अक्कलकोटनिवासी श्रीसद्गुरु स्वामी समर्थांचे सहस्रनाम मराठी

अक्कलकोटनिवासी श्रीसद्गुरु स्वामी समर्थांचे सहस्रनाम मराठी

रचयिता श्रीयुत् नागेश करंबेळकर अक्कलकोट-निवासी अद्भुत स्वामी समर्था अवधुता सिद्ध-अनादि रूप-अनादि अनामया तू अव्यक्ता । अकार अकुला अमल अतुल्या अचलोपम तू अनिन्दिता जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १॥ अगाधबुद्धी अनंतविक्रम अनुत्तमा जय अतवर्या । अमर अमृता अच्युत यतिवर अमित विक्रमा तपोमया । अजर सुरेश्वर सुहृद सुधाकर अखंड अर्था सर्वमया जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ २॥ अनल अश्विनी अर्चित अनिला ओजस्तेजो-द्युती-धरा अंतःसाक्षी अनंतात्मा अंतर्योगी अगोचरा । अंतस्त्यागी अंतर्भागी अनुपमेय हे अतिंद्रिया जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३॥ अमुख अमुख्या अकाल अनघा अक्षर आद्या अभिरामा लोकत्रयाश्रय लोकसमाश्रय बोधसमाश्रय हेमकरा । अयोनी-संभव आत्मसंभवा भूत-संभवा आदिकरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ४॥ त्रिविधतापहर जगज्जीवना विराटरूपा निरंजना भक्तकामकल्पद्रुम ऊर्ध्वा अलिप्त योगी शुभानना । संगविवर्जित कर्मविवर्जित भावविनिर्गत परमेशा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ५॥ ऊर्जितशासन नित्य सुदर्शन शाश्वत पावन गुणाधिपा दुर्लभ दुर्धर अधर धराधर श्रीधर माधव परमतपा । कलिमलदाहक संगरतारक मुक्तिदायक घोरतपा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ६॥ निस्पृह निरलस निश्चल निर्मल निराभास नभ नराधिपा सिद्ध चिदंबर छंद दिगंबर शुद्ध शुभंकर महातपा । चिन्मय चिद्घन चिद्गति सद्गति मुक्तिसद्गति दयावरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ७॥ धरणीनंदन भूमीनंदन सूक्ष्म सुलक्षण कृपाघना काल कलि कालात्मा कामा कला कनिष्ठा कृतयज्ञा । कृतज्ञ कुंभा कर्ममोचना करुणाघन जय तपोवरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ८॥ कामदेव कामप्रद कुंदा कामपाल कामघ्निकारणा कालकंटका काळपूजिता क्रम कळिकाळा काळनाशना । करुणाकर कृतकर्मा कर्ता कालांतक जय करुणाब्धे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ ९॥ करुणासागर कृपासागरा कृतलक्षण कृत कृताकृते कृतांतवत् कृतनाश कृतात्मा कृतांतकृत हे काळ-कृते । कमंडलूकर कमंडलूधर कमलाक्षा जय क्रोधघ्ने जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ १०॥ गोचर गुप्ता गगनाधारा गुहा गिरीशा गुरुत्तमा कर्मकालविद् कुंडलिने जय कामजिता कृश कृतागमा । कालदर्पणा कुमुदा कथिता कर्माध्यक्षा कामवते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ ११॥ अनंत गुणपरिपूर्ण अग्रणी अशोक अंबुज अविनाशा अहोरात्र अतिधूम्र अरूपा अपर अलोका अनिमिषा । अनंतवेषा अनंतरूपा करुणाघन करुणागारा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १२॥ जीव जगत् जगदीश जनेश्वर जगदादिज जगमोहन रे जगन्नाथ जितकाम जितेंद्रिय जितमानस तु जंगम रे । जरारहित जितप्राण जगत्पति ज्येष्ठा जनका दातारा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १३॥ चला चंद्र-सूर्याग्निलोचना चिदाकाश चैतन्य चरा चिदानंद चलनांतक चैत्रा चंद्र चतुर्भुज चक्रकरा । गुणौषधा गुह्येश गिरीरुह गुणेश गुह्योत्तम घोरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १४॥ गुणभावन गणबांधव गुह्या गुणगंभीरा गर्वहरा गुरु गुणरागविहीन गुणांतक गंभीरस्वर गंभीरा । गुणातीत गुणकरा गोहिता गणा गणकरा गुणबुद्धे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ १५॥ एका एकपदा एकात्मा चेतनरूपा चित्तात्मा चारुगात्र तेजस्वी दुर्गम निगमागम तूं चतुरात्मा । चारुलिंग चंद्रांशू उग्रा निरालंब निर्मोही निधे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ १६॥ धीपति श्रीपति देवाधिपति पृथ्वीपति भवताप हरे धेनुप्रिय ध्रुव धीर धनेश्वर धाता दाता श्री नृहरे । देव दयार्णव दम-दर्पध्नि प्रदीप्तमूर्ते यक्षपते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ १७॥ ब्रह्मसनातन पुरुषपुरातन पुराणपुरुषा दिग्वासा धर्मविभूषित ध्यानपरायण धर्मधरोत्तम प्राणेशा । त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती तारक त्रिशूळधारी तीर्थकरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १८॥ भवविवर्जित भोगविवर्जित भेदत्रयहर भुवनेशा मायाचक्रप्रवर्तित मंत्रा वरद विरागी सकलेशा । सर्वानंदपरायण सुखदा सत्यानंदा निशाकरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ १९॥ विश्वनाथ वटवृक्ष विरामा विश्वस्वरूपा विश्वपते विश्वचालका विश्वधारका विश्वाधारा प्रजापते । भेदांतक निशिकांत भवारि विभुज दिविस्पृश परमनिटे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २०॥ विश्वरक्षका विश्वनायका विषयविमोही विश्वरते विशुद्ध शाश्वत निगम निराशय निमिष निरवधि गूढरते । अविचल अविरत प्रणव प्रशांता चित्चैतन्या घोषरते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २१॥ ब्रह्मासदृश स्वयंजात बुध ब्रह्मभाव बलवान महा ब्रह्मरूप बहुरूप भूमिजा प्रसन्नवदना युगावहा । युगाधिराजा भक्तवत्सला पुण्यश्लोका ब्रह्मविदे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २२॥ सुरपति भूपति भूत-भुवनपति अखिल-चराचर-वनस्पते उद्भिजकारक अंडजतारक योनिज-स्वेदज-सृष्टिपते । त्रिभुवनसुंदर वंद्य मुनीश्वर मधुमधुरेश्वर बुद्धिमते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २३॥ दुर्मर्षण अघमर्षण हरिहर नरहर हर्ष-विमर्षण रे सिंधू-बिंदू-इंदु चिदुत्तम गंगाधर प्रलयंकर रे । जलधि जलद जलजन्य जलधरा जलचरजीव जलाशय रे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २४॥ गिरीश गिरिधर गिरीजाशंकर गिरिकंदर हे गिरिकुहरा शिव शिव शंकर शंभो हरहर शशिशेखर हे गिरीवरा । उन्नत उज्ज्वल उत्कट उत्कल उत्तम उत्पल ऊर्ध्वगते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २५॥ भव-भय-भंजन भास्वर भास्कर भस्मविलेपित भद्रमुखे भैरव भैगुण भवधि भवाशय भ्रम-विभ्रमहर रुद्रमुखे । सुरवरपूजित मुनिजनवंदित दीनपरायण भवौषधे जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ २६॥ कोटीचंद्र सुशीतल शांता शतानंद आनंदमया कामारि शितिकंठ कठोरा प्रमथाधिपते गिरिप्रिया । ललाटाक्ष विरुपाक्ष पिनाकी त्रिलोकेश श्री महेश्वरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ २७॥ भुजंगभूषण सोम सदाशिव सामप्रिय हरि कपर्दिने भस्मोध्दूलितविग्रह हविषा दक्षाध्वरहर त्रिलोचने । विष्णुवल्लभा नीललोहिता वृषांक शर्वा अनीश्वरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ २८॥ वामदेव कैलासनिवासी वृषभारूढा विषकंठा शिष्ट विशिष्टा त्वष्टा सुष्टा श्रेष्ठ कनिष्ठा शिपिविष्टा । इष्ट अनिष्टा तुष्टातुष्टा तूच प्रगटवी ऋतंभरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ २९॥ श्रीकर श्रेया वसुर्वसुमना धन्य सुमेधा अनिरुद्धा सुमुख सुघोषा सुखदा सूक्ष्मा सुहृद मनोहर सत्कर्ता । स्कन्दा स्कन्दधरा वृद्धात्मा शतावर्त शाश्वत स्थिरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३०॥ सुरानंद गोविंद समीरण वाचस्पति मधु मेधावी हंस सुपर्णा हिरण्यनाभा पद्मनाभ केशवा हवी । ब्रह्मा ब्रह्मविवर्धन ब्रह्मी सुंदर सिद्धा सुलोचना जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३१॥ घन घननीळ सघन घननादा घनःश्याम घनघोर नभा मेघा मेघःश्याम शुभांगा मेघस्वन मनभोर विभा । धूम्रवर्ण धूम्रांबर धूम्रा धूम्रगंध धूम्रातिशया जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३२॥ महाकाय मनमोहन मंत्रा महामंत्र हे महद्रुपा त्रिकालज्ञ हे त्रिशूलपाणि त्रिपादपुरुषा त्रिविष्टपा । दुर्जनदमना दुर्गुणशमना दुर्मतिमर्षण दुरितहरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३३॥ प्राणापाना व्यान उदाना समान गुणकर व्याधिहरा ब्रह्मा विष्णू रुद्र इंद्र तूं अग्नि वायू सूर्य चंद्रमा । देहत्रयातीत कालत्रयातीत गुणातीत तूं गुरुवरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३४॥ मत्स्य कूर्म तू वराह शेषा वामन परशूराम महान पंढरी विठ्ठल गिरिवर विष्णू रामकृष्ण तू श्री हनुमान । तूच भवानी काली अंबा गौरी दुर्गा शक्तिवरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३५॥ सर्वेश्वरवर अमलेश्वरवर भीमाशंकर आत्माराम त्रिलोकपावन पतीतपावन रघुपति राघव राजाराम । ओंकारेश्वर केदारेश्वर वृद्धेश्वर तू अभयकरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३६॥ शेषाभरणा शेषभूषणा शेषाशायी महोदधे पूर्णानंदा पूर्ण परेशा षड्भुज यतिवर गुरुमूर्ते । शाश्वतमूर्ते षड्भुजमूर्ते अखिलांतक पतितोद्धारा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ३७॥ सभा सभापति व्रात व्रातपति ककुभ निषङ्गी हरिकेशा । शिवा शिवतरा शिवातम षङ्गा भेषजग्रामा मयस्करा । उर्वि उर्वरा द्विपद चतुष्पद पशुपति पथिपति अन्नपते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ ३८॥ वृक्ष वृक्षपति गिरिचर स्थपति वाणिज मंत्रि कक्षपति अश्व अश्वपति सेनानी रथि रथापती दिशापती श्रुत श्रुतसेना शूर दुंदुभि वनपति शर्वा इषुधिमते जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपानिधे ॥ ३९॥ महाकल्प कालाक्ष आयुधा सुखद दर्पदा गुणभृता गोपतनु देवेश पवित्रा सात्त्विक साक्षी निर्वासा । स्तुत्या विभवा सुकृत त्रिपदा चतुर्वेदविद समाहिता जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ४०॥ नक्ता मुक्ता स्थिर नर धर्मी सहस्रशीर्षा तेजिष्ठा कल्पतरू प्रभू महानाद गति खग रवि दिनमणि तू सविता । दांत निरंतर सांत निरंता अशीर्य अक्षय अव्यथिता । जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ४१॥ अंतर्यामी अंतर्ज्ञानी अंतःस्थित नित अंतःस्था ज्ञानप्रवर्तक मोहनिवर्तक तत्त्वमसि खलु स्वानुभवा । पद्मपाद पद्मासन पद्मा पद्मानन हे पद्मकरा जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा ॥ ४२॥ जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा । जय गुणवंता निज भगवंता स्वामी समर्था कृपाकरा । श्री गुरुदेव दत्त । श्री गुरुदेव दत्त । श्री स्वामी समर्थ महाराज की जय । रचयिता श्रीयुत् नागेश करंबेळकर NA
% Text title            : akkalakoTa svAmI samartha sahasranAmastotra 1000 names Marathi
% File name             : svAmIsamarthasahasranAmastotramarAThI.itx
% itxtitle              : akkalakoTasvAmIsamarthasahasranAmastotraM marAThI (nAgesha kara.mbeLakaravirachitam)
% engtitle              : Akkalakota Swami Samartha Sahasranamastotram
% Category              : sahasranAma, deities_misc, gurudev
% Location              : doc_deities_misc
% Sublocation           : deities_misc
% SubDeity              : gurudev
% Author                : Shri Nagesh Karambelkar
% Language              : Marathi
% Subject               : philosophy/hinduism/religion
% Transliterated by     : NA
% Proofread by          : NA
% Indexextra            : (Scans 1, 2, audio)
% Acknowledge-Permission: Shri Nagesh Karambelkar 9638326875
% Latest update         : May 12, 2019
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% Site access           : https://sanskritdocuments.org

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