य दूसरों के सुख से पीड़ित होता है।
= अद्यत्वे मर्त्यः परेषां सुखेन पीडितः भवति।
जो परिश्रमी होता है वही सुखी होता है।
= यः परिश्रमी भवति सः एव सुखी भवति।
केवल बेटे ही सब कुछ नहीं होते…
= केवलं पुत्राः एव सर्वं न भवन्ति खलु…
बेटियाँ बेटों से कम नहीं होतीं।
= सुताः सुतेभ्यः न्यूनाः न भवन्ति।
#vakyabhyas
July 19, 2023
July 19, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/uQFHh50DVxg
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | News in Sanskrit | 19/7/2023
#newsinsanskrit #monsoonsession #monsoonsessionofparliament
Vaarta: News in Sanskrit | 19/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 19/7/2023
July 19, 2023
July 19, 2023
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰 गोमयं गोमूत्रं च
🗓२०जुलै २०२३, गुरुवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(गोमयस्य गोमूत्रस्य च आध्यात्मिकम् आर्थिकम् आयुर्वेदिकं वा महत्त्वं वदनीयम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 गोमयं गोमूत्रं च
🗓२०जुलै २०२३, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(गोमयस्य गोमूत्रस्य च आध्यात्मिकम् आर्थिकम् आयुर्वेदिकं वा महत्त्वं वदनीयम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 19, 2023
July 19, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया पूर्ण रात्रि तक (वृद्धि तिथि)
⛅ दिनांक - 20 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा सुबह 10:55 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - सिद्धि सुबह 11:23 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:05
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग
🚩आज की हिंदी तिथि
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⛅ ऋतु - वर्षा
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⛅ नक्षत्र - अश्लेषा सुबह 10:55 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - सिद्धि सुबह 11:23 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:05
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग
July 19, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/6Dpc0901JrM
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 20/7/2023
#newsinsanskrit ##monsoonsession #parliament
DD News 24x7 | News in Hindi | Live Updates | Breaking News | Latest News
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
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July 19, 2023
🍃
⚜ सुख प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
#Quote
सद्व्यवहर्तव्यं मानवेन सुखैषीणा
⚜ सुख प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
#Quote
July 19, 2023
July 19, 2023
July 19, 2023
🍃
🔆 आत्मानं तु अधस्थम् अरणिं कृत्वा प्रणवं च उपरिस्थम् अरणिं कृत्वा तथा तयोः घर्षणरूपेण अभ्यासेन सर्वाणि पापानि नाशयति ज्ञानवान्।
(अरणिः - घर्षणं कृत्वा येन अग्निः ज्वाल्यते तत् काष्ठम् )
(कैवल्योपनिषद् - ११)
⚜आत्मा को नीचे की अरणि तथा प्रणव को ऊपर की अरणि बनाकर ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान-मन्थन के अभ्यास द्वारा पाप को जला डालता है।
#Subhashitam
आत्मानमरणिं कृत्वा प्रणवं चोत्तरारणिम्।
ज्ञाननिर्मथनाभ्यासात् पापं दहति पण्डितः
।।🔆 आत्मानं तु अधस्थम् अरणिं कृत्वा प्रणवं च उपरिस्थम् अरणिं कृत्वा तथा तयोः घर्षणरूपेण अभ्यासेन सर्वाणि पापानि नाशयति ज्ञानवान्।
(अरणिः - घर्षणं कृत्वा येन अग्निः ज्वाल्यते तत् काष्ठम् )
(कैवल्योपनिषद् - ११)
⚜आत्मा को नीचे की अरणि तथा प्रणव को ऊपर की अरणि बनाकर ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान-मन्थन के अभ्यास द्वारा पाप को जला डालता है।
#Subhashitam
July 19, 2023
July 19, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
गोमयं गोमूत्रं च
#samlapshala
#samlapshala
July 19, 2023
मुरुगन्-देवस्य ______ ______ विग्रहं नापश्यमहं पूर्वम्।
Anonymous Quiz
48%
एतावत् बृहत्
5%
एतावती बृहती
39%
एतावन्तं बृहन्तम्
7%
एतावतीं बृहतीम्
July 20, 2023
July 20, 2023
तुम्हारे घर सन्तान हुई।
= तव गृहे सन्तानः अभूत्।
महान् उत्सव हुआ।
= महान् उत्सवः अभूत्।
तुम्हारे माता और पिता आनन्दित हुए।
= तव माता च पिता च आनन्दितौ अभूताम्।
सभी आनन्दमग्न हो गए।
= सर्वे आनन्दमग्नाः अभूवन्।
तुम भी प्रसन्न हुए।
= त्वम् अपि प्रसन्नः अभूः।
तुम दोनों बहुत आनन्दित हुए।
= युवां भूरि आनन्दितौ अभूतम्।
तुम सब थकित हो गये थे।
= यूयं श्रान्ताः अभूत ।
मैं भी थकित हो गया था।
= अहम् अपि श्रान्तः अभूवम्।
हम दोनों उत्सव से हर्षित हुए।
= आवाम् उत्सवेन हर्षितौ अभूव।
हम सब आनन्दित हुए।
= वयम् आनन्दिताः अभूम।
#vakyabhyas
= तव गृहे सन्तानः अभूत्।
महान् उत्सव हुआ।
= महान् उत्सवः अभूत्।
तुम्हारे माता और पिता आनन्दित हुए।
= तव माता च पिता च आनन्दितौ अभूताम्।
सभी आनन्दमग्न हो गए।
= सर्वे आनन्दमग्नाः अभूवन्।
तुम भी प्रसन्न हुए।
= त्वम् अपि प्रसन्नः अभूः।
तुम दोनों बहुत आनन्दित हुए।
= युवां भूरि आनन्दितौ अभूतम्।
तुम सब थकित हो गये थे।
= यूयं श्रान्ताः अभूत ।
मैं भी थकित हो गया था।
= अहम् अपि श्रान्तः अभूवम्।
हम दोनों उत्सव से हर्षित हुए।
= आवाम् उत्सवेन हर्षितौ अभूव।
हम सब आनन्दित हुए।
= वयम् आनन्दिताः अभूम।
#vakyabhyas
July 20, 2023
July 20, 2023
July 20, 2023
July 20, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰सुभाषितादीनि
🗓२१ जुलै २०२३, शुक्रवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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July 20, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 06:58 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅दिनांक - 21 जुलाई 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - मघा सुबह 01:58 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - व्यतिपात दोपहर 12:24 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - सुबह 11:06 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:05
⛅ सूर्यास्त - 07:26
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:40 से 05:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, व्यतिपात योग (दोपहर 12:24 तक)
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ सूर्योदय - 06:05
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July 20, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/hHozKho2FGY
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 21/7/2023
#amitshah #farmers #newsinsanskrit
Vaarta: News in Sanskrit | 21/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 21/7/2023
July 20, 2023
🍃
⚜ एक मंदबुद्धि व्यक्ति भी बिना किसी प्रयोजन के कार्य नहीं करता है।
#Quote
प्रयोजनमनुद्दिश्य न मन्दोऽपि प्रवर्तते
⚜ एक मंदबुद्धि व्यक्ति भी बिना किसी प्रयोजन के कार्य नहीं करता है।
#Quote
July 20, 2023
July 20, 2023
July 20, 2023
🍃
🔆 उपदेशाः सर्वदा योग्याय जनाय एव दातव्याः न तु अन्याय यतो हि तथा करणेन अस्माकमेव हानिः भवति यथा वानरं उपदेष्टारः पक्षिणः स्वनीडं जीवनं सर्वं विमोचितवन्तः।
⚜सलाह भी समझदार को ही देना चाहिए न कि किसी मूर्ख को, ध्यान रहे कि बंदरों को सलाह देने के कारण ही पंक्षियों ने अपना घोसला गंवा दिया था ।
#Subhashitam
विद्वानेवोपदेष्टव्यो नाविद्वांस्तु कदाचन ।
वानरानुपदिश्याथ स्थानभ्रष्टा ययुः खगाः
॥🔆 उपदेशाः सर्वदा योग्याय जनाय एव दातव्याः न तु अन्याय यतो हि तथा करणेन अस्माकमेव हानिः भवति यथा वानरं उपदेष्टारः पक्षिणः स्वनीडं जीवनं सर्वं विमोचितवन्तः।
⚜सलाह भी समझदार को ही देना चाहिए न कि किसी मूर्ख को, ध्यान रहे कि बंदरों को सलाह देने के कारण ही पंक्षियों ने अपना घोसला गंवा दिया था ।
#Subhashitam
July 20, 2023
July 20, 2023
July 21, 2023
July 21, 2023
July 21, 2023
July 21, 2023
July 21, 2023
कल मेरे पैर बहुत थक गए थे।
= ह्यः मम चरणौ भूरि श्रान्तौ अभवताम्।
परसों मेरे टखनों में बहुत पीड़ा हुई।
= परह्यः मम गुल्फयोः महती पीडा अभवत्।
इस कारण तुम भी दुःखी हुए।
= अनेन कारणेन त्वम् अपि दुःखी अभवः।
अब दुःखी मत होओ।
= सम्प्रति दुःखी मा स्म भवः।
तुम दोनों बीते वर्ष प्रथमश्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे।
= युवां व्यतीते वर्षे प्रथमश्रेण्याम् उत्तीर्णौ अभवतम्।
मैं तो अनुत्तीर्ण हो गया था भाई !!
= अहं तु अनुत्तीर्णः अभवं भ्रातः !!
तुम सब प्रसन्न हुए थे,
= यूयं प्रसन्नाः अभवत,
हम सब दुःखी हुए थे।
= वयं खिन्नाः अभवाम।
मेरे दोनों घुटनों में बहुत दर्द हुआ।
= मम जान्वोः महती पीडा अभवत्।
परसों मेरे गायन से सब लोग प्रसन्न हुए थे।
= परह्यः मम गायनेन सर्वे जनाः प्रसन्नाः अभवन्।
#vakyabhyas
= ह्यः मम चरणौ भूरि श्रान्तौ अभवताम्।
परसों मेरे टखनों में बहुत पीड़ा हुई।
= परह्यः मम गुल्फयोः महती पीडा अभवत्।
इस कारण तुम भी दुःखी हुए।
= अनेन कारणेन त्वम् अपि दुःखी अभवः।
अब दुःखी मत होओ।
= सम्प्रति दुःखी मा स्म भवः।
तुम दोनों बीते वर्ष प्रथमश्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे।
= युवां व्यतीते वर्षे प्रथमश्रेण्याम् उत्तीर्णौ अभवतम्।
मैं तो अनुत्तीर्ण हो गया था भाई !!
= अहं तु अनुत्तीर्णः अभवं भ्रातः !!
तुम सब प्रसन्न हुए थे,
= यूयं प्रसन्नाः अभवत,
हम सब दुःखी हुए थे।
= वयं खिन्नाः अभवाम।
मेरे दोनों घुटनों में बहुत दर्द हुआ।
= मम जान्वोः महती पीडा अभवत्।
परसों मेरे गायन से सब लोग प्रसन्न हुए थे।
= परह्यः मम गायनेन सर्वे जनाः प्रसन्नाः अभवन्।
#vakyabhyas
July 21, 2023
July 21, 2023
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🕛 IST ११:०० AM
🔰भारतस्य प्रवर्धमाना शक्तिः
🗓 २२ जुलै २०२३, शनिवासरः
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July 21, 2023
July 21, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी सुबह 09:26 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅️ दिनांक - 22 जुलाई 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी शाम 04:58 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - वरियान दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - सुबह 09:26 से 11:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:26
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा मे
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
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⛅ योग - वरियान दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - सुबह 09:26 से 11:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:26
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा मे
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
July 21, 2023
अखिलभारतीयसंस्कृतविदुषीसम्मेलनम्
मान्या: सुरभारत्युपासका: !
नमो नमः ,
भारतीयज्ञानपरम्परायाम् स्त्रीविमर्श: (अतीतवर्तमानपरिप्रेक्ष्ये) इति विषयमधिकृत्य अगस्तमासस्य चतुर्थे दिनांके अखिलभारतीया संगोष्ठी केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयदिल्ली, हंसराजमहाविद्यालय-दिल्लीविश्वविद्यालय: संस्कृतभारतीदेहलीप्रान्तश्च - एतासां तिसृणां संस्थानाम् संयुक्ततत्त्वावधाने आयोजयिष्यते।
संगोष्ठीस्थलम् - हंसराजमहाविद्यालयस्य सभागार:
दिनांक: - ४/८/२०२३
समय: - १० वादने प्रातः
विषय: - भारतीयज्ञानपरम्परायाम् स्त्रीविमर्श:
(अतीतवर्तमानपरिप्रेक्ष्ये)
उपविषया:
वैदिकसंस्कृतिसंरक्षणे महिलानाम् भूमिका ।
संस्कृतसंस्कृतिसंरक्षणे महिलानाम् योगदानम्। संस्कृतिसांकर्यसमाधाने महिलानाम् योगदानम्। सामाजिकक्षेत्रषु महिलानाम् योगदानम् - यथा -
लोकप्रबंधनम् , संयुक्तपरिवारसंरक्षणम् , विश्वबंधुत्व- संवर्धनम् आदय: ।
राजनैतिकक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
पर्यावरणसंरक्षणे महिलानाम् भूमिका--- जल संरक्षणम् भूमिसंरक्षणम् आदय:।
प्रबन्धनक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
नीतिशास्त्रप्रचारे महिलानाम् योगदानम् ।
संस्काराणाम् परिपालने महिलानाम् भूमिका ।
शास्त्रीयदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका -
उपनिषत्सु , पुराणेषु, ज्योतिषशास्त्रेषु ,काव्येषु, धर्मशास्त्रेषु, दर्शनेषु ,स्मृतिशास्त्रेषु , रामायणे, महाभारते, वास्तुशास्त्रे इत्यादय:।
शिक्षाक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
मानवाधिकारसंरक्षणदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका।
विदेशेषु संस्कृतप्रचारदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका। प्रौद्योगिकीक्षेत्रे महिलानाम् योगदानम्।
उपर्युक्तविषयेषु शोधपत्राणि आमन्त्र्यन्ते । ध्यातव्यम् यत् शोधपत्रस्य भाषा संस्कृतम् हिन्दी वा एव भवितव्यम्।
प्रतिभागितार्थं पंजीकरणम् अनिवार्यम्।
पंजीकरणस्य लिंक् -
https://forms.gle/YymtPkPHc6SPTcGK6
पंजीकरणस्य अन्तिम: दिनांक: २५/०७/२०२३
सम्पर्कसूत्राणि-
प्रो. कमलाभारद्वाज:
9810967067
प्रो. सन्ध्याराठौर:
9810275893
डॉ. नीलमगौड:
9818858608
डॉ. शारदागौतम:
9711242244
डॉ. इन्दु सोनी
95607 02510
मान्या: सुरभारत्युपासका: !
नमो नमः ,
भारतीयज्ञानपरम्परायाम् स्त्रीविमर्श: (अतीतवर्तमानपरिप्रेक्ष्ये) इति विषयमधिकृत्य अगस्तमासस्य चतुर्थे दिनांके अखिलभारतीया संगोष्ठी केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयदिल्ली, हंसराजमहाविद्यालय-दिल्लीविश्वविद्यालय: संस्कृतभारतीदेहलीप्रान्तश्च - एतासां तिसृणां संस्थानाम् संयुक्ततत्त्वावधाने आयोजयिष्यते।
संगोष्ठीस्थलम् - हंसराजमहाविद्यालयस्य सभागार:
दिनांक: - ४/८/२०२३
समय: - १० वादने प्रातः
विषय: - भारतीयज्ञानपरम्परायाम् स्त्रीविमर्श:
(अतीतवर्तमानपरिप्रेक्ष्ये)
उपविषया:
वैदिकसंस्कृतिसंरक्षणे महिलानाम् भूमिका ।
संस्कृतसंस्कृतिसंरक्षणे महिलानाम् योगदानम्। संस्कृतिसांकर्यसमाधाने महिलानाम् योगदानम्। सामाजिकक्षेत्रषु महिलानाम् योगदानम् - यथा -
लोकप्रबंधनम् , संयुक्तपरिवारसंरक्षणम् , विश्वबंधुत्व- संवर्धनम् आदय: ।
राजनैतिकक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
पर्यावरणसंरक्षणे महिलानाम् भूमिका--- जल संरक्षणम् भूमिसंरक्षणम् आदय:।
प्रबन्धनक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
नीतिशास्त्रप्रचारे महिलानाम् योगदानम् ।
संस्काराणाम् परिपालने महिलानाम् भूमिका ।
शास्त्रीयदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका -
उपनिषत्सु , पुराणेषु, ज्योतिषशास्त्रेषु ,काव्येषु, धर्मशास्त्रेषु, दर्शनेषु ,स्मृतिशास्त्रेषु , रामायणे, महाभारते, वास्तुशास्त्रे इत्यादय:।
शिक्षाक्षेत्रे महिलानाम् भूमिका।
मानवाधिकारसंरक्षणदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका।
विदेशेषु संस्कृतप्रचारदृष्ट्या महिलानाम् भूमिका। प्रौद्योगिकीक्षेत्रे महिलानाम् योगदानम्।
उपर्युक्तविषयेषु शोधपत्राणि आमन्त्र्यन्ते । ध्यातव्यम् यत् शोधपत्रस्य भाषा संस्कृतम् हिन्दी वा एव भवितव्यम्।
प्रतिभागितार्थं पंजीकरणम् अनिवार्यम्।
पंजीकरणस्य लिंक् -
https://forms.gle/YymtPkPHc6SPTcGK6
पंजीकरणस्य अन्तिम: दिनांक: २५/०७/२०२३
सम्पर्कसूत्राणि-
प्रो. कमलाभारद्वाज:
9810967067
प्रो. सन्ध्याराठौर:
9810275893
डॉ. नीलमगौड:
9818858608
डॉ. शारदागौतम:
9711242244
डॉ. इन्दु सोनी
95607 02510
July 21, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «अखिलभारतीयसंस्कृतविदुषीसम्मेलनम् मान्या: सुरभारत्युपासका: ! नमो नमः , भारतीयज्ञानपरम्परायाम् स्त्रीविमर्श: (अतीतवर्तमानपरिप्रेक्ष्ये) इति विषयमधिकृत्य अगस्तमासस्य चतुर्थे दिनांके अखिलभारतीया संगोष्ठी केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयदिल्ली, हंसराजमहाविद्यालय…»
July 21, 2023
https://youtu.be/qBEeKYN4BMg
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | Both Houses of Parliament witness disruption over Manipur violence
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July 21, 2023
🍃
⚜ पहले प्रसन्नतासूचक चिन्ह दिखाई पड़ते हैं तदन्तर फल की प्राप्ति होती है।
#Quote
प्रसादचिह्नानि पुर:फलानि
⚜ पहले प्रसन्नतासूचक चिन्ह दिखाई पड़ते हैं तदन्तर फल की प्राप्ति होती है।
#Quote
July 21, 2023
July 21, 2023
🍃
🔆 भ्राता भ्रातरं न द्वेषं करोतु भगिनी भगिनीं न द्वेषं करोतु सर्वे मिलित्वा उत्तमाचरणं कृत्वा परस्परं सम्मानादिकं कृत्वा शोभनां वाणीं वदन्तु।
⚜भाई, भाई से द्वेष न करे, बहन, बहन से द्वेष न करें। एक दूसरे का आदर-सम्मान करते हुए परस्पर मिल-जुलकर कर्मों को करने वाले होकर अथवा एकमत से कार्य करने वाले होकर भद्रभाव से परिपूर्ण संभाषण करें।
#Subhashitam
मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षन्, मा स्वसारमुत स्वसा।
सम्यञ्च सव्रता भूत्वा वाचं वदत भद्रया
॥🔆 भ्राता भ्रातरं न द्वेषं करोतु भगिनी भगिनीं न द्वेषं करोतु सर्वे मिलित्वा उत्तमाचरणं कृत्वा परस्परं सम्मानादिकं कृत्वा शोभनां वाणीं वदन्तु।
⚜भाई, भाई से द्वेष न करे, बहन, बहन से द्वेष न करें। एक दूसरे का आदर-सम्मान करते हुए परस्पर मिल-जुलकर कर्मों को करने वाले होकर अथवा एकमत से कार्य करने वाले होकर भद्रभाव से परिपूर्ण संभाषण करें।
#Subhashitam
July 21, 2023
July 22, 2023
अज के पुत्र दशरथ हुए।
= अजस्य पुत्रः दशरथः बभूव।
वृद्धावस्था में दशरथ के चार पुत्र हुए।
= स्थाविरे दशरथस्य चत्वारः सुताः बभूवुः।
राम सब भाइयों के अग्रज हुए।
= रामः सर्वेषां भ्रातॄणाम् अग्रियः बभूव।
लक्ष्मण और शत्रुघ्न जुड़वा हुए।
= लक्ष्मणः च शत्रुघ्नः च यमलौ बभूवतुः।
युवावस्था में राम और लक्ष्मण अद्भुत धनुर्धर हुए।
= यौवने रामः च लक्ष्मणः च अद्भुतौ धनुर्धरौ बभूवतुः।
भारतवर्ष में आश्वलायन नामक ऋषि हुए थे।
= भारतवर्षे आश्वलायनः नामकः ऋषिः बभूव।
वे शारदामन्त्र के उपदेशक हुए।
= सः शारदामन्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
अभिमन्यु तरुणाई में ही महारथी हो गया था।
= अभिमन्युः तारुण्ये एव महारथः बभूव।
एक दुर्वासा नाम वाले ऋषि हुए।
= एकः दुर्वासा नामकः ऋषिः बभूव।
जो अथर्ववेदीय मन्त्रों के उपदेशक हुए।
= यः अथर्ववेदीयानां मन्त्राणाम् उपदेशकः बभूव।
#vakyabhyas
= अजस्य पुत्रः दशरथः बभूव।
वृद्धावस्था में दशरथ के चार पुत्र हुए।
= स्थाविरे दशरथस्य चत्वारः सुताः बभूवुः।
राम सब भाइयों के अग्रज हुए।
= रामः सर्वेषां भ्रातॄणाम् अग्रियः बभूव।
लक्ष्मण और शत्रुघ्न जुड़वा हुए।
= लक्ष्मणः च शत्रुघ्नः च यमलौ बभूवतुः।
युवावस्था में राम और लक्ष्मण अद्भुत धनुर्धर हुए।
= यौवने रामः च लक्ष्मणः च अद्भुतौ धनुर्धरौ बभूवतुः।
भारतवर्ष में आश्वलायन नामक ऋषि हुए थे।
= भारतवर्षे आश्वलायनः नामकः ऋषिः बभूव।
वे शारदामन्त्र के उपदेशक हुए।
= सः शारदामन्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
अभिमन्यु तरुणाई में ही महारथी हो गया था।
= अभिमन्युः तारुण्ये एव महारथः बभूव।
एक दुर्वासा नाम वाले ऋषि हुए।
= एकः दुर्वासा नामकः ऋषिः बभूव।
जो अथर्ववेदीय मन्त्रों के उपदेशक हुए।
= यः अथर्ववेदीयानां मन्त्राणाम् उपदेशकः बभूव।
#vakyabhyas
July 22, 2023
अन्धं दरिद्रमथ च प्रियया विहीनं वीक्ष्येश्वरो वदति याच वरं त्वमेकम् ।
नेत्रे न नापि वसु नो वनितां स वव्रे छत्राभिरामसुतदर्शनमित्युवाच ॥
कश्चन अन्धः आसीत् । सः नितरां दरिद्रः अपि । तस्य पत्नी दिवङ्गता आसीत् । तादृशः कदाचित् तपः कृत्वा ईश्वरं तोषितवान् । सन्तुष्टः ईश्वरः प्रत्यक्षीभूय ‘एकम् एव वरं ददामि भवते । भवान् यत् इच्छति तत् याचतु’ इति अवदत् । तदा सः अन्धः न नेत्रे प्रार्थितवान् । न ऐश्वर्यं प्रार्थितवान् । न पत्नीप्राप्ति प्रार्थितवान्, अपि तु उक्तवान् - 'सुवर्णच्छत्रविभूषितं पुत्रं द्रष्टुम् इच्छामि' इति । यदि एषा अपेक्षा पूरणीया तर्हि ईश्वरेण तस्मै दृष्टिशक्तिः, पत्नी, ऐश्वर्यं च दातव्यानि एव खलु ?
#hasya
July 22, 2023
July 22, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 11:44 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 23 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 07:47 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वरियान दोपहर 02:17 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - शाम 05:46 से 07:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:26
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - बाल गंगाधर तिलक जयंती, आजाद चंद्रशेखर जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 11:44 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 23 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी शाम 07:47 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वरियान दोपहर 02:17 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - शाम 05:46 से 07:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:06
⛅ सूर्यास्त - 07:26
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - बाल गंगाधर तिलक जयंती, आजाद चंद्रशेखर जयंती
July 22, 2023
🍃
⚜ प्रायः सभी कोमल ह्रदय वाले व्यक्ति दयालु स्वभाव वाले होते हैं।
#Quote
प्रायः सर्वो भवति करुणावृत्तिरार्द्रान्तरात्मा
⚜ प्रायः सभी कोमल ह्रदय वाले व्यक्ति दयालु स्वभाव वाले होते हैं।
#Quote
July 22, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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#vaartavali #sanskritnews #sanskrit
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July 22, 2023
🍃
अग्निपुराणम् ३३९/१०
🔆 अस्मिन् सम्पूर्णे काव्यसंसारे कविः एव ब्रह्मा वर्तते। स्वरुच्यानुसारेण संसारं परिवर्तितं सः करोति।
⚜इस संपूर्ण काव्य संसार में कवि ही ब्रह्मा है। उसको जैसा रुचिकर लगता है, उसी प्रकार इस विश्व को वह परिवर्तित कर देता है।
#Subhashitam
अपारे काव्यसंसारे कविरेव प्रजापतिः।
यथा वै रोचते विश्वं तथेदं परिवर्तते
।।अग्निपुराणम् ३३९/१०
🔆 अस्मिन् सम्पूर्णे काव्यसंसारे कविः एव ब्रह्मा वर्तते। स्वरुच्यानुसारेण संसारं परिवर्तितं सः करोति।
⚜इस संपूर्ण काव्य संसार में कवि ही ब्रह्मा है। उसको जैसा रुचिकर लगता है, उसी प्रकार इस विश्व को वह परिवर्तित कर देता है।
#Subhashitam
July 22, 2023
कैषा वेति सज्जनः द्वावपि विद्यालयः।
असङ्गतं चिन्वन्तु।
असङ्गतं चिन्वन्तु।
Anonymous Quiz
40%
कैषा
12%
सज्जनः
31%
द्वावपि
17%
वेति
July 23, 2023
भारत में शंख और लिखित ऋषि हुए।
= भारते शंखः च लिखितः च ऋषी बभूवतुः।
भारत में ही रेखागणितज्ञ बौधायन हुए।
= भारते एव रेखागणितज्ञः बौधायनः बभूव।
भारत में ही शस्त्र और शास्त्र के वेत्ता परशुराम हुए।
= भारते एव शस्त्रस्य च शास्त्रस्य च वेत्ता परशुरामः बभूव।
भारत में ही वैयाकरण पाणिनि और कात्यायन हुए।
= भारते एव वैयाकरणौ पाणिनिः च कात्यायनः च बभूवतुः।
पाणिनि के छोटे भाई पिङ्गल छन्दःशास्त्र के उपदेशक हुए।
= पाणिनेः अनुजः पिङ्गलः छन्दःशास्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
धौम्य के बड़े भाई उपमन्यु हुए।
= धौम्यस्य अग्रियः उपमन्युः बभूव।
उपमन्यु शैवागम के उपदेशक हुए।
= उपमन्युः शैवागमस्य उपदेशकः बभूव।
वे कृष्ण के भी गुरु थे।
= सः कृष्णस्य अपि गुरुः बभूव।
भारत में ही शिल्पशास्त्र के अट्ठारह उपदेशक हुए।
= भारते एव शिल्पशास्त्रस्य अष्टादश उपदेशकाः बभूवुः।
#vakyabhyas
= भारते शंखः च लिखितः च ऋषी बभूवतुः।
भारत में ही रेखागणितज्ञ बौधायन हुए।
= भारते एव रेखागणितज्ञः बौधायनः बभूव।
भारत में ही शस्त्र और शास्त्र के वेत्ता परशुराम हुए।
= भारते एव शस्त्रस्य च शास्त्रस्य च वेत्ता परशुरामः बभूव।
भारत में ही वैयाकरण पाणिनि और कात्यायन हुए।
= भारते एव वैयाकरणौ पाणिनिः च कात्यायनः च बभूवतुः।
पाणिनि के छोटे भाई पिङ्गल छन्दःशास्त्र के उपदेशक हुए।
= पाणिनेः अनुजः पिङ्गलः छन्दःशास्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
धौम्य के बड़े भाई उपमन्यु हुए।
= धौम्यस्य अग्रियः उपमन्युः बभूव।
उपमन्यु शैवागम के उपदेशक हुए।
= उपमन्युः शैवागमस्य उपदेशकः बभूव।
वे कृष्ण के भी गुरु थे।
= सः कृष्णस्य अपि गुरुः बभूव।
भारत में ही शिल्पशास्त्र के अट्ठारह उपदेशक हुए।
= भारते एव शिल्पशास्त्रस्य अष्टादश उपदेशकाः बभूवुः।
#vakyabhyas
July 23, 2023
July 23, 2023
July 23, 2023
संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानम्
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः
* संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानस्य आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः विश्वसाई- कनिष्ठ (जूनियर)-कलाशाला, विनुकोण्डा, पलनाडु चेत्यनयोः संयुक्ततत्त्वावधानेन आभासीयपटले द्विदिवसीयराष्ट्रियसंगोष्ठी समायोज्यते*
विषयः – “भारतीयसंस्कृतिसंवर्धने राष्ट्रियशिक्षानीतिः — २०२०”
राष्ट्रियसंगोष्ठ्यां समापनसमारोहे भवतां सर्वेषां स्वागतम्......
स्थानम्- https://meet.google.com/dqi-tirs-wms
समयः – 04.30pm
दिनाङ्कः - 23.07.2023
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः
* संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानस्य आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः विश्वसाई- कनिष्ठ (जूनियर)-कलाशाला, विनुकोण्डा, पलनाडु चेत्यनयोः संयुक्ततत्त्वावधानेन आभासीयपटले द्विदिवसीयराष्ट्रियसंगोष्ठी समायोज्यते*
विषयः – “भारतीयसंस्कृतिसंवर्धने राष्ट्रियशिक्षानीतिः — २०२०”
राष्ट्रियसंगोष्ठ्यां समापनसमारोहे भवतां सर्वेषां स्वागतम्......
स्थानम्- https://meet.google.com/dqi-tirs-wms
समयः – 04.30pm
दिनाङ्कः - 23.07.2023
July 23, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानम् आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः * संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानस्य आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः विश्वसाई- कनिष्ठ (जूनियर)-कलाशाला, विनुकोण्डा, पलनाडु चेत्यनयोः संयुक्ततत्त्वावधानेन आभासीयपटले द्विदिवसीयराष्ट्रियसंगोष्ठी समायोज्यते* विषयः – “भार…»
July 23, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓२४जुलै २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓२४जुलै २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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July 23, 2023
भाण्डानि शतसहस्रं भग्नानि मम मस्तके ।
अहो गुणवती भार्या भाण्डमूल्यं न याचते ॥
कश्चन शान्तस्वभावः आसीत् । तस्य पत्नी तु चण्डी । यदा यदा कोपः प्राप्यते तदा तदा सा मृद्घटेन पतिं शिरसि प्रहरति । एवं शताधिकाः सहस्राधिकाः च घटाः भग्नाः । एतादृशीम् अपि पत्नीं सः वर्णयति - ‘अहो, सा गुणवती !’ इति । ‘बहुवारं घटाः भग्नाः चेदपि तया एकवारम् अपि भाण्डमूल्यं न याचितम् । अतः सा गुणवती एव’ इति अभिप्रैति सः । पीडाकरीं पत्नीम् अपि गुणवतीं कथयतः तस्य कथनं वयं किमर्थं निराकुर्याम ?
#hasya
July 23, 2023
July 23, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅दिनांक - 24 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त रात्रि 10:12 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - शिव दोपहर 02:52 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 07:47 से 09:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:07
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:24 मे
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅दिनांक - 24 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त रात्रि 10:12 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - शिव दोपहर 02:52 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 07:47 से 09:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:07
⛅ सूर्यास्त - 07:27
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:41 से 05:24 मे
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
July 23, 2023
https://youtu.be/Ut2s2WsCQOE
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | G20 Disaster Risk Reduction Working Group set to hold its third and final meeting
G20 Disaster Risk Reduction Working Group set to hold its third and final meeting in Chennai from July 24
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July 23, 2023
July 23, 2023
July 23, 2023
July 23, 2023
🍃
(श्रीमद्भावतमहापुराणम् - ११/८/१०)
🔆 लघुभ्यः ग्रन्थेभ्यः महद्भ्यः ग्रन्थेभ्यः सर्वतः कुशलः मनुष्यः सारं गृह्णातु यथा भ्रमरः सर्वेभ्यः पुष्पेभ्यः रसं गृह्णाति।
⚜कुशल व्यक्ति को छोटे - बड़े शास्त्रों से सभी प्रकार वैसे ही सार ग्रहण करना चाहिए जैसे भ्रमर सभी फूलों से सारतत्व ग्रहण करता है।
#Subhashitam
अणुभ्यश्च महद्भ्यश्च शास्त्रेभ्यः कुशलो नरः।
सर्वतः सारमादद्यात् पुष्पेभ्य इव षट्पदः
।।(श्रीमद्भावतमहापुराणम् - ११/८/१०)
🔆 लघुभ्यः ग्रन्थेभ्यः महद्भ्यः ग्रन्थेभ्यः सर्वतः कुशलः मनुष्यः सारं गृह्णातु यथा भ्रमरः सर्वेभ्यः पुष्पेभ्यः रसं गृह्णाति।
⚜कुशल व्यक्ति को छोटे - बड़े शास्त्रों से सभी प्रकार वैसे ही सार ग्रहण करना चाहिए जैसे भ्रमर सभी फूलों से सारतत्व ग्रहण करता है।
#Subhashitam
July 23, 2023
July 24, 2023
गोरक्षणमेव धर्मरक्षणमस्ति।
गोरक्षणम् इति शब्दस्य विग्रहः कः।
गोरक्षणम् इति शब्दस्य विग्रहः कः।
Anonymous Quiz
27%
गोः रक्षणम्
13%
गवोः रक्षणम्
33%
गवां रक्षणम्
28%
त्रयः अपि चलन्ति
July 24, 2023
July 24, 2023
भारत में अनेक विद्वान् हुए।
= भारते अनेके कोविदाः बभूवुः।
उन विद्वानों में कुछ वैयाकरण हुए।
= तेषु बुधेषु केचित् वैयाकरणाः बभूवुः।
कुछ न्यायदर्शन के विद्वान् हुए।
= केचित् न्यायदर्शनस्य पण्डिताः बभूवुः।
कुछ साङ्ख्यदर्शन के विद्वान् हुए।
= केचित् साङ्ख्यदर्शनस्य पण्डिताः बभूवुः।
आचार्य व्याघ्रभूति वैयाकरण हुए।
आचार्यः व्याघ्रभूतिः वैयाकरणः बभूव।
आचार्य अक्षपाद नैयायिक हुए।
= आचार्यः अक्षपादः नैयायिकः बभूव।
आचार्य पञ्चशिख सांख्यदर्शन के विद्वान् हुए।
= आचार्यः पञ्चशिखः साङ्ख्यदर्शनस्य पण्डितः बभूव।
वाचक्नवी गार्गी मन्त्रों की विदुषी हुई थी।
= वाचक्नवी गार्गी मन्त्राणां विचक्षणा बभूव।
पाण्डु के पाँच पुत्र हुए।
= पाण्डोः पञ्च सुताः बभूवुः।
वे सभी विद्वान् हुए।
= ते सर्वे प्राज्ञाः बभूवुः।
युधिष्ठिर धर्मशास्त्र और द्यूतविद्या के जानकार हुए।
= युधिष्ठिरः धर्मशास्त्रस्य द्यूतविद्यायाः च कोविदः बभूव।
भीम मल्लविद्या और पाकशास्त्र के वेत्ता हुए।
= भीमसेनः मल्लविद्यायाः पाकशास्त्रस्य च सूरिः बभूव।
सुकेशा ऋषि पाकशास्त्र के उपदेशक हुए थे।
= सुकेशा ऋषिः पाकशास्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
#vakyabhyas
= भारते अनेके कोविदाः बभूवुः।
उन विद्वानों में कुछ वैयाकरण हुए।
= तेषु बुधेषु केचित् वैयाकरणाः बभूवुः।
कुछ न्यायदर्शन के विद्वान् हुए।
= केचित् न्यायदर्शनस्य पण्डिताः बभूवुः।
कुछ साङ्ख्यदर्शन के विद्वान् हुए।
= केचित् साङ्ख्यदर्शनस्य पण्डिताः बभूवुः।
आचार्य व्याघ्रभूति वैयाकरण हुए।
आचार्यः व्याघ्रभूतिः वैयाकरणः बभूव।
आचार्य अक्षपाद नैयायिक हुए।
= आचार्यः अक्षपादः नैयायिकः बभूव।
आचार्य पञ्चशिख सांख्यदर्शन के विद्वान् हुए।
= आचार्यः पञ्चशिखः साङ्ख्यदर्शनस्य पण्डितः बभूव।
वाचक्नवी गार्गी मन्त्रों की विदुषी हुई थी।
= वाचक्नवी गार्गी मन्त्राणां विचक्षणा बभूव।
पाण्डु के पाँच पुत्र हुए।
= पाण्डोः पञ्च सुताः बभूवुः।
वे सभी विद्वान् हुए।
= ते सर्वे प्राज्ञाः बभूवुः।
युधिष्ठिर धर्मशास्त्र और द्यूतविद्या के जानकार हुए।
= युधिष्ठिरः धर्मशास्त्रस्य द्यूतविद्यायाः च कोविदः बभूव।
भीम मल्लविद्या और पाकशास्त्र के वेत्ता हुए।
= भीमसेनः मल्लविद्यायाः पाकशास्त्रस्य च सूरिः बभूव।
सुकेशा ऋषि पाकशास्त्र के उपदेशक हुए थे।
= सुकेशा ऋषिः पाकशास्त्रस्य उपदेशकः बभूव।
#vakyabhyas
July 24, 2023
यदि न क्वापि विद्यायां सर्वथा क्रमते मतिः ।
मान्त्रिकास्तु भविष्यामो योगिनो यतयोऽपि वा ॥
विद्या हि श्रमसाध्या । अतः एव प्राचीनैः उक्तम् - ‘अलसस्य कुतो विद्या’ इति । किन्तु केचन अल्पां विद्याम् अधिगत्य चिन्तयन्ति - इतः परं मया अध्येतुं सर्वथा न शक्यते इति । तादृशः कश्चन प्राप्ताल्पविद्यः अलसः वदति - ‘विद्यायां मनः न प्रवर्तते मम । अतः मान्त्रिकः, (ज्योतिषिकः, पुरोहितः वा) योगी यतिः वा भविष्यामि’ इति । मान्त्रिकत्वयोगित्वयतित्वादीनि अपि वस्तुतः प्रयत्नसाध्यानि एव । किन्तु तत्र डाम्भिकाः अपि अल्पेन एव प्रयत्नेन ख्यातिं प्राप्तुम् अर्हन्ति । अतः एव अद्य एतादृशेषु क्षेत्रेषु डाम्भिकानाम् एव विजृम्भणं दृश्यते, न तु योग्यतावताम् ।
#hasya
July 24, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 ११:०० AM
🔰 मणिपुर
🗓२५जुलै २०२३, मङ्गलवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(मणिपुरहिंसायाः कारणानि निवारणानि च)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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🗓२५जुलै २०२३, मङ्गलवासरः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 24, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 03:08 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅दिनांक - 25 जुलाई 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा रात्रि 12:03 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - सिद्ध दोपहर 03:02 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - शाम 04:06 से 05:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:07
⛅ सूर्यास्त - 07:25
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
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July 24, 2023
https://youtu.be/GugtcCzb0Vo
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | President Droupadi Murmu will be on three-day visit to Odisha
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DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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July 24, 2023
July 24, 2023
July 24, 2023
July 24, 2023
🍃
चाणक्यनीतिः, १२.११
🔆 सत्यम् इति मम माता पिता ज्ञानं भ्रातृरूपेण धर्मः दयारूपेण सखा पत्नीरूपेण शान्तिः तथा क्षमा इति अपत्यम् अर्थात् मनुष्येण सदा एतैस्सह सम्बन्धः न त्याजनीयः।
⚜Truth is my mother, knowledge is my father, righteousness my brother, compassion my friend, peace my wife and forgiveness is my son. These six are my kith and kin.
#Subhashitam
सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा ।
शान्ति: पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते मम बान्धवाः
॥चाणक्यनीतिः, १२.११
🔆 सत्यम् इति मम माता पिता ज्ञानं भ्रातृरूपेण धर्मः दयारूपेण सखा पत्नीरूपेण शान्तिः तथा क्षमा इति अपत्यम् अर्थात् मनुष्येण सदा एतैस्सह सम्बन्धः न त्याजनीयः।
⚜Truth is my mother, knowledge is my father, righteousness my brother, compassion my friend, peace my wife and forgiveness is my son. These six are my kith and kin.
#Subhashitam
July 24, 2023
July 25, 2023
श्रीकृष्ण भीमसेन का रसाला खाकर बहुत प्रसन्न हुए थे।
= श्रीकृष्णः भीमसेनस्य रसालं भुक्त्वा भूरि प्रसन्नः बभूव।
अर्जुन धनुर्वेद और गन्धर्ववेद के जानकार हुए।
= फाल्गुनः धनुर्वेदस्य गन्धर्ववेदस्य च विपश्चित् बभूव।
नकुल अश्वविद्या के ज्ञानी हुए।
= नकुलः अश्वविद्यायाः कोविदः बभूव।
आचार्य शालिहोत्र अश्वविद्या के प्रसिद्ध जानकार थे।
= आचार्यः शालिहोत्रः अश्वविद्यायाः प्रथितः पण्डितः बभूव।
सहदेव पशुचिकित्सा और शकुनशास्त्र के विद्वान् थे।
= सहदेवः पशुचिकित्सायाः शकुनशास्त्रस्य च ज्ञः बभूव।
कुन्ती अथर्ववेदीय मन्त्रों की विदुषी हुई।
= पृथा अथर्ववेदीयानां मन्त्राणां पण्डिता बभूव।
लल्लाचार्य और उत्पलाचार्य प्रसिद्ध गणितज्ञ हुए।
= लल्लाचार्यः उत्पलाचार्यः च प्रसिद्धौ गणितज्ञौ बभूवतुः।
मण्डनमिश्र की पत्नी भारती बड़ी विदुषी हुई।
= मण्डनमिश्रस्य पत्नी भारती महती पण्डिता बभूव।
भरद्वाज और शाकटायन वैमानिकरहस्य के ज्ञाता हुए।
= भरद्वाजः शाकटायनः च वैमानिकरहस्यस्य विचक्षणौ बभूवतुः।
शाकपूणि निरुक्त के प्रसिद्ध जानकार हुए थे।
= शाकपूणिः निरुक्तस्य प्रथितः कृष्टिः बभूव।
ऋतुध्वज की महारानी मदालसा तत्त्वज्ञ थी।
= ऋतुध्वजस्य पट्टराज्ञी मदालसा तत्त्वज्ञा बभूव।
भारत में एक नहीं, दो नहीं वरन् सहस्रों विद्वान् हुए हैं।
= भारते एकः न, द्वौ न अपितु सहस्रशाः कोविदाः बभूवुः।
#vakyabhyas
= श्रीकृष्णः भीमसेनस्य रसालं भुक्त्वा भूरि प्रसन्नः बभूव।
अर्जुन धनुर्वेद और गन्धर्ववेद के जानकार हुए।
= फाल्गुनः धनुर्वेदस्य गन्धर्ववेदस्य च विपश्चित् बभूव।
नकुल अश्वविद्या के ज्ञानी हुए।
= नकुलः अश्वविद्यायाः कोविदः बभूव।
आचार्य शालिहोत्र अश्वविद्या के प्रसिद्ध जानकार थे।
= आचार्यः शालिहोत्रः अश्वविद्यायाः प्रथितः पण्डितः बभूव।
सहदेव पशुचिकित्सा और शकुनशास्त्र के विद्वान् थे।
= सहदेवः पशुचिकित्सायाः शकुनशास्त्रस्य च ज्ञः बभूव।
कुन्ती अथर्ववेदीय मन्त्रों की विदुषी हुई।
= पृथा अथर्ववेदीयानां मन्त्राणां पण्डिता बभूव।
लल्लाचार्य और उत्पलाचार्य प्रसिद्ध गणितज्ञ हुए।
= लल्लाचार्यः उत्पलाचार्यः च प्रसिद्धौ गणितज्ञौ बभूवतुः।
मण्डनमिश्र की पत्नी भारती बड़ी विदुषी हुई।
= मण्डनमिश्रस्य पत्नी भारती महती पण्डिता बभूव।
भरद्वाज और शाकटायन वैमानिकरहस्य के ज्ञाता हुए।
= भरद्वाजः शाकटायनः च वैमानिकरहस्यस्य विचक्षणौ बभूवतुः।
शाकपूणि निरुक्त के प्रसिद्ध जानकार हुए थे।
= शाकपूणिः निरुक्तस्य प्रथितः कृष्टिः बभूव।
ऋतुध्वज की महारानी मदालसा तत्त्वज्ञ थी।
= ऋतुध्वजस्य पट्टराज्ञी मदालसा तत्त्वज्ञा बभूव।
भारत में एक नहीं, दो नहीं वरन् सहस्रों विद्वान् हुए हैं।
= भारते एकः न, द्वौ न अपितु सहस्रशाः कोविदाः बभूवुः।
#vakyabhyas
July 25, 2023
July 25, 2023
July 25, 2023
गृहिणी स्वजनं वक्ति शुष्काहारमिताशनम् । पतिपक्षांस्तु बह्वाशीन् क्षीरपांस्तस्करानपि ॥
गृहं प्रति अतिथित्वेन पतिबान्धवाः आगच्छन्ति, पत्नीबान्धवाः अपि आगच्छन्ति । यदा पतिबान्धवाः आगच्छन्ति तदा पत्नी वदति - 'भवतः बान्धवाः बहु खादन्ति, गृहे स्थितं क्षीरं ते एव पिबन्ति बहुधा । तावदेव न, गृहे स्थितानि वस्तूनि चोरयित्वा नयन्ति अपि' इति । यदा स्वस्य बान्धवाः आगच्छन्ति तदा सा वदति - 'अहो, मम बान्धवाः शुष्कम् एव आहारं सेवन्ते । मितम् एव सेवन्ते !!' इति । एषः एव लोकव्यवहारः नाम ।
#hasya
July 25, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 ११:०० AM
🔰 कारगिलदिवसः
🗓२६जुलै २०२३, बुधवासरः
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 ११:०० AM
🔰 कारगिलदिवसः
🗓२६जुलै २०२३, बुधवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(कारलिगदिवसस्य इतिहासः वदनीयः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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July 25, 2023
July 25, 2023
July 25, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 03:52 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 26 जुलाई 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती रात्रि 01:10 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - साध्य दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:46 से 02:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 07:25
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वुधवारी अष्टमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 03:52 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 26 जुलाई 2023
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⛅ शक संवत् - 1945
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⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
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⛅ योग - साध्य दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात शुभ
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⛅ सूर्योदय - 06:08
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⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वुधवारी अष्टमी
July 25, 2023
July 25, 2023
July 25, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
कारगिलविजयदिवसः
#samlapshala
#samlapshala
July 25, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/oOu8wc5e3WI
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | Home Minister Amit Shah tells Lok Sabha that the government is ready for long discussion
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July 25, 2023
🍃
🔆संसारेऽस्मिन् कुलं(कुटुम्बः) तावत् पर्यन्तमेव कुलरूपेण तिष्ठति यावत् पूर्ववर्तीनाम् अनुसरणं क्रियते यदा तथा करणं समाप्तं तदैव कुलमपि विनष्टं भवति।
⚜संसार में कुल (परिवार) तब तक कुल है, जब तक पूर्वजों के साथ समानता (अनुकूलता) बनी रहती है। गुणों का प्रभाव नष्ट हो जाने पर समस्त कुल नष्ट हो जाता है।
(दर्पदलनम् 1.10)
#Subhashitam
लोके कुलं कुलं तावद्यावत्पूर्वसमन्वयः ।
गुणप्रभावे विच्छिन्ने समाप्तं सकलं कुलम्
॥🔆संसारेऽस्मिन् कुलं(कुटुम्बः) तावत् पर्यन्तमेव कुलरूपेण तिष्ठति यावत् पूर्ववर्तीनाम् अनुसरणं क्रियते यदा तथा करणं समाप्तं तदैव कुलमपि विनष्टं भवति।
⚜संसार में कुल (परिवार) तब तक कुल है, जब तक पूर्वजों के साथ समानता (अनुकूलता) बनी रहती है। गुणों का प्रभाव नष्ट हो जाने पर समस्त कुल नष्ट हो जाता है।
(दर्पदलनम् 1.10)
#Subhashitam
July 25, 2023
July 26, 2023
जम्मूनगरस्थे श्रीरघुनाथाख्ये मन्दिरे विद्यामानः अस्ति इदं हनुमद्विग्रहः।
Anonymous Quiz
43%
वाक्यं शुद्धम्
57%
वाक्यम् अशुद्धम्
July 26, 2023
वह जासूस होवे। ( इच्छा )
= सः गूढपुरुषः भवेत् ।
वे दोनों जासूस सफल हों। (इच्छा)
= तौ यथार्हवर्णौ सफलौ भवेताम् ।
उन सारे गुप्तचरों को राष्ट्रभक्त होना चाहिए। (विधि)
= ते सर्वे स्पशाः राष्ट्रभक्ताः भवेयुः।
तुम्हें गुप्तचर के घर में होना चाहिए। (विधि)
= त्वं गूढपुरुषस्य गृहे भवेः।
तुम दोनों को भेदिया होना चाहिए। (सम्भावना)
= युवां स्पशौ भवेतम् ।
तुम सबको भेदियों से दूर रहना चाहिए।(विधि, आज्ञा)
= यूयं चारेभ्यः दूरं भवेत।
सोचता हूँ, मैं जासूस होऊँ। (इच्छा, सम्भावना)
= मन्ये अहं प्रणिधिः भवेयम्।
हम दोनों भेदियों के भी भेदिये होवें। (इच्छा)
= आवां चाराणाम् अपि चारौ भवेव ।
हम सब गुप्तचरों के प्रशंसक हों।(इच्छा, विधि)
= वयम् अपसर्पाणां प्रशंसकाः भवेम ।
#vakyabhyas
= सः गूढपुरुषः भवेत् ।
वे दोनों जासूस सफल हों। (इच्छा)
= तौ यथार्हवर्णौ सफलौ भवेताम् ।
उन सारे गुप्तचरों को राष्ट्रभक्त होना चाहिए। (विधि)
= ते सर्वे स्पशाः राष्ट्रभक्ताः भवेयुः।
तुम्हें गुप्तचर के घर में होना चाहिए। (विधि)
= त्वं गूढपुरुषस्य गृहे भवेः।
तुम दोनों को भेदिया होना चाहिए। (सम्भावना)
= युवां स्पशौ भवेतम् ।
तुम सबको भेदियों से दूर रहना चाहिए।(विधि, आज्ञा)
= यूयं चारेभ्यः दूरं भवेत।
सोचता हूँ, मैं जासूस होऊँ। (इच्छा, सम्भावना)
= मन्ये अहं प्रणिधिः भवेयम्।
हम दोनों भेदियों के भी भेदिये होवें। (इच्छा)
= आवां चाराणाम् अपि चारौ भवेव ।
हम सब गुप्तचरों के प्रशंसक हों।(इच्छा, विधि)
= वयम् अपसर्पाणां प्रशंसकाः भवेम ।
#vakyabhyas
July 26, 2023
आकाशवाणीतः प्रसार्यमाणानां संस्कृत-वार्तानां सुवर्ण- जयन्तीवर्षस्य शुभावसरे अनेकशः प्राप्यमाणाभिः शुभकामनाभिः अभिनन्दन-सन्देशैः च अस्माकम् उत्साहः विवर्धते।
https://youtu.be/mYMFEPJOio8
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What can be done for संस्कृत - पत्रकारिता ? | Golden Jubilee year |
आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले संस्कृत-समाचारों के इस सुवर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर प्राप्त होने वाली अनेक शुभकामनाएं और बधाई सन्देश से हम सब का उत्साह बढ़ा है।
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twitter- @baldevanandair…
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twitter- @baldevanandair…
July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 ११:०० AM
🔰 कथाकथनम्
🗓२७जुलै २०२३, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(कापि कथा श्रावणीया)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 ११:०० AM
🔰 कथाकथनम्
🗓२७जुलै २०२३, गुरुवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(कापि कथा श्रावणीया)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी दोपहर 03:47 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 27 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा रात्रि 01:28 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - शुभ दोपहर 01:39 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 07:24
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी दोपहर 03:47 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 27 जुलाई 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा रात्रि 01:28 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - शुभ दोपहर 01:39 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 02:26 से 04:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 07:24
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
July 26, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/xDx0BMnNXCo
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | Prime Minister Narendra Modi will Inaugurate Rajkot International Airport today
DD News 24x7 | News in Hindi | Live Updates | Breaking News | Latest News
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
July 26, 2023
🍃
🔆 यः इन्द्रियाणामुपरि संयमनं करोति ज्ञानं प्राप्तुं तत्परः भवति श्रद्धावान् भवति स एव ज्ञानं प्राप्य परां शान्तिं प्रति गच्छति।
⚜जितेंद्रिय, तत्पर और श्रद्धावान पुरुष ज्ञान को प्राप्त करता है। ज्ञान प्राप्त हो जाने से शीघ्र ही उसको परम शान्ति प्राप्त हो जाती है।
#Subhashitam
श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिम् अचिरेणाधिगच्छति
।।🔆 यः इन्द्रियाणामुपरि संयमनं करोति ज्ञानं प्राप्तुं तत्परः भवति श्रद्धावान् भवति स एव ज्ञानं प्राप्य परां शान्तिं प्रति गच्छति।
⚜जितेंद्रिय, तत्पर और श्रद्धावान पुरुष ज्ञान को प्राप्त करता है। ज्ञान प्राप्त हो जाने से शीघ्र ही उसको परम शान्ति प्राप्त हो जाती है।
#Subhashitam
July 26, 2023
July 27, 2023
हमारे देश में निपुण वैद्य होवें।
= अस्माकं देशे निपुणाः वैद्याः भवेयुः।
कोई भी वैद्य धूर्त न हो ।
= कः अपि चिकित्सकः धूर्तः न भवेत्।
सभी वैद्य धार्मिक होवें।
सर्वे अपि अगदङ्काराः धार्मिकाः भवेयुः।
तू दक्ष वैद्य होवे।
= त्वं दक्षः भिषक् भवेः ।
तुम दोनों लोभी वैद्य न होओ।
= युवां लोलुपौ चिकित्सकौ न भवेतम् ।
तुम सुवर्णभस्म खाकर पुष्ट होओ।
= त्वं काञ्चनभस्मं भुक्त्वा पुष्टः भवेः।
यह दवा खाकर तो दुर्बल भी बलवान् हो जाए।
= एतत् औषधं भुक्त्वा दुर्बलः अपि बलवान् भवेत्।
यह दवा तेरे लिए पुष्टिकर होवे।
= एतत् भेषजं तुभ्यं पुष्टिकरं भवेत्।
सभी रोगहीन होवें।
= सर्वे अपि अनामयाः भवेयुः।
#vakyabhyas
= अस्माकं देशे निपुणाः वैद्याः भवेयुः।
कोई भी वैद्य धूर्त न हो ।
= कः अपि चिकित्सकः धूर्तः न भवेत्।
सभी वैद्य धार्मिक होवें।
सर्वे अपि अगदङ्काराः धार्मिकाः भवेयुः।
तू दक्ष वैद्य होवे।
= त्वं दक्षः भिषक् भवेः ।
तुम दोनों लोभी वैद्य न होओ।
= युवां लोलुपौ चिकित्सकौ न भवेतम् ।
तुम सुवर्णभस्म खाकर पुष्ट होओ।
= त्वं काञ्चनभस्मं भुक्त्वा पुष्टः भवेः।
यह दवा खाकर तो दुर्बल भी बलवान् हो जाए।
= एतत् औषधं भुक्त्वा दुर्बलः अपि बलवान् भवेत्।
यह दवा तेरे लिए पुष्टिकर होवे।
= एतत् भेषजं तुभ्यं पुष्टिकरं भवेत्।
सभी रोगहीन होवें।
= सर्वे अपि अनामयाः भवेयुः।
#vakyabhyas
July 27, 2023
एक हिन्दीभाषी के लिए संस्कृतभाषा के मार्ग पर चलने से पहले ये अभ्यास करनें चाहिए (आवश्यक नहीं है, करें तो सुलभता होगी)
१. अपनी नित्य की बोली से विदेशी एवं उर्दु के शब्दों का शनैः शनैः निष्कासन।
२. तदनंतर तद्भव शब्दों का संस्कृतमूल जानकर उनका अधिकाधिक उपयोग।
१. अपनी नित्य की बोली से विदेशी एवं उर्दु के शब्दों का शनैः शनैः निष्कासन।
२. तदनंतर तद्भव शब्दों का संस्कृतमूल जानकर उनका अधिकाधिक उपयोग।
July 27, 2023
July 27, 2023
Namaste friends, I am posting a series of audio snippets of simple Samskrit sentences on popular audio platforms such as Amazon Music, Spotify and Google Podcasts
This series will be useful for those trying to expand their vocabulary
Pls listen in if interested
Links in reply
अधोदत्ता: धारा: उपयुज्य श्रोतुं शक्यते -
Amazon Music
bit.ly/PpvAM
Spotify
bit.ly/PpvSpotify
Google Podcasts
https://bit.ly/PpvGoogPod
✍🏻वत्सला
This series will be useful for those trying to expand their vocabulary
Pls listen in if interested
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✍🏻वत्सला
July 27, 2023
*भगवद्गीतया सह जागरणम्*
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - २८-०७-२०२३
दिवस: - शुक्रवासर:
प्रवचनम् - षोडशोऽध्याय:(दैवासुरसम्पदविभागयोग:)
श्लोकसंख्या- २३-२४
संयोजनम् - श्रीजयराममिश्र:
5.30-5.32 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीशंकर्षणशतपथी
5.32- 5.37AM (श्लोकावृत्ति:):- श्रीअवनीन्द्रमिश्र:
5:37 - 6:20 AM (प्रवचनम्):- श्रीकैलाशचन्द्रनन्द:
6:20 - 6:29 AM (समापनटिप्पणी) : डॉ.प्रकाशचन्द्रमिश्र:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - २८-०७-२०२३
दिवस: - शुक्रवासर:
प्रवचनम् - षोडशोऽध्याय:(दैवासुरसम्पदविभागयोग:)
श्लोकसंख्या- २३-२४
संयोजनम् - श्रीजयराममिश्र:
5.30-5.32 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीशंकर्षणशतपथी
5.32- 5.37AM (श्लोकावृत्ति:):- श्रीअवनीन्द्रमिश्र:
5:37 - 6:20 AM (प्रवचनम्):- श्रीकैलाशचन्द्रनन्द:
6:20 - 6:29 AM (समापनटिप्पणी) : डॉ.प्रकाशचन्द्रमिश्र:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
Google
Real-time meetings by Google. Using your browser, share your video, desktop, and presentations with teammates and customers.
July 27, 2023
July 27, 2023
July 27, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅️ दिनांक - 28 जुलाई 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - शुक्ल सुबह 11:55 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 07:24
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 02:51 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅️ दिनांक - 28 जुलाई 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - शुक्ल सुबह 11:55 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:08
⛅ सूर्यास्त - 07:24
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
July 27, 2023
https://youtu.be/aNvmDA1k4aQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 28/7/2023
#newsinsanskrit #pmmodi #breakingnews
Vaarta: News in Sanskrit | 28/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 28/7/2023
July 27, 2023
🍃
🔆 यैः जागरणीयं तेभ्यः रात्रिः दीर्घा भवति यः श्रान्तः तस्मै एकयोजनमपि दीर्घं तथा च यः सद्धर्मं न जानाति तादृशस्य बालस्य कृते जीवनमपि दीर्घं भवति।
⚜रात भर जागने वाले को रात्रि बहुत लंबी प्रतीत होती है। जो चलकर थका हो, उसे एक योजन का अंतर भी दूर लगता है। सत्य धर्म का जिन्हे ज्ञान नही है उन्हें जिन्दगी दीर्घ लगती है।
#Subhashitam
दीर्घा वै जाग्रतो रात्रि: दीर्घं श्रान्तस्य योजनम् ।
दीर्घो बालानां संसार: सद्धर्मम् अविजानताम्
॥🔆 यैः जागरणीयं तेभ्यः रात्रिः दीर्घा भवति यः श्रान्तः तस्मै एकयोजनमपि दीर्घं तथा च यः सद्धर्मं न जानाति तादृशस्य बालस्य कृते जीवनमपि दीर्घं भवति।
⚜रात भर जागने वाले को रात्रि बहुत लंबी प्रतीत होती है। जो चलकर थका हो, उसे एक योजन का अंतर भी दूर लगता है। सत्य धर्म का जिन्हे ज्ञान नही है उन्हें जिन्दगी दीर्घ लगती है।
#Subhashitam
July 27, 2023
-------------- (प्राणिनः) दया भवेत्।
रिक्तस्थाने का विभक्तिः?
रिक्तस्थाने का विभक्तिः?
Anonymous Quiz
16%
प्राणिनः - द्वितीया
18%
प्राणिभ्यः - पञ्चमी
15%
प्राणिनाम् - षष्ठी
51%
प्राणिषु - सप्तमी
July 28, 2023
लगता है, इस चिकित्सालय में अच्छी चिकित्सा होगी।
= मन्ये , अस्मिन् चिकित्सालये सुष्ठु रुक्प्रतिक्रिया भवेत् ।
ये दवाएँ इस रोग के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
= एतानि भैषज्यानि एतस्मै उपतापाय अलं भवेयुः।
हम योगी हों।
= वयं योगिनः भवेम।
जिससे रोग न हों।
= येन रुजाः न भवेयुः।
हम दोनों सदाचारी होवें।
= आवां सदाचारिणौ भवेव।
जिससे रोग न हों।
= येन आमयाः न भवेयुः।
मैं आयुर्वेद की बात मानने वाला होऊँ।
= अहं आयुर्वेदस्य वचनकरः भवेयम्।
तुम दोनों इस रोग से शीघ्र मुक्त होओ।
= युवाम् अस्मात् गदात् शीघ्रं मुक्तौ भवेतम् ।
हे भगवान् ! मैं इस रोग से जल्दी छूट जाऊँ।
= हे भगवन् ! अहं अस्मात् आमयात् शीघ्रं मुक्तः भवेयम्।
#vakyabhyas
= मन्ये , अस्मिन् चिकित्सालये सुष्ठु रुक्प्रतिक्रिया भवेत् ।
ये दवाएँ इस रोग के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
= एतानि भैषज्यानि एतस्मै उपतापाय अलं भवेयुः।
हम योगी हों।
= वयं योगिनः भवेम।
जिससे रोग न हों।
= येन रुजाः न भवेयुः।
हम दोनों सदाचारी होवें।
= आवां सदाचारिणौ भवेव।
जिससे रोग न हों।
= येन आमयाः न भवेयुः।
मैं आयुर्वेद की बात मानने वाला होऊँ।
= अहं आयुर्वेदस्य वचनकरः भवेयम्।
तुम दोनों इस रोग से शीघ्र मुक्त होओ।
= युवाम् अस्मात् गदात् शीघ्रं मुक्तौ भवेतम् ।
हे भगवान् ! मैं इस रोग से जल्दी छूट जाऊँ।
= हे भगवन् ! अहं अस्मात् आमयात् शीघ्रं मुक्तः भवेयम्।
#vakyabhyas
July 28, 2023
July 28, 2023
July 28, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 01:05 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 29 जुलाई 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - ब्रह्म सुबह 09:34 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:27 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मिनी एकादशी
#Panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 01:05 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 29 जुलाई 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - ब्रह्म सुबह 09:34 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:27 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मिनी एकादशी
#Panchang
July 28, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/_TPFG1UNnF0
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta: News in Sanskrit | 29/7/2023
#vaarta #newsinsanskrit #pmmodi
Vaarta: News in Sanskrit | 29/7/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 29/7/2023
July 28, 2023
🍃
🔆 यदा जनः एकाकी एव धर्मार्थं स्थितः भवति तदा राष्ट्रं दुर्बलतां प्राप्नोति। परन्तु यदा एतादृशाः जनाः एकत्रिताः भवन्ति तदा राष्ट्रं दृढत्वं प्राप्नोति।
⚜जब व्यक्ति अकेला ही सत्य के लिए खड़ा होता है तो राष्ट्र दुर्बल ही रहता है। परंतु जब ऐसे सभी व्यक्तियों के मध्य एकता स्थापित हो जाती है, तब राष्ट्र का हित होता है।
#Subhashitam
ऐक्यं बलं समाजस्य तदभावे हि दुर्बल: ।
तस्मादैक्यं प्रशंसन्ति दृढं राष्ट्रहितैषिण:
।।🔆 यदा जनः एकाकी एव धर्मार्थं स्थितः भवति तदा राष्ट्रं दुर्बलतां प्राप्नोति। परन्तु यदा एतादृशाः जनाः एकत्रिताः भवन्ति तदा राष्ट्रं दृढत्वं प्राप्नोति।
⚜जब व्यक्ति अकेला ही सत्य के लिए खड़ा होता है तो राष्ट्र दुर्बल ही रहता है। परंतु जब ऐसे सभी व्यक्तियों के मध्य एकता स्थापित हो जाती है, तब राष्ट्र का हित होता है।
#Subhashitam
July 28, 2023
बाल्ये त्वमपि एवमेव आसीत्खलु।
वाक्ये दोषयुक्तं पदं किम्।
वाक्ये दोषयुक्तं पदं किम्।
Anonymous Quiz
9%
बाल्ये
9%
त्वम्
5%
एवमेव
46%
आसीत्
29%
किमपि नास्ति
July 29, 2023
July 29, 2023
July 29, 2023
यह गर्भिणी वीर पुत्र को उत्पन्न करने वाली हो।
= एषा आपन्नसत्त्वा वीरप्रसविनी भूयात्।
ये सभी स्त्रियाँ पतिव्रताएँ हों।
= एताः सर्वाः योषिताः सुचरित्राः भूयासुः।
ये दोनों पतिव्रताएँ प्रसन्न रहें।
= एते सुचरित्रे मुदिते भूयास्ताम्।
हे स्वयं पति चुनने वाली पुत्री ! तू पति की प्रिय होवे।
= हे पतिंवरे पुत्रि ! त्वं भर्तुः प्रिया भूयाः।
तुम दोनों पतिव्रताएँ होवो ।
= युवां सत्यौ भूयास्तम् ।
वशिष्ठ ने दशरथ की रानियों से कहा –
= वशिष्ठः दशरथस्य राज्ञीः उवाच –
तुम सब वीरप्रसविनी होओ।
= यूयं वीरप्रसविन्यः भूयास्त ।
मैं मधुर बोलने वाला होऊँ।
= अहं मधुरवक्ता भूयासम्।
सावित्री ने कहा –
सावित्री उवाच
मैं स्वयं पति चुनने वाली होऊँ।
= अहं वर्या भूयासम्।
माद्री और कुन्ती ने कहा –
माद्री च पृथा च ऊचतुः –
हम दोनों वीरप्रसविनी होवें।
= आवां वीरप्रसविन्यौ भूयास्व ।
हम सब राष्ट्रभक्त हों।
वयं राष्ट्रभक्ताः भूयास्म ।
हम सब चिरञ्जीवी हों।
= वयं चिरञ्जीविनः भूयास्म।
#vakyabhyas
= एषा आपन्नसत्त्वा वीरप्रसविनी भूयात्।
ये सभी स्त्रियाँ पतिव्रताएँ हों।
= एताः सर्वाः योषिताः सुचरित्राः भूयासुः।
ये दोनों पतिव्रताएँ प्रसन्न रहें।
= एते सुचरित्रे मुदिते भूयास्ताम्।
हे स्वयं पति चुनने वाली पुत्री ! तू पति की प्रिय होवे।
= हे पतिंवरे पुत्रि ! त्वं भर्तुः प्रिया भूयाः।
तुम दोनों पतिव्रताएँ होवो ।
= युवां सत्यौ भूयास्तम् ।
वशिष्ठ ने दशरथ की रानियों से कहा –
= वशिष्ठः दशरथस्य राज्ञीः उवाच –
तुम सब वीरप्रसविनी होओ।
= यूयं वीरप्रसविन्यः भूयास्त ।
मैं मधुर बोलने वाला होऊँ।
= अहं मधुरवक्ता भूयासम्।
सावित्री ने कहा –
सावित्री उवाच
मैं स्वयं पति चुनने वाली होऊँ।
= अहं वर्या भूयासम्।
माद्री और कुन्ती ने कहा –
माद्री च पृथा च ऊचतुः –
हम दोनों वीरप्रसविनी होवें।
= आवां वीरप्रसविन्यौ भूयास्व ।
हम सब राष्ट्रभक्त हों।
वयं राष्ट्रभक्ताः भूयास्म ।
हम सब चिरञ्जीवी हों।
= वयं चिरञ्जीविनः भूयास्म।
#vakyabhyas
July 29, 2023
July 29, 2023
July 29, 2023
July 29, 2023
July 29, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 10:34 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 30 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 06:34 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 05:43 से 07:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
#Panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 10:34 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 30 जुलाई 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 06:34 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 05:43 से 07:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
#Panchang
July 29, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/tgQXatZh80c
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | ISRO launches 7 Singaporean satellites on board PSLV-C56 rocket
DD News 24x7 | News in Hindi | Live Updates | Breaking News | Latest News
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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July 29, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
July 29, 2023
🍃
🔆 अन्येषु क्षेत्रेषु कृतं पापं तीर्थक्षेत्रषु गमनेन स्नानेन वा विनश्यति किन्तु यदि तस्मिन् एव क्षेत्रे पापं कुर्मः चेत् तत् तु वज्रसमं भूत्वा अस्माभिः सह वर्तते।
⚜अन्य क्षेत्र में किया हुआ पाप तीर्थ क्षेत्र पर आकर समाप्त हो जाता है वही तीर्थ क्षेत्र पर किया हुआ पाप वज्र के समान हो जाता है।
#Subhashitam
अन्यक्षेत्रे कृतम्पापं, तीर्थक्षेत्रे विनश्यति।
तीर्थक्षेत्रे कृतम्पापं वज्रमापे च लिप्यति
।।🔆 अन्येषु क्षेत्रेषु कृतं पापं तीर्थक्षेत्रषु गमनेन स्नानेन वा विनश्यति किन्तु यदि तस्मिन् एव क्षेत्रे पापं कुर्मः चेत् तत् तु वज्रसमं भूत्वा अस्माभिः सह वर्तते।
⚜अन्य क्षेत्र में किया हुआ पाप तीर्थ क्षेत्र पर आकर समाप्त हो जाता है वही तीर्थ क्षेत्र पर किया हुआ पाप वज्र के समान हो जाता है।
#Subhashitam
July 29, 2023
July 30, 2023
तेरा पुत्र यशस्वी हो।
= तव पुत्रः यशस्वी भूयात्।
तुम्हारी दोनों पुत्रियाँ यशस्विनी हों।
= तव उभे सुते कीर्तिमत्यौ भूयास्ताम्।
आपके सभी पुत्र दीर्घायु हों।
= भवतः सर्वे तनयाः चिरञ्जीविनः भूयासुः।
तू आयुष्मान् हो।
= त्वं जैवातृकः भूयाः।
तुम दोनों यशस्वी होओ।
= युवां समज्ञावन्तौ भूयास्तम्।
तुम सब दीर्घायु होओ।
= यूयं जैवातृकाः भूयास्त।
मैं दीर्घायु होऊँ।
= अहं चिरजीवी भूयासम्।
हम दोनों यशस्वी होवें।
= आवां समज्ञावन्तौ भूयास्व ।
हम सब आयुष्मान् हों।
= वयम् आयुष्मन्तः भूयास्म।
#vakyabhyas
= तव पुत्रः यशस्वी भूयात्।
तुम्हारी दोनों पुत्रियाँ यशस्विनी हों।
= तव उभे सुते कीर्तिमत्यौ भूयास्ताम्।
आपके सभी पुत्र दीर्घायु हों।
= भवतः सर्वे तनयाः चिरञ्जीविनः भूयासुः।
तू आयुष्मान् हो।
= त्वं जैवातृकः भूयाः।
तुम दोनों यशस्वी होओ।
= युवां समज्ञावन्तौ भूयास्तम्।
तुम सब दीर्घायु होओ।
= यूयं जैवातृकाः भूयास्त।
मैं दीर्घायु होऊँ।
= अहं चिरजीवी भूयासम्।
हम दोनों यशस्वी होवें।
= आवां समज्ञावन्तौ भूयास्व ।
हम सब आयुष्मान् हों।
= वयम् आयुष्मन्तः भूयास्म।
#vakyabhyas
July 30, 2023
July 30, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓 ३१जुलै २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰 वार्ताः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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July 30, 2023
July 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 10:34 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 31 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - त्रयोदशी सुबह 07:26 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (क्षय तिथि)
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 06:58 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 11:05 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 07:49 से 09:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:27 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 10:34 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 31 जुलाई 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - त्रयोदशी सुबह 07:26 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (क्षय तिथि)
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 06:58 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 11:05 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 07:49 से 09:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:09
⛅ सूर्यास्त - 07:23
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:27 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक
July 30, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/D1jJdYBgnpc
https://youtu.be/D1jJdYBgnpc
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Vaarta| News in Sanskrit | 31/7/2023
#vaarta #newsinsanskrit
Vaarta:|News in Sanskrit | 31/7/2023
Vaarta:|News in Sanskrit | 31/7/2023
July 30, 2023
July 30, 2023
July 30, 2023
July 30, 2023
🍃
🔆 बहु अधिकं शयनम् अधिकं खादनं अधिका मुखरता अन्येषां निन्दकः अधिकः गर्वभावः भूतकालं विचिन्त्य शोकातुरः स्वदुःखस्य वक्ता कारणं विना विरोधी भूतकालवैभवस्य चिन्तकः जडतायुक्तः विश्रामप्रियः एते दश लक्षणाः मुर्खजनस्य भवन्ति।
⚜Sleeping a lot, eating a lot, talkative, indulging in criticising, very proud, grieving over past ,Narrating one's miseries, opposing without reason, revelling in past glories, foolishness and loving sedentary life are ten signs of a fool.
#Subhashitam
बहुसुप्तः बहुभुक्तः मुखरश्च निन्दकः
गर्विष्ठः गतं शोचतः निजदुःख निवेदकः ।
अकारण विरोधकश्च गतवैभवे निमग्नः
जाड्यः आरामप्रियः दशैते मूर्ख लक्षणाः
।।🔆 बहु अधिकं शयनम् अधिकं खादनं अधिका मुखरता अन्येषां निन्दकः अधिकः गर्वभावः भूतकालं विचिन्त्य शोकातुरः स्वदुःखस्य वक्ता कारणं विना विरोधी भूतकालवैभवस्य चिन्तकः जडतायुक्तः विश्रामप्रियः एते दश लक्षणाः मुर्खजनस्य भवन्ति।
⚜Sleeping a lot, eating a lot, talkative, indulging in criticising, very proud, grieving over past ,Narrating one's miseries, opposing without reason, revelling in past glories, foolishness and loving sedentary life are ten signs of a fool.
#Subhashitam
July 30, 2023
July 31, 2023
सामाजिकानुशासनपालनमेव महत्त्वपूर्णमस्ति।
वाक्ये तद्धित्प्रत्ययस्य रूपाणि कति सन्ति।
वाक्ये तद्धित्प्रत्ययस्य रूपाणि कति सन्ति।
Anonymous Quiz
24%
एकम्
35%
द्वे
16%
त्रीणी
11%
चत्वारि
15%
नास्ति
July 31, 2023
वह मेरा मित्र हो जाए।
= असौ मम सुहृद् भवतु।
वे दोनों मित्र सफल हों।
= तौ वयस्यौ सफलौ भवताम्।
मेरा मित्र आयुष्मान् हो।
= मम सखा आयुष्मान् भवतु (भवतात्)।
तुम्हारे बहुत से मित्र हों।
= तव बहवः मित्राणि भवन्तु।
तू सफल हो।
= त्वं सफलः भव (भवतात्)।
इस समय तुम दोनों को यहाँ होना चाहिए।
= एतस्मिन् समये युवाम् अत्र भवतम्।
तुम सब वर्चस्वी होओ।
= यूयं वर्चस्विनः भवत।
मैं कहाँ होऊँ ?
= अहं कुत्र भवानि ?
हम दोनों उस मित्र के घर होवें ?
= आवां तस्य मित्रस्य गृहे भवाव ?
हम सब यहाँ विराजमान हों।
= वयम् अत्र विराजमानाः भवाम।
हम सभी जीवों के मित्र हों।
= वयं सर्वेषां जीवानां मित्राणि भवाम।
#vakyabhyas
= असौ मम सुहृद् भवतु।
वे दोनों मित्र सफल हों।
= तौ वयस्यौ सफलौ भवताम्।
मेरा मित्र आयुष्मान् हो।
= मम सखा आयुष्मान् भवतु (भवतात्)।
तुम्हारे बहुत से मित्र हों।
= तव बहवः मित्राणि भवन्तु।
तू सफल हो।
= त्वं सफलः भव (भवतात्)।
इस समय तुम दोनों को यहाँ होना चाहिए।
= एतस्मिन् समये युवाम् अत्र भवतम्।
तुम सब वर्चस्वी होओ।
= यूयं वर्चस्विनः भवत।
मैं कहाँ होऊँ ?
= अहं कुत्र भवानि ?
हम दोनों उस मित्र के घर होवें ?
= आवां तस्य मित्रस्य गृहे भवाव ?
हम सब यहाँ विराजमान हों।
= वयम् अत्र विराजमानाः भवाम।
हम सभी जीवों के मित्र हों।
= वयं सर्वेषां जीवानां मित्राणि भवाम।
#vakyabhyas
July 31, 2023
July 31, 2023
Namaste
Online Samskrita Sambhashana Varga: (Spoken Samskritam Courses) are arranged for beginners at different timings. A good opportunity to learn Samskritam together at home and create Samskrita Griham.
Prior Knowledge of samskritam is not necessary to attend this free course. Anyone above the age of 8 may join.
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdiuPtNtSE6nKRN6ZwG9QXgl4W3rscXq8dyWcmfZO3MGLZlNA/viewform
Sambhashana Varga: (Level 1)
Starting date 4th August 2023
Requirement - All 12 days attendance
Please enter correct Email ID as further communication is through email only. Please check spam/junk mails too. In case you don't find please mail us within two days of registration.
Registration for this batch will be closed prior to the first day of the sessions
For any queries email to sbsamskritavarga@gmail.com
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https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdiuPtNtSE6nKRN6ZwG9QXgl4W3rscXq8dyWcmfZO3MGLZlNA/viewform
Sambhashana Varga: (Level 1)
Starting date 4th August 2023
Requirement - All 12 days attendance
Please enter correct Email ID as further communication is through email only. Please check spam/junk mails too. In case you don't find please mail us within two days of registration.
Registration for this batch will be closed prior to the first day of the sessions
For any queries email to sbsamskritavarga@gmail.com
Google Docs
Sambhashana Varga: Registration form
Namaste
Online Samskrita Sambhashana Varga: (Spoken Samskritam Courses) is arranged for beginners. A good opportunity to learn Samskritam together at home and create Samskrita Griham.
Prior Knowledge of samskritam is not necessary to attend this free course.…
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Prior Knowledge of samskritam is not necessary to attend this free course.…
July 31, 2023
July 31, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 01 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा शाम 04:03 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - प्रीति शाम 06:53 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - शाम 04:04 से 05:43 तक
⛅ सूर्योदय - 06:10
⛅ सूर्यास्त - 07:22
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:27 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अधिक श्रावण पूर्णिमा
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 01 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा शाम 04:03 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - प्रीति शाम 06:53 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - शाम 04:04 से 05:43 तक
⛅ सूर्योदय - 06:10
⛅ सूर्यास्त - 07:22
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:27 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अधिक श्रावण पूर्णिमा
July 31, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/fnH29NBt-EA
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | PM Narendra Modi to be conferred with Lokmanya Tilak National Award in Pune
PM Narendra Modi to be conferred with Lokmanya Tilak National Award in Pune
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar…
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July 31, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 संस्कृत-उक्तिः
🗓 ०१अगस्त २०२३, मङ्गलवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतस्य कस्यचित् उक्तेः {Quote} विवरणं कुर्वन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 संस्कृत-उक्तिः
🗓 ०१अगस्त २०२३, मङ्गलवासरः
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https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
July 31, 2023
July 31, 2023
July 31, 2023
July 31, 2023
July 31, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
संस्कृत-उक्तयः
#samlapshala
#samlapshala
July 31, 2023
🍃
🔆इन्द्रियाणामुपरि असंयमः एव क्लेशकारः मार्गः भवति। इन्द्रियाणामुपरि जयप्रापणमेव सुखस्य मार्गः भवति। एतयोः मार्गयोः विवेकानुसारं श्रेष्ठस्य चयनं कृत्वा तत्रैव अग्रे सरणीयम्।
⚜इन्द्रियों को वश में नहीं करना सब विपत्तियों का मार्ग बतलाया गया है और इन्द्रियों को जीत लेना सब प्रकार के सुखों का उपाय है। इन दोनों में जो मार्ग उत्तम है उसी को जीवन में अपनाना चाहिये।
#Subhashitam
आपदां कथितः पन्था इन्द्रियाणामसंयमः।
तज्जयः सम्पदां मार्गो येनेष्टं तेन गम्यताम्
॥🔆इन्द्रियाणामुपरि असंयमः एव क्लेशकारः मार्गः भवति। इन्द्रियाणामुपरि जयप्रापणमेव सुखस्य मार्गः भवति। एतयोः मार्गयोः विवेकानुसारं श्रेष्ठस्य चयनं कृत्वा तत्रैव अग्रे सरणीयम्।
⚜इन्द्रियों को वश में नहीं करना सब विपत्तियों का मार्ग बतलाया गया है और इन्द्रियों को जीत लेना सब प्रकार के सुखों का उपाय है। इन दोनों में जो मार्ग उत्तम है उसी को जीवन में अपनाना चाहिये।
#Subhashitam
July 31, 2023
August 1, 2023
👉अजाद्यतष्टाप् पा.सू. ४.१.४
👉डाबुभाभ्यामन्यतरस्याम् पा.सू. ४.१.१३
👉यङश्चाप् पा.सू. ४.१.७४
😂😃 Joke for grammarians
#hasya
👉डाबुभाभ्यामन्यतरस्याम् पा.सू. ४.१.१३
👉यङश्चाप् पा.सू. ४.१.७४
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#hasya
August 1, 2023
August 1, 2023
August 1, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 संस्कृतसंवादवाहिन्याः संदेशाः
🗓 ०२अगस्त २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतसंवादवाहिन्यां ये ये संदेशाः आगच्छन्ति तेषां विषये चर्चा)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 1, 2023
August 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 08:05 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 02 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - श्रवण दोपहर 12:58 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - आयुष्मान दोपहर 02:34 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 12:46 से 02:25 तक
⛅ सूर्योदय - 06:11
⛅ सूर्यास्त - 07:21
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:27 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
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August 1, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/pJVV4XrFUsI
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | Government Tables Delhi Ordinance Bill In Lok Sabha
#sanskrit | #news | #parliament
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being…
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August 1, 2023
August 1, 2023
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संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
संस्कृतसंवादवाहिन्याः संदेशाः
#samlapshala
#samlapshala
August 1, 2023
🍃
🔆 लघुनि सस्यानि वेगवतः वायुतः कमलपुष्पाणि शैत्यात् पर्वताः वज्रात् तथा च सज्जनाः दुर्जनेभ्यः दूरं स्थातुमिच्छन्ति।
⚜जिस प्रकार वृक्षों को आँधी से, कमलों को ओस से, पर्वतों को वज्र से भय रहता है उसी प्रकार सज्जनों को दुर्जन से भय रहता है।
#Subhashitam
पादपानां भयं वातात् पद्मानां शिशिराद्भयम्।
पर्वतानां भयं वज्रात् साधूनां दुर्जनाद्भयम्
॥🔆 लघुनि सस्यानि वेगवतः वायुतः कमलपुष्पाणि शैत्यात् पर्वताः वज्रात् तथा च सज्जनाः दुर्जनेभ्यः दूरं स्थातुमिच्छन्ति।
⚜जिस प्रकार वृक्षों को आँधी से, कमलों को ओस से, पर्वतों को वज्र से भय रहता है उसी प्रकार सज्जनों को दुर्जन से भय रहता है।
#Subhashitam
August 1, 2023
August 2, 2023
August 2, 2023
वह लोभी वैद्य मेरे पास नहीं होना चाहिए।
= सः गृध्नुः भिषक् मम समीपे मा भवतु।
वे दोनों लोभी पुरुष कार्यालय में न हों।
= तौ गर्धनौ पुरुषौ कार्यालये न भवताम्।
जब मैं यहाँ होऊँ तब वे लोभी यहाँ न हों।
= यदा अहम् अत्र भवानि तदा ते लुब्धाः अत्र न भवन्तु।
तुम लोभी मत बनो।
= त्वम् अभिलाषुकः मा भव।
धन से मतवाले मत होओ।
= धनेन मत्तः मा भव।
तुम दोनों महालोभियों को तो महालोभियों के बीच ही होना चाहिए।
= युवां लोलुपौ तु लोलुभानां मध्ये एव भवतम्।
तुम सब प्रसन्नता से मतवाले मत होओ।
= यूयं प्रसन्नतया उत्कटाः मा भवत।
हे भगवान् ! मैं आपकी कथा का लोभी होऊँ।
= हे भगवन्! अहं भवतः कथायाः लोलुपः भवानि।
मैं आपके सौन्दर्य का लोलुप होऊँ।
= अहं भवतः सौन्दर्यस्य लोलुभः भवानि।
हम दोनों धन के लोभी न हों।
= आवां धनस्य अभिलाषुकौ न भवाव।
धन पाकर हम सब मतवाले न हों।
= धनं लब्ध्वा वयं शौण्डाः न भवाम।
ज्ञान से उच्छृङ्खल न हों।
= ज्ञानेन उद्धताः न भवाम।
वे मतवाले हमारे पास कभी न हों।
= ते क्षीबाः अस्माकं समीपे कदापि न भवन्तु ।
#vakyabhyas
= सः गृध्नुः भिषक् मम समीपे मा भवतु।
वे दोनों लोभी पुरुष कार्यालय में न हों।
= तौ गर्धनौ पुरुषौ कार्यालये न भवताम्।
जब मैं यहाँ होऊँ तब वे लोभी यहाँ न हों।
= यदा अहम् अत्र भवानि तदा ते लुब्धाः अत्र न भवन्तु।
तुम लोभी मत बनो।
= त्वम् अभिलाषुकः मा भव।
धन से मतवाले मत होओ।
= धनेन मत्तः मा भव।
तुम दोनों महालोभियों को तो महालोभियों के बीच ही होना चाहिए।
= युवां लोलुपौ तु लोलुभानां मध्ये एव भवतम्।
तुम सब प्रसन्नता से मतवाले मत होओ।
= यूयं प्रसन्नतया उत्कटाः मा भवत।
हे भगवान् ! मैं आपकी कथा का लोभी होऊँ।
= हे भगवन्! अहं भवतः कथायाः लोलुपः भवानि।
मैं आपके सौन्दर्य का लोलुप होऊँ।
= अहं भवतः सौन्दर्यस्य लोलुभः भवानि।
हम दोनों धन के लोभी न हों।
= आवां धनस्य अभिलाषुकौ न भवाव।
धन पाकर हम सब मतवाले न हों।
= धनं लब्ध्वा वयं शौण्डाः न भवाम।
ज्ञान से उच्छृङ्खल न हों।
= ज्ञानेन उद्धताः न भवाम।
वे मतवाले हमारे पास कभी न हों।
= ते क्षीबाः अस्माकं समीपे कदापि न भवन्तु ।
#vakyabhyas
August 2, 2023
August 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 08:05 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅️ दिनांक - 03 अगस्त 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - अधिक श्रावण
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - धनिष्ठा सुबह 09:56 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅️ योग - सौभाग्य सुबह 10:18 तक तत्पश्चात शोभन
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:24 से 04:03 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:11
⛅️ सूर्यास्त - 07:20
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:28 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
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⛅️ योग - सौभाग्य सुबह 10:18 तक तत्पश्चात शोभन
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:24 से 04:03 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:11
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⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से 05:28 तक
August 2, 2023
August 2, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
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यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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🔰 कृष्णबाललीलाः
🗓 ०३अगस्त २०२३, गुरुवासरः
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🗓 ०३अगस्त २०२३, गुरुवासरः
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Vaarta: News in Sanskrit | 3/8/2023
#vaarta #latestnews #newsinsanskrit
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August 2, 2023
August 2, 2023
🍃
🔆गुणिजनस्य गुणान् गुणवान् एव जानाति न तु निर्गुणिजनः बलवान् एव बलिजनस्य बलं जानाति न तु निर्बलः कोकिलः एव वसन्तमहत्तवं जानाति न तु काकः गजः एव सिंहस्यबलं जानाति न तु मूषकः।
⚜गुणी ही दूसरे के गुण पहचानता है तथा बलवान ही दूसरे के बल को जानता है। वसंत को कोयल पहचानती है, कौआ नहीं। सिंह के बल को हाथी जानता है, चूहा नहीं।
#Subhashitam
गुणी गुणं वेत्ति न वेत्ति निर्गुणो,बली बलं वेत्ति न वेत्ति निर्बल:।
पिको वसन्तस्य गुणं न वायस:,करी च सिंहस्य बलं न मूषक:
॥🔆गुणिजनस्य गुणान् गुणवान् एव जानाति न तु निर्गुणिजनः बलवान् एव बलिजनस्य बलं जानाति न तु निर्बलः कोकिलः एव वसन्तमहत्तवं जानाति न तु काकः गजः एव सिंहस्यबलं जानाति न तु मूषकः।
⚜गुणी ही दूसरे के गुण पहचानता है तथा बलवान ही दूसरे के बल को जानता है। वसंत को कोयल पहचानती है, कौआ नहीं। सिंह के बल को हाथी जानता है, चूहा नहीं।
#Subhashitam
August 2, 2023
August 2, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
कृष्णबाललीलाः
#samlapshala
#samlapshala
August 2, 2023
क्षीयते - क्षयति
च्यूयते - च्यवते
स्मीयते - स्मयते प्रजायते - प्रजायते।
च्यूयते - च्यवते
स्मीयते - स्मयते प्रजायते - प्रजायते।
Anonymous Quiz
54%
कर्मणिप्रयोगः - कर्तरिप्रयोगः
26%
कर्तरिप्रयोगः - कर्मणिप्रयोगः
7%
कर्तरिप्रयोगः - भावेप्रयोगः
13%
एवं रूपाणि एव न सन्ति।
August 3, 2023
यह मुनि कल उस झोपड़ी में होगा।
= अयं मुनिः श्वः तस्यां पर्णशालायां भविता।
वे दोनों वेदपाठी परसों उस यज्ञभवन में होंगे।
= अमू छान्दसौ परश्वः अमुष्मिन् चैत्ये भवितारौ।
वे वेदपाठी कल इन यज्ञशालाओं में होंगे।
= अमी श्रोत्रियाः श्वः एषु आयतनेषु भवितारः।
तुम परसों अध्यापक के साथ पर्णशाला में होगे।
= त्वं परश्वः उपाध्यायेन सह उटजे भवितासि।
तुम दोनों कल यज्ञशाला में होगे।
= युवां श्वः चैत्ये भवितास्थः।
वहाँ वेदपाठियों का सामगान होगा।
= तत्र छान्दसानां सामगानं भविता।
तुम सब परसों कुटिया में होगे।
= यूयं परश्वः उटजे भवितास्थ।
वहाँ अगदतन्त्र का व्याख्यान होगा।
= तत्र अगदतन्त्रस्य व्याख्यानं भविता।
मैं कल उस कुटी में होऊँगा।
= अहं श्वः तस्मिन् उटजे भवितास्मि।
उसी में दो उपाध्याय होंगे।
= तस्मिन् एव द्वौ उपाध्यायौ भवितारौ।
#vakyabhyas
= अयं मुनिः श्वः तस्यां पर्णशालायां भविता।
वे दोनों वेदपाठी परसों उस यज्ञभवन में होंगे।
= अमू छान्दसौ परश्वः अमुष्मिन् चैत्ये भवितारौ।
वे वेदपाठी कल इन यज्ञशालाओं में होंगे।
= अमी श्रोत्रियाः श्वः एषु आयतनेषु भवितारः।
तुम परसों अध्यापक के साथ पर्णशाला में होगे।
= त्वं परश्वः उपाध्यायेन सह उटजे भवितासि।
तुम दोनों कल यज्ञशाला में होगे।
= युवां श्वः चैत्ये भवितास्थः।
वहाँ वेदपाठियों का सामगान होगा।
= तत्र छान्दसानां सामगानं भविता।
तुम सब परसों कुटिया में होगे।
= यूयं परश्वः उटजे भवितास्थ।
वहाँ अगदतन्त्र का व्याख्यान होगा।
= तत्र अगदतन्त्रस्य व्याख्यानं भविता।
मैं कल उस कुटी में होऊँगा।
= अहं श्वः तस्मिन् उटजे भवितास्मि।
उसी में दो उपाध्याय होंगे।
= तस्मिन् एव द्वौ उपाध्यायौ भवितारौ।
#vakyabhyas
August 3, 2023
एकस्मिन् ग्रामे कस्यचन पुरोहितगृहस्य पुरोभागे मार्गमध्ये एकः शुनकः मृतः अभवत् । तदा पुरोहितः प्रतिवेशिनः कांश्चन आहूय तन्मृतदेहं ततः अपसारयितुं परामृष्टवान् । तेषु कश्चन विनोदप्रियः आसीत्, सः उक्तवान् - 'पुरोहितवर्य ! मरणान्तरसंस्कारं तु भवान् एव जानीयात् नु, अतः तस्य उत्तरक्रियां भवान् हि निर्वर्तयतु' इति ।
पुरोहितः अपि विनोदप्रियः एव, अतः तम् उक्तवान् - ' भवता यदुक्तं तत्तु सत्यमेव, परन्तु आदौ मृतस्य बान्धवाः निवेदनीयाः किल, अतः एवाहं भवतः आहूतवान्' इति । 😊
~ नारदोपाध्यायः
#hasya
पुरोहितः अपि विनोदप्रियः एव, अतः तम् उक्तवान् - ' भवता यदुक्तं तत्तु सत्यमेव, परन्तु आदौ मृतस्य बान्धवाः निवेदनीयाः किल, अतः एवाहं भवतः आहूतवान्' इति । 😊
~ नारदोपाध्यायः
#hasya
August 3, 2023
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August 3, 2023
August 3, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 04 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 07:08 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - शोभन सुबह 06:14 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:11
⛅ सूर्यास्त - 07:20
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:28 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 04 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 07:08 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - शोभन सुबह 06:14 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:11
⛅ सूर्यास्त - 07:20
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:28 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी
August 3, 2023
August 3, 2023
https://youtu.be/YS04BAukt6g
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 4/8/2023
#vaarta #newsinsanskrit
Vaarta: News in Sanskrit | 4/8/2023
Vaarta: News in Sanskrit | 4/8/2023
August 3, 2023
संस्कृतभारती सिंहगड जनपद पश्चिम-महाराष्ट्र-प्रांतद्वारा आयोजिता
श्रीज्ञानेश्वरीप्रवचनमाला (सरलसंस्कृतेन)
दिनाङ्कः - ऑगस्टमासस्य चतुर्थदिनाङ्कत: त्रयोदशदिनाङ्कपर्यन्तम् (४-०८-२०२३ तः१३-०८-२०२३)
समयः- प्रात: ७ वादनत: ८ वादनपर्यन्तम्
प्रवाचक: - डॉ. मधुसूदनः पेन्ना
Joining link
Join Zoom Meeting
https://us02web.zoom.us/j/81618291008?pwd=b21OU0NxTzh4RSsvWEtNRmVTdHl0QT09
One tap mobile
+13462487799,,81618291008#,,,,*103664# US (Houston)
+13602095623,,81618291008#,,,,*103664# US
Meeting ID:
Passcode:
भवदीय: - कर्नल सतीशः पराञ्जपे
(अध्यक्ष:) संस्कृतभारती पश्चिम-महाराष्ट्रम्
श्रीज्ञानेश्वरीप्रवचनमाला (सरलसंस्कृतेन)
दिनाङ्कः - ऑगस्टमासस्य चतुर्थदिनाङ्कत: त्रयोदशदिनाङ्कपर्यन्तम् (४-०८-२०२३ तः१३-०८-२०२३)
समयः- प्रात: ७ वादनत: ८ वादनपर्यन्तम्
प्रवाचक: - डॉ. मधुसूदनः पेन्ना
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Join Zoom Meeting
https://us02web.zoom.us/j/81618291008?pwd=b21OU0NxTzh4RSsvWEtNRmVTdHl0QT09
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+13462487799,,81618291008#,,,,*103664# US (Houston)
+13602095623,,81618291008#,,,,*103664# US
Meeting ID:
81618291008
Passcode:
103664
भवदीय: - कर्नल सतीशः पराञ्जपे
(अध्यक्ष:) संस्कृतभारती पश्चिम-महाराष्ट्रम्
August 3, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «संस्कृतभारती सिंहगड जनपद पश्चिम-महाराष्ट्र-प्रांतद्वारा आयोजिता श्रीज्ञानेश्वरीप्रवचनमाला (सरलसंस्कृतेन) दिनाङ्कः - ऑगस्टमासस्य चतुर्थदिनाङ्कत: त्रयोदशदिनाङ्कपर्यन्तम् (४-०८-२०२३ तः१३-०८-२०२३) समयः- प्रात: ७ वादनत: ८ वादनपर्यन्तम् प्रवाचक: - डॉ. मधुसूदनः…»
August 3, 2023
August 3, 2023
🍃
🔆 यत् अनेकान् संदेहान् दूरीकरोति परोक्षार्थेन मार्गं दर्शयति तत् नेत्रस्वरूपं ज्ञानं यस्य नास्ति सः अन्धः भवति।
⚜जो अनेकों सन्देहों को दूर करने वाला और परोक्ष अर्थ के द्वारा मार्गदर्शन करने वाला है, वह ज्ञान नेत्र के समान है, इसके बिना मनुष्य अंधे के समान है।
#Subhashitam
अनेकसंशयोच्छेदि परोक्षार्थस्य दर्शनम्।
सर्वस्य लोचनं ज्ञानं यस्य नास्त्यन्ध एव सः
॥🔆 यत् अनेकान् संदेहान् दूरीकरोति परोक्षार्थेन मार्गं दर्शयति तत् नेत्रस्वरूपं ज्ञानं यस्य नास्ति सः अन्धः भवति।
⚜जो अनेकों सन्देहों को दूर करने वाला और परोक्ष अर्थ के द्वारा मार्गदर्शन करने वाला है, वह ज्ञान नेत्र के समान है, इसके बिना मनुष्य अंधे के समान है।
#Subhashitam
August 3, 2023
August 3, 2023
August 3, 2023
August 4, 2023
चन्द्रयानं तृतीयं प्रक्षेपितं जातम्।
प्रक्षेपितम् अत्र कः धातुः।
प्रक्षेपितम् अत्र कः धातुः।
Anonymous Quiz
66%
क्षिप्
13%
प्रक्षिप्
17%
क्षेप्
3%
क्षिपि
August 4, 2023
हम दोनों परसों उस चैत्य में नहीं होंगे।
= आवां परश्वः तस्मिन् चैत्ये न भवितास्वः।
हम सब कल वेदपाठियों की कुटी में होंगे।
= वयं श्वः छान्दसानाम् उटजेषु भवितास्मः ।
वहीं ऋग्वेद का जटापाठ होगा।
= तत्र एव ऋग्वेदस्य जटापाठः भविता।
उपाध्याय लोग भी वहीं होंगे।
= अध्यापकाः अपि तत्र एव भवितारः।
हम लोग भी वहीं होंगे।
= वयम् अपि तत्र एव भवितास्मः।
तेरा यह कार्य परसों रात में होगा।
= तव इदं कार्यं परश्वः निशायां भविता।
आप दोनों कल रात प्रयाग में नहीं होंगे क्या ?
= भवन्तौ श्वः रात्रौ प्रयागे न भवितारौ किम् ?
वे सब तो परसों रात प्रयाग में ही होंगे।
= ते तु परश्वः क्षपायां प्रयागे एव भवितारः।
हम भी वहीं होंगे।
= वयम् अपि तत्र एव भवितास्मः।
यह योगी कल रात कहाँ होगा ?
= एषः योगी श्वः क्षणदायां कुत्र भविता ?
#vakyabhyas
= आवां परश्वः तस्मिन् चैत्ये न भवितास्वः।
हम सब कल वेदपाठियों की कुटी में होंगे।
= वयं श्वः छान्दसानाम् उटजेषु भवितास्मः ।
वहीं ऋग्वेद का जटापाठ होगा।
= तत्र एव ऋग्वेदस्य जटापाठः भविता।
उपाध्याय लोग भी वहीं होंगे।
= अध्यापकाः अपि तत्र एव भवितारः।
हम लोग भी वहीं होंगे।
= वयम् अपि तत्र एव भवितास्मः।
तेरा यह कार्य परसों रात में होगा।
= तव इदं कार्यं परश्वः निशायां भविता।
आप दोनों कल रात प्रयाग में नहीं होंगे क्या ?
= भवन्तौ श्वः रात्रौ प्रयागे न भवितारौ किम् ?
वे सब तो परसों रात प्रयाग में ही होंगे।
= ते तु परश्वः क्षपायां प्रयागे एव भवितारः।
हम भी वहीं होंगे।
= वयम् अपि तत्र एव भवितास्मः।
यह योगी कल रात कहाँ होगा ?
= एषः योगी श्वः क्षणदायां कुत्र भविता ?
#vakyabhyas
August 4, 2023
कश्चन रोगी देहपरीक्षार्थं वैद्यसमीपं गत्वा वैद्यम् उक्तवान् - 'वैद्यमहोदय ! एषु दिनेषु अहं रोगेण ग्रस्तोऽस्मि, उदरवेदना-कम्पनादिकं बाधते माम्, किं जातमस्ति मम इति कृपया परीक्षणीयोऽहं भवता' इति ।
'अस्तु, किं नेत्रयोः पुरतः किमपि नृत्यमानं दृश्यते वा ?
'आं महोदय !'
'शिरोवेदनापि बाधते किम् ?'
'आं, सत्यम् !'
'उदरे ज्वलनम् अनुभूयते किम् ?
'आम् ।'
'पृष्टवेदना ?'
'आं, तदपि बाधते ।'
'शिरोभ्रमणमपि भवति खलु ?'
'आम्, तत्तु असकृदेव ।'
'अहो, तर्हि तु ममापि एवमेव भवति, कः रोगः एषः वा, कदा वा अहमेव निरामयतां गच्छेयम् इति न जाने ।' इति आश्चर्येण उक्तवान् वैद्यः ।
तदा रोगी 'नमस्ते' इत्युक्त्वा सक्रोधं ततः सहसा निर्गतवान् । 😊
~ श्रीनारदोपाध्यायः
#hasya
'अस्तु, किं नेत्रयोः पुरतः किमपि नृत्यमानं दृश्यते वा ?
'आं महोदय !'
'शिरोवेदनापि बाधते किम् ?'
'आं, सत्यम् !'
'उदरे ज्वलनम् अनुभूयते किम् ?
'आम् ।'
'पृष्टवेदना ?'
'आं, तदपि बाधते ।'
'शिरोभ्रमणमपि भवति खलु ?'
'आम्, तत्तु असकृदेव ।'
'अहो, तर्हि तु ममापि एवमेव भवति, कः रोगः एषः वा, कदा वा अहमेव निरामयतां गच्छेयम् इति न जाने ।' इति आश्चर्येण उक्तवान् वैद्यः ।
तदा रोगी 'नमस्ते' इत्युक्त्वा सक्रोधं ततः सहसा निर्गतवान् । 😊
~ श्रीनारदोपाध्यायः
#hasya
August 4, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰प्रश्नमञ्जूषा
🗓०५ अगस्त २०२३, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(भिन्नेषु विषयेषु प्रश्नाः प्रष्टव्याः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰प्रश्नमञ्जूषा
🗓०५ अगस्त २०२३, शनिवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(भिन्नेषु विषयेषु प्रश्नाः प्रष्टव्याः)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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News and magazines @ramdootah
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August 4, 2023
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President Droupadi Murmu to inaugurate Festival of Libraries 2023 | Vaarta
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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August 4, 2023
August 4, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:45 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 04 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - शतभिषा सुबह 07:08 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
⛅ योग - शोभन सुबह 06:14 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:11
⛅ सूर्यास्त - 07:20
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:28 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ योग - शोभन सुबह 06:14 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:11
⛅ सूर्यास्त - 07:20
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:28 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:08 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी
August 4, 2023
August 4, 2023
August 4, 2023
🍃
🔆परस्त्र्याम् तथा परधने दृष्टिः पर निन्दा परिहासः च ज्येष्ठानां पुरतः चञ्चलता प्रदर्शनम् एते अभ्यासाः परित्यक्तव्याः एव।
⚜पर-स्त्री और परधन पर दृष्टि, पर-निन्दा, परिहास और बड़ों के सामने चञ्चलता इन आदतों का त्याग करना चाहिये।
#Subhashitam
परदारान् परद्रव्यं परीवादं परस्य च।
परीहासं गुरोः स्थाने चापल्यं च विवर्जयेत्
॥🔆परस्त्र्याम् तथा परधने दृष्टिः पर निन्दा परिहासः च ज्येष्ठानां पुरतः चञ्चलता प्रदर्शनम् एते अभ्यासाः परित्यक्तव्याः एव।
⚜पर-स्त्री और परधन पर दृष्टि, पर-निन्दा, परिहास और बड़ों के सामने चञ्चलता इन आदतों का त्याग करना चाहिये।
#Subhashitam
August 4, 2023
August 4, 2023
August 4, 2023
August 5, 2023
August 5, 2023
तुम परसों रात विमान में होगे।
= त्वं परश्वः नक्तं विमाने भवितासि।
तुम दोनों तो रेलगाड़ी में होगे।
= युवां तु रेलगन्त्र्यां भवितास्थः।
परसों रात ही उत्सव होगा।
= परश्वः नक्तम् एव उत्सवः भविता।
हम दोनों उस उत्सव में नहीं होंगे।
= आवां तस्मिन् उत्सवे न भवितास्वः।
बाकी सब तो होंगे ही।
= अन्ये सर्वे तु भवितारः एव।
तुम दोनों उस उत्सव में क्यों नहीं होगे ?
= युवां तस्मिन् उत्सवे कथं न भवितास्थः ?
हम दोनों मथुरा में होंगे, इसलिए।
= आवां मथुरायां भवितास्वः, अत एव।
उसके बाद हम सब तुम्हारे घर होंगे।
= तत्पश्चात् वयं तव भवने भवितास्मः।
हमारा स्वागत होगा कि नहीं ??
= अस्माकं स्वागतं भविता वा न वा ??
अवश्य होगा।
= अवश्यं भविता।
हम आप सबको देखकर बहुत प्रसन्न होंगे।
= वयं भवतः दृष्ट्वा भूरि प्रसन्नाः भवितास्मः।
#vakyabhyas
= त्वं परश्वः नक्तं विमाने भवितासि।
तुम दोनों तो रेलगाड़ी में होगे।
= युवां तु रेलगन्त्र्यां भवितास्थः।
परसों रात ही उत्सव होगा।
= परश्वः नक्तम् एव उत्सवः भविता।
हम दोनों उस उत्सव में नहीं होंगे।
= आवां तस्मिन् उत्सवे न भवितास्वः।
बाकी सब तो होंगे ही।
= अन्ये सर्वे तु भवितारः एव।
तुम दोनों उस उत्सव में क्यों नहीं होगे ?
= युवां तस्मिन् उत्सवे कथं न भवितास्थः ?
हम दोनों मथुरा में होंगे, इसलिए।
= आवां मथुरायां भवितास्वः, अत एव।
उसके बाद हम सब तुम्हारे घर होंगे।
= तत्पश्चात् वयं तव भवने भवितास्मः।
हमारा स्वागत होगा कि नहीं ??
= अस्माकं स्वागतं भविता वा न वा ??
अवश्य होगा।
= अवश्यं भविता।
हम आप सबको देखकर बहुत प्रसन्न होंगे।
= वयं भवतः दृष्ट्वा भूरि प्रसन्नाः भवितास्मः।
#vakyabhyas
August 5, 2023
अन्धं दरिद्रम् अथ च प्रियया विहीनं
वीक्ष्येश्वरो वदति याच वरं त्वम् एकम्।
नेत्रे न नापि वसु नो वनितां स वव्रे
छत्राभिरामसुतदर्शम् इत्युवाच॥
अन्ध, दरिद्र एवं प्रिया विहीन किसि मनुष्य को देखकर ईश्वर बोले - "वत्स! तुम एक वर मांगो।" उस मनुष्य ने न ही नेत्र मांगे, न धन मांगा, और न ही कोई प्रिया मांगी। उसने बस इतना कहा - "मैं छत्र के नीचे शोभित अपने पुत्र को देखना चाहता हूँ।"
Upon witnessing a man who was blind, impoverished, and without a wife, Īśvara said, "Ask for a blessing." Surprisingly, the man did not request sight, wealth, or a companion. Instead, he expressed his desire, "I long to witness the sight of my beloved son beneath a parasol."
#hasya
वीक्ष्येश्वरो वदति याच वरं त्वम् एकम्।
नेत्रे न नापि वसु नो वनितां स वव्रे
छत्राभिरामसुतदर्शम् इत्युवाच॥
अन्ध, दरिद्र एवं प्रिया विहीन किसि मनुष्य को देखकर ईश्वर बोले - "वत्स! तुम एक वर मांगो।" उस मनुष्य ने न ही नेत्र मांगे, न धन मांगा, और न ही कोई प्रिया मांगी। उसने बस इतना कहा - "मैं छत्र के नीचे शोभित अपने पुत्र को देखना चाहता हूँ।"
Upon witnessing a man who was blind, impoverished, and without a wife, Īśvara said, "Ask for a blessing." Surprisingly, the man did not request sight, wealth, or a companion. Instead, he expressed his desire, "I long to witness the sight of my beloved son beneath a parasol."
#hasya
August 5, 2023
August 5, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 07:09 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 06 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - धृति रात्रि 08:27 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - शाम 05:40 से 07:19 तक
⛅ सूर्योदय - 06:12
⛅ सूर्यास्त - 07:19
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 07:09 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 06 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 01:43 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - धृति रात्रि 08:27 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - शाम 05:40 से 07:19 तक
⛅ सूर्योदय - 06:12
⛅ सूर्यास्त - 07:19
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
August 5, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine| Vaartavali
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August 5, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/25HeoQH_Pok
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta: News in Sanskrit | 6/8/2023
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August 5, 2023
August 5, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰मन्दिरविवरणम्
🗓०६ अगस्त २०२३, रविवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(कस्यचित् प्रसिद्धमन्दिरस्य विवरणं कुर्वन्तु यत् भवद्भिः दृष्टम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰मन्दिरविवरणम्
🗓०६ अगस्त २०२३, रविवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(कस्यचित् प्रसिद्धमन्दिरस्य विवरणं कुर्वन्तु यत् भवद्भिः दृष्टम्)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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August 5, 2023
🕉️पाणिनीयपरिषद्🕉️
भानुवासरे कृष्णषष्ठ्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषद: सप्तमचक्रस्य सप्तमी परिषत् प्रारब्धा वेदवचनेन।
अस्याम्
श्रीलालबहादुरशास्त्रिराष्ट्रियसंस्कृतविश्वविद्यालये प्राध्यापक: श्रीमान् द्विवेदिरामसालाहीमहाभागो
व्याकरणे मोक्षपदार्थ इति विषयं प्रवक्ता।
एकचत्वारिंशदधिकनवदशशततमस्य विकार्याख्यसंवत्सरस्य पौषमासे परिषदियमभूतपूर्वरूपेण प्रारभत।
एतावताष्टाविंशतिसंख्याकानां वक्तॄणां द्वाषष्टिसंख्याका वाक्यार्था: समभवन्।
संस्कृतसेवाफाउण्डेशनसंस्था परिषद: समायोजयित्री।
सभादिनाङ्क: ०६/०८/२०२३
सभासमय: ५ अपराह्णे
सभासाधनम्
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
भानुवासरे कृष्णषष्ठ्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषद: सप्तमचक्रस्य सप्तमी परिषत् प्रारब्धा वेदवचनेन।
अस्याम्
श्रीलालबहादुरशास्त्रिराष्ट्रियसंस्कृतविश्वविद्यालये प्राध्यापक: श्रीमान् द्विवेदिरामसालाहीमहाभागो
व्याकरणे मोक्षपदार्थ इति विषयं प्रवक्ता।
मासेधिकेतिविदिते पुरुषोत्तमाख्ये
सायं भवेत्सुपरिषत् प्रतिभानुवारे।
सत्पाणिनीयवचनप्रतिवाक्यगर्भा
तां भूषयन्तु वचसा सुकृता पदज्ञाः॥
एकचत्वारिंशदधिकनवदशशततमस्य विकार्याख्यसंवत्सरस्य पौषमासे परिषदियमभूतपूर्वरूपेण प्रारभत।
एतावताष्टाविंशतिसंख्याकानां वक्तॄणां द्वाषष्टिसंख्याका वाक्यार्था: समभवन्।
संस्कृतसेवाफाउण्डेशनसंस्था परिषद: समायोजयित्री।
सभादिनाङ्क: ०६/०८/२०२३
सभासमय: ५ अपराह्णे
सभासाधनम्
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August 5, 2023
🍃
🔆 स्वस्य धर्मस्य परिपालनमेव तपः मनसः निग्रहः एव दमः सुखदुःखयोः समचित्तत्वमेव क्षमा तथा अनुचितकार्याणां त्यागः एव लज्जा भवति।
⚜अपने धर्म(कर्त्तव्य)में लगे रहना ही
तपस्या है।मन को वश में रखना ही दमन है। सुख-दुःख, लाभ-हानि में समान
भाव रखना ही क्षमा है। न करने योग्य
कार्य को त्याग देना ही लज्जा है।
#Subhashitam
तपः स्वधर्मवर्तित्वं मनसो दमनं दमः।
क्षमा द्वन्द्वसहिष्णुत्वं हीरकार्यनिवर्तनम्
॥🔆 स्वस्य धर्मस्य परिपालनमेव तपः मनसः निग्रहः एव दमः सुखदुःखयोः समचित्तत्वमेव क्षमा तथा अनुचितकार्याणां त्यागः एव लज्जा भवति।
⚜अपने धर्म(कर्त्तव्य)में लगे रहना ही
तपस्या है।मन को वश में रखना ही दमन है। सुख-दुःख, लाभ-हानि में समान
भाव रखना ही क्षमा है। न करने योग्य
कार्य को त्याग देना ही लज्जा है।
#Subhashitam
August 5, 2023
प्रथमपुरुषस्य उदाहरणं किम्।
Anonymous Quiz
8%
माधवि त्वं बाला।
16%
अहमपि बालः एव।
24%
एकोऽपि नास्ति
52%
देवेशः बालः।
August 6, 2023
आज सन्ध्या को वह उद्यान में होगा।
= अद्य सायं सः उद्याने भविष्यति।
प्रातः वे दोनों मन्दिर में होंगे।
= प्राह्णे तौ मन्दिरे भविष्यतः।
दिन में वे कहाँ होंगे ?
= दिवसे ते कुत्र भविष्यन्ति ?
आज दोपहर तुम कहाँ होगे ?
= अद्य मध्याह्ने त्वं कुत्र भविष्यसि ?
आज दोपहर मैं विद्यालय में होऊँगा ।
= अद्य मध्याह्ने अहं विद्यालये भविष्यामि।
तुम दोनों सायंकाल कहाँ होगे ?
= युवां प्रदोषे कुत्र भविष्यथः ?
हम दोनो तो सन्ध्यावन्दन में होंगे।
= आवां तु सन्ध्यावन्दने भविष्यावः।
क्या तुम वहाँ नहीं होगे ?
= किं त्वं तत्र न भविष्यसि ?
हाँ, मैं भी होऊँगा।
= आम्, अहम् अपि भविष्यामि।
हम सब दिन में वहीं होंगे।
= वयं दिवा तत्र एव भविष्यामः।
तुम सब तो सायंकाल में अपने घर होगे।
= यूयं तु रजनीमुखे स्वगृहे भविष्यथ।
और हम अपने घर होंगे।
= वयं च स्वभवने भविष्यामः।
तो उत्सव कैसे होगा ?
= तर्हि उत्सवः कथं भविष्यति ?
#vakyabhyas
= अद्य सायं सः उद्याने भविष्यति।
प्रातः वे दोनों मन्दिर में होंगे।
= प्राह्णे तौ मन्दिरे भविष्यतः।
दिन में वे कहाँ होंगे ?
= दिवसे ते कुत्र भविष्यन्ति ?
आज दोपहर तुम कहाँ होगे ?
= अद्य मध्याह्ने त्वं कुत्र भविष्यसि ?
आज दोपहर मैं विद्यालय में होऊँगा ।
= अद्य मध्याह्ने अहं विद्यालये भविष्यामि।
तुम दोनों सायंकाल कहाँ होगे ?
= युवां प्रदोषे कुत्र भविष्यथः ?
हम दोनो तो सन्ध्यावन्दन में होंगे।
= आवां तु सन्ध्यावन्दने भविष्यावः।
क्या तुम वहाँ नहीं होगे ?
= किं त्वं तत्र न भविष्यसि ?
हाँ, मैं भी होऊँगा।
= आम्, अहम् अपि भविष्यामि।
हम सब दिन में वहीं होंगे।
= वयं दिवा तत्र एव भविष्यामः।
तुम सब तो सायंकाल में अपने घर होगे।
= यूयं तु रजनीमुखे स्वगृहे भविष्यथ।
और हम अपने घर होंगे।
= वयं च स्वभवने भविष्यामः।
तो उत्सव कैसे होगा ?
= तर्हि उत्सवः कथं भविष्यति ?
#vakyabhyas
August 6, 2023
August 6, 2023
August 6, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
मन्दिरविवरणम्
मन्दिरविवरणम्
August 6, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓 ७ ऑगस्ट २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🗓 ७ ऑगस्ट २०२३, सोमवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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Telegram
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
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August 6, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी प्रातः 05:20 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 07 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 01:16 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - शूल शाम 06:17 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 07:51 से 09:29 तक
⛅ सूर्योदय - 06:13
⛅ सूर्यास्त - 07:18
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#Panchang
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी प्रातः 05:20 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 07 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 01:16 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - शूल शाम 06:17 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 07:51 से 09:29 तक
⛅ सूर्योदय - 06:13
⛅ सूर्यास्त - 07:18
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -
⛅ विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#Panchang
August 6, 2023
August 6, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/oALcPYDUltQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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YouTube
Vaarta | ISRO shares first images of moon captured by Chandrayaan-3
#sanskrit | #sanskritnews | #latestnews |
ISRO shares first images of moon captured by Chandrayaan-3
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public…
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August 6, 2023
August 6, 2023
🍃
🔆 यथा चन्द्रमा अपि स्व रश्मिभिः चाण्डालमपि वञ्चितं न स्थापयति तथैव सज्जनाः सर्वेषु गुणहीनेषु अपि उपकारं कुर्वन्ति।
⚜अपने शीतल प्रकाश से विश्व को शीतल करने वाला चन्द्रमा जैसे चाण्डाल के घर को भी अपने किरणों से वञ्चित नहीं रखता; वैसे ही सज्जन लोग गुणहीन प्राणियों पर भी दया करते हैं।
#Subhashitam
निर्गुणेष्वपि सत्त्वेषु दयां कुर्वन्ति साधवः।
न हि संहरते ज्योत्स्नां चन्द्रश्चाण्डालवेश्मनि
॥🔆 यथा चन्द्रमा अपि स्व रश्मिभिः चाण्डालमपि वञ्चितं न स्थापयति तथैव सज्जनाः सर्वेषु गुणहीनेषु अपि उपकारं कुर्वन्ति।
⚜अपने शीतल प्रकाश से विश्व को शीतल करने वाला चन्द्रमा जैसे चाण्डाल के घर को भी अपने किरणों से वञ्चित नहीं रखता; वैसे ही सज्जन लोग गुणहीन प्राणियों पर भी दया करते हैं।
#Subhashitam
August 6, 2023
August 7, 2023
आप आज दोपहर में कहाँ होंगे ?
= भवान् अद्य मध्याह्ने कुत्र भविष्यति ?
आज दोपहर मैं खेल के मैदान में होऊँगा।
= अद्य मध्याह्ने अहं क्रीडाक्षेत्रे भविष्यामि।
तुम कहाँ होओगे ?
= त्वं कुत्र भविष्यसि ?
मैं भी वहीं होऊँगा।
= अहम् अपि तत्र एव भविष्यामि।
वहाँ नटों का खेल होगा।
= तत्र शैलूषाणां कौतुकं भविष्यति।
उसके बाद बच्चों का खेल होगा।
= तत्पश्चात् बालकानां खेला भविष्यति।
वहाँ तो बहुत से नट होंगे।
= तत्र तु बहवः रङ्गजीवाः भविष्यन्ति खलु।
तुम दोनों भी वहाँ होगे कि नहीं ?
= युवाम् अपि तत्र एव भविष्यथः वा न वा ?
हाँ हम दोनों भी वहीं होंगे।
= आम्, आवाम् अपि तत्र एव भविष्यावः।
हम सब भी अध्यापकों के साथ वहाँ होंगें।
= वयम् अपि उपाध्यायैः सह तत्र भविष्यामः।
बच्चों का खेल कब होगा?
= बालानां कूर्दनं कदा भविष्यति ?
नटों के खेल के बाद ही होगा।
= भरतानां कुतकस्य पश्चात् एव भविष्यति।
तब तो बहुत आनन्द होगा।
= तर्हि तु भूरि मोदः भविष्यति।
हाँ, आओ चलते हैं।
= आम्, एहि चलामः।
#vakyabhyas
= भवान् अद्य मध्याह्ने कुत्र भविष्यति ?
आज दोपहर मैं खेल के मैदान में होऊँगा।
= अद्य मध्याह्ने अहं क्रीडाक्षेत्रे भविष्यामि।
तुम कहाँ होओगे ?
= त्वं कुत्र भविष्यसि ?
मैं भी वहीं होऊँगा।
= अहम् अपि तत्र एव भविष्यामि।
वहाँ नटों का खेल होगा।
= तत्र शैलूषाणां कौतुकं भविष्यति।
उसके बाद बच्चों का खेल होगा।
= तत्पश्चात् बालकानां खेला भविष्यति।
वहाँ तो बहुत से नट होंगे।
= तत्र तु बहवः रङ्गजीवाः भविष्यन्ति खलु।
तुम दोनों भी वहाँ होगे कि नहीं ?
= युवाम् अपि तत्र एव भविष्यथः वा न वा ?
हाँ हम दोनों भी वहीं होंगे।
= आम्, आवाम् अपि तत्र एव भविष्यावः।
हम सब भी अध्यापकों के साथ वहाँ होंगें।
= वयम् अपि उपाध्यायैः सह तत्र भविष्यामः।
बच्चों का खेल कब होगा?
= बालानां कूर्दनं कदा भविष्यति ?
नटों के खेल के बाद ही होगा।
= भरतानां कुतकस्य पश्चात् एव भविष्यति।
तब तो बहुत आनन्द होगा।
= तर्हि तु भूरि मोदः भविष्यति।
हाँ, आओ चलते हैं।
= आम्, एहि चलामः।
#vakyabhyas
August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 भवतां प्रिया क्रीडा
🗓 ८ ऑगस्ट २०२३, मंगलवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन ( क्रीडायाः वर्णनं स्वानुभवः च श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰 भवतां प्रिया क्रीडा
🗓 ८ ऑगस्ट २०२३, मंगलवासरः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 09 अगस्त प्रातः 03:52 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 08 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी रात्रि 01:32 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - गण्ड शाम 04:42 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - शाम 04:01 से 05:39 तक
⛅ सूर्योदय - 06:13
⛅ सूर्यास्त - 07:17
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 09 अगस्त प्रातः 03:52 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 08 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
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⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
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⛅ नक्षत्र - भरणी रात्रि 01:32 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - गण्ड शाम 04:42 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - शाम 04:01 से 05:39 तक
⛅ सूर्योदय - 06:13
⛅ सूर्यास्त - 07:17
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:29 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 से 01:07 तक
August 7, 2023
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | Discussion On No-Confidence Motion To Begin In Lok Sabha Today
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August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
August 7, 2023
🍃
🔆 सत्यम् लक्ष्मीः अनुसरति कीर्तिः सदा त्यागम् अनुसरति विद्या सदा अभ्यासमेवानुसरति तथा बुद्धिः कर्म अनुसरति (कर्मानुरूपा भवति)।
अतः अस्माभिः तथैव भाव्यम्।
⚜जहाँ सत्य होता है, वहीं लक्ष्मी का निवास होता है, कीर्ति सदा उसी की रहती है, जो त्याग करता है, विद्या सदा अभ्यास करने वाले के पास ही रहती है तथा जिसके जैसे कर्म होते हैं, उसकी बुद्धि भी तदनुसार ही कार्य करती है।
#Subhashitam
सत्यानुसारिणी लक्ष्मीः कीर्तिस्त्यागानुसारिणी।
अभ्याससारिणी विद्या बुद्धिः कर्मानुसारिणी
।। 🔆 सत्यम् लक्ष्मीः अनुसरति कीर्तिः सदा त्यागम् अनुसरति विद्या सदा अभ्यासमेवानुसरति तथा बुद्धिः कर्म अनुसरति (कर्मानुरूपा भवति)।
अतः अस्माभिः तथैव भाव्यम्।
⚜जहाँ सत्य होता है, वहीं लक्ष्मी का निवास होता है, कीर्ति सदा उसी की रहती है, जो त्याग करता है, विद्या सदा अभ्यास करने वाले के पास ही रहती है तथा जिसके जैसे कर्म होते हैं, उसकी बुद्धि भी तदनुसार ही कार्य करती है।
#Subhashitam
August 7, 2023
देशोऽयं हि देवानां । भूमिः सर्वसिद्धिदात्री च।
वाक्ययोः कौ कर्तारौ स्तः।
वाक्ययोः कौ कर्तारौ स्तः।
Anonymous Quiz
12%
देशः सर्वसिद्धिदात्री
14%
अयं सर्वसिद्धिदात्री
58%
देशः भूमिः
15%
देवानां भूमिः
August 8, 2023
यदि वह कच्चा कैथा खाता तो कफ न होता।
= यदि असौ आम-कपित्थम् अभक्षयिष्यत् तर्हि कफः न अभविष्यत्।
यदि तुम कैथा खाते तो हिचकी ठीक हो जाती।
= यदि त्वं दधित्थम् अभक्षयिष्यः तर्हि हिक्का सुष्ठु अभविष्यत्।
यदि वे पके गूलर खाते तो उनका दाह ठीक हो जाता।
= यदि अमी पक्वान् उदुम्बरान् अभक्षयिष्यन् तर्हि तेषां दाहः सुष्ठु अभविष्यत्।
यदि तुम गूलर खाते तो पुष्ट हो जाते।
= यदि त्वं हेमदुग्धान् अभक्षयिष्यः तर्हि पुष्टः अभविष्यः।
तुम सब यदि नींबू खाते तो मुँह में दुर्गन्ध न होती।
= यूयं यदि जम्भलम् अभक्षयिष्यत तर्हि मुखे दुर्गन्धः न अभविष्यत्।
यदि मैं नींबू खाता तो मन्दाग्नि न होती।
= यदि अहं जम्बीरम् अभक्षयिष्यम् तर्हि मन्दाग्निः न अभविष्यत्।
यदि तुम दोनों भी नींबू खाते तो हृदयशूल न होता।
= यदि युवाम् अपि रेवतम् अभक्षयिष्यतम् तर्हि हृदयशूलः न अभविष्यत्।
यदि हम दोनों खेत में होते तो कैथे खाते।
= यदि आवां क्षेत्रे अभविष्याव तर्हि दधिफलान् अभक्षयिष्याव।
हम सब वहाँ होते तो गूलर खाते।
= वयं तत्र अभविष्याम तर्हि जन्तुफलान् अभक्षयिष्याम।
तुम होते तो तुम भी खाते।
= त्वम् अभविष्यः तर्हि त्वम् अपि अभक्षयिष्यः।
#vakyabhyas
= यदि असौ आम-कपित्थम् अभक्षयिष्यत् तर्हि कफः न अभविष्यत्।
यदि तुम कैथा खाते तो हिचकी ठीक हो जाती।
= यदि त्वं दधित्थम् अभक्षयिष्यः तर्हि हिक्का सुष्ठु अभविष्यत्।
यदि वे पके गूलर खाते तो उनका दाह ठीक हो जाता।
= यदि अमी पक्वान् उदुम्बरान् अभक्षयिष्यन् तर्हि तेषां दाहः सुष्ठु अभविष्यत्।
यदि तुम गूलर खाते तो पुष्ट हो जाते।
= यदि त्वं हेमदुग्धान् अभक्षयिष्यः तर्हि पुष्टः अभविष्यः।
तुम सब यदि नींबू खाते तो मुँह में दुर्गन्ध न होती।
= यूयं यदि जम्भलम् अभक्षयिष्यत तर्हि मुखे दुर्गन्धः न अभविष्यत्।
यदि मैं नींबू खाता तो मन्दाग्नि न होती।
= यदि अहं जम्बीरम् अभक्षयिष्यम् तर्हि मन्दाग्निः न अभविष्यत्।
यदि तुम दोनों भी नींबू खाते तो हृदयशूल न होता।
= यदि युवाम् अपि रेवतम् अभक्षयिष्यतम् तर्हि हृदयशूलः न अभविष्यत्।
यदि हम दोनों खेत में होते तो कैथे खाते।
= यदि आवां क्षेत्रे अभविष्याव तर्हि दधिफलान् अभक्षयिष्याव।
हम सब वहाँ होते तो गूलर खाते।
= वयं तत्र अभविष्याम तर्हि जन्तुफलान् अभक्षयिष्याम।
तुम होते तो तुम भी खाते।
= त्वम् अभविष्यः तर्हि त्वम् अपि अभक्षयिष्यः।
#vakyabhyas
August 8, 2023
August 8, 2023
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@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 बालकाण्डम्
🗓 ९ ऑगस्ट २०२३, बुधवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन ( बालकान्डस्य श्लोकाः अर्थैः सह वा रामायणस्य कथाः श्रावयन्तु )। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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सङ्ग्रहः
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August 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 10 अगस्त प्रातः 04:11 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 09 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका रात्रि 02:29 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - वृद्धि दोपहर 03:41 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:45 से 02:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:13
⛅ सूर्यास्त - 07:17
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
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August 8, 2023
August 8, 2023
August 8, 2023
August 8, 2023
August 8, 2023
🍃
Valmiki Ramaya 4.1.121
🔆 हे आर्य उत्साहः एव सर्वाधिकं बलं धरति न तस्मात् कस्मिंश्चिदपि स्यात् यः उत्साहयुक्तो भवति तस्मै न किमपि दुस्साध्यं भवति।
⚜'O revered Sire, enterprise is supreme strength. Nothing is difficult in this world for one who is up and doing.
⚜उत्साह श्रेष्ठ पुरुषों का बल है, उत्साह से बढ़कर और कोई बल नहीं है। उत्साहित व्यक्ति के लिए इस लोक में कुछ भी दुर्लभ नहीं है ।
#Subhashitam
उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम्। सोत्साहस्य च लोकेषु न किंचिदपि दुर्लभम्
॥Valmiki Ramaya 4.1.121
🔆 हे आर्य उत्साहः एव सर्वाधिकं बलं धरति न तस्मात् कस्मिंश्चिदपि स्यात् यः उत्साहयुक्तो भवति तस्मै न किमपि दुस्साध्यं भवति।
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⚜उत्साह श्रेष्ठ पुरुषों का बल है, उत्साह से बढ़कर और कोई बल नहीं है। उत्साहित व्यक्ति के लिए इस लोक में कुछ भी दुर्लभ नहीं है ।
#Subhashitam
August 8, 2023
August 9, 2023
यदि वह दूध पीता तो मोटा हो जाता।
= यदि असौ क्षीरम् अपास्यत् तर्हि स्थूलः अभविष्यत्।
यदि तुम घी खाते तो बलवान् होते ।
= यदि त्वं घृतम् अभक्षयिष्यः तर्हि बलवान् अभविष्यः ।
यदि घर में घी होता तो खाता।
= गृहे आज्यम् अभविष्यत् चेत् तर्हि अभक्षयिष्यम्।
यदि वे छाछ पीते तो उनका दाह ठीक हो जाता।
= यदि अमी कालशेयम् अपास्यन् तर्हि तेषां दाहः सुष्ठु अभविष्यत्।
यदि तुम मक्खन खाते तो पुष्ट हो जाते।
= यदि त्वं नवनीतम् अभक्षयिष्यः तर्हि पुष्टः अभविष्यः।
तुम सब यदि दूध पीते तो दुर्बलता न होती।
= यूयं यदि पयः अपास्यत तर्हि दौर्बल्यं न अभविष्यत्।
यदि मैं लवण युक्त छाछ पीता तो मन्दाग्नि न होती।
= यदि अहं लवणान्वितं तक्रम् अपास्यम् तर्हि मन्दाग्निः न अभविष्यत्।
यदि तुम दोनों भी छाछ पीते तो हृदयशूल न होता।
= यदि युवाम् अपि गोरसम् अपास्यतम् तर्हि हृदयशूलः न अभविष्यत्।
हम दोनों के घर गाय होती तो छाछ भी होता।
= यदि आवयोः गृहे धेनुः अभविष्यत् तर्हि तक्रम् अपि अभविष्यत्।
यदि हम दोनों घर में होते तो मक्खन खाते।
= यदि आवां भवने अभविष्याव तर्हि नवोद्धृतम् अभक्षयिष्याव।
हम सब वहाँ होते तो दूध से बनी वस्तुएँ खाते।
= वयं तत्र अभविष्याम तर्हि पयस्यम् अभक्षयिष्याम।
तुम होते तो तुम भी खाते।
= त्वम् अभविष्यः तर्हि त्वम् अपि अभक्षयिष्यः।
यदि घर में घी होता तो बच्चे बुद्धिमान् होते।
= यदि गृहे सर्पिः अभविष्यत् तर्हि बालाः मेधाविनः अभविष्यन्।
हमारे देश में गोरक्षा होती तो कुपोषण न होता।
= अस्माकं देशे यदि गोरक्षा अभविष्यत् तर्हि कुपोषणं न अभविष्यत्।
सोंठ और सेंधा नमक से युक्त छाछ पीते तो वात रोग न होता।
= शुण्ठीसैन्धवयुतं तक्रम् अपास्यः तर्हि वातरोगः न अभविष्यत्।
हींग और जीरा युक्त छाछ पीते तो अर्शरोग न होता।
= हिङ्गुजीरयुतं मथितम् अपास्यः तर्हि अर्शः न अभविष्यत्।
#vakyabhyas
= यदि असौ क्षीरम् अपास्यत् तर्हि स्थूलः अभविष्यत्।
यदि तुम घी खाते तो बलवान् होते ।
= यदि त्वं घृतम् अभक्षयिष्यः तर्हि बलवान् अभविष्यः ।
यदि घर में घी होता तो खाता।
= गृहे आज्यम् अभविष्यत् चेत् तर्हि अभक्षयिष्यम्।
यदि वे छाछ पीते तो उनका दाह ठीक हो जाता।
= यदि अमी कालशेयम् अपास्यन् तर्हि तेषां दाहः सुष्ठु अभविष्यत्।
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= यदि त्वं नवनीतम् अभक्षयिष्यः तर्हि पुष्टः अभविष्यः।
तुम सब यदि दूध पीते तो दुर्बलता न होती।
= यूयं यदि पयः अपास्यत तर्हि दौर्बल्यं न अभविष्यत्।
यदि मैं लवण युक्त छाछ पीता तो मन्दाग्नि न होती।
= यदि अहं लवणान्वितं तक्रम् अपास्यम् तर्हि मन्दाग्निः न अभविष्यत्।
यदि तुम दोनों भी छाछ पीते तो हृदयशूल न होता।
= यदि युवाम् अपि गोरसम् अपास्यतम् तर्हि हृदयशूलः न अभविष्यत्।
हम दोनों के घर गाय होती तो छाछ भी होता।
= यदि आवयोः गृहे धेनुः अभविष्यत् तर्हि तक्रम् अपि अभविष्यत्।
यदि हम दोनों घर में होते तो मक्खन खाते।
= यदि आवां भवने अभविष्याव तर्हि नवोद्धृतम् अभक्षयिष्याव।
हम सब वहाँ होते तो दूध से बनी वस्तुएँ खाते।
= वयं तत्र अभविष्याम तर्हि पयस्यम् अभक्षयिष्याम।
तुम होते तो तुम भी खाते।
= त्वम् अभविष्यः तर्हि त्वम् अपि अभक्षयिष्यः।
यदि घर में घी होता तो बच्चे बुद्धिमान् होते।
= यदि गृहे सर्पिः अभविष्यत् तर्हि बालाः मेधाविनः अभविष्यन्।
हमारे देश में गोरक्षा होती तो कुपोषण न होता।
= अस्माकं देशे यदि गोरक्षा अभविष्यत् तर्हि कुपोषणं न अभविष्यत्।
सोंठ और सेंधा नमक से युक्त छाछ पीते तो वात रोग न होता।
= शुण्ठीसैन्धवयुतं तक्रम् अपास्यः तर्हि वातरोगः न अभविष्यत्।
हींग और जीरा युक्त छाछ पीते तो अर्शरोग न होता।
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August 9, 2023
August 9, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 11 अगस्त प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 10 अगस्त 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी 11 अगस्त प्रातः 04:01 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - ध्रुव दोपहर 03:11 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - दोपहर 02:23 से 04:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:14
⛅ सूर्यास्त - 07:16
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
#Panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 11 अगस्त प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 10 अगस्त 2023
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⛅ अयन - दक्षिणायन
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⛅ योग - ध्रुव दोपहर 03:11 तक तत्पश्चात व्याघात
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August 9, 2023
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August 9, 2023
August 9, 2023
August 9, 2023
🍃
🔆 पवनस्य शोधकाः भवन्ति वृक्षाः तथैव रोगाणामपि अपहरणं कुर्वन्ति अतः एतेषाम् रोपणं सदा सर्वेषां हितमेव करोति।
⚜वृक्ष वायु को शुद्ध करते हैं, रोगों को दूर भगाने में सहयोगी होते हैं, इसलिए वृक्षों का रोपण और रक्षण प्राणीमात्र के लिए हितकारी है।
#Subhashitam
वायूनां शोधकाः वृक्षाः रोगाणामपहारकाः।
तस्माद् रोपणमेतेषां रक्षणं च हितावहम्
॥🔆 पवनस्य शोधकाः भवन्ति वृक्षाः तथैव रोगाणामपि अपहरणं कुर्वन्ति अतः एतेषाम् रोपणं सदा सर्वेषां हितमेव करोति।
⚜वृक्ष वायु को शुद्ध करते हैं, रोगों को दूर भगाने में सहयोगी होते हैं, इसलिए वृक्षों का रोपण और रक्षण प्राणीमात्र के लिए हितकारी है।
#Subhashitam
August 9, 2023
August 9, 2023
बच्चे लड्डुओं से प्रसन्न होते हैं।
= बालकाः मोदकैः मोदन्ते।
मैं सेवइयों से प्रसन्न होता हूँ।
= अहं सूत्रिकाभिः मोदे।
तुम किससे प्रसन्न होते हो ?
= त्वं केन मोदसे ?
मुझे देखकर तुम प्रसन्न हुए थे।
= मां दृष्ट्वा त्वम् अमोदिष्ठाः।
मैं भी प्रसन्न हुआ था।
= अहम् अपि अमोदिषि।
वे भी मेरे आगमन से प्रसन्न हुए थे।
= ते अपि मम आगमनेन अमोदिषत।
कल बच्चों का खेल देखकर तुम क्यों प्रसन्न नहीं हुए ?
= ह्यः खेलां दृष्ट्वा त्वं कथं न अमोदथाः ?
मैं तो कल बहुत प्रसन्न हुआ था।
= अहं तु ह्यः बहु अमोदे।
वे बच्चे भी कल बहुत प्रसन्न हुए थे।
= ते बालकाः अपि ह्यः बहु अमोदन्त।
हनुमान् को देखकर सीता प्रसन्न हुईं।
= हनूमन्तं दृष्ट्वा सीता मुमुदे।
राम और लक्ष्मण को देखकर ऋषि प्रसन्न हुए।
= रामं लक्ष्मणं दृष्ट्वा ऋषयः मुमुदिरे।
#vakyabhyas
= बालकाः मोदकैः मोदन्ते।
मैं सेवइयों से प्रसन्न होता हूँ।
= अहं सूत्रिकाभिः मोदे।
तुम किससे प्रसन्न होते हो ?
= त्वं केन मोदसे ?
मुझे देखकर तुम प्रसन्न हुए थे।
= मां दृष्ट्वा त्वम् अमोदिष्ठाः।
मैं भी प्रसन्न हुआ था।
= अहम् अपि अमोदिषि।
वे भी मेरे आगमन से प्रसन्न हुए थे।
= ते अपि मम आगमनेन अमोदिषत।
कल बच्चों का खेल देखकर तुम क्यों प्रसन्न नहीं हुए ?
= ह्यः खेलां दृष्ट्वा त्वं कथं न अमोदथाः ?
मैं तो कल बहुत प्रसन्न हुआ था।
= अहं तु ह्यः बहु अमोदे।
वे बच्चे भी कल बहुत प्रसन्न हुए थे।
= ते बालकाः अपि ह्यः बहु अमोदन्त।
हनुमान् को देखकर सीता प्रसन्न हुईं।
= हनूमन्तं दृष्ट्वा सीता मुमुदे।
राम और लक्ष्मण को देखकर ऋषि प्रसन्न हुए।
= रामं लक्ष्मणं दृष्ट्वा ऋषयः मुमुदिरे।
#vakyabhyas
August 10, 2023
भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।
वाक्ये द्वे इत्यस्य पुल्लिङ्गरूपं किं भवति।
वाक्ये द्वे इत्यस्य पुल्लिङ्गरूपं किं भवति।
Anonymous Quiz
17%
द्वे
69%
द्वौ
8%
द्वो
6%
द्वयम्
August 10, 2023
अम्बा - कः तत्र ?
बालकः - अहम् अस्मि।
अम्बा - किं करोषि ?
बा. - अम्ब, मार्ज्मि।
अम्बा - किं मार्ष्टि ?
बा. - छदौ पत्राणि पतितानि। अतः स्थलं मार्ज्मि।
अम्बा - अस्तु। ततः शुष्कवस्त्राणि आनय।
बा. - अहो, तत्र नास्मि अधुना, प्राङ्गणे अस्मि।
अम्बा - किं तत्र ?
बा. - जलं सिञ्चामि।
अम्बा - तर्हि पूजायै कुसुमानि अवचिनोतु।
बा. - अहो, इदानीमिदानीं जलसेचनं समाप्तम्। अधुना पूजागृहे अस्मि।
अम्बा - तर्हि दीपं प्रज्वालय।
बा. - पूजा अपि समाप्ता।
(माता शयनप्रकोष्ठं गच्छति। पश्यति शयानं बालकम्।)
अम्बा - अधुना कुत्र असि ?
बा. - शौचालये।
अम्बा - अलमलम्। उत्तिष्ठ अधुना।
स शौचलये आसीत् तस्मात् अम्बा "अलम् मलम् " वदितुं अर्हति 😀
#samvadah #hasya
बालकः - अहम् अस्मि।
अम्बा - किं करोषि ?
बा. - अम्ब, मार्ज्मि।
अम्बा - किं मार्ष्टि ?
बा. - छदौ पत्राणि पतितानि। अतः स्थलं मार्ज्मि।
अम्बा - अस्तु। ततः शुष्कवस्त्राणि आनय।
बा. - अहो, तत्र नास्मि अधुना, प्राङ्गणे अस्मि।
अम्बा - किं तत्र ?
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अम्बा - तर्हि पूजायै कुसुमानि अवचिनोतु।
बा. - अहो, इदानीमिदानीं जलसेचनं समाप्तम्। अधुना पूजागृहे अस्मि।
अम्बा - तर्हि दीपं प्रज्वालय।
बा. - पूजा अपि समाप्ता।
(माता शयनप्रकोष्ठं गच्छति। पश्यति शयानं बालकम्।)
अम्बा - अधुना कुत्र असि ?
बा. - शौचालये।
अम्बा - अलमलम्। उत्तिष्ठ अधुना।
स शौचलये आसीत् तस्मात् अम्बा "अलम् मलम् " वदितुं अर्हति 😀
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August 10, 2023
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🗓११ अगस्त २०२३, शुक्रवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा 12 अगस्त सुबह 06:02 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - व्याघात दोपहर 03:06 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:14
⛅ सूर्यास्त - 07:15
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी पूर्ण रात्रि तक
⛅ दिनांक - 11 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा 12 अगस्त सुबह 06:02 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - व्याघात दोपहर 03:06 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:14
⛅ सूर्यास्त - 07:15
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:30 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि
August 10, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/hH53cfIJpjc
https://youtu.be/hH53cfIJpjc
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 11/8/2023
#newsinsanskrit #vaarta #parliament
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 11/8/2023
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 11/8/2023
August 10, 2023
August 10, 2023
August 10, 2023
🍃
🔆 सत्यम् एकं पदं ब्रह्म चास्ति सत्ये एव धर्मः प्रतिष्ठितः भवति। सत्यमेव शाश्वतं ज्ञानमस्ति सत्येनैव परमपदस्य प्राप्तिः भवति।
⚜Truth is one word and is Brahma. On truth is righteousness established. Truth indeed is the knowledge imperishable. By truth alone, the supreme being is obtained
⚜सत्य एक शब्द और ब्रह्म है। सत्य पर धार्मिकता स्थापित होती है। सत्य वास्तव में अविनाशी ज्ञान है। सत्य से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है
#Subhashitam
अयोध्या कांड सर्ग - 14 श्लोक 7
सत्यमेकपदं ब्रह्मे सत्ये धर्मः प्रतिष्ठतः |
सत्यमेवाक्षया वेदाः सत्येनै वाप्यते परम्
||🔆 सत्यम् एकं पदं ब्रह्म चास्ति सत्ये एव धर्मः प्रतिष्ठितः भवति। सत्यमेव शाश्वतं ज्ञानमस्ति सत्येनैव परमपदस्य प्राप्तिः भवति।
⚜Truth is one word and is Brahma. On truth is righteousness established. Truth indeed is the knowledge imperishable. By truth alone, the supreme being is obtained
⚜सत्य एक शब्द और ब्रह्म है। सत्य पर धार्मिकता स्थापित होती है। सत्य वास्तव में अविनाशी ज्ञान है। सत्य से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है
#Subhashitam
अयोध्या कांड सर्ग - 14 श्लोक 7
August 10, 2023
August 10, 2023
रामः वनात् गृहं प्रत्यागच्छति।
वाक्ये प्रति इति किमस्ति।
वाक्ये प्रति इति किमस्ति।
Anonymous Quiz
64%
उपसर्गः
24%
अव्ययः
6%
प्रत्ययः
5%
क्रियापदम्
August 11, 2023
August 11, 2023
August 11, 2023
अस्माभिः व्यायामः नित्यं कर्तव्यः ।
= हमें व्यायाम रोज करना चाहिये ।
व्यायामात् स्वास्थ्यं लभते ।
= व्यायाम से स्वास्थ्य प्राप्त होता है ।
वयं दीर्घायुष्यं शक्तिं सुखं च लभामहे ।
= हम बड़ी आयु बल और सुख पाते हैं ।
यदि अस्माकं गात्रम् आरोग्यं भवेत् तर्हि-
= यदि हमारा शरीर निरोगी हो तो-
एतत् परमसौभाग्य भविष्यति ।
= यह परम सौभाग्य होगा ।
यतः स्वस्थदेहेन सर्वं कर्तुं शक्यते ।
= क्योंकि स्वस्थ शरीर से सब किया जा सकता है ।
सः पुस्तकानि नयति।
= वह पुस्तकें ले जाता है।
त्वं किं नयसि?
= तुम क्या ले जाते हो?
अहं पुस्तकानां स्यूतं नयामि।
= मैं पुस्तकों का थैला ले जाता हूं।
#Vakyabhyas
= हमें व्यायाम रोज करना चाहिये ।
व्यायामात् स्वास्थ्यं लभते ।
= व्यायाम से स्वास्थ्य प्राप्त होता है ।
वयं दीर्घायुष्यं शक्तिं सुखं च लभामहे ।
= हम बड़ी आयु बल और सुख पाते हैं ।
यदि अस्माकं गात्रम् आरोग्यं भवेत् तर्हि-
= यदि हमारा शरीर निरोगी हो तो-
एतत् परमसौभाग्य भविष्यति ।
= यह परम सौभाग्य होगा ।
यतः स्वस्थदेहेन सर्वं कर्तुं शक्यते ।
= क्योंकि स्वस्थ शरीर से सब किया जा सकता है ।
सः पुस्तकानि नयति।
= वह पुस्तकें ले जाता है।
त्वं किं नयसि?
= तुम क्या ले जाते हो?
अहं पुस्तकानां स्यूतं नयामि।
= मैं पुस्तकों का थैला ले जाता हूं।
#Vakyabhyas
August 11, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰श्रीमद्भगवद्गीता - प्रथमोऽध्यायः
🗓१२ अगस्त २०२३, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(श्रीमद्भगवद्गीतायाः प्रथमोऽध्यायस्य सारस्य अथवा कस्यचित् श्लोकस्य अर्थविवरणं कुर्वन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰श्रीमद्भगवद्गीता - प्रथमोऽध्यायः
🗓१२ अगस्त २०२३, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(श्रीमद्भगवद्गीतायाः प्रथमोऽध्यायस्य सारस्य अथवा कस्यचित् श्लोकस्य अर्थविवरणं कुर्वन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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August 11, 2023
August 11, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी सुबह 06:31 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 12 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - हर्षण दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - परमा एकादशी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी सुबह 06:31 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 12 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - हर्षण दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - परमा एकादशी
August 11, 2023
August 11, 2023
August 11, 2023
August 11, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
श्रीमद्भगवद्गीता - प्रथमोऽध्यायः
#samlapshala
#samlapshala
August 11, 2023
🍃
🔆 न बिभ्यतु न ध्यायन्तु न शृण्वन्तु वादिनः वाक्यानि झटिति एव उत्तरं प्रदातव्यं यः सभायां जिगीषति (जेतुम् इच्छति)।
Kaliviḍambanam (Nīlakaṇṭha Dīkṣita)
⚜Don't fear, don't heed upon, and don't listen to the words of an arguer (vādin). Those who desire to win shall quickly reply (the prativādin) in assembly.
#Subhashitam
न भेतव्यं न बोद्धव्यं न श्राव्यं वादिनो वचः।
झटिति प्रतिवक्तव्यं सभासु विजिगीषुभिः
॥🔆 न बिभ्यतु न ध्यायन्तु न शृण्वन्तु वादिनः वाक्यानि झटिति एव उत्तरं प्रदातव्यं यः सभायां जिगीषति (जेतुम् इच्छति)।
Kaliviḍambanam (Nīlakaṇṭha Dīkṣita)
⚜Don't fear, don't heed upon, and don't listen to the words of an arguer (vādin). Those who desire to win shall quickly reply (the prativādin) in assembly.
#Subhashitam
August 11, 2023
आरक्षकः धावन्तं चोरं झटिति गृह्णाति।
अत्र क्रियाविशेषणं किम्।
अत्र क्रियाविशेषणं किम्।
Anonymous Quiz
32%
धावन्तम्
61%
झटिति
4%
चोरम्
3%
नास्ति
August 12, 2023
रामायण महाकाव्य की रचना महर्षि वाल्मीकि ने सारस पक्षी की विरह वेदना को देख कर की थी।
••महर्षि: वाल्मीकि: क्रौञ्चाया: विरहवेदनां दृष्ट्वा रामायणस्य महाकाव्यस्य रचनां चकार।
क्रौंच पक्षी के जोड़े की प्रणय लीला बहुत ही सुंदर होती है और वे दोनों आजीवन एक ही जीवन साथी के लिए वफादार रहते है।
••खञ्जरीटपक्षियुगलस्य प्रेमालापः अतीव रमणीय: भवति तौ (क्रौञ्च क्रौञ्चा च) च आजीवनं परस्परं निष्ठावन्तौ भवत:।
उनमें से यदी एक पक्षी का मृत्यु हो जाता है तो वह पक्षी भी अपने प्राण त्याग देता है।
••तयोर्यदि एकः पक्षी म्रियते तर्हि अपरोऽपि वियोगे स्वप्राणान् त्यजति।
महर्षि वाल्मीकि ने सारस पक्षी को अपनी प्रियतमा के विरह में रोते-चिल्लाते हुए देखा और उनके मनमें करुणा का भाव आया और अनायास ही उनके मन में कुछ छंदो का आविर्भाव हुआ और वही श्लोक रामायण के प्रथम श्लोक है और उन्हीं श्लोकों की सहायता से उनको राम की सीता से विरह की व्यथा ज्ञात हुई।
••महर्षिः वाल्मीकिः क्रौञ्चीं स्वप्रियस्य विरहे विलापं कुर्वतीं ददर्श तस्य मनसि च करुणायाः भावः प्रादुर्बभूव अकस्मादेव च तस्य मनसि केचन श्लोकाः प्रादुर्बभूवतु: स एव च श्लोक: रामायणस्य प्रथम: श्लोक: अस्ति तेषां च श्लोकानां साहाय्येन स रामस्य सीताविरहस्य पीडां जज्ञौ।
उसके पश्चात उनको उनके जीवन का हर एक वृतांत उसी समय पता चलने लगा और वह घटना वे ज्यों की त्यों लिखने लगे।
••तदनन्तरं तस्य जीवनस्य सर्वं वर्तमानं वृत्तान्तं तत्काले एव अभिज्ञातुमारेभे सः च तां घटनां यथावत् लेखितुमारेभे।
इस प्रकार पूरे रामायण महाकाव्य की रचना हुई।
••एवं प्रकारेण सम्पूर्णरामायणस्य महाकाव्यस्य रचना बभूव।
इस प्रकार क्रौंच पक्षी भी बहुत ही चमत्कारी पक्षी है।
••एवं प्रकारेण खञ्जरीट: पक्षी अपि महान् चमत्कारी पक्षी अस्ति।
दूसरा गुजरात राज्य के अंबाजी में स्थित मां अंबा का धाम विश्व प्रसिद्ध है जिसकी गिनती 52 शक्तिपीठो में की जाती है।
••द्वितीयं, गुर्जरराज्यस्य अम्बाजीनगरे स्थितं मातु: अम्बाया: धाम विश्वप्रसिद्धम् अस्ति, यद् द्विपञ्चाशत् शक्तिपीठेषु गण्यते।
कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार राजहंस माँ अंबा का ही स्वरुप है और सारस पक्षी ही वह राजहंस है।
••केषाञ्चन जनानां मान्यतानुसारं राजहंस: मातु: अम्बाया: एव स्वरुपः अस्ति खञ्जरीट: चैव स राजहंस: अस्ति।
इस प्रकार देखा जाए तो माँ अंबा ने ही महर्षि को रामायण महाकाव्य लिखने के लिए परोक्ष रूप से प्रेरित किया था।
••एवं प्रकारेण दृश्यते चेत् माता अम्बा एव महर्षिं रामायणमहाकाव्यं लेखितुं प्रैलयाम्बभूव।
~उमेशगुप्तः
••महर्षि: वाल्मीकि: क्रौञ्चाया: विरहवेदनां दृष्ट्वा रामायणस्य महाकाव्यस्य रचनां चकार।
क्रौंच पक्षी के जोड़े की प्रणय लीला बहुत ही सुंदर होती है और वे दोनों आजीवन एक ही जीवन साथी के लिए वफादार रहते है।
••खञ्जरीटपक्षियुगलस्य प्रेमालापः अतीव रमणीय: भवति तौ (क्रौञ्च क्रौञ्चा च) च आजीवनं परस्परं निष्ठावन्तौ भवत:।
उनमें से यदी एक पक्षी का मृत्यु हो जाता है तो वह पक्षी भी अपने प्राण त्याग देता है।
••तयोर्यदि एकः पक्षी म्रियते तर्हि अपरोऽपि वियोगे स्वप्राणान् त्यजति।
महर्षि वाल्मीकि ने सारस पक्षी को अपनी प्रियतमा के विरह में रोते-चिल्लाते हुए देखा और उनके मनमें करुणा का भाव आया और अनायास ही उनके मन में कुछ छंदो का आविर्भाव हुआ और वही श्लोक रामायण के प्रथम श्लोक है और उन्हीं श्लोकों की सहायता से उनको राम की सीता से विरह की व्यथा ज्ञात हुई।
••महर्षिः वाल्मीकिः क्रौञ्चीं स्वप्रियस्य विरहे विलापं कुर्वतीं ददर्श तस्य मनसि च करुणायाः भावः प्रादुर्बभूव अकस्मादेव च तस्य मनसि केचन श्लोकाः प्रादुर्बभूवतु: स एव च श्लोक: रामायणस्य प्रथम: श्लोक: अस्ति तेषां च श्लोकानां साहाय्येन स रामस्य सीताविरहस्य पीडां जज्ञौ।
उसके पश्चात उनको उनके जीवन का हर एक वृतांत उसी समय पता चलने लगा और वह घटना वे ज्यों की त्यों लिखने लगे।
••तदनन्तरं तस्य जीवनस्य सर्वं वर्तमानं वृत्तान्तं तत्काले एव अभिज्ञातुमारेभे सः च तां घटनां यथावत् लेखितुमारेभे।
इस प्रकार पूरे रामायण महाकाव्य की रचना हुई।
••एवं प्रकारेण सम्पूर्णरामायणस्य महाकाव्यस्य रचना बभूव।
इस प्रकार क्रौंच पक्षी भी बहुत ही चमत्कारी पक्षी है।
••एवं प्रकारेण खञ्जरीट: पक्षी अपि महान् चमत्कारी पक्षी अस्ति।
दूसरा गुजरात राज्य के अंबाजी में स्थित मां अंबा का धाम विश्व प्रसिद्ध है जिसकी गिनती 52 शक्तिपीठो में की जाती है।
••द्वितीयं, गुर्जरराज्यस्य अम्बाजीनगरे स्थितं मातु: अम्बाया: धाम विश्वप्रसिद्धम् अस्ति, यद् द्विपञ्चाशत् शक्तिपीठेषु गण्यते।
कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार राजहंस माँ अंबा का ही स्वरुप है और सारस पक्षी ही वह राजहंस है।
••केषाञ्चन जनानां मान्यतानुसारं राजहंस: मातु: अम्बाया: एव स्वरुपः अस्ति खञ्जरीट: चैव स राजहंस: अस्ति।
इस प्रकार देखा जाए तो माँ अंबा ने ही महर्षि को रामायण महाकाव्य लिखने के लिए परोक्ष रूप से प्रेरित किया था।
••एवं प्रकारेण दृश्यते चेत् माता अम्बा एव महर्षिं रामायणमहाकाव्यं लेखितुं प्रैलयाम्बभूव।
~उमेशगुप्तः
August 12, 2023
August 12, 2023
August 12, 2023
August 12, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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August 12, 2023
August 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 08:19 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 13 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा सुबह 08:26 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - वज्र दोपहर 03:56 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - शाम 05:36 से 07:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 08:19 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 13 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा सुबह 08:26 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - वज्र दोपहर 03:56 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - शाम 05:36 से 07:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
August 12, 2023
August 12, 2023
August 12, 2023
🍃
🔅(मनुष्यस्य) दाम्पत्यं अनुकूलम् (स्यात्) चेत् स्वर्गस्य किं प्रयोजनम्? (अपि च मनुष्यस्य) दाम्पत्यं प्रतिकूलं चेत् नरकं किम्? तत् गृहम् एव (नरकं भवति)।
⚜मनुष्य का दांपत्यजीवन यदि अनुकूल हो तो स्वर्ग का क्या प्रयोजन है? और साथ ही यदि मनुष्य का दाम्पत्यजीवन प्रतिकूल हो जाए तो नरक क्या है? वह घर ही नरक बन जाता है।
⚜If the marriage life of a man is friendly, then what is the purpose of heaven? And also if the marriage life of a man is adverse, then what is the hell? Indeed! the home itself becomes hell.
#subhashitam
दाम्पत्यमनुकूलं चेत्किं स्वर्गस्य प्रयोजनम्।
दाम्पत्यं प्रतिकूलं चेन्नरकं किं गृहमेव तत्॥
🔅(मनुष्यस्य) दाम्पत्यं अनुकूलम् (स्यात्) चेत् स्वर्गस्य किं प्रयोजनम्? (अपि च मनुष्यस्य) दाम्पत्यं प्रतिकूलं चेत् नरकं किम्? तत् गृहम् एव (नरकं भवति)।
⚜मनुष्य का दांपत्यजीवन यदि अनुकूल हो तो स्वर्ग का क्या प्रयोजन है? और साथ ही यदि मनुष्य का दाम्पत्यजीवन प्रतिकूल हो जाए तो नरक क्या है? वह घर ही नरक बन जाता है।
⚜If the marriage life of a man is friendly, then what is the purpose of heaven? And also if the marriage life of a man is adverse, then what is the hell? Indeed! the home itself becomes hell.
#subhashitam
August 13, 2023
भू धातुः लङ्लकारः उत्तमपुरुषस्य एकवचनं किम्भवति।
Anonymous Quiz
65%
अभवाम
9%
भूमः
17%
भवाम
10%
अभवामः
August 13, 2023
घोंघा के मुलायम शरीर के ऊपर एक कठोर आवरण होता है जिसे शेल कहते है।जब घोंघा को खतरा महसूस होता है तो वह अपने मुलायम शरीर को शेल में सिमट लेता है।घोंघा एक रात में घूमने-फिरने वाला प्राणी है।धूप में यह अपने शरीर को खोल से बाहर नही निकालता है।
••शम्बूकस्य मृदुशरीरस्योपरि यद् एकं कठोरावरणं भवति तत् कवचावरणं कथ्यते।यदा शम्बूकेन भयमनुभूयते तदा स स्वमृदुशरीरं कवचावरणे सङ्कोचयति।शम्बूक: एक: निशाचर: प्राणी अस्ति।सूर्यातापे एष: स्वशरीरं कवचात् बहि: न निष्कासयति।
घोंघे के चलने की गति बहुत कम होती है।यह दुनिया के धीमी गति वाले जीवों में आते है।
••शम्बूकानां गमनवेगः अतीव न्यूनः भवति।एष जगतः मन्दगतिजीवेषु अन्तर्भूत: अस्ति।
घोंघा के मुंह में जीभ के अलावा बहुत सारे छोटे छोटे दांत भी पाए जाते हैं।इसी वजह से यह फसल को नष्ट कर देते हैं।
••जिह्वां विहाय अनेके लघुदन्ताः अपि शम्बूकानां मुखे लभ्यन्ते।अत एव ते सस्यं नाशयन्ति।
घोंघा के मुंह में जीभ के अलावा बहुत सारे छोटे छोटे दांत भी पाए जाते हैं।इसी वजह से यह फसल को नष्ट कर देते हैं।
••जिह्वां विहाय अनेके लघुदन्ताः अपि कोषस्थस्य मुखे लभ्यन्ते।अत एव ते सस्यं नाशयन्ति।
घोंघा बिना भोजन के भी एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है।
••कोषस्थ: भोजनं विनैव सप्ताहमेकं यावत् जीवितुं शक्नोति।
घोंघा के शरीर में पाए जाने वाले सेल काफी ज्यादा कठोर होता है जो इसके पूरे शरीर की रक्षा करती है।यदि ऐसे में इसके खोल में अगर दरारे आ जाती है तब तो यह जीवित रहता है लेकिन अगर इसके shell टूट जाते हैं तो यह जीवित नहीं रह पाता।
••कोषस्थस्य शरीरे लभ्यमानं कवचावरणम् अतीव कठोरं भवति यत् तस्य सम्पूर्णशरीरस्य रक्षणं करोति।यदि अकस्मात् कवचावरणं छेद: भवेत् तदा तर्हि एष: जीवितो भवेत् ,परन्तु यदि अस्य कवचावरणं भग्नं भवेत् तर्हि एष: जीवितुं न शक्नुयात्।
घोंघा एक छोटे जीव के रूप में पाया जाता है इसी कारण बड़े सांप, पक्षी, मेंढक, छिपकली और चूहा इनका आसानी से शिकार कर लेते हैं।
••कोषस्था: लघुजीवरूपेण दृश्यन्ते, अतः बृहत्सर्पाः, पक्षिणः, मण्डूकाः, कृकलासाः, मूषकाः च सहजतया एतेषां भक्षणं कुर्वन्ति।
घोंघा शुद्ध शाकाहारी जीव है जो मिट्टी, पत्ते और फूल को खाते हैं।
••कोषस्था: शुद्धाः शाकाहारिणः जीवा: सन्ति ये मृत्तिकापत्रपुष्पभक्षकाः सन्ति।
घोंघा दिन में आराम करता है और सूर्य की किरण पढ़ने पर अपना शरीर shell के अंदर ही रखता है।
••कोषस्थ: दिवा विश्रमति यदा च सूर्यरश्मि: तस्य शरीरे आपतति तदा स स्वशरीरं कवचावरणस्य अन्तर्भागे एव स्थापयति।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
••शम्बूकस्य मृदुशरीरस्योपरि यद् एकं कठोरावरणं भवति तत् कवचावरणं कथ्यते।यदा शम्बूकेन भयमनुभूयते तदा स स्वमृदुशरीरं कवचावरणे सङ्कोचयति।शम्बूक: एक: निशाचर: प्राणी अस्ति।सूर्यातापे एष: स्वशरीरं कवचात् बहि: न निष्कासयति।
घोंघे के चलने की गति बहुत कम होती है।यह दुनिया के धीमी गति वाले जीवों में आते है।
••शम्बूकानां गमनवेगः अतीव न्यूनः भवति।एष जगतः मन्दगतिजीवेषु अन्तर्भूत: अस्ति।
घोंघा के मुंह में जीभ के अलावा बहुत सारे छोटे छोटे दांत भी पाए जाते हैं।इसी वजह से यह फसल को नष्ट कर देते हैं।
••जिह्वां विहाय अनेके लघुदन्ताः अपि शम्बूकानां मुखे लभ्यन्ते।अत एव ते सस्यं नाशयन्ति।
घोंघा के मुंह में जीभ के अलावा बहुत सारे छोटे छोटे दांत भी पाए जाते हैं।इसी वजह से यह फसल को नष्ट कर देते हैं।
••जिह्वां विहाय अनेके लघुदन्ताः अपि कोषस्थस्य मुखे लभ्यन्ते।अत एव ते सस्यं नाशयन्ति।
घोंघा बिना भोजन के भी एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है।
••कोषस्थ: भोजनं विनैव सप्ताहमेकं यावत् जीवितुं शक्नोति।
घोंघा के शरीर में पाए जाने वाले सेल काफी ज्यादा कठोर होता है जो इसके पूरे शरीर की रक्षा करती है।यदि ऐसे में इसके खोल में अगर दरारे आ जाती है तब तो यह जीवित रहता है लेकिन अगर इसके shell टूट जाते हैं तो यह जीवित नहीं रह पाता।
••कोषस्थस्य शरीरे लभ्यमानं कवचावरणम् अतीव कठोरं भवति यत् तस्य सम्पूर्णशरीरस्य रक्षणं करोति।यदि अकस्मात् कवचावरणं छेद: भवेत् तदा तर्हि एष: जीवितो भवेत् ,परन्तु यदि अस्य कवचावरणं भग्नं भवेत् तर्हि एष: जीवितुं न शक्नुयात्।
घोंघा एक छोटे जीव के रूप में पाया जाता है इसी कारण बड़े सांप, पक्षी, मेंढक, छिपकली और चूहा इनका आसानी से शिकार कर लेते हैं।
••कोषस्था: लघुजीवरूपेण दृश्यन्ते, अतः बृहत्सर्पाः, पक्षिणः, मण्डूकाः, कृकलासाः, मूषकाः च सहजतया एतेषां भक्षणं कुर्वन्ति।
घोंघा शुद्ध शाकाहारी जीव है जो मिट्टी, पत्ते और फूल को खाते हैं।
••कोषस्था: शुद्धाः शाकाहारिणः जीवा: सन्ति ये मृत्तिकापत्रपुष्पभक्षकाः सन्ति।
घोंघा दिन में आराम करता है और सूर्य की किरण पढ़ने पर अपना शरीर shell के अंदर ही रखता है।
••कोषस्थ: दिवा विश्रमति यदा च सूर्यरश्मि: तस्य शरीरे आपतति तदा स स्वशरीरं कवचावरणस्य अन्तर्भागे एव स्थापयति।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
August 13, 2023
August 13, 2023
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August 13, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 वार्ताः
🗓 १४ अगस्त २०२३, सोमवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
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August 13, 2023
*Invitation to Volunteer for the Experimental Research on Paninian Karakas*
Research being conducted by
Dr Jayashree Aanand Gajjam
IIT Kharagpur
==============
I'm conducting a series of online experiments on Sanskrit and Marathi languages to study the Cognition of Paninian karakas.
I need a group of 25 students who can read and understand both Sanskrit and Marathi.
Eligibility
Age 16+
A small token of appreciation will be given after completion of the research.
~ Dr Jayashree Aanand Gajjam
Telephone
+91 96371 47261
Research being conducted by
Dr Jayashree Aanand Gajjam
IIT Kharagpur
==============
I'm conducting a series of online experiments on Sanskrit and Marathi languages to study the Cognition of Paninian karakas.
I need a group of 25 students who can read and understand both Sanskrit and Marathi.
Eligibility
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A small token of appreciation will be given after completion of the research.
~ Dr Jayashree Aanand Gajjam
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+91 96371 47261
August 13, 2023
August 13, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 14 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 08:26 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - सिद्धि शान 04:40 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 07:53 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:132
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 14 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 08:26 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - सिद्धि शान 04:40 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 07:53 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:15
⛅ सूर्यास्त - 07:132
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:31 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:07 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
August 13, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/KGhcaCfK_Ss
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YouTube
Vaarta | The nation is observing Partition Horrors Remembrance Day Today
#partition #partitionhorrors #14august #15august #independenceday2023
The nation is observing Partition Horrors Remembrance Day
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable…
The nation is observing Partition Horrors Remembrance Day
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August 13, 2023
August 13, 2023
August 13, 2023
🍃कार्यमद्यतनीयं यत् तदद्यैव विधीयताम्।
विपरीता गतिर्यस्य स कष्टं लभते धृवम्॥
♦️kāryamadyatanīyaṁ yat tadadyaiva vidhīyatām
viparītā gatiryasya sa kaṣṭaṁ labhate dhṛvam
🔅यत् कार्यम् अद्यतनीयम् (अस्ति) तत् अद्य एव विधीयताम्। यस्य गतिः विपरीता (अस्ति) सः (मनुष्यः) धृवं कष्टं लभते।
⚜जो कार्य आज का है, वह आज ही किया जाना चाहिए। जिसकी गति उलटी होती है, वह मनुष्य निश्चय ही तकलीफ पाता है।
#subhashitam
विपरीता गतिर्यस्य स कष्टं लभते धृवम्॥
♦️kāryamadyatanīyaṁ yat tadadyaiva vidhīyatām
viparītā gatiryasya sa kaṣṭaṁ labhate dhṛvam
🔅यत् कार्यम् अद्यतनीयम् (अस्ति) तत् अद्य एव विधीयताम्। यस्य गतिः विपरीता (अस्ति) सः (मनुष्यः) धृवं कष्टं लभते।
⚜जो कार्य आज का है, वह आज ही किया जाना चाहिए। जिसकी गति उलटी होती है, वह मनुष्य निश्चय ही तकलीफ पाता है।
#subhashitam
August 13, 2023
August 14, 2023
अक्सर कई किस्से कहानियों में कहा जाता है कि भेड़िए इंसानों के खून के प्यासे होते हैं,लेकिन यह बात पूरी तरह से सही नही मानी जा सकती है क्योंकि जीव संरक्षणकर्मियों का कहना है कि इंसान और भेड़ियों का एक साथ रहना भी संभव है।
••प्रायः अनेकाभिः कथाभिः कथ्यते यत् वृका: मानवरक्तस्य पिपासव: भवन्ति,परन्तु एतत् सर्वथा सम्यक् इति न मन्तव्यम् यतोहि जीवसंरक्षणकर्मिण: वदन्ति यत् मनुष्याणां वृकाणां च एकत्र वसनमपि सम्भवति।
ऐसा माना जाता है कि भेड़िए चांद को देखकर गुर्राते हैं।ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि भेड़िए रात में जब गुर्राते हैं तो अपना सिर ऊपर की ओर उठाते हैं।वैज्ञानिकों का कहना है कि भेड़िए ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनकी आवाज साफ निकल सके।
••एवं मन्यते यत् वृका: चन्द्रं दृष्ट्वा रसन्ति।एवम् एतदर्थम् एव कथ्यते यतोहि यदा वृका: रात्रौ रसन्ति तदा स्वशिरांसि ऊर्ध्वम् उन्नयन्ति।वैज्ञानिकानां कथनमस्ति यत् वृका: एवम् एतदर्थमेव कुर्वन्ति येन तेषां स्वर: सम्यग्रूपेण बहिरागन्तुं शक्नुयात्।
यह डॉयलॉग तो आपने कई फिल्मों में सुना होगा कि शेर अकेला ही आता है, झुंड में तो भेड़िए आते हैं।लेकिन कई बार भेड़िए को अकेला भी रहना पड़ता है।ऐसे भेड़िए को लोन वुल्फ कहा जाता है।
••संवादोऽयं तु भवद्भिर्बहुषु चलच्चित्रेषु श्रुतः स्याद् यत् सिंहः एकाकी एव आगच्छति, समूहे तु वृका एव आयान्ति। किन्तु बहुवारं वृकेनापि एकाकिना एव उष्यते। एतादृशो वृकः जनैः 'लोन वुल्फ' इत्यपि कथ्यते।
भेड़िए जीवन में एक ही साथी बनाते हैं और उन्हीं के साथ रहते हैं और ज्यादातर भेड़िए अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं।भेड़ियों से जुड़ी यह बात अफवाह नहीं है। में
••वृका: जीवने एकामेव सहचरीं चिन्वन्ति। तया सह हि निवसन्त: बहव: च वृका: स्वसहचारीणां प्रति निष्ठावन्तो भवन्ति।वृकै: सम्बन्धितम् एतत् तथ्यं लोकवादो नास्ति।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
••प्रायः अनेकाभिः कथाभिः कथ्यते यत् वृका: मानवरक्तस्य पिपासव: भवन्ति,परन्तु एतत् सर्वथा सम्यक् इति न मन्तव्यम् यतोहि जीवसंरक्षणकर्मिण: वदन्ति यत् मनुष्याणां वृकाणां च एकत्र वसनमपि सम्भवति।
ऐसा माना जाता है कि भेड़िए चांद को देखकर गुर्राते हैं।ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि भेड़िए रात में जब गुर्राते हैं तो अपना सिर ऊपर की ओर उठाते हैं।वैज्ञानिकों का कहना है कि भेड़िए ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनकी आवाज साफ निकल सके।
••एवं मन्यते यत् वृका: चन्द्रं दृष्ट्वा रसन्ति।एवम् एतदर्थम् एव कथ्यते यतोहि यदा वृका: रात्रौ रसन्ति तदा स्वशिरांसि ऊर्ध्वम् उन्नयन्ति।वैज्ञानिकानां कथनमस्ति यत् वृका: एवम् एतदर्थमेव कुर्वन्ति येन तेषां स्वर: सम्यग्रूपेण बहिरागन्तुं शक्नुयात्।
यह डॉयलॉग तो आपने कई फिल्मों में सुना होगा कि शेर अकेला ही आता है, झुंड में तो भेड़िए आते हैं।लेकिन कई बार भेड़िए को अकेला भी रहना पड़ता है।ऐसे भेड़िए को लोन वुल्फ कहा जाता है।
••संवादोऽयं तु भवद्भिर्बहुषु चलच्चित्रेषु श्रुतः स्याद् यत् सिंहः एकाकी एव आगच्छति, समूहे तु वृका एव आयान्ति। किन्तु बहुवारं वृकेनापि एकाकिना एव उष्यते। एतादृशो वृकः जनैः 'लोन वुल्फ' इत्यपि कथ्यते।
भेड़िए जीवन में एक ही साथी बनाते हैं और उन्हीं के साथ रहते हैं और ज्यादातर भेड़िए अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं।भेड़ियों से जुड़ी यह बात अफवाह नहीं है। में
••वृका: जीवने एकामेव सहचरीं चिन्वन्ति। तया सह हि निवसन्त: बहव: च वृका: स्वसहचारीणां प्रति निष्ठावन्तो भवन्ति।वृकै: सम्बन्धितम् एतत् तथ्यं लोकवादो नास्ति।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
August 14, 2023
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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🕛 IST ११:०० AM
🔰 स्वतन्त्रतादिवसः
🗓 १५ अगस्त २०२३, मङ्गलवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वतन्त्रतादिवसस्य इतिहासं तस्य आचरणविषये वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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August 14, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 15 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - व्यतिपात शाम 05:33 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - शाम 03:58 से 05:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:16
⛅ सूर्यास्त - 07:12
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:32 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, 76वाँ स्वतंत्रता दिवस, योगी अरविंद जयंती (दि.अ.)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 15 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
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⛅ योग - व्यतिपात शाम 05:33 तक तत्पश्चात वरियान
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⛅ सूर्योदय - 06:16
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⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:32 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - दर्श अमावस्या, 76वाँ स्वतंत्रता दिवस, योगी अरविंद जयंती (दि.अ.)
August 14, 2023
August 14, 2023
August 14, 2023
August 14, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
स्वतन्त्रतादिवसः
#samlapshala
#samlapshala
August 14, 2023
🍃
🔆 चिन्तनं विना व्ययकर्ता निरर्थकं हि कलहकर्ता प्रत्येकं कार्ये शीघ्रकर्ता अचिरं हि विनश्यति।
⚜बिना सोचे समझे खर्च करने वाला, कोई सहायक न होने पर भी लड़ाई करने वाला और प्रत्येक कार्य में जल्दबाजी करने वाला शीघ्र नष्ट हो जाता है।
#Subhashitam
अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्यनार्थः कलहप्रियः।
आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति
।।🔆 चिन्तनं विना व्ययकर्ता निरर्थकं हि कलहकर्ता प्रत्येकं कार्ये शीघ्रकर्ता अचिरं हि विनश्यति।
⚜बिना सोचे समझे खर्च करने वाला, कोई सहायक न होने पर भी लड़ाई करने वाला और प्रत्येक कार्य में जल्दबाजी करने वाला शीघ्र नष्ट हो जाता है।
#Subhashitam
August 14, 2023
कूजनस्थले ॥ ट्विटर् वा एक्ष् वा॥ संलापशालायाम् आगच्छत
https://twitter.com/i/spaces/1zqKVPYlwApJB
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August 15, 2023
August 15, 2023
August 15, 2023
August 15, 2023
पटना के महावीर मन्दिर द्वारा अयोध्या में संचालित राम-रसोई को भारत सरकार के ट्रेड मार्क रजिस्ट्री विभाग ने अपना सर्टिफिकेट निर्गत किया है।
••पटनायाः महावीरमन्दिरेण अयोध्यायां सञ्चालितां राम-पाकशालां भारतसर्वकारस्य व्यापारचिह्नं पञ्जीकरणविभागेन प्रमाणपत्रं प्रदत्तम्।
निबंधित ट्रेड मार्क मिलने से अब देश में दूसरी कोई संस्था या व्यक्ति ‘राम रसोई’ नाम का उपयोग नहीं कर सकेगा।
••पंजीकृतव्यापारचिह्नस्य लब्धेन इदानीं देशे अन्या कापि संस्था वा व्यक्तिः 'राम रसोई' इति नाम्न: प्रयोगं कर्तुं न शक्नोति।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने राम-रसोई को ट्रेड मार्क रजिस्ट्री सर्टिफिकेट मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है।
••महावीरमन्दिरन्यासस्य सचिव: आचार्यः किशोरकुणालः राम-रसोई इत्यस्यै व्यापारचिह्नपञ्जीकरणं प्रमाणपत्रं प्राप्य प्रसन्नतां प्रकटितवान् अस्ति।
उन्होंने बताया कि नवम्बर, 2019 में रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह राम रसोई अयोध्या में प्रारंभ की गई थी।
••सः अवदत् यत् नवदशाधिकद्विसहस्रतमस्य वर्षस्य नवम्बरमासे सर्वोच्चन्यायालयेन रामलालस्य पक्षे निर्णयस्य अनन्तरं अयोध्यानगरे इयं रामरसोई आरब्धा।
अयोध्या के इतिहास में पहली बार महावीर मन्दिर, पटना ने बाहर के सभी तीर्थयात्रियों के लिए अन्नक्षेत्र प्रारंभ किया।
••अयोध्याया: इतिहासे प्रथमवारं महावीर-मन्दिर-पटनानगराद् बहिः सर्वेषां तीर्थयात्रिकाणां कृते अन्नक्षेत्रस्य आरम्भः कृतः।
निबन्धित राम-रसोई के लोगो में भगवान् श्रीराम शबरी के बेर खाते हुए दीख रहे हैं।
(लोगो=मम विचारानुसारं भित्तिचित्रम्)
••पञ्जीकृते रामरसोईकक्षे भित्तिचित्रे भगवान् श्रीराम: शबर्या: बदरीफलानि भक्षयन् दृश्यते।
अयोध्या में राम-रसोई इतनी प्रसिद्ध हो गयी है कि पटना के महावीर मन्दिर का प्रचार-प्रसार देश के गाँव-गाँव में हो रहा है।
••अयोध्यायां 'रामरसोई' इति एतावत् प्रसिद्धं जातं यत् पटनायाः महावीरमन्दिरस्य प्रचार-प्रसारणं देशस्य ग्रामे ग्रामे प्रवर्तमानमस्ति इति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••पटनायाः महावीरमन्दिरेण अयोध्यायां सञ्चालितां राम-पाकशालां भारतसर्वकारस्य व्यापारचिह्नं पञ्जीकरणविभागेन प्रमाणपत्रं प्रदत्तम्।
निबंधित ट्रेड मार्क मिलने से अब देश में दूसरी कोई संस्था या व्यक्ति ‘राम रसोई’ नाम का उपयोग नहीं कर सकेगा।
••पंजीकृतव्यापारचिह्नस्य लब्धेन इदानीं देशे अन्या कापि संस्था वा व्यक्तिः 'राम रसोई' इति नाम्न: प्रयोगं कर्तुं न शक्नोति।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने राम-रसोई को ट्रेड मार्क रजिस्ट्री सर्टिफिकेट मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है।
••महावीरमन्दिरन्यासस्य सचिव: आचार्यः किशोरकुणालः राम-रसोई इत्यस्यै व्यापारचिह्नपञ्जीकरणं प्रमाणपत्रं प्राप्य प्रसन्नतां प्रकटितवान् अस्ति।
उन्होंने बताया कि नवम्बर, 2019 में रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह राम रसोई अयोध्या में प्रारंभ की गई थी।
••सः अवदत् यत् नवदशाधिकद्विसहस्रतमस्य वर्षस्य नवम्बरमासे सर्वोच्चन्यायालयेन रामलालस्य पक्षे निर्णयस्य अनन्तरं अयोध्यानगरे इयं रामरसोई आरब्धा।
अयोध्या के इतिहास में पहली बार महावीर मन्दिर, पटना ने बाहर के सभी तीर्थयात्रियों के लिए अन्नक्षेत्र प्रारंभ किया।
••अयोध्याया: इतिहासे प्रथमवारं महावीर-मन्दिर-पटनानगराद् बहिः सर्वेषां तीर्थयात्रिकाणां कृते अन्नक्षेत्रस्य आरम्भः कृतः।
निबन्धित राम-रसोई के लोगो में भगवान् श्रीराम शबरी के बेर खाते हुए दीख रहे हैं।
(लोगो=मम विचारानुसारं भित्तिचित्रम्)
••पञ्जीकृते रामरसोईकक्षे भित्तिचित्रे भगवान् श्रीराम: शबर्या: बदरीफलानि भक्षयन् दृश्यते।
अयोध्या में राम-रसोई इतनी प्रसिद्ध हो गयी है कि पटना के महावीर मन्दिर का प्रचार-प्रसार देश के गाँव-गाँव में हो रहा है।
••अयोध्यायां 'रामरसोई' इति एतावत् प्रसिद्धं जातं यत् पटनायाः महावीरमन्दिरस्य प्रचार-प्रसारणं देशस्य ग्रामे ग्रामे प्रवर्तमानमस्ति इति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 15, 2023
ज्योतिर्विज्ञानकार्यशाला Sep 13 -17 पर्यन्तम्
(श्रावण. कृ. चतुर्दशीतः भाद्रपद शु. द्वितीया) आयोज्यमाना वर्तते
शिबिरस्थानम् – वेदविज्ञानशोधसंस्थानम् चन्नेनहळ्ळी, बेङ्गळूरु ५६२१३०
शिबिरस्स्य शुल्कम् – 500
वासव्यवस्था -2000 रूप्यकाणि
पञ्जीकरणस्य सूत्रम् - rb.gy/tkfrb
(श्रावण. कृ. चतुर्दशीतः भाद्रपद शु. द्वितीया) आयोज्यमाना वर्तते
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शिबिरस्स्य शुल्कम् – 500
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August 15, 2023
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स्वतन्त्रोत्सवस्य शुभाशयाः 🇮🇳
August 15, 2023
August 15, 2023
August 15, 2023
August 15, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 स्वतन्त्रताकथा
🗓 १६ अगस्त २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वतन्त्रतासम्बन्धितां कथां वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 15, 2023
August 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या दोपहर 03:07 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 16 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा शाम 04:57 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - वरियान शाम 04:57 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:44 से 02:21 तक
⛅ सूर्योदय - 06:16
⛅ सूर्यास्त - 07:11
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:32 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावण अमावस्या, अधिक श्रावण मास समाप्त, पारसी नूतन वर्ष प्रारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ दिनांक - 16 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - अधिक श्रावण
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा शाम 04:57 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - वरियान शाम 04:57 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:44 से 02:21 तक
⛅ सूर्योदय - 06:16
⛅ सूर्यास्त - 07:11
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:32 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावण अमावस्या, अधिक श्रावण मास समाप्त, पारसी नूतन वर्ष प्रारम्भ
August 15, 2023
August 15, 2023
August 15, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
स्वतन्त्रताकथा
#samlapshala
#samlapshala
August 15, 2023
🍃
🔆 सुखं दुःखं भयं क्रोधः लाभः हानिः जन्म मरणं सर्वमेतत् भाग्याधीनमस्ति अतः न हर्षशोकौ प्रदर्शितव्यौ।
♦️sukhadu:khe bhayakrodhau lābhālābhau bhavābhavau. yacca kiṣcittathābhūtam anu daivasya karma tat..
⚜Happiness or misery, fear or anger, gain or loss, birth or death, and all such things are surely the acts of destiny.
#Subhashitam
Ramayanam,
2..22.22
सुखदुःखे भयक्रोधौ लाभालाभौ भवाभवौ ।
यच्च किञ्चित्तथाभूतं
ननु दैवस्य कर्म तत्
।।🔆 सुखं दुःखं भयं क्रोधः लाभः हानिः जन्म मरणं सर्वमेतत् भाग्याधीनमस्ति अतः न हर्षशोकौ प्रदर्शितव्यौ।
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Ramayanam,
2..22.22
August 15, 2023
सः कार्यं करोतु।
उत्तमपुरुषे किं भवेत्।
उत्तमपुरुषे किं भवेत्।
Anonymous Quiz
5%
अहं कार्यं करोतु।
16%
अहं कार्यं कुरु
28%
अहं कार्यं क्रियताम्
51%
अहं कार्यं करवाणि
August 16, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
पटना के महावीर मन्दिर द्वारा अयोध्या में संचालित राम-रसोई को भारत सरकार के ट्रेड मार्क रजिस्ट्री विभाग ने अपना सर्टिफिकेट निर्गत किया है। ••पटनायाः महावीरमन्दिरेण अयोध्यायां सञ्चालितां राम-पाकशालां भारतसर्वकारस्य व्यापारचिह्नं पञ्जीकरणविभागेन प्रमाणपत्रं प्रदत्तम्।…
यहां भोजन के पहले महावीर जी का जयकारा लगता है और हर तीर्थालु को अवगत कराया जाता है कि यह निःशुल्क अन्न क्षेत्र महावीर मन्दिर की ओर से चलाया जा रहा है।
•• अत्र भोजनात्पूर्वं महावीरस्य जयघोषः क्रियते, इतोपि सर्वः तीर्थालुः बोध्यते यदेतत् निःशुल्कमन्नक्षेत्रं महावीरमन्दिरपक्षतः सञ्चाल्यमानमस्ति।
अयोध्या स्थित अमावा राम मन्दिर परिसर में राम-रसोई का संचालन किया जा रहा है।
••अयोध्यायां स्थिते अमावाराममन्दिरप्राङ्गणे रामरसवत्या भोजनप्रबन्धनं क्रियते।
यहां प्रतिदिन औसतन एक हजार से दो हजार लोगों को भोजन कराया जाता है।
••अत्र प्रतिदिनं अनुमानत: एकसहस्रतः द्विसहस्रं यावत् जनाः भोजनं प्राप्नुवन्ति ।
श्रद्धालु बिना किसी राशि का भुगतान किए शुद्ध भोजन करते हैं।
••श्रद्धालव: निश्शुल्कं शुद्धभोजनं कुर्वन्ति।
दोपहर के इस भोजन में जीरा राइस, कचौड़ी, आलू दम, मिक्स सब्जी, अरहर दाल, पापड़, तिलौरी, चटनी और गाय का घी पड़ोसा जाता है।
•• मध्याह्नभोजने जीरकोदनं, कचपूरिका, पक्वालुः, मिश्रशाकं, आढकीसूपः, पर्पटः, तिलौरी, अवलेहः गोघृतं च परिवेष्यन्ते।
बिहारी शैली में उन्हें प्रेम से पूछ-पूछकर भोजन कराया जाता है।
••बिहारीरीत्यां ते सप्रेम प्रच्छं प्रच्छं भुज्यन्ते।
महावीर मन्दिर न्यास की ओर से सीतामढ़ी स्थित माता सीता के प्राकट्य स्थान पुनौरा धाम में सीता-रसोई का संचालन किया जाता है।
••••महावीरमन्दिरन्यासस्य पक्षत: सीतामढ़ीनगरे स्थिते सीतामातु: प्रकाट्यस्थले पुनौराधाम्नि सीतारसवत्या भोजनप्रदानस्य सञ्चालनं क्रियते।
पुनौरा धाम में आनेवाले श्रद्धालुओं को यहाँ निःशुल्क शुद्ध भोजन दोनों शाम कराया जाता है।
••पुनौराधाम्नि समागतेभ्यः भक्तेभ्यः अत्र प्रातः सायञ्च निश्शुल्कं शुद्धभोजनं प्रदीयते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• अत्र भोजनात्पूर्वं महावीरस्य जयघोषः क्रियते, इतोपि सर्वः तीर्थालुः बोध्यते यदेतत् निःशुल्कमन्नक्षेत्रं महावीरमन्दिरपक्षतः सञ्चाल्यमानमस्ति।
अयोध्या स्थित अमावा राम मन्दिर परिसर में राम-रसोई का संचालन किया जा रहा है।
••अयोध्यायां स्थिते अमावाराममन्दिरप्राङ्गणे रामरसवत्या भोजनप्रबन्धनं क्रियते।
यहां प्रतिदिन औसतन एक हजार से दो हजार लोगों को भोजन कराया जाता है।
••अत्र प्रतिदिनं अनुमानत: एकसहस्रतः द्विसहस्रं यावत् जनाः भोजनं प्राप्नुवन्ति ।
श्रद्धालु बिना किसी राशि का भुगतान किए शुद्ध भोजन करते हैं।
••श्रद्धालव: निश्शुल्कं शुद्धभोजनं कुर्वन्ति।
दोपहर के इस भोजन में जीरा राइस, कचौड़ी, आलू दम, मिक्स सब्जी, अरहर दाल, पापड़, तिलौरी, चटनी और गाय का घी पड़ोसा जाता है।
•• मध्याह्नभोजने जीरकोदनं, कचपूरिका, पक्वालुः, मिश्रशाकं, आढकीसूपः, पर्पटः, तिलौरी, अवलेहः गोघृतं च परिवेष्यन्ते।
बिहारी शैली में उन्हें प्रेम से पूछ-पूछकर भोजन कराया जाता है।
••बिहारीरीत्यां ते सप्रेम प्रच्छं प्रच्छं भुज्यन्ते।
महावीर मन्दिर न्यास की ओर से सीतामढ़ी स्थित माता सीता के प्राकट्य स्थान पुनौरा धाम में सीता-रसोई का संचालन किया जाता है।
••••महावीरमन्दिरन्यासस्य पक्षत: सीतामढ़ीनगरे स्थिते सीतामातु: प्रकाट्यस्थले पुनौराधाम्नि सीतारसवत्या भोजनप्रदानस्य सञ्चालनं क्रियते।
पुनौरा धाम में आनेवाले श्रद्धालुओं को यहाँ निःशुल्क शुद्ध भोजन दोनों शाम कराया जाता है।
••पुनौराधाम्नि समागतेभ्यः भक्तेभ्यः अत्र प्रातः सायञ्च निश्शुल्कं शुद्धभोजनं प्रदीयते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 16, 2023
August 16, 2023
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A short talk in Sanskrit by
HH Sri Sri Vidhushekhra Bharati Sri Sannidhanam
HH Sri Sri Vidhushekhra Bharati Sri Sannidhanam
August 16, 2023
पौत्रः -अयि पितामहि भवती कुत्र प्रावर्धत।
पितामही - अहं ठाणे इति नगरे प्रावर्धे।
पौत्रः - तथा पितामहः।
पितामही - सः कदापि न प्रावर्धत तथा कदापि न वर्धयिष्यति।
#hasya
पितामही - अहं ठाणे इति नगरे प्रावर्धे।
पौत्रः - तथा पितामहः।
पितामही - सः कदापि न प्रावर्धत तथा कदापि न वर्धयिष्यति।
#hasya
August 16, 2023
August 16, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 अयोध्याकाण्डम्
🗓 १७ अगस्त २०२३, गुरुवासरः
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🗓 १७ अगस्त २०२३, गुरुवासरः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 16, 2023
August 16, 2023
Namstey 🙏🏾💐
Join 1st level Sanskrit language Class on 08:00 PM - 09:00 PM
From 4th Aug to 28th Aug 2023
(Friday, 4 Aug, 8:00 pm – Monday, 28 Aug, 9:00 pm)
Google Meet joining link - https://meet.google.com/oyw-jgso-qpk
व्हाट्सएप्प समूह लिंक - https://chat.whatsapp.com/KFgYdbMhUdO8z22rWbSjZO
प्रशिक्षक नाम - गोपाल कृष्ण मिश्र
दूरवाणी सङ्ख्या - 7985719185
ईमेल - sanskrit4gkm@gmail.com
द्वारा - Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan, Lucknow, U.P.
