श्री शरभमालामन्त्रः
ॐ श्रीगणेशाय नमः ।
ॐ नमः पक्षिराजाय निशितकुलिशवरनखाय अनेककोटिब्रह्म ।
कपालमालालङ्कृताय सकलकुलमहानागभूषणाय सर्वभूतनिवारणाय
सकलरिपुरम्भाटवीमोटन महानिलाय शरभसालुवाय ह्रां ह्रीं
ह्रूं प्रवेशय प्रवेशय आवेशयावेशय भाषय भाषय मोहय
मोहय ह्रौं स्तम्भय स्तम्भय कम्पय कम्पय घातय घातय
बन्धय बन्धय (भूतग्रहं बन्धय बन्धय रोगग्रहं बधय
बन्धय उन्मत्तग्रहं बन्धय बन्धय वेतालग्रहं बन्धक बन्धय
आवेशग्रहं बन्धय बन्धय अनावेशग्रहं बन्धय बन्धय कां हां
बोटय (बोटय) रोगग्रहं बन्धय बन्धय चातुर्थिकग्रहं बन्धय
बन्धय भीमग्रहं बन्धय बन्धय अपस्मारग्रहं बन्धय बन्धय
उन्मत्ताहग्रहं बन्धय बन्धय ब्रह्मराक्षसग्रहं बन्धय बन्धय
भूचरग्रहं बन्धय बन्धय खेचरग्रहं बन्धय बन्धय
वेतालग्रहं बन्धय बन्धय कूष्माण्डग्रहं बन्धय बन्धय ।
स्त्रीग्रहं बन्धय बन्धय पापग्रहं बन्धय बन्धय विक्रमग्रहं
बन्धय बन्धय व्युत्क्रमग्रहं बन्धय बन्धय अनावेशग्रहं बन्धय
बन्धय कां हां त्रोटय त्रोटय प्रैं त्रैं हैं मारय मारय शीघ्रं
मारय मारय मुञ्च मुञ्च दह दह पच पच नाशय नाशय
(भञ्ज भञ्ज शासय शासय) सर्वदुष्टान् नाशय हुं फट् स्वाहा ॥
अरुणमरुणमालालङ्कृता संकराग्रै-
र्विधृतपरशुशक्तिं पुष्पबाणेक्षुचापम् ।
विविधफणफणीन्द्रैर्भूषणैर्भूषिताङ्गं
शरभमखिलनाठं नौम्यहंसालुवेशम् ॥
॥ इति शरभमालामामन्त्रः ॥
Encoded by Sivakumar Thyagarajan Iyer
Proofread by Sivakumar Thyagarajan Iyer, Psa Easwaran