श्रीमहादेवगद्यम् २
ॐ जय जय महादेव महाकाल महाकालास्पद महाकालगल
नाकौकःप्रत्यनीकनाशकर नारायणप्रिय नारदोपगीयमानशुभचरित
नागेन्द्रकृत्तिनिर्वर्तितोत्तरीय त्रिभुवनभवन
तिमिरहरणविशददशशतकरनिकरविकसिततरुणतरसरसिरुहदलसदृशनयन
त्रिनयन त्रिवेदमय त्रिशूलधर त्रिपुरहर
त्रिपथगाम्बुचुम्बितजटाजूटकोटीरभार त्र्यम्बक
अम्बिकानितम्बबिम्बस्पर्शलम्पटकराम्बुज
मण्डलीभूताण्डजपतिकुण्डलमण्डितगण्डस्थल
पुण्डरीकचर्मखण्डवसन प्रचण्डमेरुकोदण्डप्रस्फुरणप्रहसित
प्रलयकालताण्डवप्रसारितदोर्दण्ड
सहस्त्रमण्डलाभीरक ब्रह्माण्डखण्ड पाण्डुराङ्ग चण्डीश्वर मृड
अतुलबलदशलपनपृथुलभुजतरुवनचलितरजत-
गिरिशिखरसदृशककुदुरुशिततरवरवृषभललितगतिनिरत
निशितपरशुधार
शिशिरकरशकलशेखरशशिकाशसङ्काशभस्मस्निग्धसर्वाङ्गशरीर
अनिशशिशुशरवणभव तात विश्व विश्वेश्वर
शर्व शाश्वत कुशेशया सनसंस्तूयमानयशः,
अक्षजाशुशिक्षणिभक्षितपञ्चबाणशरीर
दक्षयज्ञनाशनभगाक्षहरण दक्षिणार्ह
अहिमकरहुतभुखिमकिरणधरणीगगनपवनपतिसलिलात्मक
सार्वभौम सकललोकपालमौलिमालालङ्कृतपादपङ्कजपराग
युगचतुष्टयप्रतिष्ठितजगत्त्रय कपटनाटकनटनपटुचाटुकर
?? पटुतरघनघटाक्रीडासक्त त्रयीविष्टपाय (अयः-शरणं)
सुरमणिमकुटकोटीररत्नसङ्घटितहाटकपादपीठ
कवाटवक्षःस्थल स्वकटितटगलदलित(गलित)
मदजलमत्तमधुकरकुलकलरवगुणित (करि)
दलविदलनसरभसमृगपतिकररुहविवरलग्नस्थूलमुक्ताफलकुसुमावलीसुन्दर
श्रीमत्कैलासनिवास वासवारिनारीवैधव्यकर
विबुधयुगपतिजनानन्दकर(?) प्रणतदीनार्तिनाशन वरद वामदेव
समस्त लोकैकनाथ शिव शिव नमस्ते नमस्ते नमः ।
अपगतपापाय नमः कपिलजटामण्डलेन्दुखण्डाय नमः ।
द्विपचर्मपटाय नमस्त्रिपुरमखघ्नाय देवदेवाय नमः ।
॥ इति श्रीमहादेवगद्यं सम्पूर्णम् ॥
Proofread by Aruna Narayanan