Join 1st level Sanskrit language Class on 08:00 PM - 09:00 PM
From 4th Aug to 28th Aug 2023
(Friday, 4 Aug, 8:00 pm – Monday, 28 Aug, 9:00 pm)
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द्वारा - Uttar Pradesh Sanskrit Sansthan, Lucknow, U.P.
August 16, 2023
August 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा शाम 05:35 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️ दिनांक - 17 अगस्त 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - मघा रात्रि 07:58 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅️ योग - परिघ रात्रि 07:30 तक तत्पश्चात शिव
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:20 से 03:57 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:17
⛅️ सूर्यास्त - 07:11
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:32 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा शाम 05:35 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️ दिनांक - 17 अगस्त 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - वर्षा
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - मघा रात्रि 07:58 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅️ योग - परिघ रात्रि 07:30 तक तत्पश्चात शिव
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:20 से 03:57 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:17
⛅️ सूर्यास्त - 07:11
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:32 तक
August 16, 2023
https://youtu.be/Khda47O0eUs
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 17/8/2023
#latestnews #vaarta #newsinsanskrit
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 17/8/2023
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 17/8/2023
August 16, 2023
August 16, 2023
August 16, 2023
August 16, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
रामायणम् अयोध्याकाण्डम्
#samlapshala
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August 16, 2023
🍃
🔆 श्रीकृष्णः कथयति यत् हे अर्जुन त्वं सफलतायाः असफलतायाः इच्छां त्यज स्वकार्यं पूर्णसामर्थ्येन कुरु। इयं सम्भावना एव योग इति कथ्यते।
⚜श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, सफलता और असफलता के मोह को त्याग कर, अपने कार्य को पूरे मन से समभाव से करो। समभाव की इस भावना को योग कहते हैं।
#Subhashitam
योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्धयसिद्धयोः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते
।।🔆 श्रीकृष्णः कथयति यत् हे अर्जुन त्वं सफलतायाः असफलतायाः इच्छां त्यज स्वकार्यं पूर्णसामर्थ्येन कुरु। इयं सम्भावना एव योग इति कथ्यते।
⚜श्री कृष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन, सफलता और असफलता के मोह को त्याग कर, अपने कार्य को पूरे मन से समभाव से करो। समभाव की इस भावना को योग कहते हैं।
#Subhashitam
August 16, 2023
स्म इति अव्ययस्य उपयोगः केन लकारेण सह भवति।
Anonymous Quiz
56%
लट्लकारेण सह
9%
लोट्लकारेण सह
29%
लङ्लकारेण सह
6%
सर्वैः लकारैः यह
August 17, 2023
कचौड़ी स्वादिष्ट तो होती है,परन्तु इसका ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
••कर्चरिका स्वादिष्टा तु भवति, परन्तु एतस्या अत्यधिकम् उपभोगनं स्वास्थ्याय हानिकारकं भवितुमर्हेत्।
कचौड़ी को बनाने के लिए मैदे का प्रयोग किया जाता है।इसे तेल में तला जाता है।ज्यादा तली-भुनी चीजों को खाने से वजन बढ़ता है।
••कर्चरिकाया: निर्माणार्थं *सूक्ष्मपिष्टकस्य उपयोगो भवति। एतस्या: तैले तापनं क्रियते। आधिक्येन तप्तभर्जनखाद्यवस्तुभक्षणेन शरीरस्थूलत्वं वर्धते।
लगातार कचौड़ी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से खून में गंदा कोलेस्ट्रोल जमा हो जाता है जिससे ब्लड वेसल्स ब्लॉक होने लगती है।
••कचौरिकाया: अत्यधिकमात्रायां नैरन्तर्येण उपभोगेन रक्ते मलिनपैत्तव: सञ्चितो भवति यस्य कारणेन रक्तवाहिन्यः स्नायव: अवरुद्धाः भवितुमारभन्ते।
ज्यादा कचौड़ी खाने से ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं जिससे खून का प्रवाह तेज होने लगता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ता है।
••आधिक्येन माषगर्भाभक्षणेन रक्तवाहिकाः सङ्कीर्णाः भवन्ति येन रक्तप्रवाहः तीव्रगत्या वर्धयितुमारभते उच्चरक्तचापस्य समस्यायाः च सम्मुखीकरणं सम्भवेत्।
कोलेस्ट्रोल का लेवल ज्यादा हो जाने और ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण हार्ट स्ट्रोक और हृदय से जुड़ी दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
••उच्चपैत्तवस्य उच्चरक्तचापस्य च कारणाभ्यां हृदयाघातस्य अन्येषां च हृदयसम्बद्धानां रोगाणां सङ्कटो वर्धते।
अधिक कचौड़ी खाने से पाचन संबंधी दिक्कतों जैसे कब्ज, अपच, एसिडिटी,गैस, लूज मोशन आदि का सामना करना पड़ सकता है।
••आधिक्येन पिष्टिकाखादनेन कोष्ठबद्धत्वं, अपचः, अम्लत्वं, उदरवायु:, शिथिलगतिः इत्यादयः पाचनसमस्याः उत्पद्यन्ते।
लगातार कचौड़ी खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे धीरे-धीरे हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती हैं और बोन डेंसिटी भी घटने लगती है।
••नैरन्तर्येण शरीरे मेदः परिमाणं वर्धयितुमारभते येन अस्थीनि कृशानि दुर्बलानि च भवितुमारभन्ते अस्थिघनत्वं चापि न्यूनीभवितुमारभते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••कर्चरिका स्वादिष्टा तु भवति, परन्तु एतस्या अत्यधिकम् उपभोगनं स्वास्थ्याय हानिकारकं भवितुमर्हेत्।
कचौड़ी को बनाने के लिए मैदे का प्रयोग किया जाता है।इसे तेल में तला जाता है।ज्यादा तली-भुनी चीजों को खाने से वजन बढ़ता है।
••कर्चरिकाया: निर्माणार्थं *सूक्ष्मपिष्टकस्य उपयोगो भवति। एतस्या: तैले तापनं क्रियते। आधिक्येन तप्तभर्जनखाद्यवस्तुभक्षणेन शरीरस्थूलत्वं वर्धते।
लगातार कचौड़ी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से खून में गंदा कोलेस्ट्रोल जमा हो जाता है जिससे ब्लड वेसल्स ब्लॉक होने लगती है।
••कचौरिकाया: अत्यधिकमात्रायां नैरन्तर्येण उपभोगेन रक्ते मलिनपैत्तव: सञ्चितो भवति यस्य कारणेन रक्तवाहिन्यः स्नायव: अवरुद्धाः भवितुमारभन्ते।
ज्यादा कचौड़ी खाने से ब्लड वेसल्स संकरी हो जाती हैं जिससे खून का प्रवाह तेज होने लगता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ता है।
••आधिक्येन माषगर्भाभक्षणेन रक्तवाहिकाः सङ्कीर्णाः भवन्ति येन रक्तप्रवाहः तीव्रगत्या वर्धयितुमारभते उच्चरक्तचापस्य समस्यायाः च सम्मुखीकरणं सम्भवेत्।
कोलेस्ट्रोल का लेवल ज्यादा हो जाने और ब्लड प्रेशर हाई होने के कारण हार्ट स्ट्रोक और हृदय से जुड़ी दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
••उच्चपैत्तवस्य उच्चरक्तचापस्य च कारणाभ्यां हृदयाघातस्य अन्येषां च हृदयसम्बद्धानां रोगाणां सङ्कटो वर्धते।
अधिक कचौड़ी खाने से पाचन संबंधी दिक्कतों जैसे कब्ज, अपच, एसिडिटी,गैस, लूज मोशन आदि का सामना करना पड़ सकता है।
••आधिक्येन पिष्टिकाखादनेन कोष्ठबद्धत्वं, अपचः, अम्लत्वं, उदरवायु:, शिथिलगतिः इत्यादयः पाचनसमस्याः उत्पद्यन्ते।
लगातार कचौड़ी खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे धीरे-धीरे हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती हैं और बोन डेंसिटी भी घटने लगती है।
••नैरन्तर्येण शरीरे मेदः परिमाणं वर्धयितुमारभते येन अस्थीनि कृशानि दुर्बलानि च भवितुमारभन्ते अस्थिघनत्वं चापि न्यूनीभवितुमारभते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 17, 2023
Retold by DKM Kartha
Once upon a time King Bhoja went to visit his Queen in her garden.
He saw her sitting there talking privately with her favorite companion. Without respecting their privacy, the King barged in, and the Queen said as she saw him approaching, "Oh, come on in, you Foolish Man!”
Later, as King Bhoja returned to his palace he pondered about the Queen's addressing him a fool. Upon not being able to come up with a good answer, he tried a trick.
Bhoja had 14 scholars and poets in his court. As each of them started entering the court, he said: "Come on in, you Fool!"
None of them had any response. They sat down in their respective seats wondering, "Why did His Highness call me a Fool. After all he has honored me with a position in his court. Who appoints a Fool to his court ?"
Then arrived none other than the Great Poet KALidAsa. The King repeated his enigmatic ritual saying, "Come on in, you Fool"
As sooon as the poet heard the word "Fool | Moorkha" he took it up as a kind of samasya = a riddle and gave an instantaneous response:
khādanna gacchāmi hasanna jalpē
gataṁ na śōcāmi kr̥taṁ na manyē ।
dvābhyāṁ tr̥tīyō na bhavāmi rājan
kiṁ kāraṇaṁ bhōja bhavāmi mūrkhaḥ ॥
"I do not walk and eat at the same time. I do not laugh and talk while laughing. I do not mourn for bad events in the past. I do not ponder and re-think my actions in the past. When two people are talking in private, I do not go into their midst and become the third one uninvited. Because I do not do these, I am truly wise. Why do you call me a fool, then, O Bhoja! (You have no reason to do so.)"
King Bhoja's surprise knew no bounds because the poet who had been blessed by MahAkALi, who is none other than PRatibhA (Creative Genius) itself had not only given a tit for tat answer to the King's rude welcome, but had even visualized the event between the King and the Queen using his ability of PRakhya (= the poet's ability to see into the past and future without actually being there) and using his ability of AkhyA had weaved the wisdom and the event into an elegant stanza created in an attractive meter and adorned with beautiful words. And through the stanza, the MahAkavi also gave Bhoja an explanation for the wise Queen’s reaction to his breaking into her private meeting without an invitation earlier in the morning. He was indeed acting foolishly,
In amazement and in recognition of genius, King Bhoja asked his Treasurer to reward the poet with one lakh gold coins per word in the poem. In those olden golden days, the Rulers knew how to reward genius -- the combination of PRakhyA and AkhyA = The magical ability of Vision and the ability to present the vision in a poetic form.
#celebrating_sanskrit
Once upon a time King Bhoja went to visit his Queen in her garden.
He saw her sitting there talking privately with her favorite companion. Without respecting their privacy, the King barged in, and the Queen said as she saw him approaching, "Oh, come on in, you Foolish Man!”
Later, as King Bhoja returned to his palace he pondered about the Queen's addressing him a fool. Upon not being able to come up with a good answer, he tried a trick.
Bhoja had 14 scholars and poets in his court. As each of them started entering the court, he said: "Come on in, you Fool!"
None of them had any response. They sat down in their respective seats wondering, "Why did His Highness call me a Fool. After all he has honored me with a position in his court. Who appoints a Fool to his court ?"
Then arrived none other than the Great Poet KALidAsa. The King repeated his enigmatic ritual saying, "Come on in, you Fool"
As sooon as the poet heard the word "Fool | Moorkha" he took it up as a kind of samasya = a riddle and gave an instantaneous response:
खादन्न गच्छामि हसन्न जल्पे
गतं न शोचामि कृतं न मन्ये ।
द्वाभ्यां तृतीयो न भवामि राजन्
किं कारणं भोज भवामि मूर्खः
॥
khādanna gacchāmi hasanna jalpē
gataṁ na śōcāmi kr̥taṁ na manyē ।
dvābhyāṁ tr̥tīyō na bhavāmi rājan
kiṁ kāraṇaṁ bhōja bhavāmi mūrkhaḥ ॥
"I do not walk and eat at the same time. I do not laugh and talk while laughing. I do not mourn for bad events in the past. I do not ponder and re-think my actions in the past. When two people are talking in private, I do not go into their midst and become the third one uninvited. Because I do not do these, I am truly wise. Why do you call me a fool, then, O Bhoja! (You have no reason to do so.)"
King Bhoja's surprise knew no bounds because the poet who had been blessed by MahAkALi, who is none other than PRatibhA (Creative Genius) itself had not only given a tit for tat answer to the King's rude welcome, but had even visualized the event between the King and the Queen using his ability of PRakhya (= the poet's ability to see into the past and future without actually being there) and using his ability of AkhyA had weaved the wisdom and the event into an elegant stanza created in an attractive meter and adorned with beautiful words. And through the stanza, the MahAkavi also gave Bhoja an explanation for the wise Queen’s reaction to his breaking into her private meeting without an invitation earlier in the morning. He was indeed acting foolishly,
In amazement and in recognition of genius, King Bhoja asked his Treasurer to reward the poet with one lakh gold coins per word in the poem. In those olden golden days, the Rulers knew how to reward genius -- the combination of PRakhyA and AkhyA = The magical ability of Vision and the ability to present the vision in a poetic form.
#celebrating_sanskrit
August 17, 2023
August 17, 2023
August 17, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰सुभाषितादीनि
🗓१८ अगस्त २०२३, शुक्रवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 17, 2023
August 17, 2023
?जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 18 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:57 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - शिव रात्रि 08:28 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:43 तक
⛅ सूर्योदय - 06:17
⛅ सूर्यास्त - 07:10
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:06 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 18 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 10:57 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - शिव रात्रि 08:28 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:43 तक
⛅ सूर्योदय - 06:17
⛅ सूर्यास्त - 07:10
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:06 तक
August 17, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/opc4pil8ygQ
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 18/8/2023
#vaarta #latestnews #newsinsanskrit
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 18/8/2023
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service…
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August 17, 2023
August 17, 2023
August 17, 2023
August 17, 2023
August 17, 2023
🍃
🔆 येषां कृते विद्या विवादस्य धनं मदस्य बुद्धिः तु अन्यजनप्रतारणायाः उन्नतिः च लोकतिरस्कारस्य साधनं भवति तेषां कृते प्रकाशोऽपि अन्धकार एव भवति।
⚜जिनके लिये विद्या विवाद का साधन है, धन मद का, बुद्धि-वैभव पर प्रता-रणा का, अत्युन्नति लोक तिरस्कार का उनके लिये प्रकाश भी अन्धकार है।
- दर्पदलन, २.९
#Subhashitam
विद्या विवादाय धनं मदाय प्रज्ञाप्रकर्षः परवञ्चनाय ।
अत्युन्नतिर्लोकपराभवाय येषां प्रकाशस्तिमिरं हि तेषाम्
॥🔆 येषां कृते विद्या विवादस्य धनं मदस्य बुद्धिः तु अन्यजनप्रतारणायाः उन्नतिः च लोकतिरस्कारस्य साधनं भवति तेषां कृते प्रकाशोऽपि अन्धकार एव भवति।
⚜जिनके लिये विद्या विवाद का साधन है, धन मद का, बुद्धि-वैभव पर प्रता-रणा का, अत्युन्नति लोक तिरस्कार का उनके लिये प्रकाश भी अन्धकार है।
- दर्पदलन, २.९
#Subhashitam
August 17, 2023
August 18, 2023
ओवरकोट एक भारी कोट होता है जिसे आप ठंड के मौसम से बचाने के लिए अपने पहनावे के ऊपर पहनते हैं।
••वृहतिका एक: गुरुकोट: भवति यां भवान् शीतकालात् रक्षणार्थं स्ववेषस्य उपरि धारयति।
उदाहरण के लिए, ओवरकोट को सूट जैकेट या किसी भी प्रकार की जैकेट के ऊपर भी पहना जा सकता है।
••उदाहरणार्थम्,वृहतिका उरच्छदस्य उत कस्याचिदपि उरच्छदस्य उपरि अपि धारयितुं शक्यते।
दूसरी ओर, इस कोट के दो उद्देश्य होते हैं।
••अपरं तु, अस्य कोटस्य द्वौ उद्देश्यौ: भवत:।
इसे एक स्टाइलिश फैशन आइटम के रूप में पहना जा सकता है या आपको ठंड के मौसम से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
••एनाम् एकेन आकर्षकवस्त्ररूपेण धारयितुं शक्यते उत शीतर्तौ शीतवायुतो भवतो रक्षणाय अपि उपयोक्तुं शक्यते।
ओवरकोट एक प्रकार का लंबा कोट होता है जिसे सबसे बाहरी परिधान के रूप में पहना जाता है जो आमतौर पर घुटने के नीचे तक फैला होता है।
••लम्बकञ्चुक: एकस्य प्रकारस्य लम्बप्रावारको भवति, यः बाह्यपरिधानरूपेण ध्रियते , यः जानुनो: अध: पर्यन्तं लम्बते।
ओवरकोट का उपयोग आमतौर पर सर्दियों में किया जाता है जब गर्मी अधिक महत्वपूर्ण होती है।
••लम्बकञ्चुकस्य उपयोग: सामान्यत: शिशिरकाले भवति यदा तापोऽधिको महत्त्वपूर्णो भवति।
हमारे यहां गेहूं का आटा, चना का सत्तु, चना का बेसन एवं
मसाला उचित मूल्य पर प्राप्त करें।
•• गोधूमपिष्टं, वाजिभक्ष्यसक्तुं, वाजिभक्ष्यपिष्टम् उपस्करणं च अस्माकं प्रतिष्ठाने उचितमूल्येन लभन्ताम्।
अपने चेहरे पर क्रीम लगाओ या न लगाओ। मगर मन्दिर जाकर माथे पर तिलक लगाकर देखो। हजारों में अलग नजर आओगे।
•• स्वमुखे कृत्रिमलेपनं करोतु उत न करोतु । परन्तु, मन्दिरं गत्वा ललाटे तिलकं प्रयुज्य पश्यतु । सहस्राणां मध्ये त्वं विशिष्टः द्रक्ष्येः ।
चेहरा क्रीम पाउडर से नहीं काबिलियत से चमकता है।
••मुखं मुखलेपस्य चूर्णेन न, अपितु निपुणतया दीव्यति ।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••वृहतिका एक: गुरुकोट: भवति यां भवान् शीतकालात् रक्षणार्थं स्ववेषस्य उपरि धारयति।
उदाहरण के लिए, ओवरकोट को सूट जैकेट या किसी भी प्रकार की जैकेट के ऊपर भी पहना जा सकता है।
••उदाहरणार्थम्,वृहतिका उरच्छदस्य उत कस्याचिदपि उरच्छदस्य उपरि अपि धारयितुं शक्यते।
दूसरी ओर, इस कोट के दो उद्देश्य होते हैं।
••अपरं तु, अस्य कोटस्य द्वौ उद्देश्यौ: भवत:।
इसे एक स्टाइलिश फैशन आइटम के रूप में पहना जा सकता है या आपको ठंड के मौसम से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
••एनाम् एकेन आकर्षकवस्त्ररूपेण धारयितुं शक्यते उत शीतर्तौ शीतवायुतो भवतो रक्षणाय अपि उपयोक्तुं शक्यते।
ओवरकोट एक प्रकार का लंबा कोट होता है जिसे सबसे बाहरी परिधान के रूप में पहना जाता है जो आमतौर पर घुटने के नीचे तक फैला होता है।
••लम्बकञ्चुक: एकस्य प्रकारस्य लम्बप्रावारको भवति, यः बाह्यपरिधानरूपेण ध्रियते , यः जानुनो: अध: पर्यन्तं लम्बते।
ओवरकोट का उपयोग आमतौर पर सर्दियों में किया जाता है जब गर्मी अधिक महत्वपूर्ण होती है।
••लम्बकञ्चुकस्य उपयोग: सामान्यत: शिशिरकाले भवति यदा तापोऽधिको महत्त्वपूर्णो भवति।
हमारे यहां गेहूं का आटा, चना का सत्तु, चना का बेसन एवं
मसाला उचित मूल्य पर प्राप्त करें।
•• गोधूमपिष्टं, वाजिभक्ष्यसक्तुं, वाजिभक्ष्यपिष्टम् उपस्करणं च अस्माकं प्रतिष्ठाने उचितमूल्येन लभन्ताम्।
अपने चेहरे पर क्रीम लगाओ या न लगाओ। मगर मन्दिर जाकर माथे पर तिलक लगाकर देखो। हजारों में अलग नजर आओगे।
•• स्वमुखे कृत्रिमलेपनं करोतु उत न करोतु । परन्तु, मन्दिरं गत्वा ललाटे तिलकं प्रयुज्य पश्यतु । सहस्राणां मध्ये त्वं विशिष्टः द्रक्ष्येः ।
चेहरा क्रीम पाउडर से नहीं काबिलियत से चमकता है।
••मुखं मुखलेपस्य चूर्णेन न, अपितु निपुणतया दीव्यति ।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 18, 2023
August 18, 2023
August 18, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 10:19 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 19 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - सिद्ध रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:17
⛅ सूर्यास्त - 07:09
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - हरियाली तीज
#Panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 10:19 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 19 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - सिद्ध रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:07 तक
⛅ सूर्योदय - 06:17
⛅ सूर्यास्त - 07:09
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - हरियाली तीज
#Panchang
August 18, 2023
August 18, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/y4E42eLOLBQ
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 19/8/2023
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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August 18, 2023
August 18, 2023
🍃
🔆 यदि बहुकालं यावत् स्थिरं यशः प्राप्तुमिच्छति चेत् बहुत विधान् ग्रन्थान् बहून् जनान् बहुभिः प्रकारैः पाठयन्तु।
सभारञ्जनशतकम् (नीलकण्ठदीक्षितः)
⚜कई प्रकार का एवं कई कल्प तक स्थिर रहनेवाले यश को प्राप्त करने के लिए (मनुष्य को चाहिए कि वह) कई लोगों को कई शास्त्र कई प्रकार से कई दिन तक पढाए।
#Subhashitam
बहुभ्यो बहु बोद्धव्यं बहुधा बहुवासरान्।
बहुकल्पशतस्थायि लब्धुं बहुविधं यशः
॥🔆 यदि बहुकालं यावत् स्थिरं यशः प्राप्तुमिच्छति चेत् बहुत विधान् ग्रन्थान् बहून् जनान् बहुभिः प्रकारैः पाठयन्तु।
सभारञ्जनशतकम् (नीलकण्ठदीक्षितः)
⚜कई प्रकार का एवं कई कल्प तक स्थिर रहनेवाले यश को प्राप्त करने के लिए (मनुष्य को चाहिए कि वह) कई लोगों को कई शास्त्र कई प्रकार से कई दिन तक पढाए।
#Subhashitam
August 18, 2023
भवति यदि सद्गुणाः भवन्ति स्म चेत् एषः परिणामः न भवति।
वाक्ये कति क्रियापदानि सन्ति।
वाक्ये कति क्रियापदानि सन्ति।
Anonymous Quiz
17%
एकम्
61%
द्वे
22%
त्रीणि
August 19, 2023
खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना आपको तनावमुक्त जीवन देता है।हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है। उसका आनंद लीजिये।
••स्वयं वर्धमानेन वयसा सह स्वीकरणं भवते चिन्तामुक्तं जीवनं ददाति।प्रत्येकं वय: एकस्य भिन्नप्रकारस्य सौन्दर्यमानयति।तस्यानन्दमनुभवतु।
बाल रंगना है तो रंगिये।वज़न कम रखना है तो रखिये।मनचाहे कपड़े पहनना है तो पहनिये।परन्तु बच्चों की तरह खिलखिलाइये।अच्छा सोचिये।अच्छा माहौल रखिये।शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।
••यदि केशान् रञ्जयितुमिच्छति तर्हि रञ्जयतु।यदि शरीरभारं न्यूनीकर्तुमिच्छति तर्हि स्थापयतु।यदि इच्छितं वस्त्रं धारयितुमिच्छति तर्हि धारयतु।किन्तु बालवत् भृशं हसतु।सच्चिन्तयतु।सद्वातावरणं निर्मातु। दर्पणे पश्यतः स्वस्य अस्तित्वं स्वीकरोतु।
कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बना सकती।कोई शैम्पू बाल झड़ने से नहीं रोक सकती।कोई तेल बाल नहीं उगा सकती।कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नहीं दे सकती। चाहे वह प्रॉक्टर गेम्बल हो या पतंजलि।सभी कम्पनियां अपने सामानों को बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।
••कश्चनापि कृत्रिमलेप: भवन्तं गौरवर्णं कर्तुं न शक्नोति।कश्चनापि केशमार्जक: केशपातं निवारयितुं न शक्नोति ।किञ्चिदपि तैलं केशोत्पादनं कर्तुं न शक्नोति।किञ्चिदपि फेनकं भवते बालवत् त्वक् दातुं न शक्नोति।कामंं स उत्पाद: प्रॉक्टर एण्ड गैम्बल इति उत्पादकस्य भवेत् उत पतञ्जलि इति उत्पादकस्य।सर्वे उत्पादका: स्ववस्तूनि विक्रेतुं मृषा वदन्ति।
ये सब कुदरती होते है।उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बालों तक में बदलाव आता है। पुरानी मशीन को maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नहीं कर सकते।
••एताः सर्वाः परिस्थितय: प्राकृतिका: भवन्ति।यथा-यथा वय: वर्धितं भवति तथा-तथा शरीरस्य त्वचः केशा: च परिवर्तनन्ते। पुरातनं यन्त्रं परिपालयित्वा सम्यक् चालयितुं शक्नोति, परन्तु नूतनं कर्तुं न शक्नोति।
ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी में नीम।किसी क्रीम में केसर नहीं होती क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नहीं होती।
••न कस्मिंश्चित् दन्तमार्जकावलेहे लवणं भवति न च कस्मिंश्चित् निम्ब:।कस्मिंश्चित् कृत्रिमलेपे केसरं न भवति यतोहि द्विग्रामपरिमितस्य केसरस्य मूल्यमपि पञ्चशतरूप्यकात् न्यूनं न भवति।
कोई बात नहीं अगर आपकी नाक मोटी है।कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं।कोई बात नहीं अगर आप गोरे नहीं हैं या आपके होंठों की shape perfect नहीं हैं फिर भी हम सुंदर हैं,अपनी सुंदरता को पहचानिये
••भवतः नासिका स्थूला अस्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।भवतः नेत्रे लघू स्त: चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।भवान् गौरवर्ण: नास्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति उत भवत: अधरयो: आकारः सम्यक् नास्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति तथापि वयं सुन्दराः स्मः भवन्त: स्वसौन्दर्यं परिचिन्वन्तु।
दूसरों से कमेंट या वाहवाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है अपनी सुंदरता को महसूस करना।
••अन्येषां टिप्पणीं करतालं वा प्राप्तुं सौन्दर्याद् दृश्यमानात् अधिकं महत्त्वपूर्णमस्ति यत् स्वसौन्दर्यस्यानुभूतिः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••स्वयं वर्धमानेन वयसा सह स्वीकरणं भवते चिन्तामुक्तं जीवनं ददाति।प्रत्येकं वय: एकस्य भिन्नप्रकारस्य सौन्दर्यमानयति।तस्यानन्दमनुभवतु।
बाल रंगना है तो रंगिये।वज़न कम रखना है तो रखिये।मनचाहे कपड़े पहनना है तो पहनिये।परन्तु बच्चों की तरह खिलखिलाइये।अच्छा सोचिये।अच्छा माहौल रखिये।शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।
••यदि केशान् रञ्जयितुमिच्छति तर्हि रञ्जयतु।यदि शरीरभारं न्यूनीकर्तुमिच्छति तर्हि स्थापयतु।यदि इच्छितं वस्त्रं धारयितुमिच्छति तर्हि धारयतु।किन्तु बालवत् भृशं हसतु।सच्चिन्तयतु।सद्वातावरणं निर्मातु। दर्पणे पश्यतः स्वस्य अस्तित्वं स्वीकरोतु।
कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बना सकती।कोई शैम्पू बाल झड़ने से नहीं रोक सकती।कोई तेल बाल नहीं उगा सकती।कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नहीं दे सकती। चाहे वह प्रॉक्टर गेम्बल हो या पतंजलि।सभी कम्पनियां अपने सामानों को बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।
••कश्चनापि कृत्रिमलेप: भवन्तं गौरवर्णं कर्तुं न शक्नोति।कश्चनापि केशमार्जक: केशपातं निवारयितुं न शक्नोति ।किञ्चिदपि तैलं केशोत्पादनं कर्तुं न शक्नोति।किञ्चिदपि फेनकं भवते बालवत् त्वक् दातुं न शक्नोति।कामंं स उत्पाद: प्रॉक्टर एण्ड गैम्बल इति उत्पादकस्य भवेत् उत पतञ्जलि इति उत्पादकस्य।सर्वे उत्पादका: स्ववस्तूनि विक्रेतुं मृषा वदन्ति।
ये सब कुदरती होते है।उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बालों तक में बदलाव आता है। पुरानी मशीन को maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नहीं कर सकते।
••एताः सर्वाः परिस्थितय: प्राकृतिका: भवन्ति।यथा-यथा वय: वर्धितं भवति तथा-तथा शरीरस्य त्वचः केशा: च परिवर्तनन्ते। पुरातनं यन्त्रं परिपालयित्वा सम्यक् चालयितुं शक्नोति, परन्तु नूतनं कर्तुं न शक्नोति।
ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी में नीम।किसी क्रीम में केसर नहीं होती क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नहीं होती।
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••भवतः नासिका स्थूला अस्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।भवतः नेत्रे लघू स्त: चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।भवान् गौरवर्ण: नास्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति उत भवत: अधरयो: आकारः सम्यक् नास्ति चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति तथापि वयं सुन्दराः स्मः भवन्त: स्वसौन्दर्यं परिचिन्वन्तु।
दूसरों से कमेंट या वाहवाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है अपनी सुंदरता को महसूस करना।
••अन्येषां टिप्पणीं करतालं वा प्राप्तुं सौन्दर्याद् दृश्यमानात् अधिकं महत्त्वपूर्णमस्ति यत् स्वसौन्दर्यस्यानुभूतिः।
~उमेशगुप्तः
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August 19, 2023
August 19, 2023
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@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰श्रीमद्भगवद्गीतायाः द्वितीयोऽध्यायः
🗓२० अगस्त २०२३, रविवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन ( श्रीमद्भगवद्गीतायाः द्वितीयोऽध्यायस्य विवरणं कुर्वन्तु )। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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August 19, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 20 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त 21 अगस्त प्रातः 04:22 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - साध्य रात्रि 09:59 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - शाम 05:32 से 07:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:08
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 20 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
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⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त 21 अगस्त प्रातः 04:22 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - साध्य रात्रि 09:59 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - शाम 05:32 से 07:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:08
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:33 तक
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August 19, 2023
August 19, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
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August 19, 2023
https://youtu.be/fdrEDVDzjgE
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 20/8/2023
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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August 19, 2023
August 19, 2023
August 19, 2023
August 19, 2023
August 19, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
द्वितीयोऽध्यायः
#samlapshala
#samlapshala
August 19, 2023
August 20, 2023
🍃
कलिविडम्बनम् (नीलकण्ठदीक्षितः)
🔆अस्मिन् जगति के वी ते जनाः स्युः ये मूर्खाणां स्तवनं कुर्युः (न स्युः इति अर्थः)। ते तु स्वयमेव आत्मनः प्रशंसनं कुर्वन्ति तदैव तेषां संतोषस्स्यात्।
⚜इस पृथ्वी पर मूर्ख व्यक्ति की प्रशंसा करनेवाले कौन होंगे? यदि वे स्वयं की प्रशंसा नहीं करेंगे तो वह संतुष्टि को कब प्राप्त करेंगे? (कदापि न)
#Subhashitam
स्तोतारः के भविष्यन्ति मूर्खस्य जगतीतले।
न स्तौति चेत् स्वयं च स्वं कदा तस्यास्तु निर्वृतिः
॥कलिविडम्बनम् (नीलकण्ठदीक्षितः)
🔆अस्मिन् जगति के वी ते जनाः स्युः ये मूर्खाणां स्तवनं कुर्युः (न स्युः इति अर्थः)। ते तु स्वयमेव आत्मनः प्रशंसनं कुर्वन्ति तदैव तेषां संतोषस्स्यात्।
⚜इस पृथ्वी पर मूर्ख व्यक्ति की प्रशंसा करनेवाले कौन होंगे? यदि वे स्वयं की प्रशंसा नहीं करेंगे तो वह संतुष्टि को कब प्राप्त करेंगे? (कदापि न)
#Subhashitam
August 19, 2023
गच्छति गच्छतः गच्छन्ति
गच्छसि गच्छथ गच्छथः
गच्छामि गच्छावः गच्छामः कः दोषः।
गच्छसि गच्छथ गच्छथः
गच्छामि गच्छावः गच्छामः कः दोषः।
Anonymous Quiz
80%
मध्यमपुरुषे दोषः
8%
उत्तमपुरुषे दोषः
4%
प्रथमपुरुषे दोषः
8%
दोषः नास्ति
August 20, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना आपको तनावमुक्त जीवन देता है।हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है। उसका आनंद लीजिये। ••स्वयं वर्धमानेन वयसा सह स्वीकरणं भवते चिन्तामुक्तं जीवनं ददाति।प्रत्येकं वय: एकस्य भिन्नप्रकारस्य सौन्दर्यमानयति।तस्यानन्दमनुभवतु।…
हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है क्योंकि वह छल कपट से परे मासूम होता है और बडे़ होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वह मासूमियत खो देती है।फिर उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।
••प्रत्येकं बालक: अस्मात् कारणात् सुन्दरो दृश्यते यतोहि स वञ्चनात् परं छलरहित: निर्दोषश्च भवति तथा च यदा वयं वृद्धाः भवेम तदा वयं कपटेन वञ्चनेन च सह जीवनं जीवितुं आरभामहे तदुपरान्तं तत् निर्दोषत्वं नष्टं भवति।ततः वयं धनव्ययेन तत् सौन्दर्यं क्रेतुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।
••मनसः सौन्दर्यं प्रति ध्यानं ददातु।
पेट निकल गया तो कोई बात नहीं।उसके लिए शर्माना ज़रूरी नहीं।आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता-बढ़ता है।उसे समझने का प्रयास कीजिए।
••उदरं लम्बं जातं चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।तदर्थं लज्जायाः आवश्यकता नास्ति।भवतः शरीरे भवतः वयसा सह परिवर्तनं भवति, अतः भारः अपि तदनुसारं वर्धते अल्पीभवति च।ता: सर्वा: परिस्थितय: भवान् अवगन्तुं प्रयतताम्।
सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह-तरह के उपदेशों से भरा रहता है।इसे खाओ,उसे मत खाओ।ठंडा खाओ।गर्म पीयो।कपाल भाती करो।सबेरे पानी में निम्बू रस डालकर पीयो।रात को दूध पीयो।ज़ोर से सांस लो।लंबी सांस लो।दाहिने से सोइये।बायें से उठिये।हरी सब्जी खाओ।दाल में प्रोटीन है।
••सम्पूर्णं अन्तर्जालं सामाजिकमाध्यमं च विविधै: प्रवचनैः परिपूर्णमस्ति।एतत् खादतु।एतत् न खादतु।शीतखाद्यं खादतु।उष्णपेयं पिबतु।कपालभातिप्राणायामं करोतु।प्रात: जले निम्बुरसं निक्षिप्य पिबतु।गभीरश्वसनं करोतु।दीर्घश्वसनं करोतु।दक्षिणभागे निद्रां करोतु।।वामभागे जागरतु।हरितशाकव्यञ्जनानि खादतु।सूपेषु प्रोटीनतत्त्वमस्ति।
इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में स्वस्थ होना तो दूर,जीवन में तनाव ही झेलना पड़ता है।
••अस्मिन् अस्तव्यस्ते जीवने स्वास्थ्यं लभ्येत, एतत्तु दूरं, आजीवनम् अशान्तिमयमेव भवति।
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ लिया जाए तो पता चलेगा कि यह ज़िन्दगी बेकार है, ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को। आप डिप्रेस्ड हो जाएंगे।
••यदि सर्वाणि प्रवचनानि आदिनं पठ्येरन् तर्हि एतत् ज्ञायेत् यत् एतत् जीवनं व्यर्थम् अस्ति, न किमपि खादितुम् अवशिष्टं भविष्यति न च किमपि जीवितुं शक्यते।भवान् विषादग्रस्तो भविष्यति।
हम सब मरने के लिये जन्म लेते हैं,कभी ना कभी तो मरना ही है,अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नहीं हुआ है।
••वयं सर्वे मरणार्थं हि जन्म लब्धवन्तः स्मः, यस्मिन् कस्मिन् वा दिने प्रत्येकं वयं मरिष्यामः एव।अद्यावधि अमृतस्य विक्रयणं विपण्यां न आरब्धम्।
बस, हर चीज़ सही मात्रा में खाइये,हर वो चीज़ थोड़ी-थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है।
••केवलं,सर्वं यथामात्रायां खादतु, यत्किञ्चिदपि भवते रोचेत।
भोजन का सम्बंध मन से होता है और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।मन को मारकर खुश नहीं रहा जा सकता।थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिये,टहलने जाइये,लाइट कसरत करिये,व्यस्त रहिये,खुश रहिये,शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये।मन की खुराक है सकारात्मक विचार।
••भोजनं मनसा सह सम्बद्धमस्ति सुभोजनेन चैव मनः सुखी भवति।मनः हत्वा सुखी भवितुं न शक्यते ।किञ्चित् शारीरिकं कार्यं करोतु,भ्रमणार्थं गच्छतु,लघुव्यायामं करोतु,व्यस्त: भवतु, प्रसन्न: भवतु,शरीरात् अधिकं मनः सुन्दरं स्थापयतु।सकारात्मक: विचार: मनसः भोजनं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••प्रत्येकं बालक: अस्मात् कारणात् सुन्दरो दृश्यते यतोहि स वञ्चनात् परं छलरहित: निर्दोषश्च भवति तथा च यदा वयं वृद्धाः भवेम तदा वयं कपटेन वञ्चनेन च सह जीवनं जीवितुं आरभामहे तदुपरान्तं तत् निर्दोषत्वं नष्टं भवति।ततः वयं धनव्ययेन तत् सौन्दर्यं क्रेतुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।
••मनसः सौन्दर्यं प्रति ध्यानं ददातु।
पेट निकल गया तो कोई बात नहीं।उसके लिए शर्माना ज़रूरी नहीं।आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता-बढ़ता है।उसे समझने का प्रयास कीजिए।
••उदरं लम्बं जातं चेत् काचिदपि चिन्ता नास्ति।तदर्थं लज्जायाः आवश्यकता नास्ति।भवतः शरीरे भवतः वयसा सह परिवर्तनं भवति, अतः भारः अपि तदनुसारं वर्धते अल्पीभवति च।ता: सर्वा: परिस्थितय: भवान् अवगन्तुं प्रयतताम्।
सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह-तरह के उपदेशों से भरा रहता है।इसे खाओ,उसे मत खाओ।ठंडा खाओ।गर्म पीयो।कपाल भाती करो।सबेरे पानी में निम्बू रस डालकर पीयो।रात को दूध पीयो।ज़ोर से सांस लो।लंबी सांस लो।दाहिने से सोइये।बायें से उठिये।हरी सब्जी खाओ।दाल में प्रोटीन है।
••सम्पूर्णं अन्तर्जालं सामाजिकमाध्यमं च विविधै: प्रवचनैः परिपूर्णमस्ति।एतत् खादतु।एतत् न खादतु।शीतखाद्यं खादतु।उष्णपेयं पिबतु।कपालभातिप्राणायामं करोतु।प्रात: जले निम्बुरसं निक्षिप्य पिबतु।गभीरश्वसनं करोतु।दीर्घश्वसनं करोतु।दक्षिणभागे निद्रां करोतु।।वामभागे जागरतु।हरितशाकव्यञ्जनानि खादतु।सूपेषु प्रोटीनतत्त्वमस्ति।
इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में स्वस्थ होना तो दूर,जीवन में तनाव ही झेलना पड़ता है।
••अस्मिन् अस्तव्यस्ते जीवने स्वास्थ्यं लभ्येत, एतत्तु दूरं, आजीवनम् अशान्तिमयमेव भवति।
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ लिया जाए तो पता चलेगा कि यह ज़िन्दगी बेकार है, ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को। आप डिप्रेस्ड हो जाएंगे।
••यदि सर्वाणि प्रवचनानि आदिनं पठ्येरन् तर्हि एतत् ज्ञायेत् यत् एतत् जीवनं व्यर्थम् अस्ति, न किमपि खादितुम् अवशिष्टं भविष्यति न च किमपि जीवितुं शक्यते।भवान् विषादग्रस्तो भविष्यति।
हम सब मरने के लिये जन्म लेते हैं,कभी ना कभी तो मरना ही है,अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नहीं हुआ है।
••वयं सर्वे मरणार्थं हि जन्म लब्धवन्तः स्मः, यस्मिन् कस्मिन् वा दिने प्रत्येकं वयं मरिष्यामः एव।अद्यावधि अमृतस्य विक्रयणं विपण्यां न आरब्धम्।
बस, हर चीज़ सही मात्रा में खाइये,हर वो चीज़ थोड़ी-थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है।
••केवलं,सर्वं यथामात्रायां खादतु, यत्किञ्चिदपि भवते रोचेत।
भोजन का सम्बंध मन से होता है और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।मन को मारकर खुश नहीं रहा जा सकता।थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिये,टहलने जाइये,लाइट कसरत करिये,व्यस्त रहिये,खुश रहिये,शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये।मन की खुराक है सकारात्मक विचार।
••भोजनं मनसा सह सम्बद्धमस्ति सुभोजनेन चैव मनः सुखी भवति।मनः हत्वा सुखी भवितुं न शक्यते ।किञ्चित् शारीरिकं कार्यं करोतु,भ्रमणार्थं गच्छतु,लघुव्यायामं करोतु,व्यस्त: भवतु, प्रसन्न: भवतु,शरीरात् अधिकं मनः सुन्दरं स्थापयतु।सकारात्मक: विचार: मनसः भोजनं भवति।
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August 20, 2023
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@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
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🔰 वार्ताः
🗓 २१ अगस्त २०२३, सोमवासरः
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📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(स्वस्थानीयां प्रादेशिकीं आन्ताराष्ट्रीयां वा वार्तां श्रावयन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
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यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
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🗓 २१ अगस्त २०२३, सोमवासरः
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वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 20, 2023
August 20, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी रात्रि 02:00 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 21 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - शुभ रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 07:54 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:07
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नागपंचमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी रात्रि 02:00 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 21 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
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⛅मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - शुभ रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 07:54 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:07
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:33 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नागपंचमी
August 20, 2023
August 20, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/huu6FVy66fI
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar…
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August 20, 2023
August 20, 2023
August 20, 2023
August 20, 2023
🍃
🔅सज्जनानां गृहेषु अतिथीनां कृते आसनं, वासाय स्थानम्, जलम्, मधुरवाण्या सत्कारः इति भावानाम् कदापि अभार : न भवति। ते सर्वदा अतिथिसत्काराय उद्यताः भवन्ति।
⚜सज्जनों के घरों में अतिथियों के लिए आसन, रहने के लिए स्थान, (पीने के लिए) पानी, मधुरवाणी के द्वारा सत्कार (सम्मान)-इन पदार्थों का कभी अभाव (कमी) नहीं होता। वे (सज्जन) सदा अतिथि – सत्कार के लिए तैयार (तत्पर) रहते हैं।
#subhashitam
तृणानि भूमिरुदकं वाक्चतुर्थी च सूनृता।
एतान्यपि सतां गेहे नोच्छिद्यन्ते कदाचन॥
🔅सज्जनानां गृहेषु अतिथीनां कृते आसनं, वासाय स्थानम्, जलम्, मधुरवाण्या सत्कारः इति भावानाम् कदापि अभार : न भवति। ते सर्वदा अतिथिसत्काराय उद्यताः भवन्ति।
⚜सज्जनों के घरों में अतिथियों के लिए आसन, रहने के लिए स्थान, (पीने के लिए) पानी, मधुरवाणी के द्वारा सत्कार (सम्मान)-इन पदार्थों का कभी अभाव (कमी) नहीं होता। वे (सज्जन) सदा अतिथि – सत्कार के लिए तैयार (तत्पर) रहते हैं।
#subhashitam
August 20, 2023
JRRSU SANGOSTHI 24-25.8.23.pdf
430.4 KB
JRRSU SANGOSTHI 24-25.8.23.pdf
August 20, 2023
August 21, 2023
पतमानः जलं शिवलिङ्गार्चनं करोति।
पतमानः इतस्य स्थाने किमागच्छति।
पतमानः इतस्य स्थाने किमागच्छति।
Anonymous Quiz
64%
पतमानम्
15%
पतमत्
10%
पतमानमत्
12%
न कोऽपि एतेषु
August 21, 2023
प्रारम्भिक रचनानुवाद:
Easy sanskrit grammar .
Sentences with Present tense in singular form.
1) तू पढता है। = त्वं पठसि। You study.
2) तू घर जाता है। = त्वं गृहं गच्छसि।
You go to home
3) तू हँसता है। = त्वं हससि।
You laugh.
4) तू राज्य की रक्षा करता है। = त्वं राज्यं रक्षसि।
You protect the country.
5) तू सत्य बोलता है। = त्वं सत्यं वदसि।
You speak truth.
6) तू क्या कहता है? = त्वं किं वदसि?
What do you speak ?
7) तू ईश्वर को नमस्कार करता है। = त्वम् ईश्वरं नमसि ।
You salute Easwar (God).
8) तू पुस्तक पढता है। = त्वं पुस्तकं पठसि।
You read (a) book.
9) तू कहाँ जाता है? = त्वं कुत्र गच्छसि?
Where do you go ?
10) तू आज क्या पढ रहा है? = त्वम् अद्य किं पठसि?
What do you read to-day ?
#vakyabhyas
Easy sanskrit grammar .
Sentences with Present tense in singular form.
1) तू पढता है। = त्वं पठसि। You study.
2) तू घर जाता है। = त्वं गृहं गच्छसि।
You go to home
3) तू हँसता है। = त्वं हससि।
You laugh.
4) तू राज्य की रक्षा करता है। = त्वं राज्यं रक्षसि।
You protect the country.
5) तू सत्य बोलता है। = त्वं सत्यं वदसि।
You speak truth.
6) तू क्या कहता है? = त्वं किं वदसि?
What do you speak ?
7) तू ईश्वर को नमस्कार करता है। = त्वम् ईश्वरं नमसि ।
You salute Easwar (God).
8) तू पुस्तक पढता है। = त्वं पुस्तकं पठसि।
You read (a) book.
9) तू कहाँ जाता है? = त्वं कुत्र गच्छसि?
Where do you go ?
10) तू आज क्या पढ रहा है? = त्वम् अद्य किं पठसि?
What do you read to-day ?
#vakyabhyas
August 21, 2023
अमिताभः बच्चनः एकदा भारतस्य राष्ट्रीयं गीतं गायति स्म। तदानीं अमिताभस्य गीतं श्रुत्वा अत्यन्तं प्रभाविता रेखा अमिताभं श्लेष्टुम् अधावत्। अमिताभः बच्चनः यदा रेखाम् अपश्यत् तदा सः राष्ट्रीयगीतस्य अन्तिमां पङ्क्तिम् उच्चैः अगायत्, जया हे, जया हे, जया हे, जया जया जया जया हे।
तच्छ्रुत्वा रेखा पुनः स्वीये आसन्दे उपाविशत्। 😃
-प्रदीपः!
#hasya
तच्छ्रुत्वा रेखा पुनः स्वीये आसन्दे उपाविशत्। 😃
-प्रदीपः!
#hasya
August 21, 2023
August 21, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी 23 अगस्त प्रातः 03:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 22 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - षष्ठी 23 अगस्त प्रातः 03:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ नक्षत्र - चित्रा सुबह 06:31 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 10:18 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - शाम 03:55 से 05:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:07
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी 23 अगस्त प्रातः 03:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 22 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - षष्ठी 23 अगस्त प्रातः 03:05 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ नक्षत्र - चित्रा सुबह 06:31 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 10:18 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - शाम 03:55 से 05:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:18
⛅ सूर्यास्त - 07:07
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
August 21, 2023
August 21, 2023
August 21, 2023
August 21, 2023
August 21, 2023
August 21, 2023
🍃
( भर्तृहरेः नीतिशतकम् )
♦️Bhavanti namraastaravah phalodgamaih
Navaambubhirbhoomivilambino ghanaah
Anuddhataah satpurushaah samriddhibhih
Swabhaava evaisha paropakaarinaam
🔅परोपकारिणां प्रकृतिगुणान् वर्णयति कविः अत्र l फलवृक्षाः फलभारैः अवनताः भवन्ति l नूतन -अम्भुवाहाः मेघाः सर्वत्र प्रवर्षणार्थं बहुदूरं लम्बायमानाः सन्ति l सत्पुरुषाः सम्पदाम् आगमने विनयशीलाः तिष्ठन्ति l एषः परोपकारिणां जन्मसिद्धस्वभावः एव l
⚜Trees laden with fruits bend down so that people may pluck and enjoy the fruits. Clouds laden with water come down in the form of rain cooling the earth and watering plants and trees. In the same way noble men do not become conceited when fortune embraces them but use their wealth to help others. This is the nature of persons who are always eager to be of help to fellow humans.
#subhashitam
भवन्ति नम्रास्तरवः फलोद्गमैः
नवाम्बुभिर्भूमिविलंबिनो घनाः।
अनुद्धताः सत्पुरुषाः समृद्धिभिः
स्वभाव एवैष परोपकारिणाम्
॥
( भर्तृहरेः नीतिशतकम् )
♦️Bhavanti namraastaravah phalodgamaih
Navaambubhirbhoomivilambino ghanaah
Anuddhataah satpurushaah samriddhibhih
Swabhaava evaisha paropakaarinaam
🔅परोपकारिणां प्रकृतिगुणान् वर्णयति कविः अत्र l फलवृक्षाः फलभारैः अवनताः भवन्ति l नूतन -अम्भुवाहाः मेघाः सर्वत्र प्रवर्षणार्थं बहुदूरं लम्बायमानाः सन्ति l सत्पुरुषाः सम्पदाम् आगमने विनयशीलाः तिष्ठन्ति l एषः परोपकारिणां जन्मसिद्धस्वभावः एव l
⚜Trees laden with fruits bend down so that people may pluck and enjoy the fruits. Clouds laden with water come down in the form of rain cooling the earth and watering plants and trees. In the same way noble men do not become conceited when fortune embraces them but use their wealth to help others. This is the nature of persons who are always eager to be of help to fellow humans.
#subhashitam
August 21, 2023
पतत् जलं शिवलिङ्गार्चनं करोति।
पतत् कीदृशः प्रत्ययः अस्ति।
पतत् कीदृशः प्रत्ययः अस्ति।
Anonymous Quiz
74%
कृत्प्रत्ययः
15%
सुप्प्रत्ययः
11%
विकरणप्रत्ययः
1%
स्त्रीप्रत्ययः
August 22, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
प्रारम्भिक रचनानुवाद: Easy sanskrit grammar . Sentences with Present tense in singular form. 1) तू पढता है। = त्वं पठसि। You study. 2) तू घर जाता है। = त्वं गृहं गच्छसि। You go to home 3) तू हँसता है। = त्वं हससि। You laugh. 4) तू राज्य की रक्षा करता…
11) जब तू आता है तब वह खाना पकाता है। = यदा त्वम् आगच्छसि तदा सः पचति।
When you come he cooks.
12) तू अब पुस्तक पढ रहा है। = त्वम् इदानीं पुस्तकं पठसि।
You are reading (a) book.
----
Words in dual form :
13) तुम दोनों कब पुस्तकें पढते हो? = युवां कदा पुस्तकानि पठथः?
When do you (two) read books ?
14) तुम दोनों सत्य बोलते हो। = युवां सत्यं वदथः।
You (two) speak truth.
15) तुम दोनों क्या कहते हो? = युवां किं वदथः?
What do you (two) say ?
16) तुम दोनों राजा की रक्षा करते हो। = युवां नृपं रक्षथः।
You two protect the king.
—–––
Words in plural form:
17) तुम सब विद्यालय जाते हो। = यूयं विद्यालयं गच्छथ।
You all go to school.
18) तुम सब हँसते हो। = यूयं हसथ।
You all laugh.
19) तुम सब कब पुस्तकें पढते हो? = यूयं कदा पुस्तकानि पठथ?
When do you all read the books ?
20) तुम सब अब कहाँ जाते हो? = यूयम् इदानीं कुत्र गच्छथ?
Where do you all go now ?
----
एतद् वाक्यानि अभ्यासं कुरुष्व ।
Please make practice above written sentences.
#vakyabhyas
When you come he cooks.
12) तू अब पुस्तक पढ रहा है। = त्वम् इदानीं पुस्तकं पठसि।
You are reading (a) book.
----
Words in dual form :
13) तुम दोनों कब पुस्तकें पढते हो? = युवां कदा पुस्तकानि पठथः?
When do you (two) read books ?
14) तुम दोनों सत्य बोलते हो। = युवां सत्यं वदथः।
You (two) speak truth.
15) तुम दोनों क्या कहते हो? = युवां किं वदथः?
What do you (two) say ?
16) तुम दोनों राजा की रक्षा करते हो। = युवां नृपं रक्षथः।
You two protect the king.
—–––
Words in plural form:
17) तुम सब विद्यालय जाते हो। = यूयं विद्यालयं गच्छथ।
You all go to school.
18) तुम सब हँसते हो। = यूयं हसथ।
You all laugh.
19) तुम सब कब पुस्तकें पढते हो? = यूयं कदा पुस्तकानि पठथ?
When do you all read the books ?
20) तुम सब अब कहाँ जाते हो? = यूयम् इदानीं कुत्र गच्छथ?
Where do you all go now ?
----
एतद् वाक्यानि अभ्यासं कुरुष्व ।
Please make practice above written sentences.
#vakyabhyas
August 22, 2023
तव गृहमागन्तेदं
भारतदेशस्य चन्द्रयानाख्यम् ।
चन्द्र स्वागतमस्य
क्षेमेण विधेह्यतिथिवद् भोः ॥
✍🏻रङ्गः
गङ्गे निरुन्धि निजवेगमजस्रमद्य
शम्भो स्थिरीकुरु जटावलिमन्तरिक्षे।
स्तम्भस्व रोहिणि पतिं शश मा प्रधाव
चन्द्राङ्गणे क्षिपति भारतमिन्दुयानम्॥
हे गङ्गे, आज अपनी अविरल गति को रोक लें। हे महादेव, अपनी जटाओं को अन्तरिक्ष में स्थिर कर लें। हे रोहिणि, अपने पति को स्तम्भित करें। और हे शश, अब मत दौड़ो, क्योंकि चन्द्रमा के आँगन में भारत चन्द्रयान प्रक्षेपित कर रहा है।
✍🏻कुशाग्रानिकेतः
August 22, 2023
August 22, 2023
एकदा महिलाद्वयं विथ्यां सहसा सम्मिलितम् ।
प्रथमा उक्तवती - मम पत्युः स्मृतिशक्तिः न्यूना । सर्वमपि विषयं विस्मरति । विथीतः चायचूर्णम् आनेतुम् कथ्यते चेत् सः गुडम् आनयति । अत एव, निरुपायवशतः अहमेव इदानीं वस्तूनि क्रेतुं विथीं प्रति आगतवती अस्मि ।
द्वितीया अवदत् - अहो, एवं वा ! मम पतिः तु इतोऽपि अधिकतरो विस्मरणशीलः । यदा कदाचित् कस्यचन आपणस्य पुरतः, मार्गे वा आवयोः सहसा सम्मेलनं जायेत चेत् सः मां तीक्ष्णदृष्ट्या पश्यन् पृच्छति - अहो, भगिनीं तु पूर्वम् अहं कदाचित् दृष्टवान् अस्मि इति तु स्मरामि, परन्तु कुत्र इत्येव मन्मनसि झटिति नास्फुरत् । का असि त्वं भगिनि ? गृहं कुत्र ? उच्यताम् ।
😊😀
✍🏻श्रीनारदोपाध्यायः
#hasya
प्रथमा उक्तवती - मम पत्युः स्मृतिशक्तिः न्यूना । सर्वमपि विषयं विस्मरति । विथीतः चायचूर्णम् आनेतुम् कथ्यते चेत् सः गुडम् आनयति । अत एव, निरुपायवशतः अहमेव इदानीं वस्तूनि क्रेतुं विथीं प्रति आगतवती अस्मि ।
द्वितीया अवदत् - अहो, एवं वा ! मम पतिः तु इतोऽपि अधिकतरो विस्मरणशीलः । यदा कदाचित् कस्यचन आपणस्य पुरतः, मार्गे वा आवयोः सहसा सम्मेलनं जायेत चेत् सः मां तीक्ष्णदृष्ट्या पश्यन् पृच्छति - अहो, भगिनीं तु पूर्वम् अहं कदाचित् दृष्टवान् अस्मि इति तु स्मरामि, परन्तु कुत्र इत्येव मन्मनसि झटिति नास्फुरत् । का असि त्वं भगिनि ? गृहं कुत्र ? उच्यताम् ।
😊😀
✍🏻श्रीनारदोपाध्यायः
#hasya
August 22, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 अरण्यकाण्डम्
🗓 २३ अगस्त २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(अरण्यकाण्डस्यविवरणं कुर्वन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰 अरण्यकाण्डम्
🗓 २३ अगस्त २०२३, बुधवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(अरण्यकाण्डस्यविवरणं कुर्वन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
👇👇👇👇👇
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
सङ्ग्रहः
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August 22, 2023
August 22, 2023
August 22, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी 24 अगस्त प्रातः 03:31 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 23 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती सुबह 08:08 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - ब्रह्म रात्रि 09:45 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:42 से 02:18 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शरद ऋतु प्रारम्भ, संत तुलसीदासजी जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी 24 अगस्त प्रातः 03:31 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 23 अगस्त 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती सुबह 08:08 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - ब्रह्म रात्रि 09:45 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:42 से 02:18 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शरद ऋतु प्रारम्भ, संत तुलसीदासजी जयंती
August 22, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
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प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 23/8/2023
#vaarta #newsinsanskrit
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 23/8/2023
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार | 23/8/2023
August 22, 2023
August 22, 2023
August 22, 2023
August 22, 2023
August 22, 2023
🍃
🔆 गुणवतः शत्रोः अपेक्षया गुणहीनः मित्रं श्रेष्ठः भवति यतो हि मित्रं तु सदा अस्माकं हितमेव चिन्तयति किन्तु शत्रुस्तु गुणानामुपयोगम् अहितायैव करोति ।
⚜गुणवान शत्रु से सहस्र गुणा श्रेष्ठ गुणहीन मित्र होता है। मित्र यदि गुणहीन भी होगा तो हमारे हित के विषय में ही चिन्तन करेगा, परन्तु शत्रु यदि गुणवान् होगा तो अपने गुणों का प्रयोग हमारे अहित के लिये ही करेगा।
#Subhashitam
गुणवान् वा परजन: स्वजनो निर्गुणोपि वा ।
निर्गुण: स्वजन: श्रेयान् य: पर: पर एव सः
।।🔆 गुणवतः शत्रोः अपेक्षया गुणहीनः मित्रं श्रेष्ठः भवति यतो हि मित्रं तु सदा अस्माकं हितमेव चिन्तयति किन्तु शत्रुस्तु गुणानामुपयोगम् अहितायैव करोति ।
⚜गुणवान शत्रु से सहस्र गुणा श्रेष्ठ गुणहीन मित्र होता है। मित्र यदि गुणहीन भी होगा तो हमारे हित के विषय में ही चिन्तन करेगा, परन्तु शत्रु यदि गुणवान् होगा तो अपने गुणों का प्रयोग हमारे अहित के लिये ही करेगा।
#Subhashitam
August 22, 2023
अवश्यमेव आगच्छन्तु सर्वे https://x.com/i/spaces/1ypKddZMpojKW
August 22, 2023
नि: शुल्क अतिरिक्त अध्ययन के अद्भुत और विराट अवसर का लाभ उठायें और प्रमाण पत्र भी प्राप्त करें ।अभी रजिस्ट्रेशन करें।। जयतु संस्कृतं जयतु भारतम् ।।
समय : रात्रि 8 से 9 (online)
https://forms.gle/369Sznjz2A8kNdCm8
समय : रात्रि 8 से 9 (online)
https://forms.gle/369Sznjz2A8kNdCm8
Google Docs
वैश्विक संस्कृत सेवा (Global Sanskrit Service) Application Form for Free Sanskrit Courses. (निःशुल्क संस्कृत पाठ्यक्रमों…
Conducted By JAGADGURU RAMANANDACHARYA RAJASTHAN SANSKRIT UNIVERSITY, JAIPUR
(जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर द्वारा संचालित )
(जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर द्वारा संचालित )
August 23, 2023
पतत् जलं शिवलिङ्गार्चनं करोति।
पतत् शब्दे कः प्रत्ययः अस्ति।
पतत् शब्दे कः प्रत्ययः अस्ति।
Anonymous Quiz
65%
शतृ
17%
शानच्
13%
ल्यप्
5%
युच्
August 23, 2023
🙏 🌺 संस्कृत वाक्य अभ्यासः 🌺🙏
किमपि सरलं सरलं वदतु
= कुछ भी सरल सरल बोलिये
त्रुटि: भवति चेत् चिन्ता मास्तु
= दोष हो जाए तो भी चिन्ता न करें
कोsपि न हसिष्यति , निश्चिन्तः भवतु
= कोई नहीं हँसेगा , निश्चिन्त राहिए
प्रतिदिनम एकं वाक्यं अवश्यं वदतु
= हररोज एक वाक्य अवश्य बोलें
प्रतिदिनम एकं वाक्यं पठतु
= हररोज एक वाक्य पढ़ें
वर्षे 365 वाक्यानि भविष्यन्ति
= वर्ष में 365 वाक्य होंगे ।
(त्रिशतं पञ्चषष्ठि: वाक्यानि )
दशवर्षेषु सहस्त्राणि वाक्यानि
= दस वर्ष में हजारों वाक्य
पुनः पुनः अभ्यासं कुर्वन्तु सर्वे
= सभी पुनः पुनः अभ्यास करें
श्रवणम् , संभाषणम् , पठनम् , लेखनम्
= सुनना , बोलना , पढ़ना , लिखना ,
संस्कृत-भाषायामेव भवतु
= संस्कृत में ही होने दीजिये
प्रातः - सायं संस्कृत कार्यम्
= सुबह शाम संस्कृत का काम
पवित्रे-कार्ये न कदापि विरामः
= पवित्र कार्य में न कभी विराम हो
संकल्पबद्धा: स्मः वयं
= हम संकल्पबद्ध हैं ।
rj
#vakyabhyas
किमपि सरलं सरलं वदतु
= कुछ भी सरल सरल बोलिये
त्रुटि: भवति चेत् चिन्ता मास्तु
= दोष हो जाए तो भी चिन्ता न करें
कोsपि न हसिष्यति , निश्चिन्तः भवतु
= कोई नहीं हँसेगा , निश्चिन्त राहिए
प्रतिदिनम एकं वाक्यं अवश्यं वदतु
= हररोज एक वाक्य अवश्य बोलें
प्रतिदिनम एकं वाक्यं पठतु
= हररोज एक वाक्य पढ़ें
वर्षे 365 वाक्यानि भविष्यन्ति
= वर्ष में 365 वाक्य होंगे ।
(त्रिशतं पञ्चषष्ठि: वाक्यानि )
दशवर्षेषु सहस्त्राणि वाक्यानि
= दस वर्ष में हजारों वाक्य
पुनः पुनः अभ्यासं कुर्वन्तु सर्वे
= सभी पुनः पुनः अभ्यास करें
श्रवणम् , संभाषणम् , पठनम् , लेखनम्
= सुनना , बोलना , पढ़ना , लिखना ,
संस्कृत-भाषायामेव भवतु
= संस्कृत में ही होने दीजिये
प्रातः - सायं संस्कृत कार्यम्
= सुबह शाम संस्कृत का काम
पवित्रे-कार्ये न कदापि विरामः
= पवित्र कार्य में न कभी विराम हो
संकल्पबद्धा: स्मः वयं
= हम संकल्पबद्ध हैं ।
rj
#vakyabhyas
August 23, 2023
August 23, 2023
कृपया हसन्तु
रमणः विद्यालयात् शीघ्रं गृहम् आगतवान् । तं दृष्ट्वा
माता – किमर्थम् अद्य विद्यालयात् शीघ्रम् आगतवान् ?
रमणः – अहम् एकं मशकं मारितवान् । अतः शिक्षिका मां गृहं प्रति प्रेषितवती ।
माता – मशकं मारितवान्, एतदर्थं भवन्तं गृहं प्रति प्रेषितवती ?
रमणः – आं मातः। मशकः नमनस्य कपोले उपविष्टः आसीत् ।
#hasya
रमणः विद्यालयात् शीघ्रं गृहम् आगतवान् । तं दृष्ट्वा
माता – किमर्थम् अद्य विद्यालयात् शीघ्रम् आगतवान् ?
रमणः – अहम् एकं मशकं मारितवान् । अतः शिक्षिका मां गृहं प्रति प्रेषितवती ।
माता – मशकं मारितवान्, एतदर्थं भवन्तं गृहं प्रति प्रेषितवती ?
रमणः – आं मातः। मशकः नमनस्य कपोले उपविष्टः आसीत् ।
#hasya
August 23, 2023
August 23, 2023
August 23, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/zsAJzGUfBrM?si=j5zyK21uaywgwJZo
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s…
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August 23, 2023
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 25 अगस्त प्रातः 03:10 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 24 अगस्त 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा सुबह 09:04 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 08:37 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:18 से 03:53 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:05
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 25 अगस्त प्रातः 03:10 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 24 अगस्त 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा सुबह 09:04 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 08:37 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:18 से 03:53 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:05
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
#panchang
August 23, 2023
August 23, 2023
🍃
Bhagvadgita 5.5
🔆 यत् स्थानं ज्ञानिभिः ज्ञानयोगाश्रयेण प्राप्यते तदेव स्थानं कर्मयोगिभिः कर्मयोगाश्रयेणापि प्राप्यते। यः एतयोः समत्वं पश्यति स एव बुद्धिमान् स्यात्।
⚜The level which is reached by wisdom is attained through right action as well. He who perceives that the two are one, knows the truth.
⚜जो स्थान ज्ञानियों द्वारा प्राप्त किया जाता है, उसी स्थान पर कर्मयोगी भी पहुँचते हैं। इसलिए जो पुरुष सांख्य और योग को (फलरूप से) एक ही देखता है, वही (वास्तव में) देखता है।।
#Subhashitam
यत्सांख्यैः प्राप्यते स्थानं तद्योगैरपि गम्यते एकं सांख्यं च योगं च यः पश्यति स पश्यति
।।Bhagvadgita 5.5
🔆 यत् स्थानं ज्ञानिभिः ज्ञानयोगाश्रयेण प्राप्यते तदेव स्थानं कर्मयोगिभिः कर्मयोगाश्रयेणापि प्राप्यते। यः एतयोः समत्वं पश्यति स एव बुद्धिमान् स्यात्।
⚜The level which is reached by wisdom is attained through right action as well. He who perceives that the two are one, knows the truth.
⚜जो स्थान ज्ञानियों द्वारा प्राप्त किया जाता है, उसी स्थान पर कर्मयोगी भी पहुँचते हैं। इसलिए जो पुरुष सांख्य और योग को (फलरूप से) एक ही देखता है, वही (वास्तव में) देखता है।।
#Subhashitam
August 23, 2023
जिगमिषति ।
कीदृशः प्रयोगः एषः।
कीदृशः प्रयोगः एषः।
Anonymous Quiz
58%
सन्नन्तप्रयोगः
15%
कर्मणि प्रयोगः
17%
णिजन्तप्रयोगः
9%
एतादृशः प्रयोगः न भवति।
August 24, 2023
रोगी – (चिकित्सकम् उपगम्य एकं पत्रं प्रदर्श्य) भोः महोदय। भवान् एतस्य पत्रस्य उपरि यत् औषधं लिखितवान् तत् कुत्रचिदपि न प्राप्तम् । यतोहि एतत् कोऽपि पठितुम् एव न शक्तवान् ।
चिकित्सक: – भोः मूर्ख। यत् पत्रस्य उपरि लिखितमस्ति तत् न औषधम् । मम लेखनी कार्यं करोति
वा न इति दृष्टुम् अहं तु केवलं लेखनीं चालयित्वा दृष्टवान् आसम् ।
#hasya
चिकित्सक: – भोः मूर्ख। यत् पत्रस्य उपरि लिखितमस्ति तत् न औषधम् । मम लेखनी कार्यं करोति
वा न इति दृष्टुम् अहं तु केवलं लेखनीं चालयित्वा दृष्टवान् आसम् ।
#hasya
August 24, 2023
संस्कृत में वाक्याभ्यास
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
(१)उसे स्नानघर में गाने का शौक है
=तस्य स्नानागारे गायने अभिरूचि: अस्ति।
(२)उसे इस प्रकार की मिठाइयां पसंद है
=तस्मै एतादृशानि मिष्ठान्नानि रोचन्ते।
(३)उसे शिकार करने का शौक है
=तस्य अखेटे अभिरूचि: अस्ति।
(४)मुझे इस प्रकार का रंग अच्छा लगता है= मह्यम् एतादृशं रङ्गं रोचते।
(५)मुझे सुट पहनने का शौक है
=मम परिधानधारणे अभिरूचि: अस्ति।
(६)उसे जासूसी उपन्यास पसंद हैं
= तस्मै गूढार्थ-उपन्यासा: रोचन्ते।
(७)इनलोगों को ध्रुमपान का शौक है
= तेषां ध्रूमपाने आसक्ति: अस्ति।
(१०)मुझे इस प्रकार के गीत अच्छे लगते हैं
=मह्यम् एतादृशानि गीतानि रोचन्ते।
(११)इन लड़कों को पीने का शौक है
=एतेषां युवकानां मद्यपाने आसक्ति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
(१)उसे स्नानघर में गाने का शौक है
=तस्य स्नानागारे गायने अभिरूचि: अस्ति।
(२)उसे इस प्रकार की मिठाइयां पसंद है
=तस्मै एतादृशानि मिष्ठान्नानि रोचन्ते।
(३)उसे शिकार करने का शौक है
=तस्य अखेटे अभिरूचि: अस्ति।
(४)मुझे इस प्रकार का रंग अच्छा लगता है= मह्यम् एतादृशं रङ्गं रोचते।
(५)मुझे सुट पहनने का शौक है
=मम परिधानधारणे अभिरूचि: अस्ति।
(६)उसे जासूसी उपन्यास पसंद हैं
= तस्मै गूढार्थ-उपन्यासा: रोचन्ते।
(७)इनलोगों को ध्रुमपान का शौक है
= तेषां ध्रूमपाने आसक्ति: अस्ति।
(१०)मुझे इस प्रकार के गीत अच्छे लगते हैं
=मह्यम् एतादृशानि गीतानि रोचन्ते।
(११)इन लड़कों को पीने का शौक है
=एतेषां युवकानां मद्यपाने आसक्ति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 24, 2023
August 24, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी रात्रि 02:02 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 25 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा सुबह 09:14 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - वैधृति शाम 06:51 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 11:06 से 12:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:04
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वरद लक्ष्मी व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी रात्रि 02:02 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 25 अगस्त 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा सुबह 09:14 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - वैधृति शाम 06:51 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 11:06 से 12:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:19
⛅ सूर्यास्त - 07:04
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से 05:34 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वरद लक्ष्मी व्रत
August 24, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/F2rBopi8yr4?si=wC7Hlz772P2L_twm
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
August 24, 2023
August 24, 2023
August 24, 2023
August 24, 2023
August 24, 2023
🍃
श्रीमद्भागवत महापुराण,1.17.10
🔆 यस्य राज्ये सर्वा प्रजा दुष्टानामाचरणेन त्रस्ता भवति तस्य उन्मत्तस्य राज्ञः कीर्तिः आयुः ऐश्वर्यं सर्वं विनष्टं भवति।
⚜जिस राजा के राज्य में दुष्टों के उपद्रव से सारी प्रजा त्रस्त रहती है, उस मतवाले राजा की कीर्ति, आयु, ऐश्वर्य और परलोक नष्ट हो जाते हैं।
#Subhashitam
यस्य राष्ट्रे प्रजाः सर्वास्त्रस्यन्ते साध्व्यसाधुभिः।
तस्य मत्तस्य नश्यन्ति कीर्तिरायुर्भगो गतिः
।।श्रीमद्भागवत महापुराण,1.17.10
🔆 यस्य राज्ये सर्वा प्रजा दुष्टानामाचरणेन त्रस्ता भवति तस्य उन्मत्तस्य राज्ञः कीर्तिः आयुः ऐश्वर्यं सर्वं विनष्टं भवति।
⚜जिस राजा के राज्य में दुष्टों के उपद्रव से सारी प्रजा त्रस्त रहती है, उस मतवाले राजा की कीर्ति, आयु, ऐश्वर्य और परलोक नष्ट हो जाते हैं।
#Subhashitam
August 24, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
संलापशाला - चन्द्रयानम् ३
#samlapshala
#samlapshala
August 24, 2023
August 25, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृत में वाक्याभ्यास °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° (१)उसे स्नानघर में गाने का शौक है =तस्य स्नानागारे गायने अभिरूचि: अस्ति। (२)उसे इस प्रकार की मिठाइयां पसंद है =तस्मै एतादृशानि मिष्ठान्नानि रोचन्ते। (३)उसे शिकार करने का शौक है =तस्य अखेटे अभिरूचि: अस्ति। (४)मुझे…
(१२)उषा को गहने पसंद है
=उषायै आभरणानि रोचन्ते।
(१३)उसे जुआ खेलने का शौक है
=तस्य द्यूतक्रीडायाम् आसक्ति: अस्ति।
(१४)उसे टेनिस खेलने का शौक है
=तस्य लानक्रीडायाम् अभिरूचि: अस्ति।
(१५)उन्हें आधुनिकता का शौक है
=तस्य आधुनिकतायाम् अभिरूचि: अस्ति।
(१६)मुझे नयापन का शौक है
=मम नूतनत्वे अभिरूचि: अस्ति।
(१७)उसे संगीत का शौक है
=तस्य संगीते अभिरूचि: अस्ति।
(१८)मुझे इस प्रकार की पोशाक अच्छी लगती है
=मह्यम् एतादृशं परिधानं रोचते।
(१९)वह दूध पसन्द करती है।अथवा
उसको दूध अच्छा लगता है
= तस्यै दुग्धं रोचते।
(२०)वह मछली पसंद करता है।अथवा
उसको मछली अच्छा लगता है
= तस्मै मत्स्यव्यञ्जनं रोचते।
(२१)मैं एक कप चाय पसंद करूंगा
=अहम् एकचषकपूरिताय चायाय स्पृहयिष्यामि।
(२२)मैं थोड़ा और पसंद करूंगा
= अहम् इतोऽपि ऐषिष्यामि।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
=उषायै आभरणानि रोचन्ते।
(१३)उसे जुआ खेलने का शौक है
=तस्य द्यूतक्रीडायाम् आसक्ति: अस्ति।
(१४)उसे टेनिस खेलने का शौक है
=तस्य लानक्रीडायाम् अभिरूचि: अस्ति।
(१५)उन्हें आधुनिकता का शौक है
=तस्य आधुनिकतायाम् अभिरूचि: अस्ति।
(१६)मुझे नयापन का शौक है
=मम नूतनत्वे अभिरूचि: अस्ति।
(१७)उसे संगीत का शौक है
=तस्य संगीते अभिरूचि: अस्ति।
(१८)मुझे इस प्रकार की पोशाक अच्छी लगती है
=मह्यम् एतादृशं परिधानं रोचते।
(१९)वह दूध पसन्द करती है।अथवा
उसको दूध अच्छा लगता है
= तस्यै दुग्धं रोचते।
(२०)वह मछली पसंद करता है।अथवा
उसको मछली अच्छा लगता है
= तस्मै मत्स्यव्यञ्जनं रोचते।
(२१)मैं एक कप चाय पसंद करूंगा
=अहम् एकचषकपूरिताय चायाय स्पृहयिष्यामि।
(२२)मैं थोड़ा और पसंद करूंगा
= अहम् इतोऽपि ऐषिष्यामि।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 25, 2023
रोगी – (वैद्यम् उद्दिश्य) अहं प्रतिदिनं ५० रूप्यकाणाम् औषधं खादन् अस्मि । किन्तु इतोऽपि कोऽपि लाभ: जात: नास्ति ।
वैद्य: – अद्य आरभ्य त्वं ४० रूप्यकाणाम् औषधं स्वीकरोतु तेन तव १० रूप्यकाणां लाभ: भविष्यति ।
#hasya
वैद्य: – अद्य आरभ्य त्वं ४० रूप्यकाणाम् औषधं स्वीकरोतु तेन तव १० रूप्यकाणां लाभ: भविष्यति ।
#hasya
August 25, 2023
चन्द्रं प्राप्तो भारतदेशश्चरितमपूर्वमनेनाद्य
चिरकालस्थिरतपसाऽऽरूढं विमलगुरुपदं विश्वस्मिन्
वैफल्यं यद्धैर्यविलोपि तदेव कृत्वा पदपीठम्
आशङ्कामथ नैराश्यञ्च धिक्कृत्य धृतिमवलम्ब्य ।
यतितमनेन सुदृढमनसा निरन्तरं विधुजिगीषुणा
अमोघं फलं लभत एव तत्तुल्यनिष्क्रयप्रदानधीरः ॥
लोकहिताय सर्वसुखाय जगन्मङ्गलाय च नित्यम्
ईहमानेन कृतिशूरेण निहितश्चरणश्चन्द्रतले ।
नूनमिदं सुदिनं जगतो यद्भारतदेशो दिग्विजयी
विश्वसुहृदः समुन्नतिश्चेद्भविता विश्वोद्धरणमवश्यम् ॥
भूयादिदम् पदमेवाद्यं व्योमसञ्चारिभारतस्य वै
अप्रमेयसद्यशोविभूषः स्थेयादयं सुचिरकालम् ।
एतद्विजयविवर्धितवीर्यो वर्तिषीष्ट विनयान्वित एषः
पुनरप्यात्मन्युह्याद्धर्मं सनातनाख्यं श्रेयसां निधिम् ॥
#SanskritCarnaticMusic
चिरकालस्थिरतपसाऽऽरूढं विमलगुरुपदं विश्वस्मिन्
वैफल्यं यद्धैर्यविलोपि तदेव कृत्वा पदपीठम्
आशङ्कामथ नैराश्यञ्च धिक्कृत्य धृतिमवलम्ब्य ।
यतितमनेन सुदृढमनसा निरन्तरं विधुजिगीषुणा
अमोघं फलं लभत एव तत्तुल्यनिष्क्रयप्रदानधीरः ॥
लोकहिताय सर्वसुखाय जगन्मङ्गलाय च नित्यम्
ईहमानेन कृतिशूरेण निहितश्चरणश्चन्द्रतले ।
नूनमिदं सुदिनं जगतो यद्भारतदेशो दिग्विजयी
विश्वसुहृदः समुन्नतिश्चेद्भविता विश्वोद्धरणमवश्यम् ॥
भूयादिदम् पदमेवाद्यं व्योमसञ्चारिभारतस्य वै
अप्रमेयसद्यशोविभूषः स्थेयादयं सुचिरकालम् ।
एतद्विजयविवर्धितवीर्यो वर्तिषीष्ट विनयान्वित एषः
पुनरप्यात्मन्युह्याद्धर्मं सनातनाख्यं श्रेयसां निधिम् ॥
#SanskritCarnaticMusic
August 25, 2023
candraM prApto bhAratadeshaH
भारतस्य प्राप्ताशं चन्द्रयानं निमित्तीकृत्य संस्कृतभारत्याः केनचित् कार्यकर्त्रा रचितं किञ्चन् संस्कृतगीतम् 👇। सः कार्यकर्ता प्रायः प्रथमचन्द्रयानं यदा सज्जीक्रियमाणम् आसीत् तदा एव संस्कृतभारत्याः सम्पर्के आगतः - प्राथमिकसम्भाषणशिबिरस्य छात्ररूपेण । पञ्चदशभ्यः षोडशभ्यः वा वर्षेभ्यः पूर्वम् । यथा चन्द्रयानं प्रवृद्धम्, अद्य चन्द्रलोके विरहति च तथा अयं कार्यकर्ता अपि गतेषु पञ्चदशसु वर्षेषु स्व-संस्कृत-प्रयाणे अग्रे गतः अस्ति । सुखेन इन्दुतलम् आलिङ्गितवत् चन्द्रयानम् उद्दिश्य संस्कृतगीतमेकं रचयितुं सः समर्थः सञ्जातः अस्ति अद्यावधि !!!!
---------
A poem in Samskritam composed by one of our kāryakartā-s on the successful occasion of Chandrayaan-3 Mission 👇.
This kāryakartā (kk) probably came in contact with Samskrita Bharati (USA) about 15-16 years ago just when Chandrayaan-1 was being put together. In a sense, his 'Samskritam Journey' has seen the same type of growth as that of Chandrayaan.
#SanskritCarnaticMusic
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A poem in Samskritam composed by one of our kāryakartā-s on the successful occasion of Chandrayaan-3 Mission 👇.
This kāryakartā (kk) probably came in contact with Samskrita Bharati (USA) about 15-16 years ago just when Chandrayaan-1 was being put together. In a sense, his 'Samskritam Journey' has seen the same type of growth as that of Chandrayaan.
#SanskritCarnaticMusic
August 25, 2023
August 25, 2023
@samskrt_samvadah संलापशाला - A Samskrit Voicechat room.
यदीच्छसि वशीकर्तुं, भाषणमेककर्मणा।
यायास्संलापशालां वै, भवति यत्र भाषणम्।।
⏳ ४५ निमेषाः
🕛 IST ११:०० AM
🔰सुभाषितादीनि
🗓२६ अगस्त २०२३, शनिवासरः
🔴Voicechat would be recorded and shared on this channel.
📑यदि शक्येत चेत् संस्कृतेन(संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं ,प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु)। चर्चार्थं कृपया पूर्वसिद्धतां कृत्वा आगच्छन्तु।
वयं युष्माकं प्रतीक्षां कुर्मः। 😇
स्मारणतंत्रिकां स्थापयतु ⏰
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सङ्ग्रहः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 25, 2023
August 25, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 26 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 08:37 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - विष्कम्भ शाम 04:27 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 11:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:03
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 26 अगस्त 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 08:37 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - विष्कम्भ शाम 04:27 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 11:06 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:03
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:19 से 01:04 तक
August 25, 2023
August 25, 2023
August 25, 2023
August 25, 2023
🍃
Bhagvadgita 4.19
🔆 यस्य सर्वाणि कर्माणि सङ्कल्पकामनादिभिः निर्मुक्ताः सन्ति तथा ज्ञानरूपिणेन अग्निना ज्वलिताः सन्ति तादृशं जनं बुद्धिमन्तः पण्डितं वदन्ति।
⚜The wise call him a sage, for whatever he undertakes is free from the motive of desire, and his deeds are purified by the fire of Wisdom.
⚜जिसके सम्पूर्ण कर्मों के आरम्भ संकल्प और कामना से रहित हैं तथा जिसके सम्पूर्ण कर्म ज्ञानरूपी अग्नि से जल गये हैं, उसको ज्ञानी जन भी पण्डित (बुद्धिमान्) कहते हैं।
#Subhashitam
यस्य सर्वे समारम्भाः कामसङ्कल्पवर्जिताः । ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पण्डितं बुधाः
।।Bhagvadgita 4.19
🔆 यस्य सर्वाणि कर्माणि सङ्कल्पकामनादिभिः निर्मुक्ताः सन्ति तथा ज्ञानरूपिणेन अग्निना ज्वलिताः सन्ति तादृशं जनं बुद्धिमन्तः पण्डितं वदन्ति।
⚜The wise call him a sage, for whatever he undertakes is free from the motive of desire, and his deeds are purified by the fire of Wisdom.
⚜जिसके सम्पूर्ण कर्मों के आरम्भ संकल्प और कामना से रहित हैं तथा जिसके सम्पूर्ण कर्म ज्ञानरूपी अग्नि से जल गये हैं, उसको ज्ञानी जन भी पण्डित (बुद्धिमान्) कहते हैं।
#Subhashitam
August 25, 2023
August 25, 2023
______ (४०) महिलीभिः पचनकार्यं क्रियते कार्यक्रमे।
Anonymous Quiz
66%
चत्वारिंशद्भिः
19%
चत्वारिंशतैः
6%
चत्वारिंशतेन
10%
चत्वारिंशता
August 26, 2023
नि+विश् (आत्मनेपदी)
-----------
(१)चोर रात में घर में घुसता है
= चौर: रात्रौ गृहे निविशते।
(२)पैर में कांटा गड़ता है
=पदे कण्टकं निविशते।
(३) कनखजूरे अक्सर लोगों के कान में घुस जाता है
= शतपादा: प्रायश: जनानां कर्णेषु निविशन्ते।
(४)वह फिर से रेल के कम्पार्टमेन्ट में घुस जाता है
=स पुन: रेलकोष्ठे निविशते।
(५)शेर जंगल में घुस जाए
= सिंह: कानने निविशताम्।
(६)भैंस पानी में घुस गई
=महिषी नीरे न्यविशत।
(७)विद्यार्थी को विद्यालय में घुसना चाहिए
=छात्र: विद्यालयं निविशेत।
(८)वह बाजार में घुसेगा
= स विपण्यां निवेक्ष्यते।
(९)मेरे द्वारा नहाकर मन्दिर में घुसा जाता है
= मया स्नात्वा मन्दिरे निविश्यते।
(१०)हाथ पैर धोकर ही घर में घुसना चाहिए
= पादहस्तप्रक्षालनान्तरमेव गृहे निविशेत।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
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(१)चोर रात में घर में घुसता है
= चौर: रात्रौ गृहे निविशते।
(२)पैर में कांटा गड़ता है
=पदे कण्टकं निविशते।
(३) कनखजूरे अक्सर लोगों के कान में घुस जाता है
= शतपादा: प्रायश: जनानां कर्णेषु निविशन्ते।
(४)वह फिर से रेल के कम्पार्टमेन्ट में घुस जाता है
=स पुन: रेलकोष्ठे निविशते।
(५)शेर जंगल में घुस जाए
= सिंह: कानने निविशताम्।
(६)भैंस पानी में घुस गई
=महिषी नीरे न्यविशत।
(७)विद्यार्थी को विद्यालय में घुसना चाहिए
=छात्र: विद्यालयं निविशेत।
(८)वह बाजार में घुसेगा
= स विपण्यां निवेक्ष्यते।
(९)मेरे द्वारा नहाकर मन्दिर में घुसा जाता है
= मया स्नात्वा मन्दिरे निविश्यते।
(१०)हाथ पैर धोकर ही घर में घुसना चाहिए
= पादहस्तप्रक्षालनान्तरमेव गृहे निविशेत।
~उमेशगुप्तः
#Vakyabhyas
August 26, 2023
August 26, 2023
📢On the occasion of Samskrit Week Celebrations
Samskrit Promotion Foundation presents
✍️Samskrit Song Writing Competition
⬇️To know more visit -https://samskrittutorial.in/samskrit_song_competition
🗓️ Last Date - 31-08-2023
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August 26, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
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August 26, 2023
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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August 26, 2023
August 26, 2023
August 26, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 27 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 07:09 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - प्रीति दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - शाम 05:27 से 07:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:02
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 27 अगस्त 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
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⛅ अयन - दक्षिणायन
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⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 07:09 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - प्रीति दोपहर 01:27 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - शाम 05:27 से 07:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:02
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
#panchang
August 26, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
https://youtu.be/tufQH2uirUM?si=QpZWOa-xSgGgUCIi
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
August 26, 2023
August 26, 2023
August 26, 2023
August 26, 2023
August 26, 2023
🍃
🔆 जनानां निन्दाकरणं विना बहूनां संतोषः एव न भवति यथा काकः सर्वरसयुक्तं भोजनं कृत्वापि अवकरं विना तृप्तः न भवति ।
⚜लोगों की निंदा किये बिना दुष्ट व्यक्तियों को आनंद नहीं आता। जैसे कौवा सब रसों का भोग करता है।
परंतु गंदगी के बिना उसकी तृप्ति नहीं होती ।
#Subhashitam
न विना परवादेन रमते दुर्जनो जनः ।
काक: सर्वरसान् भुङ्क्ते विनामध्यम न तृप्यति
॥🔆 जनानां निन्दाकरणं विना बहूनां संतोषः एव न भवति यथा काकः सर्वरसयुक्तं भोजनं कृत्वापि अवकरं विना तृप्तः न भवति ।
⚜लोगों की निंदा किये बिना दुष्ट व्यक्तियों को आनंद नहीं आता। जैसे कौवा सब रसों का भोग करता है।
परंतु गंदगी के बिना उसकी तृप्ति नहीं होती ।
#Subhashitam
August 26, 2023
August 27, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
नि+विश् (आत्मनेपदी) ----------- (१)चोर रात में घर में घुसता है = चौर: रात्रौ गृहे निविशते। (२)पैर में कांटा गड़ता है =पदे कण्टकं निविशते। (३) कनखजूरे अक्सर लोगों के कान में घुस जाता है = शतपादा: प्रायश: जनानां कर्णेषु निविशन्ते। (४)वह फिर से रेल के कम्पार्टमेन्ट…
(११)मेढक घर में घुसता है
= अजिह्व: गृहे निविशते।
(१२)जब ब्राह्मण हाथ पैर धोकर घर में घुसता था तो दुनिया उनपर हंसती थी। परन्तु,अब उसकी बात का सभी जगह समर्थन हो रहा है
=यदा ब्राह्मण: पादप्रक्षालनं कृत्वा गृहे निविशते स्म,तदानीं विश्वे तस्य उपहास: भवति स्म।परन्तु,इदानीं सर्वत्र तस्य विचार: समर्थ्यते।
(१३) सरकारी स्टाफ बायोमेट्रिक मशीन दबाकर ऑफिस में घुसता है और बायोमेट्रिक मशीन दबाकर ही ऑफिस से बाहर निकलता है = सर्वकारीय: कर्मचारी
व्यक्तिचिह्नकयन्त्रं स्पृष्ट्वा एव कार्यालये निविशते व्यक्तिचिह्नकयन्त्रं स्पृष्ट्वा चैव कार्यालयात् बहिर्गच्छति।
(१४)धागा लगाते समय भूल से सूई हाथ में चुभ गया
=सूत्रग्रन्थनं समये त्रुटिवशात्/अनवधानेन सूचिका हस्ते न्यविशत।
(१५)धर्म जीवन में प्रवेश करता है तो शान्ति देता है।
= धर्मं जीवने निविशते चेत् शान्तिं ददाति।
——————————————————
चॉक और डस्टर दोनों एक दूसरे के साथी हैं।जब जब ब्लैकबोर्ड पर कुछ गलती हो जाती है तो डस्टर की सहायता से ही उसे मिटा कर के ही कोई शिक्षक अच्छे से बच्चों को पढ़ा सकता है।ब्लैकबोर्ड चॉक और डस्टर के अभाव में अच्छा शिक्षक भी छात्रों को पढ़ाने-लिखाने में अपने को असहाय महसूस करता है। मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि अधिकांशं सरकारी स्कूलों में बिना ब्लैकबोर्ड के बिना ही पढ़ाई हो रही है।
••सुधाखण्ड: मार्जक: च परस्परं सहचरौ स्त:। यदा यदा श्यामपट्टे काचित् त्रुटिर्भवति तदा तदा मार्जकस्य साहाय्येनैव तां मार्जयित्वा कश्चन शिक्षक: सम्यक् बालकान् पाठयितुं शक्नोति।श्यामपट्टस्य,सुधाखण्डस्य,मार्जकस्य च अभावे सुयोग्य: शिक्षकः अपि छात्रा: छात्रान् च पाठयितुं लेखयितुं च स्वयम् असहायम् अनुभवति। मया सकष्टं कथ्यते यत् बहुषु सर्वकारि-विद्यालयेषु श्यामपट्टं विनैव पाठनकार्यं क्रियते।
करछुल का उपयोग कड़ाही और कूकर से दाल,चावल और सब्जियां निकालकर लोगों को खाने के लिए परोसा जाता है।
••दर्व्या: उपयोग: कटाह्या: वाष्पस्थाल्या: च सूपान् ओदनानि शाकव्यञ्जनानि च निष्कास्य जनान् भोजयितुं परिवेषणे क्रियते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
= अजिह्व: गृहे निविशते।
(१२)जब ब्राह्मण हाथ पैर धोकर घर में घुसता था तो दुनिया उनपर हंसती थी। परन्तु,अब उसकी बात का सभी जगह समर्थन हो रहा है
=यदा ब्राह्मण: पादप्रक्षालनं कृत्वा गृहे निविशते स्म,तदानीं विश्वे तस्य उपहास: भवति स्म।परन्तु,इदानीं सर्वत्र तस्य विचार: समर्थ्यते।
(१३) सरकारी स्टाफ बायोमेट्रिक मशीन दबाकर ऑफिस में घुसता है और बायोमेट्रिक मशीन दबाकर ही ऑफिस से बाहर निकलता है = सर्वकारीय: कर्मचारी
व्यक्तिचिह्नकयन्त्रं स्पृष्ट्वा एव कार्यालये निविशते व्यक्तिचिह्नकयन्त्रं स्पृष्ट्वा चैव कार्यालयात् बहिर्गच्छति।
(१४)धागा लगाते समय भूल से सूई हाथ में चुभ गया
=सूत्रग्रन्थनं समये त्रुटिवशात्/अनवधानेन सूचिका हस्ते न्यविशत।
(१५)धर्म जीवन में प्रवेश करता है तो शान्ति देता है।
= धर्मं जीवने निविशते चेत् शान्तिं ददाति।
——————————————————
चॉक और डस्टर दोनों एक दूसरे के साथी हैं।जब जब ब्लैकबोर्ड पर कुछ गलती हो जाती है तो डस्टर की सहायता से ही उसे मिटा कर के ही कोई शिक्षक अच्छे से बच्चों को पढ़ा सकता है।ब्लैकबोर्ड चॉक और डस्टर के अभाव में अच्छा शिक्षक भी छात्रों को पढ़ाने-लिखाने में अपने को असहाय महसूस करता है। मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि अधिकांशं सरकारी स्कूलों में बिना ब्लैकबोर्ड के बिना ही पढ़ाई हो रही है।
••सुधाखण्ड: मार्जक: च परस्परं सहचरौ स्त:। यदा यदा श्यामपट्टे काचित् त्रुटिर्भवति तदा तदा मार्जकस्य साहाय्येनैव तां मार्जयित्वा कश्चन शिक्षक: सम्यक् बालकान् पाठयितुं शक्नोति।श्यामपट्टस्य,सुधाखण्डस्य,मार्जकस्य च अभावे सुयोग्य: शिक्षकः अपि छात्रा: छात्रान् च पाठयितुं लेखयितुं च स्वयम् असहायम् अनुभवति। मया सकष्टं कथ्यते यत् बहुषु सर्वकारि-विद्यालयेषु श्यामपट्टं विनैव पाठनकार्यं क्रियते।
करछुल का उपयोग कड़ाही और कूकर से दाल,चावल और सब्जियां निकालकर लोगों को खाने के लिए परोसा जाता है।
••दर्व्या: उपयोग: कटाह्या: वाष्पस्थाल्या: च सूपान् ओदनानि शाकव्यञ्जनानि च निष्कास्य जनान् भोजयितुं परिवेषणे क्रियते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 27, 2023
(लघु नाटीका)
संस्कृतभाषा ज्ञानभाषा ।
(नाटककारः -मंगेशः मुळी,अंबाजोगाई)
सर्वे छात्रा: - आचार्य नमो नमः ।
आचार्यः - नमो नमः । उपविशत।
सर्वे छात्राः - धन्यवाद: ।
छात्र १- हे आचार्य । अहं आगच्छानि?
आचार्यः -आगच्छ ।
छात्र १ - आचार्य,नमो नमः ।
आचार्यः - नमो नमः | विलम्बः किमर्थम् ?
छात्र १ - मम द्विचक्रिकायाः चक्रात् अकस्मात् वायु: निर्गतः अतः विलम्ब: अभवत् ।
आचार्यः - अस्तु । उपविश ।
आचार्यः - हे छात्राः, किं जानीथ अद्य कः दिनविशेषः अस्ति?
छात्र २ - आचार्य , अद्य तु रक्षाबन्धनम् अस्ति ।
आचार्य: - शोभनम् । शोभनम् । अपरः?
छात्र ३ - नारिकेल पौर्णिमा अपि अस्ति।
आचार्यः - शोभनं, तथा च अद्य संस्कृतदिनम् अपि अस्ति।
छात्रः ४ - आचार्य, हॅप्पी संस्कृतदिनम् ।
आचार्य: - धन्यवादः । किन्तु आंग्लभाषायां न संस्कृतभाषायां एव शुभाशयाः अपेक्षितम् । यथा ' सर्वेभ्यः संस्कृतदिनस्य शुभाशयाः' ।
सर्वे छात्राः - ' संस्कृतदिनस्य शुभाशयाः'
आचार्यः - हे छात्रा: संस्कृतदिनस्य केवलं शुभेच्छा न अपेक्षिता किन्तु संस्कृतभाषाया: संरक्षणं,प्रसारम् अपि अपेक्षितम्। संस्कृतभाषा विषये यूयं किं किं जानीथ?
छात्रः ५ - संस्कृतभाषा चिरपुरातनी भाषा । सा सर्वासां भाषाणां जननी ।
आचार्यः - शोभनन् ।
छात्र: ६ - संस्कृतभाषा ज्ञानभाषा । संस्कृतभाषा संगणकयोग्या भाषा ।
छात्रः ७ - अस्माकं प्राचीनाः ग्रन्थाःसंस्कृतभाषायां एव सन्ति ।
आचार्य: - बहु सम्यक् । परह्यः इस्रो संस्थायाः अध्यक्षः एस. सोमनाथन् उक्तवान् यत्, ' पाश्चात्यैः ये संशोधनं कृतम् तत् सर्वं ज्ञानं अस्माकं वेदेभ्यः एव वर्तते ' किन्तु अस्माभिः दुर्लक्षितम् ।
सर्वे छात्राः - आम् आचार्य ।
आचार्यः - यूयं के के ग्रन्थाः जानीथ?
छात्रः - ८ -चत्वारः वेदाः,योगशास्त्रम्,
छात्र - ९ - आयुर्वेद:, सुश्रुतसंहिता ,
छात्र - १० - कणाद महर्षेः वैशेषिसुत्राणि,
आचार्य: - शोभनम्,शोभनम् । 'अतः संस्कृतभाषा केवलं भाषा न संस्कृत भाषा ज्ञानभाषा '
जयतु संस्कृतम् । जयतु संस्कृतम् ।
सर्वे छात्राः -जयतु संस्कृतम् । जयतु संस्कृतम् ।
#Samvadah
संस्कृतभाषा ज्ञानभाषा ।
(नाटककारः -मंगेशः मुळी,अंबाजोगाई)
सर्वे छात्रा: - आचार्य नमो नमः ।
आचार्यः - नमो नमः । उपविशत।
सर्वे छात्राः - धन्यवाद: ।
छात्र १- हे आचार्य । अहं आगच्छानि?
आचार्यः -आगच्छ ।
छात्र १ - आचार्य,नमो नमः ।
आचार्यः - नमो नमः | विलम्बः किमर्थम् ?
छात्र १ - मम द्विचक्रिकायाः चक्रात् अकस्मात् वायु: निर्गतः अतः विलम्ब: अभवत् ।
आचार्यः - अस्तु । उपविश ।
आचार्यः - हे छात्राः, किं जानीथ अद्य कः दिनविशेषः अस्ति?
छात्र २ - आचार्य , अद्य तु रक्षाबन्धनम् अस्ति ।
आचार्य: - शोभनम् । शोभनम् । अपरः?
छात्र ३ - नारिकेल पौर्णिमा अपि अस्ति।
आचार्यः - शोभनं, तथा च अद्य संस्कृतदिनम् अपि अस्ति।
छात्रः ४ - आचार्य, हॅप्पी संस्कृतदिनम् ।
आचार्य: - धन्यवादः । किन्तु आंग्लभाषायां न संस्कृतभाषायां एव शुभाशयाः अपेक्षितम् । यथा ' सर्वेभ्यः संस्कृतदिनस्य शुभाशयाः' ।
सर्वे छात्राः - ' संस्कृतदिनस्य शुभाशयाः'
आचार्यः - हे छात्रा: संस्कृतदिनस्य केवलं शुभेच्छा न अपेक्षिता किन्तु संस्कृतभाषाया: संरक्षणं,प्रसारम् अपि अपेक्षितम्। संस्कृतभाषा विषये यूयं किं किं जानीथ?
छात्रः ५ - संस्कृतभाषा चिरपुरातनी भाषा । सा सर्वासां भाषाणां जननी ।
आचार्यः - शोभनन् ।
छात्र: ६ - संस्कृतभाषा ज्ञानभाषा । संस्कृतभाषा संगणकयोग्या भाषा ।
छात्रः ७ - अस्माकं प्राचीनाः ग्रन्थाःसंस्कृतभाषायां एव सन्ति ।
आचार्य: - बहु सम्यक् । परह्यः इस्रो संस्थायाः अध्यक्षः एस. सोमनाथन् उक्तवान् यत्, ' पाश्चात्यैः ये संशोधनं कृतम् तत् सर्वं ज्ञानं अस्माकं वेदेभ्यः एव वर्तते ' किन्तु अस्माभिः दुर्लक्षितम् ।
सर्वे छात्राः - आम् आचार्य ।
आचार्यः - यूयं के के ग्रन्थाः जानीथ?
छात्रः - ८ -चत्वारः वेदाः,योगशास्त्रम्,
छात्र - ९ - आयुर्वेद:, सुश्रुतसंहिता ,
छात्र - १० - कणाद महर्षेः वैशेषिसुत्राणि,
आचार्य: - शोभनम्,शोभनम् । 'अतः संस्कृतभाषा केवलं भाषा न संस्कृत भाषा ज्ञानभाषा '
जयतु संस्कृतम् । जयतु संस्कृतम् ।
सर्वे छात्राः -जयतु संस्कृतम् । जयतु संस्कृतम् ।
#Samvadah
August 27, 2023
🛕संस्कृतभारतीबिहारप्रान्तस्य राजकीयसंस्कृतमहाविद्यालयस्य च संयुक्ततत्त्वाधाने संस्कृतदिवस आयोज्यते।
📮भवन्तः सर्वेऽप्यस्मिन् सादरम् आमन्त्रिताः सन्ति। कृपयाऽगत्य स्वगरिमाम् उपस्थापयत।
📆३०/०८/२०२३
⏰ ३ वादनतः ५ वादनपर्यन्तम्
स्थानम् https://maps.app.goo.gl/eKZyvSwejaaSYzjUA
संयोजकः श्रीरामेश्वरधारीसिंहः
+919934986645
📮भवन्तः सर्वेऽप्यस्मिन् सादरम् आमन्त्रिताः सन्ति। कृपयाऽगत्य स्वगरिमाम् उपस्थापयत।
📆३०/०८/२०२३
⏰ ३ वादनतः ५ वादनपर्यन्तम्
स्थानम् https://maps.app.goo.gl/eKZyvSwejaaSYzjUA
संयोजकः श्रीरामेश्वरधारीसिंहः
+919934986645
August 27, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «🛕संस्कृतभारतीबिहारप्रान्तस्य राजकीयसंस्कृतमहाविद्यालयस्य च संयुक्ततत्त्वाधाने संस्कृतदिवस आयोज्यते। 📮भवन्तः सर्वेऽप्यस्मिन् सादरम् आमन्त्रिताः सन्ति। कृपयाऽगत्य स्वगरिमाम् उपस्थापयत। 📆३०/०८/२०२३ ⏰ ३ वादनतः ५ वादनपर्यन्तम् स्थानम् https://maps.app.goo.g…»
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
प्रचारविभागसंस्कृतभारतीदेहलीप्रान्तद्वारा संस्कृतसप्ताहावसरे (२७-०८-२०२३ तः ०२-०९-२०२३ पर्यन्तम्) आयोज्यते।
लघुचलचित्र-निर्माण-प्रतियोगिता
पुरस्काराः
प्रथमपुरस्कारः - २१००रू.
द्वितीयपुरस्कारः - ११००रु.
तृतीयपुरस्कारः - ७००रु.
प्रतियोगितायाः नियमाः –
१. संस्कृतेन सोशलमीडियोपरि (फेसबुक्-यूट्यूब्-इन्स्टाग्राम-ट्विटर् इत्यादिषु) प्रसारणयोग्यं लघुचलचित्रं (लघुवीडियो/रील्स केवलम्) निर्माय संस्कृतदिवसे (३०.०८.२०२३ दिनाङ्के) एव प्रसारणीयम्।
२. संस्कृतसप्ताहस्य अन्तिमे दिवसे (0२.०९.२०२३ दिनाङ्के) सायं ५:०० वादने अधःसंलग्नं गूगललिंक् पूरयित्वा प्रसारितायाः सामग्र्याः स्क्रीनशॉट् स्वीकृत्य तस्याः लिंक् चेति उभयमपि तत्र संयोज्य (upload कृत्वा) तद्द्वयमपि https://forms.gle/xFnbx21eFzdoidLx6 सायं ५:१५ वादनपर्यन्तं प्रेषणीयम्।
३. स्क्रीनशॉट-स्वीकरणकाले स्क्रीनमध्ये कालः (५वादनम्) अपि प्रदर्शितः स्यात्। ५:०० वादनानन्तरं स्वीकृतं स्क्रीनशॉट प्रतियोगितायै अर्हं न भविष्यति।
४. पुरस्कारस्य निर्णयः प्रसारितायाः सामग्र्याः गुणवत्तां लोकेन प्रदत्तां प्रतिपुष्टिं च दृष्ट्वा करिष्यते I संस्कृतभारत्याः निर्णायकमण्डलस्य निर्णयः सर्वमान्यो भविष्यति।
५. केवलं मौलिककृतीनां कृते एव पुरस्कारः प्रदाष्यते I
६. पुरस्कृतायाः सामग्र्याः सर्वाधिकारः संस्कृतभारत्याः भविष्यति।
७. इयं प्रतियोगिता देहलीवासिनां कृते एव विद्यते।
लघुचलचित्र-निर्माण-प्रतियोगिता
पुरस्काराः
प्रथमपुरस्कारः - २१००रू.
द्वितीयपुरस्कारः - ११००रु.
तृतीयपुरस्कारः - ७००रु.
प्रतियोगितायाः नियमाः –
१. संस्कृतेन सोशलमीडियोपरि (फेसबुक्-यूट्यूब्-इन्स्टाग्राम-ट्विटर् इत्यादिषु) प्रसारणयोग्यं लघुचलचित्रं (लघुवीडियो/रील्स केवलम्) निर्माय संस्कृतदिवसे (३०.०८.२०२३ दिनाङ्के) एव प्रसारणीयम्।
२. संस्कृतसप्ताहस्य अन्तिमे दिवसे (0२.०९.२०२३ दिनाङ्के) सायं ५:०० वादने अधःसंलग्नं गूगललिंक् पूरयित्वा प्रसारितायाः सामग्र्याः स्क्रीनशॉट् स्वीकृत्य तस्याः लिंक् चेति उभयमपि तत्र संयोज्य (upload कृत्वा) तद्द्वयमपि https://forms.gle/xFnbx21eFzdoidLx6 सायं ५:१५ वादनपर्यन्तं प्रेषणीयम्।
३. स्क्रीनशॉट-स्वीकरणकाले स्क्रीनमध्ये कालः (५वादनम्) अपि प्रदर्शितः स्यात्। ५:०० वादनानन्तरं स्वीकृतं स्क्रीनशॉट प्रतियोगितायै अर्हं न भविष्यति।
४. पुरस्कारस्य निर्णयः प्रसारितायाः सामग्र्याः गुणवत्तां लोकेन प्रदत्तां प्रतिपुष्टिं च दृष्ट्वा करिष्यते I संस्कृतभारत्याः निर्णायकमण्डलस्य निर्णयः सर्वमान्यो भविष्यति।
५. केवलं मौलिककृतीनां कृते एव पुरस्कारः प्रदाष्यते I
६. पुरस्कृतायाः सामग्र्याः सर्वाधिकारः संस्कृतभारत्याः भविष्यति।
७. इयं प्रतियोगिता देहलीवासिनां कृते एव विद्यते।
August 27, 2023
August 27, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः वार्ताः
🗓२८/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं तद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः वार्ताः
🗓२८/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
Please help us unite everyone interested in sanskrit.
Network
https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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August 27, 2023
August 27, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/FpqRCKHeIco?si=8U_NvGXfL5hPPj_2
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | PM Jan Dhan Yojana completes 9 years, more than 50 crore open accounts
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August 27, 2023
📢व्याख्यानमाला
अमृतकाले भारतस्य विकासक्रमे भाषाध्यापकस्य भूमिका
🗓️ 28/08/2023 || 11:00 AM
📲Join : https://meet.google.com/ane-srkh-bcs
अमृतकाले भारतस्य विकासक्रमे भाषाध्यापकस्य भूमिका
🗓️ 28/08/2023 || 11:00 AM
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August 27, 2023
August 27, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 06:22 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 28 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा प्रातः 05:15 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 09:56 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - सुबह 07:56 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:01
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमप्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 06:22 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 28 अगस्त 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा प्रातः 05:15 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 09:56 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - सुबह 07:56 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:20
⛅ सूर्यास्त - 07:01
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सोमप्रदोष व्रत
August 27, 2023
August 27, 2023
August 27, 2023
🍃
🔆 सुखं भवतु वा दुःखं भयं भवतु वा क्रोधः लाभः भवतु वा हानिः जीवनं भवतु वा मृत्युः सर्वमेतत् भाग्यस्यैव हस्ते भवति।
♦️sukhadu:khe bhayakrodhau lābhālābhau bhavābhavau. yacca kiṣcittathābhūtam anu daivasya karma tat..
⚜Happiness or misery, fear or anger, gain or loss, birth or death, and all such things are surely the acts of destiny.
Ramayanam,
2..22.22
#Subhashitam
सुखदुःखे भयक्रोधौ लाभालाभौ भवाभवौ ।
यच्च किञ्चित्तथाभूतं ननु दैवस्य कर्म तत्
।।🔆 सुखं भवतु वा दुःखं भयं भवतु वा क्रोधः लाभः भवतु वा हानिः जीवनं भवतु वा मृत्युः सर्वमेतत् भाग्यस्यैव हस्ते भवति।
♦️sukhadu:khe bhayakrodhau lābhālābhau bhavābhavau. yacca kiṣcittathābhūtam anu daivasya karma tat..
⚜Happiness or misery, fear or anger, gain or loss, birth or death, and all such things are surely the acts of destiny.
Ramayanam,
2..22.22
#Subhashitam
August 27, 2023
August 27, 2023
August 28, 2023
हलवाई दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव है।
••कान्दविको विश्वेऽस्मिन् अत्यन्तं सुखी अनन्दितः च जीवः वर्तते।
उसकी वृहद गोलाकार तोंद और मिठाई बनाने में ध्यानस्थ उसकी मुख़ाकृति यह मौन घोषणा करते हैं -- हाँ, हाँ मैं दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव हूँ, मैं हलवाई हूँ!
••तस्य विशाल: गोलाकार: तुन्दिल: मिष्टान्ननिर्माणे ध्यानस्थस्य तस्य मुखाकृति: एनां मौनघोषणाम् करोति - आम्, आम्! अहं जगतः सर्वाधिक: सुखी आनन्दपूर्ण: प्राणी अस्मि, अहं कान्दविकोऽस्मि।
हलवाई का धंधा बारहमासा है। मेला - ठेला है। तीज-त्यौहार है। सोलह - संस्कार है।
••मिष्टान्नव्यवसाय: चिरस्थायी व्यवसायोऽस्ति। यदा मेलाया: समयो भवति, हरितालिकाव्रतो भवति तथा षोडशसंस्कार: भवति।
मिठाई के बगैर भारतीयों का कोई काम नहीं होता। बच्चा हुआ तो मिठाई, पढ़ाई में अव्वल आया तो मिठाई, नौकरी लगी तो मिठाई, शादी हुई तो मिठाई।
••मिष्टान्नं विना भारतीयानां किमपि कार्यं न भवति। शिशुजन्म भवति चेत् मिष्टान्नम्, अध्ययने प्रथमम् आगच्छति चेत् मिष्टान्नम्, सर्वकारीवृत्ते: प्राप्तिर्भवति चेत् मिष्टान्नम् तथा विवाहोत्सवो भवति चेत् मिष्टान्नम्।
हलवाई लगा रहता है अपनी धुन में, मौन एकदम मौन -- जलेबी, गज्जक, इमरती, बर्फी, बतासे, खाजा, लड्डू, चन्द्रकला।
•• मिष्टान्ननिर्माता निरन्तरं तूष्णीं भूत्वा स्वकार्ये व्यस्तो भवति।कुण्डलिका, गजक:, अमृती, चक्रिका, मीनाण्डि:, मधुशीर्ष:, मोदकम्, चन्द्रकला।
फिर सुबह खस्ता कचौरी और घुघनी, शाम समोसा, आलुचप, पकौड़े और धनिया - लहसुन की चटनी।
••पुन: प्रात: भङ्गुरपिष्टिका चणकव्यञ्जनञ्च,सायं समोषं,भर्जितं पक्वालुकं, पक्वटिका,लशुनधान्यकस्य अवलेह:।
शरीर स्थिर सुखासन में, चेतना को आकार देते हाथ मिठाई के सृजन में।
••तस्य शरीरंं स्थिरसुखासने अस्ति चैतन्योभूयो च स मिष्टान्नसृजने व्यस्तोऽस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••कान्दविको विश्वेऽस्मिन् अत्यन्तं सुखी अनन्दितः च जीवः वर्तते।
उसकी वृहद गोलाकार तोंद और मिठाई बनाने में ध्यानस्थ उसकी मुख़ाकृति यह मौन घोषणा करते हैं -- हाँ, हाँ मैं दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव हूँ, मैं हलवाई हूँ!
••तस्य विशाल: गोलाकार: तुन्दिल: मिष्टान्ननिर्माणे ध्यानस्थस्य तस्य मुखाकृति: एनां मौनघोषणाम् करोति - आम्, आम्! अहं जगतः सर्वाधिक: सुखी आनन्दपूर्ण: प्राणी अस्मि, अहं कान्दविकोऽस्मि।
हलवाई का धंधा बारहमासा है। मेला - ठेला है। तीज-त्यौहार है। सोलह - संस्कार है।
••मिष्टान्नव्यवसाय: चिरस्थायी व्यवसायोऽस्ति। यदा मेलाया: समयो भवति, हरितालिकाव्रतो भवति तथा षोडशसंस्कार: भवति।
मिठाई के बगैर भारतीयों का कोई काम नहीं होता। बच्चा हुआ तो मिठाई, पढ़ाई में अव्वल आया तो मिठाई, नौकरी लगी तो मिठाई, शादी हुई तो मिठाई।
••मिष्टान्नं विना भारतीयानां किमपि कार्यं न भवति। शिशुजन्म भवति चेत् मिष्टान्नम्, अध्ययने प्रथमम् आगच्छति चेत् मिष्टान्नम्, सर्वकारीवृत्ते: प्राप्तिर्भवति चेत् मिष्टान्नम् तथा विवाहोत्सवो भवति चेत् मिष्टान्नम्।
हलवाई लगा रहता है अपनी धुन में, मौन एकदम मौन -- जलेबी, गज्जक, इमरती, बर्फी, बतासे, खाजा, लड्डू, चन्द्रकला।
•• मिष्टान्ननिर्माता निरन्तरं तूष्णीं भूत्वा स्वकार्ये व्यस्तो भवति।कुण्डलिका, गजक:, अमृती, चक्रिका, मीनाण्डि:, मधुशीर्ष:, मोदकम्, चन्द्रकला।
फिर सुबह खस्ता कचौरी और घुघनी, शाम समोसा, आलुचप, पकौड़े और धनिया - लहसुन की चटनी।
••पुन: प्रात: भङ्गुरपिष्टिका चणकव्यञ्जनञ्च,सायं समोषं,भर्जितं पक्वालुकं, पक्वटिका,लशुनधान्यकस्य अवलेह:।
शरीर स्थिर सुखासन में, चेतना को आकार देते हाथ मिठाई के सृजन में।
••तस्य शरीरंं स्थिरसुखासने अस्ति चैतन्योभूयो च स मिष्टान्नसृजने व्यस्तोऽस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 28, 2023
August 28, 2023
csu.co.in/selfie/
Upload your photo (jpg) to join the 'श्रावणमासः -संस्कृतमासः'
campaign with Central Sanskrit University, Delhi
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campaign with Central Sanskrit University, Delhi
August 28, 2023
August 28, 2023
August 28, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी दोपहर 02:47 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 29 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - शोभन रात्रि 01:51 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - शाम 03:50 से 05:25 तक
⛅ सूर्योदय - 06:21
⛅ सूर्यास्त - 07:00
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - ऋग्वेद उपाकर्म, मंगलागौरी व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी दोपहर 02:47 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 29 अगस्त 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - शोभन रात्रि 01:51 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅ राहु काल - शाम 03:50 से 05:25 तक
⛅ सूर्योदय - 06:21
⛅ सूर्यास्त - 07:00
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:35 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - ऋग्वेद उपाकर्म, मंगलागौरी व्रत
August 28, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - प्रथमः कस्यापि
🗓२८/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् ॥कस्मिन्नपि क्षेत्रे प्रथमः भारतीयः जनः तस्य विषये वक्तव्यम् {यथा - प्रथमः स्वतन्त्रता सेनानीमङ्गलपाण्डेय॥ अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - प्रथमः कस्यापि
🗓२८/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् ॥कस्मिन्नपि क्षेत्रे प्रथमः भारतीयः जनः तस्य विषये वक्तव्यम् {यथा - प्रथमः स्वतन्त्रता सेनानीमङ्गलपाण्डेय॥ अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=c76d9941aeab5bd149
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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https://t.me/samskrt_samvadah/11287
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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News and magazines @ramdootah
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August 28, 2023
https://youtu.be/WtbJe5BGEUU?si=utqyfXGDQeQ6gJ6B
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit #todaynews
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
August 28, 2023
August 28, 2023
August 28, 2023
August 28, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
प्रथमः कस्यापि
#samlapshala
#samlapshala
August 28, 2023
🍃
🔆 वीरेभ्यः स्वमुखैः स्वस्य प्रशंसाकरणं न रोचते । ते वाण्या वदनापेक्षया दुस्साध्यानि कर्माणि कुर्वन्ति।
⚜शूरवीरों को अपने मुख से अपनी ही प्रशंसा करना उचित प्रतीत नहीं होता । वे वाणी के द्वारा प्रदर्शन न करते हुए दुष्कर कर्मों को संपादित करते रहते हैं ।
#Subhashitam
न मर्षयन्ति चात्मानं संभावयितुमात्मना ।
अदर्शयित्वा शूरास्तू कर्म कुर्वन्ति दुष्करम्
॥🔆 वीरेभ्यः स्वमुखैः स्वस्य प्रशंसाकरणं न रोचते । ते वाण्या वदनापेक्षया दुस्साध्यानि कर्माणि कुर्वन्ति।
⚜शूरवीरों को अपने मुख से अपनी ही प्रशंसा करना उचित प्रतीत नहीं होता । वे वाणी के द्वारा प्रदर्शन न करते हुए दुष्कर कर्मों को संपादित करते रहते हैं ।
#Subhashitam
August 28, 2023
August 29, 2023
सः मां पाठयति।
कर्मणि रूपं किम्।
कर्मणि रूपं किम्।
Anonymous Quiz
42%
तेन अहं पाठ्यते।
15%
तेन मां पाठ्यसे।
35%
तेन अहं पाठ्ये
7%
तेन अहं पाठय्ये
August 29, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
हलवाई दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव है। ••कान्दविको विश्वेऽस्मिन् अत्यन्तं सुखी अनन्दितः च जीवः वर्तते। उसकी वृहद गोलाकार तोंद और मिठाई बनाने में ध्यानस्थ उसकी मुख़ाकृति यह मौन घोषणा करते हैं -- हाँ, हाँ मैं दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव हूँ, मैं हलवाई…
जब हलवाई छनोटा से कुरकुरे जलेबी को छानकर उन्हें चिमटे से चासनी में डुबोते है तो उस समय किसी साधु के चमत्कारी चिमटे का अहसास होता है।
•• यदा कान्दविक: छन्नकेन भङ्गुरकुण्डलिकाः पूतीकृत्य ता: सन्दंशेन शर्करावलेहे निमज्ज्यति तदा कस्यचित् साधोः विस्मयाकुलसन्दंशस्य प्रतीति भवति।
मैंने हलवाई को कभी झगड़ते नहीं देखा।
•• मया कदापि कान्दविकेन कृतो विवादो न दृष्टः।
जीभ के रहस्य को जानने के बाद कैसा झगड़ा?
•• रसनाया: रहस्योद्घाटनात् अनन्तरं कथं विवाद:?
मुझे लगता है हलवाई, " सुगंधि पुष्टि वर्धनम " मंत्र को आत्मसात कर लेता है यही उसके तोंद का रहस्य है।
••मया प्रतीयते यत् कान्दविक: "सुगन्धी पुष्टिवर्धनम्" इति मन्त्रं आत्मसातयति तदेव च तस्य तुन्दिलस्य रहस्यमस्ति।
उसके चारों ओर वायुमंडल में स्वच्छ - मधुर - प्राणदायक सुगंध का घेरा व्याप्त है जिसे वो अपने नासापूटों से दिन और रात ले रहा है।
••तं परितः वायुमंडल: स्वच्छगन्धेन मधुरगन्धेन च प्राणदायकसुगन्धेन च आच्छादित: अस्ति य: तस्य नासिकातः अहर्निशम् आनयति।
दुर्गन्ध से बीमारियां और सुगंध से स्वास्थ्य लाभ होता है।
••दुर्गन्धेन रोगा: भवन्ति सुगन्धेन च स्वास्थ्यलाभो भवति।
भोजन सामने हो तो कैसी भूख?पानी सामने हो तो कैसा प्यास? तिजोरी भरी हो तो कैसा लोभ-लालच?
••यदि अन्नं पुरतः भवेत् तर्हि कीदृशी क्षुधा? यदि जलं पुरतः भवेत् तर्हि कीदृशी तृष्णा ? यदि कोषागार: पूर्णो भवेत् तर्हि कीदृशः लोभः?
हलवाई तृप्त और संतुष्ट है इसलिए वह दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव है।
•• कान्दविक: तृप्त: संतुष्टश्च अस्ति अत: स विश्वस्य सर्वाधिक: सुखी प्रसन्नश्च जीवोऽस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• यदा कान्दविक: छन्नकेन भङ्गुरकुण्डलिकाः पूतीकृत्य ता: सन्दंशेन शर्करावलेहे निमज्ज्यति तदा कस्यचित् साधोः विस्मयाकुलसन्दंशस्य प्रतीति भवति।
मैंने हलवाई को कभी झगड़ते नहीं देखा।
•• मया कदापि कान्दविकेन कृतो विवादो न दृष्टः।
जीभ के रहस्य को जानने के बाद कैसा झगड़ा?
•• रसनाया: रहस्योद्घाटनात् अनन्तरं कथं विवाद:?
मुझे लगता है हलवाई, " सुगंधि पुष्टि वर्धनम " मंत्र को आत्मसात कर लेता है यही उसके तोंद का रहस्य है।
••मया प्रतीयते यत् कान्दविक: "सुगन्धी पुष्टिवर्धनम्" इति मन्त्रं आत्मसातयति तदेव च तस्य तुन्दिलस्य रहस्यमस्ति।
उसके चारों ओर वायुमंडल में स्वच्छ - मधुर - प्राणदायक सुगंध का घेरा व्याप्त है जिसे वो अपने नासापूटों से दिन और रात ले रहा है।
••तं परितः वायुमंडल: स्वच्छगन्धेन मधुरगन्धेन च प्राणदायकसुगन्धेन च आच्छादित: अस्ति य: तस्य नासिकातः अहर्निशम् आनयति।
दुर्गन्ध से बीमारियां और सुगंध से स्वास्थ्य लाभ होता है।
••दुर्गन्धेन रोगा: भवन्ति सुगन्धेन च स्वास्थ्यलाभो भवति।
भोजन सामने हो तो कैसी भूख?पानी सामने हो तो कैसा प्यास? तिजोरी भरी हो तो कैसा लोभ-लालच?
••यदि अन्नं पुरतः भवेत् तर्हि कीदृशी क्षुधा? यदि जलं पुरतः भवेत् तर्हि कीदृशी तृष्णा ? यदि कोषागार: पूर्णो भवेत् तर्हि कीदृशः लोभः?
हलवाई तृप्त और संतुष्ट है इसलिए वह दुनिया का सबसे सुखी व आनंदित जीव है।
•• कान्दविक: तृप्त: संतुष्टश्च अस्ति अत: स विश्वस्य सर्वाधिक: सुखी प्रसन्नश्च जीवोऽस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - संस्कृतदिवसः
🗓३०/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतसम्बद्धं कमपि विषयं वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/?livestream=c76d9941aeab5bd149
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - संस्कृतदिवसः
🗓३०/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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Internet Archive
संलापशाला : संस्कृत संवादः : Free Download, Borrow, and Streaming : Internet Archive
Samlapshala is a Voicechat conducted by t.me/samvadah on Telegram daily 11AM ISTTo Joinhttps://t.me/samvadah?livestream⭐️ संस्कृत...
August 29, 2023
संस्कृतदिवसः (7).pdf
703.4 KB
संस्कृतदिवसः (7).pdf
August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी सुबह 10:58 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅️ दिनांक - 30 अगस्त 2023
⛅️ दिन - बुधवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 08:47 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅️ योग - अतिगंड रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️ राहु काल - दोपहर 12:40 से 02:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:21
⛅️ सूर्यास्त - 06:59
⛅️दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्दशी सुबह 10:58 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅️ दिनांक - 30 अगस्त 2023
⛅️ दिन - बुधवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - श्रावण
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 08:47 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅️ योग - अतिगंड रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅️ राहु काल - दोपहर 12:40 से 02:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:21
⛅️ सूर्यास्त - 06:59
⛅️दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक
#panchang
August 29, 2023
August 29, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/vMZzjAMIoPo?si=yZZer7848hOnA68L
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YouTube
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar…
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August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
August 29, 2023
🍃
🔆 अश्वस्य भूषणरूपेण तस्य वेगो गतिः भवति गजस्य भूषणं भवति तस्य मदमत्तता तस्याः बलं बुद्धिः चातुर्यं भवति महिलायाः भूषणं तथैव मनुजमात्रस्य भूषणं तु उद्योगः एवास्ति।
♦️ashvasya bhUShaNaM vego
mattaM syAd gajabhUShaNaM |
chAturyam bhUShaNaM AryA
udyogo narabhUShaNaM ||
⚜Speed is the glory of the horse. The majestic walk is the glory of elephant. Being wise is an asset to women and always being engaged in some work suits the man.
#Subhashitam
अश्वस्य भूषणं वेगो मत्तं स्याद् गजभूषणम्।
चातुर्यं भूषणं नार्या उद्योगो नरभूषण
म्॥🔆 अश्वस्य भूषणरूपेण तस्य वेगो गतिः भवति गजस्य भूषणं भवति तस्य मदमत्तता तस्याः बलं बुद्धिः चातुर्यं भवति महिलायाः भूषणं तथैव मनुजमात्रस्य भूषणं तु उद्योगः एवास्ति।
♦️ashvasya bhUShaNaM vego
mattaM syAd gajabhUShaNaM |
chAturyam bhUShaNaM AryA
udyogo narabhUShaNaM ||
⚜Speed is the glory of the horse. The majestic walk is the glory of elephant. Being wise is an asset to women and always being engaged in some work suits the man.
#Subhashitam
August 29, 2023
अनुचितं विकल्पं चिनुत।
Anonymous Quiz
11%
द्वौ द्वे द्वे
11%
त्रयः त्रिस्रः त्रीणि
11%
चत्वारः चतस्रः चत्वारि
66%
पञ्चः पञ्चस्रः पञ्चानि
August 30, 2023
अंबिका और अरूणिका है आम की सबसे बौनी किस्म।
•• अम्बिका अरुणिका च रसालस्य वामनजातिः अस्ति।
इन्हें घर के किसी भी कोने में लगाकर आप प्रतिवर्ष 20 किलो तक आम उगा सकते हैं
••भवान् गृहस्य कस्मिन्नपि कोणे तान् रोप्य प्रतिवर्षं विंशति: किलोग्रामपर्यन्तं रसालानाम् उत्पत्ति: कर्तुं शक्नोति।
इंसान में बौनापन अभिशाप है पर आम के पौधों को बौना करने की कवायद चल रही है
•• मनुष्येषु वामनत्वं शापः अस्ति, परन्तु रसालवृक्षाणां वामनीकरणार्थं प्रयत्नाः प्रचलन्ति।
वैज्ञानिकों के तकरीबन 30 साल की मेहनत के बाद अंबिका और अरुणिका आम की बौनी वैरायटी के रूप में विकसित की गई है।
•• वैज्ञानिकानां प्रायः त्रिंशत् वर्षाणां परिश्रमस्य अनन्तरं अम्बिका अरुणिका च रसालस्य वामनप्रकाररूपेण विकसिते स्त:
दरअसल आम के इन छोटी वैरायटी के कई फायदे हैं।
•• वस्तुतः एतेषां लघुप्रजातीनां रसालस्य अनेके लाभाः सन्ति।
इससे सघन वृक्षारोपण में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगने के कारण कुछ ही सालों में बहुत अधिक उपज मिलना संभव है।
•• अनेन सघनवृक्षारोपणे न्यूनस्थाने अधिकसंख्याकानां पादपरोपणस्य कारणात् कतिपयेषु एव वर्षेषु अत्यन्तं अधिकोत्पत्ति: प्राप्तुं शक्यते ।
छोटे पौधों से फलों को तोड़ना आसान है और उनकी देखरेख में भी कम खर्च होता है।
•• लघुपादपेभ्य: फलानि उद्धरणं सुकरं भवति तथा च तेषां परिपालनाय अपि न्यूनव्ययो भवति ।
अभी तक आम्रपाली किस्म अपने छोटे आकार के लिए काफी प्रचलित हुई हैं लेकिन आम्रपाली के फल बाजार में
आने में 30 वर्ष लग गये
•• इदानीं यावत् आम्रपाली-प्रकारः स्वलघ्वाकारस्य कारणेन अत्यन्तं लोकप्रियः अभवत् ,परन्तु आम्रपाली-फलं विपण्याम् आगन्तुं त्रिंशत् वर्षाणि यावत् समयः व्यतीत: अभवत्
इसके पौधे भी अन्य किस्मों की तरह विशाल रूप धारण कर लेते हैं
•• अस्य पादपा: अपि अन्यप्रकारवत् विशालं रूपधारणं कुर्वन्ति।
इसी दिशा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में बौनी प्रजातियों के विकास के लिए शोध किया गया और अरूणिका एवं अम्बिका नाम की संकर किस्में विकसित की गई
•• अस्मिन्नेव दिशि केन्द्रीय- उपोष्णकटिबंधीय-उद्यानसंस्थानम्, लखनऊनगरे वामनप्रजातीनां विकासाय शोधं कृतम् तथा च अरुणिका, अम्बिका च इति संकरप्रजातीनां विकासः अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• अम्बिका अरुणिका च रसालस्य वामनजातिः अस्ति।
इन्हें घर के किसी भी कोने में लगाकर आप प्रतिवर्ष 20 किलो तक आम उगा सकते हैं
••भवान् गृहस्य कस्मिन्नपि कोणे तान् रोप्य प्रतिवर्षं विंशति: किलोग्रामपर्यन्तं रसालानाम् उत्पत्ति: कर्तुं शक्नोति।
इंसान में बौनापन अभिशाप है पर आम के पौधों को बौना करने की कवायद चल रही है
•• मनुष्येषु वामनत्वं शापः अस्ति, परन्तु रसालवृक्षाणां वामनीकरणार्थं प्रयत्नाः प्रचलन्ति।
वैज्ञानिकों के तकरीबन 30 साल की मेहनत के बाद अंबिका और अरुणिका आम की बौनी वैरायटी के रूप में विकसित की गई है।
•• वैज्ञानिकानां प्रायः त्रिंशत् वर्षाणां परिश्रमस्य अनन्तरं अम्बिका अरुणिका च रसालस्य वामनप्रकाररूपेण विकसिते स्त:
दरअसल आम के इन छोटी वैरायटी के कई फायदे हैं।
•• वस्तुतः एतेषां लघुप्रजातीनां रसालस्य अनेके लाभाः सन्ति।
इससे सघन वृक्षारोपण में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगने के कारण कुछ ही सालों में बहुत अधिक उपज मिलना संभव है।
•• अनेन सघनवृक्षारोपणे न्यूनस्थाने अधिकसंख्याकानां पादपरोपणस्य कारणात् कतिपयेषु एव वर्षेषु अत्यन्तं अधिकोत्पत्ति: प्राप्तुं शक्यते ।
छोटे पौधों से फलों को तोड़ना आसान है और उनकी देखरेख में भी कम खर्च होता है।
•• लघुपादपेभ्य: फलानि उद्धरणं सुकरं भवति तथा च तेषां परिपालनाय अपि न्यूनव्ययो भवति ।
अभी तक आम्रपाली किस्म अपने छोटे आकार के लिए काफी प्रचलित हुई हैं लेकिन आम्रपाली के फल बाजार में
आने में 30 वर्ष लग गये
•• इदानीं यावत् आम्रपाली-प्रकारः स्वलघ्वाकारस्य कारणेन अत्यन्तं लोकप्रियः अभवत् ,परन्तु आम्रपाली-फलं विपण्याम् आगन्तुं त्रिंशत् वर्षाणि यावत् समयः व्यतीत: अभवत्
इसके पौधे भी अन्य किस्मों की तरह विशाल रूप धारण कर लेते हैं
•• अस्य पादपा: अपि अन्यप्रकारवत् विशालं रूपधारणं कुर्वन्ति।
इसी दिशा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में बौनी प्रजातियों के विकास के लिए शोध किया गया और अरूणिका एवं अम्बिका नाम की संकर किस्में विकसित की गई
•• अस्मिन्नेव दिशि केन्द्रीय- उपोष्णकटिबंधीय-उद्यानसंस्थानम्, लखनऊनगरे वामनप्रजातीनां विकासाय शोधं कृतम् तथा च अरुणिका, अम्बिका च इति संकरप्रजातीनां विकासः अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 30, 2023
August 30, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - रक्षाबन्धनम्
🗓३१/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - रक्षाबन्धनम्
🗓३१/०८/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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August 30, 2023
August 30, 2023
August 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 07:06 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 31 अगस्त 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा शाम 05:45 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - सुकर्मा शाम 05:16 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:15 से 03:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:21
⛅ सूर्यास्त - 06:58
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावणी पूर्णिमा, संस्कृत दिवस, गायत्री जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 07:06 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 31 अगस्त 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा शाम 05:45 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - सुकर्मा शाम 05:16 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:15 से 03:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:21
⛅ सूर्यास्त - 06:58
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:50 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:18 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रावणी पूर्णिमा, संस्कृत दिवस, गायत्री जयंती
August 30, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/wJryqxjzNd0?feature=shared
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s…
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August 30, 2023
August 30, 2023
August 30, 2023
August 30, 2023
August 30, 2023
🍃
🔆 सम्पत्तेः हानिः मनसः दुःखानि गृहस्य दुर्वार्ताः तथा जातं वञ्चनम् एतान् सर्वान् विषयान् बुद्धिमान् व्यक्तिः न कदापि प्रकाशयति।
⚜संपत्ति की हानि, मन का संताप, घर के दूषण और अपमानजनक वचन, इन बातों को बुद्धिमान प्रकाश में नहीं लाता।
⚜ Loss of property, distress of mind, domestic conflicts and insulting words, the wise does not bring these things to light.
#Subhashitam
अर्थनाशं मनस्तापं गृहे दुश्चरितानि च।
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेत्
॥🔆 सम्पत्तेः हानिः मनसः दुःखानि गृहस्य दुर्वार्ताः तथा जातं वञ्चनम् एतान् सर्वान् विषयान् बुद्धिमान् व्यक्तिः न कदापि प्रकाशयति।
⚜संपत्ति की हानि, मन का संताप, घर के दूषण और अपमानजनक वचन, इन बातों को बुद्धिमान प्रकाश में नहीं लाता।
⚜ Loss of property, distress of mind, domestic conflicts and insulting words, the wise does not bring these things to light.
#Subhashitam
August 30, 2023
August 31, 2023
August 31, 2023
Dear Sir/ Madam
Namaskara.
We cordially invite you to attend a Lecture (in Sanskrit) on 'Vedic enlightenment on Education' being delivered ONLINE by the noted Sanskrit scholar Dr. Kapildev Shastri, Assistant Professor, Department of Traditional Sanskrit Studies, Faculty of Arts, The Maharaja Sayajirao University, Baroda, Guj., during 4.00 p.m. - 5.00 p.m. on Thursday, 31-08-2023, at the Sanskrit Day Celebration.
For joining the same, please click the following link at 3.55 p.m., (on Thursday, 31-08-2023) :
https://meet.google.com/uev-hxsf-pwd
Or open Meet and enter this code : uev-hxsf-pwd
Thanking you,
Yours sincerely
Hitesh Trivedi
Assistant Director
P.G. & Research Dept.
Bharatiya Vidya Bhavan
Namaskara.
We cordially invite you to attend a Lecture (in Sanskrit) on 'Vedic enlightenment on Education' being delivered ONLINE by the noted Sanskrit scholar Dr. Kapildev Shastri, Assistant Professor, Department of Traditional Sanskrit Studies, Faculty of Arts, The Maharaja Sayajirao University, Baroda, Guj., during 4.00 p.m. - 5.00 p.m. on Thursday, 31-08-2023, at the Sanskrit Day Celebration.
For joining the same, please click the following link at 3.55 p.m., (on Thursday, 31-08-2023) :
https://meet.google.com/uev-hxsf-pwd
Or open Meet and enter this code : uev-hxsf-pwd
Thanking you,
Yours sincerely
Hitesh Trivedi
Assistant Director
P.G. & Research Dept.
Bharatiya Vidya Bhavan
August 31, 2023
August 31, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अंबिका और अरूणिका है आम की सबसे बौनी किस्म। •• अम्बिका अरुणिका च रसालस्य वामनजातिः अस्ति। इन्हें घर के किसी भी कोने में लगाकर आप प्रतिवर्ष 20 किलो तक आम उगा सकते हैं ••भवान् गृहस्य कस्मिन्नपि कोणे तान् रोप्य प्रतिवर्षं विंशति: किलोग्रामपर्यन्तं रसालानाम्…
इसी दिशा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में बौनी प्रजातियों के विकास के लिए शोध किया गया और अरूणिका एवं अम्बिका नाम की संकर किस्में विकसित की गई
•• अस्मिन्नेव दिशि केन्द्रीय- उपोष्णकटिबंधीय-उद्यानसंस्थानम्, लखनऊनगरे वामनप्रजातीनां विकासाय शोधं कृतम् तथा च अरुणिका, अम्बिका च इति संकरप्रजातीनां विकासः अभवत्।
लंगड़ा, चौसा और दशहरी में फल तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल सामान्यतः एक वर्ष छोड़कर फल आते हैं।
•• लंगड़ा,चौसा,दशहरी इत्यादीषु प्रजातिषु फलानां त्रोटयानन्तरम् निर्गतेषु शाखासु पुष्पाणि सामान्यत: एकवर्षं विहाय फलानाम् उत्पत्ति: भवति।
दक्षिण भारतीय किस्म नीलम उत्तर भारत में अपने छोटे आकार के पौधों के लिए जानी जाती है
•• दक्षिणभारतीयः नीलम इति प्रजातिः उत्तरभारते लघ्वाकारस्य पादपस्य कृते प्रसिद्धोऽस्ति।
आम्रपाली में नीलम ने पिता का रोल अदा किया और इसी कारण आम्रपाली से अरूणिका में नियमित फलन और बौनेपन का गुण विद्यमान है
•• आम्रपाल्यां नीलम इति प्रजाति: पितु: भूमिकां निर्वहितवान्।अत: आम्रपाल्याया: अरूणिकायां नियमितरूपेण फलनस्य वामनत्वस्य च गुणं विद्यमानमस्ति।
हर साल फल देने वाली बौनी किस्में सघन बागवानी के लिए उपयुक्त है
•• प्रतिवर्षं फलदातारो वामनाः प्रजातयः सघन-उद्यानार्थं उपयुक्ताः सन्ति
कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगाकर ज्यादा फल उत्पादन आज बागवानी के क्षेत्र में एक सफल तकनीक के रूप में अपनाया जा रहा है
•• अल्पस्थाने अधिकान् पादपान् रोपयित्वा अधिकफलानाम् उत्पत्ति: अद्यत्वे उद्यानक्षेत्रे सफलप्रविधिरूपेण स्वीक्रियते।
अरुणिका अपनी माँ आम्रपाली से पौधों के आकार में लगभग 40 प्रतिशत छोटी है
•• अरुणिका स्वमातुः आम्रपाल्या: अपेक्षया पादपानाम् आकारेण प्रायः चत्वारिंशत् प्रतिशतं लघुतरा अस्ति
लाल रंग के आकर्षक फलों के कारण बौना पेड़ और आकर्षक लगता है
•• आकर्षकाणां रक्तवर्णीयफलानां कारणेन वामनवृक्षः अधिकं आकर्षको दृश्यते
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजन बताते हैं कि आम की किस्में बौनी तभी हो सकती हैं जब उन पर हर वर्ष फल आए।
••केन्द्रीय-उपोष्णक्षेत्र-उद्यानसंस्थानस्य वैज्ञानिको विद्यावारिधि राजन: कथ्यति यत्
रसालप्रजातय: वामनाकारा: तदैव भवितुमर्हन्ति यदा ते प्रतिवर्षं फलानि ददति।
चौसा और लंगड़ा जैसी एक साल छोड़ कर फलने वाली किस्मों के पौधे बड़े आकार के होते हैं
•• चौसा लङ्गड़ा इत्यादय: प्रजातय: एकवर्षं विहाय फलप्रदानां प्रजातीनां पादपा: बृहदाकारा: भवन्ति ।
नियमित फल देने के कारण अम्बिका, अरुणिका और आम्रपाली जैसी किस्मों के पौधे छोटे आकार के रहते हैं
•• अम्बिका, अरुणिका, आम्रपाली इत्यादीनां प्रजातीनां पादपा: नियमितफलप्रदानेन आकारेण लघ्वाकारा: भवन्ति।
इनकी ख़ासियत यह भी है कि फलों के तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल का आ जाना।
•• फलानां त्रोटयनान्तरं निर्गतेषु शाखासु पुष्पागमनम् इति तेषां विशिषत्वमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• अस्मिन्नेव दिशि केन्द्रीय- उपोष्णकटिबंधीय-उद्यानसंस्थानम्, लखनऊनगरे वामनप्रजातीनां विकासाय शोधं कृतम् तथा च अरुणिका, अम्बिका च इति संकरप्रजातीनां विकासः अभवत्।
लंगड़ा, चौसा और दशहरी में फल तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल सामान्यतः एक वर्ष छोड़कर फल आते हैं।
•• लंगड़ा,चौसा,दशहरी इत्यादीषु प्रजातिषु फलानां त्रोटयानन्तरम् निर्गतेषु शाखासु पुष्पाणि सामान्यत: एकवर्षं विहाय फलानाम् उत्पत्ति: भवति।
दक्षिण भारतीय किस्म नीलम उत्तर भारत में अपने छोटे आकार के पौधों के लिए जानी जाती है
•• दक्षिणभारतीयः नीलम इति प्रजातिः उत्तरभारते लघ्वाकारस्य पादपस्य कृते प्रसिद्धोऽस्ति।
आम्रपाली में नीलम ने पिता का रोल अदा किया और इसी कारण आम्रपाली से अरूणिका में नियमित फलन और बौनेपन का गुण विद्यमान है
•• आम्रपाल्यां नीलम इति प्रजाति: पितु: भूमिकां निर्वहितवान्।अत: आम्रपाल्याया: अरूणिकायां नियमितरूपेण फलनस्य वामनत्वस्य च गुणं विद्यमानमस्ति।
हर साल फल देने वाली बौनी किस्में सघन बागवानी के लिए उपयुक्त है
•• प्रतिवर्षं फलदातारो वामनाः प्रजातयः सघन-उद्यानार्थं उपयुक्ताः सन्ति
कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगाकर ज्यादा फल उत्पादन आज बागवानी के क्षेत्र में एक सफल तकनीक के रूप में अपनाया जा रहा है
•• अल्पस्थाने अधिकान् पादपान् रोपयित्वा अधिकफलानाम् उत्पत्ति: अद्यत्वे उद्यानक्षेत्रे सफलप्रविधिरूपेण स्वीक्रियते।
अरुणिका अपनी माँ आम्रपाली से पौधों के आकार में लगभग 40 प्रतिशत छोटी है
•• अरुणिका स्वमातुः आम्रपाल्या: अपेक्षया पादपानाम् आकारेण प्रायः चत्वारिंशत् प्रतिशतं लघुतरा अस्ति
लाल रंग के आकर्षक फलों के कारण बौना पेड़ और आकर्षक लगता है
•• आकर्षकाणां रक्तवर्णीयफलानां कारणेन वामनवृक्षः अधिकं आकर्षको दृश्यते
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ राजन बताते हैं कि आम की किस्में बौनी तभी हो सकती हैं जब उन पर हर वर्ष फल आए।
••केन्द्रीय-उपोष्णक्षेत्र-उद्यानसंस्थानस्य वैज्ञानिको विद्यावारिधि राजन: कथ्यति यत्
रसालप्रजातय: वामनाकारा: तदैव भवितुमर्हन्ति यदा ते प्रतिवर्षं फलानि ददति।
चौसा और लंगड़ा जैसी एक साल छोड़ कर फलने वाली किस्मों के पौधे बड़े आकार के होते हैं
•• चौसा लङ्गड़ा इत्यादय: प्रजातय: एकवर्षं विहाय फलप्रदानां प्रजातीनां पादपा: बृहदाकारा: भवन्ति ।
नियमित फल देने के कारण अम्बिका, अरुणिका और आम्रपाली जैसी किस्मों के पौधे छोटे आकार के रहते हैं
•• अम्बिका, अरुणिका, आम्रपाली इत्यादीनां प्रजातीनां पादपा: नियमितफलप्रदानेन आकारेण लघ्वाकारा: भवन्ति।
इनकी ख़ासियत यह भी है कि फलों के तोड़ने के बाद निकली हुई टहनियों में फूल का आ जाना।
•• फलानां त्रोटयनान्तरं निर्गतेषु शाखासु पुष्पागमनम् इति तेषां विशिषत्वमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
August 31, 2023
August 31, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०१/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०१/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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August 31, 2023
August 31, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/qF35mMq2DrM?si=36eETBhiNDCurG3d
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
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August 31, 2023
August 31, 2023
August 31, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 01 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅ योग - धृति दोपहर 01:10 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - सुबह 11:05 से 12:40 तक
⛅ सूर्योदय - 06:22
⛅ सूर्यास्त - 06:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:03 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 01 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅ योग - धृति दोपहर 01:10 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - सुबह 11:05 से 12:40 तक
⛅ सूर्योदय - 06:22
⛅ सूर्यास्त - 06:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:03 तक
#panchang
August 31, 2023
August 31, 2023
August 31, 2023
🍃
🔆 धैर्यं ये धारयन्ति तेभ्यः दरिद्रता न कष्टदायिनी स्यात् मलिनं वस्त्रं स्वच्छताकारणेन योग्यं भवति धर्तुम् अन्नम् ऊष्णताकारणेन सम्यक् भवति तथा कुरूपं शीलेन सौन्दर्यं प्राप्नोति।
चाणक्यनीति
⚜ धैर्य रखने से निर्धनता कष्ट नहीं देती, नष्ट हुआ कपड़ा स्वच्छ रखने से पहनने योग्य होता है, बेकार अन्न भी गरम-गरम स्वादिष्ट लगता है। शील स्वभाव के कारण कुरूप व्यक्ति भी सुन्दर लगने लगता है।
#Subhashitam
दरिद्रता धीरतया विराजते, कुवस्त्रता स्वच्छतया विराजते।
कदन्नता चोष्णतया विराजते कुरूपता शीलतया विराजते
॥🔆 धैर्यं ये धारयन्ति तेभ्यः दरिद्रता न कष्टदायिनी स्यात् मलिनं वस्त्रं स्वच्छताकारणेन योग्यं भवति धर्तुम् अन्नम् ऊष्णताकारणेन सम्यक् भवति तथा कुरूपं शीलेन सौन्दर्यं प्राप्नोति।
चाणक्यनीति
⚜ धैर्य रखने से निर्धनता कष्ट नहीं देती, नष्ट हुआ कपड़ा स्वच्छ रखने से पहनने योग्य होता है, बेकार अन्न भी गरम-गरम स्वादिष्ट लगता है। शील स्वभाव के कारण कुरूप व्यक्ति भी सुन्दर लगने लगता है।
#Subhashitam
August 31, 2023
तुम्हारे मुख में पान है
••तव मुखे ताम्बूलमस्ति।
नेत्रों में काजल की पतली रेखा है
••नेत्रयो: कज्जलस्य कृशा रेखा अस्ति
ललाट में केसर की बेंदी है
••ललाटे अग्निशाखाया: गोलतिलकमस्ति।
गले में मोतियों का हार सुशोभित हो रहा है
••ग्रीवायां मुक्तावली सुशोभिता भवति।
कटि के निम्न भाग में सुनहली साड़ी है जिस पर रत्नमयी करधनी चमक रही है
••कट्यधोभागे सुवर्णवर्णा शाटिका अस्ति यस्यां रत्नयुक्तमेखला दीव्यति।
ऐसी वेष भूषा से सजी हुई गिरिराज हिमालय की गौरवर्णा कन्या तुमको मैं सदा ही भजता हूं
••एतादृशवेषधारिणि गिरिराजस्य हिमालयस्य गौरवर्णे कन्ये त्वामहं सदा भजामि।
मां!आपका स्वरूप नयनों में बसा रहे।
••मात:!भवत्या: स्वरूपं मम नयनयो: सदा वसतु।
आपके चरणों में मेरा ध्यान लगा रहे।
••भवत्या: चरणयो: मम ध्यानं सदा स्थापयतु।
बस इतनी कृपा कर देना।
••केवलाम् एतावतीं कृपां करोतु।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••तव मुखे ताम्बूलमस्ति।
नेत्रों में काजल की पतली रेखा है
••नेत्रयो: कज्जलस्य कृशा रेखा अस्ति
ललाट में केसर की बेंदी है
••ललाटे अग्निशाखाया: गोलतिलकमस्ति।
गले में मोतियों का हार सुशोभित हो रहा है
••ग्रीवायां मुक्तावली सुशोभिता भवति।
कटि के निम्न भाग में सुनहली साड़ी है जिस पर रत्नमयी करधनी चमक रही है
••कट्यधोभागे सुवर्णवर्णा शाटिका अस्ति यस्यां रत्नयुक्तमेखला दीव्यति।
ऐसी वेष भूषा से सजी हुई गिरिराज हिमालय की गौरवर्णा कन्या तुमको मैं सदा ही भजता हूं
••एतादृशवेषधारिणि गिरिराजस्य हिमालयस्य गौरवर्णे कन्ये त्वामहं सदा भजामि।
मां!आपका स्वरूप नयनों में बसा रहे।
••मात:!भवत्या: स्वरूपं मम नयनयो: सदा वसतु।
आपके चरणों में मेरा ध्यान लगा रहे।
••भवत्या: चरणयो: मम ध्यानं सदा स्थापयतु।
बस इतनी कृपा कर देना।
••केवलाम् एतावतीं कृपां करोतु।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 1, 2023
September 1, 2023
September 1, 2023
Online माध्यम से संस्कृत (संस्कृतभाषा, व्याकरण,साहित्य,ज्यौतिष,दर्शन) सीखने का सुनहरा अवसर।
आन्तर्जालिकानाम् अभिनवपाठ्यक्रमाणां शुभारम्भः
Coming soon online classes, Admission Will start from 09/09/2023
आन्तर्जालिकानाम् अभिनवपाठ्यक्रमाणां शुभारम्भः
Coming soon online classes, Admission Will start from 09/09/2023
September 1, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतातृतीयोऽध्यायः
🗓०२/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (तृतीयोऽध्यायस्य सारं श्लोकार्थं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतातृतीयोऽध्यायः
🗓०२/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (तृतीयोऽध्यायस्य सारं श्लोकार्थं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 1, 2023
September 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 08:49 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 02 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 12:30 तक तत्पश्चात रेवती
⛅योग - शूल सुबह 09:22 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:22
⛅ सूर्यास्त - 06:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - फूल काजली व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 08:49 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 02 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 12:30 तक तत्पश्चात रेवती
⛅योग - शूल सुबह 09:22 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:22
⛅ सूर्यास्त - 06:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:36 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - फूल काजली व्रत
September 1, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/tEzAIyOeFUA?si=uniZHpvy5VCblfVb
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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September 1, 2023
September 1, 2023
September 1, 2023
September 1, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
श्रीमद्भगवद्गीतातृतीयोऽध्यायः
श्रीमद्भगवद्गीतातृतीयोऽध्यायः
September 1, 2023
टेलीग्राम्मध्ये उपलब्धाः संस्कृतसंश्लेषकाः
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September 1, 2023
🍃
🔆गुणानां कारणेनैव कश्चनजनः श्रेष्ठतां प्राप्नोति न तु उच्चस्थानप्राप्तिकारणेन यथा पर्वतशिखरे स्थितः काकः गरुडः न भवति।
अतः गुणप्रवर्धनाय प्रयासाः करणीयाः।
⚜गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से। राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बनता ।
#Subhashitam
गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः।
प्रसादशिखरस्थोऽपि कि काको गरुडायते
॥🔆गुणानां कारणेनैव कश्चनजनः श्रेष्ठतां प्राप्नोति न तु उच्चस्थानप्राप्तिकारणेन यथा पर्वतशिखरे स्थितः काकः गरुडः न भवति।
अतः गुणप्रवर्धनाय प्रयासाः करणीयाः।
⚜गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से। राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बनता ।
#Subhashitam
September 2, 2023
मूर्खाणां शृङ्गौ न भवतः उक्तिरियम् उचिता स्यात्।
वाक्ये कति सर्वनामपदानि सन्ति।
वाक्ये कति सर्वनामपदानि सन्ति।
Anonymous Quiz
46%
एकम्
21%
द्वे
12%
त्रीणि
22%
न सन्ति
September 2, 2023
यदि पत्नी के मॉंगों के बीचो बीच सिन्दुर लगा हुआ है तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है
•• यदि भार्यायाः सीमन्तानां मध्ये सिन्दूरं स्यात् अस्ति तर्हि तस्याः पतिः अकालं मर्तुं न शक्नुयात्।
जो स्त्री अपने मॉंग के सिन्दूर को बालों से छिपा लेती है उसका पति समाज में छिप जाता है
•• या नारी स्वसीमन्तस्य सिन्दूरं केशैः गोपायति,तस्या: पतिः समाजे निगूहति।
जो स्त्री बीच मॉंग में सिन्दुर न लगाकर किनारे पर लगाती है उसका पति उससे किनारा कर लेता है
•• या नारी सीमन्तस्य मध्ये सिन्दूरं न प्रयोज्य सीमन्तस्य कूलं प्रति स्थापयति,तस्या: पति स्वपत्न्या: दूरीभवति।
यदि स्त्री के बीच माँग में सिन्दूर भरा है तो उसके पति की आयु लम्बी होती है।
•• यदि स्त्रिया: सीमन्तस्य मध्ये सिन्दूरं स्यात् तर्हि तस्या: पति दीर्घायु: भवति।
रामायण में एक प्रसंग आता है जब बालि और सुग्रीवके बीच युध्द हो रहा था तब श्रीरामने बालि को नही मारा।
•• रामायणे एकः प्रसंगोऽस्ति यदा बालि-सुग्रीवयोः मध्ये युद्धं प्रचलति स्म,तदा श्रीरामो बालिं न मारितवान्।
जब बालि के हाथो मार खाकर सुग्रीव श्रीरामके पास पहुचा तो श्रीरामने कहा की तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है,इसीलिये मैं भ्रमित हो गया था?
•• यदा सुग्रीवो बालिहस्ताभ्यां ताडितः सन् श्रीरामं प्राप्तवान् तदा श्रीरामः अवदत् यत् भवतः बालेश्च मुखाकृती समाने स्त:, अत एव अहं भ्रान्तोऽभवम्।
अब आप ही बताइये श्रीरामके नजरों से भला कोई छुप सकता है क्या?
•• इदानीं भवान् कथयतु यत् श्रीरामस्य नेत्राभ्यां कोऽपि निगूढो भवितुमर्हति वा ?
असली बात तो यह थी जब श्रीराम ने यह देख लिया की बालि की पत्नी तारा का माँग सिन्दूरसे भरा हुआ है तो उन्होने सिन्दूरका सम्मान करते हुये बालि को नही मारा।
•• वास्तविकतथ्यम् एतदासीत् यत् यदा श्रीरामो दृष्ट्वान् यत् बालिपत्न्याः तारायाः सीमन्त: सिंदूरवर्णेन परिपूर्णः अस्ति तदा स सिन्दूरस्य सम्मानं कुर्वन् बालिम् न हतवान्।
दूसरी बार जब सुग्रीवने बालि को ललकारा तब तारा स्नान कर रही थी उसी समय भगवान ने मौका देखकर बाण बालि की तरफ छोड़ दिया
•• द्वितीयवारं यदा सुग्रीवो बालिं द्वन्द्वयुद्धाय प्रत्याहूतवान् तदा तारा स्नाति स्म।तदैव भगवान् अवसरं दृष्ट्वा तूणीरं बालिं प्रति क्षिप्तवान्।
अब आप ही बताइये की जब माँग में सिन्दूर भरा हो तो परमात्मा भी उसके पति मार नहीं सकते है।
•• इदानीं भवान् एव बोधयतु यत् यदा सीमन्त: सिन्दूरै: पूरितो भवति तदा ईश्वरोऽपि तस्या: पतिं हन्तुं न शक्नोति।
फिर उनके सिवाय कोई और क्या मार पायेगा?
•• अथ तं विना अन्यः कः हन्तुं शक्नोति ?
यह पोस्ट मै इसीलिये कर रही हूँ कि आजकल फैशन चल रहा है सिन्दूर न लगाने की या हल्का लगाने की या बीच माँग में न लगाकर किनारे लगाने की
•• एनं सन्देशप्रेषणम् अस्मादेव कारणात् करोमि यत् अद्यत्वे भूषाचार: प्रचलति यत् सिंदूरं न प्रयोक्तव्यं उत लघुतया प्रयोक्तव्यं वा सीमन्तस्य मध्ये वा न प्रयोज्य सीमन्तस्य कूलं प्रति स्थापनस्य।
मैं आशा करती हूँ की मेरे इस पोस्ट से आप लोग सिन्दूर का महत्व समझ गयी होंगी और अपने पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थय के लिये अपने पति के नाम का सिंदूर अपने माँग में भरे रहेगी।
•• आशासे यत् भवत्य: मम एतेन सन्देशप्रेषणेन सिन्दूरस्य महत्त्वम् अवगच्छेयु: यत् स्वपत्यु: दीर्घायुषः सुस्वास्थ्यस्य च कृते स्वपत्यु: नाम्न: सिन्दूरेण भवत्य: स्वसीमन्तं सदैव पूरयिष्यन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• यदि भार्यायाः सीमन्तानां मध्ये सिन्दूरं स्यात् अस्ति तर्हि तस्याः पतिः अकालं मर्तुं न शक्नुयात्।
जो स्त्री अपने मॉंग के सिन्दूर को बालों से छिपा लेती है उसका पति समाज में छिप जाता है
•• या नारी स्वसीमन्तस्य सिन्दूरं केशैः गोपायति,तस्या: पतिः समाजे निगूहति।
जो स्त्री बीच मॉंग में सिन्दुर न लगाकर किनारे पर लगाती है उसका पति उससे किनारा कर लेता है
•• या नारी सीमन्तस्य मध्ये सिन्दूरं न प्रयोज्य सीमन्तस्य कूलं प्रति स्थापयति,तस्या: पति स्वपत्न्या: दूरीभवति।
यदि स्त्री के बीच माँग में सिन्दूर भरा है तो उसके पति की आयु लम्बी होती है।
•• यदि स्त्रिया: सीमन्तस्य मध्ये सिन्दूरं स्यात् तर्हि तस्या: पति दीर्घायु: भवति।
रामायण में एक प्रसंग आता है जब बालि और सुग्रीवके बीच युध्द हो रहा था तब श्रीरामने बालि को नही मारा।
•• रामायणे एकः प्रसंगोऽस्ति यदा बालि-सुग्रीवयोः मध्ये युद्धं प्रचलति स्म,तदा श्रीरामो बालिं न मारितवान्।
जब बालि के हाथो मार खाकर सुग्रीव श्रीरामके पास पहुचा तो श्रीरामने कहा की तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है,इसीलिये मैं भ्रमित हो गया था?
•• यदा सुग्रीवो बालिहस्ताभ्यां ताडितः सन् श्रीरामं प्राप्तवान् तदा श्रीरामः अवदत् यत् भवतः बालेश्च मुखाकृती समाने स्त:, अत एव अहं भ्रान्तोऽभवम्।
अब आप ही बताइये श्रीरामके नजरों से भला कोई छुप सकता है क्या?
•• इदानीं भवान् कथयतु यत् श्रीरामस्य नेत्राभ्यां कोऽपि निगूढो भवितुमर्हति वा ?
असली बात तो यह थी जब श्रीराम ने यह देख लिया की बालि की पत्नी तारा का माँग सिन्दूरसे भरा हुआ है तो उन्होने सिन्दूरका सम्मान करते हुये बालि को नही मारा।
•• वास्तविकतथ्यम् एतदासीत् यत् यदा श्रीरामो दृष्ट्वान् यत् बालिपत्न्याः तारायाः सीमन्त: सिंदूरवर्णेन परिपूर्णः अस्ति तदा स सिन्दूरस्य सम्मानं कुर्वन् बालिम् न हतवान्।
दूसरी बार जब सुग्रीवने बालि को ललकारा तब तारा स्नान कर रही थी उसी समय भगवान ने मौका देखकर बाण बालि की तरफ छोड़ दिया
•• द्वितीयवारं यदा सुग्रीवो बालिं द्वन्द्वयुद्धाय प्रत्याहूतवान् तदा तारा स्नाति स्म।तदैव भगवान् अवसरं दृष्ट्वा तूणीरं बालिं प्रति क्षिप्तवान्।
अब आप ही बताइये की जब माँग में सिन्दूर भरा हो तो परमात्मा भी उसके पति मार नहीं सकते है।
•• इदानीं भवान् एव बोधयतु यत् यदा सीमन्त: सिन्दूरै: पूरितो भवति तदा ईश्वरोऽपि तस्या: पतिं हन्तुं न शक्नोति।
फिर उनके सिवाय कोई और क्या मार पायेगा?
•• अथ तं विना अन्यः कः हन्तुं शक्नोति ?
यह पोस्ट मै इसीलिये कर रही हूँ कि आजकल फैशन चल रहा है सिन्दूर न लगाने की या हल्का लगाने की या बीच माँग में न लगाकर किनारे लगाने की
•• एनं सन्देशप्रेषणम् अस्मादेव कारणात् करोमि यत् अद्यत्वे भूषाचार: प्रचलति यत् सिंदूरं न प्रयोक्तव्यं उत लघुतया प्रयोक्तव्यं वा सीमन्तस्य मध्ये वा न प्रयोज्य सीमन्तस्य कूलं प्रति स्थापनस्य।
मैं आशा करती हूँ की मेरे इस पोस्ट से आप लोग सिन्दूर का महत्व समझ गयी होंगी और अपने पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थय के लिये अपने पति के नाम का सिंदूर अपने माँग में भरे रहेगी।
•• आशासे यत् भवत्य: मम एतेन सन्देशप्रेषणेन सिन्दूरस्य महत्त्वम् अवगच्छेयु: यत् स्वपत्यु: दीर्घायुषः सुस्वास्थ्यस्य च कृते स्वपत्यु: नाम्न: सिन्दूरेण भवत्य: स्वसीमन्तं सदैव पूरयिष्यन्ति।
~उमेशगुप्तः
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September 2, 2023
September 2, 2023
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विशिष्टं व्याख्यानम्
on the occasion of Samskrit Week Celebrations.
वक्ता -
@ChamuKShastry
विषयः - संस्कृतं भारतीयभाषाः च
Fb Live - https://fb.me/e/1h9Oa4IgL
on the occasion of Samskrit Week Celebrations.
वक्ता -
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विषयः - संस्कृतं भारतीयभाषाः च
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September 2, 2023
तमालपत्रम्
( तमालचूर्ण रचयतः, नस्यं जिघतः तथा वस्त्रशंसां कुर्वतः
ग्राम्यवेषधारिणः पुरुषस्य प्रवेशः )
प्रथमः- अहो ! कीदृशं पवित्रं यस्तु इदं तमालपत्रं वर्तते ! वेदे, शास्त्रे सर्वत्र अस्य महिमा वर्णितः अस्ति । यथा त्रिपथगा गंगा स
जगत् पवित्रं करोति तथैव तमालपत्रम् अपि सर्वं जगत् पवित्रं करोति ।
द्वितीयः- अरे मूर्ख ! कथं वृथा अनर्गल प्रलापं करोषि ? ईदृशम् अपवित्रम् अनर्थंकरं च वस्तु सभायां निर्भयो भूत्वा एवं प्रशंससि।
प्रथमः- अरे ! कि तमालपत्रम् अपवित्रं वस्तु वर्तते ! शास्त्रेऽपि तमालपत्रस्य पवित्रताया वर्णनं वर्तते । श्रूयताम्, मम श्वसुरः महान् पण्डितः आसीत् । स एकं श्लोकं कथयति स्म
द्वितीयः - श्रुतं प्रमाणम् । तर्हि कथ्यताम्, कस्मिन् ग्रन्ये अयं श्लोकः अस्ति ?
प्रथमः- अहं ग्रन्थस्य नाम न जानामि मम श्वसुरः महान् पण्डितः आसीत् । स एव इमं श्लोकं कथयति स्म ।
द्वितीयः- आः, तहि महत् अकाट्यं प्रमाणं वर्तते । तव श्वसुरस्य वाक्यं वेदवाक्यम् अस्ति ?
प्रथमः- अरे दुष्ट! कथं मम श्वसुरस्य उपहासं करोषि ! यदि तमालपत्रं शास्त्रविरुद्धं तथा अपवित्रं वर्तते तर्हि कथं सर्वे पण्डिताः तमालपत्रं भक्षयन्ति ?
द्वितीय:- कि पण्डिता अपि तमालपत्रं भक्षयन्ति !
प्रथमः-आं, पण्डिता अपि भक्षयन्ति । वैदिकाः ज्योतिर्विदः पौराणिकाः वैद्याः व्याकरणाचार्याः साहित्याचार्याः वेदान्ताचार्याः, किम- धिकं धर्मशास्त्राचार्या अपि तमालपत्रं भक्षयन्ति । न च केवलं गृहे, प्रत्युत यज्ञे, मन्दिरे, विद्यालये, पूजायां, पाठे, सभायां, तीर्थे, आश्रमे सर्वत्र निस्सङ्कोचं भक्षयन्ति ।
द्वितीयः - यद्येवं तर्हि एष महान् अनर्थविषयः । तथापि पण्डितानां भक्षणेन तमालपत्रस्य प्रामाणिकता न सिद्धयति । न खलु अस्माकं पण्डिताः प्रमाणं प्रत्युत शास्त्रं प्रमाणं बुद्धिश्च प्रमाणं वर्तते । साधारणबुद्धयाऽपि विचार्यमाणे तमालपत्रस्य उत्तमता न सिद्ध्यति । अतएव लिखितं वर्तते -
प्रथमः -- अस्तु, मन्ये अहं ते वचनं यत् पण्डिता अनुचितं कुर्वन्ति । परन्तु अनेके अंग्रेजी अध्यापका यत् बीड़ी-सिगरेटादिकं पिबन्ति, एकम् एकम् च "बण्डलं" एकैकस्मिन् दिने समाप्तं कुर्वन्ति, तत् किं तेऽपि अनुचितं कुर्वन्ति ? ते तु सभ्यमानवाः सन्ति !
द्वितीयः - ( हसित्वा) अरे, अंग्रेजी-अध्यापकानां किमपि पुच्छं वर्तते यत् ते अनुचितं न कुर्वन्ति ! शृणु तावत् । तमालपत्रं भूमपानं वा इदं सर्वमपि स्वास्थ्यस्य कृते महत् हानिकरं वर्तते । द्रव्यस्यापि अपव्ययो भवति । समाजे निन्दापि जायते । अतः कदापि तमालभक्षणं धूमपानं वा न कर्तव्यम् । दूरे निक्षिप निजं सर्वं तमालपत्रम् ।
।
प्रथमः- गच्छ गच्छ यावत् सर्वं पण्डिताः मास्टराश्च परित्यागं न करिष्यन्ति तावत् अहमपि परित्यागं न करिष्यामि । (निर्गच्छति )
द्वितीय:- मा परित्यागं कुरु । कः त्वया सह शिरःस्फोटं कुर्यात् । सर्वस्यौषधमस्ति शास्त्रविहितं मूर्खस्य नास्त्यौषधम् । (निष्क्रान्तः )
#samvadah #hasya
( तमालचूर्ण रचयतः, नस्यं जिघतः तथा वस्त्रशंसां कुर्वतः
ग्राम्यवेषधारिणः पुरुषस्य प्रवेशः )
प्रथमः- अहो ! कीदृशं पवित्रं यस्तु इदं तमालपत्रं वर्तते ! वेदे, शास्त्रे सर्वत्र अस्य महिमा वर्णितः अस्ति । यथा त्रिपथगा गंगा स
जगत् पवित्रं करोति तथैव तमालपत्रम् अपि सर्वं जगत् पवित्रं करोति ।
क्वचित् हुक्का ववचित् थुक्का क्वचिन्नासाग्रवर्तिनी।
इयं त्रिपथगा गंगा पुनाति भुवनत्रयम्॥
द्वितीयः- अरे मूर्ख ! कथं वृथा अनर्गल प्रलापं करोषि ? ईदृशम् अपवित्रम् अनर्थंकरं च वस्तु सभायां निर्भयो भूत्वा एवं प्रशंससि।
प्रथमः- अरे ! कि तमालपत्रम् अपवित्रं वस्तु वर्तते ! शास्त्रेऽपि तमालपत्रस्य पवित्रताया वर्णनं वर्तते । श्रूयताम्, मम श्वसुरः महान् पण्डितः आसीत् । स एकं श्लोकं कथयति स्म
विडोजाः पुरा पृष्टवान् पद्मयोनिं धरित्रीतले सारभूतं किमस्ति ।
चतुर्भिर्मुखेरुत्तरं तेन दत्तम् तमाल तमालं तमालं तमालम् ॥ १॥
द्वितीयः - श्रुतं प्रमाणम् । तर्हि कथ्यताम्, कस्मिन् ग्रन्ये अयं श्लोकः अस्ति ?
प्रथमः- अहं ग्रन्थस्य नाम न जानामि मम श्वसुरः महान् पण्डितः आसीत् । स एव इमं श्लोकं कथयति स्म ।
द्वितीयः- आः, तहि महत् अकाट्यं प्रमाणं वर्तते । तव श्वसुरस्य वाक्यं वेदवाक्यम् अस्ति ?
प्रथमः- अरे दुष्ट! कथं मम श्वसुरस्य उपहासं करोषि ! यदि तमालपत्रं शास्त्रविरुद्धं तथा अपवित्रं वर्तते तर्हि कथं सर्वे पण्डिताः तमालपत्रं भक्षयन्ति ?
द्वितीय:- कि पण्डिता अपि तमालपत्रं भक्षयन्ति !
प्रथमः-आं, पण्डिता अपि भक्षयन्ति । वैदिकाः ज्योतिर्विदः पौराणिकाः वैद्याः व्याकरणाचार्याः साहित्याचार्याः वेदान्ताचार्याः, किम- धिकं धर्मशास्त्राचार्या अपि तमालपत्रं भक्षयन्ति । न च केवलं गृहे, प्रत्युत यज्ञे, मन्दिरे, विद्यालये, पूजायां, पाठे, सभायां, तीर्थे, आश्रमे सर्वत्र निस्सङ्कोचं भक्षयन्ति ।
द्वितीयः - यद्येवं तर्हि एष महान् अनर्थविषयः । तथापि पण्डितानां भक्षणेन तमालपत्रस्य प्रामाणिकता न सिद्धयति । न खलु अस्माकं पण्डिताः प्रमाणं प्रत्युत शास्त्रं प्रमाणं बुद्धिश्च प्रमाणं वर्तते । साधारणबुद्धयाऽपि विचार्यमाणे तमालपत्रस्य उत्तमता न सिद्ध्यति । अतएव लिखितं वर्तते -
न स्वादु नौषधमिदं न च वा सुगन्धि
नाऽक्षिप्रियं किमपि शुष्कतमा कुचूर्णम् ।
किं चाक्षिरोगजनकं च तदस्य भोगे
बीजं नृणां नहि नहि व्यसनं विनाऽन्यत् ॥१॥
प्रथमः -- अस्तु, मन्ये अहं ते वचनं यत् पण्डिता अनुचितं कुर्वन्ति । परन्तु अनेके अंग्रेजी अध्यापका यत् बीड़ी-सिगरेटादिकं पिबन्ति, एकम् एकम् च "बण्डलं" एकैकस्मिन् दिने समाप्तं कुर्वन्ति, तत् किं तेऽपि अनुचितं कुर्वन्ति ? ते तु सभ्यमानवाः सन्ति !
द्वितीयः - ( हसित्वा) अरे, अंग्रेजी-अध्यापकानां किमपि पुच्छं वर्तते यत् ते अनुचितं न कुर्वन्ति ! शृणु तावत् । तमालपत्रं भूमपानं वा इदं सर्वमपि स्वास्थ्यस्य कृते महत् हानिकरं वर्तते । द्रव्यस्यापि अपव्ययो भवति । समाजे निन्दापि जायते । अतः कदापि तमालभक्षणं धूमपानं वा न कर्तव्यम् । दूरे निक्षिप निजं सर्वं तमालपत्रम् ।
।
प्रथमः- गच्छ गच्छ यावत् सर्वं पण्डिताः मास्टराश्च परित्यागं न करिष्यन्ति तावत् अहमपि परित्यागं न करिष्यामि । (निर्गच्छति )
द्वितीय:- मा परित्यागं कुरु । कः त्वया सह शिरःस्फोटं कुर्यात् । सर्वस्यौषधमस्ति शास्त्रविहितं मूर्खस्य नास्त्यौषधम् । (निष्क्रान्तः )
#samvadah #hasya
September 2, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «टेलीग्राम्मध्ये उपलब्धाः संस्कृतसंश्लेषकाः Sanskrit Stickers available on Telegram»
September 2, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
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September 2, 2023
September 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्थी शाम 06:24 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅️ दिनांक - 03 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - रविवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - रेवती सुबह 10:38 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅️ योग - गण्ड सुबह 06:01 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅️ राहु काल - शाम 05:21 से 06:056 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:22
⛅️ सूर्यास्त - 06:56
⛅️ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - चतुर्थी शाम 06:24 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅️ दिनांक - 03 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - रविवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - रेवती सुबह 10:38 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅️ योग - गण्ड सुबह 06:01 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅️ राहु काल - शाम 05:21 से 06:056 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:22
⛅️ सूर्यास्त - 06:56
⛅️ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
#panchang
September 2, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/18lJL6Lxd44?si=sl6O65nHBH2uA2FF
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September 2, 2023
September 2, 2023
🍃
🔆 अस्मिन् संसारे सदैव जनाः प्रतिदिनं प्रतिक्षणं म्रियन्ते तथापि आश्चर्यं यत् तान् दृष्ट्वापि अन्ये तथा आचरन्ति यथा वयन्तु चिरञ्जीविणः स्मः।
⚜इस संसार में जीव प्रतिदिन यमलोक में जाते हैं। इससे अधिक आश्चर्य की बात क्या है कि तथापि लोग अपने आप को चिरंजीव समझते हैं?
⚜In This World, People Die Everyday.
What Is More Surprising That Despite This, People Think They Are Eternal
#Subhashitam
अहन्यहनि भूतानि गच्छन्तीह यमालयम्।
शेषास्स्थावरमिच्छन्ति किमाश्चर्यमतः परम्
॥🔆 अस्मिन् संसारे सदैव जनाः प्रतिदिनं प्रतिक्षणं म्रियन्ते तथापि आश्चर्यं यत् तान् दृष्ट्वापि अन्ये तथा आचरन्ति यथा वयन्तु चिरञ्जीविणः स्मः।
⚜इस संसार में जीव प्रतिदिन यमलोक में जाते हैं। इससे अधिक आश्चर्य की बात क्या है कि तथापि लोग अपने आप को चिरंजीव समझते हैं?
⚜In This World, People Die Everyday.
What Is More Surprising That Despite This, People Think They Are Eternal
#Subhashitam
September 2, 2023
एषः तथा सः इति अनयोः परे अकारं विहाय अन्यः वर्णः चेत् विसर्गस्य _________ भवति।
Anonymous Quiz
17%
रेफः
63%
लोपः
8%
किमपि न भवति
13%
सकारः भवति।
September 3, 2023
पीला रंग बृहस्पति का प्रधान रंग है।
••पाण्डुवर्णः बृहस्पते: प्राथमिकवर्णः अस्ति।
इस रंग का व्यक्ति के पाचन तंत्र, रक्त संचार और आंखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
••अस्य वर्णस्य प्रत्यक्षः प्रभावः व्यक्ते: पाचनतन्त्रे, रक्तसञ्चारस्य नेत्रयोः च उपरि भवति ।
कहा तो यह भी जाता है कि पीले रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है।
••इदमपि तु कथ्यते यत् पीतवर्णे मनः परिवर्तयितुं क्षमता भवति।
इस रंग को शुभता का प्रतीक माना जाता है।
••एषः वर्णः मङ्गलस्य प्रतीकः इति मन्यते।
यदि आपका पसंदीदा रंग पीला है तो आपके व्यक्तित्व के लक्षण बताता है कि आप एक रचनात्मक, खुशमिजाज, मौज-मस्ती करने वाले, आशावादी, मिलनसार और गतिशील व्यक्ति है।
••यदि भवते पाण्डुरवर्ण: रोचेत तर्हि भवतः व्यक्तित्वगुणाः वदन्ति यत् भवान् सृजनात्मकः, प्रसन्नः, विनोदप्रियः, आशावादी, मिलनसारः, गतिशीलः च पुरुष: स्यात्।
आप मानसिक रूप से अत्यधिक सक्रिय हैं।
••भवान् मानसिकरूपेण अतीव सक्रियः अस्ति।
आप परिस्थितियों से दिल की बजाय दिमाग से निपटना पसंद करते हैं।
••भवते हृदयात् अपेक्षया बुद्ध्या परिस्थितिभ्यः सह संघर्षः रोचते।
आप व्यवस्थित, विश्लेषणात्मक और गणनात्मक हैं।
••भवान् व्यवस्थित:, विश्लेषणात्मक: गणनात्मक: च अस्ति।
स्कूल बस का रंग पीला ही क्यो होता है?
••विद्यालयीययानस्य वर्णः हरिद्राभ: किमर्थं भवति?
दरअसल स्कूल की बसों का रंग सुरक्षा की दृष्टि से पीला रखा जाता है।
••वस्तुतः विद्यालयीययानानां वर्णः सुरक्षायै पीतः एव भवति।
माना जाता है कि पीला रंग होने से बस दूर से देखी जा सकती है।
••मन्यते यत् हरिद्राभवर्णस्य कारणात् दूरतः विद्यालयीययानं द्रष्टुं शक्यते ।
साथ ही यह बस बारिश, रात, दिन, कोहरे में आसानी से दिखाई दे जाती है इसलिए दुर्घटना का खतरा बहुत कम होता है।
••अपि च वर्षायां, रात्रौ, दिने, नीहारे च एतत् विद्यालयीययानं सुलभतया दृश्यते अतः दुर्घटनायाः त्रासदकम् अतीव न्यूनं भवति ।
इसके पीछे की वजह है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना ज्यादा आकर्षण होता है और अन्य किसी भी रंग की तुलना में यह आंखों को जल्दी दिखाई देता है।
••एतस्य पृष्ठतः कारणम् यत् हरिद्राभवर्णः अन्येषां वर्णानाम् अपेक्षया द्वौ चत्वार: दशांशोत्तर एक: गुणाधिक: आकर्षको भवति एष च वर्ण: अन्येषां वर्णानाम् अपेक्षया नेत्राभ्याम् अधिकं दृश्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••पाण्डुवर्णः बृहस्पते: प्राथमिकवर्णः अस्ति।
इस रंग का व्यक्ति के पाचन तंत्र, रक्त संचार और आंखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
••अस्य वर्णस्य प्रत्यक्षः प्रभावः व्यक्ते: पाचनतन्त्रे, रक्तसञ्चारस्य नेत्रयोः च उपरि भवति ।
कहा तो यह भी जाता है कि पीले रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है।
••इदमपि तु कथ्यते यत् पीतवर्णे मनः परिवर्तयितुं क्षमता भवति।
इस रंग को शुभता का प्रतीक माना जाता है।
••एषः वर्णः मङ्गलस्य प्रतीकः इति मन्यते।
यदि आपका पसंदीदा रंग पीला है तो आपके व्यक्तित्व के लक्षण बताता है कि आप एक रचनात्मक, खुशमिजाज, मौज-मस्ती करने वाले, आशावादी, मिलनसार और गतिशील व्यक्ति है।
••यदि भवते पाण्डुरवर्ण: रोचेत तर्हि भवतः व्यक्तित्वगुणाः वदन्ति यत् भवान् सृजनात्मकः, प्रसन्नः, विनोदप्रियः, आशावादी, मिलनसारः, गतिशीलः च पुरुष: स्यात्।
आप मानसिक रूप से अत्यधिक सक्रिय हैं।
••भवान् मानसिकरूपेण अतीव सक्रियः अस्ति।
आप परिस्थितियों से दिल की बजाय दिमाग से निपटना पसंद करते हैं।
••भवते हृदयात् अपेक्षया बुद्ध्या परिस्थितिभ्यः सह संघर्षः रोचते।
आप व्यवस्थित, विश्लेषणात्मक और गणनात्मक हैं।
••भवान् व्यवस्थित:, विश्लेषणात्मक: गणनात्मक: च अस्ति।
स्कूल बस का रंग पीला ही क्यो होता है?
••विद्यालयीययानस्य वर्णः हरिद्राभ: किमर्थं भवति?
