यह हमारी देवभाषा
यह हमारी देवभाषा । ०
लोक-दुर्लभ दिव्य भाषा,
विश्व में अति भव्य भाषा,
यह चिरन्तन भी तरुण तर-
यौवना अति नव्य भाषा
यह हमारी देवभाषा । १
यह हमारी धर्म-भाषा,
भक्ति-भूषित कर्म-भाषा,
यह हमारी ज्ञानयुत-
विज्ञान-भाषा नर्म-भाषा,
यह हमारी देवभाषा । २
यह हमारी लोक-भाषा,
पूजिता परलोक-भाषा,
यह गहन अज्ञान पथ की-
दिव्यतम आलोक भाषा,
यह हमारी देवभाषा । ३
यह हमारी यन्त्र भाषा,
पाठ पूजा तन्त्र भाषा,
योग याग समाधि जप-तप-
साधनामय मन्त्र भाषा,
यह हमारी देवभाषा । ४
यह हमारी वन्द्य भाषा
विश्व-जन-अभिनन्द्य भाषा,
यह मृदुल-कमनीय-कविता-
मधुर-मधु-निःस्यन्द भाषा,
यह हमारी देवभाषा । ५
श्रान्त-जन-विश्रान्ति भाषा
क्लान्त-आनन-कान्ति भाषा
शोक-सिन्धु-निमग्न-मानव--
धैर्य-संयम-शान्ति भाषा
यह हमारी देवभाषा । ६
-- रचयिता - श्री. वासुदेव द्विवेदी शास्त्री
Proofread by Mandar Mali