दारिद्र्यहर श्रीवेदव्यासस्तोत्रम् ४

दारिद्र्यहर श्रीवेदव्यासस्तोत्रम् ४

हा कृष्ण बदरीवासिन् क्वासि व्यास दयानिधे ॥ इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ १॥ हा सच्चिच्छुभद क्वासि तर्काभय विराजित ॥ इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ २॥ हा कीटराज्यसन्दायिन् क्वासि वाशिष्ठ वंशज ॥ इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ३॥ हा पाराशर्य सर्वेश क्वासि सत्यवतीसुत । इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ४॥ हा तापस शिरोरत्न क्यासि देवेश तुष्टिमन् । इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ५॥ हा विद्यामणि जन्माब्धे क्वासि द्वैपायनानघ । इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ६॥ हा शुद्ध बुद्धिद क्वासि बादरायण सर्वदा । इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ७॥ हा दुर्बुद्धितमः सूर्य क्वासि वेदविभाजक । इमामवस्थां संप्राप्तमनाथं किमुपेक्षसे ॥ ८॥ संसार काननेज्ञान द्वारकील सुदुःखितम् । दारिद्र्यदुस्सहावस्थमनाथं पाहिमां प्रभो ॥ ९॥ विषयासक्तचेतो वाक् शरीरं दोषदूषितम् । दारिद्र्यदुस्सहावस्थमनाथं पाहिमां प्रभो ॥ १०॥ शौतस्मार्तक्रियाभ्रष्टं बाह्यशौचविवर्जितम् । दारिद्र्यदुस्सहावस्थमनाथं पाहिमां प्रभो ॥ ११॥ दुर्दाना दानकर्तारं दुरन्ने निरतं सदा । दारिद्र्यदुस्सहावस्थमनाथं पाहिमां प्रभो । १२॥ परदाररतं नित्यं परनिन्दायुतं सदा । दारिद्र्यदुस्सहावस्थमनाथं पाहिमां प्रभो ॥ १३॥ आम्नायज्ञेयकायात्मन् भक्तभक्ति प्रकाशित । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १४॥ जननी वचन त्राण परायण गुणायन । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १५॥ अचक्षुः पूर्वजाभेद्य सञ्जयज्ञानदप्रभो । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १६॥ व्याख्याशक्तिप्रद श्रीद कविताप्रदमानद । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १७॥ ज्ञानदीपप्रभाभात ब्रह्माण्डान्तर्बहिः स्थित ॥ अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १८॥ अशेषदोषदावाग्ने भवामय भिषङ्मणे । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ १९॥ राकाधिपकराश्लेष हर्ष निर्दोषपूरुष । अमन्दानन्द मां व्यास कृपादृष्ट्या विलोकय ॥ २०॥ इमं मन्त्रं पठेद्यस्तु शतवारं गुरोः शुचिः । ददाति तस्य सम्पत्तिं शुकतातो न संशयः ॥ २१॥ इति श्रीयादवार्यकृतं दारिद्र्यहर श्रीवेदव्यासस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥ Encoded and proofread by Krishnananda Achar
% Text title            : Shri Veda Vyasa Stotram 4 Daridryahara
% File name             : vedavyAsastotram4dAridryahara.itx
% itxtitle              : vedavyAsastotram 4 dAridryahara (yAdavAryakRitam hA kRiShNa badarIvAsin)
% engtitle              : vedavyAsastotram 4 dAridryahara
% Category              : deities_misc, gurudev
% Location              : doc_deities_misc
% Sublocation           : deities_misc
% SubDeity              : gurudev
% Author                : Yadavarya
% Language              : Sanskrit
% Subject               : philosophy/hinduism/religion
% Transliterated by     : Krishnananda Achar
% Proofread by          : Krishnananda Achar
% Indexextra            : (Scan)
% Latest update         : May 15, 2020
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% Site access           : https://sanskritdocuments.org

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