दरअसल स्कूल की बसों का रंग सुरक्षा की दृष्टि से पीला रखा जाता है।
••वस्तुतः विद्यालयीययानानां वर्णः सुरक्षायै पीतः एव भवति।
माना जाता है कि पीला रंग होने से बस दूर से देखी जा सकती है।
••मन्यते यत् हरिद्राभवर्णस्य कारणात् दूरतः विद्यालयीययानं द्रष्टुं शक्यते ।
साथ ही यह बस बारिश, रात, दिन, कोहरे में आसानी से दिखाई दे जाती है इसलिए दुर्घटना का खतरा बहुत कम होता है।
••अपि च वर्षायां, रात्रौ, दिने, नीहारे च एतत् विद्यालयीययानं सुलभतया दृश्यते अतः दुर्घटनायाः त्रासदकम् अतीव न्यूनं भवति ।
इसके पीछे की वजह है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना ज्यादा आकर्षण होता है और अन्य किसी भी रंग की तुलना में यह आंखों को जल्दी दिखाई देता है।
••एतस्य पृष्ठतः कारणम् यत् हरिद्राभवर्णः अन्येषां वर्णानाम् अपेक्षया द्वौ चत्वार: दशांशोत्तर एक: गुणाधिक: आकर्षको भवति एष च वर्ण: अन्येषां वर्णानाम् अपेक्षया नेत्राभ्याम् अधिकं दृश्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 3, 2023
September 3, 2023
September 3, 2023
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🔰 विषयः वार्ताः
🗓०४/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं तद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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September 3, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 04:41 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 04 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी सुबह 09:26 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - ध्रुव रात्रि 12:59 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 07:57 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:23
⛅ सूर्यास्त - 06:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नाग पंचमी (राजस्तान), माधवदेव तिथि (असम)
#panchang
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⛅ सूर्योदय - 06:23
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September 3, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/cUL7EdP1Qwo?si=CDFC6JFNWM47vy43
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#newsinsanskrit #vaarta
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September 3, 2023
September 3, 2023
September 3, 2023
September 3, 2023
September 3, 2023
🍃
🔆 धर्महीनः जीवितः अपि मृतवत् अस्ति तथा धर्मयुक्तः मृत्योः अनन्तरमपि जीवितः अस्ति अत्र न कश्चित् संशयः।
⚜धर्महीन मनुष्य को जिंदा होने के बावजुद मैं मृत समजता हूँ । धर्मयुक्त इन्सान मर कर भी दीर्घायु रहेता है उस में संदेह नहीं ।
#Subhashitam
जीवन्तं मृतवन्मन्ये देहिनं धर्मवर्जितम् ।
मृतो धर्मेण संयुक्तो दीर्घजीवी न संशयः
॥🔆 धर्महीनः जीवितः अपि मृतवत् अस्ति तथा धर्मयुक्तः मृत्योः अनन्तरमपि जीवितः अस्ति अत्र न कश्चित् संशयः।
⚜धर्महीन मनुष्य को जिंदा होने के बावजुद मैं मृत समजता हूँ । धर्मयुक्त इन्सान मर कर भी दीर्घायु रहेता है उस में संदेह नहीं ।
#Subhashitam
September 3, 2023
September 4, 2023
मोतिहारी में रहने वाले विनोद दुबे पांच साल गुजरात में रहकर अपने अनुभवों की याद हमलोगों को दिला रहे है।
••मोतिहारीवासी विनोदद्विवेदी पञ्चवर्षाणि यावत् गुर्जरप्रदेशे उषित्वा अस्मान् स्वानुभवान् स्मारयति।
👉गुजरात की राजधानी गांधीनगर में वर्ष 2000 से 2005 तक मैं south western air command में पोस्टेड था।
••गुर्जरप्रदेशस्य राजधान्यां गान्धीनगरे द्विसहस्राख्रिष्टाब्दात् पञ्चाधिक-द्विसहस्रख्रिष्टाब्दपर्यन्तम् अहं दक्षिणपश्चिम-वायुकमनविभागे नियुक्त: आसम्।
👉यकीन मानिए वे मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिन थे क्योंकि वहां के आम लोग काफी ईमानदार एवं सरल हैं।
••विश्वासं कुरुतां यत् ते मम जीवनस्य सर्वोत्तमाः दिवसाः आसन् यतोहि तत्रत्याः सामान्यजनाः अतीव निष्कपटा: सरलाः च सन्ति।
👉चोरी और बेईमानी का एक भी उदाहरण मुझे उन पांच वर्षों में नही मिला।
••तेषु पञ्चवर्षेषु स्तेयस्य अनैष्ठिकस्य च एकोऽपि दृष्टान्तः मया न लब्धः।
👉घरों में रात को दरवाजा में सिटकिनी लगाने की आवश्यकता नहीं थी।
••गृहेषु रात्रौ द्वारे अर्गलायाः नियोजनस्य आवश्यकता नासीत् ।
👉मोटरसाईकिल में भी लॉक लगाने की आवश्यकता नहीं होती थी।
••द्विचक्रिकावाहने अपि तालं स्थापयितुम् आवश्यकता नासीत्।
👉यदि दवा की दुकान पर दवा लेते वक्त आपके पास रुपए कम पड़ जाय तो अनजान व्यक्ति को भी दुकानदार उधार दवाइयां खुशी-खुशी दे देते थे और पता तथा मोबाइल न. भी नहीं पूछते थे।
••औषधापणे औषधक्रयसमये भवतः समीपे धनाभावः चेत् आपणिकः अज्ञाय पुरुषाय अपि प्रसन्नमुखेन औषधं ऋणरूपेण ददाति स्म स्थानसङ्केतम् अपृष्ट्वा दूरवाणीसङ्ख्यां च अस्वीकृत्य।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••मोतिहारीवासी विनोदद्विवेदी पञ्चवर्षाणि यावत् गुर्जरप्रदेशे उषित्वा अस्मान् स्वानुभवान् स्मारयति।
👉गुजरात की राजधानी गांधीनगर में वर्ष 2000 से 2005 तक मैं south western air command में पोस्टेड था।
••गुर्जरप्रदेशस्य राजधान्यां गान्धीनगरे द्विसहस्राख्रिष्टाब्दात् पञ्चाधिक-द्विसहस्रख्रिष्टाब्दपर्यन्तम् अहं दक्षिणपश्चिम-वायुकमनविभागे नियुक्त: आसम्।
👉यकीन मानिए वे मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिन थे क्योंकि वहां के आम लोग काफी ईमानदार एवं सरल हैं।
••विश्वासं कुरुतां यत् ते मम जीवनस्य सर्वोत्तमाः दिवसाः आसन् यतोहि तत्रत्याः सामान्यजनाः अतीव निष्कपटा: सरलाः च सन्ति।
👉चोरी और बेईमानी का एक भी उदाहरण मुझे उन पांच वर्षों में नही मिला।
••तेषु पञ्चवर्षेषु स्तेयस्य अनैष्ठिकस्य च एकोऽपि दृष्टान्तः मया न लब्धः।
👉घरों में रात को दरवाजा में सिटकिनी लगाने की आवश्यकता नहीं थी।
••गृहेषु रात्रौ द्वारे अर्गलायाः नियोजनस्य आवश्यकता नासीत् ।
👉मोटरसाईकिल में भी लॉक लगाने की आवश्यकता नहीं होती थी।
••द्विचक्रिकावाहने अपि तालं स्थापयितुम् आवश्यकता नासीत्।
👉यदि दवा की दुकान पर दवा लेते वक्त आपके पास रुपए कम पड़ जाय तो अनजान व्यक्ति को भी दुकानदार उधार दवाइयां खुशी-खुशी दे देते थे और पता तथा मोबाइल न. भी नहीं पूछते थे।
••औषधापणे औषधक्रयसमये भवतः समीपे धनाभावः चेत् आपणिकः अज्ञाय पुरुषाय अपि प्रसन्नमुखेन औषधं ऋणरूपेण ददाति स्म स्थानसङ्केतम् अपृष्ट्वा दूरवाणीसङ्ख्यां च अस्वीकृत्य।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 4, 2023
September 4, 2023
September 4, 2023
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🔰 विषयः शिक्षकदिवसः
🗓०५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं(शिक्षके के गुणाः भवन्ति तथा जीवने शिक्षकस्य आवश्यकता) तद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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🔰 विषयः शिक्षकदिवसः
🗓०५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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September 4, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 03:46 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 05 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी सुबह 09:00 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - ध्रुव रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - शाम 03:46 से 05:20 तक
⛅ सूर्योदय - 06:23
⛅ सूर्यास्त - 06:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - बलराम जयंती, शिक्षक दिवस
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ दिनांक - 05 सितम्बर 2023
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September 4, 2023
https://youtu.be/snZ-UU515kY?si=RN3LgsOU5D8dKXs8
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Aditya L1 successfully undergoes the second earth-bound manoeuvre | Vaarta
Aditya L1 successfully undergoes the second earth-bound manoeuvre
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
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September 4, 2023
September 4, 2023
September 4, 2023
September 4, 2023
September 4, 2023
🍃
🔆 कस्मिंश्चिदपि उत्तमे कार्ये विलम्बः कदापि न कर्तव्यः यतो हि अस्माकम् आयुः प्रतिदिनं क्षयं प्राप्नोति तथा यमराजः कदापि
विलम्बं न करिष्यति अर्थात् धर्मस्य गतिः निश्चिता वर्तते।
⚜विलंब करना ठीक नहीं। प्रतिदिन आयुष्य कम होता है। यमराज रुकेंगे नहीं, धर्म की (काल की) गति त्वरित है।
#Subhashitam
विलम्बो नैव कर्तव्यः आयुर्याति दिने दिने।
न करोति यमः क्षान्तिं धर्मस्य त्वरिता गतिः
।।🔆 कस्मिंश्चिदपि उत्तमे कार्ये विलम्बः कदापि न कर्तव्यः यतो हि अस्माकम् आयुः प्रतिदिनं क्षयं प्राप्नोति तथा यमराजः कदापि
विलम्बं न करिष्यति अर्थात् धर्मस्य गतिः निश्चिता वर्तते।
⚜विलंब करना ठीक नहीं। प्रतिदिन आयुष्य कम होता है। यमराज रुकेंगे नहीं, धर्म की (काल की) गति त्वरित है।
#Subhashitam
September 4, 2023
September 5, 2023
दक्षतास्तु अभ्यासेनैव भवति किल।
अव्ययाः कति सन्ति।
अव्ययाः कति सन्ति।
Anonymous Quiz
42%
त्रीणि
18%
चत्वारि
31%
द्वे
8%
न सन्ति
September 5, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
मोतिहारी में रहने वाले विनोद दुबे पांच साल गुजरात में रहकर अपने अनुभवों की याद हमलोगों को दिला रहे है। ••मोतिहारीवासी विनोदद्विवेदी पञ्चवर्षाणि यावत् गुर्जरप्रदेशे उषित्वा अस्मान् स्वानुभवान् स्मारयति। 👉गुजरात की राजधानी गांधीनगर में वर्ष 2000 से 2005 तक…
👉एक बार बस कंडक्टर को टिकट के मूल्य से 85 रुपए अधिक दे दिया,परन्तु खुदरा नहीं होने के कारण और बाद में मैं और वह कंडक्टर दोनों भूल गए।शाम को जब वह कन्डक्टर अपना हिसाब किया तो उसके पास वह 85 रुपए अधिक निकले।उसने वह 85 रूपए कार्यालय में जमा कर दिए जो उसके पहचान पर मुझे मिल गए।
••एकदा लोकयानचिटिकानिरीक्षकाय चिटिकामूल्यात् पञ्चाशीतिरुप्यकाणि अधिकानि दत्तानि,परन्तु रुप्यकाणां परिवर्तस्य अभावात् परं च अहं सः च निरीक्षकः द्वौ एव विस्मृतवन्तौ।सायङ्काले यदा सञ्चालकः स्वगणनाम् अकरोत् तदा सः पञ्चाशीतिरुप्यकाणि अधिकानि प्राप्तवान्।सः तानि पञ्चाशीतिरुप्यकाणि कार्यालये निक्षिप्तवान् यानि मया तस्य परिचयात् प्राप्तानि।
👉अब जरा बिहार में आते हैं :-
मोतिहारी के बलुआ सब्जी बाजार में कुछ नौजवान बच्चों का गैंग काफी दिनों से सक्रिय है जो भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर लोगों के जेब से मोबाइल निकाल लेते हैं।मेरे साथ दो बार ऐसा हो चुका है । FIR करने पर पुलिस के पास ऐसे काम के लिए फुर्सत ही नहीं होता, अन्यथा खोए हुए मोबाइल को ट्रैक किया जा सकता है और उस गैंग को पकड़ा जा सकता है।
••इदानीमहं किञ्चित् बिहारराज्यस्य चर्चां करोमि:-
मोतिहारीनगरस्य बलुआशाकविपणौ कश्चन किशोराणां समूह: दीर्घकालेभ्य: सक्रियोऽस्ति य: जनसम्मर्दस्य लाभं गृहीत्वा जनानां कोषेभ्य: चलभाषान् निष्कासयन्ति चोरयन्ति च।द्विवारं मया सह एतादृश: प्रसङ्ग: अभवत्।प्राथमिकी- पञ्जीकरणसमये आरक्षकविभागस्य कृते एतादृशं कार्यं कर्तुं समयः एव नास्ति, अन्यथा लुप्तचलभाषस्य अनुसरणं कर्तुं शक्यते तथा च तच्चौरसमूहो ग्रहीतुमपि शक्यते।
👉रघुनाथपुर बस स्टैंड के पास कुछ नौजवान पीछे से मोटरसाइकिल से आकर चील की तरह झपट्टा मारकर आपका मोबाइल ले उड़ते हैं।आम लोगों को इन बातों की जानकारी है, सिर्फ पुलिस को छोड़कर।पुलिस भी जानती है, इतने भोले तो वे नहीं हो सकते।
••रघुनाथपुरलोकयानस्थानकं निकषा केचन युवानः पृष्ठतः द्विचक्रवाहनेन आगत्य आतापीवत् आक्रम्य भवतां चलभाषान् अपहृत्य पलायन्ते।केवलम् आरक्षकविभागं विहाय सामान्यजनाः एतेभ्यो विषयेभ्य: अवगताः सन्ति।आरक्षकविभागोऽपि जानाति।एतस्य कर्मचारिण: एतावन्तः अबोधा: तु न भवितुमर्हन्ति!
👉मोटरसाईकिल चोरों का गैंग भी सक्रिय है।
••द्विचक्रवाहनानां चौरसमूहोऽपि सक्रियोऽस्ति।
👉पुलिस और प्रशासन का कामकाज? भगवान ही मालिक है।परंतु, यहां के लोगों की मानसिकता का क्या?
••आरक्षकप्रशासनिकविभागयो: कार्यकलाप:? ईश्वर: एव स्वामी अस्ति।परन्तु, अत्रत्याणां जनानां मनोभावस्य विषये किं कथनीयम्?
मुझे तो शर्म आती है कि मैं इसी समाज का हिस्सा हूँ।साथ ही मुझे गुजरातियों पर गर्व भी है।काश!हम भी वैसे समाज का निर्माण कर पाते!
••अहम् अस्य समाजस्य भागः इति लज्जाम् अनुभवामि।अपिच अहं गुजरातवासिषु गर्वितोऽपि अस्मि। यदि ! वयम् अपि एतादृशं समाजं निर्मातुं शक्नुयाम!
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••एकदा लोकयानचिटिकानिरीक्षकाय चिटिकामूल्यात् पञ्चाशीतिरुप्यकाणि अधिकानि दत्तानि,परन्तु रुप्यकाणां परिवर्तस्य अभावात् परं च अहं सः च निरीक्षकः द्वौ एव विस्मृतवन्तौ।सायङ्काले यदा सञ्चालकः स्वगणनाम् अकरोत् तदा सः पञ्चाशीतिरुप्यकाणि अधिकानि प्राप्तवान्।सः तानि पञ्चाशीतिरुप्यकाणि कार्यालये निक्षिप्तवान् यानि मया तस्य परिचयात् प्राप्तानि।
👉अब जरा बिहार में आते हैं :-
मोतिहारी के बलुआ सब्जी बाजार में कुछ नौजवान बच्चों का गैंग काफी दिनों से सक्रिय है जो भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर लोगों के जेब से मोबाइल निकाल लेते हैं।मेरे साथ दो बार ऐसा हो चुका है । FIR करने पर पुलिस के पास ऐसे काम के लिए फुर्सत ही नहीं होता, अन्यथा खोए हुए मोबाइल को ट्रैक किया जा सकता है और उस गैंग को पकड़ा जा सकता है।
••इदानीमहं किञ्चित् बिहारराज्यस्य चर्चां करोमि:-
मोतिहारीनगरस्य बलुआशाकविपणौ कश्चन किशोराणां समूह: दीर्घकालेभ्य: सक्रियोऽस्ति य: जनसम्मर्दस्य लाभं गृहीत्वा जनानां कोषेभ्य: चलभाषान् निष्कासयन्ति चोरयन्ति च।द्विवारं मया सह एतादृश: प्रसङ्ग: अभवत्।प्राथमिकी- पञ्जीकरणसमये आरक्षकविभागस्य कृते एतादृशं कार्यं कर्तुं समयः एव नास्ति, अन्यथा लुप्तचलभाषस्य अनुसरणं कर्तुं शक्यते तथा च तच्चौरसमूहो ग्रहीतुमपि शक्यते।
👉रघुनाथपुर बस स्टैंड के पास कुछ नौजवान पीछे से मोटरसाइकिल से आकर चील की तरह झपट्टा मारकर आपका मोबाइल ले उड़ते हैं।आम लोगों को इन बातों की जानकारी है, सिर्फ पुलिस को छोड़कर।पुलिस भी जानती है, इतने भोले तो वे नहीं हो सकते।
••रघुनाथपुरलोकयानस्थानकं निकषा केचन युवानः पृष्ठतः द्विचक्रवाहनेन आगत्य आतापीवत् आक्रम्य भवतां चलभाषान् अपहृत्य पलायन्ते।केवलम् आरक्षकविभागं विहाय सामान्यजनाः एतेभ्यो विषयेभ्य: अवगताः सन्ति।आरक्षकविभागोऽपि जानाति।एतस्य कर्मचारिण: एतावन्तः अबोधा: तु न भवितुमर्हन्ति!
👉मोटरसाईकिल चोरों का गैंग भी सक्रिय है।
••द्विचक्रवाहनानां चौरसमूहोऽपि सक्रियोऽस्ति।
👉पुलिस और प्रशासन का कामकाज? भगवान ही मालिक है।परंतु, यहां के लोगों की मानसिकता का क्या?
••आरक्षकप्रशासनिकविभागयो: कार्यकलाप:? ईश्वर: एव स्वामी अस्ति।परन्तु, अत्रत्याणां जनानां मनोभावस्य विषये किं कथनीयम्?
मुझे तो शर्म आती है कि मैं इसी समाज का हिस्सा हूँ।साथ ही मुझे गुजरातियों पर गर्व भी है।काश!हम भी वैसे समाज का निर्माण कर पाते!
••अहम् अस्य समाजस्य भागः इति लज्जाम् अनुभवामि।अपिच अहं गुजरातवासिषु गर्वितोऽपि अस्मि। यदि ! वयम् अपि एतादृशं समाजं निर्मातुं शक्नुयाम!
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September 5, 2023
September 5, 2023
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⛅ दिन - बुधवार
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⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका सुबह 09:20 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - हर्षण रात्रि 10:26 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:38 से 02:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:23
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⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शीतला सप्तमी, श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त), बुधवारी अष्टमी
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 03:37 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 06 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका सुबह 09:20 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - हर्षण रात्रि 10:26 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:38 से 02:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:23
⛅ सूर्यास्त - 06:53
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:37 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शीतला सप्तमी, श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त), बुधवारी अष्टमी
#panchang
September 5, 2023
❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु
श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 07-09-2023
दिवसः - गुरुवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- पद्मावतीवर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
- सुषमावर्या
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
-वीणावर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
- सत्यामहोदया
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- विवेकवर्यः
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- भूमावर्या
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- नागराजवर्यः
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
- सुषमावर्या
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- दुर्गावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- पद्मावती
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- ललितावर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- सत्यावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- सत्यावर्या
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
- कर्पगम्महोदया
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
- वीणावर्या
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
- दुर्गावर्या
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
- पीयूषः
https://youtube.com/playlist?list=PLmozlYyYE-EQTBl_bIV916WQhLIEBx3B2
👆👆👆👆
अनेन भवन्तः उच्चारणं ज्ञातुं शक्नुवन्ति।
From here you can learn how to chant.
श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 07-09-2023
दिवसः - गुरुवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- पद्मावतीवर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
- सुषमावर्या
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
-वीणावर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
- सत्यामहोदया
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- विवेकवर्यः
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- भूमावर्या
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- नागराजवर्यः
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
- सुषमावर्या
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- दुर्गावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- पद्मावती
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- ललितावर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- सत्यावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- सत्यावर्या
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
- कर्पगम्महोदया
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
- वीणावर्या
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
- दुर्गावर्या
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
- पीयूषः
https://youtube.com/playlist?list=PLmozlYyYE-EQTBl_bIV916WQhLIEBx3B2
👆👆👆👆
अनेन भवन्तः उच्चारणं ज्ञातुं शक्नुवन्ति।
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September 5, 2023
September 5, 2023
🍃
🔆 सुखमये समये अकस्मात् दुःखमागच्छति दुःखमये समये अकस्मात् सुखमागच्छति तयोः परस्परं तादृशं सादृश्यमस्ति यथा जलमृतिकयोः।
⚜सुखी होने की स्थिति के बीच में अचानक दुःख की स्थिति उत्पन्न हो जाना, और इसी प्रकार दुःख की स्थिति में सुख की स्थिति का उत्पन्न हो जाना, इन दोनों परिस्थितियों में समानता है और यह कहा जाता है कि वे एक दूसरे की उसी प्रकार पूरक हैं जैसे कि जल और मिट्टी मिल कर कीचड बन जाते हैं |
#Subhashitam
सुखमध्ये स्थितं दुःखं दुःखमध्ये स्थितं सुखम् |
द्व्यमन्योन्यसंयुक्तं प्रोच्यते जल पङ्कवत्
||🔆 सुखमये समये अकस्मात् दुःखमागच्छति दुःखमये समये अकस्मात् सुखमागच्छति तयोः परस्परं तादृशं सादृश्यमस्ति यथा जलमृतिकयोः।
⚜सुखी होने की स्थिति के बीच में अचानक दुःख की स्थिति उत्पन्न हो जाना, और इसी प्रकार दुःख की स्थिति में सुख की स्थिति का उत्पन्न हो जाना, इन दोनों परिस्थितियों में समानता है और यह कहा जाता है कि वे एक दूसरे की उसी प्रकार पूरक हैं जैसे कि जल और मिट्टी मिल कर कीचड बन जाते हैं |
#Subhashitam
September 5, 2023
September 6, 2023
पर्वतारोही अनिता कुण्डु
-----------------------------
ये ख़ाकी वर्दी मुझे बचपन से ही अच्छी लगती थी।
••बाल्यकालादेव मह्यम् इदं कपिलगणवेषं रोचते स्म।
बहुत संघर्ष किया इसको पाने के लिए।
••तत्प्राप्तुं बहु सङ्घर्षं कृतवती।
मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं एक ऐसे डिपार्टमेंट में हूं जिसको इंसान भगवान के बाद तुरंत याद करता है।
••मया गौरवान्विता अनुभूयते यत् अहम् एकस्मिन् एतादृशे विभागे अस्मि यं मनुष्यः ईश्वरात् परं सद्यः स्मरति।
हम भी कोशिश करते हैं कि उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
••तेषाम् अपेक्षानुसारं वयमपि स्वक्षमताम् सेद्धुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
यह एक खूबसूरत प्लेटफॉर्म है और इसके होते हमें भगवान की स्पेशल पूजा और अर्चना करने की जरूरत महसूस नहीं होती।
••इदं सुन्दरं मञ्चमस्ति एतेन च अस्माभि: ईश्वरस्य विशेषपूजार्चनस्य आवश्यकता नानुभूयते।
बल्कि इसके माध्यम से हमारे पास अनेकों भले काम करने का सुअवसर होता है।
••प्रत्युत एतेन अस्माकं कृते अनेकानि सत्कर्माणि कर्तुम् उत्तमावसरो भवति।
हरपल लोगों के दुखदर्द में खुद को खड़ा पाते हैं और अगर हमारे प्रयास से किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाये तो इससे बड़ी भक्ति हमारे लिए कोई नहीं
••वयं स्वयं सर्वेषां जनानां दुःखवेदनायाम् उपस्थिताः स्मः तथा च यदि अस्माकं प्रयत्नै: कस्यचित् मुखस्य उपरि स्मितं आनयेत् तर्हि अस्माकं कृते एतस्मात् अधिका कापि भक्तिः न विद्येत।
2013 में मैंने नेपाल की तरफ़ से एवरेस्ट फ़तेह किया।
••त्रयोदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अहं नेपालस्य पक्षत: एवरेस्टशृङ्गं जितवान्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
-----------------------------
ये ख़ाकी वर्दी मुझे बचपन से ही अच्छी लगती थी।
••बाल्यकालादेव मह्यम् इदं कपिलगणवेषं रोचते स्म।
बहुत संघर्ष किया इसको पाने के लिए।
••तत्प्राप्तुं बहु सङ्घर्षं कृतवती।
मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं एक ऐसे डिपार्टमेंट में हूं जिसको इंसान भगवान के बाद तुरंत याद करता है।
••मया गौरवान्विता अनुभूयते यत् अहम् एकस्मिन् एतादृशे विभागे अस्मि यं मनुष्यः ईश्वरात् परं सद्यः स्मरति।
हम भी कोशिश करते हैं कि उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
••तेषाम् अपेक्षानुसारं वयमपि स्वक्षमताम् सेद्धुं प्रयत्नशीलाः भवाम:।
यह एक खूबसूरत प्लेटफॉर्म है और इसके होते हमें भगवान की स्पेशल पूजा और अर्चना करने की जरूरत महसूस नहीं होती।
••इदं सुन्दरं मञ्चमस्ति एतेन च अस्माभि: ईश्वरस्य विशेषपूजार्चनस्य आवश्यकता नानुभूयते।
बल्कि इसके माध्यम से हमारे पास अनेकों भले काम करने का सुअवसर होता है।
••प्रत्युत एतेन अस्माकं कृते अनेकानि सत्कर्माणि कर्तुम् उत्तमावसरो भवति।
हरपल लोगों के दुखदर्द में खुद को खड़ा पाते हैं और अगर हमारे प्रयास से किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाये तो इससे बड़ी भक्ति हमारे लिए कोई नहीं
••वयं स्वयं सर्वेषां जनानां दुःखवेदनायाम् उपस्थिताः स्मः तथा च यदि अस्माकं प्रयत्नै: कस्यचित् मुखस्य उपरि स्मितं आनयेत् तर्हि अस्माकं कृते एतस्मात् अधिका कापि भक्तिः न विद्येत।
2013 में मैंने नेपाल की तरफ़ से एवरेस्ट फ़तेह किया।
••त्रयोदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अहं नेपालस्य पक्षत: एवरेस्टशृङ्गं जितवान्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 6, 2023
विमानपरिचारिका - किं भवान् शाकाहारी उत मांसाहारी?
लालुप्रसादः - नाहं शाकाहारी न वा मांसाहारी, अहं तु शुद्धबिहारी
#hasya
लालुप्रसादः - नाहं शाकाहारी न वा मांसाहारी, अहं तु शुद्धबिहारी
#hasya
September 6, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु श्रीमद्भगवद्गीता सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति। The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited. समयः - 09:00AM IST दिनाङ्कः - 07-09-2023 दिवसः - गुरुवासरः •ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः…»
September 6, 2023
Forwarded from संस्कृतवाहिनी | Sanskrit Channel | PS
दिने दिने नवं नवं नमामि नन्दसंभवम्।
प्रतिदिन नये रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।
प्रतिदिन नये रूप में, नंदकुमार को मेरा प्रणाम।
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात नवम
⛅ दिनांक - 07 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:02 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:11 से 03:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:52
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव), दही हांडी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी शाम 04:14 तक तत्पश्चात नवम
⛅ दिनांक - 07 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी सुबह 10:25 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:02 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:11 से 03:45 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:52
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:51 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्रीकॄष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव), दही हांडी
September 6, 2023
अद्य नववादने भगवद्गीतायाः पारायणं भवति। अतः संलापशालां विरामः भवेत्।
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
Need of Commercialisation of Samskrit
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
September 6, 2023
🍃
🔆 विद्यार्थिना धनार्थिना च तथा एतयोः सङ्ग्रहः कर्तव्यः यथा ते अमृताः तथा सदा युवानः तिष्ठन्ति किन्तु मृत्युः सदा केशेषु ग्रहणं कुर्वती वर्तते इति चिन्तयित्वा धर्माचरणं करणीयम्।
⚜बूढापा और मृत्यु नहीं आयेंगे ऐसा समजकर विद्या और धन का चिंतन करना चाहिए । पर मृत्यु ने हमें बाल से जकड रखा है, ऐसा समजकर धर्म का आचरण करना चाहिए ।
#Subhashitam
अजरामरवत्प्राज्ञो विद्यामर्थं च चिन्तयेत् ।
गृहीत इव केशेषु मृत्युना धर्ममाचरेत्
॥🔆 विद्यार्थिना धनार्थिना च तथा एतयोः सङ्ग्रहः कर्तव्यः यथा ते अमृताः तथा सदा युवानः तिष्ठन्ति किन्तु मृत्युः सदा केशेषु ग्रहणं कुर्वती वर्तते इति चिन्तयित्वा धर्माचरणं करणीयम्।
⚜बूढापा और मृत्यु नहीं आयेंगे ऐसा समजकर विद्या और धन का चिंतन करना चाहिए । पर मृत्यु ने हमें बाल से जकड रखा है, ऐसा समजकर धर्म का आचरण करना चाहिए ।
#Subhashitam
September 6, 2023
🐚🪷🦢 WHY SANSKRIT? 🦢🪷🐚
1. Ancient Indian language with rich historical and cultural importance.
2. Enhances understanding of ancient texts such as Vedas and Upanishads.
3. Provides insights into the roots of various Indian languages.
4. Improves understanding of philosophical and spiritual concepts.
5. Expands knowledge of traditional Indian sciences like Ayurveda and Yoga.
6. Facilitates deeper exploration of Hindu scriptures like Mahabharata and Ramayana.
7. Enhances linguistic skills and ability to learn new languages.
8. Boosts memory and cognitive function.
9. Stimulates analytical thinking and logical reasoning.
10. Enriches vocabulary and comprehension of complex concepts.
11. Establishes a strong foundation for studying other Indic languages.
12. Promotes cross-cultural understanding and appreciation.
13. Preserves a heritage language at risk of extinction.
14. Opens doors to academic and research opportunities.
15. Enhances career prospects in fields like academia, archaeology, and linguistics.
16. Provides a unique perspective on Indian history, mythology, and folklore.
17. Enables direct access to original Sanskrit literature and historical texts.
18. Deepens connection with Indian artistic and musical traditions.
19. Cultivates a sense of discipline and attention to detail.
20. Fosters a sense of pride and identity in Indian cultural heritage.
21. Offers a lifelong journey of exploration and personal growth.
1. Ancient Indian language with rich historical and cultural importance.
2. Enhances understanding of ancient texts such as Vedas and Upanishads.
3. Provides insights into the roots of various Indian languages.
4. Improves understanding of philosophical and spiritual concepts.
5. Expands knowledge of traditional Indian sciences like Ayurveda and Yoga.
6. Facilitates deeper exploration of Hindu scriptures like Mahabharata and Ramayana.
7. Enhances linguistic skills and ability to learn new languages.
8. Boosts memory and cognitive function.
9. Stimulates analytical thinking and logical reasoning.
10. Enriches vocabulary and comprehension of complex concepts.
11. Establishes a strong foundation for studying other Indic languages.
12. Promotes cross-cultural understanding and appreciation.
13. Preserves a heritage language at risk of extinction.
14. Opens doors to academic and research opportunities.
15. Enhances career prospects in fields like academia, archaeology, and linguistics.
16. Provides a unique perspective on Indian history, mythology, and folklore.
17. Enables direct access to original Sanskrit literature and historical texts.
18. Deepens connection with Indian artistic and musical traditions.
19. Cultivates a sense of discipline and attention to detail.
20. Fosters a sense of pride and identity in Indian cultural heritage.
21. Offers a lifelong journey of exploration and personal growth.
September 6, 2023
लक्ष्यं प्रति दृढतैव मनुष्यं सफलं करोति।
मनुष्यशब्दस्य विशेषणं किमस्ति।
मनुष्यशब्दस्य विशेषणं किमस्ति।
Anonymous Quiz
36%
सफलम्
35%
दृढता
11%
लक्ष्यम्
18%
नास्ति विशेषणम्
September 7, 2023
September 7, 2023
📑 प्रमुखा लेखाः
📑 Important articles
📑 Important articles
September 7, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «📑 प्रमुखा लेखाः 📑 Important articles»
September 7, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
पर्वतारोही अनिता कुण्डु ----------------------------- ये ख़ाकी वर्दी मुझे बचपन से ही अच्छी लगती थी। ••बाल्यकालादेव मह्यम् इदं कपिलगणवेषं रोचते स्म। बहुत संघर्ष किया इसको पाने के लिए। ••तत्प्राप्तुं बहु सङ्घर्षं कृतवती। मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं एक ऐसे…
उसके बाद मैंने 2015 में चीन की तरफ़ से भी एवरेस्ट को फ़तेह करने का प्रयास किया, परन्तु 26 अप्रेल 2015 को आए एक भयंकर भूकंप ने मेरे क़दमो को रोक दिया।
••तदनन्तरं पञ्चदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे चीनपक्षतोऽपि एवरेस्टशृङ्गं जेतुं प्रयतितवान्, परन्तु पञ्चदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अप्रैलमासस्य षड्विंशति: दिनाङ्के भयंकरभूकम्पात् मम पदानि स्थगितानि।
मेरे बहुत सारे साथी इस भूकंप की भेंट चढ़ गए।
••एतेन भूकम्पेन मम बहूनि मित्राणि मारितानि।
हमारा अभियान कैंसल कर दिया गया।
••अस्माकमभियानं निरस्तीकृतम्।
फ़िर जैसे तैसे मैंने रुपयों का प्रबंध किया और 2017 में निकल गई चीन की तरफ़ से दुनियां की सबसे ऊंची चोटी को छूने।
•• ततः कथञ्चित् अहं धनस्य प्रबन्धनं कृत्वा चीनपक्षतः विश्वस्य सर्वोच्चशिखरं स्प्रष्टुं सप्तदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे प्रस्थितवती।
और अनेकों बार मौत को चूमती हुई आप सबकी दुवाओं की बदौलत आखिर 21 मई 2017 को चीन की तरफ से भी एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में कामयाब हो गई।
••तथा च भवतां प्रार्थनानां कारणात् मृत्युं बहुवारं चुम्बयन्ती अन्ततः सप्तदशाधिक-द्विशततमे ख्रिष्टाब्दे मईमासस्य एकविंशति: दिनाङ्के चीनदेशस्य पक्षतोऽपि एवरेस्टशृङ्गे राष्ट्रध्वजस्य उत्थापनं कर्तुं समर्था अभवम्।
नेपाल और चीन दोनों तरफ से एवरेस्ट को फ़तेह करने वाली हिंदुस्तान की पहली बेटी बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
••नेपालचीनदेशयो: पक्षत: एवरेस्टपर्वतशृङ्गं विजेत्री भारतस्य प्रथमा कन्या भवितुं सौभाग्यमपि प्राप्तवती।
हाल ही में मैंने इंडोनेशिया की सबसे ऊंची चोटी कारस्टेन्स पिरामिड शिखर पर देश का ध्वज लहराया।
••गतकाले हि अहम् इन्डोनेशियादेशस्य कारस्टेनस पिरामिड इति सर्वोच्चपर्वतशृंगे राष्ट्रध्वजस्य उत्तोलनं कृतवती।
आप सभी शुभचिंतकों की तरफ़ से मुझे जो अपार स्नेह, प्रेम, प्यार और आशीर्वाद निरन्तर मिलता है इससे बड़ा सम्मान मेरे लिए कोई हो ही नहीं सकता।
••भवद्भि सर्वै: शुभचिन्तकै: ये अपारस्नेहश्च प्रेम च प्रीतिश्च आशीर्वादश्च मया निरन्तरं प्राप्यन्ते एतस्मात् महत्तरो गौरवं मम कृते किमपि भवितुं नार्हति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••तदनन्तरं पञ्चदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे चीनपक्षतोऽपि एवरेस्टशृङ्गं जेतुं प्रयतितवान्, परन्तु पञ्चदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे अप्रैलमासस्य षड्विंशति: दिनाङ्के भयंकरभूकम्पात् मम पदानि स्थगितानि।
मेरे बहुत सारे साथी इस भूकंप की भेंट चढ़ गए।
••एतेन भूकम्पेन मम बहूनि मित्राणि मारितानि।
हमारा अभियान कैंसल कर दिया गया।
••अस्माकमभियानं निरस्तीकृतम्।
फ़िर जैसे तैसे मैंने रुपयों का प्रबंध किया और 2017 में निकल गई चीन की तरफ़ से दुनियां की सबसे ऊंची चोटी को छूने।
•• ततः कथञ्चित् अहं धनस्य प्रबन्धनं कृत्वा चीनपक्षतः विश्वस्य सर्वोच्चशिखरं स्प्रष्टुं सप्तदशाधिक-द्विसहस्रतमे ख्रिष्टाब्दे प्रस्थितवती।
और अनेकों बार मौत को चूमती हुई आप सबकी दुवाओं की बदौलत आखिर 21 मई 2017 को चीन की तरफ से भी एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में कामयाब हो गई।
••तथा च भवतां प्रार्थनानां कारणात् मृत्युं बहुवारं चुम्बयन्ती अन्ततः सप्तदशाधिक-द्विशततमे ख्रिष्टाब्दे मईमासस्य एकविंशति: दिनाङ्के चीनदेशस्य पक्षतोऽपि एवरेस्टशृङ्गे राष्ट्रध्वजस्य उत्थापनं कर्तुं समर्था अभवम्।
नेपाल और चीन दोनों तरफ से एवरेस्ट को फ़तेह करने वाली हिंदुस्तान की पहली बेटी बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
••नेपालचीनदेशयो: पक्षत: एवरेस्टपर्वतशृङ्गं विजेत्री भारतस्य प्रथमा कन्या भवितुं सौभाग्यमपि प्राप्तवती।
हाल ही में मैंने इंडोनेशिया की सबसे ऊंची चोटी कारस्टेन्स पिरामिड शिखर पर देश का ध्वज लहराया।
••गतकाले हि अहम् इन्डोनेशियादेशस्य कारस्टेनस पिरामिड इति सर्वोच्चपर्वतशृंगे राष्ट्रध्वजस्य उत्तोलनं कृतवती।
आप सभी शुभचिंतकों की तरफ़ से मुझे जो अपार स्नेह, प्रेम, प्यार और आशीर्वाद निरन्तर मिलता है इससे बड़ा सम्मान मेरे लिए कोई हो ही नहीं सकता।
••भवद्भि सर्वै: शुभचिन्तकै: ये अपारस्नेहश्च प्रेम च प्रीतिश्च आशीर्वादश्च मया निरन्तरं प्राप्यन्ते एतस्मात् महत्तरो गौरवं मम कृते किमपि भवितुं नार्हति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 7, 2023
September 7, 2023
September 7, 2023
September 7, 2023
संस्कृतसंस्कृतिविकाससंस्थानम्
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तेन श्रीकृष्णजन्माष्टम्यां विशिष्टः कार्यक्रमः
आभासीयपटले समायोज्यते
विषयः – ““श्रीमद्भगवद्गीताकण्ठपाठः अवधानकला च”
भवतां सर्वेषां स्वागतम्......
स्थानम्- https://meet.google.com/ytb-gshk-pno
समयः – सायम् ः 07:00
दिनाङ्कः - 07.09.2023
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तः
आन्ध्रप्रदेशप्रान्तेन श्रीकृष्णजन्माष्टम्यां विशिष्टः कार्यक्रमः
आभासीयपटले समायोज्यते
विषयः – ““श्रीमद्भगवद्गीताकण्ठपाठः अवधानकला च”
भवतां सर्वेषां स्वागतम्......
स्थानम्- https://meet.google.com/ytb-gshk-pno
समयः – सायम् ः 07:00
दिनाङ्कः - 07.09.2023
September 7, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०८/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०८/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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September 7, 2023
September 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 05:30 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 08 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा दोपहर 12:19 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - सिद्धि रात्रि 10:07 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 11:04 से दोपहर 12:37 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:51
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नंद महोत्सव, गोगा नवमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 05:30 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 08 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा दोपहर 12:19 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - सिद्धि रात्रि 10:07 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 11:04 से दोपहर 12:37 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:51
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नंद महोत्सव, गोगा नवमी
September 7, 2023
September 7, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/EoG-ZRgDpzk?si=uMPcUskueXTV5hvL
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | Traffic Restrictions Come Into Force In New Delhi Ahead Of G20 Summit
#g20summit2023 #g20india #delhi #joebiden #sheikhhasina #worldleaders #mkgandhi #traffic #newdelhi #bharatmandapam #bypolls
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable…
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September 7, 2023
September 7, 2023
💥Please support the demand for a common flag and motto for every Sanskrit Speaker by retweeting and liking this tweet as much as possible. Also tag @shrivarakhedi VC of CSU.
💥 कृपया संस्कृतभाषियों के लिए एक समान ध्वज और ध्येय वाक्य का समर्थन करने के लिए इस ट्वीट को अत्यधिक रिट्वीट और लाइक करें।
कृपया @shrivarakhedi को भी अवश्य टैग करें।
bit.ly/3sKMlE2
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September 7, 2023
September 7, 2023
🍃
🔆 यः सङ्कटेभ्यः न विचलितः भवति अवधानेन च कार्याणि करोति तथा यः हसन् सर्वं सहते तस्य शत्रवः तं पुरतः न स्थातुं शक्नुवन्ति।
⚜जो संकट से विचलित न हो सावधानी से कार्य करता है और हंसकर दुःख सह जाता है, उसके समक्ष शत्रु नहीं टिक सकते, वे तूफान में तिनकों के समान उड़कर छितरा जाते हैं।
#Subhashitam
प्राप्यापदं न व्यथते कदाचिदुद्योगमन्विच्छति चाप्रमत्तः।
दुःखं च काले सहते महात्मा धुरन्धरस्तस्य जिताः सपत्नाः
।🔆 यः सङ्कटेभ्यः न विचलितः भवति अवधानेन च कार्याणि करोति तथा यः हसन् सर्वं सहते तस्य शत्रवः तं पुरतः न स्थातुं शक्नुवन्ति।
⚜जो संकट से विचलित न हो सावधानी से कार्य करता है और हंसकर दुःख सह जाता है, उसके समक्ष शत्रु नहीं टिक सकते, वे तूफान में तिनकों के समान उड़कर छितरा जाते हैं।
#Subhashitam
September 7, 2023
September 7, 2023
September 7, 2023
September 8, 2023
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जम्मूकाश्मीरस्थस्य लालचौक इत्यस्य चलचित्रमिदम्
#quiz
#quiz
September 8, 2023
मूलं प्रति सरेम वयम्।
वाक्ये कः लकारः प्रयुक्तः।
वाक्ये कः लकारः प्रयुक्तः।
Anonymous Quiz
58%
विधिलिङ्लकारः
27%
आशीर्लिङ्लकारः
9%
लृङ्लकारः
6%
लुङ्लकारः
September 8, 2023
झारखंड के रामगढ़ में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती है
••झारखण्डस्य रामगढ़े भगवतः शिवस्य एतादृशं मन्दिरम् अस्ति यत्र स्वयं गङ्गामाता शिवलिङ्गस्य उपरि जलाभिषेकं करोति , अन्य: कोऽपि न।
मंदिर की खासियत ये है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है।
••अस्य मन्दिरस्य वैशिष्ट्यम् अस्ति यत् अत्र चतुर्विंशतिहोराः सततं द्वादशमासान् यावत् जलाभिषेकः भवति।
यह पूजा सदियों से चली आ रही है
••एषा पूजा शताब्दीभ्य: प्रचलिता अस्ति।
माना जाता है कि इस जगह का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है
••पुराणेषु अपि अस्य स्थानस्य उल्लेख: अस्ति इति मन्यते।
भक्तों की आस्था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है
••अत्र प्रत्येकं मनोकामना पूर्णा भवति इति भक्तानाम् आस्था अस्ति।
अंग्रेजों के जमाने से जुड़ा है इसका इतिहास
••अस्येतिहास: आङ्लशासनकालेन सम्बद्ध: अस्ति।
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है
••झारखण्डस्य रामगढ़मण्डले स्थितम् एतत् प्राचीनं शिवमन्दिरं 'टूटी-झरना' इति नाम्ना प्रसिद्धम् अस्ति।
मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जात है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे
••मन्दिरस्य इतिहासः पञ्चविंशति-उनविंशतिशतात् ख्रिष्टाब्दात् सम्बद्ध: अस्ति तदा च आङ्लिनः अस्मिन् क्षेत्रे रेलमार्गं स्थापयितुं कार्यं कुर्वन्ति स्म इति मन्यते।
पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा
••वारिणे खननकाले तै: भूगर्भे किञ्चित् शिखराकृतिवत् वस्तु दृष्टम्।
अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया
••एतत् ज्ञातुम् आङ्ग्लाः सम्पूर्णम् उत्खननं कारितवन्त: अन्ते च एतत् मन्दिरं पूर्णतया दृष्टम्।
शिव भगवान की होती है पूजा मंदिर के अन्दर।भगवान भोले का शिव लिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली
••मन्दिरस्यान्तः भगवतः शिवस्य पूजा भवति।भगवतो भोलेश्वरस्य शिवलिङ्गं लब्धं साक्षात् च तदुपरि मातुः गङ्गायाः शुक्लवर्णा प्रतिमा लब्धा।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••झारखण्डस्य रामगढ़े भगवतः शिवस्य एतादृशं मन्दिरम् अस्ति यत्र स्वयं गङ्गामाता शिवलिङ्गस्य उपरि जलाभिषेकं करोति , अन्य: कोऽपि न।
मंदिर की खासियत ये है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है।
••अस्य मन्दिरस्य वैशिष्ट्यम् अस्ति यत् अत्र चतुर्विंशतिहोराः सततं द्वादशमासान् यावत् जलाभिषेकः भवति।
यह पूजा सदियों से चली आ रही है
••एषा पूजा शताब्दीभ्य: प्रचलिता अस्ति।
माना जाता है कि इस जगह का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है
••पुराणेषु अपि अस्य स्थानस्य उल्लेख: अस्ति इति मन्यते।
भक्तों की आस्था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है
••अत्र प्रत्येकं मनोकामना पूर्णा भवति इति भक्तानाम् आस्था अस्ति।
अंग्रेजों के जमाने से जुड़ा है इसका इतिहास
••अस्येतिहास: आङ्लशासनकालेन सम्बद्ध: अस्ति।
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना के नाम से जानते है
••झारखण्डस्य रामगढ़मण्डले स्थितम् एतत् प्राचीनं शिवमन्दिरं 'टूटी-झरना' इति नाम्ना प्रसिद्धम् अस्ति।
मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है और माना जात है कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे
••मन्दिरस्य इतिहासः पञ्चविंशति-उनविंशतिशतात् ख्रिष्टाब्दात् सम्बद्ध: अस्ति तदा च आङ्लिनः अस्मिन् क्षेत्रे रेलमार्गं स्थापयितुं कार्यं कुर्वन्ति स्म इति मन्यते।
पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा
••वारिणे खननकाले तै: भूगर्भे किञ्चित् शिखराकृतिवत् वस्तु दृष्टम्।
अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया
••एतत् ज्ञातुम् आङ्ग्लाः सम्पूर्णम् उत्खननं कारितवन्त: अन्ते च एतत् मन्दिरं पूर्णतया दृष्टम्।
शिव भगवान की होती है पूजा मंदिर के अन्दर।भगवान भोले का शिव लिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली
••मन्दिरस्यान्तः भगवतः शिवस्य पूजा भवति।भगवतो भोलेश्वरस्य शिवलिङ्गं लब्धं साक्षात् च तदुपरि मातुः गङ्गायाः शुक्लवर्णा प्रतिमा लब्धा।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 8, 2023
September 8, 2023
September 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 07:17 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 09 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - व्यतिपात रात्रि 10:36 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से दोपहर 11:04 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:50
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 07:17 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 09 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - व्यतिपात रात्रि 10:36 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से दोपहर 11:04 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:50
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
#panchang
September 8, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः चतुर्थोऽध्यायः
🗓०९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चतुर्थोऽध्यायस्य विवरणं कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः चतुर्थोऽध्यायः
🗓०९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चतुर्थोऽध्यायस्य विवरणं कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 8, 2023
September 8, 2023
September 8, 2023
September 8, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
श्रीमद्भगवद्गीता - चतुर्थोऽध्यायः
#samlapshala
#samlapshala
September 8, 2023
🍃
🔆 भाग्यस्य असिद्धता कारणेन कार्यस्य यथा यथा निष्प्राप्तिः भवति तथैव दृढप्रतिज्ञानां जनानाम् उत्साहोऽपि क्रमशः वृद्धिं प्राप्नोति।
⚜जैसे जैसे भाग्यवश बिगडते कार्य का परिणाम नहीं प्राप्त होता, वैसे वैसे ही धीरों के मन में दुगुना उत्साह बढने लगता है।
#Subhashitam
यथा यथा समारम्भो दैवात् सिद्धिं न गच्छति।
तथा तथाऽधिकोत्साहो धीराणां हृदि वर्तते
॥🔆 भाग्यस्य असिद्धता कारणेन कार्यस्य यथा यथा निष्प्राप्तिः भवति तथैव दृढप्रतिज्ञानां जनानाम् उत्साहोऽपि क्रमशः वृद्धिं प्राप्नोति।
⚜जैसे जैसे भाग्यवश बिगडते कार्य का परिणाम नहीं प्राप्त होता, वैसे वैसे ही धीरों के मन में दुगुना उत्साह बढने लगता है।
#Subhashitam
September 8, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
झारखंड के रामगढ़ में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जहां शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती है ••झारखण्डस्य रामगढ़े भगवतः शिवस्य एतादृशं मन्दिरम् अस्ति यत्र स्वयं गङ्गामाता शिवलिङ्गस्य उपरि जलाभिषेकं करोति , अन्य: कोऽपि न। मंदिर की खासियत…
प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है
••प्रतिमाया: नाभित: जलं सततं निर्गच्छति यत् तस्या: उभयो: हस्तयो: करतलाभ्यां प्रवहत् शिवलिङ्गे पतति।
मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना है
••मन्दिरस्य अन्तर्भागे गङ्गाया: प्रतिमाया: जलप्रवाह: स्वत: एक: उत्सुकताया: विषयोऽस्ति।
सवाल यह है कि आखिर यह पानी अपने आप कहा से आ रहा है? ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है
••प्रश्नः अस्ति यत् इदं जलं कुतः आगच्छति?एषः विषयः अद्यपर्यन्तं गूढः एव।
कहा जाता है कि भगवान शंकर के शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं
••भगवतः शङ्करस्य शिवलिङ्गे स्वयं माता गङ्गा एव जलम् अभिसिञ्चति,कोऽपि अन्य: न इति कथ्यते ।
यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं
••अत्र नियोजितं नलकूपद्वयमपि रहस्यमयमस्ति।
यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है
••अत्र जनैः जलस्य प्राप्त्यै नलकूपः न सञ्चालनीयो भवति, अपितु जलनिर्गमः स्वयमेव भवति।
वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है
••तत्रैव मन्दिरं निकषा एका नदी अस्ति या शुष्का अस्ति, परन्तु तप्तातपे अपि एतैः जलोत्कर्षकयन्त्रै: जलस्य प्राप्तिः सततं भवति।
लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है
••दूरतः दूरतः जनाः अत्र पूजार्थम् आगच्छन्ति आवर्षं च श्रद्धालूनाम् सङ्कुलत्वं निरन्तरं भवति।
श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है
••श्रद्धालूनां मतं यत् यः कोऽपि भक्तः 'टूटी-झरना' इति मन्दिरे ईश्वरस्य एतस्य अद्भूद्रूपस्य दर्शनं करोति, तस्य इच्छा पूर्णा भवति।
भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं
••भक्ताः शिवलिङ्गम् अभिषिक्तं जलं प्रसादरूपेण गृहीत्वा स्वगृहं नीत्वा स्थापयन्ति।
इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।
••अस्य ग्रहणेन सपदि चित्तः शान्तं भवति शोकैः च सह प्रत्युत्क्रमणार्थं बलम् आप्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••प्रतिमाया: नाभित: जलं सततं निर्गच्छति यत् तस्या: उभयो: हस्तयो: करतलाभ्यां प्रवहत् शिवलिङ्गे पतति।
मंदिर के अन्दर गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना है
••मन्दिरस्य अन्तर्भागे गङ्गाया: प्रतिमाया: जलप्रवाह: स्वत: एक: उत्सुकताया: विषयोऽस्ति।
सवाल यह है कि आखिर यह पानी अपने आप कहा से आ रहा है? ये बात अभी तक रहस्य बनी हुई है
••प्रश्नः अस्ति यत् इदं जलं कुतः आगच्छति?एषः विषयः अद्यपर्यन्तं गूढः एव।
कहा जाता है कि भगवान शंकर के शिव लिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं
••भगवतः शङ्करस्य शिवलिङ्गे स्वयं माता गङ्गा एव जलम् अभिसिञ्चति,कोऽपि अन्य: न इति कथ्यते ।
यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं
••अत्र नियोजितं नलकूपद्वयमपि रहस्यमयमस्ति।
यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है
••अत्र जनैः जलस्य प्राप्त्यै नलकूपः न सञ्चालनीयो भवति, अपितु जलनिर्गमः स्वयमेव भवति।
वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है
••तत्रैव मन्दिरं निकषा एका नदी अस्ति या शुष्का अस्ति, परन्तु तप्तातपे अपि एतैः जलोत्कर्षकयन्त्रै: जलस्य प्राप्तिः सततं भवति।
लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है
••दूरतः दूरतः जनाः अत्र पूजार्थम् आगच्छन्ति आवर्षं च श्रद्धालूनाम् सङ्कुलत्वं निरन्तरं भवति।
श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है
••श्रद्धालूनां मतं यत् यः कोऽपि भक्तः 'टूटी-झरना' इति मन्दिरे ईश्वरस्य एतस्य अद्भूद्रूपस्य दर्शनं करोति, तस्य इच्छा पूर्णा भवति।
भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं
••भक्ताः शिवलिङ्गम् अभिषिक्तं जलं प्रसादरूपेण गृहीत्वा स्वगृहं नीत्वा स्थापयन्ति।
इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।
••अस्य ग्रहणेन सपदि चित्तः शान्तं भवति शोकैः च सह प्रत्युत्क्रमणार्थं बलम् आप्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 9, 2023
September 9, 2023
September 9, 2023
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September 9, 2023
September 9, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:28 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 10 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 05:06 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - वरियान रात्रि 11:20 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - शाम 05:16 से दोपहर 06:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:49
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी, रविपुष्यामृत योग (शाम 05:06 से 11 सितम्बर सूर्योदय तक)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:28 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 10 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
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⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 05:06 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - वरियान रात्रि 11:20 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - शाम 05:16 से दोपहर 06:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:24
⛅ सूर्यास्त - 06:49
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी, रविपुष्यामृत योग (शाम 05:06 से 11 सितम्बर सूर्योदय तक)
September 9, 2023
September 9, 2023
September 10, 2023
🍃
🔆 क्रोधः मनुजस्य दुर्जेयः शत्रुः भवति लोभः अनन्तकः व्याधिः अस्ति सर्वेषां हितचिन्तकः एव साधुः तथा अहितकर्ता एव दुर्जनः भवति।
⚜क्रोध मनुष्य का दुर्जेय शत्रु है, लोभ प्राणी का अपरिमित व्याधि है, सभी प्राणियों का हित चाहनेवाला साधु (सज्जन) पुरुष है और निर्दयी (दुर्जन) पुरुष होता है।
#Subhashitam
महाभारत, वनपर्व - ३१३/९१-९२
क्रोधः सुदुर्जयः शत्रु: लोभो व्याधिरनन्तकः।
सर्वभूतहितः साधु: असाधुर्निर्दयः स्मृतः
॥🔆 क्रोधः मनुजस्य दुर्जेयः शत्रुः भवति लोभः अनन्तकः व्याधिः अस्ति सर्वेषां हितचिन्तकः एव साधुः तथा अहितकर्ता एव दुर्जनः भवति।
⚜क्रोध मनुष्य का दुर्जेय शत्रु है, लोभ प्राणी का अपरिमित व्याधि है, सभी प्राणियों का हित चाहनेवाला साधु (सज्जन) पुरुष है और निर्दयी (दुर्जन) पुरुष होता है।
#Subhashitam
महाभारत, वनपर्व - ३१३/९१-९२
September 9, 2023
September 10, 2023
September 10, 2023
दो भाई आपस में बड़े ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे।
•• द्वौ भ्रातरौ परस्परं बहु स्नेहेन सद्भावपूर्वकं च वसतः स्म।
दोनो भाई जब भी कोई वस्तु लाते तो एक दूसरे के परिवार के लिए भी अवश्य ही लाते, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता।
•• यदा उभौ भ्रातरौ किमपि वस्तु आनयति स्म तदा तौ अवश्यमेव परस्परं परिवाराय अवश्यमेव आनयत: स्म, जघन्यजोऽपि तं सर्वदा आदरभावेन सम्मानभावेन च सह पश्यति स्म।
एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई।
•• एकस्मिन् दिने तयोः मध्ये कस्मिंश्चित् विषये विवादोऽभवत्।
बात इतनी बढ़ गई कि छोटे भाई ने बड़े भाई के प्रति अपशब्द भी कह दिए।
•• विवाद: एतावान् वर्धितो यत् जघन्यज: अग्रजं प्रति अपशब्दमपि उक्तवान्।
बस फिर क्या था ?दोनों के रिश्तों के बीच दरार पड़ गई।
•• चेत् पुन: किमासीत् ? उभयो: सम्बन्धयो: मध्ये सन्धिविच्छेदोऽभवत।
उस दिन से ही दोनों अलग-अलग रहने लगे और दोनों के बीच बोलचाल भी बंद |
•• तस्मात् दिनात् उभौ पृथक् पृथक् जीवनयापनं कर्तुं आरब्धवन्तौ तथा तयोः मध्ये परस्परं वार्त्तालापोऽपि अवरुद्धोऽभवत् ।
इसी तरह कई वर्ष बीत गये
•• एवम् अनेकानि वर्षाणि व्यतीतानि।
मार्ग में जब दोनों आमने सामने भी पड़ जाते तो एक दूसरे से अपनी-अपनी नजर बचाकर निकल जाते थे।
•• मार्गे यदा उभौ सम्मूखीभवतोऽपि स्म तदा परस्परं स्वकीयम् -स्वकीयं दृष्टिवञ्चनं कृत्वा स्वमार्गं प्रति चलत: स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• द्वौ भ्रातरौ परस्परं बहु स्नेहेन सद्भावपूर्वकं च वसतः स्म।
दोनो भाई जब भी कोई वस्तु लाते तो एक दूसरे के परिवार के लिए भी अवश्य ही लाते, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता।
•• यदा उभौ भ्रातरौ किमपि वस्तु आनयति स्म तदा तौ अवश्यमेव परस्परं परिवाराय अवश्यमेव आनयत: स्म, जघन्यजोऽपि तं सर्वदा आदरभावेन सम्मानभावेन च सह पश्यति स्म।
एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई।
•• एकस्मिन् दिने तयोः मध्ये कस्मिंश्चित् विषये विवादोऽभवत्।
बात इतनी बढ़ गई कि छोटे भाई ने बड़े भाई के प्रति अपशब्द भी कह दिए।
•• विवाद: एतावान् वर्धितो यत् जघन्यज: अग्रजं प्रति अपशब्दमपि उक्तवान्।
बस फिर क्या था ?दोनों के रिश्तों के बीच दरार पड़ गई।
•• चेत् पुन: किमासीत् ? उभयो: सम्बन्धयो: मध्ये सन्धिविच्छेदोऽभवत।
उस दिन से ही दोनों अलग-अलग रहने लगे और दोनों के बीच बोलचाल भी बंद |
•• तस्मात् दिनात् उभौ पृथक् पृथक् जीवनयापनं कर्तुं आरब्धवन्तौ तथा तयोः मध्ये परस्परं वार्त्तालापोऽपि अवरुद्धोऽभवत् ।
इसी तरह कई वर्ष बीत गये
•• एवम् अनेकानि वर्षाणि व्यतीतानि।
मार्ग में जब दोनों आमने सामने भी पड़ जाते तो एक दूसरे से अपनी-अपनी नजर बचाकर निकल जाते थे।
•• मार्गे यदा उभौ सम्मूखीभवतोऽपि स्म तदा परस्परं स्वकीयम् -स्वकीयं दृष्टिवञ्चनं कृत्वा स्वमार्गं प्रति चलत: स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 10, 2023
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प्रधानमन्त्री नरेन्द्रमोदी जीविंशतिसम्मेलनस्य समापनसमारोहे संस्कृतसूत्रं प्रोक्तवान्।
#celebrating_sanskrit
#celebrating_sanskrit
September 10, 2023
अयं लेखः मञ्जूषा Vol. 6, No. 10, 1952तमे वर्षे मध्ये प्रकाशितः। सारल्यार्थं मयैव सन्धिविच्छेद-चिह्नादिस्थापनसौष्ठवं कृतम्।
✍🏻संस्कृतहिताय
#hasya #celebrating_sanskrit
✍🏻संस्कृतहिताय
#hasya #celebrating_sanskrit
September 10, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 10, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah via @urlbuttonlike_bot
💥Please support the demand for a common flag and motto for every Sanskrit Speaker by retweeting and liking this tweet as much as possible. Also tag @shrivarakhedi VC of CSU. 💥 कृपया संस्कृतभाषियों के लिए एक समान ध्वज और ध्येय वाक्य का समर्थन करने के लिए इस…
September 10, 2023
September 10, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
https://youtu.be/5RFr_Cltr_U?si=67U9Aq-lTqm_mU9k
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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YouTube
Vaarta | News in sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #sanskritnews
Vaarta | News in sanskrit | संस्कृत में समाचार
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar…
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September 10, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - परिघ रात्रि 12:14 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 07:38 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:48
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:00 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - परिघ रात्रि 12:14 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 07:38 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:48
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:38 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:00 तक
#panchang
September 10, 2023
September 10, 2023
September 10, 2023
September 10, 2023
🍃
🔆 मूल्यवद्भिः रत्नैः पूरितः समुद्रः यस्याः चरणे क्षालयति हिमालयः यस्याः शिरसि मुकुटम् इव विराजते ब्रह्मर्षिराजर्षिसदृशैः ज्ञानिभिः तपस्विभिः या समृद्धा वर्तते मां भारतमातरम् अहं वन्दे।
⚜मूल्यवान रत्नों से भरा समुद्र जिनके चरण धोता है, हिमालय मुकुट बनकर जिनके मस्तक पर शोभायमान है, जो रत्न रूपी ब्रह्मर्षि/राजर्षि तपस्वियों से समृद्धशाली हैं, ऐसी माँ भारती का मैं वन्दन करता हूँ।
#Subhashitam
रत्नाकराधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम्।
ब्रह्मराजर्षिरत्नाढ्यां वन्दे भारतमातरम्
।।🔆 मूल्यवद्भिः रत्नैः पूरितः समुद्रः यस्याः चरणे क्षालयति हिमालयः यस्याः शिरसि मुकुटम् इव विराजते ब्रह्मर्षिराजर्षिसदृशैः ज्ञानिभिः तपस्विभिः या समृद्धा वर्तते मां भारतमातरम् अहं वन्दे।
⚜मूल्यवान रत्नों से भरा समुद्र जिनके चरण धोता है, हिमालय मुकुट बनकर जिनके मस्तक पर शोभायमान है, जो रत्न रूपी ब्रह्मर्षि/राजर्षि तपस्वियों से समृद्धशाली हैं, ऐसी माँ भारती का मैं वन्दन करता हूँ।
#Subhashitam
September 10, 2023
September 10, 2023
September 11, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
दो भाई आपस में बड़े ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे। •• द्वौ भ्रातरौ परस्परं बहु स्नेहेन सद्भावपूर्वकं च वसतः स्म। दोनो भाई जब भी कोई वस्तु लाते तो एक दूसरे के परिवार के लिए भी अवश्य ही लाते, छोटा भाई भी सदा उनको आदर तथा सम्मान की दृष्टि से देखता। •• यदा…
कुछ वर्षों बाद छोटे भाई की कन्या का विवाह आया।
•• कतिपयवर्षेभ्यः अनन्तरं जघन्यजस्य कन्यायाः विवाहस्य दिवस: आगत:।
उसने सोचा- "बड़े आखिर बड़े ही होते हैं, जाकर मना लाना चाहिए,अब ऐसी भी क्या नाराजगी!
•• सः चिन्तितवान्- "ज्येष्ठ: सदैव ज्येष्ठ: एव भवति, गत्वा अहं तं प्रत्यनुनयेय, अधुना एतादृशमपि कि अप्रसन्नत्वम्!"
वह बड़े भाई के पास गया और पैरों में पड़कर पिछली बातों के लिए क्षमा माँगने लगा।
•• सः अग्रजस्य समीपं गत्वा तस्य चरणयोः पतित्वा अतीतानां कृते क्षमायाचनं कर्तुमारब्धवान्।
बोला, "अब चलिए और विवाह कार्य संभालिए !"
•• अवदत् , " इदानीं चलित्वा विवाहकार्यस्य प्रबन्धनं करोतु।"
पर बड़ा भाई न पसीजा और उसके घर चलने से साफ मना कर दिया।
•• परन्तु ज्येष्ठस्य हृदयं शान्तं नाभवत् तथा तस्य गृहामन्त्रणं पूर्णत: अस्वीकृतवान्।
छोटे भाई को बहुत दुःख हुआ।
•• जघन्यज: अतीव दुःखितः अभवत्।
अब वह इसी चिंता में रहने लगा कि कैसे भाई को मनाया जाए?
••अधुना सः अस्यामेव चिन्तायां वर्तने संलग्नः यत् कथं भ्राता अनुनेतव्यः इति ?
इधर विवाह के भी बहुत ही थोडे दिन रह गये थे।
••अत्र विवाहायापि कतिचन एव दिवसाः अवशिष्टाः आसन् ।
बाकी सगे संबंधी आने लगे थे।
•• अन्ये बन्धुजनाः आगन्तुमारब्धवन्तः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• कतिपयवर्षेभ्यः अनन्तरं जघन्यजस्य कन्यायाः विवाहस्य दिवस: आगत:।
उसने सोचा- "बड़े आखिर बड़े ही होते हैं, जाकर मना लाना चाहिए,अब ऐसी भी क्या नाराजगी!
•• सः चिन्तितवान्- "ज्येष्ठ: सदैव ज्येष्ठ: एव भवति, गत्वा अहं तं प्रत्यनुनयेय, अधुना एतादृशमपि कि अप्रसन्नत्वम्!"
वह बड़े भाई के पास गया और पैरों में पड़कर पिछली बातों के लिए क्षमा माँगने लगा।
•• सः अग्रजस्य समीपं गत्वा तस्य चरणयोः पतित्वा अतीतानां कृते क्षमायाचनं कर्तुमारब्धवान्।
बोला, "अब चलिए और विवाह कार्य संभालिए !"
•• अवदत् , " इदानीं चलित्वा विवाहकार्यस्य प्रबन्धनं करोतु।"
पर बड़ा भाई न पसीजा और उसके घर चलने से साफ मना कर दिया।
•• परन्तु ज्येष्ठस्य हृदयं शान्तं नाभवत् तथा तस्य गृहामन्त्रणं पूर्णत: अस्वीकृतवान्।
छोटे भाई को बहुत दुःख हुआ।
•• जघन्यज: अतीव दुःखितः अभवत्।
अब वह इसी चिंता में रहने लगा कि कैसे भाई को मनाया जाए?
••अधुना सः अस्यामेव चिन्तायां वर्तने संलग्नः यत् कथं भ्राता अनुनेतव्यः इति ?
इधर विवाह के भी बहुत ही थोडे दिन रह गये थे।
••अत्र विवाहायापि कतिचन एव दिवसाः अवशिष्टाः आसन् ।
बाकी सगे संबंधी आने लगे थे।
•• अन्ये बन्धुजनाः आगन्तुमारब्धवन्तः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 11, 2023
September 11, 2023
September 11, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - महापुरुषपरिचयः
🗓१२/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् महापुरुषस्य जीवनपरिचयं कारयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - महापुरुषपरिचयः
🗓१२/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् महापुरुषस्य जीवनपरिचयं कारयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 11, 2023
September 11, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 02:21 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 12 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 11:01 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - परिघ रात्रि 01:12 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - दोपहर 03:41 से 05:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:47
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भौमप्रदोष व्रत, मंगलागौरी पूजन
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 02:21 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 12 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 11:01 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - परिघ रात्रि 01:12 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - दोपहर 03:41 से 05:14 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:47
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भौमप्रदोष व्रत, मंगलागौरी पूजन
September 11, 2023
https://youtu.be/NKbpI3JkBIA?si=AaS-swQiNPXPIPrC
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
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September 11, 2023
September 11, 2023
September 11, 2023
September 11, 2023
September 11, 2023
September 11, 2023
🍃
🔆 भवन्तु नाम भवतां नैकानि मित्राणि तथापि उत्तमगुणसम्पन्नम् एकं जनं स्वमित्रं अवश्यं कुर्वन्तु यतो हि तस्य साहाय्यं सदैव अपेक्षते यथा चन्द्राय तारागणानां स्थितौ अपि समुद्रावश्यकता भवत्येव।
⚜आपके कितने भी मित्र क्यों न हों, किन्तु सर्वगुणसम्पन्न विद्वान व्यक्ति को भी अपना मित्र अवश्य बनाना चाहिये। समुद्र को अथाह जलराशि के होते हुए भी ज्वार उत्पन्न करने के लिये चन्द्रमा की आवश्यकता पड़ती है।
⚜Even a learned person endowed with all virtues needs friends, just as the sea needs the moon to produce tides even when it is a bottomless water mass.
#Subhashitam
अपि संपूर्णतायुक्तै: कर्तव्या सुहृदो बुधै:।
नदीशः परिपूर्णोऽपि चन्द्रोदयमपेक्षते
॥🔆 भवन्तु नाम भवतां नैकानि मित्राणि तथापि उत्तमगुणसम्पन्नम् एकं जनं स्वमित्रं अवश्यं कुर्वन्तु यतो हि तस्य साहाय्यं सदैव अपेक्षते यथा चन्द्राय तारागणानां स्थितौ अपि समुद्रावश्यकता भवत्येव।
⚜आपके कितने भी मित्र क्यों न हों, किन्तु सर्वगुणसम्पन्न विद्वान व्यक्ति को भी अपना मित्र अवश्य बनाना चाहिये। समुद्र को अथाह जलराशि के होते हुए भी ज्वार उत्पन्न करने के लिये चन्द्रमा की आवश्यकता पड़ती है।
⚜Even a learned person endowed with all virtues needs friends, just as the sea needs the moon to produce tides even when it is a bottomless water mass.
#Subhashitam
September 11, 2023
नश् (नश्यति) धातोः क्तवतु प्रत्ययस्य रूपं किम्।
Anonymous Quiz
13%
नशितवान्
63%
नष्टवान्
17%
नाशितवान्
7%
नन्ष्टवान्
September 12, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
कुछ वर्षों बाद छोटे भाई की कन्या का विवाह आया। •• कतिपयवर्षेभ्यः अनन्तरं जघन्यजस्य कन्यायाः विवाहस्य दिवस: आगत:। उसने सोचा- "बड़े आखिर बड़े ही होते हैं, जाकर मना लाना चाहिए,अब ऐसी भी क्या नाराजगी! •• सः चिन्तितवान्- "ज्येष्ठ: सदैव ज्येष्ठ: एव भवति, गत्वा…
एक सम्बन्धी ने बताया, "तुम्हारा बडा भाई एक संत के पास प्रतिदिन जाता है और उनका बहुत आदर भी करता है और कहना भी मानता है!"
•• एको बन्धुजन: अवदत् , " तव ज्येष्ठ: एकं साधुं निकषा प्रतिदिनं गच्छति,तस्य बहु सम्मानमपि करोति तथा तस्य विचारेण सहमतोऽपि भवति।"
छोटा भाई उन संत के पास पहुँचा और पिछली सारी बातें बताते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा याचना की तथा गहरा
पश्चात्ताप व्यक्त किया और उनसे प्रार्थना की, "आप किसी भी तरह मेरे भाई को मेरे यहाँ आने के लिए राज़ी कर दे !"
•• जघन्यज: तं साधुं प्राप्य पूर्वान् सर्वान् अतीतप्रसङ्गान् कथयन् स्वस्य त्रुटिकार्यस्य कृते क्षमायाचितवान् तथा
पश्चात्तापं प्रकट्य तं प्रार्थितवान् , "भवान् कथंचिदपि ज्येष्ठं मम स्थाने आगन्तुं प्रेरितं कुर्या:।"
दूसरे दिन जब बड़ा भाई सत्संग में गया तो संत ने उससे पूछा, "क्या तुम्हारे छोटे भाई के यहाँ कन्या का विवाह है ?तुम क्या क्या काम संभाल रहे हो ?"
•• अन्येद्यु: यदा ज्येष्ठ: सत्सङ्गे आगत: तदा साधुजन: तं अपृच्छत् , " किं तव जघन्यजस्य गृहे कन्याया: विवाहोऽस्ति?त्वं किम्-किं कार्यं सम्पादयसि?"
"मैं तो विवाह में सम्मिलित ही नही हो रहा गुरुदेव । कुछ वर्ष पूर्व मेरे छोटे भाई ने मुझे ऐसे कड़वे वचन कहे थे, जो आज भी मेरे हृदय में काँटे की तरह खटक रहे हैं !" बड़े भाई ने कहा ।
••"गुरुदेव! अहं विवाहसमारोहे सम्मिलितं न भवामि।कतिपयवर्षेभ्य: पूर्वं मम जघन्यज: माम् एतादृशं कटुवचनम् उक्तवान् आसीत् , य: अद्यापि मम हृदये कण्टकवत् तुदति।" इति ज्येष्ठ: अवदत्।
संत जी ने कहा, "सत्संग के बाद मुझसे मिल कर ही जाना है..जरूरी काम है....!"
•• साधुः अवदत्, "सत्संगस्य अनन्तरं मां मिलित्वा गच्छे: ... महत्त्वपूर्णं कार्यम् अस्ति...!"
सत्संग समाप्त होने पर वह संत के पास पहुँचा, उन्होंने पूछा,"मैंने गत रविवार को जो प्रवचन दिया था उसमें मैंने क्या
कहा था?ज़रा याद करके बताओ।"
•• सत्संगस्य अन्ते सः साधुं प्राप्तवान्, साधु: पृष्टवान् - "गत रविवासरे मया दत्ते प्रवचने अहं किं कथयितवान् आसम्?
केवलं मां स्मृत्वा बोधयतु।"
अब बड़ा भाई बिलकुल मौन!
•• इदानीं ज्येष्ठ: पूर्णत: मौनम्!
काफी देर सोचने के बाद हाथ जोड़ कर बोला, "माफी चाहता हूँ गुरुदेव, कुछ याद नहीं आ रहा। कौन सा विषय था?
•• चिरकालं चिन्तनं कृत्वा हस्तौ संयोज्य सः अवदत्, "क्षम्यतां गुरुदेव! अहं किमपि स्मर्तुं न शक्नोमि। विषयः कः आसीत्?"
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एको बन्धुजन: अवदत् , " तव ज्येष्ठ: एकं साधुं निकषा प्रतिदिनं गच्छति,तस्य बहु सम्मानमपि करोति तथा तस्य विचारेण सहमतोऽपि भवति।"
छोटा भाई उन संत के पास पहुँचा और पिछली सारी बातें बताते हुए अपनी गलती के लिए क्षमा याचना की तथा गहरा
पश्चात्ताप व्यक्त किया और उनसे प्रार्थना की, "आप किसी भी तरह मेरे भाई को मेरे यहाँ आने के लिए राज़ी कर दे !"
•• जघन्यज: तं साधुं प्राप्य पूर्वान् सर्वान् अतीतप्रसङ्गान् कथयन् स्वस्य त्रुटिकार्यस्य कृते क्षमायाचितवान् तथा
पश्चात्तापं प्रकट्य तं प्रार्थितवान् , "भवान् कथंचिदपि ज्येष्ठं मम स्थाने आगन्तुं प्रेरितं कुर्या:।"
दूसरे दिन जब बड़ा भाई सत्संग में गया तो संत ने उससे पूछा, "क्या तुम्हारे छोटे भाई के यहाँ कन्या का विवाह है ?तुम क्या क्या काम संभाल रहे हो ?"
•• अन्येद्यु: यदा ज्येष्ठ: सत्सङ्गे आगत: तदा साधुजन: तं अपृच्छत् , " किं तव जघन्यजस्य गृहे कन्याया: विवाहोऽस्ति?त्वं किम्-किं कार्यं सम्पादयसि?"
"मैं तो विवाह में सम्मिलित ही नही हो रहा गुरुदेव । कुछ वर्ष पूर्व मेरे छोटे भाई ने मुझे ऐसे कड़वे वचन कहे थे, जो आज भी मेरे हृदय में काँटे की तरह खटक रहे हैं !" बड़े भाई ने कहा ।
••"गुरुदेव! अहं विवाहसमारोहे सम्मिलितं न भवामि।कतिपयवर्षेभ्य: पूर्वं मम जघन्यज: माम् एतादृशं कटुवचनम् उक्तवान् आसीत् , य: अद्यापि मम हृदये कण्टकवत् तुदति।" इति ज्येष्ठ: अवदत्।
संत जी ने कहा, "सत्संग के बाद मुझसे मिल कर ही जाना है..जरूरी काम है....!"
•• साधुः अवदत्, "सत्संगस्य अनन्तरं मां मिलित्वा गच्छे: ... महत्त्वपूर्णं कार्यम् अस्ति...!"
सत्संग समाप्त होने पर वह संत के पास पहुँचा, उन्होंने पूछा,"मैंने गत रविवार को जो प्रवचन दिया था उसमें मैंने क्या
कहा था?ज़रा याद करके बताओ।"
•• सत्संगस्य अन्ते सः साधुं प्राप्तवान्, साधु: पृष्टवान् - "गत रविवासरे मया दत्ते प्रवचने अहं किं कथयितवान् आसम्?
केवलं मां स्मृत्वा बोधयतु।"
अब बड़ा भाई बिलकुल मौन!
•• इदानीं ज्येष्ठ: पूर्णत: मौनम्!
काफी देर सोचने के बाद हाथ जोड़ कर बोला, "माफी चाहता हूँ गुरुदेव, कुछ याद नहीं आ रहा। कौन सा विषय था?
•• चिरकालं चिन्तनं कृत्वा हस्तौ संयोज्य सः अवदत्, "क्षम्यतां गुरुदेव! अहं किमपि स्मर्तुं न शक्नोमि। विषयः कः आसीत्?"
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 12, 2023
September 12, 2023
कौतुकः त्रिचक्रिकाचालकं प्रति - रेलस्थानकं गन्तुं कियत् स्वीकरोति।
चालकः - ५० रूप्यकाणि
कौतुकः - २० एव पर्याप्तानि।
चालकः - को वा नेष्यति एतावत्सु ।
कौतुकः - पृष्ठम् उपविश अहं नयेयम् ।
#hasya
चालकः - ५० रूप्यकाणि
कौतुकः - २० एव पर्याप्तानि।
चालकः - को वा नेष्यति एतावत्सु ।
कौतुकः - पृष्ठम् उपविश अहं नयेयम् ।
#hasya
September 12, 2023
परिचायिका.pdf
891.1 KB
अनुसन्धानसरणिः
September 12, 2023
अक्टोबर्-मासस्य अष्टाविंशतितमे दिनाङ्के (October 28, 2023) UPenn-विश्वविद्यालयस्य संस्कृतविभागेन आयोज्यमानः अष्टमः वार्षिकः संस्कृतसमावेशः सहर्षं निवेद्यते।
कार्यक्रमः अन्तरजालमाध्यमेन अभिमुखं च भविष्यति ।
अधिकविवरणाय पञ्जीकरणाय च पत्रमिदं दृश्यताम्
bit.ly/3r9xoLs
कार्यक्रमः अन्तरजालमाध्यमेन अभिमुखं च भविष्यति ।
अधिकविवरणाय पञ्जीकरणाय च पत्रमिदं दृश्यताम्
bit.ly/3r9xoLs
Google Docs
पञ्जीकरणपत्रम् - Registration for संस्कृतसमावेशः - October 28, 2023
घोषणा
अष्टमः संस्कृतसमावेशः
यूपेन्न्-विश्वविद्यालयस्य संस्कृतविभागेन आयोज्यमानम् अष्टमं वार्षिकं संस्कृतसमावेशं सहर्षं निवेदयामः । अक्टोबर्-मासस्य अष्टाविंशतितमे दिनाङ्के (October…
अष्टमः संस्कृतसमावेशः
यूपेन्न्-विश्वविद्यालयस्य संस्कृतविभागेन आयोज्यमानम् अष्टमं वार्षिकं संस्कृतसमावेशं सहर्षं निवेदयामः । अक्टोबर्-मासस्य अष्टाविंशतितमे दिनाङ्के (October…
September 12, 2023
September 12, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - ISRO अभियानानि
🗓१३/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (ISRO इति सङ्गठनस्य अभियानानां विवरणं करणीयम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - ISRO अभियानानि
🗓१३/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (ISRO इति सङ्गठनस्य अभियानानां विवरणं करणीयम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 12, 2023
September 12, 2023
Dear Friends, Classes for Siksha (by Samskruta Bharati) are going to start soon by Ashok Mahodaya.
Classes will be thrice a week, Mon-Wed-Fri, 9 Pm to 10 PM.
Interested students kindly contact me,
Krishna Priya,
Ph. No: 9491838456 , 8121004894
Classes will be thrice a week, Mon-Wed-Fri, 9 Pm to 10 PM.
Interested students kindly contact me,
Krishna Priya,
Ph. No: 9491838456 , 8121004894
September 12, 2023
Samskrita Sambhashana Varga from 22nd Sep to 1st Oct 2023
Yogavijnana foundation and Vyoma Linguistic Labs Foundation presents an exciting opportunity to learn to speak in Sanskrit for FREE.
The 'Samskrita Sambhashana Varga-2023'
Conducted By: Shri. Raghunandana R & Sou. Vasudha Srinath from Vyoma Linguistic labs foundation
📅 Date 22nd Sept to 1st Oct 2023
🕣 Time 7:30 PM - 9:30 PM (IST)
🔗 Registration link: https://tinyurl.com/2023SSB
📍 Location Yogavijnana, 1425, 1st Stage, 2nd Phase, 3rd Cross, Chandra Layout, Vijayanagar, Bangalore – 560040
🗺️ Google Maps link to the venue https://goo.gl/maps/SMzyQHov9Qa1435P6
For more details contact -
+91-9880166177, +91-9480865623
Yogavijnana foundation and Vyoma Linguistic Labs Foundation presents an exciting opportunity to learn to speak in Sanskrit for FREE.
The 'Samskrita Sambhashana Varga-2023'
Conducted By: Shri. Raghunandana R & Sou. Vasudha Srinath from Vyoma Linguistic labs foundation
📅 Date 22nd Sept to 1st Oct 2023
🕣 Time 7:30 PM - 9:30 PM (IST)
🔗 Registration link: https://tinyurl.com/2023SSB
📍 Location Yogavijnana, 1425, 1st Stage, 2nd Phase, 3rd Cross, Chandra Layout, Vijayanagar, Bangalore – 560040
🗺️ Google Maps link to the venue https://goo.gl/maps/SMzyQHov9Qa1435P6
For more details contact -
+91-9880166177, +91-9480865623
September 12, 2023
September 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 1४ सितम्बर प्रातः 0४:४८ तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 13 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 02:01 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - सिद्ध रात्रि 02:08 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 12:36 से 02:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:46
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, अहल्याबाई होल्कर पुण्यतिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 1४ सितम्बर प्रातः 0४:४८ तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 13 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 02:01 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - सिद्ध रात्रि 02:08 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 12:36 से 02:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:25
⛅ सूर्यास्त - 06:46
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, अहल्याबाई होल्कर पुण्यतिथि
September 12, 2023
https://youtu.be/FiPaGl4z8a0?si=gbjcK1Nb7GFAjw5J
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
September 12, 2023
September 12, 2023
September 12, 2023
September 12, 2023
September 12, 2023
September 12, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
इस्रो अभियानानि
#samlapshala
#samlapshala
September 12, 2023
🍃
🔆 रोगपीडिताय स्वपितुम् स्थानं श्रान्तजनाय विश्रमितुं स्थानं पिपासिताय जलं तथैव बुभुक्षिताय भोजनम् इत्येतेषां दानात् श्रेष्ठतरं कार्यं किमपि नास्ति।
⚜निराश्रित रोग पीड़ित को शयन के लिये स्थान प्रदान करना चाहिये, थके हुए को विश्राम हेतु आसन, प्यासे को पानी और भूखे को भोजन देना चाहिये, इससे श्रेष्ठ कोई धर्म नही है।
#Subhashitam
देयमार्त्तस्य शय्या च स्थितश्रान्तस्य चासनम्।
तृषितस्य च पानीयं क्षुधितस्य च भोजनम्
।।🔆 रोगपीडिताय स्वपितुम् स्थानं श्रान्तजनाय विश्रमितुं स्थानं पिपासिताय जलं तथैव बुभुक्षिताय भोजनम् इत्येतेषां दानात् श्रेष्ठतरं कार्यं किमपि नास्ति।
⚜निराश्रित रोग पीड़ित को शयन के लिये स्थान प्रदान करना चाहिये, थके हुए को विश्राम हेतु आसन, प्यासे को पानी और भूखे को भोजन देना चाहिये, इससे श्रेष्ठ कोई धर्म नही है।
#Subhashitam
September 12, 2023
कृ धातोः लुङ्लकारस्य मध्यमपुरुषस्य एकवचनस्य रूपं किम्।
Anonymous Quiz
9%
अकृथाः
40%
अकार्षीः
38%
अकरोः
12%
कृष्टाः
September 13, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
एक सम्बन्धी ने बताया, "तुम्हारा बडा भाई एक संत के पास प्रतिदिन जाता है और उनका बहुत आदर भी करता है और कहना भी मानता है!" •• एको बन्धुजन: अवदत् , " तव ज्येष्ठ: एकं साधुं निकषा प्रतिदिनं गच्छति,तस्य बहु सम्मानमपि करोति तथा तस्य विचारेण सहमतोऽपि भवति।" छोटा…
संत बोले, "देखो ! मेरी बताई हुई अच्छी बातें तो तुम्हें आठ दिन भी याद न रहीं और छोटे भाई के कडवे बोल जो की वर्षों पहले कहे गये थे, वे तुम्हें अभी तक हृदय में चुभ रहे है। जब तुम अच्छी बातों को याद ही नहीं रख सकते, तब उन्हें जीवन में कैसे उतारोगे"
•• साधु: अवदत् , " पश्य।अष्टदिनानि अपि मया कथितानि शुभवचनानि त्वं न स्मरसि तथा च वर्षाणां पूर्वं जघन्यजस्य उक्तानि कटुवचनानि अद्यापि त्वां हृदये वेधयन्ति।यदा त्वं साधुविचारान् स्मर्तुं न शक्नोषि तदा त्वं तान् कथं जीवने आनेष्यसि?
" और जब जीवन नहीं सुधारा तब सत्सग में आने का लाभ ही क्या रहा ? अतः कल से यहाँ मत आया करो। बेकार में अपना समय व्यर्थ मत करो !"
•• " "अथ च यदा जीवनस्य उन्नति न भवति तदा सत्सङ्गगामनस्य किं प्रयोजनम्? अतः श्वः आरभ्य अत्र मा आगच्छ।व्यर्थमेव स्वसमयम् अत्र नष्टं मा कुरु !"
अब बड़े भाई की आँखें खुली। उसने आत्म-चिंतन किया और स्वीकार किया " मैं वास्तव में ही गलत मार्ग पर हूँ !"
•• इदानीं अग्रजस्य नेत्राणि उद्घाटितानि। सः आत्मनिरीक्षणं कृत्वा स्वीकृतवान् "अहं वास्तवमेव असत्यमार्गे अस्मि!"
उसके बाद वह अपने छोटे भाई के घर गया और उसे अपने गले से लगा लिया। दोनों भाईयों के आँखों में खुशी के आँसू थे।
•• तदनन्तरं सः जघन्यजस्य गृहं गत्वा तस्यालिङ्नं कृतवान् । उभयोः भ्रातरयोः नेत्रयोः हर्षाश्रुः आसीत् ।"
हमारे साथ भी ऐसा ही होता है।
•• अस्माभि: सहापि एवमेव भवति।
अक्सर दूसरों की कही किसी बात का हम बुरा मान जाते हैं और बेवजह उससे दूरी बना लेते हैं।
••अन्येषां कथितं वचनं श्रुत्वा वयं प्रायः आक्रोशं कुर्मः तथा च अकारणं तस्मात् दूरीभवाम:।
जबकि हमें ये चाहिए कि हम आपसी बातचीत से मन में उपजी कटुता को भुलाकर सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाएं।
•• यद्यपि अस्मभ्यम् आवश्यकं यत् परस्परं वार्त्तालापात् मनसि उत्पन्नं कटुत्वं विस्मृत्य सौहार्दपूर्णस्य वातावरणस्य निर्माणं कुर्याम।
न स्वयं किसी से रूठें न किसी को रूठने का मौका दें।
•• स्वयं कञ्चित् अप्रसन्नो भवेत् तथा च न कस्मैचित् अप्रसन्नत्वस्य अवसरं दद्यात्।
तो शुभ काम में देरी क्यों! कृपया उठाएं फोन और हो जाएं शुरू... रूठों को मनाने में
•• अत: शुभकार्ये विलम्ब: किमर्थम् ?कृपया दूरवाणीं ग्रहित्वा शुभारम्भं कुरु - असन्तुष्टजनान् सन्तुष्टिप्रदानार्थम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• साधु: अवदत् , " पश्य।अष्टदिनानि अपि मया कथितानि शुभवचनानि त्वं न स्मरसि तथा च वर्षाणां पूर्वं जघन्यजस्य उक्तानि कटुवचनानि अद्यापि त्वां हृदये वेधयन्ति।यदा त्वं साधुविचारान् स्मर्तुं न शक्नोषि तदा त्वं तान् कथं जीवने आनेष्यसि?
" और जब जीवन नहीं सुधारा तब सत्सग में आने का लाभ ही क्या रहा ? अतः कल से यहाँ मत आया करो। बेकार में अपना समय व्यर्थ मत करो !"
•• " "अथ च यदा जीवनस्य उन्नति न भवति तदा सत्सङ्गगामनस्य किं प्रयोजनम्? अतः श्वः आरभ्य अत्र मा आगच्छ।व्यर्थमेव स्वसमयम् अत्र नष्टं मा कुरु !"
अब बड़े भाई की आँखें खुली। उसने आत्म-चिंतन किया और स्वीकार किया " मैं वास्तव में ही गलत मार्ग पर हूँ !"
•• इदानीं अग्रजस्य नेत्राणि उद्घाटितानि। सः आत्मनिरीक्षणं कृत्वा स्वीकृतवान् "अहं वास्तवमेव असत्यमार्गे अस्मि!"
उसके बाद वह अपने छोटे भाई के घर गया और उसे अपने गले से लगा लिया। दोनों भाईयों के आँखों में खुशी के आँसू थे।
•• तदनन्तरं सः जघन्यजस्य गृहं गत्वा तस्यालिङ्नं कृतवान् । उभयोः भ्रातरयोः नेत्रयोः हर्षाश्रुः आसीत् ।"
हमारे साथ भी ऐसा ही होता है।
•• अस्माभि: सहापि एवमेव भवति।
अक्सर दूसरों की कही किसी बात का हम बुरा मान जाते हैं और बेवजह उससे दूरी बना लेते हैं।
••अन्येषां कथितं वचनं श्रुत्वा वयं प्रायः आक्रोशं कुर्मः तथा च अकारणं तस्मात् दूरीभवाम:।
जबकि हमें ये चाहिए कि हम आपसी बातचीत से मन में उपजी कटुता को भुलाकर सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाएं।
•• यद्यपि अस्मभ्यम् आवश्यकं यत् परस्परं वार्त्तालापात् मनसि उत्पन्नं कटुत्वं विस्मृत्य सौहार्दपूर्णस्य वातावरणस्य निर्माणं कुर्याम।
न स्वयं किसी से रूठें न किसी को रूठने का मौका दें।
•• स्वयं कञ्चित् अप्रसन्नो भवेत् तथा च न कस्मैचित् अप्रसन्नत्वस्य अवसरं दद्यात्।
तो शुभ काम में देरी क्यों! कृपया उठाएं फोन और हो जाएं शुरू... रूठों को मनाने में
•• अत: शुभकार्ये विलम्ब: किमर्थम् ?कृपया दूरवाणीं ग्रहित्वा शुभारम्भं कुरु - असन्तुष्टजनान् सन्तुष्टिप्रदानार्थम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 13, 2023
September 13, 2023
September 13, 2023
September 13, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - किष्किन्धाकाण्डः
🗓१३/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (किष्किन्धाकाण्डस्य परिचयं श्लोकविवरणं वा कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - किष्किन्धाकाण्डः
🗓१३/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (किष्किन्धाकाण्डस्य परिचयं श्लोकविवरणं वा कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 13, 2023
September 13, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या पूर्णरात्रि तक
⛅️ दिनांक - 14 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 15 सितम्बर प्रातः 04:54 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅️ योग - साध्य 15 सितम्बर प्रातः 03:00 तक तत्पश्चात शुभ
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:08 से 03:40 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:26
⛅️ सूर्यास्त - 06:45
⛅️ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अमावस्या पूर्णरात्रि तक
⛅️ दिनांक - 14 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 15 सितम्बर प्रातः 04:54 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅️ योग - साध्य 15 सितम्बर प्रातः 03:00 तक तत्पश्चात शुभ
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:08 से 03:40 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:26
⛅️ सूर्यास्त - 06:45
⛅️ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
#panchang
September 13, 2023
September 13, 2023
सर्वेषां छात्राणां हार्दं स्वागतम्। *दूतवाक्यम्* इति विषयमधिकृत्य 15.09.2023 दिनाङ्कात् 22.09.2023 दिनाङ्कपर्यन्तं सप्ताहात्मिका रूपकाध्ययनकार्यशाला आयोजयिष्यते। सहभागं ग्रहीतुं नामाङ्कनपत्रमिदं पूरणीयम् - https://forms.gle/ggcpBKxZQTFSeYM49
September 13, 2023
September 13, 2023
September 13, 2023
क
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
किष्किन्धाकाण्डम्
किष्किन्धाकाण्डम्
September 13, 2023
🍃
🔆अक्रोधः गुरोः सेवा शुद्धता अल्पाहारत्वं नियमितस्वाध्यायः एतानि पञ्च कर्माणि कीर्तिप्रदानि सन्ति।
⚜अक्रोध, गुरु-शुश्रूषा, शुचिता, मिताहार (अल्पभोजन) और नित्य स्वाध्याय ये पाँच नियम कीर्तिप्रदान करनेवाले होते हैं।।
#Subhashitam
अक्रोधो गुरुशुश्रूषा शौचमाहारलाघवम्।
नित्यस्वाध्याय इत्येते नियमाः पञ्चकीर्तिदा:
॥🔆अक्रोधः गुरोः सेवा शुद्धता अल्पाहारत्वं नियमितस्वाध्यायः एतानि पञ्च कर्माणि कीर्तिप्रदानि सन्ति।
⚜अक्रोध, गुरु-शुश्रूषा, शुचिता, मिताहार (अल्पभोजन) और नित्य स्वाध्याय ये पाँच नियम कीर्तिप्रदान करनेवाले होते हैं।।
#Subhashitam
September 13, 2023
अन्यानि शब्दाः नपुंसकलिङ्गकानि सन्ति।
Anonymous Quiz
68%
दोषयुक्तं वाक्यमस्ति
32%
उचितमेव वाक्यमस्ति
September 14, 2023
इन तीन कारणों को जानेंगे तो सर्दियों में रोजाना खाना चाहेंगे मूली
••यदि भवान् एतानि त्रीणि कारणानि जानीयात् तर्हि शिशिरेषु नित्यं मूलकं खादितुम् इच्छेत्।
ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि शरीर के लिए इसका नियमित सेवन बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
••शीते प्रतिदिनं किञ्चित् मूलकम् अपदंशरूपेण सेवनीयं यतः एतस्य नियमितं सेवनं शरीराय अतीव उत्तमं भवति यतोहि एतस्मिन् पर्याप्तमात्रायां प्रोटीन, क्षौरेयं, गन्धक:, आयोडीन, लौहं इत्यादीनि तत्त्वानि उपलब्धानि भवन्ति।
इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है।
••अस्मिन् सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, मैग्नीशियम इत्यादीनि तत्त्वानि अपि भवन्ति।
मूली में विटामिन ए भी होता है।
••मूलके जीवसत्त्व-ए इत्यपि भवति।
इसके अलावा भी ठंड के मौसम में सलाद के रूप में मूली खाने के अनेक फायदे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में
••एतदतिरिच्य शीतर्तौ अपदंशरूपेण मूलकखादनेन अनेके लाभाः सन्ति। एतादृशानां केषाञ्चन लाभानां विषये ज्ञातव्यम्
मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
••मूलकरसे किञ्चित् लवणं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पानेन स्थूलत्वं न्यूनीभवति शरीरं च सुगठितं भवति।
मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है।
••मूलकपत्राणि छित्त्वा निम्बुकं निपीड्य खादनेन उदरं स्वच्छम् ऊर्जायुक्तं च भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••यदि भवान् एतानि त्रीणि कारणानि जानीयात् तर्हि शिशिरेषु नित्यं मूलकं खादितुम् इच्छेत्।
ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि शरीर के लिए इसका नियमित सेवन बहुत अच्छा होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
••शीते प्रतिदिनं किञ्चित् मूलकम् अपदंशरूपेण सेवनीयं यतः एतस्य नियमितं सेवनं शरीराय अतीव उत्तमं भवति यतोहि एतस्मिन् पर्याप्तमात्रायां प्रोटीन, क्षौरेयं, गन्धक:, आयोडीन, लौहं इत्यादीनि तत्त्वानि उपलब्धानि भवन्ति।
इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है।
••अस्मिन् सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, मैग्नीशियम इत्यादीनि तत्त्वानि अपि भवन्ति।
मूली में विटामिन ए भी होता है।
••मूलके जीवसत्त्व-ए इत्यपि भवति।
इसके अलावा भी ठंड के मौसम में सलाद के रूप में मूली खाने के अनेक फायदे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में
••एतदतिरिच्य शीतर्तौ अपदंशरूपेण मूलकखादनेन अनेके लाभाः सन्ति। एतादृशानां केषाञ्चन लाभानां विषये ज्ञातव्यम्
मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
••मूलकरसे किञ्चित् लवणं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पानेन स्थूलत्वं न्यूनीभवति शरीरं च सुगठितं भवति।
मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है।
••मूलकपत्राणि छित्त्वा निम्बुकं निपीड्य खादनेन उदरं स्वच्छम् ऊर्जायुक्तं च भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 14, 2023
September 14, 2023
September 14, 2023
September 14, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah via @urlbuttonlike_bot
💥Please support the demand for a common flag and motto for every Sanskrit Speaker by retweeting and liking this tweet as much as possible. Also tag @shrivarakhedi VC of CSU. 💥 कृपया संस्कृतभाषियों के लिए एक समान ध्वज और ध्येय वाक्य का समर्थन करने के लिए इस…
⁉️वस्तुतः क्या आवश्यकता है एक संस्कृतध्वज की? आपको तब तक इसकी कमीं नहीं खलेगी जब तक आपने अनुभव नहीं किया हो कि ऐसा कोई सूत्र अस्तित्व में है ही नहीं जो सभी संस्कृतभाषियों को बाँधता हो।
नवागन्तुक इसलिए भय खाते हैं कि कहीं बोलते समय कुछ दोष न हो जाये। क्योंकि संस्कृत में शुद्धता का सर्वोपरि महत्त्व है।
प्रौढ इसलिए लजाते हैं क्योंकि उनकी बात कोई समझेगा ही नहीं।
इस सब के बीच यदि हम एक ऐसे चिन्ह की अपेक्षा रखें जो हमारी भावनाओं को दर्शा सके तो क्या अधिक है?
क्या हम सब कभी एक ध्येय के लिए एकजुट नहीं हो सकते?
क्या संस्कृत केवल हमारी है आपकी नहीं?
क्या इसमें कोई दोष है कि हमारा प्रतिनिधित्व श्रेष्ठ ढंग से हो?
बस विनम्र आग्रह आपके समर्थन के लिए। पुनः एकवारम्।
bit.ly/3sKMlE2
नवागन्तुक इसलिए भय खाते हैं कि कहीं बोलते समय कुछ दोष न हो जाये। क्योंकि संस्कृत में शुद्धता का सर्वोपरि महत्त्व है।
प्रौढ इसलिए लजाते हैं क्योंकि उनकी बात कोई समझेगा ही नहीं।
इस सब के बीच यदि हम एक ऐसे चिन्ह की अपेक्षा रखें जो हमारी भावनाओं को दर्शा सके तो क्या अधिक है?
क्या हम सब कभी एक ध्येय के लिए एकजुट नहीं हो सकते?
क्या संस्कृत केवल हमारी है आपकी नहीं?
क्या इसमें कोई दोष है कि हमारा प्रतिनिधित्व श्रेष्ठ ढंग से हो?
बस विनम्र आग्रह आपके समर्थन के लिए। पुनः एकवारम्।
bit.ly/3sKMlE2
X (formerly Twitter)
संस्कृत संवादः on X
🏳️We need to develop a Sanskrit flag, which all sanskrit speakers can use worldwide to represent themselves.
🦢I suggest the below drawing of a white swan which is a symbol of Intelligence (नीरक्षीरविवेकः) on a bright golden background representing knowledge.
🦢I suggest the below drawing of a white swan which is a symbol of Intelligence (नीरक्षीरविवेकः) on a bright golden background representing knowledge.
September 14, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 14, 2023
📚Here is Our latest venture, ग्रन्थकुटी @granthakutee – A place where you can find lots of books of Sanskrit for FREE.🤓 Though Free PDFs are available here. Do Consider buying the books as the first take.
It takes enormous efforts to publish a single book. If you won't support the publishers monetarily💰, They won't be able to continue their work.😞
t.me/granthakutee
📚प्रस्तुत है हमारा नवीनतम उद्यम ग्रन्थकुटी @granthakutee - एक ऐसा स्थल जहां आप संस्कृत के अनेकों ग्रन्थ निश्शुल्क पा सकते हैं।🤓 हालांकि यहां निश्शुल्क पीडीएफ उपलब्ध हैं पर सबसे पहले पुस्तक खरीदने की ही चेष्टा करें।
एक भी पुस्तक प्रकाशित करने के लिए बहुत उद्यम करना पड़ता है। यदि आप प्रकाशकों का आर्थिक रूप से साथ नहीं देंगे, तो वे अपना काम जारी नहीं रख पाएंगे।😞
t.me/granthakutee
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t.me/granthakutee
📚प्रस्तुत है हमारा नवीनतम उद्यम ग्रन्थकुटी @granthakutee - एक ऐसा स्थल जहां आप संस्कृत के अनेकों ग्रन्थ निश्शुल्क पा सकते हैं।🤓 हालांकि यहां निश्शुल्क पीडीएफ उपलब्ध हैं पर सबसे पहले पुस्तक खरीदने की ही चेष्टा करें।
एक भी पुस्तक प्रकाशित करने के लिए बहुत उद्यम करना पड़ता है। यदि आप प्रकाशकों का आर्थिक रूप से साथ नहीं देंगे, तो वे अपना काम जारी नहीं रख पाएंगे।😞
t.me/granthakutee
Telegram
ग्रन्थकुटी – Sanskrit books
@samvadah द्वारा कल्पित संस्कृत ग्रन्थों का सङ्ग्रह। कृपया लेखक के सहयोग के लिए पुस्तकों को खरीदकर ही पढ़ें।
Network
https://t.me/samvadah/11287
Feedback/Query : @Samskrta_group
News Platform @Ramdootah
Supergroup @Ask_Sanskrit
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September 14, 2023
September 14, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या सुबह 07:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 15 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्णरात्रि तक
⛅ योग - शुभ 16 सितम्बर प्रातः 03:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 11:03 से 12:35 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:26
⛅ सूर्यास्त - 06:44
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:58 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अमावस्या
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या सुबह 07:09 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 15 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी पूर्णरात्रि तक
⛅ योग - शुभ 16 सितम्बर प्रातः 03:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 11:03 से 12:35 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:26
⛅ सूर्यास्त - 06:44
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से 05:39 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 12:58 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अमावस्या
September 14, 2023
September 14, 2023
अद्य संलापशाला नास्ति अधुना सोमवासरे पुनः भविता।
September 14, 2023
🍃
🔆 यथा सूर्यः शनैः शनैः उदेति अस्तं च गच्छति तथैव मनुजभाग्यमपि याति न झटिति तत्र तु अस्माकं परिश्रमः धैर्यं च सहायके स्तः।
⚜किसी के भी भाग्य का अचानक उदय नहीं होता, सूर्य भी धीरे धीरे उदय होते हुए आगे बढ़ता है। जिन मनुष्यों में धैर्य और तपस्या है, वही संसार में प्रकाशित होते हुए प्रभाव डालते हैं।
#Subhashitam
उदेति भाग्यं सहसा न लोके सूर्यो यथोदेति शनै: शनैश्च ।
धैर्यं तपश्चेत्युभयं नरेषु प्रकाशपूर्णाः प्रभवन्ति लोके
॥🔆 यथा सूर्यः शनैः शनैः उदेति अस्तं च गच्छति तथैव मनुजभाग्यमपि याति न झटिति तत्र तु अस्माकं परिश्रमः धैर्यं च सहायके स्तः।
⚜किसी के भी भाग्य का अचानक उदय नहीं होता, सूर्य भी धीरे धीरे उदय होते हुए आगे बढ़ता है। जिन मनुष्यों में धैर्य और तपस्या है, वही संसार में प्रकाशित होते हुए प्रभाव डालते हैं।
#Subhashitam
September 14, 2023
September 15, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
इन तीन कारणों को जानेंगे तो सर्दियों में रोजाना खाना चाहेंगे मूली ••यदि भवान् एतानि त्रीणि कारणानि जानीयात् तर्हि शिशिरेषु नित्यं मूलकं खादितुम् इच्छेत्। ठंड में रोजाना थोड़ी मूली को सलाद के रूप में लेना चाहिए क्योंकि शरीर के लिए इसका नियमित सेवन बहुत…
पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से पियें तो भूख बढ़ती है।
••उदररोगेषु मूलकरसे आर्दकरसं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पीयेत चेत् क्षुधा वर्धते।
पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।
••अपक्वमूलकम् उदरकृमिनाशनेऽपि लाभप्रदं सिद्धं भवति।
हार्ट से संबंधित बीमारी से ग्रस्त लोगों व कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए मूली का सेवन लाभदायक होता है।
••हृदयसम्बद्धरोगैः पीडितानां जनानां पैत्तवरोगिणां च कृते मूलकसेवनं लाभप्रदं भवति।
ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।
•• अपदंशरूपेण मूलकस्य नियमितं सेवनं रक्तचापरोगिणां कृते उत्तमं मन्यते यतः मूलकम् उच्चरक्तचापस्य शान्तिकरणे सहायकं भवति।
सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
••प्रातःकाले मूलकस्य मृदुपत्रेषु सैन्धवलवणं प्रयोज्य खादनेन मुखदुर्गन्धस्य समाप्ति: भवति।
मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है।
••मूली शरीरात् कार्बनडायआक्साइड इति दूषितवायुं निष्कास्य ऑक्सीजन इति प्राणवायुं प्रदाति।
मूली हमारे दाँतों और हड्डियों को मजबूत करती है।
••मूलकम् अस्माकं दन्तानाम् अस्थिनां च दृढीकरणं करोति।
थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है।
••श्रमनिवारणे सुनिद्रायां च मूलकम् अतीव लाभप्रदं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••उदररोगेषु मूलकरसे आर्दकरसं निम्बुकरसं च मिश्रयित्वा नियमितरूपेण पीयेत चेत् क्षुधा वर्धते।
पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।
••अपक्वमूलकम् उदरकृमिनाशनेऽपि लाभप्रदं सिद्धं भवति।
हार्ट से संबंधित बीमारी से ग्रस्त लोगों व कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए मूली का सेवन लाभदायक होता है।
••हृदयसम्बद्धरोगैः पीडितानां जनानां पैत्तवरोगिणां च कृते मूलकसेवनं लाभप्रदं भवति।
ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।
•• अपदंशरूपेण मूलकस्य नियमितं सेवनं रक्तचापरोगिणां कृते उत्तमं मन्यते यतः मूलकम् उच्चरक्तचापस्य शान्तिकरणे सहायकं भवति।
सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
••प्रातःकाले मूलकस्य मृदुपत्रेषु सैन्धवलवणं प्रयोज्य खादनेन मुखदुर्गन्धस्य समाप्ति: भवति।
मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है।
••मूली शरीरात् कार्बनडायआक्साइड इति दूषितवायुं निष्कास्य ऑक्सीजन इति प्राणवायुं प्रदाति।
मूली हमारे दाँतों और हड्डियों को मजबूत करती है।
••मूलकम् अस्माकं दन्तानाम् अस्थिनां च दृढीकरणं करोति।
थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है।
••श्रमनिवारणे सुनिद्रायां च मूलकम् अतीव लाभप्रदं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 15, 2023
Namaste! I am starting the next batch of Online Sanskrit classes from 14th September 2023.
Outcome: Speak and understand Samskritam. Also understand Shlokas without depending on translation.
To know more details about the course you can join this WhatsApp group:
https://chat.whatsapp.com/EL9RvTITaatHBHTm6cJ7YL
Outcome: Speak and understand Samskritam. Also understand Shlokas without depending on translation.
To know more details about the course you can join this WhatsApp group:
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September 15, 2023
September 15, 2023
September 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा सुबह 09:17 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️दिनांक - 16 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी सुबह 07:36 तक तत्पश्चात हस्त
⛅️ योग - शुक्ल 17 सितम्बर प्रातः 04:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:02 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:26
⛅️ सूर्यास्त - 06:43
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:39 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - प्रतिपदा सुबह 09:17 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅️दिनांक - 16 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी सुबह 07:36 तक तत्पश्चात हस्त
⛅️ योग - शुक्ल 17 सितम्बर प्रातः 04:13 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:02 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:26
⛅️ सूर्यास्त - 06:43
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:39 तक
#panchang
September 15, 2023
https://youtu.be/Gm-DPwQdM7E?si=eExv8VHehWwdP43f
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
YouTube
Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #newsinsanskrit
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s…
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September 15, 2023
ग्लोबल संस्कृत फोरम, दिल्ली
एवं
डेक्कन काॅलेज पदव्युत्तर संशोधन संस्था, अभिमत विद्यापीठ, पुणे
के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित
द्वितीय वैश्विक संस्कृत सम्मेलन
विषय : भाषा और संस्कृति
दिनांक : 27 & 28 अक्टूबर, 2023
स्थान : डेक्कन काॅलेज पुणे
विशेष : आनलाईन मोड में भी शोधपत्रों का वाचन स्वीकार्य है।
पञ्जीकरण लिंक
https://forms.gle/kYqffuvCcWy71dWE8
शोधपत्र प्रेषित करने हेतु मेल ID
globalsanskritconference@gmail.com
व्हाट्सप्प समूह लिंक
https://chat.whatsapp.com/DjwuRGdpH02DG8YEjad16v
सम्पर्क-सूत्र
8789507760, 9922797038
globalsanskritforum@gmail.com
सादर प्रेषित
ग्लोबल संस्कृत फोरम, दिल्ली एवं डेक्कन काॅलेज पदव्युत्तर संशोधन संस्था, अभिमत विद्यापीठ, पुणे
एवं
डेक्कन काॅलेज पदव्युत्तर संशोधन संस्था, अभिमत विद्यापीठ, पुणे
के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित
द्वितीय वैश्विक संस्कृत सम्मेलन
विषय : भाषा और संस्कृति
दिनांक : 27 & 28 अक्टूबर, 2023
स्थान : डेक्कन काॅलेज पुणे
विशेष : आनलाईन मोड में भी शोधपत्रों का वाचन स्वीकार्य है।
पञ्जीकरण लिंक
https://forms.gle/kYqffuvCcWy71dWE8
शोधपत्र प्रेषित करने हेतु मेल ID
globalsanskritconference@gmail.com
व्हाट्सप्प समूह लिंक
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सम्पर्क-सूत्र
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September 15, 2023
September 15, 2023
🍃
🔆 हे मातः संसारेऽस्मिन् तव शुद्धाः बुद्धाः नैके पुत्राः सन्ति तेषु अहमेकः अज्ञानी अस्मि किन्तु इदं विचिन्त्य त्वं मम उद्धारविषयं न त्यजतु यतो हि इह लोके कुपुत्रस्तु भवति किन्तु कुमाता न क्वापि स्यात्।
देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्
⚜हे माते!इस पृथ्वी पर तुम्हारे सीधे-सादे ज्ञानी ध्यानी पुत्र तो बहुत से होगें, किंतु उन सबके बीच में मैं अत्यंत चपल तुम्हारा विरला अज्ञानी बालक हूँ और इस कारण से आप मेरा त्याग कर दें मेरा उद्धार न करें यह उचित नहीं क्योंकि पुत्र भले ही कुपुत्र(कपूत) हो जाए परंतु माता कभी भी कुमाता नहीं होती।।
#Subhashitam
पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहव: सन्ति सरला:
परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुत:।
मदीयोऽयं त्याग: समुचितमिदं नो तव शिवे
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति
॥🔆 हे मातः संसारेऽस्मिन् तव शुद्धाः बुद्धाः नैके पुत्राः सन्ति तेषु अहमेकः अज्ञानी अस्मि किन्तु इदं विचिन्त्य त्वं मम उद्धारविषयं न त्यजतु यतो हि इह लोके कुपुत्रस्तु भवति किन्तु कुमाता न क्वापि स्यात्।
देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्
⚜हे माते!इस पृथ्वी पर तुम्हारे सीधे-सादे ज्ञानी ध्यानी पुत्र तो बहुत से होगें, किंतु उन सबके बीच में मैं अत्यंत चपल तुम्हारा विरला अज्ञानी बालक हूँ और इस कारण से आप मेरा त्याग कर दें मेरा उद्धार न करें यह उचित नहीं क्योंकि पुत्र भले ही कुपुत्र(कपूत) हो जाए परंतु माता कभी भी कुमाता नहीं होती।।
#Subhashitam
September 15, 2023
वाली - अहं सुग्रीवं न मारयिष्यामि तं धावयिष्यामि।
वाक्यानुसारेण धावनं कः करिष्यति।
वाक्यानुसारेण धावनं कः करिष्यति।
Anonymous Quiz
60%
सुग्रीवः
31%
वाली
10%
न कोऽपि
September 16, 2023
पचपेड़वा नगर क्षेत्र के निकट स्थित शिवगढ़ धाम का शिवमंदिर करीब दो सौ वर्ष पुराना है।
••पचपेड़वानगरं निकषा अवस्थितं शिवगढ़धाम्न: शिवमन्दिरं प्रायः द्विशतवर्षीयं पुरातनम् अस्ति ।
करीब दो सौ साल पहले पाले आरख नामक व्यक्ति सुबह अपने खेत में काम करने गया था।
••अनुमानत: द्विशतवर्षपूर्वं पाले आरख नामकः पुरुषः प्रातःकाले स्वकृषिक्षेत्रे कार्यं कर्तुं गतः आसीत्।
खेत की कुदाल से पाले गोड़ाई कर रहा था तभी कुदाल एक पत्थर से टकराया।
••यदा पाले कृषिभूमिं कुद्दालेन खनति स्म तदैव कुद्दाल: एकां शिलां घट्टितवान्।
कुदाल के पत्थर से टकराते ही खून की धारा निकलने लगी।
••कुद्दालस्य शिलायां प्रहारमात्रेण तत: रक्तधारा निर्गन्तुम् आरब्धा।
खून की बहती हुई धारा को देखकर पाले डर गया।
••प्रवहन्तीं रक्तधारां दृष्ट्वा पाले भीतोऽभवत्।
उसने गांव पहुंचकर लोगों से घटना बताई।
••सः ग्रामं प्राप्य जनान् घटनाविषये सूचितवान्।
गांव के लोगों ने खून की बह रही धारा के आसपास सफाई की तो पत्थर शिवलिंग के रूप में दिखाई पड़ा।
••यदा ग्रामजनाः प्रवहन्तीं रक्तधारां परितः स्वच्छं कृतवन्त: तदा शिवलिंगरूपेण शिला दृष्टिगोचरा अभवत्।
पाले आरख ने अपने खेत में शिवमंदिर निर्माण कराने का निर्णय लिया।
••पाले आरख स्वस्य कृषिक्षेत्रे शिवमन्दिरस्य निर्माणं कर्तुं निर्णीतवान्।
लोगों की मदद से मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद शिवलिंग की स्थापना की गई।
••जनानां साहाय्येन मन्दिरस्य निर्माणस्य समाप्तेः अनन्तरम् शिवलिङ्गस्य स्थापना अभवत्।
शिवलिंग की स्थापना पूरा होने के बाद शिवगढ़ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई।
••शिवलिंगस्य स्थापनायाः समाप्तेः अनन्तरं शिवगढ़धाममन्दिरे पूजनार्चनम् आरब्धम्।
देखते ही देखते मंदिर की भव्यता बढ़ती गई।
••पश्यता हि मन्दिरस्य भव्यता वर्धमाना जाता।
यहां देश-विदेश के श्रद्धालु आज भी पूजा-अर्चना करने आते हैं।
••अद्यत्वे अपि देशविदेशेभ्य: च भक्ताः अर्चनार्थम् अत्र आगच्छन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••पचपेड़वानगरं निकषा अवस्थितं शिवगढ़धाम्न: शिवमन्दिरं प्रायः द्विशतवर्षीयं पुरातनम् अस्ति ।
करीब दो सौ साल पहले पाले आरख नामक व्यक्ति सुबह अपने खेत में काम करने गया था।
••अनुमानत: द्विशतवर्षपूर्वं पाले आरख नामकः पुरुषः प्रातःकाले स्वकृषिक्षेत्रे कार्यं कर्तुं गतः आसीत्।
खेत की कुदाल से पाले गोड़ाई कर रहा था तभी कुदाल एक पत्थर से टकराया।
••यदा पाले कृषिभूमिं कुद्दालेन खनति स्म तदैव कुद्दाल: एकां शिलां घट्टितवान्।
कुदाल के पत्थर से टकराते ही खून की धारा निकलने लगी।
••कुद्दालस्य शिलायां प्रहारमात्रेण तत: रक्तधारा निर्गन्तुम् आरब्धा।
खून की बहती हुई धारा को देखकर पाले डर गया।
••प्रवहन्तीं रक्तधारां दृष्ट्वा पाले भीतोऽभवत्।
उसने गांव पहुंचकर लोगों से घटना बताई।
••सः ग्रामं प्राप्य जनान् घटनाविषये सूचितवान्।
गांव के लोगों ने खून की बह रही धारा के आसपास सफाई की तो पत्थर शिवलिंग के रूप में दिखाई पड़ा।
••यदा ग्रामजनाः प्रवहन्तीं रक्तधारां परितः स्वच्छं कृतवन्त: तदा शिवलिंगरूपेण शिला दृष्टिगोचरा अभवत्।
पाले आरख ने अपने खेत में शिवमंदिर निर्माण कराने का निर्णय लिया।
••पाले आरख स्वस्य कृषिक्षेत्रे शिवमन्दिरस्य निर्माणं कर्तुं निर्णीतवान्।
लोगों की मदद से मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद शिवलिंग की स्थापना की गई।
••जनानां साहाय्येन मन्दिरस्य निर्माणस्य समाप्तेः अनन्तरम् शिवलिङ्गस्य स्थापना अभवत्।
शिवलिंग की स्थापना पूरा होने के बाद शिवगढ़ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई।
••शिवलिंगस्य स्थापनायाः समाप्तेः अनन्तरं शिवगढ़धाममन्दिरे पूजनार्चनम् आरब्धम्।
देखते ही देखते मंदिर की भव्यता बढ़ती गई।
••पश्यता हि मन्दिरस्य भव्यता वर्धमाना जाता।
यहां देश-विदेश के श्रद्धालु आज भी पूजा-अर्चना करने आते हैं।
••अद्यत्वे अपि देशविदेशेभ्य: च भक्ताः अर्चनार्थम् अत्र आगच्छन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 16, 2023
September 16, 2023
📑 प्रमुखा लेखाः
📑 Important articles
📑 Important articles
September 16, 2023
September 16, 2023
By Telegram Channel @samvadah
📚 संस्कृत सीखने हेतु पुस्तकें – Books for learning Sanskrit
⭐️ हिन्दी से संस्कृत
१. संस्कृत स्वयंशिक्षक – सर्वश्रेष्ठ पुस्तक
२. बृहद्-अनुवाद-चन्द्रिका – विद्वानों के लिए सर्वोत्तम
३. व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक – सरल विधि में
⭐️ संस्कृतमाध्यमेन
१. गीतापुस्तकानि — श्रीमद्भगवद्गीताद्वारा संस्कृतशिक्षणम्
२. पत्राचारद्वारा संस्कृतम् – संस्कृतभारतीद्वारा प्रधानपाठ्यक्रमः
३. NCERT – मुख्यधारायाः विद्यालयमाध्यमिकपाठ्यक्रमः
४. भाषाप्रवेशः – भाषाधिकारवर्धनाय
⭐️ Sanskrit Through English
1. A Rapid Sanskrit Method – For Strong Base
2. Medha Michika – A Japanese Sanskrit Scholar
3. Learn Sanskrit in 30 days – National Integration Language Series
4. A Sanskrit Manual – A cult book in USA
5. Intensive Course in Sanskrit – 3 Months Structural Course
6. First Book of Sanskrit
7. SamskrithaSri Patamala
8. Sanskrit Study Made Easy
9. Sanskrit for Beginners
🛍 Buy at nearby bookstores – पास की दुकानों से खरीदें
💥Comment down If you know about other good books or need help.
📚 संस्कृत सीखने हेतु पुस्तकें – Books for learning Sanskrit
⭐️ हिन्दी से संस्कृत
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२. बृहद्-अनुवाद-चन्द्रिका – विद्वानों के लिए सर्वोत्तम
३. व्यावहारिक संस्कृत प्रशिक्षक – सरल विधि में
⭐️ संस्कृतमाध्यमेन
१. गीतापुस्तकानि — श्रीमद्भगवद्गीताद्वारा संस्कृतशिक्षणम्
२. पत्राचारद्वारा संस्कृतम् – संस्कृतभारतीद्वारा प्रधानपाठ्यक्रमः
३. NCERT – मुख्यधारायाः विद्यालयमाध्यमिकपाठ्यक्रमः
४. भाषाप्रवेशः – भाषाधिकारवर्धनाय
⭐️ Sanskrit Through English
1. A Rapid Sanskrit Method – For Strong Base
2. Medha Michika – A Japanese Sanskrit Scholar
3. Learn Sanskrit in 30 days – National Integration Language Series
4. A Sanskrit Manual – A cult book in USA
5. Intensive Course in Sanskrit – 3 Months Structural Course
6. First Book of Sanskrit
7. SamskrithaSri Patamala
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September 16, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of…
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September 16, 2023
अमृतमाला_1_10_Pdf_Book.pdf
29.6 MB
अमृतमाला (Secondary Course) by Knowledgology
September 16, 2023
September 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया सुबह 11:08 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 17 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त सुबह 10:02 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - ब्रह्म 18 सितम्बर प्रातः 04:28 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - शाम 05:10 से 06:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 06:42
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया सुबह 11:08 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 17 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - हस्त सुबह 10:02 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - ब्रह्म 18 सितम्बर प्रातः 04:28 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - शाम 05:10 से 06:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 06:42
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
#panchang
September 16, 2023
September 16, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/uzUgxDbMV9U?feature=shared
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
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September 16, 2023
🍃
🔆 सत्योपरि एव अयं लोकः प्रस्थितः वर्तते अस्य प्रवर्तनमपि सत्येन एव भवति असत्यं तु अन्धकारस्य रूपमस्ति येन अधमागतिः भवति मनुजस्य।
महा० शा०पर्व० १२/१८३/१
⚜सत्य से ही लोक धारण किया हुआ है ,सत्य से जीवन के समस्त काम्य स्वर्ग आदि सुख प्राप्त होते हैं, असत्य अंधकार का रूप है तथा अंधकार से अर्थात् असत्य से अधोगति होती है ।
#Subhashitam
सत्येन धार्यते लोकः स्वर्गं सत्येन गच्छति।
अनृतं तमसो रूपं तमसा नीयते ह्यधः
॥🔆 सत्योपरि एव अयं लोकः प्रस्थितः वर्तते अस्य प्रवर्तनमपि सत्येन एव भवति असत्यं तु अन्धकारस्य रूपमस्ति येन अधमागतिः भवति मनुजस्य।
महा० शा०पर्व० १२/१८३/१
⚜सत्य से ही लोक धारण किया हुआ है ,सत्य से जीवन के समस्त काम्य स्वर्ग आदि सुख प्राप्त होते हैं, असत्य अंधकार का रूप है तथा अंधकार से अर्थात् असत्य से अधोगति होती है ।
#Subhashitam
September 16, 2023
September 17, 2023
September 17, 2023
पृथ्वीराज चौहान ने बारह वर्ष की उम्र में बिना किसी हथियार के खुंखार जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला।
•• पृथ्वीराज चौहानः द्वादशवर्षीयावस्थायां केनचित शस्त्रेण विना एकस्य भयङ्करवन्यसिंहस्य सृक्कणीं विदारितवान् ।
चौहान ने सोलह वर्ष की आयु में महाबली नाहरराय को हराकर माड़वकर पर विजय प्राप्त किया।
•• षोडशवर्षीयः चौहानः महाबली नाहररायं पराभूय माड़वकरे विजयं प्राप्तवान् ।
चौहान ने तलवार के एक ही वार से जंगली हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया।
•• चौहानः एकेन एव सायकप्रहारेण वन्यगजस्य शिरः छिन्नवान्।
महान सम्राट् पृथ्वीराज चौहान की तलवार का वजन चौरासी किलो था और वह एक हाथ से ही चलाता था ।
•• महासम्राट् पृथ्वीराजचौहानस्य सायकस्य भारः चतुरशीतिकिलोमीत: आसीत् तथा सः केवलं एकेन हस्तेन एव तं चालयति स्म
वह पशु-पक्षियो के साथ बाते करता था अर्थात् उनकी भाषा को जानता था ।
•• सः पशुपक्षिभिः सह वार्तालापं करोति स्म अर्थात् तेषां भाषाणां तस्य ज्ञानम् आसीत्।
पृथ्वीराज चौहान 1166 में अजमेर की गद्दी पर बैठा और दो वर्ष के बाद यानि 1168 मे दिल्ली के सिहासन पर बैठकर पुरे हिन्दुस्तान पर राज किया ।
•• पृथ्वीराज चौहान: षट्षष्ट्यधिक-एकादशशततम-
ख्रिष्टाब्दे अजमेरस्य सिंहासने उपविश्य वर्षद्वयानन्तरं अर्थात् अष्टषष्ठ्याधिक-एकादशशततम-
ख्रिष्टाब्दे दिल्ली-सिंहासने उपविश्य सम्पूर्णभारते शासनं कृतवान् ।
गौरी को सोलह बार हराकर जीवन दान देकर सोलह बार कुरान की कसम का खिलवाया।
•• सः गौरीं षोडशवारं पराभूय प्राणदानं कृत्वा षोडशवारं कुरानस्य शपथं कारयितवान्।
गौरी सत्रहवीं वी बार चौहान को युद्ध में हराकर अपने देश ले गया और चौहान को अपने राजदरबार मे उसकी आँखो को नष्ट कर दिया
•• सप्तदशवारं युद्धे चौहानं पराभूय गौरी तं स्वदेशं नीत्वा स्वराजप्राङ्गणे तस्य नेत्रे नष्टवान् ।
गौरी ने महान सम्राट् को अनेक प्रकार के पीड़ा दिया और कई महिनों तक भुखा रखा, फिर भी सम्राट नहीं मरा।
•• गौरी महासम्राजे बहुविधं दुःखं दत्वा बहुमासान् यावत् क्षुधार्तं कृतवान्, तथापि सम्राट् न मृत:।
महान सम्राट की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि वह बचपन से ही आवाज सुनकर बाण से निशाना लगाता था।
•• महासम्राजो महत्तमो गुणः एष आसीत् यत् सः बाल्यकालादेव शब्दभेदकबाणस्य सञ्चालनस्य ज्ञाता आसीत्।
चौहान ने गौरी को उसी के भरे दरबार मे शब्द भेदी बाण से मार दिया।
•• चौहान: गौरीं तस्यैव राजकर्मचारीभि: पूरिते राजप्राङ्गणे शब्दवेधकबाणेन हतवान्।
गौरी को मारने के बाद दरिन्दों के हाथो न मर कर उसने अपने को खूद ही मार लिया।
•• गौरीराज्ञ: हननानन्तरं निर्दयाणां करेभ्य: न मृत्वा स स्वयमेव स्वप्राणत्यागं कृतवान्।
ऐसे वीर योद्धा को मेरा अनेको बार प्रणाम।
•• एतादृशाय वीरयोद्ध्रे मम बहुवारं नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• पृथ्वीराज चौहानः द्वादशवर्षीयावस्थायां केनचित शस्त्रेण विना एकस्य भयङ्करवन्यसिंहस्य सृक्कणीं विदारितवान् ।
चौहान ने सोलह वर्ष की आयु में महाबली नाहरराय को हराकर माड़वकर पर विजय प्राप्त किया।
•• षोडशवर्षीयः चौहानः महाबली नाहररायं पराभूय माड़वकरे विजयं प्राप्तवान् ।
चौहान ने तलवार के एक ही वार से जंगली हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया।
•• चौहानः एकेन एव सायकप्रहारेण वन्यगजस्य शिरः छिन्नवान्।
महान सम्राट् पृथ्वीराज चौहान की तलवार का वजन चौरासी किलो था और वह एक हाथ से ही चलाता था ।
•• महासम्राट् पृथ्वीराजचौहानस्य सायकस्य भारः चतुरशीतिकिलोमीत: आसीत् तथा सः केवलं एकेन हस्तेन एव तं चालयति स्म
वह पशु-पक्षियो के साथ बाते करता था अर्थात् उनकी भाषा को जानता था ।
•• सः पशुपक्षिभिः सह वार्तालापं करोति स्म अर्थात् तेषां भाषाणां तस्य ज्ञानम् आसीत्।
पृथ्वीराज चौहान 1166 में अजमेर की गद्दी पर बैठा और दो वर्ष के बाद यानि 1168 मे दिल्ली के सिहासन पर बैठकर पुरे हिन्दुस्तान पर राज किया ।
•• पृथ्वीराज चौहान: षट्षष्ट्यधिक-एकादशशततम-
ख्रिष्टाब्दे अजमेरस्य सिंहासने उपविश्य वर्षद्वयानन्तरं अर्थात् अष्टषष्ठ्याधिक-एकादशशततम-
ख्रिष्टाब्दे दिल्ली-सिंहासने उपविश्य सम्पूर्णभारते शासनं कृतवान् ।
गौरी को सोलह बार हराकर जीवन दान देकर सोलह बार कुरान की कसम का खिलवाया।
•• सः गौरीं षोडशवारं पराभूय प्राणदानं कृत्वा षोडशवारं कुरानस्य शपथं कारयितवान्।
गौरी सत्रहवीं वी बार चौहान को युद्ध में हराकर अपने देश ले गया और चौहान को अपने राजदरबार मे उसकी आँखो को नष्ट कर दिया
•• सप्तदशवारं युद्धे चौहानं पराभूय गौरी तं स्वदेशं नीत्वा स्वराजप्राङ्गणे तस्य नेत्रे नष्टवान् ।
गौरी ने महान सम्राट् को अनेक प्रकार के पीड़ा दिया और कई महिनों तक भुखा रखा, फिर भी सम्राट नहीं मरा।
•• गौरी महासम्राजे बहुविधं दुःखं दत्वा बहुमासान् यावत् क्षुधार्तं कृतवान्, तथापि सम्राट् न मृत:।
महान सम्राट की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि वह बचपन से ही आवाज सुनकर बाण से निशाना लगाता था।
•• महासम्राजो महत्तमो गुणः एष आसीत् यत् सः बाल्यकालादेव शब्दभेदकबाणस्य सञ्चालनस्य ज्ञाता आसीत्।
चौहान ने गौरी को उसी के भरे दरबार मे शब्द भेदी बाण से मार दिया।
•• चौहान: गौरीं तस्यैव राजकर्मचारीभि: पूरिते राजप्राङ्गणे शब्दवेधकबाणेन हतवान्।
गौरी को मारने के बाद दरिन्दों के हाथो न मर कर उसने अपने को खूद ही मार लिया।
•• गौरीराज्ञ: हननानन्तरं निर्दयाणां करेभ्य: न मृत्वा स स्वयमेव स्वप्राणत्यागं कृतवान्।
ऐसे वीर योद्धा को मेरा अनेको बार प्रणाम।
•• एतादृशाय वीरयोद्ध्रे मम बहुवारं नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 17, 2023
अयि! सम्मान्या: विद्वद्वरेण्या: भवन्त: सहर्षं संसूच्यन्ते उत्तराखंड-संस्कृत-अकादमी द्वारा संस्कृतमासमहोत्सवम् उपलक्ष्यीकृत्य श्रावणपूर्णिमात: भाद्रपदपूर्णमापर्यन्तं प्रदेशस्य 13 जनपदेषु जनपदस्तरीय-अन्तर्जालीय-संस्कृतसंगोष्ठी २०२३-२४ इत्यस्य आयोजनं क्रियते। क्रमेस्मिन् हरिद्वारजनपदे १७/०९/२०२३ तमे दिनाङ्के उत्तराखण्डे आयुर्वेदपरम्परा इत्यस्मिन् विषये ऑनलाइन संगोष्ठी जायते।
कार्यक्रमेस्मिन् भवतां समेषामपि उपस्थिति: प्रार्थनीया वर्तते।
विषय: - उत्तराखण्डे आयुर्वेदपरम्परा
संगोष्ठ्या: लिंक - https://meet.google.com/wcp-okxo-eeo
कार्यक्रमदिनम् - १७/०९/२०२३
समय - अपराह्ने ०३:०० वादनत:
कार्यक्रम-अध्यक्ष - डॉ. दामोदर परगाँई
शैक्षणिकसंकायप्रमुख:
उत्तराखंड-संस्कृत-विश्वविद्यालय: हरिद्वारम्
मुख्यवक्ता - प्रो. विजय पाल शास्त्री प्रचेता
केन्द्रीय-संस्कृत-विश्वविद्यालय: रघुनाथ-कीर्ति-परिसर-देवप्रयाग: उत्तराखंडम्
विशिष्ट-अतिथि: - डॉ. धीरज शुक्ला
अध्यक्ष: पत्रकारिता एवं जनसंचारविभाग:
गुरुघासीदास-केंद्रीय-विश्वविद्यालय: बिलासपुरम्
सारस्वत-अतिथि: - डॉ राघव झा
कार्यक्रमे ऑनलाइन माध्यमेन - 2.50 PM त: युक्ता: भवितुमर्हन्ति
कार्यक्रमेस्मिन् भवतां समेषामपि उपस्थिति: प्रार्थनीया वर्तते।
विषय: - उत्तराखण्डे आयुर्वेदपरम्परा
संगोष्ठ्या: लिंक - https://meet.google.com/wcp-okxo-eeo
कार्यक्रमदिनम् - १७/०९/२०२३
समय - अपराह्ने ०३:०० वादनत:
कार्यक्रम-अध्यक्ष - डॉ. दामोदर परगाँई
शैक्षणिकसंकायप्रमुख:
उत्तराखंड-संस्कृत-विश्वविद्यालय: हरिद्वारम्
मुख्यवक्ता - प्रो. विजय पाल शास्त्री प्रचेता
केन्द्रीय-संस्कृत-विश्वविद्यालय: रघुनाथ-कीर्ति-परिसर-देवप्रयाग: उत्तराखंडम्
विशिष्ट-अतिथि: - डॉ. धीरज शुक्ला
अध्यक्ष: पत्रकारिता एवं जनसंचारविभाग:
गुरुघासीदास-केंद्रीय-विश्वविद्यालय: बिलासपुरम्
सारस्वत-अतिथि: - डॉ राघव झा
कार्यक्रमे ऑनलाइन माध्यमेन - 2.50 PM त: युक्ता: भवितुमर्हन्ति
September 17, 2023
September 17, 2023
September 17, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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मेट्रोयाने काचित् युवती प्रधानमन्त्रिणं नरेन्द्रमोदिनं तज्जन्मदिवसे संस्कृतगीतेन अभिनन्दितवती।
#Celebrating_Sanskrit
#Celebrating_Sanskrit
September 17, 2023
September 17, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 18 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:08 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - इन्द्र 19 सितम्बर प्रातः 04:24 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 05:10 से 06:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 06:41
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - हरितालिका तीज, चतुर्थी (चन्द्र-दर्शन निषिद्ध - रात्रि 08:40), संत चरणदास जी जयन्ती (ति.अ. )
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 18 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा दोपहर 12:08 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - इन्द्र 19 सितम्बर प्रातः 04:24 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 05:10 से 06:42 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
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⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
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September 17, 2023
September 17, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/WwSb7yUzxMU?feature=shared
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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No new Nipah virus cases reported in Kerala | Vaarta
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
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September 17, 2023
अद्यः सः कार्यालयम् अगमत्।
ह्यः सः कार्यालयम् अगच्छत्।
उचितं विकल्पं चिनुत।
ह्यः सः कार्यालयम् अगच्छत्।
उचितं विकल्पं चिनुत।
Anonymous Quiz
46%
लुङ्लकारः - लङ्लकारः
29%
लङ्लकारः - लुङ्लकारः
22%
लृङ्लकारः - लङ्लकारः
3%
लुङ्लकारः - लृङ्लकारः
September 18, 2023
🍃
🔆 मन बुद्धि इन्द्रियों पर नियंत्रणं प्राप्तवते परिश्रमिणे मनुजाय किमपि अपिरचितम् असाध्यम् अप्राप्यम् आकाशे पाताले वा अपि न भवति।
⚜विद्वान के लिए कोई कार्य असाध्य नहीं है। मन, बुद्धि एवं इंद्रियों को संयमित रखे उद्यमशील व्यक्ति के लिए पृथ्वी, आकाश और पाताल में कोई वस्तु अगम्य, अप्राप्य या अज्ञात नहीं है।
#Subhashitam
न विज्ञातं न चागम्यं नाप्राप्यं दिवि चेह वा।
उद्यतानां मनुष्याणां यतचित्तेन्द्रियात्मनाम्
।।🔆 मन बुद्धि इन्द्रियों पर नियंत्रणं प्राप्तवते परिश्रमिणे मनुजाय किमपि अपिरचितम् असाध्यम् अप्राप्यम् आकाशे पाताले वा अपि न भवति।
⚜विद्वान के लिए कोई कार्य असाध्य नहीं है। मन, बुद्धि एवं इंद्रियों को संयमित रखे उद्यमशील व्यक्ति के लिए पृथ्वी, आकाश और पाताल में कोई वस्तु अगम्य, अप्राप्य या अज्ञात नहीं है।
#Subhashitam
September 18, 2023
अष्ट का अर्थ होता है आठ , अत: अष्टधातु में आठ धातुओं को मिलाया जाता है।
•• अष्ट इत्यस्य हिन्द्यर्थो भवति - आठ ,अत: अष्ठधातौ अष्टधातूनां मिश्रणं भवति।
ये सभी आठ धातु अपना-अपना महत्त्व रखती है और इनके मिश्रण से जो धातु बनता है उसमें इन सभी का गुण पाया जाता है।
•• एतेषां सर्वेषां अष्टधातूनां स्वकीयं महत्त्वं वर्तते तथा एतेषां मिश्रणेन य: धातु: निर्मितो भवति तस्मिन् एतेषां सर्वेषां गुण: उपस्थितो भवति।
प्राचीन काल से ही इस मिश्र धातु का प्रयोग ऋषि मुनियों के समय से किया जा रहा है।
••पुरा मुनिकालादेव अयं मिश्रधातुः प्रयुज्यते।
अष्टधातु का ज्योतिष और धार्मिक रूप से बहुत महत्त्व है।
•• ज्योतिष-धर्मयोर्दृष्ट्या अष्टधातु: अत्यन्तं महत्त्वभूत: ।
यह शुभ मानी जाती है और इसके कई फायदे है।
•• एष शुभो मन्यते तथा अस्य अनेके लाभा: सन्ति।
सोना, चाँदी, तांबा, रांगा, जस्ता, सीसा, लोहा, तथा पारा - इन आठ धातुओ को मिलाकर बनाया जाता है अष्टधातु को।
•• सुवर्णं रजतं ताम्रं रङ्गं यशदं सीसं लोहं पारदं च - एतेषाम् अष्टधातूनां मिश्रणेन अष्टधातु: निर्मितो भवति।
आठ धातु को मिलाकर सनातन धर्म में देवी देवताओ की मूर्ति बनाई जाती है।
•• सनातनधर्मे अष्टधातुनां मिश्रणं कृत्वा देवीनां देवानां च प्रतिमाया: निर्माणं क्रियते।
साथ ही ज्योतिष शास्त्र में इस धातु में रत्न धारण करवाया जाता है।
•• सहैव ज्योतिषशास्त्रे अस्मिन् धातौ रत्नधारणं कारयते।
~उमेशगुप्त
#vakyabhyas
•• अष्ट इत्यस्य हिन्द्यर्थो भवति - आठ ,अत: अष्ठधातौ अष्टधातूनां मिश्रणं भवति।
ये सभी आठ धातु अपना-अपना महत्त्व रखती है और इनके मिश्रण से जो धातु बनता है उसमें इन सभी का गुण पाया जाता है।
•• एतेषां सर्वेषां अष्टधातूनां स्वकीयं महत्त्वं वर्तते तथा एतेषां मिश्रणेन य: धातु: निर्मितो भवति तस्मिन् एतेषां सर्वेषां गुण: उपस्थितो भवति।
प्राचीन काल से ही इस मिश्र धातु का प्रयोग ऋषि मुनियों के समय से किया जा रहा है।
••पुरा मुनिकालादेव अयं मिश्रधातुः प्रयुज्यते।
अष्टधातु का ज्योतिष और धार्मिक रूप से बहुत महत्त्व है।
•• ज्योतिष-धर्मयोर्दृष्ट्या अष्टधातु: अत्यन्तं महत्त्वभूत: ।
यह शुभ मानी जाती है और इसके कई फायदे है।
•• एष शुभो मन्यते तथा अस्य अनेके लाभा: सन्ति।
सोना, चाँदी, तांबा, रांगा, जस्ता, सीसा, लोहा, तथा पारा - इन आठ धातुओ को मिलाकर बनाया जाता है अष्टधातु को।
•• सुवर्णं रजतं ताम्रं रङ्गं यशदं सीसं लोहं पारदं च - एतेषाम् अष्टधातूनां मिश्रणेन अष्टधातु: निर्मितो भवति।
आठ धातु को मिलाकर सनातन धर्म में देवी देवताओ की मूर्ति बनाई जाती है।
•• सनातनधर्मे अष्टधातुनां मिश्रणं कृत्वा देवीनां देवानां च प्रतिमाया: निर्माणं क्रियते।
साथ ही ज्योतिष शास्त्र में इस धातु में रत्न धारण करवाया जाता है।
•• सहैव ज्योतिषशास्त्रे अस्मिन् धातौ रत्नधारणं कारयते।
~उमेशगुप्त
#vakyabhyas
September 18, 2023
September 18, 2023
September 18, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर 01:43 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 19 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती दोपहर 01:48 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - वैधृति 20 सितम्बर प्रातः 03:58 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:36 से 05:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 06:40
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक*
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर 01:43 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 19 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
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⛅ योग - वैधृति 20 सितम्बर प्रातः 03:58 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:36 से 05:08 तक
⛅ सूर्योदय - 06:27
⛅ सूर्यास्त - 06:40
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक*
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी
#panchang
September 18, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/vjeEbFEcdeU?si=JaVW78Di1rzyy8EI
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
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September 18, 2023
September 18, 2023
धनुर्धरः शब्दस्य समानार्थकः शब्दः कः नास्ति।
Anonymous Quiz
16%
धानुष्कः
19%
धन्विन्
15%
धनुष्मत्
50%
असिः
September 19, 2023
September 19, 2023
🍃
🔆मार्गे स्थिताः शतशः समस्याः अपि मनसः बलस्य दृढसंकल्पस्य सागरस्य पुरतः सूक्ष्माः एव भवन्ति।
चिन्तनेन धैर्यवान बुद्धिमन्तः मार्गं प्राप्नुवन्ति एव।
⚜Hundreds of challenges are scattered in path but in front of ocean of determination they are tiny. With ideas, wise & patient ones find ways.
#Subhashitam
मार्गे समस्याः शतशो विकीर्णाः
मनोबलाब्धेः पुरतोतिसूक्ष्मा:|
शक्त्या प्रयुक्त्या सह युक्तिबुद्ध्या
मार्गन्ति धीरा चतुराः प्रबुद्धाः
||🔆मार्गे स्थिताः शतशः समस्याः अपि मनसः बलस्य दृढसंकल्पस्य सागरस्य पुरतः सूक्ष्माः एव भवन्ति।
चिन्तनेन धैर्यवान बुद्धिमन्तः मार्गं प्राप्नुवन्ति एव।
⚜Hundreds of challenges are scattered in path but in front of ocean of determination they are tiny. With ideas, wise & patient ones find ways.
#Subhashitam
September 19, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अष्ट का अर्थ होता है आठ , अत: अष्टधातु में आठ धातुओं को मिलाया जाता है। •• अष्ट इत्यस्य हिन्द्यर्थो भवति - आठ ,अत: अष्ठधातौ अष्टधातूनां मिश्रणं भवति। ये सभी आठ धातु अपना-अपना महत्त्व रखती है और इनके मिश्रण से जो धातु बनता है उसमें इन सभी का गुण पाया जाता…
राहु की दुर्दशा में दाहिने हाथ में इस धातु का कड़ा पहनना शुभ माना जाता है।
•• राहुदशायां दक्षिणहस्ते एतस्य धातो: वलयधारणं शुभं मन्यते।
अष्ट धातु का बना हुआ कड़ा या अंगूठी पहनने से मन शांत और चिंता मुक्त होता है।
•• अष्टधातुनिर्मितेन वलयधारणेन ऊर्मिकाधारणेन वा मन: शान्तं चिन्तामुक्तं च भवति।
मानसिक तनाव दूर होते है और
स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव बना रहता है।
•• मानसिकदुश्चिन्ता दूरीभवति तथा स्वास्थ्येऽपि सुप्रभावो भवति।
यह वात कफ आदि बीमारियों को दूर करता है।
•• एष वातकफादिरोगान् दूरं करोति।
यह धातु दिमाग पर भी असर डालती है और व्यक्ति तुरंत निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है।
•• अयं धातुः मस्तिष्कमपि प्रभावितं करोति तथा व्यक्तिः तत्क्षणमेव निर्णयं कर्तुं समर्थो भवति।
व्यापार में फायदा और शुभ हो इसके लिए भी इस धातु से निर्मित अंगूठी धारण की जाती है।
•• व्यापारे लाभ: शुभश्च स्ताम् - अस्य कृते अपि अस्या: धातुनिर्मितोर्मिकाया: धारणं क्रियते।
अष्ट धातु में एक धातु पारा होती है। इसे कैंसर का कारण माना जाता है।
•• अष्टधातौ एकं धातु पारदं भवति यत् कर्करोगस्य कारणं मन्यते।
इसलिए आजकल अष्ट धातु से बने कड़े और अंगूठी का प्रयोग कम हो गया है।
•• अत: अद्यत्वे अष्टधितुनिर्मितानां वलयानाम् ऊर्मिकायां च प्रयोग: न्यूनमभवत्।
इसके समाधान के लिए आज कल पंचधातु का प्रयोग किया जा रहा है।
•• एतस्याः समस्यायाः समाधानार्थम् अद्यत्वे पञ्चधातुः उपयुज्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• राहुदशायां दक्षिणहस्ते एतस्य धातो: वलयधारणं शुभं मन्यते।
अष्ट धातु का बना हुआ कड़ा या अंगूठी पहनने से मन शांत और चिंता मुक्त होता है।
•• अष्टधातुनिर्मितेन वलयधारणेन ऊर्मिकाधारणेन वा मन: शान्तं चिन्तामुक्तं च भवति।
मानसिक तनाव दूर होते है और
स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव बना रहता है।
•• मानसिकदुश्चिन्ता दूरीभवति तथा स्वास्थ्येऽपि सुप्रभावो भवति।
यह वात कफ आदि बीमारियों को दूर करता है।
•• एष वातकफादिरोगान् दूरं करोति।
यह धातु दिमाग पर भी असर डालती है और व्यक्ति तुरंत निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है।
•• अयं धातुः मस्तिष्कमपि प्रभावितं करोति तथा व्यक्तिः तत्क्षणमेव निर्णयं कर्तुं समर्थो भवति।
व्यापार में फायदा और शुभ हो इसके लिए भी इस धातु से निर्मित अंगूठी धारण की जाती है।
•• व्यापारे लाभ: शुभश्च स्ताम् - अस्य कृते अपि अस्या: धातुनिर्मितोर्मिकाया: धारणं क्रियते।
अष्ट धातु में एक धातु पारा होती है। इसे कैंसर का कारण माना जाता है।
•• अष्टधातौ एकं धातु पारदं भवति यत् कर्करोगस्य कारणं मन्यते।
इसलिए आजकल अष्ट धातु से बने कड़े और अंगूठी का प्रयोग कम हो गया है।
•• अत: अद्यत्वे अष्टधितुनिर्मितानां वलयानाम् ऊर्मिकायां च प्रयोग: न्यूनमभवत्।
इसके समाधान के लिए आज कल पंचधातु का प्रयोग किया जा रहा है।
•• एतस्याः समस्यायाः समाधानार्थम् अद्यत्वे पञ्चधातुः उपयुज्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 19, 2023
September 19, 2023
September 19, 2023
September 19, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी दोपहर 02:16 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 20 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 02:59 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - विष्कम्भ 21 सितम्बर प्रातः 03:06 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - दोपहर 12:33 से 02:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:39
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - ऋषि पंचमी, गुरु पंचमी (ओड़िशा), रक्षा पंचमी (बंगाल)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी दोपहर 02:16 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 20 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 02:59 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - विष्कम्भ 21 सितम्बर प्रातः 03:06 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - दोपहर 12:33 से 02:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:39
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:40 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - ऋषि पंचमी, गुरु पंचमी (ओड़िशा), रक्षा पंचमी (बंगाल)
September 19, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
https://youtu.be/HXZTsBiozjg?si=pUVZ_rURPqcBapDB
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September 19, 2023
September 19, 2023
🍃
🔆प्रमत्तेन पूर्णः श्रान्तः क्रुद्धः बुभुक्षितः लोभी भीरुः त्वरां यः करोति सदा यः कामभावनया पूर्णः एतादृशः न कदापि धर्मं ज्ञातुं शक्नोति।
⚜मद में डूबा हुआ अर्थात मदमस्त, अविवेकी (जिसे वस्तुस्थिति का ज्ञान न हो), एवं उन्मादी , श्रान्त , क्रोधित, भूखा, लोभी, कायर, धैर्यहीन, और कामवासना से ग्रस्त व्यक्ति कदापि धर्मवेत्ता नहीं होता।
#Subhashitam
मत्तः प्रमत्तश्चोन्मत्तः श्रान्तः क्रुद्धो बुभुक्षितः ।
लुब्धो भीरुस्त्वरायुक्तः कामुकश्च न धर्मवित्
॥🔆प्रमत्तेन पूर्णः श्रान्तः क्रुद्धः बुभुक्षितः लोभी भीरुः त्वरां यः करोति सदा यः कामभावनया पूर्णः एतादृशः न कदापि धर्मं ज्ञातुं शक्नोति।
⚜मद में डूबा हुआ अर्थात मदमस्त, अविवेकी (जिसे वस्तुस्थिति का ज्ञान न हो), एवं उन्मादी , श्रान्त , क्रोधित, भूखा, लोभी, कायर, धैर्यहीन, और कामवासना से ग्रस्त व्यक्ति कदापि धर्मवेत्ता नहीं होता।
#Subhashitam
September 19, 2023
September 20, 2023
September 20, 2023
अश्वत्थ:
---------------
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है।
••आर्यधर्मे अश्वत्थवृक्षस्य विशिष्टमहत्त्वं कथितमस्ति।
इसलिए हर व्रत, त्योहार पर पीपल के पेड़ की पूजा और उपाय बताए जाते हैं।
•• अत: प्रत्येकं व्रते उत्सवे च अश्वत्थवृक्षस्य पूजनविधि: बोधिता अस्ति।
पितृपक्ष में इसका पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
••पितृपक्षे अस्य पादपारोपणं अतीव सुमङ्गलं मन्यते।
अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो भी पीपल का पौधा जरूर लगाना चाहिए।
••यदि कुण्डल्यां गुरुचाण्डालयोगो भवेत् तर्हि अपि अश्वत्थपादपारोपणम् अवश्यं करणीयम्।
वट:
----
पितृपक्ष में बरगद का वृक्ष भी लगाया जाता है।
•• पितृपक्षे वटवृक्षरोपणमपि क्रियते।
इसे लम्बी उम्र के वरदान और मोक्ष की प्राप्रि के लिए बहुत अच्छा माना जाता है
•• एष दीर्घायुर्मोक्षप्राप्त्यर्थं बहूत्तमं मन्यते।
पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए आपको बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए
••पितॄणाम् आत्मानां शान्तये भवान् वटवृक्षस्य अध: उपविश्य भगवन्तं शिवं पूजयेत्।
तुलसी
------------
तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसलिए पितृपक्ष में आप तुलसी का एक छोटा सा पौधा भी अपने घर के आंगन में लगा सकते हैं।
•• तुलसीपादपो भगवते विष्णवे अत्यन्तं प्रियोऽस्ति,अतः पितृपक्षे भवान् स्वगृहस्य प्राङ्गणे तुलस्याः एको लघुपादपमपि रोपयितुं शक्नोति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
---------------
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है।
••आर्यधर्मे अश्वत्थवृक्षस्य विशिष्टमहत्त्वं कथितमस्ति।
इसलिए हर व्रत, त्योहार पर पीपल के पेड़ की पूजा और उपाय बताए जाते हैं।
•• अत: प्रत्येकं व्रते उत्सवे च अश्वत्थवृक्षस्य पूजनविधि: बोधिता अस्ति।
पितृपक्ष में इसका पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
••पितृपक्षे अस्य पादपारोपणं अतीव सुमङ्गलं मन्यते।
अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो भी पीपल का पौधा जरूर लगाना चाहिए।
••यदि कुण्डल्यां गुरुचाण्डालयोगो भवेत् तर्हि अपि अश्वत्थपादपारोपणम् अवश्यं करणीयम्।
वट:
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पितृपक्ष में बरगद का वृक्ष भी लगाया जाता है।
•• पितृपक्षे वटवृक्षरोपणमपि क्रियते।
इसे लम्बी उम्र के वरदान और मोक्ष की प्राप्रि के लिए बहुत अच्छा माना जाता है
•• एष दीर्घायुर्मोक्षप्राप्त्यर्थं बहूत्तमं मन्यते।
पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए आपको बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए
••पितॄणाम् आत्मानां शान्तये भवान् वटवृक्षस्य अध: उपविश्य भगवन्तं शिवं पूजयेत्।
तुलसी
------------
तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसलिए पितृपक्ष में आप तुलसी का एक छोटा सा पौधा भी अपने घर के आंगन में लगा सकते हैं।
•• तुलसीपादपो भगवते विष्णवे अत्यन्तं प्रियोऽस्ति,अतः पितृपक्षे भवान् स्वगृहस्य प्राङ्गणे तुलस्याः एको लघुपादपमपि रोपयितुं शक्नोति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 20, 2023
ऋषिस्मरणम्
● ० ● ० ● ०
- गीता. १०/६
-वर्षकृत्यदिपक
- वामनपुराण
ऋषयो मनवो देवा मनुपुत्रा महौजसः।
कलाः सर्वे हरेरेव सप्रजापतयस्तथा॥
-श्री मध्दा. १/३/२७
मरीचिरत्र्यङ्गिरसौ पुलस्त्यः पुलहः क्रतुः।
भृगुर्वसिष्ठो दक्षश्च दशमस्तत्र नारदः॥
- श्री मध्दा. ३/१२/२२
– वामनपुराण
- मुण्डक. ३/१/६
– श्री शुक
– यजु
– मुण्डक. २/३/११
● ० ● ० ● ०
महर्षयः सप्त पूर्वे चत्वारो मनवस्तथा ।
मद्भावा मानसा जाता येषां लोक ईमाः प्रजाः ।।
- गीता. १०/६
कश्यपोऽत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोऽथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च अरुन्धत्या सहाष्टकाः॥
मूर्तिं ब्रह्मण्यदेवर्षेर्बह्मण्यं तेज उत्तमम्।
सूर्यकोटिप्रतीकाशमृषिवृन्दं विचिन्तयेत्
॥-वर्षकृत्यदिपक
भृगुर्वसिष्ठः क्रतुरङ्गिराश्च
मनुः पुलस्त्यः पुलहश्च गौतमः।
रैभ्यो मरीचिश्च्यवनश्च दक्षः कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
- वामनपुराण
ऋषयो मनवो देवा मनुपुत्रा महौजसः।
कलाः सर्वे हरेरेव सप्रजापतयस्तथा॥
-श्री मध्दा. १/३/२७
मरीचिरत्र्यङ्गिरसौ पुलस्त्यः पुलहः क्रतुः।
भृगुर्वसिष्ठो दक्षश्च दशमस्तत्र नारदः॥
- श्री मध्दा. ३/१२/२२
सप्त स्वराः सप्त रसातलानि कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
सप्तार्णवाः सप्त कुलाचलाश्च
सप्तर्षयो द्वीपवनानि सप्त।
भूरादिकृत्वा भुवनानि सप्त
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
– वामनपुराण
सप्त ऋषयः प्रतिहिताः शरीरे सप्त रक्षन्ति सदमप्रमादमम्।
सप्तापः स्वयतो लोकमीयुस्तत्र जागृतो अस्वप्नजौ सत्रसदौ च देवौ॥
सत्यमेव जयते नानृतं
सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाऽऽक्रमन्त्यृषयोह्याप्तकामा
यत्र तत्सत्यस्य परमं निधानम्॥
- मुण्डक. ३/१/६
ज्ञानं चानुयुगं ब्रूते हरिः सिद्धस्वरूपधृक्।
ऋषिरूपधरः कर्मयोगं योगेशरूपधृक्॥
– श्री शुक
अरुधन्तीसहितसप्तर्षिभ्यो नमः।
– यजु
नमः परमर्षिभ्यो नमः परमर्षिभ्यः।
– मुण्डक. २/३/११
September 20, 2023
September 20, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 02:14 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅️ दिनांक - 21 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:35 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅️ योग - प्रीति रात्रि 01:45 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:04 से 03:35 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:28
⛅️ सूर्यास्त - 06:38
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 02:14 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅️ दिनांक - 21 सितम्बर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - भाद्रपद
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:35 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅️ योग - प्रीति रात्रि 01:45 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅️ राहु काल - दोपहर 02:04 से 03:35 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:28
⛅️ सूर्यास्त - 06:38
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक
#panchang
September 20, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/84aob9elIn4?si=JUvrKhQ3u8XbpKvd
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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YouTube
Vaarta: News in Sanskrit | संस्कृत में समाचार
#vaarta #sanskritnews
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September 20, 2023
September 20, 2023
🔊 New Course Announcement
💐 व्याकरण-शास्त्र-प्रवेशः (Intermediate Level 1) 💐
Prerequisites:
- Must have completed one of the below courses.
- Gita Pravesha Level 1
- Kovida
- Any equivalent courses.
- Able to speak simple sanskrit fluently.
Course Content:
- अष्टाध्यायीपरिचयः
- संज्ञापाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- सन्धिपाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- इतरविषयाः यथापेक्षम्
More Details: https://sanskrit.today/course/intermediate-level-1-vyakarana-shastra-pravesha/
Please free to share this with your friends/groups.
धन्यवादः
🙏
💐 व्याकरण-शास्त्र-प्रवेशः (Intermediate Level 1) 💐
Prerequisites:
- Must have completed one of the below courses.
- Gita Pravesha Level 1
- Kovida
- Any equivalent courses.
- Able to speak simple sanskrit fluently.
Course Content:
- अष्टाध्यायीपरिचयः
- संज्ञापाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- सन्धिपाठः सूत्रसहितः (लघुसिद्धान्तकौमुदीतः)
- इतरविषयाः यथापेक्षम्
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September 20, 2023
🍃
चाणक्यनीति
🔆 यः अविवेकी जनः केनापि कारणेन विना एवं चिन्तयति यत् इयं सुन्दरी मयि आसक्ता सः तस्याः वशं गत्वा मूढपक्षीवत् तस्याः सङ्केतेषु नृत्यति।
⚜जो व्यक्ति अविवेक के कारण ऐसा समझता है कि यह मनोहर और सुन्दर स्त्री मुझसे मोहित है, वह व्यक्ति उसके वशीभूत होकर मनोरंजन के लिए पाले गए पक्षीकी भांति उसके इशारों पर नाचा करता है।
#Subhashitam
यो मोहयन्मन्यते मूढो रतेयं मयि कामिनी।
स तस्य वशगो भूत्वा नृत्येत् क्रीडाशकुन्तवत्॥
चाणक्यनीति
🔆 यः अविवेकी जनः केनापि कारणेन विना एवं चिन्तयति यत् इयं सुन्दरी मयि आसक्ता सः तस्याः वशं गत्वा मूढपक्षीवत् तस्याः सङ्केतेषु नृत्यति।
⚜जो व्यक्ति अविवेक के कारण ऐसा समझता है कि यह मनोहर और सुन्दर स्त्री मुझसे मोहित है, वह व्यक्ति उसके वशीभूत होकर मनोरंजन के लिए पाले गए पक्षीकी भांति उसके इशारों पर नाचा करता है।
#Subhashitam
September 20, 2023
September 21, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अश्वत्थ: --------------- हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है। ••आर्यधर्मे अश्वत्थवृक्षस्य विशिष्टमहत्त्वं कथितमस्ति। इसलिए हर व्रत, त्योहार पर पीपल के पेड़ की पूजा और उपाय बताए जाते हैं। •• अत: प्रत्येकं व्रते उत्सवे च अश्वत्थवृक्षस्य…
इससे भी आपके पूर्वज प्रसन्न हो जाएंगे।
•• एतेनापि भवत: पूर्वजा: प्रसन्ना भविष्यन्ति।
पर ख्याल रखें कि तुलसी का पौधा मुरझाना नहीं चाहिए।
•• परन्तु मनसि धारयतु यत् तुलसीपादप: शुष्को न भवेत्।
ऐसा होने पर आपको उल्टा परिणाम मिलने लगेंगे
••यदि एतादृशं भवेत् तर्हि भवान् विपरीतपरिणामं प्राप्तुम् आरभन्ते।
अशोक:
---------------
ज्यातिष शास्त्र में अशोक के वृक्ष का भी विशेष महत्व बताया गया है।
••अशोकवृक्षस्य विशिष्टषमहत्त्वमपि ज्योतिषशास्त्रे कथितम् अस्ति।
पितृपक्ष में आप अशोक का पौधा अपने घर के द्वार पर लगा सकते हैं।
••पितृपक्षे भवान् अशोकपादपारोपणं स्वगृहे कर्तुं शक्नोति।
इसे घर के द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है
••गृहद्वारे अस्य रोपणेन नकारात्मकशक्ति: गृहे न प्रविशति।
बिल्व:
------------
भगवान शिव को बेल का पौधा बहुत प्रिय है।
••बिल्वपादपो भगवतः शिवस्य कृते अतीव प्रियोऽस्ति।
ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में इसका पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
••पितृपक्षे एतस्य पादपस्य रोपणेन पितॄणाम् आत्मान: शान्तिं प्राप्नुवन्ति इति कथ्यते।
अमावस्या के दिन भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
••अमावस्यादिने भगवते शंकराय बिल्वपत्राणि अर्पणेन मनसः सर्वान् कामान् पूरयितुं शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एतेनापि भवत: पूर्वजा: प्रसन्ना भविष्यन्ति।
पर ख्याल रखें कि तुलसी का पौधा मुरझाना नहीं चाहिए।
•• परन्तु मनसि धारयतु यत् तुलसीपादप: शुष्को न भवेत्।
ऐसा होने पर आपको उल्टा परिणाम मिलने लगेंगे
••यदि एतादृशं भवेत् तर्हि भवान् विपरीतपरिणामं प्राप्तुम् आरभन्ते।
अशोक:
---------------
ज्यातिष शास्त्र में अशोक के वृक्ष का भी विशेष महत्व बताया गया है।
••अशोकवृक्षस्य विशिष्टषमहत्त्वमपि ज्योतिषशास्त्रे कथितम् अस्ति।
पितृपक्ष में आप अशोक का पौधा अपने घर के द्वार पर लगा सकते हैं।
••पितृपक्षे भवान् अशोकपादपारोपणं स्वगृहे कर्तुं शक्नोति।
इसे घर के द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है
••गृहद्वारे अस्य रोपणेन नकारात्मकशक्ति: गृहे न प्रविशति।
बिल्व:
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भगवान शिव को बेल का पौधा बहुत प्रिय है।
••बिल्वपादपो भगवतः शिवस्य कृते अतीव प्रियोऽस्ति।
ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में इसका पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
••पितृपक्षे एतस्य पादपस्य रोपणेन पितॄणाम् आत्मान: शान्तिं प्राप्नुवन्ति इति कथ्यते।
अमावस्या के दिन भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने से मन की सारी इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
••अमावस्यादिने भगवते शंकराय बिल्वपत्राणि अर्पणेन मनसः सर्वान् कामान् पूरयितुं शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 21, 2023
Vyoma Linguistic Labs Foundation presents,
*Kathavallari - Collection of Sanskrit Stories (Sanskrit Explanation)*
*कथावल्लरी - संस्कृतकथासङ्ग्रहः (संस्कृतभाषया)*
Start Date - *21st Sept 2023*
Time - *5:00 PM to 6:00 PM* (IST)
By - *Dr. Nagaratna Hegde*
Join now: https://www.sanskritfromhome.org/course-details/kathavallari_sanskrit_explanation-48732
*Kathavallari - Collection of Sanskrit Stories (Sanskrit Explanation)*
*कथावल्लरी - संस्कृतकथासङ्ग्रहः (संस्कृतभाषया)*
Start Date - *21st Sept 2023*
Time - *5:00 PM to 6:00 PM* (IST)
By - *Dr. Nagaratna Hegde*
Join now: https://www.sanskritfromhome.org/course-details/kathavallari_sanskrit_explanation-48732
September 21, 2023
September 21, 2023
September 21, 2023
September 21, 2023
September 21, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 22 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 03:34 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - आयुष्मान रात्रि 11:53 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - सुबह 11:01 से 12:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:37
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गौरी पूजन, महालक्ष्मी व्रतारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 22 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा दोपहर 03:34 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - आयुष्मान रात्रि 11:53 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - सुबह 11:01 से 12:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:37
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गौरी पूजन, महालक्ष्मी व्रतारम्भ
September 21, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (Bhavani Raman)
https://youtu.be/homBI5YECUw?si=kbtc8LhNJwKTgXoP
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समचार
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September 21, 2023
September 21, 2023
🍃
🔆 यः नेतृत्वं करोति तेन चितेषु एव जनेषु विश्वासः कर्तव्यः परन्तु सदा अवधानेनापि भाव्यम् इयमेव शाश्वती गतिः वर्तते समाजस्य ।
⚜राजा (नेतृत्वकर्ता) को कुछ चुने हुए लोगों पर विश्वास करना चाहिए, परंतु उनसे सदैव सतर्क भी रहना चाहिए। यही सनातन नीति की गति है जिसका ध्यान रखना चाहिए ।
महाभारत, शांति पर्व, 80/12
#Subhashitam
तस्माद् विश्वसितव्यं च शङ्कितव्यं च केषुचित्।
एषा नीतिगतिस्तात लक्ष्या चैव सनातनी
।।🔆 यः नेतृत्वं करोति तेन चितेषु एव जनेषु विश्वासः कर्तव्यः परन्तु सदा अवधानेनापि भाव्यम् इयमेव शाश्वती गतिः वर्तते समाजस्य ।
⚜राजा (नेतृत्वकर्ता) को कुछ चुने हुए लोगों पर विश्वास करना चाहिए, परंतु उनसे सदैव सतर्क भी रहना चाहिए। यही सनातन नीति की गति है जिसका ध्यान रखना चाहिए ।
महाभारत, शांति पर्व, 80/12
#Subhashitam
September 21, 2023
वादनशैल्या वादनस्य गुणवत्ता ज्ञायते।
वाक्य कर्ता कः।
वाक्य कर्ता कः।
Anonymous Quiz
32%
वादनशैल्या
26%
गुणवत्ता
42%
वाक्ये कर्ता गौणः अस्ति
September 22, 2023
September 22, 2023
बाजार में दस रुपए का सिक्का अस्वीकार करने पर हो सकती है पुलिस कार्रवाई।
••यदि विपण्यां दशरुप्यकमुद्रा अपज्ञाता(अस्वीकृता) भवेत् तर्हि विध्यनुसारम् आरक्षककार्यवाहि भवितुमर्हेत्।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि 10 रुपये का सिक्का एक राष्ट्रीय मुद्रा है और किसी को भी इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्
दशरुप्यकनाणकं राष्ट्रियमुद्रा अस्ति अस्य च अस्वीकारस्य(अपज्ञानस्य) अधिकारः कस्यचिदपि नास्ति।
यदि जिला के बाजार में किसी ने भी दस रुपए के सिक्के को लेने से मना किया तो उसके खिलाफ नियमानुसार पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
••यदि कोऽपि मण्डलापणे दशरूप्यकनाणकं स्वीकर्तुं निराकरोति(अपजानिते) तर्हि तस्य विरुद्धे नियमानुसारम् आरक्षककार्यवाहि करिष्यते।
उपायुक्त नरवाल ने कहा है कि भारत सरकार धारक को मुद्रा का मूल्य देने का वादा करती है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्र भारतसर्वकारः धारकाय मुद्रामूल्यं दातुं वचनबद्धः अस्ति।
जो 10 रुपये के सिक्के को अस्वीकार करता है तो वह आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है।
••य: दशरुपयकनाणकम् अपजानीते चेत् तत् RBI इत्यस्य नियमोल्लङ्घनमस्ति।
ऐसे में भारतीय मुद्रा अस्वीकार करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
••एतादृश्यां परिस्थितौ भारतीयमुद्रायाः अस्वीकर्तुः विरुद्धं भारतीयदण्डसंहिताया: अन्तर्गतं चतुर्विंशत्याधिकशतस्य A-इत्यस्य नियमस्य अनुसारं विधिककार्यवाही कर्तुं शक्येत।
---------------------------------------------------
असेम्बली बम काण्ड पर भगत सिंह द्वारा जनवरी,१९३० में हाई कोर्ट में अपील की गयी थी।
••त्रिंशदाधिक-ऊनविंशतिशततमे संवत्सरे जनवरीमासे विधानसभायाम् आग्नेयास्त्रप्रक्षेपणप्रकरणे उच्चन्यायालये भगतसिंहेन पुनर्न्याययाचना कृता आसीत्।
इसी अपील में ही उनका यह प्रसिद्ध वक्तव्य था
•• अस्यामेव पुनर्न्याययाचनायामेव तस्य एष: प्रसिद्धो वक्तव्य: आसीत्।
पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है और यही चीज थी जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।
••लघुशुण्ड्य: आग्नेयास्त्राणि च महापरिवर्तनं कर्तुं न शक्नुवन्ति,अपितु महापरिवर्तनास्त्रं शाणितविचारेण तीक्ष्णं भवति इदमेव चासीत् यत् वयं प्रकटयितुमिच्छाम: स्म:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••यदि विपण्यां दशरुप्यकमुद्रा अपज्ञाता(अस्वीकृता) भवेत् तर्हि विध्यनुसारम् आरक्षककार्यवाहि भवितुमर्हेत्।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि 10 रुपये का सिक्का एक राष्ट्रीय मुद्रा है और किसी को भी इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्
दशरुप्यकनाणकं राष्ट्रियमुद्रा अस्ति अस्य च अस्वीकारस्य(अपज्ञानस्य) अधिकारः कस्यचिदपि नास्ति।
यदि जिला के बाजार में किसी ने भी दस रुपए के सिक्के को लेने से मना किया तो उसके खिलाफ नियमानुसार पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
••यदि कोऽपि मण्डलापणे दशरूप्यकनाणकं स्वीकर्तुं निराकरोति(अपजानिते) तर्हि तस्य विरुद्धे नियमानुसारम् आरक्षककार्यवाहि करिष्यते।
उपायुक्त नरवाल ने कहा है कि भारत सरकार धारक को मुद्रा का मूल्य देने का वादा करती है।
••उपायुक्त: नरेश अग्रवाल: अवदत् यत्र भारतसर्वकारः धारकाय मुद्रामूल्यं दातुं वचनबद्धः अस्ति।
जो 10 रुपये के सिक्के को अस्वीकार करता है तो वह आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है।
••य: दशरुपयकनाणकम् अपजानीते चेत् तत् RBI इत्यस्य नियमोल्लङ्घनमस्ति।
ऐसे में भारतीय मुद्रा अस्वीकार करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) के तहत कार्रवाई हो सकती है।
••एतादृश्यां परिस्थितौ भारतीयमुद्रायाः अस्वीकर्तुः विरुद्धं भारतीयदण्डसंहिताया: अन्तर्गतं चतुर्विंशत्याधिकशतस्य A-इत्यस्य नियमस्य अनुसारं विधिककार्यवाही कर्तुं शक्येत।
---------------------------------------------------
असेम्बली बम काण्ड पर भगत सिंह द्वारा जनवरी,१९३० में हाई कोर्ट में अपील की गयी थी।
••त्रिंशदाधिक-ऊनविंशतिशततमे संवत्सरे जनवरीमासे विधानसभायाम् आग्नेयास्त्रप्रक्षेपणप्रकरणे उच्चन्यायालये भगतसिंहेन पुनर्न्याययाचना कृता आसीत्।
इसी अपील में ही उनका यह प्रसिद्ध वक्तव्य था
•• अस्यामेव पुनर्न्याययाचनायामेव तस्य एष: प्रसिद्धो वक्तव्य: आसीत्।
पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है और यही चीज थी जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।
••लघुशुण्ड्य: आग्नेयास्त्राणि च महापरिवर्तनं कर्तुं न शक्नुवन्ति,अपितु महापरिवर्तनास्त्रं शाणितविचारेण तीक्ष्णं भवति इदमेव चासीत् यत् वयं प्रकटयितुमिच्छाम: स्म:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 22, 2023
संस्कृतलकारविज्ञानम्
(स्वर्वाणीविलासपाठमाला-3)
संस्कृत भाषा के लकारों का परिचय, अर्थ, रूप एवं प्रयोग -
(माध्यमिक स्तरीय कक्षा)
(सशुल्ककक्षायें)
कुल वर्ग -- 2
दिन और समय -- शनिवार, रात 8:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
दिनांक- 23 एवं 30 सितम्बर 2023
मध्यम- हिन्दी
पाठन माध्यम- ऑनलाइन- जूम एप के माध्यम से
शिक्षिका- उषाराणी सङ्का
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
+91 98490 91808
(स्वर्वाणीविलासपाठमाला-3)
संस्कृत भाषा के लकारों का परिचय, अर्थ, रूप एवं प्रयोग -
(माध्यमिक स्तरीय कक्षा)
(सशुल्ककक्षायें)
कुल वर्ग -- 2
दिन और समय -- शनिवार, रात 8:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
दिनांक- 23 एवं 30 सितम्बर 2023
मध्यम- हिन्दी
पाठन माध्यम- ऑनलाइन- जूम एप के माध्यम से
शिक्षिका- उषाराणी सङ्का
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
+91 98490 91808
September 22, 2023
https://youtu.be/xPu1yxbyq1k?feature=shared
#sanskritlanguageteaching
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🔹3 🔹4 🔹5
#sanskritlanguageteaching
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Sanskrit Class 365 - by Dr. Narasing Rao
#Sanskrit #Vyakarana #Grammar #Hinduism #Vedanga
Sanskrit is one of the most beautiful, structured and fascinating languages. It is also a gateway to the thousands of years of rich literary corpus of India. There are countless works ranging from Vedas, Upanishads…
Sanskrit is one of the most beautiful, structured and fascinating languages. It is also a gateway to the thousands of years of rich literary corpus of India. There are countless works ranging from Vedas, Upanishads…
September 22, 2023
September 22, 2023
September 22, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 12:17 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 23 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल दोपहर 03:56 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - सौभाग्य रात्रि 09:31 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:01 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:35
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गौरी-विसर्जन, दधीचि ऋषि जयन्ती, राधाष्टमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 12:17 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 23 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल दोपहर 03:56 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - सौभाग्य रात्रि 09:31 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:01 तक
⛅ सूर्योदय - 06:28
⛅ सूर्यास्त - 06:35
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गौरी-विसर्जन, दधीचि ऋषि जयन्ती, राधाष्टमी
September 22, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
https://youtu.be/1VACmqAsCTQ?feature=shared
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
प्रतिदिनं प्रातः ७:१५ वादने १५ निमेषात्मिकायै वार्तायै डी डी न्यूज् इति पश्यत।
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Vaarta | News in Sanskrit | संस्कृत में समचार
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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September 22, 2023
September 22, 2023
🍃
🔆 मनुजजन्म मोक्षम् अवाप्तुमिच्छा तथा श्रेष्ठजनानां सङ्गतिः इत्येते ईश्वरानुग्रहेण भवति।
⚜मनुष्य जन्म, मुक्ति की इच्छा तथा महापुरूषों का संश्रय (सत्संग), यह तीन चीजें परमेश्वर की कृपा पर ही निर्भर रहती हैं ।
#Subhashitam
दुर्लभं त्रयमेवैतत् देवानुग्रहहेतुकम् ।
मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुषसंश्रय:
॥🔆 मनुजजन्म मोक्षम् अवाप्तुमिच्छा तथा श्रेष्ठजनानां सङ्गतिः इत्येते ईश्वरानुग्रहेण भवति।
⚜मनुष्य जन्म, मुक्ति की इच्छा तथा महापुरूषों का संश्रय (सत्संग), यह तीन चीजें परमेश्वर की कृपा पर ही निर्भर रहती हैं ।
#Subhashitam
September 22, 2023
एतत् हसति
एतद्धसति
अत्र कः सन्धिः।
एतद्धसति
अत्र कः सन्धिः।
Anonymous Quiz
21%
पूर्वसवर्णसन्धिः
26%
परसवर्णसन्धिः
40%
जश्त्वसन्धिः
13%
चर्त्वसन्धिः
September 23, 2023
स्वामीजी एक दिन कोलकाता के बागबाजार में भक्तप्रवर श्री बलराम बसु के घर में निवास कर रहे थे।
•• एकस्मिन् दिने स्वामिवर्यः कोलकातानगरस्य बागबाजारस्थले भक्तप्रवर श्रीबलरामबसोः गृहे एव निवसति स्म।
बीच-बीच में वे निमंत्रित होकर विभिन्न संस्थानों में जाते और विभिन्न सामाजिक समस्याओं तथा देश की उन्नति आदि विषयों पर उपदेश देते ।
•• यदा-कदा आमन्त्रितः सः विविधसंस्थाः गत्वा देशस्य विविधसामाजिकसमस्यासु प्रगतिविषये च प्रवचनं ददाति स्म।
एक दिन उन्हें एक शिक्षण संस्थान से आमंत्रण मिला ।
•• एकस्मिन् दिने एकस्या: शैक्षणिकसंस्थायाः तेन आमन्त्रणं प्राप्तम् ।
वे अपने शिष्य शरच्चंद्र चक्रवर्ती के साथ घोड़ागाड़ी में बैठकर वहां जाने के लिए निकले।
•• स स्वशिष्येण शरच्चंद्रचक्रवर्तिना सह तत्र गन्तुम् अश्वशकटेन निर्गतवान्।
"कहां जाना है?" इस बारे उसने कुछ नहीं बताया।
•• स गन्तव्यस्थानस्य विषये किमपि न कथितवान्।
रास्ते में वे शिष्य से चर्चा करने लगे
•• मार्गे स शिष्येण सह चर्चां कर्तुं आरब्धवान्।
"तुम्हारे देश में स्त्रियों के पठन-पाठन के लिए कुछ भी प्रयत्न नहीं दिख पड़ रहा है"
•• तव देशे स्त्रीणां शिक्षायाः कृते कोऽपि प्रयासः न दृश्यते।
शिष्य ने कहा, महाराज! कितनी ही नारियां, एम ए / बी ए पास कर रही हैं।
•• शिष्यः अवदत्, महोदय! बह्व्यः महिलाः स्नातक/स्नातकोत्तरे उत्तीर्णा: सन्ति।
इस पर स्वामीजी ने कहा कि यह सब बिलायती ढंग से हो रहा है।धर्मशास्त्र और देश की परिपाटी के अनुसार कितने विद्यालय बने हैं ? देश में शिक्षा का विस्तार केवल 10 से 12% लोगों में ही है और स्त्रियों में तो 1% भी शिक्षित नहीं होंगी।
•• एतस्मिन् विषये स्वामीवर्य: अवदत् यत् एतत् सर्वं विदेशीविधिना भवति।देशस्य धर्मशास्त्रानुसारेण रीति-परम्परया च अनुसारं कति विद्यालयाः निर्मिताः सन्ति ?देशे शिक्षायाः प्रसारः केवलं दश-द्वादश प्रतिशतं जनेषु एव अस्ति तथा अनुमानत: स्त्रीषु एकप्रतिशतं महिलाः अपि शिक्षिताः न भवेयुः |
स्मरण रहे जनसाधारण तथा स्त्रियों में शिक्षा का प्रसार हुए बिना उन्नति का कोई उपाय नहीं है।
•• स्मर्तव्यं यत् सामान्यपुरुषस्त्रीणां मध्ये शिक्षायाः प्रसारं विना प्रगतये कोऽपि उपायः नास्ति।
इसीलिए मेरी इच्छा है कि कुछ ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिणियाँ यथासमय सन्यास लेकर हर अंचल के हर गांव में जाएंगे और आम जनता में शिक्षा का विस्तार करेंगे।
•• अत एव अहं कामये यत् केचन ब्रह्मचारिणः ब्रह्मचारिण्य: च यथासमयं सन्यासग्रहणं कृत्वा प्रत्येकं प्रदेशस्य प्रत्येकं ग्रामं गत्वा सामान्यजनस्य मध्ये शिक्षायाः प्रसारं करिष्यन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एकस्मिन् दिने स्वामिवर्यः कोलकातानगरस्य बागबाजारस्थले भक्तप्रवर श्रीबलरामबसोः गृहे एव निवसति स्म।
बीच-बीच में वे निमंत्रित होकर विभिन्न संस्थानों में जाते और विभिन्न सामाजिक समस्याओं तथा देश की उन्नति आदि विषयों पर उपदेश देते ।
•• यदा-कदा आमन्त्रितः सः विविधसंस्थाः गत्वा देशस्य विविधसामाजिकसमस्यासु प्रगतिविषये च प्रवचनं ददाति स्म।
एक दिन उन्हें एक शिक्षण संस्थान से आमंत्रण मिला ।
•• एकस्मिन् दिने एकस्या: शैक्षणिकसंस्थायाः तेन आमन्त्रणं प्राप्तम् ।
वे अपने शिष्य शरच्चंद्र चक्रवर्ती के साथ घोड़ागाड़ी में बैठकर वहां जाने के लिए निकले।
•• स स्वशिष्येण शरच्चंद्रचक्रवर्तिना सह तत्र गन्तुम् अश्वशकटेन निर्गतवान्।
"कहां जाना है?" इस बारे उसने कुछ नहीं बताया।
•• स गन्तव्यस्थानस्य विषये किमपि न कथितवान्।
रास्ते में वे शिष्य से चर्चा करने लगे
•• मार्गे स शिष्येण सह चर्चां कर्तुं आरब्धवान्।
"तुम्हारे देश में स्त्रियों के पठन-पाठन के लिए कुछ भी प्रयत्न नहीं दिख पड़ रहा है"
•• तव देशे स्त्रीणां शिक्षायाः कृते कोऽपि प्रयासः न दृश्यते।
शिष्य ने कहा, महाराज! कितनी ही नारियां, एम ए / बी ए पास कर रही हैं।
•• शिष्यः अवदत्, महोदय! बह्व्यः महिलाः स्नातक/स्नातकोत्तरे उत्तीर्णा: सन्ति।
इस पर स्वामीजी ने कहा कि यह सब बिलायती ढंग से हो रहा है।धर्मशास्त्र और देश की परिपाटी के अनुसार कितने विद्यालय बने हैं ? देश में शिक्षा का विस्तार केवल 10 से 12% लोगों में ही है और स्त्रियों में तो 1% भी शिक्षित नहीं होंगी।
•• एतस्मिन् विषये स्वामीवर्य: अवदत् यत् एतत् सर्वं विदेशीविधिना भवति।देशस्य धर्मशास्त्रानुसारेण रीति-परम्परया च अनुसारं कति विद्यालयाः निर्मिताः सन्ति ?देशे शिक्षायाः प्रसारः केवलं दश-द्वादश प्रतिशतं जनेषु एव अस्ति तथा अनुमानत: स्त्रीषु एकप्रतिशतं महिलाः अपि शिक्षिताः न भवेयुः |
स्मरण रहे जनसाधारण तथा स्त्रियों में शिक्षा का प्रसार हुए बिना उन्नति का कोई उपाय नहीं है।
•• स्मर्तव्यं यत् सामान्यपुरुषस्त्रीणां मध्ये शिक्षायाः प्रसारं विना प्रगतये कोऽपि उपायः नास्ति।
इसीलिए मेरी इच्छा है कि कुछ ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिणियाँ यथासमय सन्यास लेकर हर अंचल के हर गांव में जाएंगे और आम जनता में शिक्षा का विस्तार करेंगे।
•• अत एव अहं कामये यत् केचन ब्रह्मचारिणः ब्रह्मचारिण्य: च यथासमयं सन्यासग्रहणं कृत्वा प्रत्येकं प्रदेशस्य प्रत्येकं ग्रामं गत्वा सामान्यजनस्य मध्ये शिक्षायाः प्रसारं करिष्यन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 23, 2023
shrIkRiShNasahasranAmamgargasamhitA.pdf
156.3 KB
तथा चैत्रमासस्य राकादिने वाथ भाद्रे च राधाष्टमी सद्दिने वा ।
पठेद्भक्तियुक्तस्त्विदं पूजयित्वा चतुर्धा सुमुक्तिं तनोति प्रशस्तः ॥ १२३॥
तथा चैत्र मास की पूर्णिमा को या फिर भाद्र मास की राधाष्टमी के शुभ दिन जो व्यक्ति भक्तिपूर्वक पूजकर इस का पाठ करता है उसे चतुर्विध (सार्ष्टिः १ सालोक्यम् २ सारूप्यम् ३ सायुज्यम् ४) मुक्ति मिलती है। 123॥
And the person who worships it with devotion and recites it on the full moon day of Chaitra month or on the auspicious day of Radhashtami of Bhadra month, gets fourfold liberation (Sarshti 1 Salokyam 2 Sarupyam 3 Sayujyam 4).
पठेद्भक्तियुक्तस्त्विदं पूजयित्वा चतुर्धा सुमुक्तिं तनोति प्रशस्तः ॥ १२३॥
तथा चैत्र मास की पूर्णिमा को या फिर भाद्र मास की राधाष्टमी के शुभ दिन जो व्यक्ति भक्तिपूर्वक पूजकर इस का पाठ करता है उसे चतुर्विध (सार्ष्टिः १ सालोक्यम् २ सारूप्यम् ३ सायुज्यम् ४) मुक्ति मिलती है। 123॥
And the person who worships it with devotion and recites it on the full moon day of Chaitra month or on the auspicious day of Radhashtami of Bhadra month, gets fourfold liberation (Sarshti 1 Salokyam 2 Sarupyam 3 Sayujyam 4).
September 23, 2023
The Māheśvarī-Sūtrāņi also commoly known as the Maheshwara Sutras or Shiva Sutras or Maheshwari Sutras are 14 Sutras which contain all the letters of the Sanskrit alphabet.
#sanskritlessons
#sanskritlessons
September 23, 2023
कोऽयं द्वारि हरिः प्रयाह्युपवनः शाखामृगस्यात्र किं
कृष्णोऽहं दयिते बिभेमि सुतरां कृष्णादहं वानरात्।
मुग्धेऽहं मधुसूदनः पिब लतां तामेव तन्मीवले
इत्थं निर्वचनीकृतो दयितया ह्रीतो हरिः पातु वः॥
कः अयं द्वारि। हरिः। प्रयाहि उपवनः शाखामृगस्य अत्र किम्। कृष्णः अहं दयिते। बिभेमि सुतरां कृष्णाद् अहं वानरात्। मुग्धे अहं मधुसूदनः। पिब लतां ताम् एव तन्वीम् अलम्। इत्थं निर्वचनीकृतः दयितया ह्रीतः हरिः पातु वः।
#hasya #celebrating_sanskrit
September 23, 2023
September 23, 2023
September 23, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
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September 23, 2023
September 23, 2023
September 23, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी सुबह 10:23 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 24 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - शोभन शाम 06:40 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - शाम 05:04 से 06:34 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्री रामदेव जी नवरात्रि समाप्त
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी सुबह 10:23 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 24 सितम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा दोपहर 01:42 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - शोभन शाम 06:40 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - शाम 05:04 से 06:34 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - श्री रामदेव जी नवरात्रि समाप्त
#panchang
September 23, 2023
September 23, 2023
🍃
सु.र. भा.- ७.४७३
🔆यः मनुष्यः यथा व्यवहारं करोति अन्यैः अपि तेन सः तथैव व्यवहरितव्यम्।
दुष्टेन सह तादृशमेव व्यवहारं कृत्वा सः बाधनीयः तथा साधुना सह तथैवाचरणं कृत्वा सः व्यवहरणीयः।
⚜दूसरा व्यक्ति किसी के साथ जैसा व्यवहार कर रहा हो, उसके प्रति उसे भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि यही धर्म है। कपट व्यवहार करने वाले को कपट से ही रोकना चाहिए और सज्जन व्यक्ति के प्रति सज्जन का व्यवहार करना चाहिए ।।
#Subhashitam
यस्मिन्यथा वर्तते यो मनुष्यस्तस्मिंस्तथा वर्तितव्यं स धर्मः।
मायाचारो मायया बाधितव्यः साध्वाचारः साधुना प्रत्युपेयः
।।सु.र. भा.- ७.४७३
🔆यः मनुष्यः यथा व्यवहारं करोति अन्यैः अपि तेन सः तथैव व्यवहरितव्यम्।
दुष्टेन सह तादृशमेव व्यवहारं कृत्वा सः बाधनीयः तथा साधुना सह तथैवाचरणं कृत्वा सः व्यवहरणीयः।
⚜दूसरा व्यक्ति किसी के साथ जैसा व्यवहार कर रहा हो, उसके प्रति उसे भी वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि यही धर्म है। कपट व्यवहार करने वाले को कपट से ही रोकना चाहिए और सज्जन व्यक्ति के प्रति सज्जन का व्यवहार करना चाहिए ।।
#Subhashitam
September 23, 2023
September 24, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
स्वामीजी एक दिन कोलकाता के बागबाजार में भक्तप्रवर श्री बलराम बसु के घर में निवास कर रहे थे। •• एकस्मिन् दिने स्वामिवर्यः कोलकातानगरस्य बागबाजारस्थले भक्तप्रवर श्रीबलरामबसोः गृहे एव निवसति स्म। बीच-बीच में वे निमंत्रित होकर विभिन्न संस्थानों में जाते और विभिन्न…
जब तक छात्र और छात्राओं को धर्मपरायण एवं नीतिपरायण नहीं बनाया जायेगा तब तक भारत का कल्याण नहीं हो पायेगा।
•• यावत् छात्राः छात्रबालिकाः च धार्मिकाः नैतिकाः च न भविष्यन्ति तावत् भारतस्य कल्याणं न सम्भवेत्।
उनकी घोड़ागाड़ी 'कार्नवालिस स्ट्रीट' से गुजरती हुई 'चोरबागान' के रास्ते पर चलने लगी, तब उन्होंने शिष्य को बताया कि 'महाकाली पाठशाला की संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' ने उन्हें पाठशाला देखने के लिए आमंत्रित किया है।
•• तस्य अश्वशकट: कार्नवालिस स्ट्रीट् इति मार्गेण गत्वा 'चोरबागन' इति मार्गे चलितुमारब्धम्, ततः सः शिष्यम् अवदत् यत् 'महाकाली पाठशाला' इत्यस्य संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' इति महोदया तं विद्यालयं द्रष्टुम् आमन्त्रितवती अस्ति।
विद्यालय पहुंचकर स्वामीजी ने सब कुछ घूम घूम कर देखा और वहां से विदा लेते समय अपना विचार पुस्तिका में लिखा
•• विद्यालयं सम्प्राप्य स्वामिवर्य: परिभ्रमन् सर्वं दृष्टवान् तथा ततः प्रस्थाय स्वविचारान् पुस्तिकायां लिखितवान्।
नारी-शिक्षा का प्रयास उचित दिशा में चल रहा है।
•• महिलाशिक्षाया: प्रयत्न: सुष्ठु मार्गे गच्छति।
उन्होंने एक टिप्पणी भी की-"स्त्री हुए बिना कौन छात्राओं को इस प्रकार की शिक्षा दे सकता है।"
••स टिप्पणीमपि कृतवान् - "महिलां विहाय बालिकाछात्रेभ्यः एतादृशीं शिक्षां कः दातुं शक्नोति?"
नारी-शिक्षण-संस्थानों में गृहस्थ पुरुषों का संपर्क बिल्कुल न रखना ही उनकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
•• स्त्रीशिक्षणसंस्थाभि: सह गृहस्थपुरुषाणां सम्पर्कः सर्वथा मा भवतु इति तस्य मतेन उचितं प्रतीयते स्म।
लौटते समय रास्ते में ही 'बाल-विवाह' का प्रसंग उठा।
•• पुनरागमनसमय मार्गे एव बालविवाहस्य प्रसंगः उदभवत्।
स्वामीजी इस प्रथा की बड़ी निंदा करते थे।
•• स्वामीजी एतस्या: प्रथायाः प्रबलतया निन्दां करोति स्म ।
वे कहते थे कि इसके कारण स्त्री अल्पायु में ही संतान प्रसव करके काल के मुंह में समा जाती है।
••तस्य कथनमासीत् यत् अस्य कारणात् सा महिला अत्यन्तमल्पवयसि एव प्रसवस्य अनन्तरं कालस्य मुखं
प्रविशति
हमारे यहां बाल- विधवाओं की जो इतनी बड़ी संख्या है, यह उसी का परिणाम है।
•• अत्र बालविधवानां या इयती महतीसंख्या अस्ति तस्या: एव एष परिणामोऽस्ति।
उनकी धारणा थी कि इन सामाजिक विसंगतियों पर सिर खपाने की बजाय स्त्री और पुरुष सभी को शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है, जिससे वे स्वयं ही अपना भला-बुरा समझ लेंगे।
•• एतेषु सामाजिकविसंगतिषु अनावश्यकचिन्तनस्य अपेक्षया स्त्रीपुरुषेभ्य: सर्वेभ्य: अस्माभि शिक्षा प्रदातव्या यया च ते स्वयमेव स्वस्य शुभाशुभं अवगमिष्यन्ति इति सः मन्यते स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• यावत् छात्राः छात्रबालिकाः च धार्मिकाः नैतिकाः च न भविष्यन्ति तावत् भारतस्य कल्याणं न सम्भवेत्।
उनकी घोड़ागाड़ी 'कार्नवालिस स्ट्रीट' से गुजरती हुई 'चोरबागान' के रास्ते पर चलने लगी, तब उन्होंने शिष्य को बताया कि 'महाकाली पाठशाला की संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' ने उन्हें पाठशाला देखने के लिए आमंत्रित किया है।
•• तस्य अश्वशकट: कार्नवालिस स्ट्रीट् इति मार्गेण गत्वा 'चोरबागन' इति मार्गे चलितुमारब्धम्, ततः सः शिष्यम् अवदत् यत् 'महाकाली पाठशाला' इत्यस्य संस्थापिका 'तेजस्विनी माताजी' इति महोदया तं विद्यालयं द्रष्टुम् आमन्त्रितवती अस्ति।
विद्यालय पहुंचकर स्वामीजी ने सब कुछ घूम घूम कर देखा और वहां से विदा लेते समय अपना विचार पुस्तिका में लिखा
•• विद्यालयं सम्प्राप्य स्वामिवर्य: परिभ्रमन् सर्वं दृष्टवान् तथा ततः प्रस्थाय स्वविचारान् पुस्तिकायां लिखितवान्।
नारी-शिक्षा का प्रयास उचित दिशा में चल रहा है।
•• महिलाशिक्षाया: प्रयत्न: सुष्ठु मार्गे गच्छति।
उन्होंने एक टिप्पणी भी की-"स्त्री हुए बिना कौन छात्राओं को इस प्रकार की शिक्षा दे सकता है।"
••स टिप्पणीमपि कृतवान् - "महिलां विहाय बालिकाछात्रेभ्यः एतादृशीं शिक्षां कः दातुं शक्नोति?"
नारी-शिक्षण-संस्थानों में गृहस्थ पुरुषों का संपर्क बिल्कुल न रखना ही उनकी दृष्टि में उचित प्रतीत होता था।
•• स्त्रीशिक्षणसंस्थाभि: सह गृहस्थपुरुषाणां सम्पर्कः सर्वथा मा भवतु इति तस्य मतेन उचितं प्रतीयते स्म।
लौटते समय रास्ते में ही 'बाल-विवाह' का प्रसंग उठा।
•• पुनरागमनसमय मार्गे एव बालविवाहस्य प्रसंगः उदभवत्।
स्वामीजी इस प्रथा की बड़ी निंदा करते थे।
•• स्वामीजी एतस्या: प्रथायाः प्रबलतया निन्दां करोति स्म ।
वे कहते थे कि इसके कारण स्त्री अल्पायु में ही संतान प्रसव करके काल के मुंह में समा जाती है।
••तस्य कथनमासीत् यत् अस्य कारणात् सा महिला अत्यन्तमल्पवयसि एव प्रसवस्य अनन्तरं कालस्य मुखं
प्रविशति
हमारे यहां बाल- विधवाओं की जो इतनी बड़ी संख्या है, यह उसी का परिणाम है।
•• अत्र बालविधवानां या इयती महतीसंख्या अस्ति तस्या: एव एष परिणामोऽस्ति।
उनकी धारणा थी कि इन सामाजिक विसंगतियों पर सिर खपाने की बजाय स्त्री और पुरुष सभी को शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है, जिससे वे स्वयं ही अपना भला-बुरा समझ लेंगे।
•• एतेषु सामाजिकविसंगतिषु अनावश्यकचिन्तनस्य अपेक्षया स्त्रीपुरुषेभ्य: सर्वेभ्य: अस्माभि शिक्षा प्रदातव्या यया च ते स्वयमेव स्वस्य शुभाशुभं अवगमिष्यन्ति इति सः मन्यते स्म।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 24, 2023
September 24, 2023
भीष्मः - हे सारथे ! दूरेस्थितः अर्जुनस्य रथोपरि अन्यः कोऽपि दृश्यते । त्वं किं पश्यसि ?
