भारतीयता और संस्कृत
भारतीयता रखनी हो तो संस्कृत का उत्थान कीजिये,
भारतीय संस्कृति रक्षा हित इसका समुचित मान कीजिये । ०
अंग्रेजों ने यहाँ पहुँच कर अंग्रेजी शिक्षा फैलाई,
उसके ही माध्यम से अपनी राजनीति सभ्यता चलाई,
अपने पूर्वजनों की निन्दा करना ही हमको सिखलाया,
उल्टा-सीधा पाठ पढ़ाकर ``अपने-पन'' का मान मिटाया,
अब भी तो उस भीषण विष के निर्मूलन पर ध्यान दीजिये,
अब से भी शिक्षा में संस्कृत को भी समुचित स्थान दीजिये । १
अंग्रेजी भाषा में जो कुछ ज्ञान और विज्ञान निहित है,
उसके संग्रह से भारत का लाभ और उन्नति निश्चित है,
किन्तु हमारी मौलिकता का भी हमको रक्षण करना है,
संस्कृत से ही संस्कृति का रस जीवन के घट में भरना है,
इसे भूलना कभी न अच्छा होगा, इसको मान लीजिये,
इसीलिये शिक्षा में संस्कृत को अब समुचित स्थान दीजिये । २
-- रचयिता - श्री. वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
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