संस्कृतरक्षा बच्चों की प्रतिज्ञा
संस्कृत भाषा बहुत पुरानी,
इसकी लम्बी बड़ी कहानी,
यह सब भाषाओं की नानी,
फिर भी इसकी नई जवानी । १
कथा-कहानी खूब सुनाती,
बच्चों को है खूब हँसाती,
मीठे-मीठे गाने गाकर,
सबके मन को है बहलाती । २
बड़ी रसीली इसकी बानी,
सुनते ही खुश होते प्रानी,
विद्वानों की यही निशानी,
क्या जानें मूरख अज्ञानी । ३
संस्कृत में ही वेद हमारे,
शास्त्र पुराण इसी में सारे,
इसमें ही गीता का ज्ञान,
यह सब विद्याओं की खान । ४
अंग्रेजी को ज्ञान सिखाया,
अरबों को गिन्ती वतलाया,
यही पुरानी भाषा सच्ची,
और सभी भाषायें बच्ची । ५
आओ, संस्कृत पढ़ें पढ़ायें,
इसका अच्छा ज्ञान बढ़ायें ।
इसमें ही कल्याण हमारा,
इसे बचाना धर्म हमारा । ६
-- रचयिता - श्री. वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
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