सारथिः - भवान् जानाति किल -
भीष्मः - हा हन्त शिखण्डी
#hasya
सारथिः - भवान् जानाति किल -
स्तनकेशवती स्त्री स्यात्
लोमशः पुरुषः स्मृतः ।
उभयोः अन्तरं यच्च
तदभावे नपुंसकम् ॥
भीष्मः - हा हन्त शिखण्डी
#hasya
September 24, 2023
September 24, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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September 24, 2023
September 24, 2023
September 24, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी सुबह 07:55 तक तत्पश्चात एकादशी (क्षय तिथि)
⛅ दिनांक - 25 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 11:55 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - सुबह 08:00 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 25 सितम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 11:55 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 03:23 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - सुबह 08:00 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:34
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:41 तक
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⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी (स्मार्त)
September 24, 2023
September 24, 2023
September 24, 2023
September 24, 2023
September 24, 2023
September 24, 2023
🍃
🔅विद्यया विनयाऽवाप्तिः (भवति) सा विद्या अविनयाऽऽवहा चेत् (स्यात्) किं कुर्मः? | स्वमातरि गरदायां के प्रति ब्रूमः? |
⚜विद्या से विनय की प्राप्ति होती है। यदि वह उद्दण्डता प्रदान करने वाली हो जाए तो हम क्या करें? अपनी ही माता के विष देने वाली हो जाने पर हम किससे कहें? तात्पर्य यह है कि यदि विद्यार्जन से हमें विनयी होने का गुण नहीं प्राप्त होता, तो ऐसा विद्यार्जन हमारे लिए व्यर्थ है।
#subhashitam
विद्या विनयाऽवाप्तिः सा चेदविनयाऽऽवहा।
किं कुर्मः कं प्रति बूमः गरदायां स्वमातरि॥
🔅विद्यया विनयाऽवाप्तिः (भवति) सा विद्या अविनयाऽऽवहा चेत् (स्यात्) किं कुर्मः? | स्वमातरि गरदायां के प्रति ब्रूमः? |
⚜विद्या से विनय की प्राप्ति होती है। यदि वह उद्दण्डता प्रदान करने वाली हो जाए तो हम क्या करें? अपनी ही माता के विष देने वाली हो जाने पर हम किससे कहें? तात्पर्य यह है कि यदि विद्यार्जन से हमें विनयी होने का गुण नहीं प्राप्त होता, तो ऐसा विद्यार्जन हमारे लिए व्यर्थ है।
#subhashitam
September 24, 2023
सुन्दराणि मन्दिराणि वर्तन्ते भारतभूम्याम्।
तिङ्गन्तं रूपं किमस्ति।
तिङ्गन्तं रूपं किमस्ति।
Anonymous Quiz
77%
वर्तन्ते
14%
भारतभूम्याम्
4%
मन्दिराणि
5%
सुन्दराणि
September 25, 2023
September 25, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah via @urlbuttonlike_bot
💥Please support the demand for a common flag and motto for every Sanskrit Speaker by retweeting and liking this tweet as much as possible. Also tag @shrivarakhedi VC of CSU. 💥 कृपया संस्कृतभाषियों के लिए एक समान ध्वज और ध्येय वाक्य का समर्थन करने के लिए इस…
September 25, 2023
सभी मित्रों से निवेदन है ये पोस्ट हर उस व्यक्ति तक पहुंचाएं जिसे मैकाले निर्मित शिक्षा की गुलामी व्यवस्था बहुत अच्छी और सुदृढ़ लगती है।
•• सर्वाणि मित्राणि निवेदयामि यत् प्रतिजनम् एनं प्रेषयन्तु यः मैकाले-शिक्षायाः दासता-व्यवस्थां बहु उत्तमं सुदृढं च मन्यते।
कई लोगो का यही प्रश्न था कि गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था तो आज जानिए
•• अनेकजनानाम् अयमेव प्रश्नः आसीत् यत् गुरुकुले किं पाठ्यते स्म ? अतः अद्य ज्ञातव्यम्।
मैं इन सब का पूरा ब्योरा कॉमेन्ट बॉक्स में दुंगा ,क्योंकि यहां पूरा लिखना सम्भव नहीं है
•• एतेषां सर्वेषां पूर्णविवरणं टिप्पणीमञ्जूषायां दास्यामि, यतोहि अत्र पूर्णतो लेखितुं न शक्यते।
इस प्रकार की विद्या गुरुकुल में दी जाती थीं।
•• एतादृशा: विद्या गुरुकुलेषु दीयन्ते स्म।
अंग्रेज पिशाचो को पता था कि जब तक हमारे पास ये सबकुछ है वो हमें गुलाम नही बना पाएंगे इसलिए उन्होंने गुरुकुल खत्म करने शुरू किए।
•• आङ्ग्लपिशाचाः जानन्ति स्म यत् यावत् अस्माकं कृते एतत् सर्वम् अस्ति तावत् ते अस्मान् दासान् विधातुम् अनर्हा: ,अतः ते गुरुकुलस्य उन्मूलनम् आरब्धवन्तः।
मैकाले के सुझाव से ही विलियम बेंटिक ने गुरुकुलों को खत्म करना शुरू किया था
•• मैकाले इत्यस्य परामर्शेन एव विलियम बेन्टिक: गुरुकुलानाम् नाशं कर्तुम् आरब्धवान् ।
इसके बाद समय के साथ गुरुकुल लुप्त होते गए और यह विद्या भी लुप्त होती चली गई।
•• एतदनन्तरं कालक्रमानुसारं गुरुकुलै: सह गुरुकुलविद्यारपि शनै:-शनै: लुप्ता: अभवन्।
वैदिक विज्ञान और शिक्षा के लिए गुरुकुल की पुनः स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है।
•• वैदिकविज्ञानाय वैदिकशिक्षायै च गुरुकुलस्य पुनःस्थापना अत्यावश्यकी अस्ति।
गुरुकुल दुनिया की पहली शिक्षा की प्रणाली है।
•• गुरुकुलम् एव विश्वस्य प्रथमा शिक्षापद्धति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• सर्वाणि मित्राणि निवेदयामि यत् प्रतिजनम् एनं प्रेषयन्तु यः मैकाले-शिक्षायाः दासता-व्यवस्थां बहु उत्तमं सुदृढं च मन्यते।
कई लोगो का यही प्रश्न था कि गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था तो आज जानिए
•• अनेकजनानाम् अयमेव प्रश्नः आसीत् यत् गुरुकुले किं पाठ्यते स्म ? अतः अद्य ज्ञातव्यम्।
मैं इन सब का पूरा ब्योरा कॉमेन्ट बॉक्स में दुंगा ,क्योंकि यहां पूरा लिखना सम्भव नहीं है
•• एतेषां सर्वेषां पूर्णविवरणं टिप्पणीमञ्जूषायां दास्यामि, यतोहि अत्र पूर्णतो लेखितुं न शक्यते।
इस प्रकार की विद्या गुरुकुल में दी जाती थीं।
•• एतादृशा: विद्या गुरुकुलेषु दीयन्ते स्म।
अंग्रेज पिशाचो को पता था कि जब तक हमारे पास ये सबकुछ है वो हमें गुलाम नही बना पाएंगे इसलिए उन्होंने गुरुकुल खत्म करने शुरू किए।
•• आङ्ग्लपिशाचाः जानन्ति स्म यत् यावत् अस्माकं कृते एतत् सर्वम् अस्ति तावत् ते अस्मान् दासान् विधातुम् अनर्हा: ,अतः ते गुरुकुलस्य उन्मूलनम् आरब्धवन्तः।
मैकाले के सुझाव से ही विलियम बेंटिक ने गुरुकुलों को खत्म करना शुरू किया था
•• मैकाले इत्यस्य परामर्शेन एव विलियम बेन्टिक: गुरुकुलानाम् नाशं कर्तुम् आरब्धवान् ।
इसके बाद समय के साथ गुरुकुल लुप्त होते गए और यह विद्या भी लुप्त होती चली गई।
•• एतदनन्तरं कालक्रमानुसारं गुरुकुलै: सह गुरुकुलविद्यारपि शनै:-शनै: लुप्ता: अभवन्।
वैदिक विज्ञान और शिक्षा के लिए गुरुकुल की पुनः स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है।
•• वैदिकविज्ञानाय वैदिकशिक्षायै च गुरुकुलस्य पुनःस्थापना अत्यावश्यकी अस्ति।
गुरुकुल दुनिया की पहली शिक्षा की प्रणाली है।
•• गुरुकुलम् एव विश्वस्य प्रथमा शिक्षापद्धति: अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 25, 2023
Sanskrit Academy is inviting you to a scheduled Zoom meeting. Two Lectures by Dr. S. Ramadevi Associate Professor, Govt City College, Hyderabad on ईशावास्योपनिषत् Time: 3 pm Monday & Tuesday 25th & 26th September 2023 Join Zoom Meeting https://us02web.zoom.us/j/6891725494 Meeting ID: 689 172 5494 Passcode: skt123
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - प्रियाक्रीडा
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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🔰 विषयः - प्रियाक्रीडा
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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September 25, 2023
September 25, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी प्रातः 05:00 तक तत्पश्चात द्वादशी रात्रि 01:45 तक
⛅ दिनांक - 26 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण सुबह 09:42 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 11:46 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 03:32 से 05:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:32
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी ( वैष्णव), वामन जयन्ती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी प्रातः 05:00 तक तत्पश्चात द्वादशी रात्रि 01:45 तक
⛅ दिनांक - 26 सितम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण सुबह 09:42 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 11:46 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 03:32 से 05:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:29
⛅ सूर्यास्त - 06:32
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पद्मा-परिवर्तिनी एकादशी ( वैष्णव), वामन जयन्ती
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
September 25, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
प्रिया क्रीडा
#samlapshala
#samlapshala
September 25, 2023
🍃
🔅 तद् वृन्दम् अवसीदति, यत्र सर्वे विनेतारः सर्वे पण्डितमानिनः, सर्वे महत्त्वम् इच्छन्ति।
⚜ वह दल अथवा समूह निराश होता है, जहाँ सभी नेता हों, सब अपने आपको विद्वान् मानते हों और सबै दल में महत्त्व पाने की इच्छा करते हों। तात्पर्य यह है कि जिस सभा में सभी लोग महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने की इच्छा रखते हों, वह सभा कभी सफल नहीं होती; अर्थात् नेतृत्व एक के हाथ में ही होना चाहिए।
#subhashitam
सर्वे यत्र विनेतारः सर्वे पण्डितमानिनः।
सर्वे महत्त्वमिच्छन्ति तद् वृन्दमवसीदति॥
🔅 तद् वृन्दम् अवसीदति, यत्र सर्वे विनेतारः सर्वे पण्डितमानिनः, सर्वे महत्त्वम् इच्छन्ति।
⚜ वह दल अथवा समूह निराश होता है, जहाँ सभी नेता हों, सब अपने आपको विद्वान् मानते हों और सबै दल में महत्त्व पाने की इच्छा करते हों। तात्पर्य यह है कि जिस सभा में सभी लोग महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त करने की इच्छा रखते हों, वह सभा कभी सफल नहीं होती; अर्थात् नेतृत्व एक के हाथ में ही होना चाहिए।
#subhashitam
September 25, 2023
उत्तरं यत् समुग्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतन्नाम भारती यत्र सन्ततिः।।
वाक्ये भारतशब्दः कस्य लिङ्गस्य अस्ति।
वर्षं तद् भारतन्नाम भारती यत्र सन्ततिः।।
वाक्ये भारतशब्दः कस्य लिङ्गस्य अस्ति।
Anonymous Quiz
53%
नपुंसकलिङ्गम्
28%
पुल्लिङ्गम्
16%
स्त्रीलिङ्गम्
3%
अव्ययमस्ति
September 26, 2023
September 26, 2023
जैसे जैसे लोगों के पास पैसा बढ़ता है तो लोग गांव से शहर, शहर से महानगरों में जाकर ऐसी छोटी छोटी गुफाओं में कैद हो जाते हैं।
••यथा यथा जनानां धनं वर्धते तथा तथा ते ग्रामेभ्यः नगराणि, नगरेभ्यः महानगराणि च गत्वा एतादृशेषु लघुषु-लघुषु गुहासु बद्धा: इव भवन्ति।
फिर ये महंगे होटलों में खाना खाते हैं जिसकी वजह से इन्हें बड़े हॉस्पिटलों में इलाज करवाना पड़ता है।
••ततः ये महार्घेषु भोजनालयेषु भोजनं कुर्वन्ति येन तै: बृहत्सु चिकित्सालयेषु चिकित्सा कारयितव्या भवति।
उनकी नजरों में तो वे अमीर है पर वे मानसिक रूप से गरीब है वास्तविक खुशहाल तो ग्रामीण ही है।
••तेषां दृष्ट्यां तु ते धनिनः सन्ति किन्तु मानसिकरूपेण ते अकिञ्चना: सन्ति, परन्तु ग्रामीणा: एव यथार्थतया सुखिनः सन्ति।
कुछ लोग गॉंव का महत्त्व समझते हैं।
••केचन जना: ग्रामाणां महत्त्वमवगच्छन्ति।
उन पर ये सब बातें लागू नहीं होती है।
••तेषु एते नियमा: प्रयुक्ताः न भवन्ति।
बचपन में सुना था कि गर्मी ऊन में होती है।
•• उष्णत्वम् ऊर्णे भवतीति बाल्यकाले श्रूयते स्म।
स्कूल में पता चला गर्मी जून में होती है।
•• विद्यालयात् ज्ञातं यत् ऊष्णत्वं जूनमासे भवति।
घर में पापा ने बताया कि गर्मी खून में होती है।
•• पिता गृहे बोधितवान् यत् ऊष्णत्वं रक्ते भवति।
जिन्दगी में बहुत धक्के खाये तब जाकर पता चला कि गर्मी न तो खून में , न जून में और न ही ऊन में होती है।
••जीवने बहुधा घातप्रतिघातान् अनुभूय ज्ञातं यत् ऊष्णत्वं न रक्ते, न जूनमासे तथा न ऊर्णे भवति।
गर्मी तो नोटों के जुनून में होती है।
••ग्रीष्मत्वं तु धनोन्मादे भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••यथा यथा जनानां धनं वर्धते तथा तथा ते ग्रामेभ्यः नगराणि, नगरेभ्यः महानगराणि च गत्वा एतादृशेषु लघुषु-लघुषु गुहासु बद्धा: इव भवन्ति।
फिर ये महंगे होटलों में खाना खाते हैं जिसकी वजह से इन्हें बड़े हॉस्पिटलों में इलाज करवाना पड़ता है।
••ततः ये महार्घेषु भोजनालयेषु भोजनं कुर्वन्ति येन तै: बृहत्सु चिकित्सालयेषु चिकित्सा कारयितव्या भवति।
उनकी नजरों में तो वे अमीर है पर वे मानसिक रूप से गरीब है वास्तविक खुशहाल तो ग्रामीण ही है।
••तेषां दृष्ट्यां तु ते धनिनः सन्ति किन्तु मानसिकरूपेण ते अकिञ्चना: सन्ति, परन्तु ग्रामीणा: एव यथार्थतया सुखिनः सन्ति।
कुछ लोग गॉंव का महत्त्व समझते हैं।
••केचन जना: ग्रामाणां महत्त्वमवगच्छन्ति।
उन पर ये सब बातें लागू नहीं होती है।
••तेषु एते नियमा: प्रयुक्ताः न भवन्ति।
बचपन में सुना था कि गर्मी ऊन में होती है।
•• उष्णत्वम् ऊर्णे भवतीति बाल्यकाले श्रूयते स्म।
स्कूल में पता चला गर्मी जून में होती है।
•• विद्यालयात् ज्ञातं यत् ऊष्णत्वं जूनमासे भवति।
घर में पापा ने बताया कि गर्मी खून में होती है।
•• पिता गृहे बोधितवान् यत् ऊष्णत्वं रक्ते भवति।
जिन्दगी में बहुत धक्के खाये तब जाकर पता चला कि गर्मी न तो खून में , न जून में और न ही ऊन में होती है।
••जीवने बहुधा घातप्रतिघातान् अनुभूय ज्ञातं यत् ऊष्णत्वं न रक्ते, न जूनमासे तथा न ऊर्णे भवति।
गर्मी तो नोटों के जुनून में होती है।
••ग्रीष्मत्वं तु धनोन्मादे भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 26, 2023
अयोगवाहाः (AYOGAVĀHĀH)
अयोगवाहाः (ayogavāhāh) are letters in Sanskrit which always come after vowels. They cannot be pronounced by themselves. There are two such letters - विसर्गः (Visargaḥ) (ः) and अनुस्वारः (Anusvāraḥ) (ं).
विसर्गः(Visargah) –
This अयोगवाहः (Ayogavāhaḥ) represents a repetitive sound which has the sound of the letter ह् (H) and the vowel that came before it. Its symbol is this ः
अनुस्वारः (Anusvāraḥ) –
This अयोगवाहः (Ayogavāhaḥ) represents a nasal sound. When it is used for वर्गीय-व्यञ्जनानि
(Vargīya-Vyañjanāni), its sound becomes that of the अनुनासिक-व्यञ्जनम् (anunāsika-vyañjanam) of that वर्गः (Vargaḥ). The अनुस्वारः (Anusvāraḥ) can be replaced with the अनुनासिक-व्यञ्जनम् (anunāsika-vyañjanam) of that वर्गः (Vargaḥ).
When it is used for अवर्गीय-व्यञ्जनानि (Avargiya-Vyañjanani), its sound becomes a pure nasal. In this case, the अनुस्वारः (Anusvāraḥ) cannot be swapped with any other letter.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
अयोगवाहाः (ayogavāhāh) are letters in Sanskrit which always come after vowels. They cannot be pronounced by themselves. There are two such letters - विसर्गः (Visargaḥ) (ः) and अनुस्वारः (Anusvāraḥ) (ं).
विसर्गः(Visargah) –
This अयोगवाहः (Ayogavāhaḥ) represents a repetitive sound which has the sound of the letter ह् (H) and the vowel that came before it. Its symbol is this ः
अनुस्वारः (Anusvāraḥ) –
This अयोगवाहः (Ayogavāhaḥ) represents a nasal sound. When it is used for वर्गीय-व्यञ्जनानि
(Vargīya-Vyañjanāni), its sound becomes that of the अनुनासिक-व्यञ्जनम् (anunāsika-vyañjanam) of that वर्गः (Vargaḥ). The अनुस्वारः (Anusvāraḥ) can be replaced with the अनुनासिक-व्यञ्जनम् (anunāsika-vyañjanam) of that वर्गः (Vargaḥ).
When it is used for अवर्गीय-व्यञ्जनानि (Avargiya-Vyañjanani), its sound becomes a pure nasal. In this case, the अनुस्वारः (Anusvāraḥ) cannot be swapped with any other letter.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
September 26, 2023
September 26, 2023
You killed Nijjar, now give me proof you killed Nijjar, otherwise
it will prove you killed Nijjar.
#hasya
it will prove you killed Nijjar.
#hasya
September 26, 2023
September 26, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सद्यः जाताः राजनैतिकाःघटनाः
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (भारते सद्यः जाताः राजनैतिकाः घटनाः तेषां प्रभावः च) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - सद्यः जाताः राजनैतिकाःघटनाः
🗓२५/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (भारते सद्यः जाताः राजनैतिकाः घटनाः तेषां प्रभावः च) अभिक्रम्य आगच्छत।
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September 26, 2023
September 26, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:18 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 27 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा सुबह 07:10 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - धृति सुबह 07:54 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:31 से 02:01 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:31
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:18 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 27 सितम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा सुबह 07:10 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - धृति सुबह 07:54 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:31 से 02:01 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:31
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
September 26, 2023
September 26, 2023
September 26, 2023
September 26, 2023
September 26, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
सद्यः जाताः राजनैतिकाः घटनाः
#samlapshala
#samlapshala
September 26, 2023
🍃
🔆क्रोधः यमवत् अस्ति तथा तृष्णा आशा नरकस्य वैतरणी नदी वर्तते विद्या तु सर्वेच्छा पूर्णकर्त्री कामधेनुः अस्ति तथा सन्तोषस्तु स्वर्गस्य नन्दनवनमिवास्ति।
⚜क्रोध यमराज के समान है और तृष्णा नरक की वैतरणी नदी के समान।
विद्या सभी इच्छाओं को पूरी करने वाली कामधेनु है और संतोष स्वर्ग का नंदन वन है।
⚜Anger synonym with God of death and desire or craving to accumulate and acquire worldly possessions beyond need is like the river that invariably leads the hell.Vidya learning acquisition of knowledge offers contentment happiness and bless like the celestial cow that fulfils every demand of the devotee. Satisfaction is the forest of bliss in haven.
#Subhashitam
क्रोधो वैवस्वतो राजा तृष्णा वैतरणी नदी।
विद्या कामदुग्धा धेनु: सन्तोषो नन्दनं वनम्
।।🔆क्रोधः यमवत् अस्ति तथा तृष्णा आशा नरकस्य वैतरणी नदी वर्तते विद्या तु सर्वेच्छा पूर्णकर्त्री कामधेनुः अस्ति तथा सन्तोषस्तु स्वर्गस्य नन्दनवनमिवास्ति।
⚜क्रोध यमराज के समान है और तृष्णा नरक की वैतरणी नदी के समान।
विद्या सभी इच्छाओं को पूरी करने वाली कामधेनु है और संतोष स्वर्ग का नंदन वन है।
⚜Anger synonym with God of death and desire or craving to accumulate and acquire worldly possessions beyond need is like the river that invariably leads the hell.Vidya learning acquisition of knowledge offers contentment happiness and bless like the celestial cow that fulfils every demand of the devotee. Satisfaction is the forest of bliss in haven.
#Subhashitam
September 26, 2023
धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ।
वाक्ये सवर्णदीर्घसन्धिः अस्ति वा।
वाक्ये सवर्णदीर्घसन्धिः अस्ति वा।
Anonymous Quiz
43%
नास्ति
57%
अस्ति
September 27, 2023
सहजन को आयुर्वेद में अमृत समान माना गया है क्योंकि सहजन को तीन सौ से ज्यादा बीमारियों की दवा माना गया है।
•• आयुर्वेदे शिग्रुः अमृतवद् मन्यते , यतोहि शिग्रु: त्रिशतादधिकरोगाणाम् औषधं मतमस्ति।
सहजन की नर्म पत्तियां और फल , दोनों ही सब्जी के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
•• शिग्रोः सुकोमल-पत्रं फलञ्च इति उभौ शाकरूपेण प्रयुज्येते/ उभयोरपि व्यञ्जनत्वेन प्रयोगः क्रियते ।
सहजन की फली,हरी पत्तियों और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्सियम, पोटेशियम,आयरन,मैग्नीशियम,विटामिन-ए , विटामिन-सी और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
•• शिग्रो: शिमिषु , हरितपत्रेषु शुष्कपत्रेषु च कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, पोटेशियम,मैग्नेशियम,छौरेयम् ,लौहम्, जीवसत्त्वम्-ए ,जीवसत्त्वम्-सी , जीवसत्त्वम्- बी समूह: इति पोषकतत्त्वानि प्रचुरमात्रायां भवन्ति।
दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी सहजन है।
••जगत: पौष्टिकतमं शाकं शिग्रुरस्ति।
सहजन में विटामिन-ए गाजर से सात गुणा अधिक होता है।
••शिग्रौ खाद्यौजम्-ए इति पोषकतत्त्वं गृञ्जनात् सप्तगुणाधिकं भवति।
सहजन विटामिन-सी संतरा से दस गुणा ज्यादा रहती है।
•• शिग्रौ खाद्यौजम् - सी इति पौष्टिकतत्त्वं नारङ्गात् दशगुणाधिकं भवति।
सहजन में विटामिन-बी 6 मांस से दो गुणा अधिक होता है ।
••शिग्रौ खाद्यौजम्-B6 इति पौष्टिकतत्त्वं मांसभोजनात् द्विगुणाधिकं भवति।
सहजन में कैल्शियम दूध से पांच गुना ज्यादा रहता है।
•• शिग्रौ छौरेयं दुग्धात् पञ्चगुणाधिकं भवति।
सहजन में पोटेशियम केला से चार गुणा अधिक रहता है।
•• शिग्रौ पोटेशियम इति पौष्टितत्त्वं कदलीफलात् चतुर्गुणाधिकं भवति।
सहजन में आयरन पालक से पच्चीस गुणा अधिक रहती है।
•• शिग्रौ लौहतत्त्वं पालक्या: पञ्चविंशतिगुणाधिकं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• आयुर्वेदे शिग्रुः अमृतवद् मन्यते , यतोहि शिग्रु: त्रिशतादधिकरोगाणाम् औषधं मतमस्ति।
सहजन की नर्म पत्तियां और फल , दोनों ही सब्जी के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
•• शिग्रोः सुकोमल-पत्रं फलञ्च इति उभौ शाकरूपेण प्रयुज्येते/ उभयोरपि व्यञ्जनत्वेन प्रयोगः क्रियते ।
सहजन की फली,हरी पत्तियों और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्सियम, पोटेशियम,आयरन,मैग्नीशियम,विटामिन-ए , विटामिन-सी और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
•• शिग्रो: शिमिषु , हरितपत्रेषु शुष्कपत्रेषु च कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, पोटेशियम,मैग्नेशियम,छौरेयम् ,लौहम्, जीवसत्त्वम्-ए ,जीवसत्त्वम्-सी , जीवसत्त्वम्- बी समूह: इति पोषकतत्त्वानि प्रचुरमात्रायां भवन्ति।
दुनिया की सबसे ताकतवर सब्जी सहजन है।
••जगत: पौष्टिकतमं शाकं शिग्रुरस्ति।
सहजन में विटामिन-ए गाजर से सात गुणा अधिक होता है।
••शिग्रौ खाद्यौजम्-ए इति पोषकतत्त्वं गृञ्जनात् सप्तगुणाधिकं भवति।
सहजन विटामिन-सी संतरा से दस गुणा ज्यादा रहती है।
•• शिग्रौ खाद्यौजम् - सी इति पौष्टिकतत्त्वं नारङ्गात् दशगुणाधिकं भवति।
सहजन में विटामिन-बी 6 मांस से दो गुणा अधिक होता है ।
••शिग्रौ खाद्यौजम्-B6 इति पौष्टिकतत्त्वं मांसभोजनात् द्विगुणाधिकं भवति।
सहजन में कैल्शियम दूध से पांच गुना ज्यादा रहता है।
•• शिग्रौ छौरेयं दुग्धात् पञ्चगुणाधिकं भवति।
सहजन में पोटेशियम केला से चार गुणा अधिक रहता है।
•• शिग्रौ पोटेशियम इति पौष्टितत्त्वं कदलीफलात् चतुर्गुणाधिकं भवति।
सहजन में आयरन पालक से पच्चीस गुणा अधिक रहती है।
•• शिग्रौ लौहतत्त्वं पालक्या: पञ्चविंशतिगुणाधिकं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 27, 2023
वर्णविच्छेदः (varavicchedah):
This is the separation of letters (वर्णाः) of a certain word (शब्द). e.g.-
जननी = ज् + अ + न् + अ + न् + ई।
भगवत् = भ् + अ + ग् + अ + व् + अ + त्।
वर्णसंयोगः (varnasamyogah):
This is the combination of different letters (वर्णाः) to form a word (शब्दः ). e.g.-
ज् + अ + न् + अ + न् + ई = जननी
भ् + अ ग् + अ + व् + अ + त् = भगवत् ।
Note: Whenever an अयोगवाहः (ayogavāhah) is found in a word, it is written along with the vowel (स्वरः) it is accompanying. eg. देवः = द् + अ + व् + अः ।
Note: By doing वर्णविच्छेदः (varnavicchedaḥ), one can know how the word's cases will be. One can know this by looking at the letter which is at the end of the word.
#sanskritlessons
This is the separation of letters (वर्णाः) of a certain word (शब्द). e.g.-
जननी = ज् + अ + न् + अ + न् + ई।
भगवत् = भ् + अ + ग् + अ + व् + अ + त्।
वर्णसंयोगः (varnasamyogah):
This is the combination of different letters (वर्णाः) to form a word (शब्दः ). e.g.-
ज् + अ + न् + अ + न् + ई = जननी
भ् + अ ग् + अ + व् + अ + त् = भगवत् ।
Note: Whenever an अयोगवाहः (ayogavāhah) is found in a word, it is written along with the vowel (स्वरः) it is accompanying. eg. देवः = द् + अ + व् + अः ।
Note: By doing वर्णविच्छेदः (varnavicchedaḥ), one can know how the word's cases will be. One can know this by looking at the letter which is at the end of the word.
#sanskritlessons
September 27, 2023
September 27, 2023
September 27, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
नमस्ते , After releasing Karavalambanam Book , Vidyasvam has started Online Samskrita Karyashala !! Vidyasvam has launched the 9th batch of Online Samskrita Karyashala August 2023 starting 6th August 2023. The workshop will be conducted every Sunday Morning…
RESIDENTIAL BATCH :
Schedule : 16 December to 30 December 2023
Location : Chitrashila Ashrama ( 75 Km from Bengaluru )
Continuation in Online Mode.
Register : bit.ly/3rsX0D4
Schedule : 16 December to 30 December 2023
Location : Chitrashila Ashrama ( 75 Km from Bengaluru )
Continuation in Online Mode.
Register : bit.ly/3rsX0D4
Google Docs
Samskrita Karyashala December 2023 - Enrolment
Namaste,
Here are the details of the RESIDENTIAL BATCH :
Schedule : 16 December to 30 December 2023
Location : Chitrashila Ashrama ( 75 Km from Bengaluru )
Continuation in Online Mode.
Fees : Rs. 30,000/- (plus food and accommodation - 20,000/- for Dorm…
Here are the details of the RESIDENTIAL BATCH :
Schedule : 16 December to 30 December 2023
Location : Chitrashila Ashrama ( 75 Km from Bengaluru )
Continuation in Online Mode.
Fees : Rs. 30,000/- (plus food and accommodation - 20,000/- for Dorm…
September 27, 2023
September 27, 2023
September 27, 2023
September 27, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सनातनधर्मस्य उपरि प्रहारः
🗓२८/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (किमर्थं सनातनधर्मस्य उपरि अकस्मात् आक्रमणम् आरब्धं तथा अनेन कः प्रभावः भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सनातनधर्मस्य उपरि प्रहारः
🗓२८/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (किमर्थं सनातनधर्मस्य उपरि अकस्मात् आक्रमणम् आरब्धं तथा अनेन कः प्रभावः भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 27, 2023
September 27, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी शाम 06:49 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 28 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 01:48 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
⛅ योग - गण्ड रात्रि 11:55 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:00 से 03:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:30
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, पूर्णिमा
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी शाम 06:49 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 28 सितम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 01:48 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
⛅ योग - गण्ड रात्रि 11:55 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 02:00 से 03:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:30
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अनंत चतुर्दशी, गणेश विसर्जन, पूर्णिमा
September 27, 2023
September 27, 2023
September 27, 2023
सूचना - अद्य संलापशाला सार्धैकादशवादने आरप्स्यते।
September 27, 2023
September 27, 2023
September 27, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
सनातनस्य विरोधः
#samlapshala
#samlapshala
September 27, 2023
🍃
🔅स्तुतिकन्या अद्य अपि दुर्निवारम् कौमारं नाम वहति । सा सद्भयः न रोचते। अस्यै असन्तः अपि न रोचन्ते।
⚜A girl, called praise, fids it very difficult to ward off being called "miss " ! (finds it difficult to get married) till date. She is not liked by good people and she herself does not like bad people.
#subhashitam
अद्यापि दुर्निवारं स्तुतिकन्या वहति नाम कौमारम्।
सद्भयो न रोचते सा असन्तः अपि अस्यै न रोचन्ते
॥🔅स्तुतिकन्या अद्य अपि दुर्निवारम् कौमारं नाम वहति । सा सद्भयः न रोचते। अस्यै असन्तः अपि न रोचन्ते।
⚜A girl, called praise, fids it very difficult to ward off being called "miss " ! (finds it difficult to get married) till date. She is not liked by good people and she herself does not like bad people.
#subhashitam
September 28, 2023
पिता क्लेशकारकं पुत्रं ताडयति।
कर्मपदं किमस्ति।
कर्मपदं किमस्ति।
Anonymous Quiz
7%
पिता
69%
पुत्रम्
23%
ताडयति
2%
नास्ति
September 28, 2023
September 28, 2023
इस तस्वीर के बारे में जानने के बाद आपको खुद शर्म लगेगी।
••अस्य चित्रस्य विषये ज्ञानानन्तरं भवान् स्वयं लज्जाम् अनुभविष्यति।
यह तस्वीर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की है जो इस समय कूड़ेदान बनकर रह गई है।
•• इदं चित्रं झाँसीनगरस्य रानी लक्ष्मीबाई-वीराङ्गनाया अस्ति यत् अधुना अवकरकुण्डं जातम् अस्ति ।
यह नज़ारा कहीं दूर का नहीं है।
••एतद् दृश्यं क्वचित् दूरं नास्ति।
कुशीनगर के पडरौना नगर के बावली चौक का है जिसने भारत देश को आजाद करा कर हम सभी लोगों को आजादी दिलाई।
•• एतत् स्थानं कुशीनगरस्य पडरौनानगरस्य बावलीचौकस्थाने अवस्थितमस्ति यत्
भारतदेशं मुक्तं कृत्वा अस्मभ्यं स्वतन्त्रतां दापयितवत्।
आज उनकी मूर्ति घास के पास कूड़ा में पड़ी है।
••अद्य तस्या: प्रतिमा तृणानि निकषा अवकरपदार्थेषु स्थिता अस्ति।
क्या कुशीनगर प्रशासनिक अधिकारियों को शर्म नहीं आ रही है जो आराम कुर्सी पर बैठकर लापरवाह बने हुए है?
••किं कुशीनगरस्य प्रशासनिकाधिकारिण: न लज्जन्ते ये सुखासन्दिकासु उपविश्य निश्चिन्ताः शयनं कुर्वन्ति?
उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां होनी चाहिए
•• उत्तरदिशि अधिकानि वातायनानि भवेयु:।
वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा है
•• वास्तुशास्त्रानुसारम् उत्तरदिशा धनदेवस्य कुबेरस्य दिशा अस्ति।
इसलिए इस दिशा में अधिक से अधिक खिड़कियां बनवानी चाहिए
•• अस्मिन् दिशि अधिकानि वातायनानि निर्मातव्यानि।
साथ ही धन रखने की तिजोरी आलमारी को भी दक्षिण दिशा में रखना चाहिए कि वह उत्तर की तरफ खुले।
•• अपि च धनरक्षणाय शेवधि: मञ्जूषा चापि दक्षिणदिशि एव स्थापयितव्ये येन उत्तराभिमुखम् उद्घाटितं भवेत्।
ऐसा करने से घर में आर्थिक खुशहाली आती है।
•• एवं करणेन गृहे आर्थिकसमृद्धि: आगच्छति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••अस्य चित्रस्य विषये ज्ञानानन्तरं भवान् स्वयं लज्जाम् अनुभविष्यति।
यह तस्वीर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की है जो इस समय कूड़ेदान बनकर रह गई है।
•• इदं चित्रं झाँसीनगरस्य रानी लक्ष्मीबाई-वीराङ्गनाया अस्ति यत् अधुना अवकरकुण्डं जातम् अस्ति ।
यह नज़ारा कहीं दूर का नहीं है।
••एतद् दृश्यं क्वचित् दूरं नास्ति।
कुशीनगर के पडरौना नगर के बावली चौक का है जिसने भारत देश को आजाद करा कर हम सभी लोगों को आजादी दिलाई।
•• एतत् स्थानं कुशीनगरस्य पडरौनानगरस्य बावलीचौकस्थाने अवस्थितमस्ति यत्
भारतदेशं मुक्तं कृत्वा अस्मभ्यं स्वतन्त्रतां दापयितवत्।
आज उनकी मूर्ति घास के पास कूड़ा में पड़ी है।
••अद्य तस्या: प्रतिमा तृणानि निकषा अवकरपदार्थेषु स्थिता अस्ति।
क्या कुशीनगर प्रशासनिक अधिकारियों को शर्म नहीं आ रही है जो आराम कुर्सी पर बैठकर लापरवाह बने हुए है?
••किं कुशीनगरस्य प्रशासनिकाधिकारिण: न लज्जन्ते ये सुखासन्दिकासु उपविश्य निश्चिन्ताः शयनं कुर्वन्ति?
उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां होनी चाहिए
•• उत्तरदिशि अधिकानि वातायनानि भवेयु:।
वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा है
•• वास्तुशास्त्रानुसारम् उत्तरदिशा धनदेवस्य कुबेरस्य दिशा अस्ति।
इसलिए इस दिशा में अधिक से अधिक खिड़कियां बनवानी चाहिए
•• अस्मिन् दिशि अधिकानि वातायनानि निर्मातव्यानि।
साथ ही धन रखने की तिजोरी आलमारी को भी दक्षिण दिशा में रखना चाहिए कि वह उत्तर की तरफ खुले।
•• अपि च धनरक्षणाय शेवधि: मञ्जूषा चापि दक्षिणदिशि एव स्थापयितव्ये येन उत्तराभिमुखम् उद्घाटितं भवेत्।
ऐसा करने से घर में आर्थिक खुशहाली आती है।
•• एवं करणेन गृहे आर्थिकसमृद्धि: आगच्छति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 28, 2023
September 28, 2023
शब्दप्रकाराः। (śabdaprakārāḥ)
In Sanskrit, there are various types of Word Classes. Let’s look at these in detail.
There are five main word classes:
1. नामपदानि (nāmapadāni) i.e. Nouns,
2. सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) i.e. Pronouns,
3. विशेषणपदानि (viśeṣaṇapadāni) i.e. Adjectives,
4. क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) i.e. Adverbs and
5. क्रियापदानि (kriyāpadāni) i.e. Verbs.
Important points to note:
• अव्ययपदानि (avyayapadāni) i.e. (Indeclinables) are included in क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) i.e. Adverbs.
• The base form of any word (without any forms or suffixes) is known as the प्रातिपदिकम् (prātipadikam) of that word e.g. – ‘संस्कृतम्’ (saṃskṛtam) is the nominative case, singular form of the word, whereas, ‘संस्कृत’ (saṃskṛta) is the प्रातिपदिकम् (prātipadikam), without any form.
• A धातुः (dhātuḥ) in Sanskrit, is a root word. Roots are the base forms of verbs and they have a particular meaning e.g. – ‘पठति’ (paṭhati) has a third person, singular, present tense suffix added to it, whereas, ‘√पठ्’ (√paṭh), its root does not have any suffix.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, there are various types of Word Classes. Let’s look at these in detail.
There are five main word classes:
1. नामपदानि (nāmapadāni) i.e. Nouns,
2. सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) i.e. Pronouns,
3. विशेषणपदानि (viśeṣaṇapadāni) i.e. Adjectives,
4. क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) i.e. Adverbs and
5. क्रियापदानि (kriyāpadāni) i.e. Verbs.
Important points to note:
• अव्ययपदानि (avyayapadāni) i.e. (Indeclinables) are included in क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) i.e. Adverbs.
• The base form of any word (without any forms or suffixes) is known as the प्रातिपदिकम् (prātipadikam) of that word e.g. – ‘संस्कृतम्’ (saṃskṛtam) is the nominative case, singular form of the word, whereas, ‘संस्कृत’ (saṃskṛta) is the प्रातिपदिकम् (prātipadikam), without any form.
• A धातुः (dhātuḥ) in Sanskrit, is a root word. Roots are the base forms of verbs and they have a particular meaning e.g. – ‘पठति’ (paṭhati) has a third person, singular, present tense suffix added to it, whereas, ‘√पठ्’ (√paṭh), its root does not have any suffix.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
September 28, 2023
September 28, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२९/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
September 28, 2023
September 28, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा दोपहर 03:29 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 29 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 11:18 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - वृद्धि रात्रि 08:03 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - सुबह 11:00 से 12:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:29
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भाद्रपदी पूर्णिमा, महालय श्राद्धारम्भ, प्रतिपदा का श्राद्ध, गुरु अमरदासजी पुण्यतिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा दोपहर 03:29 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 29 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 11:18 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - वृद्धि रात्रि 08:03 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - सुबह 11:00 से 12:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:30
⛅ सूर्यास्त - 06:29
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:54 से 05:42 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भाद्रपदी पूर्णिमा, महालय श्राद्धारम्भ, प्रतिपदा का श्राद्ध, गुरु अमरदासजी पुण्यतिथि
September 28, 2023
September 28, 2023
September 28, 2023
September 28, 2023
September 28, 2023
September 28, 2023
🍃
सु.र. भा.- ७.४३३
🔆नौका यथा सर्वदा नद्याः प्रवाहस्य विपरीतदशायां चलति तथैव अस्माकं जिह्वा अपि जनान् क्लेशयितुमेव प्रायः चलति। तस्य सम्यक् प्रवर्तनमेव पाण्डित्यम्।
⚜नाव और दुष्ट व्यक्ति की जिह्वा,दोनों ही उल्टी दिशा में चलती हैं लोगों को प्रतारित करने के लिए। पता नहीं,किस लकड़ी या सामग्री से इनकी रचना की गई है ।
#Subhashitam
नौका च खलजिह्वा च प्रतिकूलप्रवर्तिनी ।
प्रतारणाय लोकानां दारुणा केन निर्मिता
।।सु.र. भा.- ७.४३३
🔆नौका यथा सर्वदा नद्याः प्रवाहस्य विपरीतदशायां चलति तथैव अस्माकं जिह्वा अपि जनान् क्लेशयितुमेव प्रायः चलति। तस्य सम्यक् प्रवर्तनमेव पाण्डित्यम्।
⚜नाव और दुष्ट व्यक्ति की जिह्वा,दोनों ही उल्टी दिशा में चलती हैं लोगों को प्रतारित करने के लिए। पता नहीं,किस लकड़ी या सामग्री से इनकी रचना की गई है ।
#Subhashitam
September 28, 2023
September 29, 2023
अर्थातुराणां न गुरुर्न बन्धुः।
वाक्ये अर्थ इत्यस्य भाव कः।
वाक्ये अर्थ इत्यस्य भाव कः।
Anonymous Quiz
79%
सम्पत्तिः
6%
पुत्रादयः
11%
स्वास्थ्यम्
4%
सुन्दरता
September 29, 2023
🏬 स्वर्वाणीप्रकाशः
📣 संस्कृतसङ्ख्याविज्ञानम्
🔰 माध्यमिकस्तरः
👩🏻🏫 उषाराणी सङ्का
🗣 हिन्दीमाध्यम से
⏳ रात 8 से 9 बजे
🗓 प्रत्येक शनिवार को
🔛 7 से 28 अक्टूबर
📱Zoom
💰 ₹1000 मात्र
📞
🌐 svarvani-prakasha.blogspot.com
📧 samskrta.usha@gmail.com
❗️Recordings in YouTube channel
📣 संस्कृतसङ्ख्याविज्ञानम्
🔰 माध्यमिकस्तरः
👩🏻🏫 उषाराणी सङ्का
🗣 हिन्दीमाध्यम से
⏳ रात 8 से 9 बजे
🗓 प्रत्येक शनिवार को
🔛 7 से 28 अक्टूबर
📱Zoom
💰 ₹1000 मात्र
📞
+919849091808
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September 29, 2023
🏬 स्वर्वाणीप्रकाशः
📣 संस्कृत-अनुवादविज्ञानम्
🔰 माध्यमिकस्तरः
👩🏻🏫 उषाराणी सङ्का
🗣 हिन्दीमाध्यम से
⏳ रात 8 से 9 बजे
🗓 प्रत्येक मंगलवार व गुरुवार को
🔛 पूरे अक्टूबर मास
📱Zoom
💰 ₹2000 मात्र
📞 +919849091808
🌐 svarvani-prakasha.blogspot.com
📧 samskrta.usha@gmail.com
❗️Recordings in YouTube channel
📣 संस्कृत-अनुवादविज्ञानम्
🔰 माध्यमिकस्तरः
👩🏻🏫 उषाराणी सङ्का
🗣 हिन्दीमाध्यम से
⏳ रात 8 से 9 बजे
🗓 प्रत्येक मंगलवार व गुरुवार को
🔛 पूरे अक्टूबर मास
📱Zoom
💰 ₹2000 मात्र
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September 29, 2023
कहर में मानवीय क्रूरता
•• विनाशकाले मानवस्य क्रूरत्वम्
रोहतास की पहाड़ियाँ लम्बे समय के बाद विगत दो-ढाई वर्षों से वन्यजीवों से गुलज़ार है।
••रोहतासस्य पर्वतीयस्थला: दीर्घकालानन्तरं विगतसार्धद्विवर्षेभ्यः वन्यजीवैः सुशोभिता: सन्ति।
'कैमूर वन्यजीव अभयारण्य' क्षेत्र जैव विविधता के लिए फिर से अनुकूल होने लगा है।
•• कैमूरवन्यजीवाभयारण्यक्षेत्रं पुन: जैवविविधतायै इदानीम् अनुकूलनं भवति।
इसके लिए रोहतास के लोगों ने बहुत बड़ी हानि उठाई है
•• अस्य कृते रोहतासजनानां महती हानि: अभवत्।
जिले में गिट्टी ( Stone Chips) का अरबों का कारोबार था जो अब पुरी तरह से ठप्प है।
••अस्मिन् मण्डले शिलाखण्डानाम् अर्बुदानां व्यापारः आसीत् यः अधुना सर्वथा स्थगितः अस्ति।
क्रशर उद्योग बंद होने से जिले की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
•• दलित्रोद्यगस्य अवरुद्धात् मण्डलस्य अर्थव्यवस्थायाः दुर्गतिः अभवत्।
लेकिन खुशी इस बात की है कि जंगलों में रौनकें फिर से लौटने लगी हैं।
•• परन्तु वनेषु पुनः सुखस्य वातावरणं प्रत्यागन्तुम् आरब्धम् इति प्रसन्नतादायकविषयः अस्ति।
पहले चट्टानों को तोड़ने के लिए पहाड़ों में डायनामाईट से विस्फोट किया जाता था जिससे जंगली जीव भयाक्रांत होकर वन्य क्षेत्र से मध्यप्रदेश के जंगलों की ओर पलायन कर जाते थे।
•• पूर्वं पर्वतेषु शिलाभङ्गार्थं डायनामाइट इत्यस्य विष्फोटकपदार्थस्य उपयोगो भवति स्म यस्मात् कारणात् वन्यजीवाः भयभीताः भूत्वा वनक्षेत्रात् मध्यप्रदेशस्य वनेषु पलायन्ते स्म।
अब जब परिस्थिति अनुकूल हुई है, क्षेत्र में वन्यजीवों का आगमन तेजी से जारी है
••अधुना स्थितिः अनुकूला अभवत् तदा क्षेत्रे वन्यजीवानाम् आगमनं तीव्रगत्या निरन्तरं वर्तते।
रोहतास के जंगलों में कई जगह बाघों के पदचिन्ह और मल मिले हैं
•• रोहतासस्य वनेषु बहुषु स्थानेषु व्याघ्राणां पदचिह्नानि विष्ठानि च प्राप्तानि सन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• विनाशकाले मानवस्य क्रूरत्वम्
रोहतास की पहाड़ियाँ लम्बे समय के बाद विगत दो-ढाई वर्षों से वन्यजीवों से गुलज़ार है।
••रोहतासस्य पर्वतीयस्थला: दीर्घकालानन्तरं विगतसार्धद्विवर्षेभ्यः वन्यजीवैः सुशोभिता: सन्ति।
'कैमूर वन्यजीव अभयारण्य' क्षेत्र जैव विविधता के लिए फिर से अनुकूल होने लगा है।
•• कैमूरवन्यजीवाभयारण्यक्षेत्रं पुन: जैवविविधतायै इदानीम् अनुकूलनं भवति।
इसके लिए रोहतास के लोगों ने बहुत बड़ी हानि उठाई है
•• अस्य कृते रोहतासजनानां महती हानि: अभवत्।
जिले में गिट्टी ( Stone Chips) का अरबों का कारोबार था जो अब पुरी तरह से ठप्प है।
••अस्मिन् मण्डले शिलाखण्डानाम् अर्बुदानां व्यापारः आसीत् यः अधुना सर्वथा स्थगितः अस्ति।
क्रशर उद्योग बंद होने से जिले की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
•• दलित्रोद्यगस्य अवरुद्धात् मण्डलस्य अर्थव्यवस्थायाः दुर्गतिः अभवत्।
लेकिन खुशी इस बात की है कि जंगलों में रौनकें फिर से लौटने लगी हैं।
•• परन्तु वनेषु पुनः सुखस्य वातावरणं प्रत्यागन्तुम् आरब्धम् इति प्रसन्नतादायकविषयः अस्ति।
पहले चट्टानों को तोड़ने के लिए पहाड़ों में डायनामाईट से विस्फोट किया जाता था जिससे जंगली जीव भयाक्रांत होकर वन्य क्षेत्र से मध्यप्रदेश के जंगलों की ओर पलायन कर जाते थे।
•• पूर्वं पर्वतेषु शिलाभङ्गार्थं डायनामाइट इत्यस्य विष्फोटकपदार्थस्य उपयोगो भवति स्म यस्मात् कारणात् वन्यजीवाः भयभीताः भूत्वा वनक्षेत्रात् मध्यप्रदेशस्य वनेषु पलायन्ते स्म।
अब जब परिस्थिति अनुकूल हुई है, क्षेत्र में वन्यजीवों का आगमन तेजी से जारी है
••अधुना स्थितिः अनुकूला अभवत् तदा क्षेत्रे वन्यजीवानाम् आगमनं तीव्रगत्या निरन्तरं वर्तते।
रोहतास के जंगलों में कई जगह बाघों के पदचिन्ह और मल मिले हैं
•• रोहतासस्य वनेषु बहुषु स्थानेषु व्याघ्राणां पदचिह्नानि विष्ठानि च प्राप्तानि सन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 29, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
शब्दप्रकाराः। (śabdaprakārāḥ) In Sanskrit, there are various types of Word Classes. Let’s look at these in detail. There are five main word classes: 1. नामपदानि (nāmapadāni) i.e. Nouns, 2. सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) i.e. Pronouns, 3. विशेषणपदानि…
नामपदानि (nāmapadāni) – Nouns: These are words that name a particular person, animal, object, place, etc. Some examples are:
रमेशः (rameśaḥ) – Is the name of a boy.
भल्लूकः (bhallūkaḥ) – means ‘bear’ i.e. name of an animal.
पुस्तकम् (pustakam) – means ‘book’ i.e. name of an object.
गृहम् (gṛham) – means ‘home’ i.e. name of a place.
सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) – Pronouns: These are words which are used in the place of a noun to avoid unnecessary repetition. The pronoun-subject agreement is very important in Sanskrit. Whatever grammatical gender, grammatical number and case the subject has, the same must be true for the pronoun.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
रमेशः (rameśaḥ) – Is the name of a boy.
भल्लूकः (bhallūkaḥ) – means ‘bear’ i.e. name of an animal.
पुस्तकम् (pustakam) – means ‘book’ i.e. name of an object.
गृहम् (gṛham) – means ‘home’ i.e. name of a place.
सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) – Pronouns: These are words which are used in the place of a noun to avoid unnecessary repetition. The pronoun-subject agreement is very important in Sanskrit. Whatever grammatical gender, grammatical number and case the subject has, the same must be true for the pronoun.
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#sanskritlessons
September 29, 2023
September 29, 2023
🏫संस्कृतभारती उत्तरप्रदेशन्यासः, काशी एवञ्च श्रीगुरुकार्ष्णिविद्याभवनम्, काशी इत्यनयो: संयुक्ततत्त्वावधानेन आयोज्यमाना अखिलभारतीया शलाकापरीक्षा - २०२३-२०२४
🗓परीक्षादिनाङ्कः - फाल्गुनकृष्णप्रतिपदा, युगाब्द: 5125, (25/02/2024) रविवासर:
🏅पुरस्कारविवरणम्
🥇प्रथमपुरस्कारः - ₹ २०,०००/-
🥈द्वितीयपुरस्कारः - ₹ १५,०००/-
🥉तृतीयपुरस्कारः - ₹ १०,०००/-
👥 सम्पर्कसूत्रम्
प्रो. गोपबन्धुमिश्रः , प्रो. कृष्णकान्तशर्मा , प्रो. श्रीनिवासबरखेडी , प्रो. शिवशङ्करमिश्र:
📧 shalakapariksha@gmail.com
®पञ्जीकरणम् - https://www.samskritabharati.in/shalakapariksha अनेनैव करणीयम्।
📃परीक्षायाः नियमावली
*अमरकोष:- प्रथमवर्गे आरम्भतः सप्तमीं (1-7) कक्षां यावत्।
* अमरकोष:- द्वितीयवर्गे अष्टमीकक्षातः द्वादशीं (8-12) कक्षां यावत्।
* लघुसिद्धान्तकौमुदी-ग्रन्थ: केवलं मध्यमां/द्वादशीं कक्षां वा यावत् पठतां छात्राणां कृते।
* ये प्रतिभागिन: 2023 तमं वर्षं यावत् कस्मिन्नपि वर्षे यस्मिन्विषये प्रथमं स्थानं प्राप्तवन्त: ते तस्मिन्नेव विषये पुन: भागं स्वीकर्तुं नार्हन्ति।
*परीक्षार्थी निर्धारितविषयेषु कस्मिंश्चिद् एकस्मिन् एव विषये भागं ग्रहीतुं शक्नोति।
* अमरकोषं लघुसिद्धान्तकौमुदीं च विहाय अन्येषु विषयेषु शास्त्री–आचार्यकक्षयोः, बी.ए., एम.ए. तत्समकक्षयोः वा पठन्तः छात्राः भागं ग्रहीतुं शक्नुवन्ति। स्नातकोत्तरपरीक्षोत्तीर्णः छात्रः परीक्षार्थं नार्हः।
* परीक्षा त्रिषु चक्रेषु भविष्यति । प्रथमचक्रे स्मृतिपरीक्षा (ग्रन्थ: कण्ठस्थ: अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति, तत्र उत्तीर्ण: प्रतिभागी द्वितीयचक्रं प्रविशति। द्वितीयचक्रे शास्त्रपरीक्षा (शास्त्रस्य अर्थज्ञानम् अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति। द्वितीयचक्रे उत्तीर्ण: प्रतिभागी तृतीयचक्रे प्रवेष्टुम् अर्हति। तृतीयचक्रे विशिष्टपरीक्षा (शास्त्रस्य तात्पर्यादिज्ञानम् अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति।
* प्रतिभागिनः स्वविद्यालयात् / विभागात् परिचयपत्रं संस्तुतिपत्रं च अपेक्ष्यते ।
* यदि प्रतिभागी संस्थायाम् अध्ययनरतो नास्ति, गुरोः सविधे पठन् अस्ति तर्हि तेन स्वगुरोः सकाशाद् एकं प्रमाणपत्रं ग्राह्यं यत्र स्पष्टतया उल्लेखः स्यात् यत् सः कति वर्षाणि यावत् गुरोः सकाशे अध्ययनरतः अस्ति इति ।
* अमरकोषस्य परीक्षा चक्रद्वये भविष्यति। प्रथमचक्रे स्मृतिपरीक्षा, तत्र उत्तीर्णः प्रतिभागी द्वितीयचक्रं प्रविशति, द्वितीयचक्रे अर्थज्ञानादिपरीक्षा।
* एकस्माद् विद्यालयाद्/विभागाद् एकस्मिन् विषये/प्रतिविषयं द्वौ एव छात्रौ प्रतिभागिनौ भवितुम् अर्हत:।
* प्रतिभागिन: स्वविद्यालयात्/विभागात् परिचयपत्रं संस्तुतिपत्रं च अपेक्ष्यते ।
*यदि प्रतिभागी संस्थायाम् अध्ययनरतो नास्ति, गुरो: सविधे पठन् अस्ति तर्हि तेन स्वगुरो: सकाशाद् एकं प्रमाणपत्रं ग्राह्यं यत्र स्पष्टतया उल्लेख: स्यात् यत् स: कति वर्षाणि यावत् गुरो: सकाशे अध्ययनरत: अस्ति इति ।
* प्रथमचक्रे उत्तीर्णेभ्य: सर्वेभ्य: प्रोत्साहनपुरस्कारः दीयते।
🏢परीक्षास्थलम्
श्रीउदासीन-कार्ष्णि-आश्रम:, श्रीरमणरेती-धाम, गोकुलम् , महावनम्, मथुरा, उत्तरप्रदेश: (वृन्दावनात् नातिदूरम्)।
*परीक्षास्थले परीक्षाया: पूर्वदिवसस्य अनन्तरदिवसस्य च आवासभोजन-व्यवस्था भविष्यति । दूराद् आगतै: प्रतिभागिभि: परीक्षाया अपरस्मिन् (26/02/2024) दिवसे प्रस्थातव्यम्, न तु परीक्षादिवसे ।
पञ्जीकरणम्– अन्तर्जाल– (https://samskritabharati.in/shalakapariksha) माध्यमेनैव करणीयम्
* पञ्जीकरणस्य अन्तिमा तिथि: 25/01/2024 भविष्यति ।
* उत्तीर्णा: सप्रमाणपत्रं पुरस्करिष्यन्ते ।
* निर्णायकानां निर्णय: अन्तिमो भविष्यति।
🗓परीक्षादिनाङ्कः - फाल्गुनकृष्णप्रतिपदा, युगाब्द: 5125, (25/02/2024) रविवासर:
🏅पुरस्कारविवरणम्
🥇प्रथमपुरस्कारः - ₹ २०,०००/-
🥈द्वितीयपुरस्कारः - ₹ १५,०००/-
🥉तृतीयपुरस्कारः - ₹ १०,०००/-
👥 सम्पर्कसूत्रम्
प्रो. गोपबन्धुमिश्रः , प्रो. कृष्णकान्तशर्मा , प्रो. श्रीनिवासबरखेडी , प्रो. शिवशङ्करमिश्र:
📧 shalakapariksha@gmail.com
®पञ्जीकरणम् - https://www.samskritabharati.in/shalakapariksha अनेनैव करणीयम्।
📃परीक्षायाः नियमावली
*अमरकोष:- प्रथमवर्गे आरम्भतः सप्तमीं (1-7) कक्षां यावत्।
* अमरकोष:- द्वितीयवर्गे अष्टमीकक्षातः द्वादशीं (8-12) कक्षां यावत्।
* लघुसिद्धान्तकौमुदी-ग्रन्थ: केवलं मध्यमां/द्वादशीं कक्षां वा यावत् पठतां छात्राणां कृते।
* ये प्रतिभागिन: 2023 तमं वर्षं यावत् कस्मिन्नपि वर्षे यस्मिन्विषये प्रथमं स्थानं प्राप्तवन्त: ते तस्मिन्नेव विषये पुन: भागं स्वीकर्तुं नार्हन्ति।
*परीक्षार्थी निर्धारितविषयेषु कस्मिंश्चिद् एकस्मिन् एव विषये भागं ग्रहीतुं शक्नोति।
* अमरकोषं लघुसिद्धान्तकौमुदीं च विहाय अन्येषु विषयेषु शास्त्री–आचार्यकक्षयोः, बी.ए., एम.ए. तत्समकक्षयोः वा पठन्तः छात्राः भागं ग्रहीतुं शक्नुवन्ति। स्नातकोत्तरपरीक्षोत्तीर्णः छात्रः परीक्षार्थं नार्हः।
* परीक्षा त्रिषु चक्रेषु भविष्यति । प्रथमचक्रे स्मृतिपरीक्षा (ग्रन्थ: कण्ठस्थ: अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति, तत्र उत्तीर्ण: प्रतिभागी द्वितीयचक्रं प्रविशति। द्वितीयचक्रे शास्त्रपरीक्षा (शास्त्रस्य अर्थज्ञानम् अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति। द्वितीयचक्रे उत्तीर्ण: प्रतिभागी तृतीयचक्रे प्रवेष्टुम् अर्हति। तृतीयचक्रे विशिष्टपरीक्षा (शास्त्रस्य तात्पर्यादिज्ञानम् अस्ति न वेति परीक्षा) भविष्यति।
* प्रतिभागिनः स्वविद्यालयात् / विभागात् परिचयपत्रं संस्तुतिपत्रं च अपेक्ष्यते ।
* यदि प्रतिभागी संस्थायाम् अध्ययनरतो नास्ति, गुरोः सविधे पठन् अस्ति तर्हि तेन स्वगुरोः सकाशाद् एकं प्रमाणपत्रं ग्राह्यं यत्र स्पष्टतया उल्लेखः स्यात् यत् सः कति वर्षाणि यावत् गुरोः सकाशे अध्ययनरतः अस्ति इति ।
* अमरकोषस्य परीक्षा चक्रद्वये भविष्यति। प्रथमचक्रे स्मृतिपरीक्षा, तत्र उत्तीर्णः प्रतिभागी द्वितीयचक्रं प्रविशति, द्वितीयचक्रे अर्थज्ञानादिपरीक्षा।
* एकस्माद् विद्यालयाद्/विभागाद् एकस्मिन् विषये/प्रतिविषयं द्वौ एव छात्रौ प्रतिभागिनौ भवितुम् अर्हत:।
* प्रतिभागिन: स्वविद्यालयात्/विभागात् परिचयपत्रं संस्तुतिपत्रं च अपेक्ष्यते ।
*यदि प्रतिभागी संस्थायाम् अध्ययनरतो नास्ति, गुरो: सविधे पठन् अस्ति तर्हि तेन स्वगुरो: सकाशाद् एकं प्रमाणपत्रं ग्राह्यं यत्र स्पष्टतया उल्लेख: स्यात् यत् स: कति वर्षाणि यावत् गुरो: सकाशे अध्ययनरत: अस्ति इति ।
* प्रथमचक्रे उत्तीर्णेभ्य: सर्वेभ्य: प्रोत्साहनपुरस्कारः दीयते।
🏢परीक्षास्थलम्
श्रीउदासीन-कार्ष्णि-आश्रम:, श्रीरमणरेती-धाम, गोकुलम् , महावनम्, मथुरा, उत्तरप्रदेश: (वृन्दावनात् नातिदूरम्)।
*परीक्षास्थले परीक्षाया: पूर्वदिवसस्य अनन्तरदिवसस्य च आवासभोजन-व्यवस्था भविष्यति । दूराद् आगतै: प्रतिभागिभि: परीक्षाया अपरस्मिन् (26/02/2024) दिवसे प्रस्थातव्यम्, न तु परीक्षादिवसे ।
पञ्जीकरणम्– अन्तर्जाल– (https://samskritabharati.in/shalakapariksha) माध्यमेनैव करणीयम्
* पञ्जीकरणस्य अन्तिमा तिथि: 25/01/2024 भविष्यति ।
* उत्तीर्णा: सप्रमाणपत्रं पुरस्करिष्यन्ते ।
* निर्णायकानां निर्णय: अन्तिमो भविष्यति।
www.samskritabharati.in
Samskrita Bharati Shalaka Pariksha
Our Mission: Reviving a language, rejuvenating a culture, rebuilding a nation that is Bharat!
Samskrita Bharati (founded 1981) is a movement for the continuing protection, development and propagation of the Sanskritam language as well as the literature, tradition…
Samskrita Bharati (founded 1981) is a movement for the continuing protection, development and propagation of the Sanskritam language as well as the literature, tradition…
September 29, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - महिलाक्रान्तिकारिण्यः
🗓३०/०९/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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September 29, 2023
September 29, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 12:21 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 30 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 09:08 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - ध्रुव शाम 04:27 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:28
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वितीया का श्राद्ध
#Subhashitam
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 12:21 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 30 सितम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 09:08 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - ध्रुव शाम 04:27 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 09:30 से 11:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:28
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वितीया का श्राद्ध
#Subhashitam
September 29, 2023
September 29, 2023
September 29, 2023
September 29, 2023
Kalidas Samaroh Broser 2023 -English.pdf
2.1 MB
कालिदास समारोह के लिए विज्ञप्ति
इस वर्ष 23 से 29 नवम्बर, 2023 के दिनों में, महाकालेश्वर के उज्जयिनी धाम में "कालिदास समारोह " का आयोजन हो रहा है । प्रतिवर्ष आयोजित हो रहे इस बहु आयामी समारोह में - 1. शोधपत्र वाचन, 2. संस्कृत नाटकों का मंचन, 3. नृत्य, गीत के कार्यक्रम, 4. कालिदास साहित्य की किसी एक कृति पर आधारित चित्र-वीथिकाएँ ( राष्ट्रिय स्पर्धात्मक चित्र प्रदर्शनी ),
5. सायंकाल में पंडित सूर्यनारायण व्यास-स्मृति व्याख्यान माला, 6. कोलेज एवं युनिवर्सिटी विभाग के छात्रों के लिए कालिदास पर केन्द्रित राष्ट्रिय वक्तृत्व स्पर्धा, ( ढेर सारे पारितोषिक अर्पण ), मध्यप्रदेश की कोलेज के छात्रों के लिए कालिदास के पद्यों के गान की स्पर्धा का आयोजन इत्यादि ।।
सभी स्तर के कालिदासानुरागियों को सादर आमन्त्रण है । ( भोजन-निवास की व्यवस्था विक्रम युनिवर्सिटी, उज्जैन के द्वारा प्रदान की जायेगी । ) इसीके साथ मध्यप्रदेश संस्कृति मन्त्रालय द्वारा संचालित "कालिदास अकादमी " के भी कार्यक्रम संमिलित रहतें हैं ।।
सम्पर्क आदि के लिए संलग्न ब्रोशर देखने का कष्ट करें ऐसी प्रार्थना है ।।
इस वर्ष 23 से 29 नवम्बर, 2023 के दिनों में, महाकालेश्वर के उज्जयिनी धाम में "कालिदास समारोह " का आयोजन हो रहा है । प्रतिवर्ष आयोजित हो रहे इस बहु आयामी समारोह में - 1. शोधपत्र वाचन, 2. संस्कृत नाटकों का मंचन, 3. नृत्य, गीत के कार्यक्रम, 4. कालिदास साहित्य की किसी एक कृति पर आधारित चित्र-वीथिकाएँ ( राष्ट्रिय स्पर्धात्मक चित्र प्रदर्शनी ),
5. सायंकाल में पंडित सूर्यनारायण व्यास-स्मृति व्याख्यान माला, 6. कोलेज एवं युनिवर्सिटी विभाग के छात्रों के लिए कालिदास पर केन्द्रित राष्ट्रिय वक्तृत्व स्पर्धा, ( ढेर सारे पारितोषिक अर्पण ), मध्यप्रदेश की कोलेज के छात्रों के लिए कालिदास के पद्यों के गान की स्पर्धा का आयोजन इत्यादि ।।
सभी स्तर के कालिदासानुरागियों को सादर आमन्त्रण है । ( भोजन-निवास की व्यवस्था विक्रम युनिवर्सिटी, उज्जैन के द्वारा प्रदान की जायेगी । ) इसीके साथ मध्यप्रदेश संस्कृति मन्त्रालय द्वारा संचालित "कालिदास अकादमी " के भी कार्यक्रम संमिलित रहतें हैं ।।
सम्पर्क आदि के लिए संलग्न ब्रोशर देखने का कष्ट करें ऐसी प्रार्थना है ।।
September 29, 2023
September 29, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
महिलाक्रान्तिकारिण्यः
#samlapshala
#samlapshala
September 29, 2023
🍃
🔆अन्यजनानां निन्दायां पाण्डित्यं स्वस्य कार्येषु आलस्यं गुणवत्सु जनेषु द्वेषः एते त्रयः मार्गाः क्लेशकारकाः भवन्ति।
⚜दूसरों की निंदा करने में पाण्डित्य (चतुरता), अपने कार्यों में आलस्य तथा गुणी व गुणज्ञ व्यक्तियों से द्वेष, ये तीन विपत्तियों के मार्ग है।।
#Subhashitam
परनिन्दासु पाण्डित्यं स्वेषु कार्येष्वनुद्यमः।
प्रद्वेषश्च गुणज्ञेषु पन्थानो ह्यापदां त्रयः
।।🔆अन्यजनानां निन्दायां पाण्डित्यं स्वस्य कार्येषु आलस्यं गुणवत्सु जनेषु द्वेषः एते त्रयः मार्गाः क्लेशकारकाः भवन्ति।
⚜दूसरों की निंदा करने में पाण्डित्य (चतुरता), अपने कार्यों में आलस्य तथा गुणी व गुणज्ञ व्यक्तियों से द्वेष, ये तीन विपत्तियों के मार्ग है।।
#Subhashitam
September 29, 2023
रामो द्विर्नाभिभाषते।
क्रियापदेन सह कः उपसर्गः प्रयुक्तः।
क्रियापदेन सह कः उपसर्गः प्रयुक्तः।
Anonymous Quiz
8%
आ
84%
अभि
7%
नाभि
2%
रभि
September 30, 2023
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September 30, 2023
September 30, 2023
National Seminar on "Contemporary Research Trends in Sanskrit Shastras and Manuscript Studies" organised by the Dept. of Research and Publications, National Sanskrit University, Tirupati which is going to be held from 5th to 7th October, 2023.
Registratio Guide-Line
Registration Fees for students: Rs. 500/- Registration Fees for Teachers/Others: Rs. 700/- Last Date for Registration: 02.10.2023
Contact us - 8247678548
Registratio Guide-Line
Registration Fees for students: Rs. 500/- Registration Fees for Teachers/Others: Rs. 700/- Last Date for Registration: 02.10.2023
Contact us - 8247678548
September 30, 2023
✨ Join the exclusive Spoken Sanskrit Classes conducted by Nityam Sanskrit and witness a new era unfold before your eyes.
Here's what you can expect:
📚 Engaging daily classes for a month, starting from October 7th (English medium).
💰 Unbelievably low admission fees of just ₹11, with a nominal ₹100 payable upon completing the classes.
🕒 Open to learners aged 8 to 80, because it's never too late to learn!
⏰ Mandatory daily attendance at 5PM IST to keep you on track and committed.
🧑🏫 Individual sessions with our esteemed teacher after each class, ensuring personalized attention.
But hurry, as we can only accommodate 15 students in this enchanting program. Don't miss this opportunity! Click the link below to reserve your spot now. 👇
bit.ly/3tc5Sh5
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Google Docs
Nityam Spoken Sanskritam Classes
The Course starts on October 7, 2023.
Course Duration: 1 Month
Class Timing: 5pm IST everyday
Medium of Instruction: English
Course Fees: ₹111
Send admission fees ₹11 to the UPI ID: fistertrompy@oksbi
For any questions whatsapp me:
Prashant
+917589315223
Course Duration: 1 Month
Class Timing: 5pm IST everyday
Medium of Instruction: English
Course Fees: ₹111
Send admission fees ₹11 to the UPI ID: fistertrompy@oksbi
For any questions whatsapp me:
Prashant
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September 30, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
कहर में मानवीय क्रूरता •• विनाशकाले मानवस्य क्रूरत्वम् रोहतास की पहाड़ियाँ लम्बे समय के बाद विगत दो-ढाई वर्षों से वन्यजीवों से गुलज़ार है। ••रोहतासस्य पर्वतीयस्थला: दीर्घकालानन्तरं विगतसार्धद्विवर्षेभ्यः वन्यजीवैः सुशोभिता: सन्ति। 'कैमूर वन्यजीव अभयारण्य'…
वन विभाग की टीम ने अभी हाल हीं में बाघों के चहलकदमी को कैमरे में कैद किया है।
•• वनविभागस्य दलेन अद्यैव व्याघ्राणां परिभ्रमणं चित्रग्राहिण्यां गृहीतम् अस्ति।
लाॅकडाउन के बाद क्षेत्र के वातावरण में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
••गमनागमनावरोधानन्तरं पर्यावरणे प्रगति: स्पष्टतया अदृश्यत।
सासाराम शहर का AQI ( Air Quality Index ) लाॅकडाउन से पहले 200 के पार था जो कि अब 55 के आस पास पहुँच गया है
••सासारामनगरस्य वायु-गुणवत्ता-
सूचकांक: गमनागमनावरोधात् पूर्वं द्विशतात् अधिकम् आसीत् यत् अधुना पञ्चपञ्चाशत् परिमितं यावत् अभवत्
ग्रामीण क्षेत्रों में, वातावरण में आए बदलाव और मानुषिक आवागमन में कमी के कारण जंगली जीवों का झुंड सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बधारों में विचरण करने लगा है
•• ग्राम्यक्षेत्रेषु पर्यावरणपरिवर्तनात् तथा मनुष्याणाम् गमनागमनस्य न्यूनत्वात् वन्यपशूनां समूहा: सुदूरग्राम्यक्षेत्रस्य तटं प्रति गन्तुमारब्धा: सन्ति।
लेकिन मनुष्य की विध्वंसक प्रवृत्ति और मानवीय क्रूरता की पराकाष्ठा तो देखिए
•• परन्तु मनुष्यस्य विध्वंसकप्रवृत्तिं मानवक्रूरत्वस्य च पराकाष्ठां तु पश्यन्तु।
परसों मेरे प्रखण्ड के एक सीमावर्ती गाँव के बधार में अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के "काला हिरण" का झुंड सहज विचरण कर रहा था, तभी स्थानीय थाना के चालक ने एक हिरण को गोली मार दिया! खून से लथपथ हिरण का सींग उखाड़ लिया
•• परह्य: मम प्रखण्डस्य एकस्मिन् सीमान्तग्रामे बधारे अतीव दुर्लभजातीनां कृष्णसाराणां समूहः स्वतन्त्रतया भ्रमति स्म तदैव स्थानीयारक्षकस्थानस्य चालकः एकं मृगं भुशुण्डयाघातं कृत्वा रक्तसिक्तं मृगशृङ्गम् उत्खनितवान्।
लेकिन ग्रामीणों ने चालक को दौड़ा कर पकड़ लिया और अच्छी धुलाई की है।
••परन्तु ग्रामीणाः चालकस्य अनुधावनं कृत्वा भृशं ताडनं कृतवन्त:।
मामला डी एफ ओ के संज्ञान में आने के बाद चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब दो फुट लम्बे सींग को भी बरामद कर लिया गया है।
••डीएफओ इत्यस्य संज्ञानं प्राप्तात् अनन्तरं चालकः निगृहीतोऽस्ति तथा च अनुमानत: द्वि-पादो दीर्घः शृङ्गोऽपि प्राप्तः अस्ति।
लम्बे अर्से बाद धरती फिर से जीवन के अनुकूल होने लगी है। लेकिन मनुष्य तुम्हारी क्रूरता का अंत कब होगा!?!
•• चिरकालानन्तरं पृथिवी पुनः जीवनाय अनुकूला भवितुमारब्धा अस्ति। परन्तु हे मनुष्य!तव क्रूरतायाः समाप्तिः कदा भविष्यति!?!
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• वनविभागस्य दलेन अद्यैव व्याघ्राणां परिभ्रमणं चित्रग्राहिण्यां गृहीतम् अस्ति।
लाॅकडाउन के बाद क्षेत्र के वातावरण में सुधार स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
••गमनागमनावरोधानन्तरं पर्यावरणे प्रगति: स्पष्टतया अदृश्यत।
सासाराम शहर का AQI ( Air Quality Index ) लाॅकडाउन से पहले 200 के पार था जो कि अब 55 के आस पास पहुँच गया है
••सासारामनगरस्य वायु-गुणवत्ता-
सूचकांक: गमनागमनावरोधात् पूर्वं द्विशतात् अधिकम् आसीत् यत् अधुना पञ्चपञ्चाशत् परिमितं यावत् अभवत्
ग्रामीण क्षेत्रों में, वातावरण में आए बदलाव और मानुषिक आवागमन में कमी के कारण जंगली जीवों का झुंड सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बधारों में विचरण करने लगा है
•• ग्राम्यक्षेत्रेषु पर्यावरणपरिवर्तनात् तथा मनुष्याणाम् गमनागमनस्य न्यूनत्वात् वन्यपशूनां समूहा: सुदूरग्राम्यक्षेत्रस्य तटं प्रति गन्तुमारब्धा: सन्ति।
लेकिन मनुष्य की विध्वंसक प्रवृत्ति और मानवीय क्रूरता की पराकाष्ठा तो देखिए
•• परन्तु मनुष्यस्य विध्वंसकप्रवृत्तिं मानवक्रूरत्वस्य च पराकाष्ठां तु पश्यन्तु।
परसों मेरे प्रखण्ड के एक सीमावर्ती गाँव के बधार में अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के "काला हिरण" का झुंड सहज विचरण कर रहा था, तभी स्थानीय थाना के चालक ने एक हिरण को गोली मार दिया! खून से लथपथ हिरण का सींग उखाड़ लिया
•• परह्य: मम प्रखण्डस्य एकस्मिन् सीमान्तग्रामे बधारे अतीव दुर्लभजातीनां कृष्णसाराणां समूहः स्वतन्त्रतया भ्रमति स्म तदैव स्थानीयारक्षकस्थानस्य चालकः एकं मृगं भुशुण्डयाघातं कृत्वा रक्तसिक्तं मृगशृङ्गम् उत्खनितवान्।
लेकिन ग्रामीणों ने चालक को दौड़ा कर पकड़ लिया और अच्छी धुलाई की है।
••परन्तु ग्रामीणाः चालकस्य अनुधावनं कृत्वा भृशं ताडनं कृतवन्त:।
मामला डी एफ ओ के संज्ञान में आने के बाद चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और करीब दो फुट लम्बे सींग को भी बरामद कर लिया गया है।
••डीएफओ इत्यस्य संज्ञानं प्राप्तात् अनन्तरं चालकः निगृहीतोऽस्ति तथा च अनुमानत: द्वि-पादो दीर्घः शृङ्गोऽपि प्राप्तः अस्ति।
लम्बे अर्से बाद धरती फिर से जीवन के अनुकूल होने लगी है। लेकिन मनुष्य तुम्हारी क्रूरता का अंत कब होगा!?!
•• चिरकालानन्तरं पृथिवी पुनः जीवनाय अनुकूला भवितुमारब्धा अस्ति। परन्तु हे मनुष्य!तव क्रूरतायाः समाप्तिः कदा भविष्यति!?!
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
September 30, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
नामपदानि (nāmapadāni) – Nouns: These are words that name a particular person, animal, object, place, etc. Some examples are: रमेशः (rameśaḥ) – Is the name of a boy. भल्लूकः (bhallūkaḥ) – means ‘bear’ i.e. name of an animal. पुस्तकम् (pustakam) – means…
वानरः कूर्दति। (vānaraḥ kūrdati।) सः कूर्दति। (saḥ kūrdati।): The first sentence means, “The monkey is jumping”. and the second sentence means, “He is jumping”.
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (masculine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।) सा पाठयति। (sā pāṭhayati।): The first sentence means, “The teacher is teaching”. and the second sentence means “She is teaching”.
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (feminine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
पुस्तकं पतति। (pustakaṃ patati।) तत् पतति। (tat patati।): The first sentence means, “The book is falling”. and the second sentence means “It is falling”.
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (neuter), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (masculine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।) सा पाठयति। (sā pāṭhayati।): The first sentence means, “The teacher is teaching”. and the second sentence means “She is teaching”.
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (feminine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
पुस्तकं पतति। (pustakaṃ patati।) तत् पतति। (tat patati।): The first sentence means, “The book is falling”. and the second sentence means “It is falling”.
In this example, the pronoun has the same grammatical gender (neuter), grammatical number (singular) and case (nominative) and is replacing the noun.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
September 30, 2023
“dimutkarunaratne sadheerassamaravikramah' .
nissankaa kushalah' teekshnah' madhushankaa dhananjayah'”
“Where is this shloka quoted from and what's the meaning, Sir?”
“A Shloka? No, It's the list of names of the players of Shrilankan team”
#hasya
nissankaa kushalah' teekshnah' madhushankaa dhananjayah'”
“Where is this shloka quoted from and what's the meaning, Sir?”
“A Shloka? No, It's the list of names of the players of Shrilankan team”
#hasya
September 30, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - खालिस्तानम्
🗓०१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (खालिस्तानस्य याचना किमर्थं भवति एतस्य परिहारः च कः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - खालिस्तानम्
🗓०१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (खालिस्तानस्य याचना किमर्थं भवति एतस्य परिहारः च कः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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September 30, 2023
🌟 Exciting Announcement! 📢
We're thrilled to share that we're now on Instagram! 📸✨ Follow us there to stay updated with regular Sanskrit messages, hilarious memes, inspiring quotes, and more.
💙 We want to express our heartfelt gratitude for your incredible support on this journey. Your encouragement means the world to us.
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अब हम इंस्टाग्राम पर भी उपलब्ध हैं। 📸✨
कृपया नियमित संस्कृत सन्देश, हास्यकणिका, सूक्ति आदि के लिए हमें फॉलो करें।
💙 अब तक आपके समर्थन के लिए हार्दिक आभार।
🔗 Instagram पर हमें देखें: https://instagram.com/_samvadah_?igshid=OGQ5ZDc2ODk2ZA==
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September 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया सुबह 09:41 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 01 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 07:27 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - व्याघात दोपहर 01:14 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - शाम 04:58 से 06:27 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:27
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - तृतीया का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ विक्रम संवत् - 2080
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⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
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⛅ योग - व्याघात दोपहर 01:14 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - शाम 04:58 से 06:27 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:27
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - तृतीया का श्राद्ध
September 30, 2023
September 30, 2023
September 30, 2023
सन्माननीया वैयाकरणा:।
अष्टमदिने भानुवासरे भाद्रपदमासस्य कृष्णनवम्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य दशमी परिषत् संपत्स्यते।
अत्रभवतां वैयाकरणानां समुपस्थिति: परिषदमिमां समलंकुर्यात्।
विस्तरेण सूचयिष्यामि।
सभासाधनम्
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
अष्टमदिने भानुवासरे भाद्रपदमासस्य कृष्णनवम्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य दशमी परिषत् संपत्स्यते।
अत्रभवतां वैयाकरणानां समुपस्थिति: परिषदमिमां समलंकुर्यात्।
विस्तरेण सूचयिष्यामि।
सभासाधनम्
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September 30, 2023
September 30, 2023
September 30, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#sanskrit | #specialconversation | #danceperformance
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service…
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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September 30, 2023
September 30, 2023
🍃
🔆दन्ताः गताः केशाः श्वेताः जाताः वाणी च वारं वारं अवरुद्ध भवति।
मरणप्रायं जीर्णकायशरीरं तथापि तृष्णा (विषयभोगेच्छा) न त्यजति।
⚜दांत गिर गये है, बाल सफेद हो गये है,वाणी भी एक एक शब्द बोलने के बाद रुक जाती है किंतु गिरने को तैयार इस शरीर को फिर भी तृष्णा(विषयोपभोग की इच्छा) नहीं छोड़ रही हैं, तृष्णा अन्तहीन है।
#Subhashitam
च्युता दन्ताः सिताः केशा वाङ्निरोधः पदे पदे!
पातसज्जमिमं देहं तृष्णा साध्वी न मुञ्चति
।। 🔆दन्ताः गताः केशाः श्वेताः जाताः वाणी च वारं वारं अवरुद्ध भवति।
मरणप्रायं जीर्णकायशरीरं तथापि तृष्णा (विषयभोगेच्छा) न त्यजति।
⚜दांत गिर गये है, बाल सफेद हो गये है,वाणी भी एक एक शब्द बोलने के बाद रुक जाती है किंतु गिरने को तैयार इस शरीर को फिर भी तृष्णा(विषयोपभोग की इच्छा) नहीं छोड़ रही हैं, तृष्णा अन्तहीन है।
#Subhashitam
September 30, 2023
भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।
वाक्ये प्रतिष्ठाशब्दस्य लिङ्गं किम्।
वाक्ये प्रतिष्ठाशब्दस्य लिङ्गं किम्।
Anonymous Quiz
30%
नपुंसकलिङ्गम्
53%
स्त्रीलिङ्गम्
17%
पुल्लिङ्गम्
October 1, 2023
October 1, 2023
NCERT Sanskrit Course Textbooks
October 1, 2023
एक वन में बहुत बड़ा अजगर रहता था।वह बहुत अभिमानी और अत्यन्त क्रूर था।जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे डरकर भाग खड़े होते।उसका मुंह इतना विकराल था कि खरगोश तक को निगल जाता था।एक बार अजगर शिकार की तलाश में घूम रहा था।
•• एकस्मिन् वने एको विशालकाय: शयु: निवसति स्म।स: अतीव अहङ्कारी निर्दय: च आसीत्।यदा स स्वविवराद् निर्गच्छति स्म,तदा सर्वे जीवा: तस्माद् भीत्वा पलायन्ते स्म।तस्य मुखम् एतावद् बृहदासीत् यत् स शशकमपि गिरति स्म।एकदा स मृगयान्वेषणार्थं भ्रमति स्म।
सारे जीव तो उसे बिल से निकलते देखकर ही भाग चुके थे।उसे कुछ न मिला तो वह क्रोधित होकर फुफकारने लगा और इधर-उधर खाक छानने लगा। वहीं निकट में एक हिरणी अपने नवजात शिशु को पत्तियों के ढेर के नीचे छिपाकर स्वयं भोजन की तलाश में दूर निकल गई थी।
अजगर की फुफकार से सूखी पत्तियां उडने लगी और हिरणी का बच्चा नजर आने लगा। अजगर की नजर उस पर पड़ी ।हिरणी का बच्चा उस भयानक जीव को देखकर इतना डर गया कि उसके मुंह से चीख तक न निकल पाई।
••सर्वे जीवा: तु तस्य विवरात् निर्गमनं दृष्ट्वैव पलायितवन्त: आसन्।तेन किमपि न प्राप्तं चेत् स क्रोधितो भूत्वा फुत्कर्तुमारभत तथा इतस्तत: मृगयान्वेषणार्थं प्रयासं कर्तुमारभत।तत्रैव समीपे एका हरिणी स्वनवजातं शिशुं पत्राणां सङ्ग्रहस्य अध: गूहयित्वा स्वयं भोजनान्वेषणार्थं दूरं निर्गतवती।शयो: फुत्करेण शुष्कपत्राणि उड्डयितुमारभन्त तथा मृगशावको दृष्टिगोचरोऽभवत्। शयो: दृष्टि: तस्मिन् पतिता। मृगशावक: तं भयङ्करं जन्तुं दृष्ट्वा एतावद् भीतोऽभवत् यत् स स्वमुखात् चीत्कारमपि नाशक्नोत्।
अजगर ने देखते-ही-देखते नवजात हिरण के बच्चे को निगल लिया।तब तक हिरणी भी लौट आई थी, पर वह क्या करती?आंखों में आंसू भर जड होकर दूर से अपने बच्चे को काल का ग्रास बनते देखती रही।हिरणी के शोक की का ठिकाना न रहा।उसने किसी न किसी तरह अजगर से बदला लेने की ठान ली।हिरणी की एक नेवले से दोस्ती थी।शोक में डूबी हिरणी अपने मित्र नेवले के पास गई और रो-रोकर उसे अपनी दुखभरी कथा सुनाई।
•• शयु: हरिण्या: सम्मुखे एव अकस्माद् नवजातं मृगशावकम् अगिरत्।तावत् हरिणी अपि प्रत्यागच्छत्, परन्तु तदानीं सा किं कर्तुं शक्नोति स्म? नयनयोः अश्रुपूरिता जडीभूय दूरादेव स्वशावकं कालकवलीगच्छतः पश्यन्ती एवातिष्ठत्।हरिण्या: शोक: असीम: आसीत्। सा येन केन प्रकारेण शयो: प्रतिशोधस्य दृढनिश्चयं कृतवती।हरिण्या मित्रता एकेन नकुलेन सह आसीत्।शोकमग्ना हरिणी स्वमित्रं नकुलं निकषा गत्वा रुदन्ती स्वशोककथां श्रावितवती।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• एकस्मिन् वने एको विशालकाय: शयु: निवसति स्म।स: अतीव अहङ्कारी निर्दय: च आसीत्।यदा स स्वविवराद् निर्गच्छति स्म,तदा सर्वे जीवा: तस्माद् भीत्वा पलायन्ते स्म।तस्य मुखम् एतावद् बृहदासीत् यत् स शशकमपि गिरति स्म।एकदा स मृगयान्वेषणार्थं भ्रमति स्म।
सारे जीव तो उसे बिल से निकलते देखकर ही भाग चुके थे।उसे कुछ न मिला तो वह क्रोधित होकर फुफकारने लगा और इधर-उधर खाक छानने लगा। वहीं निकट में एक हिरणी अपने नवजात शिशु को पत्तियों के ढेर के नीचे छिपाकर स्वयं भोजन की तलाश में दूर निकल गई थी।
अजगर की फुफकार से सूखी पत्तियां उडने लगी और हिरणी का बच्चा नजर आने लगा। अजगर की नजर उस पर पड़ी ।हिरणी का बच्चा उस भयानक जीव को देखकर इतना डर गया कि उसके मुंह से चीख तक न निकल पाई।
••सर्वे जीवा: तु तस्य विवरात् निर्गमनं दृष्ट्वैव पलायितवन्त: आसन्।तेन किमपि न प्राप्तं चेत् स क्रोधितो भूत्वा फुत्कर्तुमारभत तथा इतस्तत: मृगयान्वेषणार्थं प्रयासं कर्तुमारभत।तत्रैव समीपे एका हरिणी स्वनवजातं शिशुं पत्राणां सङ्ग्रहस्य अध: गूहयित्वा स्वयं भोजनान्वेषणार्थं दूरं निर्गतवती।शयो: फुत्करेण शुष्कपत्राणि उड्डयितुमारभन्त तथा मृगशावको दृष्टिगोचरोऽभवत्। शयो: दृष्टि: तस्मिन् पतिता। मृगशावक: तं भयङ्करं जन्तुं दृष्ट्वा एतावद् भीतोऽभवत् यत् स स्वमुखात् चीत्कारमपि नाशक्नोत्।
अजगर ने देखते-ही-देखते नवजात हिरण के बच्चे को निगल लिया।तब तक हिरणी भी लौट आई थी, पर वह क्या करती?आंखों में आंसू भर जड होकर दूर से अपने बच्चे को काल का ग्रास बनते देखती रही।हिरणी के शोक की का ठिकाना न रहा।उसने किसी न किसी तरह अजगर से बदला लेने की ठान ली।हिरणी की एक नेवले से दोस्ती थी।शोक में डूबी हिरणी अपने मित्र नेवले के पास गई और रो-रोकर उसे अपनी दुखभरी कथा सुनाई।
•• शयु: हरिण्या: सम्मुखे एव अकस्माद् नवजातं मृगशावकम् अगिरत्।तावत् हरिणी अपि प्रत्यागच्छत्, परन्तु तदानीं सा किं कर्तुं शक्नोति स्म? नयनयोः अश्रुपूरिता जडीभूय दूरादेव स्वशावकं कालकवलीगच्छतः पश्यन्ती एवातिष्ठत्।हरिण्या: शोक: असीम: आसीत्। सा येन केन प्रकारेण शयो: प्रतिशोधस्य दृढनिश्चयं कृतवती।हरिण्या मित्रता एकेन नकुलेन सह आसीत्।शोकमग्ना हरिणी स्वमित्रं नकुलं निकषा गत्वा रुदन्ती स्वशोककथां श्रावितवती।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 1, 2023
विशेषणपदानि (viśeṣaṇapadāni) – Adjectives: These are words which describe a noun and give more information about it. The subject-adjective agreement is very important in Sanskrit. Whatever grammatical gender, grammatical number and case the subject has, the same must be true for the adjective. A few examples are given below:
बुद्धिमान् छात्रः पठति। (buddhimān chātraḥ paṭhati।): This means, “The intelligent student is studying”. Here, the adjective has the same grammatical gender (masculine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
उत्तमा लेखिका पुस्तकानि लिखति। (uttamā lekhikā pustakāni likhati।): This means, “The good authoress writes many books”. Here, the adjective has the same grammatical gender (feminine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
सुन्दरं पुष्पं विकसति। (sundaraṃ puṣpaṃ vikasati।): This means, “The beautiful flower is blooming”. Here, the adjective has the same grammatical gender (neuter), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
बुद्धिमान् छात्रः पठति। (buddhimān chātraḥ paṭhati।): This means, “The intelligent student is studying”. Here, the adjective has the same grammatical gender (masculine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
उत्तमा लेखिका पुस्तकानि लिखति। (uttamā lekhikā pustakāni likhati।): This means, “The good authoress writes many books”. Here, the adjective has the same grammatical gender (feminine), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
सुन्दरं पुष्पं विकसति। (sundaraṃ puṣpaṃ vikasati।): This means, “The beautiful flower is blooming”. Here, the adjective has the same grammatical gender (neuter), grammatical number (singular) and case (nominative) and is describing the noun.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 1, 2023
October 1, 2023
October 1, 2023
*भगवद्गीतया सह जागरणम्*
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - ०२-१०-२०२३
दिवस: - सोमवासर:
व्याख्यानम् - श्रीमद्भगवद्गीतायां सांख्योक्तजड़तत्त्वस्वरूपम्
संयोजनम् (5:30- 5:32) :
श्रीजयराममिश्र:
5:32-5:35 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीनारायणनम्वूदिरि
5:35 - 6:20 AM (व्याख्यानम्): प्रो.प्रलयकुमारनन्द:
6:20 - 6:26 (अध्यक्षभाषणम्) : प्रो.प्यारीमोहनपट्टनायक:
6:26-6:29(धन्यवादार्पणम्) : श्रीकैलाशचन्द्रनन्द:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
आयोजक: - स्वामीविवेकानन्दलोकसंसद: स्वाध्यायविभाग:
दिनांक: - ०२-१०-२०२३
दिवस: - सोमवासर:
व्याख्यानम् - श्रीमद्भगवद्गीतायां सांख्योक्तजड़तत्त्वस्वरूपम्
संयोजनम् (5:30- 5:32) :
श्रीजयराममिश्र:
5:32-5:35 AM (प्रात:स्मरणम्):- श्रीनारायणनम्वूदिरि
5:35 - 6:20 AM (व्याख्यानम्): प्रो.प्रलयकुमारनन्द:
6:20 - 6:26 (अध्यक्षभाषणम्) : प्रो.प्यारीमोहनपट्टनायक:
6:26-6:29(धन्यवादार्पणम्) : श्रीकैलाशचन्द्रनन्द:
6:29-6:30 AM (शान्तिपाठ:) :
https://meet.google.com/cbc-wwxr-ess
October 1, 2023
October 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 07:36 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 02 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी शाम 06:24 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - हर्षण सुबह 10:29 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - सुबह 08:01 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:27
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चतुर्थी का श्राद्ध, संकष्ट चतुर्थी, महात्मा गांधी जयन्ती, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया सुबह 07:36 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 02 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी शाम 06:24 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - हर्षण सुबह 10:29 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - सुबह 08:01 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:31
⛅ सूर्यास्त - 06:27
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चतुर्थी का श्राद्ध, संकष्ट चतुर्थी, महात्मा गांधी जयन्ती, लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती
October 1, 2023
October 1, 2023
October 1, 2023
🍃
🔆यत् कार्यं या क्रिया स्वस्य हिताय अन्येषां कृते च सुखकरं भवति तत् कार्यम् ईश्वरार्पणबुद्ध्या यदि करोति तदा तदेव सर्वसिद्धिदायकं भवति।
⚜जो सम्पूर्ण प्राणियों के लिए हितकर और अपने लिए भी सुखद हो, उसे ईश्वरार्पणबुद्धि से करें,
सम्पूर्ण सिद्धियों का यही मूलमन्त्र है।
#Subhashitam
हितं यत् सर्वभूतानामात्मनश्च सुखावहम्।
तत् कुर्यादीश्वरे ह्येतन्मूलं सर्वार्थसिद्धये
।।🔆यत् कार्यं या क्रिया स्वस्य हिताय अन्येषां कृते च सुखकरं भवति तत् कार्यम् ईश्वरार्पणबुद्ध्या यदि करोति तदा तदेव सर्वसिद्धिदायकं भवति।
⚜जो सम्पूर्ण प्राणियों के लिए हितकर और अपने लिए भी सुखद हो, उसे ईश्वरार्पणबुद्धि से करें,
सम्पूर्ण सिद्धियों का यही मूलमन्त्र है।
#Subhashitam
October 1, 2023
सिद्धान्तेभ्यः पतनमेव मृत्युः।
सिद्धान्तेभ्यः शब्द का विभक्तिः।
सिद्धान्तेभ्यः शब्द का विभक्तिः।
Anonymous Quiz
29%
चतुर्थिः
64%
पञ्चमी
7%
तृतीया
October 2, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
एक वन में बहुत बड़ा अजगर रहता था।वह बहुत अभिमानी और अत्यन्त क्रूर था।जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे डरकर भाग खड़े होते।उसका मुंह इतना विकराल था कि खरगोश तक को निगल जाता था।एक बार अजगर शिकार की तलाश में घूम रहा था। •• एकस्मिन् वने एको विशालकाय: शयु:…
नेवले को भी बहुत दुःख हुआ।
••नकुलोऽपि भृशं दुःखितोऽभवत्।
वह दुख-भरे स्वर में बोला,"मित्र, मेरे बस में होता तो मैं उस नीच अजगर के सौ टुकडे कर डालता।
•• स शोकाकुलेन स्वरेण उक्तवान् , "मित्र! यदि एतत् कार्यं मम आधिन्ये अभविष्यत् तर्हि अहं तस्य अधमस्य शयो: शतं खण्डानि अकरिष्यम्।
पर क्या करें, वह छोटा-मोटा सांप नहीं है, जिसे मैं मार सकू। वह तो एक अजगर है।
•• पर किं करवाणि, स सामान्य: सर्पो नास्ति, यम् अहं हन्तुं शक्नुयाम्।स तु एक: शयु: अस्ति।
अपनी पूंछ की फटकार से ही मुझे अधमरा कर देगा।
••स पुच्छस्य प्रहारेणैव माम् अर्धमृतं करिष्यति।
लेकिन यहां पास में ही चीटियों की एक बांबी हैं।
••परन्तु, अत्र समीपे एव पिपीलिकानाम् एकं वल्मीकमस्ति।
वहां की रानी मेरी मित्र हैं। उससे सहायता मांगनी चाहिए।
•• तत्रत्या राज्ञी मम मित्रमस्ति। तस्या: साहाय्यं याचनीयम् ।
हिरणी निराश स्वर में विलाप करते हुए बोली “पर जब तुम्हारे जितना बड़ा जीव उस अजगर का कुछ बिगाडने में समर्थ नहीं हैं तो वह छोटी सी चींटी क्या कर लेगी?नेवले ने कहा,"ऐसा मत सोचो।उसके पास चींटियों की बहुत बड़ी सेना है।संगठन में बड़ी शक्ति है।"
••हरिणी निराशस्वरेण विलपन्त्येव कथितवती “परन्तु अहं शङ्काग्रस्ता अस्मि यत् तवेव शक्तिसम्पन्नो जीव: तस्य शयो: कामपि क्षतिं कर्तुं सक्षमो नास्ति चेत् सा क्षुद्रपिपीलिका किं करिष्यति?नकुल: अकथयत्,"एवं मा चिन्तय।तस्या: पार्श्वे विशालं सैन्यमस्ति।सङ्घटने महती शक्तिर्भवति।"
हिरणी को कुछ आशा की किरण नजर आई। नेवला हिरणी को लेकर चींटी रानी के पास गया और उसे सारी कहानी सुनाई। चींटी रानी ने सोच-विचारकर कहा, "हम तुम्हारी सहायता करेंगे। हमारी बांबी के पास एक संकरीला नुकीले पत्थरों भरा रास्ता है। तुम किसी तरह उस अजगर को उस रास्ते से आने पर मजबूर करो। बाकी काम मेरी सेना पर छोड दो।"
••हरिणी काचित् आशान्विता अभवत्। नकुलो हिरणीं नीत्वा पिपीलिकानां राज्ञीं निकषा गतवान् तथा तां सर्ववृत्तान्तं श्रावितवती।पिपीलिकानां राज्ञी विचार्य उक्तवती, "वयं तवं साहाय्यं करिष्याम:। अस्माकं पिपीलिकावल्मीकं निकषा तीक्ष्णपाषाणै: पूर्ण: एक: सङ्कीर्ण: मार्ग: अस्ति। त्वं केनचिदपि विधिना तस्मै शयवे तन्मार्गेण आगमनार्थं बाध्यं कुरु।शेषकार्य मम सैन्यस्योपरि त्यज।"
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••नकुलोऽपि भृशं दुःखितोऽभवत्।
वह दुख-भरे स्वर में बोला,"मित्र, मेरे बस में होता तो मैं उस नीच अजगर के सौ टुकडे कर डालता।
•• स शोकाकुलेन स्वरेण उक्तवान् , "मित्र! यदि एतत् कार्यं मम आधिन्ये अभविष्यत् तर्हि अहं तस्य अधमस्य शयो: शतं खण्डानि अकरिष्यम्।
पर क्या करें, वह छोटा-मोटा सांप नहीं है, जिसे मैं मार सकू। वह तो एक अजगर है।
•• पर किं करवाणि, स सामान्य: सर्पो नास्ति, यम् अहं हन्तुं शक्नुयाम्।स तु एक: शयु: अस्ति।
अपनी पूंछ की फटकार से ही मुझे अधमरा कर देगा।
••स पुच्छस्य प्रहारेणैव माम् अर्धमृतं करिष्यति।
लेकिन यहां पास में ही चीटियों की एक बांबी हैं।
••परन्तु, अत्र समीपे एव पिपीलिकानाम् एकं वल्मीकमस्ति।
वहां की रानी मेरी मित्र हैं। उससे सहायता मांगनी चाहिए।
•• तत्रत्या राज्ञी मम मित्रमस्ति। तस्या: साहाय्यं याचनीयम् ।
हिरणी निराश स्वर में विलाप करते हुए बोली “पर जब तुम्हारे जितना बड़ा जीव उस अजगर का कुछ बिगाडने में समर्थ नहीं हैं तो वह छोटी सी चींटी क्या कर लेगी?नेवले ने कहा,"ऐसा मत सोचो।उसके पास चींटियों की बहुत बड़ी सेना है।संगठन में बड़ी शक्ति है।"
••हरिणी निराशस्वरेण विलपन्त्येव कथितवती “परन्तु अहं शङ्काग्रस्ता अस्मि यत् तवेव शक्तिसम्पन्नो जीव: तस्य शयो: कामपि क्षतिं कर्तुं सक्षमो नास्ति चेत् सा क्षुद्रपिपीलिका किं करिष्यति?नकुल: अकथयत्,"एवं मा चिन्तय।तस्या: पार्श्वे विशालं सैन्यमस्ति।सङ्घटने महती शक्तिर्भवति।"
हिरणी को कुछ आशा की किरण नजर आई। नेवला हिरणी को लेकर चींटी रानी के पास गया और उसे सारी कहानी सुनाई। चींटी रानी ने सोच-विचारकर कहा, "हम तुम्हारी सहायता करेंगे। हमारी बांबी के पास एक संकरीला नुकीले पत्थरों भरा रास्ता है। तुम किसी तरह उस अजगर को उस रास्ते से आने पर मजबूर करो। बाकी काम मेरी सेना पर छोड दो।"
••हरिणी काचित् आशान्विता अभवत्। नकुलो हिरणीं नीत्वा पिपीलिकानां राज्ञीं निकषा गतवान् तथा तां सर्ववृत्तान्तं श्रावितवती।पिपीलिकानां राज्ञी विचार्य उक्तवती, "वयं तवं साहाय्यं करिष्याम:। अस्माकं पिपीलिकावल्मीकं निकषा तीक्ष्णपाषाणै: पूर्ण: एक: सङ्कीर्ण: मार्ग: अस्ति। त्वं केनचिदपि विधिना तस्मै शयवे तन्मार्गेण आगमनार्थं बाध्यं कुरु।शेषकार्य मम सैन्यस्योपरि त्यज।"
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 2, 2023
Namstey Join 2nd level Sanskrit language Class on 8:00 PM From 2nd October to 27 th October 2023
Google Meet Link- https://meet.google.com/ocw-idpb-bhf Join
Whatsapp Group- https://chat.whatsapp.com/Hcsk0HIkIXV8xq7fXwri5y
Contact your Sanskrit Trainer
Name-Nootan Vishnu Regmi
No. 7827898975
E.Mail- regimimurari41@gmail.com
From - U.P Sanskrit Sansthan Lucknow.
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No. 7827898975
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From - U.P Sanskrit Sansthan Lucknow.
October 2, 2023
October 2, 2023
क्रियाविशेषणपदानि (kriyāviśeṣaṇapadāni) – Adverbs: These are words which describe a particular verb and give more information about it. Many of these are usually indeclinables (अव्ययपदानि).
e.g. – नरः शनैः वदति। (naraḥ śanaiḥ vadati।) This means, “The man is speaking slowly”. Here, the adverb is telling us more information about how he speaks, i.e. slowly.
🌐 sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
e.g. – नरः शनैः वदति। (naraḥ śanaiḥ vadati।) This means, “The man is speaking slowly”. Here, the adverb is telling us more information about how he speaks, i.e. slowly.
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#sanskritlessons
October 2, 2023
October 2, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - कथाकथनम्
🗓०३/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - कथाकथनम्
🗓०३/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी प्रातः 06:11 तक तत्पश्चात पंचमी (4 अक्टूबर प्रातः 05:33 तक)
⛅ दिनांक - 03 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका शाम 06:04 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - वज्र सुबह 08:18 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 03:27 से 04:56 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:26
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पंचमी का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी प्रातः 06:11 तक तत्पश्चात पंचमी (4 अक्टूबर प्रातः 05:33 तक)
⛅ दिनांक - 03 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका शाम 06:04 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - वज्र सुबह 08:18 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 03:27 से 04:56 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:26
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:43 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पंचमी का श्राद्ध
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
October 2, 2023
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🔆माता सहनकारणेन भूमितः अपि अधिका भारयुक्ता भवति। पिता स्वत्यागकारणेन आकाशादपि उन्नतः भवति। मनः चञ्चलताकारणेन वायोः अपेक्षया वेगवत् अस्ति तथा चिन्ता
घासादपि अधिका भवति।
⚜माता भूमि से भारी है । पिता आकाश से ऊँचा है । मन वायु से तेज है । चिंता घास से अधिक सङ्ख्या में होती है ।
यक्ष-युधिष्ठिर संवाद, वनपर्व, महाभारत
#Subhashitam
माता गुरूत्तरा भूमेः खात् पितोच्चतरस्तथा ।
मनः शीघ्रतरं वातात् चिन्ता बहुतरी तृणात्
।।🔆माता सहनकारणेन भूमितः अपि अधिका भारयुक्ता भवति। पिता स्वत्यागकारणेन आकाशादपि उन्नतः भवति। मनः चञ्चलताकारणेन वायोः अपेक्षया वेगवत् अस्ति तथा चिन्ता
घासादपि अधिका भवति।
⚜माता भूमि से भारी है । पिता आकाश से ऊँचा है । मन वायु से तेज है । चिंता घास से अधिक सङ्ख्या में होती है ।
यक्ष-युधिष्ठिर संवाद, वनपर्व, महाभारत
#Subhashitam
October 2, 2023
अत्रास्ति वा कश्चित् मया सह सम्भाषितुम्।
अस्ति क्रियापदस्य कृते कर्ता कः वर्तते।
अस्ति क्रियापदस्य कृते कर्ता कः वर्तते।
Anonymous Quiz
23%
मया
48%
कश्चित्
6%
अत्र
23%
कर्ता वाक्ये न दत्तः
October 3, 2023
October 3, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
नेवले को भी बहुत दुःख हुआ। ••नकुलोऽपि भृशं दुःखितोऽभवत्। वह दुख-भरे स्वर में बोला,"मित्र, मेरे बस में होता तो मैं उस नीच अजगर के सौ टुकडे कर डालता। •• स शोकाकुलेन स्वरेण उक्तवान् , "मित्र! यदि एतत् कार्यं मम आधिन्ये अभविष्यत् तर्हि अहं तस्य अधमस्य शयो:…
नेवले को अपनी मित्र चींटी रानी पर पूरा विश्वास था,इसलिए वह अपनी जान जोखिम में डालने पर तैयार हो गया। दूसरे दिन नेवला जाकर सांप के बिल के पास अपनी बोली बोलने लगा। अपने शत्रु की बोली सुनते ही अजगर क्रोध में भरकर अपने बिल से बाहर आया। नेवला उसी संकरे रास्ते वाली दिशा में दौडा। अजगर ने पीछा किया।अजगर रुकता था तो नेवला मुड़कर फुफकारता और अजगर को गुस्सा दिलाकर फिर पीछा करने पर मजबूर करता था।
•• नकुलस्य स्वमित्रे पिपीलिकाराज्ञ्यां पूर्णो विश्वास: आसीत्, अत: स स्वप्राणान् सङ्कटावास्थायां पातयितुम् उद्यतोऽभवत्।परेद्यु: नकुल शयुविवरं निकषा गत्वा स्वभाषायां वक्तुमारभत।स्वशत्रो: नादं शृण्वन्नेव शयु क्रोधितो भूत्वा स्वविवरात् बहिरागतवान्।नकुल: तमं सङ्कीर्णमार्गं प्रति धावितवान्।शयु: तम् अनुधावितवान्।शयु: विरमति स्म चेत् नकुल: परावर्त्य फुत्करोति स्म तथा शयू कोपयित्वा पुनः अनुसरणाय बाध्यं करोति स्म।
इस प्रकार नेवले ने उसे संकरीले रास्ते से गुजरने पर मजबूर कर दिया। नुकीले पत्थरों से उसका शरीर छिलने लगा। जब तक अजगर उस रास्ते से बाहर आया तब तक उसका काफ़ी शरीर छिल गया था और जगह-जगह से खून टपक रहा था।उसी समय चींटियों की सेना ने उस पर हमला कर दिया।चींटियां उसके शरीर पर चढकर छिले स्थानों के नंगे मांस को काटने लगीं।
•• एवं नकुल: तं सङ्कीर्णमार्गेण प्रस्थितुं बाध्यं कृतवान्।तीक्ष्णप्रस्तरै: तस्य शरीरं निष्कोषितुमारभत।यावत् शयु: तस्माद् मार्गाद् बहिरागत: तावत् तस्य शरीरस्य बहूनि अङ्गानि निष्कोषितानि आसन् तथा स्थानात्-स्थानात् रक्तं स्रवति स्म।तदैव पिपीलिकानां सैन्यं तस्मिन् आक्रमणं कृतवान्।पिपीलिका: तस्य शरीरम् आरुह्य निष्काषितचर्मणो नग्नमांसं दशितुमारभान्त।
अजगर तडप उठा।अपना शरीर पटकने लगा जिससे और मांस छिलने लगा और चींटियों को आक्रमण के लिए नए-नए स्थान मिलने लगे।अजगर चींटियों का क्या बिगाडता....? वे हजारों की गिनती में उस पर टूट पड रही थीं।कुछ ही देर में क्रूर अजगर ने तडप-तडपकर दम तोड़ दिया।
••शयु: उतप्तोऽभवत्।(शयु:) स्वशरीरं क्षेप्तुमारभत येन तस्य शरीरस्य मांसम् इतोऽपि निष्कोषितुमारत तथा पिपीलिकाभि: आक्रमणाय नूतनानि अङ्गानि (स्थानानि) प्राप्तुमारभ्यन्त।शयु: पिपीलिकानां कां क्षतिं कर्तुं शक्नोति स्म--? सहस्रश: ते तस्मिन् आक्रमणम् अकुर्वन्।क्षणात्परं निर्दयेण शयुना तप्त्वा तप्त्वा प्राणा: त्यक्ता:।
--------
शिक्षा -
संगठन शक्ति बड़े बड़ो को धूल चटा देती है। इसलिए संगठित होकर रहने में ही भलाई है।
•• सङ्गठनशक्तिः शक्तिसम्पन्नजीवमपि पराजयते। अतः सङ्गठनेन सह जीवनयापनैव कल्याणमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• नकुलस्य स्वमित्रे पिपीलिकाराज्ञ्यां पूर्णो विश्वास: आसीत्, अत: स स्वप्राणान् सङ्कटावास्थायां पातयितुम् उद्यतोऽभवत्।परेद्यु: नकुल शयुविवरं निकषा गत्वा स्वभाषायां वक्तुमारभत।स्वशत्रो: नादं शृण्वन्नेव शयु क्रोधितो भूत्वा स्वविवरात् बहिरागतवान्।नकुल: तमं सङ्कीर्णमार्गं प्रति धावितवान्।शयु: तम् अनुधावितवान्।शयु: विरमति स्म चेत् नकुल: परावर्त्य फुत्करोति स्म तथा शयू कोपयित्वा पुनः अनुसरणाय बाध्यं करोति स्म।
इस प्रकार नेवले ने उसे संकरीले रास्ते से गुजरने पर मजबूर कर दिया। नुकीले पत्थरों से उसका शरीर छिलने लगा। जब तक अजगर उस रास्ते से बाहर आया तब तक उसका काफ़ी शरीर छिल गया था और जगह-जगह से खून टपक रहा था।उसी समय चींटियों की सेना ने उस पर हमला कर दिया।चींटियां उसके शरीर पर चढकर छिले स्थानों के नंगे मांस को काटने लगीं।
•• एवं नकुल: तं सङ्कीर्णमार्गेण प्रस्थितुं बाध्यं कृतवान्।तीक्ष्णप्रस्तरै: तस्य शरीरं निष्कोषितुमारभत।यावत् शयु: तस्माद् मार्गाद् बहिरागत: तावत् तस्य शरीरस्य बहूनि अङ्गानि निष्कोषितानि आसन् तथा स्थानात्-स्थानात् रक्तं स्रवति स्म।तदैव पिपीलिकानां सैन्यं तस्मिन् आक्रमणं कृतवान्।पिपीलिका: तस्य शरीरम् आरुह्य निष्काषितचर्मणो नग्नमांसं दशितुमारभान्त।
अजगर तडप उठा।अपना शरीर पटकने लगा जिससे और मांस छिलने लगा और चींटियों को आक्रमण के लिए नए-नए स्थान मिलने लगे।अजगर चींटियों का क्या बिगाडता....? वे हजारों की गिनती में उस पर टूट पड रही थीं।कुछ ही देर में क्रूर अजगर ने तडप-तडपकर दम तोड़ दिया।
••शयु: उतप्तोऽभवत्।(शयु:) स्वशरीरं क्षेप्तुमारभत येन तस्य शरीरस्य मांसम् इतोऽपि निष्कोषितुमारत तथा पिपीलिकाभि: आक्रमणाय नूतनानि अङ्गानि (स्थानानि) प्राप्तुमारभ्यन्त।शयु: पिपीलिकानां कां क्षतिं कर्तुं शक्नोति स्म--? सहस्रश: ते तस्मिन् आक्रमणम् अकुर्वन्।क्षणात्परं निर्दयेण शयुना तप्त्वा तप्त्वा प्राणा: त्यक्ता:।
--------
शिक्षा -
संगठन शक्ति बड़े बड़ो को धूल चटा देती है। इसलिए संगठित होकर रहने में ही भलाई है।
•• सङ्गठनशक्तिः शक्तिसम्पन्नजीवमपि पराजयते। अतः सङ्गठनेन सह जीवनयापनैव कल्याणमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 3, 2023
Grammatical Numbers are known as वचनानि (vacanāni) in Sanskrit. These basically denote the number of something in a sentence.
Grammatical numbers are of three types.
1. एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular,
2. द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual and
3. बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural.
It is एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular when there is only one of something in the sentence.
It is द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual when there are two of something in a sentence.
It is बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural when there are multiple things of something in a sentence.
🌐sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Grammatical numbers are of three types.
1. एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular,
2. द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual and
3. बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural.
It is एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular when there is only one of something in the sentence.
It is द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual when there are two of something in a sentence.
It is बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural when there are multiple things of something in a sentence.
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#sanskritlessons
October 3, 2023
October 3, 2023
October 3, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी 05 अक्टूबर प्रातः 05:41 तक तत्पश्चात सप्तमी)
⛅ दिनांक - 04 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी शाम 06:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - व्यतिपात सुबह 06:43 से 05 अक्टूबर प्रातः 05:43 तक
⛅ राहु काल - दोपहर 12:28 से 01:57 तक
⛅ सूर्योदय - 06:32
⛅ सूर्यास्त - 06:25
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी 05 अक्टूबर प्रातः 05:41 तक तत्पश्चात सप्तमी)
⛅ दिनांक - 04 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी शाम 06:29 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - व्यतिपात सुबह 06:43 से 05 अक्टूबर प्रातः 05:43 तक
⛅ राहु काल - दोपहर 12:28 से 01:57 तक
⛅ सूर्योदय - 06:32
⛅ सूर्यास्त - 06:25
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक
#panchang
October 3, 2023
October 3, 2023
October 3, 2023
October 3, 2023
🍃
सु.र. भा.- ७. ४००
🔆केनापि जनेन अन्येन सह तस्य ऐश्वर्यं दृष्ट्वा मित्रता न करणीया यतो हि यदा मित्रता क्षीयते तदा गौरवस्य भावोऽपि विनष्टः भवति तथा यदि सम्पर्के भवति तदा धनस्य हानिः च भवति।
⚜मनुष्य के ऐश्वर्य के कारण किसी ऐश्वर्यसम्पन्न व्यक्ति के साथ कभी भी सम्बन्ध नहीं करना चाहिए, क्योंकि उसके टूट जाने पर गौरव नहीं रहता और ऐसे व्यक्ति के आने पर धनहानि होती है ।।
#Subhashitam
ऐश्वर्यात्सहसम्बन्धं न कुर्याच्च कदाचन।
गते च गौरवं नास्ति आगते च धनक्षयः
।। सु.र. भा.- ७. ४००
🔆केनापि जनेन अन्येन सह तस्य ऐश्वर्यं दृष्ट्वा मित्रता न करणीया यतो हि यदा मित्रता क्षीयते तदा गौरवस्य भावोऽपि विनष्टः भवति तथा यदि सम्पर्के भवति तदा धनस्य हानिः च भवति।
⚜मनुष्य के ऐश्वर्य के कारण किसी ऐश्वर्यसम्पन्न व्यक्ति के साथ कभी भी सम्बन्ध नहीं करना चाहिए, क्योंकि उसके टूट जाने पर गौरव नहीं रहता और ऐसे व्यक्ति के आने पर धनहानि होती है ।।
#Subhashitam
October 3, 2023
पीताम्बरः विष्णुः - कः समासः?
Anonymous Quiz
33%
१ विशेषणपूर्वपदकर्मधारयः
58%
२ बहुव्रीहिः
7%
३ अवधारणापूर्वपदकर्मधारयः
2%
४ अव्ययीभावः
October 4, 2023
आपके घर में एक ही देवी देवता की कई मूर्तियां हों और वह आमने सामने विराजमान रहें तो नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है ।
•• भवतः गृहे एकस्या: एव देव्या: देवतायाः च बहव्य: मूर्तयः सन्ति तथा च यदि ता: परस्परं सम्मुखं विराजमाना: स्यु: तर्हि नकारात्मकः प्रभावो वर्धेत्
इससे लाभ की बजाय नुकसान होता है।
•• अनेन लाभस्य स्थाने हानिर्भवति।
घर में टूटा हुआ कांच, पलंग, अलमारी या अन्य टूटी-फूटी चीजें संभालकर नहीं रखनी चाहिए।
•• गृहे भग्नकाचः,
भग्नपर्यङ्कः,भग्नाधानिका, अन्यभग्नवस्तु इत्यादिकं संरक्ष्य न स्थापनीयम्।
घर में रखे कबाड़ से पैसों की तंगी बनी रहती है।
•• गृहे स्थापिते अवकरस्य कारणेन धनस्य अभावः सदैव भवति।
लक्ष्मीजी भी ऐसे घर में नहीं आती।
•• भगवती लक्ष्मी अपि एतादृशं गृहं नागच्छति।
आलमारी को भूलकर भी यम की दिशा में नहीं रखना चाहिए
•• विस्मृत्यापि आधानिकां यमस्य दिशि न स्थापयेत्।
आप जिस आलमारी में रूपए पैसे रखते हैं उसकी दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए
•• भवान् यस्याम् आधानिकायां धनं धारयति तस्याः दिशि अपि विशेषं ध्यानं दातव्यम्।
खासकर आलमारी को दक्षिण की दिशा में नही रखना चाहिए।
•• विशेषतः आधानिका दक्षिणदिशि न स्थापितव्या।
शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा को यम की दिशा कहा गया है।
•• शास्त्रानुसारं दक्षिणदिशा यमदिशा कथ्यते।
अगर आपके घर में आलमारी का मुॅंह दक्षिण दिशा में खुलता हो तो ऐसा माना जाता है कि उस घर के लोग अक्सर बीमार रहते है और आर्थिक लाभ भी नहीं होता।
•• यदि भवतः गृहे आधानिकामुखं दक्षिणदिशि उद्घाट्यते तर्हि तस्य गृहस्य जनाः प्रायः रोगिणो भवेयु: तथा आर्थिकलाभो न भवेत् इति मन्यते।
इसलिए हमेशा आलमारी की दिशा का ध्यान रखें ताकि आपके घर में लक्ष्मी का वास हो।
•• अत: सर्वदा आधानिकाया: दिशां मनसि ध्यातव्या येन भवतो गृहे लक्ष्मी वसतु।
रात के समय खाने के बाद बहुत से लोग जूठे बरतन सुबह धोने के लिए छोड़ देते हैं।
•• रात्रौ भोजनानन्तरं बहवः जनाः उच्छिष्टपात्राणि प्रातःकाले प्रक्षालयितुं त्यजन्ति।
शास्त्रों में बताया गया है कि रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है।
•• अन्नपूर्णा देवी पाकशालायां निवसति इति शास्त्रेषु कथितम्।
यहां जूठे बरतन के होने से धन का अभाव बना रहता है।
•• अत्र उच्छिष्टपात्राणाम् उपस्थित्या धनस्य अभावः भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• भवतः गृहे एकस्या: एव देव्या: देवतायाः च बहव्य: मूर्तयः सन्ति तथा च यदि ता: परस्परं सम्मुखं विराजमाना: स्यु: तर्हि नकारात्मकः प्रभावो वर्धेत्
इससे लाभ की बजाय नुकसान होता है।
•• अनेन लाभस्य स्थाने हानिर्भवति।
घर में टूटा हुआ कांच, पलंग, अलमारी या अन्य टूटी-फूटी चीजें संभालकर नहीं रखनी चाहिए।
•• गृहे भग्नकाचः,
भग्नपर्यङ्कः,भग्नाधानिका, अन्यभग्नवस्तु इत्यादिकं संरक्ष्य न स्थापनीयम्।
घर में रखे कबाड़ से पैसों की तंगी बनी रहती है।
•• गृहे स्थापिते अवकरस्य कारणेन धनस्य अभावः सदैव भवति।
लक्ष्मीजी भी ऐसे घर में नहीं आती।
•• भगवती लक्ष्मी अपि एतादृशं गृहं नागच्छति।
आलमारी को भूलकर भी यम की दिशा में नहीं रखना चाहिए
•• विस्मृत्यापि आधानिकां यमस्य दिशि न स्थापयेत्।
आप जिस आलमारी में रूपए पैसे रखते हैं उसकी दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए
•• भवान् यस्याम् आधानिकायां धनं धारयति तस्याः दिशि अपि विशेषं ध्यानं दातव्यम्।
खासकर आलमारी को दक्षिण की दिशा में नही रखना चाहिए।
•• विशेषतः आधानिका दक्षिणदिशि न स्थापितव्या।
शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा को यम की दिशा कहा गया है।
•• शास्त्रानुसारं दक्षिणदिशा यमदिशा कथ्यते।
अगर आपके घर में आलमारी का मुॅंह दक्षिण दिशा में खुलता हो तो ऐसा माना जाता है कि उस घर के लोग अक्सर बीमार रहते है और आर्थिक लाभ भी नहीं होता।
•• यदि भवतः गृहे आधानिकामुखं दक्षिणदिशि उद्घाट्यते तर्हि तस्य गृहस्य जनाः प्रायः रोगिणो भवेयु: तथा आर्थिकलाभो न भवेत् इति मन्यते।
इसलिए हमेशा आलमारी की दिशा का ध्यान रखें ताकि आपके घर में लक्ष्मी का वास हो।
•• अत: सर्वदा आधानिकाया: दिशां मनसि ध्यातव्या येन भवतो गृहे लक्ष्मी वसतु।
रात के समय खाने के बाद बहुत से लोग जूठे बरतन सुबह धोने के लिए छोड़ देते हैं।
•• रात्रौ भोजनानन्तरं बहवः जनाः उच्छिष्टपात्राणि प्रातःकाले प्रक्षालयितुं त्यजन्ति।
शास्त्रों में बताया गया है कि रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है।
•• अन्नपूर्णा देवी पाकशालायां निवसति इति शास्त्रेषु कथितम्।
यहां जूठे बरतन के होने से धन का अभाव बना रहता है।
•• अत्र उच्छिष्टपात्राणाम् उपस्थित्या धनस्य अभावः भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 4, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Grammatical Numbers are known as वचनानि (vacanāni) in Sanskrit. These basically denote the number of something in a sentence. Grammatical numbers are of three types. 1. एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular, 2. द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual and 3. बहुवचनम्…
To explain the above details a little better, we will look at the following sentence as an example. “The boy is reading.”
The above sentence in all grammatical numbers will be formed the following way.
In एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular it will be बालकः पठति। (bālakaḥ paṭhati।), which means, “The boy is reading“.
In द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual it will be बालकौ पठतः। (bālakau paṭhataḥ।), which means, “Two boys are reading“.
In बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural it will be बालकाः पठन्ति। (bālakāḥ paṭhanti।), which means, “Many boys are reading“.
Note: In English, there are two types of grammatical numbers i.e. Singular and Plural. However, in Sanskrit, apart from Singular and Plural grammatical numbers there is this additional grammatical person i.e. Dual. In Sanskrit, when two of something needs to be shown, द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual is used and not बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
The above sentence in all grammatical numbers will be formed the following way.
In एकवचनम् (ekavacanam) i.e. Singular it will be बालकः पठति। (bālakaḥ paṭhati।), which means, “The boy is reading“.
In द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual it will be बालकौ पठतः। (bālakau paṭhataḥ।), which means, “Two boys are reading“.
In बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural it will be बालकाः पठन्ति। (bālakāḥ paṭhanti।), which means, “Many boys are reading“.
Note: In English, there are two types of grammatical numbers i.e. Singular and Plural. However, in Sanskrit, apart from Singular and Plural grammatical numbers there is this additional grammatical person i.e. Dual. In Sanskrit, when two of something needs to be shown, द्विवचनम् (dvivacanam) i.e. Dual is used and not बहुवचनम् (bahuvacanam) i.e. Plural.
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October 4, 2023
यदा कदाचित् भवन्त: स्वस्य पुत्रपुत्रीभ्य: क्रुध्यन्ति ... तदा किमपि न उच्यताम्।
किञ्चित्कालं क्रोधं नियन्त्र्यताम्।
अनन्तरं भवन्त: रागामहोदयस्य भावचित्रं पश्यन्तु।
पुन: चिन्तयन्तु।
एतस्य पितामही पिता च उभावपि "प्रधानमन्त्रिणौ" आस्ताम् !!!!
एतस्य माता खाङ्ग्रेसदलस्य अध्यक्षा आसीत्।
एवं सत्यपि स: जीवनध्येयं न प्राप्तवान्।
तस्य माता तस्य विवाहकरणेऽपि असमर्था अस्ति।
तर्हि भवन्त: किन्निमित्तं चिन्ताम् आवहन्ति?
किमपि भवतु नाम, भवताम् पुत्रपुत्र्य: तदपेक्षया लक्षगुणितं शोभना: विद्यन्ते।
*एतेन विचारेण भवतां क्रोध: अनुक्षणमेव नश्येत् मनसि च नवोत्साहस्य सञ्चार: अनुभूयेत।*
-------- अभिजित् ।
#hasya
किञ्चित्कालं क्रोधं नियन्त्र्यताम्।
अनन्तरं भवन्त: रागामहोदयस्य भावचित्रं पश्यन्तु।
पुन: चिन्तयन्तु।
एतस्य पितामही पिता च उभावपि "प्रधानमन्त्रिणौ" आस्ताम् !!!!
एतस्य माता खाङ्ग्रेसदलस्य अध्यक्षा आसीत्।
एवं सत्यपि स: जीवनध्येयं न प्राप्तवान्।
तस्य माता तस्य विवाहकरणेऽपि असमर्था अस्ति।
तर्हि भवन्त: किन्निमित्तं चिन्ताम् आवहन्ति?
किमपि भवतु नाम, भवताम् पुत्रपुत्र्य: तदपेक्षया लक्षगुणितं शोभना: विद्यन्ते।
*एतेन विचारेण भवतां क्रोध: अनुक्षणमेव नश्येत् मनसि च नवोत्साहस्य सञ्चार: अनुभूयेत।*
-------- अभिजित् ।
#hasya
October 4, 2023
October 4, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - मूर्तिविवरणम्
🗓०५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्याश्चित् प्रसिद्धमूर्तेः विवरणं कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - मूर्तिविवरणम्
🗓०५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्याश्चित् प्रसिद्धमूर्तेः विवरणं कुर्वन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 4, 2023
October 4, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी पूर्णरात्रि तक
⛅ दिनांक - 05 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 07:40 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - व्यतिपात प्रातः 05:43 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - दोपहर 01:57 से 03:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:32
⛅ सूर्यास्त - 06:24
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सप्तमी का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी पूर्णरात्रि तक
⛅ दिनांक - 05 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 07:40 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - व्यतिपात प्रातः 05:43 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - दोपहर 01:57 से 03:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:32
⛅ सूर्यास्त - 06:24
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:55 से 05:44 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सप्तमी का श्राद्ध
October 4, 2023
October 4, 2023
October 4, 2023
October 4, 2023
October 4, 2023
October 4, 2023
🍃
🔆 यः मनुजः प्रियं वस्तु प्राप्य अतिहर्षितः न भवति तथैव न च अप्रियं प्राप्य न दुःखितः भवति तादृशः संशयमुक्तः ब्रह्मज्ञानी परब्रह्मणि स्थितः भवति सर्वदा।
⚜(जो पुरुष) प्रिय को प्राप्त कर हर्षित न हो और अप्रिय को पाकर उद्विग्न न हो, (वह) स्थिरबुद्धि संशयरहित ब्रह्मवेत्ता पुरुष परब्रह्म परमात्मा में (एकीभाव से) स्थित है।
#Subhashitam
न प्रहृष्येत्प्रियं प्राप्य नोद्विजेत्प्राप्य चाप्रियम् ।
स्थिरबुद्धिरसम्मूढो ब्रह्मविद् ब्रह्मणि स्थितः
॥५.२०॥🔆 यः मनुजः प्रियं वस्तु प्राप्य अतिहर्षितः न भवति तथैव न च अप्रियं प्राप्य न दुःखितः भवति तादृशः संशयमुक्तः ब्रह्मज्ञानी परब्रह्मणि स्थितः भवति सर्वदा।
⚜(जो पुरुष) प्रिय को प्राप्त कर हर्षित न हो और अप्रिय को पाकर उद्विग्न न हो, (वह) स्थिरबुद्धि संशयरहित ब्रह्मवेत्ता पुरुष परब्रह्म परमात्मा में (एकीभाव से) स्थित है।
#Subhashitam
October 4, 2023
भारतदेशं प्रयातः स्म यदि समयः अप्राप्स्यत चेत्।
वाक्ये कति क्रिया पदानि सन्ति।
वाक्ये कति क्रिया पदानि सन्ति।
Anonymous Quiz
59%
द्वे
13%
एकम्
18%
त्रीणि
10%
न सन्ति
October 5, 2023
कबूतर शीशे में अपनी शक्ल देखकर पहचान जाते हैं। ऐसे गिने-चुने ही जीव हैं जो खुद की शक्ल शीशे में पहचान लेते हैं।
••दर्पणे मुखं दृष्ट्वा कपोता: परिचिन्वन्ति।एतादृशाः प्राणिनः कतिचन एव सन्ति ये दर्पणे आत्मन: परिचिन्वन्ति।
कबूतर 6,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। हवा में उड़ने की इनकी औसत रफ्तार 77.6 मील प्रति घंटे की होती है।
••कपोता: षड्सहस्राणि फीटपर्यन्तं उड्डयितुं शक्नुवन्ति।तेषाम् उड्डयनस्य वायुवेग: षड् दशांशोत्तर सप्तसप्तति: मीलप्रतिघण्टा अस्ति।
कबूतर एक दिन में 600 मील की दूरी तय करके वापस अपने ठिकाने पर आ सकते हैं।
••कपोता: एकस्मिन् दिने षड्शतानि मीलपर्यन्तं दूरं गत्वा स्वगन्तव्यस्थानं प्रति आगन्तुं शक्नुवन्ति ।
कहा जाता है कबूतर इंसानों के डाकिया थे। ब्रिटिशकाल में संदेश पहुंचाने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता था।
•• कपोताः मनुष्याणां सन्देशवाहका: आसन् इति कथ्यते ।आङ्ग्लकाले सन्देशप्रसारणार्थं कपोतानाम् उपयोगो भवति स्म ।
कबूतर बहुत संवेदनशील पक्षी है। प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी कबूतरों को समय से पहले हो जाती है।
•• कपोतः अतीव संवेदनशीलः पक्षी अस्ति।कपोताः प्राकृतिकविपदां विषये पूर्वमेव सूचनां प्राप्नुवन्ति।
कबूतर अपने परिवार में एक समुदाय के रूप में रहते हैं । इसी वजह से ये हमेशा झुंड में रहते हैं।
•• कपोताः स्वकुटुम्बे समुदायरूपेण निवसन्ति ।अत एव ते सर्वदा समूहेषु निवसन्ति।
------------------------------------------------------------
नवरात्र के पावन अवसर पर हरिद्वार में जाकर मां मनसा देवी का अवश्य दर्शन कीजिए।
••नवरात्रस्य पावनावसरे हरिद्वारं गत्वा मातु: मनसादेव्या: दर्शनम् अवश्यं कुर्यात्।
माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद अमृत की कुछ बूंदें यहां पर गिरी थी।
••समुद्रस्य मथनानन्तरं केचन त्रिदशाहारबिन्दव: अत्र पतिताः बभूवु इति जनश्रुतिरस्ति।
मां मनसा देवी हर भक्त की मनोकामना को पूरा करती हैं।
••माता मनसादेवी प्रत्येकं भक्तस्य मनोरथं पूर्णं करोति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••दर्पणे मुखं दृष्ट्वा कपोता: परिचिन्वन्ति।एतादृशाः प्राणिनः कतिचन एव सन्ति ये दर्पणे आत्मन: परिचिन्वन्ति।
कबूतर 6,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं। हवा में उड़ने की इनकी औसत रफ्तार 77.6 मील प्रति घंटे की होती है।
••कपोता: षड्सहस्राणि फीटपर्यन्तं उड्डयितुं शक्नुवन्ति।तेषाम् उड्डयनस्य वायुवेग: षड् दशांशोत्तर सप्तसप्तति: मीलप्रतिघण्टा अस्ति।
कबूतर एक दिन में 600 मील की दूरी तय करके वापस अपने ठिकाने पर आ सकते हैं।
••कपोता: एकस्मिन् दिने षड्शतानि मीलपर्यन्तं दूरं गत्वा स्वगन्तव्यस्थानं प्रति आगन्तुं शक्नुवन्ति ।
कहा जाता है कबूतर इंसानों के डाकिया थे। ब्रिटिशकाल में संदेश पहुंचाने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल किया जाता था।
•• कपोताः मनुष्याणां सन्देशवाहका: आसन् इति कथ्यते ।आङ्ग्लकाले सन्देशप्रसारणार्थं कपोतानाम् उपयोगो भवति स्म ।
कबूतर बहुत संवेदनशील पक्षी है। प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी कबूतरों को समय से पहले हो जाती है।
•• कपोतः अतीव संवेदनशीलः पक्षी अस्ति।कपोताः प्राकृतिकविपदां विषये पूर्वमेव सूचनां प्राप्नुवन्ति।
कबूतर अपने परिवार में एक समुदाय के रूप में रहते हैं । इसी वजह से ये हमेशा झुंड में रहते हैं।
•• कपोताः स्वकुटुम्बे समुदायरूपेण निवसन्ति ।अत एव ते सर्वदा समूहेषु निवसन्ति।
------------------------------------------------------------
नवरात्र के पावन अवसर पर हरिद्वार में जाकर मां मनसा देवी का अवश्य दर्शन कीजिए।
••नवरात्रस्य पावनावसरे हरिद्वारं गत्वा मातु: मनसादेव्या: दर्शनम् अवश्यं कुर्यात्।
माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद अमृत की कुछ बूंदें यहां पर गिरी थी।
••समुद्रस्य मथनानन्तरं केचन त्रिदशाहारबिन्दव: अत्र पतिताः बभूवु इति जनश्रुतिरस्ति।
मां मनसा देवी हर भक्त की मनोकामना को पूरा करती हैं।
••माता मनसादेवी प्रत्येकं भक्तस्य मनोरथं पूर्णं करोति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 5, 2023
Sanskrit Grammatical Genders:
Grammatical genders are known as लिङ्गानि (liṅgāni) in Sanskrit. There are word forms that are dependent on the grammatical number, grammatical gender, case and ending of that particular word. All of these factors come together to create a particular form of the word.
Grammatical genders are of three types:
1. पुंलिङ्गम् (pulliṅgam) i.e Masculine Gender,
2. स्त्रीलिङ्गम् (strīliṅgam) i.e. Feminine Gender and
3. नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e. Neuter Gender.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Grammatical genders are known as लिङ्गानि (liṅgāni) in Sanskrit. There are word forms that are dependent on the grammatical number, grammatical gender, case and ending of that particular word. All of these factors come together to create a particular form of the word.
Grammatical genders are of three types:
1. पुंलिङ्गम् (pulliṅgam) i.e Masculine Gender,
2. स्त्रीलिङ्गम् (strīliṅgam) i.e. Feminine Gender and
3. नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e. Neuter Gender.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 5, 2023
October 5, 2023
October 5, 2023
October 5, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी सुबह 06:34 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 06 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - परिघ 07 अक्टूबर प्रातः 05:31 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 10:59 से 12:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:23
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अष्टमी का श्राद्ध, जीवित्पुत्रिका व्रत
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी सुबह 06:34 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 06 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - परिघ 07 अक्टूबर प्रातः 05:31 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 10:59 से 12:28 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:23
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - अष्टमी का श्राद्ध, जीवित्पुत्रिका व्रत
#panchang
October 5, 2023
October 5, 2023
October 5, 2023
🍃
(महा. वनपर्व - ३१३/११४-११५)
🔆 यः जनः परराष्ट्रे वर्तते यदा कदा वा भोजनं प्राप्नोति किन्तु कस्यापि ऋणी नास्ति सः सदा सुखी तिष्ठति।
⚜जो मनुष्य किसी का ऋणी नहीं है, परदेश में नहीं है, भले पांच-छः दिनों के अन्तराल में अपने घर में शाक, पात पकाकर खाता हो तो वह सुखी है।
#Subhashitam
पञ्चमेsहनि षष्ठे वा शाकं पचति स्वगृहे।
अनृणी चाप्रवासी च स वारिचर मोदते
।।(महा. वनपर्व - ३१३/११४-११५)
🔆 यः जनः परराष्ट्रे वर्तते यदा कदा वा भोजनं प्राप्नोति किन्तु कस्यापि ऋणी नास्ति सः सदा सुखी तिष्ठति।
⚜जो मनुष्य किसी का ऋणी नहीं है, परदेश में नहीं है, भले पांच-छः दिनों के अन्तराल में अपने घर में शाक, पात पकाकर खाता हो तो वह सुखी है।
#Subhashitam
October 5, 2023
October 6, 2023
मुझे यह अमरूद का पेड़ इतना सुन्दर लगा कि मैं अपने आपको पोस्ट करने से नहीं रोक पाया।आपका क्या विचार है ?
•• मया एष पेरुक: एतावान् सुन्दर: अनुभूत: यत् अहं तत्सन्देशप्रेषणात् स्वयमेव निवारयितुं न शक्तवान्।भवत: किं मतम् ?
कछुए का कवच बहुत कड़ा होता है।
••कच्छपस्य कवच: अतीव कठोरो भवति।
ओज़ोन परत पृथ्वी का रक्षा कवच है जो पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के सूर्य के पराबैंगनी विकिरण के कुप्रभावों से रक्षा करता है।
•• ओजोनस्तरं पृथिव्याः रक्षात्मकं वर्म अस्ति यत् पृथिव्यां वासिनः सर्वान् जीवान् सूर्यस्य नीललोहितविकिरणस्य हानिकारकप्रभावात् रक्षति ।
दर्जन भर से अधिक किसानों ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि दबंगों के द्वारा आम रास्ता पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
••द्वादशकाधिके कृषकाः जिलाधिकारिणे दत्ते आवेदनपत्रे ज्ञापितवन्तः यत् उत्पीडकैः जनमार्गे अवैधरूपेण अतिक्रमणं क्रियते ।
विराग और आत्मग्लानि ही जीवन के रत्न हैं।
••विरागः आत्मग्लानि: च जीवनरत्ने स्तः।
आपमें से कोई भी आदेश का एक शब्द भर कह दें तो मुझे उसका पालन करने से में जरा भी आनाकानी नहीं होगी, यद्यपि मेरा इस भवन के प्रति निश्चित रूप से एक गहरा भावनात्मक अनुराग है।
••भवत्सु कश्चनापि आदेशशब्दमात्रं वदेच्चेत् तस्य पालने ईषदपि अवज्ञाभावो न भविष्यति, यद्यपि मम एतद् भवनं प्रति निश्चितरूपेण एकः गहनभावनात्मकः स्नेहोऽस्ति।
इस पृथ्वी का सबसे दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मनुष्य ही है जो बेजुबान पशु पक्षी और मछलीयों को मार कर के उसे खा जाता है और वह अपने को धर्मात्मा कहता है।
••अस्यां धरायां सर्वेषु/सर्वेषाम् अधिकतमः दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मानव: एवास्ति य: मूकपशुपक्षीमत्स्यान् हत्वा तान् भक्षति स च आत्मना आत्मानमेव 'धर्मात्मा' इति कथयति।
समुद्र मंथन के समय निकले अमृत को लेकर देव और असुर आपस में लड़ने लगे।
••समुद्रमन्थनात् निःसृतम् अमृतं प्राप्तुं देवासुराः परस्मपरम् अयुध्यन्त ।
काला नमक खाने से खून पतला होता है जिससे वह पूरे शरीर में आराम से पहुंचता है।ऐसे में आपका हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर ठीक रहता है।हाई बीपी है तो साधारण नमक की जगह पर काला नमक खाएं।
••कृष्णलवणस्य सेवनेन रक्तं कृशं भवति येन तत् सम्पूर्णे शरीरे सुगमतया प्राप्नोति।एवं परिस्थित्यां भवत: उच्चपैत्त्व: उच्चरक्तचाप: च नियंत्रितौ भवत:।यदि उच्चरक्तचापो भवेत् तर्हि साधारणलवणस्य स्थाने कृष्णलवणस्य सेवनं कुर्यात्।
नंगे पैर बरसात में,जब किसान कीचड़ में जाता है।
महकता हुआ बासमती,तब तुम्हारे घर आता है।
•• यदा कृषको नग्नपादाभ्यां पङ्के गच्छति तदा सुगन्धयुक्तम् अण्वोदनं तव गृहम् आगच्छति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• मया एष पेरुक: एतावान् सुन्दर: अनुभूत: यत् अहं तत्सन्देशप्रेषणात् स्वयमेव निवारयितुं न शक्तवान्।भवत: किं मतम् ?
कछुए का कवच बहुत कड़ा होता है।
••कच्छपस्य कवच: अतीव कठोरो भवति।
ओज़ोन परत पृथ्वी का रक्षा कवच है जो पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के सूर्य के पराबैंगनी विकिरण के कुप्रभावों से रक्षा करता है।
•• ओजोनस्तरं पृथिव्याः रक्षात्मकं वर्म अस्ति यत् पृथिव्यां वासिनः सर्वान् जीवान् सूर्यस्य नीललोहितविकिरणस्य हानिकारकप्रभावात् रक्षति ।
दर्जन भर से अधिक किसानों ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि दबंगों के द्वारा आम रास्ता पर अवैध कब्जा किया जा रहा है।
••द्वादशकाधिके कृषकाः जिलाधिकारिणे दत्ते आवेदनपत्रे ज्ञापितवन्तः यत् उत्पीडकैः जनमार्गे अवैधरूपेण अतिक्रमणं क्रियते ।
विराग और आत्मग्लानि ही जीवन के रत्न हैं।
••विरागः आत्मग्लानि: च जीवनरत्ने स्तः।
आपमें से कोई भी आदेश का एक शब्द भर कह दें तो मुझे उसका पालन करने से में जरा भी आनाकानी नहीं होगी, यद्यपि मेरा इस भवन के प्रति निश्चित रूप से एक गहरा भावनात्मक अनुराग है।
••भवत्सु कश्चनापि आदेशशब्दमात्रं वदेच्चेत् तस्य पालने ईषदपि अवज्ञाभावो न भविष्यति, यद्यपि मम एतद् भवनं प्रति निश्चितरूपेण एकः गहनभावनात्मकः स्नेहोऽस्ति।
इस पृथ्वी का सबसे दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मनुष्य ही है जो बेजुबान पशु पक्षी और मछलीयों को मार कर के उसे खा जाता है और वह अपने को धर्मात्मा कहता है।
••अस्यां धरायां सर्वेषु/सर्वेषाम् अधिकतमः दुराचारी अत्याचारी दुष्कर्मी प्राणी मानव: एवास्ति य: मूकपशुपक्षीमत्स्यान् हत्वा तान् भक्षति स च आत्मना आत्मानमेव 'धर्मात्मा' इति कथयति।
समुद्र मंथन के समय निकले अमृत को लेकर देव और असुर आपस में लड़ने लगे।
••समुद्रमन्थनात् निःसृतम् अमृतं प्राप्तुं देवासुराः परस्मपरम् अयुध्यन्त ।
काला नमक खाने से खून पतला होता है जिससे वह पूरे शरीर में आराम से पहुंचता है।ऐसे में आपका हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर ठीक रहता है।हाई बीपी है तो साधारण नमक की जगह पर काला नमक खाएं।
••कृष्णलवणस्य सेवनेन रक्तं कृशं भवति येन तत् सम्पूर्णे शरीरे सुगमतया प्राप्नोति।एवं परिस्थित्यां भवत: उच्चपैत्त्व: उच्चरक्तचाप: च नियंत्रितौ भवत:।यदि उच्चरक्तचापो भवेत् तर्हि साधारणलवणस्य स्थाने कृष्णलवणस्य सेवनं कुर्यात्।
नंगे पैर बरसात में,जब किसान कीचड़ में जाता है।
महकता हुआ बासमती,तब तुम्हारे घर आता है।
•• यदा कृषको नग्नपादाभ्यां पङ्के गच्छति तदा सुगन्धयुक्तम् अण्वोदनं तव गृहम् आगच्छति।
~उमेशगुप्तः
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October 6, 2023
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October 6, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Sanskrit Grammatical Genders: Grammatical genders are known as लिङ्गानि (liṅgāni) in Sanskrit. There are word forms that are dependent on the grammatical number, grammatical gender, case and ending of that particular word. All of these factors come together…
पुल्लिङ्गम् (pulliṅgam) i.e Masculine gender: Some commonly used words for masculine gender are –
गजः (gajaḥ) i.e. Elephant
बालकः (bālakaḥ) i.e. Boy
विद्यालयः (vidyālayaḥ) i.e. School
मुनिः (muniḥ) i.e. Saint
कविः (kavi) i.e. Poet
ऋषिः (ṛṣiḥ) i.e. Sage
तरुः (taruḥ) i.e. Tree
शिशुः (śiśuḥ) i.e. Child
गुरुः (guruḥ) i.e. Teacher
पिता (pitā) i.e. Father
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
गजः (gajaḥ) i.e. Elephant
बालकः (bālakaḥ) i.e. Boy
विद्यालयः (vidyālayaḥ) i.e. School
मुनिः (muniḥ) i.e. Saint
कविः (kavi) i.e. Poet
ऋषिः (ṛṣiḥ) i.e. Sage
तरुः (taruḥ) i.e. Tree
शिशुः (śiśuḥ) i.e. Child
गुरुः (guruḥ) i.e. Teacher
पिता (pitā) i.e. Father
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 6, 2023
October 6, 2023
🕉️पाणिनीयपरिषद्🕉️
अष्टमदिने भानुवासरे भाद्रपदमासस्य कृष्णनवम्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य दशमी परिषत् प्रारप्स्यते वेदवचनेन। अस्याम्
🔸उत्तरपदत्वे चापदादिविधाविति भाष्यवार्त्तिकं श्रीमान् पाण्डेयमयङ्कशर्मा प्रतिपादयिता।
🔸णेरणौ यत्कर्म णौ चेत् स कर्तानाध्यान इति सूत्रं कुमारी कतिरामैत्री प्रवक्ता।
जिज्ञासूनामुपस्थिति: परिषदमिमां भूषयेत्।
एकचत्वारिंशदधिकनवदशशततमस्य विकार्याख्यसंवत्सरस्य पौषमासे परिषदियमभूतपूर्वरूपेण प्रारभत।
संस्कृतसेवाफाउण्डेशनसंस्था परिषद: समायोजयित्री।
एतावता नवविंशतिसंख्याकानां वक्तॄणां षट्षष्टिसंख्याका वाक्यार्था: समभवन्।
सभादिनाङ्क: ०८/१०/२०२३
सभासमय: सायं ५
सभासाधनम्
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
♦️♦️♦️
अष्टमदिने भानुवासरे भाद्रपदमासस्य कृष्णनवम्यामपराह्णे पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य दशमी परिषत् प्रारप्स्यते वेदवचनेन। अस्याम्
🔸उत्तरपदत्वे चापदादिविधाविति भाष्यवार्त्तिकं श्रीमान् पाण्डेयमयङ्कशर्मा प्रतिपादयिता।
🔸णेरणौ यत्कर्म णौ चेत् स कर्तानाध्यान इति सूत्रं कुमारी कतिरामैत्री प्रवक्ता।
जिज्ञासूनामुपस्थिति: परिषदमिमां भूषयेत्।
एकचत्वारिंशदधिकनवदशशततमस्य विकार्याख्यसंवत्सरस्य पौषमासे परिषदियमभूतपूर्वरूपेण प्रारभत।
संस्कृतसेवाफाउण्डेशनसंस्था परिषद: समायोजयित्री।
एतावता नवविंशतिसंख्याकानां वक्तॄणां षट्षष्टिसंख्याका वाक्यार्था: समभवन्।
सभादिनाङ्क: ०८/१०/२०२३
सभासमय: सायं ५
सभासाधनम्
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
♦️♦️♦️
October 6, 2023
October 6, 2023
🚩जय सत्य सनातन
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अष्टमी सुबह 08:08 तक तत्पश्चात नवमी
⛅️ दिनांक - 07 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅️ योग - शिव 07 अक्टूबर प्रातः 06:03 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 10:59 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:33
⛅️ सूर्यास्त - 06:22
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - अष्टमी सुबह 08:08 तक तत्पश्चात नवमी
⛅️ दिनांक - 07 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - शनिवार
⛅️शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - शरद
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - कृष्ण
⛅️ नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 11:57 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅️ योग - शिव 07 अक्टूबर प्रातः 06:03 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅️ राहु काल - सुबह 09:30 से 10:59 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:33
⛅️ सूर्यास्त - 06:22
⛅️ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:44 तक
#panchang
October 6, 2023
October 6, 2023
October 6, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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October 6, 2023
October 6, 2023
October 6, 2023
October 6, 2023
October 6, 2023
🍃
चाणक्यनीति
🔆संसाररूपिणस्य वृक्षस्य द्वे फले अमृततुल्ये स्तः एकमस्ति सुभाषितं द्वितीयं च उत्तमजनानां सहवासः एते द्वे सर्वैरपि सेवनीये।
⚜संसार रूपी विष वृक्ष पर अमृत तुल्य दो ही फल हैं जो मनुष्य को ग्रहण करने चाहिए सुभाषित अर्थात् अच्छी वाणी एवं सुसंगति-सज्जनों का संग।
#Subhashitam
संसारकटु वृक्षस्य द्वे फले ह्यमृतोपमे।
सुभाषितं च सुस्वादु संगति सज्जने जने
॥चाणक्यनीति
🔆संसाररूपिणस्य वृक्षस्य द्वे फले अमृततुल्ये स्तः एकमस्ति सुभाषितं द्वितीयं च उत्तमजनानां सहवासः एते द्वे सर्वैरपि सेवनीये।
⚜संसार रूपी विष वृक्ष पर अमृत तुल्य दो ही फल हैं जो मनुष्य को ग्रहण करने चाहिए सुभाषित अर्थात् अच्छी वाणी एवं सुसंगति-सज्जनों का संग।
#Subhashitam
October 6, 2023
सा तावत् न प्राणम् अत्यजत् यावत् शत्रुं न अहन्।
Anonymous Quiz
47%
वाक्यं शुद्धम्
53%
वाक्यम् अशुद्धम्
October 7, 2023
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार तक्षक पाताल के आठ नागों में से एक नाग है जो कश्यप का पुत्र था और कद्रु के गर्भ से उत्पन्न हुआ था।
••आर्यपौराणिककथानुसारं तक्षकः पातालस्य अष्टसु नागेषु अन्यतमः अस्ति यः कश्यपस्य पुत्रः बभूव कद्रुगर्भात् च जज्ञे।
शृङ्गी ऋषि का शाप पूरा करने के लिये राजा परीक्षित को इसी ने काटा था।
••शृङ्ग्यृषेः शापं पूर्णं कर्तुं नृप: परीक्षित: अनेनैव दष्ट: बभूव।
इसी कारण राजा जनमेजय इससे बहुत बिगड़े और उन्होंने संसार भर के साँपों का नाश करने के लिये सर्पयज्ञ आरंभ किया।
••अत एव राजा जनमेजयः एतेन अतीव दुःखितो बभूव सः च जगति सर्वेषां सर्पाणां नाशार्थं सर्पयज्ञं प्रारेभे।
तक्षक इससे डरकर इंद्र की शरण में चला गया।
••तक्षकः एतस्मात् भीतः भूत्वा इन्द्रं शरणं जगाम।
इसपर जनमेजय ने अपने ऋषियों को आज्ञा दी कि इंद्र यदि तक्षक को न छोड़े तो उसे भी तक्षक के साथ खींच मँगाओ और भस्म कर दो।
••एतस्मिन् विषये जनमेजयः स्वऋषिभ्यः आज्ञापयाञ्चक्रे यत् यदि इन्द्रः तक्षकं न त्यजेत् तर्हि तं तक्षकेन सह कर्षयित्वा भस्मीकुरुत इति।
ऋत्विकों के मंत्र पढ़ने पर तक्षक साथ इंद्र भी खिंचने लगे।
••ऋत्विकानां मन्त्रपाठे इन्द्रः अपि तक्षकेन सह आकृष्टः भवितुमारेभे।
तब इंद्र ने डरकर तक्षक को छोड़ दिया।
••ततः शक्रः भीतः भूत्वा तक्षकं तत्याज|
जब तक्षक खिंचकर अग्निकुंड के समीप पहुँचा, तब आस्तीक ने आकर जनमेजय से प्रार्थना की और तक्षक के प्राण बच गए।
••यदा तक्षकः आकर्षितो भूत्वा अग्निकुण्डस्य समीपं प्राप तदा आस्तिकः आगत्य जनमेजयं प्रानर्थ तदा तक्षकस्य प्राणो रक्षितो बभूव।
-------------------------------------------------------------
स्वस्थ्य रहना है तो पहाड़ी खानपान से दोस्ती कर लो।
••यदि स्वस्थो भवितुमिच्छेत् तर्हि पर्वतीयेन आहारेण सह मित्रतां कुर्यात्।
पहाड़ का अनाज,पहाड़ के फल,पहाड़ की दाल और पहाड़ की सब्ज़ियाँ आज के मिलावटी दौर में अमृत से कम नहीं।
••पर्वतीय-धान्यानि, पर्वतीय-फलानि, पर्वतीय-द्विदलानि, पर्वतीय-हरितकानि च अद्यतनस्य व्यभिचारयुक्ते युगे पीयूषात् न्यूनानि न सन्ति।
इसलिए जब भी आप उत्तराखंड आए पहाड़ी खाना जरूर खाएँ।
••अतः यदा कदापि उत्तराखण्डम् आगच्छेत् तदा पर्वतीयाहारम् अवश्यं खादेत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••आर्यपौराणिककथानुसारं तक्षकः पातालस्य अष्टसु नागेषु अन्यतमः अस्ति यः कश्यपस्य पुत्रः बभूव कद्रुगर्भात् च जज्ञे।
शृङ्गी ऋषि का शाप पूरा करने के लिये राजा परीक्षित को इसी ने काटा था।
••शृङ्ग्यृषेः शापं पूर्णं कर्तुं नृप: परीक्षित: अनेनैव दष्ट: बभूव।
इसी कारण राजा जनमेजय इससे बहुत बिगड़े और उन्होंने संसार भर के साँपों का नाश करने के लिये सर्पयज्ञ आरंभ किया।
••अत एव राजा जनमेजयः एतेन अतीव दुःखितो बभूव सः च जगति सर्वेषां सर्पाणां नाशार्थं सर्पयज्ञं प्रारेभे।
तक्षक इससे डरकर इंद्र की शरण में चला गया।
••तक्षकः एतस्मात् भीतः भूत्वा इन्द्रं शरणं जगाम।
इसपर जनमेजय ने अपने ऋषियों को आज्ञा दी कि इंद्र यदि तक्षक को न छोड़े तो उसे भी तक्षक के साथ खींच मँगाओ और भस्म कर दो।
••एतस्मिन् विषये जनमेजयः स्वऋषिभ्यः आज्ञापयाञ्चक्रे यत् यदि इन्द्रः तक्षकं न त्यजेत् तर्हि तं तक्षकेन सह कर्षयित्वा भस्मीकुरुत इति।
ऋत्विकों के मंत्र पढ़ने पर तक्षक साथ इंद्र भी खिंचने लगे।
••ऋत्विकानां मन्त्रपाठे इन्द्रः अपि तक्षकेन सह आकृष्टः भवितुमारेभे।
तब इंद्र ने डरकर तक्षक को छोड़ दिया।
••ततः शक्रः भीतः भूत्वा तक्षकं तत्याज|
जब तक्षक खिंचकर अग्निकुंड के समीप पहुँचा, तब आस्तीक ने आकर जनमेजय से प्रार्थना की और तक्षक के प्राण बच गए।
••यदा तक्षकः आकर्षितो भूत्वा अग्निकुण्डस्य समीपं प्राप तदा आस्तिकः आगत्य जनमेजयं प्रानर्थ तदा तक्षकस्य प्राणो रक्षितो बभूव।
-------------------------------------------------------------
स्वस्थ्य रहना है तो पहाड़ी खानपान से दोस्ती कर लो।
••यदि स्वस्थो भवितुमिच्छेत् तर्हि पर्वतीयेन आहारेण सह मित्रतां कुर्यात्।
पहाड़ का अनाज,पहाड़ के फल,पहाड़ की दाल और पहाड़ की सब्ज़ियाँ आज के मिलावटी दौर में अमृत से कम नहीं।
••पर्वतीय-धान्यानि, पर्वतीय-फलानि, पर्वतीय-द्विदलानि, पर्वतीय-हरितकानि च अद्यतनस्य व्यभिचारयुक्ते युगे पीयूषात् न्यूनानि न सन्ति।
इसलिए जब भी आप उत्तराखंड आए पहाड़ी खाना जरूर खाएँ।
••अतः यदा कदापि उत्तराखण्डम् आगच्छेत् तदा पर्वतीयाहारम् अवश्यं खादेत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 7, 2023
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October 7, 2023
स्त्रीलिङ्गम् (strīlingam) i.e. Feminine Gender: Some
commonly used words for feminine gender are -
माला (mālā) i.e Garland
बालिका (bālikā) i.e. Girl
पाठशाला (pāṭhaśālā) i.e. School
मतिः (matiḥ) i.e. Intellect
प्रकृतिः (prakṛtiḥ) i.e. Nature
रात्रिः (rātriḥ) i.e. Night
नदी (nadī) i.e. River
जननी (janani) i.e. Mother
नगरी (nagari) i.e. Big City
धेनुः (dhenuḥ) i.e. Cow
चञ्चुः (cañcuḥ) i.e. Beak
रज्जुः (rajjuḥ) i.e. Rope
नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e Neuter gender: Some commonly used words for neuter gender are –
फलम् (phalam) i.e. Fruit
पुस्तकम् (pustakam) i.e. Book
जलम् (jalam) i.e. Water
मधु (madhu) i.e. Honey
अम्बु (ambu) i.e. Water
वस्तु (vastu) i.e. Object
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
commonly used words for feminine gender are -
माला (mālā) i.e Garland
बालिका (bālikā) i.e. Girl
पाठशाला (pāṭhaśālā) i.e. School
मतिः (matiḥ) i.e. Intellect
प्रकृतिः (prakṛtiḥ) i.e. Nature
रात्रिः (rātriḥ) i.e. Night
नदी (nadī) i.e. River
जननी (janani) i.e. Mother
नगरी (nagari) i.e. Big City
धेनुः (dhenuḥ) i.e. Cow
चञ्चुः (cañcuḥ) i.e. Beak
रज्जुः (rajjuḥ) i.e. Rope
नपुंसकलिङ्गम् (napuṃsakaliṅgam) i.e Neuter gender: Some commonly used words for neuter gender are –
फलम् (phalam) i.e. Fruit
पुस्तकम् (pustakam) i.e. Book
जलम् (jalam) i.e. Water
मधु (madhu) i.e. Honey
अम्बु (ambu) i.e. Water
वस्तु (vastu) i.e. Object
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#sanskritlessons
October 7, 2023
Dog - Your master always beats you a lot. Then why don't you leave him ?
Donkey - Every time when his daughter gets low marks in the exam he tells her that I will get you married to a donkey. I live in that one hope.
#hasya
Donkey - Every time when his daughter gets low marks in the exam he tells her that I will get you married to a donkey. I live in that one hope.
#hasya
October 7, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of…
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October 7, 2023
October 8, 2023
October 7, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - दशावताराः
🗓०८/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (दशावतारेषु कस्यचित् विवरणम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - दशावताराः
🗓०८/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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October 7, 2023
October 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी सुबह 10:12 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 08 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य रात्रि 02:45 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - सिद्ध पूर्ण रात्रि तक
⛅ राहु काल - शाम 04:52 से 06:21 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:21
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - दशमी का श्राद्ध, रविपुष्यामृत योग
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी सुबह 10:12 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 08 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य रात्रि 02:45 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - सिद्ध पूर्ण रात्रि तक
⛅ राहु काल - शाम 04:52 से 06:21 तक
⛅ सूर्योदय - 06:33
⛅ सूर्यास्त - 06:21
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - दशमी का श्राद्ध, रविपुष्यामृत योग
October 7, 2023
October 7, 2023
October 7, 2023
October 7, 2023
October 7, 2023
🌸🌺🪷 संस्कृतमहागोष्ठी 🪷🌺🌸
📅 9th October 2023
⏰ 7PM to 9PM IST
🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
📧 samskrit.samvadah@gmail.com
📅 9th October 2023
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October 7, 2023
October 7, 2023
October 7, 2023
🍃
🔆 अस्मिन् मोहादिविषयरूपिणे कटाहे (किञ्चन पात्रम्) कालः सर्वान् प्राणिनः मासारूपिण्या तथा ऋतुरूपिण्या दर्व्या आलोड्य दिवसरात्रिरूपेण ईन्धन पचति तथा वयम् इदं सर्वं न अवगच्छामः इति विचित्रम्।
⚜इस महामोहरूपी कड़ाहे में काल समस्त प्राणियों को महीने और ऋतु रूपी कलछी/कलछुल से उलट-पलटकर रात-दिनरूप इंधन द्वारा पका रहा है, (फिर भी लोग समझ नहीं पाते हैं) यही वार्ता है।
(महा. वनपर्व - ३१३/११४ व ११८)
#Subhashitam
अस्मिन् महामोहमये कटाहे
सूर्याग्निना रात्रिदिवेन्धनेन।
मासर्तुदर्वीपरिघट्टनेन
भूतानि कालः पचतीति वार्ता
।। 🔆 अस्मिन् मोहादिविषयरूपिणे कटाहे (किञ्चन पात्रम्) कालः सर्वान् प्राणिनः मासारूपिण्या तथा ऋतुरूपिण्या दर्व्या आलोड्य दिवसरात्रिरूपेण ईन्धन पचति तथा वयम् इदं सर्वं न अवगच्छामः इति विचित्रम्।
⚜इस महामोहरूपी कड़ाहे में काल समस्त प्राणियों को महीने और ऋतु रूपी कलछी/कलछुल से उलट-पलटकर रात-दिनरूप इंधन द्वारा पका रहा है, (फिर भी लोग समझ नहीं पाते हैं) यही वार्ता है।
(महा. वनपर्व - ३१३/११४ व ११८)
#Subhashitam
October 7, 2023
October 8, 2023
आटा भिंगो कर फ्रीज़ में ना रखे
•• पिष्टं सिक्तं कृत्वा प्रशीतकस्य अन्तर्भागे न स्थापयतु
फ्रीज में गूंथा आटा आपका समय तो बचा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रीज में गूंथा आटा कितना नुकसान पहुचाता हैं
•• प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं भवत्या: समयं रक्षितुं शक्नोति,परन्तु किं भवती जानाति यत् प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं कियत् हानिकारकं भवति?
जिन परिवारों में भी इस प्रकार की आदत है वहां किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट, रोग-शोक और क्रोध तथा आलस्य का डेरा होता है।
•• येषु कुलेषु तादृशी प्रवृत्तिः भवति तत्र केनचित् प्रकारेण अनिष्टं, व्याधि-दुःखं, क्रोधः, आलस्यं च भवन्ति ।
शास्त्रों में कहा गया है कि बासी भोजन भूत भोजन होता है और इसे ग्रहण करने वाला व्यक्ति जीवन में रोग और परेशानियों से घिरा रहता है
•• पर्युषितभोजनं भूतभोजनमस्ति तथा च तस्य सेवनकर्ता जन: जीवने रोगैः क्लेशैः च आच्छादित: भवतीति शास्त्रेषु कथ्यते।
ऐसा आयुर्वेद शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकते है
•• एवम् आयुर्वेदशास्त्रेषु स्पष्टतया उक्तं यत् पिष्टं सिञ्चन्त्येव तत्क्षणमेव प्रयोक्तव्यम् अन्यथा तस्मिन् एतादृशानि रासायननिकपरिवर्तनानि भवन्ति यानि स्वास्थ्याय अतीव हानिकारकाकानि भवितुमर्हन्ति।
इसलिए फ्रिज का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे
•• अतः पिष्टस्य संग्रहणार्थं प्रशीतकस्य उपयोगं न करोतु
कुछ ही दिन में ऐसी आदत बन जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता
•• कतिपयेभ्यो दिनेभ्यः परम् एतादृशी प्रवृत्ति: भविष्यति यत् यावत्य: रोटिका: आवश्यक्या: भविष्यन्ति तावदेव पिष्टं सिञ्चयेत् तथा च एतत् कार्यं कर्तुं बहुकालोऽपि न भवति।
ताज़े आते की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है
•• नूतनपिष्टैः निर्मितासु रोटिकासु स्वादः पौष्टिकता च द्वयम् अधिकं वर्तते।
-----------------------------------------------------------
मॉं और पेड़ दोनों के ही ऑंचल में छाव है।
•• मातुः वृक्षस्य च उभयो: एव अञ्चले छाया अस्ति।
कृपया इनका जतन करे और सम्भाल कर रखे।
•• कृपया एतयोः द्वयोः अपि सतर्कतया रक्षणावेक्षणं सुरक्षां च कुर्यात्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• पिष्टं सिक्तं कृत्वा प्रशीतकस्य अन्तर्भागे न स्थापयतु
फ्रीज में गूंथा आटा आपका समय तो बचा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रीज में गूंथा आटा कितना नुकसान पहुचाता हैं
•• प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं भवत्या: समयं रक्षितुं शक्नोति,परन्तु किं भवती जानाति यत् प्रशीतके स्थापितं ग्रन्थितं पिष्टं कियत् हानिकारकं भवति?
जिन परिवारों में भी इस प्रकार की आदत है वहां किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट, रोग-शोक और क्रोध तथा आलस्य का डेरा होता है।
•• येषु कुलेषु तादृशी प्रवृत्तिः भवति तत्र केनचित् प्रकारेण अनिष्टं, व्याधि-दुःखं, क्रोधः, आलस्यं च भवन्ति ।
शास्त्रों में कहा गया है कि बासी भोजन भूत भोजन होता है और इसे ग्रहण करने वाला व्यक्ति जीवन में रोग और परेशानियों से घिरा रहता है
•• पर्युषितभोजनं भूतभोजनमस्ति तथा च तस्य सेवनकर्ता जन: जीवने रोगैः क्लेशैः च आच्छादित: भवतीति शास्त्रेषु कथ्यते।
ऐसा आयुर्वेद शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकते है
•• एवम् आयुर्वेदशास्त्रेषु स्पष्टतया उक्तं यत् पिष्टं सिञ्चन्त्येव तत्क्षणमेव प्रयोक्तव्यम् अन्यथा तस्मिन् एतादृशानि रासायननिकपरिवर्तनानि भवन्ति यानि स्वास्थ्याय अतीव हानिकारकाकानि भवितुमर्हन्ति।
इसलिए फ्रिज का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे
•• अतः पिष्टस्य संग्रहणार्थं प्रशीतकस्य उपयोगं न करोतु
कुछ ही दिन में ऐसी आदत बन जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता
•• कतिपयेभ्यो दिनेभ्यः परम् एतादृशी प्रवृत्ति: भविष्यति यत् यावत्य: रोटिका: आवश्यक्या: भविष्यन्ति तावदेव पिष्टं सिञ्चयेत् तथा च एतत् कार्यं कर्तुं बहुकालोऽपि न भवति।
ताज़े आते की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है
•• नूतनपिष्टैः निर्मितासु रोटिकासु स्वादः पौष्टिकता च द्वयम् अधिकं वर्तते।
-----------------------------------------------------------
मॉं और पेड़ दोनों के ही ऑंचल में छाव है।
•• मातुः वृक्षस्य च उभयो: एव अञ्चले छाया अस्ति।
कृपया इनका जतन करे और सम्भाल कर रखे।
•• कृपया एतयोः द्वयोः अपि सतर्कतया रक्षणावेक्षणं सुरक्षां च कुर्यात्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 8, 2023
October 8, 2023
Sanskrit Grammatical Persons:
Grammatical persons are known as पुरुषाः (puruṣāḥ) in Sanskrit. These influence verbs. There are three grammatical persons:
1. प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person,
2. मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person and
3. उत्तमपुरुषः (uttamapuruṣaḥ) i.e. First Person.
प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person is used most of the time. Third person refers to anybody else other than the person himself/herself and the person being spoken to.
Following are some sentences using third person in all the three grammatical numbers:
Singular – शिक्षकः पाठयति। (śikṣakaḥ pāṭhayati।). This sentence means, “The teacher is teaching”.
Dual – शिक्षकौ पाठयतः। (śikṣakau pāṭhayataḥ।). This sentence means, “Two teachers are teaching”.
Plural – शिक्षकाः पाठयन्ति। (śikṣakāḥ pāṭhayanti।). This sentence means, “Many teachers are teaching”.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Grammatical persons are known as पुरुषाः (puruṣāḥ) in Sanskrit. These influence verbs. There are three grammatical persons:
1. प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person,
2. मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person and
3. उत्तमपुरुषः (uttamapuruṣaḥ) i.e. First Person.
प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) i.e. Third Person is used most of the time. Third person refers to anybody else other than the person himself/herself and the person being spoken to.
Following are some sentences using third person in all the three grammatical numbers:
Singular – शिक्षकः पाठयति। (śikṣakaḥ pāṭhayati।). This sentence means, “The teacher is teaching”.
Dual – शिक्षकौ पाठयतः। (śikṣakau pāṭhayataḥ।). This sentence means, “Two teachers are teaching”.
Plural – शिक्षकाः पाठयन्ति। (śikṣakāḥ pāṭhayanti।). This sentence means, “Many teachers are teaching”.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 8, 2023
संस्कृतच्छन्दसः आभासीया कार्यशाला (Online Workshop of Sanskrit Verse)
पञ्जीकरणाय (For Registration)
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfBXKUnvmekzoPl_IbMAbHqmtrr0vJYdkM2gUuMmOMw3FHEmw/viewform?usp=sf_link
*सूचनाः*
1. समयः - अष्टवादनतः नववादनपर्यन्तं (from 08:00pm to 09:00pm)
2. यूट्यूब-लाईव-प्रसारणम् (Live Streaming Channel in Youtube) - https://youtube.com/@MySamskritam?si=GuVqQSKvJOFKMyCf
3. पीडीएफ/सामाग्र्याः कृते टेलीग्राम चैनल (Telegram channel for Pdf or other materials) - https://t.me/SamskritaMy
4. अन्याः सूचनाः व्हाट्सएप्प-समूहे एव प्राप्स्यन्ति भवन्तः भवत्यश्च (You all will get all other information in the WhatsApp group only.)
5. कक्षा गूगलमीटमाध्यमेन भविष्यति । (The class will be held through Google Meet.)
6. येषां पञ्जीकरणमस्ति, तेभ्यः ईमेलमाध्यमेन सूचना गमिष्यति । (Those who have registered will get the Google Meet link through email.)
7. अन्ये साक्षात् लाईव द्रष्टुं शक्नुवन्ति । (all others can watch live directly on YouTube)
8. विभिन्नप्रदेशस्य छन्दसां विद्वद्भ्यो व्याख्यानम् (Lectures by Verse Scholars from different states)
पञ्जीकरणाय (For Registration)
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfBXKUnvmekzoPl_IbMAbHqmtrr0vJYdkM2gUuMmOMw3FHEmw/viewform?usp=sf_link
*सूचनाः*
1. समयः - अष्टवादनतः नववादनपर्यन्तं (from 08:00pm to 09:00pm)
2. यूट्यूब-लाईव-प्रसारणम् (Live Streaming Channel in Youtube) - https://youtube.com/@MySamskritam?si=GuVqQSKvJOFKMyCf
3. पीडीएफ/सामाग्र्याः कृते टेलीग्राम चैनल (Telegram channel for Pdf or other materials) - https://t.me/SamskritaMy
4. अन्याः सूचनाः व्हाट्सएप्प-समूहे एव प्राप्स्यन्ति भवन्तः भवत्यश्च (You all will get all other information in the WhatsApp group only.)
5. कक्षा गूगलमीटमाध्यमेन भविष्यति । (The class will be held through Google Meet.)
6. येषां पञ्जीकरणमस्ति, तेभ्यः ईमेलमाध्यमेन सूचना गमिष्यति । (Those who have registered will get the Google Meet link through email.)
7. अन्ये साक्षात् लाईव द्रष्टुं शक्नुवन्ति । (all others can watch live directly on YouTube)
8. विभिन्नप्रदेशस्य छन्दसां विद्वद्भ्यो व्याख्यानम् (Lectures by Verse Scholars from different states)
Google Docs
संस्कृतच्छन्दसः आभासीया कार्यशाला (Online Workshop of Sanskrit Verse)
कार्यशालायाः आरम्भः - ०९ अक्टूबरतः ३१ अक्टूबरपर्यन्तम्
समयः - अष्टवादनतः नववादनपर्यन्तं (from 08:00pm to 09:00pm)
यूट्यूब-लाईव-प्रसारणम् (Live Streaming Channel in Youtube) - https://youtube.com/@MySamskritam?si=GuVqQSKvJOFKMyCf
पीडीएफ/सामाग्र्याः कृते टेलीग्राम…
समयः - अष्टवादनतः नववादनपर्यन्तं (from 08:00pm to 09:00pm)
यूट्यूब-लाईव-प्रसारणम् (Live Streaming Channel in Youtube) - https://youtube.com/@MySamskritam?si=GuVqQSKvJOFKMyCf
पीडीएफ/सामाग्र्याः कृते टेलीग्राम…
October 8, 2023
October 8, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
🌸🌺🪷 संस्कृतमहागोष्ठी 🪷🌺🌸 📅 9th October 2023 ⏰ 7PM to 9PM IST 🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp 📧 samskrit.samvadah@gmail.com
You can also comment down if you want to perform any sanskrit speech, strotra, work, poetry, riddle, stuti, song etc. in संस्कृतमहागोष्ठी
📅 9th October 2023
⏰ 7PM to 9PM IST
🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
📅 9th October 2023
⏰ 7PM to 9PM IST
🔗 https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
October 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 12:36 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 09 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा 10 अक्टूबर प्रातः 05:45 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - सिद्ध सुबह 06:51 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - सुबह 08:02 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:34
⛅ सूर्यास्त - 06:20
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 12:36 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 09 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा 10 अक्टूबर प्रातः 05:45 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - सिद्ध सुबह 06:51 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - सुबह 08:02 से 09:30 तक
⛅ सूर्योदय - 06:34
⛅ सूर्यास्त - 06:20
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
#panchang
October 8, 2023
October 8, 2023
October 8, 2023
कई बार सपने में हमें फूल दिखते हैं तो कभी फूल की कलियां दिखती हैं।
•• स्वप्ने असकृत् अस्माभि: पुष्पाणि दृश्यन्ते कदाचित् च कुड्मलानि दृश्यन्ते।
फूल जब पूरी तरह नहीं खिल पाता है तो उसे कली कहा जाता है।
••यदा पुष्पं पूर्णतया प्रफुल्लितं न भवति तदा कुड्मलमुच्यते ।
जब सपने में हमें फूल की कली दिखती है तो हम जानना चाहते है कि सपने में फूल की कली देखना कैसा होता है और यह शुभ होता है या अशुभ होता है ?
••यदा स्वप्ने अस्माभि: पुष्पस्य कुड्मलं दृश्यते तदा ज्ञातुमिच्छामः यत्
पुष्पस्य कुड्मलदर्शनं कीदृशं भवति तथा किम् एतत् शुभम् अशुभं वा भवति?
सपने में फूल की कली देखना अच्छा सपना नहीं माना जाता हैं।
•• स्वप्ने पुष्पकुड्मलदर्शनं सुस्वप्नं न मन्यते।
यह सपना संकेत करता है कि आने वाले समय में आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है या आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं।
•• एष स्वप्नः सूचयति यत् भवतः स्वास्थ्यसम्बद्धाः समस्याः भवितुमर्हन्ति अथवा आगामिसमये भवतः स्वास्थ्यस्य क्षयः भवितुमर्हति।
इस सपने को देखने के बाद आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
•• स्वप्नमिदं दर्शानन्तरं भवता स्वास्थ्यस्य ध्यानं कर्त्तव्यम्।
यदि आप अपने स्वास्थ्य के साथ लापरवाही करते है तो आपको इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
•• यदि भवान् स्वस्वास्थ्यस्य विषये प्रमादं कुर्यु: तर्हि एतस्य गम्भीरपरिणामः सम्भवितुमर्हेत्।
------------------------------------------------------------------
धर्मराजेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित है जिसका निर्माण आज से करीब चौदह सौ वर्ष पहले हुआ था।
••धर्मराजेश्वरमन्दिरं मध्यप्रदेशस्य मन्दसौरे स्थितम् अस्ति, यस्य निर्माणम् अद्यारभ्य प्रायः चतुर्दशशतवर्षपूर्वं बभूव।
यह एक ही चट्टान को गहराई तक खोखला करके बनाया गया एक विशाल मंदिर है।
•• एतत् एकामेव शिलां गभीरत्वपर्यन्तं विदारयित्वा निर्मितं एकं बृहन्मंदिरमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• स्वप्ने असकृत् अस्माभि: पुष्पाणि दृश्यन्ते कदाचित् च कुड्मलानि दृश्यन्ते।
फूल जब पूरी तरह नहीं खिल पाता है तो उसे कली कहा जाता है।
••यदा पुष्पं पूर्णतया प्रफुल्लितं न भवति तदा कुड्मलमुच्यते ।
जब सपने में हमें फूल की कली दिखती है तो हम जानना चाहते है कि सपने में फूल की कली देखना कैसा होता है और यह शुभ होता है या अशुभ होता है ?
••यदा स्वप्ने अस्माभि: पुष्पस्य कुड्मलं दृश्यते तदा ज्ञातुमिच्छामः यत्
पुष्पस्य कुड्मलदर्शनं कीदृशं भवति तथा किम् एतत् शुभम् अशुभं वा भवति?
सपने में फूल की कली देखना अच्छा सपना नहीं माना जाता हैं।
•• स्वप्ने पुष्पकुड्मलदर्शनं सुस्वप्नं न मन्यते।
यह सपना संकेत करता है कि आने वाले समय में आपको स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है या आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता हैं।
•• एष स्वप्नः सूचयति यत् भवतः स्वास्थ्यसम्बद्धाः समस्याः भवितुमर्हन्ति अथवा आगामिसमये भवतः स्वास्थ्यस्य क्षयः भवितुमर्हति।
इस सपने को देखने के बाद आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
•• स्वप्नमिदं दर्शानन्तरं भवता स्वास्थ्यस्य ध्यानं कर्त्तव्यम्।
यदि आप अपने स्वास्थ्य के साथ लापरवाही करते है तो आपको इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
•• यदि भवान् स्वस्वास्थ्यस्य विषये प्रमादं कुर्यु: तर्हि एतस्य गम्भीरपरिणामः सम्भवितुमर्हेत्।
------------------------------------------------------------------
धर्मराजेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित है जिसका निर्माण आज से करीब चौदह सौ वर्ष पहले हुआ था।
••धर्मराजेश्वरमन्दिरं मध्यप्रदेशस्य मन्दसौरे स्थितम् अस्ति, यस्य निर्माणम् अद्यारभ्य प्रायः चतुर्दशशतवर्षपूर्वं बभूव।
यह एक ही चट्टान को गहराई तक खोखला करके बनाया गया एक विशाल मंदिर है।
•• एतत् एकामेव शिलां गभीरत्वपर्यन्तं विदारयित्वा निर्मितं एकं बृहन्मंदिरमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 9, 2023
ब्राह्मणो देवम् आह्वयतु।
कर्म्मणिरूपः कः।
कर्म्मणिरूपः कः।
Anonymous Quiz
44%
ब्राह्मणा देवः आहूयताम्
20%
ब्राह्मणेन देवम् आह्वेताम्
30%
ब्राह्मणेन देव आहूयताम्
6%
ब्राह्मणो देवेन आहूयताम्
October 9, 2023
🍃व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखम्।
आरोग्यं परमं भाग्यं, स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥
🔅व्यायामात् स्वास्थ्यं दीर्घम् आयुष्यं बलं सुखं (च) लभते। आरोग्यं परमं भाग्यम् ( अस्ति )। स्वास्थ्यं सर्व-अर्थ-साधनम् ( अस्ति) ।
⚜(One) acquires health, long life, strength and happiness by (daily) exercise. Good health is the greatest blessing (fortune ). Good health enables ( you) to achieve all (your) material goals.
#subhashitam
आरोग्यं परमं भाग्यं, स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥
🔅व्यायामात् स्वास्थ्यं दीर्घम् आयुष्यं बलं सुखं (च) लभते। आरोग्यं परमं भाग्यम् ( अस्ति )। स्वास्थ्यं सर्व-अर्थ-साधनम् ( अस्ति) ।
⚜(One) acquires health, long life, strength and happiness by (daily) exercise. Good health is the greatest blessing (fortune ). Good health enables ( you) to achieve all (your) material goals.
#subhashitam
October 9, 2023
मध्यमपुरुषः (madhyamapuruṣaḥ) i.e. Second Person is used to refer to the person being spoken to.
Only three words can be used for second person:
1. त्वम् (tvam) i.e. You which is ‘Singular’,
2. युवाम् (yuvām) i.e. You two which is dual and
3. यूयम् (yūyam) i.e. You all which is Plural.
Following are some sentences using second person in all the three grammatical numbers:
Singular – त्वं कुत्र गच्छसि? (tvaṃ kutra gacchasi?). This sentence means, “Where are you going?”.
Dual – युवां कुत्र गच्छथः? (yuvāṃ kutra gacchathaḥ?). This sentence means, “Where are you two going?”.
Plural – यूयं कुत्र गच्छथ? (yūyaṃ kutra gacchatha?). This sentence means, “Where are all of you going?”.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Only three words can be used for second person:
1. त्वम् (tvam) i.e. You which is ‘Singular’,
2. युवाम् (yuvām) i.e. You two which is dual and
3. यूयम् (yūyam) i.e. You all which is Plural.
Following are some sentences using second person in all the three grammatical numbers:
Singular – त्वं कुत्र गच्छसि? (tvaṃ kutra gacchasi?). This sentence means, “Where are you going?”.
Dual – युवां कुत्र गच्छथः? (yuvāṃ kutra gacchathaḥ?). This sentence means, “Where are you two going?”.
Plural – यूयं कुत्र गच्छथ? (yūyaṃ kutra gacchatha?). This sentence means, “Where are all of you going?”.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 9, 2023
Wife - Look your relative is coming. Please do welcome.
Husband - Oh Father in law ! Welcome to you. Please come in.
#hasya
Husband - Oh Father in law ! Welcome to you. Please come in.
#hasya
October 9, 2023
आगच्छन्तु सर्वे संस्कृतमहागोष्ठ्यां शीघ्रम् आरभते।
https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
https://meet.google.com/gir-wziw-qvp
Google
Real-time meetings by Google. Using your browser, share your video, desktop, and presentations with teammates and customers.
October 9, 2023
October 9, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१०/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१०/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 9, 2023
🚩जय सत्य सनातन🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 03:08 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 10 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - साध्य सुबह 07:47 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:23 से 04:51 तक
⛅ सूर्योदय - 06:34
⛅ सूर्यास्त - 06:19
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मघा श्राद्ध, इंदिरा एकादशी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 03:08 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 10 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - साध्य सुबह 07:47 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:23 से 04:51 तक
⛅ सूर्योदय - 06:34
⛅ सूर्यास्त - 06:19
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:45 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मघा श्राद्ध, इंदिरा एकादशी
October 9, 2023
October 9, 2023
October 9, 2023
October 9, 2023
October 9, 2023
🍃
🔆 रामनाम संसारदुःखानां नाशकम् अस्ति सर्वसुखदायकमस्ति तथा यमालयं गमनात् त्रायते अर्थात् रामनामोच्चारणं सदा करणीयम्।
⚜'राम-राम' ऐसा घोष करना सम्पूर्ण संसारबीजों को भून डालने वाला, सम्पूर्ण सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति कराने वाला तथा यमदूतों को भयभीत करने वाला है।
श्रीरामरक्षास्तोत्रम्
#Subhashitam
भर्जनम्भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्।
तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम्
।।३६।।🔆 रामनाम संसारदुःखानां नाशकम् अस्ति सर्वसुखदायकमस्ति तथा यमालयं गमनात् त्रायते अर्थात् रामनामोच्चारणं सदा करणीयम्।
⚜'राम-राम' ऐसा घोष करना सम्पूर्ण संसारबीजों को भून डालने वाला, सम्पूर्ण सुख-सम्पत्ति की प्राप्ति कराने वाला तथा यमदूतों को भयभीत करने वाला है।
श्रीरामरक्षास्तोत्रम्
#Subhashitam
October 9, 2023
October 9, 2023
October 10, 2023
October 10, 2023
लकड़ी का काम करने वाले लोगों को बढ़ई कहा जाता है।
••काष्ठकार्याणां कर्त्तार: जना: तक्षका: इति उच्यन्ते।
बढई एक ऐसी जाती है जो देश के हर प्रदेशों जिलो गांव शहर में बहुसंख्यक जाति के रूप मे निवास करती हैं।
••तक्षक: एका जातिः अस्ति या देशस्य प्रत्येकस्मिन् राज्ये, मण्डले, ग्रामे, नगरे च बहुमतजातिरूपेण निवसति।
इनकी संख्या भारत में लगभग 6% से 8 % के आस पास है, घर मकान आफिस नयी शोध सभी इसी समाज कि देन है, लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति के अभाव मे पतन होता गया।
•एतेषां सङ्ख्या भारतवर्षे सामीप्यं षट्तः अष्ट प्रतिशतं यावदस्ति। गृहं , प्रकोष्ठः, कार्यालयः, नूतनशोधः सर्वे अस्यैव वर्गस्य योगदानमस्ति। परन्तु राजनैतिकवाञ्छायाः अभावे पतनम् अभवत्।
इस आधुनिक समाज के विकास का श्रेय इस जाति को जाता है।
••अस्य आधुनिकसमाजस्य विकासस्य श्रेयः अस्या एव जाते: अस्ति।
यह जाति प्राचीन काल से समाज के प्रमुख अंग रहा है।
••एषा जातिः प्राचीनकालादेव समाजस्य प्रमुखः अङ्गोऽस्ति।
घर की आवश्यक लकड़ी की वस्तुएँ बढ़ई जाति द्वारा बनाई जाती हैं।
••गृहस्य कृते आवश्यकानि काष्ठवस्तूनि तक्षकजात्या निर्मितानि भवन्ति।
बढई जाति के लोग रोजगार मे विश्वास करते हैं और अपने साथ अनेकों समाज और समुदाय को भी रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
••तक्षकजाते: जनाः आजीविकायां विश्वासं कुर्वन्ति तेषां च सह अनेकेभ्यः समाजेभ्य: समुदायेभ्यश्च आजीविकां प्रयच्छन्ति।
आविष्कारों और रचनाओं के धनी है बढई जाति जिनको बढई समाज के नामों से पुकारा जाता है।
••तक्षकजातय: आविष्कारसृष्टिसमृद्धा: सन्ति ये च तक्षकसमुदायस्य नाम्ना उच्यन्ते।
दुनिया में इस समाज के अविष्कार का ही हर एक आदमी नकल करके ही कला को हासिल करता है।
••अस्य समाजस्य आविष्काराणामेव अनुकृतिं कृत्वैव जगति प्रत्येकं व्यक्तिः कलां साधयति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••काष्ठकार्याणां कर्त्तार: जना: तक्षका: इति उच्यन्ते।
बढई एक ऐसी जाती है जो देश के हर प्रदेशों जिलो गांव शहर में बहुसंख्यक जाति के रूप मे निवास करती हैं।
••तक्षक: एका जातिः अस्ति या देशस्य प्रत्येकस्मिन् राज्ये, मण्डले, ग्रामे, नगरे च बहुमतजातिरूपेण निवसति।
इनकी संख्या भारत में लगभग 6% से 8 % के आस पास है, घर मकान आफिस नयी शोध सभी इसी समाज कि देन है, लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति के अभाव मे पतन होता गया।
•एतेषां सङ्ख्या भारतवर्षे सामीप्यं षट्तः अष्ट प्रतिशतं यावदस्ति। गृहं , प्रकोष्ठः, कार्यालयः, नूतनशोधः सर्वे अस्यैव वर्गस्य योगदानमस्ति। परन्तु राजनैतिकवाञ्छायाः अभावे पतनम् अभवत्।
इस आधुनिक समाज के विकास का श्रेय इस जाति को जाता है।
••अस्य आधुनिकसमाजस्य विकासस्य श्रेयः अस्या एव जाते: अस्ति।
यह जाति प्राचीन काल से समाज के प्रमुख अंग रहा है।
••एषा जातिः प्राचीनकालादेव समाजस्य प्रमुखः अङ्गोऽस्ति।
घर की आवश्यक लकड़ी की वस्तुएँ बढ़ई जाति द्वारा बनाई जाती हैं।
••गृहस्य कृते आवश्यकानि काष्ठवस्तूनि तक्षकजात्या निर्मितानि भवन्ति।
बढई जाति के लोग रोजगार मे विश्वास करते हैं और अपने साथ अनेकों समाज और समुदाय को भी रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
••तक्षकजाते: जनाः आजीविकायां विश्वासं कुर्वन्ति तेषां च सह अनेकेभ्यः समाजेभ्य: समुदायेभ्यश्च आजीविकां प्रयच्छन्ति।
आविष्कारों और रचनाओं के धनी है बढई जाति जिनको बढई समाज के नामों से पुकारा जाता है।
••तक्षकजातय: आविष्कारसृष्टिसमृद्धा: सन्ति ये च तक्षकसमुदायस्य नाम्ना उच्यन्ते।
दुनिया में इस समाज के अविष्कार का ही हर एक आदमी नकल करके ही कला को हासिल करता है।
••अस्य समाजस्य आविष्काराणामेव अनुकृतिं कृत्वैव जगति प्रत्येकं व्यक्तिः कलां साधयति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 10, 2023
October 10, 2023
उत्तमपुरुषः (uttamapuruṣaḥ) i.e. First Person is used by one to refer to himself/herself.
Similar to second person, only three words are used for first person:
1. अहम् (aham) i.e. I which is singular,
2. आवाम् (āvām) i.e. We which is Dual and
3. वयम् (and vayam) i.e. We all which is Plural.
Following are some sentences using first person in all grammatical numbers:
Singular – अहं वदामि। (ahaṃ vadāmi।). This sentence means, “I am speaking”.
Dual – आवां वदावः। (āvāṃ vadāvaḥ।). This sentence means, “We two are speaking”.
Plural – वयं वदामः। (vayaṃ vadāmaḥ।). This sentence means, “We all are speaking.”
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Similar to second person, only three words are used for first person:
1. अहम् (aham) i.e. I which is singular,
2. आवाम् (āvām) i.e. We which is Dual and
3. वयम् (and vayam) i.e. We all which is Plural.
Following are some sentences using first person in all grammatical numbers:
Singular – अहं वदामि। (ahaṃ vadāmi।). This sentence means, “I am speaking”.
Dual – आवां वदावः। (āvāṃ vadāvaḥ।). This sentence means, “We two are speaking”.
Plural – वयं वदामः। (vayaṃ vadāmaḥ।). This sentence means, “We all are speaking.”
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#sanskritlessons
October 10, 2023
October 10, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - इज़्रैल्फिलिस्तीन देशयोः युद्धम्
🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (द्वयोः देशयोः युद्धस्य कारणानि परिणामाः च के) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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October 10, 2023
October 10, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा सुबह 08:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - शुभ सुबह 08:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:18
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - शरद
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⛅ पक्ष - कृष्ण
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⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:18
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⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत
October 10, 2023
October 10, 2023
October 10, 2023
October 10, 2023
October 10, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
इज्रैलहमासयुद्धम्
#samlapshala
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October 10, 2023
🍃
🔆 हे भरतस्य वंशे जातः अर्जुन सर्वे प्राणिनः जन्मनः पूर्वम् अदृष्टाः भवन्ति जन्मनः परमपि तथैव इत्युक्ते न तस्य विषये कश्चन जानीयात् केवलं मध्यकालाय ते दर्शनार्हाः स्युः तदर्थं शोकः न कार्यः।
⚜हे भरतवंशी! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट रहते है और मरने के बाद भी अप्रकट(अव्यक्त) हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं (इन्हे देखा जा सकता है),अत: शोक करने की क्या आवश्यकता है?
#Subhashitam
अव्यक्तादीनि भूतानि व्यक्तमध्यानि भारत।
अव्यक्तनिधनान्येव तत्र का परिदेवना
॥२.२८॥🔆 हे भरतस्य वंशे जातः अर्जुन सर्वे प्राणिनः जन्मनः पूर्वम् अदृष्टाः भवन्ति जन्मनः परमपि तथैव इत्युक्ते न तस्य विषये कश्चन जानीयात् केवलं मध्यकालाय ते दर्शनार्हाः स्युः तदर्थं शोकः न कार्यः।
⚜हे भरतवंशी! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट रहते है और मरने के बाद भी अप्रकट(अव्यक्त) हो जाने वाले हैं, केवल बीच में ही प्रकट हैं (इन्हे देखा जा सकता है),अत: शोक करने की क्या आवश्यकता है?
#Subhashitam
October 10, 2023
October 11, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
लकड़ी का काम करने वाले लोगों को बढ़ई कहा जाता है। ••काष्ठकार्याणां कर्त्तार: जना: तक्षका: इति उच्यन्ते। बढई एक ऐसी जाती है जो देश के हर प्रदेशों जिलो गांव शहर में बहुसंख्यक जाति के रूप मे निवास करती हैं। ••तक्षक: एका जातिः अस्ति या देशस्य प्रत्येकस्मिन्…
इन वस्तुओं में चारपाई, तख्त, पीढ़ा, कुर्सी, मचिया, आलमारी, हल, चौकठ, बाजू, खिड़की, दरवाजे तथा घर में लगने वाली कड़ियाँ - घर और दुकान में लगने वाली हर एक अधुनिक वस्तु इसी समाज का देन है।
••एतेषु वस्तुषु शय्या,काष्ठफलकं,पीठं,आसन्दी,आसन्दिका, मञ्जूषा, हलं, देहली, फलकं, वातायनं, द्वारं अर्गला च सन्ति अर्थात् गृहे आपणे च स्थापितं प्रत्येकं आधुनिकं वस्तु अस्यैव समाजस्य अवदानमस्ति।
बढई समाज के लोगो के घर में जन्मे बच्चे को पैदाइशी इंजीनियर कहा जाता है।
••तक्षकसमुदायस्य जनानां गृहे जाता: बालका: जन्मजाता: अभियन्तार: कथ्यन्ते।
बढई समाज जन्मजात अविष्कारक है।
••तक्षकसमुदाय: जन्मजातः आविष्कारकः अस्ति।
इनको अलग अलग प्रदेश में अलग अलग नामों से जाना जाता है।
••एते भिन्न-भिन्न-प्रदेशेषु भिन्न-भिन्न-नाम्ना ज्ञायन्ते।
------------------------------------------------------------------
हृदय के लिए लौकी का रस अमृत के समान है।
••हृदयाय अलाबुरस: सुधावदस्ति।
लौकी का एक कप ताज़ा रस निकालकर प्रतिदिन सुबह पीने से हृदय के लिए व सामान्य स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है।
••एकचषकपूरितम् तुम्बीरसं निष्कास्य प्रतिदिनं प्रात: पानेन हृदयार्थं सामान्यस्वास्थ्याय च अतीव लाभदायकं भवति।
इसमें सेब का रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
••अस्मिन् सेबरसस्य मिश्रणं कृत्वा पातुं शक्नुथ।
सर्दी हो तो थोड़ा अदरक का रस या सोंठ मिलाकर पियें|
••यदि शैत्यं स्यात् तर्हि इशत् आर्द्रकरसस्य शुष्कार्द्रकचूर्णस्य वा मिश्रणं कृत्वा पिबत।
यह कॉलेस्ट्रोल भी कम करता है।
••एष पैत्तवमपि अपाकरोति।
नोट- रस निकलने से पहले लौकी को चख लें। यदि कड़वी हो तो प्रयोग न करें।
••ध्वातव्यं यत् रसनिष्कासनात् पूर्वं अलाबो: स्वादस्य परीक्षणं कुरुत।यदि कटु भवेत् तर्हि मा प्रयोगं कुर्यात।
~उमेशगुप्तः
#subhashitam
••एतेषु वस्तुषु शय्या,काष्ठफलकं,पीठं,आसन्दी,आसन्दिका, मञ्जूषा, हलं, देहली, फलकं, वातायनं, द्वारं अर्गला च सन्ति अर्थात् गृहे आपणे च स्थापितं प्रत्येकं आधुनिकं वस्तु अस्यैव समाजस्य अवदानमस्ति।
बढई समाज के लोगो के घर में जन्मे बच्चे को पैदाइशी इंजीनियर कहा जाता है।
••तक्षकसमुदायस्य जनानां गृहे जाता: बालका: जन्मजाता: अभियन्तार: कथ्यन्ते।
बढई समाज जन्मजात अविष्कारक है।
••तक्षकसमुदाय: जन्मजातः आविष्कारकः अस्ति।
इनको अलग अलग प्रदेश में अलग अलग नामों से जाना जाता है।
••एते भिन्न-भिन्न-प्रदेशेषु भिन्न-भिन्न-नाम्ना ज्ञायन्ते।
------------------------------------------------------------------
हृदय के लिए लौकी का रस अमृत के समान है।
••हृदयाय अलाबुरस: सुधावदस्ति।
लौकी का एक कप ताज़ा रस निकालकर प्रतिदिन सुबह पीने से हृदय के लिए व सामान्य स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है।
••एकचषकपूरितम् तुम्बीरसं निष्कास्य प्रतिदिनं प्रात: पानेन हृदयार्थं सामान्यस्वास्थ्याय च अतीव लाभदायकं भवति।
इसमें सेब का रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
••अस्मिन् सेबरसस्य मिश्रणं कृत्वा पातुं शक्नुथ।
सर्दी हो तो थोड़ा अदरक का रस या सोंठ मिलाकर पियें|
••यदि शैत्यं स्यात् तर्हि इशत् आर्द्रकरसस्य शुष्कार्द्रकचूर्णस्य वा मिश्रणं कृत्वा पिबत।
यह कॉलेस्ट्रोल भी कम करता है।
••एष पैत्तवमपि अपाकरोति।
नोट- रस निकलने से पहले लौकी को चख लें। यदि कड़वी हो तो प्रयोग न करें।
••ध्वातव्यं यत् रसनिष्कासनात् पूर्वं अलाबो: स्वादस्य परीक्षणं कुरुत।यदि कटु भवेत् तर्हि मा प्रयोगं कुर्यात।
~उमेशगुप्तः
#subhashitam
October 11, 2023
Importance and Relation of Grammatical Numbers, Persons and Genders:
Noun-Pronoun Agreement:
This means that whatever pronoun is going to replace a noun, whatever the grammatical number, grammatical gender and case of the noun is, the same things the pronoun should have. If there is a sentence and the noun needs to be replaced with a pronoun, the latter needs to be exactly similar to the former.
We can see this explanation from the following example.
अहं मित्रेण सह सम्भाषे। (ahaṃ mitreṇa saha sambhāṣe।) – this means, “I am conversing with my friend”. The word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa) is in singular, neuter gender and instrumental case.
If the word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa), were to be replaced with a pronoun, the sentence would be as follows:
अहं तेन सह सम्भाषे। (ahaṃ tena saha sambhāṣe।).
In this sentence, the word, ‘तेन’, is in singular, neuter gender and instrumental case.
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#sanskritlessons
Noun-Pronoun Agreement:
This means that whatever pronoun is going to replace a noun, whatever the grammatical number, grammatical gender and case of the noun is, the same things the pronoun should have. If there is a sentence and the noun needs to be replaced with a pronoun, the latter needs to be exactly similar to the former.
We can see this explanation from the following example.
अहं मित्रेण सह सम्भाषे। (ahaṃ mitreṇa saha sambhāṣe।) – this means, “I am conversing with my friend”. The word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa) is in singular, neuter gender and instrumental case.
If the word, ‘मित्रेण’ (mitreṇa), were to be replaced with a pronoun, the sentence would be as follows:
अहं तेन सह सम्भाषे। (ahaṃ tena saha sambhāṣe।).
In this sentence, the word, ‘तेन’, is in singular, neuter gender and instrumental case.
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October 11, 2023
October 11, 2023
October 11, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - भोजनम्
🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🗓११/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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October 11, 2023
October 11, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा सुबह 08:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - शुभ सुबह 08:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:18
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 05:37 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 11 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा सुबह 08:45 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - शुभ सुबह 08:42 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:18
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:56 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध, सन्यासी-यति-वैष्णवों का श्राद्ध, प्रदोष व्रत
October 11, 2023
October 11, 2023
October 11, 2023
October 11, 2023
October 11, 2023
October 11, 2023
🍃
🔆 कामेच्छा लोभः मोहः इत्येते त्रिप्रकारकाणि द्वाराणि सन्ति नरकस्य अतः एतान् त्यजेत् मनुष्यः।
⚜Triple is the gate of this hell, destructive of the self lust, anger and greed; therefore one should abandon these three.(16.21)
⚜काम क्रोध और लोभ ये आत्मनाश के त्रिविध द्वार हैं इसलिए इन तीनों को त्याग देना चाहिए।।16.21।।
#Subhashitam
त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः।
कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्
।।16.21।।🔆 कामेच्छा लोभः मोहः इत्येते त्रिप्रकारकाणि द्वाराणि सन्ति नरकस्य अतः एतान् त्यजेत् मनुष्यः।
⚜Triple is the gate of this hell, destructive of the self lust, anger and greed; therefore one should abandon these three.(16.21)
⚜काम क्रोध और लोभ ये आत्मनाश के त्रिविध द्वार हैं इसलिए इन तीनों को त्याग देना चाहिए।।16.21।।
#Subhashitam
October 11, 2023
October 12, 2023
अन्तरेण (के बिना) - के साथ हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
---------------------------------
(१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है
= गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति।
(२) अभ्यास के बिना भाषा के ज्ञान में वृद्धि नहीं होती है(हो सकती है)
= अभ्यासम् अन्तरेण भाषाज्ञानं न वर्धते।
(३) लिखावट के बिना लिखने की कला का ज्ञान नहीं होता है
= लेखनम् अन्तरेण लेखनकलाज्ञानं न भवति।
(३) भाषण अभ्यास के बिना मंच पर भाषण देना कैसे संभव है
= भाषणाभ्यासमन्तरेण कथं मंचे भाषितुं शक्यते?
(४)आजकल कम्प्यूटर के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है
= अद्यत्वे सङ्गणकज्ञानम् अन्तरेण किमपि कार्यं न शक्यते।
(५) शीत ऋतु में सूर्य के बिना वातावरण में बहुत से रोग बढ़ जाते हैं
= शीतर्तौ मार्तण्डम् अन्तरेण वातावरणे अनेके रोगा: वर्धन्ते।
(६) मोबाइल के बिना जीवन में नीरसता उत्पन्न हो जाती है
= दूरवाणीमन्तरेण जीवने वैरस्यं जायते।
(७) अनुशासन के बिना जीवन भेड़ों के झुंड के समान दिशाहीन हो जाता है
= अनुशासनम् अन्तरेण जीवनं मेषाणां समूहवद् दिशाहीनं /पथभ्रष्टं भवति।
(८)बिना विजा के दूसरे देशों में प्रवेश करना दण्डनीय अपराध होता है
=प्रवेशानुमतिपत्रम् अन्तरेण अन्यदेशेषु प्रवेशो दण्डनीयोऽपराधो भवति।
(९) ऑक्सीजन के बिना मनुष्य एक सेकंड भी जिन्दा नहीं रह सकता है। इसलिए, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना बहुत जरूरी है
= प्राणवायुम् अन्तरेण मानव: क्षणमपि जीवितुं न शक्नोति। अतः वायुमंडले प्राणवायो: उपस्थिते: कृते वृक्षारोपणम् अत्यावश्यकम् अस्ति।
(१०) अच्छे नेतृत्व के अभाव में राष्ट्र व समाज का पतन हो जाता है
= सुनेतृत्वम् अन्तरेण राष्ट्रं समाज: च पतत:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
---------------------------------
(१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है
= गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति।
(२) अभ्यास के बिना भाषा के ज्ञान में वृद्धि नहीं होती है(हो सकती है)
= अभ्यासम् अन्तरेण भाषाज्ञानं न वर्धते।
(३) लिखावट के बिना लिखने की कला का ज्ञान नहीं होता है
= लेखनम् अन्तरेण लेखनकलाज्ञानं न भवति।
(३) भाषण अभ्यास के बिना मंच पर भाषण देना कैसे संभव है
= भाषणाभ्यासमन्तरेण कथं मंचे भाषितुं शक्यते?
(४)आजकल कम्प्यूटर के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है
= अद्यत्वे सङ्गणकज्ञानम् अन्तरेण किमपि कार्यं न शक्यते।
(५) शीत ऋतु में सूर्य के बिना वातावरण में बहुत से रोग बढ़ जाते हैं
= शीतर्तौ मार्तण्डम् अन्तरेण वातावरणे अनेके रोगा: वर्धन्ते।
(६) मोबाइल के बिना जीवन में नीरसता उत्पन्न हो जाती है
= दूरवाणीमन्तरेण जीवने वैरस्यं जायते।
(७) अनुशासन के बिना जीवन भेड़ों के झुंड के समान दिशाहीन हो जाता है
= अनुशासनम् अन्तरेण जीवनं मेषाणां समूहवद् दिशाहीनं /पथभ्रष्टं भवति।
(८)बिना विजा के दूसरे देशों में प्रवेश करना दण्डनीय अपराध होता है
=प्रवेशानुमतिपत्रम् अन्तरेण अन्यदेशेषु प्रवेशो दण्डनीयोऽपराधो भवति।
(९) ऑक्सीजन के बिना मनुष्य एक सेकंड भी जिन्दा नहीं रह सकता है। इसलिए, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना बहुत जरूरी है
= प्राणवायुम् अन्तरेण मानव: क्षणमपि जीवितुं न शक्नोति। अतः वायुमंडले प्राणवायो: उपस्थिते: कृते वृक्षारोपणम् अत्यावश्यकम् अस्ति।
(१०) अच्छे नेतृत्व के अभाव में राष्ट्र व समाज का पतन हो जाता है
= सुनेतृत्वम् अन्तरेण राष्ट्रं समाज: च पतत:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 12, 2023
October 12, 2023
Adjective-Noun Agreement:
In Sanskrit, just like noun-pronoun agreement, whatever adjective is used to describe the noun, whatever grammatical number, grammatical gender and case the noun has, the same things the adjective should have.
We can see this explanation from the following example.
अहं सुन्दरं पुष्पं पश्यामि। (ahaṃ sundaraṃ puṣpaṃ paśyāmi।), this means, “I am looking at a beautiful flower.”
Here the adjective is, ‘सुन्दरम्’ and the noun is, ‘पुष्पम्’. The noun is in singular, neuter gender and accusative case. Likewise, the adjective is also singular, neuter gender and accusative case.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, just like noun-pronoun agreement, whatever adjective is used to describe the noun, whatever grammatical number, grammatical gender and case the noun has, the same things the adjective should have.
We can see this explanation from the following example.
अहं सुन्दरं पुष्पं पश्यामि। (ahaṃ sundaraṃ puṣpaṃ paśyāmi।), this means, “I am looking at a beautiful flower.”
Here the adjective is, ‘सुन्दरम्’ and the noun is, ‘पुष्पम्’. The noun is in singular, neuter gender and accusative case. Likewise, the adjective is also singular, neuter gender and accusative case.
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October 12, 2023
October 12, 2023
October 12, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१२/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१२/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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October 12, 2023
October 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 13 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:11 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - ब्रह्म सुबह 10:06 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से दोपहर 12:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:16
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी का श्राद्ध, आग-दुर्घटना-अस्त्र-शस्त्र-अपमुत्यु से मृतक का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 13 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:11 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - ब्रह्म सुबह 10:06 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से दोपहर 12:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:35
⛅ सूर्यास्त - 06:16
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी का श्राद्ध, आग-दुर्घटना-अस्त्र-शस्त्र-अपमुत्यु से मृतक का श्राद्ध
October 12, 2023
October 12, 2023
October 12, 2023
October 12, 2023
October 12, 2023
October 12, 2023
🍃
🔆 यथा तले तैलं स्थितं भवति दध्नि नवनीतं स्थितं भवति निर्झरे जलं भवति तथा काष्ठे अग्निः भवति तथैव ईश्वरः सर्वेषु विद्यते ज्ञानेन तपस्यया च सः ज्ञायते।
♦️tileşu tailam dadhiiva sarpirapaḥ srotaḥsvaranīṣu cagniḥ evamätmä'tmani grhyate'sau satyenainam tapasă
Shvetashvtar Upanishad 1. 15
yo'nupasyati
⚜Just as oil exists in sesame seeds, butter in curd, water in cascade, fire in wood, so Eshwar exists within soul itself and can be experienced only by true austerity and knowledge.
#Subhashitam
तिलेषु तैलं दधिनीव सर्पिरापः स्रोतःस्वरणीषु चाग्निः ।
एवमात्माऽत्मनि गृह्यतेऽसौ सत्येनैनं तपसा योऽनुपश्यति
॥🔆 यथा तले तैलं स्थितं भवति दध्नि नवनीतं स्थितं भवति निर्झरे जलं भवति तथा काष्ठे अग्निः भवति तथैव ईश्वरः सर्वेषु विद्यते ज्ञानेन तपस्यया च सः ज्ञायते।
♦️tileşu tailam dadhiiva sarpirapaḥ srotaḥsvaranīṣu cagniḥ evamätmä'tmani grhyate'sau satyenainam tapasă
Shvetashvtar Upanishad 1. 15
yo'nupasyati
⚜Just as oil exists in sesame seeds, butter in curd, water in cascade, fire in wood, so Eshwar exists within soul itself and can be experienced only by true austerity and knowledge.
#Subhashitam
October 12, 2023
आशिषं प्रददात्ययं गजः।
आशिषं इति शब्दस्य प्रातिपदिकं किम्।
आशिषं इति शब्दस्य प्रातिपदिकं किम्।
Anonymous Quiz
56%
आशिष्
17%
आशी
11%
आशीः
16%
आशीष
October 13, 2023
October 13, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अन्तरेण (के बिना) - के साथ हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है। --------------------------------- (१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है = गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति। (२) अभ्यास के बिना भाषा…
(११) प्रधानाध्यापक की अनुमति के बिना विद्यालय परिसर में पत्रकार या अन्य किसी के द्वारा भी विडियो ग्राफी करना या फोटो खींचना दंडनीय अपराध है
= प्रधानाध्यापकस्य आज्ञाम् अन्तरेण विद्यालयप्राङ्गणे पत्रकारै: अन्यजनै: वा विडियोचित्रग्रहणम् अथवा छायाचित्रग्रहणं दण्डनीयोऽपराध: अस्ति।
(१२)संस्कृत के बिना भारत मरे हुए के समान है
= संस्कृतम् अन्तरेण भारतं निष्प्राणम् अस्ति।
(१३) यातायात की सुविधा के बिना एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना बहुत ही कठिन है
= यातायातस्य सुविधाम् अन्तरेण एकस्मात् स्थानात् अन्यस्थानं यावत् प्रापणम् अतीव दुष्करम् ।
(१४)इस कार्यालय में बिना अनुमति के प्रवेश करना मना है
= अस्मिन् कार्यालये आज्ञाम् अन्तरेण प्रवेशो निषिद्ध:।
(१५) शुद्ध पानी और भोजन के बिना मनुष्य बीमार पड़ जाता है
= शुद्धजलं शुद्धभोजनं चान्तरेण मनुष्यो रुग्णो भवति।
(१६) भगवान कृष्ण के बिना पाण्डव महाभारत युद्ध कभी भी जीत नहीं सकते थे
= भगवन्तं कृष्णम् अन्तरेण पाण्डव: महाभारतयुद्धं कस्याञ्चिदपि परिस्थित्यां जेतुं न शक्नोति स्म।
(१७) पदाधिकारियों और विभाग की लापरवाही के कारण किशनगंज के शिक्षक दस महिनों से वेतन के बिना जीने को मजबूर हैं
= पदाधिकारीणां विभागस्य च शैथिल्यै: किशनगंजस्य शिक्षका: दशमासानि वेतनम् अन्तरेण जीवनयापनाय विवशा: सन्ति।
(१८) त्याग के बिना प्रेम नहीं है
= त्यागम् अन्तरेण प्रेम: नास्ति।
(१९) कर्त्तव्य के बिना अधिकार नहीं है
= कर्त्तव्यम् अन्तरेण अधिकार: नास्ति।
(२०)धनिया की चटनी, गाजर के अचार,तिलौरी,पापर,सांभर और पनीर की सब्जी के बिना उसे भोजन करना अच्छा नहीं लगता है
= धान्यमावलेहं च गृञ्जनसन्धितं च तिलवटीं पर्पटं च शाकमिश्रितसूपव्यञ्जनं/साम्भारं च किलाटव्यञ्जनं चान्तरेण तस्मै भोजनं न रोचते।
(२१) ब्राह्मण के बिना मन्दिर में पूजा संभव नहीं है
= देवालये ब्राह्मणम् अन्तरेण पूजनकार्यं न शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
= प्रधानाध्यापकस्य आज्ञाम् अन्तरेण विद्यालयप्राङ्गणे पत्रकारै: अन्यजनै: वा विडियोचित्रग्रहणम् अथवा छायाचित्रग्रहणं दण्डनीयोऽपराध: अस्ति।
(१२)संस्कृत के बिना भारत मरे हुए के समान है
= संस्कृतम् अन्तरेण भारतं निष्प्राणम् अस्ति।
(१३) यातायात की सुविधा के बिना एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना बहुत ही कठिन है
= यातायातस्य सुविधाम् अन्तरेण एकस्मात् स्थानात् अन्यस्थानं यावत् प्रापणम् अतीव दुष्करम् ।
(१४)इस कार्यालय में बिना अनुमति के प्रवेश करना मना है
= अस्मिन् कार्यालये आज्ञाम् अन्तरेण प्रवेशो निषिद्ध:।
(१५) शुद्ध पानी और भोजन के बिना मनुष्य बीमार पड़ जाता है
= शुद्धजलं शुद्धभोजनं चान्तरेण मनुष्यो रुग्णो भवति।
(१६) भगवान कृष्ण के बिना पाण्डव महाभारत युद्ध कभी भी जीत नहीं सकते थे
= भगवन्तं कृष्णम् अन्तरेण पाण्डव: महाभारतयुद्धं कस्याञ्चिदपि परिस्थित्यां जेतुं न शक्नोति स्म।
(१७) पदाधिकारियों और विभाग की लापरवाही के कारण किशनगंज के शिक्षक दस महिनों से वेतन के बिना जीने को मजबूर हैं
= पदाधिकारीणां विभागस्य च शैथिल्यै: किशनगंजस्य शिक्षका: दशमासानि वेतनम् अन्तरेण जीवनयापनाय विवशा: सन्ति।
(१८) त्याग के बिना प्रेम नहीं है
= त्यागम् अन्तरेण प्रेम: नास्ति।
(१९) कर्त्तव्य के बिना अधिकार नहीं है
= कर्त्तव्यम् अन्तरेण अधिकार: नास्ति।
(२०)धनिया की चटनी, गाजर के अचार,तिलौरी,पापर,सांभर और पनीर की सब्जी के बिना उसे भोजन करना अच्छा नहीं लगता है
= धान्यमावलेहं च गृञ्जनसन्धितं च तिलवटीं पर्पटं च शाकमिश्रितसूपव्यञ्जनं/साम्भारं च किलाटव्यञ्जनं चान्तरेण तस्मै भोजनं न रोचते।
(२१) ब्राह्मण के बिना मन्दिर में पूजा संभव नहीं है
= देवालये ब्राह्मणम् अन्तरेण पूजनकार्यं न शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 13, 2023
Subject-Verb Agreement:
In this agreement. whatever grammatical person and grammatical number the subject has, the same must be true for the verb.
Note: Grammatical person is actually present in words such as nouns and pronouns but it does not influence them. All words are in third person except for the following six words, which are used to denote second person and first person.
त्वम् (tvam) – You (One) (Second Person Singular)
युवाम् (yuvām) – You (Two) (Second Person Dual)
यूयम् (yūyam) – You (Many) (Second Person Plural)
अहम् (aham) – I (First Person Singular)
आवाम् (āvām) – We (Two) (First Person Dual)
वयम् (vayam) – We (All) (First Person Plural)
बालकः हसति। (bālakaḥ hasati।), this means, “A boy is laughing.” It is in third person and is singular.
युवां हसथः। (yuvāṃ hasathaḥ।), this means, “You two are laughing.” It is in second person and is dual.
वयं हसामः। (vayaṃ hasāmaḥ।), this means, “We all are laughing.” It is in first person and is plural.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In this agreement. whatever grammatical person and grammatical number the subject has, the same must be true for the verb.
Note: Grammatical person is actually present in words such as nouns and pronouns but it does not influence them. All words are in third person except for the following six words, which are used to denote second person and first person.
त्वम् (tvam) – You (One) (Second Person Singular)
युवाम् (yuvām) – You (Two) (Second Person Dual)
यूयम् (yūyam) – You (Many) (Second Person Plural)
अहम् (aham) – I (First Person Singular)
आवाम् (āvām) – We (Two) (First Person Dual)
वयम् (vayam) – We (All) (First Person Plural)
बालकः हसति। (bālakaḥ hasati।), this means, “A boy is laughing.” It is in third person and is singular.
युवां हसथः। (yuvāṃ hasathaḥ।), this means, “You two are laughing.” It is in second person and is dual.
वयं हसामः। (vayaṃ hasāmaḥ।), this means, “We all are laughing.” It is in first person and is plural.
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October 13, 2023
October 13, 2023
स्वामी - तव विवाहः अभवत्?
पप्पू - आं महाशय! एकया युवत्या सह अभवत्।
स्वामी - विवाहस्तु युवत्या सह एव भवति!
पप्पू - नहि महाशय! मम भगिन्याः विवाहस्तु केनचिद् युवकेन सह अभवत्।
#hasya
पप्पू - आं महाशय! एकया युवत्या सह अभवत्।
स्वामी - विवाहस्तु युवत्या सह एव भवति!
पप्पू - नहि महाशय! मम भगिन्याः विवाहस्तु केनचिद् युवकेन सह अभवत्।
#hasya
October 13, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - कथाकथनम्
🗓१४/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - कथाकथनम्
🗓१४/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 13, 2023
October 13, 2023
October 13, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 14 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त शाम 04:24 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 10:25 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आश्विन अमावस्या, सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, महालय समाप्त, अज्ञात तिथिवालों का श्राद्ध
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 14 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त शाम 04:24 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - इन्द्र सुबह 10:25 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:15
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:46 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आश्विन अमावस्या, सर्वपित्री अमावस्या का श्राद्ध, महालय समाप्त, अज्ञात तिथिवालों का श्राद्ध
October 13, 2023
October 13, 2023
October 13, 2023
October 13, 2023
October 13, 2023
🍃नास्ति विद्यासमं चक्षुः नास्ति सत्यसमं तपः।
नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥
☀️विद्या-समम् चक्षुः न अस्ति। सत्यम् समम् तपः न अस्ति। रागम् समम् दुःखम् न अस्ति। त्यागम् समम् सुखम् न अस्ति।
⚜There is no better means of knowledge than eyes, there is no better religious observance than the truth, there is no reason for pain worse than greed, and there is no better happiness than sacrifice ( for others).
#subhashitam
नास्ति रागसमं दुःखं नास्ति त्यागसमं सुखम्॥
☀️विद्या-समम् चक्षुः न अस्ति। सत्यम् समम् तपः न अस्ति। रागम् समम् दुःखम् न अस्ति। त्यागम् समम् सुखम् न अस्ति।
⚜There is no better means of knowledge than eyes, there is no better religious observance than the truth, there is no reason for pain worse than greed, and there is no better happiness than sacrifice ( for others).
#subhashitam
October 13, 2023
October 14, 2023
दासोऽहमिति मे बुद्धिः पूर्वमासीज्जनार्दने ।
दाकारोऽपहृतस्तेन वल्लवीजनवस्त्रवत् ॥
~ कुतश्चित् उद्धृत्य किञ्चित् अन्ते परिवर्तितम्
पूर्वं "दासोहम्" इति बुद्धिः आसीत् । स कृष्णः "दा" इति अक्षरं अपहृतवान् गोपीवस्त्रम् इव (मम बुद्धिः अधुना "सोऽहम्" इति जाता - औपनिषदं ज्ञानं लब्धमिति)
✍🏻रङ्गः
October 14, 2023
Word Cases
In Sanskrit, there are eight word cases. They are
1. Nominative,
2. Accusative,
3. Instrumental,
4. Dative,
5. Ablative,
6. Genitive,
7. Locative and
8. Vocative (In the given order).
There are two terms that are given, विभक्तिः (vibhaktiḥ) and कारकम् (kārakam). विभक्तिः (vibhaktiḥ) is basically the name of the case, whereas कारकम् (kārakam) tells the meaning of the case.
The word’s form for each case and the grammatical number will change. Sometimes, a certain word requires a particular विभक्तिः (vibhaktiḥ) and at that time, it is known as an उपपदविभक्तिः (upapadavibhaktiḥ)
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, there are eight word cases. They are
1. Nominative,
2. Accusative,
3. Instrumental,
4. Dative,
5. Ablative,
6. Genitive,
7. Locative and
8. Vocative (In the given order).
There are two terms that are given, विभक्तिः (vibhaktiḥ) and कारकम् (kārakam). विभक्तिः (vibhaktiḥ) is basically the name of the case, whereas कारकम् (kārakam) tells the meaning of the case.
The word’s form for each case and the grammatical number will change. Sometimes, a certain word requires a particular विभक्तिः (vibhaktiḥ) and at that time, it is known as an उपपदविभक्तिः (upapadavibhaktiḥ)
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#sanskritlessons
October 14, 2023
October 14, 2023
Forwarded from kathaaH कथाः
Śrīmad-Bhagavadgītā-Pārāyaṇam - On the special occasion of Mahālaya-amāvasyā (a day dedicated to remember our ancestors and the loved ones who are no longer with us) and the ‘ring of fire’ solar eclipse, our “Pratdinaṁ Kathāmālā” team will be conducting a special Bhagavadgītā-Pārāyaṇam session.
Gītā-chapters being recited - Chapters 12 (Bhaktiyogaḥ) & 15 (Puruṣottamayogaḥ)
Saturday Oct 14, from 1:15pm-1:45pm ET (in 15 minutes from NOW)
Link to participate - https://join.freeconferencecall.com/pdkm or join by phone dialing +1 720-843-2893 (Access code: 1230212)
Gītā-chapters being recited - Chapters 12 (Bhaktiyogaḥ) & 15 (Puruṣottamayogaḥ)
Saturday Oct 14, from 1:15pm-1:45pm ET (in 15 minutes from NOW)
Link to participate - https://join.freeconferencecall.com/pdkm or join by phone dialing +1 720-843-2893 (Access code: 1230212)
October 14, 2023
October 14, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 12:32 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 15 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा शाम 06:13 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - वैधृति सुबह 10:25 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - शाम 04:47 से 06:14 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शारदीय नवरात्र प्रारम्भ, महाराज अग्रेसन जयन्ती, मातामह श्राद्ध
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 12:32 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 15 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - चित्रा शाम 06:13 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - वैधृति सुबह 10:25 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - शाम 04:47 से 06:14 तक*
⛅ सूर्योदय - 06:36
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:57 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शारदीय नवरात्र प्रारम्भ, महाराज अग्रेसन जयन्ती, मातामह श्राद्ध
October 14, 2023
October 14, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
YouTube
Weekly sanskrit magazine Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
October 14, 2023
🍃
🔆 यथा करौ शरीरस्य तथा पक्ष्मणी नेत्रयोः रक्षणं कुरुतः तथैव यः स्वमित्राणां ध्यानं धरति स एव मित्रमस्ति।
⚜जैसे दोनों हाथ शरीर का बिना विचारे हित करते हैं, दोनों पलकें आँखों का बिना विचारे ध्यान रखती हैं, वैसे ही जो मित्र बिना विचारे मित्र का प्रिय करता है वही वास्तव में मित्र होता है ।
#Subhashitam
कराविव शरीरस्य नेत्रयोरिव पक्ष्मणी।
अविचार्य प्रियं कुर्यात्तन्मित्रं मित्रमुच्यते
।।🔆 यथा करौ शरीरस्य तथा पक्ष्मणी नेत्रयोः रक्षणं कुरुतः तथैव यः स्वमित्राणां ध्यानं धरति स एव मित्रमस्ति।
⚜जैसे दोनों हाथ शरीर का बिना विचारे हित करते हैं, दोनों पलकें आँखों का बिना विचारे ध्यान रखती हैं, वैसे ही जो मित्र बिना विचारे मित्र का प्रिय करता है वही वास्तव में मित्र होता है ।
#Subhashitam
October 14, 2023
नगरे बाले भ्रमतः। अत्र बाले इत्यस्मिन् का विभक्तिः।
Anonymous Quiz
36%
प्रथमा
29%
सप्तमी
13%
अनुचितप्रयोगः
22%
द्विवचनम्
October 15, 2023
लिट् लकार
---------------
त्रेता युग में जब भगवान् राम ने निशाचरों का वध करके राम राज्य स्थापित किया तो हर तरफ खुशहाली छा गई।
•• त्रेतायुगे यदा भगवान् राम: निशाचरान् हत्वा रामराज्यस्य स्थापनां चकार तदा सर्वत्र सुखसाम्राज्यो व्याप्तो बभूव।
धरती एक तरह से स्वर्ग हो गई।
•• वसुन्धरा एकप्रकारेण स्वर्गवत् बभूव।
इसी बीच उनके अनन्य भक्त हनुमान जी के मन में विचार आया कि क्यों न भगवान् राम की कथा को लिपिबद्ध किया जाए?
•• एतस्मिन्नेव मध्ये तस्य अनन्यभक्त: हनुमत: मनसि एक: विचार: आजगाम यत् किमर्थं न भगवत: रामस्य कथां लिपिबद्धं कुर्यात् ?
इस विचार को पूरा करने के लिए वे हिमालय के गुफाओं में चले गए और एक चट्टान पर रामकथा लिखनी शुरु कर दी।
•• एतस्य विचारस्य पूर्तये सः हिमालयस्य गुहासु गत्वा एकस्मिन शिलाखण्डे रामस्य कथां लेखितुमारेभे ।
उन्होंने इसे नाखूनों से लिखा ताकि हर शब्द अमिट और अमर रहे
•• स एनं नखैः लिलेख येन प्रत्येकं शब्द: अमिटवत् अमृतवत् च भवेत् ।
यह बात धीरे-धीरे हर जगह फैल गई।
•• अयं शब्दः शनै:-शनै: सर्वत्र प्रसृतः बभूव।
ऋषियों ने इसे हनुमद् रामायण का नाम दिया।
•• ऋषय: एतस्य नामकरणं हनुमद्रामायणं चकार।
-------------------------------------------------------------------
हरियाणा के करनाल में पैदा होकर अन्तरिक्ष परी के तौर पर दुनिया भर में नाम कमाने वाली भारत की बेटी कल्पना चावला आज ही के दिन हमेशा के लिए अन्तरिक्ष में विलीन हो गई थी।
•• हरियाणाया: करनाले जन्मग्रहीत्री भारतपुत्री कल्पना चावला , या अन्तरीक्षाप्सरस: नाम्ना विश्वख्यातिं प्राप्तवती , सा अद्यतनतस्य तिथौ एव अन्तरिक्षे लुप्ता अभवत् ।
वह ऐसी पहली महिला थी जिसने अन्तरिक्ष का सफर करके अपना नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया था।
•• सा एतादृशा प्रथमा महिला आसीत् या अंतरिक्षभ्रमणं कृत्वा इतिहासस्य पृष्ठेषु स्वर्णाक्षरै: स्वनाम रचितवती।
कल्पना चावला के जीवन से करोड़ो लड़किया प्रेरणा लेती हैं।
••कल्पना चावलाया: जीवनेन कोटिश: बालिका: प्रेरणां प्राप्नुवंति ।
अन्तरीक्ष परी को नमन।
•• अन्तरीक्षाप्सरसे नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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त्रेता युग में जब भगवान् राम ने निशाचरों का वध करके राम राज्य स्थापित किया तो हर तरफ खुशहाली छा गई।
•• त्रेतायुगे यदा भगवान् राम: निशाचरान् हत्वा रामराज्यस्य स्थापनां चकार तदा सर्वत्र सुखसाम्राज्यो व्याप्तो बभूव।
धरती एक तरह से स्वर्ग हो गई।
•• वसुन्धरा एकप्रकारेण स्वर्गवत् बभूव।
इसी बीच उनके अनन्य भक्त हनुमान जी के मन में विचार आया कि क्यों न भगवान् राम की कथा को लिपिबद्ध किया जाए?
•• एतस्मिन्नेव मध्ये तस्य अनन्यभक्त: हनुमत: मनसि एक: विचार: आजगाम यत् किमर्थं न भगवत: रामस्य कथां लिपिबद्धं कुर्यात् ?
इस विचार को पूरा करने के लिए वे हिमालय के गुफाओं में चले गए और एक चट्टान पर रामकथा लिखनी शुरु कर दी।
•• एतस्य विचारस्य पूर्तये सः हिमालयस्य गुहासु गत्वा एकस्मिन शिलाखण्डे रामस्य कथां लेखितुमारेभे ।
उन्होंने इसे नाखूनों से लिखा ताकि हर शब्द अमिट और अमर रहे
•• स एनं नखैः लिलेख येन प्रत्येकं शब्द: अमिटवत् अमृतवत् च भवेत् ।
यह बात धीरे-धीरे हर जगह फैल गई।
•• अयं शब्दः शनै:-शनै: सर्वत्र प्रसृतः बभूव।
ऋषियों ने इसे हनुमद् रामायण का नाम दिया।
•• ऋषय: एतस्य नामकरणं हनुमद्रामायणं चकार।
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हरियाणा के करनाल में पैदा होकर अन्तरिक्ष परी के तौर पर दुनिया भर में नाम कमाने वाली भारत की बेटी कल्पना चावला आज ही के दिन हमेशा के लिए अन्तरिक्ष में विलीन हो गई थी।
•• हरियाणाया: करनाले जन्मग्रहीत्री भारतपुत्री कल्पना चावला , या अन्तरीक्षाप्सरस: नाम्ना विश्वख्यातिं प्राप्तवती , सा अद्यतनतस्य तिथौ एव अन्तरिक्षे लुप्ता अभवत् ।
वह ऐसी पहली महिला थी जिसने अन्तरिक्ष का सफर करके अपना नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया था।
•• सा एतादृशा प्रथमा महिला आसीत् या अंतरिक्षभ्रमणं कृत्वा इतिहासस्य पृष्ठेषु स्वर्णाक्षरै: स्वनाम रचितवती।
कल्पना चावला के जीवन से करोड़ो लड़किया प्रेरणा लेती हैं।
••कल्पना चावलाया: जीवनेन कोटिश: बालिका: प्रेरणां प्राप्नुवंति ।
अन्तरीक्ष परी को नमन।
•• अन्तरीक्षाप्सरसे नम:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 15, 2023
https://youtu.be/BMC0nin-YTI?feature=shared
#NavratrispecialMusic
भ्रमराम्बाष्टकम् अथवा श्रीमातृस्तवः श्रीशैलभगवत्यष्टकम् चाञ्चल्यारुणलोचनाञ्चितकृपाचन्द्रार्कचूडामणिं
चारुस्मेरमुखां चराचरजगत्संरक्षणीं तत्पदाम् ।
चञ्च्चम्पकनासिकाग्रविलसन्मुक्तामणीरञ्जितां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ १॥
कस्तूरीतिलकाञ्चितेन्दुविलसत्प्रोद्भासिफालस्थलीं
कर्पूरद्रावमिक्षचूर्णखदिरामोदोल्लसद्वीटिकाम् ।
लोलापाङ्गतरङ्गितैरधिकृपासारैर्नतानन्दिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ २॥
राजन्मत्तमरालमन्दगमनां राजीवपत्रेक्षणां
राजीवप्रभवादिदेवमकुटै राजत्पदाम्भोरुहाम् ।
राजीवायतमन्दमण्डितकुचां राजाधिराजेश्वरीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ३॥
षट्तारां गणदीपिकां शिवसतीं षड्वैरिवर्गापहां
षट्चक्रान्तरसंस्थितां वरसुधां षड्योगिनीवेष्टिताम् ।
षट्चक्राञ्चितपादुकाञ्चितपदां षड्भावगां षोडशीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ४॥
श्रीनाथादृतपालितात्रिभुवनां श्रीचक्रसंचारिणीं
ज्ञानासक्तमनोजयौवनलसद्गन्धर्वकन्यादृताम् ।
दीनानामातिवेलभाग्यजननीं दिव्याम्बरालंकृतां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ५॥
लावण्याधिकभूषिताङ्गलतिकां लाक्षालसद्रागिणीं
सेवायातसमस्तदेववनितां सीमन्तभूषान्विताम् ।
भावोल्लासवशीकृतप्रियतमां भण्डासुरच्छेदिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ६॥
धन्यां सोमविभावनीयचरितां धाराधरश्यामलां
मुन्याराधनमेधिनीं सुमवतां मुक्तिप्रदानव्रताम् ।
कन्यापूजनपुप्रसन्नहृदयां काञ्चीलसन्मध्यमां
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ७॥
कर्पूरागरुकुङ्कुमाङ्कितकुचां कर्पूरवर्णस्थितां
कृष्टोत्कृष्टसुकृष्टकर्मदहनां कामेश्वरीं कामिनीम् ।
कामाक्षीं करुणारसार्द्रहृदयां कल्पान्तरस्थायिनीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ८॥
गायत्रीं गरुडध्वजां गगनगां गान्धर्वगानप्रियां
गम्भीरां गजगामिनीं गिरिसुतां गन्धाक्षतालंकृताम् ।
गङ्गागौत्मगर्गसंनुतपदां गां गौतमीं गोमतीं
श्रीशैलस्थलवासिनीं भगवतीं श्रीमातरं भावये ॥ ९॥
इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य श्रीमच्छंकरभगवतः कृतौ भ्रमराम्बाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
#NavratrispecialMusic
YouTube
Sri Bhramarambashtakam చాంచల్యారుణ. .. Sri Adi Shankara. ... by Kodakandla Radhakrishna Sharma
Sri Bhramaramba Ashtakam is composed by Sri Adi Shankaracharya.. Goddes Sri Bhramaramba devi temple is located in Srishilam .. Karnool District Andhra pradesh State
భ్రమరాంబాష్టకం
చాంచల్యారుణలోచనాంచితకృపాచంద్రార్కచూడామణిం
చారుస్మేరముఖాం చరాచరజగత్సంరక్షణీం…
భ్రమరాంబాష్టకం
చాంచల్యారుణలోచనాంచితకృపాచంద్రార్కచూడామణిం
చారుస్మేరముఖాం చరాచరజగత్సంరక్షణీం…
October 15, 2023
Nominative Case
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is प्रथमा (prathamā) and this is the first case. Its कारकम् (kārakam) is कर्ता (kartā). The nominative case is used for the subject in the sentence. The subject in the sentence is the one who does the action or the doer of the action.
Some examples for the nominative case are:
बालः भोजनं खादति। (bālaḥ bhojanaṃ khādati।), This means, “A boy is eating food.” Here, the word, बालः is the subject of the sentence and is in singular as there is only one boy. Therefore, the word is in the nominative case, singular. Here, the boy is the one who is doing the action of eating, so he is the subject.
बाला क्रीडाङ्गणे क्रीडति। (bālā krīḍāṅgaṇe krīḍati।), this means, “A girl is playing in the playground.” Here, the word, बाला is the subject of the sentence and is in singular as there is only one girl. Therefore, the word is in the nominative case, singular. Here, the girl is the one doing the action of playing, so she is the subject.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is प्रथमा (prathamā) and this is the first case. Its कारकम् (kārakam) is कर्ता (kartā). The nominative case is used for the subject in the sentence. The subject in the sentence is the one who does the action or the doer of the action.
Some examples for the nominative case are:
बालः भोजनं खादति। (bālaḥ bhojanaṃ khādati।), This means, “A boy is eating food.” Here, the word, बालः is the subject of the sentence and is in singular as there is only one boy. Therefore, the word is in the nominative case, singular. Here, the boy is the one who is doing the action of eating, so he is the subject.
बाला क्रीडाङ्गणे क्रीडति। (bālā krīḍāṅgaṇe krīḍati।), this means, “A girl is playing in the playground.” Here, the word, बाला is the subject of the sentence and is in singular as there is only one girl. Therefore, the word is in the nominative case, singular. Here, the girl is the one doing the action of playing, so she is the subject.
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October 15, 2023
October 15, 2023
October 15, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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October 15, 2023
October 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 01:13 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 16 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती रात्रि 07:35 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - विष्कम्भ सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 08:04 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 01:13 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 16 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - स्वाती रात्रि 07:35 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - विष्कम्भ सुबह 10:04 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 08:04 से 09:31 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:14
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:47 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:50 तक
October 15, 2023
October 15, 2023
October 15, 2023
October 15, 2023
October 15, 2023
October 15, 2023
🍃
🔆 तपस्या परमतत्वस्य प्रकाशिका उत्तमाचारः धर्मस्य साधकः ज्ञानं परब्रह्म तथा सन्न्यासः उत्तमं तपः वर्तते ।
(महाभारत, आश्वमेधिक पर्व - ४७/५)
⚜तप परमतत्व का प्रकाशक प्रदीप कहा गया है। आचार धर्म का साधक है। ज्ञान परब्रह्मस्वरूप है और संन्यास उत्तम तप कहा जाता है।
#Subhashitam
तपः प्रदीपम् इत्याहुः आचारो धर्मसाधक:।
ज्ञानं वै परमं विद्यात् संन्यासं तप उत्तमम्
।।🔆 तपस्या परमतत्वस्य प्रकाशिका उत्तमाचारः धर्मस्य साधकः ज्ञानं परब्रह्म तथा सन्न्यासः उत्तमं तपः वर्तते ।
(महाभारत, आश्वमेधिक पर्व - ४७/५)
⚜तप परमतत्व का प्रकाशक प्रदीप कहा गया है। आचार धर्म का साधक है। ज्ञान परब्रह्मस्वरूप है और संन्यास उत्तम तप कहा जाता है।
#Subhashitam
October 15, 2023
कार्यविधेः ज्ञाता - _______।
कः विकल्पः उचितः।
कः विकल्पः उचितः।
Anonymous Quiz
64%
कार्यविधिज्ञः
9%
कार्यविधिजः
8%
कार्यविधिवान्
19%
कार्यविधी
October 16, 2023
जब दुनिया पत्थर घिसकर आग जलाना सीख रही थी तब हमारे पूर्वज पत्थरों पर नक्काशी बनाकर खेल रहे थे।
••यदा जगत् ग्रावाणं मर्दित्वा अग्निप्रज्वालनम् अधिजगे तदा अस्माकं पूर्वजाः ग्रावसु उत्कीर्णनं कृत्वा चिक्रीडु:।
हमारे पूर्वज कमाल के इंजीनियर थे।
••अस्माकं पूर्वजाः अद्भुताः अभियंतारो बभूवतु:।
यहां देखिए।यह पत्थर का मुंह है और इसमें पत्थर की गेंद है जो एक उंगली से चारो तरफ घूमती है।
••अत्र पश्यतु।एतत् ग्रावमुखमस्ति अस्मिन् च ग्रावकन्दुकमस्ति यत् एकया अङ्गुल्या चतुर्दिक्षु भ्रमति।
विशेष यह है की उस गेंद को आप बाहर नहीं निकाल सकते है।
••विशेषो यत् भवान् तत् कन्दुकं बहिर्निष्कासयितुं न शक्नोति।
इसे पत्थर के अन्दर ही बनाया हुआ है।
••ग्रावण: अन्तर्भागे एव एतत् निर्मितमस्ति।
न उस समय आधुनिक ड्रिल मशीन था न कटर था तो किस तरीके से बनाया होगा बिलकुल हैरान करने वाली बात है।
••न तदानीम् आधुनिकं छेदकयन्त्रं बभूव न च कर्तकयन्त्रं बभूव, तर्हि केन विधिना निर्मितं स्यात्? सर्वथा आश्चर्यकरो विषयोऽस्ति।
------------------------------------------------------------------
जैसे नाव में पानी भरने से नाव डूबने का खतरा बढ़ जाता है।
••यथा नौकायां जले प्रविष्टे एतस्याः निमज्जनभयं वर्धते।
उस स्थिति में हम दोनों हाथों से नाव का पानी बाहर फेंकने लगते है।
••तस्यां परिस्थित्यां वयं द्वाभ्यां हस्ताभ्यां नौकाया: जलं बहि: उल्लाजयितुमारभामहे।
ठीक वैसे ही घर में धन बढ़ जाने पर हमें दोनों हाथों से दान करना चाहिए।
••तथैव गृहे धने वर्धिते अस्माभि: द्वाभ्यां हस्ताभ्यां दानं करणीयम्।
जल्दी से जल्दी दोनों हाथों से अधिक धन को बाहर निकलना चाहिए यानि दान करना चाहिए।यही समझदारी का काम है।
••अतिरिक्तं धनं यथाशीघ्रं द्वाभ्यां हस्ताभ्यां निष्कासयेत् अर्थात् दानं करणीयम्।इदमेव दूरदर्शित्वकार्यमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••यदा जगत् ग्रावाणं मर्दित्वा अग्निप्रज्वालनम् अधिजगे तदा अस्माकं पूर्वजाः ग्रावसु उत्कीर्णनं कृत्वा चिक्रीडु:।
हमारे पूर्वज कमाल के इंजीनियर थे।
••अस्माकं पूर्वजाः अद्भुताः अभियंतारो बभूवतु:।
यहां देखिए।यह पत्थर का मुंह है और इसमें पत्थर की गेंद है जो एक उंगली से चारो तरफ घूमती है।
••अत्र पश्यतु।एतत् ग्रावमुखमस्ति अस्मिन् च ग्रावकन्दुकमस्ति यत् एकया अङ्गुल्या चतुर्दिक्षु भ्रमति।
विशेष यह है की उस गेंद को आप बाहर नहीं निकाल सकते है।
••विशेषो यत् भवान् तत् कन्दुकं बहिर्निष्कासयितुं न शक्नोति।
इसे पत्थर के अन्दर ही बनाया हुआ है।
••ग्रावण: अन्तर्भागे एव एतत् निर्मितमस्ति।
न उस समय आधुनिक ड्रिल मशीन था न कटर था तो किस तरीके से बनाया होगा बिलकुल हैरान करने वाली बात है।
••न तदानीम् आधुनिकं छेदकयन्त्रं बभूव न च कर्तकयन्त्रं बभूव, तर्हि केन विधिना निर्मितं स्यात्? सर्वथा आश्चर्यकरो विषयोऽस्ति।
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जैसे नाव में पानी भरने से नाव डूबने का खतरा बढ़ जाता है।
••यथा नौकायां जले प्रविष्टे एतस्याः निमज्जनभयं वर्धते।
उस स्थिति में हम दोनों हाथों से नाव का पानी बाहर फेंकने लगते है।
••तस्यां परिस्थित्यां वयं द्वाभ्यां हस्ताभ्यां नौकाया: जलं बहि: उल्लाजयितुमारभामहे।
ठीक वैसे ही घर में धन बढ़ जाने पर हमें दोनों हाथों से दान करना चाहिए।
••तथैव गृहे धने वर्धिते अस्माभि: द्वाभ्यां हस्ताभ्यां दानं करणीयम्।
जल्दी से जल्दी दोनों हाथों से अधिक धन को बाहर निकलना चाहिए यानि दान करना चाहिए।यही समझदारी का काम है।
••अतिरिक्तं धनं यथाशीघ्रं द्वाभ्यां हस्ताभ्यां निष्कासयेत् अर्थात् दानं करणीयम्।इदमेव दूरदर्शित्वकार्यमस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 16, 2023
नमस्ते देवि गायत्रि सावित्रि त्रिपदेऽक्षरे।
अजरे अमरे मातस्त्राहि मां भवसागरात्॥१॥
नमस्ते सूर्यसंकाशे सूर्यसावित्रि कोमले।
ब्रह्मविद्ये महाविद्ये वेदमातर्नमोस्तु ते ॥२॥
अनन्तकोटिब्रह्माण्डव्यापिनि ब्रह्मचारिणि।
नित्यानन्दे महामाये परेशानि नमोस्तु ते ॥३॥
त्वं ब्रह्मा त्वं हरिः साक्षाद्रुद्रस्त्वमिन्द्रदेवता।
मित्रस्त्वं वरुणस्त्वं च त्वमग्निरश्विनौ भगः॥४॥
पूषार्यमा मरुत्वांश्च ऋषयोऽपि मुनीश्वराः ।
पितरो नागयक्षाश्च गंधर्वाप्सरसां गणाः॥५॥
रक्षोभूतपिशाचाश्च त्वमेव परमेश्वरि।
ऋग्यजुस्सामवेदाश्च अथर्वाङ्गिरसानि च ॥६॥
त्वमेव पञ्चभूतानि तत्त्वानि जगदीश्वरि।
ब्राह्मी सरस्वती सन्ध्या तुरीया त्वं महेश्वरि॥७॥
त्वमेव सर्वशास्त्राणि त्वमेव सर्वसंहिताः।
पुराणानि च मन्त्राणि महागम मतानि च ॥८॥
तत्सद्ब्रह्मस्वरूपा त्वं कंचित्सदसदात्मिका।
परात्परेशि गायत्रि नमस्ते मातरंबिके ॥९॥
चन्द्रे कलात्मिके नित्ये कालरात्रि स्वधे स्वरे।
स्वाहाकारेऽग्निवक्त्रे त्वां नमामि जगदीश्वरि॥१०॥
नमो नमस्ते गायत्रि सावित्रि त्वां नमाम्यहम्।
सरस्वति नमस्तुभ्यं तुरीये ब्रह्मरूपिणि॥११॥
अपराधसहस्राणि त्वसत्कर्मशतानि च।
मत्तो जातानि देवेशि त्वं क्षमस्व दिने दिने॥१२॥
॥ इति वसिष्ठसंहितायां गायत्रीस्तोत्रं संपूर्णम् ॥
#NavratriSpecialMusic
https://youtu.be/280OQORjOWE?feature=shared
YouTube
॥ गायत्री स्तुति ॥ Gayatri Stuti - Vedmata Gayatri | Singers: Aniket Khandekar, Sangeeta Dave
Watch Full Album Video at: https://www.youtube.com/watch?v=wglv1TrFxTI
Full Track Available For Download From i-Tunes or Buy CD From
http://www.indiabazaar.co.uk/product-vedhmata_gayatri_2cd_pack-583.htm
Language: Sankrit / Hindi
Music: Shambhu Mehta
Singer:…
Full Track Available For Download From i-Tunes or Buy CD From
http://www.indiabazaar.co.uk/product-vedhmata_gayatri_2cd_pack-583.htm
Language: Sankrit / Hindi
Music: Shambhu Mehta
Singer:…
October 16, 2023
October 16, 2023
October 16, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - देविमन्दिरविवरणम्
🗓१७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्याश्चित् देविमन्दिरस्य विवरणं वक्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - देविमन्दिरविवरणम्
🗓१७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्याश्चित् देविमन्दिरस्य विवरणं वक्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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October 16, 2023
Accusative Case:
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is द्वितीया (dvitīyā) and this is the second case. Its कारकम् (kārakam) is कर्म (karma). The accusative case is used for the object in the sentence. The object in the sentence is the one whom the action is done to or the receiver of the action.
Some examples for the accusative case are:
लेखकः पुस्तकं लिखति। (lekhakaḥ pustakaṃ likhati।), this means, “An author is writing a book.” Here, the word, “पुस्तकम्” (pustakam) is the object of the sentence and is in singular as there is only one book. Therefore, the word is in the accusative case, singular. Here, the book is being written, so it is the object.
शिक्षिका बालकान् पाठयति। (śikṣikā bālakān pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching children.” Here, the word, ” बालकान्” is the object of the sentence and is in plural as there are many books. Therefore, the word is in the accusative case, plural. Here, the children are being taught, so they are the objects.
#sanskritlessons
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is द्वितीया (dvitīyā) and this is the second case. Its कारकम् (kārakam) is कर्म (karma). The accusative case is used for the object in the sentence. The object in the sentence is the one whom the action is done to or the receiver of the action.
Some examples for the accusative case are:
लेखकः पुस्तकं लिखति। (lekhakaḥ pustakaṃ likhati।), this means, “An author is writing a book.” Here, the word, “पुस्तकम्” (pustakam) is the object of the sentence and is in singular as there is only one book. Therefore, the word is in the accusative case, singular. Here, the book is being written, so it is the object.
शिक्षिका बालकान् पाठयति। (śikṣikā bālakān pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching children.” Here, the word, ” बालकान्” is the object of the sentence and is in plural as there are many books. Therefore, the word is in the accusative case, plural. Here, the children are being taught, so they are the objects.
#sanskritlessons
October 16, 2023
October 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 01:26 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 17 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - प्रीति सुबह 09:22 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 03:19 से 04:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:13
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 01:26 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 17 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - प्रीति सुबह 09:22 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 03:19 से 04:46 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:13
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
#panchang
October 16, 2023
October 16, 2023
October 16, 2023
October 16, 2023
🍃
🔆 उपविष्टस्य मनुजस्य भाग्यमपि उपविशति स्थितस्य तिष्ठति सुप्तस्य स्वपिति तथा चलतः च चलति।
अर्थात् कार्यं कुर्वता सहैव भाग्यमपि भवति।
⚜बैठे मनुष्य (काम किए बिना) का भाग्य भी बैठ जाता है। खड़े का भाग्य खड़ा, सोए का भाग्य सोया और चलने वाले का भाग्य भी चलने लगता है। अर्थात कर्म से ही भाग्य बदलता है।
#Subhashitam
आस्ते भग आसीनस्योर्ध्वस्तिष्ठति तिष्ठतः ।
शेते निपद्यमानस्य चराति चरतो भगश्चरैवेति
॥🔆 उपविष्टस्य मनुजस्य भाग्यमपि उपविशति स्थितस्य तिष्ठति सुप्तस्य स्वपिति तथा चलतः च चलति।
अर्थात् कार्यं कुर्वता सहैव भाग्यमपि भवति।
⚜बैठे मनुष्य (काम किए बिना) का भाग्य भी बैठ जाता है। खड़े का भाग्य खड़ा, सोए का भाग्य सोया और चलने वाले का भाग्य भी चलने लगता है। अर्थात कर्म से ही भाग्य बदलता है।
#Subhashitam
October 16, 2023
October 17, 2023
October 17, 2023
अन्तरेण (के बिना) - के साथ हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
---------------------------------
(१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है
= गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति।
(२) अभ्यास के बिना भाषा के ज्ञान में वृद्धि नहीं होती है(हो सकती है)
= अभ्यासम् अन्तरेण भाषाज्ञानं न वर्धते।
(३) लिखावट के बिना लिखने की कला का ज्ञान नहीं होता है
= लेखनम् अन्तरेण लेखनकलाज्ञानं न भवति।
(३) भाषण अभ्यास के बिना मंच पर भाषण देना कैसे संभव है
= भाषणाभ्यासमन्तरेण कथं मंचे भाषितुं शक्यते?
(४)आजकल कम्प्यूटर के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है
= अद्यत्वे सङ्गणकज्ञानम् अन्तरेण किमपि कार्यं न शक्यते।
(५) शीत ऋतु में सूर्य के बिना वातावरण में बहुत से रोग बढ़ जाते हैं
= शीतर्तौ मार्तण्डम् अन्तरेण वातावरणे अनेके रोगा: वर्धन्ते।
(६) मोबाइल के बिना जीवन में नीरसता उत्पन्न हो जाती है
= दूरवाणीमन्तरेण जीवने वैरस्यं जायते।
(७) अनुशासन के बिना जीवन भेड़ों के झुंड के समान दिशाहीन हो जाता है
= अनुशासनम् अन्तरेण जीवनं मेषाणां समूहवद् दिशाहीनं /पथभ्रष्टं भवति।
(८)बिना विजा के दूसरे देशों में प्रवेश करना दण्डनीय अपराध होता है
=प्रवेशानुमतिपत्रम् अन्तरेण अन्यदेशेषु प्रवेशो दण्डनीयोऽपराधो भवति।
(९) ऑक्सीजन के बिना मनुष्य एक सेकंड भी जिन्दा नहीं रह सकता है। इसलिए, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना बहुत जरूरी है
= प्राणवायुम् अन्तरेण मानव: क्षणमपि जीवितुं न शक्नोति। अतः वायुमंडले प्राणवायो: उपस्थिते: कृते वृक्षारोपणम् अत्यावश्यकम् अस्ति।
(१०) अच्छे नेतृत्व के अभाव में राष्ट्र व समाज का पतन हो जाता है
= सुनेतृत्वम् अन्तरेण राष्ट्रं समाज: च पतत:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
---------------------------------
(१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है
= गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति।
(२) अभ्यास के बिना भाषा के ज्ञान में वृद्धि नहीं होती है(हो सकती है)
= अभ्यासम् अन्तरेण भाषाज्ञानं न वर्धते।
(३) लिखावट के बिना लिखने की कला का ज्ञान नहीं होता है
= लेखनम् अन्तरेण लेखनकलाज्ञानं न भवति।
(३) भाषण अभ्यास के बिना मंच पर भाषण देना कैसे संभव है
= भाषणाभ्यासमन्तरेण कथं मंचे भाषितुं शक्यते?
(४)आजकल कम्प्यूटर के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है
= अद्यत्वे सङ्गणकज्ञानम् अन्तरेण किमपि कार्यं न शक्यते।
(५) शीत ऋतु में सूर्य के बिना वातावरण में बहुत से रोग बढ़ जाते हैं
= शीतर्तौ मार्तण्डम् अन्तरेण वातावरणे अनेके रोगा: वर्धन्ते।
(६) मोबाइल के बिना जीवन में नीरसता उत्पन्न हो जाती है
= दूरवाणीमन्तरेण जीवने वैरस्यं जायते।
(७) अनुशासन के बिना जीवन भेड़ों के झुंड के समान दिशाहीन हो जाता है
= अनुशासनम् अन्तरेण जीवनं मेषाणां समूहवद् दिशाहीनं /पथभ्रष्टं भवति।
(८)बिना विजा के दूसरे देशों में प्रवेश करना दण्डनीय अपराध होता है
=प्रवेशानुमतिपत्रम् अन्तरेण अन्यदेशेषु प्रवेशो दण्डनीयोऽपराधो भवति।
(९) ऑक्सीजन के बिना मनुष्य एक सेकंड भी जिन्दा नहीं रह सकता है। इसलिए, वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए के लिए अधिक से अधिक पेड़ों को लगाना बहुत जरूरी है
= प्राणवायुम् अन्तरेण मानव: क्षणमपि जीवितुं न शक्नोति। अतः वायुमंडले प्राणवायो: उपस्थिते: कृते वृक्षारोपणम् अत्यावश्यकम् अस्ति।
(१०) अच्छे नेतृत्व के अभाव में राष्ट्र व समाज का पतन हो जाता है
= सुनेतृत्वम् अन्तरेण राष्ट्रं समाज: च पतत:।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 17, 2023
देवी शैलपुत्री ।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
देवी ब्रह्मचारिणी ।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥
देवी चन्द्रघण्टेति ।
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥
देवी कूष्मांडा ।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
देवीस्कन्दमाता ।
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया ।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥
देवीकात्यायनी ।
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवघातिनी ॥
देवीकालरात्रि ।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥
देवीमहागौरी ।
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ॥
देवीसिद्धिदात्रि ।
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥
इति नवदुर्गास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
#NavratriSpecialMusic
https://youtu.be/Jbpu7PNrrio?feature=shared
YouTube
SHREE NAVDURGA STOTRAM
Devii Shailaputrii |
vande vaanchhita laabhaaya chandraardha kRita shekharaa |
vRiShaarUDhaa shuuladharaa shailaputrii yashasvinii ||
Devii BrahmachaariNii |
dadhaanaa karapadmaabhyaam akShamaalaa kamaNDaluu |
devii prasiidatu…
vande vaanchhita laabhaaya chandraardha kRita shekharaa |
vRiShaarUDhaa shuuladharaa shailaputrii yashasvinii ||
Devii BrahmachaariNii |
dadhaanaa karapadmaabhyaam akShamaalaa kamaNDaluu |
devii prasiidatu…
October 17, 2023
Instrumental Case:
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is तृतीया (tṛtīyā) and this is the third case. Its कारकम् (kārakam) is करणम् (karaṇam). The instrumental case is used for the thing by whose help the action in the sentence is done. This is often used in sense, “by/with”.
Some examples for instrumental case are:
छात्रः लेखन्या लिखति। (chātraḥ lekhanyā likhati।), this means, “A student is writing with a pen.” Here, the word, “लेखन्या” is the instrument of the sentence. The word is in singular as there is only one pen. Therefore, the word is in the instrumental case, singular. Here, the pen is being used to make the action of writing possible, so it is the instrument.
सा हस्तेन खादति। (sā hastena khādati।), this means, “She is eating using her hand.” Here, the word, “हस्तेन” is the instrument of the sentence. The word is in singular as there is only one hand. Therefore, the word is in the instrumental case, singular. Here, the hand is being used to make the action of eating possible, so it is the instrument.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is तृतीया (tṛtīyā) and this is the third case. Its कारकम् (kārakam) is करणम् (karaṇam). The instrumental case is used for the thing by whose help the action in the sentence is done. This is often used in sense, “by/with”.
Some examples for instrumental case are:
छात्रः लेखन्या लिखति। (chātraḥ lekhanyā likhati।), this means, “A student is writing with a pen.” Here, the word, “लेखन्या” is the instrument of the sentence. The word is in singular as there is only one pen. Therefore, the word is in the instrumental case, singular. Here, the pen is being used to make the action of writing possible, so it is the instrument.
सा हस्तेन खादति। (sā hastena khādati।), this means, “She is eating using her hand.” Here, the word, “हस्तेन” is the instrument of the sentence. The word is in singular as there is only one hand. Therefore, the word is in the instrumental case, singular. Here, the hand is being used to make the action of eating possible, so it is the instrument.
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October 17, 2023
October 17, 2023
October 17, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 01:12 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 18 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 08:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 12:25 से 01:51 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:12
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:48 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - तुला संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12-25 तक)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 01:12 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 18 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - आयुष्मान सुबह 08:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 12:25 से 01:51 तक
⛅ सूर्योदय - 06:37
⛅ सूर्यास्त - 06:12
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:48 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - तुला संक्रांति ( पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12-25 तक)
October 17, 2023
October 17, 2023
October 18, 2023
🍃
🔅 पण्डितः नरः, इन्द्रियाणि संयम्य, देश, काल, बलम् च ज्ञात्वा, सर्वकार्याणि बकवत् साधयेत्।
⚜ बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए कि अपने इन्द्रियों को वश में और चित्त को एकाग्र करके तथा देश, काल और अपने बल को जानकर बगुले के समान धैर्यपूर्वक अपने सारे कार्यों को सिद्ध करे।
⚜A wise man should perform his duties, having control over his senses and knowing place, time and ( self) strength like a Crane.
#subhashitam
इन्द्रियाणि च संयम्य बकवत्पण्डितो नरः।
देशकालबलं ज्ञात्वा सर्वकार्याणि साधयेत्॥
🔅 पण्डितः नरः, इन्द्रियाणि संयम्य, देश, काल, बलम् च ज्ञात्वा, सर्वकार्याणि बकवत् साधयेत्।
⚜ बुद्धिमान मनुष्य को चाहिए कि अपने इन्द्रियों को वश में और चित्त को एकाग्र करके तथा देश, काल और अपने बल को जानकर बगुले के समान धैर्यपूर्वक अपने सारे कार्यों को सिद्ध करे।
⚜A wise man should perform his duties, having control over his senses and knowing place, time and ( self) strength like a Crane.
#subhashitam
October 18, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अन्तरेण (के बिना) - के साथ हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है। --------------------------------- (१) गौ के बिना जीवन नहीं और गौ के बिना कृष्णभक्ति भी नहीं है = गाम् अन्तरेण जीवनं नास्ति तथा गाम् अन्तरेण कृष्णभक्तिरपि नास्ति। (२) अभ्यास के बिना भाषा…
(११) प्रधानाध्यापक की अनुमति के बिना विद्यालय परिसर में पत्रकार या अन्य किसी के द्वारा भी विडियो ग्राफी करना या फोटो खींचना दंडनीय अपराध है।
= प्रधानाध्यापकस्य आज्ञाम् अन्तरेण विद्यालयप्राङ्गणे पत्रकारै: अन्यजनै: वा विडियोचित्रग्रहणम् अथवा छायाचित्रग्रहणं दण्डनीयोऽपराध: अस्ति।
(१२)संस्कृत के बिना भारत मरे हुए के समान है ।
= संस्कृतम् अन्तरेण भारतं निष्प्राणम् अस्ति।
(१३) यातायात की सुविधा के बिना एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना बहुत ही कठिन है।
= यातायातस्य सुविधाम् अन्तरेण एकस्मात् स्थानात् अन्यस्थानं यावत् प्रापणम् अतीव दुष्करम् ।
(१४)इस कार्यालय में बिना अनुमति के प्रवेश करना मना है ।
= अस्मिन् कार्यालये आज्ञाम् अन्तरेण प्रवेशो निषिद्ध:।
(१५) शुद्ध पानी और भोजन के बिना मनुष्य बीमार पड़ जाता है ।
= शुद्धजलं शुद्धभोजनं चान्तरेण मनुष्यो रुग्णो भवति।
(१६) भगवान कृष्ण के बिना पाण्डव महाभारत युद्ध कभी भी जीत नहीं सकते थे ।
= भगवन्तं कृष्णम् अन्तरेण पाण्डव: महाभारतयुद्धं कस्याञ्चिदपि परिस्थित्यां जेतुं न शक्नोति स्म।
(१७) पदाधिकारियों और विभाग की लापरवाही के कारण किशनगंज के शिक्षक दस महिनों से वेतन के बिना जीने को मजबूर हैं ।
= पदाधिकारीणां विभागस्य च शैथिल्यै: किशनगंजस्य शिक्षका: दशमासानि वेतनम् अन्तरेण जीवनयापनाय विवशा: सन्ति।
(१८) त्याग के बिना प्रेम नहीं है।
= त्यागम् अन्तरेण प्रेम: नास्ति।
(१९) कर्त्तव्य के बिना अधिकार नहीं है।
= कर्त्तव्यम् अन्तरेण अधिकार: नास्ति।
(२०)धनिया की चटनी, गाजर के अचार,तिलौरी,पापर,सांभर और पनीर की सब्जी के बिना उसे भोजन करना अच्छा नहीं लगता है ।
= धान्यमावलेहं च गृञ्जनसन्धितं च तिलवटीं पर्पटं च शाकमिश्रितसूपव्यञ्जनं/साम्भारं च किलाटव्यञ्जनं चान्तरेण तस्मै भोजनं न रोचते।
(२१) ब्राह्मण के बिना मन्दिर में पूजा संभव नहीं है।
= देवालये ब्राह्मणम् अन्तरेण पूजनकार्यं न शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
= प्रधानाध्यापकस्य आज्ञाम् अन्तरेण विद्यालयप्राङ्गणे पत्रकारै: अन्यजनै: वा विडियोचित्रग्रहणम् अथवा छायाचित्रग्रहणं दण्डनीयोऽपराध: अस्ति।
(१२)संस्कृत के बिना भारत मरे हुए के समान है ।
= संस्कृतम् अन्तरेण भारतं निष्प्राणम् अस्ति।
(१३) यातायात की सुविधा के बिना एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचना बहुत ही कठिन है।
= यातायातस्य सुविधाम् अन्तरेण एकस्मात् स्थानात् अन्यस्थानं यावत् प्रापणम् अतीव दुष्करम् ।
(१४)इस कार्यालय में बिना अनुमति के प्रवेश करना मना है ।
= अस्मिन् कार्यालये आज्ञाम् अन्तरेण प्रवेशो निषिद्ध:।
(१५) शुद्ध पानी और भोजन के बिना मनुष्य बीमार पड़ जाता है ।
= शुद्धजलं शुद्धभोजनं चान्तरेण मनुष्यो रुग्णो भवति।
(१६) भगवान कृष्ण के बिना पाण्डव महाभारत युद्ध कभी भी जीत नहीं सकते थे ।
= भगवन्तं कृष्णम् अन्तरेण पाण्डव: महाभारतयुद्धं कस्याञ्चिदपि परिस्थित्यां जेतुं न शक्नोति स्म।
(१७) पदाधिकारियों और विभाग की लापरवाही के कारण किशनगंज के शिक्षक दस महिनों से वेतन के बिना जीने को मजबूर हैं ।
= पदाधिकारीणां विभागस्य च शैथिल्यै: किशनगंजस्य शिक्षका: दशमासानि वेतनम् अन्तरेण जीवनयापनाय विवशा: सन्ति।
(१८) त्याग के बिना प्रेम नहीं है।
= त्यागम् अन्तरेण प्रेम: नास्ति।
(१९) कर्त्तव्य के बिना अधिकार नहीं है।
= कर्त्तव्यम् अन्तरेण अधिकार: नास्ति।
(२०)धनिया की चटनी, गाजर के अचार,तिलौरी,पापर,सांभर और पनीर की सब्जी के बिना उसे भोजन करना अच्छा नहीं लगता है ।
= धान्यमावलेहं च गृञ्जनसन्धितं च तिलवटीं पर्पटं च शाकमिश्रितसूपव्यञ्जनं/साम्भारं च किलाटव्यञ्जनं चान्तरेण तस्मै भोजनं न रोचते।
(२१) ब्राह्मण के बिना मन्दिर में पूजा संभव नहीं है।
= देवालये ब्राह्मणम् अन्तरेण पूजनकार्यं न शक्यते।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 18, 2023
October 18, 2023
Dative Case
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is चतुर्थी (caturthī) and this is the fourth case. Its कारकम् (kārakam) is सम्प्रदानम् (sampradānam). The dative case is used for the thing for which the action is done in the sentence.
Some examples for the dative case are:
छात्राः पठनाय विद्यालयं गच्छन्ति। (chātrāḥ paṭhanāya vidyālayaṃ gacchanti।), this means, “Students go to the school for learning.” Here, for the word, “पठनाय” the action in the sentence is performed. Therefore, the word is in the dative case. The students do the action of going to the school for learning.
भक्ताः देवस्य प्रार्थनायै मन्दिरं गच्छन्ति। (bhaktāḥ devasya prārthanāyai mandiraṃ gacchanti।), this means, “Devotees go to the temple to pray to god.” Here, for the word, “प्रार्थनायै” the action in the sentence is performed. Therefore, the word is in the dative case. The devotees do the action of going to the temple for praying to god.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is चतुर्थी (caturthī) and this is the fourth case. Its कारकम् (kārakam) is सम्प्रदानम् (sampradānam). The dative case is used for the thing for which the action is done in the sentence.
Some examples for the dative case are:
छात्राः पठनाय विद्यालयं गच्छन्ति। (chātrāḥ paṭhanāya vidyālayaṃ gacchanti।), this means, “Students go to the school for learning.” Here, for the word, “पठनाय” the action in the sentence is performed. Therefore, the word is in the dative case. The students do the action of going to the school for learning.
भक्ताः देवस्य प्रार्थनायै मन्दिरं गच्छन्ति। (bhaktāḥ devasya prārthanāyai mandiraṃ gacchanti।), this means, “Devotees go to the temple to pray to god.” Here, for the word, “प्रार्थनायै” the action in the sentence is performed. Therefore, the word is in the dative case. The devotees do the action of going to the temple for praying to god.
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October 18, 2023
October 18, 2023
October 18, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी रात्रि 12:31 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 19 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅.अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 09:04 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सौभाग्य सुबह 06:54 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - दोपहर 01:51 से 03:18 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 06:11
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:48 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उपांग-ललिता पंचमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी रात्रि 12:31 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 19 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅.अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा रात्रि 09:04 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सौभाग्य सुबह 06:54 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - दोपहर 01:51 से 03:18 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 06:11
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:58 से 05:48 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उपांग-ललिता पंचमी
October 18, 2023
October 18, 2023
October 18, 2023
🍃
🔆 यस्य कार्यस्योपरि शैत्यम् ऊष्णता भयं प्रेम समृद्धिः तस्याः अभावः वा प्रभावं न जनयन्ति सः जनः पण्डितः उच्यते।
⚜जिसका कार्य कभी ठंढ, ताप, भय, प्रेम, समृद्धि, या उसका अभाव से बाधित नहीं होता, केवल वही वास्तव में श्रेष्ठ है ।
#Subhashitam
यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रति ।
समृध्दिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते
।।🔆 यस्य कार्यस्योपरि शैत्यम् ऊष्णता भयं प्रेम समृद्धिः तस्याः अभावः वा प्रभावं न जनयन्ति सः जनः पण्डितः उच्यते।
⚜जिसका कार्य कभी ठंढ, ताप, भय, प्रेम, समृद्धि, या उसका अभाव से बाधित नहीं होता, केवल वही वास्तव में श्रेष्ठ है ।
#Subhashitam
October 19, 2023
______(२२) जनाः गच्छन्ति तत्र।
Anonymous Poll
80%
द्वाविंशतिः
13%
द्विविंशतिः
6%
द्वेविंशतिः
2%
न एषु विकल्पेषु।
October 19, 2023
के लिए
----------
(१) मैंने बच्चों के लिए मैगजिन खरीदा
= अहं पुत्रेभ्य: पत्रिकां क्रीतवान्।
(२) उसने बच्चों के पढ़ने के लिए एक चाइल्ड मैगजिन खरीदा
= स बालकानां पठनाय एकां बालपत्रिकां क्रीतवान्।
(३)दुल्हा ने दुलहिन के लिए पहनने के लिए एक अंगूठी खरीदी
= वरो वध्वै धारणाय एकां उर्मिकां क्रीतवान्।
(४)मैंने उस लड़के को झूठ बोलने के लिए डांटा
= अहं तं बालकं असत्यं वदनाय तर्जितवान्।
(५)उसे रहने के लिए घर नहीं है
= तस्य वसनाय गृहं नास्ति।
(६) उसे लिखने के लिए कलम है
= तस्य लेखनाय लेखनी अस्ति।
(७) उसे लिखने के लिए कागज नहीं है
= तस्य लेखनाय कर्गदं नास्ति।
------------------------------------------------------------------
बदला लेने की नहीं बदलाव लाने की सोच रखिये।समझदार व्यक्ति वह नही हैं जो ईट का जवाब पत्थर से दे।समझदार व्यक्ति वो है जो फेंकी हुई ईटों से अपना आशियाना बना लें।
••परिवर्तनम् आनेतुं चिन्तयन्तु, प्रतिशोधं न।धीमन्त: जना: ते न सन्ति ये ईष्टिकानामुत्तरं पाषाणै: दद्यु:। धीमन्तो जना: ते सन्ति ये प्रक्षिप्ताभि: ईष्टिकाभि: स्वगृहाणां निर्माणं कुर्यु:।
राम कनमैलिया से अपने कान की खोंट निकलवा रहा है।
••रामः कर्णमलनिस्सारकेन कर्णमलं निस्सारयति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
----------
(१) मैंने बच्चों के लिए मैगजिन खरीदा
= अहं पुत्रेभ्य: पत्रिकां क्रीतवान्।
(२) उसने बच्चों के पढ़ने के लिए एक चाइल्ड मैगजिन खरीदा
= स बालकानां पठनाय एकां बालपत्रिकां क्रीतवान्।
(३)दुल्हा ने दुलहिन के लिए पहनने के लिए एक अंगूठी खरीदी
= वरो वध्वै धारणाय एकां उर्मिकां क्रीतवान्।
(४)मैंने उस लड़के को झूठ बोलने के लिए डांटा
= अहं तं बालकं असत्यं वदनाय तर्जितवान्।
(५)उसे रहने के लिए घर नहीं है
= तस्य वसनाय गृहं नास्ति।
(६) उसे लिखने के लिए कलम है
= तस्य लेखनाय लेखनी अस्ति।
(७) उसे लिखने के लिए कागज नहीं है
= तस्य लेखनाय कर्गदं नास्ति।
------------------------------------------------------------------
बदला लेने की नहीं बदलाव लाने की सोच रखिये।समझदार व्यक्ति वह नही हैं जो ईट का जवाब पत्थर से दे।समझदार व्यक्ति वो है जो फेंकी हुई ईटों से अपना आशियाना बना लें।
••परिवर्तनम् आनेतुं चिन्तयन्तु, प्रतिशोधं न।धीमन्त: जना: ते न सन्ति ये ईष्टिकानामुत्तरं पाषाणै: दद्यु:। धीमन्तो जना: ते सन्ति ये प्रक्षिप्ताभि: ईष्टिकाभि: स्वगृहाणां निर्माणं कुर्यु:।
राम कनमैलिया से अपने कान की खोंट निकलवा रहा है।
••रामः कर्णमलनिस्सारकेन कर्णमलं निस्सारयति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 19, 2023
॥ अथ देव्यपराधक्षमापणस्तोत्रम् ॥
न मन्त्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहो
न चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः ।
न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनं
परं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥ १॥
विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतया
विधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या च्युतिरभूत् ।
तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ २॥
पृथिव्यां पुत्रास्ते जननि बहवः सन्ति सरलाः
परं तेषां मध्ये विरलतरलोऽहं तव सुतः ।
मदीयोऽयं त्यागः समुचितमिदं नो तव शिवे
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ ३॥
जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता
न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया ।
तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे
कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति ॥ ४॥
परित्यक्ता देवा विविधविधसेवाकुलतया
मया पञ्चा शीतेरधिकमपनीते तु वयसि ।
इदानीं चेन्मातस्तव यदि कृपा नापि भविता
निरालम्बो लम्बोदरजननि कं यामि शरणम् ॥ ५॥
श्वपाको जल्पाको भवति मधुपाकोपमगिरा
निरातङ्को रङ्को विहरति चिरं कोटिकनकैः ।
तवापर्णे कर्णे विशति मनु वर्णे फलमिदं
जनः को जानीते जननि जननीयं जपविधौ ॥ ६॥
चिताभस्मालेपो गरलमशनं दिक्पटधरो
जटाधारी कण्ठे भुजगपतिहारी पशुपतिः ।
कपाली भूतेशो भजति जगदीशैकपदवीं
भवानि त्वत्पाणिग्रहणपरिपाटीफलमिदम् ॥ ७॥
न मोक्षस्याकाङ्क्षा भवविभववाञ्छापि च न मे
न विज्ञानापेक्षा शशिमुखि सुखेच्छापि न पुनः ।
अतस्त्वां संयाचे जननि जननं यातु मम वै
मृडानी रुद्राणी शिव शिव भवानीति जपतः ॥ ८॥
नाराधितासि विधिना विविधोपचारैः
किं रुक्षचिन्तनपरैर्न कृतं वचोभिः ।
श्यामे त्वमेव यदि किञ्चन मय्यनाथे
धत्से कृपामुचितमम्ब परं तवैव ॥ ९॥
आपत्सु मग्नः स्मरणं त्वदीयं
करोमि दुर्गे करुणार्णवेशि ।
नैतच्छठत्वं मम भावयेथाः
क्षुधातृषार्ता जननीं स्मरन्ति ॥ १०॥
जगदम्ब विचित्र मत्र किं
परिपूर्णा करुणास्ति चेन्मयि ।
अपराधपरम्परापरं
न हि माता समुपेक्षते सुतम् ॥ ११॥
मत्समः पातकी नास्ति पापघ्नी त्वत्समा न हि ।
एवं ज्ञात्वा महादेवि यथायोग्यं तथा कुरु ॥ १२॥ ॐ ॥
इति श्रीदेव्यपराधक्षमापणस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
#NavratriSpecialMusic
https://youtu.be/Ou2f8lmRGRw?feature=shared
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न मंत्रं नो यंत्रं (दुर्गा क्षमासतोत्रम) - मैथिली ठाकुर
#MaithiliThakur #RishavThakur #AyachiThakur
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October 19, 2023
Ablative Case:
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is पञ्चमी (pañcamī) and this is the fifth case. Its कारकम् (kārakam) is अपादानम् (apādānam). The ablative case is used in the sense, “from”.
Some examples for the ablative case are:
वृक्षात् फलं पतति। (vṛkṣāt phalaṃ patati।), this means, “A fruit falls from the tree.” Here, the word, “वृक्षात्” tells from where the action of falling is happening in the sentence. Therefore, the word is in the ablative case. Here, the action of the fruit falling is happening from the tree.
अहं गृहात् पुस्तकालयं गच्छामि। (ahaṃ gṛhāt pustakālayaṃ gacchāmi।), this means, “I go to the library from my house.” Here, the word, “गृहात्” tells from where the action of going to the library is happening in the sentence. Therefore, the word is in the ablative case. Here, the action of me going to the library is from my house.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is पञ्चमी (pañcamī) and this is the fifth case. Its कारकम् (kārakam) is अपादानम् (apādānam). The ablative case is used in the sense, “from”.
Some examples for the ablative case are:
वृक्षात् फलं पतति। (vṛkṣāt phalaṃ patati।), this means, “A fruit falls from the tree.” Here, the word, “वृक्षात्” tells from where the action of falling is happening in the sentence. Therefore, the word is in the ablative case. Here, the action of the fruit falling is happening from the tree.
अहं गृहात् पुस्तकालयं गच्छामि। (ahaṃ gṛhāt pustakālayaṃ gacchāmi।), this means, “I go to the library from my house.” Here, the word, “गृहात्” tells from where the action of going to the library is happening in the sentence. Therefore, the word is in the ablative case. Here, the action of me going to the library is from my house.
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October 19, 2023
October 19, 2023
October 19, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२०/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२०/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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October 19, 2023
October 19, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 20 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल रात्रि 08:41 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - शोभन सुबह 05:59 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:24 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 06:10
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 11:24 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 20 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल रात्रि 08:41 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - शोभन सुबह 05:59 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:24 तक
⛅ सूर्योदय - 06:38
⛅ सूर्यास्त - 06:10
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरस्वती आवाहन
October 19, 2023
October 19, 2023
October 19, 2023
October 19, 2023
October 19, 2023
October 19, 2023
🍃
🔆यथा एकेन चन्द्रेण रात्रिः उज्ज्वला भवति तथा एकेन उत्तमापत्येन कुलस्य कीर्तिः स्वयमेव प्रसृता भवति।
⚜जैसे अकेले एक चंद्र से रात्रि शोभा प्राप्त करती है, वैसे ही विद्यावान और पुरुषों में सिंह जैसे एक सत्पुत्र से कुल की शोभा बढ़ती है ।
#Subhashitam
एकेनापि सुपुत्रेण विद्यायुक्तेन भासते ।
कुलं पुरुषसिंहेन चन्द्रेणेव हि शर्वरी
॥🔆यथा एकेन चन्द्रेण रात्रिः उज्ज्वला भवति तथा एकेन उत्तमापत्येन कुलस्य कीर्तिः स्वयमेव प्रसृता भवति।
⚜जैसे अकेले एक चंद्र से रात्रि शोभा प्राप्त करती है, वैसे ही विद्यावान और पुरुषों में सिंह जैसे एक सत्पुत्र से कुल की शोभा बढ़ती है ।
#Subhashitam
October 19, 2023
October 20, 2023
अगमत् - अगच्छत् - जगाम।
उचितं विकल्पं चिनुत।
उचितं विकल्पं चिनुत।
Anonymous Quiz
7%
लिट् - लुङ् - लङ्
79%
लुङ् - लङ् - लिट्
13%
लङ् - लिट् - लुङ्
October 20, 2023
इमनिच् प्रत्यय
---------------
(१)गुरु (भारी)-
भैंच का दूध गाय के दूध की अपेक्षा जल्दी नहीं पचता है
= पाचनक्रियायां महिषीदुग्धं गौदुग्धात् गुरुतरम् ।
--------
(गरिमा)भारीपन-
नित्य एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस , काली मिर्च का चूर्ण व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है
= नित्यम् एकस्मिन् उष्णजलपूरिते चषके एकस्य निम्बुकस्य रसं कृष्णमरीचिकाचूर्णं कृष्णलवणं च मिश्रयित्वा तज्जलपानेन उदरस्य गरिमा दूरीभवति।
-------
(२)लघु (हल्का)-
तेल पानी से हल्का होता है , इसीलिए तेल जल के ऊपर ही ऊपर फैल जाता है
= तैलं जलात् लघुतरम्।अतएव , तैलं जलम् उपर्युपरि सर्वत्र प्रसरति।
-------
लघिमा (हल्कापन)-
प्राणायाम करने के बाद मुझे अपने शरीर में हल्कापन महसूस हो रहा है
= प्राणायामानन्तरं मया स्वशरीरे लघिमा अनुभूयते।
-------
(३)मृदु (कोमल)-
गाय का दुध इतना कोमल होता है कि पीते ही शरीर में पच जाता है
= गौदुग्धम् एतावत् मृदु भवति यत् तेन दुग्धपानेन एव शरीरे पाचनं भवति।
--------
म्रदिमा (कोमलता) -
तपा हुआ लोहा कोमलता को प्राप्त कर लेता है
= तप्तलौहं म्रदिमानं प्राप्नोति।
--------
(४)पटु (चालाक) -
किसी व्यक्ति को इतना चालाक जरूर होना चाहिए जिससे कि उसे बाहर कोई ठग नहीं पाये
= कश्चिज्जन: एतावान् पटु: अवश्यमेव भवेत् येन यत् कोऽपि जन: तं प्रदेशे कुटितुं न शक्नुयात्।
-------
पटिमा (चालाकी)-
कहां गयी तुम्हारी चालाकी
= क्वो गतो भवतो पटिमा ?
----------
(५)पृथु (विस्तृत)-
महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय का प्रागण बहुत बड़े भाग में फैला हुआ है
= महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालयस्य प्रांगणम् अतीव पृथु अस्ति।
-------
प्राथिमा (फैलाव अर्थात् चौड़ाई)-
•• यदि किसी जमीन की लम्बाई दस मीटर और चौड़ाई छ: मीटर है ,तो उस जमीन की क्षेत्रफल और परिमिति
बताएं।
=यदि कस्याञ्चिद् भूमे: द्राघिमा दशमीटरपरिमितं प्राथिमा च षड्मीटरपरिमितं स्त: , तर्हि तस्या: भूमे: क्षेत्रफलपरिमापयो: ज्ञापयतु।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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(१)गुरु (भारी)-
भैंच का दूध गाय के दूध की अपेक्षा जल्दी नहीं पचता है
= पाचनक्रियायां महिषीदुग्धं गौदुग्धात् गुरुतरम् ।
--------
(गरिमा)भारीपन-
नित्य एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस , काली मिर्च का चूर्ण व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है
= नित्यम् एकस्मिन् उष्णजलपूरिते चषके एकस्य निम्बुकस्य रसं कृष्णमरीचिकाचूर्णं कृष्णलवणं च मिश्रयित्वा तज्जलपानेन उदरस्य गरिमा दूरीभवति।
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(२)लघु (हल्का)-
तेल पानी से हल्का होता है , इसीलिए तेल जल के ऊपर ही ऊपर फैल जाता है
= तैलं जलात् लघुतरम्।अतएव , तैलं जलम् उपर्युपरि सर्वत्र प्रसरति।
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लघिमा (हल्कापन)-
प्राणायाम करने के बाद मुझे अपने शरीर में हल्कापन महसूस हो रहा है
= प्राणायामानन्तरं मया स्वशरीरे लघिमा अनुभूयते।
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(३)मृदु (कोमल)-
गाय का दुध इतना कोमल होता है कि पीते ही शरीर में पच जाता है
= गौदुग्धम् एतावत् मृदु भवति यत् तेन दुग्धपानेन एव शरीरे पाचनं भवति।
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म्रदिमा (कोमलता) -
तपा हुआ लोहा कोमलता को प्राप्त कर लेता है
= तप्तलौहं म्रदिमानं प्राप्नोति।
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(४)पटु (चालाक) -
किसी व्यक्ति को इतना चालाक जरूर होना चाहिए जिससे कि उसे बाहर कोई ठग नहीं पाये
= कश्चिज्जन: एतावान् पटु: अवश्यमेव भवेत् येन यत् कोऽपि जन: तं प्रदेशे कुटितुं न शक्नुयात्।
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पटिमा (चालाकी)-
कहां गयी तुम्हारी चालाकी
= क्वो गतो भवतो पटिमा ?
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(५)पृथु (विस्तृत)-
महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय का प्रागण बहुत बड़े भाग में फैला हुआ है
= महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालयस्य प्रांगणम् अतीव पृथु अस्ति।
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प्राथिमा (फैलाव अर्थात् चौड़ाई)-
•• यदि किसी जमीन की लम्बाई दस मीटर और चौड़ाई छ: मीटर है ,तो उस जमीन की क्षेत्रफल और परिमिति
बताएं।
=यदि कस्याञ्चिद् भूमे: द्राघिमा दशमीटरपरिमितं प्राथिमा च षड्मीटरपरिमितं स्त: , तर्हि तस्या: भूमे: क्षेत्रफलपरिमापयो: ज्ञापयतु।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 20, 2023
Genitive Case:
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is षष्ठी (ṣaṣṭhī) and this is the sixth case. Its कारकम् (kārakam) is सम्बन्धम् (sambandham). The genitive case is used in the sense, “of” and is used to show possession.
Some examples for the genitive case are:
सुनीलस्य पुस्तकं हरितवर्णम् अस्ति। (sunīlasya pustakaṃ haritavarṇam asti।), this means, “Suneel’s book is green-coloured.” Here, the word, “सुनीलस्य” tells that the object in the sentence belongs to Suneel. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the green-coloured book belongs to Suneel.
धनिकस्य गृहं विशालम् अस्ति। (dhanikasya gṛhaṃ viśālam asti।). this means, “The rich man’s house is very big.” Here, the word, “धनिकस्य” tells that the object in the sentence belongs to the rich man. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the big house belongs to the rich man.
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#sanskritlessons
The विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is षष्ठी (ṣaṣṭhī) and this is the sixth case. Its कारकम् (kārakam) is सम्बन्धम् (sambandham). The genitive case is used in the sense, “of” and is used to show possession.
Some examples for the genitive case are:
सुनीलस्य पुस्तकं हरितवर्णम् अस्ति। (sunīlasya pustakaṃ haritavarṇam asti।), this means, “Suneel’s book is green-coloured.” Here, the word, “सुनीलस्य” tells that the object in the sentence belongs to Suneel. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the green-coloured book belongs to Suneel.
धनिकस्य गृहं विशालम् अस्ति। (dhanikasya gṛhaṃ viśālam asti।). this means, “The rich man’s house is very big.” Here, the word, “धनिकस्य” tells that the object in the sentence belongs to the rich man. Therefore, the word is in the genitive case. Here, the big house belongs to the rich man.
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October 20, 2023
October 20, 2023
October 20, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - देविमन्दिरविवरणम्
🗓२१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् देविमन्दिरस्य विवरणं कर्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - देविमन्दिरविवरणम्
🗓२१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 20, 2023
October 20, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 21 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 07:54 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - सुकर्मा रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:39
⛅ सूर्यास्त - 06:09
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरस्वती पूजन
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 21 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 07:54 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - सुकर्मा रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - सुबह 09:31 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:39
⛅ सूर्यास्त - 06:09
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरस्वती पूजन
October 20, 2023
October 20, 2023
October 20, 2023
🍃
🔆 अस्माकं यस्य सामर्थ्यस्य गुणस्थान वा कारणेन वयं वृत्तिं सम्मानं च प्राप्नुमः तथा यस्य प्रसंशनं सर्वे कुर्वन्ति तस्य वर्धनं रक्षणं च सदैव कर्तव्यम्।
⚜The skill that sustains livelihood and which is praised by all should be fostered and protected for your own development.
⚜जिस गुण से आजीविका का निर्वाह हो और जिसकी सभी प्रशंसा करते हैं, अपने स्वयं के विकास के लिए उस गुण को बचाना और बढ़ावा देना चाहिए।
#Subhashitam
कल्पयति येन वृत्तिं,
येन च लोके प्रशस्यते सद्भिः।
स गुणस्तेन च गुणिना,
रक्ष्यः संवर्धनीयश्च
॥🔆 अस्माकं यस्य सामर्थ्यस्य गुणस्थान वा कारणेन वयं वृत्तिं सम्मानं च प्राप्नुमः तथा यस्य प्रसंशनं सर्वे कुर्वन्ति तस्य वर्धनं रक्षणं च सदैव कर्तव्यम्।
⚜The skill that sustains livelihood and which is praised by all should be fostered and protected for your own development.
⚜जिस गुण से आजीविका का निर्वाह हो और जिसकी सभी प्रशंसा करते हैं, अपने स्वयं के विकास के लिए उस गुण को बचाना और बढ़ावा देना चाहिए।
#Subhashitam
October 20, 2023
कस्याश्चित् स्थानविशेषस्य विवरणं त्वया क्रियताम्।
Anonymous Quiz
58%
वाक्यम् अशुद्धं
42%
वाक्यं शुद्धम्
October 21, 2023
बात
-----
(१)बात क्या है?
→ का वार्ता?
(२)यह तो बुरी बात है।
→ एष: तु असमीचीनो विचारोऽस्ति।
(३)यह तो अच्छी बात है।
→ एष: तु सम्यक् विचारोऽस्ति।
(४)यह बात मुझे पसंद नहीं है।
→ मह्यम् एष: विचारो न रोचते।
(५)यह तो बड़ी बात है।
→ एष: तु गम्भीरविचारोऽस्ति।
(६)यह झूठी बात है।
→ एतत् असत्यं वचनमस्ति।
(७)यह सच्ची बात है।
→ एतत् सत्यं वचनमस्ति।
(८)यह अजीब बात है।
→ एतत् विचित्रं वचनमस्ति।
(९)सच्ची बात तो यह है।
→ सत्यवचनं तु एतदस्ति।
(१०)यह बात सत्य है।
→ एतत् वचनं सत्यमस्ति।
(११)बात यह है।
→ विचारोऽयम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
-----
(१)बात क्या है?
→ का वार्ता?
(२)यह तो बुरी बात है।
→ एष: तु असमीचीनो विचारोऽस्ति।
(३)यह तो अच्छी बात है।
→ एष: तु सम्यक् विचारोऽस्ति।
(४)यह बात मुझे पसंद नहीं है।
→ मह्यम् एष: विचारो न रोचते।
(५)यह तो बड़ी बात है।
→ एष: तु गम्भीरविचारोऽस्ति।
(६)यह झूठी बात है।
→ एतत् असत्यं वचनमस्ति।
(७)यह सच्ची बात है।
→ एतत् सत्यं वचनमस्ति।
(८)यह अजीब बात है।
→ एतत् विचित्रं वचनमस्ति।
(९)सच्ची बात तो यह है।
→ सत्यवचनं तु एतदस्ति।
(१०)यह बात सत्य है।
→ एतत् वचनं सत्यमस्ति।
(११)बात यह है।
→ विचारोऽयम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 21, 2023
Locative Case:
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is सप्तमी (saptamī) and this is the seventh case. Its कारकम् (kārakam) is अधिकरणम् (adhikaraṇam). The locative case is used in the sense, “in” and is used to show the location of a particular object.
Some examples for the locative case are:
उद्याने बहूनि सुन्दराणि पुष्पाणि सन्ति। (udyāne bahūni sundarāṇi puṣpāṇi santi।), this means, “There are many beautiful flowers in the garden.” Here, the word, “उद्याने” tells that the object in the sentence is in the garden. Therefore, the word is in the locative case. Here, the flowers are located in the garden.
वने बहवः वृक्षाः सन्ति। (vane bahavaḥ vṛkṣāḥ santi।), this means, “There are many trees in the forest.” Here, the word, “वने” tells that the object in the sentence is in the forest. Therefore, the word is in the locative case. Here, the trees are located in the forest.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is सप्तमी (saptamī) and this is the seventh case. Its कारकम् (kārakam) is अधिकरणम् (adhikaraṇam). The locative case is used in the sense, “in” and is used to show the location of a particular object.
Some examples for the locative case are:
उद्याने बहूनि सुन्दराणि पुष्पाणि सन्ति। (udyāne bahūni sundarāṇi puṣpāṇi santi।), this means, “There are many beautiful flowers in the garden.” Here, the word, “उद्याने” tells that the object in the sentence is in the garden. Therefore, the word is in the locative case. Here, the flowers are located in the garden.
वने बहवः वृक्षाः सन्ति। (vane bahavaḥ vṛkṣāḥ santi।), this means, “There are many trees in the forest.” Here, the word, “वने” tells that the object in the sentence is in the forest. Therefore, the word is in the locative case. Here, the trees are located in the forest.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 21, 2023
।।बालसंस्कृतरसानन्दगुरुकुलम्।।
*अपने बच्चो को स्पष्ट उच्चारण के साथ संस्कृत बोलना सिखाईये।*
* सप्ताह में 3 दिन गूगल मिट माध्यम से संस्कृत सम्भाषण सिखाया जाएगा।
* व्हाट्सअप समूह में नोट्स दिए जायेंगे।
* लिखित एवं मौखिक माध्यम से संस्कृत के स्पष्ट उच्चारण सिखाये जायेगे।
* संस्कृत व्याकरण से परिचित कराया जायेगा।
* बच्चो की आकलन क्षमता के अनुसार संस्कृत साहित्य से अवगत कराया जायेगा।
* बच्चो को हितोपदेश, नीतिशतकम्, महाभारत, रामायण, पंचतंत्र की उत्तमातिउत्तमम् कथाओ को पढ़ाया जायेगा।
* बच्चो को संस्कृत बालगीत सिखाये जायेगे।
*बच्चो को अच्छे संस्कार देने के लिये हम सदैव प्रयासरत रहते है एवं मित्रवत स्नेह से हँसते खेलते हुये उत्साहपूर्ण परिवेश में बच्चो को अच्छे कार्य करने के लिये प्रेरित करते है।
* इस कक्षा की छात्र सङ्ख्या सीमित रखी गई है अतः शीघ्र सम्पर्क करें।
* यह कक्षा सशुल्क कक्षा है।
* इस कक्षा से जुड़ने के लिये संस्कृत का पूर्व ज्ञान होना आवश्यक नही है ।
संपर्क : -
भारती : 7420991219
दुष्यन्त : 9998657750
*अपने बच्चो को स्पष्ट उच्चारण के साथ संस्कृत बोलना सिखाईये।*
* सप्ताह में 3 दिन गूगल मिट माध्यम से संस्कृत सम्भाषण सिखाया जाएगा।
* व्हाट्सअप समूह में नोट्स दिए जायेंगे।
* लिखित एवं मौखिक माध्यम से संस्कृत के स्पष्ट उच्चारण सिखाये जायेगे।
* संस्कृत व्याकरण से परिचित कराया जायेगा।
* बच्चो की आकलन क्षमता के अनुसार संस्कृत साहित्य से अवगत कराया जायेगा।
* बच्चो को हितोपदेश, नीतिशतकम्, महाभारत, रामायण, पंचतंत्र की उत्तमातिउत्तमम् कथाओ को पढ़ाया जायेगा।
* बच्चो को संस्कृत बालगीत सिखाये जायेगे।
*बच्चो को अच्छे संस्कार देने के लिये हम सदैव प्रयासरत रहते है एवं मित्रवत स्नेह से हँसते खेलते हुये उत्साहपूर्ण परिवेश में बच्चो को अच्छे कार्य करने के लिये प्रेरित करते है।
* इस कक्षा की छात्र सङ्ख्या सीमित रखी गई है अतः शीघ्र सम्पर्क करें।
* यह कक्षा सशुल्क कक्षा है।
* इस कक्षा से जुड़ने के लिये संस्कृत का पूर्व ज्ञान होना आवश्यक नही है ।
संपर्क : -
भारती : 7420991219
दुष्यन्त : 9998657750
October 21, 2023
𝗦𝗮𝗺𝘀𝗸𝗿𝗶𝘁𝗮 𝗕𝗵𝗮𝗿𝗮𝘁𝗶 𝒊𝒔 𝒐𝒓𝒈𝒂𝒏𝒊𝒔𝒊𝒏𝒈 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐫𝐧𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐒𝐚𝐧𝐬𝐤𝐫𝐢𝐭 𝐒𝐡𝐨𝐫𝐭 𝐅𝐢𝐥𝐦 𝐅𝐞𝐬𝐭𝐢𝐯𝐚𝐥 𝟐𝟎𝟐𝟒 (𝐈𝐒𝐒𝐅𝐅-𝟐𝟒)
▫️🥇First prize: ₹1,00,000/-
▫️🥈Second price: ₹75,000/-
▫️🥉Third price:₹50,000/-
▫️🏅11 more awards of ₹10k each
❕𝐋𝐚𝐬𝐭 𝐝𝐚𝐭𝐞: 15𝒕𝒉 Dec𝒆𝒎𝒃𝒆𝒓 2023
More details are available in our website
https://samskritabharati.in/International_Samskrit_Short_Film_Festival
▫️🥇First prize: ₹1,00,000/-
▫️🥈Second price: ₹75,000/-
▫️🥉Third price:₹50,000/-
▫️🏅11 more awards of ₹10k each
❕𝐋𝐚𝐬𝐭 𝐝𝐚𝐭𝐞: 15𝒕𝒉 Dec𝒆𝒎𝒃𝒆𝒓 2023
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October 21, 2023
October 21, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 22 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा शाम 06:44 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - धृति रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - शाम 04:43 से 06:09 तक
⛅ सूर्योदय - 06:39
⛅ सूर्यास्त - 06:09
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - महाष्टमी, दुर्गाष्टमी, सरस्वती-विसर्जन, स्वामी रामतीर्थजी जयन्ती (दि. अ. )
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 22 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा शाम 06:44 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - धृति रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - शाम 04:43 से 06:09 तक
⛅ सूर्योदय - 06:39
⛅ सूर्यास्त - 06:09
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:59 से 05:49 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - महाष्टमी, दुर्गाष्टमी, सरस्वती-विसर्जन, स्वामी रामतीर्थजी जयन्ती (दि. अ. )
October 21, 2023
October 21, 2023
October 21, 2023
🍃
🔆विवेकशालिनः बुद्धिमन्तः जनाः यथाशक्ति कार्याणि कर्तुम् इच्छन्ति, यथाशक्ति कार्याणि कुर्वन्ति च l ते किमपि वस्तु निरर्थकं हेयं वा न मन्यन्ते l
⚜Those men are the wisdom of Pandits (Wisemen) who aspire to do as much as lies in their power , do act to the best of their ability and do not look down upon anythig ( as worthless or silly ).
#Subhashitam
यथाशक्ति चिकीर्षन्ति यथाशक्ति च कुर्वते।
न किञ्चिदवमन्यन्ते नराः पण्डितबुद्धयः
॥
🔆विवेकशालिनः बुद्धिमन्तः जनाः यथाशक्ति कार्याणि कर्तुम् इच्छन्ति, यथाशक्ति कार्याणि कुर्वन्ति च l ते किमपि वस्तु निरर्थकं हेयं वा न मन्यन्ते l
⚜Those men are the wisdom of Pandits (Wisemen) who aspire to do as much as lies in their power , do act to the best of their ability and do not look down upon anythig ( as worthless or silly ).
#Subhashitam
October 21, 2023
किं पदम् अनुचितमस्ति।
Anonymous Quiz
35%
अचिचिन्तत्
8%
अचिन्तयिष्यत्
14%
चिन्तयते
10%
चिन्तयामासतुः
15%
सर्वाणि शुद्धानि
18%
नैकमपि उचितमस्ति।
October 22, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
बात ----- (१)बात क्या है? → का वार्ता? (२)यह तो बुरी बात है। → एष: तु असमीचीनो विचारोऽस्ति। (३)यह तो अच्छी बात है। → एष: तु सम्यक् विचारोऽस्ति। (४)यह बात मुझे पसंद नहीं है। → मह्यम् एष: विचारो न रोचते। (५)यह तो बड़ी बात है। → एष: तु गम्भीरविचारोऽस्ति।…
(१२)एक समय की बात है।
→ पूर्वतनी कथा इयम् ।
→ कदाचित् प्रवृत्तः विषयोऽयम् ।
(१३)मुझे उससे बातें हुई।
→ तेन सह मम वार्ताऽऽभूत्।
(१४)मैं उससे बातें कर रहा था।
→ अहं तेन सह वार्त्तालापं कुर्वन् आसम्।
(१५)मैंने सारी बातें उसके सामने रखी।
→ अहं सर्वं वृत्तान्तं/विचारं तस्य समक्षम् उपस्थापितवान्।
(१६)तेरी बात मेरी समझ में नहीं आती।
→ तव कथनं मया नावगम्यते।
(१७)क्या बात करते हो?
→ किम् आलापसि/जल्पसि?
(१८)यह बात मुझे नहीं सूझी।
→ मम मनसि अयं विचारः न स्फुरितः।
(१९)बात की बात में उसने सब कुछ उगल दिया?
→ वार्तालापसमये सः गुह्यतमं सर्वं प्रकटितवान्।
(२०) छोटी-छोटी बातों की चिंता न करो।
→ लघ्व्याः वार्तायाः चिन्तनं मा कार्षीः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
→ पूर्वतनी कथा इयम् ।
→ कदाचित् प्रवृत्तः विषयोऽयम् ।
(१३)मुझे उससे बातें हुई।
→ तेन सह मम वार्ताऽऽभूत्।
(१४)मैं उससे बातें कर रहा था।
→ अहं तेन सह वार्त्तालापं कुर्वन् आसम्।
(१५)मैंने सारी बातें उसके सामने रखी।
→ अहं सर्वं वृत्तान्तं/विचारं तस्य समक्षम् उपस्थापितवान्।
(१६)तेरी बात मेरी समझ में नहीं आती।
→ तव कथनं मया नावगम्यते।
(१७)क्या बात करते हो?
→ किम् आलापसि/जल्पसि?
(१८)यह बात मुझे नहीं सूझी।
→ मम मनसि अयं विचारः न स्फुरितः।
(१९)बात की बात में उसने सब कुछ उगल दिया?
→ वार्तालापसमये सः गुह्यतमं सर्वं प्रकटितवान्।
(२०) छोटी-छोटी बातों की चिंता न करो।
→ लघ्व्याः वार्तायाः चिन्तनं मा कार्षीः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 22, 2023
गौरीदशकम् अथवा गौरी स्तुतिः
#NavratrispecialMusic
https://youtu.be/SfjSLDvYToo?feature=shared
॥ श्रीः ॥
लीलालब्धस्थापितलुप्ताखिललोकां
लोकातीतैर्योगिभिरन्तश्चिरमृग्याम् ।
बालादित्यश्रेणिसमानद्युतिपुञ्जां
गौरीममम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ १॥
प्रत्याहारध्यानसमाधिस्थितिभाजां
नित्यं चित्ते निर्वृतिकाष्ठां कलयन्तीम् ।
सत्यज्ञानानन्दमयीं तां तनुरूपां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ २॥
चन्द्रापीडानन्दितमन्दस्मितवक्त्रां
चन्द्रापीडालंकृतनीलालकभाराम् ।
इन्द्रोपेन्द्राद्यर्चितपादाम्बुजयुग्मां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ३॥
आदिक्षान्तामक्षरमूर्त्या विलसन्तीं
भूते भूते भूतकदम्बप्रसवित्रीम् ।
शब्दब्रह्मानन्दमयीं तां तटिदाभां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ४॥
मूलाधारादुत्थितवीथ्या विधिरन्ध्रं
सौरं चान्द्रं व्याप्य विहारज्वलिताङ्गीम् ।
येयं सूक्ष्मात्सूक्ष्मतनुस्तां सुखरूपां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ५॥
नित्यः शुद्धो निष्कल एको जगदीशः
साक्षी यस्याः सर्गविधौ संहरणे च ।
विश्वत्राणक्रीडनलोलां शिवपत्नीं
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ६॥
यस्याः कुक्षौ लीनमखण्डं जगदण्डं
भूयो भूयः प्रादुरभूदुत्थितमेव ।
पत्या सार्धं तां रजताद्रौ विहरन्तीं
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ७॥
यस्यामोतं प्रोतमशेषं मणिमाला-
सूत्रे यद्वत्क्कापि चरं चाप्यचरं च ।
तामध्यात्मज्ञानपदव्या गमनीयां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ८॥
नानाकारैः शक्तिकदम्बैर्भुवनानि
व्याप्य स्वैरं क्रीडति येयं स्वयमेका ।
कल्याणीं तां कल्पलतामानतिभाजां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ ९॥
आशापाशक्लेशविनाशं विदधानां
पादाम्भोजध्यानपराणां पुरुषाणाम् ।
ईशामीशार्धाङ्गहरां तामभिरामां
गौरीमम्बामम्बुरुहाक्षीमहमीडे ॥ १०॥
प्रातःकाले भावविशुद्धः प्रणिधाना-
द्भक्त्या नित्यं जल्पति गौरिदशकं यः ।
वाचां सिद्धिं सम्पदमग्र्यां शिवभक्तिं (सम्पदं उच्चैः)
तस्यावश्यं पर्वतपुत्री विदधाति ॥ ११॥
इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य
श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य
श्रीमच्छंकरभगवतः कृतौ
गौरीदशकम् सम्पूर्णम्
॥#NavratrispecialMusic
https://youtu.be/SfjSLDvYToo?feature=shared
YouTube
Gauri Dasakam / Gowri Dasakam - Composed by Sri Adi Sankaracharya - Recited by Bhuvana & Aparna
Happy Navarathri 2023
October 22, 2023
Vocative Case:
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is not considered to be independent and is a considered a part of प्रथमा (prathamā). Its कारकम् (kārakam) is सम्बोधनम् (sambodhanam). The vocative case is used to call someone.
Some examples for the locative case are:
हे मित्र! अत्र आगच्छ। (he mitra! atra āgaccha।), this means, “Hey Friend! Come here.” Here, the word, “मित्र” is used to call the friend. Therefore, the word is in the vocative case.
हे भ्रातः! भवान् कुत्र गच्छति? (he bhrātaḥ! bhavān kutra gacchati?), this means, “Brother! Where are you going?” Here, the word, “भ्रातः” is used to call the brother. Therefore, the word is in the vocative case.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, the विभक्तिः (vibhaktiḥ) for this is not considered to be independent and is a considered a part of प्रथमा (prathamā). Its कारकम् (kārakam) is सम्बोधनम् (sambodhanam). The vocative case is used to call someone.
Some examples for the locative case are:
हे मित्र! अत्र आगच्छ। (he mitra! atra āgaccha।), this means, “Hey Friend! Come here.” Here, the word, “मित्र” is used to call the friend. Therefore, the word is in the vocative case.
हे भ्रातः! भवान् कुत्र गच्छति? (he bhrātaḥ! bhavān kutra gacchati?), this means, “Brother! Where are you going?” Here, the word, “भ्रातः” is used to call the brother. Therefore, the word is in the vocative case.
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October 22, 2023
पत्नी- किमर्थं मम आनने जलं प्रोक्षणं कुर्वन् अस्ति।
पतिः - भवत्याः जनकः मां सूचयति यत् पुष्पं इव मम पुत्रीं सुरक्षतु इति।😇😜
#hasya
पतिः - भवत्याः जनकः मां सूचयति यत् पुष्पं इव मम पुत्रीं सुरक्षतु इति।😇😜
#hasya
October 22, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
#vaartavali #sanskritnews #sanskrit #newsinsanskrit
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the…
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October 22, 2023
October 22, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 05:44 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 23 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण शाम 05:14 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - शूल शाम 06:53 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 08:06 से 09:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:40
⛅ सूर्यास्त - 06:08
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - महानवमी, शारदीय नवरात्र समाप्त, नवरात्र उत्थापन पारणा, महात्मा बुद्ध जयंती, हेमंत ऋतु प्रारम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी शाम 05:44 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 23 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण शाम 05:14 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - शूल शाम 06:53 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 08:06 से 09:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:40
⛅ सूर्यास्त - 06:08
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - महानवमी, शारदीय नवरात्र समाप्त, नवरात्र उत्थापन पारणा, महात्मा बुद्ध जयंती, हेमंत ऋतु प्रारम्भ
October 22, 2023
October 22, 2023
October 22, 2023
🍃
🔅यः तु देशान् संचरते, यः तु पण्डितान् सेवते, तस्य बुद्धिः अम्भसि तैलबिन्दुः इव विस्तारिता (भवति)।
⚜वह व्यक्ति जो अलग – अलग स्थानों या देशो में भ्रमण करता रहता है और निरन्तर विद्वानों के सान्निध्य में रहता है, उसकी बुद्धि उसी तरह से बढती है जैसे तेल की बूंद पानी में गिरने के बाद फ़ैल जाती है।
⚜A person who travels countries/places, who serves scholars, his intelligence expands/ develops as drop of oil on the water.
#subhashitam
यस्तु संचरते देशान् सेवते यस्तु पण्डितान् ।
तस्य विस्तारिता बुद्धिः तैलबिन्दुरिवाम्भसि ॥
🔅यः तु देशान् संचरते, यः तु पण्डितान् सेवते, तस्य बुद्धिः अम्भसि तैलबिन्दुः इव विस्तारिता (भवति)।
⚜वह व्यक्ति जो अलग – अलग स्थानों या देशो में भ्रमण करता रहता है और निरन्तर विद्वानों के सान्निध्य में रहता है, उसकी बुद्धि उसी तरह से बढती है जैसे तेल की बूंद पानी में गिरने के बाद फ़ैल जाती है।
⚜A person who travels countries/places, who serves scholars, his intelligence expands/ develops as drop of oil on the water.
#subhashitam
October 22, 2023
Forwarded from संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah (डोकानियोपनामको मोहितः)
जगद्धिताय इत्यस्य पदस्य सन्धिविच्छेदः कः।
Anonymous Quiz
4%
जगद्धित। अय।
16%
जगत्। धिताय।
79%
जगत्। हिताय।
0%
जगद्धिते। आ।
October 23, 2023
का, के, की
---------------
(१)यह फ्रांस का फैशन है
=एषा फ्रांसस्य रीति: अस्ति।
(२)यह जर्मनी का शराब है
=एषा मदिरा जर्मनदेशे निर्मिता अस्ति।
(३)यह भारत की टीम है
=एष भारतीयदल: अस्ति।
(४)ये रूस के वैज्ञानिक हैं
=एते रशियनवैज्ञानिका: सन्ति।
(५)यह पढ़ने का कमरा है
=एष: अध्ययनकक्ष: अस्ति।
(६)यह टहलने की छड़ी है
=एषा भ्रमणाय दण्डिका अस्ति।
(७)यह पचास रूपए का नोट है
=एतत् पञ्चाशत् रूप्यकात्मकं धनपत्रमस्ति।
(८)यह दो हजार रुपए का नोट है
=एतद् द्विसहस्ररूप्यकस्यस्य धनपत्रमस्ति।
(९)यह साठ फुट का फीता है
=एषा षष्टिपगा दीर्घपट्टिका अस्ति।
(१०)यह दस लोगों की कमिटी है
=एषा दशजनात्मिका समितिः।
(११)यह सब दलों का सम्मेलन है
=एषा सर्वदलीया सभा अस्ति।
(१२) यह किताब की दुकान है
=एष पुस्तकापण: अस्ति।
(१३)यह फूल का बगीचा है
=एतत् पुष्पोद्यानम् अस्ति।
(१४)यह पानी का नल है
=एषा जलनलिका अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
---------------
(१)यह फ्रांस का फैशन है
=एषा फ्रांसस्य रीति: अस्ति।
(२)यह जर्मनी का शराब है
=एषा मदिरा जर्मनदेशे निर्मिता अस्ति।
(३)यह भारत की टीम है
=एष भारतीयदल: अस्ति।
(४)ये रूस के वैज्ञानिक हैं
=एते रशियनवैज्ञानिका: सन्ति।
(५)यह पढ़ने का कमरा है
=एष: अध्ययनकक्ष: अस्ति।
(६)यह टहलने की छड़ी है
=एषा भ्रमणाय दण्डिका अस्ति।
(७)यह पचास रूपए का नोट है
=एतत् पञ्चाशत् रूप्यकात्मकं धनपत्रमस्ति।
(८)यह दो हजार रुपए का नोट है
=एतद् द्विसहस्ररूप्यकस्यस्य धनपत्रमस्ति।
(९)यह साठ फुट का फीता है
=एषा षष्टिपगा दीर्घपट्टिका अस्ति।
(१०)यह दस लोगों की कमिटी है
=एषा दशजनात्मिका समितिः।
(११)यह सब दलों का सम्मेलन है
=एषा सर्वदलीया सभा अस्ति।
(१२) यह किताब की दुकान है
=एष पुस्तकापण: अस्ति।
(१३)यह फूल का बगीचा है
=एतत् पुष्पोद्यानम् अस्ति।
(१४)यह पानी का नल है
=एषा जलनलिका अस्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 23, 2023
Tenses:
Tenses are known as लकाराः (lakārāḥ). In Sanskrit, there are no simple or continuous tenses. There are a total of ten tenses in Sanskrit and they are as follows:
1. लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ) i.e. (Present Tense)
2. लिट्-लकारः (liṭ-lakāraḥ) i.e. (Past Perfect)
3. लुट्-लकारः (luṭ-lakāraḥ) i.e. (First Future)
4. लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ) i.e. (Simple Future)
5. लोट्-लकारः (loṭ-lakāraḥ) i.e. (Imperative Mood)
6. लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ) i.e. (Past Imperfect)
7. विधिलिङ्-लकारः (vidhiliṅ-lakāraḥ) i.e. (Potential Mood)
8. आशीर्लिङ्-लकारः (āśuliṅ-lakāraḥ) i.e. (Benedictive)
9. लुङ्-लकारः (luṅ-lakāraḥ) i.e. (Aorist)
10. लृङ्-लकारः (lṛṅ-lakāraḥ) i.e. (Conditional)
Out of the ten tenses mentioned above, only five are commonly used. They are:
1. लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ) i.e. (Present Tense)
2. लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ) i.e. (Simple Future)
3. लोट्-लकारः (loṭ-lakāraḥ) i.e. (Imperative Mood)
4. लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ) i.e. (Past Imperfect)
5. विधिलिङ्-लकारः (vidhiliṅ-lakāraḥ) i.e. (Potential Mood)
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#sanskritlessons
Tenses are known as लकाराः (lakārāḥ). In Sanskrit, there are no simple or continuous tenses. There are a total of ten tenses in Sanskrit and they are as follows:
1. लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ) i.e. (Present Tense)
2. लिट्-लकारः (liṭ-lakāraḥ) i.e. (Past Perfect)
3. लुट्-लकारः (luṭ-lakāraḥ) i.e. (First Future)
4. लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ) i.e. (Simple Future)
5. लोट्-लकारः (loṭ-lakāraḥ) i.e. (Imperative Mood)
6. लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ) i.e. (Past Imperfect)
7. विधिलिङ्-लकारः (vidhiliṅ-lakāraḥ) i.e. (Potential Mood)
8. आशीर्लिङ्-लकारः (āśuliṅ-lakāraḥ) i.e. (Benedictive)
9. लुङ्-लकारः (luṅ-lakāraḥ) i.e. (Aorist)
10. लृङ्-लकारः (lṛṅ-lakāraḥ) i.e. (Conditional)
Out of the ten tenses mentioned above, only five are commonly used. They are:
1. लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ) i.e. (Present Tense)
2. लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ) i.e. (Simple Future)
3. लोट्-लकारः (loṭ-lakāraḥ) i.e. (Imperative Mood)
4. लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ) i.e. (Past Imperfect)
5. विधिलिङ्-लकारः (vidhiliṅ-lakāraḥ) i.e. (Potential Mood)
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October 23, 2023
अध्यापकः - किमर्थं विलम्बः ?
छात्रः - श्यामस्य एकं नाणकं मार्गे कुत्रापि पतितम् आसीत्। तस्य अन्वेषणे सः मग्नः आसीत्। अतः विलम्बः।
अध्यापकः - किम् एतत् ? धनं श्यामस्य नष्टम् ? त्वया किमर्थं विलम्बः कृतः?
छात्रः - तत् नाणकं मम पादस्य अधः एव आसीत्।
#hasya
छात्रः - श्यामस्य एकं नाणकं मार्गे कुत्रापि पतितम् आसीत्। तस्य अन्वेषणे सः मग्नः आसीत्। अतः विलम्बः।
अध्यापकः - किम् एतत् ? धनं श्यामस्य नष्टम् ? त्वया किमर्थं विलम्बः कृतः?
छात्रः - तत् नाणकं मम पादस्य अधः एव आसीत्।
#hasya
October 23, 2023
October 23, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 24 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 03:28 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 03:40 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 03:15 से 04:41 तक
⛅ सूर्योदय - 06:40
⛅ सूर्यास्त - 06:07
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), विजय मुहूर्त (दोपहर २-१८ से ३-०४ तक) (संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य, सीमोल्लंघन के लिए), दशहरा, अपराजिता- शमी वृक्ष-अस्त्र-शस्त्र - आयुध- वाहन पूजन, गुरु-पूजन, श्री माधवाचार्य जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 24 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 03:28 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 03:40 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 03:15 से 04:41 तक
⛅ सूर्योदय - 06:40
⛅ सूर्यास्त - 06:07
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), विजय मुहूर्त (दोपहर २-१८ से ३-०४ तक) (संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य, सीमोल्लंघन के लिए), दशहरा, अपराजिता- शमी वृक्ष-अस्त्र-शस्त्र - आयुध- वाहन पूजन, गुरु-पूजन, श्री माधवाचार्य जयंती
October 23, 2023
October 23, 2023
October 23, 2023
🍃
🔆 मनुष्येण सिंहस्थ भाव्यं यदि सः स्वलक्ष्यानि अवाप्तुमिच्छति चेत्। यथा सः हरिणे पूर्णतया अवधानं दत्त्वा पूर्णसामर्थ्येन च आक्रमणं करोति।
⚜Man must behave like a lion to achieve his goal. The way a lion keeps an eye on its prey, watches it with concentration and tries to catch prey with all its strength. Similarly, human beings should also do any work with full strength and concentration.
⚜मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेर की तरह व्यवहार करना चाहिए । जिस तरह एक शेर अपने शिकार पर नजर रख एकाग्रता के साथ उसको देखता है और अपनी पूरी ताकत के साथ शिकार पकड़ने का प्रयास करता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी पूरी ताकत और
एकाग्रता के साथ कोई भी कार्य करना चाहिए।
#Subhashitam
प्रभूतं कार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारम्भेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते
॥🔆 मनुष्येण सिंहस्थ भाव्यं यदि सः स्वलक्ष्यानि अवाप्तुमिच्छति चेत्। यथा सः हरिणे पूर्णतया अवधानं दत्त्वा पूर्णसामर्थ्येन च आक्रमणं करोति।
⚜Man must behave like a lion to achieve his goal. The way a lion keeps an eye on its prey, watches it with concentration and tries to catch prey with all its strength. Similarly, human beings should also do any work with full strength and concentration.
⚜मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शेर की तरह व्यवहार करना चाहिए । जिस तरह एक शेर अपने शिकार पर नजर रख एकाग्रता के साथ उसको देखता है और अपनी पूरी ताकत के साथ शिकार पकड़ने का प्रयास करता है। उसी प्रकार मनुष्य को भी पूरी ताकत और
एकाग्रता के साथ कोई भी कार्य करना चाहिए।
#Subhashitam
October 23, 2023
How many इत्यस्मिन् अर्थे कः विकल्पः उचितः अस्ति।
Anonymous Quiz
19%
कियत्
8%
केचन
65%
कति
8%
केषाञ्चन
October 24, 2023
संस्कृत में वाक्याभ्यास
(उ उ उ उ उ उ उ उ उ)
(१)गांव का गांव जल गया
=सम्पूर्णग्रामः अवज्वलितः।
(२)खेत का खेत बह गया
=सम्पूर्णक्षेत्रं प्रावहत्।
(३)जंगल का जंगल कट गया
=समस्त वनम् अदहत्।
(४)पेड़ का पेड़ गिर गया
=समस्त वृक्ष: अपतत्।
(३)दिन पर दिन बीतता गया
=दिनात् परं दिनं व्यतीतमभवत्।
(४)दु:ख पर दुःख आता रहा
=दु:खात् परं दुःखं आगच्छदभवत्।
(७)घंटा पर घंटा बीत गया
=घण्टात् परं घण्टा व्यतीता अभवत्।
(८)वर्ष का वर्ष बीत गया
=वर्षात् परं वर्षं व्यतीतमभवत्।
(९)उसे ठोकर पर ठोकर मिलती रही
= सः इतस्तो विस्खलन् अभवत्।
(मुहावरे के आधार पर)
= स: सन्ततं वञ्चित: अभवत्।
(१०)उसे अपमान पर अपमान मिलता रहा
=स: सन्ततम् अपमानित: अभवत्।
(११)उसे इनाम पर इनाम मिलता रहा
= स: सन्ततं पुरस्कृत: अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
(उ उ उ उ उ उ उ उ उ)
(१)गांव का गांव जल गया
=सम्पूर्णग्रामः अवज्वलितः।
(२)खेत का खेत बह गया
=सम्पूर्णक्षेत्रं प्रावहत्।
(३)जंगल का जंगल कट गया
=समस्त वनम् अदहत्।
(४)पेड़ का पेड़ गिर गया
=समस्त वृक्ष: अपतत्।
(३)दिन पर दिन बीतता गया
=दिनात् परं दिनं व्यतीतमभवत्।
(४)दु:ख पर दुःख आता रहा
=दु:खात् परं दुःखं आगच्छदभवत्।
(७)घंटा पर घंटा बीत गया
=घण्टात् परं घण्टा व्यतीता अभवत्।
(८)वर्ष का वर्ष बीत गया
=वर्षात् परं वर्षं व्यतीतमभवत्।
(९)उसे ठोकर पर ठोकर मिलती रही
= सः इतस्तो विस्खलन् अभवत्।
(मुहावरे के आधार पर)
= स: सन्ततं वञ्चित: अभवत्।
(१०)उसे अपमान पर अपमान मिलता रहा
=स: सन्ततम् अपमानित: अभवत्।
(११)उसे इनाम पर इनाम मिलता रहा
= स: सन्ततं पुरस्कृत: अभवत्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 24, 2023
To make the season of festivals more exciting and enriching, the Centre for Indian Knowledge Systems at Chanakya University brings an online lecture series titled ‘Women’s Writings in Sanskrit’ spread across the month of November this year.
This initiative aims to explore and appreciate the poetic merits and other salient features in the writings of women in Sanskrit. Upon a survey of numerous works authored by women, one will appreciate that women writers have significantly contributed towards the enrichment of the Sanskrit language and literature. One of the important outcomes of this series is to help develop an appreciation of this less-known aspect of Sanskrit literary tradition.
All are welcome.
Registration Link - https://rb.gy/r7lxx
There is no registration fee.
Last date for registration: 04.11.2023.
All registered participants with a minimum of 70% attendance will receive a participation certificate.
Contact us –
Email: iks-centre@chanakyauniversity.edu.in
Phone: 9844210845
This initiative aims to explore and appreciate the poetic merits and other salient features in the writings of women in Sanskrit. Upon a survey of numerous works authored by women, one will appreciate that women writers have significantly contributed towards the enrichment of the Sanskrit language and literature. One of the important outcomes of this series is to help develop an appreciation of this less-known aspect of Sanskrit literary tradition.
All are welcome.
Registration Link - https://rb.gy/r7lxx
There is no registration fee.
Last date for registration: 04.11.2023.
All registered participants with a minimum of 70% attendance will receive a participation certificate.
Contact us –
Email: iks-centre@chanakyauniversity.edu.in
Phone: 9844210845
October 24, 2023
लट्-लकारः (laṭ-lakāraḥ):
This is the present tense. It is used to show that something has started in the past and is continuing into the present, or can also be used to show a routine activity, universal truth or a habit.
Some examples are:
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching.” Here, an activity that has started in the past is continuing into the present.
प्रतिदिनं सः पुस्तकं पठति। (pratidinaṃ saḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “Every day, he reads a book.” Here, his reading a book every day is a habit.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the present tense. It is used to show that something has started in the past and is continuing into the present, or can also be used to show a routine activity, universal truth or a habit.
Some examples are:
शिक्षिका पाठयति। (śikṣikā pāṭhayati।), this means, “A teacher is teaching.” Here, an activity that has started in the past is continuing into the present.
प्रतिदिनं सः पुस्तकं पठति। (pratidinaṃ saḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “Every day, he reads a book.” Here, his reading a book every day is a habit.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 24, 2023
October 24, 2023
October 24, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - विजयदशमी नवरात्रं च
🗓२५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदशम्याः नवरात्रस्य च आचरणं कथं क्रियते भवद्भिः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - विजयदशमी नवरात्रं च
🗓२५/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (विजयदशम्याः नवरात्रस्य च आचरणं कथं क्रियते भवद्भिः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 24, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 25 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - वृद्धि दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:41
⛅ सूर्यास्त - 06:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी दोपहर 12:32 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 25 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - वृद्धि दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 06:41
⛅ सूर्यास्त - 06:06
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:00 से 05:50 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी, भरत मिलाप
October 24, 2023
October 24, 2023
October 24, 2023
October 24, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
विजयदशमी नवरात्रं च
#samlapshala
#samlapshala
October 24, 2023
🍃
(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
आत्मतीर्थं समुत्सृज्य बहिस्तीर्थानि यो व्रजेत्।
करस्थं स महारत्नं त्यक्त्वा काचं विमार्गते
।।(जाबादर्शनोपनिषद् - ४/५०)
🔆 यः जनः हस्ते विद्यमानं आत्मतीर्थं (उत्तमशरीरम् इत्यादिकम्) त्यक्त्वा बहिः एव विद्यमानेषु तीर्थेषु विरमते सः तादृशः यः महारत्नं त्यक्त्वा काचं लब्धुं प्रयतते (अर्थात् शरीरोपयोगः धर्मकार्येषु करणीयः)।
⚜जो आत्म-तीर्थ का त्याग करके बाहर के तीर्थों में भटकता फिरता है, वह मानो हाथ में रखे महारत्न को त्यागकर कांच खोजता फिरता है।
#Subhashitam
October 24, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
दर्जी के दूकान में बातचीत
------------------------------
दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
--
शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
-------
दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
-----
शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
------
(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
-------
शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
------
दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
-----
शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
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दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं?
(सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?)
--
शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए ।
(भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।)
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दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग सुट बनाने में एक्सपर्ट हैं।
(आम्।सहर्षम्। वयं चोलपरिधाननिर्माणकलायां विशेषज्ञा: स्म:।)
-----
शैलेन्द्र = इसमें अच्छा अस्तर देना न भूलिएगा।
(एतस्मिन् उत्तमम् अन्तराच्छादनं संयोक्तुं मा विस्मरतात् )
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(दर्जी ने शैलेन्द्र को सूट का एलबम दिखाता है = सौचिक: शैलेन्द्रं चोलपरिधानस्यस्य चित्रावलीं दर्शयति।)
दर्जी= आपको कौन- सी डिजाइन पसंद है?
( भवते कतमं शिल्परचनं रोचते?)
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शैलेन्द्र = मुझे लेटेस्ट मोडर्न डिजाइन अच्छा लगता है।मुझे इस सुट का डिजाइन बहुत पसंद है।
(अभिनवं शिल्परचनं कामयेऽहम् ।मह्यम् एतस्य चोलपरिधानस्य शिल्परचनम् अति रोचते।)
------
दर्जी= ठीक है।आप नाप दीजिए।
(अस्तु।मह्यं परिमितिं ददातु।)
-----
शैलेन्द्र = इस सुट को छाती पर थोड़ा छोटा होना चाहिए।
( एतत् चोलपरिधानं वक्षस्स्थले किञ्चित् अशिथिरं भवेत्।)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 25, 2023
लृट्-लकारः (lṛṭ-lakāraḥ):
This is the simple future tense. This is used to denote that something is going to happen in the future.
Some examples are:
छात्रः श्वः विद्यालयं गमिष्यति। (chātraḥ śvaḥ vidyālayaṃ gamiṣyati।), this means, “Tomorrow, the student is going to go to school.” Here, the action of going to school is to be done in the future
लेखकः पुस्तकं लेखिष्यति। (lekhakaḥ pustakaṃ lekhiṣyati।), this means, “The author is going to write a book.” Here, the action of writing is going to be done in the future.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the simple future tense. This is used to denote that something is going to happen in the future.
Some examples are:
छात्रः श्वः विद्यालयं गमिष्यति। (chātraḥ śvaḥ vidyālayaṃ gamiṣyati।), this means, “Tomorrow, the student is going to go to school.” Here, the action of going to school is to be done in the future
लेखकः पुस्तकं लेखिष्यति। (lekhakaḥ pustakaṃ lekhiṣyati।), this means, “The author is going to write a book.” Here, the action of writing is going to be done in the future.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 25, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - निर्वाचनम्
🗓२६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (निर्वाचनसमये नेत्ॠणां स्थितिः कीदृशी भवति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - निर्वाचनम्
🗓२६/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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October 25, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 09:44 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅️ दिनांक - 26 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:27 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - ध्रुव सुबह 08:50 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅️ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:41
⛅️ सूर्यास्त - 06:06
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥 🚩युगाब्द-५१२५
🌥 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅️ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 09:44 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅️ दिनांक - 26 अक्टूबर 2023
⛅️ दिन - गुरुवार
⛅️ शक संवत् - 1945
⛅️ अयन - दक्षिणायन
⛅️ ऋतु - हेमंत
⛅️ मास - आश्विन
⛅️ पक्ष - शुक्ल
⛅️ नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:27 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅️ योग - ध्रुव सुबह 08:50 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅️ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:15 तक
⛅️ सूर्योदय - 06:41
⛅️ सूर्यास्त - 06:06
⛅️ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
#panchang
October 25, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
October 25, 2023
🍃
(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३२)
🔆 ज्ञानं तीर्थं भवति धैर्यमपि तथैव तपाचरणमपि किन्तु एतेभ्यः तीर्थेभ्यः अपि मनसः शुद्धता श्रेष्ठतरा भवति।
⚜ज्ञान तीर्थ है, धैर्य तीर्थ है, तप को भी तीर्थ कहा गया है। अन्तःकरण की परम शुद्धता को तीर्थों में भी श्रेष्ठ तीर्थ को कहा गया है।
#Subhashitam
ज्ञानं तीर्थं धृतिस्तीर्थं तपस्तीर्थमुदाहृतम्।
तीर्थानामपि तत्तीर्थं विशुद्धिर्मनसः परा
।।(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३२)
🔆 ज्ञानं तीर्थं भवति धैर्यमपि तथैव तपाचरणमपि किन्तु एतेभ्यः तीर्थेभ्यः अपि मनसः शुद्धता श्रेष्ठतरा भवति।
⚜ज्ञान तीर्थ है, धैर्य तीर्थ है, तप को भी तीर्थ कहा गया है। अन्तःकरण की परम शुद्धता को तीर्थों में भी श्रेष्ठ तीर्थ को कहा गया है।
#Subhashitam
October 25, 2023
नृत्यति (नृत्) इत्यस्य क्तवतुरूपं किं पुंलिङ्गे।
Anonymous Quiz
18%
नृतवान्
55%
नर्तितवान्
25%
नृत्तवान्
2%
न एतेषु
October 26, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
दर्जी के दूकान में बातचीत ------------------------------ दर्जी=मैं आपकी क्या सेवा करूं? (सौचिक: = अहं भवत: किं सेवै?) -- शैलेन्द्र = मेरे लिए एक सुन्दर सुन्दर सुट बना दीजिए । (भवान् मम कृते एकम् आकर्षकं चोलपरिधानं निर्मातु।) ------- दर्जी=हां ,खुशी से।हमलोग…
दर्जी- ठीक है। आप जैसा कहिए।पांच दिन के बाद आप सुट ले जाइएगा।
(अस्तु।भवत: इच्छानुसारमेव कार्यं भविष्यति।पञ्चदिवसानन्तरं भवान् आगत्य वस्त्राभूषणं नेतुं शक्नोति।)
----
शैलेन्द्र = कितना चार्ज देना होगा?
(कियत् मूल्यम् ?)
------
दर्जी = केवल बारह सौ अस्सी रूपया।
(केवलानि अशीत्यधिकद्वादशशत - रूपयकाणि।)
------
(शैलेन्द्र दर्जी के द्वारा दिए हुए समय पर अपनी पत्नी शशि के साथ दूकान पर पहुंचता है =शैलेन्द्र: नियतसमये स्वजायया शशिना सह सौचिकापणं प्राप्नोति।)
----------
शैलेन्द्र (सूट पहनकर) = वाह! यह सुट मेरे शरीर पर बिल्कुल ही फिट बैठ रहा है।
{शैलेन्द्र:(चोलपरिधानं धारित्वा)=अह!इदानीम् एतत् चोलपरिधानं मम शरीरस्य कृते सम्यक् मापानुकूलम्।}
----
शैलेन्द्र (शशि से)- इस सुट में मैं कैसा लग रहा हूं?
{शैलेन्द्र (शशिं प्रति)- एतेन चोलपरिधानेन अहं कथं दृश्ये ?}
-----
शशि=आह ! नए सुट में आप कितना अच्छा लग रहे हैं ।
(शोभनम् ! नूतनचोलपरिधाने कियान् मनोहर: प्रतीयते भवान् !)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
(अस्तु।भवत: इच्छानुसारमेव कार्यं भविष्यति।पञ्चदिवसानन्तरं भवान् आगत्य वस्त्राभूषणं नेतुं शक्नोति।)
----
शैलेन्द्र = कितना चार्ज देना होगा?
(कियत् मूल्यम् ?)
------
दर्जी = केवल बारह सौ अस्सी रूपया।
(केवलानि अशीत्यधिकद्वादशशत - रूपयकाणि।)
------
(शैलेन्द्र दर्जी के द्वारा दिए हुए समय पर अपनी पत्नी शशि के साथ दूकान पर पहुंचता है =शैलेन्द्र: नियतसमये स्वजायया शशिना सह सौचिकापणं प्राप्नोति।)
----------
शैलेन्द्र (सूट पहनकर) = वाह! यह सुट मेरे शरीर पर बिल्कुल ही फिट बैठ रहा है।
{शैलेन्द्र:(चोलपरिधानं धारित्वा)=अह!इदानीम् एतत् चोलपरिधानं मम शरीरस्य कृते सम्यक् मापानुकूलम्।}
----
शैलेन्द्र (शशि से)- इस सुट में मैं कैसा लग रहा हूं?
{शैलेन्द्र (शशिं प्रति)- एतेन चोलपरिधानेन अहं कथं दृश्ये ?}
-----
शशि=आह ! नए सुट में आप कितना अच्छा लग रहे हैं ।
(शोभनम् ! नूतनचोलपरिधाने कियान् मनोहर: प्रतीयते भवान् !)
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 26, 2023
Hari om,
The Second Annual International Conference in Memory of Vsevolod Sergeyevich Sementsov «Philosophical Sanskrit Texts: Problems of Reading and Interpretation» will be held on 8-14 November 2023 in Savitribai Phule University of Pune (Pune, India).
More details at https://samskrtam.ru/sementsov/, it will be in zoom and streamed in Youtube and also in person in Pune. The official working languages of the conference are English and Russian. Conference is in a mixed format including face-to-face and online platform ZOOM. For participation in the conference, please, address: purushottama_rudn@mail.ru or r.pskhu@mail.ru .Several colleagues from Russia will come offline as well,
Regards,
Dr. Mārcis Gasūns
The Second Annual International Conference in Memory of Vsevolod Sergeyevich Sementsov «Philosophical Sanskrit Texts: Problems of Reading and Interpretation» will be held on 8-14 November 2023 in Savitribai Phule University of Pune (Pune, India).
More details at https://samskrtam.ru/sementsov/, it will be in zoom and streamed in Youtube and also in person in Pune. The official working languages of the conference are English and Russian. Conference is in a mixed format including face-to-face and online platform ZOOM. For participation in the conference, please, address: purushottama_rudn@mail.ru or r.pskhu@mail.ru .Several colleagues from Russia will come offline as well,
Regards,
Dr. Mārcis Gasūns
Книги и онлайн курсы санскрита
The Second Annual International Conference in Memory of Vsevolod Sergeyevich Sementsov, 2023 - Книги и онлайн курсы санскрита
The Second Annual International Conference in Memory of Vsevolod Sergeyevich Sementsov "Philosophical Sanskrit Texts: Problems of Reading and Interpretation"
October 26, 2023
लोट्-लकारः (loṭ-lakāraḥ):
This is the imperative mood. This is used in the sense to order someone to do something.
Some examples are:
माता कथयति, “पुत्र, भोजनं खाद”। (mātā kathayati, “putra, bhojanaṃ khāda”।), this means, “The Mother is saying, “Son, eat your food.” Here, the mother is ordering her son to eat, therefore, it is in imperative mood.
शिक्षिका कथयति, “बालक, पुस्तकं पठ”। (śikṣikā kathayati, “bālaka, pustakaṃ paṭha”।), this means, “The teacher is saying, “Boy, read the book.” Here, the teacher is ordering the boy to read the book, therefore it is in imperative mood.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the imperative mood. This is used in the sense to order someone to do something.
Some examples are:
माता कथयति, “पुत्र, भोजनं खाद”। (mātā kathayati, “putra, bhojanaṃ khāda”।), this means, “The Mother is saying, “Son, eat your food.” Here, the mother is ordering her son to eat, therefore, it is in imperative mood.
शिक्षिका कथयति, “बालक, पुस्तकं पठ”। (śikṣikā kathayati, “bālaka, pustakaṃ paṭha”।), this means, “The teacher is saying, “Boy, read the book.” Here, the teacher is ordering the boy to read the book, therefore it is in imperative mood.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 26, 2023
October 26, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२७/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 26, 2023
October 26, 2023
October 26, 2023
October 26, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 06:56 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 27 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद सुबह 09:25 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - व्याघात प्रातः 05:223 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 06:56 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 27 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद सुबह 09:25 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - व्याघात प्रातः 05:223 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - सुबह 10:58 से 12:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:51 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
#panchang
October 26, 2023
October 26, 2023
October 26, 2023
October 26, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
🍃
🔆 लोभस्य कारणेन एव सर्वाणि सङ्कटानि पापानि वा आगच्छन्ति लोभः शत्रूणामपि वर्धनं करोति तथैव अतिलोभस्तु व्यक्तेः नाशस्य कारणं भवति।
⚜लोभ पाप और सभी संकटों का मूल कारण है, लोभ शत्रुता में वृद्धि करता है । अधिक लोभ करने वाला व्यक्ति विनाश को प्राप्त हो जाता है ।
#Subhashitam
लोभमूलानि पापानि संकटानि तथैव च।
लोभात् प्रवर्तते वैरं अतिलोभात्विनश्यति
॥🔆 लोभस्य कारणेन एव सर्वाणि सङ्कटानि पापानि वा आगच्छन्ति लोभः शत्रूणामपि वर्धनं करोति तथैव अतिलोभस्तु व्यक्तेः नाशस्य कारणं भवति।
⚜लोभ पाप और सभी संकटों का मूल कारण है, लोभ शत्रुता में वृद्धि करता है । अधिक लोभ करने वाला व्यक्ति विनाश को प्राप्त हो जाता है ।
#Subhashitam
October 26, 2023
October 26, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
••नवरात्रे: सप्तमदिवसे माता कालरात्रि: पूज्यते।
यह माता दुर्गा का सातवां स्वरूप है।
••एतत् दुर्गामातु: सप्तमस्वरूपम् अस्ति।
ऐसा कहा जाता है कि मां कालरात्रि ही वह देवी है जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था।
••एवमुच्यते यत् माता कालरात्रि: सैव देवी अस्ति या मधुकैटभयो: असुरयोः वधं चकार।
मां का शरीर रात से भी ज्यादा काला है।
••मातुः शरीरं रात्रेरपि कृष्णतरमस्ति।
काला रंग होने के कारण उन्हें कालरात्रि कहा गया है।
••कृष्णवर्णत्वात् सा कालरात्रि: कथ्यते।
देवी कालरात्रि के बाल बिखरे हुए हैं और मां के गले में नर मुंडों की माला विराजित है।
••देव्या: कलरात्रे: केशाः विकीर्णाः सन्ति मातुः ग्रीवायां च नरमुण्डमाला च विराजते।
मां के चार हाथ हैं जिनमें से एक हाथ में कटार और दूसरे में लोहे का कांटा है।
••मातु: चत्वार: हस्ता: सन्ति येषु एकस्मिन् हस्ते कृपाणिका अन्यस्मिन् च लौहकण्टकम्।
देवी के तीन नेत्र हैं और इनकी सांस से अग्नि निकलती है। मां का वाहन गधा है।
••मातु: त्रीणि नेत्राणि सन्ति अस्या: च प्रश्वासात् अग्नि: निस्सरति।मातु: वाहनं गर्दभोऽस्ति।
मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का अंत करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को पैदा किया था।
••माता दुर्गा राक्षसराजस्य रक्तबीजस्य समाप्त्यर्थं स्वतेजसा मातरं कालरात्रिस्वरूपं धृतवती बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••नवरात्रे: सप्तमदिवसे माता कालरात्रि: पूज्यते।
यह माता दुर्गा का सातवां स्वरूप है।
••एतत् दुर्गामातु: सप्तमस्वरूपम् अस्ति।
ऐसा कहा जाता है कि मां कालरात्रि ही वह देवी है जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था।
••एवमुच्यते यत् माता कालरात्रि: सैव देवी अस्ति या मधुकैटभयो: असुरयोः वधं चकार।
मां का शरीर रात से भी ज्यादा काला है।
••मातुः शरीरं रात्रेरपि कृष्णतरमस्ति।
काला रंग होने के कारण उन्हें कालरात्रि कहा गया है।
••कृष्णवर्णत्वात् सा कालरात्रि: कथ्यते।
देवी कालरात्रि के बाल बिखरे हुए हैं और मां के गले में नर मुंडों की माला विराजित है।
••देव्या: कलरात्रे: केशाः विकीर्णाः सन्ति मातुः ग्रीवायां च नरमुण्डमाला च विराजते।
मां के चार हाथ हैं जिनमें से एक हाथ में कटार और दूसरे में लोहे का कांटा है।
••मातु: चत्वार: हस्ता: सन्ति येषु एकस्मिन् हस्ते कृपाणिका अन्यस्मिन् च लौहकण्टकम्।
देवी के तीन नेत्र हैं और इनकी सांस से अग्नि निकलती है। मां का वाहन गधा है।
••मातु: त्रीणि नेत्राणि सन्ति अस्या: च प्रश्वासात् अग्नि: निस्सरति।मातु: वाहनं गर्दभोऽस्ति।
मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का अंत करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को पैदा किया था।
••माता दुर्गा राक्षसराजस्य रक्तबीजस्य समाप्त्यर्थं स्वतेजसा मातरं कालरात्रिस्वरूपं धृतवती बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 27, 2023
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वेदस्तवनरक्तेषु न आयुः ईक्ष्यते।
October 27, 2023
लङ्-लकारः (laṅ-lakāraḥ):
This is the past imperfect tense. This is used to refer to some action that happened in the past.
Some examples are:
अहम् आम्रम् अखादम्। (aham āmram akhādam।), this means, “I ate a mango.” Here, the action of eating a mango was done in the past, therefore it is in past tense.
सूदः भोजनम् अपचत्। (sūdaḥ bhojanam apacat।), this means. “The cook cooked the meal”. Here, the action of cooking was done in the past, therefore it is in past tense.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the past imperfect tense. This is used to refer to some action that happened in the past.
Some examples are:
अहम् आम्रम् अखादम्। (aham āmram akhādam।), this means, “I ate a mango.” Here, the action of eating a mango was done in the past, therefore it is in past tense.
सूदः भोजनम् अपचत्। (sūdaḥ bhojanam apacat।), this means. “The cook cooked the meal”. Here, the action of cooking was done in the past, therefore it is in past tense.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 27, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
https://youtu.be/c8Srq5nGeYY?si=Sk2bKsLYlmcuvHpP
#SanskritCarnaticMusic
PALLAVI
Himagiri Thanayae Hemalathae Amba,
Himagiri Thanayae Hemalathae
Amba Easwari Shree Lalithae, mAmava (Himagiri)
ANUPALLAVI
RamA vAaNisam saevitha sakalae
RAja RAjeswari RAama SahOadari (Himagiri)
CHARANAM
PAshAangu Shaekshu daNDakarae, AmbA
ParAtparae sruta Bhaktha parae
AshAmbara Harikaesa vilAasae
Aananda roopae, amitha pratA pae (Himagiri)
Rough translation: Daughter of King HimavAn, Easwari, Hemalathe, Lalithae,
Hail to you!
One who is respected by RamA (Lakshmi), Vani (Saraswathi) and all others,
RAjaRAjeswari, sister of RAama!
One who wields the daNDa in her hand, consort of Shiva, one who protects true
Bhakthas, one who is always in the mind and heart of Harikaesa (the composer -
Harikaesa Nallur Muthayya Bhagavathar) one who always has a smiling and happy
appearance.
#SanskritCarnaticMusic
PALLAVI
Himagiri Thanayae Hemalathae Amba,
Himagiri Thanayae Hemalathae
Amba Easwari Shree Lalithae, mAmava (Himagiri)
ANUPALLAVI
RamA vAaNisam saevitha sakalae
RAja RAjeswari RAama SahOadari (Himagiri)
CHARANAM
PAshAangu Shaekshu daNDakarae, AmbA
ParAtparae sruta Bhaktha parae
AshAmbara Harikaesa vilAasae
Aananda roopae, amitha pratA pae (Himagiri)
Rough translation: Daughter of King HimavAn, Easwari, Hemalathe, Lalithae,
Hail to you!
One who is respected by RamA (Lakshmi), Vani (Saraswathi) and all others,
RAjaRAjeswari, sister of RAama!
One who wields the daNDa in her hand, consort of Shiva, one who protects true
Bhakthas, one who is always in the mind and heart of Harikaesa (the composer -
Harikaesa Nallur Muthayya Bhagavathar) one who always has a smiling and happy
appearance.
YouTube
Himagiri Thanaye Hemalathe..Tanvi M Nambiar
Himagiri Thanaye Hemalathe.. is written by the famous twentieth-century composer H.N. Muthiah Bhaagavatar. It is in Sanskrit language.
Thanks a lot to my music teacher Divya Gopakumar for her guidance and support for this and many other keerthanas
The orchestration…
Thanks a lot to my music teacher Divya Gopakumar for her guidance and support for this and many other keerthanas
The orchestration…
October 27, 2023
जुड़िए हमारे नये उपक्रम प्रश्नोत्तरम् – Q&A नामक वाट्सैप ग्रुप से।
व्याकरण के विषय की अथवा संस्कृतसम्भाषण के विषय की शंकासमाधान के लिए आइए इस प्रश्नोत्तरम् गण में।
इस गण में आप संस्कृत भाषा से सम्बन्धित प्रश्न पूछ सकते हैं तथा अपनी व्याकरण के ज्ञान की प्यास को शान्त कर सकते हैं।
गण में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जानकार लोग दे सकते हैं।
इस गण में संस्कृतसंबंद्धित प्रश्नों को छोड़कर अन्य संदेश नहीं भेजने हैं ।
इस वाक्य का पालन न करने पर आप उचित कार्यवाही के पात्र होंगे।
श्रीमद्भगवद्गीता भी कहती है परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ (एक दूसरे को उन्नत करते हुए परमपद को प्राप्त करें)
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प्रश्नोत्तरम् - Q&A is our latest WhatsApp group.
To solve the doubts of the subject of grammar or spoken Sanskrit, Join this group named प्रश्नोत्तरम्.
In this group you can ask questions related to Sanskrit language and quench your thirst for knowledge of Sanskrit grammar.
Knowledgeable people can give answers to the questions asked by people in this group.
In this Group other messages should not be sent except questions related to Sanskrit.
If you do not follow this sentence, you will be eligible for appropriate action.
“parasparaM bhaavayantaH shreyaH paramavaapsyatha” (nourishing one another, ye shall attain to the highest good), says ShrimadBhagvatGeeta.
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गण में लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जानकार लोग दे सकते हैं।
इस गण में संस्कृतसंबंद्धित प्रश्नों को छोड़कर अन्य संदेश नहीं भेजने हैं ।
इस वाक्य का पालन न करने पर आप उचित कार्यवाही के पात्र होंगे।
श्रीमद्भगवद्गीता भी कहती है परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ (एक दूसरे को उन्नत करते हुए परमपद को प्राप्त करें)
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प्रश्नोत्तरम् - Q&A is our latest WhatsApp group.
To solve the doubts of the subject of grammar or spoken Sanskrit, Join this group named प्रश्नोत्तरम्.
In this group you can ask questions related to Sanskrit language and quench your thirst for knowledge of Sanskrit grammar.
Knowledgeable people can give answers to the questions asked by people in this group.
In this Group other messages should not be sent except questions related to Sanskrit.
If you do not follow this sentence, you will be eligible for appropriate action.
“parasparaM bhaavayantaH shreyaH paramavaapsyatha” (nourishing one another, ye shall attain to the highest good), says ShrimadBhagvatGeeta.
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प्रश्नोत्तरम् – Q&A
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October 27, 2023
अस्माकं नवीनं वाट्सैब्गणे प्रश्नोत्तरम् – Q&A नामधेये सम्मिलन्तु सर्वे।
व्याकरणविषये अथवा संस्कृतसम्भाषणविषये कापि शंका अस्ति चेत् आयात प्रश्नोत्तरं नाम गणम्। अस्मिन् गणे सर्वे संस्कृतसम्बद्धान् प्रश्नान् प्रष्टुम् अर्हन्ति स्वव्याकरणपिपासां पूरयितुं च शक्नुवन्ति।
एतस्मिन् गणे वयं प्रश्नान् पृच्छामः तथा गणे वर्तमानाः ये जनाः तेषाम् उत्तराणि जानन्ति ते उत्तरं वक्तुम् अर्हन्ति।
अत्र एको ध्यातव्यो विषयो विद्यते यद् अस्मिन् गणे संस्कृतप्रश्नेभ्यः इतराः विषयाः नैव प्रेषणीयाः यथा शुभकामनाः वार्ताः इत्यादयः।
नो चेत् तस्य उचितदण्डविधानं भवेत्।
परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ इति श्रीमद्भगवद्गीता।
अत्र नुदत👇🏼
https://chat.whatsapp.com/FH4H846ejEvKZeZFDGDyp6
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व्याकरणविषये अथवा संस्कृतसम्भाषणविषये कापि शंका अस्ति चेत् आयात प्रश्नोत्तरं नाम गणम्। अस्मिन् गणे सर्वे संस्कृतसम्बद्धान् प्रश्नान् प्रष्टुम् अर्हन्ति स्वव्याकरणपिपासां पूरयितुं च शक्नुवन्ति।
एतस्मिन् गणे वयं प्रश्नान् पृच्छामः तथा गणे वर्तमानाः ये जनाः तेषाम् उत्तराणि जानन्ति ते उत्तरं वक्तुम् अर्हन्ति।
अत्र एको ध्यातव्यो विषयो विद्यते यद् अस्मिन् गणे संस्कृतप्रश्नेभ्यः इतराः विषयाः नैव प्रेषणीयाः यथा शुभकामनाः वार्ताः इत्यादयः।
नो चेत् तस्य उचितदण्डविधानं भवेत्।
परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ इति श्रीमद्भगवद्गीता।
अत्र नुदत👇🏼
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प्रश्नोत्तरम् – Q&A
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October 27, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - लोकोक्तिविवरणम्
🗓२८/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्वस्थानियभाषायां लिखितायाः लोकोक्त्याः विवरणं संस्कृतेन कर्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - लोकोक्तिविवरणम्
🗓२८/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 27, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 01:53 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 28 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती सुबह 07:31 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ राहु काल - सुबह 09:33 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:52 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा रात्रि 01:53 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 28 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - आश्विन
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती सुबह 07:31 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - वज्र रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ राहु काल - सुबह 09:33 से 10:58 तक
⛅ सूर्योदय - 06:42
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:01 से 05:52 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, खंडग्रास चन्द्रग्रहण, वाल्मीकि जयन्ती, मीराबाई जयन्ती, कार्तिक व्रत-स्नान आरम्भ
October 27, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
October 27, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
लोकोक्तिविवरणम्
#samlapshala
#samlapshala
October 27, 2023
Forwarded from ॐ पीयूषः
🍃
🔆विद्या अस्माकं कृते कामधेनुसदृशा भवति या अकाले साहाय्यं करोति प्रवाससमये विद्या मातृवत् पालनं करोति अतः अस्याः रक्षणं वर्धनं च करणीयम्।
⚜ विद्या ही कठिन समय मे सहायक होती है विद्या ही प्रवास के समय माता के समान रक्षण करती है अतः विद्या का रक्षण व वर्धन करें।
विद्या साक्षात् कामधेनु है।
#Subhashitam
कामधेनुगुना विद्या ह्यकाले फलदायिनी।
प्रवासे मातृसदृशी विद्या गुप्तं धनं स्मृतम्
॥🔆विद्या अस्माकं कृते कामधेनुसदृशा भवति या अकाले साहाय्यं करोति प्रवाससमये विद्या मातृवत् पालनं करोति अतः अस्याः रक्षणं वर्धनं च करणीयम्।
⚜ विद्या ही कठिन समय मे सहायक होती है विद्या ही प्रवास के समय माता के समान रक्षण करती है अतः विद्या का रक्षण व वर्धन करें।
विद्या साक्षात् कामधेनु है।
#Subhashitam
October 28, 2023
बालाः खाद्यपदार्थानि दृष्ट्वा मोदन्ते।
अशुद्धं पदं किम्।
अशुद्धं पदं किम्।
Anonymous Quiz
8%
बालाः
35%
खाद्यपदार्थानि
9%
मोदन्ते
48%
नास्ति अशुद्धपदम्
October 28, 2023
अष्टधातु की अंगूठी पहनने के से अनेक लाभ हैं ।
•• अष्टधातो: ऊर्मिकाया: धारणेन बहवो लाभा: सन्ति।
अष्टधातु का मनुष्य के स्वास्थ्य से गहरा संबंध है।
•• मानवस्य स्वास्थ्येन सह अष्टधातो: दृढसम्बन्धोऽस्ति।
यह हृदय को भी बल देती है एवं मनुष्य की अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।
•• एषा हृदयाय अपि बलं ददाति तथा मानवस्य अनेकेषां रोगाणां दूरं करोति।
अष्टधातु की अंगूठी धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शांति लाता है।
•• अष्टधातो: ऊर्मिकाया: धारणेन एषा मानसिकं तननं दूरीकृत्य मनसि शान्तिं स्थापयति।
- यह वात, पित्त, कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता है कि बीमारियां कम होती हैं एवं स्वास्थ्य पर अच्छा असर रहता
है।
= एषा वातपित्तकफानाम् एतादृशविधिना सामजंस्यं करोति येन रोगा: न्यूनीभवन्ति तथा स्वास्थ्ये सुप्रभावो भवति।
अष्टधातु मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालती है।
•• अष्टधातुः मस्तिष्कमपि सुप्रभावयति।
अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है।
•• अष्टधातो: धारणेन मनुष्ये शीघ्रोचितनिर्णयस्य क्षमता वर्धते।
- व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी धारण करें।
•• व्यापारसमृद्धे: कृते भाग्योदयाय च शुभमुहुर्ते अष्टधातो: ऊर्मिका धारितव्या।
यदि आप अष्टधातु से बनी कोई भी चीज पहनते हैं तो आप सभी नौ ग्रहों से होने वाली पीड़ा को शांत कर सकते हैं।
•• यदि भवान् अष्टधातुनिर्मितम् आभरणं धारयेत् तर्हि भवान् नवग्रहदोषान् शमयितुं शक्नुयात्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• अष्टधातो: ऊर्मिकाया: धारणेन बहवो लाभा: सन्ति।
अष्टधातु का मनुष्य के स्वास्थ्य से गहरा संबंध है।
•• मानवस्य स्वास्थ्येन सह अष्टधातो: दृढसम्बन्धोऽस्ति।
यह हृदय को भी बल देती है एवं मनुष्य की अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।
•• एषा हृदयाय अपि बलं ददाति तथा मानवस्य अनेकेषां रोगाणां दूरं करोति।
अष्टधातु की अंगूठी धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शांति लाता है।
•• अष्टधातो: ऊर्मिकाया: धारणेन एषा मानसिकं तननं दूरीकृत्य मनसि शान्तिं स्थापयति।
- यह वात, पित्त, कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता है कि बीमारियां कम होती हैं एवं स्वास्थ्य पर अच्छा असर रहता
है।
= एषा वातपित्तकफानाम् एतादृशविधिना सामजंस्यं करोति येन रोगा: न्यूनीभवन्ति तथा स्वास्थ्ये सुप्रभावो भवति।
अष्टधातु मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालती है।
•• अष्टधातुः मस्तिष्कमपि सुप्रभावयति।
अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है।
•• अष्टधातो: धारणेन मनुष्ये शीघ्रोचितनिर्णयस्य क्षमता वर्धते।
- व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी धारण करें।
•• व्यापारसमृद्धे: कृते भाग्योदयाय च शुभमुहुर्ते अष्टधातो: ऊर्मिका धारितव्या।
यदि आप अष्टधातु से बनी कोई भी चीज पहनते हैं तो आप सभी नौ ग्रहों से होने वाली पीड़ा को शांत कर सकते हैं।
•• यदि भवान् अष्टधातुनिर्मितम् आभरणं धारयेत् तर्हि भवान् नवग्रहदोषान् शमयितुं शक्नुयात्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 28, 2023
October 28, 2023
October 28, 2023
विधिलिङ्-लकारः (vidhiliṅ-lakāraḥ):
This is the potential mood. This is used to show that something is done, where it may be done or may not be done.
Some examples are:
परीक्षासमये छात्रः पठेत्। (parīkṣāsamaye chātraḥ paṭhet।), this means, “During the examination time, the student should study.” Here, the student studying is potential; here it is only given that the student should study, there is no obligation for him to study; it is entirely up to the student, whether to study or not.
बालिका सुन्दरं आकाशं पश्येत्। (bālikā sundaraṃ ākāśaṃ paśyet।), this means, “The girl should see the beautiful sky.” Here, the girl seeing the beautiful sky is potential; here it is only given that the girl should see it, there is no obligation for her to see it; it is entirely up to her, whether to see it or not.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
This is the potential mood. This is used to show that something is done, where it may be done or may not be done.
Some examples are:
परीक्षासमये छात्रः पठेत्। (parīkṣāsamaye chātraḥ paṭhet।), this means, “During the examination time, the student should study.” Here, the student studying is potential; here it is only given that the student should study, there is no obligation for him to study; it is entirely up to the student, whether to study or not.
बालिका सुन्दरं आकाशं पश्येत्। (bālikā sundaraṃ ākāśaṃ paśyet।), this means, “The girl should see the beautiful sky.” Here, the girl seeing the beautiful sky is potential; here it is only given that the girl should see it, there is no obligation for her to see it; it is entirely up to her, whether to see it or not.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
October 28, 2023
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अ.भा. गोष्ठ्याः उद्घाटनसत्रस्य चलचित्रम्।
October 28, 2023
October 28, 2023
@samskrt_samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - चन्द्रग्रहणं लक्ष्मीपूजा शरत्पूर्णिमा च
🗓२९/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चन्द्रग्रहणस्य लक्ष्मीपूजायाः शरत्पूर्णिमायाः च विषये वक्तव्यमस्ति। ) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samskrt_samvadah?livestream=b542447e65e9eb58d8
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - चन्द्रग्रहणं लक्ष्मीपूजा शरत्पूर्णिमा च
🗓२९/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
October 28, 2023
यदि आपके पास एंड्रॉयड मोबाइल 📱है और संस्कृत में आपकी रूचि है तो
• अपने फोन की Settings⚙ में जाइए
• अब सर्च 🔍 में languages लिखिए। या फिर additional settings पर जाकर languages and input में जाइए।
• Languages पर क्लिक करके Sanskrit को No. 1 पर लाइए।
हालाँकि इससे आपके मोबाइल की भाषा हिन्दी में ही चलेगी क्योंकि यह अभी प्रारम्भिक दौर है पर आपको कुछ स्थानों पर संस्कृत में अनुवाद करने का विकल्प मिल जायेगा।
जिससे आप सदा संस्कृत के सान्निध्य में रह सकते हैं। आरम्भ में अटपटा लगता है पर कुछ दिन चलाने के पश्चात् आदत हो जायेगी।
• अपने फोन की Settings⚙ में जाइए
• अब सर्च 🔍 में languages लिखिए। या फिर additional settings पर जाकर languages and input में जाइए।
• Languages पर क्लिक करके Sanskrit को No. 1 पर लाइए।
हालाँकि इससे आपके मोबाइल की भाषा हिन्दी में ही चलेगी क्योंकि यह अभी प्रारम्भिक दौर है पर आपको कुछ स्थानों पर संस्कृत में अनुवाद करने का विकल्प मिल जायेगा।
जिससे आप सदा संस्कृत के सान्निध्य में रह सकते हैं। आरम्भ में अटपटा लगता है पर कुछ दिन चलाने के पश्चात् आदत हो जायेगी।
October 28, 2023
October 28, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 29 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी 30 अक्टूबर प्रातः 04:42 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - सिद्धि रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - शाम 04:39 से 06:04 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:52 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा रात्रि 11:52 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 29 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - भरणी 30 अक्टूबर प्रातः 04:42 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - सिद्धि रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - शाम 04:39 से 06:04 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:52 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग
October 28, 2023
October 28, 2023
October 28, 2023
October 28, 2023
October 28, 2023
🍃
(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३९)
🔆 यदि मनसः भावः शुद्धः नास्ति चेत् दानं यज्ञः तपः शौचं तीर्थदर्शनं शास्त्रश्रवणं तथा स्वाध्यायः एतानि सर्वाणि तीर्थानि अपि व्यर्थानि भवन्ति।
⚜भीतर का भाव शुद्ध न हो तो दान, यज्ञ, तप, शौच, तीर्थसेवन, शास्त्र-श्रवण और स्वाध्याय - ये सभी अतीर्थ हो जाते हैं।
#Subhashitam
दानमिज्या तपः शौचं तीर्थसेवा श्रुतं तथा।
सर्वाण्येतान्यतीर्थानि यदि भावो न निर्मलः
।।(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३९)
🔆 यदि मनसः भावः शुद्धः नास्ति चेत् दानं यज्ञः तपः शौचं तीर्थदर्शनं शास्त्रश्रवणं तथा स्वाध्यायः एतानि सर्वाणि तीर्थानि अपि व्यर्थानि भवन्ति।
⚜भीतर का भाव शुद्ध न हो तो दान, यज्ञ, तप, शौच, तीर्थसेवन, शास्त्र-श्रवण और स्वाध्याय - ये सभी अतीर्थ हो जाते हैं।
#Subhashitam
October 28, 2023
पितृशब्दस्य बहुवचने षष्ठीविभक्त्यां किं रूपं सिध्यति।
Anonymous Quiz
12%
पितुः
18%
पितृणाम्
70%
पितॄणाम्
1%
पितस्य
October 29, 2023
स्वर्ग में इंद्र का राज्य था।
•• नाके इन्द्रस्य राज्यं बभूव।
एक बार दुर्वासा ऋषि के अपमान के कारण इंद्र को उनके शाप का भागी बना पड़ा।
••कस्मिंश्चित् दिने ऋषे: दुर्वासस: अपमानात्वात् इन्द्रेण तस्य शाप: भोक्तव्य: बभूव।
दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण इंद्र बल हीन हो गया।
•• दुर्वासस: शापात् इन्द्र: शक्तिहीनो बभूव।
इंद्र को बलहीन देख दैत्यों ने स्वर्ग में उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
•• इन्द्रं शक्तिहीनमवलोक्य दैत्या: नाके उत्पातं कर्तुमारेभिरे।
इंद्र कहीं जाकर छिप गए।
•• इन्द्र: क्वचित् गत्वा जुगूह।
इस पर दैत्यों का साहस और बढ़ गया।
•• एतस्मिन् दैत्यानां साहस: इतोऽपि ववृधे।
रोज स्वर्ग पर अलग-अलग तरह से हमले होने लगे ।
•• प्रत्यहं नाके बहुविधिना आक्रमणं भवितुमारेभे।
तब अन्य देवताओं ने सप्त ऋषियों से मंत्रणा करके धरती के उस समय के सबसे तेजस्वी राजा नहुष को स्वर्ग का राजा बना दिया।
•• तदनन्तरं अन्ये देवा: सप्तर्षिभि: सह परामृश्य तदानीं भूलोकस्य सर्वाधिकं तेजस्विनं राजानं नहुषं नाकराज: घोषयञ्चक्रु:।
नहुष वीर और प्रतापी थे।
नहुष: वीर: प्रतापी: च बभूव।
उनके प्रभाव के कारण दैत्य फिर शांत बैठ गए और स्वर्ग में शांति हो गई।
•• तस्य प्रभावात् दैत्या: पुनः शान्ता: बभूवतु नाके च शान्ति: व्याप्ता बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• नाके इन्द्रस्य राज्यं बभूव।
एक बार दुर्वासा ऋषि के अपमान के कारण इंद्र को उनके शाप का भागी बना पड़ा।
••कस्मिंश्चित् दिने ऋषे: दुर्वासस: अपमानात्वात् इन्द्रेण तस्य शाप: भोक्तव्य: बभूव।
दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण इंद्र बल हीन हो गया।
•• दुर्वासस: शापात् इन्द्र: शक्तिहीनो बभूव।
इंद्र को बलहीन देख दैत्यों ने स्वर्ग में उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
•• इन्द्रं शक्तिहीनमवलोक्य दैत्या: नाके उत्पातं कर्तुमारेभिरे।
इंद्र कहीं जाकर छिप गए।
•• इन्द्र: क्वचित् गत्वा जुगूह।
इस पर दैत्यों का साहस और बढ़ गया।
•• एतस्मिन् दैत्यानां साहस: इतोऽपि ववृधे।
रोज स्वर्ग पर अलग-अलग तरह से हमले होने लगे ।
•• प्रत्यहं नाके बहुविधिना आक्रमणं भवितुमारेभे।
तब अन्य देवताओं ने सप्त ऋषियों से मंत्रणा करके धरती के उस समय के सबसे तेजस्वी राजा नहुष को स्वर्ग का राजा बना दिया।
•• तदनन्तरं अन्ये देवा: सप्तर्षिभि: सह परामृश्य तदानीं भूलोकस्य सर्वाधिकं तेजस्विनं राजानं नहुषं नाकराज: घोषयञ्चक्रु:।
नहुष वीर और प्रतापी थे।
नहुष: वीर: प्रतापी: च बभूव।
उनके प्रभाव के कारण दैत्य फिर शांत बैठ गए और स्वर्ग में शांति हो गई।
•• तस्य प्रभावात् दैत्या: पुनः शान्ता: बभूवतु नाके च शान्ति: व्याप्ता बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 29, 2023
शब्दरूपाणि (ŚABDARŪPĀNI)
Each word form has a specific meaning which is known as its कारकम् (Kārakam) and the group in which it belongs is known as the विभक्तिः (Vibhaktiḥ).
Sanskrit Word forms for words of a particular kind are generally similar, e.g. If the word forms of the Pratipadikam, 'देव (Deva)' which is an अकारान्तः (Akārāntaḥ) (ending in (a)) पुँल्लिङ्गम् (Pullingam) (masculine gender) word are used, they will be similar for Akārāntaḥ Pullingam words.
However, there are some words, which have slightly different forms, despite having the same letter at the ending and the same grammatical gender.
They are of two types:
1. स्वरान्तशब्दरूपाणि : These words have vowels or स्वराः at their end.
2. व्यञ्जनान्तशब्दरूपाणि : These words have Consonants or व्यञ्जनानि at their end.
You should check शब्दरूपमाला for finding the words forms of any word.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Each word form has a specific meaning which is known as its कारकम् (Kārakam) and the group in which it belongs is known as the विभक्तिः (Vibhaktiḥ).
Sanskrit Word forms for words of a particular kind are generally similar, e.g. If the word forms of the Pratipadikam, 'देव (Deva)' which is an अकारान्तः (Akārāntaḥ) (ending in (a)) पुँल्लिङ्गम् (Pullingam) (masculine gender) word are used, they will be similar for Akārāntaḥ Pullingam words.
However, there are some words, which have slightly different forms, despite having the same letter at the ending and the same grammatical gender.
They are of two types:
1. स्वरान्तशब्दरूपाणि : These words have vowels or स्वराः at their end.
2. व्यञ्जनान्तशब्दरूपाणि : These words have Consonants or व्यञ्जनानि at their end.
You should check शब्दरूपमाला for finding the words forms of any word.
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#sanskritlessons
October 29, 2023
संसापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
चन्द्रग्रहणं लक्ष्मीपूजा शरत्पूर्णिमा च
चन्द्रग्रहणं लक्ष्मीपूजा शरत्पूर्णिमा च
October 29, 2023
यः वृष्टिसमये कवितां रचयति सः उत्तमः कविः।
यः वृष्टिसमये वातायने प्रसारणार्थं विद्यमानानि वस्त्राणि स्मरति सः उत्तमः गृहस्थः 😜
#hasya
यः वृष्टिसमये वातायने प्रसारणार्थं विद्यमानानि वस्त्राणि स्मरति सः उत्तमः गृहस्थः 😜
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October 29, 2023
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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October 29, 2023
October 29, 2023
October 29, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 30 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - कृतिका 31 अक्टूबर प्रातः 04:01 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - व्यतिपात शाम 05:33 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - सुबह 08:08 से 09:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 06:03
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:53 तक
#panchang
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⛅ सूर्यास्त - 06:03
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⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:53 तक
#panchang
October 29, 2023
October 29, 2023
October 29, 2023
October 29, 2023
October 29, 2023
October 29, 2023
🍃
🔅 विद्या, कामधेनु समा, सदा एव फलदायिनी (अस्ति) । ( सा आवां) प्रवासे मातृवत् (रक्षति ) । तस्मात् विद्या गुप्त-धनम् स्मृतम्।
⚜ Kowledge is like Kamdhenu (the wish fulfilling cow), always helping to get desired objects. ( (For example,)Knowledge (protects us ) like a mother while travelling. (That is why ), it is called hidden treasure.
⚜ विद्या कामधेनु (इच्छा पूरी करने वाली गाय) के समान है, जो हमेशा वांछित वस्तुओं को प्राप्त करने में मदद करती है। यात्रा के समय विद्या माँ की तरह हमारी रक्षा करती है। (इसीलिए), इसे छिपा हुआ धन कहा जाता है।
#subhashitam
कामधेनुसमा विद्या सदैव फलदायिनी ।
प्रवासे मातृवत्तस्मात् विद्या गुप्तधनं स्मृतम्॥
🔅 विद्या, कामधेनु समा, सदा एव फलदायिनी (अस्ति) । ( सा आवां) प्रवासे मातृवत् (रक्षति ) । तस्मात् विद्या गुप्त-धनम् स्मृतम्।
⚜ Kowledge is like Kamdhenu (the wish fulfilling cow), always helping to get desired objects. ( (For example,)Knowledge (protects us ) like a mother while travelling. (That is why ), it is called hidden treasure.
⚜ विद्या कामधेनु (इच्छा पूरी करने वाली गाय) के समान है, जो हमेशा वांछित वस्तुओं को प्राप्त करने में मदद करती है। यात्रा के समय विद्या माँ की तरह हमारी रक्षा करती है। (इसीलिए), इसे छिपा हुआ धन कहा जाता है।
#subhashitam
October 29, 2023
October 30, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
स्वर्ग में इंद्र का राज्य था। •• नाके इन्द्रस्य राज्यं बभूव। एक बार दुर्वासा ऋषि के अपमान के कारण इंद्र को उनके शाप का भागी बना पड़ा। ••कस्मिंश्चित् दिने ऋषे: दुर्वासस: अपमानात्वात् इन्द्रेण तस्य शाप: भोक्तव्य: बभूव। दुर्वासा ऋषि के शाप के कारण इंद्र…
लेकिन, स्वर्ग का राजपद और इंद्र का आसन मिलने के कुछ ही दिनों में नहुष पर सत्ता और शक्ति का नशा छाने लगा।
•• परन्तु , नाकस्य राजपदस्य इन्द्रासनस्य च प्राप्तेः अनन्तरं किञ्चिद्दिनेषु हि नहुषः प्रशासनशक्त्योः मदान्धः भवितुमारेभे।
वो अपनी मनमानियों पर उतर आया।
•• स स्वेच्छारे संलग्नो जज्ञे।
इंद्र का पद मिलने के बाद उसने इंद्र की पत्नी शचि को भी अपने सामने पेश होने का फरमान सुना दिया।
•• इन्द्रपदस्य प्राप्ते: अनन्तरं स इन्द्रपत्नीं शचिमपि आत्मन: समक्षं उपस्थातुम् आदेशं श्रावयञ्चकार।
नहुष ने इंद्र की पत्नी शचि से कहा कि जब इंद्र का आसन और उसकी शक्तियां मेरे पास हैं, तो तुम भी मुझे अपना पति स्वीकार कर लो।
•• नहुष: इन्द्रपत्नीं शचिम् कथयाञ्चकार यत् यदा इन्द्रासन: तस्य च शक्तय: मम पार्श्वे सन्ति चेत् त्वमपि माम् आत्मानं स्वपतिं स्वीकुरु।
शचि ने मना किया।
•• शचि: अस्वीञ्चकार।
नहुष उसे तरह-तरह से परेशान करने लगा।
•• नहुष: तां बहुविधिना दोतुमारेभे।
तब परेशान होकर शचि देवगुरु बृहस्पति के पास गईं, उन्हें सारी बातें बताईं।
•• तदा उद्विग्नोभूय शचि: देवगुरुं बृहस्पतिं निकषा आगत्य तं सर्ववृत्तान्तं ज्ञापयञ्चकार।
नहुष की मनमानियों से सभी ऋषि भी परेशान थे।
•• नहुषस्य स्वेच्छाचारीत्वात् सर्वे ऋषय: अपि चिन्तिता: बभूवु।
तब देवगुरु ने शचि को एक युक्ति सुझाई।
•• तदा देवगुरु: शचे एकां युक्तिं परामर्शयञ्चकार।
उन्होंने शचि से कहा कि तुम नहुष का प्रस्ताव मान लो और उससे कहो कि अगर वो सप्त ऋषियों को कहार बनाकर खुद उनकी डोली में बैठकर आए तो तुम उसको अपना पति स्वीकार कर लोगी।
•• स शचिं कथयञ्चकार यत् त्वं नहुषस्य प्रस्तावं स्वीकृत्य तं कथय यत् यदि स सप्तर्षीन् कहारान् भावयित्वा तस्या: शिविकायाम् उपविश्य आगच्छेत् तर्हि त्वं तं स्वपतिं स्वीकुर्या:
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• परन्तु , नाकस्य राजपदस्य इन्द्रासनस्य च प्राप्तेः अनन्तरं किञ्चिद्दिनेषु हि नहुषः प्रशासनशक्त्योः मदान्धः भवितुमारेभे।
वो अपनी मनमानियों पर उतर आया।
•• स स्वेच्छारे संलग्नो जज्ञे।
इंद्र का पद मिलने के बाद उसने इंद्र की पत्नी शचि को भी अपने सामने पेश होने का फरमान सुना दिया।
•• इन्द्रपदस्य प्राप्ते: अनन्तरं स इन्द्रपत्नीं शचिमपि आत्मन: समक्षं उपस्थातुम् आदेशं श्रावयञ्चकार।
नहुष ने इंद्र की पत्नी शचि से कहा कि जब इंद्र का आसन और उसकी शक्तियां मेरे पास हैं, तो तुम भी मुझे अपना पति स्वीकार कर लो।
•• नहुष: इन्द्रपत्नीं शचिम् कथयाञ्चकार यत् यदा इन्द्रासन: तस्य च शक्तय: मम पार्श्वे सन्ति चेत् त्वमपि माम् आत्मानं स्वपतिं स्वीकुरु।
शचि ने मना किया।
•• शचि: अस्वीञ्चकार।
नहुष उसे तरह-तरह से परेशान करने लगा।
•• नहुष: तां बहुविधिना दोतुमारेभे।
तब परेशान होकर शचि देवगुरु बृहस्पति के पास गईं, उन्हें सारी बातें बताईं।
•• तदा उद्विग्नोभूय शचि: देवगुरुं बृहस्पतिं निकषा आगत्य तं सर्ववृत्तान्तं ज्ञापयञ्चकार।
नहुष की मनमानियों से सभी ऋषि भी परेशान थे।
•• नहुषस्य स्वेच्छाचारीत्वात् सर्वे ऋषय: अपि चिन्तिता: बभूवु।
तब देवगुरु ने शचि को एक युक्ति सुझाई।
•• तदा देवगुरु: शचे एकां युक्तिं परामर्शयञ्चकार।
उन्होंने शचि से कहा कि तुम नहुष का प्रस्ताव मान लो और उससे कहो कि अगर वो सप्त ऋषियों को कहार बनाकर खुद उनकी डोली में बैठकर आए तो तुम उसको अपना पति स्वीकार कर लोगी।
•• स शचिं कथयञ्चकार यत् त्वं नहुषस्य प्रस्तावं स्वीकृत्य तं कथय यत् यदि स सप्तर्षीन् कहारान् भावयित्वा तस्या: शिविकायाम् उपविश्य आगच्छेत् तर्हि त्वं तं स्वपतिं स्वीकुर्या:
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 30, 2023
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उपशीर्षके दोषाः क्षन्तव्याः।
October 30, 2023
सर्वनामपदानि (sarvanāmapadāni) means pronouns in Sanskrit. These are used to replace nouns when excessive repetition in the sentence is unwieldy.
The pronouns in Sanskrit follow the noun to be replaced in all aspects, i.e. to use a pronoun in place of a noun, we would use the same grammatical gender, grammatical case and grammatical number as we would have done for the noun.
Note: Pronouns generally have no सम्बोधनम् as their कारकम्, since we can not actually call someone using a pronoun, and सम्बोधनम् is the case used to call someone directly.
You should check शब्दरूपमाला for finding the words forms of pronouns.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
The pronouns in Sanskrit follow the noun to be replaced in all aspects, i.e. to use a pronoun in place of a noun, we would use the same grammatical gender, grammatical case and grammatical number as we would have done for the noun.
Note: Pronouns generally have no सम्बोधनम् as their कारकम्, since we can not actually call someone using a pronoun, and सम्बोधनम् is the case used to call someone directly.
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#sanskritlessons
October 30, 2023
एकदा अहं केनचित् मित्रैः सह समुद्रतटे चरामि आसं यदा कश्चन उच्चैः अवदत्।"पश्यतु तत् मृतं पक्षिम् !"
कश्चित् आकाशं पश्यन् अवदत् "कुत्र?"
#hasya
कश्चित् आकाशं पश्यन् अवदत् "कुत्र?"
#hasya
October 30, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - दिपावलिसिद्धता।
🗓३१/१०/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं दिपावलिसिद्धता एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
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October 30, 2023
October 30, 2023
October 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 31 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी 01 नवम्बर प्रातः 03:58 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - वरियान दोपहर 03:34 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:13 से 04:38 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 06:03
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:53 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरदार वल्लभ भाई पटेल जयन्ती (दि.अ. )
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 31 अक्टूबर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
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⛅ योग - वरियान दोपहर 03:34 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 03:13 से 04:38 तक
⛅ सूर्योदय - 06:43
⛅ सूर्यास्त - 06:03
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:53 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - सरदार वल्लभ भाई पटेल जयन्ती (दि.अ. )
October 30, 2023
October 30, 2023
October 30, 2023
October 30, 2023
October 30, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
दिपावलिसिद्धता
दिपावलिसिद्धता
October 30, 2023
🍃अज्ञानोपहतो बाल्ये यौवने मदनाहत:।
शेषे कलत्रचिन्तार्तः किं करोतु कदा जनः।।
🔆 बाल्यकाले मनुजः अज्ञानकारणेन आहतः भवति यौवनकाले कामभावनया तथैव वार्धक्यकाले परिवारचिन्तया च अतः मनुष्यः कुर्यादपि चेत् किम्।
⚜मनुष्य बाल्यकाल में अज्ञानता से अभिभूत होता है, युवावस्था में काम का शिकार होता है और शेष काल (वृद्धावस्था) में परिवार के भविष्य के बारे में चिन्तित रहता है। अब वह कब क्या कर सकता है?
⚜Man is overwhelmed by ignorance in childhood, in youth he is the victim of cupid and in the remaining period (old age) is worried thinking of the future of the family. When and what is one to do?
#Subhashitam
शेषे कलत्रचिन्तार्तः किं करोतु कदा जनः।।
🔆 बाल्यकाले मनुजः अज्ञानकारणेन आहतः भवति यौवनकाले कामभावनया तथैव वार्धक्यकाले परिवारचिन्तया च अतः मनुष्यः कुर्यादपि चेत् किम्।
⚜मनुष्य बाल्यकाल में अज्ञानता से अभिभूत होता है, युवावस्था में काम का शिकार होता है और शेष काल (वृद्धावस्था) में परिवार के भविष्य के बारे में चिन्तित रहता है। अब वह कब क्या कर सकता है?
⚜Man is overwhelmed by ignorance in childhood, in youth he is the victim of cupid and in the remaining period (old age) is worried thinking of the future of the family. When and what is one to do?
#Subhashitam
October 30, 2023
October 31, 2023
October 31, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
लेकिन, स्वर्ग का राजपद और इंद्र का आसन मिलने के कुछ ही दिनों में नहुष पर सत्ता और शक्ति का नशा छाने लगा। •• परन्तु , नाकस्य राजपदस्य इन्द्रासनस्य च प्राप्तेः अनन्तरं किञ्चिद्दिनेषु हि नहुषः प्रशासनशक्त्योः मदान्धः भवितुमारेभे। वो अपनी मनमानियों पर उतर आया।…
शचि ने ये सुझाव मान लिया।
•• शचि: एनां युक्तिं स्वीचकार।
उसने नहुष तक अपनी इस शर्त का संदेश भिजवा दिया।
•• सा नहुषं आत्मन: एतस्य समयस्य संदेशं प्रेषयञ्चकार।
शचि का संदेश पाकर नहुष खुश हो गया और उसने सप्तऋषियों को डोली उठाने का आदेश दिया।
•• शचे: सन्देशं श्रुत्वा नहुष: प्रसन्नोभूयो सप्तर्षीन् शिविकाम् उत्थापयितुम् आदिदेश।
मजबूरी में ऋषियों को नहुष की बात माननी पड़ी लेकिन वृद्ध होने के कारण वे तेज नहीं चल पा रहे थे।
•• बाध्योभूय ऋषिभि: नहुषस्य आदेश: स्वीकरणीय: बभूव परन्तु वृद्धावस्थाभि: ते तीव्रगत्या चलितुं न सक्षमा: बभूवु ।
तो नहुष ने डोली उठाकर आगे चल रहे अगस्त ऋषि को लात मारते हुए तेज चलने को कहा।
•• तदनन्तरं नहुष: शिविकाम् उत्थाप्य अग्रे चलितारं अगस्त्यम् ऋषिं पादप्रहारन् तीव्रगत्या चलितुम् आदिदेश।
इस पर ऋषियों के सब्र का बांध टूट गया।
••ऋषय: एतस्य कुकृत्यस्य सहनं कर्तुं न शेकु:।
उन्होंने नहुष को डोली से गिराते हुए तुरंत अजगर बन जाने का शाप दे दिया।
•• ते नहुषं शिविकात् पातयन् अविलम्बेन सर्पं भवितुं शशासु:।
धरती पर गिरा नहुष अजगर बन गया और अपने किए पर उसे पछतावा होने लगा।
••भूमौ पतित: नहुष: अजगर: बभूव तेन च पश्चात्ताप: अनुभूत:।
स्वर्ग का राजा बनने के योग्य व्यक्ति अपने अहंकार और गलतियों के कारण अजगर बन गया।
•• •• नाकराजो भवितुं योग्यपुरुष: आत्मन: अहङ्कारात् त्रुटिभ्यश्च अजगर: बभूव।
नहुष का उद्धार तब हुआ जब हज़ारों वर्षों बाद पांडवों ने उसे इस श्राप से मुक्त करवाया |
••नहुषस्य विमोचनं तदा बभूव
यदा सहस्रवर्षानन्तरं पाण्डवैः स शापमुक्तो बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• शचि: एनां युक्तिं स्वीचकार।
उसने नहुष तक अपनी इस शर्त का संदेश भिजवा दिया।
•• सा नहुषं आत्मन: एतस्य समयस्य संदेशं प्रेषयञ्चकार।
शचि का संदेश पाकर नहुष खुश हो गया और उसने सप्तऋषियों को डोली उठाने का आदेश दिया।
•• शचे: सन्देशं श्रुत्वा नहुष: प्रसन्नोभूयो सप्तर्षीन् शिविकाम् उत्थापयितुम् आदिदेश।
मजबूरी में ऋषियों को नहुष की बात माननी पड़ी लेकिन वृद्ध होने के कारण वे तेज नहीं चल पा रहे थे।
•• बाध्योभूय ऋषिभि: नहुषस्य आदेश: स्वीकरणीय: बभूव परन्तु वृद्धावस्थाभि: ते तीव्रगत्या चलितुं न सक्षमा: बभूवु ।
तो नहुष ने डोली उठाकर आगे चल रहे अगस्त ऋषि को लात मारते हुए तेज चलने को कहा।
•• तदनन्तरं नहुष: शिविकाम् उत्थाप्य अग्रे चलितारं अगस्त्यम् ऋषिं पादप्रहारन् तीव्रगत्या चलितुम् आदिदेश।
इस पर ऋषियों के सब्र का बांध टूट गया।
••ऋषय: एतस्य कुकृत्यस्य सहनं कर्तुं न शेकु:।
उन्होंने नहुष को डोली से गिराते हुए तुरंत अजगर बन जाने का शाप दे दिया।
•• ते नहुषं शिविकात् पातयन् अविलम्बेन सर्पं भवितुं शशासु:।
धरती पर गिरा नहुष अजगर बन गया और अपने किए पर उसे पछतावा होने लगा।
••भूमौ पतित: नहुष: अजगर: बभूव तेन च पश्चात्ताप: अनुभूत:।
स्वर्ग का राजा बनने के योग्य व्यक्ति अपने अहंकार और गलतियों के कारण अजगर बन गया।
•• •• नाकराजो भवितुं योग्यपुरुष: आत्मन: अहङ्कारात् त्रुटिभ्यश्च अजगर: बभूव।
नहुष का उद्धार तब हुआ जब हज़ारों वर्षों बाद पांडवों ने उसे इस श्राप से मुक्त करवाया |
••नहुषस्य विमोचनं तदा बभूव
यदा सहस्रवर्षानन्तरं पाण्डवैः स शापमुक्तो बभूव।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
October 31, 2023
हिमसंस्कृतवार्ता अद्यपर्यन्तं सर्वेभ्यो निश्शुल्कं प्रदीयते। Himsanskritam.com इत्यत्र प्रतिदिनं वार्तापत्राणि आयान्ति। वयं पठकेभ्यः कृतकृत्याः स्मः।
अग्रे अपि सततं हिमसंस्कृतवार्तायाः सञ्चालनाय धनम् अनिवार्यम्। अतः भवान् स्वकोषम् उद्घाट्य अस्मै पुण्यकर्मणे अपि धनम् अर्पय। वार्षिकसहयोगराशिः ₹५०१ निश्चितम्।
यु॰पी॰आय् 9418927271
अग्रे अपि सततं हिमसंस्कृतवार्तायाः सञ्चालनाय धनम् अनिवार्यम्। अतः भवान् स्वकोषम् उद्घाट्य अस्मै पुण्यकर्मणे अपि धनम् अर्पय। वार्षिकसहयोगराशिः ₹५०१ निश्चितम्।
यु॰पी॰आय् 9418927271
October 31, 2023
Verbs – धातुरूपाणि (dhāturūpāṇi)
In Sanskrit, the formation of verbs first begins with a verb root, called Dhaatu (Sanskrit: धातुः ; Transliteration: dhātuḥ). An example of this is √पठ् (√paṭh) which means ‘to read’.
A Dhatu, or root, has a meaning of its own. However, until we add suffixes to it, called Pratyaya (Sanskrit: प्रत्ययाः ; Transliteration: pratyayāḥ), it cannot be used in a meaningful sentence. Such suffixes help make a verb or any other kind of word, based on their category. Additionally, prefixes, called Upasarga (Sanskrit: उपसर्ग ; Transliteration: upasarga) can be added to modify the meaning of the Dhatu, or root.
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In Sanskrit, the formation of verbs first begins with a verb root, called Dhaatu (Sanskrit: धातुः ; Transliteration: dhātuḥ). An example of this is √पठ् (√paṭh) which means ‘to read’.
A Dhatu, or root, has a meaning of its own. However, until we add suffixes to it, called Pratyaya (Sanskrit: प्रत्ययाः ; Transliteration: pratyayāḥ), it cannot be used in a meaningful sentence. Such suffixes help make a verb or any other kind of word, based on their category. Additionally, prefixes, called Upasarga (Sanskrit: उपसर्ग ; Transliteration: upasarga) can be added to modify the meaning of the Dhatu, or root.
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October 31, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓०१/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓०१/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं (चित्राणि दृष्ट्वा वाक्यानि वक्तव्यानि) एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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October 31, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 01 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा 02 नवम्बर प्रातः 04:36 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - परिघ दोपहर 02:07 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - दोपहर 12:23 से 01:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:44
⛅ सूर्यास्त - 06:02
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:54 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - करवा चौथ, संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय : रात्रि - 08:50) , करक चतुर्थी, दशरथ चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
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October 31, 2023
October 31, 2023
October 31, 2023
October 31, 2023
October 31, 2023
🍃दूरस्थोपि न दूरस्थो यो यस्य हृदये वसेत्!
यो यस्य हृदये नास्ति समीपस्थोपि दूरतः!!
(नराभरणयम्५०)
🔆 यदि कश्चित् तव हृदये वासं करोति चेत् भवतु नाम सः कियदपि दूरं किन्तु सदा हृदये वसति तथैव यदि कश्चित् समीपम् अपि अस्ति किन्तु मनसि नास्ति चेदपि सः दूरमेव तिष्ठति।
⚜ कोई व्यक्ति आपके हृदय में वास करता हैं तो वो दूर होकर भी दूर नहीं हैं, अगर कोई दिल में नहीं रहता, तो वो चाहें भौतिक रूप से समीप भी क्यों न हो,वो पास रहकर भी दूर हैं!!
#Subhashitam
यो यस्य हृदये नास्ति समीपस्थोपि दूरतः!!
(नराभरणयम्५०)
🔆 यदि कश्चित् तव हृदये वासं करोति चेत् भवतु नाम सः कियदपि दूरं किन्तु सदा हृदये वसति तथैव यदि कश्चित् समीपम् अपि अस्ति किन्तु मनसि नास्ति चेदपि सः दूरमेव तिष्ठति।
⚜ कोई व्यक्ति आपके हृदय में वास करता हैं तो वो दूर होकर भी दूर नहीं हैं, अगर कोई दिल में नहीं रहता, तो वो चाहें भौतिक रूप से समीप भी क्यों न हो,वो पास रहकर भी दूर हैं!!
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October 31, 2023
कम्प् धातोः विधिलिङ्लकारस्य उत्तमपुरुषस्य बहुवचनं किम्।
Anonymous Quiz
14%
कम्पेरन्
44%
कम्पेमहि
24%
कम्पमहि
11%
कम्पये
6%
कम्पयमे
November 1, 2023
साल में छ: ऋतुएं होती हैं-गर्मी,वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और वसन्त।
•• वर्षे षड् ऋतवो भवन्ति - ग्रीष्म:,वर्षा:,शरद् , हेमन्त: , शिशिर: , वसन्त: च।
एक ऋतु में दो महीने होते हैं।
•• द्वाभ्यां मासाभ्यां भवति एक: ऋतु:।
ग्रीष्म ऋतु में जेठ और आषाढ़ दो महिने होते हैं।
•• ग्रीष्मे ऋतौ ज्येष्ठ: आषाढश्चेति द्वौ मासौ भवत:।
इस गर्मी में सूर्य की किरणे बहुत ही तीखी होती हैं।
•• अस्मिन् ग्रीष्मे ऋतौ सूर्यस्य किरणा: प्रचण्डा: भवन्ति।
बावली,तालाब और कुओं में पानी सूख जाता है।
•• वापी-कूप-तदागादीनां जलं शुष्कं जायते।
हवा गर्म होकर बहती है।
•• वायु: उष्ण: सन् वहति।
पौधे जल के बिना सूख जाते हैं।
•• पादपा: जलं विना शुष्कतां ब्रजन्ति।
दोपहर में सभी प्राणी घने वृक्ष की छाया में आराम करते हैं।
••मध्याह्नकाले सर्वे प्राणिन: सघन-तरुच्छायाम् आश्रयन्ते।
गर्मी के दिनों में स्नान करना बहुत ही अच्छा लगता है।
•• ग्रीष्मे ऋतौ जलावगाहनं सुखदं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• वर्षे षड् ऋतवो भवन्ति - ग्रीष्म:,वर्षा:,शरद् , हेमन्त: , शिशिर: , वसन्त: च।
एक ऋतु में दो महीने होते हैं।
•• द्वाभ्यां मासाभ्यां भवति एक: ऋतु:।
ग्रीष्म ऋतु में जेठ और आषाढ़ दो महिने होते हैं।
•• ग्रीष्मे ऋतौ ज्येष्ठ: आषाढश्चेति द्वौ मासौ भवत:।
इस गर्मी में सूर्य की किरणे बहुत ही तीखी होती हैं।
•• अस्मिन् ग्रीष्मे ऋतौ सूर्यस्य किरणा: प्रचण्डा: भवन्ति।
बावली,तालाब और कुओं में पानी सूख जाता है।
•• वापी-कूप-तदागादीनां जलं शुष्कं जायते।
हवा गर्म होकर बहती है।
•• वायु: उष्ण: सन् वहति।
पौधे जल के बिना सूख जाते हैं।
•• पादपा: जलं विना शुष्कतां ब्रजन्ति।
दोपहर में सभी प्राणी घने वृक्ष की छाया में आराम करते हैं।
••मध्याह्नकाले सर्वे प्राणिन: सघन-तरुच्छायाम् आश्रयन्ते।
गर्मी के दिनों में स्नान करना बहुत ही अच्छा लगता है।
•• ग्रीष्मे ऋतौ जलावगाहनं सुखदं भवति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
November 1, 2023
November 1, 2023
November 1, 2023
November 1, 2023
कस्मिंश्चित् लोकयाने..
पुरुषः--भवत्याः शरीरतः उत्तमं सुगन्धं आगच्छति। किं सुगन्धं द्रव्यं भवती उपयोगं करोति?।तं प्राप्य मम पत्नी कृतेऽहं दास्यामि।वदतु।😈
महिला--एवं मा करोतु।🦸♀️
पुरुषः--किमर्थम् एतादृशं वदति?।😈
महिला--एवं क्रीणाति चेत् कश्चन शुनक आगत्य भवतः पत्न्याः कृते उपद्रवं याचयिष्यति।🤷♂️
#hasya
पुरुषः--भवत्याः शरीरतः उत्तमं सुगन्धं आगच्छति। किं सुगन्धं द्रव्यं भवती उपयोगं करोति?।तं प्राप्य मम पत्नी कृतेऽहं दास्यामि।वदतु।😈
महिला--एवं मा करोतु।🦸♀️
पुरुषः--किमर्थम् एतादृशं वदति?।😈
महिला--एवं क्रीणाति चेत् कश्चन शुनक आगत्य भवतः पत्न्याः कृते उपद्रवं याचयिष्यति।🤷♂️
#hasya
November 1, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Verbs – धातुरूपाणि (dhāturūpāṇi) In Sanskrit, the formation of verbs first begins with a verb root, called Dhaatu (Sanskrit: धातुः ; Transliteration: dhātuḥ). An example of this is √पठ् (√paṭh) which means ‘to read’. A Dhatu, or root, has a meaning of its…
So, to form verbs in Sanskrit, we first need to know the category that they belong in. In Sanskrit, there are 10 categories of verbs, each of which are sorted based on the commonality in their forms. These categories are called Gana (Sanskrit: गणाः ; Transliteration: gaṇāḥ).
To form a verb from a Dhatu, we must first add the Gana-Vikarana (गणविकरणः – gaṇavikaraṇaḥ). So, the verbs of the same Gana tend to have similar forms, as the suffix first added to them is the same.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
To form a verb from a Dhatu, we must first add the Gana-Vikarana (गणविकरणः – gaṇavikaraṇaḥ). So, the verbs of the same Gana tend to have similar forms, as the suffix first added to them is the same.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 1, 2023
By @samvadah
Methods to learn Sanskrit
⭐️ Mobile Apps
१.Language Curry — Live Sessions available
🔷Android 🔷iOS
२. Learn Sanskrit – हिन्दी माध्यम
३. Samskrit Tutorial – प्रतिष्ठित
४. Little Guru — English medium
५. Learn Sanskrit & Dictionary – हिन्दी माध्यम
⭐️ Websites
1. Samskrita Bharati – Most famous
2. Practical Sanskrit
3. Amarhasa – learn through stories
4. Acharya — English medium
5. Sanskrit for beginners
6. Udemy — Paid courses
7. Vyoma Labs – Best sessions
8. Memrise – Playful
9. Sanskrit Wisdom – Great UI
10. Open Pathshala
11. Agastya gurukulam — Good for kids
12. Sanskrit Guide
13. Kalidasa Kendram
14. Chinmaya Foundation
15. Gīrvāṇapratishthā
16. Gurukul Kranti
17. Tattvam
18. Sanskrit Today
19. UP Sanskrit Sansthan
20. Madras Sanskrit College
21. Arsha Seva Kendram
22. CTTB - with Chinese translation
23. Gurukula
24. Adhyapanam - for Sanskrit teachers
25. Sharada Gurukulam
26. Kaksha Kaumudi – समझने में सरल
27. Blog – for SB learners
28. स्वयंप्रभा
→ Search🔍 Sanskrit in the box there.
💥Comment down If you know other good methods or need help with any method.
Methods to learn Sanskrit
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15. Gīrvāṇapratishthā
16. Gurukul Kranti
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19. UP Sanskrit Sansthan
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25. Sharada Gurukulam
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November 1, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - देवानां वाहनपरिचयः
🗓०२/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं (देवानां देवीनां च वाहनानां परिचयः कारणीयः) एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - देवानां वाहनपरिचयः
🗓०२/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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November 1, 2023
November 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी रात्रि 09:52 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 02 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा 03 नवम्बर प्रातः 05:57 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - शिव दोपहर 01:14 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:45
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:03 से 05:54 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ दिनांक - 02 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
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⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
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⛅ योग - शिव दोपहर 01:14 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:45
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:03 से 05:54 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
November 1, 2023
November 1, 2023
November 1, 2023
November 1, 2023
November 1, 2023
🍃अनभ्यासे विषं विद्या अजीर्णे भोजनं विषम् ।
विषं सभा दरिद्रस्य वृद्धस्य तरुणी विषम्॥ तथु
🔆 अभ्यसं न कुर्मः चेत् विद्या। यत् भोजनं जीर्णं न भवति तत् तथा दरिद्राय सत्ता सभा तथा च वृद्धाय युवतीपत्नी विषवत् भवति।
⚜अभ्यास न करने से विद्या, अजीर्ण होने पर भोजन , दरिद्रीको सभा और बूढेको तरुण स्त्री विषके समान है।
#Subhashitam
विषं सभा दरिद्रस्य वृद्धस्य तरुणी विषम्॥ तथु
🔆 अभ्यसं न कुर्मः चेत् विद्या। यत् भोजनं जीर्णं न भवति तत् तथा दरिद्राय सत्ता सभा तथा च वृद्धाय युवतीपत्नी विषवत् भवति।
⚜अभ्यास न करने से विद्या, अजीर्ण होने पर भोजन , दरिद्रीको सभा और बूढेको तरुण स्त्री विषके समान है।
#Subhashitam
November 1, 2023
November 2, 2023
November 2, 2023
बिना दवा रसायन के दीमक से बचने का असरकारी उपाय
= औषधरसायणेन विना उपदीकाया: रक्षणस्य प्रभावकारी: उपाय:
-----------------------------
प्रकृति में असंतुलन होने से हानिकारक प्रभाव के कारण दीमक का आतंक खेतों में ज्यादा ही दिखने लगा है विशेषकर मरुस्थलीय रेतीली भूमि व जलोढ़ भूमि में।
•• प्रकृतौ असन्तुलनात् हानिकारकप्रभावस्य कारणेन कृषिक्षेत्रेषु विशेषतः मरुभूमिवालुकाभूमिषु जलोढ़भूमिषु च उपदीकानाम् आतङ्कः अधिकं प्रकटितुं आरब्धः अस्ति।
एक कृषि शोध के मुताबिक दीमक गेहूं अन्न दाल तिल फल सब्जी की फसल की उपज मे 25% की हानि देती है।
••एकस्य कृषिशोधनानुसारम् उपदीकाभि: गोधूमधस्य, धान्यस्य,द्विदलस्य, तिलस्य, फलस्य, शाकसस्यस्य च उत्पादनस्य पञ्चविंशतिप्रतिशतस्य क्षति: भवति।
साथ ही दीमक के बचाव में महंगे जहरीले रसायनों के प्रयोग से किसानों की जेब भी ढीली हो जाती है... नतीजा खेती घाटे का सौदा।
•• सहैव उपदीकाया: रक्षणार्थं विषयुक्तानां रसायनाणानां प्रयोगात् कृषकाणां धनमपि बहु व्ययो भवति --- परिणामत: कृषिकार्यं हान्या: व्यवसाय:।
दीमक से बचाव का कोई स्थाई सहज सुलभ समाधान उपलब्ध नहीं था लेकिन जहां चाह होती है वहां राह निकलकर आ जाती है
•• उपदीकानिवारणार्थं कश्चित् स्थायी सहजसुलभः उपायो नासीत्, परन्तु कथ्यते यत् यदि प्रबलेच्छाशक्ति: भवेत् तर्हि समस्यासमाधानस्य मार्ग: अवश्यमेव लभ्येत् ।
दीमक से बचाव की राह निकली। राजस्थान के सीकर जिले के दांता गांव निवासी 70 वर्ष से अधिक की महिला किसान भगवती देवी के माध्यम से।
•• राजस्थानस्य सीकरजनपदस्य दांताग्रामस्य निवासिनी सप्तत्याधिकवर्षीया कृषिका भगवती देवी उपदीकानिवारणार्थं समाधानमार्गम् अन्वेष्यितवती।
खेतों में दीमक से फसलों को बचाने के लिए भगवती देवी द्वारा इजाद किए गए अनूठे प्रयोग के माध्यम से लाखों किसानों को राहत मिली है।
•• क्षेत्रेषु उपदीकाया: सस्यानि रक्षितुं भगवती देवी इत्यनेन आविष्कृतस्य अद्वितीयप्रयोगस्य माध्यमेन कोटिशो कृषकाणाम् उपशमनं प्राप्तम्।
दीमक से बचाव के प्रभावी वैज्ञानिक प्रयोग की प्रेरणा भगवती देवी को अपने खेतों में ही मिली।
•• उपदीकारक्षणस्य चमत्कारिकवैज्ञानिकप्रयोगस्य प्रेरणा भगवतीदेव्या स्वक्षेत्रेषु एव प्राप्ता।
खेतों पर काम करते हुए एक दिन भगवती देवी ने यह अनुभव किया जब वह जलावन के लिए खेतों से विविध लकड़ियों का ईंधन एकत्रित कर रही थी तो उन्होंने देखा अन्य लकड़ियों की अपेक्षा सफेदा (यूकेलिप्टस) की लकड़ी पर दीमक अधिक लगती है
•• भगवती देवी एकस्मिन् दिने क्षेत्रेषु कार्यं कुर्वन्ती एतत् अनुभूतवती यदा सा दहनार्थं कृषिक्षेत्रात् विविधकाष्ठ-इन्धानि संग्रहयति स्म तदा सा अवलोकितवती यत् अन्येषां काष्ठाणाम् अपेक्षया उपदीका: नीलगिरिवृक्षकाष्ठान् बहु बहुप्रवणयन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
= औषधरसायणेन विना उपदीकाया: रक्षणस्य प्रभावकारी: उपाय:
-----------------------------
प्रकृति में असंतुलन होने से हानिकारक प्रभाव के कारण दीमक का आतंक खेतों में ज्यादा ही दिखने लगा है विशेषकर मरुस्थलीय रेतीली भूमि व जलोढ़ भूमि में।
•• प्रकृतौ असन्तुलनात् हानिकारकप्रभावस्य कारणेन कृषिक्षेत्रेषु विशेषतः मरुभूमिवालुकाभूमिषु जलोढ़भूमिषु च उपदीकानाम् आतङ्कः अधिकं प्रकटितुं आरब्धः अस्ति।
एक कृषि शोध के मुताबिक दीमक गेहूं अन्न दाल तिल फल सब्जी की फसल की उपज मे 25% की हानि देती है।
••एकस्य कृषिशोधनानुसारम् उपदीकाभि: गोधूमधस्य, धान्यस्य,द्विदलस्य, तिलस्य, फलस्य, शाकसस्यस्य च उत्पादनस्य पञ्चविंशतिप्रतिशतस्य क्षति: भवति।
साथ ही दीमक के बचाव में महंगे जहरीले रसायनों के प्रयोग से किसानों की जेब भी ढीली हो जाती है... नतीजा खेती घाटे का सौदा।
•• सहैव उपदीकाया: रक्षणार्थं विषयुक्तानां रसायनाणानां प्रयोगात् कृषकाणां धनमपि बहु व्ययो भवति --- परिणामत: कृषिकार्यं हान्या: व्यवसाय:।
दीमक से बचाव का कोई स्थाई सहज सुलभ समाधान उपलब्ध नहीं था लेकिन जहां चाह होती है वहां राह निकलकर आ जाती है
•• उपदीकानिवारणार्थं कश्चित् स्थायी सहजसुलभः उपायो नासीत्, परन्तु कथ्यते यत् यदि प्रबलेच्छाशक्ति: भवेत् तर्हि समस्यासमाधानस्य मार्ग: अवश्यमेव लभ्येत् ।
दीमक से बचाव की राह निकली। राजस्थान के सीकर जिले के दांता गांव निवासी 70 वर्ष से अधिक की महिला किसान भगवती देवी के माध्यम से।
•• राजस्थानस्य सीकरजनपदस्य दांताग्रामस्य निवासिनी सप्तत्याधिकवर्षीया कृषिका भगवती देवी उपदीकानिवारणार्थं समाधानमार्गम् अन्वेष्यितवती।
खेतों में दीमक से फसलों को बचाने के लिए भगवती देवी द्वारा इजाद किए गए अनूठे प्रयोग के माध्यम से लाखों किसानों को राहत मिली है।
•• क्षेत्रेषु उपदीकाया: सस्यानि रक्षितुं भगवती देवी इत्यनेन आविष्कृतस्य अद्वितीयप्रयोगस्य माध्यमेन कोटिशो कृषकाणाम् उपशमनं प्राप्तम्।
दीमक से बचाव के प्रभावी वैज्ञानिक प्रयोग की प्रेरणा भगवती देवी को अपने खेतों में ही मिली।
•• उपदीकारक्षणस्य चमत्कारिकवैज्ञानिकप्रयोगस्य प्रेरणा भगवतीदेव्या स्वक्षेत्रेषु एव प्राप्ता।
खेतों पर काम करते हुए एक दिन भगवती देवी ने यह अनुभव किया जब वह जलावन के लिए खेतों से विविध लकड़ियों का ईंधन एकत्रित कर रही थी तो उन्होंने देखा अन्य लकड़ियों की अपेक्षा सफेदा (यूकेलिप्टस) की लकड़ी पर दीमक अधिक लगती है
•• भगवती देवी एकस्मिन् दिने क्षेत्रेषु कार्यं कुर्वन्ती एतत् अनुभूतवती यदा सा दहनार्थं कृषिक्षेत्रात् विविधकाष्ठ-इन्धानि संग्रहयति स्म तदा सा अवलोकितवती यत् अन्येषां काष्ठाणाम् अपेक्षया उपदीका: नीलगिरिवृक्षकाष्ठान् बहु बहुप्रवणयन्ति।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
November 2, 2023
Media is too big
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संस्कृतभारत्याः अखिलभारतीयोपवेशनस्य समापनसत्रे ब्रह्मधाम्नः आसोतरायाः वेदान्ताचार्याः डॉ. ध्यानारामजी महाराजस्वामीनाम् उद्बोधनम्।
November 2, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
देववाहनपरिचयः
#samlapshala
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November 2, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
So, to form verbs in Sanskrit, we first need to know the category that they belong in. In Sanskrit, there are 10 categories of verbs, each of which are sorted based on the commonality in their forms. These categories are called Gana (Sanskrit: गणाः ; Transliteration:…
The 10 Ganas are as follows, with their gana-Vikarana:
1. भ्वादिगणः – अ
2. अदादिगणः – This has no Vikarana.
3. जुहोत्यादिगणः – This has no Vikarana, but a letter in the Dhatu gets doubled instead.
4. दिवादिगणः – य
5. स्वादिगणः – नु
6. रुधादिगणः – न/ न्
7. तुदादिगणः – अ
8. तनादिगणः – उ
9. क्र्यादिगणः – ना / नी / न्
10. चुरादिगणः – अय
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
1. भ्वादिगणः – अ
2. अदादिगणः – This has no Vikarana.
3. जुहोत्यादिगणः – This has no Vikarana, but a letter in the Dhatu gets doubled instead.
4. दिवादिगणः – य
5. स्वादिगणः – नु
6. रुधादिगणः – न/ न्
7. तुदादिगणः – अ
8. तनादिगणः – उ
9. क्र्यादिगणः – ना / नी / न्
10. चुरादिगणः – अय
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#sanskritlessons
November 2, 2023
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यदा कश्चन वदति तव कर्णे किञ्चित् प्रजपामि किन्तु उच्चैः वदति।
तदा मम स्थितिः.....
When someone promises to whisper in your ear but begins speaking in a loud voice.
#hasya
तदा मम स्थितिः.....
When someone promises to whisper in your ear but begins speaking in a loud voice.
#hasya
November 2, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०३/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०३/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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November 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 03 नवम्बर 2023
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - सिद्ध दोपहर 12:53 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:45
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:04 से 05:54 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 11:07 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 03 नवम्बर 2023
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - सिद्ध दोपहर 12:53 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:45
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:04 से 05:54 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल षष्ठी
November 2, 2023
November 2, 2023
November 2, 2023
November 2, 2023
November 2, 2023
🍃शुनः पुच्छमिव व्यर्थं, जीवितं विद्यया विना ।
न गुह्यगोपने शक्तं, न च दंशनिवारणे ॥
- चाणक्यनीतिः 7.19
🔆 विद्यां विना मानवस्य जीवनं शुनकस्य पुच्छमिव व्यर्थम् अस्ति यत् न तु स्वमलद्वारमेव आच्छादयितुं शक्नोति न च दशद्भिः कीटैः तं रक्षितुं शक्नोति।
⚜विद्या के बिना मनुष्य का जीवन कुत्ते की उस पूँछ के समान है जिससे ना तो वह अपने मल द्वार को ही ढक सकता है और न ही खुद को काटने वाले कीड़ों को ही भगा सकता है।
⚜The life of an uneducated man is as useless as the tail of a dog which neither covers its rear end, nor protects it from the bites of insects.
#Subhashitam
न गुह्यगोपने शक्तं, न च दंशनिवारणे ॥
- चाणक्यनीतिः 7.19
🔆 विद्यां विना मानवस्य जीवनं शुनकस्य पुच्छमिव व्यर्थम् अस्ति यत् न तु स्वमलद्वारमेव आच्छादयितुं शक्नोति न च दशद्भिः कीटैः तं रक्षितुं शक्नोति।
⚜विद्या के बिना मनुष्य का जीवन कुत्ते की उस पूँछ के समान है जिससे ना तो वह अपने मल द्वार को ही ढक सकता है और न ही खुद को काटने वाले कीड़ों को ही भगा सकता है।
⚜The life of an uneducated man is as useless as the tail of a dog which neither covers its rear end, nor protects it from the bites of insects.
#Subhashitam
November 2, 2023
November 2, 2023
November 3, 2023
November 2, 2023
November 3, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
बिना दवा रसायन के दीमक से बचने का असरकारी उपाय = औषधरसायणेन विना उपदीकाया: रक्षणस्य प्रभावकारी: उपाय: ----------------------------- प्रकृति में असंतुलन होने से हानिकारक प्रभाव के कारण दीमक का आतंक खेतों में ज्यादा ही दिखने लगा है विशेषकर मरुस्थलीय रेतीली…
दीमक उसे बड़े चाव से खाती है।
•• उपदीका तम् अतीव रुच्या खादति।
भगवती देवी ने विचार किया क्यों ना युकेलिप्टस(सफेदा) की लकड़ी को वह अपने खेतों में फसल के मध्य निश्चित दूरी पर रख दें जिससे खेत की सारी दीमक सफेदी की लकड़ी पर आ जाए और फसल सुरक्षित रह जाए।
•• भगवती देवी चिन्तितवती यत् सा स्वक्षेत्रेषु सस्यानां मध्ये निश्चितदूरे नीलगिरीकाष्ठं किमर्थं न स्थापयितुं शक्नुयात् येन कृषिभूमे: सर्वा: उपदीका: नीलगीरिकाष्ठेषु आगच्छेयुः तथा च सस्यं सुरक्षितं भवेत्।
भगवती देवी ने अपने 1 एकड़ खेत में 2 फिट लंबी ढाई इंच मोटी व्यास की सफेदा की 40 लकड़ियों को 100 मीटर जमीन में आधा जमीन के ऊपर आधा नीचे स्थापित कर दिया।
•• भगवती देवी स्वकीयायाम् एकप्रहलक्षेत्रे द्वे पाददीर्घं सार्धद्वयं च स्थूलनीलगिरिव्यासकाष्ठस्य चत्वारिंशत् काष्ठानि शतमीटरपरिमिते भूमौ निक्षिप्तवान् -- अर्धं भूमौ उपरि अर्धम् अधश्च।
जबरदस्त परिणाम इसके निकल कर आए।
••अनेन अथवा अस्य प्रयोगेण उत्तम: परिणाम: प्रकटीभूत:।
बिना दवाई कीटनाशकों के प्रयोग के फसल बहुत अच्छी उत्पन्न हुई
••कीटनाशकौषधानां प्रयोगेण विना अतीव सुष्ठु सस्योत्पादनम् अभवत्
गेहूं मिर्च मूंग आदि की फसल दीमक से मुक्त रही
•• गोधूम: मरीचं मुद्ग: इत्यादीनां सस्यम् उपदीपिकामुक्तमभवत्।
प्रयोग की पुष्टि के लिए उन्होंने 3 वर्ष तक इसे दोहराया
•• सा प्रयोगस्य पुष्ट्यर्थं वर्षत्रयं यावत् पुनः पुनः अकरोत् ।
भगवती देवी मानती है दिमक केंचुए की तरह उपजाऊ खाद का भी निर्माण करती है फसल उपज को भी बढ़ाता है बशर्ते दीमक को खेत में एक जगह एकत्रित कर दिया जाए सफेदा आदि लकड़ी के माध्यम से।
•• भगवती देवी मन्यते यत् उपदीका किञ्चुलुकवत् उर्वरखादमपि जनयन्ति,सस्योत्पादनमपि वर्धयति , यदि उपदीका: क्षेत्रे एकस्मिन् स्थाने नीलगिरिकाष्ठादिभि: संगृह्णीताम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• उपदीका तम् अतीव रुच्या खादति।
भगवती देवी ने विचार किया क्यों ना युकेलिप्टस(सफेदा) की लकड़ी को वह अपने खेतों में फसल के मध्य निश्चित दूरी पर रख दें जिससे खेत की सारी दीमक सफेदी की लकड़ी पर आ जाए और फसल सुरक्षित रह जाए।
•• भगवती देवी चिन्तितवती यत् सा स्वक्षेत्रेषु सस्यानां मध्ये निश्चितदूरे नीलगिरीकाष्ठं किमर्थं न स्थापयितुं शक्नुयात् येन कृषिभूमे: सर्वा: उपदीका: नीलगीरिकाष्ठेषु आगच्छेयुः तथा च सस्यं सुरक्षितं भवेत्।
भगवती देवी ने अपने 1 एकड़ खेत में 2 फिट लंबी ढाई इंच मोटी व्यास की सफेदा की 40 लकड़ियों को 100 मीटर जमीन में आधा जमीन के ऊपर आधा नीचे स्थापित कर दिया।
•• भगवती देवी स्वकीयायाम् एकप्रहलक्षेत्रे द्वे पाददीर्घं सार्धद्वयं च स्थूलनीलगिरिव्यासकाष्ठस्य चत्वारिंशत् काष्ठानि शतमीटरपरिमिते भूमौ निक्षिप्तवान् -- अर्धं भूमौ उपरि अर्धम् अधश्च।
जबरदस्त परिणाम इसके निकल कर आए।
••अनेन अथवा अस्य प्रयोगेण उत्तम: परिणाम: प्रकटीभूत:।
बिना दवाई कीटनाशकों के प्रयोग के फसल बहुत अच्छी उत्पन्न हुई
••कीटनाशकौषधानां प्रयोगेण विना अतीव सुष्ठु सस्योत्पादनम् अभवत्
गेहूं मिर्च मूंग आदि की फसल दीमक से मुक्त रही
•• गोधूम: मरीचं मुद्ग: इत्यादीनां सस्यम् उपदीपिकामुक्तमभवत्।
प्रयोग की पुष्टि के लिए उन्होंने 3 वर्ष तक इसे दोहराया
•• सा प्रयोगस्य पुष्ट्यर्थं वर्षत्रयं यावत् पुनः पुनः अकरोत् ।
भगवती देवी मानती है दिमक केंचुए की तरह उपजाऊ खाद का भी निर्माण करती है फसल उपज को भी बढ़ाता है बशर्ते दीमक को खेत में एक जगह एकत्रित कर दिया जाए सफेदा आदि लकड़ी के माध्यम से।
•• भगवती देवी मन्यते यत् उपदीका किञ्चुलुकवत् उर्वरखादमपि जनयन्ति,सस्योत्पादनमपि वर्धयति , यदि उपदीका: क्षेत्रे एकस्मिन् स्थाने नीलगिरिकाष्ठादिभि: संगृह्णीताम्।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
November 3, 2023
November 3, 2023
https://youtu.be/WP6dfO_NnOY?si=Yq7nFammfoxkx5lm
#SanskritCarnaticMusic
अन्न पूर्णे विशालाक्षि - रागं साम - ताळं आदि
पल्लवि
अन्न पूर्णे विशालाक्षि रक्ष
अखिल भुवन साक्षि कटाक्षि
अनुपल्लवि
उन्नत गर्त तीर विहारिणि
ओंकारिणि दुरितादि निवारिणि
(मध्यम काल साहित्यम्)
पन्नगाभरण राज्ञि पुराणि
परमेश्वर विश्वेश्वर भास्वरि
चरणम्
पायसान्न पूरित माणिक्य -
पात्र हेम दर्वी विधृत करे
कायजादि रक्षण निपुण-तरे
काञ्चन-मय भूषणाम्बर धरे
(मध्यम काल साहित्यम्)
तोयजासनादि सेवित परे
तुम्बुरु नारदादि नुत वरे
त्रयातीत मोक्ष प्रद चतुरे
त्रिपद शोभित गुरु गुह सादरे
Meaning
pallavi
anna pUrNE - O Goddess Annapurna!
viSAla-akshi - O one with wide (large) eyes!
raksha - Protect (me)!
akhila bhuvana sAkshi kaTAkshi - O one whose glances are witness to the entire universe!
anupallavi
unnata garta tIra vihAriNi - O one residing in the excellent (place called) Kuzhikkarai!
OMkAriNi - O embodiment of the ‘Om’ mantra!
durita-Adi nivAriNi - O one who wards of evils etc.!
pannaga-AbharaNa rAjni - O queen of Shiva (who wears snakes as ornaments)!
purANi - O ancient one!
parama-ISvara viSva-ISvara bhAsvari - O one who is resplendent along with Shiva, the great lord, the lord of the universe,
caraNam
pAyasa-anna pUrita mANikya pAtra hEma darvI vidhRta karE - O one whose hands hold a gem-studded vessel filled with sweet rice pudding and a golden ladle,
kAyaja-Adi rakshaNa nipuNa-tarE - O one very adept at protecting Manmatha and other devotees,
kAncana-maya bhUshaNa-ambara dharE - O one donning golden ornaments and garments,
tOyaja-Asana-Adi sEvita parE - O supreme one saluted by the lotus-seated Brahma and other gods,
tumburu nArada-Adi nuta varE - O eminent one extolled by sages Tumburu and Narada,
traya-atIta mOksha prada caturE - O skillful one in conferring salvation which is beyond the triad,
tri-pada SObhita guru guha sAdarE - O affectionate one to Guruguha (who shines as the three-word mantra)
#SanskritCarnaticMusic
अन्न पूर्णे विशालाक्षि - रागं साम - ताळं आदि
पल्लवि
अन्न पूर्णे विशालाक्षि रक्ष
अखिल भुवन साक्षि कटाक्षि
अनुपल्लवि
उन्नत गर्त तीर विहारिणि
ओंकारिणि दुरितादि निवारिणि
(मध्यम काल साहित्यम्)
पन्नगाभरण राज्ञि पुराणि
परमेश्वर विश्वेश्वर भास्वरि
चरणम्
पायसान्न पूरित माणिक्य -
पात्र हेम दर्वी विधृत करे
कायजादि रक्षण निपुण-तरे
काञ्चन-मय भूषणाम्बर धरे
(मध्यम काल साहित्यम्)
तोयजासनादि सेवित परे
तुम्बुरु नारदादि नुत वरे
त्रयातीत मोक्ष प्रद चतुरे
त्रिपद शोभित गुरु गुह सादरे
Meaning
pallavi
anna pUrNE - O Goddess Annapurna!
viSAla-akshi - O one with wide (large) eyes!
raksha - Protect (me)!
akhila bhuvana sAkshi kaTAkshi - O one whose glances are witness to the entire universe!
anupallavi
unnata garta tIra vihAriNi - O one residing in the excellent (place called) Kuzhikkarai!
OMkAriNi - O embodiment of the ‘Om’ mantra!
durita-Adi nivAriNi - O one who wards of evils etc.!
pannaga-AbharaNa rAjni - O queen of Shiva (who wears snakes as ornaments)!
purANi - O ancient one!
parama-ISvara viSva-ISvara bhAsvari - O one who is resplendent along with Shiva, the great lord, the lord of the universe,
caraNam
pAyasa-anna pUrita mANikya pAtra hEma darvI vidhRta karE - O one whose hands hold a gem-studded vessel filled with sweet rice pudding and a golden ladle,
kAyaja-Adi rakshaNa nipuNa-tarE - O one very adept at protecting Manmatha and other devotees,
kAncana-maya bhUshaNa-ambara dharE - O one donning golden ornaments and garments,
tOyaja-Asana-Adi sEvita parE - O supreme one saluted by the lotus-seated Brahma and other gods,
tumburu nArada-Adi nuta varE - O eminent one extolled by sages Tumburu and Narada,
traya-atIta mOksha prada caturE - O skillful one in conferring salvation which is beyond the triad,
tri-pada SObhita guru guha sAdarE - O affectionate one to Guruguha (who shines as the three-word mantra)
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Annapoorne Visalakshi I Sooryagayathri I Muthuswami Dikshitar I Navarathri Special
A wonderful song of praise to Annapurna Devi, the Goddess of food and nourishment. This classic from the great composer Muthuswami Dikshitar is performed by Sooryagayathri to music by S Jaykumar.
Song – Annapoorne Visalakshi
Singer: Sooryagayathri
Original…
Song – Annapoorne Visalakshi
Singer: Sooryagayathri
Original…
November 3, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
The 10 Ganas are as follows, with their gana-Vikarana: 1. भ्वादिगणः – अ 2. अदादिगणः – This has no Vikarana. 3. जुहोत्यादिगणः – This has no Vikarana, but a letter in the Dhatu gets doubled instead. 4. दिवादिगणः – य 5. स्वादिगणः – नु 6. रुधादिगणः – न/ न् 7.…
Here, the names of the Ganas are based on the first Dhatu contained within them. e.g. – the first Gana is called ‘भ्वादिगणः’ (bhvādigaṇaḥ). Here, the first Dhatu is ‘√भू’ (√bhū). So, the name is made up of two parts, the first Dhatu at the start and then the word ‘आदि’ (ādi). So, the name of the first Gana translates to ‘The Gana with Dhatus भू
Continuing with our example of √पठ्, we will now add the Gana- Vikarana ‘अ’ to it, as the root belongs to the first Gana. From that, we get ‘पठ’.
Now, we can add the suffix to turn it into a verb. Based on the specific tense, grammatical person and grammatical number, we can select a suffix and add it to make ‘पठ’ into a fully functioning verb.
E.g. – If we want to say ‘The boy is reading.’ we will have to add the suffix for present tense, लट् लकारः (laṭ lakāraḥ), third person, प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) and singular, एकवचनम् (ekavacanam), which is ‘ति’ (ti). This will finally give us the verb: ‘पठति’, meaning (he/she) is reading. Now, we can use our verb in a meaningful sentence, i.e. – ‘बालकः पठति।’ which means ‘The boy is reading.’
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Continuing with our example of √पठ्, we will now add the Gana- Vikarana ‘अ’ to it, as the root belongs to the first Gana. From that, we get ‘पठ’.
Now, we can add the suffix to turn it into a verb. Based on the specific tense, grammatical person and grammatical number, we can select a suffix and add it to make ‘पठ’ into a fully functioning verb.
E.g. – If we want to say ‘The boy is reading.’ we will have to add the suffix for present tense, लट् लकारः (laṭ lakāraḥ), third person, प्रथमपुरुषः (prathamapuruṣaḥ) and singular, एकवचनम् (ekavacanam), which is ‘ति’ (ti). This will finally give us the verb: ‘पठति’, meaning (he/she) is reading. Now, we can use our verb in a meaningful sentence, i.e. – ‘बालकः पठति।’ which means ‘The boy is reading.’
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#sanskritlessons
November 3, 2023
*Sanskrit Auditions*
*संस्कृत लघुचलचित्र (Short Films), संस्कृतचित्र गीत (Video Songs) के लिए ऑडिशन ...*
1. Content Writer (कथालेखक)
2. Script Writer (पटकथा लेखक)
3. Actor/Actress (अभिनेता/अभिनेत्री)
4. Lyricist (संस्कृत गीतलेखक)
5. Vocalist (संस्कृत गायक/गायिका)
*Last Date : 20/11/2023*
*Registration Link*
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSczDo3vGp-bzVqC-5BtgU1S6SA1v3RL6Dy_DDuym3E3Wt33YQ/viewform
*संस्कृत लघुचलचित्र (Short Films), संस्कृतचित्र गीत (Video Songs) के लिए ऑडिशन ...*
1. Content Writer (कथालेखक)
2. Script Writer (पटकथा लेखक)
3. Actor/Actress (अभिनेता/अभिनेत्री)
4. Lyricist (संस्कृत गीतलेखक)
5. Vocalist (संस्कृत गायक/गायिका)
*Last Date : 20/11/2023*
*Registration Link*
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSczDo3vGp-bzVqC-5BtgU1S6SA1v3RL6Dy_DDuym3E3Wt33YQ/viewform
November 3, 2023
November 3, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 12:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 04 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 07:67 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - साध्य दोपहर 01:03 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - सुबह 09:35 से 10:59 तक
⛅ सूर्योदय - 06:46
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:04 से 05:55 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 12:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 04 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 07:67 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - साध्य दोपहर 01:03 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - सुबह 09:35 से 10:59 तक
⛅ सूर्योदय - 06:46
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:04 से 05:55 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल सप्तमी
November 3, 2023
November 3, 2023
November 3, 2023
November 3, 2023
November 3, 2023
🍃दुर्जनेन समं सख्यं प्रीतिं चापि न कारयेत्।
उष्णो दहति चांगारः शीतः कृष्णायते करम्॥
🔆 दुर्जनैः सह प्रीतिः न कदाचित् करणीया यतो हि तेषां सख्यं अङ्गारमिव भवति यत् यदा उष्णं भवति तदा हस्तं दहति तथा यदा शीतलं भवति तदा हस्तं कृष्णं करोति।
⚜दुर्जनों की संगति कभी नही करनी चाहिये, उनका प्रेम कोयले के समान होता है, कोयला यदि गरम हो तो जला देता है और शीतल होने पर हाथ को काला कर देता है।
#Subhashitam
उष्णो दहति चांगारः शीतः कृष्णायते करम्॥
🔆 दुर्जनैः सह प्रीतिः न कदाचित् करणीया यतो हि तेषां सख्यं अङ्गारमिव भवति यत् यदा उष्णं भवति तदा हस्तं दहति तथा यदा शीतलं भवति तदा हस्तं कृष्णं करोति।
⚜दुर्जनों की संगति कभी नही करनी चाहिये, उनका प्रेम कोयले के समान होता है, कोयला यदि गरम हो तो जला देता है और शीतल होने पर हाथ को काला कर देता है।
#Subhashitam
November 3, 2023
November 4, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
बिना दवा रसायन के दीमक से बचने का असरकारी उपाय = औषधरसायणेन विना उपदीकाया: रक्षणस्य प्रभावकारी: उपाय: ----------------------------- प्रकृति में असंतुलन होने से हानिकारक प्रभाव के कारण दीमक का आतंक खेतों में ज्यादा ही दिखने लगा है विशेषकर मरुस्थलीय रेतीली…
उनके इस प्रयोग की सफलता सटीकता प्रभावशीलता की पुष्टि राजस्थान के अनेक कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विकास अनुसंधान संस्थानों ने की है
•• तस्य अस्य प्रयोगस्य सफलत्वस्य सटीकत्वस्य च प्रभावशीलत्वस्य सत्यापनं राजस्थानस्य अनेके कृषिवैज्ञानिका: तथा कृषिविकासस्य अनुसंधानसंस्थाना: कृतवन्त:।
राज्य से लेकर केंद्र तक तक उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया है
•• राज्यात् केन्द्रपर्यन्तं बहुभिः पुरस्कारैः सा पुरस्कृता अस्ति ।
कृषि में अपने अनूठे प्रयोग के लिए भारत की नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में कम नही है ।
•• कृषिक्षेत्रे विशिष्टप्रयोगाय भारतस्य नारीशक्तिः कस्मिंश्चिदपि क्षेत्रे न्यूना नास्ति।
भगवती देवी इसकी जीवित मिसाल है
•• भगवती देवी एतस्य जीवन्तं उदाहरणम् अस्ति।
ऐसी अनेकों कृषि की देवियां हमारे देश में है
•• अस्माकं देशे एतादृशा: कृषिदेव्य: अनेका: सन्ति।
पहाड़ से लेकर मैदानों तक अब उन्हें
उचित मान-सम्मान मिल रहा है
•• पर्वतात् समतलक्षेत्रपर्यन्तं इदानीं तया यथायोग्य: सम्मान: प्राप्यते।
उनकी प्रतिभा का प्रोत्साहन हो रहा है।
•• तस्य प्रतिभायाः प्रोत्साहनं भवति।
यह ज्ञान विज्ञान अनुप्रयोग किसी विश्वविद्यालय की चौखट से नहीं भगवती देवी जैसी असाधारण महिलाओं के कृषि कौशल से प्रस्फुटित हुआ है
•• एष: ज्ञानं च विज्ञानं च अनुप्रयोग: च कस्यचित् विश्वविद्यालयस्य अध्यनेन न, अपितु भगवतीदेवी यथादृशानाम् असाधारणमहिलानां कुशलत्वे प्रस्फुटितानि अभवन्।
हम सभी को खुले हृदय से इसका सम्मान करना चाहिए।
•• अस्माभिः मुक्तहृदयेन तस्या: आदरः करणीयः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
•• तस्य अस्य प्रयोगस्य सफलत्वस्य सटीकत्वस्य च प्रभावशीलत्वस्य सत्यापनं राजस्थानस्य अनेके कृषिवैज्ञानिका: तथा कृषिविकासस्य अनुसंधानसंस्थाना: कृतवन्त:।
राज्य से लेकर केंद्र तक तक उन्हें अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया है
•• राज्यात् केन्द्रपर्यन्तं बहुभिः पुरस्कारैः सा पुरस्कृता अस्ति ।
कृषि में अपने अनूठे प्रयोग के लिए भारत की नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में कम नही है ।
•• कृषिक्षेत्रे विशिष्टप्रयोगाय भारतस्य नारीशक्तिः कस्मिंश्चिदपि क्षेत्रे न्यूना नास्ति।
भगवती देवी इसकी जीवित मिसाल है
•• भगवती देवी एतस्य जीवन्तं उदाहरणम् अस्ति।
ऐसी अनेकों कृषि की देवियां हमारे देश में है
•• अस्माकं देशे एतादृशा: कृषिदेव्य: अनेका: सन्ति।
पहाड़ से लेकर मैदानों तक अब उन्हें
उचित मान-सम्मान मिल रहा है
•• पर्वतात् समतलक्षेत्रपर्यन्तं इदानीं तया यथायोग्य: सम्मान: प्राप्यते।
उनकी प्रतिभा का प्रोत्साहन हो रहा है।
•• तस्य प्रतिभायाः प्रोत्साहनं भवति।
यह ज्ञान विज्ञान अनुप्रयोग किसी विश्वविद्यालय की चौखट से नहीं भगवती देवी जैसी असाधारण महिलाओं के कृषि कौशल से प्रस्फुटित हुआ है
•• एष: ज्ञानं च विज्ञानं च अनुप्रयोग: च कस्यचित् विश्वविद्यालयस्य अध्यनेन न, अपितु भगवतीदेवी यथादृशानाम् असाधारणमहिलानां कुशलत्वे प्रस्फुटितानि अभवन्।
हम सभी को खुले हृदय से इसका सम्मान करना चाहिए।
•• अस्माभिः मुक्तहृदयेन तस्या: आदरः करणीयः।
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
November 4, 2023
By Telegram Channel @samvadah
📽 संस्कृत सीखने हेतु वीडियो – Videos for learning Sanskrit
⭐️ हिन्दी से संस्कृत
१. Knowledgology (📄PDF) – सर्वश्रेष्ठ
२. Learn Sanskrit Be Modern by CEC
३. कैलाशशर्मा (📄PDF) – NCERT course
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⭐️ संस्कृतमाध्यमेन
१. केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयः – सर्वोच्चसंस्था
२. संस्कृताश्रमः @samvadah प्रकल्पः
३. भाषापाकः – नीलेशमहोदयेन
४. पत्राचार (📄PDF) संस्कृतभारतीद्वारा
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⭐️ Sanskrit Through English
1. Sanskrit.today by Ashok
🔷Preliminary
🔷Gita (📑PDF)
🔷Pravesha (📑PDF)
2. Vyoma Labs
🔷 Pathamala (📄PDF)
🔷 SSS
🔷 Patrachar (📄PDF)
3. IIT Kharagpur — Prof. Anuradha Choudary
4. Kallolaḥ by Shri Chitrapura Matha
5. Arsha Vidya Parampara (📑PDF) – Swami Sarvananda
6. Academy of Indian philosophy – Best for foreigners
7. Advaita Academy (📑PDF) – Prof. Narasing Rao
8. 200 Sanskrit lessons by SriRam – Kannada mixed
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1. स्वर्वाणीप्रकाशः – उच्चगुणवत्ता
2. देववाणी संस्कृतम् – सर्वाधिक वीडियो
3. संस्कृत संवादः @samvadah
4. भाषाबोध
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November 4, 2023
By @samvadah
⭐ Unique ways to learn Sanskrit (संस्कृत सीखने के अद्भुत उपाय)
१. Email these for lessons
🔷 Vidyadhar@LearnSanskritOnline.com
🔷 MurthyGSS@Gmail.com
🔷 NeelachalPuri@Gmail.com
🔷 padiyath.a@gmail.com
🔷 TaekwondoxMa@Gmail.com by @Trivikramadasah
२. संस्कृत संभाषण शिविर
३. Get a tutor
Patrachar Samskrita Tutors :-
🔷Mr N DurgaPrasad (English medium) +919945238444
🔷Smt Saraswati Bhushan (Kannada medium) +919739041411
४. Distance education
🔷CSU 🔷KKSU
५. एक संस्कृत विद्यालय में दाखिला लें (Admission)
६. Watch Jio TV (🔹Android 🔹iOS)
🔷संस्कृतम् 🔷Sanskrit Ganga
७. Visit Samvadshala
८. For Primary School students
९. Cambridge IGCSE
१०. Guide
💥Comment down If you know other good methods or need help with any method
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November 4, 2023
November 4, 2023
November 4, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Here, the names of the Ganas are based on the first Dhatu contained within them. e.g. – the first Gana is called ‘भ्वादिगणः’ (bhvādigaṇaḥ). Here, the first Dhatu is ‘√भू’ (√bhū). So, the name is made up of two parts, the first Dhatu at the start and then the…
In Sanskrit, there are two main types of suffixes: ‘परस्मैपदप्रत्ययाः’ (parasmaipadapratyayāḥ) and ‘आत्मनेपदप्रत्ययाः’ (ātmanepadapratyayāḥ).
√पठ् Dhatu belongs to the Parasmaipada category and all its forms are made using the suffixes from the parasmaipada category, so it is a parasmaipada verb.
Verbs which use ātmanepada suffixes are called ātmanepada verbs. A common verb includes ‘रुच्’ (ruc), which would be conjugated as ‘रोचते’ (rocate) under the same circumstances as our previous example.
There is another category of Dhatus or roots in Sanskrit, called ‘उभयपदधातवः’ (ubhayapadadhātavaḥ). These verbs can be conjugated with either parasmaipada or ātmanepada suffixes, with either forms being acceptable.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
√पठ् Dhatu belongs to the Parasmaipada category and all its forms are made using the suffixes from the parasmaipada category, so it is a parasmaipada verb.
Verbs which use ātmanepada suffixes are called ātmanepada verbs. A common verb includes ‘रुच्’ (ruc), which would be conjugated as ‘रोचते’ (rocate) under the same circumstances as our previous example.
There is another category of Dhatus or roots in Sanskrit, called ‘उभयपदधातवः’ (ubhayapadadhātavaḥ). These verbs can be conjugated with either parasmaipada or ātmanepada suffixes, with either forms being acceptable.
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November 4, 2023
🔥Best Methods to learn Sanskrit.
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🏕 संस्कृत संभाषण शिविर
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November 4, 2023
📑 प्रमुखा लेखाः
📑 Important articles
📑 Important articles
November 4, 2023
November 4, 2023
❗️These Posts contain tools and information that are very helpful and should not be missed.
❗️निम्न सन्देशों में बहुत उपयोगकारी जानकारियाँ निहित है अतः इसे अवश्य पढें।
❗️ अधोदत्तेषु सन्देशेषु अतिमहती सूचना वर्तते अतः अवश्या पठनीया।
Comment/Queries @samskrta_group
❗️निम्न सन्देशों में बहुत उपयोगकारी जानकारियाँ निहित है अतः इसे अवश्य पढें।
❗️ अधोदत्तेषु सन्देशेषु अतिमहती सूचना वर्तते अतः अवश्या पठनीया।
Comment/Queries @samskrta_group
November 4, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «❗️These Posts contain tools and information that are very helpful and should not be missed. ❗️निम्न सन्देशों में बहुत उपयोगकारी जानकारियाँ निहित है अतः इसे अवश्य पढें। ❗️ अधोदत्तेषु सन्देशेषु अतिमहती सूचना वर्तते अतः अवश्या पठनीया। Comment/Queries @samskrta_group»
November 4, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
YouTube
Weekly Sanskrit Magazine Vaartavali
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of…
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November 4, 2023
November 4, 2023
November 5, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 06 नवम्बर प्रातः 03:18 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 05 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य सुबह 10:29 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - शुभ दोपहर 01:37 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - शाम 04:35 से 06:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:47
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:04 से 05:55 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कालाष्टमी, रविपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह 10:29 तक)
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Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल अष्टमी
November 4, 2023
November 4, 2023
November 4, 2023
🍃चित्तमन्तर्गतं दुष्टं तीर्थस्नानान्न शुद्ध्यति।
शतशोऽपि जलैर्धौतं सुराभाण्डमिवाशुचिः।।
(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३८
व जाबालदर्शनोपनिषद् - ४/५४)
🔆 चित्ते अवस्थितः दुष्टतायाः भावः यदि अस्ति चेत् तीर्थेषु स्नानेन न किमपि सिद्ध्यति यथा सुरया पूरितस्य घटस्य बहिष्ठात् प्रक्षालनेन न सः शुद्धः भवेत्।
⚜चित्त के भीतर यदि दोष भरा है तो वह तीर्थ-स्नान से शुद्ध नहीं होता। जैसे मदिरा से भरे हुए घड़े को ऊपर से जल द्वारा सैकड़ों बार धोया जाय तो वह पवित्र नहीं होता, उसी प्रकार दूषित अन्तःकरण वाला मनुष्य तीर्थ-स्नान से शुद्ध नहीं होता।
#Subhashitam
शतशोऽपि जलैर्धौतं सुराभाण्डमिवाशुचिः।।
(स्कन्द महापुराण, काशी खण्ड - ६/३८
व जाबालदर्शनोपनिषद् - ४/५४)
🔆 चित्ते अवस्थितः दुष्टतायाः भावः यदि अस्ति चेत् तीर्थेषु स्नानेन न किमपि सिद्ध्यति यथा सुरया पूरितस्य घटस्य बहिष्ठात् प्रक्षालनेन न सः शुद्धः भवेत्।
⚜चित्त के भीतर यदि दोष भरा है तो वह तीर्थ-स्नान से शुद्ध नहीं होता। जैसे मदिरा से भरे हुए घड़े को ऊपर से जल द्वारा सैकड़ों बार धोया जाय तो वह पवित्र नहीं होता, उसी प्रकार दूषित अन्तःकरण वाला मनुष्य तीर्थ-स्नान से शुद्ध नहीं होता।
#Subhashitam
November 4, 2023
November 5, 2023
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
कर्तृपदं किमस्ति।
कर्तृपदं किमस्ति।
Anonymous Quiz
2%
हि
35%
उद्यमेन
33%
कार्याणि
11%
मनोरथैः
19%
न दत्तम्
November 5, 2023
प्रत्ययाः (PRATYAYĀH)
In Sanskrit, suffixes are known as प्रत्ययाः
(pratyayāḥ). Besides the suffixes that are
added to verbs for tenses, there are some suffixes which are added to verbs which modify their meaning.
Whenever these suffixes are added to a verb, the verb's form will never change.
The प्रत्ययाः (pratyayāh) are-
क्त्वा – Whenever this is added to a verb, it indicates something happening after the completion of the verb.
ल्यप् – This is exactly same as क्त्वा but it is used for verbs which have a prefix ( उपसर्ग:) added to them.
तुमुन् - This suffix is used in the sense, 'to do'.
अनीयर् - This used in the sense, 'should be done'.
तव्यत् - This is used in the sense, should be done'.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, suffixes are known as प्रत्ययाः
(pratyayāḥ). Besides the suffixes that are
added to verbs for tenses, there are some suffixes which are added to verbs which modify their meaning.
Whenever these suffixes are added to a verb, the verb's form will never change.
The प्रत्ययाः (pratyayāh) are-
क्त्वा – Whenever this is added to a verb, it indicates something happening after the completion of the verb.
ल्यप् – This is exactly same as क्त्वा but it is used for verbs which have a prefix ( उपसर्ग:) added to them.
तुमुन् - This suffix is used in the sense, 'to do'.
अनीयर् - This used in the sense, 'should be done'.
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November 5, 2023
November 5, 2023
एक समय था जब दो वक्त का चारा और मानवता के बदले गाय दूध देती थी।
••एकः समयः आसीत् यदा गावः दिने कालद्वयस्य आहारस्य मानवतायाः च विनिमयरूपेण दुग्धं ददति स्म।
गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता था।
••गोवत्सा: प्रौढ्वा बलिवर्दा: भवन्ति स्म।
बैल बोझा ढोते और खेत जोतते थे।
••वृषभाः भारान् वहन्ति स्म कृषिक्षेत्राणि च कर्षन्ति स्म।
बैल रहट से पानी निकालते थे और कोल्हू से गन्ना पेरते थे।
••वृषभाः कूपेभ्य: जलं निष्कासयन्ति स्म रसयन्त्रै: च इक्षून् मर्दयित्वा रसान् निष्कासयन्ति स्म।
लेकिन आज मनुष्य ने ही इन बैलों को आवारा बनाकर मानव जाति का ही दुश्मन बना दिया है।
••परन्तु अद्य मानवा: एव एतान् बलिवर्दान् निरुद्देश्यरूपेण भ्रमणशीलपशून् कृत्वा मानवजाते: एव शत्रून् कृतवन्त: सन्ति।
पेट की भूख इन बैलों को खेत में फसल चरने के साथ ही साथ खेत में लगे तार से दर्दनाक मौत के लिए भी मजबूर कर देती है।
••क्षुधा: एतान् बलिवर्दान् कृषिक्षेत्रेषु सस्यभक्षणै: सहैव सह क्षेत्रेषु स्थापिताया: तन्त्रे: दु:खदमृत्यवे अपि विवशान् कुर्वन्ति।
खेती के मशीनीकरण से हम आधुनिक जरूर बने, लेकिन इंसानियत की हत्या करके।
••कृष्यादिक्षेत्रेषु सर्वत्र च यन्त्राणामुपयोगेन यद्यपि वयम् आधुनिकास्तु जाताः, परं मानवतां हत्वा।
अपने गाय माता की रक्षा के लिए बैल पालना बहुत ही आवश्यक है।
••स्वकीयानां गोमातॄणां कृते रक्षणार्थं बलिवर्दपालनम् अत्यावश्यकमस्ति।
खो खो खेल खेलने का अपना ही मजा है l
••खोखो-क्रीडां क्रीडने स्वकीयमेव आनन्दमस्ति।
खो खो खेल में आपसी तालमेल और दौड़ में तेजी की जरूरत होती है।
••खोखो-क्रीडायां परस्परं समन्वयं धावने च गति: आवश्यके भवत:
~उमेशगुप्तः
#vakyabhyas
••एकः समयः आसीत् यदा गावः दिने कालद्वयस्य आहारस्य मानवतायाः च विनिमयरूपेण दुग्धं ददति स्म।
गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल बनता था।
••गोवत्सा: प्रौढ्वा बलिवर्दा: भवन्ति स्म।
बैल बोझा ढोते और खेत जोतते थे।
••वृषभाः भारान् वहन्ति स्म कृषिक्षेत्राणि च कर्षन्ति स्म।
बैल रहट से पानी निकालते थे और कोल्हू से गन्ना पेरते थे।
••वृषभाः कूपेभ्य: जलं निष्कासयन्ति स्म रसयन्त्रै: च इक्षून् मर्दयित्वा रसान् निष्कासयन्ति स्म।
लेकिन आज मनुष्य ने ही इन बैलों को आवारा बनाकर मानव जाति का ही दुश्मन बना दिया है।
••परन्तु अद्य मानवा: एव एतान् बलिवर्दान् निरुद्देश्यरूपेण भ्रमणशीलपशून् कृत्वा मानवजाते: एव शत्रून् कृतवन्त: सन्ति।
पेट की भूख इन बैलों को खेत में फसल चरने के साथ ही साथ खेत में लगे तार से दर्दनाक मौत के लिए भी मजबूर कर देती है।
••क्षुधा: एतान् बलिवर्दान् कृषिक्षेत्रेषु सस्यभक्षणै: सहैव सह क्षेत्रेषु स्थापिताया: तन्त्रे: दु:खदमृत्यवे अपि विवशान् कुर्वन्ति।
खेती के मशीनीकरण से हम आधुनिक जरूर बने, लेकिन इंसानियत की हत्या करके।
••कृष्यादिक्षेत्रेषु सर्वत्र च यन्त्राणामुपयोगेन यद्यपि वयम् आधुनिकास्तु जाताः, परं मानवतां हत्वा।
अपने गाय माता की रक्षा के लिए बैल पालना बहुत ही आवश्यक है।
••स्वकीयानां गोमातॄणां कृते रक्षणार्थं बलिवर्दपालनम् अत्यावश्यकमस्ति।
खो खो खेल खेलने का अपना ही मजा है l
••खोखो-क्रीडां क्रीडने स्वकीयमेव आनन्दमस्ति।
खो खो खेल में आपसी तालमेल और दौड़ में तेजी की जरूरत होती है।
••खोखो-क्रीडायां परस्परं समन्वयं धावने च गति: आवश्यके भवत:
~उमेशगुप्तः
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November 5, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
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November 5, 2023
Sanskrit: The Zombie Language 🧟♂️
Have you heard about a language which had died long ago but it's still ghosting around? 👻 But How? 🤔 Sometimes Magic overpowers logic and that's what happened in the case of Sanskrit.
It was declared dead centuries ago by Colonial heroes and the salvated wokes. But still It continues to haunt the hearts of those who believe in scientificness of their language structure. 💀
Death of a language implies death of its speakers and listeners. It's true for Sanskrit but yet The Akashvani broadcasts news in Sanskrit daily for these zombie listeners. One can only hope if it stopped there but it got worse. There are some newspapers which print news, that too online, for these Zombie-News-Cravers. 📰
You won't believe me when I would tell you there even exists some villages where wander these zombies who speak this long-dead language. Even there is an army of zombie teachers who get paid for real and they exist across the globe. There are lakhs of cute little zombie kids in Gurukulas Who come daily to study the dead. 👦🏫
No one knows why some zombie scholars were awarded Padma awards for the development of a dead language. 🏅
There are also Zombie Netizens typing across social media platforms. Even After dying, this language continues to produce new progeny as its literature. Do you know even the PM of India addresses these zombies through social media sometimes. There is a constitution of India being preserved for these zombies to read. A Zombie lawyer argues in Sanskrit in Varanasi. Several Universities offer degrees for these zombies. Even Well-known figures like Swami Ramdev and Rambhadracharya are secretly Zombies. 📚👨🏫👩🏫
Millions of aspirants come to learn yoga, Ayurveda, Jyotish, etc. in this dead language. The learners of scriptures from Vedas till Bhagvad Geeta are all surprisingly zombies. Even after dying, it's still empowering the vocabulary of Indian languages. 🧘♂️📜
This Apocalypse seems very gigantic. 💥
The bad news is this language cannot be killed by any means. Tell me, How is it possible to kill a language which is already dead? This is the tragedy of Sanskrit, The immortal zombie. 💀
~ Mohit Dokania 🖋️
Have you heard about a language which had died long ago but it's still ghosting around? 👻 But How? 🤔 Sometimes Magic overpowers logic and that's what happened in the case of Sanskrit.
It was declared dead centuries ago by Colonial heroes and the salvated wokes. But still It continues to haunt the hearts of those who believe in scientificness of their language structure. 💀
Death of a language implies death of its speakers and listeners. It's true for Sanskrit but yet The Akashvani broadcasts news in Sanskrit daily for these zombie listeners. One can only hope if it stopped there but it got worse. There are some newspapers which print news, that too online, for these Zombie-News-Cravers. 📰
You won't believe me when I would tell you there even exists some villages where wander these zombies who speak this long-dead language. Even there is an army of zombie teachers who get paid for real and they exist across the globe. There are lakhs of cute little zombie kids in Gurukulas Who come daily to study the dead. 👦🏫
No one knows why some zombie scholars were awarded Padma awards for the development of a dead language. 🏅
There are also Zombie Netizens typing across social media platforms. Even After dying, this language continues to produce new progeny as its literature. Do you know even the PM of India addresses these zombies through social media sometimes. There is a constitution of India being preserved for these zombies to read. A Zombie lawyer argues in Sanskrit in Varanasi. Several Universities offer degrees for these zombies. Even Well-known figures like Swami Ramdev and Rambhadracharya are secretly Zombies. 📚👨🏫👩🏫
Millions of aspirants come to learn yoga, Ayurveda, Jyotish, etc. in this dead language. The learners of scriptures from Vedas till Bhagvad Geeta are all surprisingly zombies. Even after dying, it's still empowering the vocabulary of Indian languages. 🧘♂️📜
This Apocalypse seems very gigantic. 💥
The bad news is this language cannot be killed by any means. Tell me, How is it possible to kill a language which is already dead? This is the tragedy of Sanskrit, The immortal zombie. 💀
~ Mohit Dokania 🖋️
November 5, 2023
November 5, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 07 नवम्बर प्रातः 05:50 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 06 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा दोपहर 01:24 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - शुक्ल दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 08:11 से 09:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:47
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक।
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 07 नवम्बर प्रातः 05:50 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 06 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा दोपहर 01:24 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - शुक्ल दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 08:11 से 09:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:47
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक।
November 5, 2023
November 5, 2023
November 5, 2023
November 5, 2023
November 5, 2023
🍃अव्याकरणमधीतं भिन्नद्रोण्या तरंगिणी तरणम्।
भेषजमपथ्यसहितं त्रयमिदमकृतं वरं न कृतम्॥
🔆व्याकरणम् अनधीत्य अध्ययनकरणं तु नष्टनौकाम् आरुह्य नदीतरणमिव अस्ति तथा अखादनीयस्य भक्षणानन्तरम् औषधिग्रहणमिवास्ति अतः एतान् न पालयामः चेदेव सम्यक्।
⚜व्याकरण छोड़कर अध्ययन करना, टूटी हुई नाव से नदी पार करना, और नहीं खाने योग्य भोजन ग्रहण करके औषधि ग्रहण करना - ये सब चीजें करने से अच्छा है कि इन्हें नहीं किया जाए।
#Subhashitam
भेषजमपथ्यसहितं त्रयमिदमकृतं वरं न कृतम्॥
🔆व्याकरणम् अनधीत्य अध्ययनकरणं तु नष्टनौकाम् आरुह्य नदीतरणमिव अस्ति तथा अखादनीयस्य भक्षणानन्तरम् औषधिग्रहणमिवास्ति अतः एतान् न पालयामः चेदेव सम्यक्।
⚜व्याकरण छोड़कर अध्ययन करना, टूटी हुई नाव से नदी पार करना, और नहीं खाने योग्य भोजन ग्रहण करके औषधि ग्रहण करना - ये सब चीजें करने से अच्छा है कि इन्हें नहीं किया जाए।
#Subhashitam
November 5, 2023
नाहमेतावत् तितिक्षेय।
कः लकारः प्रयुक्तः।
कः लकारः प्रयुक्तः।
Anonymous Quiz
56%
विधिलिङ्लकारः
23%
लृङ्लकारः
13%
लोट्लकारः
7%
लङ्लकारः
November 6, 2023
उत्तराखंड के पहाड़ो के बीच सुबह का बहुत ही खूबसूरत दृश्य।
••प्रात: उत्तराखण्डस्य पर्वतानां मध्ये अतीव रमणीयं दृश्यम्।
बादलों के बीच आंख मिचौली करता सूरज।
•• जलदानां मध्ये निमीलनक्रीडां क्रीडन् भास्कर:।
सुबह की धूप कुछ यादों के साथ आती है।
•• प्रात:कालस्य आतप: कैश्चन स्मरणै: सह आयाति।
खिलते फूलों से मीठी खुश्बू आती है।
•• विकसितेभ्य: पुष्पेभ्य: मधुरसुगन्धम् आयाति।
सूरज की किरणें आपके जीवन को रंगीन बनाती हैं।
•• भास्करस्य मयूखा: भवतां जीवनम् आनन्दमयं कुर्वन्ति।
इस पुस्तक द्वारा आप अपने प्राचीन गौरवमय इतिहास की झांकी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन का अध्ययन,प्राचीन राज्य व्यवस्था का स्वरूप देख सकते हैं।
••अस्य ग्रन्थस्य माध्यमेन भवान् अस्माकं प्राचीनस्य गौरवपूर्णस्य इतिहासस्य अभिज्ञानं, मर्यादाया: पुरुषोत्तमरामस्य जीवनस्य अध्ययनं प्राचीनराज्यव्यवस्थायाः च स्वरूपं द्रष्टुं शक्नोति।
यदि आप भ्रातृ प्रेम, नारी गौरव, आदर्श सेवक, आदर्श मित्र, आदर्श राज्य, आदर्श पुत्र के स्वरूपों का अवलोकन या आप रामायण का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहते हैं तो यह रामायण अवश्य पढ़ें।
••यदि भवान् भ्रातृप्रेम्ण:, नारीगौरवस्य,आदर्शसेवकस्य, आदर्शमित्रस्य, आदर्शराज्यस्य, आदर्शपुत्रस्य वा स्वरूपाणां अवलोकनं अथवा रामायणस्य तुलनात्मकम् अध्ययनं कर्तुम् इच्छेत् तर्हि एतत् रामायणम् अवश्यं पठेत्।
पुस्तक मूल्य डाक खर्च सहित 499/-
••अस्य ग्रन्थस्य मूल्यं पत्रवहनशुल्केन सह नवनवत्यधिकचतुश्शतानि रुप्यकाणि सन्ति।
इस पुस्तक को प्राप्त करने के लिए इस मोबाइल नम्बर पर कॉल कीजिए।
••एनं ग्रन्थं लब्धुं भवान् अस्यां दूरभाषसंख्यायां सम्पर्कं करोतु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••प्रात: उत्तराखण्डस्य पर्वतानां मध्ये अतीव रमणीयं दृश्यम्।
बादलों के बीच आंख मिचौली करता सूरज।
•• जलदानां मध्ये निमीलनक्रीडां क्रीडन् भास्कर:।
सुबह की धूप कुछ यादों के साथ आती है।
•• प्रात:कालस्य आतप: कैश्चन स्मरणै: सह आयाति।
खिलते फूलों से मीठी खुश्बू आती है।
•• विकसितेभ्य: पुष्पेभ्य: मधुरसुगन्धम् आयाति।
सूरज की किरणें आपके जीवन को रंगीन बनाती हैं।
•• भास्करस्य मयूखा: भवतां जीवनम् आनन्दमयं कुर्वन्ति।
इस पुस्तक द्वारा आप अपने प्राचीन गौरवमय इतिहास की झांकी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन का अध्ययन,प्राचीन राज्य व्यवस्था का स्वरूप देख सकते हैं।
••अस्य ग्रन्थस्य माध्यमेन भवान् अस्माकं प्राचीनस्य गौरवपूर्णस्य इतिहासस्य अभिज्ञानं, मर्यादाया: पुरुषोत्तमरामस्य जीवनस्य अध्ययनं प्राचीनराज्यव्यवस्थायाः च स्वरूपं द्रष्टुं शक्नोति।
यदि आप भ्रातृ प्रेम, नारी गौरव, आदर्श सेवक, आदर्श मित्र, आदर्श राज्य, आदर्श पुत्र के स्वरूपों का अवलोकन या आप रामायण का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहते हैं तो यह रामायण अवश्य पढ़ें।
••यदि भवान् भ्रातृप्रेम्ण:, नारीगौरवस्य,आदर्शसेवकस्य, आदर्शमित्रस्य, आदर्शराज्यस्य, आदर्शपुत्रस्य वा स्वरूपाणां अवलोकनं अथवा रामायणस्य तुलनात्मकम् अध्ययनं कर्तुम् इच्छेत् तर्हि एतत् रामायणम् अवश्यं पठेत्।
पुस्तक मूल्य डाक खर्च सहित 499/-
••अस्य ग्रन्थस्य मूल्यं पत्रवहनशुल्केन सह नवनवत्यधिकचतुश्शतानि रुप्यकाणि सन्ति।
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••एनं ग्रन्थं लब्धुं भवान् अस्यां दूरभाषसंख्यायां सम्पर्कं करोतु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 6, 2023
November 6, 2023
November 6, 2023
उपसर्गाः (upasargāḥ)
In Sanskrit, prefixes are known as उपसर्गाः (upasargāḥ). The work of prefixes is to modify or change the meaning of a root. Roots are the most basic forms of all words in Sanskrit. Each root has a specific meaning and with a particular prefix, its meaning can be changed or modified.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, prefixes are known as उपसर्गाः (upasargāḥ). The work of prefixes is to modify or change the meaning of a root. Roots are the most basic forms of all words in Sanskrit. Each root has a specific meaning and with a particular prefix, its meaning can be changed or modified.
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November 6, 2023
November 6, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - हनुमतः गुणाः
🗓०७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (हनुमतः कस्यचन गुणस्य उदाहरणैस्सह विवरणं प्रदातव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - हनुमतः गुणाः
🗓०७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
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Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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Super group @Ask_sanskrit
November 6, 2023
🌟 Invitation for Collaboration 🌟
Are you skilled in coding and passionate about preserving Sanskrit culture? Amba Kulkarni ji, the esteemed head of the Department of Sanskrit Studies at the University of Hyderabad, is seeking your assistance in creating a Sanskrit numerics tool.
Here's how it will function:
🔢 Input: १०८
🌼 Output: अष्टाधिकशतम्।
Your expertise can contribute to this remarkable endeavor. Please reach out to us at:
📧 Email: ambapradeep@gmail.com
📧 CC: samskrit.samvadah@gmail.com
Your support is greatly appreciated. 🙏
Dhanyawadah 🌺
Are you skilled in coding and passionate about preserving Sanskrit culture? Amba Kulkarni ji, the esteemed head of the Department of Sanskrit Studies at the University of Hyderabad, is seeking your assistance in creating a Sanskrit numerics tool.
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🔢 Input: १०८
🌼 Output: अष्टाधिकशतम्।
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November 6, 2023
November 6, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 08 नवम्बर सुबह 08:23 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 07 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा शाम 04:24 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - ब्रह्म दोपहर 03:20 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 03:11 से 04:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:48
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 08 नवम्बर सुबह 08:23 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 07 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा शाम 04:24 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - ब्रह्म दोपहर 03:20 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 03:11 से 04:35 तक
⛅ सूर्योदय - 06:48
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:56 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल अष्टमी
November 6, 2023
November 6, 2023
November 6, 2023
November 6, 2023
🍃कुग्रामवासः कुलहीन सेवा
कुभोजनं क्रोधमुखी च भार्या।
पुत्रश्व मूर्खो त्यक्ता च कन्या
विनाऽग्निना षट् प्रदहन्ति कायम् ।।
🔆 अयोग्ये वासस्थाने वासकरणं अनुचितकुलस्य सेवा अभक्षणीयभोजनं कलहप्रिया महिला मूर्खपुत्रः तथा पत्युः गृहं त्यक्त्वा पितृगृहे वासं कुर्वाणा महिला एते षट् जनाः अग्निं विना स्वदेहमेव प्रज्वालयन्ति।
⚜न रहने योग्य क्षेत्र में वास, नीच कुल की सेवा, न करने योग्य किया जाने वाला भोजन, कलह करने वाली स्त्री, मूर्ख पुत्र और पति का घर छोड़कर पिता के घर निवास करने वाली कन्या" ये छः बिना आग ही शरीर को जलाते हैं।
#Subhashitam
कुभोजनं क्रोधमुखी च भार्या।
पुत्रश्व मूर्खो त्यक्ता च कन्या
विनाऽग्निना षट् प्रदहन्ति कायम् ।।
🔆 अयोग्ये वासस्थाने वासकरणं अनुचितकुलस्य सेवा अभक्षणीयभोजनं कलहप्रिया महिला मूर्खपुत्रः तथा पत्युः गृहं त्यक्त्वा पितृगृहे वासं कुर्वाणा महिला एते षट् जनाः अग्निं विना स्वदेहमेव प्रज्वालयन्ति।
⚜न रहने योग्य क्षेत्र में वास, नीच कुल की सेवा, न करने योग्य किया जाने वाला भोजन, कलह करने वाली स्त्री, मूर्ख पुत्र और पति का घर छोड़कर पिता के घर निवास करने वाली कन्या" ये छः बिना आग ही शरीर को जलाते हैं।
#Subhashitam
November 6, 2023
November 6, 2023
November 7, 2023
शक्त्याः उपासना भारते विशेषेण क्रियते।
कर्मणि प्रयोगस्य वाक्येऽस्मिन् कर्मपदं किम्।
कर्मणि प्रयोगस्य वाक्येऽस्मिन् कर्मपदं किम्।
Anonymous Quiz
11%
शक्त्याः
60%
उपासना
11%
भारते
8%
विशेषेण
10%
नास्ति
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
भारत में छोटी-बड़ी 400 से ज्यादा नदियां बहती हैं।
••भारते चतुःशताधिकाः लघुमहत्य:-सरित: प्रवहन्ति।
भारत की सबसे छोटी नदी का नाम है- अरवारी नदी।
••भारतस्य लघुतमाया: सरितो नाम अस्ति- अरवारी सरित्।
90 किमी है अरवारी नदी की लंबाई।
••अरवारी-लघुसरितो दीर्घत्वं नवतिकिलोमीटरमितमस्ति।
इसी वजह से इसे कहा जाता है देश की सबसे छोटी नदी।
••अस्मादेव कारणात् एषा देशस्य लघुतमा सरित् उच्यते।
थानागाजी के निकट सकरा बांध से निकलती है अरवारी नदी।
••थानागाजीं निकषा सकराजलबन्धात् अरवरी सरित् उत्पद्यते।
राजस्थान के अलवर जिले से गुजरात में कच्छ तक बहती है यह नदी।
•• इयं सरित् राजस्थानस्य अलवरमण्डलात् गुजरातदेशस्य कच्छं यावत् प्रवहति।
नीलकमल को भगवान् विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है।
••कुवलयं भगवत: विष्णो: प्रियपुष्पं मन्यते।
नीलकमल का दर्शन बहुत ही दुर्लभ माना जाता है।
••कुवलयस्य दर्शनम् अतीव दुर्लभं मन्यते।
किसी नदी में नीलकमल का खिलना एक चमत्कार ही माना जाता है।
••कस्यांञ्चित् नद्यां कुवलयस्य पुष्पणम् एकं चमत्कारमेव मन्यते।
नीलकमल का पौधा टंकी , बड़ी बाल्टी,किसी बड़े बर्तन आदि में पानी भरकर घर में ही लगाया जा सकता है।
•• गृहे एव कुवलयस्य पादप: कस्मिंश्चित् दीर्घपात्रे , दीर्घोदञ्चने , जलसञ्चयपात्रे चेत्यादिषु जलं पूरयित्वा रोपयितुं शक्यते।
एक बार फूल खिलने लग जाय तो फिर वर्ष भर फूल खिलता है।
•• एकदा पुष्पं पुष्पितुमारभते तदा पुन: आवर्षं पुष्पं विकसति।
इसके पत्ते से ही नया पौधा तैयार हो जाता है।
•• अस्य पत्रादेव नूतनपादपो निर्मितो भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••भारते चतुःशताधिकाः लघुमहत्य:-सरित: प्रवहन्ति।
भारत की सबसे छोटी नदी का नाम है- अरवारी नदी।
••भारतस्य लघुतमाया: सरितो नाम अस्ति- अरवारी सरित्।
90 किमी है अरवारी नदी की लंबाई।
••अरवारी-लघुसरितो दीर्घत्वं नवतिकिलोमीटरमितमस्ति।
इसी वजह से इसे कहा जाता है देश की सबसे छोटी नदी।
••अस्मादेव कारणात् एषा देशस्य लघुतमा सरित् उच्यते।
थानागाजी के निकट सकरा बांध से निकलती है अरवारी नदी।
••थानागाजीं निकषा सकराजलबन्धात् अरवरी सरित् उत्पद्यते।
राजस्थान के अलवर जिले से गुजरात में कच्छ तक बहती है यह नदी।
•• इयं सरित् राजस्थानस्य अलवरमण्डलात् गुजरातदेशस्य कच्छं यावत् प्रवहति।
नीलकमल को भगवान् विष्णु का प्रिय पुष्प माना जाता है।
••कुवलयं भगवत: विष्णो: प्रियपुष्पं मन्यते।
नीलकमल का दर्शन बहुत ही दुर्लभ माना जाता है।
••कुवलयस्य दर्शनम् अतीव दुर्लभं मन्यते।
किसी नदी में नीलकमल का खिलना एक चमत्कार ही माना जाता है।
••कस्यांञ्चित् नद्यां कुवलयस्य पुष्पणम् एकं चमत्कारमेव मन्यते।
नीलकमल का पौधा टंकी , बड़ी बाल्टी,किसी बड़े बर्तन आदि में पानी भरकर घर में ही लगाया जा सकता है।
•• गृहे एव कुवलयस्य पादप: कस्मिंश्चित् दीर्घपात्रे , दीर्घोदञ्चने , जलसञ्चयपात्रे चेत्यादिषु जलं पूरयित्वा रोपयितुं शक्यते।
एक बार फूल खिलने लग जाय तो फिर वर्ष भर फूल खिलता है।
•• एकदा पुष्पं पुष्पितुमारभते तदा पुन: आवर्षं पुष्पं विकसति।
इसके पत्ते से ही नया पौधा तैयार हो जाता है।
•• अस्य पत्रादेव नूतनपादपो निर्मितो भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 7, 2023
1. प्र (pra): This prefix is often used to emphasize on the meaning of that particular root e.g. प्र + √नम्। (pra + √nam) अहं गुरुं प्रणमामि। (ahaṃ guruṃ praṇamāmi।) which means, “I am bowing to my teacher.”
Here, if we use the word, ‘नमामि’ (namāmi) it will simply mean that I am bowing to my teacher, but with the use of the prefix, the meaning is emphasized.
2. परा (parā): This prefix is often used to show the opposite of something e.g. परा + √जय्। (parā + √jay।) राजा युद्धे पराजयते। (rājā yuddhe parājayate।) This means, “The King loses the war.”
Here, the word, ‘जयते’ means wins by itself, but with the addition of the prefix, its meaning has changes to the opposite of wins, i.e. loses.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Here, if we use the word, ‘नमामि’ (namāmi) it will simply mean that I am bowing to my teacher, but with the use of the prefix, the meaning is emphasized.
2. परा (parā): This prefix is often used to show the opposite of something e.g. परा + √जय्। (parā + √jay।) राजा युद्धे पराजयते। (rājā yuddhe parājayate।) This means, “The King loses the war.”
Here, the word, ‘जयते’ means wins by itself, but with the addition of the prefix, its meaning has changes to the opposite of wins, i.e. loses.
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#sanskritlessons
November 7, 2023
November 7, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - गीतानुवादः
🗓०८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्थानियभाषया लिखितस्य गीतस्यानुवादः कर्तव्यः) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - गीतानुवादः
🗓०८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 7, 2023
November 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी 09 नवम्बर सुबह 10:41 तक
⛅ दिनांक - 08 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 07:19 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - इन्द्र शाम 04:11 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - दोपहर 12:23 से 01:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:48
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:57 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी 09 नवम्बर सुबह 10:41 तक
⛅ दिनांक - 08 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 07:19 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - इन्द्र शाम 04:11 तक तत्पश्चात वैधृति
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⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:57 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल एकादशी
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
November 7, 2023
🍃न तु धर्मोपसंहारमधर्मफलसंहितम् ।
तदेव फलमन्वेति धर्मश्चाधर्मनाशनः ॥
🔆 धर्मफलम् अधर्मिणा सह न गच्छति कदापि अपितु अधर्मः एव धर्मफलं नाशयति।
⚜The fruit of dharma does not accrue to one who has reached the culmination of adharma. Unrighteousness will destroy the fruits of righteousness.
Ramayana 5.51.28 |
#Subhashitam
तदेव फलमन्वेति धर्मश्चाधर्मनाशनः ॥
🔆 धर्मफलम् अधर्मिणा सह न गच्छति कदापि अपितु अधर्मः एव धर्मफलं नाशयति।
⚜The fruit of dharma does not accrue to one who has reached the culmination of adharma. Unrighteousness will destroy the fruits of righteousness.
Ramayana 5.51.28 |
#Subhashitam
November 7, 2023
कौ समानार्थकौ न स्तः।
Anonymous Quiz
8%
काचित् - काचन
15%
दत्त्वा - प्रदाय
17%
गच्छति - याति
6%
कर्तव्यम् - करणीयम्
54%
अकरोत् - अकार्षीत्
November 8, 2023
3. अप (apa): This prefix is often used in a negative shade or to tell that something is far away
e.g. अप + √कृ। (apa + √kṛ।) खलः अपकरोति। (khalaḥ apakaroti।) This means, “Baddie is doing a bad deed”. Here, the word, ‘करोति’ means doing, but with the addition of the prefix, it got a negative tone and meant, ‘doing a bad deed’.
Another example will be अप + √गम् (गच्छ्)। (apa + √gam (gacch)।) बालकः अपगच्छति। (bālakaḥ apagacchati।) This means, “The boy is going away”. Here, the word, ‘गच्छति’ means going, but with the addition of the prefix, the word means going far away or going away.
4. सम् (sam): This prefix is often used to show being together or togetherness e.g. – त्रिवेणीसङ्गमे गङ्गा यमुना सरस्वती च सङ्गच्छन्ते। (triveṇīsaṅgame gaṅgā yamunā sarasvatī ca saṅgacchante।) which means, “Ganga, Yamuna and Saraswati (Rivers) confluence in Triveni Sangam.”
Here, the word, ‘गच्छन्ति’ means ‘going’ on its own, but with the addition of the prefix, it means to go together or in the above mentioned example, confluence.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
e.g. अप + √कृ। (apa + √kṛ।) खलः अपकरोति। (khalaḥ apakaroti।) This means, “Baddie is doing a bad deed”. Here, the word, ‘करोति’ means doing, but with the addition of the prefix, it got a negative tone and meant, ‘doing a bad deed’.
Another example will be अप + √गम् (गच्छ्)। (apa + √gam (gacch)।) बालकः अपगच्छति। (bālakaḥ apagacchati।) This means, “The boy is going away”. Here, the word, ‘गच्छति’ means going, but with the addition of the prefix, the word means going far away or going away.
4. सम् (sam): This prefix is often used to show being together or togetherness e.g. – त्रिवेणीसङ्गमे गङ्गा यमुना सरस्वती च सङ्गच्छन्ते। (triveṇīsaṅgame gaṅgā yamunā sarasvatī ca saṅgacchante।) which means, “Ganga, Yamuna and Saraswati (Rivers) confluence in Triveni Sangam.”
Here, the word, ‘गच्छन्ति’ means ‘going’ on its own, but with the addition of the prefix, it means to go together or in the above mentioned example, confluence.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 8, 2023
(१)मुंगेर का पानी अच्छा है।
→ मुद्गलपुरस्य वातावरणं स्वच्छमस्ति।
(२)मुझे थोड़ा पानी दो।
→ मह्यं एकचषकपूरितं जलं देहि।
(३)अभी पानी पड़ रहा है।
→ इदानीं वृष्टिः भवति।
(४)आप मेरा पानी रखें।
→ कृपया भवान् मम प्रतिष्ठां रक्षतु।
(५)उसके चेहरे पर पानी नहीं है।
→ तस्य मुखमण्डले दीप्तिः नास्ति।
(६)वह पानी-पानी हो गया।
→ स लज्जितोऽभूत्।
(७)घोड़ा पानी-पानी हो गया।
→ घोटकः क्लान्तोऽभूत्।
(८)वह चाकू पर पानी चढ़ा रहा है।
→ इदानीं स छुरिकां स्फुटीकरोति/तीक्ष्णीकरोति।
(९)उसकी आशाओं पर पानी फिर गया।
→ सः पूर्णरूपेण निराशोऽभूत्।
(१०)मैं तुझे पानी पीला दूंगा।
→ अहं त्वां पूर्णतः उद्विग्नं करिष्यामि।
(११)मिठाई देखकर उसके मुंह में पानी आ गया।
→ मिष्टान्नं दृष्ट्वा स प्रलोभितोऽभूत्।
(१२)चुल्लूभर पानी में डूब मरो।
→ धिक् धिक् ! कियत् लज्जास्पदम्!
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
→ मुद्गलपुरस्य वातावरणं स्वच्छमस्ति।
(२)मुझे थोड़ा पानी दो।
→ मह्यं एकचषकपूरितं जलं देहि।
(३)अभी पानी पड़ रहा है।
→ इदानीं वृष्टिः भवति।
(४)आप मेरा पानी रखें।
→ कृपया भवान् मम प्रतिष्ठां रक्षतु।
(५)उसके चेहरे पर पानी नहीं है।
→ तस्य मुखमण्डले दीप्तिः नास्ति।
(६)वह पानी-पानी हो गया।
→ स लज्जितोऽभूत्।
(७)घोड़ा पानी-पानी हो गया।
→ घोटकः क्लान्तोऽभूत्।
(८)वह चाकू पर पानी चढ़ा रहा है।
→ इदानीं स छुरिकां स्फुटीकरोति/तीक्ष्णीकरोति।
(९)उसकी आशाओं पर पानी फिर गया।
→ सः पूर्णरूपेण निराशोऽभूत्।
(१०)मैं तुझे पानी पीला दूंगा।
→ अहं त्वां पूर्णतः उद्विग्नं करिष्यामि।
(११)मिठाई देखकर उसके मुंह में पानी आ गया।
→ मिष्टान्नं दृष्ट्वा स प्रलोभितोऽभूत्।
(१२)चुल्लूभर पानी में डूब मरो।
→ धिक् धिक् ! कियत् लज्जास्पदम्!
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 8, 2023
Man :- Madam, which is the best pension plan?
Bank Manager :- Sir, If you deposit ₹ 5000 every month, you will get 1 crore rupees when you turn 60.
Man :- If so give me 1 crore rupees now and I will deposit 5000 rupees every month for the rest of my life.
#hasya
Bank Manager :- Sir, If you deposit ₹ 5000 every month, you will get 1 crore rupees when you turn 60.
Man :- If so give me 1 crore rupees now and I will deposit 5000 rupees every month for the rest of my life.
#hasya
November 8, 2023
November 8, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - लोकदेवपरिचयः
🗓०८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (लोकदेवस्य लोकदेव्याः वा परिचयः कारणीयः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - लोकदेवपरिचयः
🗓०८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Linked group @samskrta_group
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Super group @Ask_sanskrit
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November 8, 2023
November 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी सुबह 10:41 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 09 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वैधृति शाम 04:49 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:49
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:58 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - रमा एकादशी, ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस, गोवत्स द्वादशी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - वैधृति शाम 04:49 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:49
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:58 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - रमा एकादशी, ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस, गोवत्स द्वादशी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल एकादशी
November 8, 2023
November 8, 2023
November 8, 2023
November 8, 2023
November 8, 2023
🍃धर्मो धनं च धान्यं च गुरोर्वचनमौषधम् |
सुगृहीतं च कर्तव्यम् अन्यथा यो न जीवति ||
🔆 धर्माचरणम् उचितमार्गात् धनार्जनं भोक्तुं धान्यं गुरोः वचनानि तथा औषधम् एतानि येन सुगृहीतानि सन्ति स एव जीवति अन्यथा न।
⚜धर्माचरण ठीक मार्ग से अर्जित धन धान्य गुरु के वचन तथा औषधी ये जिसने ठीक प्रकार ग्रहण की हैं वह ही जीवित है।
सुगृहीतं च कर्तव्यम् अन्यथा यो न जीवति ||
🔆 धर्माचरणम् उचितमार्गात् धनार्जनं भोक्तुं धान्यं गुरोः वचनानि तथा औषधम् एतानि येन सुगृहीतानि सन्ति स एव जीवति अन्यथा न।
⚜धर्माचरण ठीक मार्ग से अर्जित धन धान्य गुरु के वचन तथा औषधी ये जिसने ठीक प्रकार ग्रहण की हैं वह ही जीवित है।
November 8, 2023
November 9, 2023
दाराः इत्यस्य शब्दस्य प्रातापादिकं कस्मिन् लिङ्गे प्रवर्तते।
Anonymous Quiz
53%
स्त्रीलिङ्गे
28%
पुँल्लिङ्गे
9%
नपुंसकलिङ्गे
10%
बहुवचने
November 9, 2023
(१) मैं सुबह में उठता हूं
=अहं प्रात: जागर्मि।
(२)मैं खूब सुबह में उठता हूं
=अहम् उषाकाले जागर्मि।
(३) लहरें उठ रही हैं
=तरङ्गा उत्क्रमन्ति।
(४)वह संसार से उठ गया
=स मृतोऽभवत्।
(५)वह हाल ही में बीमारी से उठा है
=सद्य: स: अस्वास्थ्यात् रक्षितोऽभवत् /सद्य: स आरोग्यम् आप्तवान्।
(६)प्रदा-प्रणाली अब उठ गई है
=अद्यत्वे आवरणप्रथा समाप्तिं गता।
(७)पर्दा उठ रहा है
=इदानीं नाटकपटल: अपसरति।
(८)इसको उठाओ
=एनम् उत्थापय।
(९)बाजार शाम को उठ जाता है
=सायं विपणि पिहिता भवति।
(१०)आजकल उसका मेरे साथ उठना-बैठना बंद है
= अधुना तेन सह मम घनिष्ठता समाप्ता जाता।
* इतः परं तेन सह मे अन्तिकसम्पर्कः समाप्तः जातः ।
* इदानीं मम तेन सह नैकट्यं समाप्तिम् गतम्।
(११)रोगी का उठना-बैठना बंद कर दिया गया है
=चिकित्सकस्य परामर्शेण रोगिण: चलनचालनं प्रतिबंधितम् ।
(१२)वह उठते-बैठते मुझे याद करता है
=स प्रत्येकं क्षणं मां स्मरति।
(१३)उसने ठोस कदम उठाया
=तेन साहसिकनिर्णय: कृत:।
(१४)मैं कुछ उठा नहीं रखूंगा
=अहं सर्वविधानि प्रयत्नानि करिष्यामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=अहं प्रात: जागर्मि।
(२)मैं खूब सुबह में उठता हूं
=अहम् उषाकाले जागर्मि।
(३) लहरें उठ रही हैं
=तरङ्गा उत्क्रमन्ति।
(४)वह संसार से उठ गया
=स मृतोऽभवत्।
(५)वह हाल ही में बीमारी से उठा है
=सद्य: स: अस्वास्थ्यात् रक्षितोऽभवत् /सद्य: स आरोग्यम् आप्तवान्।
(६)प्रदा-प्रणाली अब उठ गई है
=अद्यत्वे आवरणप्रथा समाप्तिं गता।
(७)पर्दा उठ रहा है
=इदानीं नाटकपटल: अपसरति।
(८)इसको उठाओ
=एनम् उत्थापय।
(९)बाजार शाम को उठ जाता है
=सायं विपणि पिहिता भवति।
(१०)आजकल उसका मेरे साथ उठना-बैठना बंद है
= अधुना तेन सह मम घनिष्ठता समाप्ता जाता।
* इतः परं तेन सह मे अन्तिकसम्पर्कः समाप्तः जातः ।
* इदानीं मम तेन सह नैकट्यं समाप्तिम् गतम्।
(११)रोगी का उठना-बैठना बंद कर दिया गया है
=चिकित्सकस्य परामर्शेण रोगिण: चलनचालनं प्रतिबंधितम् ।
(१२)वह उठते-बैठते मुझे याद करता है
=स प्रत्येकं क्षणं मां स्मरति।
(१३)उसने ठोस कदम उठाया
=तेन साहसिकनिर्णय: कृत:।
(१४)मैं कुछ उठा नहीं रखूंगा
=अहं सर्वविधानि प्रयत्नानि करिष्यामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 9, 2023
5. अनु (anu): This prefix is often used to show following something or someone e.g. अनु +√कृ। (anu +√kṛ।) वानरः बालिकायाः क्रियाः अनुकरोति। (vānaraḥ bālikāyāḥ kriyāḥ anukaroti।), which means, “The monkey is repeating/imitating the girl’s actions.”
Here, the word, ‘करोति’ means does by itself, but with the addition of the prefix, it means to repeat or to imitate.
6. अव (ava): This prefix is often used to indicate down e.g. The word, ‘अवतार’ (avatāra) means a form of a particular god or goddess that is taken to save humanity from different asuras. In this word, the prefix अव (ava) means down and it is used as the deities come down from heaven to Earth in their forms.
7. निर् (nir): This prefix is often used for showing that something is far. e.g. – निर् + √गम् (गच्छ्)। (nir + √gam (gacch)।) सः निर्गच्छति। (saḥ nirgacchati।) This means, “He is going away.”
Here the word, ‘गच्छति’ means going, but with the addition of the prefix, it means going someplace far or going away.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Here, the word, ‘करोति’ means does by itself, but with the addition of the prefix, it means to repeat or to imitate.
6. अव (ava): This prefix is often used to indicate down e.g. The word, ‘अवतार’ (avatāra) means a form of a particular god or goddess that is taken to save humanity from different asuras. In this word, the prefix अव (ava) means down and it is used as the deities come down from heaven to Earth in their forms.
7. निर् (nir): This prefix is often used for showing that something is far. e.g. – निर् + √गम् (गच्छ्)। (nir + √gam (gacch)।) सः निर्गच्छति। (saḥ nirgacchati।) This means, “He is going away.”
Here the word, ‘गच्छति’ means going, but with the addition of the prefix, it means going someplace far or going away.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 9, 2023
वैद्यः - पञ्चनिमिष-पूर्वं एव पादे सर्पः दंशति इति उक्तवन्तः परन्तु कथं सः मृतः?।😟
जनाः-दंशविषः मस्तके न आरोपितुं वयं कण्ठे पाशम् उपयुज्य सम्यक् बन्धनं कृतवन्तः।
😂😂😂
#hasya
जनाः-दंशविषः मस्तके न आरोपितुं वयं कण्ठे पाशम् उपयुज्य सम्यक् बन्धनं कृतवन्तः।
😂😂😂
#hasya
November 9, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१०/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१०/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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November 9, 2023
November 9, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 10 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - विष्कम्भ शाम 05:06 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 11:00 से 12:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:50
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:58 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - धनतेरस, भगवान धन्वंतरिजी जयंती, प्रदोष व्रत, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, यम दीपदान
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 10 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त रात्रि 12:08 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - विष्कम्भ शाम 05:06 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 11:00 से 12:23 तक
⛅ सूर्योदय - 06:50
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:58 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:49 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - धनतेरस, भगवान धन्वंतरिजी जयंती, प्रदोष व्रत, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, यम दीपदान
November 9, 2023
November 9, 2023
November 9, 2023
November 9, 2023
November 9, 2023
🍃प्रणयादुपकाराद्वा यो विश्वसिति शत्रुषु ।
स सुप्त इव वृक्षाग्रात् पतितः प्रतिबुध्यते॥
🔆 प्रीतिकारणेन अथवा उपकारकारणेन यः शत्रुषु विश्वसिति सः वृक्षशाखाग्रभागे सुप्तः इव पतित्वा एव जागर्ति।
⚜जो मनुष्य स्नेह अथवा उपकार के कारण शत्रुओं पर विश्वास करता है वह सोये हुए के समान वृक्ष के अग्रभाग से गिर कर जाग जाता है, अर्थात् आपत्ति में पड़ कर जागता हैं ॥ 9 ॥
⚜A person who trusts his enemy because of their affection or favours, is like a person who sleeps on a front of the branch of a tree and wakes up after falling, That is, he wakes up after falls into the
trouble.
#Subhashitam
स सुप्त इव वृक्षाग्रात् पतितः प्रतिबुध्यते॥
🔆 प्रीतिकारणेन अथवा उपकारकारणेन यः शत्रुषु विश्वसिति सः वृक्षशाखाग्रभागे सुप्तः इव पतित्वा एव जागर्ति।
⚜जो मनुष्य स्नेह अथवा उपकार के कारण शत्रुओं पर विश्वास करता है वह सोये हुए के समान वृक्ष के अग्रभाग से गिर कर जाग जाता है, अर्थात् आपत्ति में पड़ कर जागता हैं ॥ 9 ॥
⚜A person who trusts his enemy because of their affection or favours, is like a person who sleeps on a front of the branch of a tree and wakes up after falling, That is, he wakes up after falls into the
trouble.
#Subhashitam
November 9, 2023
बालकः प्रश्नं पृच्छति।
कः पुरुषः प्रयुक्तः वाक्ये।
कः पुरुषः प्रयुक्तः वाक्ये।
Anonymous Quiz
89%
प्रथमपुरुषः
6%
मध्यमपुरुषः
4%
उत्तमपुरुषः
November 10, 2023
(१)घड़ा पानी से भरा हुआ है
=घटो जलै: पूर्णोऽस्ति।
(२)खाली जगहों को भरो
=रिक्तस्थानानि पूरयत।
(३)हॉल भरा था
=सभाकक्षो जनै: पूर्ण: आसीत्।
(४)नदी लबालब भरी थी
=नदी जलै: पूर्णा आसीत्।
(५)घाव भर गया है
=वृणस्य उपशमनम् अभूत्।
(६)गरमा गरम समोसे और इमली की चटनी देखते ही मेरे मुंह में पानी भर आया
=उष्णोष्णं समोषं चिञ्चावलेहं च दृष्टवैव अहं तत् खादितुम् उद्विग्नोऽभूवम्।
(७)उसका गला भर आया
=तस्य: कण्ठ: रुदद्भि: अवरुद्धोऽभूत्।
(९) बेटी को विदा करते हुए उसका गला भर आया
=पुत्र्या: अभिवादनं कुर्वन् स अतिसुखै अतिदु:खै वा रोदितुमारभत्।
(९)आशा के अनुरूप सम्मान न पाकर उसका गला भर आया
=आशानुरूपं सम्मानं अप्राप्य स भावुकतया किमपि वक्तुं नाशक्नोम्।
(१०)मेरा दिल भर आया
=मम हृदयं द्रवीभूतम्।
(११)वह हमेशा मेरा कान भरता है
=स सदैव माम् उद्दीपयति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=घटो जलै: पूर्णोऽस्ति।
(२)खाली जगहों को भरो
=रिक्तस्थानानि पूरयत।
(३)हॉल भरा था
=सभाकक्षो जनै: पूर्ण: आसीत्।
(४)नदी लबालब भरी थी
=नदी जलै: पूर्णा आसीत्।
(५)घाव भर गया है
=वृणस्य उपशमनम् अभूत्।
(६)गरमा गरम समोसे और इमली की चटनी देखते ही मेरे मुंह में पानी भर आया
=उष्णोष्णं समोषं चिञ्चावलेहं च दृष्टवैव अहं तत् खादितुम् उद्विग्नोऽभूवम्।
(७)उसका गला भर आया
=तस्य: कण्ठ: रुदद्भि: अवरुद्धोऽभूत्।
(९) बेटी को विदा करते हुए उसका गला भर आया
=पुत्र्या: अभिवादनं कुर्वन् स अतिसुखै अतिदु:खै वा रोदितुमारभत्।
(९)आशा के अनुरूप सम्मान न पाकर उसका गला भर आया
=आशानुरूपं सम्मानं अप्राप्य स भावुकतया किमपि वक्तुं नाशक्नोम्।
(१०)मेरा दिल भर आया
=मम हृदयं द्रवीभूतम्।
(११)वह हमेशा मेरा कान भरता है
=स सदैव माम् उद्दीपयति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 10, 2023
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दैवगिरा कार्त्तिकशुक्लषष्ठीपूजनगीतम्।
November 10, 2023
8. निस् (nis): This prefix is often used in the sense of out e.g. निस्सरति। (nissarati।) सर्पः गृहात् निस्सरति। (sarpaḥ gṛhāt nissarati।) This means, “The snake is coming out of the house.”
In the stated example, the word, ‘सरति’ means ‘goes’, however with the addition of the prefix ‘निस्’, it means going out or coming out.
9. दुस् (dus): This prefix is often used to indicate a negative meaning e.g. दुस् + √कृ। (dus + √kṛ।) अस्माभिः न दुष्करणीयम्। (asmābhiḥ na duṣkaraṇīyam।) This means, “We mustn’t do bad deeds.”
In the stated example, the word, ‘न करणीयम्’ means should not be done by itself, but when the prefix is added, it means, ‘bad deeds should be not done’.
10. दुर् (dur): This prefix is often used to indicate hardness or difficulty e.g. – दुर् + √लभ्। (dur + √labh।) The word, ‘दुर्लभ’ means that something is hard to attain, The word, ‘लभ’ means to attain and the prefix adds to the meaning, making the meaning, ‘hard to attain’.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In the stated example, the word, ‘सरति’ means ‘goes’, however with the addition of the prefix ‘निस्’, it means going out or coming out.
9. दुस् (dus): This prefix is often used to indicate a negative meaning e.g. दुस् + √कृ। (dus + √kṛ।) अस्माभिः न दुष्करणीयम्। (asmābhiḥ na duṣkaraṇīyam।) This means, “We mustn’t do bad deeds.”
In the stated example, the word, ‘न करणीयम्’ means should not be done by itself, but when the prefix is added, it means, ‘bad deeds should be not done’.
10. दुर् (dur): This prefix is often used to indicate hardness or difficulty e.g. – दुर् + √लभ्। (dur + √labh।) The word, ‘दुर्लभ’ means that something is hard to attain, The word, ‘लभ’ means to attain and the prefix adds to the meaning, making the meaning, ‘hard to attain’.
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#sanskritlessons
November 10, 2023
November 10, 2023
November 10, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 11 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - चित्रा रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - प्रीति शाम 04:59 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - सुबह 09:37 से 11:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:50
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:59 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी, काली चौदस, मासिक शिवरात्रि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 11 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - चित्रा रात्रि 01:47 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - प्रीति शाम 04:59 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - सुबह 09:37 से 11:00 तक
⛅ सूर्योदय - 06:50
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:07 से 05:59 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी, काली चौदस, मासिक शिवरात्रि
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल त्रयोदशी
November 10, 2023
November 10, 2023
November 10, 2023
November 11, 2023
🍃कोकिलानां स्वरो रूपं स्त्रीणां रूपं पतिव्रतम्।
विद्यारूपं कुरूपाणां क्षमा रूपं तपस्विनाम्।।
🔆 कोकिलस्य अभिज्ञानं तस्य स्वरेण भवति स्त्रिणाम् अभिज्ञानं पतिव्रतधर्मेण (शीलेन) भवति कुरूपजनानाम् अभिज्ञानं विद्यया भवति तथा तपस्विनाम् अभिज्ञानं क्षमया भवति।
⚜कोकिलों की शोभा उनका स्वर है, स्त्रियों की शोभा पातिव्रत्य है, कुरूपों की शोभा विद्या है और तपस्वियों की शोभा क्षमा है।
#Subhashitam
विद्यारूपं कुरूपाणां क्षमा रूपं तपस्विनाम्।।
🔆 कोकिलस्य अभिज्ञानं तस्य स्वरेण भवति स्त्रिणाम् अभिज्ञानं पतिव्रतधर्मेण (शीलेन) भवति कुरूपजनानाम् अभिज्ञानं विद्यया भवति तथा तपस्विनाम् अभिज्ञानं क्षमया भवति।
⚜कोकिलों की शोभा उनका स्वर है, स्त्रियों की शोभा पातिव्रत्य है, कुरूपों की शोभा विद्या है और तपस्वियों की शोभा क्षमा है।
#Subhashitam
November 10, 2023
न विद्यते पुत्रः यस्य सः - अपुत्रः।
कः समासः
कः समासः
Anonymous Quiz
34%
नञ्-तत्पुरुषः
46%
नञ्-बहुव्रीहि
18%
कर्मधारयसमासः
3%
प्रादिसमासः
November 11, 2023
11. वि (vi): This prefix is often used to show opposition to a meaning or to enhance the meaning e.g. – विदेशः (videśaḥ)। This means, ‘foreign land’ or any other country than one’s own. The word, ‘देशः’ means a country or one’s own country and the addition of the prefix makes the opposite of the word as, ‘a foreign country’.
Another example would be वि + √जय्। (vi + √jay।) नृपः युद्धे विजयते (nṛpaḥ yuddhe vijayate)। This means, ‘The King is winning in the war’. Here, the word, ‘जयते’ simply means to win, but with the addition of the prefix, the meaning has been enhanced.
12. आङ् (āṅ): This prefix is often used to indicate opposite meaning or from and till e.g. आ + √गम् (गच्छ्)। (ā + √gam (gacch)।) छात्रः विद्यालयात् गृहम् आगच्छति। (chātraḥ vidyālayāt gṛham āgacchati।) This means, “The student has come home from school”. Here, the word, ‘गच्छति’ means ‘goes’ by itself, but with the addition of the prefix, the meaning has turned opposite, to mean ‘to come.’
The word, ‘आजन्म’ (ājanma) means from birth. The word, ‘जन्म’ means birth and the addition of the prefix has caused the word to mean, ‘from birth.’
The word, ‘आमरण’ (āmaraṇa) means, ’till death’. Here, the word, ‘मरण’ means death and with the addition of the prefix, the word means, ’till death.’
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Another example would be वि + √जय्। (vi + √jay।) नृपः युद्धे विजयते (nṛpaḥ yuddhe vijayate)। This means, ‘The King is winning in the war’. Here, the word, ‘जयते’ simply means to win, but with the addition of the prefix, the meaning has been enhanced.
12. आङ् (āṅ): This prefix is often used to indicate opposite meaning or from and till e.g. आ + √गम् (गच्छ्)। (ā + √gam (gacch)।) छात्रः विद्यालयात् गृहम् आगच्छति। (chātraḥ vidyālayāt gṛham āgacchati।) This means, “The student has come home from school”. Here, the word, ‘गच्छति’ means ‘goes’ by itself, but with the addition of the prefix, the meaning has turned opposite, to mean ‘to come.’
The word, ‘आजन्म’ (ājanma) means from birth. The word, ‘जन्म’ means birth and the addition of the prefix has caused the word to mean, ‘from birth.’
The word, ‘आमरण’ (āmaraṇa) means, ’till death’. Here, the word, ‘मरण’ means death and with the addition of the prefix, the word means, ’till death.’
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November 11, 2023
पतिः - अहं ३० वर्षाणामनन्तरं ,भवत्याः पक्वक्रियायां ,अधुना एव कश्चनं भेदं जानामि।
पत्नी- किं तत्?
पतिः -आहारे कृष्ण-वर्णं केशं आसीत् -परन्तु अधुना
श्वेत-वर्णं केशं भवति तदैव।😇
#hasya
पत्नी- किं तत्?
पतिः -आहारे कृष्ण-वर्णं केशं आसीत् -परन्तु अधुना
श्वेत-वर्णं केशं भवति तदैव।😇
#hasya
November 11, 2023
धिक् (धिक्कार है)- के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
-----------------------------
(१) पापी को धिक्कार है
= धिक् पापिनम्।
(२) इस युग में गरीब होना धिक्कार है
= अस्मिन् युगे निर्धनत्वं धिक्।
(३)देश से प्रेम नहीं करने वालों को धिक्कार है
= धिग् राष्ट्रद्रोहिण:।
(४)माता-पिता और गुरु की आज्ञा नहीं मानने वाले विद्यार्थियों को धिक्कार है
= पित्रो: गुरो: च अवज्ञाकारिण: छात्रान् धिक्।
(५)ईश्वर पर विश्वास नहीं करने वालों को धिक्कार है
= ईश्वरे अविश्वासकर्तॄन् धिक्।
(६)आर्य संस्कृति की उपहास करने वालों को धिक्कार है
= धिग् आर्यसंस्कृतिमुपहासान् / आर्यसंस्कृतेरुपहासकर्तॄन् ।
(७)सड़क नियम का पालन नहीं करने वालों को धिक्कार है
= यातायातनियमानाम् उल्लङ्घकान् धिक्।
(८)दूसरों का अनादर करने वाले पर धिक्कार है
= अन्यजनानाम् अभिशंसकान् धिक्।
(९)कायर पुरुषों पर धिक्कार है
= कापुरुषान् धिक्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
-----------------------------
(१) पापी को धिक्कार है
= धिक् पापिनम्।
(२) इस युग में गरीब होना धिक्कार है
= अस्मिन् युगे निर्धनत्वं धिक्।
(३)देश से प्रेम नहीं करने वालों को धिक्कार है
= धिग् राष्ट्रद्रोहिण:।
(४)माता-पिता और गुरु की आज्ञा नहीं मानने वाले विद्यार्थियों को धिक्कार है
= पित्रो: गुरो: च अवज्ञाकारिण: छात्रान् धिक्।
(५)ईश्वर पर विश्वास नहीं करने वालों को धिक्कार है
= ईश्वरे अविश्वासकर्तॄन् धिक्।
(६)आर्य संस्कृति की उपहास करने वालों को धिक्कार है
= धिग् आर्यसंस्कृतिमुपहासान् / आर्यसंस्कृतेरुपहासकर्तॄन् ।
(७)सड़क नियम का पालन नहीं करने वालों को धिक्कार है
= यातायातनियमानाम् उल्लङ्घकान् धिक्।
(८)दूसरों का अनादर करने वाले पर धिक्कार है
= अन्यजनानाम् अभिशंसकान् धिक्।
(९)कायर पुरुषों पर धिक्कार है
= कापुरुषान् धिक्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 11, 2023
November 11, 2023
November 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 12 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - स्वाती रात्रि 02:51 (13 नवम्बर 02:51 A.M) तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - आयुष्मान शाम 04:25 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - शाम 04:33 से 05:56 तक
⛅ सूर्योदय - 06:51
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 05:59 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), दीपावली, दीपमालिका, महालक्ष्मी-शारदा-कुबेर पूजन, बही-खाता पूजन, स्वामी रामतीर्थजी जयंती एवं पुण्यतिथि (ति.अ.), श्री महावीर स्वामी निर्वाण दिवस, महामना पं. मदनमोहन मालवीय पुण्यतिथि (दि.अ.)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 02:44 तक तत्पश्चात अमावस्या
⛅ दिनांक - 12 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - स्वाती रात्रि 02:51 (13 नवम्बर 02:51 A.M) तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - आयुष्मान शाम 04:25 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - शाम 04:33 से 05:56 तक
⛅ सूर्योदय - 06:51
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 05:59 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), दीपावली, दीपमालिका, महालक्ष्मी-शारदा-कुबेर पूजन, बही-खाता पूजन, स्वामी रामतीर्थजी जयंती एवं पुण्यतिथि (ति.अ.), श्री महावीर स्वामी निर्वाण दिवस, महामना पं. मदनमोहन मालवीय पुण्यतिथि (दि.अ.)
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल चतुर्दशी
November 11, 2023
November 11, 2023
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥
Transliteration:
namaste'stu mahāmāye śrīpīṭhe surapūjite।
śaṅkhacakragadāhaste mahālakṣmi namo'stu te॥
English Translation:
The illusory power of the universe, the basis for all wealth,
and worshipped by deities, Salutations to you (Mahālakṣmī).
who has a conch, discus, and mace in hand. Oh Mahālakṣmī, obeisances to you.
Hindi Translation:
जो महामाया है, सभी वैभव का आधार है,
जो देवताओं द्वारा पूजित है, (महालक्ष्मी) आपको नमन है।
जिसके हाथों में शंख, चक्र और गदा हैं। हे महालक्ष्मी, तुम्हे नमन है।
Source: Mahālakṣmyaṣṭakam 1
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥
Transliteration:
namaste'stu mahāmāye śrīpīṭhe surapūjite।
śaṅkhacakragadāhaste mahālakṣmi namo'stu te॥
English Translation:
The illusory power of the universe, the basis for all wealth,
and worshipped by deities, Salutations to you (Mahālakṣmī).
who has a conch, discus, and mace in hand. Oh Mahālakṣmī, obeisances to you.
Hindi Translation:
जो महामाया है, सभी वैभव का आधार है,
जो देवताओं द्वारा पूजित है, (महालक्ष्मी) आपको नमन है।
जिसके हाथों में शंख, चक्र और गदा हैं। हे महालक्ष्मी, तुम्हे नमन है।
Source: Mahālakṣmyaṣṭakam 1
November 11, 2023
November 11, 2023
November 11, 2023
🍃प्रदोषे दीपकश्चंद्र: प्रभाते दीपको रवि:।
त्रैलोक्ये दीपको धर्म: सुपुत्र: कुलदीपक:॥
🔆 सन्धिकाले चन्द्रः प्रकाशयति प्रभातकाले सूर्यः प्रकाशयति धर्मः तु त्रीन् अपि लोकान् प्रकाशयति तथा च सुपुत्रस्तु सम्पूर्णं कुलमेव प्रकाशयति।
⚜शाम को चन्द्रमा प्रकाशित करता है, दिन को सूर्य प्रकाशित करता है, तीनों लोकों को धर्म प्रकाशित करता है और सुपुत्र पूरे कुल को प्रकाशित करता है ।
#Subhashitam
त्रैलोक्ये दीपको धर्म: सुपुत्र: कुलदीपक:॥
🔆 सन्धिकाले चन्द्रः प्रकाशयति प्रभातकाले सूर्यः प्रकाशयति धर्मः तु त्रीन् अपि लोकान् प्रकाशयति तथा च सुपुत्रस्तु सम्पूर्णं कुलमेव प्रकाशयति।
⚜शाम को चन्द्रमा प्रकाशित करता है, दिन को सूर्य प्रकाशित करता है, तीनों लोकों को धर्म प्रकाशित करता है और सुपुत्र पूरे कुल को प्रकाशित करता है ।
#Subhashitam
November 11, 2023
भारतं सर्वक्षेत्रेषु श्रेष्ठत्वम् आप्यात्।
कः लकारः प्रयुक्तः।
कः लकारः प्रयुक्तः।
Anonymous Quiz
30%
विधिलिङ्लकारः
50%
आशीर्लिङ्लकारः
16%
लुट्लकारः
5%
लोट्लकारः
November 12, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
धिक् (धिक्कार है)- के योग में द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। ----------------------------- (१) पापी को धिक्कार है = धिक् पापिनम्। (२) इस युग में गरीब होना धिक्कार है = अस्मिन् युगे निर्धनत्वं धिक्। (३)देश से प्रेम नहीं करने वालों को धिक्कार है =…
(१०)विश्वासघात करने वालों पर धिक्कार है
= धिग् विश्ववासघातिन:।
(११)देर तक सोने वाले विद्यार्थी को धिक्कार है
= चिरशायिन: छात्रान् धिक् ।
(१२)भ्रामक खबर फैलाने वाले मीडिया को धिक्कार है
= भ्रामकसन्दिष्टाणि प्रसारकाणि सञ्चारमाध्यमानि धिक्।
(१३)कीमती समय बर्बाद करने वाले छात्रों को धिक्कार है
= बहुमूल्यं समयनाशकान् छात्रान् धिक्।
(१४)बिना काम के बोलने वालों को धिक्कार है
= धिग् अतिवादिन:।
(१५)गौ सेवा न करने वालों पर धिक्कार है
= धिग् अगोसेवकान्।
(१६)धिक्कार है ऐसे लोगों को जो अपनी मां के दूध, पिता के संस्कारों और गुरु की शिक्षा को कलंकित कर रहे हैं
= धिक् तान् ये मातुः दुग्धं पितुः संस्कारं गुरोः च शिक्षां कलङ्कयन्ति।
(१७)धिक्कार है ऐसे पत्रकार और संपादक पर जो गलत हेडलाइन लिखकर लोगों को गुमराह करते हैं
= धिक् तान् वार्ताहरान् सम्पादकान् च ये वितथं शीर्षकं लिखित्वा जनान् भ्रामयन्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
= धिग् विश्ववासघातिन:।
(११)देर तक सोने वाले विद्यार्थी को धिक्कार है
= चिरशायिन: छात्रान् धिक् ।
(१२)भ्रामक खबर फैलाने वाले मीडिया को धिक्कार है
= भ्रामकसन्दिष्टाणि प्रसारकाणि सञ्चारमाध्यमानि धिक्।
(१३)कीमती समय बर्बाद करने वाले छात्रों को धिक्कार है
= बहुमूल्यं समयनाशकान् छात्रान् धिक्।
(१४)बिना काम के बोलने वालों को धिक्कार है
= धिग् अतिवादिन:।
(१५)गौ सेवा न करने वालों पर धिक्कार है
= धिग् अगोसेवकान्।
(१६)धिक्कार है ऐसे लोगों को जो अपनी मां के दूध, पिता के संस्कारों और गुरु की शिक्षा को कलंकित कर रहे हैं
= धिक् तान् ये मातुः दुग्धं पितुः संस्कारं गुरोः च शिक्षां कलङ्कयन्ति।
(१७)धिक्कार है ऐसे पत्रकार और संपादक पर जो गलत हेडलाइन लिखकर लोगों को गुमराह करते हैं
= धिक् तान् वार्ताहरान् सम्पादकान् च ये वितथं शीर्षकं लिखित्वा जनान् भ्रामयन्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 12, 2023
13. नि (ni): This prefix is often used in the sense, ‘down’ e.g. – नि + √पत् (ni + √pat) वृक्षात् फलं निपतति। (vṛkṣāt phalaṃ nipatati।) This means, “The fruit falls down from the tree.”
Here, the word, ‘पतति’ means falling and with the addition of the prefix, the meaning has become, ‘falling down’.
14. अधि (adhi): This prefix is often used in the sense, ‘above’ e.g. – The word, ‘अध्यात्मा’ means the supreme soul. Here, with the addition of the prefix, the meaning is ‘the soul that is above all’ or the supreme soul.
15. अति (ati): This prefix is often used to show the excess of something e.g. – The word, ‘अतिवाद’ means a fight or an argument. Here, the word, ‘वाद’ can mean conversation or talk, but when it becomes too much, it is an argument, as indicated by the prefix.
16. अपि (api): This prefix is often used in the sense, ‘also’.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Here, the word, ‘पतति’ means falling and with the addition of the prefix, the meaning has become, ‘falling down’.
14. अधि (adhi): This prefix is often used in the sense, ‘above’ e.g. – The word, ‘अध्यात्मा’ means the supreme soul. Here, with the addition of the prefix, the meaning is ‘the soul that is above all’ or the supreme soul.
15. अति (ati): This prefix is often used to show the excess of something e.g. – The word, ‘अतिवाद’ means a fight or an argument. Here, the word, ‘वाद’ can mean conversation or talk, but when it becomes too much, it is an argument, as indicated by the prefix.
16. अपि (api): This prefix is often used in the sense, ‘also’.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 12, 2023
हास्यसूचना
लोकयाने अस्माकं निद्रा भवन्ति चेत् सुख-यात्रा।
चालकस्य निद्रा भवति चेत्
अन्तिम-यात्रा😀😀
#hasya
लोकयाने अस्माकं निद्रा भवन्ति चेत् सुख-यात्रा।
चालकस्य निद्रा भवति चेत्
अन्तिम-यात्रा😀😀
#hasya
November 12, 2023
November 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 13 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - विशाखा 14 नवम्बर प्रातः 03:23 तक
⛅ योग - सौभाग्य शाम 03:23 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 08:15 से 09:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:51
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 06:00 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कार्तिक अमावस्या, दर्श अमावस्या, बलि-पूजा, अन्नकूट, गौक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से दोपहर 02-56 तक)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 13 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - विशाखा 14 नवम्बर प्रातः 03:23 तक
⛅ योग - सौभाग्य शाम 03:23 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 08:15 से 09:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:51
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 06:00 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कार्तिक अमावस्या, दर्श अमावस्या, बलि-पूजा, अन्नकूट, गौक्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से दोपहर 02-56 तक)
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : आश्विन शुक्ल चतुर्दशी
November 12, 2023
November 12, 2023
🍃नाकेशग्रहणाच्छास्त्रं प्रवर्तयति कञ्चन।
उन्मीलयति तच्चक्षुर् येन मार्गं स पश्यति॥
🔆शास्त्राणि कस्यापि केशान् गृहीत्वा न तं सन्मार्गे प्रवर्तयति अपितु तस्य चक्षुषी उन्मीलयति येन सः सन्मार्गं पश्यति।
⚜The shastra does not direct one by grabbing one’s hair. It just opens one’s eyes, through which one perceives the right path.
#Subhashitam
उन्मीलयति तच्चक्षुर् येन मार्गं स पश्यति॥
🔆शास्त्राणि कस्यापि केशान् गृहीत्वा न तं सन्मार्गे प्रवर्तयति अपितु तस्य चक्षुषी उन्मीलयति येन सः सन्मार्गं पश्यति।
⚜The shastra does not direct one by grabbing one’s hair. It just opens one’s eyes, through which one perceives the right path.
#Subhashitam
November 12, 2023
November 13, 2023
कड़वी सच्चाई = कटु सत्यता
---------------------------------
माता-पिता की नसीहत सबको बुरी लगती है,परन्तु माता-पिता की वसीयत सबको अच्छी लगती है।
••सर्वेभ्य: पित्रो: परामर्श: न रोचते, परन्तु पित्रो: इच्छापत्रं सर्वेभ्यो रोचते।
किस्मत और पत्नी भले ही परेशान करती है ,लेकिन जब साथ देती हैं तो जिन्दगी बदल जाती है।
••काममेव भाग्यम् अर्धाङ्गिनी च क्लेशयत:,परन्तु यदि सहयोगं कुर्यातां तर्हि जीवनं सफलीकुरुत:।
दुनिया के लोग बड़े जालिम हैं।
वे तुम्हारे दुःख दर्द रो रो कर पूछेंगे और हंस हंस कर सारी दुनिया को बतायेंगे।
•• विश्वस्य जना: अतीव क्रूरा: सन्ति।ते रुदित्वा-रुदित्वा तव पीडां प्रक्ष्यन्ति,परन्तु हसित्वा-हसित्वा सकलं जगत् सूचयिष्यन्ति।
जिन्दगी की लड़ाई में वो कभी नहीं हारते,जिसके पास धैर्य और संतोष जैसे हथियार होते हैं।
•• यस्य पार्श्वे धैर्यं संतोष: च इव अस्त्राणि भवन्ति , स जीवनसङ्घर्षे कदापि न पराजितो भवति।
पानी अपना सम्पूर्ण जीवन देकर वृक्ष को बड़ा करता है, इसलिए शायद पानी लकड़ी को कभी डूबने नहीं देता। मां-बाप का भी कुछ ऐसा ही सिद्धान्त हैं।
•• जलं स्वसम्पूर्णजीवनं दत्वा वृक्षं वर्धयति,अत एव अनुमानतः जलं काष्ठं न निमज्जयति।पित्रो: अपि कश्चन एवमेव सिद्धान्तोऽस्ति।
जीवन में सुख प्राप्त करने के चार रास्ते।सदा दिमाग ठंडा रखिए। सदा वक्त की कदर कीजिए। भविष्य के लिए बचत कीजिए और पांव सदा जमीन पर रखिए।
•• जीवने सुखमयजीवनस्य कृते चत्वारो मार्गा: सन्ति।सदा मस्तिष्कं शीतलीकरोतु।सदा समयनिष्ठो भवेत्।भविष्यजीवनस्य कृते धनसञ्चयं कुर्यात् तथा सदैव विनम्रो भवेत्।
कहा जाता है कि झूठ के पांव नहीं होते हैं।फिर भी चलता खूब है।
•• कथ्यते यत् असत्यस्य पादा: न भवन्ति (असत्यवादिन: सरट: इव रङ्गस्य सदृश: स्ववाक्यान् परिवर्तयन्ति) ,तथापि असत्यस्य भृशं प्रचलनमस्ति।
वक्त मौसम और लोग सब एक जैसे ही हैं।कब कौन कहां बदल जाये कह नहीं सकते।
•• काल: ऋतु: जन: च सर्वे एकसमाना: एव सन्ति।कदा क: कुत्र च परिवर्तयेत , वक्तुं न शक्यते।
जब इंसान का स्वार्थ पूरा हो जाता है।तब वह आपसे मिलना तो दूर,आपसे बोलना भी छोड़ देता है।
•• यदा मानवस्य स्वार्थपूर्ति: भवति, तदा सम्पर्क: तु दूरतर: , स भवन्तं वार्त्तालापमपि न करोति।
जहां सब कुछ माफ हो जाता है वो जगह है मां का दिल।
•• यत्र सर्वदोष: क्षम्यते, तत् स्थानमस्ति मातु: हृदयम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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माता-पिता की नसीहत सबको बुरी लगती है,परन्तु माता-पिता की वसीयत सबको अच्छी लगती है।
••सर्वेभ्य: पित्रो: परामर्श: न रोचते, परन्तु पित्रो: इच्छापत्रं सर्वेभ्यो रोचते।
किस्मत और पत्नी भले ही परेशान करती है ,लेकिन जब साथ देती हैं तो जिन्दगी बदल जाती है।
••काममेव भाग्यम् अर्धाङ्गिनी च क्लेशयत:,परन्तु यदि सहयोगं कुर्यातां तर्हि जीवनं सफलीकुरुत:।
दुनिया के लोग बड़े जालिम हैं।
वे तुम्हारे दुःख दर्द रो रो कर पूछेंगे और हंस हंस कर सारी दुनिया को बतायेंगे।
•• विश्वस्य जना: अतीव क्रूरा: सन्ति।ते रुदित्वा-रुदित्वा तव पीडां प्रक्ष्यन्ति,परन्तु हसित्वा-हसित्वा सकलं जगत् सूचयिष्यन्ति।
जिन्दगी की लड़ाई में वो कभी नहीं हारते,जिसके पास धैर्य और संतोष जैसे हथियार होते हैं।
•• यस्य पार्श्वे धैर्यं संतोष: च इव अस्त्राणि भवन्ति , स जीवनसङ्घर्षे कदापि न पराजितो भवति।
पानी अपना सम्पूर्ण जीवन देकर वृक्ष को बड़ा करता है, इसलिए शायद पानी लकड़ी को कभी डूबने नहीं देता। मां-बाप का भी कुछ ऐसा ही सिद्धान्त हैं।
•• जलं स्वसम्पूर्णजीवनं दत्वा वृक्षं वर्धयति,अत एव अनुमानतः जलं काष्ठं न निमज्जयति।पित्रो: अपि कश्चन एवमेव सिद्धान्तोऽस्ति।
जीवन में सुख प्राप्त करने के चार रास्ते।सदा दिमाग ठंडा रखिए। सदा वक्त की कदर कीजिए। भविष्य के लिए बचत कीजिए और पांव सदा जमीन पर रखिए।
•• जीवने सुखमयजीवनस्य कृते चत्वारो मार्गा: सन्ति।सदा मस्तिष्कं शीतलीकरोतु।सदा समयनिष्ठो भवेत्।भविष्यजीवनस्य कृते धनसञ्चयं कुर्यात् तथा सदैव विनम्रो भवेत्।
कहा जाता है कि झूठ के पांव नहीं होते हैं।फिर भी चलता खूब है।
•• कथ्यते यत् असत्यस्य पादा: न भवन्ति (असत्यवादिन: सरट: इव रङ्गस्य सदृश: स्ववाक्यान् परिवर्तयन्ति) ,तथापि असत्यस्य भृशं प्रचलनमस्ति।
वक्त मौसम और लोग सब एक जैसे ही हैं।कब कौन कहां बदल जाये कह नहीं सकते।
•• काल: ऋतु: जन: च सर्वे एकसमाना: एव सन्ति।कदा क: कुत्र च परिवर्तयेत , वक्तुं न शक्यते।
जब इंसान का स्वार्थ पूरा हो जाता है।तब वह आपसे मिलना तो दूर,आपसे बोलना भी छोड़ देता है।
•• यदा मानवस्य स्वार्थपूर्ति: भवति, तदा सम्पर्क: तु दूरतर: , स भवन्तं वार्त्तालापमपि न करोति।
जहां सब कुछ माफ हो जाता है वो जगह है मां का दिल।
•• यत्र सर्वदोष: क्षम्यते, तत् स्थानमस्ति मातु: हृदयम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 13, 2023
17. सु (su): This prefix is often used to express a positive tone in the word e.g. – The word, ‘सुकृत्’ (sukṛt), this means, “Pious”. Here, with the addition of the prefix, the word has got a positive shade and means, ‘pious’ as in ‘doer of good’.
18. उत् (ut): This prefix is often used in the sense, ‘up’ or ‘above’ e.g. – उत् + √पत्। (ut + √pat।) वानरः सर्वत्र उत्पतति। (vānaraḥ sarvatra utpatati।) This means, “The monkey is jumping everywhere.” The word, ‘पतति’ means ‘falling’ by itself, but when the prefix is added, it literally means, ‘falling up’ but its meaning is, ‘jumping’.
19. अभि (abhi): This prefix is often used in the sense, ‘towards’ e.g. अभि + √गम् (गच्छ्)। (abhi + √gam (gacch)।) बालिका वृक्षं अभिगच्छति। (bālikā vṛkṣaṃ abhigacchati।) This means, “The girl is going towards the tree.” Here, the word, ‘गच्छति’ means is ‘going’ by itself, but with the addition of the prefix, it means, ‘to go towards’.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
18. उत् (ut): This prefix is often used in the sense, ‘up’ or ‘above’ e.g. – उत् + √पत्। (ut + √pat।) वानरः सर्वत्र उत्पतति। (vānaraḥ sarvatra utpatati।) This means, “The monkey is jumping everywhere.” The word, ‘पतति’ means ‘falling’ by itself, but when the prefix is added, it literally means, ‘falling up’ but its meaning is, ‘jumping’.
19. अभि (abhi): This prefix is often used in the sense, ‘towards’ e.g. अभि + √गम् (गच्छ्)। (abhi + √gam (gacch)।) बालिका वृक्षं अभिगच्छति। (bālikā vṛkṣaṃ abhigacchati।) This means, “The girl is going towards the tree.” Here, the word, ‘गच्छति’ means is ‘going’ by itself, but with the addition of the prefix, it means, ‘to go towards’.
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November 13, 2023
पत्नी --कृपया भवतः मित्रस्य कृते उपदेशयतु ह्यः अस्माभिः द्रष्टा महिला विवाहार्थं सम्यक् नास्तीति।🤦♀️
पतिः --न,न अहं न उपदेशयामि।😌
पत्नी --किमर्थम् एवम्?।🤷♂️
पतिः --मम विवाह-समये सः तादृशं न उक्तवान्।😇😇
#hasya
पतिः --न,न अहं न उपदेशयामि।😌
पत्नी --किमर्थम् एवम्?।🤷♂️
पतिः --मम विवाह-समये सः तादृशं न उक्तवान्।😇😇
#hasya
November 13, 2023
November 13, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 02:36 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 14 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा प्रातः 03:23 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - शोभन दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:52
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:00 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गुजराती नूतन वर्ष वि.सं. २०८० प्रारम्भ, जैन वीर संवत २५५०, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), भाईदूज, यम-भरत द्वितीया
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिन - मंगलवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - विशाखा प्रातः 03:23 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - शोभन दोपहर 01:57 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:33 तक
⛅ सूर्योदय - 06:52
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:00 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गुजराती नूतन वर्ष वि.सं. २०८० प्रारम्भ, जैन वीर संवत २५५०, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), भाईदूज, यम-भरत द्वितीया
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा
November 13, 2023
November 13, 2023
November 13, 2023
🍃असंशयं महाबाहो मनो दुर्निग्रहं चलम् ।
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते।।
🔆 हे महाबाहो निश्चयं हि एकत्र मनः साधयितुं क्लेशकारकमस्ति किन्तु अस्य ग्रहणं अनवरताभ्यासेन वैराग्येण च कर्तुं शक्यते।
⚜इसमें कोई संशय नही है कि मन अत्यन्त चंचल है और कठिनता से वश में होने वाला है लेकिन उसे निरन्तर अभ्यास द्वारा वैराग्य से वश में किया जा सकता है।
#Subhashitam
अभ्यासेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते।।
🔆 हे महाबाहो निश्चयं हि एकत्र मनः साधयितुं क्लेशकारकमस्ति किन्तु अस्य ग्रहणं अनवरताभ्यासेन वैराग्येण च कर्तुं शक्यते।
⚜इसमें कोई संशय नही है कि मन अत्यन्त चंचल है और कठिनता से वश में होने वाला है लेकिन उसे निरन्तर अभ्यास द्वारा वैराग्य से वश में किया जा सकता है।
#Subhashitam
November 13, 2023
November 14, 2023
(उप+स्था)- आत्मनेपदी -अलग अलग अर्थों में इसका प्रयोग होता है।
---------------------------------
(१) उपासना करना= ब्राह्मण सूर्य की उपासना करता है।
•• आदित्यम् उपतिष्ठते विप्र:।
(२)पूजा करना=विद्यार्थी सरस्वती की पूजा करते हैं।
••सरस्वतीम् उपतिष्ठन्ते छात्रा:।
(३)मिलना=गंगा यमुना से मिलती है।
•• गंगा यमुनाम् उपतिष्ठते।
(४)दोस्ती करना=चोर चोर से दोस्ती करते हैं।
••चौरा: चौरान् उपतिष्ठन्ते।
(५)रास्ते का जाना=यह राह अयोध्या को जाती है।
•• अयं पन्था: साकेतम् उपतिष्ठते।
(६)उपस्थित होना=वह भोजन के समय उपस्थित हो जाता है।
•• स भोजनकाले उपतिष्ठते।
----------------+-++-------------
तिष्ठते=(१)इशारा करना(चतुर्थी),(२)निर्णायक स्वीकार करना(सप्तमी)
---------------------------
(७)इशारा करना= कक्षा में पढ़ाई हुई बात समझ में नहीं आने पर राम हाथ उठाकर शिक्षक को इशारा करता है।
•• कक्षायां पाठितविषयस्य नावगमने राम: हस्तमुत्थापय शिक्षकाय तिष्ठते।
(८)पंच स्वीकार लेता है= कौन तेज दौड़ने वाला है- इसके लिए खरहा और कछुआ कौए को पंच स्वीकार लेते हैं।
•• क: तीव्रधावक: ?- अस्य कृते शशक: कच्छप: च वायसे तिष्ठेते।
---------------+++++-----------
(आङ्+हन्)=- अपने ही शरीर पर चोट पहुंचने पर आत्मनेपदी होता है।
-------------------------------
(९)वह हथियार से घायल होता है
=स शस्त्रेण आहते।
(१०)विधवा अपना सिर पीटती है
= विधवा स्वशिर: आहते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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(१) उपासना करना= ब्राह्मण सूर्य की उपासना करता है।
•• आदित्यम् उपतिष्ठते विप्र:।
(२)पूजा करना=विद्यार्थी सरस्वती की पूजा करते हैं।
••सरस्वतीम् उपतिष्ठन्ते छात्रा:।
(३)मिलना=गंगा यमुना से मिलती है।
•• गंगा यमुनाम् उपतिष्ठते।
(४)दोस्ती करना=चोर चोर से दोस्ती करते हैं।
••चौरा: चौरान् उपतिष्ठन्ते।
(५)रास्ते का जाना=यह राह अयोध्या को जाती है।
•• अयं पन्था: साकेतम् उपतिष्ठते।
(६)उपस्थित होना=वह भोजन के समय उपस्थित हो जाता है।
•• स भोजनकाले उपतिष्ठते।
----------------+-++-------------
तिष्ठते=(१)इशारा करना(चतुर्थी),(२)निर्णायक स्वीकार करना(सप्तमी)
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(७)इशारा करना= कक्षा में पढ़ाई हुई बात समझ में नहीं आने पर राम हाथ उठाकर शिक्षक को इशारा करता है।
•• कक्षायां पाठितविषयस्य नावगमने राम: हस्तमुत्थापय शिक्षकाय तिष्ठते।
(८)पंच स्वीकार लेता है= कौन तेज दौड़ने वाला है- इसके लिए खरहा और कछुआ कौए को पंच स्वीकार लेते हैं।
•• क: तीव्रधावक: ?- अस्य कृते शशक: कच्छप: च वायसे तिष्ठेते।
---------------+++++-----------
(आङ्+हन्)=- अपने ही शरीर पर चोट पहुंचने पर आत्मनेपदी होता है।
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(९)वह हथियार से घायल होता है
=स शस्त्रेण आहते।
(१०)विधवा अपना सिर पीटती है
= विधवा स्वशिर: आहते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 14, 2023
20. प्रति (prati): This prefix often is used in the sense, ‘towards’ similar to the prefix, ‘अभि’. It is also used in a reciprocating sense e.g. प्रति + उत् + √तर् (prati + ut + √tar)। शिक्षकः प्रश्नं पृष्ट्वा छात्रः प्रत्युत्तरति। (śikṣakaḥ praśnaṃ pṛṣṭvā chātraḥ pratyuttarati।) This means, “After the teacher asks his question to the student, he answers him.”
Here, with the addition of the prefix, it means, ‘answers in return’.
21. परि (pari): This prefix is often used in the sense, ‘around’ e.g. परि + √वर्त्। (pari + √vart।) The word, ‘परिवर्तनम्’ is formed from the prefix and root mentioned previously and means change. The word, ‘वर्त्’ means to be, so the word, literally means, to be in a state of moving around or revolution which figuratively means change.
22. उप (upa): This prefix is often used in the sense, ‘towards’ e.g. उप + √कृ। (upa + √kṛ।) सज्जनः सर्वान् उपकरोति। (sajjanaḥ sarvān upakaroti।) This means, “The pious person helps everyone”. Here, the word, ‘करोति’ means ‘does’ by itself, but with the addition of the prefix, it means doing something towards everyone or for everyone, which can become helping everyone.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Here, with the addition of the prefix, it means, ‘answers in return’.
21. परि (pari): This prefix is often used in the sense, ‘around’ e.g. परि + √वर्त्। (pari + √vart।) The word, ‘परिवर्तनम्’ is formed from the prefix and root mentioned previously and means change. The word, ‘वर्त्’ means to be, so the word, literally means, to be in a state of moving around or revolution which figuratively means change.
22. उप (upa): This prefix is often used in the sense, ‘towards’ e.g. उप + √कृ। (upa + √kṛ।) सज्जनः सर्वान् उपकरोति। (sajjanaḥ sarvān upakaroti।) This means, “The pious person helps everyone”. Here, the word, ‘करोति’ means ‘does’ by itself, but with the addition of the prefix, it means doing something towards everyone or for everyone, which can become helping everyone.
🌐 Sanskritwisdom.com
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November 14, 2023
November 14, 2023
November 14, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 01:47 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 15 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा प्रातः 03:24 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 12:08 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:54
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:01 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भाईदूज, यम-भरत द्वितीया, चन्द्र दर्शन (चन्द्रोदय - शाम 05:55 से रात्रि 07:19)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 01:47 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 15 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अनुराधा प्रातः 03:24 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - अतिगण्ड दोपहर 12:08 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - दोपहर 12:24 से 01:47 तक
⛅ सूर्योदय - 06:54
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:09 से 06:01 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:58 से 12:50 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - भाईदूज, यम-भरत द्वितीया, चन्द्र दर्शन (चन्द्रोदय - शाम 05:55 से रात्रि 07:19)
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल द्वितीया
November 14, 2023
November 14, 2023
November 14, 2023
🍃सम्पत्सु महतां चित्तं भवत्युत्पलकोमलम्
आपत्सु च महाशैलशिलासङ्घातकर्कशम्।।
~भर्तृहरि:(नीतिशतकम्)
🔆 अनुकूलसमये सम्पत्त्याः वर्धनसमये च महापुरुषाणां मनः कमलपत्रमिव भवति कोमलं किन्तु विपत्तीनाम् आगमने तत् एव चित्तं पाषाणखण्डमिव कठोरं भवति।
⚜सम्पत्ति आने पर महापुरुषों का चरित्र एवं मन कमल-पुष्प की तरह कोमल एवं उदार हो जाता है,,जबकि विपत्तियों में वहीं चित्त विशाल पाषाण खण्डों की तरह अभेद्य एवं कठोर हो जाता है।
#Subhashitam
आपत्सु च महाशैलशिलासङ्घातकर्कशम्।।
~भर्तृहरि:(नीतिशतकम्)
🔆 अनुकूलसमये सम्पत्त्याः वर्धनसमये च महापुरुषाणां मनः कमलपत्रमिव भवति कोमलं किन्तु विपत्तीनाम् आगमने तत् एव चित्तं पाषाणखण्डमिव कठोरं भवति।
⚜सम्पत्ति आने पर महापुरुषों का चरित्र एवं मन कमल-पुष्प की तरह कोमल एवं उदार हो जाता है,,जबकि विपत्तियों में वहीं चित्त विशाल पाषाण खण्डों की तरह अभेद्य एवं कठोर हो जाता है।
#Subhashitam
November 14, 2023
November 15, 2023
अव्यय
---------
नहीं तो/अन्यथा------
(१) जल्दी करो नहीं तो गाड़ी छूट जायेगी
= जल्दी करो, नहीं तो गाड़ी छुट जाएगी
••शीघ्रं कुरु/कुरुत नोचेत् यानं निष्क्रमिष्यते।
•• शीघ्रं कुरु नोचेत् त्वं यानं न प्राप्स्यसि ।
(२) यहां से चले जाओ, नहीं तो निकाल दिए जाओगे
= इत: बहिर्गच्छ नोचेत् त्वं निष्कासनं करिष्यसे।
----------------------------
कहीं------न/ऐसा न हो कि
(३)••कड़ी मेहनत करो, कहीं फेल न कर जाओ।
••कड़ी मेहनत करो, ऐसा न हो कि फेल कर जाओ।
= कठोरं परिश्रमं कुरु नोचेत् त्वं अनुत्तीर्णं भवितुं शक्ष्यसि।
-------
(५)बल्कि/इसके विपरीत-----
उसने मेरा नुकसान नहीं किया,बल्कि मेरी मदद की
= स मां न विहिंसितवान् , अपितु मम साहाय्यं कृतवान्।
----
(६)कहीं का----
मूर्ख कहीं का
= अयि मूर्खराज!
--------
(७)तब कहीं----
तब कहीं उसने अपनी जान बचाई
= अन्तत: स स्वप्राणान् रक्षितवान्।
-----
(८)वह कभी मेरा दोस्त था
= कदाचित् स मम मित्रम् आसीत्।
----
(९)कभी भी---
वह कभी भी आ सकता है
= स कदापि आगन्तुं शक्नोति।
------
(१०)कभी भी नहीं----
वह मेरी मदद कभी भी नहीं कर सकता
= स मम साहाय्यं कदापि न कर्तुं शक्नोति।
-----
(११)कभी कभी
वह मेरे यहां कभी कभी आया करता है
= स मम अत्र यदा-कदा आगच्छति।
-----
(१२)कभी-न-कभी/एक-न-एक दिन----
वह कभी-न-कभी पछतायेगा अवश्य
=स कदाचित् अवश्यमेव अनुशोचिष्यति/परितपिष्यति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
---------
नहीं तो/अन्यथा------
(१) जल्दी करो नहीं तो गाड़ी छूट जायेगी
= जल्दी करो, नहीं तो गाड़ी छुट जाएगी
••शीघ्रं कुरु/कुरुत नोचेत् यानं निष्क्रमिष्यते।
•• शीघ्रं कुरु नोचेत् त्वं यानं न प्राप्स्यसि ।
(२) यहां से चले जाओ, नहीं तो निकाल दिए जाओगे
= इत: बहिर्गच्छ नोचेत् त्वं निष्कासनं करिष्यसे।
----------------------------
कहीं------न/ऐसा न हो कि
(३)••कड़ी मेहनत करो, कहीं फेल न कर जाओ।
••कड़ी मेहनत करो, ऐसा न हो कि फेल कर जाओ।
= कठोरं परिश्रमं कुरु नोचेत् त्वं अनुत्तीर्णं भवितुं शक्ष्यसि।
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(५)बल्कि/इसके विपरीत-----
उसने मेरा नुकसान नहीं किया,बल्कि मेरी मदद की
= स मां न विहिंसितवान् , अपितु मम साहाय्यं कृतवान्।
----
(६)कहीं का----
मूर्ख कहीं का
= अयि मूर्खराज!
--------
(७)तब कहीं----
तब कहीं उसने अपनी जान बचाई
= अन्तत: स स्वप्राणान् रक्षितवान्।
-----
(८)वह कभी मेरा दोस्त था
= कदाचित् स मम मित्रम् आसीत्।
----
(९)कभी भी---
वह कभी भी आ सकता है
= स कदापि आगन्तुं शक्नोति।
------
(१०)कभी भी नहीं----
वह मेरी मदद कभी भी नहीं कर सकता
= स मम साहाय्यं कदापि न कर्तुं शक्नोति।
-----
(११)कभी कभी
वह मेरे यहां कभी कभी आया करता है
= स मम अत्र यदा-कदा आगच्छति।
-----
(१२)कभी-न-कभी/एक-न-एक दिन----
वह कभी-न-कभी पछतायेगा अवश्य
=स कदाचित् अवश्यमेव अनुशोचिष्यति/परितपिष्यति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 15, 2023
उपपदविभक्तयः (upapadavibhaktayaḥ)
These are words which require a particular case when they are used.
Following are some examples according to the case:
द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः (paritaḥ). This word means, “On all four sides”. Here, the thing that is surrounded on all four sides requires this case.
आम्रवृक्षं परितः वानराः सन्ति। (āmravṛkṣaṃ paritaḥ vānarāḥ santi।) this means, “The monkeys are on all four sides of the mango tree”. Here, the word, “आम्रवृक्षम्” is in the second case as it signifies the thing on all four sides of which the monkeys are.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
These are words which require a particular case when they are used.
Following are some examples according to the case:
द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः (paritaḥ). This word means, “On all four sides”. Here, the thing that is surrounded on all four sides requires this case.
आम्रवृक्षं परितः वानराः सन्ति। (āmravṛkṣaṃ paritaḥ vānarāḥ santi।) this means, “The monkeys are on all four sides of the mango tree”. Here, the word, “आम्रवृक्षम्” is in the second case as it signifies the thing on all four sides of which the monkeys are.
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November 15, 2023
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November 15, 2023
November 15, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - दीपावलिः
🗓१६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (दीपावल्याः आचरणं कथं भवतां प्रदेशे भवतीति वक्तव्यम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - दीपावलिः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 15, 2023
November 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 16 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा प्रातः 03:01 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 10:00 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:53
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 16 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा प्रातः 03:01 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - सुकर्मा सुबह 10:00 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - दोपहर 01:47 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:53
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल तृतीया
November 15, 2023
November 15, 2023
November 15, 2023
November 15, 2023
November 15, 2023
November 16, 2023
🍃अभ्युपयुक्ताः सद्भिर्गतागतैरहरहः प्रखिन्दानाः।
कृपणजनसन्निकर्ष प्राप्यार्थाः प्रस्वपन्तीव।।
🔆 निरन्तरं सज्जनैः उपयोगे नीयमानं धनं इतस्ततः गत्वा श्रान्तः भवति किन्तु तदेव कृपणहस्ते गत्वा विश्रामं करोति।
कविः व्यङ्गरूपेण कृपणतां समापयितुं कथयति।
⚜अच्छे लोगों द्वारा नियमित उपयोग किए जाने और प्रतिदिन क्रय-विक्रय में थका हुआ धन, किसी कंजूस के चंगुल में पड़कर आराम यानी सोता हुआ प्रतीत होता है।
#Subhashitam
कृपणजनसन्निकर्ष प्राप्यार्थाः प्रस्वपन्तीव।।
🔆 निरन्तरं सज्जनैः उपयोगे नीयमानं धनं इतस्ततः गत्वा श्रान्तः भवति किन्तु तदेव कृपणहस्ते गत्वा विश्रामं करोति।
कविः व्यङ्गरूपेण कृपणतां समापयितुं कथयति।
⚜अच्छे लोगों द्वारा नियमित उपयोग किए जाने और प्रतिदिन क्रय-विक्रय में थका हुआ धन, किसी कंजूस के चंगुल में पड़कर आराम यानी सोता हुआ प्रतीत होता है।
#Subhashitam
November 15, 2023
जपतः नास्ति पातकम्। अत्र जपतः इत्यस्य पदस्य वचनं किम्।
Anonymous Quiz
12%
द्विवचनम्
28%
पञ्चमी
21%
षष्ठी
39%
एकवचनम्
November 16, 2023
November 16, 2023
(ध्यान आकृष्ट कैसे करें)
----------------------------
(१)क्षमा करें!क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतो नाम ज्ञातुं शक्नोमि।
(२)क्षमा करें!क्या मैं आपका मोबाइल उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः चलभाषस्य उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(३)क्षमा करें!क्या आप मुझे राह बता सकते हैं?
→ क्षम्यताम्!अपि भवान् मां मार्गं बोधितुं शक्नोति?
(४)क्षमा करें! क्या मैं आपकी कलम का उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः लेखन्याः उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(५)क्षमा करें!फिर से कहें।
→ क्षम्यताम्! पुनः कथयतु।
------------------------------
(समर्थन और विरोध में नारा कैसे लगाएं)
-------------------------------
(१) समाजवाद जिन्दाबाद।
→ साम्यवादो जयतु/जीवतु।
(२) लोकतंत्र जिन्दाबाद।
→ प्रजातन्त्रं जयतु /जीवतु।
(३) सामाजिक न्याय जिन्दाबाद।
→ सामाजिकन्यायो जयतु /जीवतु।
(४) पूंजीवाद मुर्दाबाद।
→ पूञ्जीतन्त्रं नश्यतु/म्रियताम्।
(५) तानाशाही मुर्दाबाद।
अधिनायकत्वं नश्यतु /म्रियताम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
----------------------------
(१)क्षमा करें!क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतो नाम ज्ञातुं शक्नोमि।
(२)क्षमा करें!क्या मैं आपका मोबाइल उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः चलभाषस्य उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(३)क्षमा करें!क्या आप मुझे राह बता सकते हैं?
→ क्षम्यताम्!अपि भवान् मां मार्गं बोधितुं शक्नोति?
(४)क्षमा करें! क्या मैं आपकी कलम का उपयोग कर सकता हूं?
→ क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः लेखन्याः उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?
(५)क्षमा करें!फिर से कहें।
→ क्षम्यताम्! पुनः कथयतु।
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(समर्थन और विरोध में नारा कैसे लगाएं)
-------------------------------
(१) समाजवाद जिन्दाबाद।
→ साम्यवादो जयतु/जीवतु।
(२) लोकतंत्र जिन्दाबाद।
→ प्रजातन्त्रं जयतु /जीवतु।
(३) सामाजिक न्याय जिन्दाबाद।
→ सामाजिकन्यायो जयतु /जीवतु।
(४) पूंजीवाद मुर्दाबाद।
→ पूञ्जीतन्त्रं नश्यतु/म्रियताम्।
(५) तानाशाही मुर्दाबाद।
अधिनायकत्वं नश्यतु /म्रियताम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 16, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
उपपदविभक्तयः (upapadavibhaktayaḥ) These are words which require a particular case when they are used. Following are some examples according to the case: द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) (Second Case): Some indeclinables require this case such as – परितः…
Some other indeclinables also require this case such as सर्वतः (sarvataḥ), उभयतः (ubhayataḥ), अभितः (abhitaḥ), धिक् (dhik), प्रति (prati), अधोऽधः (adho’dhaḥ), उपर्युपरि (uparyupari), विना (vinā), समया (samayā), निकषा (nikaṣā), विना (vinā), etc.
Some roots also require this case for their verb forms such as – √गम् (√gam) this means, “To go”. The place where we go requires this case e.g. अहं विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school”. Here, the word, “विद्यालयम्” is in the second case as it signifies the place where I go.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Some roots also require this case for their verb forms such as – √गम् (√gam) this means, “To go”. The place where we go requires this case e.g. अहं विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school”. Here, the word, “विद्यालयम्” is in the second case as it signifies the place where I go.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 16, 2023
November 16, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🗓१७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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November 16, 2023
November 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी सुबह 11:03 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 17 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात ऊत्तराषाढ़ा
⛅ योग - धृति सुबह 07:37 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - सुबह 11:02 से 12:24 तक
⛅ सूर्योदय - 06:54
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी-बृश्चिक संक्रांति
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी सुबह 11:03 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 17 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात ऊत्तराषाढ़ा
⛅ योग - धृति सुबह 07:37 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - सुबह 11:02 से 12:24 तक
⛅ सूर्योदय - 06:54
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:10 से 06:02 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी-बृश्चिक संक्रांति
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल चतुर्थी
November 16, 2023
November 16, 2023
November 16, 2023
November 16, 2023
🍃पश्यन्ति मां दश दिशो वनदैवताश्च
चन्द्रश्च दीप्तकिरणश्च दिवाकरोऽयम् ।
धर्मानिलौ च गगनं च तथान्तरात्मा
भूमिस्तथा सुकृतदुष्कृतसाक्षिभूता:।।
🔆 पुण्यस्य पापस्य च द्रष्टारः दश दिशः वनदेवताः चन्द्रः किरणैः प्रकाशितः सूर्यः धर्मः अग्निः आकाशः भूमिः तथा ममान्तरात्मा च भवन्ति।
⚜पुण्य और पाप की साक्षी दशों दिशाएँ, वनदेवता, चन्द्रमा, पूर्ण प्रकाशित किरणों वाला यह सूर्य, धर्म ,वायु , आकाश तथा अन्तरात्मा और भूमि मुझे देखती है।
#Subhashitam
चन्द्रश्च दीप्तकिरणश्च दिवाकरोऽयम् ।
धर्मानिलौ च गगनं च तथान्तरात्मा
भूमिस्तथा सुकृतदुष्कृतसाक्षिभूता:।।
🔆 पुण्यस्य पापस्य च द्रष्टारः दश दिशः वनदेवताः चन्द्रः किरणैः प्रकाशितः सूर्यः धर्मः अग्निः आकाशः भूमिः तथा ममान्तरात्मा च भवन्ति।
⚜पुण्य और पाप की साक्षी दशों दिशाएँ, वनदेवता, चन्द्रमा, पूर्ण प्रकाशित किरणों वाला यह सूर्य, धर्म ,वायु , आकाश तथा अन्तरात्मा और भूमि मुझे देखती है।
#Subhashitam
November 16, 2023
November 16, 2023
November 16, 2023
हरितः दूरं तिष्ठ। इत्यस्य सामान्यार्थी वाक्यः।
Anonymous Quiz
11%
हरिः दूरं तिष्ठतु।
17%
हरिः दूरं तिष्ठ।
56%
हरेः दूरं तिष्ठ।
16%
त्वं हरिः दूरं तिष्ठ।
November 17, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(ध्यान आकृष्ट कैसे करें) ---------------------------- (१)क्षमा करें!क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं? → क्षम्यताम्!अपि अहं भवतो नाम ज्ञातुं शक्नोमि। (२)क्षमा करें!क्या मैं आपका मोबाइल उपयोग कर सकता हूं? → क्षम्यताम्!अपि अहं भवतः चलभाषस्य उपयोगं कर्तुं शक्नोमि?…
(चेतावनी कैसे दें)
-------------------
(१)याद रखो।
→ स्मर/स्मर्यताम्।
(२)सावधान रहो।
→ सावधानेन भवतु/भव।
(३)कुत्तों से सावधान।
→ श्वानात्/कुक्कुरात् सावधानं भवितव्यम्।
(४) पॉकेटमारों से सावधान।
→ कोषचोरात् सावधानेन भाव्यम्|
------------------------------------------
(प्रशंसा कैसे करें)
--------------------
(१)शाबाश!
→ वाह!साधु कृतम्!
(२)कमाल!
→ अद्भुतम्!साधु कृतम्।
(३)आपने कितने साहस से काम किया!
→ कियता साहसेन कार्यमकार्षीत् भवान्!(लुङ् लकार)
(४)आपका कार्य प्रशंसा के योग्य है!
→ भवतः कार्यं प्रशंसनीयम् एव!
(५)आपका नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा।
→ भवतो नाम स्वर्णाक्षरैः लेखिष्यते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
-------------------
(१)याद रखो।
→ स्मर/स्मर्यताम्।
(२)सावधान रहो।
→ सावधानेन भवतु/भव।
(३)कुत्तों से सावधान।
→ श्वानात्/कुक्कुरात् सावधानं भवितव्यम्।
(४) पॉकेटमारों से सावधान।
→ कोषचोरात् सावधानेन भाव्यम्|
------------------------------------------
(प्रशंसा कैसे करें)
--------------------
(१)शाबाश!
→ वाह!साधु कृतम्!
(२)कमाल!
→ अद्भुतम्!साधु कृतम्।
(३)आपने कितने साहस से काम किया!
→ कियता साहसेन कार्यमकार्षीत् भवान्!(लुङ् लकार)
(४)आपका कार्य प्रशंसा के योग्य है!
→ भवतः कार्यं प्रशंसनीयम् एव!
(५)आपका नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा।
→ भवतो नाम स्वर्णाक्षरैः लेखिष्यते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 17, 2023
November 17, 2023
November 17, 2023
तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ) (Third Case):
Some indeclinables require this case, such as – सह (saha) this word means, “with”. Here, the thing or person with which the action is happening needs to be in this case.
अहं मित्रैः सह विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ mitraiḥ saha vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school with my friends”. Here, the word, “मित्रैः” is in the third case as it signifies the people whom I go to school with.
Some other indeclinables also require this case such as साकम् (sākam), सार्धम् (sārdham), समम् (samam), अलम् (alam), विना (vinā), etc.
This case is also used to show a physical disability of some kind. The part of the body which is disabled is in the third case, such as – भिक्षुकः एकेन नेत्रेण अन्धः। (bhikṣukaḥ ekena netreṇa andhaḥ।) this means, “The beggar is blind by one eye”. Here, the word, “नेत्रेण” is in the third case as it signifies the part of the body with the disability.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Some indeclinables require this case, such as – सह (saha) this word means, “with”. Here, the thing or person with which the action is happening needs to be in this case.
अहं मित्रैः सह विद्यालयं गच्छामि। (ahaṃ mitraiḥ saha vidyālayaṃ gacchāmi।) this means, “I go to school with my friends”. Here, the word, “मित्रैः” is in the third case as it signifies the people whom I go to school with.
Some other indeclinables also require this case such as साकम् (sākam), सार्धम् (sārdham), समम् (samam), अलम् (alam), विना (vinā), etc.
This case is also used to show a physical disability of some kind. The part of the body which is disabled is in the third case, such as – भिक्षुकः एकेन नेत्रेण अन्धः। (bhikṣukaḥ ekena netreṇa andhaḥ।) this means, “The beggar is blind by one eye”. Here, the word, “नेत्रेण” is in the third case as it signifies the part of the body with the disability.
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November 17, 2023
November 17, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - पाण्डवपञ्चमी
🗓१८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (पाण्डवानां जीवनसम्बद्धं कमपि विषयं वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - पाण्डवपञ्चमी
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 17, 2023
November 17, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 18 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ऊत्तराषाढ़ा रात्रि 12:07 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - गण्ड रात्रि 02:18 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 09:40 से 11:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:55
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - लाभपंचमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 18 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ऊत्तराषाढ़ा रात्रि 12:07 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - गण्ड रात्रि 02:18 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 09:40 से 11:02 तक
⛅ सूर्योदय - 06:55
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - लाभपंचमी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल पंचमी
November 17, 2023
November 17, 2023
November 17, 2023
November 17, 2023
November 17, 2023
November 17, 2023
🍃श्रावयेद् मृदुलां वाणीं सर्वदा प्रियमाचरेत् ।
पित्रोराज्ञानुकारी स्यात् स पुत्रः कुलपावनः॥
🔆 यः सर्वदा मृदुलां वाणीम् एव श्रावयति यः च सदा प्रियम् आचरति मातुः पितुः आज्ञां पालयति च यः सः पुत्रः कुलं पवित्रं करोति।
⚜जो मृदु वाणी बोलता है सदा प्रिय आचरण करता है, माता-पिता की आज्ञा मानता है, वह पुत्र कुल को पावन करता है ।
#Subhashitam
पित्रोराज्ञानुकारी स्यात् स पुत्रः कुलपावनः॥
🔆 यः सर्वदा मृदुलां वाणीम् एव श्रावयति यः च सदा प्रियम् आचरति मातुः पितुः आज्ञां पालयति च यः सः पुत्रः कुलं पवित्रं करोति।
⚜जो मृदु वाणी बोलता है सदा प्रिय आचरण करता है, माता-पिता की आज्ञा मानता है, वह पुत्र कुल को पावन करता है ।
#Subhashitam
November 17, 2023
November 18, 2023
November 18, 2023
(उपसर्ग+ क्रिया)- भिन्न यानि अलग अर्थ
-------------------------------
तरति=तैरता है।
-------------------
(१)अवतरति (उतरता है)-
हवाई जहाज कैसे उड़ता है और कैसे उतरता है ?=
वायुयानं केन विधिना उत्पतति केन च विधिना अवतरति?
(२) वितरति(बांटता है)-
राम बाजार से दो किलो आम लाकर परिवारों में बराबर बराबर भागों में बांट देता है =
राम: विपण्या: द्विकिलोपरिमितं रसालं क्रीत्वा परिवाराणां मध्ये सम-सम भागेषु वितरति।
(३)उत्तरति (उत्तर देता है)-
एक ऐसा भी गांव है जहां कोई संस्कृत में प्रश्न करता है तो दूसरा संस्कृत में ही उत्तर देता है =
एक: एतादृश: अपि ग्राम: अस्ति यत्र कश्चन संस्कृतेण प्रश्नं करोति चेत् अन्य: संस्कृतेण एव उत्तरति।
----------------------------------
सीदति= दुःखी होता है
----------------------------
(४)प्रसीदति (प्रसन्न होता है)-
अगर कोई व्यक्ति धार्मिक विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा करता है , परन्तु वह दूसरे को कष्ट देकर पैसा कमाता है , तो वैसे व्यक्ति पर लक्ष्मी कभी भी प्रसन्न नहीं होती है।=
यदि कश्चिज्जन: धार्मिकविधिना लक्ष्मीम् ईट्टे , परन्तु स अन्यायेन धनार्जनं करोति चेत् लक्ष्मीदेवी कदापि तस्मिन्नैव जने न प्रसीदति।
(५)निषीदति (दुःख होता है)-
जब भी मैं पिछली घटनाओं को याद करता हूं तो मुझे बहुत दुःख महसूस होता है =
यदापि अहम् अतीतानां वृत्तान्तं स्मरामि ,तदानीमहमं अतिशयेन निषीदामि।
(६)बैठता है (निषीदति)-
आखिर शादी में घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा, घोड़े पर क्यों नहीं?=
अन्तत: वरयात्रायां वर: घोटक्या: पृष्ठे किमर्थं निषीदति तथा घोटकस्य पृष्ठे किमर्थं न ?
(७)विषीदति (खिन्न या उदास होता है)-
जब भी दुर्गापूजा और सरस्वतीपूजा के समय भक्ति गीत के स्थान पर लाउडस्पीकर से फिल्मी गाना बजाया जाता है तो उसे सुनकर मेरा बहुत ही विषादग्रस्त हो जाता है।
= यदा हि दुर्गापूजायाश्च सरस्वतीपूजायाश्च वेलायां भजनाद् ऋते ध्वनिप्रवर्धकेभ्यः चलच्चित्रगीतं वाद्यते, तच्छ्रुत्वा(तत् श्रुत्वा) विषीदामि अतीव।
(८)उत्सीदति (नष्ट होता है)-
घर में तुलसी का पौधा लगा कर सुबह-शाम हमेशा घी का दीपक जलाने से घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और घर में सुख,शांति और समृद्धि का आगमन होने लगता है ।=
गृहे तुलसीपादपम् आरोप्य प्रात:सायं च नित्यं घृतदीपकस्य ज्वालनेन गृहे आगन्तारः नकारात्मका: ऊर्जा: उत्सीदन्ति तथा गृहे शनै: शनै: सुखं शान्ति: समृद्धि: च निविशन्ते।
(९)अवसीदति(उदास होता है)-
सपनों की मंजिल पास नहीं होती,
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती---।
भगवान पर यकीन रखना मेरे दोस्त,
वो भी मिल जाता है,जिसकी कभी आस नहीं होत।।
= स्वप्नस्य लक्ष्यं दूरं भवति,
जीवनं सदैव नावसीदति।
मम मित्राणि!सदैव परमात्मनि विश्वासं कुरु,
तदपि प्राप्यते ,यस्य कदापि अपेक्षा न भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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तरति=तैरता है।
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(१)अवतरति (उतरता है)-
हवाई जहाज कैसे उड़ता है और कैसे उतरता है ?=
वायुयानं केन विधिना उत्पतति केन च विधिना अवतरति?
(२) वितरति(बांटता है)-
राम बाजार से दो किलो आम लाकर परिवारों में बराबर बराबर भागों में बांट देता है =
राम: विपण्या: द्विकिलोपरिमितं रसालं क्रीत्वा परिवाराणां मध्ये सम-सम भागेषु वितरति।
(३)उत्तरति (उत्तर देता है)-
एक ऐसा भी गांव है जहां कोई संस्कृत में प्रश्न करता है तो दूसरा संस्कृत में ही उत्तर देता है =
एक: एतादृश: अपि ग्राम: अस्ति यत्र कश्चन संस्कृतेण प्रश्नं करोति चेत् अन्य: संस्कृतेण एव उत्तरति।
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सीदति= दुःखी होता है
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(४)प्रसीदति (प्रसन्न होता है)-
अगर कोई व्यक्ति धार्मिक विधि विधान से लक्ष्मी की पूजा करता है , परन्तु वह दूसरे को कष्ट देकर पैसा कमाता है , तो वैसे व्यक्ति पर लक्ष्मी कभी भी प्रसन्न नहीं होती है।=
यदि कश्चिज्जन: धार्मिकविधिना लक्ष्मीम् ईट्टे , परन्तु स अन्यायेन धनार्जनं करोति चेत् लक्ष्मीदेवी कदापि तस्मिन्नैव जने न प्रसीदति।
(५)निषीदति (दुःख होता है)-
जब भी मैं पिछली घटनाओं को याद करता हूं तो मुझे बहुत दुःख महसूस होता है =
यदापि अहम् अतीतानां वृत्तान्तं स्मरामि ,तदानीमहमं अतिशयेन निषीदामि।
(६)बैठता है (निषीदति)-
आखिर शादी में घोड़ी पर ही क्यों बैठता है दूल्हा, घोड़े पर क्यों नहीं?=
अन्तत: वरयात्रायां वर: घोटक्या: पृष्ठे किमर्थं निषीदति तथा घोटकस्य पृष्ठे किमर्थं न ?
(७)विषीदति (खिन्न या उदास होता है)-
जब भी दुर्गापूजा और सरस्वतीपूजा के समय भक्ति गीत के स्थान पर लाउडस्पीकर से फिल्मी गाना बजाया जाता है तो उसे सुनकर मेरा बहुत ही विषादग्रस्त हो जाता है।
= यदा हि दुर्गापूजायाश्च सरस्वतीपूजायाश्च वेलायां भजनाद् ऋते ध्वनिप्रवर्धकेभ्यः चलच्चित्रगीतं वाद्यते, तच्छ्रुत्वा(तत् श्रुत्वा) विषीदामि अतीव।
(८)उत्सीदति (नष्ट होता है)-
घर में तुलसी का पौधा लगा कर सुबह-शाम हमेशा घी का दीपक जलाने से घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और घर में सुख,शांति और समृद्धि का आगमन होने लगता है ।=
गृहे तुलसीपादपम् आरोप्य प्रात:सायं च नित्यं घृतदीपकस्य ज्वालनेन गृहे आगन्तारः नकारात्मका: ऊर्जा: उत्सीदन्ति तथा गृहे शनै: शनै: सुखं शान्ति: समृद्धि: च निविशन्ते।
(९)अवसीदति(उदास होता है)-
सपनों की मंजिल पास नहीं होती,
जिंदगी हर पल उदास नहीं होती---।
भगवान पर यकीन रखना मेरे दोस्त,
वो भी मिल जाता है,जिसकी कभी आस नहीं होत।।
= स्वप्नस्य लक्ष्यं दूरं भवति,
जीवनं सदैव नावसीदति।
मम मित्राणि!सदैव परमात्मनि विश्वासं कुरु,
तदपि प्राप्यते ,यस्य कदापि अपेक्षा न भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 18, 2023
चतुर्थी विभक्तिः (caturthī vibhaktiḥ) (Fourth Case):
Some roots require this case for their verb forms, such as – √दा (√dā) This means, “to give”. Here, the person who receives the object requires this case.
अहं मित्राय उपहारं अयच्छम्। (ahaṃ mitrāya upahāraṃ ayaccham।) this means, “I gave a gift to my friend”. Here, the word, “मित्राय” is in the fourth case as it signifies the person to whom I gave a gift.
Some other roots also require this case for their verb forms such as √रुच् (√ruc),√कुप् (√kup), √क्रुध् (√krudh), etc.
Some indeclinables also require this case, such as – नमः (namaḥ) this is a word that is used to show that we are offering our respects to a deity. The deity to whom we are doing so requires this case.
ॐ गणेशाय नमः। (oṃ gaṇeśāya namaḥ।) This is a mantra of Lord Ganesha. Here, the Lord’s name is in the fourth case as He is the person to whom we are offering our respects.
Some other indeclinables which require this case are स्वाहा (svāhā), स्वधा (svadhā), स्वस्ति (svasti), etc.
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#sanskritlessons
Some roots require this case for their verb forms, such as – √दा (√dā) This means, “to give”. Here, the person who receives the object requires this case.
अहं मित्राय उपहारं अयच्छम्। (ahaṃ mitrāya upahāraṃ ayaccham।) this means, “I gave a gift to my friend”. Here, the word, “मित्राय” is in the fourth case as it signifies the person to whom I gave a gift.
Some other roots also require this case for their verb forms such as √रुच् (√ruc),√कुप् (√kup), √क्रुध् (√krudh), etc.
Some indeclinables also require this case, such as – नमः (namaḥ) this is a word that is used to show that we are offering our respects to a deity. The deity to whom we are doing so requires this case.
ॐ गणेशाय नमः। (oṃ gaṇeśāya namaḥ।) This is a mantra of Lord Ganesha. Here, the Lord’s name is in the fourth case as He is the person to whom we are offering our respects.
Some other indeclinables which require this case are स्वाहा (svāhā), स्वधा (svadhā), स्वस्ति (svasti), etc.
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November 18, 2023
हे ईश्वर अस्मिन् वर्षे भारतीयदलं विश्वचषकस्पर्धायां विजितं कारय।
भवतु नाम प्रतिपक्षे २०२४ निर्वाचने इण्॰डि॰या नाम्नः दलसमूहस्य पराजयं कारय। 😁😈
#hasya
भवतु नाम प्रतिपक्षे २०२४ निर्वाचने इण्॰डि॰या नाम्नः दलसमूहस्य पराजयं कारय। 😁😈
#hasya
November 18, 2023
November 18, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - स्थानीयवार्तापत्रम्
🗓१९/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्थानीयस्य वार्तापत्रस्य विवरणं गदितव्यमस्ति) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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November 18, 2023
November 18, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी सुबह 07:23 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 19 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ शक संवत् - 1945
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - श्रवण रात्रि 10:48 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
⛅ योग - वृद्धि रात्रि 11:28 तक तत्पश्चात ध्रुव
⛅ राहु काल - शाम 04:32 से 05:54 तक
⛅ सूर्योदय - 06:55
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - छठ पूजा, रविवारी सप्तमी, संत जलाराम जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी सुबह 07:23 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 19 नवम्बर 2023
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⛅ सूर्योदय - 06:55
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:11 से 06:03 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:51 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - छठ पूजा, रविवारी सप्तमी, संत जलाराम जयंती
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GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल पंचमी
November 18, 2023
November 18, 2023
November 18, 2023
November 18, 2023
November 18, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
स्थानीयवार्तापत्रम्
#samlapshala
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November 18, 2023
🍃वने, रणे, शत्रुजलाब्धिमध्ये, महार्णवे, पर्वतमस्तके वा |
सुप्तं, प्रमत्तं, विषमस्थितं वा, रक्षन्ति पुण्यानि पुराकृतानि ||
- भर्तृहरि: (नीतिशतकम्)
🔆 वने युद्धक्षेत्रे शत्रूणाम्मध्ये सरोवरे समुद्रे पर्वतशिखरे सुप्तावस्थायां मदे कस्यामपि विषमस्थित्यां वा पुरा कृतानि पुण्यकार्याणि मानवं रक्षन्ति एव।
⚜मनुष्य द्वारा बहुत पहले (या पूर्वजन्म में) अर्जित किये हुए पुण्य वनों में, युद्धक्षेत्र में, शत्रुओं के बीच में, सरोवरों और समुद्र के बीच में, दुर्गम पर्वतों की चोटियों पर, मदोद्धत होने की या किसी अन्य विषम परिस्थिति में सदैव उसकी रक्षा करते हैं |
#Subhashitam
सुप्तं, प्रमत्तं, विषमस्थितं वा, रक्षन्ति पुण्यानि पुराकृतानि ||
- भर्तृहरि: (नीतिशतकम्)
🔆 वने युद्धक्षेत्रे शत्रूणाम्मध्ये सरोवरे समुद्रे पर्वतशिखरे सुप्तावस्थायां मदे कस्यामपि विषमस्थित्यां वा पुरा कृतानि पुण्यकार्याणि मानवं रक्षन्ति एव।
⚜मनुष्य द्वारा बहुत पहले (या पूर्वजन्म में) अर्जित किये हुए पुण्य वनों में, युद्धक्षेत्र में, शत्रुओं के बीच में, सरोवरों और समुद्र के बीच में, दुर्गम पर्वतों की चोटियों पर, मदोद्धत होने की या किसी अन्य विषम परिस्थिति में सदैव उसकी रक्षा करते हैं |
#Subhashitam
November 18, 2023
नमस्तस्यै वा नमस्तस्मै वा शुद्धः।
Anonymous Quiz
10%
नमस्तस्मै
45%
नमस्तस्यै
43%
द्वौ शुद्धौ
2%
द्वौ अशुद्धौ
November 19, 2023
November 19, 2023
प्रधानमन्त्रिणा उक्तं "मूर्खाणां नरेशः" इति।
कॉग्रेस जनाः - अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्,
अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्।
एषः अस्ति आत्मविश्वासः। 😅😅🤣
#hasya
कॉग्रेस जनाः - अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्,
अस्माकं राजकुमाराय उक्तम्।
एषः अस्ति आत्मविश्वासः। 😅😅🤣
#hasya
November 19, 2023
पञ्चमी विभक्तिः (pañcamī vibhaktiḥ) (Fifth case):
Some roots require this case for their verb forms, such as – √भी (√bhī) This means, “to be afraid”. Here, the thing that one is afraid of requires to be in this case.
बालकः सर्पात् बिभेति। (bālakaḥ sarpāt bibheti।) This means, “The boy is afraid of the snake”. Here, the word, “सर्पात्” is in the fifth case as it is the thing that the boy is afraid of.
Some indeclinables also require this case, such as – बहिः (bahiḥ) this word means, “outside”. Here, the place outside of which the action happens requires this case.
छात्रः कक्षायाः बहिः अगच्छत्। (chātraḥ kakṣāyāḥ bahiḥ agacchat।) This sentence means, “The student went out of the classroom”. Here, the word, “कक्षायाः” is in the fifth case as it signifies the place out of which the student went.
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Some roots require this case for their verb forms, such as – √भी (√bhī) This means, “to be afraid”. Here, the thing that one is afraid of requires to be in this case.
बालकः सर्पात् बिभेति। (bālakaḥ sarpāt bibheti।) This means, “The boy is afraid of the snake”. Here, the word, “सर्पात्” is in the fifth case as it is the thing that the boy is afraid of.
Some indeclinables also require this case, such as – बहिः (bahiḥ) this word means, “outside”. Here, the place outside of which the action happens requires this case.
छात्रः कक्षायाः बहिः अगच्छत्। (chātraḥ kakṣāyāḥ bahiḥ agacchat।) This sentence means, “The student went out of the classroom”. Here, the word, “कक्षायाः” is in the fifth case as it signifies the place out of which the student went.
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November 19, 2023
स्वस्थ रहने के १९ सुनहरे नियम।
•• स्वस्थजीवनाय उनविंशति: सुवर्णनियमा:।
आज कल की अव्यवस्थित जीवन शैली ही अनेक रोगों का मूल कारण है।अगर थोड़ा सा बदलाव कर लिया जाए तो अनेक रोगों से मुक्ति बिना दवा के पायी जा सकती है। आइये जानते है ये सुनहरे नियम।
••अधुना अव्यवस्थितजीवनशैली एव अनेकरोगाणां मूलकारणम् अस्ति। यदि किञ्चित् परिवर्तनं कुर्यात् तर्हि औषधं विना बहुरोगेभ्यः मुक्तिः प्राप्तुं शक्यते। एते सुवर्णनियमा: ज्ञातव्या:।
(१)आजकल बढ़ रहे चर्म रोगों और पेट के रोगों का सबसे बड़ा कारण दूध मिला हुआ चाय और इसके साथ लिया जाने वाला नमकीन है।
••अधुना वर्धमानानां चर्मरोगाणां उदररोगाणां च महत्कारणं क्षीरयुक्तचायस्य तेन च सह गृहीतस्य लवणखाद्यपदार्थस्य सेवनमस्ति।
(२) कसी हुई टाई बाँधने से आँखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव होता है।
••दृढबद्धकण्ठबन्धस्य धारणेन नेत्रेयो: नकारात्मकः प्रभावः भवति।
(३)अधिक झुक कर पढने से फेफड़े, रीढ़ और आँख की रौशनी पर बुरा असर होता है।
••अत्यधिकं नत्वा अध्ययनेन फुफ्फुसे मेरुदण्डे च नेत्रे च दुष्प्रभावः भवति।
(४)अत्यधिक फ्रीज किये हुए ठन्डे पदार्थों के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।
•• अत्यधिकं शीतीकृतस्य खाद्यपदार्थस्य सेवनेन बृहदान्त्रस्य सञ्कुचनं भवति।
(५) भोजन के बाद स्नान करने से पाचन शक्ति मंद हो जाती है ।इसी प्रकार भोजन के तुरंत बाद मैथुन, बहुत ज्यादा परिश्रम करना एवं सो जाना पाचनशक्ति को नष्ट करता है।
•• भोजनान्तरं स्नानेन पाचनशक्ति: मन्दा भवति।तथैव भोजनान्तरं तत्क्षणेव मैथुनम् अतिपरिश्रमश्च शयनञ्च पाचनशक्तिं नष्टीकुर्वन्ति।
(६)पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है। भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें। ऐसा करने से आवश्यकता से अधिक खा नहीं पाएंगे।भोजन करने के बाद पानी पीना कई गंभीर रोगों को आमंत्रण देना है।
••उदरस्थूलत्वस्य बृहत्तमं कारणं यत् उत्थाय उत उत्पीठिकासन्दिकाया: उपरि उपविश्य भोजनस्य खादनं, तदनन्तरं तत्क्षणमेव जलपानमस्ति।भोजनं सदैव भूमौ उपविश्य कुर्यात्।एवं करणेन आवश्यकताया अधिकं भोजनं कर्तुं न शक्ष्यति।भोजनानन्तरं जलपानं बहून् गम्भीररोगान् आमन्त्रयति।
(७)भोजन के प्रारम्भ में मीठा, बीच में खट्टा और नमकीन तथा अन्त में तीखा, कड़वा और कसैला खाद्यपदार्थों का सेवन करना चाहिए।
••भोजनात् पूर्वं मधुरम् अश्नीयात् मध्ये अम्ललवणरसौ पश्चाच्च शेषा: कटुतिक्तकषाया: रसा:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• स्वस्थजीवनाय उनविंशति: सुवर्णनियमा:।
आज कल की अव्यवस्थित जीवन शैली ही अनेक रोगों का मूल कारण है।अगर थोड़ा सा बदलाव कर लिया जाए तो अनेक रोगों से मुक्ति बिना दवा के पायी जा सकती है। आइये जानते है ये सुनहरे नियम।
••अधुना अव्यवस्थितजीवनशैली एव अनेकरोगाणां मूलकारणम् अस्ति। यदि किञ्चित् परिवर्तनं कुर्यात् तर्हि औषधं विना बहुरोगेभ्यः मुक्तिः प्राप्तुं शक्यते। एते सुवर्णनियमा: ज्ञातव्या:।
(१)आजकल बढ़ रहे चर्म रोगों और पेट के रोगों का सबसे बड़ा कारण दूध मिला हुआ चाय और इसके साथ लिया जाने वाला नमकीन है।
••अधुना वर्धमानानां चर्मरोगाणां उदररोगाणां च महत्कारणं क्षीरयुक्तचायस्य तेन च सह गृहीतस्य लवणखाद्यपदार्थस्य सेवनमस्ति।
(२) कसी हुई टाई बाँधने से आँखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव होता है।
••दृढबद्धकण्ठबन्धस्य धारणेन नेत्रेयो: नकारात्मकः प्रभावः भवति।
(३)अधिक झुक कर पढने से फेफड़े, रीढ़ और आँख की रौशनी पर बुरा असर होता है।
••अत्यधिकं नत्वा अध्ययनेन फुफ्फुसे मेरुदण्डे च नेत्रे च दुष्प्रभावः भवति।
(४)अत्यधिक फ्रीज किये हुए ठन्डे पदार्थों के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।
•• अत्यधिकं शीतीकृतस्य खाद्यपदार्थस्य सेवनेन बृहदान्त्रस्य सञ्कुचनं भवति।
(५) भोजन के बाद स्नान करने से पाचन शक्ति मंद हो जाती है ।इसी प्रकार भोजन के तुरंत बाद मैथुन, बहुत ज्यादा परिश्रम करना एवं सो जाना पाचनशक्ति को नष्ट करता है।
•• भोजनान्तरं स्नानेन पाचनशक्ति: मन्दा भवति।तथैव भोजनान्तरं तत्क्षणेव मैथुनम् अतिपरिश्रमश्च शयनञ्च पाचनशक्तिं नष्टीकुर्वन्ति।
(६)पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है। भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें। ऐसा करने से आवश्यकता से अधिक खा नहीं पाएंगे।भोजन करने के बाद पानी पीना कई गंभीर रोगों को आमंत्रण देना है।
••उदरस्थूलत्वस्य बृहत्तमं कारणं यत् उत्थाय उत उत्पीठिकासन्दिकाया: उपरि उपविश्य भोजनस्य खादनं, तदनन्तरं तत्क्षणमेव जलपानमस्ति।भोजनं सदैव भूमौ उपविश्य कुर्यात्।एवं करणेन आवश्यकताया अधिकं भोजनं कर्तुं न शक्ष्यति।भोजनानन्तरं जलपानं बहून् गम्भीररोगान् आमन्त्रयति।
(७)भोजन के प्रारम्भ में मीठा, बीच में खट्टा और नमकीन तथा अन्त में तीखा, कड़वा और कसैला खाद्यपदार्थों का सेवन करना चाहिए।
••भोजनात् पूर्वं मधुरम् अश्नीयात् मध्ये अम्ललवणरसौ पश्चाच्च शेषा: कटुतिक्तकषाया: रसा:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 19, 2023
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🔰विषयः - वार्ताः षष्ठीपूजा गोपाष्टमी च
🗓२०/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (वार्ताः षष्ठीपूजा क्रिकेट्स्पर्धा च इत्येतेषां विषये वक्तुं शक्नुमः) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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November 19, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 21 नवम्बर प्रातः 03:16 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 20 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 09:26 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - ध्रुव रात्रि 08:35 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 08:18 से 09:41 तक
⛅ सूर्योदय - 06:56
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:04 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गोपाष्टमी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी 21 नवम्बर प्रातः 03:16 तक तत्पश्चात नवमी
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⛅ योग - ध्रुव रात्रि 08:35 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 08:18 से 09:41 तक
⛅ सूर्योदय - 06:56
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:04 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 11:59 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - गोपाष्टमी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल पंचमी
November 19, 2023
November 19, 2023
November 19, 2023
November 19, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
वार्ताः षष्ठीपूजा गोपाष्टमी च
#samlapshala
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November 19, 2023
November 20, 2023
November 19, 2023
🍃यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन: |
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ||
🔆 समाजे श्रेष्ठाः जनाः यादृशम् आचरणं कुर्वन्ति तादृशमेव सर्वे सामान्यजनाः अनुकुर्वन्ति यादृशे मार्गे ते प्रवर्तयन्ते जनान् तथैव सर्वे अनुगच्छन्ति।
⚜महान व्यक्ति जैसे आचरण करते हैं, दूसरे भी वैसे ही करते हैं; वह जो कुछ प्रमाण देते हैं, मानव जाति उसका अनुसरण करती है।
#Subhashitam
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ||
🔆 समाजे श्रेष्ठाः जनाः यादृशम् आचरणं कुर्वन्ति तादृशमेव सर्वे सामान्यजनाः अनुकुर्वन्ति यादृशे मार्गे ते प्रवर्तयन्ते जनान् तथैव सर्वे अनुगच्छन्ति।
⚜महान व्यक्ति जैसे आचरण करते हैं, दूसरे भी वैसे ही करते हैं; वह जो कुछ प्रमाण देते हैं, मानव जाति उसका अनुसरण करती है।
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November 19, 2023
सादरं नमः सर्वेभ्यः
मान्याः! व्याकरणस्य पिपठिषवः! भवत्सु बहवः व्याकरणं पाठयितुं मां पूर्वम् अपि पृष्टवन्तः केचन अधुना अपि पृच्छन्तः सन्ति, अतः अस्य वर्षस्य दिसम्बर्-मासादारभ्य अहं व्याकरणपाठस्य आरम्भं कर्तुम् इच्छामि ओन् लाइन् - माध्यमेन। अहं सप्ताहे घण्टाचतुष्टयं घण्टापञ्चकं वा दातुं शक्नोमि। सिद्धान्तकौमुदी / लघुकौमुदी / काशिका इत्यादयः ग्रन्थाः पठितॄणां संख्यां वीक्ष्य निश्चेतुं शक्ष्यन्ते पाठनाय। व्याकरणग्रन्थाः प्रसिद्धाः सरलाः व्याख्याः आदाय अथवा व्याख्यास्थान् मुख्यान् विचारान् आदाय पाठयिष्यन्ते। पाठनशैलीं द्रष्टुम् अधः प्रेष्यमाणं विडियो पश्यन्तु।
पाठानां शुल्क-समयादि-विषये ज्ञानाय 9910672036 इति संख्यां प्रति सन्देशं प्रेषयन्तु अथवा दूरभाषं कुर्वन्तु।
https://t.me/siddhantakoumudee/1553
👆 एवं रीत्या जूम्-माध्यमेन पाठनं भविष्यति। पाठनसामग्री (नोट्स् विडियो लिंक् इत्यादि) च अध्येतृभ्यः प्रदास्यते।
सकाशात् -
आचार्यः (डा) जयकृष्णश्शर्मा
मान्याः! व्याकरणस्य पिपठिषवः! भवत्सु बहवः व्याकरणं पाठयितुं मां पूर्वम् अपि पृष्टवन्तः केचन अधुना अपि पृच्छन्तः सन्ति, अतः अस्य वर्षस्य दिसम्बर्-मासादारभ्य अहं व्याकरणपाठस्य आरम्भं कर्तुम् इच्छामि ओन् लाइन् - माध्यमेन। अहं सप्ताहे घण्टाचतुष्टयं घण्टापञ्चकं वा दातुं शक्नोमि। सिद्धान्तकौमुदी / लघुकौमुदी / काशिका इत्यादयः ग्रन्थाः पठितॄणां संख्यां वीक्ष्य निश्चेतुं शक्ष्यन्ते पाठनाय। व्याकरणग्रन्थाः प्रसिद्धाः सरलाः व्याख्याः आदाय अथवा व्याख्यास्थान् मुख्यान् विचारान् आदाय पाठयिष्यन्ते। पाठनशैलीं द्रष्टुम् अधः प्रेष्यमाणं विडियो पश्यन्तु।
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सकाशात् -
आचार्यः (डा) जयकृष्णश्शर्मा
November 20, 2023
November 20, 2023
November 20, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
स्वस्थ रहने के १९ सुनहरे नियम। •• स्वस्थजीवनाय उनविंशति: सुवर्णनियमा:। आज कल की अव्यवस्थित जीवन शैली ही अनेक रोगों का मूल कारण है।अगर थोड़ा सा बदलाव कर लिया जाए तो अनेक रोगों से मुक्ति बिना दवा के पायी जा सकती है। आइये जानते है ये सुनहरे नियम। ••अधुना अव्यवस्थितजीवनशैली…
(८) भोजन के बाद हाथ धोकर गीले हाथ आँखों पर लगायें। यह आँखों को गर्मी से बचाएगा।
••भोजनानन्तरं हस्तप्रक्षाल्य नेत्रेयो: आर्द्रहस्तौ स्पर्शं करोतु।एतेन नेत्रयो: तापात् रक्षणं भविष्यति।
(९)नहाने की शुरुआत सर से करें। बाल न धोने हो तो मुह पहले धोये।पैरों पर पहले पानी डालने से गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और आँख मस्तिष्क आदि संवेदन शील अंगो को क्षति होती है।
•• शिरसा स्नानम् आरभत। यदि केशान् न प्रक्षालितुम् इच्छेत् तर्हि प्रथमं मुखं प्रक्षालयेत्। प्रथमं पादयोः जलस्य पातनेन तापः ऊर्ध्वं प्रवहति तथा च नेत्रमस्तिष्कादिसंवेदनाङ्गानि क्षतिं प्राप्नुवन्ति।
(१०) फल, दूध से बनी मिठाई और तैलीय पदार्थ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ठंडा पानी तो कदापि नहीं।
••फलदुग्धै: निर्मितमिष्टान्नस्य तैलैन च भर्जितखाद्यपदार्थस्य खादनानन्तरं तत्क्षणमेव जलं न पिबेत्।शीतलजलं तु विस्मृत्यापि नैव।
(११)जब भी कुल्ला करें आँखों को अवश्य धोएं अन्यथा मुह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी।
•• गण्डूषणकाले उभे नेत्रे अवश्यं प्रक्षालयेत् अन्यथा मुखे जलपूरणे यः तापः उद्भवति सः नेत्रयोः हानिं करिष्यति।
(१२)सिगरेट तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से प्रत्येक बार मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।ये सब कोशिकाएं फिर से कभी नहीं बनती है।
••तमालपत्रधूमवर्तिकादीनां मादकपदार्थानां सेवनेन प्रत्येकं समये मस्तिष्कस्य सहस्रकोशिका: विनश्यन्ति।एतेषां पुनर्निर्माणं कदापि न भवति।
(१३)बुद्धिमान् मनुष्यको मल, मूत्र, अपानवायु, डकार, वमन, छींक, जम्हाई, भूख, प्यास, आँसू, निद्रा, शुक्र और परिश्रमसे उत्पन्न श्वासके वेगोंको नहीं रोकना चाहिये। इन वेगों को रोकने से बहुत से रोग उत्पन्न होते हैं।
••धीमान् मूत्रपुरीषयो: च रेतस: च वातस्य च छर्द्या: च क्षवथ: च उद्गारस्य च जृम्भाया: च क्षुधाया: च पिपासाया: च वाष्पस्य च निद्राया: च श्रमेण निःश्वासस्य च जातान् वेगान् न धारयेत्। एतेषां जातानां वेगानां धारणेन अनेके रोगा: भवन्ति।
(१४)रात को सोने से पहले परमात्मा को धन्यवाद अवश्य दें।चाहे आपका दिन कैसा भी बीता हो। दिन भर जो भी कार्य किये हों उनकी समीक्षा करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनायें।अब गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करने का प्रयास करे।अपने सब तनाव, चिन्ता, विचार आदि परमपिता परमात्मा को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की शरण में जाएं।
••रात्रौ शयनात् कर्तुं पूर्वं ईश्वराय धन्यवादम् अवश्यं ददातु।कामं भवत: दिवस: कथमपि गत: भवेत्।आदिनं कृतं सर्वं कार्यं समीक्ष्य आगामिदिनस्य कार्ययोजनां करोतु।अधुना गम्भीरान् दीर्घान् च सुलभान् श्वासान् गृहीत्वा शरीरं मनः च शिथिलं कर्तुं प्रयतताम्।युष्माकं सर्वे मनोभार:, चिन्ता, विचार: इत्यादीन् परमपित्रे परमात्मने समर्प्य निश्चिंतभावेन निद्राश्रयं गच्छतु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••भोजनानन्तरं हस्तप्रक्षाल्य नेत्रेयो: आर्द्रहस्तौ स्पर्शं करोतु।एतेन नेत्रयो: तापात् रक्षणं भविष्यति।
(९)नहाने की शुरुआत सर से करें। बाल न धोने हो तो मुह पहले धोये।पैरों पर पहले पानी डालने से गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और आँख मस्तिष्क आदि संवेदन शील अंगो को क्षति होती है।
•• शिरसा स्नानम् आरभत। यदि केशान् न प्रक्षालितुम् इच्छेत् तर्हि प्रथमं मुखं प्रक्षालयेत्। प्रथमं पादयोः जलस्य पातनेन तापः ऊर्ध्वं प्रवहति तथा च नेत्रमस्तिष्कादिसंवेदनाङ्गानि क्षतिं प्राप्नुवन्ति।
(१०) फल, दूध से बनी मिठाई और तैलीय पदार्थ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ठंडा पानी तो कदापि नहीं।
••फलदुग्धै: निर्मितमिष्टान्नस्य तैलैन च भर्जितखाद्यपदार्थस्य खादनानन्तरं तत्क्षणमेव जलं न पिबेत्।शीतलजलं तु विस्मृत्यापि नैव।
(११)जब भी कुल्ला करें आँखों को अवश्य धोएं अन्यथा मुह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी।
•• गण्डूषणकाले उभे नेत्रे अवश्यं प्रक्षालयेत् अन्यथा मुखे जलपूरणे यः तापः उद्भवति सः नेत्रयोः हानिं करिष्यति।
(१२)सिगरेट तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से प्रत्येक बार मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।ये सब कोशिकाएं फिर से कभी नहीं बनती है।
••तमालपत्रधूमवर्तिकादीनां मादकपदार्थानां सेवनेन प्रत्येकं समये मस्तिष्कस्य सहस्रकोशिका: विनश्यन्ति।एतेषां पुनर्निर्माणं कदापि न भवति।
(१३)बुद्धिमान् मनुष्यको मल, मूत्र, अपानवायु, डकार, वमन, छींक, जम्हाई, भूख, प्यास, आँसू, निद्रा, शुक्र और परिश्रमसे उत्पन्न श्वासके वेगोंको नहीं रोकना चाहिये। इन वेगों को रोकने से बहुत से रोग उत्पन्न होते हैं।
••धीमान् मूत्रपुरीषयो: च रेतस: च वातस्य च छर्द्या: च क्षवथ: च उद्गारस्य च जृम्भाया: च क्षुधाया: च पिपासाया: च वाष्पस्य च निद्राया: च श्रमेण निःश्वासस्य च जातान् वेगान् न धारयेत्। एतेषां जातानां वेगानां धारणेन अनेके रोगा: भवन्ति।
(१४)रात को सोने से पहले परमात्मा को धन्यवाद अवश्य दें।चाहे आपका दिन कैसा भी बीता हो। दिन भर जो भी कार्य किये हों उनकी समीक्षा करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनायें।अब गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करने का प्रयास करे।अपने सब तनाव, चिन्ता, विचार आदि परमपिता परमात्मा को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की शरण में जाएं।
••रात्रौ शयनात् कर्तुं पूर्वं ईश्वराय धन्यवादम् अवश्यं ददातु।कामं भवत: दिवस: कथमपि गत: भवेत्।आदिनं कृतं सर्वं कार्यं समीक्ष्य आगामिदिनस्य कार्ययोजनां करोतु।अधुना गम्भीरान् दीर्घान् च सुलभान् श्वासान् गृहीत्वा शरीरं मनः च शिथिलं कर्तुं प्रयतताम्।युष्माकं सर्वे मनोभार:, चिन्ता, विचार: इत्यादीन् परमपित्रे परमात्मने समर्प्य निश्चिंतभावेन निद्राश्रयं गच्छतु।
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November 20, 2023
षष्ठी विभक्तिः (ṣaṣṭhī vibhaktiḥ) (Sixth Case):
Some indeclinables require this case, such as – समीपम् (samīpam): this word means, “near”. Here, this case is used to indicate the place near which something is.
ग्रामस्य समीपं क्षेत्राणि सन्ति। (grāmasya samīpaṃ kṣetrāṇi santi।) this means, “The fields are near the village”. Here the word, “ग्रामस्य” is in the sixth case as it is the word that signifies the place near which the fields are located.
Some other indeclinables also require this case such as उपरि (upari), अधः (adhaḥ), etc.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Some indeclinables require this case, such as – समीपम् (samīpam): this word means, “near”. Here, this case is used to indicate the place near which something is.
ग्रामस्य समीपं क्षेत्राणि सन्ति। (grāmasya samīpaṃ kṣetrāṇi santi।) this means, “The fields are near the village”. Here the word, “ग्रामस्य” is in the sixth case as it is the word that signifies the place near which the fields are located.
Some other indeclinables also require this case such as उपरि (upari), अधः (adhaḥ), etc.
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November 20, 2023
November 20, 2023
November 20, 2023
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🔰विषयः - राष्ट्रपतिपरिचयः
🗓२१/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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November 20, 2023
November 20, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी रात्रि 01:09 तक तत्पश्चात दशमी
⛅दिनांक - 21 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - व्याघात शाम 05:41 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:57
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:05 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आँवला-अक्षय नवमी, साँईं लीलाशाहजी महाराज महानिर्वाण दिवस, श्री रंग अवधूत महाराज जयन्ती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी रात्रि 01:09 तक तत्पश्चात दशमी
⛅दिनांक - 21 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - व्याघात शाम 05:41 तक तत्पश्चात हर्षण
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:32 तक
⛅ सूर्योदय - 06:57
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:12 से 06:05 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - आँवला-अक्षय नवमी, साँईं लीलाशाहजी महाराज महानिर्वाण दिवस, श्री रंग अवधूत महाराज जयन्ती
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल नवमी
November 20, 2023
November 20, 2023
November 20, 2023
November 20, 2023
November 20, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
राष्ट्रपतिपरिचयः
#samlapshala
#samlapshala
November 20, 2023
🍃परित्यज्यार्थकामौ यौ स्यातां धर्मवर्जितौ।
धर्मं चाप्यसुखोदर्कं लोकनिकॄष्टमेव च।।
🔆 तादृशानाम् इच्छानां सम्पत्तीनां च त्यागः करणीयः ये अधर्मार्जिताः सन्ति
तथैव तादृशस्य धर्मस्यापि त्यागः करणीयः यः भविष्यत् काले दुःखाशान्तिकारकं च स्यात्।
⚜जो धन, सम्पत्ति, सुख तथा मन की अभिलाषा धर्म के विपरीत है, उसका त्याग कर देना चाहिए । इतना ही नही, उस धर्म का भी त्याग करना अनुचित नही होगा जो धर्म भविष्य में संकट तथा समाज में घृणा, अशान्ति एवम् प्रतिकूलता उत्पन्न कर दे।
#Subhashitam
धर्मं चाप्यसुखोदर्कं लोकनिकॄष्टमेव च।।
🔆 तादृशानाम् इच्छानां सम्पत्तीनां च त्यागः करणीयः ये अधर्मार्जिताः सन्ति
तथैव तादृशस्य धर्मस्यापि त्यागः करणीयः यः भविष्यत् काले दुःखाशान्तिकारकं च स्यात्।
⚜जो धन, सम्पत्ति, सुख तथा मन की अभिलाषा धर्म के विपरीत है, उसका त्याग कर देना चाहिए । इतना ही नही, उस धर्म का भी त्याग करना अनुचित नही होगा जो धर्म भविष्य में संकट तथा समाज में घृणा, अशान्ति एवम् प्रतिकूलता उत्पन्न कर दे।
#Subhashitam
November 20, 2023
November 21, 2023
November 21, 2023
(१) वे बस से आये
= ते लोकयानेन आगता:/आगतवन्त:।
(२)वे सब बस से आयी
= ता: लोकयानेन आगता:/आगतवत्य:।
(३)वह मोटरगाड़ी से आया
= स कारयानेन आगत:।
(४)वह मोटरगाड़ी से आयी
= सा कारयानेन आगता।
(५)वह एक बड़ी मोटरगाड़ी से आया
= स एकेन वृहत्यानेन आगत:।
(६)वह मेरे द्वारा बेंत से पीटा गया
= मया स वेत्रेण ताडित:।
(७)वह कलम से लिखता है
= स लेखन्या लिखति।
(८)वह पेंसिल से लिखता है
= स तूलिकया लिखति।
(९)मैं तुमसे खुश हूं
= अहं त्वयि प्रसन्नोऽस्मि।
(१०)मैने यह पत्र लाल रोशनाई से लिखा
=अहं इदं पत्रं रक्तमषिभि: लिखितवान्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
= ते लोकयानेन आगता:/आगतवन्त:।
(२)वे सब बस से आयी
= ता: लोकयानेन आगता:/आगतवत्य:।
(३)वह मोटरगाड़ी से आया
= स कारयानेन आगत:।
(४)वह मोटरगाड़ी से आयी
= सा कारयानेन आगता।
(५)वह एक बड़ी मोटरगाड़ी से आया
= स एकेन वृहत्यानेन आगत:।
(६)वह मेरे द्वारा बेंत से पीटा गया
= मया स वेत्रेण ताडित:।
(७)वह कलम से लिखता है
= स लेखन्या लिखति।
(८)वह पेंसिल से लिखता है
= स तूलिकया लिखति।
(९)मैं तुमसे खुश हूं
= अहं त्वयि प्रसन्नोऽस्मि।
(१०)मैने यह पत्र लाल रोशनाई से लिखा
=अहं इदं पत्रं रक्तमषिभि: लिखितवान्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 21, 2023
November 21, 2023
सप्तमी विभक्तिः (saptamī vibhaktiḥ) (Seventh Case):
Some roots require this case for their verb forms, such as – √स्निह् (√snih) this means, “to love”. Here, the person who is loved requires this case.
मातापितरौ पुत्रे स्निह्यतः। (mātāpitarau putre snihyataḥ।) this means, “The parents love their son.” Here, the word, “पुत्रे” is in the seventh case as it signifies the person who is being loved.
The use of some adjectives also requires this case, such as – निपुण (nipuṇa). This is an adjective which is used to show that somebody is proficient in a particular activity or thing. Here, the activity in which somebody is proficient needs to be in this case.
अश्विनी सङ्गीते निपुणा अस्ति। (aśvinī saṅgīte nipuṇā asti।) This means, “Ashwini is proficient in music”. Here, the word, “सङ्गीते” is in the seventh case as it signifies the activity in which Ashwini is proficient.
Some other indeclinables also require this case such as कुशल (kuśala), पण्डित (paṇḍita), निपुण (nipuṇa), प्रवीण (pravīṇa), etc.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Some roots require this case for their verb forms, such as – √स्निह् (√snih) this means, “to love”. Here, the person who is loved requires this case.
मातापितरौ पुत्रे स्निह्यतः। (mātāpitarau putre snihyataḥ।) this means, “The parents love their son.” Here, the word, “पुत्रे” is in the seventh case as it signifies the person who is being loved.
The use of some adjectives also requires this case, such as – निपुण (nipuṇa). This is an adjective which is used to show that somebody is proficient in a particular activity or thing. Here, the activity in which somebody is proficient needs to be in this case.
अश्विनी सङ्गीते निपुणा अस्ति। (aśvinī saṅgīte nipuṇā asti।) This means, “Ashwini is proficient in music”. Here, the word, “सङ्गीते” is in the seventh case as it signifies the activity in which Ashwini is proficient.
Some other indeclinables also require this case such as कुशल (kuśala), पण्डित (paṇḍita), निपुण (nipuṇa), प्रवीण (pravīṇa), etc.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 21, 2023
November 21, 2023
धृतराष्ट्र उवाच।
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय।।1.1।। अत्र धृतराष्ट्रः कं सम्बोधयति।
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय।।1.1।। अत्र धृतराष्ट्रः कं सम्बोधयति।
Anonymous Quiz
6%
स्वपुत्रान्
13%
पाण्डवान्
78%
सञ्जयम्
4%
कुरून्
November 21, 2023
November 21, 2023
November 21, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓२२/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चित्राणि दृष्ट्वा वाक्यानि वक्तव्यानि) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓२२/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चित्राणि दृष्ट्वा वाक्यानि वक्तव्यानि) अभिक्रम्य आगच्छत।
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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November 21, 2023
November 21, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 22 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
⛅ योग - हर्षण शाम 06:37 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:57
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:05 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 22 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद
⛅ योग - हर्षण शाम 06:37 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:26 से 01:48 तक
⛅ सूर्योदय - 06:57
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:13 से 06:05 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल दशमी
November 21, 2023
November 21, 2023
November 21, 2023
November 21, 2023
November 21, 2023
🍃जिह्वाया अग्रे मधु मे जिह्वामूले मधूलकम् ।
ममेदह क्रतावसो मम चित्तमुपायसि ॥
(अथर्ववेद १ । ३४ । २ )
🔆 मम जिह्वायाः अग्रभागे मूले च (वचनेषु) सदा माधुर्यं विलसतु मम कर्मसु सदा मधुरता भवतु तथा च माधुर्यं मम हृदयेऽपि प्राप्नोतु।
⚜मेरी जीभ के आगे के हिस्से में माधुर्य हो। मेरी जीभ के मूल में मधुरता हो। मेरे कर्म में माधुर्य का निवास हो और हे माधुर्य! मेरे हृदय तक पहुँचो ।
#Subhashitam
ममेदह क्रतावसो मम चित्तमुपायसि ॥
(अथर्ववेद १ । ३४ । २ )
🔆 मम जिह्वायाः अग्रभागे मूले च (वचनेषु) सदा माधुर्यं विलसतु मम कर्मसु सदा मधुरता भवतु तथा च माधुर्यं मम हृदयेऽपि प्राप्नोतु।
⚜मेरी जीभ के आगे के हिस्से में माधुर्य हो। मेरी जीभ के मूल में मधुरता हो। मेरे कर्म में माधुर्य का निवास हो और हे माधुर्य! मेरे हृदय तक पहुँचो ।
#Subhashitam
November 21, 2023
भोः त्वं मां सम्यक् अभिजानातु प्रथमम्।
अनुचितं पदं किं तस्य उचितं च किम्।
अनुचितं पदं किं तस्य उचितं च किम्।
Anonymous Quiz
12%
मां - मया
14%
सम्यक् - इदानीम्
51%
अभिजानातु - अभिजानीहि
23%
नास्ति अनुचितं पदम्
November 22, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(१) वे बस से आये = ते लोकयानेन आगता:/आगतवन्त:। (२)वे सब बस से आयी = ता: लोकयानेन आगता:/आगतवत्य:। (३)वह मोटरगाड़ी से आया = स कारयानेन आगत:। (४)वह मोटरगाड़ी से आयी = सा कारयानेन आगता। (५)वह एक बड़ी मोटरगाड़ी से आया = स एकेन वृहत्यानेन आगत:। (६)वह…
(११) वह कलम/पेंसिल से लिखी
= सा लेखन्या/तूलिकया लिखिता/लिखितवती।
(१२)परीक्षा अगले मंगलवार से शुरू होगी
= परीक्षा आगामिनि मंगलवासरे आरब्धा।
(१३)परीक्षा सुबह में ठीक दस बजे से शुरू हो जाएगी
= परीक्षा प्रातरेव दशवादने आरप्स्यते।
(१४) वह हैजे से मरा
= स विषूचिकया मृत:।
(१५) यह बोतल शराब से भरी है
= एषा कूपी मद्यै: पूर्णा अस्ति।
आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं।
•• अग्निलग्ने सति तम् असकृत् जलं निक्षिप्य निर्वापयाम:।
पानी डालने से आग कैसे बुझ जाती है?
•• जलस्य निक्षेपणेन अग्नि: कथं निर्वापितो भवति?
पानी ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा कर देता है जिससे आग का फैलाव बन्द हो जाता है।
•• जलं ज्वलनशीलपदार्थं शीतलीकरोति येन अग्ने: प्रसारणं समाप्तं भवति।
आग को जलने के लिए हवा (ऑक्सीजन)आवश्यक है।
•• अग्ने: ज्वलनाय ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् आवश्यकमस्ति।
पानी डालने पर जो जलवाष्प बनता है वह बाहर से वायु (ऑक्सीजन) को प्रवेश नहीं करने देता जिससे आग बुझ जाती है।
••अग्ने: उपरि जलस्य पातनेन य: जलवाष्पो भवति। स च बहिर्भागात् ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् अन्तः प्रवेष्टुं न ददाति अनेन अग्नि: निर्वापितो भवति।
यह भाप आग का सम्पर्क ऑक्सीजन से तोड़ देता है।
•• एष वाष्प: ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वात् अग्ने: सम्पर्क-भंजनं करोति ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
= सा लेखन्या/तूलिकया लिखिता/लिखितवती।
(१२)परीक्षा अगले मंगलवार से शुरू होगी
= परीक्षा आगामिनि मंगलवासरे आरब्धा।
(१३)परीक्षा सुबह में ठीक दस बजे से शुरू हो जाएगी
= परीक्षा प्रातरेव दशवादने आरप्स्यते।
(१४) वह हैजे से मरा
= स विषूचिकया मृत:।
(१५) यह बोतल शराब से भरी है
= एषा कूपी मद्यै: पूर्णा अस्ति।
आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं।
•• अग्निलग्ने सति तम् असकृत् जलं निक्षिप्य निर्वापयाम:।
पानी डालने से आग कैसे बुझ जाती है?
•• जलस्य निक्षेपणेन अग्नि: कथं निर्वापितो भवति?
पानी ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा कर देता है जिससे आग का फैलाव बन्द हो जाता है।
•• जलं ज्वलनशीलपदार्थं शीतलीकरोति येन अग्ने: प्रसारणं समाप्तं भवति।
आग को जलने के लिए हवा (ऑक्सीजन)आवश्यक है।
•• अग्ने: ज्वलनाय ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् आवश्यकमस्ति।
पानी डालने पर जो जलवाष्प बनता है वह बाहर से वायु (ऑक्सीजन) को प्रवेश नहीं करने देता जिससे आग बुझ जाती है।
••अग्ने: उपरि जलस्य पातनेन य: जलवाष्पो भवति। स च बहिर्भागात् ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् अन्तः प्रवेष्टुं न ददाति अनेन अग्नि: निर्वापितो भवति।
यह भाप आग का सम्पर्क ऑक्सीजन से तोड़ देता है।
•• एष वाष्प: ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वात् अग्ने: सम्पर्क-भंजनं करोति ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 22, 2023
Grammatical Voices (प्रयोगः (prayogaḥ)
In Sanskrit, प्रयोगः (prayogaḥ) is voice change (grammatical), unlike english, there are three voices, not two. These voices are based on whether the verb is transitive or intransitive.
The three voices are
कर्तरि-प्रयोगः (kartari-prayogaḥ) (Active Voice),
कर्मणि-प्रयोगः (karmaṇi-prayogaḥ) (Passive Voice) and
भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ). For भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ), there is no equivalent in English.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, प्रयोगः (prayogaḥ) is voice change (grammatical), unlike english, there are three voices, not two. These voices are based on whether the verb is transitive or intransitive.
The three voices are
कर्तरि-प्रयोगः (kartari-prayogaḥ) (Active Voice),
कर्मणि-प्रयोगः (karmaṇi-prayogaḥ) (Passive Voice) and
भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ). For भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ), there is no equivalent in English.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 22, 2023
November 22, 2023
November 22, 2023
सञ्जय उवाच।
दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा।आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्।।1.2।।
अत्र राजा नाम कः।
दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा।आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्।।1.2।।
अत्र राजा नाम कः।
Anonymous Quiz
6%
सञ्जयः
42%
दुर्योधनः
7%
आचार्यः
45%
धृतराष्ट्रः
November 22, 2023
November 22, 2023
Spoken Sanskrit Classes in Bengali
https://sanskrit.rkmvu.ac.in/adm-communicative-sans/
https://sanskrit.rkmvu.ac.in/adm-communicative-sans/
November 22, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - कथाकथनम्
🗓२३/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि उत्तमां कथां श्रावयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰विषयः - कथाकथनम्
🗓२३/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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November 22, 2023
November 22, 2023
November 22, 2023
November 22, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 23 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 05:16 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - वज्र सुबह 11:54 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:58
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी, कपूर आरती, चतुर्मास समाप्त, भीष्मपंचक व्रत प्रारम्भ, पंढरपुर यात्रा
⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी रात्रि 09:01 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 23 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तरभाद्रपद रात्रि 05:16 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - वज्र सुबह 11:54 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:48 से 03:10 तक
⛅ सूर्योदय - 06:58
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:52 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी, कपूर आरती, चतुर्मास समाप्त, भीष्मपंचक व्रत प्रारम्भ, पंढरपुर यात्रा
⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
November 22, 2023
November 22, 2023
November 22, 2023
November 22, 2023
🍃अभ्रच्छाया खलप्रीतिर्नवसस्यानि योषितः।
किचित्कालोपभोग्यानि यौवनानि धनानि च॥
🔆 गच्छतः मेघस्य छाया दुष्टस्य मित्रता नूतनं सस्यं कामसुखं यौवनं सम्पत्तिः च इमानि सर्वाणि शीघ्रमेव समाप्तिम् आयान्ति।
⚜गुजरते बादलों की छाया, नया अनाज, कपटी मित्र, स्त्री का प्रेम, यौवन और धन से किया गया भोग दीर्घ काल तक साथ नहीं रहते। इन सभी की अवधि थोड़ी होती है, अतः ये शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं।
पञ्चतन्त्रम्
#Subhashitam
किचित्कालोपभोग्यानि यौवनानि धनानि च॥
🔆 गच्छतः मेघस्य छाया दुष्टस्य मित्रता नूतनं सस्यं कामसुखं यौवनं सम्पत्तिः च इमानि सर्वाणि शीघ्रमेव समाप्तिम् आयान्ति।
⚜गुजरते बादलों की छाया, नया अनाज, कपटी मित्र, स्त्री का प्रेम, यौवन और धन से किया गया भोग दीर्घ काल तक साथ नहीं रहते। इन सभी की अवधि थोड़ी होती है, अतः ये शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं।
पञ्चतन्त्रम्
#Subhashitam
November 22, 2023
November 23, 2023
वाद्यानां प्रदर्शनं कुशलतया कृतं वर्तते।
कति कृत्प्रत्ययाः प्रयुक्ताः वाक्ये।
कति कृत्प्रत्ययाः प्रयुक्ताः वाक्ये।
Anonymous Quiz
43%
द्वे
24%
त्रीणि
10%
चत्वारि
23%
न एकोऽपि
November 23, 2023
इमनिच् प्रत्यय
---------------
(१)दीर्घ (लम्बा)-
लम्बा धागा और लम्बी जुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती हैं, इसलिए धागे को लपेट कर और जुबान को समेट कर ही रहना चाहिए = दीर्घसूत्रं दीर्घजिह्वा च केवला: समस्या: एव उत्पादयत: , अतः सूत्रं सगित्वा जिह्वां च पृचित्वा एव स्थातव्यम ।
---------
द्राघिमा (लम्बाई)-
जिन बच्चों की शारीरिक लम्बाई कम होती है या शरीर कमजोर होता है , उनको प्रतिदिन पपीता खिलाना चाहिए = येषां बालानां शारीरिको द्राघिमा न्यूनीभवति अथवा शरीरं कृशं भवति , ते प्रतिदिनं मधुकर्कटी खादयितव्या।
(२)क्षुद्र (नीच)-
क्षोदिमा (नीचता)-
नीच व्यक्ति अपने जीवन में नीचता का सहारा लेकर कितना भी ज्यादा धन कमा ले, परन्तु आने वाले समय में वे और उसके परिवार कभी भी सुख से जिन्दगी गुजार नहीं पायेंगे = क्षुद्रपुरुषा: स्वजीवनकाले क्षोदिम्ना कियदपि अधिकाधिकं धनार्जनं कुर्यु: , परन्तु आगामिनि समये ते तेषां च परिवारा: कदापि सुखमयं जीवनयापनं न कर्तार:।
(३)क्षिप्र (जल्दी)-
जो व्यक्ति प्रतिदिन सिगरेट पीता है , वह जल्द ही कैंसर का शिकार हो जाता है = यो जन: प्रतिदिनं ध्रूमवर्तिकया ध्रूमपानं करोति, स क्षिप्रमेव कर्करोगेण ग्रसितो भवति।
----------
क्षेपिमा (जल्दबाजी)-
उम्मीदें कभी भी हमें छोड़कर नहीं जाती हैं, बल्कि हम ही उसे जल्दबाजी में छोड़ कर चल देते हैं = आशा: अस्मान् कदापि न वृञ्जते , अपितु वयमेव ता: क्षेपिम्नि वृञ्ज्महे।
(४)ऋजु (सीधा)-
class monitor सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि आप लोग सीधे बैठ जाइएगा क्योंकि क्लास टीचर जल्दी ही प्रवेश करने वाले हैं = वर्गप्रमुख: सर्वान् छात्रान् संबोधनं कुर्वन् कथयति यत् सर्वे ऋजु: उपविशन्तु , यतोहि वर्गाध्यापक: क्षिप्रमेव कक्षां प्रवेक्ष्यति।
--------
ऋजिमा (सीधापन)
जरूरत से ज्यादा सीधापन होना आज के युग में गुण नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी कमी है =अद्यत्वे अभ्यधिक: /अत्यधिक: ऋजिमा गुणो नास्ति , अपितु एको वृहद्दोषोऽस्ति।
(५)अणु (सूक्ष्म)-
पेपर कप में चाय पीते हैं तो हो जाएं अलर्ट! हजारों छोटे सूक्ष्म प्लास्टिक के कण निगल जाते हैं आप।
=भवान् कागदचषकेण चायपानं करोति चेत् पूर्णतः सतर्को भवतु यतोहि भवान् सहस्राणि अभिगट्यस्य अत्यणुकणानि निगलति।
-------
अणिमा (सूक्ष्मता)-
वैदिक ज्योतिष में जीवन की सभी घटनाओं की जानकारी का अध्ययन सूक्ष्मता से किया जा सकता है बशर्ते कि ज्योतिषी अत्यधिक कुशल हो =
वैदिकज्योतिषे जीवनस्य सर्वघटनानां ज्ञानाध्ययनम् अणिम्ना कर्तुं शक्यते। समयः यत् ज्योतिषी भृशं कुशलः भवेत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
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(१)दीर्घ (लम्बा)-
लम्बा धागा और लम्बी जुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती हैं, इसलिए धागे को लपेट कर और जुबान को समेट कर ही रहना चाहिए = दीर्घसूत्रं दीर्घजिह्वा च केवला: समस्या: एव उत्पादयत: , अतः सूत्रं सगित्वा जिह्वां च पृचित्वा एव स्थातव्यम ।
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द्राघिमा (लम्बाई)-
जिन बच्चों की शारीरिक लम्बाई कम होती है या शरीर कमजोर होता है , उनको प्रतिदिन पपीता खिलाना चाहिए = येषां बालानां शारीरिको द्राघिमा न्यूनीभवति अथवा शरीरं कृशं भवति , ते प्रतिदिनं मधुकर्कटी खादयितव्या।
(२)क्षुद्र (नीच)-
क्षोदिमा (नीचता)-
नीच व्यक्ति अपने जीवन में नीचता का सहारा लेकर कितना भी ज्यादा धन कमा ले, परन्तु आने वाले समय में वे और उसके परिवार कभी भी सुख से जिन्दगी गुजार नहीं पायेंगे = क्षुद्रपुरुषा: स्वजीवनकाले क्षोदिम्ना कियदपि अधिकाधिकं धनार्जनं कुर्यु: , परन्तु आगामिनि समये ते तेषां च परिवारा: कदापि सुखमयं जीवनयापनं न कर्तार:।
(३)क्षिप्र (जल्दी)-
जो व्यक्ति प्रतिदिन सिगरेट पीता है , वह जल्द ही कैंसर का शिकार हो जाता है = यो जन: प्रतिदिनं ध्रूमवर्तिकया ध्रूमपानं करोति, स क्षिप्रमेव कर्करोगेण ग्रसितो भवति।
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क्षेपिमा (जल्दबाजी)-
उम्मीदें कभी भी हमें छोड़कर नहीं जाती हैं, बल्कि हम ही उसे जल्दबाजी में छोड़ कर चल देते हैं = आशा: अस्मान् कदापि न वृञ्जते , अपितु वयमेव ता: क्षेपिम्नि वृञ्ज्महे।
(४)ऋजु (सीधा)-
class monitor सभी छात्रों को संबोधित करते हुए कह रहे हैं कि आप लोग सीधे बैठ जाइएगा क्योंकि क्लास टीचर जल्दी ही प्रवेश करने वाले हैं = वर्गप्रमुख: सर्वान् छात्रान् संबोधनं कुर्वन् कथयति यत् सर्वे ऋजु: उपविशन्तु , यतोहि वर्गाध्यापक: क्षिप्रमेव कक्षां प्रवेक्ष्यति।
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ऋजिमा (सीधापन)
जरूरत से ज्यादा सीधापन होना आज के युग में गुण नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी कमी है =अद्यत्वे अभ्यधिक: /अत्यधिक: ऋजिमा गुणो नास्ति , अपितु एको वृहद्दोषोऽस्ति।
(५)अणु (सूक्ष्म)-
पेपर कप में चाय पीते हैं तो हो जाएं अलर्ट! हजारों छोटे सूक्ष्म प्लास्टिक के कण निगल जाते हैं आप।
=भवान् कागदचषकेण चायपानं करोति चेत् पूर्णतः सतर्को भवतु यतोहि भवान् सहस्राणि अभिगट्यस्य अत्यणुकणानि निगलति।
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अणिमा (सूक्ष्मता)-
वैदिक ज्योतिष में जीवन की सभी घटनाओं की जानकारी का अध्ययन सूक्ष्मता से किया जा सकता है बशर्ते कि ज्योतिषी अत्यधिक कुशल हो =
वैदिकज्योतिषे जीवनस्य सर्वघटनानां ज्ञानाध्ययनम् अणिम्ना कर्तुं शक्यते। समयः यत् ज्योतिषी भृशं कुशलः भवेत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 23, 2023
November 23, 2023
कर्तरि-प्रयोगः (kartari-prayogaḥ) (Active Voice):
In Sanskrit, for active voice, importance is given to the doer of the action. Here, the verb forms are influenced by the कर्तृपदम् (kartṛpadam) (Subject). The वचनम् (vacanam) (Grammatical Number) and पुरुषः (puruṣaḥ) (Grammatical Person) of the doer is the same for the verb too. Here, if one uses or does not use a receiver, it will be fine.
For active voice, the प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) will be used for the doer. For the receiver, द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) will be used.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, for active voice, importance is given to the doer of the action. Here, the verb forms are influenced by the कर्तृपदम् (kartṛpadam) (Subject). The वचनम् (vacanam) (Grammatical Number) and पुरुषः (puruṣaḥ) (Grammatical Person) of the doer is the same for the verb too. Here, if one uses or does not use a receiver, it will be fine.
For active voice, the प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) will be used for the doer. For the receiver, द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) will be used.
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November 23, 2023
November 23, 2023
पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं चमूम्।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता।।1.3।।
आचार्यः कं द्रष्टुम् अर्हति।
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता।।1.3।।
आचार्यः कं द्रष्टुम् अर्हति।
Anonymous Quiz
43%
चमूम्
31%
पाण्डुपुत्रान्
10%
धीमन्तं शिष्यम्
16%
द्रुपदपुत्रम्
November 23, 2023
November 23, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२४/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२४/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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November 23, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 07:07 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 24 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती शाम 04:06 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - सिद्धि सुबह 09:05 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 11:04 से 12:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:59
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग, प्रदोष व्रत, तुलसी विवाह प्रारम्भ, गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ 🚩तिथि - द्वादशी शाम 07:07 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 24 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती शाम 04:06 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - सिद्धि सुबह 09:05 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - सुबह 11:04 से 12:26 तक
⛅ सूर्योदय - 06:59
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:14 से 06:06 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:00 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - व्यतिपात योग, प्रदोष व्रत, तुलसी विवाह प्रारम्भ, गुरु तेग बहादुरजी शहीदी दिवस
November 23, 2023
November 23, 2023
November 23, 2023
November 23, 2023
November 23, 2023
November 23, 2023
November 23, 2023
🍃विद्वद्भिः सेवितः सद्भिर्नित्यमद्वेषरागिभिः।
हृदयेनाभ्यनुज्ञातो यो धर्मस्तं निबोधत॥
🔆 शास्त्रज्ञातारः रागद्वेषाभ्यां रहिताः महात्मानः यस्य धर्मस्य (येषां कर्तव्यानां) अनुज्ञां कुर्वन्ति सः एव धर्मः वर्तते।
🍃शास्त्र को ठीक-से जानने वाले, राग व द्वेष से रहित महात्मा लोग अंत:करण से अभिमुख होकर जिन कर्मों को सदा से करते चले आए हैं, वे ही धर्म हैं।
मनुस्मृति
#Subhashitam
हृदयेनाभ्यनुज्ञातो यो धर्मस्तं निबोधत॥
🔆 शास्त्रज्ञातारः रागद्वेषाभ्यां रहिताः महात्मानः यस्य धर्मस्य (येषां कर्तव्यानां) अनुज्ञां कुर्वन्ति सः एव धर्मः वर्तते।
🍃शास्त्र को ठीक-से जानने वाले, राग व द्वेष से रहित महात्मा लोग अंत:करण से अभिमुख होकर जिन कर्मों को सदा से करते चले आए हैं, वे ही धर्म हैं।
मनुस्मृति
#Subhashitam
November 23, 2023
November 24, 2023
अहो अद्भुतं देवालयः इदम् अस्ति।
वाक्ये अनुचितं पदं किम्।
वाक्ये अनुचितं पदं किम्।
Anonymous Quiz
24%
अद्भुतम्
24%
इदम्
28%
देवालयः
19%
अद्भुतम् इदं च
5%
देवालयः इदं च
November 24, 2023
मोहन = चलो , हम दोनों घर से बाहर चलकर किसी अच्छे रेस्टोरेंट में भोजन किया जाए
(चल, आवां गृहत: बहिर्गत्य कस्मिंश्चितद् उत्तमे भोजनालये भोजनं करवाव।)
---
सोहन = कितना अच्छा! सुबह से कुछ भी नहीं खाया है।पत्नी बाहर है।लेकिन मेरे पास रुपये तो नहीं है।बिल का भुगतान कौन करेगा ?
= कियत् मनोहरम् ! प्रात:कालात् इदानीं यावत् किमपि न खादितवान्।भार्या गृहे नास्ति।मम पार्श्वे रूप्यकं नास्ति।भोजनव्ययस्य कृते मुद्रां को दास्यति ?
-----
मोहन = मैं आपको आज अपनी तरफ से आपको भोजन खिलाऊंगा ।
( अहं भवन्तम् अद्य स्वपक्षतः भोजनं कारयिष्यामि।)
------
( होटल में = भोजनलाये)
मोहन = मेनू कहां है ?
(भोजनस्य सूच्य: कुत्र?)
----
वेटर= दिवाल पर लिखा है ।
(परिवेषक: = भित्तौ लिखितम्।)
----
मोहन=ठीक है। हमें एक- प्लेट चावल और आधा-आधा प्लेट पनीर चिली चाहिए।
( अस्तु।आवाभ्याम् एकशरावपरिमितम् ओदनम् अर्धमर्धं च महामरीचिकायुक्तं प्राणीरव्यञ्जनम् आवश्यकानि।)
----
सोहन = तुमको यह कैसे लगता है?
( तुभ्यमिदं कीदृशं प्रतीयते?)
---
मोहन = ओह! बहुत मसालेदार है।यह तो जीभ को चाबुक मार रहा है।
(ओह!अतीव कटुयुक्तं व्यञ्जनम्। एतत् तु मम जिह्वां कषया ताडयतीति मया अनुभूयते।)
----
सोहन = ओह! यह तो डंक मार रहा है। मेरा जीभ तो जल रहा है ।
(ओह! एष तु दशति।मम जिह्वा तु ज्वलनमनुभवति।)
-----
मोहन = यह डिनर तुमको कैसे लगा ?
( तुभ्यम् एतद् मध्याह्नभोजनं कथम् अनुभूतम्।)
----------
सोहन = यह बहुत ही घटिया किस्म का डिनर था।घर से अच्छा भोजन किसी भी होटल में नही मिलेगा।)
(एतद् भोजनं नितरामेव अस्वादिष्टम। गृहात् उत्तमतरं भोजनं कश्मिंश्चिदपि भोजनालये न प्राप्स्यते।)
---------
मोहन = दुकान देखने में बहुत नामी लगता है , परन्तु इसमें बिकने वाले खान का सामान बहुत ही घटिया क्वालिटी का है।
(आपणः सुप्रसिद्धः प्रतीयते, परन्तु अस्मिन् विक्रीयखाद्यपदार्थाः नितरां निम्नगुणाः सन्ति।)
----
सोहन = अब हमलोग जल्दी घर चले।
(इदानीम् आवाम् अचिरात् गृहं चलाव।)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
(चल, आवां गृहत: बहिर्गत्य कस्मिंश्चितद् उत्तमे भोजनालये भोजनं करवाव।)
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सोहन = कितना अच्छा! सुबह से कुछ भी नहीं खाया है।पत्नी बाहर है।लेकिन मेरे पास रुपये तो नहीं है।बिल का भुगतान कौन करेगा ?
= कियत् मनोहरम् ! प्रात:कालात् इदानीं यावत् किमपि न खादितवान्।भार्या गृहे नास्ति।मम पार्श्वे रूप्यकं नास्ति।भोजनव्ययस्य कृते मुद्रां को दास्यति ?
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मोहन = मैं आपको आज अपनी तरफ से आपको भोजन खिलाऊंगा ।
( अहं भवन्तम् अद्य स्वपक्षतः भोजनं कारयिष्यामि।)
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( होटल में = भोजनलाये)
मोहन = मेनू कहां है ?
(भोजनस्य सूच्य: कुत्र?)
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वेटर= दिवाल पर लिखा है ।
(परिवेषक: = भित्तौ लिखितम्।)
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मोहन=ठीक है। हमें एक- प्लेट चावल और आधा-आधा प्लेट पनीर चिली चाहिए।
( अस्तु।आवाभ्याम् एकशरावपरिमितम् ओदनम् अर्धमर्धं च महामरीचिकायुक्तं प्राणीरव्यञ्जनम् आवश्यकानि।)
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सोहन = तुमको यह कैसे लगता है?
( तुभ्यमिदं कीदृशं प्रतीयते?)
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मोहन = ओह! बहुत मसालेदार है।यह तो जीभ को चाबुक मार रहा है।
(ओह!अतीव कटुयुक्तं व्यञ्जनम्। एतत् तु मम जिह्वां कषया ताडयतीति मया अनुभूयते।)
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सोहन = ओह! यह तो डंक मार रहा है। मेरा जीभ तो जल रहा है ।
(ओह! एष तु दशति।मम जिह्वा तु ज्वलनमनुभवति।)
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मोहन = यह डिनर तुमको कैसे लगा ?
( तुभ्यम् एतद् मध्याह्नभोजनं कथम् अनुभूतम्।)
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सोहन = यह बहुत ही घटिया किस्म का डिनर था।घर से अच्छा भोजन किसी भी होटल में नही मिलेगा।)
(एतद् भोजनं नितरामेव अस्वादिष्टम। गृहात् उत्तमतरं भोजनं कश्मिंश्चिदपि भोजनालये न प्राप्स्यते।)
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मोहन = दुकान देखने में बहुत नामी लगता है , परन्तु इसमें बिकने वाले खान का सामान बहुत ही घटिया क्वालिटी का है।
(आपणः सुप्रसिद्धः प्रतीयते, परन्तु अस्मिन् विक्रीयखाद्यपदार्थाः नितरां निम्नगुणाः सन्ति।)
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सोहन = अब हमलोग जल्दी घर चले।
(इदानीम् आवाम् अचिरात् गृहं चलाव।)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 24, 2023
November 24, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
कर्तरि-प्रयोगः (kartari-prayogaḥ) (Active Voice): In Sanskrit, for active voice, importance is given to the doer of the action. Here, the verb forms are influenced by the कर्तृपदम् (kartṛpadam) (Subject). The वचनम् (vacanam) (Grammatical Number) and पुरुषः…
Following are some examples of active voice in Sanskrit:
बालकः पुस्तकं पठति। (bālakaḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “A boy is reading a book.” Here, the verb is, “पठति” and the action is reading. The doer of the action is the word, “बालकः” and is in प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ), singular and third person. The same is true for the verb too. The receiver here is the word, “पुस्तकम्” and is in द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) singular and third person.
पत्राणि पतन्ति। (patrāṇi patanti।), this means, “Leaves are falling.” Here, the verb is, “पतन्ति” and the action is falling. The doer of the action is the word, “पत्राणि”. It is in plural, third person and प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ). The same holds true for the verb too. Here, the verb is an intransitive one, so there is no receiver.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
बालकः पुस्तकं पठति। (bālakaḥ pustakaṃ paṭhati।), this means, “A boy is reading a book.” Here, the verb is, “पठति” and the action is reading. The doer of the action is the word, “बालकः” and is in प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ), singular and third person. The same is true for the verb too. The receiver here is the word, “पुस्तकम्” and is in द्वितीया विभक्तिः (dvitīyā vibhaktiḥ) singular and third person.
पत्राणि पतन्ति। (patrāṇi patanti।), this means, “Leaves are falling.” Here, the verb is, “पतन्ति” and the action is falling. The doer of the action is the word, “पत्राणि”. It is in plural, third person and प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ). The same holds true for the verb too. Here, the verb is an intransitive one, so there is no receiver.
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November 24, 2023
November 24, 2023
अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि।
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।1.4।।
कीदृशाः शूराः युद्धे विद्यन्ते।
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।1.4।।
कीदृशाः शूराः युद्धे विद्यन्ते।
Anonymous Quiz
7%
भीमसदृशाः
10%
अर्जुनसदृशाः
65%
भीमार्जुनसदृशाः
18%
युयुधानविराटद्रुपदसदृशाः
November 24, 2023
November 24, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी शाम 05:22 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 25 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्विनी दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - व्यतिपात प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात बारियान
⛅ राहु काल - सुबह 09:43 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:59
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:07 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी शाम 05:22 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅ दिनांक - 25 नवम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्विनी दोपहर 02:56 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - व्यतिपात प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात बारियान
⛅ राहु काल - सुबह 09:43 से 11:05 तक
⛅ सूर्योदय - 06:59
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:07 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल द्वादशी
November 24, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - उत्तरकाशीनिस्तरणम्।
🗓२५ /११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थम् उत्तरकाशीनिस्तरणम् एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰विषयः - उत्तरकाशीनिस्तरणम्।
🗓२५ /११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थम् उत्तरकाशीनिस्तरणम् एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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November 24, 2023
November 24, 2023
November 24, 2023
November 24, 2023
November 24, 2023
🍃आक्षेप वचनं तस्य न वक्तव्यं कदाचन।
अनुकूलं प्रियं चास्य वक्तव्यं जनसंसदि।।
🔆 कस्यामपि स्थित्यां कमपि अपमानयितुं वचनानि न वक्तव्यानि एव तथैव जनसभासु अपि परिस्थिति-अनुकूलानि प्रियवचनानि एव वदितव्यानि।
⚜स्थिति चाहे कैसी भी हो, किसी को अपमानित करने वाले कटु शब्द कभी भी नहीं कहने चाहिये। जनसभाओ में भी सदैव परिस्थिति के अनुकूल दूसरों को प्रिय लगने वाली बातें ही कहनी चाहिये।
#Subhashitam
अनुकूलं प्रियं चास्य वक्तव्यं जनसंसदि।।
🔆 कस्यामपि स्थित्यां कमपि अपमानयितुं वचनानि न वक्तव्यानि एव तथैव जनसभासु अपि परिस्थिति-अनुकूलानि प्रियवचनानि एव वदितव्यानि।
⚜स्थिति चाहे कैसी भी हो, किसी को अपमानित करने वाले कटु शब्द कभी भी नहीं कहने चाहिये। जनसभाओ में भी सदैव परिस्थिति के अनुकूल दूसरों को प्रिय लगने वाली बातें ही कहनी चाहिये।
#Subhashitam
November 24, 2023
वस्तूनि स्थापयित्वा सः पतन्तं बालकं गृह्णाति।
अव्ययपदं किम्।
अव्ययपदं किम्।
Anonymous Quiz
8%
वस्तूनि
25%
पतन्तम्
64%
स्थापयित्वा
3%
गृह्णाति
November 25, 2023
मेहमान = नमस्ते , रमेश।
अभ्यागत: = नमस्ते रमेश !
रमेश=नमस्ते,सुरेश कैसे हो ?बैठो तो।तुम थके अवश्य होगे।
रमेश:=नमस्ते सुरेश!भवान् कथम् ? कृपया उपविशतु।मया प्रतीयते यत् भवान् अवश्यं श्रान्त: स्यात्।
सुरेश= ओह!मैं थकावट से चूरचूर हो गया हूं।
सुरेश: = आह! आम्!इदानीम् अति श्रान्तोऽभुवम् ।
रमेश = हमलोग युगों के बाद मिल रहे हैं।तुम तो ईद के चांद हो गये हो ।
रमेश:=इदानीम् आवां बहुवर्षानन्तरं परस्परं मिलाव:।भवत: दर्शनं तु पूर्णतया दुर्लभमभवत्।
रमेश = क्या आपके लिए चाय बनवाऊं? क्या पीने के लिए पानी भी गर्म करवाऊं?
रमेश:=अपि भवत: कृते चायं पाचयानि? पातुं जलमपि उष्णं कारयानि वा?
रमेश=मेरे घर का चाय आपको कैसा लग रहा है?
रमेश:=मम गृहे पचितं चायं भवते कथं रोचते?
सुरेश = बहुत अच्छा।
सुरेश:=अत्युत्तमम्।
रमेश= राधा,मेहमान के लिए स्वादिष्ट पकौड़ी बनाइएगा?
रमेश:= राधा! अतिथये रस्यां पक्वटिकां पचतु।
रमेश= पकौड़ी चखकर बताइएगा कि इसका स्वाद कैसा है?
रमेश: =पक्वटिकां निस्स्वाद्य अस्य रसः कथम्?
सुरेश = बहुत स्वादिष्ट ।
सुरेश:= सुस्वाद्यम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
अभ्यागत: = नमस्ते रमेश !
रमेश=नमस्ते,सुरेश कैसे हो ?बैठो तो।तुम थके अवश्य होगे।
रमेश:=नमस्ते सुरेश!भवान् कथम् ? कृपया उपविशतु।मया प्रतीयते यत् भवान् अवश्यं श्रान्त: स्यात्।
सुरेश= ओह!मैं थकावट से चूरचूर हो गया हूं।
सुरेश: = आह! आम्!इदानीम् अति श्रान्तोऽभुवम् ।
रमेश = हमलोग युगों के बाद मिल रहे हैं।तुम तो ईद के चांद हो गये हो ।
रमेश:=इदानीम् आवां बहुवर्षानन्तरं परस्परं मिलाव:।भवत: दर्शनं तु पूर्णतया दुर्लभमभवत्।
रमेश = क्या आपके लिए चाय बनवाऊं? क्या पीने के लिए पानी भी गर्म करवाऊं?
रमेश:=अपि भवत: कृते चायं पाचयानि? पातुं जलमपि उष्णं कारयानि वा?
रमेश=मेरे घर का चाय आपको कैसा लग रहा है?
रमेश:=मम गृहे पचितं चायं भवते कथं रोचते?
सुरेश = बहुत अच्छा।
सुरेश:=अत्युत्तमम्।
रमेश= राधा,मेहमान के लिए स्वादिष्ट पकौड़ी बनाइएगा?
रमेश:= राधा! अतिथये रस्यां पक्वटिकां पचतु।
रमेश= पकौड़ी चखकर बताइएगा कि इसका स्वाद कैसा है?
रमेश: =पक्वटिकां निस्स्वाद्य अस्य रसः कथम्?
सुरेश = बहुत स्वादिष्ट ।
सुरेश:= सुस्वाद्यम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
November 25, 2023
🎵We are thrilled to invite you to join our exclusive WhatsApp group dedicated to producing new age music of Sanskrit. This is a golden opportunity 🎫 for individuals who share a passion for music and wish to explore the timeless beauty of Sanskrit in a modern and innovative way.
🌸As a member of this group, you will have the unique chance to collaborate with like-minded artists, vocalists, and instrumentalists from diverse backgrounds. Together, we aim to create mesmerizing compositions that infuse the richness of Sanskrit with contemporary music elements.🎼
https://bit.ly/3QVZhzn
🌸As a member of this group, you will have the unique chance to collaborate with like-minded artists, vocalists, and instrumentalists from diverse backgrounds. Together, we aim to create mesmerizing compositions that infuse the richness of Sanskrit with contemporary music elements.🎼
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WhatsApp.com
गान्धर्व्वम्
WhatsApp Group Invite
November 25, 2023
कर्मणि-प्रयोगः (karmaṇi-prayogaḥ) (Passive Voice):
In Sanskrit, for passive voice, importance is given to the receiver of the action. This voice is used for transitive verbs. Here, the verb forms are influenced by the कर्मपदम् (karmapadam) (Object). The वचनम् (vacanam) (Grammatical Number) and पुरुषः (puruṣaḥ) (Grammatical Person) of the receiver is the same for the verb too. Here, if one uses or does not use a doer, it will be fine.
Note: For passive voice, only आत्मनेपद-प्रत्ययाः can be used. No other kind of suffixes can be used.
In Sanskrit, there are word cases. So, for passive voice, the प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) will be used for the receiver. For the doer, तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ) will be used.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
In Sanskrit, for passive voice, importance is given to the receiver of the action. This voice is used for transitive verbs. Here, the verb forms are influenced by the कर्मपदम् (karmapadam) (Object). The वचनम् (vacanam) (Grammatical Number) and पुरुषः (puruṣaḥ) (Grammatical Person) of the receiver is the same for the verb too. Here, if one uses or does not use a doer, it will be fine.
Note: For passive voice, only आत्मनेपद-प्रत्ययाः can be used. No other kind of suffixes can be used.
In Sanskrit, there are word cases. So, for passive voice, the प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) will be used for the receiver. For the doer, तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ) will be used.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 25, 2023
November 25, 2023
धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्।पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गवः।।1.5।।
कः वीर्यवान् वर्णितः अत्र।
कः वीर्यवान् वर्णितः अत्र।
Anonymous Quiz
29%
काशिराजः।
32%
काशिराजश्चः।
7%
पुरुजित्।
32%
सर्वे शूराः।
November 25, 2023
November 25, 2023
November 25, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - शीतर्तुः
🗓२६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थम (शीतकाले कर्तव्यान् अकर्तव्यान् वदन्तु) एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - शीतर्तुः
🗓२६/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 25, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी शाम 03:53 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 26 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - भरणी दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - परिघ रात्रि 01:37 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - शाम 04:32 से 05:53 तक
⛅ सूर्योदय - 07:00
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:08 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी, पूर्णिमा, देव दीवाली
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी शाम 03:53 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 26 नवम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - भरणी दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात कृतिका
⛅ योग - परिघ रात्रि 01:37 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - शाम 04:32 से 05:53 तक
⛅ सूर्योदय - 07:00
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:15 से 06:08 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:53 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - वैकुंठ चतुर्दशी, पूर्णिमा, देव दीवाली
Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी
November 25, 2023
November 25, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Weekly Sanskrit Magazine | Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction of being India’s only terrestrial cum satellite…
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November 25, 2023
November 25, 2023
November 25, 2023
November 25, 2023
November 26, 2023
November 25, 2023
🍃नास्ति कामसमो व्याधि:
नास्ति मोहसमो रिपु:।
नास्ति क्रोधसमो वह्नि:
नास्ति ज्ञानात् परं सुखम्।।
🔆 कामवासनासदृशः रोगः नास्ति मोहसदृशः शत्रुः नास्ति क्रोधसदृशः अग्निः
नास्ति तथा ज्ञानात् उत्तरं सुखं नास्ति।
⚜कामवासना के समान कोई दूसरा रोग नही है, मोह के समान कोई दूसरा शत्रु नही है, क्रोध के समान कोई अग्नि नही है और ज्ञान से बड़ा कोई सुख नही है।
#Subhashitam
नास्ति मोहसमो रिपु:।
नास्ति क्रोधसमो वह्नि:
नास्ति ज्ञानात् परं सुखम्।।
🔆 कामवासनासदृशः रोगः नास्ति मोहसदृशः शत्रुः नास्ति क्रोधसदृशः अग्निः
नास्ति तथा ज्ञानात् उत्तरं सुखं नास्ति।
⚜कामवासना के समान कोई दूसरा रोग नही है, मोह के समान कोई दूसरा शत्रु नही है, क्रोध के समान कोई अग्नि नही है और ज्ञान से बड़ा कोई सुख नही है।
#Subhashitam
November 25, 2023
November 25, 2023
November 25, 2023
श्रीमद्भगवद्गीतायाः अष्टादश-दिवसीयः प्रमाणपत्रीयः पाठ्यक्रमः ऐषमः डिसेम्बरमासे चतुर्थ-दिनाङ्कात् आरब्धा।
मुम्बय्यां कान्दीवली-शिक्षासमाजेन आयोज्यमानेऽस्मिन् कार्यक्रमे देशस्य प्रबुद्धाः गीतामर्मज्ञाः 'प्रतिदिनम् श्रीमद्भगवद्गीतायाः एकः अध्यायः' इति कृत्वा मासेऽस्मिन् द्वाविंशतिदिनाङ्कं यावत् प्रतिवर्षमिव गीताजयन्तीपर्यन्तं गीताज्ञानामृतं वितरिष्यन्ति।
मुम्बय्यां कान्दीवली-शिक्षासमाजेन आयोज्यमानेऽस्मिन् कार्यक्रमे देशस्य प्रबुद्धाः गीतामर्मज्ञाः 'प्रतिदिनम् श्रीमद्भगवद्गीतायाः एकः अध्यायः' इति कृत्वा मासेऽस्मिन् द्वाविंशतिदिनाङ्कं यावत् प्रतिवर्षमिव गीताजयन्तीपर्यन्तं गीताज्ञानामृतं वितरिष्यन्ति।
November 26, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
संस्कृतानुरागिणः संस्कृतशिक्षाक्षेत्रे कार्यनिरताश्च विबुधाः विनिवेद्यन्ते यत् तैः यदि शिक्षाविषयकाणि चलच्चित्रनिर्माणं कृतमस्ति चेत् कृपया अत्र शैक्षिकसंस्कृतचलच्चित्रमहोत्सवे पञ्जीकरणं कुर्वन्तु।
November 26, 2023
रामचन्द्रं भजे। अत्र भजे इत्यत्र कः पुरुषः।
Anonymous Quiz
48%
उत्तमपुरुषः
25%
मध्यमपुरुषः
21%
प्रथमपुरुषः
6%
नास्ति कश्चन पुुरुषः
November 26, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
मेहमान = नमस्ते , रमेश। अभ्यागत: = नमस्ते रमेश ! रमेश=नमस्ते,सुरेश कैसे हो ?बैठो तो।तुम थके अवश्य होगे। रमेश:=नमस्ते सुरेश!भवान् कथम् ? कृपया उपविशतु।मया प्रतीयते यत् भवान् अवश्यं श्रान्त: स्यात्। सुरेश= ओह!मैं थकावट से चूरचूर हो गया हूं। सुरेश: = आह! आम्!इदानीम्…
रमेश= राधा,मेहमान के लिए स्वादिष्ट पकौड़ी बनाइएगा?
रमेश:= राधा! अतिथये रस्यां पक्वटिकां पचतु।
रमेश= पकौड़ी चखकर बताइएगा कि इसका स्वाद कैसा है?
रमेश: =पक्वटिकां निस्स्वाद्य अस्य रसः कथम्?
सुरेश = बहुत स्वादिष्ट ।
सुरेश:= सुस्वाद्यम्।
रमेश= थोड़ा और लीजिए।रस्म अदाई न कीजिए।
रमेश: = किञ्चदधिकम् आदत्स्व ! मा शिष्टाचारं कुरु
रमेश= क्या और लीजिएगा।
सुरेश=जी नहीं,धन्यवाद।
रमेश: = इतोऽपि ग्रहिष्यति भवान् वा?
सुरेश:=नैव महाशय! धन्यवाद।
रमेश=यह तुम्हारा अपना घर है। कृपया कोई औपचारिकता नहीं निभाइए।
रमेश:=एतत् भवत: एव निजसदनम्। कृपया अलं शिष्टाचारेण।
सुरेश = इस प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।अच्छा!मैं चलता हूं।
सुरेश: = अस्य आतिथ्यसत्कारस्य कृते भवत: अतिशयेन धन्यवादा:। कृपया मां गन्तुम् अनुजानीहि।
रमेश = ठीक है। फिर आइएगा।
रमेश: = अस्तु। पुनः आगच्छतु भवान् अत्र।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
रमेश:= राधा! अतिथये रस्यां पक्वटिकां पचतु।
रमेश= पकौड़ी चखकर बताइएगा कि इसका स्वाद कैसा है?
रमेश: =पक्वटिकां निस्स्वाद्य अस्य रसः कथम्?
सुरेश = बहुत स्वादिष्ट ।
सुरेश:= सुस्वाद्यम्।
रमेश= थोड़ा और लीजिए।रस्म अदाई न कीजिए।
रमेश: = किञ्चदधिकम् आदत्स्व ! मा शिष्टाचारं कुरु
रमेश= क्या और लीजिएगा।
सुरेश=जी नहीं,धन्यवाद।
रमेश: = इतोऽपि ग्रहिष्यति भवान् वा?
सुरेश:=नैव महाशय! धन्यवाद।
रमेश=यह तुम्हारा अपना घर है। कृपया कोई औपचारिकता नहीं निभाइए।
रमेश:=एतत् भवत: एव निजसदनम्। कृपया अलं शिष्टाचारेण।
सुरेश = इस प्यार के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।अच्छा!मैं चलता हूं।
सुरेश: = अस्य आतिथ्यसत्कारस्य कृते भवत: अतिशयेन धन्यवादा:। कृपया मां गन्तुम् अनुजानीहि।
रमेश = ठीक है। फिर आइएगा।
रमेश: = अस्तु। पुनः आगच्छतु भवान् अत्र।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
November 26, 2023
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साथियो, भारतीय संस्कृति की सुंदरता को सऊदी अरब में भी महसूस किया गया | इसी महीने सऊदी अरब में ‘संस्कृत उत्सव’ नाम का एक आयोजन हुआ | यह अपने आप में बहुत अनूठा था, क्योंकि ये पूरा कार्यक्रम ही संस्कृत में था | संवाद, संगीत, नृत्य सब कुछ संस्कृत में, इसमें, वहाँ के स्थानीय लोगों की भागीदारी भी देखी गयी।
#celebrating_sanskrit
#celebrating_sanskrit
November 26, 2023
November 26, 2023
युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।1.6।।
द्रौपदेयाः के अत्र।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।1.6।।
द्रौपदेयाः के अत्र।
Anonymous Quiz
27%
द्रुपदस्य पुत्राः।
20%
द्रौपद्याः पौत्राः।
8%
द्रोणस्य पुत्राः।
44%
द्रौपद्याः पुत्राः।
November 26, 2023
November 26, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓२७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰 विषयः - वार्ताः
🗓२७/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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November 26, 2023
सार्वभौम- संस्कृत- प्रचार- संस्थानस्य पाठ्यक्रमद्वारा
शीतकालीन- संस्कृत- सम्भाषण- शिविरम्( वर्चुअलम्)
१५ दिसम्बर २३- १५ जनवरी २४ पर्यन्तम्
To join the meeting on Google Meet, click this link:
https://meet.google.com/agz-xazt-ord
Or open Meet and enter this code: agz-xazt-ord
*********
सम्मान्या:!
सादरमभिवादनम्।
शीतकाल: समागत इतिस्मृत्या शिविरायोजनं साक्षादायातीति विचिन्तयाम:। पूर्वसंवत्सरवद् अस्मिन्नपि संवत्सरे संस्कृत-सम्भाषण-शिविरमायज्यते। ये पूर्ववर्तिन: प्रशिक्षका अस्मद्बन्धव: सहयोगिन: सन्ति तेषामस्ति हार्दिकं स्वागतम्। अन्ये संयुक्ता बन्धव: सोल्लासमायान्त्विति परामृशाम:। एतन्निमित्तं अद्य २६/११/२३ दिनांके रात्रौ ०८:०० वादने वर्चुअल- पारिवारिक-सम्मेलन-गोष्ठी आयोज्यते। अवश्यमुपस्थाय भवन्त: परस्परं वार्तं विज्ञाय मोदन्ताम्। तदनु शिविरस्य साफल्याय योगदानवचोभिरुपकुर्न्त्विति कामयामहे--
सबान्धवा वयं
संयोजका:
प्रो. कामेश्वरशुक्ल:
प्रो. सन्तोषककुमारशुक्ल:
डॉ. शरदिन्दुकुमारत्रिपाठी
परिकल्पक:-- डॉ. अरविन्द कुमार तिवारी
समन्वयक: - डॉ. शम्भु त्रिपाठी
शीतकालीन- संस्कृत- सम्भाषण- शिविरम्( वर्चुअलम्)
१५ दिसम्बर २३- १५ जनवरी २४ पर्यन्तम्
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*********
सम्मान्या:!
सादरमभिवादनम्।
शीतकाल: समागत इतिस्मृत्या शिविरायोजनं साक्षादायातीति विचिन्तयाम:। पूर्वसंवत्सरवद् अस्मिन्नपि संवत्सरे संस्कृत-सम्भाषण-शिविरमायज्यते। ये पूर्ववर्तिन: प्रशिक्षका अस्मद्बन्धव: सहयोगिन: सन्ति तेषामस्ति हार्दिकं स्वागतम्। अन्ये संयुक्ता बन्धव: सोल्लासमायान्त्विति परामृशाम:। एतन्निमित्तं अद्य २६/११/२३ दिनांके रात्रौ ०८:०० वादने वर्चुअल- पारिवारिक-सम्मेलन-गोष्ठी आयोज्यते। अवश्यमुपस्थाय भवन्त: परस्परं वार्तं विज्ञाय मोदन्ताम्। तदनु शिविरस्य साफल्याय योगदानवचोभिरुपकुर्न्त्विति कामयामहे--
सबान्धवा वयं
संयोजका:
प्रो. कामेश्वरशुक्ल:
प्रो. सन्तोषककुमारशुक्ल:
डॉ. शरदिन्दुकुमारत्रिपाठी
परिकल्पक:-- डॉ. अरविन्द कुमार तिवारी
समन्वयक: - डॉ. शम्भु त्रिपाठी
November 26, 2023
November 26, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा दोपहर 02:45 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 27 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृतिका दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - शिव रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 08:22 से 09:44 तक
⛅ सूर्योदय - 07:01
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:08 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयन्ती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा दोपहर 02:45 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 27 नवम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - कार्तिक
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृतिका दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - शिव रात्रि 11:39 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 08:22 से 09:44 तक
⛅ सूर्योदय - 07:01
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:08 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:54 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयन्ती
November 26, 2023
November 26, 2023
November 26, 2023
November 26, 2023
November 26, 2023
November 27, 2023
🍃अर्थेन भेषजं लभ्यम् आरोग्यं न कदाचन ।
अर्थेन ग्रन्थसम्भारः ज्ञानं लभ्यं प्रयत्नतः ॥
🔆 धनेन वयम् औषधं तु क्रेतुं शक्नुमः किन्तु आरोग्यं न तथैव ग्रन्थान् तु प्राप्तुं शक्नुमः किन्तु ज्ञानं न तदर्थं तु निरन्तरं प्रयत्नः एव करणीयः।
⚜One can buy medicines from money, but not health. Similarly, one can buy books with money, but knowledge can be gained only by consistent effort.
#Subhashitam
अर्थेन ग्रन्थसम्भारः ज्ञानं लभ्यं प्रयत्नतः ॥
🔆 धनेन वयम् औषधं तु क्रेतुं शक्नुमः किन्तु आरोग्यं न तथैव ग्रन्थान् तु प्राप्तुं शक्नुमः किन्तु ज्ञानं न तदर्थं तु निरन्तरं प्रयत्नः एव करणीयः।
⚜One can buy medicines from money, but not health. Similarly, one can buy books with money, but knowledge can be gained only by consistent effort.
#Subhashitam
November 26, 2023
१. मम नाम महेशः ।
My name is Mahesh.
मेरा नाम महेश है।
२. भवतः नाम रमेशः।
Your name is Ramesh.
तुम्हारा नाम रमेश है।
३. छात्रः विद्यालयं गच्छति ।
The student goes to school.
छात्र विद्यालय जाता है।
४. तस्य भगिनी अपि विद्यालयं गच्छति ।
His sister also goes to school.
उसकी बहन भी विद्यालय जाती है।
५. भवान् प्रतिदिनं सायं काले कुत्र गच्छति ।
Where do you go every evening?
तुम हर शाम कहाँ जाते हो।
६. भवत्याः नाम किम् ।
What is your (female) name?
तुम्हारा नाम क्या है।
७. भवती कस्यां कक्ष्यायां पठति ।
In which class do you (female) study?
तुम किस कक्षा में पढ़ती हो।
८. भवान् अद्य किं खादति, भक्तम् उत रोटिकाम् ।
What are you eating today, rice or bread?
तुम आज क्या खा रहे हो, चावल या रोटी।
९. अहम् इदानीं न किमपि खादामि, बुभुक्षा नास्ति ।
I am not eating anything now; there is no hunger.
मैं अब कुछ नहीं खा रहा हूँ, भूख नहीं है।
१०. तर्हि एकम् आम्रफलं खादतु ।
Then eat a mango.
तो एक आम खा लो।
११. अस्तु ददातु, फलं चेत् खादामि ।
Alright, give, I will eat the fruit.
ठीक है, दो, मैं फल खा लूँगा।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
My name is Mahesh.
मेरा नाम महेश है।
२. भवतः नाम रमेशः।
Your name is Ramesh.
तुम्हारा नाम रमेश है।
३. छात्रः विद्यालयं गच्छति ।
The student goes to school.
छात्र विद्यालय जाता है।
४. तस्य भगिनी अपि विद्यालयं गच्छति ।
His sister also goes to school.
उसकी बहन भी विद्यालय जाती है।
५. भवान् प्रतिदिनं सायं काले कुत्र गच्छति ।
Where do you go every evening?
तुम हर शाम कहाँ जाते हो।
६. भवत्याः नाम किम् ।
What is your (female) name?
तुम्हारा नाम क्या है।
७. भवती कस्यां कक्ष्यायां पठति ।
In which class do you (female) study?
तुम किस कक्षा में पढ़ती हो।
८. भवान् अद्य किं खादति, भक्तम् उत रोटिकाम् ।
What are you eating today, rice or bread?
तुम आज क्या खा रहे हो, चावल या रोटी।
९. अहम् इदानीं न किमपि खादामि, बुभुक्षा नास्ति ।
I am not eating anything now; there is no hunger.
मैं अब कुछ नहीं खा रहा हूँ, भूख नहीं है।
१०. तर्हि एकम् आम्रफलं खादतु ।
Then eat a mango.
तो एक आम खा लो।
११. अस्तु ददातु, फलं चेत् खादामि ।
Alright, give, I will eat the fruit.
ठीक है, दो, मैं फल खा लूँगा।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 27, 2023
November 27, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
कर्मणि-प्रयोगः (karmaṇi-prayogaḥ) (Passive Voice): In Sanskrit, for passive voice, importance is given to the receiver of the action. This voice is used for transitive verbs. Here, the verb forms are influenced by the कर्मपदम् (karmapadam) (Object). The वचनम्…
Following are some examples of passive voice in Sanskrit:
बालकेन पुस्तकं पठ्यते। (bālakena pustakaṃ paṭhyate।), this means, “A book is read by a boy.” Here, the verb is, “पठ्यते” and the action is reading. The doer of the action is the word, “बालकेन” and is in तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ), singular and third person. The object here is the word, “पुस्तकम्” and is in प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) singular and third person. The same is true for the verb too.
बालिकया आम्रफलं खाद्यते। (bālikayā āmraphalaṃ khādyate।), this means, “A mango is eaten by a girl.” Here, the verb is, “खाद्यते” and the action is eating. The doer of the action is the word, “बालिकया”. It is in singular, third person and तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ). The object here is the word, “आम्रफलम्” and is in singular, third person and प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ). The same is true for the verb too.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
बालकेन पुस्तकं पठ्यते। (bālakena pustakaṃ paṭhyate।), this means, “A book is read by a boy.” Here, the verb is, “पठ्यते” and the action is reading. The doer of the action is the word, “बालकेन” and is in तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ), singular and third person. The object here is the word, “पुस्तकम्” and is in प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ) singular and third person. The same is true for the verb too.
बालिकया आम्रफलं खाद्यते। (bālikayā āmraphalaṃ khādyate।), this means, “A mango is eaten by a girl.” Here, the verb is, “खाद्यते” and the action is eating. The doer of the action is the word, “बालिकया”. It is in singular, third person and तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ). The object here is the word, “आम्रफलम्” and is in singular, third person and प्रथमा विभक्तिः (prathamā vibhaktiḥ). The same is true for the verb too.
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#sanskritlessons
November 27, 2023
November 27, 2023
अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।
नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते।।1.7।।
किमर्थं ब्रवीति एषः।
नायका मम सैन्यस्य संज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते।।1.7।।
किमर्थं ब्रवीति एषः।
Anonymous Quiz
6%
एष पृष्टः।
15%
उन्मत्तः एषः।
51%
ज्ञापनार्थम्।
28%
नायकान् गणयति।
November 27, 2023
November 27, 2023
नमो नमः
नूतनं जालपुटं निर्मितमस्ति शास्त्र-जिज्ञासूनां कृते।
https://vidya.paddhati.org
प्रश्नोत्तराणां सङ्ग्रहः अत्र भविष्यति।
कृपया दृष्ट्वा स्वाभिप्रायं प्रकटयत।
नूतनं जालपुटं निर्मितमस्ति शास्त्र-जिज्ञासूनां कृते।
https://vidya.paddhati.org
प्रश्नोत्तराणां सङ्ग्रहः अत्र भविष्यति।
कृपया दृष्ट्वा स्वाभिप्रायं प्रकटयत।
November 27, 2023
First-Circular-28-09-2023-.pdf
831.9 KB
🌺 We are delighted to announce that, as agreed by the International Association of Sanskrit Studies (IASS) at the 17th World Sanskrit Conference (Vancouver, Canada, 2018), the 19th World Sanskrit Conference will be held in Kathmandu, Nepal🇳🇵from December 17 to December 21, 2024.🗓
November 27, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - अन्यराज्यपरिचयः
🗓२८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् अन्यस्य राज्यस्य परिचयः कारणीयः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - अन्यराज्यपरिचयः
🗓२८/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 27, 2023
November 27, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 28 नवम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - रोहिणी दोपहर 01:31 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - सिद्ध रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:32 तक
⛅ सूर्योदय - 07:02
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:16 से 06:09 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:01 से 12:54 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ योग - सिद्ध रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - दोपहर 03:10 से 04:32 तक
⛅ सूर्योदय - 07:02
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Prashasak Samiti
GEETA VIDEO AND PANCHANG : मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा
November 27, 2023
November 27, 2023
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November 27, 2023
November 27, 2023
November 28, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
अन्यराज्यपरिचयः
अन्यराज्यपरिचयः
November 27, 2023
🍃एकं हन्यान्न वा हन्यादिषुर्मुक्तो धनुष्मता।
बुद्धिर्बुद्धिमतोत्सृष्टा हन्याद् राष्ट्रं सराजकम्।।
🔆केनचन योद्ध्रा त्यक्तः बाणः कस्यचित् हननं कुर्यात् वा न वा किन्तु केनचित् बुद्धिमानेन उपयुक्ता बुद्धिः समग्रं राष्ट्रमेव समापयेत्।
⚜यह तो सम्भव हो सकता है कि किसी धनुर्धर वीर के द्वारा छोड़ा हुआ बाण किसी एक को भी न मार सके । मगर इसमें संशय नही, कि एक सच्चे बुद्धिमान द्वारा प्रयुक्त की हुई बुद्धि राजा के साथ-साथ सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश कर सकती है।
#Subhashitam
बुद्धिर्बुद्धिमतोत्सृष्टा हन्याद् राष्ट्रं सराजकम्।।
🔆केनचन योद्ध्रा त्यक्तः बाणः कस्यचित् हननं कुर्यात् वा न वा किन्तु केनचित् बुद्धिमानेन उपयुक्ता बुद्धिः समग्रं राष्ट्रमेव समापयेत्।
⚜यह तो सम्भव हो सकता है कि किसी धनुर्धर वीर के द्वारा छोड़ा हुआ बाण किसी एक को भी न मार सके । मगर इसमें संशय नही, कि एक सच्चे बुद्धिमान द्वारा प्रयुक्त की हुई बुद्धि राजा के साथ-साथ सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश कर सकती है।
#Subhashitam
November 27, 2023
November 28, 2023
(१) जहां-तहां---
किताबें जहां-तहां पड़ी है
= पुस्तकानि इतस्ततो विकीर्णानि सन्ति।
(२) जहां-कहीं/जहां-जहां---
वह जहां जहां जाता है कहर ढाता है
= स यत्र क्वचिदपि गच्छति ,विप्लवं करोति।
(३)जब कभी/जब-जब---
वह यहां जब जब आता है मेरे लिए मिठाईयां लाती है
= स अत्र यदाकदापि आगच्छति , मम हेतो: मिष्टान्नानि आनयति।
(४)अक्सर/बराबर---
ट्रेन अक्सर लेट रहती है
= रेलयानास्य आगमनं प्रायश: समयानुसारं न भवति।
(५)दिन-दिन----
वह दिन-दिन खराब होता जा रहा है=
••इदानीं स प्रतिदिनं रुग्णतर: जायते।(रोग की अवस्था में)।
••इदानीं स प्रतिदिनं निर्धनतर: जायते।(आर्थिक दृष्टि से)
(६)जब कभी मैंने उनसे सवाल पूछने का प्रयास करता हूं,वह मेरे प्रश्न का उत्तर देने से बचने का बराबर प्रयास करता है
= यदा कदाहं तं प्रश्नं प्रष्टुं यतितुमिच्छामि,परन्तु स उत्तरदानं विमोक्तुं प्रायश: यतते।
(७)बूंद-बूंद----
नल से पानी बूंद-बूंद गिर रही है
= नलात् प्रतिजलविन्दुं सततं पतति।
(८)एक ओर---- दूसरी ओर/इधर--- उधर ------
एक ओर गरीबी है और दूसरी ओर अपार धन
=एकतो नैर्धन्यम् अपरतश्च अपारं धनम्
(९)जैसे-तैसे---
काम जैसे-तैसे समाप्त करो
= कार्यं यथाशक्यं समाप्नुहि।
(१०) जहां तक----
जहां तक मेरा सवाल है,मुझे कोई आपत्ति नहीं
= यावत् मे इच्छा, मम कापि आपत्तिर्नास्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
किताबें जहां-तहां पड़ी है
= पुस्तकानि इतस्ततो विकीर्णानि सन्ति।
(२) जहां-कहीं/जहां-जहां---
वह जहां जहां जाता है कहर ढाता है
= स यत्र क्वचिदपि गच्छति ,विप्लवं करोति।
(३)जब कभी/जब-जब---
वह यहां जब जब आता है मेरे लिए मिठाईयां लाती है
= स अत्र यदाकदापि आगच्छति , मम हेतो: मिष्टान्नानि आनयति।
(४)अक्सर/बराबर---
ट्रेन अक्सर लेट रहती है
= रेलयानास्य आगमनं प्रायश: समयानुसारं न भवति।
(५)दिन-दिन----
वह दिन-दिन खराब होता जा रहा है=
••इदानीं स प्रतिदिनं रुग्णतर: जायते।(रोग की अवस्था में)।
••इदानीं स प्रतिदिनं निर्धनतर: जायते।(आर्थिक दृष्टि से)
(६)जब कभी मैंने उनसे सवाल पूछने का प्रयास करता हूं,वह मेरे प्रश्न का उत्तर देने से बचने का बराबर प्रयास करता है
= यदा कदाहं तं प्रश्नं प्रष्टुं यतितुमिच्छामि,परन्तु स उत्तरदानं विमोक्तुं प्रायश: यतते।
(७)बूंद-बूंद----
नल से पानी बूंद-बूंद गिर रही है
= नलात् प्रतिजलविन्दुं सततं पतति।
(८)एक ओर---- दूसरी ओर/इधर--- उधर ------
एक ओर गरीबी है और दूसरी ओर अपार धन
=एकतो नैर्धन्यम् अपरतश्च अपारं धनम्
(९)जैसे-तैसे---
काम जैसे-तैसे समाप्त करो
= कार्यं यथाशक्यं समाप्नुहि।
(१०) जहां तक----
जहां तक मेरा सवाल है,मुझे कोई आपत्ति नहीं
= यावत् मे इच्छा, मम कापि आपत्तिर्नास्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 28, 2023
November 28, 2023
November 28, 2023
भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ):
Here, there are only two main words: the कर्तृपदम् (subject) and the verb (action). This voice is used for intransitive verbs and hence, such sentences do not have any object/receiver of the action.
Note: Here, the doer of the action is always in तृतीया विभक्तिः The verb, however, is always in third person, singular, (of that particular tense) no matter whoever the doer.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
Here, there are only two main words: the कर्तृपदम् (subject) and the verb (action). This voice is used for intransitive verbs and hence, such sentences do not have any object/receiver of the action.
Note: Here, the doer of the action is always in तृतीया विभक्तिः The verb, however, is always in third person, singular, (of that particular tense) no matter whoever the doer.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
November 28, 2023
November 28, 2023
भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च।।1.8।।
भवानिति कः इङ्गितः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च।।1.8।।
भवानिति कः इङ्गितः।
Anonymous Quiz
27%
दुर्योधनः।
37%
आचार्यः।
19%
भीष्मः।
17%
सर्वे नायकाः।
November 28, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓२९/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🗓२९/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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November 28, 2023
November 28, 2023
November 28, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 01:56 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 29 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - साध्य रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:28 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 07:02
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:17 से 06:10 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:54 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया दोपहर 01:56 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 29 नवम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - साध्य रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात शुभ
⛅ राहु काल - दोपहर 12:28 से 01:49 तक
⛅ सूर्योदय - 07:02
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:17 से 06:10 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:54 तक
November 28, 2023
November 28, 2023
November 28, 2023
November 28, 2023
November 28, 2023
🍃विह्वलो यम् अवलम्बते आपत्पतितं च यः समुद्धरति।
शरणागतं च रक्षति त्रिभिस्तैरलङ्कृता पृथिवी॥
🔆 भयाक्रातं यः आश्रयं ददाति आपदि पतितं यो रक्षति तथा शरणे आगतं यः त्रायते तादृशैः जनैः एव इयं पृथ्वी शोभिता विद्यते।
⚜The world is adorned by three kinds of people the one who helps the afraid, the one who saves person from peril and the one who saves person who has sought his resort.
⚜विह्वल मनुष्य की जो रक्षा करता है, आपत्ति में पडे हुए को जो बचाता है एवं जो शरणागत की रक्षा करता है - इन तीन प्रकार के लोगों से पृथ्वी अलंकृत है।
#Subhashitam
शरणागतं च रक्षति त्रिभिस्तैरलङ्कृता पृथिवी॥
🔆 भयाक्रातं यः आश्रयं ददाति आपदि पतितं यो रक्षति तथा शरणे आगतं यः त्रायते तादृशैः जनैः एव इयं पृथ्वी शोभिता विद्यते।
⚜The world is adorned by three kinds of people the one who helps the afraid, the one who saves person from peril and the one who saves person who has sought his resort.
⚜विह्वल मनुष्य की जो रक्षा करता है, आपत्ति में पडे हुए को जो बचाता है एवं जो शरणागत की रक्षा करता है - इन तीन प्रकार के लोगों से पृथ्वी अलंकृत है।
#Subhashitam
November 28, 2023
November 29, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(१) जहां-तहां--- किताबें जहां-तहां पड़ी है = पुस्तकानि इतस्ततो विकीर्णानि सन्ति। (२) जहां-कहीं/जहां-जहां--- वह जहां जहां जाता है कहर ढाता है = स यत्र क्वचिदपि गच्छति ,विप्लवं करोति। (३)जब कभी/जब-जब--- वह यहां जब जब आता है मेरे लिए मिठाईयां लाती है = स…
(११) जहां तक--- जहां तक योग्यता की बात है,मैं कहना चाहता हूं = यावत् योग्यतायाः परिक्षेपः, ततः वक्तुमिच्छामि।
(१२)पूरे समय तक---
वह पूरे समय तक बोलती रही = सा सम्पूर्णकालपर्यन्तम् अवदत्।
(१३)जैसा--वैसा/जैसे--वैसे/जिस प्रकार-- उसी प्रकार----/-
तुम जैसा करोगे,वैसा पाओगे =त्वं यथा करिष्यसि,तथैव प्राप्स्यसि।
(१४)कहीं- न-कहीं--
वह कहीं-न-कहीं जरूर जाएगा =स कुत्रचिद् तु अवश्यमेव यास्यति।
(१५)जैसा कि---/जैसा--
वह जल्द ही लौटेगा,जैसा कि उसने मोबाइल पर सूचित किया=
स शीघ्रमेव प्रतिगमिष्यति,यथा स चलभाषेण सूचितवान्।
(१६)वैसा-- जैसा---
मैंने वैसा ही किया जैसा मुझे कहा गया= अहं तथैव अकरवं यथा निर्दिष्टः।
भारत की महानतम वीरांगना रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप ही तेज, साहस और शौर्य का प्रतिमान थी।
••भारतस्य महत्तमा योद्ध्री राज्ञी दुर्गावती स्वनामानुगुणं तेजस्विनी, साहसिनी, शौर्यरूपा च बभूव यत् तत् एकं महदुदाहरणम्।
उन्होंने मालवा के शासक बाज बहादुर, दिल्ली के सुल्तान शेरशाह सूरी और मुगल बादशाह अकबर को युद्ध के मैदान में नाकों चने चबवा दिए।
••सा मालवाशासकं बाजबहादुरं,दिल्लीशासकं शेरशाहसूरीं मुगलसम्राजं च अकबरं युद्धप्राङ्गणे निर्ममतया पराजिग्ये(पराजितं कृतवती)।
वर्ष 1564 में रानी दुर्गावती ने मुगल सेना के सामने झुकने से इंकार कर स्वतंत्रता और अस्मिता के लिए युद्ध भूमि को चुना।
••चतुःषष्ठ्युत्तरपञ्चदशशततमे ख्रिष्टाब्दे राज्ञी दुर्गावती मुगलसेनायाः समक्षं नन्तुम् (पराजयस्वीकर्तुम्) अस्वीकृत्य स्वतन्त्रतायाः आत्मसम्मानस्य च कृते युद्धक्षेत्रं चिचाय(चितवान्)।
इस युद्ध में घायल दुर्गावती ने स्वयं की कटार से अपने सीने पर प्रहार कर अपने को बलिदान कर दिया।
••अस्मिन् युद्धे आहता दुर्गावती स्वकीयया छुरिकया स्वकीयं वक्ष:स्थलं प्रहृत्य आत्मोत्सर्गं चकार(कृतवती)।
ऐसी वीरांगना को शत-शत नमन।
•• एतादृश्यै वीराङ्गणायै शतशः नमस्कारा:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
(१२)पूरे समय तक---
वह पूरे समय तक बोलती रही = सा सम्पूर्णकालपर्यन्तम् अवदत्।
(१३)जैसा--वैसा/जैसे--वैसे/जिस प्रकार-- उसी प्रकार----/-
तुम जैसा करोगे,वैसा पाओगे =त्वं यथा करिष्यसि,तथैव प्राप्स्यसि।
(१४)कहीं- न-कहीं--
वह कहीं-न-कहीं जरूर जाएगा =स कुत्रचिद् तु अवश्यमेव यास्यति।
(१५)जैसा कि---/जैसा--
वह जल्द ही लौटेगा,जैसा कि उसने मोबाइल पर सूचित किया=
स शीघ्रमेव प्रतिगमिष्यति,यथा स चलभाषेण सूचितवान्।
(१६)वैसा-- जैसा---
मैंने वैसा ही किया जैसा मुझे कहा गया= अहं तथैव अकरवं यथा निर्दिष्टः।
भारत की महानतम वीरांगना रानी दुर्गावती अपने नाम के अनुरूप ही तेज, साहस और शौर्य का प्रतिमान थी।
••भारतस्य महत्तमा योद्ध्री राज्ञी दुर्गावती स्वनामानुगुणं तेजस्विनी, साहसिनी, शौर्यरूपा च बभूव यत् तत् एकं महदुदाहरणम्।
उन्होंने मालवा के शासक बाज बहादुर, दिल्ली के सुल्तान शेरशाह सूरी और मुगल बादशाह अकबर को युद्ध के मैदान में नाकों चने चबवा दिए।
••सा मालवाशासकं बाजबहादुरं,दिल्लीशासकं शेरशाहसूरीं मुगलसम्राजं च अकबरं युद्धप्राङ्गणे निर्ममतया पराजिग्ये(पराजितं कृतवती)।
वर्ष 1564 में रानी दुर्गावती ने मुगल सेना के सामने झुकने से इंकार कर स्वतंत्रता और अस्मिता के लिए युद्ध भूमि को चुना।
••चतुःषष्ठ्युत्तरपञ्चदशशततमे ख्रिष्टाब्दे राज्ञी दुर्गावती मुगलसेनायाः समक्षं नन्तुम् (पराजयस्वीकर्तुम्) अस्वीकृत्य स्वतन्त्रतायाः आत्मसम्मानस्य च कृते युद्धक्षेत्रं चिचाय(चितवान्)।
इस युद्ध में घायल दुर्गावती ने स्वयं की कटार से अपने सीने पर प्रहार कर अपने को बलिदान कर दिया।
••अस्मिन् युद्धे आहता दुर्गावती स्वकीयया छुरिकया स्वकीयं वक्ष:स्थलं प्रहृत्य आत्मोत्सर्गं चकार(कृतवती)।
ऐसी वीरांगना को शत-शत नमन।
•• एतादृश्यै वीराङ्गणायै शतशः नमस्कारा:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
November 29, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
🌞 आगामिकार्यक्रमाः 🌺 19th World Sanskrit Conference । १७ दशाम्बरतः २१ दशाम्बरपर्यन्तम्।
Telegram
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
🏵आगामिकार्यक्रमाः
🌺 Learn Sanskrit Round 16 Registration । १४ जनुवरिः।
🌺 Spoken Sanskrit 12th batch Registration । १५ जनुवरिः।
🌺 श्रीरामोत्सवपञ्जीकरणम्। १७ जनुवरिः।
🌺 अन्ताराष्ट्रियलघुचलच्चित्रोत्सवः । २७ जनुवरिः।
🌺 शलाकापरीक्षा । २५ फेब्रुवरिः।
🌺 Gita Olympiad…
🌺 Learn Sanskrit Round 16 Registration । १४ जनुवरिः।
🌺 Spoken Sanskrit 12th batch Registration । १५ जनुवरिः।
🌺 श्रीरामोत्सवपञ्जीकरणम्। १७ जनुवरिः।
🌺 अन्ताराष्ट्रियलघुचलच्चित्रोत्सवः । २७ जनुवरिः।
🌺 शलाकापरीक्षा । २५ फेब्रुवरिः।
🌺 Gita Olympiad…
November 29, 2023
November 29, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ): Here, there are only two main words: the कर्तृपदम् (subject) and the verb (action). This voice is used for intransitive verbs and hence, such sentences do not have any object/receiver of the action. Note: Here, the doer of…
Following are some examples of sentences using भावे-प्रयोगः (bhāve-prayogaḥ):
बालकैः हस्यते। (bālakaiḥ hasyate।), this means, “Boys are laughing.” Here, the word, “बालकैः” is the doer of the action and is in तृतीया विभक्तिः, plural. The verb is, “हस्यते” and the action is, laughing. It is in third person, singular, despite the doer being in plural.
अश्वाभ्यां धाव्यते। (aśvābhyāṃ dhāvyate।), this means, “Two horses are running”. Here, the word, “अश्वाभ्याम्” is the doer of the action and is in तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ), dual. The verb is, “धाव्यते” and the action is running. It is in third person, singular, despite the doer being in dual.
🌐 Sanskritwisdom.com
#sanskritlessons
बालकैः हस्यते। (bālakaiḥ hasyate।), this means, “Boys are laughing.” Here, the word, “बालकैः” is the doer of the action and is in तृतीया विभक्तिः, plural. The verb is, “हस्यते” and the action is, laughing. It is in third person, singular, despite the doer being in plural.
अश्वाभ्यां धाव्यते। (aśvābhyāṃ dhāvyate।), this means, “Two horses are running”. Here, the word, “अश्वाभ्याम्” is the doer of the action and is in तृतीया विभक्तिः (tṛtīyā vibhaktiḥ), dual. The verb is, “धाव्यते” and the action is running. It is in third person, singular, despite the doer being in dual.
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November 29, 2023
November 29, 2023
अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः।।1.9।।
एतेषु किम् एते शूराः न सन्ति।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः।।1.9।।
एतेषु किम् एते शूराः न सन्ति।
Anonymous Quiz
15%
विभिन्नशस्त्रेकुशलाः।
20%
अर्पितप्राणाः।
26%
युद्धनिपुणाः।
40%
सर्वज्ञाः।
November 29, 2023
November 29, 2023
November 29, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - जलजीवपरिचयः
🗓३०/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् जलजीवस्य परिचयः कारणीयः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - जलजीवपरिचयः
🗓३०/११/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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November 29, 2023
November 29, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 02:24 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 30 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 03:01 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - शुभ रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:11 तक
⛅ सूर्योदय - 07:03
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:10 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -संकष्टी चतुर्थी
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया दोपहर 02:24 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 30 नवम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा दोपहर 03:01 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - शुभ रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - दोपहर 01:49 से 03:11 तक
⛅ सूर्योदय - 07:03
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:10 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण -संकष्टी चतुर्थी
November 29, 2023
November 29, 2023
November 29, 2023
November 29, 2023
November 29, 2023
November 29, 2023
🍃दश धर्मं न जानन्ति धृतराष्ट्र निबोध तान्। मत्तः प्रमत्तः उन्मत्तः श्रान्तः क्रुद्धो बुभुक्षितः ॥
त्वरमाणश्च लुब्धश्च भीतः कामी च ते दश। तस्मादेतेषु सर्वेषु न प्रसज्जेत पण्डितः ॥
🔆 व्यसनेन यघ मत्तः उपेक्षाधारकः उन्मत्तः श्रान्तः क्रोधी त्वरमाणः लोभी भीतः तथा कामासक्तः एते दशप्रकारकाः जनाः धर्मविषये विवेकहीनाः भवन्ति अतः एतैः सह सहवासः न अपेक्षितः सज्जनानां कृते।
⚜दस प्रकार के लोग धर्म-विषयक बातों को महत्त्वहीन समझते हैं । ये लोग हैं - नशे में धुत्त व्यक्ति, लापरवाह, पागल, थका-हारा व्यक्ति, क्रोध, भूख से पीड़ित, जल्दबाज, लालची, डरा हुआ तथा काम पीड़ित व्यक्ति । विवेकशील व्यक्तियों को ऐसे लोगों की संगति से बचना चाहिए । ये सभी विनाश की और ले जाते हैं ।
(विदुर नीति )
#Subhashitam
त्वरमाणश्च लुब्धश्च भीतः कामी च ते दश। तस्मादेतेषु सर्वेषु न प्रसज्जेत पण्डितः ॥
🔆 व्यसनेन यघ मत्तः उपेक्षाधारकः उन्मत्तः श्रान्तः क्रोधी त्वरमाणः लोभी भीतः तथा कामासक्तः एते दशप्रकारकाः जनाः धर्मविषये विवेकहीनाः भवन्ति अतः एतैः सह सहवासः न अपेक्षितः सज्जनानां कृते।
⚜दस प्रकार के लोग धर्म-विषयक बातों को महत्त्वहीन समझते हैं । ये लोग हैं - नशे में धुत्त व्यक्ति, लापरवाह, पागल, थका-हारा व्यक्ति, क्रोध, भूख से पीड़ित, जल्दबाज, लालची, डरा हुआ तथा काम पीड़ित व्यक्ति । विवेकशील व्यक्तियों को ऐसे लोगों की संगति से बचना चाहिए । ये सभी विनाश की और ले जाते हैं ।
(विदुर नीति )
#Subhashitam
November 29, 2023
अनुमतिः दीयताम्।
कः कर्ता भवेत्।
कः कर्ता भवेत्।
Anonymous Quiz
18%
त्वया
24%
मया
20%
तेन
11%
युष्माभिः
28%
सर्वे विकल्पाः
November 30, 2023
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कूलर, एसी या हीटर के बिना ही बचपन गुज़ारा है और बिजली के बिना भी गुज़ारा किया है।
•• वयम् अन्तिमयुगस्य एतादृशा: जनाः स्मः ये बाल्यकालं शीतकं, वातनियंत्रकं उष्णीकरणीं वा विना यापितवन्तः तथा विद्युतं विना अपि जीवनयापनम् कृतवन्त: सन्ति।
हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं, जिन्होंने चांदनी रातों में रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं।
•• वयं निश्चितरूपेण एतादृशा: अन्तिमाः जनाः स्मः ये आकाशवाणीयन्त्रै: चन्द्रप्रकाशितरात्रौ BBC news, Vividh Bharati, All इसIndia Radio, Binaca इत्यादीन् कार्यक्रमान् श्रुतवन्तः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये गोदरेजचिह्नस्य गोलकफेनकं प्रयोज्य मुखस्य क्षौरकर्म कृतवन्त: सन्ति,ये गुडचायं पीतवन्त: सन्ति ,यै: दीर्घकालं यावत् कृष्णदन्तचूर्णं, रक्तदन्तचूर्णं वा शुक्लदन्तचूर्णं वा प्रभाते चिरं प्रयुक्तम् अस्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं।
•• वयं अन्तिमा: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वविद्यालयस्य श्वेतस्थूलपटस्य उपानहे कक्खटीलेपनं कृत्वा देवयितवन्त: सन्ति।
हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं ।
•• वयं तस्यैव वंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वप्रियानां कृते स्वभावनानाम् आदानप्रदानं पत्रै: कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।
•• वयम् अन्तिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: सन्ति ये विद्युतकूप्या: न्यूनप्रकाशे पीतप्रकाशे वा गृहकार्यान् कृतवन्त: सन्ति तथा उपन्यासान् पठितवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
•• वयम् अन्तिमा: एतादृशा: जना: सन्ति ये प्रायश: लघुकेशेषु बहु सर्षपतैलं प्रयोजित्वा विद्यालयं विवाहसमारोहेषु गच्छन्ति स्म।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपड़े और हाथ काले और नीले किये है।
•• वयम् अंतिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये मषिकूप्या मषिलेखन्या वा अभ्यासपुस्तिका: च पुस्तकानि च वस्त्राणि च हस्तौ च कृष्णवर्णं नीलवर्णं च कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये शिक्षकैः ताडिताः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये दूरतः स्थानीयक्षेत्रस्य वृद्धान् दृष्ट्वा वीथिकाया: कोणात् पलायित्वा गृहम् आगच्छन्ति स्म।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• वयम् अन्तिमयुगस्य एतादृशा: जनाः स्मः ये बाल्यकालं शीतकं, वातनियंत्रकं उष्णीकरणीं वा विना यापितवन्तः तथा विद्युतं विना अपि जीवनयापनम् कृतवन्त: सन्ति।
हम निश्चित ही वो आखिर लोग हैं, जिन्होंने चांदनी रातों में रेडियो पर BBC की ख़बरें, विविध भारती, आल इंडिया रेडियो और बिनाका जैसे प्रोग्राम सुने हैं।
•• वयं निश्चितरूपेण एतादृशा: अन्तिमाः जनाः स्मः ये आकाशवाणीयन्त्रै: चन्द्रप्रकाशितरात्रौ BBC news, Vividh Bharati, All इसIndia Radio, Binaca इत्यादीन् कार्यक्रमान् श्रुतवन्तः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने गोदरेज सोप की गोल डिबिया से साबुन लगाकर शेव बनाई है। जिन्होंने गुड़ की चाय पी है। काफी समय तक सुबह काला या लाल दंत मंजन या सफेद टूथ पाउडर इस्तेमाल किया है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये गोदरेजचिह्नस्य गोलकफेनकं प्रयोज्य मुखस्य क्षौरकर्म कृतवन्त: सन्ति,ये गुडचायं पीतवन्त: सन्ति ,यै: दीर्घकालं यावत् कृष्णदन्तचूर्णं, रक्तदन्तचूर्णं वा शुक्लदन्तचूर्णं वा प्रभाते चिरं प्रयुक्तम् अस्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जिन्होंने अपने स्कूल के सफ़ेद केनवास शूज़ पर खड़िया का पेस्ट लगा कर चमकाया हैं।
•• वयं अन्तिमा: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वविद्यालयस्य श्वेतस्थूलपटस्य उपानहे कक्खटीलेपनं कृत्वा देवयितवन्त: सन्ति।
हम वही पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने अपनों के लिए अपने जज़्बात खतों में आदान प्रदान किये हैं ।
•• वयं तस्यैव वंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये स्वप्रियानां कृते स्वभावनानाम् आदानप्रदानं पत्रै: कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कम या बल्ब की पीली रोशनी में होम वर्क किया है और नावेल पढ़े हैं।
•• वयम् अन्तिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: सन्ति ये विद्युतकूप्या: न्यूनप्रकाशे पीतप्रकाशे वा गृहकार्यान् कृतवन्त: सन्ति तथा उपन्यासान् पठितवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो अक्सर अपने छोटे बालों में सरसों का ज्यादा तेल लगा कर स्कूल और शादियों में जाया करते थे।
•• वयम् अन्तिमा: एतादृशा: जना: सन्ति ये प्रायश: लघुकेशेषु बहु सर्षपतैलं प्रयोजित्वा विद्यालयं विवाहसमारोहेषु गच्छन्ति स्म।
हम वो आखरी पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने स्याही वाली दावात या पेन से कॉपी, किताबें, कपड़े और हाथ काले और नीले किये है।
•• वयम् अंतिमवंशावल्या: एतादृशा: जना: स्म: ये मषिकूप्या मषिलेखन्या वा अभ्यासपुस्तिका: च पुस्तकानि च वस्त्राणि च हस्तौ च कृष्णवर्णं नीलवर्णं च कृतवन्त: सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं, जिन्होंने टीचर्स से मार खाई है।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये शिक्षकैः ताडिताः सन्ति।
हम वो आखरी लोग हैं जो मोहल्ले के बुज़ुर्गों को दूर से देख कर नुक्कड़ से भाग कर घर आ जाया करते थे।
•• वयं अन्तिमाः एतादृशा: जनाः स्मः ये दूरतः स्थानीयक्षेत्रस्य वृद्धान् दृष्ट्वा वीथिकाया: कोणात् पलायित्वा गृहम् आगच्छन्ति स्म।
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November 30, 2023
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संवादभाषा संस्कृतम्।
November 30, 2023
November 30, 2023
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।1.10।।
केषां बलं पर्याप्तम् उच्यते अत्र।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।1.10।।
केषां बलं पर्याप्तम् उच्यते अत्र।
Anonymous Quiz
33%
भीष्मादीनाम्।
46%
पाण्डवानाम्।
13%
धार्तराष्ट्राणाम्।
9%
अस्माकम्।
November 30, 2023
November 30, 2023
Particles स्म and पुरा used with लट् लकार convert it into अनद्यतन past.
e.g.
मम पिता एवं वदति स्म (= अवदत्) ।
अहं पुरा तत्र वसामि (= अवसम्) ।
Particles यावत् and पुरा convert लट् लकार to अनद्यतन future.
e.g.
त्वं यावत् सुखं लभसे (= लब्धासे)
मोदी हि जयति पुरा (= जेता)
#sanskritlessons
e.g.
मम पिता एवं वदति स्म (= अवदत्) ।
अहं पुरा तत्र वसामि (= अवसम्) ।
Particles यावत् and पुरा convert लट् लकार to अनद्यतन future.
e.g.
त्वं यावत् सुखं लभसे (= लब्धासे)
मोदी हि जयति पुरा (= जेता)
#sanskritlessons
November 30, 2023
November 30, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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November 30, 2023
संस्कृत संवादः is organising संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room on WhatsApp.
🔰परीक्षणम्
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST १२:०० PM
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं द्वादशवादने आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰परीक्षणम्
🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST १२:०० PM
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं द्वादशवादने आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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November 30, 2023
November 30, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर 03:31 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 01 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 04:40 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:29 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:11 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी दोपहर 03:31 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 01 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ विक्रम संवत् - 2080
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 04:40 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - शुक्ल रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - सुबह 11:07 से 12:29 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:53
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:18 से 06:11 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:02 से 12:55 तक
November 30, 2023
November 30, 2023
November 30, 2023
November 30, 2023
November 30, 2023
November 30, 2023
🍃अहो विनिकृतो लोको लोभेन च वशीकृतः।
लोभक्रोधभयोन्मत्तो नात्मानमवबुध्यते।।
(महाभारत, स्त्री पर्व - ४/१२)
🔆 लोभेन वशीकृतः अयं संसारः वञ्चितः वर्तते । लोभक्रोधभयादिभिः संसारः तावान् उन्मतः वर्तते यत् आत्मस्वरूपं न अवगच्छति।
⚜अहो! लोभ के वशीभूत होकर यह सारा संसार ठगा जाता रहा है। लोभ, क्रोध और भय से यह संसार इतना उन्मत्त हो गया है कि अपने आपको भी नहीं समझ पाता।
#Subhashitam
लोभक्रोधभयोन्मत्तो नात्मानमवबुध्यते।।
(महाभारत, स्त्री पर्व - ४/१२)
🔆 लोभेन वशीकृतः अयं संसारः वञ्चितः वर्तते । लोभक्रोधभयादिभिः संसारः तावान् उन्मतः वर्तते यत् आत्मस्वरूपं न अवगच्छति।
⚜अहो! लोभ के वशीभूत होकर यह सारा संसार ठगा जाता रहा है। लोभ, क्रोध और भय से यह संसार इतना उन्मत्त हो गया है कि अपने आपको भी नहीं समझ पाता।
#Subhashitam
November 30, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
संस्कृत संवादः is organising संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room on WhatsApp. 🔰परीक्षणम् 🗓०१/१२/२०२३ ॥ IST १२:०० PM 📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं द्वादशवादने आगच्छत। https://call.whatsapp.com/voice/AE6cHdGSedWsmE6Fmc1yKz पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः…
आयान्तु सर्वे
https://call.whatsapp.com/voice/AE6cHdGSedWsmE6Fmc1yKz
Update your WhatsApp to join the Voicechat.
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.whatsapp
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November 30, 2023
December 1, 2023
एक महिला से बातचीत
रास्ता पूछने के सम्बन्ध में
यात्री = नमस्ते, मैडम।
यात्रिक: = प्रणाम महाशये।
महिला= खुश रहिए, बेटा।कहिए, क्या बात है?
शुभाशीषा:!पुत्र।कथयतु , भवता सह का समस्या इदानीम् ?
यात्री= ओह, मैं रास्ता भूल गया हू। मैं डॉक्टर घोष का मकान खोज रहा हूं।इस समय परेशानी यह है कि डॉक्टर साहब का मोबाइल नंबर भी मेरे पास नहीं है।
अह!अहं मार्गं विस्मृतवान्।अहं चिकित्सकस्य घोषस्य आवासं गवेषयामि ।मम समस्या यत्
मम पार्श्वे इदानीम् चिकित्सकमहोदयस्य दूरभाषसूत्रमपि नास्ति ।
महिला=क्या आप बंगाल के रहने वाले हैं ?
किं भवान् बङ्गप्रदेशवासी ?
यात्री = हां , मैडम।परन्तु आप कैसे जान गयी?
आम्।महाशये!परन्तु भवती कथम् अनुमितवती!
महिला= आपका बंगाली उच्चारण के साथ हिन्दी बोलना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप बंगाल के रहने वाले हैं। क्या आप इससे पहले यहां नहीं आये थे?
भवत: वङ्गोच्चारणेन सह हिन्द्याम् उच्चारणम् अस्य अनुमानस्य संकेतं करोति यत् भवान् बङ्गप्रदेशवासी अस्ति। किं भवान् एतस्मात् कालात् पूर्वं अत्र कदापि नागत: ?
यात्री= नहीं, मैडम। मैं यहां पहली बार आया हूं।
नैव महाशये!अत्र प्रथमवारम् आगतोऽहम्।
यात्री= अच्छा। डॉ घोष वहां रहते हैं। बाएं मुड़ जाइए और तब सीधे जाइए।उसका घर मेन रोड से हट कर है।
अस्तु। चिकित्सकस्य घोषस्य निवासस्थानं तत्र अस्ति। वामतः व्रजयतात् तदाथ अवक्रं गच्छतात्।तस्य निलयं मुख्यमार्गात् किञ्चित् दूरपक्षे अवस्थितम् ।
यात्री= धन्यवाद मैडम।
धन्यवादा:।महाशये!
महिला= धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं।यह तो मेरा फर्ज है।
धन्यवादज्ञापनं न आवश्यकम्।एष तु मम कर्त्तव्य:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
रास्ता पूछने के सम्बन्ध में
यात्री = नमस्ते, मैडम।
यात्रिक: = प्रणाम महाशये।
महिला= खुश रहिए, बेटा।कहिए, क्या बात है?
शुभाशीषा:!पुत्र।कथयतु , भवता सह का समस्या इदानीम् ?
यात्री= ओह, मैं रास्ता भूल गया हू। मैं डॉक्टर घोष का मकान खोज रहा हूं।इस समय परेशानी यह है कि डॉक्टर साहब का मोबाइल नंबर भी मेरे पास नहीं है।
अह!अहं मार्गं विस्मृतवान्।अहं चिकित्सकस्य घोषस्य आवासं गवेषयामि ।मम समस्या यत्
मम पार्श्वे इदानीम् चिकित्सकमहोदयस्य दूरभाषसूत्रमपि नास्ति ।
महिला=क्या आप बंगाल के रहने वाले हैं ?
किं भवान् बङ्गप्रदेशवासी ?
यात्री = हां , मैडम।परन्तु आप कैसे जान गयी?
आम्।महाशये!परन्तु भवती कथम् अनुमितवती!
महिला= आपका बंगाली उच्चारण के साथ हिन्दी बोलना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप बंगाल के रहने वाले हैं। क्या आप इससे पहले यहां नहीं आये थे?
भवत: वङ्गोच्चारणेन सह हिन्द्याम् उच्चारणम् अस्य अनुमानस्य संकेतं करोति यत् भवान् बङ्गप्रदेशवासी अस्ति। किं भवान् एतस्मात् कालात् पूर्वं अत्र कदापि नागत: ?
यात्री= नहीं, मैडम। मैं यहां पहली बार आया हूं।
नैव महाशये!अत्र प्रथमवारम् आगतोऽहम्।
यात्री= अच्छा। डॉ घोष वहां रहते हैं। बाएं मुड़ जाइए और तब सीधे जाइए।उसका घर मेन रोड से हट कर है।
अस्तु। चिकित्सकस्य घोषस्य निवासस्थानं तत्र अस्ति। वामतः व्रजयतात् तदाथ अवक्रं गच्छतात्।तस्य निलयं मुख्यमार्गात् किञ्चित् दूरपक्षे अवस्थितम् ।
यात्री= धन्यवाद मैडम।
धन्यवादा:।महाशये!
महिला= धन्यवाद की कोई जरूरत नहीं।यह तो मेरा फर्ज है।
धन्यवादज्ञापनं न आवश्यकम्।एष तु मम कर्त्तव्य:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 1, 2023
December 1, 2023
🎤 Counting table of 9!
नवभिरेकं नव।
नवभिर्द्वौ अष्टादश।
नवभिर्त्रयस्सप्तविंशतिः।
नवभिर्चत्वारष्षट्त्रिंशत्।
नवभिः पञ्च पञ्चचत्वारिंशत्।
नवभिष्षट् चतुःपञ्चाशत्।
नवभिस्सप्त त्रयष्षष्टिः।
नवभिरष्टौ द्वासप्ततिः।
नवभिर्नव एकाशीतिः।
नवभिर्दश नवतिः।
#celebrating_sanskrit
नवभिरेकं नव।
नवभिर्द्वौ अष्टादश।
नवभिर्त्रयस्सप्तविंशतिः।
नवभिर्चत्वारष्षट्त्रिंशत्।
नवभिः पञ्च पञ्चचत्वारिंशत्।
नवभिष्षट् चतुःपञ्चाशत्।
नवभिस्सप्त त्रयष्षष्टिः।
नवभिरष्टौ द्वासप्ततिः।
नवभिर्नव एकाशीतिः।
नवभिर्दश नवतिः।
#celebrating_sanskrit
December 1, 2023
December 1, 2023
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि।।1.11।।
सर्वे कं रक्षन्तु।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि।।1.11।।
सर्वे कं रक्षन्तु।
Anonymous Quiz
65%
भीष्मम्।
12%
दुर्योधनम्।
11%
आचार्यम्।
12%
भवन्तम्।
December 1, 2023
December 1, 2023
December 1, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - बाल्यकालस्मरणानि
🗓०२/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्वबाल्यकालस्य उत्तमानि संस्मरणानि श्रावयितव्यानि) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - बाल्यकालस्मरणानि
🗓०२/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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December 1, 2023
December 1, 2023
तरप् and तमप् (comparative and superlative) can also be added to verbs and अव्यय adverbs too, where they become तराम् and तमाम्
e.g.
अहं पचामि। मम भार्या पचतितराम्। (cooks better)
मृगेषु मयूरो हि नृत्यतितमाम्। (dances best)
सा उच्चैस्तरां (more loudly) हसति। (उच्चैः is an अव्यय adverb)
✍🏻रङ्गः
#sanskritlessons
e.g.
अहं पचामि। मम भार्या पचतितराम्। (cooks better)
मृगेषु मयूरो हि नृत्यतितमाम्। (dances best)
सा उच्चैस्तरां (more loudly) हसति। (उच्चैः is an अव्यय adverb)
✍🏻रङ्गः
#sanskritlessons
December 1, 2023
December 1, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - पंचमी शाम 05:14 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 02 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य शाम 06:54 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - ब्रह्म रात्रि 08:19 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:47 से 11:08 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:12 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - पंचमी शाम 05:14 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 02 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य शाम 06:54 तक तत्पश्चात अश्लेषा
⛅ योग - ब्रह्म रात्रि 08:19 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - सुबह 09:47 से 11:08 तक
⛅ सूर्योदय - 07:04
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:12 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक
December 1, 2023
December 1, 2023
December 1, 2023
December 1, 2023
December 1, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
बाल्यकालस्मरणानि
#samlapshala
#samlapshala
December 1, 2023
🍃अर्थं महान्तमासाद्य विद्यामैश्वर्यमेव वा।
विचरत्यसमुन्नद्धो य: स पंडित उच्यते।।
🔆 बहुं धनं विद्याम् ऐश्वर्यं च प्राप्यापि यः निरभिमानीव तिष्ठति स एव प्राज्ञः वर्तते।
⚜जो व्यक्ति बहुत धन, विद्या तथा ऐश्वर्य को प्राप्त करके भी अभिमान नही करता, वास्तव में वही सच्चा ज्ञानी होता है।
#Subhashitam
विचरत्यसमुन्नद्धो य: स पंडित उच्यते।।
🔆 बहुं धनं विद्याम् ऐश्वर्यं च प्राप्यापि यः निरभिमानीव तिष्ठति स एव प्राज्ञः वर्तते।
⚜जो व्यक्ति बहुत धन, विद्या तथा ऐश्वर्य को प्राप्त करके भी अभिमान नही करता, वास्तव में वही सच्चा ज्ञानी होता है।
#Subhashitam
December 1, 2023
December 2, 2023
December 2, 2023
December 2, 2023
(१)राम ने मोहन से कहा कि मैं नहीं जाऊंगा=
••रामः मोहनमुक्तवान् /रामेण मोहनः कथितः यत् अहं न गमिष्यामि।
•• अहं न गमिष्यामीति रामेण मोहनः भणितः।
(२)राम ने मोहन से कहा कि तुम शोर मत करो=
••रामः मोहनमुक्तवान् यत् न रम्बस्व।
•• त्वं शब्दं न कुर्विति रामः मोहनं भणितवान्।
(३)राम ने मोहन से कहा कि तुम उदास क्यों हो?
•• रामः मोहनं भणितवान् यत् त्वं कथं शोकग्रस्तोऽसि?
•• त्वं शोकग्रस्तोऽसीति रामः मोहनं पृष्ट्वान्।
(४)राम ने मोहन से कहा कि तुम खुश रहो।
•• रामः मोहनमेधितवान् यत् त्वं मङ्गलो भूयाः।
•• त्वं मङ्गलो भूयारीति रामेण मोहनः एधितः।
(५)राम ने कहा कि यह कितना सुन्दर फूल है!
••रामः अचम्भितः यत् एतत् कियत् मनोहरं प्रसूनम्?
•• एतत् कियत् सुन्दरं कुसुममिति रामः अचम्भितः।
(६)मैं नहीं जानता कि वह कौन है=
•• अहं न जानामि यत् स कोऽस्ति?
•• स कोऽस्तीति अहं न जानामि।
(७)मैं जानता हूं कि वह कहां रहता है=
•• अहं जानामि यत् स कुत्र निवसति?
•• स कुत्र निवसतीति अहं जानामि।
(८)क्या तुम जानते हो कि वह कब आएगा=
••किं त्वं जानासि यत् स कदा आगमिष्यति?
•• स कदा आगमिष्यतीति त्वं जानासि वा?
(९)क्या वह जानता है कि राम क्यों नहीं आया?
•• किं स जानाति यत् रामः कथं नागतवान्?
•• रामः कथं नागतवानिति स जानाति वा?
(१०)मैं नहीं जानता कि वह आएगा कि नहीं/आएगा या नहीं=
••अहं न जानामि यत् स आगमिष्यति न वा ।
•• स आगमिष्यति न वेति अहं न जानामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••रामः मोहनमुक्तवान् /रामेण मोहनः कथितः यत् अहं न गमिष्यामि।
•• अहं न गमिष्यामीति रामेण मोहनः भणितः।
(२)राम ने मोहन से कहा कि तुम शोर मत करो=
••रामः मोहनमुक्तवान् यत् न रम्बस्व।
•• त्वं शब्दं न कुर्विति रामः मोहनं भणितवान्।
(३)राम ने मोहन से कहा कि तुम उदास क्यों हो?
•• रामः मोहनं भणितवान् यत् त्वं कथं शोकग्रस्तोऽसि?
•• त्वं शोकग्रस्तोऽसीति रामः मोहनं पृष्ट्वान्।
(४)राम ने मोहन से कहा कि तुम खुश रहो।
•• रामः मोहनमेधितवान् यत् त्वं मङ्गलो भूयाः।
•• त्वं मङ्गलो भूयारीति रामेण मोहनः एधितः।
(५)राम ने कहा कि यह कितना सुन्दर फूल है!
••रामः अचम्भितः यत् एतत् कियत् मनोहरं प्रसूनम्?
•• एतत् कियत् सुन्दरं कुसुममिति रामः अचम्भितः।
(६)मैं नहीं जानता कि वह कौन है=
•• अहं न जानामि यत् स कोऽस्ति?
•• स कोऽस्तीति अहं न जानामि।
(७)मैं जानता हूं कि वह कहां रहता है=
•• अहं जानामि यत् स कुत्र निवसति?
•• स कुत्र निवसतीति अहं जानामि।
(८)क्या तुम जानते हो कि वह कब आएगा=
••किं त्वं जानासि यत् स कदा आगमिष्यति?
•• स कदा आगमिष्यतीति त्वं जानासि वा?
(९)क्या वह जानता है कि राम क्यों नहीं आया?
•• किं स जानाति यत् रामः कथं नागतवान्?
•• रामः कथं नागतवानिति स जानाति वा?
(१०)मैं नहीं जानता कि वह आएगा कि नहीं/आएगा या नहीं=
••अहं न जानामि यत् स आगमिष्यति न वा ।
•• स आगमिष्यति न वेति अहं न जानामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 2, 2023
राजस्थाने लसति कमलं हस्तमुन्मूल्य दूरं
हस्तो जीयात् कमलमथवा तत्र मध्यप्रदेशे ।
प्रायो हस्तस्तॆलुगुविषये भाति छत्तीस्गढे चे-
त्याहुः सारं विषयनिपुणा अद्य निर्वाचनस्य ॥
✍🏻रङ्गः
December 2, 2023
सङ्ख्योभयपदसमासः is a type of समास . It has 2 possible meanings.
– द्वित्राणि 2 or 3 मित्राणि (n or m)
– द्विपञ्चवक्त्रः 2 times 5 faced (= 10 faced). द्विसप्तानि सहस्राणि = 2 x 7 thousands = 14000. ( n times m)
संख्योभयपद are अकारान्त adjectives.
✍🏻रङ्गः #sanskritlessons
– द्वित्राणि 2 or 3 मित्राणि (n or m)
– द्विपञ्चवक्त्रः 2 times 5 faced (= 10 faced). द्विसप्तानि सहस्राणि = 2 x 7 thousands = 14000. ( n times m)
संख्योभयपद are अकारान्त adjectives.
✍🏻रङ्गः #sanskritlessons
December 2, 2023
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मतदानानन्तरं सर्वे प्रत्याशिनः परस्परं मिलन्ति। 😅
#hasya
#hasya
December 2, 2023
December 2, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - वाद्यपरिचयः
🗓०३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् वाद्यस्य परिचयं कारयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - वाद्यपरिचयः
🗓०३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् वाद्यस्य परिचयं कारयन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
December 2, 2023
तस्य संजनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः।
सिंहनादं विनद्योच्चैः शङ्खं दध्मौ प्रतापवान्।।1.12।।
पितामहः किमर्थं शङ्खं दध्मौ।
सिंहनादं विनद्योच्चैः शङ्खं दध्मौ प्रतापवान्।।1.12।।
पितामहः किमर्थं शङ्खं दध्मौ।
Anonymous Quiz
48%
सिंहनादार्थम्
41%
तस्य हर्षम् उत्पादयितुम्
6%
प्राणायामं कर्तुम्
4%
शङ्खं परीक्षितुम्
December 2, 2023
December 2, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 07:27 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 03 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 09:36 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 08:56 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 04:33 से 05:54 तक
⛅ सूर्योदय - 07:05
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:12 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - डॉ. राजेन्द प्रसाद जयंती
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी रात्रि 07:27 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 03 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 09:36 तक तत्पश्चात मघा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 08:56 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - शाम 04:33 से 05:54 तक
⛅ सूर्योदय - 07:05
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:19 से 06:12 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:03 से 12:56 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - डॉ. राजेन्द प्रसाद जयंती
December 2, 2023
December 2, 2023
Starting from December 6th, I'll delve into स्वरप्रकरण, inspired by Mataji's teachings in my varga. The class is scheduled for 8:00 PM to 9:00 PM every Wednesday and Saturday. If you're interested, feel free to join our group at https://t.me/+YQ3Fuacg87s1NDVl. You'll find the class links and abhyasa details there. @agnimile
Telegram
अभ्यासवर्ग: 8 - 9 PM
बुधवासर: । शनिवासरः - Sir
सोमवासर: । शुक्रवासर: - दीपचन्द्र:
मङ्गलवासर: । गुरुवासर: - राजेश जी
सोमवासर: । शुक्रवासर: - दीपचन्द्र:
मङ्गलवासर: । गुरुवासर: - राजेश जी
December 2, 2023
December 2, 2023
December 2, 2023
December 2, 2023
December 2, 2023
December 3, 2023
🍃धनेषु जीवितव्येषु स्त्रीषु चाहारकर्मसु।
अतृप्ता: मानवाः सर्वे याता यास्यन्ति यान्ति च।।
~चाणक्य नीति:
🔆धनं जीवनं कामभावः भोजनं एषु विषयेषु जनाः अतृप्ताः भूत्वा मृताः म्रियन्ते मरिष्यन्ति च। अतः धीरेण एतेषु विषयेषु न पतितव्यम्।
⚜धन,जीवन,स्त्री और भोजन के विषय में सब प्राणी अतृप्त होकर गए ,जाते हैं और जाते रहेंगे।
#Subhashitam
अतृप्ता: मानवाः सर्वे याता यास्यन्ति यान्ति च।।
~चाणक्य नीति:
🔆धनं जीवनं कामभावः भोजनं एषु विषयेषु जनाः अतृप्ताः भूत्वा मृताः म्रियन्ते मरिष्यन्ति च। अतः धीरेण एतेषु विषयेषु न पतितव्यम्।
⚜धन,जीवन,स्त्री और भोजन के विषय में सब प्राणी अतृप्त होकर गए ,जाते हैं और जाते रहेंगे।
#Subhashitam
December 2, 2023
December 3, 2023
(१)वह कौन है
=सः कः अस्ति।
(२)वह कहां है
=सः कुत्र अस्ति।
(३)वह कब आयेगा
=सः कदा आगमिष्यति।
(४)वह क्यों आया
=सः किमर्थम् आगच्छत् / आगतवान्।
(५)वह कैसे आया
=सः कथम् आगतवान्।
(६)तुम कौन-सा उपहार लाये हो
(अथवा) तुम कौन-कौन उपहार लाये हो
=त्वं कान् उपहारान् आनीतवान् असि।
(७) मुझे और कौन मदद करेगा
=मम इतोऽपि कः साहाय्यं करिष्यति।
(८)तुझे और क्या चाहिए
=तुभ्यम् इतोऽपि किम् आवश्यकम्।
(९) मैं और कहां जाऊं
=अहम् इतोऽपि क्व गच्छानि।
(१०)वह कहां से आ रहा है
=सः कुतः आगच्छन्न अस्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=सः कः अस्ति।
(२)वह कहां है
=सः कुत्र अस्ति।
(३)वह कब आयेगा
=सः कदा आगमिष्यति।
(४)वह क्यों आया
=सः किमर्थम् आगच्छत् / आगतवान्।
(५)वह कैसे आया
=सः कथम् आगतवान्।
(६)तुम कौन-सा उपहार लाये हो
(अथवा) तुम कौन-कौन उपहार लाये हो
=त्वं कान् उपहारान् आनीतवान् असि।
(७) मुझे और कौन मदद करेगा
=मम इतोऽपि कः साहाय्यं करिष्यति।
(८)तुझे और क्या चाहिए
=तुभ्यम् इतोऽपि किम् आवश्यकम्।
(९) मैं और कहां जाऊं
=अहम् इतोऽपि क्व गच्छानि।
(१०)वह कहां से आ रहा है
=सः कुतः आगच्छन्न अस्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 3, 2023
जीवक = liver, living
यकृत् = liver (body part)
सञ्जीवक = co-liver, living together
Poetic example—
जीवामि जीवको ह्यस्मि यकृत्सञ्जीवकं मम।
I live. I am a liver. My liver is my co-liver.
✍🏻मिश्रोपाख्यो नित्यानन्दः
यकृत् = liver (body part)
सञ्जीवक = co-liver, living together
Poetic example—
जीवामि जीवको ह्यस्मि यकृत्सञ्जीवकं मम।
I live. I am a liver. My liver is my co-liver.
✍🏻मिश्रोपाख्यो नित्यानन्दः
December 3, 2023
In Sanskrit you don't have to worry about what to use when as you see here in the case of IN, ON and AT.
याने in/on a vehicle
गृहे in the house or at home
विद्यालये in the school
विमाने on a plane
कार्ये at/in work
पोते on a ship
#sanskritlessons
याने in/on a vehicle
गृहे in the house or at home
विद्यालये in the school
विमाने on a plane
कार्ये at/in work
पोते on a ship
#sanskritlessons
December 3, 2023
December 3, 2023
ततः शङ्खाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः।सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत्।।1.13।।
एतेषु किं वाद्यं नास्ति।
एतेषु किं वाद्यं नास्ति।
Anonymous Quiz
18%
शङ्खः
13%
भेरी
11%
पणवः
33%
अनकः
24%
गोमुखः
December 3, 2023
December 3, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓०४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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December 3, 2023
🔥 Best Methods to learn Sanskrit:
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📕 पत्राचार – संस्कृतभारतीद्वारा प्रधानपाठ्यक्रमः
🛒 Buy: samskritabharati.in/correspondence_courses.php
📑 PDF: t.ly/Ravuu
📕 Learn Sanskrit in 30 Days
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📑 PDF: t.ly/M7Zwb
📱Samskrit Tutorial : t.ly/5NH3w
🌐 sanskritfromhome.in
🌐 sanskrit.today/getting-started/
🎥 Knowledgology : t.ly/MKRG5
🎥 केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयः : t.ly/lhf3U
🎥 Kallolaḥ : tinyurl.com/ynyefl9e
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🏕 संस्कृत संभाषण शिविर
samskritabharati.in/spoken_samskrit_class
🚂 Visit Samvadshala :
samskritabharati.in/samvadashala
Full List: t.ly/sBTQn
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December 3, 2023
December 3, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 09:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 04 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 12:35 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - वैधृति रात्रि 09:48 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 08:27 से 09:47 तक
⛅ सूर्योदय - 07:06
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:20 से 06:13 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:56 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी रात्रि 09:59 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 04 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा रात्रि 12:35 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - वैधृति रात्रि 09:48 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 08:27 से 09:47 तक
⛅ सूर्योदय - 07:06
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:20 से 06:13 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:56 तक
December 3, 2023
December 3, 2023
December 3, 2023
December 3, 2023
December 3, 2023
🍃अरावप्युचितं कार्यमातिथ्यं गृहमागते
छेत्तुमप्यागते छायां नोपसंहरते द्रुमः!!
~महा० शान्ति०१४६/५
🔆 गृहमाताय अरये अपि उचितम् आतिथ्यं प्रदातव्यमेव यतो हि कर्तयितुम् आगताय अपि जनाय वृक्षः छायान्तु ददाति एव।
⚜घर पर आए हुए शत्रु का भी उचित आतिथ्य सत्कार करना चाहिए। क्योंकि काटने के लिए आए हुए व्यक्ति पर से भी वृक्ष अपनी छाया नही हटाता है।।
#Subhashitam
छेत्तुमप्यागते छायां नोपसंहरते द्रुमः!!
~महा० शान्ति०१४६/५
🔆 गृहमाताय अरये अपि उचितम् आतिथ्यं प्रदातव्यमेव यतो हि कर्तयितुम् आगताय अपि जनाय वृक्षः छायान्तु ददाति एव।
⚜घर पर आए हुए शत्रु का भी उचित आतिथ्य सत्कार करना चाहिए। क्योंकि काटने के लिए आए हुए व्यक्ति पर से भी वृक्ष अपनी छाया नही हटाता है।।
#Subhashitam
December 3, 2023
प्रत्येकस्य वर्गस्य प्रथमौ द्वौ वर्णौ तथा च सशषकाराः च किं भवन्ति।
Anonymous Quiz
15%
मृदु
46%
कर्कशम्
30%
ऊष्मम्
8%
अन्तःस्थम्
December 4, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(१)राम ने मोहन से कहा कि मैं नहीं जाऊंगा= ••रामः मोहनमुक्तवान् /रामेण मोहनः कथितः यत् अहं न गमिष्यामि। •• अहं न गमिष्यामीति रामेण मोहनः भणितः। (२)राम ने मोहन से कहा कि तुम शोर मत करो= ••रामः मोहनमुक्तवान् यत् न रम्बस्व। •• त्वं शब्दं न कुर्विति रामः मोहनं…
(११)यह किसकी किताब है
=एतत् कस्य पुस्तकम् अस्ति।
(१२)आप किसको चाहते हैं
=भवान् कम् /काम् इच्छति।
(१३)आप किससे बात कर रहे थे
=भवान् केन/कया सह वार्त्तालापं कुर्वन् अस्ति।
(१४)आप क्यों चुप हैं
= भवान् किमर्थं तूष्णीम् अस्ति।
(१५)वह आज खुश क्यों
है=सः अद्य प्रसन्नः किमर्थम् अस्ति।
(१६)वह कब लौटेगी
=सा कदा प्रत्यागमिष्यति।
(१७)वह कब पहुंचेगा
=सः कदा प्राप्स्यति।
(१८)वह कहां रहता है
=सः कुत्र निवसति।
(१९)वे कहां पढ़ते हैं
=ते कुत्र पठन्ति।
(२०)आप चाय कैसे बनाते हैं
= भवान् चायं कथं पचति।
(२१)वे कार्य कैसे करते हैं
=ते कार्याणि कथं कुर्वन्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=एतत् कस्य पुस्तकम् अस्ति।
(१२)आप किसको चाहते हैं
=भवान् कम् /काम् इच्छति।
(१३)आप किससे बात कर रहे थे
=भवान् केन/कया सह वार्त्तालापं कुर्वन् अस्ति।
(१४)आप क्यों चुप हैं
= भवान् किमर्थं तूष्णीम् अस्ति।
(१५)वह आज खुश क्यों
है=सः अद्य प्रसन्नः किमर्थम् अस्ति।
(१६)वह कब लौटेगी
=सा कदा प्रत्यागमिष्यति।
(१७)वह कब पहुंचेगा
=सः कदा प्राप्स्यति।
(१८)वह कहां रहता है
=सः कुत्र निवसति।
(१९)वे कहां पढ़ते हैं
=ते कुत्र पठन्ति।
(२०)आप चाय कैसे बनाते हैं
= भवान् चायं कथं पचति।
(२१)वे कार्य कैसे करते हैं
=ते कार्याणि कथं कुर्वन्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 4, 2023
The oldest Sanskrit Inscription of Champa king Śrī Bhadravarmma from Phun yen, Vietnam
This inscription is engraved on a rock found behind the Nhan tower, Tuy Hoa city, Phu Yen province, Vietnam.
It is written in Sanskrit language and Brāhmī characters.
Records the construction of a temple to the god Bhadreśvarasvāmi by the king Dharmamahārāja Śrī Bhadravarmma.
1.नमोदेवाय भद्रेश्वरस्वामिपादप्रासादा =अग्नेये . . . करिष्यामि?
2.धर्म्ममहाराज श्रीभद्रवर्म्मणो यावच्चन्द्रादित्यो नव . . पोत्रमुक्ख्यादि?
3. पृथिवी प्रासादान्कर्म्म सिद्धिरस्तु?
#celebrating_sanskrit
This inscription is engraved on a rock found behind the Nhan tower, Tuy Hoa city, Phu Yen province, Vietnam.
It is written in Sanskrit language and Brāhmī characters.
Records the construction of a temple to the god Bhadreśvarasvāmi by the king Dharmamahārāja Śrī Bhadravarmma.
1.नमोदेवाय भद्रेश्वरस्वामिपादप्रासादा =अग्नेये . . . करिष्यामि?
2.धर्म्ममहाराज श्रीभद्रवर्म्मणो यावच्चन्द्रादित्यो नव . . पोत्रमुक्ख्यादि?
3. पृथिवी प्रासादान्कर्म्म सिद्धिरस्तु?
#celebrating_sanskrit
December 4, 2023
वर्णों के उच्चारण स्थान
हमारी वर्णमाला में जितने भी वर्ण हैं वे सब हमारे मुख के द्वारा उच्चरित किए जाते हैं। परंतु हमारे मुंह के अंदर भी बहुत सारे छोटे-छोटे हिस्से होते हैं जो कि वर्णों का उच्चारण करने के लिए मदद करते हैं।
हमारी वर्णमाला की रचना वर्णों के उच्चारण स्थान के अनुरूप की गई है तथा संधि प्रकरण को समझने के लिए वर्णों के उच्चारण स्थान की भी जानकारी होनी जरूरी है।
इस आकृति में हमारे मानवीय मुख के क्षैतिज छेद की आकृति के द्वारा उच्चारण स्थान दिखाए गए हैं।
कुछ-कुछ वर्णों के स्वतंत्र उच्चारण स्थान होते हैं। परंतु कुछ वर्णों के उच्चारण स्थान संयुक्त भी हो सकते हैं। अर्थात कुछ-कुछ वर्णों का उच्चारण करने के लिए दो स्थानों की जरूरत होती है।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
हमारी वर्णमाला में जितने भी वर्ण हैं वे सब हमारे मुख के द्वारा उच्चरित किए जाते हैं। परंतु हमारे मुंह के अंदर भी बहुत सारे छोटे-छोटे हिस्से होते हैं जो कि वर्णों का उच्चारण करने के लिए मदद करते हैं।
हमारी वर्णमाला की रचना वर्णों के उच्चारण स्थान के अनुरूप की गई है तथा संधि प्रकरण को समझने के लिए वर्णों के उच्चारण स्थान की भी जानकारी होनी जरूरी है।
इस आकृति में हमारे मानवीय मुख के क्षैतिज छेद की आकृति के द्वारा उच्चारण स्थान दिखाए गए हैं।
कुछ-कुछ वर्णों के स्वतंत्र उच्चारण स्थान होते हैं। परंतु कुछ वर्णों के उच्चारण स्थान संयुक्त भी हो सकते हैं। अर्थात कुछ-कुछ वर्णों का उच्चारण करने के लिए दो स्थानों की जरूरत होती है।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
December 4, 2023
December 4, 2023
ततः श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ।
माधवः पाण्डवश्चैव दिव्यौ शङ्खौ प्रदध्मतुः।।1.14।।
अत्र पाण्डवो नाम कः।
माधवः पाण्डवश्चैव दिव्यौ शङ्खौ प्रदध्मतुः।।1.14।।
अत्र पाण्डवो नाम कः।
Anonymous Quiz
18%
युधिष्ठिरः
10%
भीमसेनः
66%
अर्जुनः
5%
नकुलः
1%
सहदेवः
December 4, 2023
December 4, 2023
December 4, 2023
December 4, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 05 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 06 दिसम्बर प्रातः 03:38 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 10:42 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - दोपहर 03:12 से 04:33 तक
⛅ सूर्योदय - 07:06
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:13 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - योगी अरविंद पुण्यतिथि, कालभैरव जयंती
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 05 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी 06 दिसम्बर प्रातः 03:38 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅ योग - विष्कम्भ रात्रि 10:42 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - दोपहर 03:12 से 04:33 तक
⛅ सूर्योदय - 07:06
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:13 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:57 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - योगी अरविंद पुण्यतिथि, कालभैरव जयंती
December 4, 2023
December 4, 2023
December 4, 2023
December 4, 2023
🍃एकमेवाद्वितीयं तद् यद् राजन्नावबुध्यसे।
सत्यं स्वर्गस्य सोपानं पारवारस्य नौरिव।।
🔆 राजन् यथा नद्याः पारं गन्तुं यथा नौका आवश्यकी तथैव स्वर्गं गन्तुमपि एकः एव सोपानरूपेण मार्गः सत्यमेवास्ति।
⚜विदुर धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहते हैं कि हे राजन ! जैसे नदी के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है, उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है, कुछ और नहीं।
#Subhashitam
सत्यं स्वर्गस्य सोपानं पारवारस्य नौरिव।।
🔆 राजन् यथा नद्याः पारं गन्तुं यथा नौका आवश्यकी तथैव स्वर्गं गन्तुमपि एकः एव सोपानरूपेण मार्गः सत्यमेवास्ति।
⚜विदुर धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहते हैं कि हे राजन ! जैसे नदी के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है, उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है, कुछ और नहीं।
#Subhashitam
December 4, 2023
December 4, 2023
December 4, 2023
December 5, 2023
केन शब्देन सह द्वितीयायाः विभक्त्याः प्रयोगो भवति।
Anonymous Quiz
33%
अन्तरेण
14%
कृते
46%
साकम्
7%
रोचते
December 5, 2023
जानिए चॉंदी की इन वस्तुओं से कैसे कम हो सकता है राहु-केतु का दोष?
••जानन्तु यत् राहुकेत्वो: दोषः कथं न्यूनीकर्तुं शक्यते रजतद्रव्यैः?
मान्यता है कि चांदी के ग्लास में पानी पीने से घर में राहु-केतु का दोष खत्म हो जाता है।
••रजतचषकस्य जलपानेन गृहे राहुकेत्वो: दोष: समाप्यते इति मन्यते।
घर की अशांति भी दूर होती है
•• गृहस्य अशांतिरपि दूरीभवति।
वास्तुशास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि घर के अन्दर चांदी का हाथी रखने से बहुत लाभ होता है
•• गृहस्य अन्तः रजतगजस्य स्थापनं बहु लाभप्रदं भवति इति वास्तुशास्त्रे उक्तम् अस्ति।
इससे व्यापार में कोई घाटा नहीं होता है
•• अनेन व्यापारे काचनपि हानि: न भवति।
अगर किसी व्यक्ति के शादी में परेशानियां आ रही है तो उसे चांदी का कड़ा पहनना चाहिए।
•• यदि कस्यचित् जनस्य विवाहे समस्योत्पन्नं भवेत् तर्हि स रजतकटकं धारयेत्।
नौकरी में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा जेब में रखकर घूमना चाहिए।
•• वृत्त्यापने समुत्पद्यमाना: समस्या: दूरीकर्तुं रजतस्य चतुष्कोणखण्डं स्यूते स्थापयित्वा अटेत्।
चांदी की गोली पर्स में रखने से पति-पत्नी में मधुरती बनी रहती है।
•• धनस्यूतमध्ये रजतगुलिका स्थापनेन पतिपत्न्योः मध्ये सदैव उत्तमः सम्बन्धो भवति।
यह गोली नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है।
•• एषा गुलिका नकारात्मकशक्ती: दूरीकरोति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••जानन्तु यत् राहुकेत्वो: दोषः कथं न्यूनीकर्तुं शक्यते रजतद्रव्यैः?
मान्यता है कि चांदी के ग्लास में पानी पीने से घर में राहु-केतु का दोष खत्म हो जाता है।
••रजतचषकस्य जलपानेन गृहे राहुकेत्वो: दोष: समाप्यते इति मन्यते।
घर की अशांति भी दूर होती है
•• गृहस्य अशांतिरपि दूरीभवति।
वास्तुशास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि घर के अन्दर चांदी का हाथी रखने से बहुत लाभ होता है
•• गृहस्य अन्तः रजतगजस्य स्थापनं बहु लाभप्रदं भवति इति वास्तुशास्त्रे उक्तम् अस्ति।
इससे व्यापार में कोई घाटा नहीं होता है
•• अनेन व्यापारे काचनपि हानि: न भवति।
अगर किसी व्यक्ति के शादी में परेशानियां आ रही है तो उसे चांदी का कड़ा पहनना चाहिए।
•• यदि कस्यचित् जनस्य विवाहे समस्योत्पन्नं भवेत् तर्हि स रजतकटकं धारयेत्।
नौकरी में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा जेब में रखकर घूमना चाहिए।
•• वृत्त्यापने समुत्पद्यमाना: समस्या: दूरीकर्तुं रजतस्य चतुष्कोणखण्डं स्यूते स्थापयित्वा अटेत्।
चांदी की गोली पर्स में रखने से पति-पत्नी में मधुरती बनी रहती है।
•• धनस्यूतमध्ये रजतगुलिका स्थापनेन पतिपत्न्योः मध्ये सदैव उत्तमः सम्बन्धो भवति।
यह गोली नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है।
•• एषा गुलिका नकारात्मकशक्ती: दूरीकरोति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 5, 2023
सन्माननीया वैयाकरणा:।
एकादशदिने सोमवासरे कार्त्तिकमासस्य कृष्णचतुर्दश्यां सायं पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य द्वादशी परिषत् संपत्स्यते। अत्रभवतां वैयाकरणानां समुपस्थिति: परिषदमिमामलंकुर्यात्।
विषयादिकं सूचयिष्यते।
सभासाधनम्।
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
♦️♦️♦️
एकादशदिने सोमवासरे कार्त्तिकमासस्य कृष्णचतुर्दश्यां सायं पञ्चेति समये पाणिनीयपरिषदः सप्तमचक्रस्य द्वादशी परिषत् संपत्स्यते। अत्रभवतां वैयाकरणानां समुपस्थिति: परिषदमिमामलंकुर्यात्।
विषयादिकं सूचयिष्यते।
सभासाधनम्।
meet.google.com/nfk-wpyd-utr
♦️♦️♦️
December 5, 2023
पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशङ्खं भीमकर्मा वृकोदरः।।1.15।।
पौण्ड्रं नाम कस्य महाशङ्खः।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशङ्खं भीमकर्मा वृकोदरः।।1.15।।
पौण्ड्रं नाम कस्य महाशङ्खः।
Anonymous Quiz
6%
देवदत्तस्य
73%
वृकोदरस्य
11%
धनञ्जयस्य
10%
हृषीकेशस्य
December 5, 2023
December 5, 2023
December 5, 2023
१. कण्ठः
कण्ठ यानी गला। कण्ठ से उच्चारित वर्णों को कण्ठ्य वर्ण कहा जाता है। कंठ और कण्ठ्य इन दोनों में अंतर है।
कंठ एक उच्चारण स्थान है तथा कण्ठ्य उन वर्णों का नाम है जिन का उच्चारण कंठ से होता है।
निम्न वर्ण कण्ठ्य वर्ण माने जाते हैं -
• स्वर - अ। आ॥
• वर्गीय व्यंजन - क्। ख्। ग्। घ्। ङ्॥
• अवर्गीय व्यंजन - ह्।
• अयोगवाह - विसर्ग।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
कण्ठ यानी गला। कण्ठ से उच्चारित वर्णों को कण्ठ्य वर्ण कहा जाता है। कंठ और कण्ठ्य इन दोनों में अंतर है।
कंठ एक उच्चारण स्थान है तथा कण्ठ्य उन वर्णों का नाम है जिन का उच्चारण कंठ से होता है।
निम्न वर्ण कण्ठ्य वर्ण माने जाते हैं -
• स्वर - अ। आ॥
• वर्गीय व्यंजन - क्। ख्। ग्। घ्। ङ्॥
• अवर्गीय व्यंजन - ह्।
• अयोगवाह - विसर्ग।
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December 5, 2023
December 5, 2023
December 6, 2023
December 5, 2023
🚩सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 07 दिसम्बर प्रातः 03:04 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 06 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 07 दिसम्बर प्रातः 06:29 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - प्रीति रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:31 से 01:51 तक
⛅ सूर्योदय - 07:07
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:14 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:57 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी 07 दिसम्बर प्रातः 03:04 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 06 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 07 दिसम्बर प्रातः 06:29 तक तत्पश्चात हस्त
⛅ योग - प्रीति रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात आयुष्मान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:31 से 01:51 तक
⛅ सूर्योदय - 07:07
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:21 से 06:14 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:04 से 12:57 तक
December 5, 2023
December 5, 2023
December 5, 2023
🍃वसेत्सह सपत्नेन क्रुद्धेनाशुविषेण च ।
न तू मित्रप्रवादेन संवसेच्छत्रु सेविना ।।
🔆 शत्रुणा सह क्रुधमहाविषधरेण सर्पेण सह वा वसेत् किन्तु शत्रुसेविना मित्रेण सह न वसेत् कथमपि।
⚜शत्रु और क्रुद्ध महाविषधर सर्प के साथ भले ही रहें, परंतु ऐसे मनुष्य के साथ कभी न रहें जो ऊपर से तो मित्र कहलाता है, लेकिन भीतर-भीतर शत्रु का हितसाधक हो ।
#Subhashitam
न तू मित्रप्रवादेन संवसेच्छत्रु सेविना ।।
🔆 शत्रुणा सह क्रुधमहाविषधरेण सर्पेण सह वा वसेत् किन्तु शत्रुसेविना मित्रेण सह न वसेत् कथमपि।
⚜शत्रु और क्रुद्ध महाविषधर सर्प के साथ भले ही रहें, परंतु ऐसे मनुष्य के साथ कभी न रहें जो ऊपर से तो मित्र कहलाता है, लेकिन भीतर-भीतर शत्रु का हितसाधक हो ।
#Subhashitam
December 5, 2023
कस्य शब्दस्य सप्तम्यां विभक्त्याम् एकवचने रूपद्वयं भवति।
Anonymous Quiz
31%
नाभिः
30%
रज्जुः
11%
वायुः
28%
माता
December 6, 2023
(१)वह संस्कृत जानता तो है
=स: संस्कृतं जानाति एव/तु।
(२)मैं पढ़ता ही तो हूं
=अहं पठामि एव तु।
(३)वह मुझसे मिला तो था
=स: मां मिलितवान् एव/तु।
(४)मैंने उसे लिखा तो था
=अहं तं लिखितवान् एवासम्।
(५)मैंने परीक्षा तो दी थी
=अहं परीक्षां तु दत्तवान् आसम्।
(६)वह टेनिस खेलती तो है
=स: प्रक्षिप्त-कन्दुकक्रीडां खेलति तु/एव।
(७)मैं जाऊंगा ही
=अहं गमिष्यामि एव।
(८)वह मदद करेगा ही
=स: साहाय्यं करिष्यति एव।
(९)मैं जलेबी खाता तो हूं
=अहं कुण्डलिनीं खादामि एव/तु।
(१०)वह यहां आई तो थी
=सा अत्र आगता एवासीत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=स: संस्कृतं जानाति एव/तु।
(२)मैं पढ़ता ही तो हूं
=अहं पठामि एव तु।
(३)वह मुझसे मिला तो था
=स: मां मिलितवान् एव/तु।
(४)मैंने उसे लिखा तो था
=अहं तं लिखितवान् एवासम्।
(५)मैंने परीक्षा तो दी थी
=अहं परीक्षां तु दत्तवान् आसम्।
(६)वह टेनिस खेलती तो है
=स: प्रक्षिप्त-कन्दुकक्रीडां खेलति तु/एव।
(७)मैं जाऊंगा ही
=अहं गमिष्यामि एव।
(८)वह मदद करेगा ही
=स: साहाय्यं करिष्यति एव।
(९)मैं जलेबी खाता तो हूं
=अहं कुण्डलिनीं खादामि एव/तु।
(१०)वह यहां आई तो थी
=सा अत्र आगता एवासीत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 6, 2023
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Did you know that Warsaw University in Poland has the ancient Hindu text Sanskrit displayed outside its library?
#celebrating_sanskrit
#celebrating_sanskrit
December 6, 2023
December 6, 2023
२. तालु
हमारे दांतो से ठीक ऊपर एक खुरदरा हिस्सा हमारे जीभ को महसूस हो सकता है। उस खुरदरे हिस्से को तालु कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण स्थान तालु होता है उनको तालव्य वर्ण कहा जाता है।
निम्न वर्ण तालव्य वर्ण माने जाते हैं।
• स्वर - इ।ई॥
• वर्गीय व्यंजन - च्।छ्। ज्। झ्। ञ्॥
• अवर्गीय व्यंजन - य्। श्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
हमारे दांतो से ठीक ऊपर एक खुरदरा हिस्सा हमारे जीभ को महसूस हो सकता है। उस खुरदरे हिस्से को तालु कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण स्थान तालु होता है उनको तालव्य वर्ण कहा जाता है।
निम्न वर्ण तालव्य वर्ण माने जाते हैं।
• स्वर - इ।ई॥
• वर्गीय व्यंजन - च्।छ्। ज्। झ्। ञ्॥
• अवर्गीय व्यंजन - य्। श्॥
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December 6, 2023
December 6, 2023
अनन्तविजयं राजा कुन्तीपुत्रो युधिष्ठिरः।
नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ।।1.16।।
सहदेवस्य शङ्खस्य नाम किम्।
नकुलः सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ।।1.16।।
सहदेवस्य शङ्खस्य नाम किम्।
Anonymous Quiz
3%
घोषमणिः
15%
पुष्पकः
59%
मणिपुष्पकः
22%
सुघोषमणिपुष्पकः
December 6, 2023
December 6, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓०७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (चित्राणि दृष्ट्वा वाक्यानि वदितव्यानि) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓०७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Network
https://t.me/samvadah/11287
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News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
December 6, 2023
Namaskar,
Exciting news! Spoken Sanskrit classes, now in their 12th batch, are starting in January 2024. Open to beginners who know a modern Indian language, these free online classes run for 90 minutes once a week. To join with interested friends/family, contact Aurobind Mahodaya at padiyath.a@gmail.com Various timings available with 50+ teachers' team.
Last Date : 15th of January
Exciting news! Spoken Sanskrit classes, now in their 12th batch, are starting in January 2024. Open to beginners who know a modern Indian language, these free online classes run for 90 minutes once a week. To join with interested friends/family, contact Aurobind Mahodaya at padiyath.a@gmail.com Various timings available with 50+ teachers' team.
Last Date : 15th of January
December 6, 2023
December 6, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 08 दिसम्बर प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 07 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - आयुष्मान रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:52 से 03:13 तक
⛅ सूर्योदय - 07:08
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:15 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:58 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी 08 दिसम्बर प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 07 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - आयुष्मान रात्रि 12:01 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅ राहु काल - दोपहर 01:52 से 03:13 तक
⛅ सूर्योदय - 07:08
⛅ सूर्यास्त - 05:54
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:15 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:58 तक
December 6, 2023
December 6, 2023
December 6, 2023
December 6, 2023
Greetings!
We are excited to announce our First Annual Gita Antakshari contest!
This team competition is open to all members of the community, not just participants of the 2024 ESS Gita Recitation competitions. We request the Gita chanting community to participate in large numbers and make the event successful!
Important note: this competition is in addition to the online Gita competitions to be held in January.
1. This is an informal team competition designed along the lines of the popular Antakshari game based on movie songs. The goal is to make learning Gita fun!
2. The game is played by chanting a Gita verse that begins with the letter that ended the verse chanted by the previous team.
3. A team consists of 3 players. They don’t have to be from the same school or family.
4. There will be an elimination stage and a finals round.
Elimination Stage: will be held online in January. (Date to be announced)
Finals: The finals will be held in Chennai on Gita Mela day and may also be streamed live. Winners of the elimination stage should be willing to attend the Gita Mela on February 4th to participate in the finals. If a qualifying team (every member) is unable to attend the finals, the team’s spot in the finals will be given to the next highest scoring team that can participate in the finals.
5. Special prizes will be awarded to top teams in the elimination stage. You should play even if your team cannot participate in the finals!
6. A sample video of the contest is available here: Take a look!
7. Registration is free and ends on December 25th, 2023.
Register early at our Gita Antakshari registration page: https://forms.gle/A4wi6RUcurSfrwKT9
Best regards,
Meera Narayanan
Secretary,
The Egmore Samskrt School
We are excited to announce our First Annual Gita Antakshari contest!
This team competition is open to all members of the community, not just participants of the 2024 ESS Gita Recitation competitions. We request the Gita chanting community to participate in large numbers and make the event successful!
Important note: this competition is in addition to the online Gita competitions to be held in January.
1. This is an informal team competition designed along the lines of the popular Antakshari game based on movie songs. The goal is to make learning Gita fun!
2. The game is played by chanting a Gita verse that begins with the letter that ended the verse chanted by the previous team.
3. A team consists of 3 players. They don’t have to be from the same school or family.
4. There will be an elimination stage and a finals round.
Elimination Stage: will be held online in January. (Date to be announced)
Finals: The finals will be held in Chennai on Gita Mela day and may also be streamed live. Winners of the elimination stage should be willing to attend the Gita Mela on February 4th to participate in the finals. If a qualifying team (every member) is unable to attend the finals, the team’s spot in the finals will be given to the next highest scoring team that can participate in the finals.
5. Special prizes will be awarded to top teams in the elimination stage. You should play even if your team cannot participate in the finals!
6. A sample video of the contest is available here: Take a look!
7. Registration is free and ends on December 25th, 2023.
Register early at our Gita Antakshari registration page: https://forms.gle/A4wi6RUcurSfrwKT9
Best regards,
Meera Narayanan
Secretary,
The Egmore Samskrt School
Google Docs
ESS Antakshari Contest 2024 Registration
Details and rules are available here.
December 6, 2023
December 6, 2023
⚜अपूज्या यत्र पूज्यन्ते पूजनीयो न पूज्यते ।
त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते दुर्भिक्षं मरणं भयम् ॥
- स्कन्दपुराण (मा० कौ० ७, २.४५)
🔆 यत्र अपूज्यानां सम्मानं भवति तथा च पूज्यानां सम्मानं न भवति तादृशे स्थाने दुर्भिक्षं मृत्युः भयं च प्रवर्धन्ते।
⚜जिनका आदर नहीं होना चाहिये उनका जहां आदर होता है और जिसका आदर होना चाहिये उसका आदर होता नहीं वहां तीन चीजें होने लगती हैं- अकाल मृत्यु और भय ।
⚜Where undeserving ones are shown honour and the deserving ones not done so, three things appear there : famine, death and fear.
#Subhashitam
त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते दुर्भिक्षं मरणं भयम् ॥
- स्कन्दपुराण (मा० कौ० ७, २.४५)
🔆 यत्र अपूज्यानां सम्मानं भवति तथा च पूज्यानां सम्मानं न भवति तादृशे स्थाने दुर्भिक्षं मृत्युः भयं च प्रवर्धन्ते।
⚜जिनका आदर नहीं होना चाहिये उनका जहां आदर होता है और जिसका आदर होना चाहिये उसका आदर होता नहीं वहां तीन चीजें होने लगती हैं- अकाल मृत्यु और भय ।
⚜Where undeserving ones are shown honour and the deserving ones not done so, three things appear there : famine, death and fear.
#Subhashitam
December 6, 2023
On 7th of December 2023 by 15:30 Indian time (link to Zoom at https://samskrtam.ru/ku) there will be a talk from Melbourne on Sanskrit computational linguistic issues:
Katya Vylomova. A Glass Bead Game of *-ology: Contemporary Computational Approaches to Linguistic Morphology, Typology and Social Psychology.
Mail here for joining link
gasyoun@gmail.com
Katya Vylomova. A Glass Bead Game of *-ology: Contemporary Computational Approaches to Linguistic Morphology, Typology and Social Psychology.
Mail here for joining link
gasyoun@gmail.com
Книги и онлайн курсы санскрита
Куратор курсов санскрита - Книги и онлайн курсы санскрита
Если Вы готовы, но не знаете как, пишите куратору курсов Общества ревнителей санскрита в телеграме. Сообщения прочтет Наталия или Марина, или сам Марцис
December 6, 2023
December 6, 2023
किं वाक्यम् अकर्मकम् अस्ति।
Anonymous Quiz
13%
बालकः आनन्देन हरिं सेवते।
32%
पक्षी निर्भयम् आकाशे उड्डयते।
14%
देवः अचिरमेव गजं रक्षति।
41%
शुनकः क्रोधवशात् दशति।
December 7, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
(१)वह संस्कृत जानता तो है =स: संस्कृतं जानाति एव/तु। (२)मैं पढ़ता ही तो हूं =अहं पठामि एव तु। (३)वह मुझसे मिला तो था =स: मां मिलितवान् एव/तु। (४)मैंने उसे लिखा तो था =अहं तं लिखितवान् एवासम्। (५)मैंने परीक्षा तो दी थी =अहं परीक्षां तु दत्तवान् आसम्। (६)वह…
(११)वह पढता ही तो है
=स: पठति एव तु।
(१२)वह दूध पसन्द करती तो है
=तस्यै दुग्धं रोचते तु/एव।
(१३)वह आज लौटेगा ही
=स: अद्य प्रत्यागमिष्यति एव।
(१४)मैं आज प्रस्थान करुंगा ही
=अहम् अद्य परागमिष्यामि एव।
(१५)वह मुझे जानता तो है
=स: मां जानाति एव/तु।
(१६)वह आम खाना पसंद करती तो है
= तस्यै रसालखादनं रोचते एव/तु।
(१७)तुमने मुझसे कहा तो था
=त्वं माम् उक्तवान् एवासि।
(१८)उसने मुझे धोखा तो दिया था
=स: मां वञ्चयितवान् एवासीत्।
(१९)वह झूठ बोला तो था
=स: असत्यं वदितवान् एवासीत्।
(२०)मैं सच कहता तो हूं
=अहं सत्यं कथयामि एव/तु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
=स: पठति एव तु।
(१२)वह दूध पसन्द करती तो है
=तस्यै दुग्धं रोचते तु/एव।
(१३)वह आज लौटेगा ही
=स: अद्य प्रत्यागमिष्यति एव।
(१४)मैं आज प्रस्थान करुंगा ही
=अहम् अद्य परागमिष्यामि एव।
(१५)वह मुझे जानता तो है
=स: मां जानाति एव/तु।
(१६)वह आम खाना पसंद करती तो है
= तस्यै रसालखादनं रोचते एव/तु।
(१७)तुमने मुझसे कहा तो था
=त्वं माम् उक्तवान् एवासि।
(१८)उसने मुझे धोखा तो दिया था
=स: मां वञ्चयितवान् एवासीत्।
(१९)वह झूठ बोला तो था
=स: असत्यं वदितवान् एवासीत्।
(२०)मैं सच कहता तो हूं
=अहं सत्यं कथयामि एव/तु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 7, 2023
December 7, 2023
३. मूर्धा
यदि हमारी जीभ को बिल्कुल टेढ़ा करके तालु से भी ऊपर लेने के बाद एक मुलायम सा हिस्सा महसूस होता है। उसे ही मूर्धा कहते हैं। मूर्धा से उच्चारित वर्णों को मूर्धन्य वर्ण कहते हैं।
निम्न वर्णों को मूर्धन्य वर्ण कहा जाता है -
• स्वर - ऋ। ॠ॥
• वर्गीय व्यंजन - ट्। ठ्। ड्। ढ्। ण्॥
• अवर्गीय व्यंजन - र्। ष्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
यदि हमारी जीभ को बिल्कुल टेढ़ा करके तालु से भी ऊपर लेने के बाद एक मुलायम सा हिस्सा महसूस होता है। उसे ही मूर्धा कहते हैं। मूर्धा से उच्चारित वर्णों को मूर्धन्य वर्ण कहते हैं।
निम्न वर्णों को मूर्धन्य वर्ण कहा जाता है -
• स्वर - ऋ। ॠ॥
• वर्गीय व्यंजन - ट्। ठ्। ड्। ढ्। ण्॥
• अवर्गीय व्यंजन - र्। ष्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
December 7, 2023
वेतालः१---अहं विषं पीतवान् परन्तु न मृतः।😏
वेतालः२---कथं भोः?।😟
वेतालः १---विषे अपमिश्रणम् आसीत् इति कारणेन।😌
वेतालः २---एवं चेत् कथं भवतः मरणम् अभवत्?।🤥
वेतालः १--मम चिकित्सा काले वैद्यशालायां तु दत्ते ओषधे अपमिश्रणम् अभवत् भोः।😭😈
अपमिश्रणम् -adulteration
#hasya
वेतालः२---कथं भोः?।😟
वेतालः १---विषे अपमिश्रणम् आसीत् इति कारणेन।😌
वेतालः २---एवं चेत् कथं भवतः मरणम् अभवत्?।🤥
वेतालः १--मम चिकित्सा काले वैद्यशालायां तु दत्ते ओषधे अपमिश्रणम् अभवत् भोः।😭😈
अपमिश्रणम् -adulteration
#hasya
December 7, 2023
काश्यश्च परमेष्वासः शिखण्डी च महारथः।
धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजितः।।1.17।।
अपराजितः कः अत्र।
धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजितः।।1.17।।
अपराजितः कः अत्र।
Anonymous Quiz
13%
कश्चिन्नाम राजा।
16%
सात्यकिश्चः
50%
सात्यकिः
22%
सर्वे सूराः।
December 7, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Photo
कलरवबन्धून् प्रणमामि ।🙏
श्वः प्रातः दशवादनतः चाणक्यविश्वविद्यालये रामकृष्णवर्यस्य अष्टावधानकार्यक्रमो भविष्यति।
कार्यक्रमं शतावधानिनः रा. गणेशवर्याः अनुग्रहीष्यन्ति ।
अस्य कार्यक्रमस्य Youtube live भविष्यति।
https://www.youtube.com/live/IX65ieKM3M4
स्वागतं समेषाम्। 🙏🙏
श्वः प्रातः दशवादनतः चाणक्यविश्वविद्यालये रामकृष्णवर्यस्य अष्टावधानकार्यक्रमो भविष्यति।
कार्यक्रमं शतावधानिनः रा. गणेशवर्याः अनुग्रहीष्यन्ति ।
अस्य कार्यक्रमस्य Youtube live भविष्यति।
https://www.youtube.com/live/IX65ieKM3M4
स्वागतं समेषाम्। 🙏🙏
YouTube
A Lecture Demonstration on Avadhānam
Abhyāgata (Chief Guest) : Śatāvadhānī Dr. R. Ganesh
Renowned Śatāvadhānī and Distinguished Scholar, Bengaluru
Avadhānī : Dr. Ramakrishna Pejathaya
Associate Professor, Centre for Indian Knowledge Systems
Pṛcchakas (Questioners)
Niṣedhākśḥarī …
Renowned Śatāvadhānī and Distinguished Scholar, Bengaluru
Avadhānī : Dr. Ramakrishna Pejathaya
Associate Professor, Centre for Indian Knowledge Systems
Pṛcchakas (Questioners)
Niṣedhākśḥarī …
December 7, 2023
December 7, 2023
December 7, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓०८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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December 7, 2023
December 7, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी 09 दिसम्बर प्रातः 06:31 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 08 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त सुबह 08:54 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - सौभाग्य रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 11:11 से 12:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:08
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:15 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:58 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उत्पत्ति एकादशी (स्मार्त)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी 09 दिसम्बर प्रातः 06:31 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 08 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - हस्त सुबह 08:54 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - सौभाग्य रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात शोभन
⛅ राहु काल - सुबह 11:11 से 12:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:08
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:22 से 06:15 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:05 से 12:58 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उत्पत्ति एकादशी (स्मार्त)
December 7, 2023
December 7, 2023
December 7, 2023
December 7, 2023
🍃गोभिर्विप्रैश्च वेदैश्च , सतीभिः सत्यवादिभिः l
अलुब्धैर्दानशीलैश्च , सप्तभि धार्यते मही।।
🔆 धेनुभिः वेदपाठिभिः वेदैः सतीभिः सत्यवादिभिः लोभहीनैः तथा दानकर्तृभिः एतेषां सप्तप्रकारकाणां जनानां कारणेन एव इयं पृथिवी तिष्ठति अर्थात् धर्मः तिष्ठति।
⚜गाय, ब्राह्मण, वेद , सती स्त्री ,सत्यवादी इंसान , निर्लोभी और दानी इन सात की वजह से ही पृथ्वी टिकी हुई है ।
#Subhashitam
अलुब्धैर्दानशीलैश्च , सप्तभि धार्यते मही।।
🔆 धेनुभिः वेदपाठिभिः वेदैः सतीभिः सत्यवादिभिः लोभहीनैः तथा दानकर्तृभिः एतेषां सप्तप्रकारकाणां जनानां कारणेन एव इयं पृथिवी तिष्ठति अर्थात् धर्मः तिष्ठति।
⚜गाय, ब्राह्मण, वेद , सती स्त्री ,सत्यवादी इंसान , निर्लोभी और दानी इन सात की वजह से ही पृथ्वी टिकी हुई है ।
#Subhashitam
December 7, 2023
December 7, 2023
December 7, 2023
December 8, 2023
December 8, 2023
अधी+शीङ् (सोना)- के साथ हमेशा सप्तमी विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
------------------------------------
(१) मेरे दादा जी खाट पर सोते थे =
••मम पितामह: खट्वाम् अधिशेते स्म। (द्वितीया विभक्ति)
••मम पितामह: खट्वायां शेते स्म। (सप्तमी विभक्ति)
(२)पिता और पुत्र एक ही पलंग पर सोते हैं =
••जनक: आत्मज: च एकमेव पर्यङ्कम् अधिशयेते। (द्वितीया विभक्ति)
•• जनक: आत्मज: च एकस्मिन्नेव पर्यङ्के शयेते। (सप्तमी विभक्ति)
(३)भयंकर गर्मी के दिनों में रात में लाइन नहीं रहने के कारण लगभग सभी लोग छत पर ही सोते हैं =
•• भीषणे ग्रीष्मकाले नक्तं विद्युदभावे अनुमानतः सर्वे जना: छदींषि एव अधिशेरते। ( द्वितीया विभक्ति)
•• भीषणे ग्रीष्मकाले नक्तं विद्युदाभावे अनुमानतः सर्वे जना: एव छदिष्षु एव शेरते। (सप्तमी विभक्ति)
(४) भयंकर गर्मी की रात में तुम पलंग पर पंखा के नीचे सोते हो या छत पर =
••भीषणनिदाघे नक्तं त्वं व्यजनात् अध: पर्यङ्कम् अधिशेषे अथवा छदि: अधिशेषे वा ? (द्वितीया विभक्ति)
•• भीषणनिदाघे नक्तं त्वं व्यजनात् अध: पर्यङ्के शेषे अथवा छदिषि शेषे वा ?(सप्तमी विभक्ति)
(५) तुम दोनों उस समय पलंग पर गहरी नींद में सो रहे थे, इसीलिए मैंने तुमदोनों को जगाना उचित नहीं समझा =
••तदानीं युवां चिरनिद्रायाम् पर्यङ्कम् अधिशयाथे स्म अत: अहं जागरयितुं सम्यग् नावगच्छम्। (द्वितीया विभक्ति)
•• तदानीं युवां चिरनिद्रायाम् पर्यङ्के शयाथे स्म , अत: अहं जागरयितुं सम्यग् नावगच्छम्। (सप्तमी विभक्ति)
(६) जाड़ा में तुम लोग हमेशा कंबल ओढ़कर पलंग पर सोते हो=
••शीतर्तौ यूयं सदैव कम्बलम् आच्छाद्य पर्यङ्कम् अधिशेध्वे। ( द्वितीया विभक्ति)
•• शीतर्तौ यूयं सदैव कम्बलम् आच्छाद्य पर्यङ्के शेध्वे। (सप्तमी विभक्ति)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
------------------------------------
(१) मेरे दादा जी खाट पर सोते थे =
••मम पितामह: खट्वाम् अधिशेते स्म। (द्वितीया विभक्ति)
••मम पितामह: खट्वायां शेते स्म। (सप्तमी विभक्ति)
(२)पिता और पुत्र एक ही पलंग पर सोते हैं =
••जनक: आत्मज: च एकमेव पर्यङ्कम् अधिशयेते। (द्वितीया विभक्ति)
•• जनक: आत्मज: च एकस्मिन्नेव पर्यङ्के शयेते। (सप्तमी विभक्ति)
(३)भयंकर गर्मी के दिनों में रात में लाइन नहीं रहने के कारण लगभग सभी लोग छत पर ही सोते हैं =
•• भीषणे ग्रीष्मकाले नक्तं विद्युदभावे अनुमानतः सर्वे जना: छदींषि एव अधिशेरते। ( द्वितीया विभक्ति)
•• भीषणे ग्रीष्मकाले नक्तं विद्युदाभावे अनुमानतः सर्वे जना: एव छदिष्षु एव शेरते। (सप्तमी विभक्ति)
(४) भयंकर गर्मी की रात में तुम पलंग पर पंखा के नीचे सोते हो या छत पर =
••भीषणनिदाघे नक्तं त्वं व्यजनात् अध: पर्यङ्कम् अधिशेषे अथवा छदि: अधिशेषे वा ? (द्वितीया विभक्ति)
•• भीषणनिदाघे नक्तं त्वं व्यजनात् अध: पर्यङ्के शेषे अथवा छदिषि शेषे वा ?(सप्तमी विभक्ति)
(५) तुम दोनों उस समय पलंग पर गहरी नींद में सो रहे थे, इसीलिए मैंने तुमदोनों को जगाना उचित नहीं समझा =
••तदानीं युवां चिरनिद्रायाम् पर्यङ्कम् अधिशयाथे स्म अत: अहं जागरयितुं सम्यग् नावगच्छम्। (द्वितीया विभक्ति)
•• तदानीं युवां चिरनिद्रायाम् पर्यङ्के शयाथे स्म , अत: अहं जागरयितुं सम्यग् नावगच्छम्। (सप्तमी विभक्ति)
(६) जाड़ा में तुम लोग हमेशा कंबल ओढ़कर पलंग पर सोते हो=
••शीतर्तौ यूयं सदैव कम्बलम् आच्छाद्य पर्यङ्कम् अधिशेध्वे। ( द्वितीया विभक्ति)
•• शीतर्तौ यूयं सदैव कम्बलम् आच्छाद्य पर्यङ्के शेध्वे। (सप्तमी विभक्ति)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 8, 2023
December 8, 2023
४. दन्ताः
दंत अर्थात दांत। जिन वर्णों का उच्चारण दांतो से जीभ लगाकर किया जाता है उन वर्णों को दन्त्य वर्ण कहा जाता है।
निम्न वर्ण दन्त्य वर्ण माने जाते हैं।
• स्वर - ऌ। ॡ॥
• वर्गीय व्यंजन - त्। थ्। द्। ध्। न्॥
• अवर्गीय व्यंजन - ल्। स्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
दंत अर्थात दांत। जिन वर्णों का उच्चारण दांतो से जीभ लगाकर किया जाता है उन वर्णों को दन्त्य वर्ण कहा जाता है।
निम्न वर्ण दन्त्य वर्ण माने जाते हैं।
• स्वर - ऌ। ॡ॥
• वर्गीय व्यंजन - त्। थ्। द्। ध्। न्॥
• अवर्गीय व्यंजन - ल्। स्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
December 8, 2023
रुग्णः--औषधं आवश्यकं भोः।😒
आपणिकः--किमर्थम् भोः?।😌
रुग्णः--मम मनस्ताप(stress)निवारणार्थम्।😟
आपणिकः--एवं चेत् वैद्यस्य प्रक्रिया पत्रं
हस्तेऽस्ति वा?।😏
रुग्णः--न भोः।मम हस्ते तु मम विवाह-पञ्चीकरण-प्रमाणपत्रमस्ति। पर्याप्तं वा?।🥴
आपणिकः--🫢
#hasya
आपणिकः--किमर्थम् भोः?।😌
रुग्णः--मम मनस्ताप(stress)निवारणार्थम्।😟
आपणिकः--एवं चेत् वैद्यस्य प्रक्रिया पत्रं
हस्तेऽस्ति वा?।😏
रुग्णः--न भोः।मम हस्ते तु मम विवाह-पञ्चीकरण-प्रमाणपत्रमस्ति। पर्याप्तं वा?।🥴
आपणिकः--🫢
#hasya
December 8, 2023
द्रुपदो द्रौपदेयाश्च सर्वशः पृथिवीपते।
सौभद्रश्च महाबाहुः शङ्खान्दध्मुः पृथक्पृथक्।।1.18।।
अत्र पृथिवीपते इति कः सम्बोध्यते।
सौभद्रश्च महाबाहुः शङ्खान्दध्मुः पृथक्पृथक्।।1.18।।
अत्र पृथिवीपते इति कः सम्बोध्यते।
Anonymous Quiz
34%
सर्वे शूराः
35%
धृतराष्ट्रः
27%
द्रुपदः
5%
सौभद्रः
December 8, 2023
December 8, 2023
December 8, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी पूर्ण रात्रि तक (वृद्धि तिथि)
⛅ दिनांक - 09 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - चित्रा सुबह 10:43 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - शोभन रात्रि 11:37 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 09:50 से 11:11 तक
⛅ सूर्योदय - 07:09
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:23 से 06:16 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:066 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उत्पत्ति एकादशी (भागवत)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी पूर्ण रात्रि तक (वृद्धि तिथि)
⛅ दिनांक - 09 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - चित्रा सुबह 10:43 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग - शोभन रात्रि 11:37 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
⛅ राहु काल - सुबह 09:50 से 11:11 तक
⛅ सूर्योदय - 07:09
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:23 से 06:16 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:066 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - उत्पत्ति एकादशी (भागवत)
December 8, 2023
December 8, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - निर्वाणषट्कम्
🗓०९/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (निर्वाणषट्कस्य श्लोलानां विवरणम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - निर्वाणषट्कम्
🗓०९/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (निर्वाणषट्कस्य श्लोलानां विवरणम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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December 8, 2023
December 8, 2023
December 8, 2023
December 8, 2023
🍃एकः स्वादु न भुञ्जीत एकश्चार्थान् न चिन्तयेत् ।
एको न गच्छेदध्वानं नैकः सुप्तेषु जागृयात् ।।
🔆 एकाकी न भोजनं कुर्यात् एकाकी च धनार्जनविषये न चिन्तयेत् एकाकीच निर्जनवनेषु न गच्छेत् तथैव नैकेषु सुप्तेषु एकः न प्रजागर्य रक्षणं कुर्यात्।
⚜अकेले अकेले स्वादिष्ट व्यंजन नहीं खाना चाहिए , अकेले धन कमाने के विषय में योजना नहीं बनानी चाहिए , अकेले (निर्जन स्थान) वनों में नहीं जाना चाहिए और बहुत सारे सोते हुए लोगों की सुरक्षा के लिए सिर्फ अकेले ही नहीं जगना चाहिए।
#Subhashitam
एको न गच्छेदध्वानं नैकः सुप्तेषु जागृयात् ।।
🔆 एकाकी न भोजनं कुर्यात् एकाकी च धनार्जनविषये न चिन्तयेत् एकाकीच निर्जनवनेषु न गच्छेत् तथैव नैकेषु सुप्तेषु एकः न प्रजागर्य रक्षणं कुर्यात्।
⚜अकेले अकेले स्वादिष्ट व्यंजन नहीं खाना चाहिए , अकेले धन कमाने के विषय में योजना नहीं बनानी चाहिए , अकेले (निर्जन स्थान) वनों में नहीं जाना चाहिए और बहुत सारे सोते हुए लोगों की सुरक्षा के लिए सिर्फ अकेले ही नहीं जगना चाहिए।
#Subhashitam
December 8, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
निर्वाणषट्कम्
#samlapshala
#samlapshala
December 8, 2023
December 9, 2023
December 9, 2023
December 9, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अधी+शीङ् (सोना)- के साथ हमेशा सप्तमी विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है। ------------------------------------ (१) मेरे दादा जी खाट पर सोते थे = ••मम पितामह: खट्वाम् अधिशेते स्म। (द्वितीया विभक्ति) ••मम पितामह: खट्वायां शेते स्म। (सप्तमी…
(७) मैं गर्मी में कूलर चलाकर ही पलंग पर सोता हूं =
•• ग्रीष्मर्तौ अहं शीतकं चालयित्वा एव पर्यङ्कम् अधिशये। (द्वितीया विभक्ति)
•• ग्रीष्मर्तौ अहं शीतकं चालयित्वा एव पर्यङ्के शये। (सप्तमी विभक्ति)
(८) हम दोनों गर्मी की रात में प्राकृतिक हवा का आनन्द लेते हुए छत पर सो जाते हैं =
•• आवां ग्रीष्मरात्रौ प्राकृतिकवायुना आनन्दं स्वीकुर्वन्तौ छदि: एव अधिशेवहे। (द्वितीया विभक्ति)
•• आवां ग्रीष्मरात्रौ प्राकृतिकवायुना आनन्दं स्वीकुर्वन्तौ
छदिषि एव शेवहे। ( सप्तमी विभक्ति)
(९) हमलोग छुट्टी के दिन भीषण गर्मी की दोपहर में अपने घर पर चटाईयों पर सो जाते हैं =
•• वयम् अवकाशकाले प्रचण्डातपे मध्याह्नकाले अस्माकं गृहे कटान् अधिशेमहे।(द्वितीया विभक्ति)
•• वयम् अवकाशकाले प्रचण्डातपे मध्याह्नकाले अस्माकं गृहे कटेषु शेमहे।(सप्तमी विभक्ति)
------------------------------------------------------------------------
आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं।
•• अग्निलग्ने सति तम् असकृत् जलं निक्षिप्य निर्वापयाम:।
पानी डालने से आग कैसे बुझ जाती है?
•• जलस्य निक्षेपणेन अग्नि: कथं निर्वापितो भवति?
पानी ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा कर देता है जिससे आग का फैलाव बन्द हो जाता है।
•• जलं ज्वलनशीलपदार्थं शीतलीकरोति येन अग्ने: प्रसारणं समाप्तं भवति।
आग को जलने के लिए हवा (ऑक्सीजन)आवश्यक है।
•• अग्ने: ज्वलनाय ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् आवश्यकमस्ति।
पानी डालने पर जो जलवाष्प बनता है वह बाहर से वायु(ऑक्सीजन) को प्रवेश नहीं करने देता जिससे आग बुझ जाती है।
••अग्ने: उपरि जलस्य पातनेन य: जलवाष्पो भवति। स च बहिर्भागात् ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् अन्तः प्रवेष्टुं न ददाति अनेन अग्नि: निर्वापितो भवति।
यह भाप आग का सम्पर्क ऑक्सीजन से तोड़ देता है।
•• एष वाष्प: ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वात् अग्ने: सम्पर्क-भंजनं करोति ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• ग्रीष्मर्तौ अहं शीतकं चालयित्वा एव पर्यङ्कम् अधिशये। (द्वितीया विभक्ति)
•• ग्रीष्मर्तौ अहं शीतकं चालयित्वा एव पर्यङ्के शये। (सप्तमी विभक्ति)
(८) हम दोनों गर्मी की रात में प्राकृतिक हवा का आनन्द लेते हुए छत पर सो जाते हैं =
•• आवां ग्रीष्मरात्रौ प्राकृतिकवायुना आनन्दं स्वीकुर्वन्तौ छदि: एव अधिशेवहे। (द्वितीया विभक्ति)
•• आवां ग्रीष्मरात्रौ प्राकृतिकवायुना आनन्दं स्वीकुर्वन्तौ
छदिषि एव शेवहे। ( सप्तमी विभक्ति)
(९) हमलोग छुट्टी के दिन भीषण गर्मी की दोपहर में अपने घर पर चटाईयों पर सो जाते हैं =
•• वयम् अवकाशकाले प्रचण्डातपे मध्याह्नकाले अस्माकं गृहे कटान् अधिशेमहे।(द्वितीया विभक्ति)
•• वयम् अवकाशकाले प्रचण्डातपे मध्याह्नकाले अस्माकं गृहे कटेषु शेमहे।(सप्तमी विभक्ति)
------------------------------------------------------------------------
आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं।
•• अग्निलग्ने सति तम् असकृत् जलं निक्षिप्य निर्वापयाम:।
पानी डालने से आग कैसे बुझ जाती है?
•• जलस्य निक्षेपणेन अग्नि: कथं निर्वापितो भवति?
पानी ज्वलनशील पदार्थ को ठंडा कर देता है जिससे आग का फैलाव बन्द हो जाता है।
•• जलं ज्वलनशीलपदार्थं शीतलीकरोति येन अग्ने: प्रसारणं समाप्तं भवति।
आग को जलने के लिए हवा (ऑक्सीजन)आवश्यक है।
•• अग्ने: ज्वलनाय ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् आवश्यकमस्ति।
पानी डालने पर जो जलवाष्प बनता है वह बाहर से वायु(ऑक्सीजन) को प्रवेश नहीं करने देता जिससे आग बुझ जाती है।
••अग्ने: उपरि जलस्य पातनेन य: जलवाष्पो भवति। स च बहिर्भागात् ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वम् अन्तः प्रवेष्टुं न ददाति अनेन अग्नि: निर्वापितो भवति।
यह भाप आग का सम्पर्क ऑक्सीजन से तोड़ देता है।
•• एष वाष्प: ऑक्सीजन इति वायुतत्त्वात् अग्ने: सम्पर्क-भंजनं करोति ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 9, 2023
कदाचित् काचित् बालिका काञ्चनमणिभिः हारं रचयन्ती आसीत् । मध्ये मध्ये तया काचमणयः अपि योजिताः आसन् । सुवर्णमणिभिः सह स्थिताः काचमणयः अपि सुवर्णमणिवत् भासन्ते इत्यतः तया भ्रान्त्या एवं कृतम् आसीत् । एतत् दृष्ट्वा कश्चित् तस्याः अविवेकिताम् अनिन्दत् । तदा अपरः अवदत् - 'काचमणीन् काञ्चनमणीन् च एकसूत्रतया योजयित्वा एषा हारं रचितवती इत्येतत् न महते अपराधाय । यतः एषा तु अल्पवयस्का बाला । किन्तु आश्चर्यं नाम सर्वं जानन् पाणिनिः एव श्वानं, युवकम्, इन्द्रं च एकसूत्रतया योजितवान् अस्ति' इति । (पाणिनिः 'श्वयुवमघोनाम्....' इति व्याकरणसूत्रं रचयन् स्वसूत्रे शुनकं, युवकम्, इन्द्रं च एकत्रैव निवेशितवान् अस्ति ।)
December 9, 2023
५. ओष्ठौ
जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए हमारे दोनों भी ओष्ठ मिलने जरूरी होते हैं वे वर्ण ओष्ठ्य वर्ण होते हैं।
निम्न वर्णों को ओष्ठ्य माना जाता है -
स्वर - उ। ऊ॥
वर्गीय व्यंजन - प्। फ्। ब्। भ्। म्॥
अयोगवाह - उपध्मानीय विसर्ग
(उपध्मानीय विसर्ग किसे करते हैं? यहां क्लिक करें।)
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए हमारे दोनों भी ओष्ठ मिलने जरूरी होते हैं वे वर्ण ओष्ठ्य वर्ण होते हैं।
निम्न वर्णों को ओष्ठ्य माना जाता है -
स्वर - उ। ऊ॥
वर्गीय व्यंजन - प्। फ्। ब्। भ्। म्॥
अयोगवाह - उपध्मानीय विसर्ग
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#sanskritlessons
December 9, 2023
This beggar got ₹ 250. He went to a star hotel and had a heavy meal. A bill of Rs 1500 came, he told the manager, he has no money.
The manager handed him over to the police. The beggar gave ₹ 250 to the police and escaped.
It is called Financial Management.
#hasya
The manager handed him over to the police. The beggar gave ₹ 250 to the police and escaped.
It is called Financial Management.
#hasya
December 9, 2023
स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत्।
नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन्।।1.19।।
धार्तराष्ट्राणां हृदयानां किम् अभवत्।
नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन्।।1.19।।
धार्तराष्ट्राणां हृदयानां किम् अभवत्।
Anonymous Quiz
15%
व्यनुनादनम्
56%
व्यदारणम्
23%
विदरणम्
5%
घोषणम्
December 9, 2023
December 9, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - अभिरुचिः
🗓१०/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (स्वाभिरुच्याः विषये वक्तव्यमस्ति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - अभिरुचिः
🗓१०/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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Super group @Ask_sanskrit
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December 9, 2023
December 9, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी सुबह 07:13 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅ दिनांक - 10 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - स्वाती दोपहर 11:50 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - अतिगण्ड रात्रि 10:35 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - शाम 04:34 से 05:55 तक
⛅ सूर्योदय - 07:10
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, संत ज्ञानेश्वर जी महाराज पुण्यतिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 10 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - स्वाती दोपहर 11:50 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅ योग - अतिगण्ड रात्रि 10:35 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहु काल - शाम 04:34 से 05:55 तक
⛅ सूर्योदय - 07:10
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:06 से 12:59 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, संत ज्ञानेश्वर जी महाराज पुण्यतिथि
December 9, 2023
December 9, 2023
December 9, 2023
December 9, 2023
December 9, 2023
🍃हरिशङ्करयोर्मध्ये शङ्करब्रह्मणोस्तथा ।
भेदकृत् नरकं भुङ्क्ते यावच्चन्द्रदिवाकरौ ॥
🔆हरेः हरस्य च विषये तथैव हरस्य ब्रह्मणः च विषये ये भेदं वदन्ति ते यावत् चन्द्रदिवाकरौ स्तः तावत् नरके निषीदन्ति।
⚜One who discriminates between Hari and Hara (Shankara) and between Shankara and Brahma undergo sufferings in hell as long as the Sun and the Moon exist.
#Subhashitam
भेदकृत् नरकं भुङ्क्ते यावच्चन्द्रदिवाकरौ ॥
🔆हरेः हरस्य च विषये तथैव हरस्य ब्रह्मणः च विषये ये भेदं वदन्ति ते यावत् चन्द्रदिवाकरौ स्तः तावत् नरके निषीदन्ति।
⚜One who discriminates between Hari and Hara (Shankara) and between Shankara and Brahma undergo sufferings in hell as long as the Sun and the Moon exist.
#Subhashitam
December 9, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
____________ पर्वतशिखरात् गृहितं चित्रमिदम्।
Anonymous Quiz
6%
कस्मैचित्
14%
कस्याश्चित्
36%
कस्यचित्
44%
कस्माच्चित्
December 10, 2023
अव्यय
---------
यों ही---
(१)उसने मुझे यों ही घर से निकाल दिया
= स माम् अकारणमेव गृहात् निष्कासितवान्।
(२)उसने उसको यों ही गाली दे दिया
= स तम् अकारणमेव अपवदितवान्।
(३)वह यों ही भटकता फिरता है
= स निष्प्रयोजनमेव इतस्तत: भ्रमति।
(४)वह यों ही गेंद को मार रहा है
= स अकारणमेव कन्दुकं प्रहरति।
-------------
(५)यों भी ------ वह बहुत ईमानदार नहीं हैं।आप यों भी आप कह सकते है कि वह बेईमान है
= स महन्निशिथ: नास्ति ।अर्थात् भवान् एवमपि कथयितुं शक्नोति यत् स कापटिक: अस्ति।
-------------
तभी------
(६)तभी गाड़ी आ पहुंची
=तदैव यानम् आगतम्।
(७)तभी एक कुत्ता आया
=तदैव एक: सारमेय: आगत:।
(८)इमानदार बनो ।तभी तुम्हारी तरक्की होगी
= निष्कपट: भव चेदेव तव उन्नति: भविता।
-------------
अब तक/अभी तक---
(९)अब तक मुझे जवाब नहीं मिला है
= इदानीं पर्यन्तं/इदानीमपि मया उत्तरं न प्राप्तम्।
(१०)आपको अब तक सरकारी नौकरी के लिए ज्वाइनिंग लेटर मिल गया होगा
= इदानीं पर्यन्तं सर्वकारी-सेवायै भवता नियुक्तिपत्रं प्राप्तं स्यात्।
(११)ट्रेन अभी तक स्टेशन पर है
= रेलयानम् इदानीमपि रेलस्थानके पर्यवस्थितम्/ अवतिष्ठितम्।
(१२)ट्रेन अभी तक नहीं आई है
= रेलयानम् इदानीमपि नागतम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
---------
यों ही---
(१)उसने मुझे यों ही घर से निकाल दिया
= स माम् अकारणमेव गृहात् निष्कासितवान्।
(२)उसने उसको यों ही गाली दे दिया
= स तम् अकारणमेव अपवदितवान्।
(३)वह यों ही भटकता फिरता है
= स निष्प्रयोजनमेव इतस्तत: भ्रमति।
(४)वह यों ही गेंद को मार रहा है
= स अकारणमेव कन्दुकं प्रहरति।
-------------
(५)यों भी ------ वह बहुत ईमानदार नहीं हैं।आप यों भी आप कह सकते है कि वह बेईमान है
= स महन्निशिथ: नास्ति ।अर्थात् भवान् एवमपि कथयितुं शक्नोति यत् स कापटिक: अस्ति।
-------------
तभी------
(६)तभी गाड़ी आ पहुंची
=तदैव यानम् आगतम्।
(७)तभी एक कुत्ता आया
=तदैव एक: सारमेय: आगत:।
(८)इमानदार बनो ।तभी तुम्हारी तरक्की होगी
= निष्कपट: भव चेदेव तव उन्नति: भविता।
-------------
अब तक/अभी तक---
(९)अब तक मुझे जवाब नहीं मिला है
= इदानीं पर्यन्तं/इदानीमपि मया उत्तरं न प्राप्तम्।
(१०)आपको अब तक सरकारी नौकरी के लिए ज्वाइनिंग लेटर मिल गया होगा
= इदानीं पर्यन्तं सर्वकारी-सेवायै भवता नियुक्तिपत्रं प्राप्तं स्यात्।
(११)ट्रेन अभी तक स्टेशन पर है
= रेलयानम् इदानीमपि रेलस्थानके पर्यवस्थितम्/ अवतिष्ठितम्।
(१२)ट्रेन अभी तक नहीं आई है
= रेलयानम् इदानीमपि नागतम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 10, 2023
December 10, 2023
६. नासिका
नासिका इस शब्द का अर्थ होता है नाक। हालांकि मात्र नाक से ही कोई भी वर्ण उत्पन्न नहीं होता है। उपर्युक्त कण्ठताल्वादि पांच स्थान जो बताए गए हैं, उन से उच्चारित किए जाने वाले वर्णों में से कुछ वर्ण ऐसे होते हैं जिनका उच्चारण करने के लिए कण्ठताल्वादि के साथ-साथ नासिका यानी नाक की भी जरूरत होती है।
हमारी वर्णमाला में जो वर्गीय व्यंजनों का विभाग है उन वर्गीय व्यंजनों में प्रत्येक वर्ग का पांचवा व्यंजन अपने वर्ग के उच्चारण स्थान के साथ-साथ उच्चारित होने के लिए नासिक का की भी मदद लेता है। उन्हें अनुनासिक वर्ण कहा जाता है।
वर्णमाला में अनुनासिक वर्ण पांच हैं - ङ्। ञ्। ण्। न्। म्॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
नासिका इस शब्द का अर्थ होता है नाक। हालांकि मात्र नाक से ही कोई भी वर्ण उत्पन्न नहीं होता है। उपर्युक्त कण्ठताल्वादि पांच स्थान जो बताए गए हैं, उन से उच्चारित किए जाने वाले वर्णों में से कुछ वर्ण ऐसे होते हैं जिनका उच्चारण करने के लिए कण्ठताल्वादि के साथ-साथ नासिका यानी नाक की भी जरूरत होती है।
हमारी वर्णमाला में जो वर्गीय व्यंजनों का विभाग है उन वर्गीय व्यंजनों में प्रत्येक वर्ग का पांचवा व्यंजन अपने वर्ग के उच्चारण स्थान के साथ-साथ उच्चारित होने के लिए नासिक का की भी मदद लेता है। उन्हें अनुनासिक वर्ण कहा जाता है।
वर्णमाला में अनुनासिक वर्ण पांच हैं - ङ्। ञ्। ण्। न्। म्॥
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#sanskritlessons
December 10, 2023
अथ व्यवस्थितान् दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्कपिध्वजः।
प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः।।1.20।।
कः कं पश्यति स्म।
प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः।।1.20।।
कः कं पश्यति स्म।
Anonymous Quiz
16%
कपिः ध्वजम्।
14%
पाण्डवो धनुः।
61%
अर्जुनः धार्तराष्ट्रान्।
8%
कपिध्वजः धनुः।
December 10, 2023
Salesgirl :- Are you married ?
Man :- Yes. But how do you know that ?
Salesgirl :- Would any mother send their children out to buy pizza in this inclement weather?
#hasya
Man :- Yes. But how do you know that ?
Salesgirl :- Would any mother send their children out to buy pizza in this inclement weather?
#hasya
December 10, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
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🔰 विषयः - वार्ताः
🗓११/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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🔰 विषयः - वार्ताः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 10, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 07:10 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (12 दिसम्बर प्रातः 06:24 तक)
⛅ दिनांक - 11 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - सुकर्मा रात्रि 08:59 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - सुबह 08:31 से 09:51 तक
⛅ सूर्योदय - 07:10
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी सुबह 07:10 तक तत्पश्चात चतुर्दशी (12 दिसम्बर प्रातः 06:24 तक)
⛅ दिनांक - 11 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 12:14 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - सुकर्मा रात्रि 08:59 तक तत्पश्चात धृति
⛅ राहु काल - सुबह 08:31 से 09:51 तक
⛅ सूर्योदय - 07:10
⛅ सूर्यास्त - 05:55
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:24 से 06:17 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि
December 10, 2023
December 10, 2023
December 10, 2023
December 11, 2023
🍃ये भेदं कुर्वते मोहात् आवयोः शिवरामयोः।
कुम्भीपाकेषु पच्यन्ते ते हि कल्पसहस्रकम्।।
🔆 ये जनाः शिवरामयोः भेदं कर्तुं प्रयतन्ते कः श्रेष्ठतरः इति वचन्ति ते सहस्रं वर्षाणि यावत् नरके कुम्भीपाके पच्यन्ते।
⚜Those who due to igorance discriminate between us, Shiva and Rama, suffer in Kumbhipaka for thousands Kalpas..
#Subhashitam
कुम्भीपाकेषु पच्यन्ते ते हि कल्पसहस्रकम्।।
🔆 ये जनाः शिवरामयोः भेदं कर्तुं प्रयतन्ते कः श्रेष्ठतरः इति वचन्ति ते सहस्रं वर्षाणि यावत् नरके कुम्भीपाके पच्यन्ते।
⚜Those who due to igorance discriminate between us, Shiva and Rama, suffer in Kumbhipaka for thousands Kalpas..
#Subhashitam
December 10, 2023
किं पदम् अशुद्धम्।
Anonymous Quiz
19%
अपठित्वा
6%
अप्राप्य
13%
अकर्तुम्
8%
अनुक्त्वा
40%
सर्वाणि शुद्धानि।
14%
नैकमपि शुद्धम्।
December 11, 2023
अव्यय
---------
(१)अब से ------
अब से कुछ ही क्षणों में आप सुनेंगे
= इदानीं किञ्चिदेव एव क्षणान्तरं यूयं सन्दिष्टं श्रोष्यथ।
(२)अभी भी---अच्छे शिक्षक अभी भी आदर पाते हैं
= निष्ठावन्त: शिक्षकाः अद्यपर्यन्तमपि आद्रियन्ते।
(३)या--नहीं/कि--नहीं---
क्या आप जानते हैं कि वह लौटेगा या(कि) नहीं
=भवान् जानाति किल स प्रत्यागमिष्यति न वा?
(४) यहां तक कि-----
उसने मेरी बहुत मदद की, यहां तक कि भोजन और वस्त्र भी दिया =
•• स मम भृशं साहाय्यं कृतवान् ,एतदतिरिच्य भोजनं वस्त्रं चापि मह्यं दत्तवान्।
•• स न केवलं मम भृशं साहाय्यमेव कृतवान् , अपितु सहैव भोजनं वस्त्रं च मह्यं दत्तवान्।
(५)शायद ही------
वह शायद ही झूठ बोलती है
= सा कदाचिदव असत्यं वदति।
------------------------------------
(तो)
-----
(६)तो,मैं कह रहा था
= अतः,अहं कथयामि स्म।
(७)तो,हमें भी उनकी तरह एक साथ रहना चाहिए =
••अत:, वयमपि तेषामिव एकीभूय जीवनं यापयेम।
••अत:,अस्माभि: अपि तेषामिव परस्परं मिलित्वा सहैव जीवनयापनीयम्।
(८)हमारे हाथ की एक अंगुली छोटी है तो दूसरी बड़ी है
= अस्मदीयं हस्तस्य एका अङ्गुलिः कनिष्ठिका अन्याश्च वरिष्ठाः।
(९)राम गाता है तो श्याम हंसता है
= रामो गायति श्यामो हसति च।
(१०)वे अगर आपस में झगड़ा करने लगेंगी और परस्पर सहयोग नहीं करेंगी तो कुछ काम नहीं हो पायेगा
=यदि ता: कलहं कृत्वा परस्परं सहयोगं न करिष्यन्ति तर्हि किमपि कार्यं भवितुं न शक्ष्यति।
(११)लोटा उठाना हो तो अंगूठा और अंगुलियां मिल कर उठाती हैं
=यदि करकं उत्थापनीयम् तर्हि अंगुष्ठ: अङ्गुलि: च परस्परं मिलित्वा उत्थापयत:।
(१२)जब वह आयेगा तो मैं जाऊंगा
= यदा स आगमिष्यति तदा अहम् गमिष्यामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
---------
(१)अब से ------
अब से कुछ ही क्षणों में आप सुनेंगे
= इदानीं किञ्चिदेव एव क्षणान्तरं यूयं सन्दिष्टं श्रोष्यथ।
(२)अभी भी---अच्छे शिक्षक अभी भी आदर पाते हैं
= निष्ठावन्त: शिक्षकाः अद्यपर्यन्तमपि आद्रियन्ते।
(३)या--नहीं/कि--नहीं---
क्या आप जानते हैं कि वह लौटेगा या(कि) नहीं
=भवान् जानाति किल स प्रत्यागमिष्यति न वा?
(४) यहां तक कि-----
उसने मेरी बहुत मदद की, यहां तक कि भोजन और वस्त्र भी दिया =
•• स मम भृशं साहाय्यं कृतवान् ,एतदतिरिच्य भोजनं वस्त्रं चापि मह्यं दत्तवान्।
•• स न केवलं मम भृशं साहाय्यमेव कृतवान् , अपितु सहैव भोजनं वस्त्रं च मह्यं दत्तवान्।
(५)शायद ही------
वह शायद ही झूठ बोलती है
= सा कदाचिदव असत्यं वदति।
------------------------------------
(तो)
-----
(६)तो,मैं कह रहा था
= अतः,अहं कथयामि स्म।
(७)तो,हमें भी उनकी तरह एक साथ रहना चाहिए =
••अत:, वयमपि तेषामिव एकीभूय जीवनं यापयेम।
••अत:,अस्माभि: अपि तेषामिव परस्परं मिलित्वा सहैव जीवनयापनीयम्।
(८)हमारे हाथ की एक अंगुली छोटी है तो दूसरी बड़ी है
= अस्मदीयं हस्तस्य एका अङ्गुलिः कनिष्ठिका अन्याश्च वरिष्ठाः।
(९)राम गाता है तो श्याम हंसता है
= रामो गायति श्यामो हसति च।
(१०)वे अगर आपस में झगड़ा करने लगेंगी और परस्पर सहयोग नहीं करेंगी तो कुछ काम नहीं हो पायेगा
=यदि ता: कलहं कृत्वा परस्परं सहयोगं न करिष्यन्ति तर्हि किमपि कार्यं भवितुं न शक्ष्यति।
(११)लोटा उठाना हो तो अंगूठा और अंगुलियां मिल कर उठाती हैं
=यदि करकं उत्थापनीयम् तर्हि अंगुष्ठ: अङ्गुलि: च परस्परं मिलित्वा उत्थापयत:।
(१२)जब वह आयेगा तो मैं जाऊंगा
= यदा स आगमिष्यति तदा अहम् गमिष्यामि।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 11, 2023
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अहो माधुर्यम्। अहो सामञ्जस्यम्।🧡
December 11, 2023
कुछ वर्णों को उच्चारित करने के लिए एक से ज्यादा स्थानों की जरूरत होती है।
• कण्ठतालु - ए। ऐ॥
गुणसन्धि के नियम के अनुसार - अ + इ = ए। यदि ए यह स्वर अ तथा इ के मिश्रण से बना है तो जाहिर है कि अ तथा इ का संयुक्त उच्चारस्थान ए का होगा। अ का कण्ठ तथा इ का तालु। अतः ए का उच्चार स्थान है कण्ठतालु। ऐ का भी कण्ठतालु ही होगा।
कण्ठौष्ठम् - ओ। औ॥
अ + उ = ओ। अ का उच्चारस्थान कण्ठ है। तथा उ का ओष्ठ है। अतः अ और उ से बने ओ का स्थान कण्ठोष्ठ है।
दन्तोष्ठम् - व्।
व् का उच्चार करने के लिए ओष्ठों के साथ साथ हमारी जीभ किंचित् दांतों की तरफ मुखातिब होती है। अतः व् का उच्चारस्थान दन्तोष्ठ है।
हम जानते ही हैं कि अनुनासिक व्यंजन अपने वर्ग के उच्चारण स्थान के साथ-साथ नासिका की भी मदद लेते हैं। इसलिए अनुनासिक व्यंजनों के दो उच्चारण स्थान होते हैं।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
• कण्ठतालु - ए। ऐ॥
गुणसन्धि के नियम के अनुसार - अ + इ = ए। यदि ए यह स्वर अ तथा इ के मिश्रण से बना है तो जाहिर है कि अ तथा इ का संयुक्त उच्चारस्थान ए का होगा। अ का कण्ठ तथा इ का तालु। अतः ए का उच्चार स्थान है कण्ठतालु। ऐ का भी कण्ठतालु ही होगा।
कण्ठौष्ठम् - ओ। औ॥
अ + उ = ओ। अ का उच्चारस्थान कण्ठ है। तथा उ का ओष्ठ है। अतः अ और उ से बने ओ का स्थान कण्ठोष्ठ है।
दन्तोष्ठम् - व्।
व् का उच्चार करने के लिए ओष्ठों के साथ साथ हमारी जीभ किंचित् दांतों की तरफ मुखातिब होती है। अतः व् का उच्चारस्थान दन्तोष्ठ है।
हम जानते ही हैं कि अनुनासिक व्यंजन अपने वर्ग के उच्चारण स्थान के साथ-साथ नासिका की भी मदद लेते हैं। इसलिए अनुनासिक व्यंजनों के दो उच्चारण स्थान होते हैं।
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#sanskritlessons
December 11, 2023
शिक्षकः-- सूर्योदय-कालात्
पूर्वम् उत्तिष्ठति चेत् धनम्, ऐश्वर्यं सर्वं च प्राप्नुमः।🥸
मानवः -- एवं चेत् दैनन्दिन-वार्तापत्रं वितरणं कर्तुं बालकः तु द्विचक्रिकायामेव आगतः न तु BMW यानेन खलु भोः।😉😉
#hasya
पूर्वम् उत्तिष्ठति चेत् धनम्, ऐश्वर्यं सर्वं च प्राप्नुमः।🥸
मानवः -- एवं चेत् दैनन्दिन-वार्तापत्रं वितरणं कर्तुं बालकः तु द्विचक्रिकायामेव आगतः न तु BMW यानेन खलु भोः।😉😉
#hasya
December 11, 2023
अत्र भवान् संस्कृतसमाचारान् लेखित्वा प्रेषयितुम् अर्हति। ततः प्रकाशकाः भवतो नाम्ना सह तत्समाचारं यथामति प्रकाशयिष्यन्ते। अत्र प्रवेशितुं संस्कृतज्ञानम् अनिवार्यम्। कृपया सर्वे शुद्धान् स्वेन च लिखितान् लेखान् एव प्रेषयन्तु।
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वार्ताहरः
WhatsApp Group Invite
December 11, 2023
अर्जुन उवाच॥
हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते।
सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत।।1.21।। अर्जुनः कम् अवदत्।
हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते।
सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत।।1.21।। अर्जुनः कम् अवदत्।
Anonymous Quiz
10%
महीपतिं धृतराष्ट्रम्
8%
सञ्जयम्
78%
हृषीकेशम्
4%
रथम्
December 11, 2023
December 11, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - अन्यदेशपरिचयः
🗓१२/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कस्यचित् अन्यदेशस्य परिचयः कारणीयः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - अन्यदेशपरिचयः
🗓१२/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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December 11, 2023
December 11, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या 13 दिसम्बर प्रातः 05:01 तक
⛅ दिनांक - 12 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 11:57 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - धृति शाम 06:52 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 03:14 से 04:35 तक
⛅ सूर्योदय - 07:11
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मार्गशीर्ष अमावस्या, श्री रंग अवधूत महाराज पुण्यतिथि
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अमावस्या 13 दिसम्बर प्रातः 05:01 तक
⛅ दिनांक - 12 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 11:57 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - धृति शाम 06:52 तक तत्पश्चात शूल
⛅ राहु काल - दोपहर 03:14 से 04:35 तक
⛅ सूर्योदय - 07:11
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:00 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मार्गशीर्ष अमावस्या, श्री रंग अवधूत महाराज पुण्यतिथि
December 11, 2023
December 11, 2023
December 11, 2023
December 11, 2023
🍃वैद्याः वदन्ति कफपित्तमरुद्विकारान्
ज्योतिर्विदो ग्रहगतिं परिवर्तयन्ति ।
भूताभिषङ्ग इति भूतविदो वदन्ति
प्रारब्धकर्म बलवन्मुनयोः वदन्ति।।
🔆 यदा काचित् पीडा भवति तदा वैद्याः वदन्ति यत् कफपित्तमरुद्विकाराः सन्ति। ज्योतिषी वदति यत् ग्रहनक्षत्राणां कारणेन समस्या इयम्। भूतज्ञः वदति यत् भूतसमस्या किन्तु मुनयस्तु प्रारब्धकर्माणि एव कारणानि इति गदन्ति।
⚜(पीडा होने पर) वैद्य कहते हैं कि वह कफ, पित्त और वायु का विकार है; ज्योतिषी कहते हैं कि वह ग्रहों के द्वारा दी हुई पीड़ा है; भूवा (बाबा) कहता है कि भूत का संचार हुआ है, परन्तु सत्यता यह है कि प्रारब्ध कर्म बलवान है, उसी का यह फल है। सभी सनातन शास्त्र और ऋषि मुनि यही कहते हैं।
#Subhashitam
ज्योतिर्विदो ग्रहगतिं परिवर्तयन्ति ।
भूताभिषङ्ग इति भूतविदो वदन्ति
प्रारब्धकर्म बलवन्मुनयोः वदन्ति।।
🔆 यदा काचित् पीडा भवति तदा वैद्याः वदन्ति यत् कफपित्तमरुद्विकाराः सन्ति। ज्योतिषी वदति यत् ग्रहनक्षत्राणां कारणेन समस्या इयम्। भूतज्ञः वदति यत् भूतसमस्या किन्तु मुनयस्तु प्रारब्धकर्माणि एव कारणानि इति गदन्ति।
⚜(पीडा होने पर) वैद्य कहते हैं कि वह कफ, पित्त और वायु का विकार है; ज्योतिषी कहते हैं कि वह ग्रहों के द्वारा दी हुई पीड़ा है; भूवा (बाबा) कहता है कि भूत का संचार हुआ है, परन्तु सत्यता यह है कि प्रारब्ध कर्म बलवान है, उसी का यह फल है। सभी सनातन शास्त्र और ऋषि मुनि यही कहते हैं।
#Subhashitam
December 11, 2023
December 11, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
अन्यदेशपरिचयः
#samlapshala
#samlapshala
December 11, 2023
December 12, 2023
प्रति (ओर , पास )- हमेशा द्वितीय विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
--------------------------------------
(१)कबूतर अपना भूख मिटाने के लिए छत पर पसारे हुए अनाज की ओर जाता है
= कपोता: स्वक्षुधाया: शान्ते: हेतो छदौ प्रसारितम् अन्नं प्रति गच्छन्ति।
(२)खरगोश घास खाने के लिए चरागाह की ओर जाता है
= शशक: तृणान् भक्षितुं तृणभूमिं प्रति गच्छति।
(३)पूजा का फूल लेने के लिए मेरी मां गमला के पास जाती है
= अर्चणाय पुष्पाणि चेतुं ममाम्बा पुष्पपात्रं प्रति गच्छति।
(४)खेलते हुए बच्चे की ओर जाओ
= खेलन्तं शिशुं प्रति गच्छ।
(५)नदियां समुद्र के पास जाती है
= नद्य: समुद्रं प्रति गच्छन्ति।
(६)छात्र पढ़ने के लिए विद्यालय के पास जाता है
= छात्र: पठनाय विद्यालयं प्रति गच्छति।
(७)घोड़ा दौड़ता हुआ पानी पीने के लिए नदी के पास जाता है
= अश्व: धावन् जलपानाय नदीं प्रति गच्छति।
(८)राम चाय पीने के लिए टी स्टॉल के पास जाता है
= राम: चायपानाय चायापणं प्रति गच्छति।
(९)बरसात में राम अपने शरीर को छाता से ओढ़कर बस स्टैण्ड की ओर जाता है
= वर्षायां राम: स्वशरीरम् आवरणं कृत्वा लोकयानस्थानकं प्रति गच्छति।
(१०)वह पानी वाले जहाज पर बैठकर माल लेने के लिए विदेश की ओर जाता है
= स जलयाने उपविश्य आवश्यकानि वस्तूनि क्रेतुं विदेशं प्रति गच्छति।
(११)स्कूल इंस्पेक्टर झंडा फहराने के लिए इसी विद्यालय की तरफ ही आ रहे हैं
= विद्यालयनिरीक्षक: झण्डोत्तोलनाय विद्यालयं प्रति एव आगच्छति ।
(१२)वह टमाटर लाने के लिए सब्जी बेचने वाले के पास जाती है
= सा रक्तफलं क्रेतु शाकविक्रेतारं प्रति गच्छति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
--------------------------------------
(१)कबूतर अपना भूख मिटाने के लिए छत पर पसारे हुए अनाज की ओर जाता है
= कपोता: स्वक्षुधाया: शान्ते: हेतो छदौ प्रसारितम् अन्नं प्रति गच्छन्ति।
(२)खरगोश घास खाने के लिए चरागाह की ओर जाता है
= शशक: तृणान् भक्षितुं तृणभूमिं प्रति गच्छति।
(३)पूजा का फूल लेने के लिए मेरी मां गमला के पास जाती है
= अर्चणाय पुष्पाणि चेतुं ममाम्बा पुष्पपात्रं प्रति गच्छति।
(४)खेलते हुए बच्चे की ओर जाओ
= खेलन्तं शिशुं प्रति गच्छ।
(५)नदियां समुद्र के पास जाती है
= नद्य: समुद्रं प्रति गच्छन्ति।
(६)छात्र पढ़ने के लिए विद्यालय के पास जाता है
= छात्र: पठनाय विद्यालयं प्रति गच्छति।
(७)घोड़ा दौड़ता हुआ पानी पीने के लिए नदी के पास जाता है
= अश्व: धावन् जलपानाय नदीं प्रति गच्छति।
(८)राम चाय पीने के लिए टी स्टॉल के पास जाता है
= राम: चायपानाय चायापणं प्रति गच्छति।
(९)बरसात में राम अपने शरीर को छाता से ओढ़कर बस स्टैण्ड की ओर जाता है
= वर्षायां राम: स्वशरीरम् आवरणं कृत्वा लोकयानस्थानकं प्रति गच्छति।
(१०)वह पानी वाले जहाज पर बैठकर माल लेने के लिए विदेश की ओर जाता है
= स जलयाने उपविश्य आवश्यकानि वस्तूनि क्रेतुं विदेशं प्रति गच्छति।
(११)स्कूल इंस्पेक्टर झंडा फहराने के लिए इसी विद्यालय की तरफ ही आ रहे हैं
= विद्यालयनिरीक्षक: झण्डोत्तोलनाय विद्यालयं प्रति एव आगच्छति ।
(१२)वह टमाटर लाने के लिए सब्जी बेचने वाले के पास जाती है
= सा रक्तफलं क्रेतु शाकविक्रेतारं प्रति गच्छति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 12, 2023
December 12, 2023
इस तालिका के मदद से वर्णों के उच्चारण स्थान समझने में आसानी हो सकती है। इस कोष्ठक में वर्णों के उच्चारस्थानों के साथ साथ वर्णों का मृदु-कठोरभेद भी दिखाया गया है। सन्धिप्रकरण पढने के लिए यह कोष्ठक बहुत उपयोगी है। अतः छात्रों को इस कोष्ठक को कण्ठस्थ करना चाहिए।
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#sanskritlessons
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December 12, 2023
पत्नी--अल्पाहारम् आवश्यकं वा?।🤷♀️
पतिः --आम्🤩।आहार-विकल्पानि कानि इति वद?।😊😊
पत्नी --आवश्यकं वा न आवश्यकं वा?।🤥
पतिः -- 🫡🤐
विकल्पः --option
#hasya
पतिः --आम्🤩।आहार-विकल्पानि कानि इति वद?।😊😊
पत्नी --आवश्यकं वा न आवश्यकं वा?।🤥
पतिः -- 🫡🤐
विकल्पः --option
#hasya
December 12, 2023
केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालयस्य मुक्तस्वाध्यायपीठस्य सत्रारम्भकार्यक्रमे सर्वेषां स्वागतम्।
दिनाङ्कः - 12-12-2023, मङ्गलवासरः
समयः - 06:30-07:30 pm (IST)
माध्यमम् – You tube – https://youtube.com/@mspcsu
दिनाङ्कः - 12-12-2023, मङ्गलवासरः
समयः - 06:30-07:30 pm (IST)
माध्यमम् – You tube – https://youtube.com/@mspcsu
December 12, 2023
यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान्।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे।।1.22।।
किमर्थम् अर्जुनः सैन्यं निरीक्षते।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन्रणसमुद्यमे।।1.22।।
किमर्थम् अर्जुनः सैन्यं निरीक्षते।
Anonymous Quiz
4%
स्वपुत्रम् अन्वेष्टुम्।
15%
चक्रव्यूहं भेत्तुम्
71%
शत्रवः के इति ज्ञातुम्
9%
पलायनमार्गं ज्ञातुम्
December 12, 2023
December 12, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓१३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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🔰 विषयः - वाक्याभ्यासः
🗓१३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 12, 2023
December 12, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा 14 दिसम्बर प्रातः 03:09 तक
⛅ दिनांक - 13 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 11:05 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - शूल शाम 04:18 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 12:34 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 07:11
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:01 तक
https://youtu.be/ppQ9XOQfU8U
अद्यतनीया संलापशाला #samlapshala
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा 14 दिसम्बर प्रातः 03:09 तक
⛅ दिनांक - 13 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - ज्येष्ठा सुबह 11:05 तक तत्पश्चात मूल
⛅ योग - शूल शाम 04:18 तक तत्पश्चात गण्ड
⛅ राहु काल - दोपहर 12:34 से 01:54 तक
⛅ सूर्योदय - 07:11
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:25 से 06:18 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:07 से 01:01 तक
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अद्यतनीया संलापशाला #samlapshala
December 12, 2023
December 12, 2023
December 12, 2023
December 12, 2023
🍃विषयेष्वाविशन्योगी नानाधर्मेषु सर्वतः । गुणदोषव्यपेतात्मा न विषज्जेत वायुवत् ।।
🔆 विषयपूरिते वातावरणे प्रवेशसमये कश्चन योगी तस्य गुणदोषान् विचिन्त्य एव प्रवर्तेत तथा अस्पृष्टः भवेत् सर्वदा यथा वायुः भवति।
⚜A Yogi entering deep into various special subjects should judge their merits and demerits and remain unttached to them like wind.
#Subhashitam
🔆 विषयपूरिते वातावरणे प्रवेशसमये कश्चन योगी तस्य गुणदोषान् विचिन्त्य एव प्रवर्तेत तथा अस्पृष्टः भवेत् सर्वदा यथा वायुः भवति।
⚜A Yogi entering deep into various special subjects should judge their merits and demerits and remain unttached to them like wind.
#Subhashitam
December 12, 2023
December 12, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
अधि+स्था- सप्तमी के स्थान पर हमेशा द्वितीया विभक्ति का ही प्रयोग होता है।
-----------------------------------
(१) राम अपने बीमार ससुर की सेवा करने के लिए अपने आवश्यक काम को छोड़कर रात और दिन अस्पताल में ही रहेंगे
= राम: आत्मनो रुग्णं श्वसुरं विरक्षितुं स्वावश्यकानि कार्याणि त्यक्त्वा दिवानिशं चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यति।
(२) विवाह समारोह खत्म होने के बाद अब पति और पत्नी अपने रिश्तेदार के यहां नहीं रहेंगे क्योंकि उनदोनों को घर पर भी अपना काम-धाम देखना है
= विवाहसमारोहात्परमिदानीं भर्ता भार्या च सम्बन्धीगृहं नाधिष्ठास्यत: , यतः ताभ्यां स्वगृहं गत्वा आवश्यककार्याणि करणीयानि।
(३) सरकारी आदेश के अनुसार , कोरोना काल में सभी लोग अपने अपने घर में ही रहेंगे
= सर्वकारीयादेशानुसारं , कोरोनाकाले सर्वे जना: स्वकीयं - स्वकीयं गृहमेव अधिष्ठास्यन्ति।
(४) कोरोना काल में तुम घर पर ही रहोगे
= कोरोनाकाले त्वं गृहमेव अधितिष्ठ।
(५) तुम दोनों घर पर ही रहोगे क्योंकि बाहर जाने पर कोरोना होने का डर है
= युवां गृहमेव अधितिष्ठतम् , यतोहि बहिर्स्थाने कोरोनासङ्क्रमणस्य भयमस्ति।
(६) जब तक कोरोना का कहर चल रहा है, तब तक तुमलोगों को घर पर ही रहना है
= यावत् कोरोणाया: आतङ्क: अस्ति, तावत् यूयं गृहमेव आधितिष्ठत।
(७)पिता (ससुर) जी! जब तक आप ठीक नहीं हो जायेंगे, तब तब मैं आपकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में ही रहुंगा
=हे श्वसुर महोदय! यावद् भवान् स्वस्थो न भूयात् ,तावद् अहं भवत: विरक्षणाय चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यामि।
(८) हमदोनों उस होटल में नहीं ठहरेंगे क्योंकि इस होटल का चार्ज बहुत महंगा है और सुविधाएं भी कुछ नहीं है
= आवां तं वासगृहं नाधिष्ठास्यावः, यतः तस्मिन् वासगृहे स्थानस्य भाटकम् अत्यधिकं वर्तते, अपिच सौविध्यमपि तावत् किमपि नास्ति।
(९)ट्रेन आने तक हमलोगों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना है
= यावत् रेलयानं नागच्छति , तावद् अस्माभि: रेलयानस्थानकमेव अधिष्ठातव्यम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
-----------------------------------
(१) राम अपने बीमार ससुर की सेवा करने के लिए अपने आवश्यक काम को छोड़कर रात और दिन अस्पताल में ही रहेंगे
= राम: आत्मनो रुग्णं श्वसुरं विरक्षितुं स्वावश्यकानि कार्याणि त्यक्त्वा दिवानिशं चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यति।
(२) विवाह समारोह खत्म होने के बाद अब पति और पत्नी अपने रिश्तेदार के यहां नहीं रहेंगे क्योंकि उनदोनों को घर पर भी अपना काम-धाम देखना है
= विवाहसमारोहात्परमिदानीं भर्ता भार्या च सम्बन्धीगृहं नाधिष्ठास्यत: , यतः ताभ्यां स्वगृहं गत्वा आवश्यककार्याणि करणीयानि।
(३) सरकारी आदेश के अनुसार , कोरोना काल में सभी लोग अपने अपने घर में ही रहेंगे
= सर्वकारीयादेशानुसारं , कोरोनाकाले सर्वे जना: स्वकीयं - स्वकीयं गृहमेव अधिष्ठास्यन्ति।
(४) कोरोना काल में तुम घर पर ही रहोगे
= कोरोनाकाले त्वं गृहमेव अधितिष्ठ।
(५) तुम दोनों घर पर ही रहोगे क्योंकि बाहर जाने पर कोरोना होने का डर है
= युवां गृहमेव अधितिष्ठतम् , यतोहि बहिर्स्थाने कोरोनासङ्क्रमणस्य भयमस्ति।
(६) जब तक कोरोना का कहर चल रहा है, तब तक तुमलोगों को घर पर ही रहना है
= यावत् कोरोणाया: आतङ्क: अस्ति, तावत् यूयं गृहमेव आधितिष्ठत।
(७)पिता (ससुर) जी! जब तक आप ठीक नहीं हो जायेंगे, तब तब मैं आपकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में ही रहुंगा
=हे श्वसुर महोदय! यावद् भवान् स्वस्थो न भूयात् ,तावद् अहं भवत: विरक्षणाय चिकित्सालयमेव अधिष्ठास्यामि।
(८) हमदोनों उस होटल में नहीं ठहरेंगे क्योंकि इस होटल का चार्ज बहुत महंगा है और सुविधाएं भी कुछ नहीं है
= आवां तं वासगृहं नाधिष्ठास्यावः, यतः तस्मिन् वासगृहे स्थानस्य भाटकम् अत्यधिकं वर्तते, अपिच सौविध्यमपि तावत् किमपि नास्ति।
(९)ट्रेन आने तक हमलोगों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना है
= यावत् रेलयानं नागच्छति , तावद् अस्माभि: रेलयानस्थानकमेव अधिष्ठातव्यम् ।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 13, 2023
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पश्य मैथिली चित्रकूटवनम्। संस्कृतगानम्। #song
December 13, 2023
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December 13, 2023
अध्यापकः--शर्करम् उपयुज्य एकवाक्यस्य निर्माणं कुरु।🥸
छात्रः -- अहं चायापानं कृतवान्।😏
अध्यापकः -- रे! शर्करः कुत्र?😡
छात्रः -- तत् चायापानेऽस्ति भोः।😉
#hasya
छात्रः -- अहं चायापानं कृतवान्।😏
अध्यापकः -- रे! शर्करः कुत्र?😡
छात्रः -- तत् चायापानेऽस्ति भोः।😉
#hasya
December 13, 2023
योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः।।1.23।।
कस्य प्रियं कर्तुम् इच्छुकानां विषये अर्जुनः वदति स्म।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः।।1.23।।
कस्य प्रियं कर्तुम् इच्छुकानां विषये अर्जुनः वदति स्म।
Anonymous Quiz
23%
धृतराष्ट्रस्य
63%
धृतराष्ट्रपुत्राणाम्
8%
पाण्डुपुत्राणाम्
7%
स्वस्य
December 13, 2023
December 13, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायस्य भावः स्वशब्दैः वक्तव्यः) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰 विषयः - श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 13, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
December 13, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
श्रीमद्भगवद्गीतायाः पञ्चमोऽध्यायः
December 13, 2023
🍃न प्राप्यति सम्माने नापमाने च कुप्यति।
न क्रुद्ध: परुषं ब्रूयात् स वै साधूत्तम: स्मृत:।।
🔆 यः सम्मानं प्राप्य न मोदते न च अपमानं प्राप्य खिन्नो भवति तथैव क्रोधे सत्यपि न कर्कशं वदति तादृशः जनः साधुः भवति।
⚜सन्त वही है जो सम्मान पाकर हर्षित नही होता, अपमान होने पर क्रोधित नही होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता।
#Subhashitam
न क्रुद्ध: परुषं ब्रूयात् स वै साधूत्तम: स्मृत:।।
🔆 यः सम्मानं प्राप्य न मोदते न च अपमानं प्राप्य खिन्नो भवति तथैव क्रोधे सत्यपि न कर्कशं वदति तादृशः जनः साधुः भवति।
⚜सन्त वही है जो सम्मान पाकर हर्षित नही होता, अपमान होने पर क्रोधित नही होता तथा स्वयं क्रोधित होने पर कठोर शब्द नही बोलता।
#Subhashitam
December 13, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 12:55 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 14 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 09:47 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:55 से 03:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 05:56 से रात्रि 07:10 तक)
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया 12:55 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 14 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मूल सुबह 09:47 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा
⛅ योग - गण्ड दोपहर 01:25 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहु काल - दोपहर 01:55 से 03:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:12
⛅ सूर्यास्त - 05:56
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:19 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चन्द्र-दर्शन (शाम 05:56 से रात्रि 07:10 तक)
⛅ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
December 13, 2023
December 14, 2023
December 14, 2023
अचार हमेशा घर में बना हुआ ही खाना चाहिए क्योंकि = गृहनिर्मितं सन्धितमेव सदैव भक्षणीयम् यतोहि••
बाज़ार के अचार में सरसों का तेल, मेथी और दूसरी औषधियों जैसे सौंफ, जीरा, हल्दी, सेंधा नमक, राई,कलौंजी आदि के स्थान पर गंदे व तेज केमिकल, तेजाब आदि का प्रयोग किया जाता है। जो शरीर के लिए लाभदायक कम हानिकारक अधिक है।
•• विपण्याः सन्धितेषु सर्षपतैलस्य मेथिकाया: एवञ्च अपरौषधीनां यथा शतपुष्पा,जीरकम्,काञ्चनी,सैन्धवम्, राजिका,कृष्णजीरकम् इत्यादीनां स्थाने घातकरसायनं मलिनरसायनं अम्लं च प्रयुज्यन्ते। यानि शरीराय लाभकराणि नैव , प्रत्युत् हानिकराणि एव भवन्ति।
बाज़ार में मिलने वाला अचार देखने में गंदा होता है।जबकि घर में बना हुआ अचार देख देख कर मन नहीं भरता
•• विपण्याः सन्धितं दर्शने मलिनम् अनुभूयते। यद्यपि गृहनिर्मितं सन्धितं दृष्ट्वा मनः न सन्तुष्यति।
बाज़ार में मिलने वाला अचार गंदे प्लास्टिक में पैक किया जाता है जबकि सनातन स्वदेशी घर का अचार वैज्ञानिक चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है। यह वैज्ञानिक चीनी मिट्टी के बर्तन अचार के साथ कोई भी रसायनिक क्रिया नहीं करते इसलिए अचार एक औषधि बन जाता है।
•• विपणिषु प्राप्तानि सन्धितानि मलिनेषु अभिघट्यपदार्थेषु पोट्टलीक्रियते,यद्यपि सनातनविधिना गृहनिर्मितानि सन्धितानि शुद्धचीनीमृत्तिकासु भाण्डेषु स्थाप्यन्ते।एतानि शुद्धचीनीमृत्तिकाभाण्डानि सन्धितै: सह कामपि रासायनिकक्रियां न कुर्वन्ति। अतः सन्धितम् एकम् औषधं निर्मितं भवति।
घर बने हुए अचार में से सुंगध आती है। जबकि गंदे और तेज केमिकलों के कारण branded आचार से बदबू आती
है।
•• गृहनिर्मिते सन्धिते सुगन्धं भवति, परन्तु मलिनेन तीव्रेन च रासायनेन सचिह्नात् सन्धितात् दुर्गन्धं नि:सरति।
घर के बने हुए अचार और मुरब्बों के बारे में सोच कर ही मुंह में पानी आ जाता है।
•• गृहनिर्मितस्य सन्धितानां खाण्डवानां च विषये चिन्तनं कृत्वैव मन तेषां भक्षणस्य कृते उद्विग्नं भवति।
घर में बने हुए आचार के प्रयोग से आप उस प्लास्टिक के प्रयोग को भी अलविदा कह सकते हैं।जिस प्लास्टिक के कारण सारी दुनिया और जीव जन्तु खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।
•• गृहनिर्मितस्य सन्धितस्य प्रयोगेन भवान् अभिघट्यपदार्थानाम् उपयोगमपि आजीवनं पिहितं कर्तुं शक्नोति।यै: अभिघट्यपदार्थै: सकलजगत् तथा सर्वे जीवा: समापनस्य सङ्कटावास्थायां प्राप्तवन्त:।
घर में बना हुआ आचार का लागत मूल्य बाजार में आने वाले गंदे आचारों की लागत मूल्य से कहीं कम होता है।
••गृहनिर्मितानां सन्धितानां क्रयमूल्यं विपण्या: मलिनसन्धितानां विक्रयमूल्यात् किञ्चित् न्यूनं भवति।
घर में बने हुए अचार में आप उच्च गुणवत्ता के आम,नींबू,सेन्धा नमक,आंवला, गाजर, गोभी, शलगम,हरी मिर्च,अदरक, लहसुन, सरसों और अन्य औषधियों का प्रयोग करते हैं जबकि बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड आचारों में घटिया क्वालिटी के अवयवों का प्रयोग किया जाता है।
•• गृहे निर्मिते सन्धिते भवन्तः उत्तमानाम् आम्राणां जम्बीराणां सैन्धवानाम् आमलकानां गृञ्जनानां केम्बुकानां शलगमानां हरितमरीचानां शृङ्गवेराणां लशुनानां सर्षपाणां अन्यासाम् च औषधानां प्रयोगं कुर्वन्ति ,परन्तु विपण्या: सचिह्नेषु अचिह्नेषु च सन्धितेषु निम्नगुणवत्तायुक्ता: अवयवा: प्रयुञ्ज्यन्ते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
बाज़ार के अचार में सरसों का तेल, मेथी और दूसरी औषधियों जैसे सौंफ, जीरा, हल्दी, सेंधा नमक, राई,कलौंजी आदि के स्थान पर गंदे व तेज केमिकल, तेजाब आदि का प्रयोग किया जाता है। जो शरीर के लिए लाभदायक कम हानिकारक अधिक है।
•• विपण्याः सन्धितेषु सर्षपतैलस्य मेथिकाया: एवञ्च अपरौषधीनां यथा शतपुष्पा,जीरकम्,काञ्चनी,सैन्धवम्, राजिका,कृष्णजीरकम् इत्यादीनां स्थाने घातकरसायनं मलिनरसायनं अम्लं च प्रयुज्यन्ते। यानि शरीराय लाभकराणि नैव , प्रत्युत् हानिकराणि एव भवन्ति।
बाज़ार में मिलने वाला अचार देखने में गंदा होता है।जबकि घर में बना हुआ अचार देख देख कर मन नहीं भरता
•• विपण्याः सन्धितं दर्शने मलिनम् अनुभूयते। यद्यपि गृहनिर्मितं सन्धितं दृष्ट्वा मनः न सन्तुष्यति।
बाज़ार में मिलने वाला अचार गंदे प्लास्टिक में पैक किया जाता है जबकि सनातन स्वदेशी घर का अचार वैज्ञानिक चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखा जाता है। यह वैज्ञानिक चीनी मिट्टी के बर्तन अचार के साथ कोई भी रसायनिक क्रिया नहीं करते इसलिए अचार एक औषधि बन जाता है।
•• विपणिषु प्राप्तानि सन्धितानि मलिनेषु अभिघट्यपदार्थेषु पोट्टलीक्रियते,यद्यपि सनातनविधिना गृहनिर्मितानि सन्धितानि शुद्धचीनीमृत्तिकासु भाण्डेषु स्थाप्यन्ते।एतानि शुद्धचीनीमृत्तिकाभाण्डानि सन्धितै: सह कामपि रासायनिकक्रियां न कुर्वन्ति। अतः सन्धितम् एकम् औषधं निर्मितं भवति।
घर बने हुए अचार में से सुंगध आती है। जबकि गंदे और तेज केमिकलों के कारण branded आचार से बदबू आती
है।
•• गृहनिर्मिते सन्धिते सुगन्धं भवति, परन्तु मलिनेन तीव्रेन च रासायनेन सचिह्नात् सन्धितात् दुर्गन्धं नि:सरति।
घर के बने हुए अचार और मुरब्बों के बारे में सोच कर ही मुंह में पानी आ जाता है।
•• गृहनिर्मितस्य सन्धितानां खाण्डवानां च विषये चिन्तनं कृत्वैव मन तेषां भक्षणस्य कृते उद्विग्नं भवति।
घर में बने हुए आचार के प्रयोग से आप उस प्लास्टिक के प्रयोग को भी अलविदा कह सकते हैं।जिस प्लास्टिक के कारण सारी दुनिया और जीव जन्तु खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।
•• गृहनिर्मितस्य सन्धितस्य प्रयोगेन भवान् अभिघट्यपदार्थानाम् उपयोगमपि आजीवनं पिहितं कर्तुं शक्नोति।यै: अभिघट्यपदार्थै: सकलजगत् तथा सर्वे जीवा: समापनस्य सङ्कटावास्थायां प्राप्तवन्त:।
घर में बना हुआ आचार का लागत मूल्य बाजार में आने वाले गंदे आचारों की लागत मूल्य से कहीं कम होता है।
••गृहनिर्मितानां सन्धितानां क्रयमूल्यं विपण्या: मलिनसन्धितानां विक्रयमूल्यात् किञ्चित् न्यूनं भवति।
घर में बने हुए अचार में आप उच्च गुणवत्ता के आम,नींबू,सेन्धा नमक,आंवला, गाजर, गोभी, शलगम,हरी मिर्च,अदरक, लहसुन, सरसों और अन्य औषधियों का प्रयोग करते हैं जबकि बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड आचारों में घटिया क्वालिटी के अवयवों का प्रयोग किया जाता है।
•• गृहे निर्मिते सन्धिते भवन्तः उत्तमानाम् आम्राणां जम्बीराणां सैन्धवानाम् आमलकानां गृञ्जनानां केम्बुकानां शलगमानां हरितमरीचानां शृङ्गवेराणां लशुनानां सर्षपाणां अन्यासाम् च औषधानां प्रयोगं कुर्वन्ति ,परन्तु विपण्या: सचिह्नेषु अचिह्नेषु च सन्धितेषु निम्नगुणवत्तायुक्ता: अवयवा: प्रयुञ्ज्यन्ते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 14, 2023
December 14, 2023
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🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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🗓१५/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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December 14, 2023
December 14, 2023
सञ्जय उवाच।
एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत।सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्।।1.24।।
अत्र श्रोता कः
एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत।सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्।।1.24।।
अत्र श्रोता कः
Anonymous Quiz
8%
सञ्जयः
25%
गुडाकेशः
29%
अर्जुनः
39%
हृषीकेशः
December 14, 2023
स्वरों का एक और लक्षण
जबतक हमारे फेफडों में सांस है तब तक हम स्वर की ध्वनि को लंबा खींच सकते हैं। जैसे –
अ ऽ ऽ ऽ ऽ …
जबतक सांस है तब तक बोलते रहिए। इसके विपरीत व्यंजनों को हम नहीं खींच सकते। एक झटके से व्यञ्जनों की आवाज़ आती है और बाद में हम केवल स्वरों को ही खींचते हैं। जैसे कि क इस व्यंजन को ज्यादा देर तक खींच के देखिए।
क ऽ ऽ ऽ ऽ
दरअसल यहाँ अन्त में क् इस व्यंजन की ध्वनि नहीं, अपितु अ इस स्वर की ध्वनि सुनाई देती है। क् तो चुटकी जैसे निकल जाता है।
क् अ ऽ ऽ ऽ ऽ
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
जबतक हमारे फेफडों में सांस है तब तक हम स्वर की ध्वनि को लंबा खींच सकते हैं। जैसे –
अ ऽ ऽ ऽ ऽ …
जबतक सांस है तब तक बोलते रहिए। इसके विपरीत व्यंजनों को हम नहीं खींच सकते। एक झटके से व्यञ्जनों की आवाज़ आती है और बाद में हम केवल स्वरों को ही खींचते हैं। जैसे कि क इस व्यंजन को ज्यादा देर तक खींच के देखिए।
क ऽ ऽ ऽ ऽ
दरअसल यहाँ अन्त में क् इस व्यंजन की ध्वनि नहीं, अपितु अ इस स्वर की ध्वनि सुनाई देती है। क् तो चुटकी जैसे निकल जाता है।
क् अ ऽ ऽ ऽ ऽ
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
December 14, 2023
December 14, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया 10:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 15 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 08:10 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - वृद्धि सुबह 10:17 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 11:14 से 12:35 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - तृतीया 10:30 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 15 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा सुबह 08:10 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा
⛅ योग - वृद्धि सुबह 10:17 तक तत्पश्चात व्याघात
⛅ राहु काल - सुबह 11:14 से 12:35 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:26 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:08 से 01:01 तक
December 14, 2023
December 14, 2023
December 14, 2023
December 14, 2023
🍃अरण्यं रक्षितं सिंहात् तस्मात् सिंहः सुरक्षितः।
इत्यन्योन्यस्योपकारे मित्रत्वं तन्निबन्धनम्।।
🔆 वनं सिंहकारणेन रक्षितं भवति तथा सिंहः वनकारणेन परस्परोपकारस्य भावेन एव तयोः मैत्री विद्यते।
मनुष्यैः अपि एवमेव जीवितव्यम् जगति।
⚜वन सिंह द्वारा रक्षित है और सिंह वन द्वारा सुरक्षित है। इस प्रकार एक दुसरे के उपकार में उनका मित्रत्व है।
#Subhashitam
इत्यन्योन्यस्योपकारे मित्रत्वं तन्निबन्धनम्।।
🔆 वनं सिंहकारणेन रक्षितं भवति तथा सिंहः वनकारणेन परस्परोपकारस्य भावेन एव तयोः मैत्री विद्यते।
मनुष्यैः अपि एवमेव जीवितव्यम् जगति।
⚜वन सिंह द्वारा रक्षित है और सिंह वन द्वारा सुरक्षित है। इस प्रकार एक दुसरे के उपकार में उनका मित्रत्व है।
#Subhashitam
December 14, 2023
December 14, 2023
December 15, 2023
December 14, 2023
को न्वस्मिन् साम्प्रतं लोके गुणवान् कश्च वीर्यवान् ।
धर्मज्ञश्च कृतज्ञश्च सत्यवाक्यो दृढव्रतः।।
श्लोके कः शब्दः न दत्तः।
धर्मज्ञश्च कृतज्ञश्च सत्यवाक्यो दृढव्रतः।।
श्लोके कः शब्दः न दत्तः।
Anonymous Quiz
16%
नु
14%
च
62%
वक्ता
8%
कः
December 15, 2023
जितेन्द्र = क्या आप एक्शन कम्पनी का कपड़े का जूते बेचते हैं ?
→ अपि भवान् एक्शन इति नाम्नः पटोपानहं विक्रीणाति ?
दुकानदार= हां,महाशय।आपको किस नाप के चाहिए ?और आपको कौनसा रंग पसंद है?
→ आपणिक: = आम्।महाशय! भवते किं मानम् आवश्यकम्?तथा भवते किं वर्णं रोचते ?
जितेन्द्र= मुझे छह नम्बर के चाहिए।और जहां तक रंग की बात है , मुझे काला रंग पसंद है।
= → मह्यं षट्संख्यकम् आवश्यकम्।यतो रङ्गस्य प्रश्नस्य प्रश्नोऽस्ति , मह्यं कृष्णवर्णं इष्टम् ।
दुकानदार = यह रही आपकी पसंद।
→ तवेष्टा अत्रास्ति
जितेन्द्र =आह!यह जूता जरा टाइट हो रहा है ।
→ अह!एतद् उपानद्द्वयं तु किञ्चित् निबिडयति
दुकानदार = ठीक है। और दूसरा जोड़ा देखिए।
→ अस्तु।इतोऽपि अन्यद् उपानद्द्वयं परीक्ष्य अवलोकयतु।
जितेन्द्र = बहुत अच्छा।यह जूता तो मेरे पैर में अच्छी तरह से फिट बैठ रहा है।इस जोड़े की कीमत क्या है?
→ शोभनम्। एतद् उपानद्द्वयं तु मम पादाभ्यां पूर्णतया उपयुक्तम्।एतस्य उपानद्द्वयस्य मूल्यं किम् ?
दुकानदार = बस पांच सौ साठ रुपए।
→ केवलानि षष्ट्यधिकं पञ्चशतं रूप्यकाणि।
जितेन्द्र = ठीक है।इसे पैक कर दीजिए।
→ अस्तु।एनं पोट्टलीकुरु
#vakyabhyas #samvadah
→ अपि भवान् एक्शन इति नाम्नः पटोपानहं विक्रीणाति ?
दुकानदार= हां,महाशय।आपको किस नाप के चाहिए ?और आपको कौनसा रंग पसंद है?
→ आपणिक: = आम्।महाशय! भवते किं मानम् आवश्यकम्?तथा भवते किं वर्णं रोचते ?
जितेन्द्र= मुझे छह नम्बर के चाहिए।और जहां तक रंग की बात है , मुझे काला रंग पसंद है।
= → मह्यं षट्संख्यकम् आवश्यकम्।यतो रङ्गस्य प्रश्नस्य प्रश्नोऽस्ति , मह्यं कृष्णवर्णं इष्टम् ।
दुकानदार = यह रही आपकी पसंद।
→ तवेष्टा अत्रास्ति
जितेन्द्र =आह!यह जूता जरा टाइट हो रहा है ।
→ अह!एतद् उपानद्द्वयं तु किञ्चित् निबिडयति
दुकानदार = ठीक है। और दूसरा जोड़ा देखिए।
→ अस्तु।इतोऽपि अन्यद् उपानद्द्वयं परीक्ष्य अवलोकयतु।
जितेन्द्र = बहुत अच्छा।यह जूता तो मेरे पैर में अच्छी तरह से फिट बैठ रहा है।इस जोड़े की कीमत क्या है?
→ शोभनम्। एतद् उपानद्द्वयं तु मम पादाभ्यां पूर्णतया उपयुक्तम्।एतस्य उपानद्द्वयस्य मूल्यं किम् ?
दुकानदार = बस पांच सौ साठ रुपए।
→ केवलानि षष्ट्यधिकं पञ्चशतं रूप्यकाणि।
जितेन्द्र = ठीक है।इसे पैक कर दीजिए।
→ अस्तु।एनं पोट्टलीकुरु
#vakyabhyas #samvadah
December 15, 2023
December 15, 2023
December 15, 2023
December 15, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - भज गोविन्दम्
🗓१६/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (भज गोविन्दम् इति स्तोत्रस्य कस्यचित् श्लोकस्य विवरणं करणीयम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - भज गोविन्दम्
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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December 15, 2023
December 15, 2023
भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां च महीक्षिताम्।
उवाच पार्थ पश्यैतान्समवेतान्कुरूनिति।।1.25।।
महीक्षिताम् इत्युक्तानां केषां समक्षे पार्थ उवाच।
उवाच पार्थ पश्यैतान्समवेतान्कुरूनिति।।1.25।।
महीक्षिताम् इत्युक्तानां केषां समक्षे पार्थ उवाच।
Anonymous Quiz
19%
शूराणाम्
15%
धनुर्धराणाम्
21%
राज्ञाम्
45%
कुरुणाम्
December 15, 2023
संस्कृत वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं?
उत्तर है – तेरह (१३)।
संभवतः आप को हिन्दी स्वरों के बारे में पता हो। हिन्दी में ग्यारह (११) स्वर होते हैं। तथा कुछ अंग्रेजी स्वरोच्चार भी हैं। ॠ और ऌ ये दो स्वर संस्कृत में हिन्दी से ज्यादा है। अतः संस्कृत स्वरों की कुल संख्या तेरह बन जाती है। और वे तेरह स्वर हैं –
अ। आ। इ। ई। उ। ऊ। ऋ। ॠ। ऌ। ए। ऐ। ओ। औ॥
हालांकि ॡ यह भी एक स्वर अस्तित्व में है। तथापि इसका भाषा में प्रयोग न के बराबर होने से इस वर्णमाला में नहीं गिनते हैं।
इन स्वरों के अलावा संस्कृत में नौ (९) प्लुत स्वर भी होते हैं। जिनको मिला कर संस्कृत में २२ स्वर हो जाते हैं। तथापि इन प्लुत स्वरों का व्यवहार में अधिक उपयोग नहीं होता है। तथा शालेय पुस्तकों में भी इनका ज़िक्र नहीं होता है। अतः इनको भी नज़रंदाज़ किया जाता है।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
उत्तर है – तेरह (१३)।
संभवतः आप को हिन्दी स्वरों के बारे में पता हो। हिन्दी में ग्यारह (११) स्वर होते हैं। तथा कुछ अंग्रेजी स्वरोच्चार भी हैं। ॠ और ऌ ये दो स्वर संस्कृत में हिन्दी से ज्यादा है। अतः संस्कृत स्वरों की कुल संख्या तेरह बन जाती है। और वे तेरह स्वर हैं –
अ। आ। इ। ई। उ। ऊ। ऋ। ॠ। ऌ। ए। ऐ। ओ। औ॥
हालांकि ॡ यह भी एक स्वर अस्तित्व में है। तथापि इसका भाषा में प्रयोग न के बराबर होने से इस वर्णमाला में नहीं गिनते हैं।
इन स्वरों के अलावा संस्कृत में नौ (९) प्लुत स्वर भी होते हैं। जिनको मिला कर संस्कृत में २२ स्वर हो जाते हैं। तथापि इन प्लुत स्वरों का व्यवहार में अधिक उपयोग नहीं होता है। तथा शालेय पुस्तकों में भी इनका ज़िक्र नहीं होता है। अतः इनको भी नज़रंदाज़ किया जाता है।
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December 15, 2023
December 15, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्थी रात्रि 08:00 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 16 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा सुबह 6:24 तक तत्पश्चात श्रवण
⛅ योग - व्याघात 17 दिसम्बर प्रातः 03:48 तक
⛅ राहु काल - सुबह 09:54 से 11:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, धनुर्मास प्रारम्भ, षडशीति-धनु संक्रांति
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 16 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
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⛅ पक्ष - शुक्ल
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⛅ राहु काल - सुबह 09:54 से 11:15 तक
⛅ सूर्योदय - 07:13
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से 06:20 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, धनुर्मास प्रारम्भ, षडशीति-धनु संक्रांति
December 15, 2023
December 15, 2023
December 15, 2023
भगवद्गीता– अध्याय ६, श्लोक १६
🍃नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नत: |
न चाति स्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ||
🔆तादृशानां जनानां योगः कदापि न सिद्ध्यति ये बहु-अधिकं भोजनं कुर्वन्ति ये च भोजनमेव न कुर्वन्ति ये किञ्चित् अपि न निद्रान्ति ये च सर्वदा जाग्रति।
⚜BG 6.16: O Arjuna! Yoga is neither for them who overeat nor for them who abstain from eating; it is neither for them who sleep too much nor even for them who are ceaselessly awake.
⚜हे अर्जुन! योग न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक भोजन ग्रहण करते हैं और न ही उनके लिए जो भोजन ग्रहण नहीं करते; यह न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक शयन करते हैं और न ही उनके लिए जो अनवरत जाग्रत रहते हैं।
#Subhashitam
🍃नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नत: |
न चाति स्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ||
🔆तादृशानां जनानां योगः कदापि न सिद्ध्यति ये बहु-अधिकं भोजनं कुर्वन्ति ये च भोजनमेव न कुर्वन्ति ये किञ्चित् अपि न निद्रान्ति ये च सर्वदा जाग्रति।
⚜BG 6.16: O Arjuna! Yoga is neither for them who overeat nor for them who abstain from eating; it is neither for them who sleep too much nor even for them who are ceaselessly awake.
⚜हे अर्जुन! योग न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक भोजन ग्रहण करते हैं और न ही उनके लिए जो भोजन ग्रहण नहीं करते; यह न तो उनके लिए है जो बहुत अधिक शयन करते हैं और न ही उनके लिए जो अनवरत जाग्रत रहते हैं।
#Subhashitam
December 15, 2023
December 15, 2023
December 15, 2023
December 16, 2023
अधि+ आस् (बैठना) - के साथ हमेशा सप्तमी विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
----------------------------------
(१)वह राम और श्याम के बीच कुर्सी पर बैठ गया = स रामं शयामं चान्तरा आसन्दम् अध्यास्त।
(२)पति और पत्नी पनीर चिल्ली खाने के लिए रेस्टोरेंट में जाकर अपने अपने कुर्सी पर बैठ गये =
भर्ता भार्या च अल्पाहारगृहं गत्वा महामरीचिकायुक्तप्राणीरं व्यञ्जनं भक्षयितुं स्वस्वासन्दम् अध्यासाताम्।
(३)सभी लोग प्रवचन सुनने के लिए अपने अपने आसनों पर बैठ गये =
सर्वे जना: प्रवचनस्य श्रवणाय स्वस्वासनम् अध्यासत।
(४)तुम बिछावन पर पलथी मारकर क्यों बैठ गये ?
=युवां शय्यां किमर्थं स्वस्तिकासनम् अध्यास्था: ?
(५)तुम दोनों मुझसे बिना पूछे ही अपने अपने बेंच पर क्यों बैठ गये =
युवां मम आज्ञामन्तरेणैव किमर्थं स्वकीयं स्वकीयम् आसनम् अध्यासाथाम् ?
(६)शिक्षक ने जैसे ही तुम लोगों को बैठने के लिए कहा, तुम लोग तुरन्त ही अपने-अपने बेंचों पर बैठ गए =
शिक्षकः यदा उपवेष्टुमाज्ञापितवान् तदा यूयं झटिति स्वकीयं स्वकीयं पीठिकाम् अध्याध्वम् ।
(७) भयंकर गर्मी के कारण सुस्ताने के लिए मैं एक वृक्ष के नीचे जमीन पर ही बैठ गया = प्रचण्डातपै: विश्रामं कर्तुम् अहम् एकस्मात् वृक्षात् अध: भूमिमेव अध्यासि।
(८)बस में हमदोनों अपने अपने सीट पर बैठ गए = लोकयाने आवां स्वस्वासनम् अध्यास्वहि।
(९)हमलोग वर्ग में पढ़ने के लिए अपने अपने बेंचों पर बैठ गए = वयं वर्गे अध्ययनाय स्वसवासनम् अध्यास्महि।
#vakyabhyas
----------------------------------
(१)वह राम और श्याम के बीच कुर्सी पर बैठ गया = स रामं शयामं चान्तरा आसन्दम् अध्यास्त।
(२)पति और पत्नी पनीर चिल्ली खाने के लिए रेस्टोरेंट में जाकर अपने अपने कुर्सी पर बैठ गये =
भर्ता भार्या च अल्पाहारगृहं गत्वा महामरीचिकायुक्तप्राणीरं व्यञ्जनं भक्षयितुं स्वस्वासन्दम् अध्यासाताम्।
(३)सभी लोग प्रवचन सुनने के लिए अपने अपने आसनों पर बैठ गये =
सर्वे जना: प्रवचनस्य श्रवणाय स्वस्वासनम् अध्यासत।
(४)तुम बिछावन पर पलथी मारकर क्यों बैठ गये ?
=युवां शय्यां किमर्थं स्वस्तिकासनम् अध्यास्था: ?
(५)तुम दोनों मुझसे बिना पूछे ही अपने अपने बेंच पर क्यों बैठ गये =
युवां मम आज्ञामन्तरेणैव किमर्थं स्वकीयं स्वकीयम् आसनम् अध्यासाथाम् ?
(६)शिक्षक ने जैसे ही तुम लोगों को बैठने के लिए कहा, तुम लोग तुरन्त ही अपने-अपने बेंचों पर बैठ गए =
शिक्षकः यदा उपवेष्टुमाज्ञापितवान् तदा यूयं झटिति स्वकीयं स्वकीयं पीठिकाम् अध्याध्वम् ।
(७) भयंकर गर्मी के कारण सुस्ताने के लिए मैं एक वृक्ष के नीचे जमीन पर ही बैठ गया = प्रचण्डातपै: विश्रामं कर्तुम् अहम् एकस्मात् वृक्षात् अध: भूमिमेव अध्यासि।
(८)बस में हमदोनों अपने अपने सीट पर बैठ गए = लोकयाने आवां स्वस्वासनम् अध्यास्वहि।
(९)हमलोग वर्ग में पढ़ने के लिए अपने अपने बेंचों पर बैठ गए = वयं वर्गे अध्ययनाय स्वसवासनम् अध्यास्महि।
#vakyabhyas
December 16, 2023
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December 16, 2023
December 16, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - विजयदिवसः संसदः च घटना
🗓१७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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🔰विषयः - विजयदिवसः संसदः च घटना
🗓१७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 16, 2023
संस्कृत वर्णमाला में ह्रस्व और दीर्घ स्वर
ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है। ह्रस्व स्वर पांच (५) हैं –
अ। इ। उ। ऋ। ऌ॥
जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं। दीर्घ स्वर आठ (८) हैं –
आ। ई। ऊ। ॠ। ए। ऐ। ओ। औ॥
#sanskritlessons
ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है। ह्रस्व स्वर पांच (५) हैं –
अ। इ। उ। ऋ। ऌ॥
जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं। दीर्घ स्वर आठ (८) हैं –
आ। ई। ऊ। ॠ। ए। ऐ। ओ। औ॥
#sanskritlessons
December 16, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 05:33 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 17 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 02:54 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - हर्षण रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:37 से 05:57 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी
⛅ विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता हैं।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पंचमी शाम 05:33 तक तत्पश्चात षष्ठी
⛅ दिनांक - 17 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 02:54 तक तत्पश्चात शतभिषा
⛅ योग - हर्षण रात्रि 12:36 तक तत्पश्चात वज्र
⛅ राहु काल - शाम 04:37 से 05:57 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 05:57
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 01:02 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी
⛅ विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता हैं।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
#panchang
December 16, 2023
December 16, 2023
December 16, 2023
December 16, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
विजयदिवसः संसदः च घटना
#samlapshala
#samlapshala
December 16, 2023
🍃अप्रकटीकृतशक्ति: शक्तोपि जनस्तिरस्क्रियां लभते।
निवसन्नन्तर्दारुणि लङ्घ्यो वह्नि तु ज्वलित:॥
🔆यथा काष्ठात् न कोऽपि बिभेति किन्तु ज्वलतः काष्ठम् न उपसर्पन्ति तथैव शक्तिवन्तं जनमपि जनाः तिरस्कुर्वन्ति यावत् सः स्वशक्तिं न दर्शयति।
⚜शक्तिशाली व्यक्ति जब तक अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करता,तब तक लोग उसका तिरस्कार करते हैं। जैसे लकड़ी से कोई नही डरता, परंतु जलती लकड़ी से लोग डरने लगते हैं।
#Subhashitam
निवसन्नन्तर्दारुणि लङ्घ्यो वह्नि तु ज्वलित:॥
🔆यथा काष्ठात् न कोऽपि बिभेति किन्तु ज्वलतः काष्ठम् न उपसर्पन्ति तथैव शक्तिवन्तं जनमपि जनाः तिरस्कुर्वन्ति यावत् सः स्वशक्तिं न दर्शयति।
⚜शक्तिशाली व्यक्ति जब तक अपनी शक्ति का प्रदर्शन नहीं करता,तब तक लोग उसका तिरस्कार करते हैं। जैसे लकड़ी से कोई नही डरता, परंतु जलती लकड़ी से लोग डरने लगते हैं।
#Subhashitam
December 16, 2023
December 17, 2023
भारते बहु वैविध्यं वर्तते ननु।
बहु इति शब्दः कस्मिन् लिङ्गे अस्ति।
बहु इति शब्दः कस्मिन् लिङ्गे अस्ति।
Anonymous Quiz
14%
स्त्रीलिङ्गे
30%
पुल्लिङ्गे
56%
नपुंसकलिङ्गे
December 17, 2023
December 17, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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साप्ताहिक संस्कृत पत्रिका Vaartavali
#vaarta #vaartavali #newsinsanskrit
साप्ताहिक संस्कृत पत्रिका Vaartavali
DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar…
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December 17, 2023
एक पुरानी तिब्बती कथा है कि दो उल्लू एक ही वृक्ष पर आ कर बैठे।
•• तिब्बतस्य एका पुरातना कथा अस्ति यत् दिवान्धौ एकस्मिन्नेव वृक्षे आगत्य उपाविष्टाम्।
एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।
•• एक: स्वमुखे सर्पम् अगृह्णात्।
सांप भोजन था उनका, सुबह के नाश्ते की तैयारी थी।
•• सर्प: तस्य भोजनमासीत् , प्रातराशस्य सिद्धता आसीत्।
दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।
••अन्य: एकं मूषिकं ग्रहीत्वा आनीतवान् आसीत्।
दोनों एक ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।
•• उभौ एकस्मिन्नेव वृक्षम् आगत्य एकस्यां शाखायां समीपतया उपाविष्टाम्।
एक के मुँह में साँप, एक के मुँह में चूहा ।
•• एकस्य मुखे सर्प: , एकस्य मुखे मूषिक:।
साँप ने चूहे को देखा तो वह यह भूल ही गया कि वह उल्लू के मुँह में है और मौत के करीब है।
••यदा सर्पो मूषिकं दृष्ट्वान् तदा स एतत् विस्मृतवान्नेव यत् स दिवान्धस्य मुखे अस्ति मृत्यो: च समीपोऽस्ति।
चूहे को देख कर उसके मुँह में लार बहने लगी।
•• मूषकं दृष्ट्वा तस्यानने रसधारो वहितुमारभत।
वह भूल ही गया कि मौत के मुँह में है।
•• स विस्मृतवान्नेव यत् स मृत्यो: मुखे अस्ति।
उसको अपनी जीवन जीने की इच्छा ने पकड़ लिया और चूहे ने जैसे ही देखा साँप को, वह भयभीत हो गया, वह काँपने लगा।
•• तस्य जीजीविषा तं गृहीतवती तथा मूषक: यथैव सर्पं दृष्टवान् , स भीत्वा कम्पितुमारभत।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• तिब्बतस्य एका पुरातना कथा अस्ति यत् दिवान्धौ एकस्मिन्नेव वृक्षे आगत्य उपाविष्टाम्।
एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था।
•• एक: स्वमुखे सर्पम् अगृह्णात्।
सांप भोजन था उनका, सुबह के नाश्ते की तैयारी थी।
•• सर्प: तस्य भोजनमासीत् , प्रातराशस्य सिद्धता आसीत्।
दूसरा एक चूहा पकड़ लाया था।
••अन्य: एकं मूषिकं ग्रहीत्वा आनीतवान् आसीत्।
दोनों एक ही वृक्ष पर पास-पास आकर बैठे।
•• उभौ एकस्मिन्नेव वृक्षम् आगत्य एकस्यां शाखायां समीपतया उपाविष्टाम्।
एक के मुँह में साँप, एक के मुँह में चूहा ।
•• एकस्य मुखे सर्प: , एकस्य मुखे मूषिक:।
साँप ने चूहे को देखा तो वह यह भूल ही गया कि वह उल्लू के मुँह में है और मौत के करीब है।
••यदा सर्पो मूषिकं दृष्ट्वान् तदा स एतत् विस्मृतवान्नेव यत् स दिवान्धस्य मुखे अस्ति मृत्यो: च समीपोऽस्ति।
चूहे को देख कर उसके मुँह में लार बहने लगी।
•• मूषकं दृष्ट्वा तस्यानने रसधारो वहितुमारभत।
वह भूल ही गया कि मौत के मुँह में है।
•• स विस्मृतवान्नेव यत् स मृत्यो: मुखे अस्ति।
उसको अपनी जीवन जीने की इच्छा ने पकड़ लिया और चूहे ने जैसे ही देखा साँप को, वह भयभीत हो गया, वह काँपने लगा।
•• तस्य जीजीविषा तं गृहीतवती तथा मूषक: यथैव सर्पं दृष्टवान् , स भीत्वा कम्पितुमारभत।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 17, 2023
December 17, 2023
प्लुत स्वर
वस्तुतः प्लुत स्वर केवल संस्कृत में ही नहीं, अपितु दुनिया की हर भाषा में होते हैं। परन्तु इनका शास्त्रीय अभ्यास केवल संस्कृत में ही किया गया है।
प्लुत स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल तीन मात्राएं होता है। प्लुत स्वरों का उच्चारण कुछ ज्यादा ही लंबा होता है। यानी दीर्घ से भी ज्यादा। प्लुत स्वर नौ (९) हैं।
अ३। इ्३। उ३। ऋ३। ऌ३। ए३। ऐ३। ओ३। ओ३॥
सामान्यतः किसी को दूर से बुलाने के लिए प्लुत स्वर का प्रयोग होता है – आगच्छ कृष्ण३।
ॐ इस चिह्न को बहुत बार ओ३म् ऐसा लिखा जाता है। यहां भी ओ३ यह स्वर प्लुत है।
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
वस्तुतः प्लुत स्वर केवल संस्कृत में ही नहीं, अपितु दुनिया की हर भाषा में होते हैं। परन्तु इनका शास्त्रीय अभ्यास केवल संस्कृत में ही किया गया है।
प्लुत स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल तीन मात्राएं होता है। प्लुत स्वरों का उच्चारण कुछ ज्यादा ही लंबा होता है। यानी दीर्घ से भी ज्यादा। प्लुत स्वर नौ (९) हैं।
अ३। इ्३। उ३। ऋ३। ऌ३। ए३। ऐ३। ओ३। ओ३॥
सामान्यतः किसी को दूर से बुलाने के लिए प्लुत स्वर का प्रयोग होता है – आगच्छ कृष्ण३।
ॐ इस चिह्न को बहुत बार ओ३म् ऐसा लिखा जाता है। यहां भी ओ३ यह स्वर प्लुत है।
🌐 kakshakaumudi.in
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December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (कामपि स्थानीयां प्रादेशिकीं राष्ट्रीयां अन्ताराष्ट्रीयां वार्तां वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
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🔰 विषयः - वार्ताः
🗓१८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 17, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - षष्ठी दोपहर 03:13 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ दिनांक - 18 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 01:22 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
⛅ योग - वज्र रात्रि 09:32 तक तत्पश्चात सिद्धि
⛅ राहु काल - सुबह 08:35 से 09:55 तक
⛅ सूर्योदय - 07:14
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:21 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चम्पा षष्ठी
#panchang
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ राहु काल - सुबह 08:35 से 09:55 तक
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⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - पूर्व
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⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - चम्पा षष्ठी
#panchang
December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
December 17, 2023
🍃त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मन: |
काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत् ||
🔆नरकं प्राप्तुं त्रयः मार्गाः सन्ति ते च कामभावः क्रोधः तथा लोभः अतः एतेषां त्यागं कुर्यात्।
⚜BG 16.21: The three gates leading to hell—lust, anger, and greed—are destructive of the self (atman); therefore, one should abandon these three.
⚜नरक की ओर ले जाने वाले तीन द्वार काम, क्रोध और लोभ जीवात्मा के लिए विनाशकारी हैं; अत: इन तीनों का त्याग कर देना चाहिए।
#Subhashitam
काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत् ||
🔆नरकं प्राप्तुं त्रयः मार्गाः सन्ति ते च कामभावः क्रोधः तथा लोभः अतः एतेषां त्यागं कुर्यात्।
⚜BG 16.21: The three gates leading to hell—lust, anger, and greed—are destructive of the self (atman); therefore, one should abandon these three.
⚜नरक की ओर ले जाने वाले तीन द्वार काम, क्रोध और लोभ जीवात्मा के लिए विनाशकारी हैं; अत: इन तीनों का त्याग कर देना चाहिए।
#Subhashitam
December 17, 2023
December 18, 2023
December 18, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
एक पुरानी तिब्बती कथा है कि दो उल्लू एक ही वृक्ष पर आ कर बैठे। •• तिब्बतस्य एका पुरातना कथा अस्ति यत् दिवान्धौ एकस्मिन्नेव वृक्षे आगत्य उपाविष्टाम्। एक ने साँप अपने मुँह में पकड़ रखा था। •• एक: स्वमुखे सर्पम् अगृह्णात्। सांप भोजन था उनका, सुबह के नाश्ते…
ऐसे मौत के मुँह में बैठा है, मगर साँप को देख कर काँपने लगा।
•• एवं मृत्यो: समीपम् उपविष्टोऽस्ति,परन्तु सर्पं दृष्टवा कम्पितुमारभत।
वे दोनों उल्लू बड़े हैरान हुए।
•• उभौ दिवान्धौ भृशम् आश्चर्यचकितौ अभवताम्।
एक उल्लू ने दूसरे उल्लू से पूछा कि भाई, इसका कुछ राज समझे ?
•• एको दिवान्ध: अपरं दिवान्धं पृष्टवान् यत् भ्रात:!भवान् अस्य किमपि रहस्यम् अवगतवान् वा ?
दूसरे ने कहा, बिलकुल समझ में आया।
•• अपरोऽवदत् , "मया पूर्णत: अवगतम्।"
जीभ की, रस की, स्वाद की इच्छा इतनी प्रबल है कि सामने मृत्यु खड़ी हो तो भी दिखाई नहीं पड़ती और यह भी समझ में आया कि भय मौत से भी बड़ा है।
•• जिह्वाया: रसस्य स्वादस्य च इच्छा एतावती प्रबला अस्ति यत् समक्षं मृत्यु: उपस्थितोऽस्ति चेदपि न दृश्यते तथा एतदपि अवगतो यत् भयं मृत्योरपि महत्तरम् अस्ति।
मौत सामने खड़ी है, उससे भयभीत नहीं है यह चूहा, लेकिन भय से भयभीत है कि कही सांप मुझ पर हमला न कर दे।
••मृत्यु: समीपे उपस्थितोऽस्ति,एष मूषिक: तस्मात् भयभीतो नास्ति ,परन्तु भयात् भीतोऽस्ति यत् कदाचित् सर्प: ममोपरि आक्रमणं न कुर्यात्।
मौत से हम भयभीत नहीं हैं, हम भय से ज्यादा भयभीत है।
•• मृत्यो: वयं भीता: न स्म:,वयं भयात् अतीव भीता: स्म:।
और लोभ के साथ स्वाद का ,इन्द्रियों का , जीवन जीने की इच्छा का इतना मजबूत सम्बन्ध है कि मौत चौबीसों घंटा खड़ा है , तो भी हमें दिखाई नहीं देता।
•• अपिच लोभेन सह स्वादस्य,इन्द्रियाणां च जिजीविषाया: च एतावान् प्रगाढ: सम्बन्धोऽस्ति यत् मृत्यु: अस्माकं समक्षं सदैव उपस्थित: भवति ,तथापि अस्माभि: न दृश्यते।
हम अंधे बने हुए है।
•• इदानीं वयं अन्धसदृशा: स्म:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• एवं मृत्यो: समीपम् उपविष्टोऽस्ति,परन्तु सर्पं दृष्टवा कम्पितुमारभत।
वे दोनों उल्लू बड़े हैरान हुए।
•• उभौ दिवान्धौ भृशम् आश्चर्यचकितौ अभवताम्।
एक उल्लू ने दूसरे उल्लू से पूछा कि भाई, इसका कुछ राज समझे ?
•• एको दिवान्ध: अपरं दिवान्धं पृष्टवान् यत् भ्रात:!भवान् अस्य किमपि रहस्यम् अवगतवान् वा ?
दूसरे ने कहा, बिलकुल समझ में आया।
•• अपरोऽवदत् , "मया पूर्णत: अवगतम्।"
जीभ की, रस की, स्वाद की इच्छा इतनी प्रबल है कि सामने मृत्यु खड़ी हो तो भी दिखाई नहीं पड़ती और यह भी समझ में आया कि भय मौत से भी बड़ा है।
•• जिह्वाया: रसस्य स्वादस्य च इच्छा एतावती प्रबला अस्ति यत् समक्षं मृत्यु: उपस्थितोऽस्ति चेदपि न दृश्यते तथा एतदपि अवगतो यत् भयं मृत्योरपि महत्तरम् अस्ति।
मौत सामने खड़ी है, उससे भयभीत नहीं है यह चूहा, लेकिन भय से भयभीत है कि कही सांप मुझ पर हमला न कर दे।
••मृत्यु: समीपे उपस्थितोऽस्ति,एष मूषिक: तस्मात् भयभीतो नास्ति ,परन्तु भयात् भीतोऽस्ति यत् कदाचित् सर्प: ममोपरि आक्रमणं न कुर्यात्।
मौत से हम भयभीत नहीं हैं, हम भय से ज्यादा भयभीत है।
•• मृत्यो: वयं भीता: न स्म:,वयं भयात् अतीव भीता: स्म:।
और लोभ के साथ स्वाद का ,इन्द्रियों का , जीवन जीने की इच्छा का इतना मजबूत सम्बन्ध है कि मौत चौबीसों घंटा खड़ा है , तो भी हमें दिखाई नहीं देता।
•• अपिच लोभेन सह स्वादस्य,इन्द्रियाणां च जिजीविषाया: च एतावान् प्रगाढ: सम्बन्धोऽस्ति यत् मृत्यु: अस्माकं समक्षं सदैव उपस्थित: भवति ,तथापि अस्माभि: न दृश्यते।
हम अंधे बने हुए है।
•• इदानीं वयं अन्धसदृशा: स्म:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 18, 2023
December 18, 2023
December 18, 2023
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मनोहारिणौ युवकौ।
December 18, 2023
अं और अः क्या हैं?
जैसे कि हमने पहले बताया है कि वर्णमाला में स्वर तेरह हैं। तो इन स्वरों के पश्चात् स्वरों के विभाग में अनुस्वार (अं) और विसर्ग (अः) ये दो वर्ण दिखते हैं वे क्या हैं? इन दोनों को स्वरों में गिना जाए (क्योंकि वे स्वरों के विभाम में दिखते हैं) तो स्वरों की संख्या पंधरह १५ बन जाती है।
असल में अं और अः स्वर नहीं हैं। अपितु इन्हे स्वराश्रित अथवा स्वरादि कहा जाता हैं।
स्वराश्रित
स्वर + आश्रित – स्वराश्रित। जो हमेशा स्वरों के आश्रय (पनाह) में रहता है उसे स्वराश्रित कहते हैं। अं और अः ये दोनों भी स्वरों के अलावा नहीं रह सकते हैं। अतः ये स्वराश्रित हैं।
स्वरादि
स्वर + आदि – स्वरादि। जिनके आदि (शुरुआत) में स्वर होता है उन्हे स्वरादि कहते हैं। अं और अः की शुरुआत में हमेशा कोई ना कोई स्वर होता ही है।
सामान्य रूप से इन्हे अ के साथ दिखाया जाता है। परन्तु वाक्यों में हम इनको अन्य स्वरों के साथ भी देख सकते हैं। जैसे – मुनिं – इं। भानुं – उं। मुनिः – इः। भानुः – उः॥
🌐 kakshakaumudi.in
#sanskritlessons
जैसे कि हमने पहले बताया है कि वर्णमाला में स्वर तेरह हैं। तो इन स्वरों के पश्चात् स्वरों के विभाग में अनुस्वार (अं) और विसर्ग (अः) ये दो वर्ण दिखते हैं वे क्या हैं? इन दोनों को स्वरों में गिना जाए (क्योंकि वे स्वरों के विभाम में दिखते हैं) तो स्वरों की संख्या पंधरह १५ बन जाती है।
असल में अं और अः स्वर नहीं हैं। अपितु इन्हे स्वराश्रित अथवा स्वरादि कहा जाता हैं।
स्वराश्रित
स्वर + आश्रित – स्वराश्रित। जो हमेशा स्वरों के आश्रय (पनाह) में रहता है उसे स्वराश्रित कहते हैं। अं और अः ये दोनों भी स्वरों के अलावा नहीं रह सकते हैं। अतः ये स्वराश्रित हैं।
स्वरादि
स्वर + आदि – स्वरादि। जिनके आदि (शुरुआत) में स्वर होता है उन्हे स्वरादि कहते हैं। अं और अः की शुरुआत में हमेशा कोई ना कोई स्वर होता ही है।
सामान्य रूप से इन्हे अ के साथ दिखाया जाता है। परन्तु वाक्यों में हम इनको अन्य स्वरों के साथ भी देख सकते हैं। जैसे – मुनिं – इं। भानुं – उं। मुनिः – इः। भानुः – उः॥
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December 18, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰 विषयः - काशीतमिळसङ्गमः
🗓१९/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (वाराणस्यां जातस्य कार्यक्रमस्य विषये वदनीयम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 18, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - सप्तमी दोपहर 01:16 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ दिनांक - 19 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात उत्तराभाद्रपद
⛅ योग - सिद्धि शाम 06:38 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - दोपहर 03:17 से 04:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:15
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नंदा सप्तमी
#panchang
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
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⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - पूर्वभाद्रपद रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात उत्तराभाद्रपद
⛅ योग - सिद्धि शाम 06:38 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहु काल - दोपहर 03:17 से 04:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:15
⛅ सूर्यास्त - 05:58
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:10 से 01:03 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - नंदा सप्तमी
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December 18, 2023
December 18, 2023
December 18, 2023
December 18, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
काशीतमिळसड्गमः
काशीतमिळसड्गमः
December 18, 2023
🍃अनित्यं यौवनं रूपं जीवितं द्रव्य सञ्चय:।
आरोग्यं प्रियसंवासो गृध्येत् तत्र न पण्डितः।।
~महा० शान्ति० २०५/४
🔆यौवनं रूपं जीवनं धनादिकम् आरोग्यं प्रियजनानां सहवासः इत्येते विषयाः अनित्याः भवन्ति अतः एषु विवेकवान् जनः मोहं न कुर्यात्।
⚜यौवन,रूप,जीवन,धन-संग्रह,आरोग्य और प्रियजनों का समागम ये सब अनित्य हैं। विवेकशील पुरुषों को इसमें आसक्त नहीं होना चाहिए।
#Subhashitam
आरोग्यं प्रियसंवासो गृध्येत् तत्र न पण्डितः।।
~महा० शान्ति० २०५/४
🔆यौवनं रूपं जीवनं धनादिकम् आरोग्यं प्रियजनानां सहवासः इत्येते विषयाः अनित्याः भवन्ति अतः एषु विवेकवान् जनः मोहं न कुर्यात्।
⚜यौवन,रूप,जीवन,धन-संग्रह,आरोग्य और प्रियजनों का समागम ये सब अनित्य हैं। विवेकशील पुरुषों को इसमें आसक्त नहीं होना चाहिए।
#Subhashitam
December 18, 2023
December 19, 2023
December 19, 2023
शैत्यकाले सर्वे कम्पमानाः वर्तन्ते।
कम्पमानाः इत्यस्मिन् शब्दे कः प्रत्ययः सः च केभ्यः धातुभ्यः भवति।
कम्पमानाः इत्यस्मिन् शब्दे कः प्रत्ययः सः च केभ्यः धातुभ्यः भवति।
Anonymous Quiz
7%
शतृप्रत्ययः - आत्मनेपदिभ्यः
69%
शानच्प्रत्ययः - आत्मनेपदिभ्यः
16%
शानच्प्रत्ययः - परस्मैपदिभ्यः
8%
शतृप्रत्ययः - परस्मैपदिभ्यः
December 19, 2023
राजस्थान का प्रसिद्ध "अथानिया भरवां हरी मिर्ची" का अचार तैयार करने की विधि क्या है?
••राजस्थानस्य प्रसिद्धम् "अथानिया भरवां हरी मिर्ची" इति सन्धितं निर्मातुं का विधिः अस्ति?
हरी मिर्च साफ़ धोकर पोंछकर सूखा लेंI
••हरितमरिचानि सम्यक् प्रक्षाल्य मार्जयित्वा च शुष्काणि कुर्यात्।
मसाला भरने के लिए बिना डंडी हटाये एक चीरा लगा लेंI
••मरिचे उपस्करान् पूरयितुं दण्डिकाम् अस्थापयित्वा विदृणातु।
सरसों का तेल अच्छी तरह गर्म करके गैस बंद कर देंI
••सर्षपतैलं सम्यक्तया तापयित्वा वातेधनं पिदधातु।
मेथी को हल्की खुशबु आने तक भुन लेंI
••यावत् ईषत्सुगन्धः प्रसरेत् मेथिकायाः तावत् भर्जनं करोतु।
मेथी, राई और सौंफ को मिक्सी में पीस लेंI
••गन्धबीजां राजिकां शतपुष्पीं च मिश्रकयन्त्रेण चूर्णयतु।
इसे एक बाउल में निकालकर हल्का गर्म तेल डालकर मिलाएँI
••एनं मिश्रणम् एकस्यां कटोरिकायां मन्दतैलं निक्षिप्य मिश्रयतु।
नमक, हल्दी और लाल मिर्च पाउडर मिला लेंI
••लवणं हरिद्रां रक्तमरिचचूर्णं च मिश्रयतु।
अब इस मिश्रण को मिर्च मे भर लेंI
••अधुना एतत् मिश्रणं मरिचेषु पूरयतु।
कांच या चीनीमिट्टी के मर्तबान में ऊपर से कपड़े से ढक कर एक–दो दिन धूप लगा लें
••काचघट्यां चीनीमृत्तिकाघट्यां वा पटेन आच्छाद्य एकं वा द्वयं वा दिवसं यावत् सूर्यप्रकाशे स्थापयतु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••राजस्थानस्य प्रसिद्धम् "अथानिया भरवां हरी मिर्ची" इति सन्धितं निर्मातुं का विधिः अस्ति?
हरी मिर्च साफ़ धोकर पोंछकर सूखा लेंI
••हरितमरिचानि सम्यक् प्रक्षाल्य मार्जयित्वा च शुष्काणि कुर्यात्।
मसाला भरने के लिए बिना डंडी हटाये एक चीरा लगा लेंI
••मरिचे उपस्करान् पूरयितुं दण्डिकाम् अस्थापयित्वा विदृणातु।
सरसों का तेल अच्छी तरह गर्म करके गैस बंद कर देंI
••सर्षपतैलं सम्यक्तया तापयित्वा वातेधनं पिदधातु।
मेथी को हल्की खुशबु आने तक भुन लेंI
••यावत् ईषत्सुगन्धः प्रसरेत् मेथिकायाः तावत् भर्जनं करोतु।
मेथी, राई और सौंफ को मिक्सी में पीस लेंI
••गन्धबीजां राजिकां शतपुष्पीं च मिश्रकयन्त्रेण चूर्णयतु।
इसे एक बाउल में निकालकर हल्का गर्म तेल डालकर मिलाएँI
••एनं मिश्रणम् एकस्यां कटोरिकायां मन्दतैलं निक्षिप्य मिश्रयतु।
नमक, हल्दी और लाल मिर्च पाउडर मिला लेंI
••लवणं हरिद्रां रक्तमरिचचूर्णं च मिश्रयतु।
अब इस मिश्रण को मिर्च मे भर लेंI
••अधुना एतत् मिश्रणं मरिचेषु पूरयतु।
कांच या चीनीमिट्टी के मर्तबान में ऊपर से कपड़े से ढक कर एक–दो दिन धूप लगा लें
••काचघट्यां चीनीमृत्तिकाघट्यां वा पटेन आच्छाद्य एकं वा द्वयं वा दिवसं यावत् सूर्यप्रकाशे स्थापयतु।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 19, 2023
❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु
श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 22-12-2023
दिवसः - शुक्रवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- सुषमावर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
-
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
-
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- आभावर्या
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- विवेकवर्यः
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- भूमावर्या
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
-
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- सत्यावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- दीप्तीवर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- वीणावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- नागराजवर्यः
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
-
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
-
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
-
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
-
https://youtube.com/playlist?list=PLmozlYyYE-EQTBl_bIV916WQhLIEBx3B2
👆👆👆👆
अनेन भवन्तः उच्चारणं ज्ञातुं शक्नुवन्ति।
From here you can learn how to chant.
श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 22-12-2023
दिवसः - शुक्रवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- सुषमावर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
-
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
-
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- आभावर्या
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- विवेकवर्यः
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- भूमावर्या
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
-
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- सत्यावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- दीप्तीवर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- वीणावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- नागराजवर्यः
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
-
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
-
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
-
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
-
https://youtube.com/playlist?list=PLmozlYyYE-EQTBl_bIV916WQhLIEBx3B2
👆👆👆👆
अनेन भवन्तः उच्चारणं ज्ञातुं शक्नुवन्ति।
From here you can learn how to chant.
December 19, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
अं और अः क्या हैं? जैसे कि हमने पहले बताया है कि वर्णमाला में स्वर तेरह हैं। तो इन स्वरों के पश्चात् स्वरों के विभाग में अनुस्वार (अं) और विसर्ग (अः) ये दो वर्ण दिखते हैं वे क्या हैं? इन दोनों को स्वरों में गिना जाए (क्योंकि वे स्वरों के विभाम में दिखते हैं)…
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December 19, 2023
December 19, 2023
December 19, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
🗓२०/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (संस्कृतकथां, सुभाषितं, हास्यकणिकां ,स्वस्य कञ्चित् उत्तमम् अनुभवं , प्रेरकप्रसङ्गं ,लौकिकन्यायं वा वदन्तु) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - सुभाषितादीनि
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
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December 19, 2023
December 19, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 11:14 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 20 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:58 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - व्यतिपात शाम 03:57 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:37 से 01:58 तक
⛅ सूर्योदय - 07:15
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - बुधवार अष्टमी, व्यतिपात योग
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - अष्टमी दोपहर 11:14 तक तत्पश्चात नवमी
⛅ दिनांक - 20 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - उत्तराभाद्रपद रात्रि 10:58 तक तत्पश्चात रेवती
⛅ योग - व्यतिपात शाम 03:57 तक तत्पश्चात वरियान
⛅ राहु काल - दोपहर 12:37 से 01:58 तक
⛅ सूर्योदय - 07:15
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - बुधवार अष्टमी, व्यतिपात योग
December 19, 2023
December 19, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah pinned «❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु श्रीमद्भगवद्गीता सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति। The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited. समयः - 09:00AM IST दिनाङ्कः - 22-12-2023 दिवसः - शुक्रवासरः •ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः…»
December 19, 2023
December 19, 2023
🍃काकस्य गात्रं यदि काञ्चनस्य माणिक्यरत्नं यदि चन्चुदेशे।
एकैकपक्षे ग्रथितं मणीनां तथापि काको न तु राजहंसः।।
🔆 भवतु नाम शरीरं काकस्य सुवर्णस्य चञ्चौ च रत्नं भवेत् तथा प्रत्येकं पक्षे मणयः भवन्तु तथापि काकस्तु काको एव तिष्ठति न सः राजहंसः भवति। इत्युक्ते जीवने बाह्याडम्बरैः किमपि न सिद्ध्यति।
⚜कौए का शरीर सोने का बनाया जाए, उसकी चोंच में माणिक्य रत्न लगाए जाएं तथा सभी पंखों में मणियां गूंथ दी जाएं; फिर भी कौआ, कौआ ही रहेगा, राजहंस कभी नहीं हो सकता।
नीतिशास्त्र
#Subhashitam
एकैकपक्षे ग्रथितं मणीनां तथापि काको न तु राजहंसः।।
🔆 भवतु नाम शरीरं काकस्य सुवर्णस्य चञ्चौ च रत्नं भवेत् तथा प्रत्येकं पक्षे मणयः भवन्तु तथापि काकस्तु काको एव तिष्ठति न सः राजहंसः भवति। इत्युक्ते जीवने बाह्याडम्बरैः किमपि न सिद्ध्यति।
⚜कौए का शरीर सोने का बनाया जाए, उसकी चोंच में माणिक्य रत्न लगाए जाएं तथा सभी पंखों में मणियां गूंथ दी जाएं; फिर भी कौआ, कौआ ही रहेगा, राजहंस कभी नहीं हो सकता।
नीतिशास्त्र
#Subhashitam
December 19, 2023
December 19, 2023
December 19, 2023
December 20, 2023
तपस्सवाध्यायनिरतं तपस्वी वाग्विदां वरम्।
नारदं परिपप्रच्छ वाल्मीकिर्मुनिपुङ्गवम्। ।
श्लोके क्रियापदं किं तस्य लकारश्च कः।
नारदं परिपप्रच्छ वाल्मीकिर्मुनिपुङ्गवम्। ।
श्लोके क्रियापदं किं तस्य लकारश्च कः।
Anonymous Quiz
10%
पुङ्गवम् - लट्लकारः
73%
परिपप्रच्छ - लिट्लकारः
12%
वाग्विदाम् - लोट्लकारः
5%
निरतम् - विधिलिङ्लकारः
December 20, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
राजस्थान का प्रसिद्ध "अथानिया भरवां हरी मिर्ची" का अचार तैयार करने की विधि क्या है? ••राजस्थानस्य प्रसिद्धम् "अथानिया भरवां हरी मिर्ची" इति सन्धितं निर्मातुं का विधिः अस्ति? हरी मिर्च साफ़ धोकर पोंछकर सूखा लेंI ••हरितमरिचानि सम्यक् प्रक्षाल्य मार्जयित्वा…
एयर टाइट जार में स्टोर करेंI
••वायुरोधकघट्टयां संग्रहणं करोतु।
कुछ लोग इसमें खटाई के लिए नींबु/आमचूर पाउडर का भी इस्तेमाल करते हैंI
••केचन जनाः अम्लतायाः कृते निम्बुकस्य शुष्काम्रचूर्णस्य वापि उपयोगं कुर्वन्ति।
लेकिन इसके बिना भी यह राई के अधिक इस्तेमाल की वजह से खट्टा हो जाता हैI
••परन्तु एतत् विना अपि रक्तसर्षपस्य अतिप्रयोगात् एतत् अम्लीयं भवति।
दूसरे अचारों की तुलना मे इसमें नमक थोड़ा ज्यादा डाला जाता है जो इसे प्रीज़र्व करने में मदद करता हैI
••अन्येभ्यः सन्धितेभ्यः अपेक्षया एतस्मिन् किञ्चित् अधिकं लवणं निक्षिप्यते यत् एतस्य संरक्षणे सहायकं भवति।
राई 1/2 कप
••रक्सतर्षपः अर्धचषकपरिमित:।
हरी मिर्च ढाई सौ ग्राम
••हरितमरिचं पञ्चाशदधिकद्विशतं ग्रामपरिमितम्।
सौंफ 1/4 कप
=मधुरा चतुर्थांशचषकपरिमिता।
मेथी 1/4 कप
= मेथिका चतुर्थांशचषकपरिमिता।
लाल मिर्च स्वादानुसार (ऐच्छिक)
••रक्तमरिचम् ऐच्छिकस्वादानुसारम्।
नमक 2 टेबल स्पून/स्वादानुसार
=लवणं चमसद्वयपरिमितम् स्वादानुसारम्
हल्दी 1 टेबल स्पून
= काञ्चनी एकचमषपरिमिता
सरसों का तेल 2 टेबल स्पून
=सर्षपतैलं द्विचमसपरिमितम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••वायुरोधकघट्टयां संग्रहणं करोतु।
कुछ लोग इसमें खटाई के लिए नींबु/आमचूर पाउडर का भी इस्तेमाल करते हैंI
••केचन जनाः अम्लतायाः कृते निम्बुकस्य शुष्काम्रचूर्णस्य वापि उपयोगं कुर्वन्ति।
लेकिन इसके बिना भी यह राई के अधिक इस्तेमाल की वजह से खट्टा हो जाता हैI
••परन्तु एतत् विना अपि रक्तसर्षपस्य अतिप्रयोगात् एतत् अम्लीयं भवति।
दूसरे अचारों की तुलना मे इसमें नमक थोड़ा ज्यादा डाला जाता है जो इसे प्रीज़र्व करने में मदद करता हैI
••अन्येभ्यः सन्धितेभ्यः अपेक्षया एतस्मिन् किञ्चित् अधिकं लवणं निक्षिप्यते यत् एतस्य संरक्षणे सहायकं भवति।
राई 1/2 कप
••रक्सतर्षपः अर्धचषकपरिमित:।
हरी मिर्च ढाई सौ ग्राम
••हरितमरिचं पञ्चाशदधिकद्विशतं ग्रामपरिमितम्।
सौंफ 1/4 कप
=मधुरा चतुर्थांशचषकपरिमिता।
मेथी 1/4 कप
= मेथिका चतुर्थांशचषकपरिमिता।
लाल मिर्च स्वादानुसार (ऐच्छिक)
••रक्तमरिचम् ऐच्छिकस्वादानुसारम्।
नमक 2 टेबल स्पून/स्वादानुसार
=लवणं चमसद्वयपरिमितम् स्वादानुसारम्
हल्दी 1 टेबल स्पून
= काञ्चनी एकचमषपरिमिता
सरसों का तेल 2 टेबल स्पून
=सर्षपतैलं द्विचमसपरिमितम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 20, 2023
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🔰विषयः - भज गोविन्दम्
🗓२१/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (भज गोविन्दम् इति स्तोत्रस्य कस्यचित् श्लोकस्य विवरणं करणीयम्) अभिक्रम्य आगच्छत।
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🗓२१/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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December 20, 2023
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🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - नवमी सुबह 09:37 तक तत्पश्चात दशमी
⛅ दिनांक - 21 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - वरियान दोपहर 01:28 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 01:58 से 03:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:16
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
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⛅ दिनांक - 21 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - हेमंत
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रेवती रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅ योग - वरियान दोपहर 01:28 तक तत्पश्चात परिघ
⛅ राहु काल - दोपहर 01:58 से 03:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:16
⛅ सूर्यास्त - 05:59
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:11 से 01:04 तक
December 20, 2023
December 20, 2023
December 20, 2023
🍃यथा द्यौश्च पृथिवी च न बिभीतो न रिष्यतः।
एवा मे प्राण मा विभेः।।
🔆 यथा पृथिवी आकाशश्च न तु भयं प्राप्नुतः न च नश्यतः तथैव मम प्राणाः अपि भवन्तु।
अर्थात् कदापि भयं न करणीयम्।
⚜जिस प्रकार आकाश एवं पृथ्वी न भयग्रस्त होते हैं और न इनका नाश होता है, उसी प्रकार हे मेरे प्राण ! तुम भी भयमुक्त रहो (अभिप्राय कि व्यक्ति को कभी किसी भी प्रकार का भय नहीं पालना चाहिए)।
#Subhashitam
एवा मे प्राण मा विभेः।।
🔆 यथा पृथिवी आकाशश्च न तु भयं प्राप्नुतः न च नश्यतः तथैव मम प्राणाः अपि भवन्तु।
अर्थात् कदापि भयं न करणीयम्।
⚜जिस प्रकार आकाश एवं पृथ्वी न भयग्रस्त होते हैं और न इनका नाश होता है, उसी प्रकार हे मेरे प्राण ! तुम भी भयमुक्त रहो (अभिप्राय कि व्यक्ति को कभी किसी भी प्रकार का भय नहीं पालना चाहिए)।
#Subhashitam
December 20, 2023
December 20, 2023
December 20, 2023
December 21, 2023
December 21, 2023
से
--
(१)राम सोमवार से बीमार है
= रामः सोमवासरतः इदानीं यावत् रुग्णोऽस्ति।
(२)सुबह से वर्षा हो रही है
= प्रातःकालात् इदानीं यावत् वृष्टिः भवति।
(३)राम एक महीने से बीमार है
= रामः मासं रुग्णोऽस्ति।
(४)मैं जब से यहां आया तब से पन्द्रह वर्ष बीत गए हैं
= यदारभ्य अहम् अत्र आगतः तदारभ्य पञ्चदशवर्षाणि व्यतीतानि।
(५)राम सबसे अच्छा है
= रामः सर्वेषु सर्वोत्कृष्टः अस्ति।
(६)राम श्याम से अच्छा है
= रामः शयामतः उत्तमतरः।
(७) मेरे लिए भिक्षा मांगने से मरना अच्छा है
= मम कृते भिक्षायाचनतः आत्महत्या वरम्।
(८)मैंने उससे कहा
= मया स कथितः।
(९) मैं ध्यान से पढ़ता हूं
= अहं ध्यानेन अध्ययनं करोमि।
(१०)मेरा कुत्ता कुर्सी से कूद गया
= मम सारमेयः आसन्द्याः अकूर्दत।
(११)मेरा मकान आग से नष्ट हो गया
= मम हर्म्यम् अग्निकाण्डेन नष्टम् अभवत्।
(१२) इंजन वाष्प से चलता है
=अभियन्त्रः वाष्पैः चलति
(१३)उसने मुझे जाने से रोका
= स मां गमनात् न्यवारत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
--
(१)राम सोमवार से बीमार है
= रामः सोमवासरतः इदानीं यावत् रुग्णोऽस्ति।
(२)सुबह से वर्षा हो रही है
= प्रातःकालात् इदानीं यावत् वृष्टिः भवति।
(३)राम एक महीने से बीमार है
= रामः मासं रुग्णोऽस्ति।
(४)मैं जब से यहां आया तब से पन्द्रह वर्ष बीत गए हैं
= यदारभ्य अहम् अत्र आगतः तदारभ्य पञ्चदशवर्षाणि व्यतीतानि।
(५)राम सबसे अच्छा है
= रामः सर्वेषु सर्वोत्कृष्टः अस्ति।
(६)राम श्याम से अच्छा है
= रामः शयामतः उत्तमतरः।
(७) मेरे लिए भिक्षा मांगने से मरना अच्छा है
= मम कृते भिक्षायाचनतः आत्महत्या वरम्।
(८)मैंने उससे कहा
= मया स कथितः।
(९) मैं ध्यान से पढ़ता हूं
= अहं ध्यानेन अध्ययनं करोमि।
(१०)मेरा कुत्ता कुर्सी से कूद गया
= मम सारमेयः आसन्द्याः अकूर्दत।
(११)मेरा मकान आग से नष्ट हो गया
= मम हर्म्यम् अग्निकाण्डेन नष्टम् अभवत्।
(१२) इंजन वाष्प से चलता है
=अभियन्त्रः वाष्पैः चलति
(१३)उसने मुझे जाने से रोका
= स मां गमनात् न्यवारत्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 21, 2023
❗️ये वक्तुमिच्छन्ति इच्छन्ति ते अध्यायनाम लिखित्वा प्रेषयन्तु
श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 22-12-2023
दिवसः - शुक्रवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- सुषमावर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
- दुर्गावर्या
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- आभावर्या
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- विवेकवर्यः
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- भूमावर्या
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
- यमुनावर्या
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- सत्यावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- दीप्तीवर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- वीणावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- नागराजवर्यः
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
- राहुलमाइतिवर्यः
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
- गौतमवर्यः
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
- सुरेखावर्या
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
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अनेन भवन्तः उच्चारणं ज्ञातुं शक्नुवन्ति।
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श्रीमद्भगवद्गीता
सम्पूर्णायाः भगवद्गीतायाः पारायणं भविष्यति।
The entire श्रीमद्भगवद्गीता will be recited.
समयः - 09:00AM IST
दिनाङ्कः - 22-12-2023
दिवसः - शुक्रवासरः
•ध्यानश्लोकाः माहात्म्यश्लोकाः च
- पद्मावतीवर्या
•प्रथमोऽध्यायः (अर्जुनविषादयोगः)
- सुषमावर्या
•द्वितीयोऽध्यायः(साङ्ख्ययोगः)
- सुरेखावर्या
•तृतीयोऽध्यायः(कर्मयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•चतुर्थोऽध्यायः
(ज्ञानकर्मसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
•पञ्चमोऽध्यायः(कर्मसन्न्यासयोगः)
- दुर्गावर्या
•षष्ठोऽध्यायः(आत्मसंयमयोगः)
- आभावर्या
•सप्तमोऽध्यायः(ज्ञानविज्ञानयोगः)
- विवेकवर्यः
•अष्टमोऽध्यायः(अक्षरब्रह्मयोगः)
- भूमावर्या
•नवमोऽध्यायः
(राजविद्याराजगुह्ययोगः)
- यमुनावर्या
•दशमोऽध्यायः(विभूतियोगः)
- सत्यावर्या
•एकादशोऽध्यायः(विश्वरूपदर्शनयोगः)
- ज्योतिलक्ष्मीवर्या
•द्वादशोऽध्यायः(भक्तियोगः)
- दीप्तीवर्या
•त्रयोदशोऽध्यायः
(क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः)
- वीणावर्या
•चतुर्दशोध्यायः(गुणत्रयविभागयोगः)
- नागराजवर्यः
•पञ्चदशोऽध्यायः(पुरुषोत्तमयोगः)
- राहुलमाइतिवर्यः
•षोडशोऽध्यायः
(दैवासुरसम्पद्विभागयोगः)
- गौतमवर्यः
•सप्तदशोऽध्यायः
(श्रद्धात्रयविभागयोगः)
- सुरेखावर्या
•अष्टादशोऽध्यायः(मोक्षसन्न्यासयोगः)
- लक्ष्मीवर्या
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December 21, 2023
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⛅ दिनांक - 22 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
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⛅ नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 09:36 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - परिघ सुबह 11:11 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 11:18 से 12:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:16
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (स्मार्त), मौनी एकादशी (जैन), श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, शिशिर ऋतु प्रारम्भ, वर्ष का सबसे छोटा दिन
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - दशमी सुबह 08:16 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ दिनांक - 22 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 09:36 तक तत्पश्चात भरणी
⛅ योग - परिघ सुबह 11:11 तक तत्पश्चात शिव
⛅ राहु काल - सुबह 11:18 से 12:38 तक
⛅ सूर्योदय - 07:16
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:23 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (स्मार्त), मौनी एकादशी (जैन), श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, शिशिर ऋतु प्रारम्भ, वर्ष का सबसे छोटा दिन
December 21, 2023
December 21, 2023
December 21, 2023
December 21, 2023
श्रीमद्भगवद्गीतापारायणम्
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
श्रीमद्भगवद्गीतापारायणम् #gita
December 21, 2023
🍃अर्था भवन्ति गच्छन्ति लभ्यते च पुन: पुन:।
पुन: कदापि नायाति गतं तु नवयौवनम्।।
🔆 मानः धनम् ऐश्वर्यं प्रभुत्वम् इत्येते सर्वे आगच्छन्ति गच्छन्ति च किन्तु गतः आयुः न पुनः कदापि आयाति।
अतः जीवने सदा सत्कार्येषु एव समयः यापनीयः।
⚜धन मिलता और नष्ट होता रहता है, नष्ट होने के बाद फिर से प्राप्त हो जाता है, परन्तु जवानी एक बार निकल जाए तो कभी वापस नही आती, अतः विपुल क्षमता, जोश एवम् महाशक्ति से सम्पन्न यौवन का एक एक अमूल्य पल ऐसे सत्कर्मों में व्यय करना चाहिए कि शरीर समाप्त होने के बाद भी समाज और राष्ट्र हमें याद करता रहे।
#Subhashitam
पुन: कदापि नायाति गतं तु नवयौवनम्।।
🔆 मानः धनम् ऐश्वर्यं प्रभुत्वम् इत्येते सर्वे आगच्छन्ति गच्छन्ति च किन्तु गतः आयुः न पुनः कदापि आयाति।
अतः जीवने सदा सत्कार्येषु एव समयः यापनीयः।
⚜धन मिलता और नष्ट होता रहता है, नष्ट होने के बाद फिर से प्राप्त हो जाता है, परन्तु जवानी एक बार निकल जाए तो कभी वापस नही आती, अतः विपुल क्षमता, जोश एवम् महाशक्ति से सम्पन्न यौवन का एक एक अमूल्य पल ऐसे सत्कर्मों में व्यय करना चाहिए कि शरीर समाप्त होने के बाद भी समाज और राष्ट्र हमें याद करता रहे।
#Subhashitam
December 21, 2023
December 22, 2023
December 22, 2023
कि
----
(१) मेरे पिताजी ने नौकर को कहा कि बाजार से एक किलो टमाटर खरीदकर ले आओ=
••मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान् यत् आपणत: एककिलोपरिमितं रक्ताङ्गं क्रीत्वा आनय।
•• आपणत: एककिलोपरिमितं वार्तकीं क्रीत्वा आनयेति मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान्।
(२)मैंने मन ही मन सोचा कि यह कितना सीधा लड़का है।
= अन्तर्मनसि अचिन्तयम् यत् एष कुमारः कियान् आर्जवः।
= एष कुमार: कियान् प्रगुण इत्यहम् अन्तर्मनसि अचिन्तयम्।
(३)उसने मुझसे पूछा कि आजकल मैं क्या-क्या करता हूं और किस प्रकार जीवन बिताता हूं =
••स मामपृच्छत् यत् अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि केन च प्रकारेण जीवनयापनं करोमि।
•• अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि कथञ्च जीवनं यापयामीति स मामपृच्छत्।
(४)क्या आप जानते हैं कि वह आजकल मेहनत करता है या नहीं= किं भवान् जानाति यत् स अद्यत्वे श्रमं करोति न वा ?
(५)मुझे मालुम नहीं है कि वह शादीशुदा है या नहीं=
मया न ज्ञातं यत् स विवाहित: वा न?
(६)हमें चाहिए कि पंचवर्षीय योजना को सफल बनाएं = वयं पंचवर्षीयं योजनां सफलां कुर्याम।
(७)हमलोगों को चाहिए कि गरीबों की मदद करें =
वयं निर्धनानां साहाय्यं कुर्याम।
(८)यह सर्वसम्मति से तय हुआ कि वह उम्मीदवार हो=
एतत् सर्वसम्मतया निर्णीतोऽभवत् यत् स प्रत्याशी भवतु।
(९)वह बिछावन पर लेटा ही था कि एक सांप निकल पड़ा =
स शय्यायाम् अशयिष्ट एव ,तत्क्षणैव एक: अहि: निर्गत:।
(१०)चोर घर में घुसा ही था कि मेरी नींद खुल गई=
चौर: हर्म्यम् अविक्षदेव,तत्क्षणैव अहम् अजागरिषम्।
(११)मेरे मित्रों ने प्रस्ताव किया कि हमलोग छुट्टियों में समाज की सेवा करें=
मम मित्राणि अभिहितवन्त: यत् वयम् अवकाशकालेषु समाजसेवां कुर्याम।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
----
(१) मेरे पिताजी ने नौकर को कहा कि बाजार से एक किलो टमाटर खरीदकर ले आओ=
••मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान् यत् आपणत: एककिलोपरिमितं रक्ताङ्गं क्रीत्वा आनय।
•• आपणत: एककिलोपरिमितं वार्तकीं क्रीत्वा आनयेति मम तातो भृत्यमादिष्ट्वान्।
(२)मैंने मन ही मन सोचा कि यह कितना सीधा लड़का है।
= अन्तर्मनसि अचिन्तयम् यत् एष कुमारः कियान् आर्जवः।
= एष कुमार: कियान् प्रगुण इत्यहम् अन्तर्मनसि अचिन्तयम्।
(३)उसने मुझसे पूछा कि आजकल मैं क्या-क्या करता हूं और किस प्रकार जीवन बिताता हूं =
••स मामपृच्छत् यत् अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि केन च प्रकारेण जीवनयापनं करोमि।
•• अद्यत्वेऽहं किं-किं करोमि कथञ्च जीवनं यापयामीति स मामपृच्छत्।
(४)क्या आप जानते हैं कि वह आजकल मेहनत करता है या नहीं= किं भवान् जानाति यत् स अद्यत्वे श्रमं करोति न वा ?
(५)मुझे मालुम नहीं है कि वह शादीशुदा है या नहीं=
मया न ज्ञातं यत् स विवाहित: वा न?
(६)हमें चाहिए कि पंचवर्षीय योजना को सफल बनाएं = वयं पंचवर्षीयं योजनां सफलां कुर्याम।
(७)हमलोगों को चाहिए कि गरीबों की मदद करें =
वयं निर्धनानां साहाय्यं कुर्याम।
(८)यह सर्वसम्मति से तय हुआ कि वह उम्मीदवार हो=
एतत् सर्वसम्मतया निर्णीतोऽभवत् यत् स प्रत्याशी भवतु।
(९)वह बिछावन पर लेटा ही था कि एक सांप निकल पड़ा =
स शय्यायाम् अशयिष्ट एव ,तत्क्षणैव एक: अहि: निर्गत:।
(१०)चोर घर में घुसा ही था कि मेरी नींद खुल गई=
चौर: हर्म्यम् अविक्षदेव,तत्क्षणैव अहम् अजागरिषम्।
(११)मेरे मित्रों ने प्रस्ताव किया कि हमलोग छुट्टियों में समाज की सेवा करें=
मम मित्राणि अभिहितवन्त: यत् वयम् अवकाशकालेषु समाजसेवां कुर्याम।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 22, 2023
December 22, 2023
December 22, 2023
December 22, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - गीतायाः महत्त्वमस्माकं जीवने
🗓२३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् (श्रीमद्भगवद्गीतायाः अस्माकं जीवने महत्त्वं किमस्ति) अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - गीतायाः महत्त्वमस्माकं जीवने
🗓२३/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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December 22, 2023
December 22, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी सुबह 07:11 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 23 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - भरणी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात कृत्तिका
⛅ योग - शिव सुबह 09:08 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 09:58 से 11:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (भागवत)
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - एकादशी सुबह 07:11 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ दिनांक - 23 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - भरणी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात कृत्तिका
⛅ योग - शिव सुबह 09:08 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहु काल - सुबह 09:58 से 11:18 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:00
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:12 से 01:05 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - मोक्षदा एकादशी (भागवत)
December 22, 2023
December 22, 2023
December 22, 2023
🍃
॥बौधायनधर्मसूत्रम्॥
🔅अस्माकम् शरीरम् जलेन स्वच्छं/पवित्रं भवति, अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति, यथा यथा च वयं ज्ञानं प्राप्नुमः, अस्माकं बुद्धिः पवित्रा भवति, मनुष्यस्य आत्मा अहिंसया शुद्धः भवति, सत्यस्य आचरणेन मनः पवित्रम् भवति।
⚜हमारा शरीर जल से स्वच्छ/पवित्र होता है, हमारी बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है, और जैसे-जैसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हमारी बुद्धि पवित्र होती जाती है। मनुष्य की आत्मा अहिंसा से पवित्र (शुद्ध) होती है, सत्य के आचरण से मन पवित्र होता है।
#subhashitam
अद्भिः शुध्यन्ति गात्राणि, बुद्धिः ज्ञानेन शुध्यति।
अहिंसया च भूतात्मा मनः सत्येन शुध्यति॥
॥बौधायनधर्मसूत्रम्॥
🔅अस्माकम् शरीरम् जलेन स्वच्छं/पवित्रं भवति, अस्माकं बुद्धिः ज्ञानेन शुद्धा भवति, यथा यथा च वयं ज्ञानं प्राप्नुमः, अस्माकं बुद्धिः पवित्रा भवति, मनुष्यस्य आत्मा अहिंसया शुद्धः भवति, सत्यस्य आचरणेन मनः पवित्रम् भवति।
⚜हमारा शरीर जल से स्वच्छ/पवित्र होता है, हमारी बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है, और जैसे-जैसे हम ज्ञान प्राप्त करते हैं, हमारी बुद्धि पवित्र होती जाती है। मनुष्य की आत्मा अहिंसा से पवित्र (शुद्ध) होती है, सत्य के आचरण से मन पवित्र होता है।
#subhashitam
December 22, 2023
December 22, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
गीतायाः महत्वमस्माकं जीवने
#samlapshala
#samlapshala
December 23, 2023
December 23, 2023
December 23, 2023
December 23, 2023
ध्यान पूर्वक समझिए सनातन संस्कृति की अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला को
•• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु।
हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है
•• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य छेदनेन निर्मितम् अस्ति ।
आदमी कितनी भी मेहनत कर ले परन्तु यह बिना मशीनों के संभव नही है।
•• मनुष्यः कियदपि परिश्रमं कुर्यात्, परन्तु यन्त्रैः विना न सम्भवति।
मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई ?
•• मोहनजोदड़ो हड़प्पा-सभ्यता कथं समाप्ता अभवत्?
आज विज्ञान भी कहता है की ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी परमाणु बम गिरा हो जबकि हमारा वर्तमान विज्ञान परमाणु बम का पहली बार उपयोग दूसरे विश्व युद्ध मे मानता है।
••अद्यत्वे विज्ञानमपि वदति यत् अत्र परमाणुबम्ब: पातितः इव प्रतीयते, यद्यपि अस्माकं वर्तमानविज्ञानं द्वितीयविश्वयुद्धे प्रथमवारं परमाणुबम्बस्य उपयोगं विचारयति।
इन चट्टानों को काटना ही बड़ी बात नही है बल्कि इस तरह का नक्शा तैयार करना भी बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात है ऐसे निर्माण की कल्पना करना।
•• एतेषां शिलाखण्डाणां कर्तनमेव न केवलं महत् कार्यं, अपितु एतादृशस्य मानचित्रस्य सज्जीकरणमपि महत्कार्यमस्ति तथा च तस्मात् अपि महत्त्वपूर्णं यत् एतादृशस्य निर्माणस्य कल्पना अस्ति।
या तो यह माना जा सकता है कि देवताओं के द्वारा इनका निर्माण किया है या हमारे पूर्वज ज्ञान और विज्ञान में हमसे बहुत ज्यादा आगे थे।
••एतानि देवैः निर्मितानि इति वा अस्माकं पूर्वजाः ज्ञानविज्ञाने अस्मभ्यं बहु अग्रे आसन् इति वा कल्पयितुं शक्यते ।
पश्चिम की प्राचीन एलियंस थ्योरी भी ज्यादा गलत नही है।
••पश्चिमस्य प्राचीनः परग्रहसिद्धान्तः अपि बहु दोषो नास्ति।
चाहे वह सनातन इतिहास हो या किसी अन्य किसी पंथ का इतिहास।
•• कामं स सनातन-इतिहासो भवेत् उत् कस्यचिद् अन्यसम्प्रदायस्य इतिहास:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु।
हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है
•• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य छेदनेन निर्मितम् अस्ति ।
आदमी कितनी भी मेहनत कर ले परन्तु यह बिना मशीनों के संभव नही है।
•• मनुष्यः कियदपि परिश्रमं कुर्यात्, परन्तु यन्त्रैः विना न सम्भवति।
मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता कैसे समाप्त हुई ?
•• मोहनजोदड़ो हड़प्पा-सभ्यता कथं समाप्ता अभवत्?
आज विज्ञान भी कहता है की ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहां कभी परमाणु बम गिरा हो जबकि हमारा वर्तमान विज्ञान परमाणु बम का पहली बार उपयोग दूसरे विश्व युद्ध मे मानता है।
••अद्यत्वे विज्ञानमपि वदति यत् अत्र परमाणुबम्ब: पातितः इव प्रतीयते, यद्यपि अस्माकं वर्तमानविज्ञानं द्वितीयविश्वयुद्धे प्रथमवारं परमाणुबम्बस्य उपयोगं विचारयति।
इन चट्टानों को काटना ही बड़ी बात नही है बल्कि इस तरह का नक्शा तैयार करना भी बड़ी बात है और उससे भी बड़ी बात है ऐसे निर्माण की कल्पना करना।
•• एतेषां शिलाखण्डाणां कर्तनमेव न केवलं महत् कार्यं, अपितु एतादृशस्य मानचित्रस्य सज्जीकरणमपि महत्कार्यमस्ति तथा च तस्मात् अपि महत्त्वपूर्णं यत् एतादृशस्य निर्माणस्य कल्पना अस्ति।
या तो यह माना जा सकता है कि देवताओं के द्वारा इनका निर्माण किया है या हमारे पूर्वज ज्ञान और विज्ञान में हमसे बहुत ज्यादा आगे थे।
••एतानि देवैः निर्मितानि इति वा अस्माकं पूर्वजाः ज्ञानविज्ञाने अस्मभ्यं बहु अग्रे आसन् इति वा कल्पयितुं शक्यते ।
पश्चिम की प्राचीन एलियंस थ्योरी भी ज्यादा गलत नही है।
••पश्चिमस्य प्राचीनः परग्रहसिद्धान्तः अपि बहु दोषो नास्ति।
चाहे वह सनातन इतिहास हो या किसी अन्य किसी पंथ का इतिहास।
•• कामं स सनातन-इतिहासो भवेत् उत् कस्यचिद् अन्यसम्प्रदायस्य इतिहास:।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 23, 2023
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दैवगिरा विज्ञापनम्।
December 23, 2023
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December 23, 2023
गीता सुगीता कर्तव्या।
अनौपचारिककेन्द्रेषु गीताजयन्ती।
अनौपचारिककेन्द्रेषु गीताजयन्ती।
December 23, 2023
December 23, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (ॐ पीयूषः)
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी प्रातः 05:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 24 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - सिद्ध सुबह 07:18 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - शाम 04:40 से 06:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वादशी प्रातः 05:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅दिनांक - 24 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग - सिद्ध सुबह 07:18 तक तत्पश्चात साध्य
⛅ राहु काल - शाम 04:40 से 06:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:17
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:31 से 06:24 तक
⛅ निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:13 से 01:06 तक
⛅ व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत
December 23, 2023
December 23, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - सामान्यं जल्पनम्।
🗓२४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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🔰विषयः - सामान्यं जल्पनम्।
🗓२४/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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December 23, 2023
December 23, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
सामान्यं जल्पनम्
सामान्यं जल्पनम्
December 23, 2023
December 23, 2023
🍃
🔅सत्यस्य एव सर्वदा जयः भवति, अनृतम् असत्यं कदापि अन्ते जयं न आप्नोति। महापुरुषाणां मार्गः सत्येन एव परिपूर्णः। सफलमनोरथाः ऋषयः येन मार्गेण गच्छन्ति यत्र च प्राप्नुवन्ति सः मार्गः सत्यस्य एव मार्गः, सत्यस्य परमम् धाम तदेव वर्तते।
⚜सत्य की ही सदा जीत होती है। झूठ (जो सच या ऋत-शाश्वत् नहीं है) अन्त में विजय कदापि प्राप्त नहीं करता। जिनके मनोरथ सफल (पूर्ण) हो गए हैं, ऐसे ऋषि जिस मार्ग से जाते हैं और जहाँ पर पहुँचते हैं, वह मार्ग सत्य का ही मार्ग है, सत्य का सबसे बड़ा स्थान (आश्रय) वही है।
#subhashitam
सत्यमेव जयति नानृतम्
सत्येन पन्था विततो देवयानः।
येनाक्रमन्त्षयो ह्याप्तकामाः
यत्र तत् सत्यस्य परमं निधानम्॥
॥मुण्डकोपनिषद्॥🔅सत्यस्य एव सर्वदा जयः भवति, अनृतम् असत्यं कदापि अन्ते जयं न आप्नोति। महापुरुषाणां मार्गः सत्येन एव परिपूर्णः। सफलमनोरथाः ऋषयः येन मार्गेण गच्छन्ति यत्र च प्राप्नुवन्ति सः मार्गः सत्यस्य एव मार्गः, सत्यस्य परमम् धाम तदेव वर्तते।
⚜सत्य की ही सदा जीत होती है। झूठ (जो सच या ऋत-शाश्वत् नहीं है) अन्त में विजय कदापि प्राप्त नहीं करता। जिनके मनोरथ सफल (पूर्ण) हो गए हैं, ऐसे ऋषि जिस मार्ग से जाते हैं और जहाँ पर पहुँचते हैं, वह मार्ग सत्य का ही मार्ग है, सत्य का सबसे बड़ा स्थान (आश्रय) वही है।
#subhashitam
December 23, 2023
एषा विना कारणं न _________।
Anonymous Quiz
29%
निन्दानीया
44%
निन्दितव्या
9%
निन्दिताव्या
18%
निन्दिनीया
December 24, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
ध्यान पूर्वक समझिए सनातन संस्कृति की अद्भुत वास्तुकला और शिल्पकला को •• सनातनसंस्कृते: अद्भुत-वास्तुकलां शिल्पकलां च ध्यानपूर्वकं अवगच्छन्तु। हजारो वर्ष पुराना यह पूरा मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बना है •• सहस्रवर्षपुराणम् एतत् पूर्णमन्दिरं एकस्यैव शिलाखण्डस्य…
प्रत्येक का मानना है की अन्य ग्रहों से भी उन्नत संस्कृति के लोग धरती पर आते थे और धरती की संस्कृति को अपना योगदान देने में सहायक थे
•• अन्यग्रहेभ्यः अपि उन्नतसंस्कृतेः जनाः पृथिव्याम् आगत्य पृथिव्याः संस्कृतिं प्रति स्वयोगदानं दत्तुं सहायकाः आसन् इति सर्वेषां मतम्।
महाबलीपुरम के समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर प्राचीन वास्तु कला का उदहारण है।
•• महाबलीपुरमस्य समुद्रतटे स्थितम् इदं मन्दिरं प्राचीनवास्तुकलानां उदाहरणम् अस्ति।
मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित है।
•• मन्दिरं भगवद्भ्यां शिवाय विष्णवे च समर्पितमस्ति।
इसे स्टोन टेम्पल इसलिए कहते हैं क्योंकि मंदिर वाला भाग ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखता है।
••मन्दिरस्य भागः ग्रेनाइट-शिलायाः निर्मितः अस्ति य: द्रष्टुं अतीव सुन्दर: दृश्यते इति कारणतः अस्य शिलामन्दिरम् इति उच्यते ।
मंदिर के प्रांगण में सात पगोडा की पत्थर की मूर्तियां हैं जिन्हें देखना अद्भुत है।
•• मन्दिरस्य प्राङ्गणे सप्तपगोडानां शिलामूर्तयः सन्ति ये द्रष्टुं अद्भुताः सन्ति।
KBC विजेता सुशील कुमार द्वारा मेरे बरामदा में लगाए गए गौरैया के घोसला में आज गौरैया का शुभ आगमन हो गया।
••अद्य मम आलन्द्यां केबीसी-विजेत्रा सुशीलकुमारेण स्थापिते चटकानीडे चटकाया: शुभागमनं जातम्।
सुशील जी को इस नेक कार्य के लिए बहुत-बहुत आभार।
••अस्य उदात्तकार्यस्य कृते सुशीलाय बहवो धन्यवादा:।
मुझे गोंद से अपनी फटी हुई किताब को चिपकाना है।
••मया निर्यासेन स्वस्य विदीर्णं पुस्तकं लसयितव्यमस्ति।
चित्रों को अपने प्रोजेक्ट पर चिपकाने के लिए गोंद का उपयोग किया जाता है।
••भवतः परियोजनायां चित्राणि लसयितुं निर्यासस्य उपयोगो भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• अन्यग्रहेभ्यः अपि उन्नतसंस्कृतेः जनाः पृथिव्याम् आगत्य पृथिव्याः संस्कृतिं प्रति स्वयोगदानं दत्तुं सहायकाः आसन् इति सर्वेषां मतम्।
महाबलीपुरम के समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर प्राचीन वास्तु कला का उदहारण है।
•• महाबलीपुरमस्य समुद्रतटे स्थितम् इदं मन्दिरं प्राचीनवास्तुकलानां उदाहरणम् अस्ति।
मंदिर भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित है।
•• मन्दिरं भगवद्भ्यां शिवाय विष्णवे च समर्पितमस्ति।
इसे स्टोन टेम्पल इसलिए कहते हैं क्योंकि मंदिर वाला भाग ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखता है।
••मन्दिरस्य भागः ग्रेनाइट-शिलायाः निर्मितः अस्ति य: द्रष्टुं अतीव सुन्दर: दृश्यते इति कारणतः अस्य शिलामन्दिरम् इति उच्यते ।
मंदिर के प्रांगण में सात पगोडा की पत्थर की मूर्तियां हैं जिन्हें देखना अद्भुत है।
•• मन्दिरस्य प्राङ्गणे सप्तपगोडानां शिलामूर्तयः सन्ति ये द्रष्टुं अद्भुताः सन्ति।
KBC विजेता सुशील कुमार द्वारा मेरे बरामदा में लगाए गए गौरैया के घोसला में आज गौरैया का शुभ आगमन हो गया।
••अद्य मम आलन्द्यां केबीसी-विजेत्रा सुशीलकुमारेण स्थापिते चटकानीडे चटकाया: शुभागमनं जातम्।
सुशील जी को इस नेक कार्य के लिए बहुत-बहुत आभार।
••अस्य उदात्तकार्यस्य कृते सुशीलाय बहवो धन्यवादा:।
मुझे गोंद से अपनी फटी हुई किताब को चिपकाना है।
••मया निर्यासेन स्वस्य विदीर्णं पुस्तकं लसयितव्यमस्ति।
चित्रों को अपने प्रोजेक्ट पर चिपकाने के लिए गोंद का उपयोग किया जाता है।
••भवतः परियोजनायां चित्राणि लसयितुं निर्यासस्य उपयोगो भवति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 24, 2023
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कन्या मधुरा मनोमोहिनी।
December 24, 2023
प्राध्यापकः पृच्छति। भारतसर्वकारस्य कतमः विभागः शतप्रतिशतं सत्यनिष्ठया कार्यं करोति।
छात्रः वदति। महाशय भारतसर्वकारस्य अज्ञातविभागः शतप्रतिशतं सत्यनिष्ठया कार्यं करोति।
✍🏻 प्रदीपः #hasya
छात्रः वदति। महाशय भारतसर्वकारस्य अज्ञातविभागः शतप्रतिशतं सत्यनिष्ठया कार्यं करोति।
✍🏻 प्रदीपः #hasya
December 24, 2023
December 24, 2023
December 24, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 26 दिसम्बर प्रातः 05:46 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 25 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - शुभ 26 दिसम्बर प्रातः 04:23 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 08:38 से 09:59 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पूर्व
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी 26 दिसम्बर प्रातः 05:46 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ दिनांक - 25 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - सोमवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात मृगशिरा
⛅ योग - शुभ 26 दिसम्बर प्रातः 04:23 तक तत्पश्चात शुक्ल
⛅ राहु काल - सुबह 08:38 से 09:59 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 06:01
⛅ दिशा शूल - पूर्व
#panchang
December 24, 2023
December 24, 2023
December 24, 2023
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December 24, 2023
December 24, 2023
प्रधातोः क्तप्रत्ययेन संयोगेन कः शब्दः सिध्यते।
Anonymous Quiz
5%
प्रीणानः
59%
प्रीतः
27%
प्रीतवान्
9%
प्रेता
December 25, 2023
रेलवे इनक्वाइरी से बातचीत
रेखा = आठ बजकर अंठावन मिनट को आने वाली Intercity Express ट्रेन की रिपोर्ट? (द्विकलान्यूननववादने आगमनस्य Intercity Express नाम्न: रेलयानस्य सूचना ?)
टिकट काउंटर = ओह, आप गलत जगह आ गई है। कृपया कर आप वहां जाकर पूछताछ काउंटर से पूछिए।
(चिटिकापटलम् = ओह!भवती असम्यक् स्थानम् आगतवती। कृपया तत्र गत्वा परिपृच्छपटलं पृच्छतु।)
रेखा = क्या यह गाड़ी समय पर चल रही है?
( किं रेलयानमिदं निर्दिष्टे समये चलति?)
पूछताछ काउंटर = नहीं।यह गाड़ी समय पर नहीं चल रही है।यह एक घण्टा देर है।सभी गाड़ियां देर से चल रही है ।
(परिपृच्छपटलम्= नैव! रेलयानमिदं निर्दिष्टे समये न चलति।
अयं होरात्मकः विलम्बः अस्ति। इदानीं सर्वाणि रेलयानानि विलम्बेन चलन्ति।)
रेखा = क्या यह रामपुर के लिए सीधी गाड़ी है ?
( एतद् रेलयानं रामपुरस्थानकं प्रति साक्षात् गच्छति वा?)
पूछताछ काउंटर = नहीं।आपको गाड़ी बदलनी होगी। लेकिन, Bandra Express सीधे रामपुर जाती है।
(परिपृच्छपटलम् = नैव।भवत्या रेलयानं परिवृत्येत।परन्तु, Bandra Express इति रेलयानं साक्षात् रामपुरस्थानकं गच्छति।)
रेखा = क्या रामपुर के लिए सीधा टिकट मिल सकता है?
(साक्षात् रामपुस्थानकं गमनाय मया चिटिका प्राप्स्यते वा?)
पूछताछ काउंटर = हां , मिल सकता है।
(परिपृच्छपटलम् = आम्।)
रेखा = मालभाड़ा किस प्रकार लिया जाता है ?
( वस्तूनां भाटकं कथं स्वीक्रियते ?)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
रेखा = आठ बजकर अंठावन मिनट को आने वाली Intercity Express ट्रेन की रिपोर्ट? (द्विकलान्यूननववादने आगमनस्य Intercity Express नाम्न: रेलयानस्य सूचना ?)
टिकट काउंटर = ओह, आप गलत जगह आ गई है। कृपया कर आप वहां जाकर पूछताछ काउंटर से पूछिए।
(चिटिकापटलम् = ओह!भवती असम्यक् स्थानम् आगतवती। कृपया तत्र गत्वा परिपृच्छपटलं पृच्छतु।)
रेखा = क्या यह गाड़ी समय पर चल रही है?
( किं रेलयानमिदं निर्दिष्टे समये चलति?)
पूछताछ काउंटर = नहीं।यह गाड़ी समय पर नहीं चल रही है।यह एक घण्टा देर है।सभी गाड़ियां देर से चल रही है ।
(परिपृच्छपटलम्= नैव! रेलयानमिदं निर्दिष्टे समये न चलति।
अयं होरात्मकः विलम्बः अस्ति। इदानीं सर्वाणि रेलयानानि विलम्बेन चलन्ति।)
रेखा = क्या यह रामपुर के लिए सीधी गाड़ी है ?
( एतद् रेलयानं रामपुरस्थानकं प्रति साक्षात् गच्छति वा?)
पूछताछ काउंटर = नहीं।आपको गाड़ी बदलनी होगी। लेकिन, Bandra Express सीधे रामपुर जाती है।
(परिपृच्छपटलम् = नैव।भवत्या रेलयानं परिवृत्येत।परन्तु, Bandra Express इति रेलयानं साक्षात् रामपुरस्थानकं गच्छति।)
रेखा = क्या रामपुर के लिए सीधा टिकट मिल सकता है?
(साक्षात् रामपुस्थानकं गमनाय मया चिटिका प्राप्स्यते वा?)
पूछताछ काउंटर = हां , मिल सकता है।
(परिपृच्छपटलम् = आम्।)
रेखा = मालभाड़ा किस प्रकार लिया जाता है ?
( वस्तूनां भाटकं कथं स्वीक्रियते ?)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas #samvadah
December 25, 2023
December 25, 2023
December 25, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः। वीरबालदिवसः दत्तजयन्ती च।
🗓२६/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं श्रीगुरुगोविन्दस्य पुत्रयोः बलिदानं दत्तात्रेयस्य च जयन्ती एतद्विषयौ अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः। वीरबालदिवसः दत्तजयन्ती च।
🗓२६/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Network
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Super group @Ask_sanskrit
December 25, 2023
December 25, 2023
December 25, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा 27 दिसम्बर प्रातः 06:02 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 26 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - शुक्ल 27 दिसम्बर प्रातः 03:22 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - दोपहर 03:21 से 04:41 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 06:02
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:25 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा 27 दिसम्बर प्रातः 06:02 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ दिनांक - 26 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - मार्गशीर्ष
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ नक्षत्र - मृगशिरा रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग - शुक्ल 27 दिसम्बर प्रातः 03:22 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहु काल - दोपहर 03:21 से 04:41 तक
⛅ सूर्योदय - 07:18
⛅ सूर्यास्त - 06:02
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:25 तक
#panchang
December 25, 2023
December 25, 2023
December 25, 2023
December 25, 2023
December 25, 2023
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December 25, 2023
December 26, 2023
बालः हस्यते। अत्र कस्मिन् प्रयोगः।
Anonymous Quiz
16%
कर्तरि प्रयोगः
28%
कर्मणि प्रयोगः
41%
भावे प्रयोगः
15%
अशुद्धं वाक्यम्
December 26, 2023
पूछताछ काउंटर = मालभाड़ा तौल के हिसाब से लिया जाता है।
( वस्तूनां भाटकं तुलया स्वीक्रीयते।)
रेखा = Bandra Express किस नम्बर के प्लेटफॉर्म पर आयेगी?
( Bandra Express इति रेलयानं केन मञ्चेन आगमिष्यति ?)
पूछताछ काउंटर =गाड़ियों के आगमन और प्रस्थान सूचना बोर्ड पर लिखा हुआ है।यह टिकट घर के नजदीक है।आप वहां जाकर अच्छी तरह से देख सकती है।
(परिपृच्छपटलम् = रेलयानानां गमनागमनस्य समयतालिका: सूचनापट्टे लिखिता: सन्ति।एषा चिटिकापटलं निकषा अस्ति।भवती तत्र गत्वा सम्यक्तया अवलोकयितुं शक्नोति।)
पूछताछ काउंटर = आप अपने मोबाइल में Where is my Train ऐप डाउनलोड कर लीजिए।जो कुछ भी ट्रेन के आगमनप्रस्थान , विलम्ब इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं , इस ऐप के माध्यम से मिल सकता है।
( परिपृच्छपटलम् = भवती स्वचलभाषे Where is my Train इति तन्त्रांशम् अवाहरतु। यदि भवती रेलयानानां गमनागमनं, विलम्बः , समयतालिका च इत्यादीनां विषये यत्किमपि ज्ञातुमिच्छति तर्हि एतेन तन्त्रांशमाध्यमेन सर्वाः अपि सूचनाः आप्तुं शक्नोति।)
रेखा = धन्यवाद।(धन्यवाद:)
हरा रंग कुछ न कुछ कहता है।कुछ फीका और कुछ गहरा होता है।गुलाल का रंग मुझे मालूम नही,पर रिश्तों का रंग हमेशा गहरा होता है।
••हरितवर्णो यत्तद्वा किमपि कथयति।कश्चन कपिशवर्णीय: कश्चन च गभीरवर्णीयो भवति।गुलालस्य वर्णो मया न ज्ञात:, परन्तु सम्बन्धीनां वर्ण: सर्वदा गभीरो भवति।
कपूर का तेल बालों में लगाने से बाल जल्दी बढ़ने लगते हैं,मजबूत होते हैं और झड़ना भी रुक जाते हैं।इसके लिए कपूर का तेल दही में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं आधे से एक घंटे बाद बाल धो लें।
•• केशेषु कर्पूरतैलस्य प्रयोगेन केशा: तीव्रगत्या वर्धन्ते,दृढा: भवन्ति केशपतनं च अवरुद्धं भवति।अस्य कृते कर्पूरतैलस्य दध्ना सह मिश्रणं कृत्वा केशमूलेषु लेपयित्वा अर्धघण्टानन्तरम् घण्टैकानन्तरं वा केशान् प्रक्षालयेत्।
हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये।
••फेनिलेन स्नानं, नखकर्तनं, वस्त्रशोधनं,
स्त्रीकरणं च इत्यादीनि कार्याणि अस्माभिः नित्यं कर्त्तव्यानि।
अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये।
••अस्माकं भविष्यम् उज्ज्वलं स्वस्थं च कर्तुम् अस्माभिः सर्वदा स्वकीयस्य स्वकीयञ्च परितः पर्यावरणस्य ध्यानं कर्त्तव्यम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
( वस्तूनां भाटकं तुलया स्वीक्रीयते।)
रेखा = Bandra Express किस नम्बर के प्लेटफॉर्म पर आयेगी?
( Bandra Express इति रेलयानं केन मञ्चेन आगमिष्यति ?)
पूछताछ काउंटर =गाड़ियों के आगमन और प्रस्थान सूचना बोर्ड पर लिखा हुआ है।यह टिकट घर के नजदीक है।आप वहां जाकर अच्छी तरह से देख सकती है।
(परिपृच्छपटलम् = रेलयानानां गमनागमनस्य समयतालिका: सूचनापट्टे लिखिता: सन्ति।एषा चिटिकापटलं निकषा अस्ति।भवती तत्र गत्वा सम्यक्तया अवलोकयितुं शक्नोति।)
पूछताछ काउंटर = आप अपने मोबाइल में Where is my Train ऐप डाउनलोड कर लीजिए।जो कुछ भी ट्रेन के आगमनप्रस्थान , विलम्ब इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं , इस ऐप के माध्यम से मिल सकता है।
( परिपृच्छपटलम् = भवती स्वचलभाषे Where is my Train इति तन्त्रांशम् अवाहरतु। यदि भवती रेलयानानां गमनागमनं, विलम्बः , समयतालिका च इत्यादीनां विषये यत्किमपि ज्ञातुमिच्छति तर्हि एतेन तन्त्रांशमाध्यमेन सर्वाः अपि सूचनाः आप्तुं शक्नोति।)
रेखा = धन्यवाद।(धन्यवाद:)
हरा रंग कुछ न कुछ कहता है।कुछ फीका और कुछ गहरा होता है।गुलाल का रंग मुझे मालूम नही,पर रिश्तों का रंग हमेशा गहरा होता है।
••हरितवर्णो यत्तद्वा किमपि कथयति।कश्चन कपिशवर्णीय: कश्चन च गभीरवर्णीयो भवति।गुलालस्य वर्णो मया न ज्ञात:, परन्तु सम्बन्धीनां वर्ण: सर्वदा गभीरो भवति।
कपूर का तेल बालों में लगाने से बाल जल्दी बढ़ने लगते हैं,मजबूत होते हैं और झड़ना भी रुक जाते हैं।इसके लिए कपूर का तेल दही में मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं आधे से एक घंटे बाद बाल धो लें।
•• केशेषु कर्पूरतैलस्य प्रयोगेन केशा: तीव्रगत्या वर्धन्ते,दृढा: भवन्ति केशपतनं च अवरुद्धं भवति।अस्य कृते कर्पूरतैलस्य दध्ना सह मिश्रणं कृत्वा केशमूलेषु लेपयित्वा अर्धघण्टानन्तरम् घण्टैकानन्तरं वा केशान् प्रक्षालयेत्।
हमे साबुन से नहाना, नाखुनों को काटना, साफ और इस्त्री किये हुए कपड़े आदि कार्य रोज करना चाहिये।
••फेनिलेन स्नानं, नखकर्तनं, वस्त्रशोधनं,
स्त्रीकरणं च इत्यादीनि कार्याणि अस्माभिः नित्यं कर्त्तव्यानि।
अपने भविष्य को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिये हमें हमेशा खुद का और अपने आसपास के पर्यावरण का ख्याल रखना चाहिये।
••अस्माकं भविष्यम् उज्ज्वलं स्वस्थं च कर्तुम् अस्माभिः सर्वदा स्वकीयस्य स्वकीयञ्च परितः पर्यावरणस्य ध्यानं कर्त्तव्यम्।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 26, 2023
अध्यापकः अपृच्छत्। मुमताज् यदि जीविता अभविष्यत् तदा सा किम् अकरिष्यत्।
कौतुकः उत्तरम् अवदत्। यदि सा अजीविष्यत् चेत् साम्प्रतं सा ताजमहल इत्येनम् आरुह्य पर्यटकानाम् उपरि पाषाणखण्डानि अक्षेप्स्यत्।
अन्यथा न चिन्तनीयम् अहं तु लृङ्लकारम् एव पाठयामि।
#hasya
कौतुकः उत्तरम् अवदत्। यदि सा अजीविष्यत् चेत् साम्प्रतं सा ताजमहल इत्येनम् आरुह्य पर्यटकानाम् उपरि पाषाणखण्डानि अक्षेप्स्यत्।
अन्यथा न चिन्तनीयम् अहं तु लृङ्लकारम् एव पाठयामि।
#hasya
December 26, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः। संसदः शीतकालीनसत्रम्
🗓२७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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📑कृपया दैववाचा चर्चार्थम् एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः। संसदः शीतकालीनसत्रम्
🗓२७/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
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पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
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संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
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https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
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December 26, 2023
🍁 प्रतिबुधवासरे प्रातःकाले 6:30 वादने🍁 Microosoft Teams इति Online द्वारा अस्माकं संस्कृतभारत्याः दक्षिणभारतक्षेत्रस्य प्रशिक्षणप्रमुखः
🙏डाक्टर.रा.रामचन्द्र-महोदयः
🍁सङ्क्षेपरामायण🍁 विशेषवर्गं चालयति | सर्वेभ्यः आगच्छन्तु इति वयं प्रार्थयामः🙏
tinyurl.com/sbramayanam
🙏डाक्टर.रा.रामचन्द्र-महोदयः
🍁सङ्क्षेपरामायण🍁 विशेषवर्गं चालयति | सर्वेभ्यः आगच्छन्तु इति वयं प्रार्थयामः🙏
tinyurl.com/sbramayanam
December 26, 2023
Course Instructor and Facilitator: Prof. K.Unnikrishnan, ‘Swami Sivananda Chair’ Professor, Department of Sanskrit and Philosophy at RKMVERI Deemed to be University
Course Designer and Coordinator: Swami Japasiddhananda
Duration of the Level 1 course: 6 months (1 semester)
Medium of Instruction: English and Sanskrit (with interventions/ explanations in some vernaculars like Hindi, Tamil, Malayalam, Kannada now and then as may be needed)
Class Timings:
Saturdays 7.30 pm to 9 pm
Sundays 9 am to 10.30 am (Indian Standard Time)
Course Fee: Rs.2000/- (two thousand only) for the entire course
Last date to apply: 31 December 2023
Classes begin on: 6 January 2024, Saturday, 7.30 pm
Eligibility: Pass in School Final examination (Class X) in first division (minimum 60% aggregate)
Age Limit: No upper limit
Certificate: Those passing the online remotely proctored examination at the end of the course will be given a certificate of successful completion provided they have (i) 85% class attendance and (ii) obtain minimum marks of 45% in the examination at the end of the course.
Moving on to the next higher level: Motivated students obtaining at least 60% marks in the examination to be conducted at the end of the course will be eligible to move on the next higher level course (Level 2)
Course Details :-
https://sanskrit.rkmvu.ac.in/adm-sans-adhyayana/
email-ID: sanskrit.classes@gm.rkmvu.ac.in
Mobile: 8230864238
Course Designer and Coordinator: Swami Japasiddhananda
Duration of the Level 1 course: 6 months (1 semester)
Medium of Instruction: English and Sanskrit (with interventions/ explanations in some vernaculars like Hindi, Tamil, Malayalam, Kannada now and then as may be needed)
Class Timings:
Saturdays 7.30 pm to 9 pm
Sundays 9 am to 10.30 am (Indian Standard Time)
Course Fee: Rs.2000/- (two thousand only) for the entire course
Last date to apply: 31 December 2023
Classes begin on: 6 January 2024, Saturday, 7.30 pm
Eligibility: Pass in School Final examination (Class X) in first division (minimum 60% aggregate)
Age Limit: No upper limit
Certificate: Those passing the online remotely proctored examination at the end of the course will be given a certificate of successful completion provided they have (i) 85% class attendance and (ii) obtain minimum marks of 45% in the examination at the end of the course.
Moving on to the next higher level: Motivated students obtaining at least 60% marks in the examination to be conducted at the end of the course will be eligible to move on the next higher level course (Level 2)
Course Details :-
https://sanskrit.rkmvu.ac.in/adm-sans-adhyayana/
email-ID: sanskrit.classes@gm.rkmvu.ac.in
Mobile: 8230864238
Dept. of Sanskrit & Philosophy
Admission - Sanskrit Adhyayana
Bharatiya Jnana Parampara Adhyayana
(Study of Indian Knowledge Tradition Scheme)
Online Sanskrit Learning Programme
The Department of Sanskrit and Philosophy under the School of Indian Heritage, Ramakrishna Mission Vivekananda Educational and Research…
(Study of Indian Knowledge Tradition Scheme)
Online Sanskrit Learning Programme
The Department of Sanskrit and Philosophy under the School of Indian Heritage, Ramakrishna Mission Vivekananda Educational and Research…
December 26, 2023
Subject: Urgent Financial Assistance Needed for Flood-affected Research Institute
Dear Sir/Madam,
The Kuppuswami Sastri Research Institute, Mylapore, Chennai, urgently seeks financial assistance to recover from recent floods. Our esteemed institute, dedicated to Sanskrit and Indological Studies, suffered significant damage to its library and facilities.
Bank Details for Contributions:
- Name: The Kuppuswami Sastri Research Institute
- Bank: Union Bank of India, Mylapore branch
- A/C No: 395702010007408
- IFSC: UBIN0539571
Your generous contribution will aid in repairing damaged books, purchasing furniture, and restoring essential equipment. Donations are 100% exempt from Income Tax under section 35(i)(iii) of the Income Tax Act.
Yours faithfully,
Dr. Sita SundarRam
Secretary
For more details, contact us at:
- Address: 84, Thiru. Vi. Ka. Road, Mylapore, Chennai – 600 004.
- Email: ksrinst@gmail.com
- Website: www.ksri.in; www.ksri.co.in
- Phone: (044)24985320; 29505320
- Mobile: 9884899716 / 9789809640
Dear Sir/Madam,
The Kuppuswami Sastri Research Institute, Mylapore, Chennai, urgently seeks financial assistance to recover from recent floods. Our esteemed institute, dedicated to Sanskrit and Indological Studies, suffered significant damage to its library and facilities.
Bank Details for Contributions:
- Name: The Kuppuswami Sastri Research Institute
- Bank: Union Bank of India, Mylapore branch
- A/C No: 395702010007408
- IFSC: UBIN0539571
Your generous contribution will aid in repairing damaged books, purchasing furniture, and restoring essential equipment. Donations are 100% exempt from Income Tax under section 35(i)(iii) of the Income Tax Act.
Yours faithfully,
Dr. Sita SundarRam
Secretary
For more details, contact us at:
- Address: 84, Thiru. Vi. Ka. Road, Mylapore, Chennai – 600 004.
- Email: ksrinst@gmail.com
- Website: www.ksri.in; www.ksri.co.in
- Phone: (044)24985320; 29505320
- Mobile: 9884899716 / 9789809640
December 26, 2023
December 26, 2023
🚩जय सत्य सनातन 🚩
आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा 28 दिसम्बर प्रातः 06:46 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 27 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 11:29 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - ब्रह्म 28 दिसम्बर प्रातः 02:41 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:41 से 02:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 06:02
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:26
#panchang
आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - प्रतिपदा 28 दिसम्बर प्रातः 06:46 तक तत्पश्चात द्वितीया
⛅ दिनांक - 27 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - बुधवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 11:29 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग - ब्रह्म 28 दिसम्बर प्रातः 02:41 तक तत्पश्चात इन्द्र
⛅ राहु काल - दोपहर 12:41 से 02:01 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 06:02
⛅ दिशा शूल - उत्तर
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:26
#panchang
December 26, 2023
December 26, 2023
December 26, 2023
December 26, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
शीतकालीनसत्रम्
शीतकालीनसत्रम्
December 26, 2023
December 27, 2023
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December 26, 2023
ताः फलानि क्रीणन्ति।
कर्मणिप्रयोगे परिवर्तन्ताम्।
कर्मणिप्रयोगे परिवर्तन्ताम्।
Anonymous Quiz
12%
तया फलानि क्रीयन्ते।
25%
ताभिः फलानि क्रियन्ते।
56%
ताभिः फलानि क्रीयन्ते।
7%
ताः फलानि क्रीयन्ते।
December 27, 2023
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां का नाम इस घाटी में देवी पार्वती के कान की बाली खो जाने से संबंधित है।
••हिन्दु-मान्यतानुसारम् अस्य स्थानस्य नाम पार्वती-देव्याः कर्णकुण्डलस्य अस्याम् उपत्यकायां विलुप्ततया सम्बद्धमस्ति।
भगवान शिव और देवी पार्वती इस स्थान की सुंदरता पर मोहित हो गए और उन्होंने 1100 सालों तक यहां रह कर तपस्या की थी।
••भगवान् शिवः पार्वती च अस्य स्थानस्य सौन्दर्येण मुग्धौ भूत्वा एकादशशतवर्षाणि यावत् अत्र स्थित्वा तपं कृतवन्तौ बभूवतु:।
मां पार्वती जब नहा रही थी तब उनके कानों की बाली में से एक मणि पानी में जा गिरी।
•• स्नान्तया: पार्वती-मातु: कर्णकुण्डलयो: एकतरं कुण्डलरत्नं जले पतितं बभूव।
भगवान शिव ने अपने गणों से मणि ढूंढने को कहा लेकिन वह नहीं मिली।
••शिव-भगवान् स्वानुयायिन: कुण्डलरत्नमन्वेष्टुमादिदेश किन्तु तत् न लब्धम् बभूव।
इससे भगवान शिव नाराज हो गए और उन्होंने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया जिससे माता नैनादेवी नामक शक्ति उत्पन्न हुई।
••एतेन भगवान् शिवः क्रुद्धो बभूव स च स्वतृतीयनेत्रं उद्घाटयाञ्चकार यस्मात् माता नैनादेवी इति शक्तिः जज्ञे।
माता नैना देवी ने भगवान शिव को बताया कि उनकी मणि पाताल में शेषनाग के पास है।
••माता नैनादेवी भगवन्तं शिवं बोधयाञ्चकार यत् तस्याः कुण्डलरत्नं पाताललोके शेषनागस्य पार्श्वे अस्ति।
देवताओं द्वारा प्रार्थना करने पर शेषनाग ने मणि वापस कर दी लेकिन वह इतने नाराज हुए कि उन्होंने जोर की फुंकार भरी जिससे इस जगह पर गर्म जल की धारा फूट पड़ी।
••यदा देवाः प्रार्थनां चक्रु: तदा शेषनागः कुण्डलरत्नं प्रददौ किन्तु स एतावत् क्रुद्धो बभूव यत् सः उच्चैः फूत्कृतवान् बभूव यस्मात् कारणात् अस्मिन् स्थाने उष्णजलस्य धारा निर्गतवती बभूव।
तभी से इस जगह का नाम मणिकर्ण पड़ गया और इसी गर्म पानी में चावल दाल और चना को डूबाने पर पक जाता है।
••ततः परमस्य स्थानस्य नाम मणिकर्णो बभूव अस्मिन्नेव च उष्णजले निमज्जिता: तण्डुल: द्विदलं चणक: च पच्यन्ते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
••हिन्दु-मान्यतानुसारम् अस्य स्थानस्य नाम पार्वती-देव्याः कर्णकुण्डलस्य अस्याम् उपत्यकायां विलुप्ततया सम्बद्धमस्ति।
भगवान शिव और देवी पार्वती इस स्थान की सुंदरता पर मोहित हो गए और उन्होंने 1100 सालों तक यहां रह कर तपस्या की थी।
••भगवान् शिवः पार्वती च अस्य स्थानस्य सौन्दर्येण मुग्धौ भूत्वा एकादशशतवर्षाणि यावत् अत्र स्थित्वा तपं कृतवन्तौ बभूवतु:।
मां पार्वती जब नहा रही थी तब उनके कानों की बाली में से एक मणि पानी में जा गिरी।
•• स्नान्तया: पार्वती-मातु: कर्णकुण्डलयो: एकतरं कुण्डलरत्नं जले पतितं बभूव।
भगवान शिव ने अपने गणों से मणि ढूंढने को कहा लेकिन वह नहीं मिली।
••शिव-भगवान् स्वानुयायिन: कुण्डलरत्नमन्वेष्टुमादिदेश किन्तु तत् न लब्धम् बभूव।
इससे भगवान शिव नाराज हो गए और उन्होंने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया जिससे माता नैनादेवी नामक शक्ति उत्पन्न हुई।
••एतेन भगवान् शिवः क्रुद्धो बभूव स च स्वतृतीयनेत्रं उद्घाटयाञ्चकार यस्मात् माता नैनादेवी इति शक्तिः जज्ञे।
माता नैना देवी ने भगवान शिव को बताया कि उनकी मणि पाताल में शेषनाग के पास है।
••माता नैनादेवी भगवन्तं शिवं बोधयाञ्चकार यत् तस्याः कुण्डलरत्नं पाताललोके शेषनागस्य पार्श्वे अस्ति।
देवताओं द्वारा प्रार्थना करने पर शेषनाग ने मणि वापस कर दी लेकिन वह इतने नाराज हुए कि उन्होंने जोर की फुंकार भरी जिससे इस जगह पर गर्म जल की धारा फूट पड़ी।
••यदा देवाः प्रार्थनां चक्रु: तदा शेषनागः कुण्डलरत्नं प्रददौ किन्तु स एतावत् क्रुद्धो बभूव यत् सः उच्चैः फूत्कृतवान् बभूव यस्मात् कारणात् अस्मिन् स्थाने उष्णजलस्य धारा निर्गतवती बभूव।
तभी से इस जगह का नाम मणिकर्ण पड़ गया और इसी गर्म पानी में चावल दाल और चना को डूबाने पर पक जाता है।
••ततः परमस्य स्थानस्य नाम मणिकर्णो बभूव अस्मिन्नेव च उष्णजले निमज्जिता: तण्डुल: द्विदलं चणक: च पच्यन्ते।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 27, 2023
@samvadah organises संलापशाला - A Sanskrit Voicechat Room
🔰विषयः - गतवर्षस्य / नुतनवर्षस्य संकल्पाः
🗓२८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
🔰विषयः - गतवर्षस्य / नुतनवर्षस्य संकल्पाः
🗓२८/१२/२०२३ ॥ IST ११:०० AM
🔴 It's recording would be shared on our channel.
📑कृपया दैववाचा चर्चार्थं एतद्विषयम् अभिक्रम्य आगच्छत।
https://t.me/samvadah?livestream
पूर्वचर्चाणां सङ्ग्रहः अधोदत्तः
https://archive.org/details/samlapshala_
Telegram
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
Daily dose of Sanskrit.
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
Network
https://t.me/samvadah/11287
Linked group @samskrta_group
News and magazines @ramdootah
Super group @Ask_sanskrit
December 27, 2023
December 27, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया पूर्ण रात्रि तक
⛅ दिनांक - 28 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 01:05 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 02:24 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:02 से 03:22 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 06:03
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - द्वितीया पूर्ण रात्रि तक
⛅ दिनांक - 28 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 01:05 तक तत्पश्चात पुष्य
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 02:24 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहु काल - दोपहर 02:02 से 03:22 तक
⛅ सूर्योदय - 07:19
⛅ सूर्यास्त - 06:03
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक
#panchang
December 27, 2023
December 27, 2023
December 27, 2023
December 27, 2023
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December 27, 2023
गच्छति। गच्छन्ति।
चलति। चलन्ति।
बिभर्ति। _____।
चलति। चलन्ति।
बिभर्ति। _____।
Anonymous Quiz
29%
बिभर्न्ति
24%
बिभ्यन्ति
30%
बिभ्रन्ति
18%
बिभ्रति
December 28, 2023
एक झगड़ा (महिला कतार में खड़ा होने को लेकर)
शीला - देखो!तुम पीछे अपने उचित स्थान पर चले जाओ।
(हे!त्वं पृष्ठत: स्वोचितं स्थानं गच्छ।)
नीलम - क्यों?मैं जहां चाहुंगी वहीं खड़ी रहुंगी।
(नीलम: =किमर्थम् ? यत्र अहमेषिष्यामि तत्रैव स्थास्यामि।)
शीला नहीं, तुम नहीं कर सकती।तुम धक्का देकर नहीं घूस सकती और लाईन नहीं तोड़ सकती।
(नैव।त्वम् इत्थं कर्तुं न शक्नोषि। त्वं प्रणोदं कृत्वा वेष्टुं न शक्नोषि तथा पङ्क्तिभङ्गं कर्तुं न शक्नोषि।)
नीलम = मैं कहती हूं कि मैं लाइन के बाहर नहीं जा सकती।क्या तुम्हें हिम्मत है कि तुम मुझे बाहर जाने के लिए कहो ? ऐसी गुस्ताखी फिर मत करना।
(अहं कथयामि यत् अहं पङ्क्त्या: बहि: निर्गन्तुं न शक्नोमि।अपि तव पार्श्वे साहसोऽस्ति यत् त्वं मां बहिर्गमनाय कथय ? एतादृशीं धृष्टतां पुनः मा कुरु।)
शीला=अपने से बड़ों के साथ गुस्ताख़ी करना बंद करो। नियम तोड़ने का तुम्हें कोई अधिकार नहीं है।
(ज्येष्ठमहानुभावान् प्रति अशिष्टव्यवहारं मा कुरु। नियमभङ्गस्याधिकारः तव नास्ति।)
नीलम = हां , मैं तोड़ूंगी।तुम्हें इससे क्या मतलब ?
(आम्!अहं करिष्यामि।अनेन तव कोऽभिप्राय: ?)
शीला = पुलिस को बुलाने के लिए मुझे मजबूर मत करो ।
( रक्षकस्य आह्वानाय मां बाध्यं मा कुरु ।)
नीलम= ओह । तुम मुझे डरा रही हो क्या ? मैं तुम्हारी बन्दरघुड़की से नहीं डरने वाली हूं।)
(ओह!त्वं मां भीषयसि वा ? अहं तव अनावश्यकभर्त्सनया न बिभेमि।)
शीला = तुम तो असली बाघिन लगती हो।जरा ठहरो।अभी मैं तुमको सबक सिखाती हूं।
(त्वं तु खलु व्याघ्रा प्रतीयते।किञ्चितक्षणाय तिष्ठतु।इदानीम् अहं त्वां पाठं पाठयामि।)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
शीला - देखो!तुम पीछे अपने उचित स्थान पर चले जाओ।
(हे!त्वं पृष्ठत: स्वोचितं स्थानं गच्छ।)
नीलम - क्यों?मैं जहां चाहुंगी वहीं खड़ी रहुंगी।
(नीलम: =किमर्थम् ? यत्र अहमेषिष्यामि तत्रैव स्थास्यामि।)
शीला नहीं, तुम नहीं कर सकती।तुम धक्का देकर नहीं घूस सकती और लाईन नहीं तोड़ सकती।
(नैव।त्वम् इत्थं कर्तुं न शक्नोषि। त्वं प्रणोदं कृत्वा वेष्टुं न शक्नोषि तथा पङ्क्तिभङ्गं कर्तुं न शक्नोषि।)
नीलम = मैं कहती हूं कि मैं लाइन के बाहर नहीं जा सकती।क्या तुम्हें हिम्मत है कि तुम मुझे बाहर जाने के लिए कहो ? ऐसी गुस्ताखी फिर मत करना।
(अहं कथयामि यत् अहं पङ्क्त्या: बहि: निर्गन्तुं न शक्नोमि।अपि तव पार्श्वे साहसोऽस्ति यत् त्वं मां बहिर्गमनाय कथय ? एतादृशीं धृष्टतां पुनः मा कुरु।)
शीला=अपने से बड़ों के साथ गुस्ताख़ी करना बंद करो। नियम तोड़ने का तुम्हें कोई अधिकार नहीं है।
(ज्येष्ठमहानुभावान् प्रति अशिष्टव्यवहारं मा कुरु। नियमभङ्गस्याधिकारः तव नास्ति।)
नीलम = हां , मैं तोड़ूंगी।तुम्हें इससे क्या मतलब ?
(आम्!अहं करिष्यामि।अनेन तव कोऽभिप्राय: ?)
शीला = पुलिस को बुलाने के लिए मुझे मजबूर मत करो ।
( रक्षकस्य आह्वानाय मां बाध्यं मा कुरु ।)
नीलम= ओह । तुम मुझे डरा रही हो क्या ? मैं तुम्हारी बन्दरघुड़की से नहीं डरने वाली हूं।)
(ओह!त्वं मां भीषयसि वा ? अहं तव अनावश्यकभर्त्सनया न बिभेमि।)
शीला = तुम तो असली बाघिन लगती हो।जरा ठहरो।अभी मैं तुमको सबक सिखाती हूं।
(त्वं तु खलु व्याघ्रा प्रतीयते।किञ्चितक्षणाय तिष्ठतु।इदानीम् अहं त्वां पाठं पाठयामि।)
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 28, 2023
December 28, 2023
।।किशोरगीतम्।।
।।समाजदैन्यकारणम्।।
।।समाजदैन्यकारणम्।।
पितामहस्य पौत्रकोऽधुना किशोरतां गत:
समाजचित्रदर्शनं यथायथं करोति स:।
यथा स पश्यति स्वयं तथा पितामहं सदा
निवेद्य गूढतत्त्वमस्ति किं स वेत्तुमर्हति।।1
परोपकारिणो भ्रमन्ति चन्द्ररूपधारिण-
स्तथापि लोकदुर्दशा सदा प्रवर्धते कथम्।
समाजदैन्यमर्दनार्थमुद्यतस्य वंशजान्
विहाय नान्यजीवनं जहाति दीनता कथम्।।2
न यस्य कार्यमस्ति तस्य जीवने न दीनता
सदा श्रमे रतस्य सा कथं पदाब्जसेविका।
न तत्करोति शैलजा न सिन्धुजा न शारदा
करोति यल्लघुस्मितिश्रियैव चाटुकारिता।।3
पितामहो निशम्य पौत्रभाषणं स्वभावतो
निरुत्तरोऽवदत् ममास्ति तीक्ष्णशीर्षवेदना।
तदावदत्स पौत्रको करोम्यहं तवौषधं
तवैव शीर्षवेदना समाजदैन्यकारणम्।।4
December 28, 2023
December 28, 2023
संलापशाला
संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
#samlapshala
गतवर्षस्य उत नूतनवर्षस्य संकल्पाः
गतवर्षस्य उत नूतनवर्षस्य संकल्पाः
December 28, 2023
पावनमनसा वयं केवलानां संस्कृतज्ञानां कृते एव वाग्गोष्ठीनाम गणमेनं प्रतिष्ठामः। अत्र भवन्तः कस्मिश्चिंद् अपि विषये सर्वाः चर्चाः कर्तुं शक्नुवन्ति किन्तु दैवगिरा एव। अन्या काऽपि भाषा अत्र पूर्णतया निषिद्धा। तथैव भवन्तः केवलायां देवनागर्यां लिपौ अत्र लेखितुम् अर्हन्ति। अत्र अन्या प्रत्येका लिपिः प्रतिषिद्धा अस्ति। कृपया दैवभाषायां वार्तालापं कर्तुं शक्नुथ चेदेव अस्मिन् गणे वदत।
🚫 Using any language other than Sanskrit is strictly prohibited in this group.
अत्र संस्कृतेतरभाषाणां प्रयोगः सुवर्जितः। कृपया केवलायां देवनागर्यां लिखत।
आयाहि वागुपासकाः। सादरं प्रतीक्ष्यते युष्माकम् उपस्थितिः।
https://chat.whatsapp.com/LuLsR7TPkVmEp4L6LPp2Jp
🚫 Using any language other than Sanskrit is strictly prohibited in this group.
अत्र संस्कृतेतरभाषाणां प्रयोगः सुवर्जितः। कृपया केवलायां देवनागर्यां लिखत।
आयाहि वागुपासकाः। सादरं प्रतीक्ष्यते युष्माकम् उपस्थितिः।
https://chat.whatsapp.com/LuLsR7TPkVmEp4L6LPp2Jp
WhatsApp.com
वाग्गोष्ठी
WhatsApp Group Invite
December 28, 2023
December 28, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - द्वितीया सुबह 07:59 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 29 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य 30 दिसम्बर प्रातः 03:10 तक
⛅ योग - वैधृति रात्रि 02:29 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 11:21 से 12:42 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक
#panchang
🚩आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - द्वितीया सुबह 07:59 तक तत्पश्चात तृतीया
⛅ दिनांक - 29 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शुक्रवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - पुष्य 30 दिसम्बर प्रातः 03:10 तक
⛅ योग - वैधृति रात्रि 02:29 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
⛅ राहु काल - सुबह 11:21 से 12:42 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - दक्षिण
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:26 तक
#panchang
December 28, 2023
December 28, 2023
December 28, 2023
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December 28, 2023
December 28, 2023
December 28, 2023
संस्कृत संवादः । Sanskrit Samvadah
एक झगड़ा (महिला कतार में खड़ा होने को लेकर) शीला - देखो!तुम पीछे अपने उचित स्थान पर चले जाओ। (हे!त्वं पृष्ठत: स्वोचितं स्थानं गच्छ।) नीलम - क्यों?मैं जहां चाहुंगी वहीं खड़ी रहुंगी। (नीलम: =किमर्थम् ? यत्र अहमेषिष्यामि तत्रैव स्थास्यामि।) शीला नहीं, तुम…
नीलम= तुम मुझे इस तरह धमका नहीं सकती। मैं डरने वाली नहीं हूं।
(त्वं माम् इत्थं भाययितुं न शक्नोषि।अहं न बिभेमि।)
शीला = तुम मुझसे टक्कर नहीं ले सकती।तुम इस तरह भौंहे क्यों चढ़ा रही हो ?अब बहुत हो गया।अब मैं इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकती।)
(त्वं मया सह द्वन्द्वं कर्तुं न शक्नोषि।त्वम् इत्थं किमर्थं क्रुद्धो भवसि ? इदानीं मया सह अति भूयते।इत्थमपमानं अहं न सहे।)
शीला (चिल्लाती हुई)= पुलिस , पुलिस।
{शीला( क्रन्दन्ती)=हे रक्षक! हे रक्षक}
पुलिस (नीलम से ) - सुनिए। नियम से ऊपर कोई नहीं है।लाइन का नियम तोड़कर आगे आने का अधिकार किसी को नहीं है।यदि सभी कोई लाइन लगाकर काम करेगा , सभी का काम बहुत जल्दी हो जायेगा।
{आरक्षक:(नीलमं)=महिले!नियमस्य ऊपरि कापि नास्ति।पङ्क्ते: नियमभङ्गं कृत्वा पङ्क्त्या: अतिक्रमणस्य अधिकार: कस्याश्चिद् नास्ति। यदि सर्वा: पङ्क्तिबद्धाः भूत्वा कार्यं करिष्यन्ति, तर्हि सर्वासां कार्यं शीघ्रमेव भविष्यति।
सिपाही (फिर से बोलते हुए)= अगर आप नियम तोड़कर काम करोगी , तो आपको ऐसा करते देख कर दूसरा कोई भी नियम तोड़कर अपना काम करना चाहेगा।मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप लाइन के अनुसार अपने स्थान पर चले जाइए,नहीं तो मुझे आपके साथ सख्ती से पेश आना होगा।
{आरक्षक:(पुनः) = भवती नियमभङ्गं करिष्यति चेत् अपराः अपि भवतीमनुपालयिष्यन्ति। अतः अहं भवते निवेदयामि यत् भवती पङ्क्त्यानुसारं स्वस्थानं गच्छतु , अन्यथा मया बाध्यो भूत्वा भवत्या सह कठोरव्यवहार: करणीय: ।}
(१)वहां कितनी जगह है?
→ तत्र कियत् स्थानमस्ति?
(२)इस बर्थ पर जगह नहीं है।
→ अस्यां शायिकायां किमपि स्थानं नास्ति।
(३)कश्मीर एक सुन्दर जगह है।
→ कश्मीर: एकं रमणीयस्थलमस्ति।
(४)मेरे कालेज में प्रोफेसर का एक जगह खाली है।
→ मम विद्यालये प्राध्यापकस्य कृते एकं पदं रिक्तमस्ति।
(५)यदि मैं तेरी जगह होता!
→ यदि अहं तव स्थाने अभविष्यम्।
(६)अब सुधार की कोई जगह नहीं।
→ अधुना शोधनस्य कृते कापि आशा नास्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
(त्वं माम् इत्थं भाययितुं न शक्नोषि।अहं न बिभेमि।)
शीला = तुम मुझसे टक्कर नहीं ले सकती।तुम इस तरह भौंहे क्यों चढ़ा रही हो ?अब बहुत हो गया।अब मैं इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकती।)
(त्वं मया सह द्वन्द्वं कर्तुं न शक्नोषि।त्वम् इत्थं किमर्थं क्रुद्धो भवसि ? इदानीं मया सह अति भूयते।इत्थमपमानं अहं न सहे।)
शीला (चिल्लाती हुई)= पुलिस , पुलिस।
{शीला( क्रन्दन्ती)=हे रक्षक! हे रक्षक}
पुलिस (नीलम से ) - सुनिए। नियम से ऊपर कोई नहीं है।लाइन का नियम तोड़कर आगे आने का अधिकार किसी को नहीं है।यदि सभी कोई लाइन लगाकर काम करेगा , सभी का काम बहुत जल्दी हो जायेगा।
{आरक्षक:(नीलमं)=महिले!नियमस्य ऊपरि कापि नास्ति।पङ्क्ते: नियमभङ्गं कृत्वा पङ्क्त्या: अतिक्रमणस्य अधिकार: कस्याश्चिद् नास्ति। यदि सर्वा: पङ्क्तिबद्धाः भूत्वा कार्यं करिष्यन्ति, तर्हि सर्वासां कार्यं शीघ्रमेव भविष्यति।
सिपाही (फिर से बोलते हुए)= अगर आप नियम तोड़कर काम करोगी , तो आपको ऐसा करते देख कर दूसरा कोई भी नियम तोड़कर अपना काम करना चाहेगा।मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप लाइन के अनुसार अपने स्थान पर चले जाइए,नहीं तो मुझे आपके साथ सख्ती से पेश आना होगा।
{आरक्षक:(पुनः) = भवती नियमभङ्गं करिष्यति चेत् अपराः अपि भवतीमनुपालयिष्यन्ति। अतः अहं भवते निवेदयामि यत् भवती पङ्क्त्यानुसारं स्वस्थानं गच्छतु , अन्यथा मया बाध्यो भूत्वा भवत्या सह कठोरव्यवहार: करणीय: ।}
(१)वहां कितनी जगह है?
→ तत्र कियत् स्थानमस्ति?
(२)इस बर्थ पर जगह नहीं है।
→ अस्यां शायिकायां किमपि स्थानं नास्ति।
(३)कश्मीर एक सुन्दर जगह है।
→ कश्मीर: एकं रमणीयस्थलमस्ति।
(४)मेरे कालेज में प्रोफेसर का एक जगह खाली है।
→ मम विद्यालये प्राध्यापकस्य कृते एकं पदं रिक्तमस्ति।
(५)यदि मैं तेरी जगह होता!
→ यदि अहं तव स्थाने अभविष्यम्।
(६)अब सुधार की कोई जगह नहीं।
→ अधुना शोधनस्य कृते कापि आशा नास्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 29, 2023
पत्नी वदति। भोजनसमये दूरदर्शनं मा पश्य।पदार्थस्य रुचिं ग्रहितुं न शक्यते भोः।😏
पतिः वदति। इदं भोजनं रुचिकरं अभविष्यत् चेत् अहं किमर्थं दूरदर्शनं पश्यानि।🥸
The wife says, “Don't watch television during meals.You can't taste the stuff.” 😏
The husband says, “Why would I watch television if this food is delicious”🥸
#hasya
पतिः वदति। इदं भोजनं रुचिकरं अभविष्यत् चेत् अहं किमर्थं दूरदर्शनं पश्यानि।🥸
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The husband says, “Why would I watch television if this food is delicious”🥸
#hasya
December 29, 2023
December 29, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - तृतीया सुबह 09:43 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅ दिनांक - 30 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - अश्लेषा 31 दिसम्बर प्रातः 05:42 तक
⛅ योग - विष्कम्भ 31 दिसम्बर प्रातः 02:56 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 10:01 से 11:22 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक
#panchang
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 30 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - शनिवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - अश्लेषा 31 दिसम्बर प्रातः 05:42 तक
⛅ योग - विष्कम्भ 31 दिसम्बर प्रातः 02:56 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहु काल - सुबह 10:01 से 11:22 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:04
⛅ दिशा शूल - पूर्व
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक
#panchang
December 29, 2023
December 29, 2023
Code for Samskritam
Time: Dec 30, 2023 10:30 PM IST
12:00 PM Eastern Time (US and Canada)
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December 29, 2023
December 31, 2023
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December 29, 2023
खाद्। अस्य धातोः लुङ्लकारः उत्तमपुरुषरूपः कः।
Anonymous Quiz
13%
अखादीत्
41%
अखादम्
34%
अखादिषम्
12%
अखादीषम्
December 30, 2023
December 30, 2023
तराई की अनमोल खूबसूरती को समेटे है उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का दुधवा टाइगर रिज़र्व जो अनेको जंगली जीवों का आश्रय स्थल है।
•• उत्तरप्रदेशस्य लखीमपुरखीरी- मण्डलस्य दुधवाव्याघ्रसंरक्षणक्षेत्रं यत् अनेकेषां वन्यजीवानां आश्रयस्थलमस्ति तरायीक्षेत्रस्य अमूल्यं सौन्दर्यं व्याप्नोति ।
टूरिस्ट को यहाँ की दुधवा रेंज, सोनारीपुर रेंज व सठियाना रेंज में जंगल सफारी करायी जाती है।
••(वनविभागेन) पर्यटका: अत्रत्या: दुधवास्थानस्य , सोनारीपुरस्थानस्य च सठियानास्थानस्य च वनक्षेत्रे परिभ्राम्यन्ते।
ये क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरे पड़े है जिनमे मुख्य रूप से बाँके ताल,भदरौला ताल, ककरहा ताल, छोटा बाँके, शेर कुआ, आम चौराहा, चीतल चौराहा, शेर कुआं, घूम रोड, मदरैया मचान,एस0डी0 सिंह रोड व गुलरीघाट आदि ।
•• एतानि क्षेत्राणि प्राकृतिकसौन्दर्येण परिपर्णानि सन्ति येषु मुख्यरूपेण बाँके ताल,भदरौला ताल, ककरहा ताल, छोटा बाँके, शेर कुआ, आम चौराहा, चीतल चौराहा, शेर कुआं, घूम रोड, मदरैया मचान,एस0डी0 सिंह रोड व गुलरीघाट इत्यादय: मार्गा: सन्ति।
इसके अलावा सुहेली नदी व नकहुआ नदी जंगल से होकर गुजरती है, जो अनेको जानवरो की प्यास बुझाने का कार्य करती है।
•• इसके अलावा सुहेली नदी व नकहुआ नदी *जंगल से होकर गुजरती है*, जो अनेको जानवरो की प्यास बुझाने का कार्य करती है।
•• एतदतिरिच्य सुहेलीनदी नकहुआनदी च एते नद्यौ वनमार्गेण /वनमतिक्रम्य प्रवहत: ,ये अनेकेषां पशूनां तृष्णां निवारयितुं कार्यं कुरुत:।
इन नदियों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते है ।
•• एतासु नदीषु बहव: मकरा: दृश्यन्ते।
इसके अलावा ऊदबिलाव व कई प्रकार के कछुओं को भी इन नदियों में देखा जा सकता है।
•• एतदतिरिच्य उदविडाला: अनेकप्रकारका: कच्छपा: अपि एतासु नदीषु द्रष्टुं शक्यन्ते।
यहाँ पर बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू व गैंडा के अलावा हिरणों की पांच प्रजातियां व अन्य बहुत से जीव जंतु भी पाए जाते है।
••अत्र व्याघ्रा: च तरक्षव: च गजा: च भल्लुकाः च गण्डाः च चातिरिच्य पञ्चप्रजातय: मृगा: बहव: च जीवजन्तव: अपि प्राप्यन्ते।
साथ ही यहाँ 400 से ज्यादा प्रकार के पक्षी भी पाए जाते है।
•• सहैव अत्र चतुश्शताधिकप्रकाराः खगा: अपि प्राप्यन्ते।
दुधवा घूमने के हिसाब से हर माह का अपना एक अलग मजा है।
•• दुधवायां भ्रमणाय प्रत्येकं मासस्य स्वकीयम् एकं पृथक् आनन्दमस्ति।
सैलानियों के लिए पार्क 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है।
•• पर्यटकेभ्य: वनोद्यानं नवम्बरमासस्य पञ्चदिवसात् जूनमासस्य पञ्चदशदिवसं यावत् उद्घाटितमस्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
•• उत्तरप्रदेशस्य लखीमपुरखीरी- मण्डलस्य दुधवाव्याघ्रसंरक्षणक्षेत्रं यत् अनेकेषां वन्यजीवानां आश्रयस्थलमस्ति तरायीक्षेत्रस्य अमूल्यं सौन्दर्यं व्याप्नोति ।
टूरिस्ट को यहाँ की दुधवा रेंज, सोनारीपुर रेंज व सठियाना रेंज में जंगल सफारी करायी जाती है।
••(वनविभागेन) पर्यटका: अत्रत्या: दुधवास्थानस्य , सोनारीपुरस्थानस्य च सठियानास्थानस्य च वनक्षेत्रे परिभ्राम्यन्ते।
ये क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरे पड़े है जिनमे मुख्य रूप से बाँके ताल,भदरौला ताल, ककरहा ताल, छोटा बाँके, शेर कुआ, आम चौराहा, चीतल चौराहा, शेर कुआं, घूम रोड, मदरैया मचान,एस0डी0 सिंह रोड व गुलरीघाट आदि ।
•• एतानि क्षेत्राणि प्राकृतिकसौन्दर्येण परिपर्णानि सन्ति येषु मुख्यरूपेण बाँके ताल,भदरौला ताल, ककरहा ताल, छोटा बाँके, शेर कुआ, आम चौराहा, चीतल चौराहा, शेर कुआं, घूम रोड, मदरैया मचान,एस0डी0 सिंह रोड व गुलरीघाट इत्यादय: मार्गा: सन्ति।
इसके अलावा सुहेली नदी व नकहुआ नदी जंगल से होकर गुजरती है, जो अनेको जानवरो की प्यास बुझाने का कार्य करती है।
•• इसके अलावा सुहेली नदी व नकहुआ नदी *जंगल से होकर गुजरती है*, जो अनेको जानवरो की प्यास बुझाने का कार्य करती है।
•• एतदतिरिच्य सुहेलीनदी नकहुआनदी च एते नद्यौ वनमार्गेण /वनमतिक्रम्य प्रवहत: ,ये अनेकेषां पशूनां तृष्णां निवारयितुं कार्यं कुरुत:।
इन नदियों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते है ।
•• एतासु नदीषु बहव: मकरा: दृश्यन्ते।
इसके अलावा ऊदबिलाव व कई प्रकार के कछुओं को भी इन नदियों में देखा जा सकता है।
•• एतदतिरिच्य उदविडाला: अनेकप्रकारका: कच्छपा: अपि एतासु नदीषु द्रष्टुं शक्यन्ते।
यहाँ पर बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू व गैंडा के अलावा हिरणों की पांच प्रजातियां व अन्य बहुत से जीव जंतु भी पाए जाते है।
••अत्र व्याघ्रा: च तरक्षव: च गजा: च भल्लुकाः च गण्डाः च चातिरिच्य पञ्चप्रजातय: मृगा: बहव: च जीवजन्तव: अपि प्राप्यन्ते।
साथ ही यहाँ 400 से ज्यादा प्रकार के पक्षी भी पाए जाते है।
•• सहैव अत्र चतुश्शताधिकप्रकाराः खगा: अपि प्राप्यन्ते।
दुधवा घूमने के हिसाब से हर माह का अपना एक अलग मजा है।
•• दुधवायां भ्रमणाय प्रत्येकं मासस्य स्वकीयम् एकं पृथक् आनन्दमस्ति।
सैलानियों के लिए पार्क 15 नवंबर से 15 जून तक खुला रहता है।
•• पर्यटकेभ्य: वनोद्यानं नवम्बरमासस्य पञ्चदिवसात् जूनमासस्य पञ्चदशदिवसं यावत् उद्घाटितमस्ति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 30, 2023
माता पुत्रं प्रति। सम्यक्तया व्यवहरिष्यः चेत् तव स्वागतं भाजपानिर्वाचनचिह्नेन अकरिष्यम्।
अधिकं नाटकं अकरिष्यः चेत् काङ्ग्रेसनिर्वाचनचिह्नेन स्वागतम् अकरिष्यम्।
तदा न साधुः अभविष्यः चेत् आपनिर्वाचनचिह्नम् अपि अस्ति।
#hasya
अधिकं नाटकं अकरिष्यः चेत् काङ्ग्रेसनिर्वाचनचिह्नेन स्वागतम् अकरिष्यम्।
तदा न साधुः अभविष्यः चेत् आपनिर्वाचनचिह्नम् अपि अस्ति।
#hasya
December 30, 2023
Forwarded from रामदूतः — The Sanskrit News Platform (डोकानियोपनामको मोहितः)
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Vaartavali : Weekly संस्कृत Magazine Programme
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DD News 24x7 | Breaking News & Latest Updates | Live Updates | News in Hindi
DD News is India’s 24x7 news channel from the stable of the country’s Public Service Broadcaster, Prasar Bharati. It has the distinction…
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December 30, 2023
December 30, 2023
🚩 जय सत्य सनातन 🚩
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩 तिथि - चतुर्थी दोपहर 11:55 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ दिनांक - 31 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - प्रीति 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक
⛅ राहु काल - शाम 04:44 से 06:05 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक
#panchang
🚩 आज की हिंदी तिथि
🌥️ 🚩 युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩 विक्रम संवत-२०८०
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⛅ दिनांक - 31 दिसम्बर 2023
⛅ दिन - रविवार
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शिशिर
⛅ मास - पौष
⛅ पक्ष - कृष्ण
⛅ नक्षत्र - मघा पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग - प्रीति 01 जनवरी प्रातः 03:41 तक
⛅ राहु काल - शाम 04:44 से 06:05 तक
⛅ सूर्योदय - 07:20
⛅ सूर्यास्त - 06:05
⛅ दिशा शूल - पश्चिम
⛅ ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:34 से 06:27 तक
#panchang
December 30, 2023
December 30, 2023
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December 30, 2023
December 31, 2023
आज का विचार जानो पढ़ो और अनुकरण करो
= अद्यतनं विचारं जानीत,पठत अनुकुरुत च।
जीवन में सफल होना है तो चार वाक्यों को कचरे के डिब्बा में डाल दो
= जीवने साफल्यमिच्छत चेत् चत्वारि वाक्यानि अवकरपेटिकायां क्षिपत।
एक , लोग क्या कहेंगे ?
= प्रथमवाक्यम् , जना: किं वदिष्यन्ति?
दूसरा ,मुझसे नहीं होगा ।
= द्वितीयवाक्यम् , मया न शक्यते।
तीसरा , मेरा मूड नहीं है
= तृतीयवाक्यम् , मम मनोदशा सम्यक् न।
और चार , मेरी किस्मत ही खराब है
= अपि च चतुर्थवाक्यम् , मम भाग्यमेवानुकूलं न।
ये वे चार वाक्य हैं जो आदमी को आगे नहीं बढ़ने देते
= एतानि एव चत्वारि वाक्यानि सन्ति यैः मानवः प्रगतिं कर्तुं न शक्नोति।
चलो,उठो, आगे बढ़ो
= चलत, उत्तिष्ठ, अग्रे सरत।
क्यों सुस्त पड़े हो ?
= किमर्थं निस्तेज: स्त ?
जो पाना है , उसे पाने के लिए पूरा ताकत झोंक दो
= यत् प्रापणीयं तत् प्राप्तुं पूर्णप्रयासं करुत।
तुम्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता
= उन्नतिमार्गगमनात् युष्मान् कश्चनापि न रोद्धुं शक्नोति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
= अद्यतनं विचारं जानीत,पठत अनुकुरुत च।
जीवन में सफल होना है तो चार वाक्यों को कचरे के डिब्बा में डाल दो
= जीवने साफल्यमिच्छत चेत् चत्वारि वाक्यानि अवकरपेटिकायां क्षिपत।
एक , लोग क्या कहेंगे ?
= प्रथमवाक्यम् , जना: किं वदिष्यन्ति?
दूसरा ,मुझसे नहीं होगा ।
= द्वितीयवाक्यम् , मया न शक्यते।
तीसरा , मेरा मूड नहीं है
= तृतीयवाक्यम् , मम मनोदशा सम्यक् न।
और चार , मेरी किस्मत ही खराब है
= अपि च चतुर्थवाक्यम् , मम भाग्यमेवानुकूलं न।
ये वे चार वाक्य हैं जो आदमी को आगे नहीं बढ़ने देते
= एतानि एव चत्वारि वाक्यानि सन्ति यैः मानवः प्रगतिं कर्तुं न शक्नोति।
चलो,उठो, आगे बढ़ो
= चलत, उत्तिष्ठ, अग्रे सरत।
क्यों सुस्त पड़े हो ?
= किमर्थं निस्तेज: स्त ?
जो पाना है , उसे पाने के लिए पूरा ताकत झोंक दो
= यत् प्रापणीयं तत् प्राप्तुं पूर्णप्रयासं करुत।
तुम्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता
= उन्नतिमार्गगमनात् युष्मान् कश्चनापि न रोद्धुं शक्नोति।
~उमेशगुप्तः #vakyabhyas
December 31, 2023
December 31, 2023
प्रश्नः। मन्दिरस्था लक्ष्मीः गृहलक्ष्मीः चेत्यनयोर्मध्ये को भेदः।
उत्तरम्। मन्दिरस्था लक्ष्मीः प्रसन्ना चेत् धनं यच्छति अथ गृहलक्ष्मीः प्रसन्ना चेत् हस्तस्थितं धनम् अपि हरति इत्येव अनयोर्मध्ये भेदः ।
#hasya
उत्तरम्। मन्दिरस्था लक्ष्मीः प्रसन्ना चेत् धनं यच्छति अथ गृहलक्ष्मीः प्रसन्ना चेत् हस्तस्थितं धनम् अपि हरति इत्येव अनयोर्मध्ये भेदः ।
#hasya
December 31, 2023
December 31, 2023